छत्तीसगढ़
तीन निजी मेडिकल कॉलेजों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, शिकायत के आधार पर की गई कार्रवाई
4 Apr, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों पर 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। छात्रों से परिवहन, छात्रावास और मेस के नाम पर अधिक राशि लेने की शिकायत सही पाए जाने पर यह जुर्माना लगाया गया है। छात्रों से ली गई अधिक राशि को 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित एक माह के भीतर वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) प्रभात कुमार शास्त्री ने बताया कि शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जुनवानी, बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मोवा और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस, एमडी एमएस पाठ्यक्रम के संचालन में परिवहन, छात्रावास और मेस के नाम पर प्रत्येक छात्र से अधिक राशि लेने की शिकायत जांच में सही पाई गई है।
उन्होंने बताया कि तीनों निजी मेडिकल कॉलेजों को एक माह के भीतर जुर्माने की राशि शासन के पक्ष में जमा करने को कहा गया है। यदि एक माह के भीतर राशि जमा नहीं की जाती है तो तीनों मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा भी शासन से की गई है। न्यायमूर्ति शास्त्री ने बताया कि इन तीनों निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्रों से अत्यधिक राशि वसूले जाने की अनेक शिकायतें प्राप्त होने पर समिति ने संबंधित तीनों मेडिकल कॉलेजों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया तथा उनसे लेखा विवरण आदि की जानकारी प्राप्त करने पर समिति ने पाया कि तीनों कॉलेज परिवहन, छात्रावास एवं मेस के लिए केवल 'नो प्रॉफिट-नो लॉस' के आधार पर ही संचालन कर सकते हैं, अर्थात उन्हें केवल वास्तविक व्यय ही वसूलने का अधिकार है, लेकिन वे छात्रों से मनमानी राशि वसूल रहे हैं।
शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जुनवानी भिलाई द्वारा परिवहन के लिए 2.50 लाख रुपए वसूले जा रहे हैं, जबकि वास्तविक राशि 4,635 रुपए है। इसी प्रकार छात्रावास के लिए 2.46 लाख रुपए वसूले जा रहे हैं, जबकि वास्तविक राशि 53,337 रुपए है। मेस चार्ज के रूप में 56,700 रुपए वसूले जा रहे हैं, जबकि वास्तविक राशि 51,015 रुपए है। इस प्रकार छात्रों से 4,43,713 रुपए अधिक राशि ली जा रही है। बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मोवा रायपुर द्वारा तीनों मदों में 5.50 लाख रुपए लिए जा रहे हैं, जबकि परिवहन मद में वास्तविक राशि 13,719 रुपए, वास्तविक राशि 50,583 रुपए तथा मेस चार्ज की वास्तविक राशि 27,476 रुपए है।
इस प्रकार विद्यार्थियों से 4,58,222 रुपए अधिक राशि ली जा रही है। वहीं रायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भानसोज, ग्राम गोढ़ी रायपुर द्वारा तीनों मदों में 5.50 लाख रुपए लिए जा रहे हैं, जबकि परिवहन मद में वास्तविक राशि 13,384 रुपए, वास्तविक राशि 37,748 रुपए तथा मेस चार्ज की वास्तविक राशि 45,275 रुपए है। इस प्रकार विद्यार्थियों से 4,53,593 रुपए अधिक राशि ली जा रही है। इस आधार पर तीनों मेडिकल कॉलेजों को विद्यार्थियों से ली गई अतिरिक्त राशि को 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित एक माह के भीतर उनके खातों में जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
तीनों कॉलेजों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे एक माह के भीतर सरकार के पक्ष में जमा कराना होगा। अगर एक माह के भीतर यह राशि जमा नहीं कराई गई तो तीनों मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की भी सरकार से संस्तुति की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय योग आयोग के अध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल
4 Apr, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: योग आत्मा, मन और शरीर को संतुलित करने का सबसे बड़ा माध्यम है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग को विश्व पटल पर स्थापित किया और आज पूरा विश्व भारत की इस प्राचीन पद्धति को अपनाकर आरोग्य प्राप्त कर रहा है। यह बात मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री रूपनारायण सिन्हा के पदभार ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए कही।
राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आयोजित गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री श्री साय ने संतों का अभिवादन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री सिन्हा को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री सिन्हा को छत्तीसगढ़ को जोड़ने और स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जनसेवा को समर्पित उनका सामाजिक जीवन और संगठनात्मक दायित्वों का लंबा अनुभव योग आयोग के साथ-साथ प्रदेश की जनता को भी लाभान्वित करेगा। वर्ष 2017 में स्थापित योग आयोग का अब तक का सफर शानदार रहा है और श्री सिन्हा के नेतृत्व में यह नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत में योग ऋषियों की देन है और वे इस सुंदर परंपरा के वाहक भी हैं। योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है और इसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही योग के रूप में यह चेतना पूरे विश्व में फैली और संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। श्री