छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया सरप्राइज विजिट, मूलेर गांव में सुशासन तिहार की समीक्षा
15 May, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मूलेर: पिछले डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों का माहौल तेजी से बदला है। नए माहौल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सुकमा और दंतेवाड़ा की सीमा पर स्थित गांव मुलर में चौपाल लगाई। यह वही इलाका है जहां आम आदमी कभी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। मुख्यमंत्री साय सुशासन तिहार के तहत आज अचानक दंतेवाड़ा जिले के मुलर गांव पहुंचे। मुलर दंतेवाड़ा-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित एक गांव है, जहां नियाद नेलनार (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत विकास कार्यों को गति दी गई है।
सीएम ने ग्रामीणों से की बात
मुख्यमंत्री साय ने इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और खाट पर बैठकर ग्रामीणों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं भी प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र जशपुर से आदिवासी हूं, मुझे अपने लोगों के बीच आकर अच्छा लग रहा है। हम आपसे चर्चा करने आए हैं कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आप तक पहुंच रहा है या नहीं। इमली के पेड़ के नीचे आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीण बहुत खुश हुए और उनके सिर पर गौर मुकुट, स्थानीय प्राकृतिक संसाधन महुआ आम के पत्तों की माला और छिंद के पत्तों से बना गुलदस्ता पहनाकर उनका स्वागत किया।
लोगों ने मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाई
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवाई। मुख्यमंत्री मुलेर में राशन की दुकान पर गए। उन्होंने ग्रामीणों को मिलने वाली खाद्य सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया। उन्होंने बच्चों से बात की और उन्हें चॉकलेट वितरित की। चौपाल में ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री ने उप स्वास्थ्य केंद्र, सड़क, पुलिया निर्माण और माता मंदिर के सौंदर्यीकरण की स्वीकृति दी।
सरकार का एक्शन मोड: अवैध रेत परिवहन रोकने खनिज सचिव ने कलेक्टरों को दिए सख्त आदेश
15 May, 2025 04:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अवैध खनन रोकने तथा निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए रेत की सुचारू आपूर्ति के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
रायपुर। प्रदेश में रेत के अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण करने तथा बरसात से पहले निर्माण एवं विकास कार्यों के सुचारू संचालन के लिए रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख जिलों के कलेक्टरों एवं खनिज अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में रेत संबंधी गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की गई तथा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि रेत के अवैध खनन एवं परिवहन में संलिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर खनिज संचालक रजत बंसल भी उपस्थित थे। सचिव दयानंद ने कहा कि रेत के अवैध खनन एवं परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स के माध्यम से सतत निगरानी एवं सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व की हानि को रोकना शासन की प्राथमिकता है तथा इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सचिव दयानंद ने निर्देश दिए कि स्वीकृत रेत खदानों का संचालन पर्यावरण स्वीकृति में निर्धारित अनुमेय मात्रा के अनुसार वैधानिक रूप से किया जाए तथा खनिज राजस्व की समय पर वसूली सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि रेत का खनन एवं परिवहन केवल स्वीकृत खदानों से ही किया जाए तथा किसी भी अवैध स्रोत से आपूर्ति होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि आगामी तीन माह में अधिक से अधिक रेत खदानों का चिन्हांकन कर ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन हेतु निविदाएं जारी की जाएं। रेत की अधिक मात्रा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पांच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली खदानों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करने के निर्देश भी दिए गए। पर्यावरण स्वीकृति के लंबित प्रकरणों की सतत समीक्षा एवं त्वरित निराकरण का दायित्व कलेक्टरों को सौंपा गया।
इसके अलावा 10 जून से 15 अक्टूबर तक लागू खनन निषेध अवधि को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत भण्डारण लाइसेंसों के माध्यम से रेत की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए अग्रिम योजना बनाने के निर्देश भी दिए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक रेत की आपूर्ति अधिकृत स्रोतों से ही हो, इस पर भी विशेष जोर दिया गया। सचिव श्री दयानंद ने यह भी स्पष्ट किया कि खनिज अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में रेत प्रबंधन से संबंधित निर्देशों के अनुपालन को महत्वपूर्ण मूल्यांकन बिंदु के रूप में शामिल किया जाएगा।
