उत्तर प्रदेश
धर्म, प्यार और धोखा? आएशा ने कहा ‘बिकेश चाहिए’, पति शहजाद की टूटी दुनिया
11 Apr, 2025 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के बेगूसराय में पति पत्नी और वो के चक्कर में सदर अस्पताल में एक हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. पत्नी ने बॉयफ्रेंड से शादी की तो पति ने खूब हंगामा किया. पति बोला- मुझे मेरी बीवी चाहिए. जबकि, पत्नी ने कहा पति मुझे मारता-पीटता था. इसलिए मैंने अपने क्लासमेट से शादी कर ली है. अब मैं इसी के साथ रहूंगी. बीवी ऐसा कहकर वहां से चली गई. पीछे से पति जमीन पर लोट-लोटकर रोने लगा. चीखने-चिल्लाने लगा. लेकिन पत्नी वापस नहीं आई.
दरअसल साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के सन्हा की रहने वाली आयशा खातून और शहजाद की शादी 2020 में धूम धाम से हुई थी. शादी के बाद से ही दोनों में तकरार होने लगी. तकरार इस कदर बढ़ी कि पत्नी और पति आपस में ठीक से बात भी नहीं करते थे. इस बीच पत्नी आएशा का कॉन्टेक्ट पुराने क्लासमेट बिकेश कुमार पासवान से हुआ.
दोनों रोज बातचीत करने लगे. आएशा ने उसे बताया कि शहजाद कैसे उसे टॉर्चर देता है. इस बात की भनक जब पति शहजाद को लगी तो वो उसे मारने पीटने लगा. बाद में बात बिगड़ता देख वो पत्नी को लेकर दिल्ली चला गया. आएशा का आरोप है की वहां भी शहजाद उसके साथ मारपीट किया करता था.
नशीली दवा खाकर गलत काम
आरोप लगाया कि शादी से पहले शहजाद ने बताया की उसका दिल्ली में घर है और जमीन भी है. पर सब कुछ झूठा था. दिल्ली जाने के बाद वो कभी अपने दोस्त से बात नहीं करती थी पर पति उस पर झूठे आरोप लगाता और मारपीट करता था. पति नशीली दवा खाकर गलत काम किया करता था. उसी बात से तंग आकर आएशा ने दोबारा बिकेश से बात करना शुरू कर दिया. इसके बाद वो एक दिन तंग आकर बिकेश के पास चली गई.
अस्पताल के बाहर ड्रामा
बाद में शहजाद ने आएशा का पता लगाया. फिर सदर अस्पताल के बाहर उसने आएशा को बिकेश के साथ देखा. फिर यहां पति-पत्नी और वो का ड्रामा शुरू हो गया. आएशा ने कहा- अगर मैं शहजाद के पास वापस गई तो वो मुझे और मेरी बेटी को मार डालेगा. मैंने अब बिकेश से शादी कर ली है. मैं इसी के साथ रहूंगी. यह सुनकर शहजाद रोने लगा. बोला- मुझे बस मेरी बीवी चाहिए. लेकिन आएशा फिर वहां से चली गई. अब यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
अमेठी में पारिवारिक विवाद बना खूनी संघर्ष, जीजा ने साले की कर दी हत्या
11 Apr, 2025 04:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अमेठी में हत्या की बड़ी वारदात सामने आई जहां पति-पत्नी के बीच हो रहे झगड़े में बीच बचाव करने जाना साले की मौत का कारण बन गया है. बीच बचाव करने से नाराज जीजा ने साले पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल साले को इलाज के लिए बाजारशुकुल सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. घटना को अंजाम देकर आरोपी जीजा मौके से फरार हो गया. वहीं घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई जिसे लेकर सीओ समेत कई थानों की फोर्स मौके पर मौजूद है.
मामला बाजारशुक्ल थाना क्षेत्र के महोना गांव का है. यहीं के रहने वाले राजू उर्फ मोहम्मद शरीफ किसी बात को लेकर देर शाम अपनी पत्नी से विवाद गया और दोनों में झगड़ा होने लगा. इसी बीच मोहम्मद शरीफ का साला मोहम्मद आसिफ़ बीच बचाव करने पहुंच गया. बीच बचाव करने से नाराज जीजा ने अपने ही साले पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर मौके से फरार हो गया.
गांव में तनाव
गंभीर रूप से घायल मोहम्मद आसिफ को परिजन बाजारशुकुल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. आसिफ के मौत की सूचना मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद सीओ अतुल सिंह समेत कई थानों की पुलिस फोर्स गांव में पहुंच गई.
पुलिस ने क्या कहा?
मामले पर मुसाफिरखाना सीओ अतुल सिंह ने बताया कि पारिवारिक झगड़े में जीजा ने साले पर चाकू से हमला किया था. इसके बाद उसे अस्पताल लेकर जाया गया. वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. साले की मौत की इस घटना के बाद गांव में पुलिस बल को तैनात किया गया है. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं.