साय ने कहा कि योग पूरे विश्व में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें स्वस्थ शरीर और मन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और भावी पीढ़ी को योग से जोड़कर इसका महत्व समझाना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री रूप नारायण सिन्हा ने कहा कि योग सबके लिए है और सबको जोड़ने का काम करता है। संगठन में काम करते हुए मैंने हमेशा लोगों को जोड़ने का काम किया है और आज मुझे योग आयोग के माध्यम से सबको जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। श्री सिन्हा ने कहा कि प्रकृति में कई महत्वपूर्ण संपदाएं उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से सबसे अच्छी संपदा मानव संसाधन है। मुख्यमंत्री ने मुझे मानव संसाधन को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सौंपी है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारा उद्देश्य योग को जन-जन तक पहुंचाना है। हमारे प्रधानमंत्री नियमित रूप से योग करते हैं। आज पूरी दुनिया उनकी ऊर्जा और कार्यकुशलता से परिचित है। श्री सिन्हा ने योग की विश्वव्यापी लोकप्रियता और प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री संपत अग्रवाल, विधायक श्री अनुज शर्मा, डॉ. रामप्रताप सिंह, श्री संजय श्रीवास्तव, महामंडलेश्वर श्री हरिहरानंद महाराज, पूज्य संत उदयनाथ जी महाराज, श्री वासु देवानंद जी महाराज, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री भुवनेश यादव, संचालक समाज कल्याण श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित पूज्य संत, योगाचार्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
नगर पालिका की लापरवाही से व्यवस्था फेल, आम जनता के लिए पेयजल उपलब्धता पर उठे सवाल...
4 Apr, 2025 01:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: एमसीबी जिले के मनेन्द्रगढ़ शहर में जहां आम जनमानस के लिए पेय जल की उपलब्धता के लिए नगरपालिका प्रशासन ने नल टंकी में लाखों की पाइप लाइन, पेयजल को शुद्ध करने के लिए लाखों का ऐलम औऱ क्लोरीन में ख़र्च किये और आम जनमानस तक पेयजल पहुँचाया पर, नगरपालिका की लापरवाहियों के कारण ये व्यवस्था भी नाकाम होती चलीं गई औऱ आमजनमानस को इसके कारण पहले औऱ आज भी मानक स्तर से पेयजल नही मिल रहा है। इस के लिए शाशन और प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों से युद्ध स्तर पर कई प्रयास किये गए जिसमे भी लाखों का खर्च आया पर ये प्रयास कुछ हद तक ही सफल हो पाया। फिर इसी बीच में एक नई योजना की शुरुआत हुई जिसका नाम कोरिया नीर रखा गया और शहर में कई जगहों पर कोरिया नीर नगरपालिका प्रशासन ने लगवाया जिससे कि शहर की जनता को पीने के लिए शुद्ध पेयजल मिल सके।
वो एक समय था जब इस योजना की शुरुवात हुई फिर क्या शहर में युद्ध स्तर पर कई वार्डो में इस कोरिया नीर की व्यवस्था नगरपालिका प्रसाशन ने की साथ ही साथ इस योजना का श्रेय लेने हेतु कई नेता और जनप्रतिनिधियों ने अगुवाई करते हुए खुब तस्वीरे खिछवाई और जनता को अपना हितैसी दिखाने के लिए इस मौके का भरपूर फायदा उठाया, उस दौरान सब को लगा कि अब तो शहर में सुध पेय जल न मिलने की समस्या से निदान मिल गया पर जानत को कहा मालूम था कि इस योजना का लाभ तो केवल और केवल इस योजना के पीछे लगे पैसे की बंदर बाट और कमीशनख़ोरी करना था।
आज शहर के लगभग सभी कोरिया नीर नगरपालिका प्रशासन की अव्यवस्थाओ और रखरखाओ के चलते बंद पड़े है। नगरपालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों गिरती कार्यछमता के कारण आज भी सभी नीर मुर्दा हालात में पड़े है। आज शहर में मात्र केवल एक कोरिया नीर जो शासकीय अस्पताल मनेंद्रगढ़ के बाजू में चालू स्थिति में है जोकि अकेले ही शहर के कई परिवारों को शुद्ध पेयजल देने का भार झेल रहा है। अब देखना है, कि नगरपालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा कब इसपर अपना संज्ञान लेंगे और शहर में बंद पड़े बाकी कोरिया नीरो को आमलोगों के लिए कब चालू करवाते है।
वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा यादव से जनता ने उमीद जताई है कि शायद अब इन मुर्दा पड़े कोरिया नीरो का जल्द ही जीणोद्धार करवाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ भाजपा ने स्थापना दिवस पर संभाग प्रभारियों की घोषणा की
4 Apr, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: 6 अप्रैल 2025 को भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीमती चंपा देवी पावले की सहमति से जिला एवं मंडल संयोजक एवं सह संयोजकों की नियुक्ति की गई है।
जिला एवं मंडल स्तर पर सौंपी गई जिम्मेदारी
भाजपा संगठन द्वारा जिला एवं मंडल स्तर पर समर्पित कार्यकर्ताओं को संयोजक, सह संयोजक, मंडल प्रभारी एवं सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। मीडिया प्रभारी संजय गुप्ता ने इस घोषणा के संबंध में जानकारी साझा की।
जिम्मेदार व्यक्तियों की सूची जारी
घोषणा पत्र के अनुसार जिले के विभिन्न मंडलों में निम्नलिखित प्रमुख कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है:
कोटाडोल: अशोक सिंह (प्रभारी), रविशंकर सिंह (सह प्रभारी)
जनकपुर: जुगनाथ पांडे (प्रभारी), हीरालाल यादव (सह प्रभारी)
कुवंरपुर: आदित्य गुप्ता (प्रभारी), कौशल पटेल (सह प्रभारी)
केल्हारी: रामनरेश राय (प्रभारी), संजय राय (सह प्रभारी)
नागपुर: रामलाल सिंह (प्रभारी), सुशील सिंह (सह प्रभारी)