2026 तक नक्सलमुक्त भारत का लक्ष्य, सीएम साय ने जताई पीएम मोदी और अमित शाह पर आस्था
15 May, 2025 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर ले जाते हुए छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक सफलता पर सुरक्षा बलों को बधाई दी है और इस निर्णायक उपलब्धि को नक्सल मुक्त भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षा बलों विशेषकर सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों की सराहना करते हुए कहा कि लाल आतंक के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई में हमारे वीर जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी बहादुरी के साथ नक्सलियों का सामना किया है। मैं उनके अदम्य साहस, धैर्य और वीरता को नमन करता हूं।
मुख्यमंत्री साय ने विश्वास जताया कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सल मुक्त होगा और बस्तर के गांव-गांव में शांति, समृद्धि और विकास की नई रोशनी फैलेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा है कि हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के दुर्गम क्षेत्र में चलाए गए अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों ने 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराकर नक्सल उन्मूलन अभियान में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र रणनीतिक योजना, नक्सल प्रशिक्षण और हथियार निर्माण का गढ़ रहा है। आज उसी पहाड़ पर तिरंगा शान से लहरा रहा है- यह भारत की आंतरिक सुरक्षा और संप्रभुता की जीत का प्रतीक है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए कृतसंकल्प हैं। मैं देशवासियों को पुनः आश्वस्त करता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सल मुक्त होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन मात्र 21 दिनों में पूरा किया गया और इसमें सुरक्षा बल का एक भी जवान शहीद नहीं हुआ, जो हमारी रणनीति, समन्वय और बहादुरी का प्रमाण है। उन्होंने खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद दिखाए गए अदम्य साहस और अनुशासन के लिए सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई दी।
शाह ने यह भी कहा कि यह सफलता न केवल सैन्य विजय है, बल्कि मनोवैज्ञानिक और वैचारिक विजय भी है, जिसने नक्सल नेटवर्क की कमर हिला दी है। यह देश और खासकर छत्तीसगढ़ के लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि जहां कभी लाल आतंक का राज था, आज वहां राष्ट्रीय ध्वज की छाया में शांति, विकास और संविधान का राज स्थापित हुआ है। यह ऑपरेशन आने वाले समय में सुरक्षा बलों के लिए एक आदर्श ऑपरेशन के रूप में मिसाल कायम करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संयुक्त प्रयासों का ही परिणाम है कि इतने बड़े ऑपरेशन में शून्य हताहतों के साथ इतनी बड़ी सफलता मिली है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने के लक्ष्य की दिशा में पूरी लगन और क्षमता के साथ काम कर रही हैं। अमित शाह ने कहा कि यह लक्ष्य अब सिर्फ रणनीति नहीं रह गया है, यह राष्ट्रीय संकल्प है।
अहिल्याबाई होलकर जन्म जयंती पर बीजेपी का बड़ा आयोजन, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम होंगे शामिल
15 May, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: बुधवार को रायपुर स्थित जिला भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री सुषमा सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, सभी जिला अध्यक्ष और जिले में गठित समिति के सदस्य शामिल हुए।
जिला स्तर पर कार्यशाला 16 से 18 मई तक
भाजपा संयोजक नारायण चंदेल ने बताया कि रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के जिलों में 16 से 18 मई तक जिला स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद मंडलों में परिचर्चा और संगोष्ठी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती
इस कार्यक्रम के संयोजक नारायण चंदेल ने कहा, "कांग्रेस के 57 साल के शासन में कांग्रेस ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, लेकिन भाजपा चाहती है कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को इस देश और समाज के लिए योगदान देने वालों के बारे में सही और उचित जानकारी मिले। इसलिए भाजपा रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर देशभर में कार्यशालाएं, चर्चाएं और सेमिनार आयोजित करने जा रही है।" नारायण चंदेल ने आगे कहा- "रानी अहिल्याबाई ने एक कुशल शासक और प्रशासक के रूप में देश और समाज के लिए अपना योगदान दिया। अहिल्याबाई का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन वे असाधारण प्रतिभा की धनी थीं। भारतीय जनता पार्टी ने रानी अहिल्याबाई के प्रेरणादायी जीवन को समाज तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। रानी अहिल्याबाई के सुशासन को प्रचारित करने के साथ ही उसे जन-जन तक पहुंचाना है। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र के उत्थान में उनके द्वारा किए गए कार्यों को समाज के सामने लाना है। भाजपा का उद्देश्य रानी अहिल्याबाई के समय में किए गए सभी कार्यों को आम जनता के बीच प्रचारित करना है।"