आगरा जामा मस्जिद में नमाज से पहले मिला जानवर का सिर, पुलिस ने 5 घंटे में पकड़ा आरोपी
11 Apr, 2025 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आगरा: आगरा में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. जुमा की नमाज से पहले शहर के मंटोला थाना क्षेत्र स्थित जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर मिलने से मुस्लिम समाज में गुस्सा फैल गया. नमाज से पहले समाज के लोग आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और 5 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपी की पहचान नजीरुद्दीन उर्फ कल्लू पुत्र सलाउद्दीन के रूप में हुई है, जो मंटोला के ढोलीखार क्षेत्र का ही निवासी बताया जा रहा है. नजीरुद्दीन वर्तमान में शाहगंज के कोल्हाई क्षेत्र में परिवार समेत रहता है. आगरा पुलिस ने महज पांच घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश रचने वाले का पर्दाफाश किया है. शुक्रवार सुबह इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. मुस्लिम समाज में भी भारी आक्रोश था. डीसीपी सिटी के निर्देशन में गठित टीमों ने तत्परता दिखाते हुए CCTV फुटेज की मदद से आरोपी तक पहुंच बनाई और उसे हिरासत में ले लिया.
शहर की फिजां को बिगाड़ने की कोशिश
पुलिस सूत्रों के अनुसार नजीरुद्दीन उर्फ कल्लू पुत्र सलाउद्दीन से लगातार गहन पूछताछ की जा रही है. प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि यह कृत्य शहर की फिजां को बिगाड़ने और धार्मिक उन्माद फैलाने की नीयत से किया गया. यह भी जानकारी मिल रही है कि कल्लू मंदबुद्धि है, हो सकता है कि उससे यह काम कराने वाला कोई और ही हो. पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ होगी. बहरहाल, पुलिस ने तत्परता दिखाकर शहर के माहौल को बिगड़ने से बचा लिया.
सोशल मीडिया पर रखी जा रही निगरानी
घटना के बाद इलाके के साथ ही शाही जामा मस्जिद के आसापस अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. चूंकि आज जुमे की नमाज अदा होनी है, इसलिए पुलिस और मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई है. प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. डीसीपी सिटी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 7 बजे उन्हें इस मामले में सूचना मिली. वे स्वयं और एसीपी मौके पर पहुंचे.
गिरफ्तारी के लिए लगाए 100 पुलिसकर्मी
CCTV चेक करने के बाद 100 पुलिसकर्मियों को इस युवक की खोज में लगाया गया. इसी क्रम में एक दुकानदार को भी उठाया गया. उसके जरिए पुलिस नजीरुद्दीन तक पहुंची और उसे पकड़ लिया. डीसीपी ने कहा कि निश्चित रूप से यह शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश थी. आरोपी को जेल भेजा जा रहा है. इससे पहले इससे पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि इस हरकत के पीछे इसका मकसद क्या था. आरोपी का आपराधिक इतिहास भी पता किया जा रहा है.
दिल्ली से कानपुर सिर्फ 5 घंटे में, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से बदलेगी यूपी की तस्वीर
11 Apr, 2025 03:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश में हाल के कुछ वर्षों में बडे़ नगरों को हाईवे और एक्सप्रेसवे की मदद से आपस में जोड़ने का काम चल रहा है. इसका एक ही मकसद है और वो ये कि शहरों के बीच कनेक्टिविटी अच्छी हो जाए. इसी कड़ी में अब नोएड़ा और कानपुर को ‘गाजियाबाद कानपुर ग्रिनफील्ड एक्सप्रेसवे’ से जोड़ा जाएगा. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 380 KM बताई जा रही है. पहले नोएडा से कानपुर जाने में 8 से 9 घंटे का समय लगता था. इनके बन जाने से यात्रा के दौरान लगने वाले समय में लगभग 3 घंटे की बचत होगी.
यह एक्सप्रेसवे यूपी के हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव समेत कई अन्य जिलों से होते हुए कानपुर पहुंचेगा. इससे इन सभी जिलों के लोगों के लिए रोजगार और विकास के नये रास्ते खुलेंगे. साथ ही उनकी शहरों से कनेक्टीविटी भी बेहतर हो जाएगी. शुरुआती चरण में इस एक्सप्रेसवे को चार लेन का बनाया जाएगा, लेकिन भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है. यानी भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है, ताकि आने वाले समय में सड़क पर लोड बढ़ने से कोई परेशानी न हो.
इसके निर्माण के तैयार की गई परियोजना के तहत गाजियाबाद से कानपुर तक कई अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण भी किया जाएगा. यानी 380 किलोमीटर के रास्ते में आने वाले गांवों और कस्बों के लोगों को अपने रोजमर्रा के जीवन के लिए आसपास आने जाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. साथ ही इसके बन जाने से दिल्ली-NCR के लोगों को कानपुर पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक और बेहतर रास्ता मिल जाएगा. इससे समय की बचत के साथ ही ट्रैफिक से भी छुटकारा मिलेगा.