मनेंद्रगढ़: उमेश बैरागी (प्रभारी), संतोष सिंह (सह प्रभारी)
हसदेव: मुकेश जयसवाल (प्रभारी), गामती द्विवेदी (सह प्रभारी)
खड़गवां : वीरेंद्र सिंह राणा (प्रभारी), इंदु परिहार (सह प्रभारी), सोनमती उर्रे (सह प्रभारी)
चिरमिरी: अनिल कासरवानी (प्रभारी), धर्मेंद्र पटवा (सह प्रभारी)
संगठन को मजबूत करने पर जोर
भाजपा के इस फैसले से आगामी चुनाव को मजबूती मिलेगी स्थापना दिवस कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से संचालित करने की रणनीति बनाई गई है। इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारी पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष चंपा देवी पावले ने कहा कि ये सभी कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ हैं और इनके सहयोग से स्थापना दिवस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाया जाएगा।
बुजुर्गों, विधवा और परित्यक्त महिलाओं को मिलेंगे तीर्थ के लाभ, सीएम साय ने किया तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ
4 Apr, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत अब मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी पवित्र तीर्थ स्थलों की निःशुल्क यात्रा करने का अवसर मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ये यात्राएं एक साथ आयोजित की जाएंगी, ताकि सभी लोग आस्था और भक्ति से भरी यात्रा का आनंद ले सकें। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत मप्र जिले से कुल 90 तीर्थ यात्रियों को यात्रा का लाभ मिलेगा। इसमें जिले की तीन जनपद पंचायतों से 15-15, नगर निगम चिरमिरी से 15, नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ से 10 तथा नगर पंचायत लेदरी, झगराखांड, जनकपुर और खोंगापानी से 5-5 हितग्राही शामिल होंगे।
आईआरसीटीसी की विशेष ट्रेन से निःशुल्क यात्रा
इस यात्रा के लिए चयनित 90 हितग्राहियों को आईआरसीटीसी द्वारा विशेष ट्रेन के माध्यम से निःशुल्क तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा। इस योजना के तहत 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक चाहें तो अपने साथ 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का सहायक भी ले जा सकते हैं। इस तीर्थ यात्रा के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य है। इसके लिए आवेदन पत्र के साथ शासकीय चिकित्सक द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 04 अप्रैल 2025 तक
योजना के तहत तीर्थ यात्रा का लाभ लेने के इच्छुक पात्र हितग्राही अपने क्षेत्र के जनपद पंचायत या नगर पंचायत कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके अलावा वे सीधे उप संचालक, समाज कल्याण विभाग, जिला मनेन्द्रगढ़ (आत्मानंद विद्यालय के सामने) पहुंचकर भी आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 04 अप्रैल 2025, शाम 5:00 बजे निर्धारित की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना के तहत अब श्रद्धालु बिना किसी आर्थिक बोझ के अपनी धार्मिक आस्था का एहसास कर सकेंगे।
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार पद्मभूषण पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर CM साय ने किया नमन
4 Apr, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुप्रसिद्ध कवि, लेखक एवं पत्रकार पद्मभूषण पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री साय ने पंडित माखन लाल चतुर्वेदी को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में प्रकृति प्रेम, त्याग, बलिदान और देशभक्ति का अनुपम संगम दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ने अपनी प्रभावशाली लेखनी के माध्यम से जनमानस में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत की और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बिलासपुर के सेंट्रल जेल में लिखी गई उनकी प्रसिद्ध कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ आज भी लोगों के हृदय में देशभक्ति की भावना का संचार करती है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि चतुर्वेदी जी की उत्कृष्ट रचनाएं, उनमें निहित राष्ट्रप्रेम और संवेदना भावी पीढ़ियों के मन में सदैव देशभक्ति की भावना का संचार करती रहेंगी।
बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुँचाने की पहल - उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा
3 Apr, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्य शासन द्वारा बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2025 यथा बस्तर का उत्सव का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। इस क्षेत्र में मेरा जन्म ना होने से यहाँ की संस्कृति और अनेक स्वादिष्ट व्यंजन से मैं वंचित रहा हूँ पर आज इस कार्यक्रम में मुझे बस्तर की सभी स्वाद का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने बस्तर में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु सार्थक प्रयास करने की बात कही ।
वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जोे विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस कार्यक्रम में समूचे संभाग के जिलों के प्रतिभागियों द्वारा शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का फाल्गुन मंडई और बस्तर में आयोजित बस्तर दशहरा को सामाजिक समरसता का प्रतीक निरूपित करते हुए कहा कि समाज के लोग इस परंपरा को संवर्धित कर रहे हैं। हमारे बस्तर क्षेत्र में जन्म से मृत्यु तक पंडुम मनाते हैं। इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देने में हमारी परंपरा, रीति -रिवाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी ।