सुशासन तिहार के लिए सीएम विष्णु देव साय का दौरा शुरू, हेलीकॉप्टर से पहुंचे अधिकारी दल सहित
15 May, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुवार को रायपुर के पुलिस ग्राउंड हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के जरिए सुशासन तिहार दौरे के लिए रवाना हुए। दौरे पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम भी मौजूद हैं। सुशासन तिहार के लिए यह दौरा राज्य में सुशासन और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित सुशासन तिहार कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न जिलों में जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति, क्रियान्वयन और जनभागीदारी का मूल्यांकन किया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सुशासन तिहार के इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा के साथ ही स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से बातचीत भी करेंगे। राज्य सरकार की यह पहल शासन व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
माओवादियों पर करारा प्रहार: सुरक्षाबलों ने करेगुट्टालु में 31 नक्सलियों को किया ढेर
15 May, 2025 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों का गढ़ माने जाने वाले करेगुट्टालू पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा 21 अप्रैल से 11 मई 2025 तक संयुक्त रूप से चलाए गए 21 दिवसीय व्यापक नक्सल विरोधी अभियान में 16 महिलाओं समेत कुल 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए। अभियान के दौरान माओवादियों के 216 ठिकाने और बंकर ध्वस्त किए गए और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जब्त किए गए।
यह अभियान छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को खत्म कर राज्य के विकास को गति देना है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले और तेलंगाना के मुलुगु जिले की सीमा पर स्थित करेगुट्टालू पहाड़ी को माओवादी संगठन वर्षों से अपनी सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। 60 किलोमीटर लंबे और अत्यंत दुर्गम इस इलाके में पीएलजीए बटालियन की तकनीकी इकाई समेत करीब 300-350 माओवादी सक्रिय थे। यहां से देशी हथियार, आईईडी और बीजीएल गोले तैयार किए जा रहे थे।
ऑपरेशन के दौरान माओवादियों की 4 तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट कर दिया गया, जहां से 4 लेथ मशीन, 450 पीस आईईडी, 818 बीजीएल गोले, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसके अलावा राशन, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गईं। लगातार 21 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में कुल 21 मुठभेड़ हुईं। 24 अप्रैल को 3 शव, 5 मई को 1 शव, 7 मई को 22 शव और 8 मई को 5 शव बरामद किए गए।
ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोटों में सुरक्षा बल के 18 जवान घायल हुए। हालांकि सभी जवान खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के बावजूद जवानों ने साहस और धैर्य के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजापुर जिले के करेगुट्टालू की पहाड़ी पर हमारे जवानों ने जो शौर्य और साहस का परिचय दिया है, वह माओवाद पर निर्णायक प्रहार है। यह महज एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारतीय तिरंगे की विजय यात्रा है। मैं सभी वीर सुरक्षाकर्मियों को हृदय से बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह लड़ाई माओवाद की जड़ों तक पहुंची है और हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने में सफल होंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में राज्य में कुल 174 कट्टर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ के कारण माओवादी संगठन बिखर रहे हैं और छोटे-छोटे समूहों में बंट रहे हैं। बीजापुर के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र और नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में भी ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार का उद्देश्य माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आम लोगों का विश्वास अर्जित कर समावेशी विकास सुनिश्चित करना तथा समय रहते माओवाद का उन्मूलन करना है।
न्याय की जीत – राजबती की ज़मीन उन्हें फिर मिली
14 May, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेमेतरा : बेमेतरा जिले के ग्राम बहेरा की बुजुर्ग महिला राजबती के जीवन में वह दिन किसी चमत्कार से कम नहीं था, जब वर्षों की उम्मीद और संघर्ष के बाद उन्हें अपनी ही ज़मीन पर कुछ मीटर किए कब्जे का फिर से अधिकार मिला। यह कहानी सिर्फ एक भूमि कब्जे की नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता, तत्परता और न्याय की मिसाल है।*
*राजबती, जिनकी कुछ मीटर ज़मीन पर अतिक्रमण था, कई बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी थीं। लेकिन इस बार उन्होंने सीधे बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा से कलेक्ट्रेट में आवेदन दिया। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्क्षण तहसीलदार बेरला को स्थल परीक्षण और कार्यवाही के निर्देश दिए।*