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा. व्यापारिक गतिविधियां बढ़ जाएंगी. औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर बढ़ेंगे. परियोजना के तहत गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ा जाएगा. इससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी और परियोजना के 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में यात्रा और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे लोगों के साथ-साथ राज्य को भी आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: बिना शादी भी साथ रह सकते हैं स्त्री-पुरुष
11 Apr, 2025 03:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि संतान के लिए शादी किए बिना भी स्त्री-पुरुष साथ रहने के हकदार हैं. कोर्ट ने एक अंतरधार्मिक लिव-इन मामले में इस कपल को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने संभल के लिव-इन दंपती की नाबालिग बेटी की ओर से दायर याचिका पर दिया है. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए यह निर्णय सुनाया.
याची के अधिवक्ता सैय्यद काशिफ अब्बास ने बताया कि बच्ची की मां के पहले पति की एक बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. इसके बाद महिला अलग धर्म के एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगी. इस दौरान उसे एक बच्चा भी हुआ. इस रिश्ते से महिला के पहले ससुराल वाले नाखुश हैं. वह धमकी दे रहे हैं. ऐसे में बच्ची की ओर से याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की गई है. कहा गया कि पुलिस उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का किया जिक्र
खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि बिना विवाह के बालिग माता-पिता को साथ रहने का अधिकार है. अदालत ने संभल पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि यदि माता-पिता संबंधित पुलिस स्टेशन से संपर्क करते हैं तो प्राथमिकी दर्ज की जाए. कानून के अनुसार बच्चे और माता-पिता को आवश्यकतानुसार सुरक्षा दी जाए.
2018 से रह रहे साथ
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ ने कहा कि बच्ची की उम्र एक साल चार महीने की है. बच्ची के मां-बाप अलग-अलग धर्मों से हैं. वह साल 2018 से साथ रह रहे हैं. बच्ची की मां के पहले के सास-ससुर से उसके मां-बाप को खतरे की आशंका है. कोर्ट ने 8 अप्रैल के अपने निर्णय में कहा कि संविधान के तहत वे मां-बाप जो वयस्क हैं, साथ रहने के हकदार हैं. भले ही उन्होंने विवाह नहीं किया हो.
मजहब नहीं सिखाता बैर रखना: मुस्लिम निकाह में हिंदू परिवार ने निभाई भात की रस्म
11 Apr, 2025 03:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
10 अप्रैल का दिन था. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक पेशे से डॉक्टर एक मुस्लिम बेटी की शादी का प्रोग्राम चल रहा था. निकाह के इस प्रोग्राम में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि एक हिंदू परिवार ने भी पूरा योगदान दिया. दुल्हन के मुंहबोले हिंदू मामा ने न सिर्फ भात की रस्म निभाई. बल्कि, दुल्हन की शादी को यादगार बनाने के लिए उसकी शाही विदाई भी करवाई. जिस किसी ने भी यह विदाई देखी वो बस देखता ही रह गया.
दरअसल, हिंदू मामा राहुल ने मुंहबोली भांजी डॉ. आसमा की विदाई हेलीकॉप्टर से करवाई, जिसका खर्च 8 से 9 लाख रुपये के करीब आया. निकाह की रस्मों के बाद शाम को बाबुल की दुआएं लेकर आसमा ने शौहर शादाब त्यागी के साथ ससुराल के लिए उड़ान भरी. इन भावुक और खुशी से भरे पलों को सभी ने अपने कैमरों में भी कैद किया.
मुजफ्फरनगर शहर के पास ही गांव गुनियांजुडडी के राहुल ठाकुर का परवीन के परिवार से तीन पीढ़ियों से गहरा नाता रहा है. अब्दुल खालिक की पत्नी परवीन और राहुल का परिवार बरसों से परिवार की तरह जुड़ा हुआ है. दोनों बहन-भाई से भी बढ़कर हैं. परवीन की बेटी आसमा की शादी सरधना नानू गांव के शादाब त्यागी से तय हुई और 10 अप्रैल को निकाह की तारीख रखी गई. मामा के तौर पर राहुल ठाकुर उनके परिवार में निकाह की सारी रस्मों में साथ रहे. भात की रस्म में नकदी के साथ उपहारों की सौगात दी.
बड़ी भांजी के समय भी निभाई थी रस्म
मामा राहुल ने बताया- आसमा की बड़ी बहन की शादी में भी उन्होंने सारी रस्में निभाई थीं, जो एक मामा की होती हैं. लेकिन इस बार कुछ खास करने का मन था. विदाई के लिए हेलीकाप्टर का इंतजाम भात की रस्म के तौर पर किया. इसके लिए वह कई दिन से जुटे हुए थे. हेलीकाप्टर की लैंडिंग और उड़ान को लेकर प्रशासन, विद्यालय, लोकनिर्माण विभाग, फायर ब्रिगेट से जरूरी प्रक्रिया समय से पूरी की, जिससे कोई व्यवधान न आए.