कार्यक्रम के शुरुआत में दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शनी में लगे जनजातीय कला स्टॉल का अवलोकन कर प्रदर्शनी में लगे जनजातीय संस्कृति के वाद्य यंत्र का वादन किया और स्थानीय एवं जनजातीय व्यंजन का स्वाद लेकर सराहना किए। इस अवसर पर विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, सीईओ जयंत नाहटा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।
इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, आकर्षकता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन-सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, कोसरा, जोन्धरा एवं मडि़या पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर, बोबो इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण हैं।
रायपुर पुलिस ने गांजा तस्करी के आरोप में एक हिस्ट्रीशीटर को किया गिरफ्तार
3 Apr, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: रायपुर पुलिस द्वारा नशीली दवाओं के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें रायपुर पुलिस के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी एवं प्रभारी अपराध एवं सायबर यूनिट को नशीली दवाओं के कारोबारियों की पतासाजी कर कार्यवाही करने एवं इस पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। जिस पर समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी एवं अपराध एवं सायबर यूनिट की टीम द्वारा मुखबिर लगाकर, पेट्रोलिंग कर एवं सूचना संकलन कर नशीली दवाओं के कारोबारियों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तिल्दा नेवरा क्षेत्र स्थित ग्राम कुंदरू में अधिकारियों के निर्देशन में अपराध एवं सायबर यूनिट एवं तिल्दा नेवरा थाने की संयुक्त टीम द्वारा आरोपी की तलाश प्रारंभ की गई तथा मुखबिर द्वारा बताये गये हुलिये से मेल खाते आरोपी को चिन्हांकित कर ग्राम कुंदरू एवं जलसो के मध्य बांध के सामने पकड़ा गया। पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम पन्ना लाल पारधी निवासी तिल्दा नेवरा बताया।
टीम के सदस्यों द्वारा उसके पास रखे बोरे की तलाशी लेने पर बोरे में गांजा पाया गया। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा आरोपी पन्ना लाल पारधी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 01 किलो 200 ग्राम गांजा कीमती लगभग 10,000/- रूपये जप्त किया गया तथा आरोपी के विरूद्ध थाना तिल्दा नेवरा में अपराध क्रमांक 124/25 धारा 20बी नारकोटिक्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई। आरोपी पन्ना लाल पारधी थाना तिल्दा नेवरा का हिस्ट्रीशीटर है, जिसके विरूद्ध थाना तिल्दा नेवरा में चोरी, आर्म्स एक्ट एवं मारपीट के लगभग आधा दर्जन अपराध पंजीबद्ध है, जिसमें आरोपी जेल भी जा चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ने रत्नी अगरिया को दिया नया आशियाना
3 Apr, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : घर केवल ईंट और सीमेंट से बनी चार दीवारी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के सपनों का आशियाना होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से यह सपना अब हजारों जरूरतमंद परिवारों के लिए साकार हो रहा है। इसी योजना के तहत रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक की ग्राम पंचायत महलोई निवासी रत्नी अगरिया को भी उनका पक्का मकान मिल चुका है, जिससे उनका जीवन पहले से अधिक सुरक्षित और खुशहाल हो गया है।
रत्नी अगरिया पहले एक कच्चे मकान में रहकर कठिन परिश्रम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती थीं। उन्होंने अपने बेटे का विवाह तो कर दिया, लेकिन खुद के लिए एक पक्के और सुरक्षित घर का सपना पूरा करना उनके लिए संभव नहीं था। बरसात के दिनों में उनके कच्चे मकान में पानी भर जाता था, जिससे गंदगी और बीमारियों का खतरा बना रहता था। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उन्हें पक्के मकान के लिए सहायता राशि प्राप्त हुई, जिससे उनका वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया। इस राशि से उन्होंने 30 मार्च 2025 को चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष के शुभ अवसर पर अपने नए घर में गृह प्रवेश किया। इस खुशी के मौके पर उन्होंने कहा कि अब मैं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हूं। बारिश के मौसम में पानी टपकने की चिंता खत्म हो गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ने मुझे नई जिंदगी दी है।
रत्नी अगरिया ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ एक घर ही नहीं, बल्कि गरीबों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हजारों जरूरतमंद परिवारों को उनका अपना घर मिल रहा है, जिससे उनका जीवन पहले से अधिक सुरक्षित और सशक्त हो रहा है।
महेन्द्र के परिवार को मिला सुरक्षित आशियाना
3 Apr, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने कई जरूरतमंद परिवारों का पक्का घर पाने का सपना साकार किया है। इस योजना का लाभ पाकर कोण्डागांव जिले के ग्राम पीपरा निवासी महेन्द्र पटेल का परिवार अब सुरक्षित और सुखद जीवन जी रहा है।