*तहसीलदार आशुतोष गुप्ता ने राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुँचकर न सिर्फ भूमि का पुनः चिन्हांकन किया, बल्कि अनावेदक साधेलाल की उपस्थिति में पारदर्शिता के साथ राजबती को उसकी ज़मीन का वास्तविक कब्जा दिलवाया। बांस-बल्ली लगाकर स्पष्ट सीमांकन भी कर दिया गया ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।*
*यह वही भूमि थी, जिसे पूर्व में चिन्हांकित कर कब्जा दिलाया गया था, लेकिन राजबती उम्र और संसाधनों की कमी के कारण उस पर कब्जा नहीं कर सकीं। इस बार प्रशासन की सख्ती और स्थानीय सहयोग से यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई।*
*आज राजबती संतुष्ट हैं, उनकी आँखों में आभार है, और दिल में वह विश्वास, जो शायद कहीं खो गया था। यह सिर्फ उनकी जीत नहीं, बल्कि उस सिस्टम की जीत है जो आम जनता की आवाज़ सुनता है और उसे न्याय दिलाता है।*
कलाकारों और साहित्यकारों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है मासिक पेंशन बढ़ाने का निर्णय: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
14 May, 2025 08:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के उन कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक निर्णय लिया गया, जो आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। अब इन्हें दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे कलाकार और साहित्यकार समाज की आत्मा हैं। उनका योगदान अमूल्य है। यह निर्णय केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उनके प्रति राज्य की संवेदना और सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बजट सत्र में की गई घोषणा का परिपालन है, और हमारी सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण हेतु प्रतिबद्ध है।
यह पेंशन संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 के अंतर्गत दी जाती है। इस योजना की शुरुआत 1986 में हुई थी, जब सहायता राशि न्यूनतम 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये थी। बाद में 2007 में इसे 1500 रुपये और 2012 में 2000 रुपये किया गया, लेकिन 12 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्तमान में कुल 162 कलाकारों और साहित्यकारों को यह मासिक पेंशन दी जा रही है। अब उन्हें सालाना 24 हजार की जगह 60 हजार रुपये मिलेंगे, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर सकेंगे।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित इस संशोधन से राज्य पर कुल 58.32 लाख रुपये का वार्षिक अतिरिक्त व्यय भार आएगा। पहले जहां कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये था, वह अब बढ़कर 97.20 लाख रुपए वार्षिक हो जाएगा। लेकिन यह व्यय राज्य सरकार के लिए गौरवपूर्ण कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिन लोगों ने कला, साहित्य और संस्कृति की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनका आत्मसम्मान बनाए रखना हमारा दायित्व है। यह निर्णय संवेदनशील और समावेशी शासन का प्रमाण है। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक सहारा देगा, बल्कि कलाकारों और साहित्यकारों को आत्मबल और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: शैक्षणिक क्रांति की ओर छत्तीसगढ़ का निर्णायक कदम
14 May, 2025 08:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने को मंजूरी दी गई, जो छत्तीसगढ़ में शिक्षा की संरचना और परिणामों को एक नई दिशा देगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। हमारी सरकार का संकल्प है कि राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी कोने में क्यों न रहता हो। उन्होंने इसे भविष्य निर्माण की नींव बताया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना राज्य का सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीतियाँ लागू की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग शीघ्र ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिनमें विद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन की स्पष्ट रूपरेखा दी जाएगी।
विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की प्रमुख विशेषता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ, आधारभूत सुविधाएँ और शिक्षक उपस्थिति जैसे संकेतकों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नई मिसाल होगी। जो विद्यालय अपेक्षित गुणवत्ता तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्य न केवल शिक्षा विभाग द्वारा, बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से किया जाएगा, जिससे सामुदायिक निगरानी को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एक ओर जहाँ कमजोर विद्यालयों को चिन्हित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मॉडल विद्यालयों का चयन कर भी किया जाएगा। कमजोर विद्यालयों के शिक्षकों को इन मॉडल स्कूलों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे श्रेष्ठ शैक्षणिक व्यवहार और व्यवस्थाओं से प्रेरणा ले सकें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पालक-शिक्षक सहभागिता मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पालक-शिक्षक बैठकों (PTM) को एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संवाद और सहभागिता का माध्यम बनाया जाएगा। इससे शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और बच्चों की प्रगति पर संयुक्त रूप से कार्य हो सकेगा।