फूलों की बारिश करने की भी थी ख्वाहिश
राहुल ठाकुर ने बताया कि विदाई पर फूलों की बारिश की भी ख्वाहिश थी, वह पूरी नहीं हो पाई. इस प्रक्रिया के लिए अनुमति लेनी होती है. इसका पता नहीं था. फार्म भरते समय इसके लिए कॉलम भरना था, उस पर ध्यान नहीं गया. जब मीडियो कर्मियों ने पूछा तो राहुल ठाकुर ने बताया कि उनका करीब आठ-नौ लाख रुपये का खर्चा आया है.
'गाय और चाय' पर सियासत गरमाई, मंत्री इरफान बोले – BJP कर रही इनकी बेइज्जती
11 Apr, 2025 12:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले हेमंत सोरेन सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के विधायक डॉ इरफान अंसारी फिर एक बार अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं.दरअसल इस बार झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए ऐसा एक बयान दे दिया कि झरखंड भाजपा के नेता उन पर बिफर पड़े हैं और यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है कि मंत्री डॉ इरफान अंसारी के शरीर मे मोहम्मद अली जिन्ना का भूत घुस गया है.
बता दें कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने एक बयान देते हुए कहा कि “भाजपा, अगर अब देश में रह गई तो आनेवाली नस्लें हमें कभी माफ नहीं करेगी.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस साइंस और टेक्नोलॉजी की बात कर रही है. वहीं बीजेपी के लोग चाय की तो कभी गाय की बात करती है. इनलोगों ने समाज को भगवा और हरे रंग में बांट दिया है. पिछले दिनों उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ युवा हमसे हरा और भगवा गमछा की मांग कर रहे थे तो मैंने उन्हें डांटते हुए कहा कि हमसे कलम मांगों, किताब मांगों, मेडिकल कॉलेज-इंजीनियरिंग कॉलेज मांगों.
भाजपा के लोग चाय और गाय की बात कर रहे
मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एक तरफ कलम की बात करते हैं, साइंस की बात कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी की बात कर रहे हैं और भाजपा के लोग चाय और गाय की बात कर रहे हैं.
उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि बीजेपी को केवल और केवल कांग्रेस पार्टी ही हरा सकती है. देश के लोगों को यह विश्वास हो गया है कि कांग्रेस ही इस देश का विकल्प है. भाजपा को राहुल गांधी और कांग्रेस ही हरा सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर भाजपा को नहीं रोका गया और बीजेपी रह गयी तो आनेवाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी इसलिए अब भाजपा का डाउनफॉल शुरू और बिहार से राहुल गांधी का जनादेश चालू हो गया.
अंसारी के अंदर जिन्ना का भूत समा गया… भाजपा का हमला
वहीं, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि मंत्री डॉ इरफान अंसार हमेशा विवादस्पद बयान देते हैं. उनके बयान से विवाद होता है और वह सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. कांग्रेस पार्टी भी उनके बयानों से त्रस्त रहती है.
अजय शाह ने कहा कि मंत्री डॉ इरफान अंसारी के अंदर मोहमद अली जिन्ना का भूत घुस गया है और वह लगातार अलगाववाद की बात कर रहे हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री डॉ इरफान अंसारी की बयानों से ऐसा लगता है कि जो मुस्लिम लीग का उद्देश्य था. उनका जो एजेंडा था, उसी पर चल रहे हैं. जहां तक रही बात टेक्नोलॉजी की तो गुजरात में एक गांव है, जो विश्व का पहला गांव है जो पूरी तरह 100% सोलर पर चल रहा है. उस गांव में भगवान का एक मंदिर भी है. अजय शाह ने स्पष्ठ कहा कि हमलोग टेक्नोलॉजी के साथ-साथ सनातनी ज्ञान दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ते हैं.
तूफानी आफत ने ली 52 जानें! बिहार, यूपी और झारखंड में कहर बनकर बरसी बारिश
11 Apr, 2025 12:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आंधी, बारिश, बिजली और ओले के कहर ने यूपी-बिहार से लेकर झारखंड में भारी तबाही मचाई. वज्रपात और ओलावृष्टि की चपेट में आने से 52 लोगों की मौत हो गई. इनमें बिहार में 25, उत्तर प्रदेश में 22 और झारखंड में 5 लोगों की मौत की खबर है. अकेले बिहार के नालंदा जिले में 18 लोगों की मौत इस तबाही के कारण हुई है. कई पशुओं ने भी जान गवाई हैं. आंधी से पेड़ उखड़ गए और खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं. उत्तर प्रदेश में आंधी, ओले और बिजली गिरने से 45 पशु मारे गए. वहीं, 15 मकान झतिग्रस्त हो गए.
गुरुवार को मौसम में हुए बदलाव से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में आंधी-बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया. बिजली गिरने और ओलावृष्टि से बड़ी तबाही हुई. बिहार के कई जिलों में वज्रपात, ओलावृष्टि की चपेट में आने से 25 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन घटनाओं में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के आश्रितों को तत्काल चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है. मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश होने की संभावना जताई है.