जिला मुख्यालय कोण्डागांव से लगभग 45 किलोमीटर दूर केशकाल विकासखण्ड के ग्राम पीपरा के रहने वाले महेन्द्र पटेल, जो सब्जी बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे, पहले एक जर्जर कच्चे मकान में रहते थे। बारिश के दिनों में घर में पानी टपकता था, जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पक्का मकान बनाना उनके लिए संभव नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई। योजना के तहत महेन्द्र को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि मिली, साथ ही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 90 दिनों की मजदूरी भी उन्हें मिली। इस सहायता से उन्होंने अपने परिवार के लिए एक पक्का मकान बना लिया। अब उनके पास एक सुरक्षित और मजबूत घर है, जहां वे अपने परिवार के साथ सुकून से रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले पक्के घर के साथ-साथ महेन्द्र को कई अन्य योजनाओं का लाभ भी मिला है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत शौचालय सुविधा प्राप्त हुई। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन मिला, जिससे रसोईघर धुएं से मुक्त हो गया। इसके अलावा, सौभाग्य-प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत उन्हें बिजली कनेक्शन भी मिला। महेंद्र और उनके परिवार ने इन सुविधाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार की इन योजनाओं के कारण अब उनका जीवन पहले से बेहतर और सुरक्षित हो गया है।
छत्तीसगढ़ रेरा की बड़ी पहल : रेरा के नए वित्तीय सुरक्षा मॉडल से रियल एस्टेट खरीददारों के हितों की होगी सुरक्षा
3 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने और प्रोजेक्ट में भूमि - मकान आदि सम्पत्तियां खरीदने वाले लोगों के हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से रेरा ने रियल एस्टेट में वित्तीय अनुशासन और पादर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में एक बैंक एम्पैनलमेंट इवेंट में रेरा ने 17 बैंकों को सूचीबद्ध किया और रियल एस्टेट प्रमोटरों के साथ अपने नए वित्तीय सुरक्षा मॉडल को साझा किया।
कार्यक्रम में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने बताया कि इस नए वित्तीय माडल का मुख्य उद्देश्य आबंटियों के निवेश को सुरक्षित रखना और धनराशि के दुरुपयोग को रोकना है। बैंकों के सिस्टम को रेरा नामित खातों के अनुरूप बनाया गया है ताकि लेनदेन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बना रहे। साथ ही निधियों की निकासी, आवंटन और निगरानी सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रणाली के माध्यम से होगी, जिससे मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा और गलतियों की संभावना कम होगी।
रेरा के अध्यक्ष शुक्ला ने बताया कि इस नए वित्तीय माडल के अंतर्गत अब किसी भी रियल एस्टेट परियोजना में आबंटियों से प्राप्त कुल राशि का 70 प्रतिशत भाग एक रेरा नामित बैंक खाते में जमा करना अनिवार्य होगा। रियल एस्टेट सेक्टर में वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए रेरा ने बैंकों को इस प्रक्रिया में शामिल किया है। सरकार द्वारा इस प्रणाली को अपनाने से रियल एस्टेट क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। तय नियमों के तहत वित्तीय प्रबंधन आसान होगा, जिससे परियोजनाओं को सुचारू रूप से पूरा किया जा सकेगा। रियल एस्टेट क्षेत्र में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, जिससे सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा।
रेरा के अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि इस नई व्यवस्था के तहत आबंटियों से प्राप्त धनराशि स्वचालित रूप से 70 प्रतिशत रेरा खाते में और 30 प्रतिशत अन्य आवश्यकताओं के लिए सुरक्षित होगी। यह राशि केवल परियोजना के वास्तविक विकास कार्य और उसके अनुपात में ही खर्च की जा सकेगी। बैंकों के सिस्टम को रेरा नामित खातों के अनुरूप बनाया गया है ताकि लेनदेन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बना रहे। साथ ही निधियों की निकासी, आवंटन और निगरानी सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रणाली के माध्यम से होगी, जिससे मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा और गलतियों की संभावना कम होगी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ रेरा के सदस्य धंनजय देवांगन, रजिस्ट्रार सुआस्था राजपूत, क्रेडाई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष पंकज लाहोरी एवं विभिन्न बैंकों के जोनल हेड शामिल हुए।
हर प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा रियल-टाइम अपडेट
रेरा के इस पहल से बैंकों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट के खरीदारों को लाभ होगा। इसके तहत सूचीबद्ध बैंकों को अब भौतिक दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे संचालन सुगम होगा। हर प्रोजेक्ट के लिए रियल-टाइम अपडेट मिलेगा, जिससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी। बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे निधियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित होगी। रियल एस्टेट प्रमोटरों और डेवलपर्स को अब बार-बार दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ेंगे क्योंकि अब सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगे जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी।