इस अभियान के तहत कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष फोकस रहेगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे आधुनिक शिक्षण विधियों, टेक्नोलॉजी के उपयोग और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाएँ, जिससे सीखने की प्रक्रिया आनंददायक और प्रभावी हो।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल शिक्षा विभाग का नहीं बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम शिक्षा को केवल पहुंच का विषय नहीं, बल्कि गुणवत्ता का विषय भी बनाता है। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान न केवल प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाएगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में बड़े बदलाव: युवाओं, किसानों, उद्यमियों और निवेशकों को मिलेगा सीधा लाभ
14 May, 2025 08:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को देश का अगला औद्योगिक और रोजगार हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई अहम संशोधनों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जो आने वाले वर्षों में राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को नई दिशा देगा।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा प्राथमिकता – बढ़ेगा रोजगार
संशोधित नीति के अनुसार, जिन उद्योगों में छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलेगा, उन कंपनियों को सरकार की ओर से विशेष अनुदान मिलेगा। इससे स्थानीय रोजगार दर में तेज़ी आएगी और पलायन पर भी अंकुश लगेगा।
आधुनिक खेती को मिलेगा संस्थागत समर्थन
हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक जैसी हाईटेक फार्मिंग तकनीकों को औद्योगिक क्षेत्र में शामिल कर किसानों को आधुनिक उपकरण, ऑटोमेशन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसी तकनीकों से जोड़ा जाएगा। इससे खेती की उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ेगी।
खेल प्रशिक्षण और अकादमियों को प्रोत्साहन
राज्य सरकार खेल और युवा सशक्तिकरण को प्राथमिकता देती हुई खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन देगी। इससे न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच मिलेगा, बल्कि स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का विकास भी होगा।
उच्च शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन देकर छत्तीसगढ़ को शैक्षणिक हब के रूप में भी विकसित करने की योजना है। इससे राज्य के छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा के अवसर यहीं उपलब्ध होंगे।
ऑटोमोबाइल सेक्टर को विस्तार
अब ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग एवं सर्विस यूनिट्स को हर विकासखंड समूह में मान्यता दी जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी तकनीकी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पर्यटन और होटल व्यवसाय को नई उड़ान
बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में होटल-रिसॉर्ट के निर्माण हेतु निवेश की न्यूनतम सीमा कम की गई है। इससे इन इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को आजीविका के साधन मिलेंगे।
कपड़ा उद्योग को मिलेगा दोगुना प्रोत्साहन
टेक्सटाइल क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योगों को 200% तक का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे महिलाओं एवं ग्रामीण कारीगरों को सिलाई, बुनाई और कढ़ाई जैसे रोजगारों में अधिक अवसर मिलेंगे।
छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब
नई लॉजिस्टिक नीति के तहत पूरे राज्य में माल परिवहन को आसान बनाया जाएगा। इससे व्यापारियों को लागत में कमी, समय की बचत और बाजारों तक तेज पहुंच मिलेगी।
दिव्यांगजनों को मिलेगा विशेष लाभ
दिव्यांगजनों की परिभाषा में बदलाव कर उन्हें अधिक से अधिक योजनाओं में शामिल किया जाएगा। यह समावेशी विकास की दिशा में सरकार का सराहनीय कदम है।
रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को स्पेशल पैकेज
राज्य अब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, डिफेंस और एयरोस्पेस इंडस्ट्री में भी निवेश आकर्षित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करेगा।
*निजी औद्योगिक पार्कों को मिलेगा इंफ्रास्ट्रक्चर अनुदान*
"प्लग एंड प्ले" फैक्ट्रियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ निजी औद्योगिक पार्कों को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रदेश में इज ऑफ लिविंग को बढ़ावा
प्रदेश में इज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने हेतु निजी सीबीएसई स्कूल और मिनी मॉल (मल्टीप्लेक्स युक्त) को भी थ्रस्ट सेक्टर की तरह मान्यता दी जाएगी, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां ये सुविधाएं नहीं हैं।