बिहार के नालंदा में 18 की मौत
बिहार में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान के अनुसार, नालंदा में 18 लोगों की मौत हुई, इसके बाद सीवान में दो, कटिहार, दरभंगा, बेगूसराय, भागलपुर और जहानाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. मौसम बिगड़ने से किसानों की फसलें तबाह हो गईं. भारी बारिश के बाद पटना के कई हिस्सों से जलजमाव की भी खबर आई. यहां शाम साढ़े पांच बजे तक औसतन 42.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, अररिया, सुपौल, गया, सीतामढ़ी, शिवहर, नालंदा, नवादा और पटना सहित कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, अररिया, सुपौल, गया, सीतामढ़ी, शिवहर, नालंदा, नवादा, पटना में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश, आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना है. इससे पहले बुधवार को बिजली गिरने से राज्य में 13 लोगों की मौत हुई थी.
UP में भारी तबाही, 22 की मौत
गुरुवार को मौसम बिगड़ने से उत्तर प्रदेश में 22 लोगों की मौत हो गई. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि होने, आंधी और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 45 पशु भी मारे गए और 15 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से फतेहपुर और आजमगढ़ जिले में तीन-तीन, फिरोजाबाद, कानपुर देहात एवं सीतापुर जिलों में दो-दो, गाजीपुर, गोंडा, अमेठी, संतकबीरनगर एवं सिद्धार्थनगर, बलिया, कन्नौज, बाराबंकी, जौनपुर और उन्नाव जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
चार-चार लाख रुपये की राहत राशि दिए जाने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आंधी-तूफान एवं आकाशीय बिजली से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं. इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराने के निर्देश भी सीएम ने दिए हैं. साथ ही उन्होंने पशुहानि पर प्रभावितों को सहायता राशि दिए जाने के निर्देश भी दिए हैं. बड़े दुधारू पशुहानि में 37,500 रुपये, छोटे दुधारू आदि पशु की हानि में 4,000 रुपये, बड़े गैर-दुधारू पशुहानि में 32,000 रुपये तथा छोटे गैर-दुधारू पशुहानि में 20,000 रुपये मुआवजा राशि दिए जाने का प्राविधान है.
अभी और बिगड़ेगा मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, कौशांबी, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली सहित कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है.मौसम कार्यालय ने बताया कि मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 24 से अधिक जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरी. राजधानी लखनऊ में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सुल्तानपुर में 25.2 मिलीमीटर के साथ सबसे भारी बारिश हुई. इनके अलावा बाराबंकी में 24.8 मिलीमीटर, गाजीपुर में 22.6 मिलीमीटर और गोरखपुर में 12.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
झारखंड में बिछी बर्फ की चादर, 5 की मौत
झारखंड में गुरुवार की भारी ओलावृष्टि से सड़कें, खेत और मैदन बर्फ से ढक गए. ओले गिरने से फसलें बुरी तरह प्रभावित हो गईं. बारिश, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई. तेज हवाओं के कारण कई पेड़ उखड़ गए, जिससे कुछ इलाकों में यातायात बाधित हो गया. राज्य के धनबाद, हजारीबाग और कोडरमा समेत कई स्थानों पर ओलावृष्टि हुई, जिससे खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है.
हजारीबाग में तीन की मौत
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, गुरुवार को राज्य के पूर्वी, पश्चिमी और मध्य भाग में कुछ स्थानों पर गरज और तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि हुई. झारखंड के डाल्टनगंज में सबसे अधिक 31.8 मिमी बारिश हुई, जबकि रांची में 7.6 मिमी बारिश हुई. मौसम विभाग के मुताबिक, 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने से पेड़ उखड़ गए और विद्युत पोल धाराशाई हो गए. बिजली गिरने से हजारीबाग जिले में तीन लोगों की मौत हो गई. चुरचू और गुमला में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई हैं.
10 एकड़ जमीन, एक 'टाइगर' और मौत का प्लान – कोलकाता के होटल से शुरू हुआ खूनी खेल
11 Apr, 2025 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड की राजधानी रांची में 26 मार्च को हुई बहुचर्चित भाजपा नेता अनिल टाइगर हत्याकांड मामले का खुलासा हो गया है. रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा द्वारा गठित एसआईटी टीम ने खुलासा किया है. दरअसल, राजधानी रांची के ही कांके थाना क्षेत्र के ही चामगुरु मौजा की 10 एकड़ जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था. बीजेपी नेता अनिल टाइगर की दिनदहाड़े कांके थाना क्षेत्र के कांके चौक पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पूरे हत्याकांड मामले का खुलासा करते हुए रांची के एसएसपी सह डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि कांके थाना क्षेत्र के चामगुरु मौजा की लगभग 10 एकड़ की बेशकीमती जमीन को लेकर भाजपा नेता अनिल टाइगर और रांची के ही बड़ा लाल स्ट्रीट किशोरगंज(पालकोट हाउस) के रहने वाले देवव्रत नाथ शाहदेव, दामोदर नाथ शाहदेव के बीच विवाद हुआ था.