इसी तरह रियल एस्टेट खरीदारों को भी लाभ होगा। खरीदारों की जमा की गई धनराशि सुरक्षित रहेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका पैसा सही ढंग से उपयोग हो। साथ ही परियोजनाओं को तय समय पर पूरा करने के लिए प्रमोटरों पर दबाव बनेगा, जिससे खरीदारों को घर मिलने में देरी नहीं होगी। वित्तीय अनुशासन मजबूत होने से रियल एस्टेट क्षेत्र में भरोसा बढ़ेगा।
हेयर ड्रेसिंग सैलून से आत्मनिर्भर बना पदमलोचन
3 Apr, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है, इससे युवा आत्मनिर्भर हो रहे हैं। महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से मदद लेकर सरायपाली के पदमलोचन बारिक हेयर ड्रेसिंग सेलून शुरू किया जो चल निकला है। वे न केवल आत्मनिर्भर हुए हैं बल्कि अन्य युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं।
सरायपाली के पदमलोचन बारिक ने बताया कि वे स्नातकोत्तर तक शिक्षित हैं उन्होंने स्वरोजगार के लिए छत्तीसगढ़ खादी और ग्रामोद्योग विभाग से संपर्क किया। उन्हें वहां प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की जानकारी मिली। इस योजना का लाभ लेकर उन्होंने हेयर ड्रेसिंग एवं सैलून व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया।
भारतीय स्टेट बैंक, सरायपाली शाखा से पदमलोचन बारिक को 3,68,400 रुपए की राशि मंजूर की गई, जिसमें से 25 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्राप्त हुआ। इस राशि से उन्होंने आवश्यक उपकरण और सामग्रियां खरीदा और अपना हेयर ड्रेसर सैलून का व्यवसाय शुरू किया। इस योजना के माध्यम से न केवल उन्हें स्वरोजगार मिला, बल्कि अब वे हर महीने नियमित रूप से 30 से 35 हजार रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं और अपनी किश्तें भी समय पर चुका रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के तहत संचालित एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है, जिससे लोग अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें।
'भाजपा मेरी राजनीतिक हत्या करना चाहती है', बोले-पूर्व सीएम भूपेश बघेल
3 Apr, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मामले में सवाल उठाते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब भी मोदी और शाह छत्तीसगढ़ आते हैं, उससे पहले सीबीआई और ईडी आ जाती है. अभी प्रधानमंत्री के आने से पहले सीबीआई ने छापेमारी की. सीबीआई ने 40-50 जगहों पर छापेमारी की. अब अमित शाह आ रहे हैं. 18 दिसंबर 2024 की एफआईआर कल पब्लिक डोमेन में भेज दी गई. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह काम मोगैंबो खुश हुआ की तर्ज पर हो रहा है. कुल मिलाकर मोगैंबो को खुश करना है. पूर्व सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि मैंने सात साल पुराने मामले में सरेंडर किया था, जब कोर्ट ने मुझे उस मामले में सीबीआई के आरोपों से मुक्त कर दिया तो अब नया खेल शुरू हो गया है. पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनना और पंजाब का प्रभारी बनना बीजेपी को परेशान कर रहा है, इसलिए बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है. हम डरने और झुकने वालों में से नहीं हैं. महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी ने केस ईओडब्ल्यू को सौंपा, ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सौंपा। 18 दिसंबर 2024 को एफआईआर हुई, अब इसे सार्वजनिक किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। 1867 का गेमिंग एक्ट अंग्रेजों के जमाने का है। हमारी सरकार ने इस मामले में कानून बनाया, बदले की भावना से हमारे खिलाफ कार्रवाई की।
'सीबीआई की एफआईआर में मेरा नाम छठे नंबर पर है'
उन्होंने पूछा कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग को लीगल मानती है या इन-लीगल? अगर यह लीगल है तो प्रोडक्शन मनी का सवाल ही नहीं उठता और अगर यह इन-लीगल है तो यह अभी भी कैसे चल रहा है? चुनाव से ठीक पहले नवंबर में शुभम सोनी का वीडियो बीजेपी ऑफिस से जारी होता है। उन्होंने पूछा कि अगर यह वीडियो शुभम सोनी ने बनाया है तो बीजेपी ने इसे सार्वजनिक कैसे कर दिया? सोनी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि हमने कानून बनाया, हमने एफआईआर दर्ज की, फिर प्रोडक्शन मनी की बात क्यों? सीबीआई की एफआईआर में मेरा नाम छठे नंबर पर है। मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर का नाम मेरे बाद है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई ने अपनी एफआईआर में 21 सट्टा ऐप का जिक्र किया है। इनमें से किसी में भी मालिक या पार्टनर के तौर पर उनके मालिकों और पार्टनर का नाम नहीं लिखा है। उसी शुभम सोनी के कथित बयान के आधार पर मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर भाजपा और केंद्र सरकार की सोची-समझी साजिश के तहत दर्ज की गई है।
शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दे रहे- भूपेश
उन्होंने आरोप लगाया कि वे सिर्फ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं। उनकी मंशा मुझे इस मामले में गिरफ्तार करने की है। मुझे इसका कोई डर नहीं है। मैं दिल्ली जा रहा हूं, अपने नेताओं को इस बारे में जानकारी दूंगा, वकीलों से बात करूंगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर सीबीआई से पूछा कि अगर महादेव सट्टा ऐप मामले में आरोपी शुभम सोनी के आरोपों पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है तो मैं भी आरोप लगा रहा हूं कि महादेव ऐप प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के संरक्षण में चल रहा है, क्या सीबीआई इस पर जांच कर कार्रवाई करेगी? '74 एफआईआर, 200 से अधिक गिरफ्तारियां, 2000 से अधिक बैंक खाते सीज'