समावेशी और क्षेत्रीय संतुलन आधारित नीति
यह नीति राज्य के सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मॉडल तैयार करती है। इससे क्षेत्रीय असमानता में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह संशोधित नीति केवल आर्थिक वृद्धि का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, युवाओं के भविष्य और किसानों के सशक्तिकरण का यंत्र है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष निवेश स्थलों में शामिल होगा।
श्रम मंत्री देवांगन 15 एवं 16 मई को फरसगांव एवं सलौनी में आयोजित सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविर में होंगे शामिल
14 May, 2025 08:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रदेश के वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन 15 मई गुरूवार कोण्डागांव जिले के फरसगांव एवं गुरुवार 16 मई क़ो खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम सलौनी में आयोजित सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविर में शामिल होंगे।
मंत्री देवांगन 15 मई को रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास से सुबह 10 बजे फरसगांव जिला कोण्डागांव के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर 1.40 बजे कोण्डागांव जिले विकासखंड माकड़ी के ग्राम रांधना में आयोजित सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत समाधान शिविर में सम्मिलित होंगे। कार्यक्रम पश्चात दोपहर 3.30 बजे फरसगांव से प्रस्थान कर सायं 6.30 रायपुर लौट आएंगे।
मंत्री देवांगन 16 मई को रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास से सुबह 10 बजे ग्राम सलौनी जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर 12 बजे खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के रानी रश्मि देवी खेल मैदान ग्राम सलौनी में आयोजित सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत समाधान शिविर में सम्मिलित होंगे। कार्यक्रम पश्चात दोपहर 3 बजे खैरागढ़ से प्रस्थान कर सायं 7 बजे चारपारा कोहड़िया जिला कोरबा आएंगे और रात्रि विश्राम करेंगे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी
14 May, 2025 08:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज मंत्रालय में राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार-वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने पत्रकार-वार्ता में कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
सीएम साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, महत्वपूर्ण निर्णय पर लगी मोहर
14 May, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए-
पहला- मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय स्कूलों में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’’ संचालित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
इस अभियान के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, पालक-शिक्षक की भागीदारी बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। अभियान के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अभियान के तहत स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा और गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कमजोर स्कूलों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। आदर्श स्कूलों का चयन कर कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बढ़ाने के लिए कक्षा शिक्षण प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
दूसरा- मंत्रिपरिषद ने साहित्य एवं कला के क्षेत्र में आर्थिक रूप से गरीब प्रदेश के कलाकारों एवं साहित्यकारों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के अनुपालन में कलाकारों को दी जाने वाली मासिक आर्थिक सहायता (पेंशन) को अब 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके लिए संस्कृति विभाग के अधीन संचालित आर्थिक सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया। इससे उन कलाकारों एवं साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यह योजना वर्ष 1986 में प्रारंभ की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये तथा अधिकतम 600 रुपये थी। तत्पश्चात वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये तथा उसके बाद वर्ष 2012 में 2000 रुपये कर दिया गया। लेकिन पिछले 12 वर्षों में इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। वर्तमान में प्रदेश में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में प्रत्येक कलाकार को 24 हजार रूपए वार्षिक पेंशन मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रूपए हो जाएगी। इससे कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रूपए से बढ़कर 97.20 लाख रूपए हो जाएगा, जिससे राज्य पर 58.32 लाख रूपए का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा।