देवव्रत नाथ शाहदेव उस 10 एकड़ जमीन पर अपना हक जताते हुए कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे, जिसका अनिल टाइगर विरोध कर रहा था. जमीन को देवव्रत नाथ शाहदेव अपने अन्य जमीन कारोबारी सहयोगियों की मदद से बिक्री करने का प्रयास कर रहा था. लेकिन बार-बार अनिल टाइगर के विरोध के कारण देवव्रत सहदेव जमीन पर ना कब्जा कर पा रहे थे न ही उसकी बिक्री.
झगड़े को सुलझाने के लिए हुई थी बैठक
इसके बाद दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हार्मोन के रहने वाले विनोद पासवान ने पहल की. विनोद के घर पर जमीन विवाद के मसले को हल करने के लिए अनिल टाइगर और देवव्रत नाथ शाहदेव के बीच बैठक रखी गई थी. इस बैठक में अनिल महतो ने प्रति डिसमिल 50000 रुपए की दर से 4.50 करोड़ रूपया की मांग की थी. हालांकि यह बैठक सफल नहीं हो सकी और देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल टाइगर के बीच की दुश्मनी बढ़ गई. उस दौरान देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतो पर पिस्टल भी तान दी थी.
बातचीत विफल होने के बाद देवव्रत नाथ शाहदेव लगातार विवादित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने रांची के सांसद संजय सेठ के सांसद निधि से विवादित 10 एकड़ जमीन तक रोड बनाने का फैसला कराया और उनसे ही शिलान्यास करवाने के लिए कार्यक्रम रखवाया. लेकिन सांसद संजय सेठ जो वर्तमान में देश के केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री हैं. वह शिलान्यास करने पहुंचे तो वहां अनिल टाइगर और अन्य ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया. जिसके बाद सांसद बिना शिलान्यास किए कार्यक्रम रद्द करते हुए लौट गए.
मर्डर के लिए दी थी सुपारी
बार-बार जमीन पर कब्जा में रोड़ा बन रहे भाजपा नेता अनिल टाइगर को आखिरकार रास्ते से हटाने के लिए मुख्य साजिशकर्ता देवव्रत नाथ शाहदेव ने अभिषेक सिन्हा और सूरज सिन्हा को हत्या की सुपारी दी. दोनों ही कुख्यात अपराधी भी रहे हैं. कुख्यात अपराधी अभिषेक सिन्हा और सूरज सिन्हा ने हत्या की सुपारी लेने के बाद अनिल टाइगर की हत्या की योजना कोलकाता के एक होटल में बैठकर बनाई. अपने शूटर अमन सिंह एवं रोहित वर्मा को दो लाख रुपए अनिल टाइगर की हत्या करने के एवज में ऑनलाइन ट्रांसफर किए.
दिनदहाड़े मारी थी गोली
इसके बाद दोनों रोहित वर्मा और अमन सिंह ने रांची के कांके थाना क्षेत्र अंतर्गत कांके चौक के समीप दिनदहाड़े 26 मार्च को गोली मारकर अनिल टाइगर की हत्या कर दी गई थी. हालांकि हत्या के कुछ देर बाद ही पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से शूटर रोहित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया वहीं पुलिस ने अब इस मामले का खुलासा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जीशान अख्तर उर्फ जिशु,मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक का नाम शामिल है.
डेटिंग ऐप से दोस्ती, फिर टीचर को बनाया बंधक और लूट लिए 3 लाख
11 Apr, 2025 11:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ: लखनऊ में एक ट्यूशन टीचर को डेटिंग ऐप पर दोस्ती करना बहुत महंगा पड़ गया. पिता की मौत के बाद अकेलापन महसूस कर रहे टीचर ने डेटिंग ऐप ग्रिंडर से एक युवक को अपने घर बुलाया. घर पहुंचे युवक ने टीचर को बंधक बनाकर तीन लाख रुपए लूट लिए और जाते-जाते उसकी पिटाई भी कर गया.
पूरा मामला लखनऊ के रवींद्रपल्ली का है, जहां के रहने वाले 53 वर्षीय टूशन टीचर के पिता की चार महीने पहले मौत हो गई थी. अकेलापन दूर करने के लिए टीचर ने ग्रिंडर ऐप पर प्रोफाइल बनाई थी, जो कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के लिए है. इस ऐप से ही उसकी दोस्ती एक युवक से हुई. बुधवार को टीचर ने युवक को अपने घर बुलाया. जब युवक घर पहुंचा तो उसने अपने एक दोस्त को भी बुला लिया. दोनों ने मिलकर टीचर के हाथ-पैर और मुंह बांध दिए. विरोध करने पर पिटाई भी की. इसके बाद अलमारी में रखे तीन लाख रुपए लेकर फरार हो गए.