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की। महादेव सट्टा मामले में 74 से अधिक एफआईआर, 200 से अधिक गिरफ्तारियां और 60 से अधिक गैजेट मोबाइल, लैपटॉप और 2000 से अधिक बैंक खाते सीज किए गए। इस मामले में ईडी ने अपना काम किया। उसके बाद जब सरकार बदली तो मामला एसीबी को सौंप दिया गया। इसके बाद एसीबी ने मामला सीबीआई को सौंप दिया, लेकिन किसी ने इस मामले की जांच नहीं की।
जीएसटी से राजस्व बढ़ाने में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल, एक साल में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि
3 Apr, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने ₹16,390 करोड़ का कुल जीएसटी राजस्व संग्रहित कर देश में सर्वाधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में प्रथम स्थान पर रखती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा।
मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रहण
मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ को एसजीएसटी मद में ₹1,301.09 करोड़ प्राप्त हुए, जो मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने एसजीएसटी संग्रहण में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है। मार्च 2025 में ही आईजीएसटी मद में 756.73 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रहण 2,057.82 करोड़ रुपए रहा, जो मार्च 2024 के 1,443.66 करोड़ रुपए की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है।
जीएसटी आने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ ने एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है। बेहतर प्रशासन, तकनीक के समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता: यह उल्लेखनीय प्रगति मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और राज्य में वित्त मंत्री ओपी चौधरी के दिशा-निर्देशों के तहत वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधारों, नवाचार और नई कार्य संस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को और अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।
रिटर्न दाखिल न करने वालों पर नियंत्रण
रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों से सतत निगरानी और संवाद के माध्यम से अनुपालन दर में बड़ा सुधार हुआ है। रिटर्न दाखिल न करने वालों की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।
फर्जी पंजीकरणों की जांच
28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4,252 फर्म, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, फर्जी पाई गईं। इससे कर चोरी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगा और कर अनुपालन में वृद्धि हुई।
डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई
डेटा एनालिटिक्स के आधार पर वर्ष के दौरान 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच करके ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई। साथ ही, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि वसूल की गई।
क्षेत्र विश्लेषण एवं अंतर-विभागीय समन्वय
जीएसटी विभाग द्वारा क्षेत्र आधारित विश्लेषण एवं अंतर-विभागीय आंकड़ों का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर चोरी क्षेत्रों की पहचान की गई, जिससे ₹101 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ।
सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन
मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत सरकारी विभागों के आपूर्तिकर्ताओं से जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्र किया गया।
व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान
राज्य भर में 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यापार में नकारात्मक वृद्धि दिखाई थी, जिससे कर अनुपालन में वृद्धि सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस एवं प्रौद्योगिकी आधारित उपायों का सीधा परिणाम यह है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष पर है।
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई आधारित रणनीति तैयार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र लागू करके आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थान पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
"छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं है, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन का प्रतीक है। कर प्रशासन को जन-केंद्रित और तकनीक-संचालित बनाकर हमारी सरकार ने साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व और विश्वास भी बढ़ता है। हम इस गति को बनाए रखेंगे और छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।"
सीएम विष्णुदेव साय ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर खुशी जताई