तीसरा- मंत्रिपरिषद ने राज्य में औद्योगिक विकास को और अधिक गति प्रदान करने तथा भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, भूमि बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता एवं पारदर्शिता आएगी, जिससे औद्योगिक निवेशकों को भूमि आबंटन प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने तथा उसका लाभ लेने में सुविधा होगी।
चौथा- मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में अनेक महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। इससे राज्य की औद्योगिक नीति अधिक रोजगारोन्मुखी, व्यापक तथा उद्यमों के लिए लाभकारी होगी। प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
युवाओं को मिलेगा रोजगार - नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा।
हाईटेक खेती को बढ़ावा - अब हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई तकनीक का लाभ मिलेगा।
युवाओं के लिए प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं - राज्य में खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और करियर के अवसर मिलेंगे।
गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा।
सभी विकासखंड समूहों में ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर स्वीकृत किए जाएंगे।
पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा - बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा को कम कर दिया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन- अब कपड़ा क्षेत्र में निवेश पर 200 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा होगा।
छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब- अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी।
दिव्यांगजनों को विशेष लाभ- दिव्यांगजनों की परिभाषा में बदलाव किया गया है, ताकि उन्हें अधिक योजनाओं का लाभ मिल सके।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को विशेष पैकेज, निजी उद्योगों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर अनुदान में वृद्धि
कर्रेगुट्टा में बड़ा नक्सली सफाया: सुरक्षाबलों ने 31 माओवादियों को मार गिराया
14 May, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कर्रेगुट्टा इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ने नक्सल नेटवर्क की कमर तोड़ दी है। 22 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 31 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 17 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं। बीजापुर एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि 28 नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। बाकी की जानकारी जुटाई जा रही है। कई बंकर और नक्सली ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तकनीकी फील्ड इनपुट जुटाकर एक टीम बनाई गई थी। इनपुट मिलने के बाद 24 घंटे तक एनालिसिस किया गया। इसके बाद ऑपरेशन लॉन्च किया गया। पहाड़ी पर चढ़ने और उतरने के रास्ते में लगाए गए आईईडी को डिफ्यूज किया गया। पहले जवानों को सूचना दी गई और फिर ऑपरेशन लॉन्च किया गया। पहाड़ी की चोटी पर बेस बनाया गया। साथ ही एक हेलीपैड भी बनाया गया है।
5000 फीट ऊंची पहाड़ी पर छत्तीसगढ़ पुलिस का पराक्रम
कर्रेगुट्टा की पहाड़ी 5000 फीट से भी ज्यादा ऊंची (5000 फीट ऊंची पहाड़ी) है, जहां पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यहां करीब 280 किलोमीटर लंबी पहाड़ियों की श्रृंखला फैली हुई है जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र को जोड़ती है। इस बीहड़ इलाके में बरसाती नाले ही पानी का स्रोत हैं, जिससे ऑपरेशन और भी मुश्किल हो गया।
आईईडी ब्लास्ट में जवान घायल
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट की वजह से 8 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। इसके बावजूद फोर्स का मनोबल ऊंचा है और ऑपरेशन जारी है। सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है। शुरू में बताया गया कि तेलंगाना पुलिस और महाराष्ट्र की सी-60 फोर्स भी ऑपरेशन का हिस्सा है। लेकिन बाद में दोनों राज्यों के एएसपी ने पुष्टि की कि उनकी यूनिट ऑपरेशन में शामिल नहीं है। तेलंगाना के चेरला का इस्तेमाल सिर्फ लॉन्च पैड के तौर पर किया जा रहा है।
साय सरकार की कैबिनेट बैठक में कई हम फैसलों पर मोहर लगने की उम्मीद
14 May, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की आज मंत्रालय के महानदी भवन में महत्वपूर्ण बैठक हुई है। बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार बांग्लादेश से अवैध रूप से आए विदेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। आज की कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही इसके लिए गठित होने वाले विशेष टास्क फोर्स की कार्य दिशा और रूपरेखा पर भी निर्णय लिया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछली बैठक में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए 2621 बीएड शिक्षकों को फिर से नियुक्त करने का बड़ा फैसला लिया था। इन्हें सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 'ग्रामीण बस सेवा योजना' शुरू करने को भी मंजूरी दी गई।