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
इस घटना के बाद टीचर ने रवींद्रपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. पुलिस डकैती की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. ACP ने बताया कि कृष्णेंदु चटर्जी रवींद्रपल्ली में रहते हैं. कृष्णेंदु ने ग्रिंडर ऐप से एक युवक को दोस्ती के लिए घर बुलाया था. युवक जब घर पहुंचा और दोनों में बातचीत हुई, तो उन्होंने बताया कि वहज अकेले रहते हैं. इसके बाद युवक ने अपने एक साथी को बुला लिया. फिर उसके साथ मारपीट कर बंधक बना लिया और आलमारी में रखे 3 लाख रुपए लेकर भाग गए. पीड़ित ने अपने आप को किसी तरह से छुड़वाया और फिर पुलिस से संपर्क किया. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है.
कमांड अस्पताल लखनऊ में भर्ती कर्नल एसपी सिंह, कैब ड्राइवर और साथियों ने की पिटाई
10 Apr, 2025 06:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेना से रिटायर्ड कर्नल एसपी सिंह से कैब ड्राइवर और उसके साथियों के द्वारा की गई मारपीट की घटना में रिटायर्ड कर्नल के सिर में चोट आई हैं. वह कमांड अस्पताल लखनऊ में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. रिटायर्ड कर्नल की तहरीर पर उन्नाव के अचलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. घटना को लेकर लोगों की अलग-अलग राय देखने को मिल रही है. ऐसे में घटना क्यों और कैसे हुई थी, इसके बारे में हमने फोन पर कर्नल से बातचीत की, जिसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया.
सेना से रिटायर्ड कर्नल एसपी सिंह के मुताबिक, वह पांच अप्रैल की रात एक पार्टी में भाग लेने उन्हें लखनऊ जाना था, इसके लिए उन्होंने अपने एक जानने वाले की मदद से एक कैब बुक थी. कैब को वासिफ राजा नाम का युवक चला रहा था. कर्नल एसपी सिंह ने बताया कि वह अकेले थे और कार की पीछे की सीट पर बैठकर मोबाइल से वक्फ से जुड़ी न्यूज देख रहे थे. इतने में ही कैब ड्राइवर बहस करने लगा. यही नहीं उसने अपने साथियों को लाइव लोकेशन शेयर कर बुला लिया.
सही तथ्य लाए जाएं सामने- रिटायर्ड कर्नल
रिटायर्ड कर्नल के अनुसार, बहस के दौरान मारपीट की गई थी, जिससे उनके सिर पर चोट लगी और वह बेहोश हो गए. जब आंख खुली तो इलाके की पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. रिटायर्ड कर्नल ने कहा कि जो वीडियो बनाकर वायरल किए गए, वह मोटिवेटेड हैं. साथ ही कहा कि इस मामले सही तथ्य सामने नहीं लाए जा रहे हैं. गुमराह किया जा रहा है.
कैब ड्राइवर की क्या थी मंशा, क्यों बुलाया साथियों को?
एसपी सिंह ने कहा कि मैं 35 साल सेना में नौकरी कर रिटायर हुआ हूं. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि कैब ड्राइवर ने क्यों अपनी लोकेशन शेयर की, उसने अपने साथियों को क्यों बुलाया, आखिर उसकी मंशा क्या थी, इस मामले की जांच होनी चाहिए, जिससे सही तथ्य सामने आ सकें. हालांकि रिटायर्ड कर्नल ने बताया कि उन्होंने ड्रिंक की थी, लेकिन सामान्य स्थिति में थे.
कमांड अस्पताल में भर्ती
रिटायर्ड कर्नल एसपी सिंह ने बताया कि सेना के कमांड अस्पताल में मैं भर्ती हूं. सिर का सिटी स्कैन किया गया है. रिपोर्ट आनी बाकी है. इस घटना के बाद मैं मानसिक रूप से थक चुका हूं. मैं नहीं चाहता कि घटना को तूल दिया जाए.
मुकदमा दर्ज, दो आरोपी गिरफ्तार
वहीं एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि इस मामले में रिटायर्ड कर्नल की तहरीर पर अचलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है और उन्हें जेल भी भेजा जा चुका है. एएसपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
राघवेंद्र बाजपेयी मर्डर केस: पुजारी समेत तीन गिरफ्तार, दो शूटर अब भी फरार
10 Apr, 2025 05:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का 34 दिनों के बाद आज पुलिस ने खुलासा कर दिया. इस हत्याकांड में कुल पांच लोग शामिल थे, जिसमें से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों संग गिरफ्तार किया गया. वहीं, गोली मारने वाले दो शूटरों को पुलिस ने फरार घोषित किया है. उन्हें पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा STF की सात टीमों ने नोएडा के आसपास डेरा डाला हुआ है.
बता दें महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की आठ मार्च को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हाईवे पर हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के बाद से ही एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर क्राइम ब्रांच प्रभारी सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया था. वहीं, एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमों ने अपनी जांच शुरू की. 34 दिनों में एक हजार से अधिक नंबरों को रडार पर लिया गया. वहीं, 100 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की गई. टीमों ने करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, तब जाके पुलिस को सफलता हाथ लगी.