3 Apr, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की संसद के लोकसभा सदन में वक्फ संशोधन विधेयक भारी बहुमत से पारित हुआ है. सदन की कार्यवाही देर रात तक चलती रही. इस दौरान हम लोग भी टीवी के सामने बैठकर देखते रहे. यह विधेयक भारी बहुमत से पारित हुआ है. सीएम साय ने कहा कि हमारे देश में मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं. इस विधेयक से उन लोगों को बहुत लाभ होगा जो गरीब, दुखी और जरूरतमंद हैं. निगम, मंडल, आयोगों में पदाधिकारियों की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि 36 लोगों को निगम, मंडल, आयोगों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मैं उन सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. वे छत्तीसगढ़ के विकास में अपना कर्तव्य निभाएंगे. वे छत्तीसगढ़ के विकास में अच्छे से काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन में छत्तीसगढ़ पूरे देश में नंबर वन है. पिछले साल की तुलना में इस बार 18 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है. राज्य में जीएसटी कलेक्शन 16 हजार करोड़ से ज्यादा हुआ है. वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने रायपुर के नगर घड़ी चौक पर पटाखे फोड़कर संसद में प्रस्तुत वक्फ बोर्ड संशोधन का स्वागत किया। मोर्चा ने इसे गरीब मुसलमानों के हित में उठाया गया ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को बधाई दी। इस अवसर पर मोर्चा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने "कोई दूरी नहीं, कोई फासला नहीं, पीएम मोदी हमारे भाई हैं" जैसे नारे लगाकर मिठाई बांटी।
घोटालों पर लगेगी रोक
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि आज जो वक्फ संशोधन विधेयक लाया गया है, उससे घोटालों पर सख्ती से रोक लगेगी और अवैध कब्जाधारियों पर लगाम लगेगी। ये अवैध कब्जाधारी वर्षों से अरबों रुपए की संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए कलेक्टर को शामिल किया गया है, ताकि कलेक्टर राजस्व मामलों का त्वरित निपटारा कर राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त कर इनके अतिक्रमण को हटा सकें। मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि जब अतिक्रमण हटेगा, तो वहां अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए स्कूल और अस्पताल बनाए जाएंगे। इन अतिक्रमणों के हटने से वक्फ संपत्तियों से सरकारी खजाने में 12 हजार करोड़ रुपए आएंगे, जो अभी मात्र 162 करोड़ रुपए है। इस वक्फ विधेयक में पहली बार दो महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान कर केंद्र सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। क्रांतिकारी कार्य हुआ है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए बोर्ड के न्यायाधिकरण की शक्तियों को बढ़ाया जा रहा है। वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, ताकि दस्तावेज मजबूत हो। इसी तरह हर साल ऑडिट का प्रावधान किया गया है। बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति भी की जा रही है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के इस कार्यक्रम में मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मखमूर इकबाल खान, प्रदेश प्रवक्ता तौकीर रजा, प्रदेश उपाध्यक्ष असगर अली, रजिया खान, शेख निजाम, गुलाम गौस खान, आरिफ नियाजी, इसराइल खान समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अधिकारों की रक्षा में ऐतिहासिक कदम; विकास मरकाम
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पारित वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 की सराहना करते हुए कहा कि यह विधेयक आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों और संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है। यह विधेयक 5वीं और 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह वक्फ बोर्ड द्वारा अतिक्रमण से आदिवासियों की परंपराओं की रक्षा करके संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखेगा।
विधेयक के मुख्य प्रावधानों में यह प्रावधान शामिल है कि राज्यपाल और स्वायत्त परिषदों की मंजूरी के बिना किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा विधेयक में धारा 40 को समाप्त कर दिया गया है, जिससे अब केवल घोषणा के आधार पर कोई भी भूमि वक्फ संपत्ति नहीं बन सकेगी। यह कदम आदिवासी और पारंपरिक भूमि अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी सुधार है। और वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों को पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से हल करने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विकास मरकाम ने मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए इस विधेयक को "आदिवासी स्वाभिमान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने वाला" बताया। उन्होंने कहा, "यह विधेयक 5वीं और 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में रहने वाले हमारे आदिवासी समुदायों को यह विश्वास दिलाता है कि उनकी पारंपरिक भूमि पर कोई अन्याय नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी की सरकार ने आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अतुलनीय है।" उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से राज्यों के राज्यपालों, स्वायत्त जिला परिषदों और आदिवासी सलाहकार परिषदों को अधिक अधिकार मिलेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी बाहरी संस्था अवैध निर्माण नहीं कर सकेगी।