बताते हैं कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई ने धान खरीद जमीन घोटाला सहित कई खबरें छापी थीं. इसलिए उनकी हत्या की गई. पुलिस ने धान सिंडिकेट, जमीन घोटाले सहित कई बिंदुओं पर जांच शुरू की. पुलिस की जांच में एक नया मोड़ सामने आया. पुलिस ने खीरी में एक शख्स से करीबी के साथ-साथ कारेदेव बाबा मंदिर में राघवेंद्र संग एक पुजारी की करीबियों के एंगल पर जांच-पड़ताल शुरू की.
मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा ने करवाई हत्या
सीसीटीवी कैमरे में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर, राघवेंद्र के घर के आसपास और महोली कस्बे में संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए. इन पर शक पुख्ता होते ही गहनता से जांच की गई. पूछताछ में कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, उनके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में सामने आया कि पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई ने शिवानंद बाबा को मंदिर के अंदर दुष्कर्म करते हुए देख लिया था, जिससे उनकी काफी बदनामी हो जाती. इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया. निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी.
दोनों शूटरों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम
इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी. फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दोनों शूटरों की तलाश अभी जारी है. दोनों शूटरों पर 25-25 हजार का इनाम भी पुलिस ने रखा है. राघवेंद्र की हत्या के बाद प्रदेश भर के पत्रकारों में काफी ज्यादा रोष भी था. पत्रकारों ने अपने-अपने जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया था और मुआवजे की मांग की थी.
उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कमर टूटी, योगी सरकार की सख्ती का असर
10 Apr, 2025 05:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराधियों की कमर तोड़ कर रख दी गई है. इस दौरान एक लाख से अधिक अपराधियों को जेल और मुठभेड़ में 227 को यमलोक भेजा गया. इतना ही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर मिशन शक्ति फेज-5 के तहत प्रदेशभर में दस का दम नामक विशेष ऑपरेशन चलाए गए. इसमें ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र आदि शामिल हैं. इन ऑपरेशन के जरिए यूपी पुलिस ने महिलाओं, बेटियों, बच्चों, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. वहीं ऑपरेशन त्रिनेत्र ने जघन्य अपराधों का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला है.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सीएम योगी की मंशानुसार मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में दस ऑपरेशन चलाए. यूपी पुलिस का यह अभियान अपराधियों के लिए काल बन गया है. योगी सरकार का दस का दम ऑपरेशन ने प्रदेश को अपराध से मुक्त करने की संकल्पना है, जिसे जमीन पर सफलतापूर्वक उतारा गया है. इन ऑपरेशन के जरिए एक लाख से अधिक लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया. इसके बाद प्रदेशभर में 11,07,782 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. ये सीसीटीवी थानों से जोड़े गए, ताकि कैमरा कंट्रोल रूम्स से घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इसी का नतीजा है कि डकैती, लूट समेत कुल 5,718 जघन्य अपराधों का सफल खुलासा किया गया.
महिलाओं और बच्चियों से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए ‘ऑपरेशन गरुड़’ चलाया गया. अभियान के तहत 2,597 प्राथमिकी पत्रों की जांच की गई, जिनमें से 2,407 का निस्तारण किया गया. वहीं पूर्व में पंजीकृत 1,179 अभियोग में से 449 का निस्तारण किया गया और 498 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही 405 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए. इसी तरह स्कूल-कॉलेजों के आसपास बच्चियों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों शोहदों के खिलाफ ‘ऑपरेशन मजनू’ चलाया गया.
इस अभियान में 7,554 स्थानों को चिह्नित किया गया और 58,624 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. वहीं ऑपरेशन ईगल के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में जेल से बाहर आए 7,963 अपराधियों में से गिरफ्तार-हाजिर अदालत 5,166 को चिन्हित किया गया. इस दौरान 2,683 अभियुक्त गिरफ्तार-हाजिर अदालत हुए. वहीं 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. ‘ऑपरेशन रक्षा’ के तहत स्पा सेंटर, मसाज पार्लर में छिपे मानव तस्करी के मामलों में 56 महिलाओं/बालिकाओं को रेस्क्यू कर 49 का पुनर्वास कराया गया.
बाल अधिकारों की सुरक्षा को चलाए गए ऑपरेशन बचपन और खोज
प्रदेश में बल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति समेत बच्चे के अधिकारों के लिए ऑपरेशन बचपन और खोज चलाया गया. इसमें ऑपरेशन बचपन के तहत बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति के मामलों में 2,860 बच्चों को बचाया गया. वहीं 1,207 केसों में कार्रवाई हुई. इसी तरह ऑपरेशन खोज के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आश्रयगृहों से 3,327 गुमशुदा बच्चों को पुनर्वासित किया गया.
ऑपरेशन शील्ड के तहत 29,773 एसिड की दुकानों को चेक किया गया. वहीं 725 के खिलाफ कार्रवाई की गई. ऑपरेशन डेस्ट्राय के तहत अश्लील साहित्य व सीडी के 748 मामले दर्ज हुए. ऑपरेशन नशा मुक्ति के तहत नशे के विरुद्ध 4,750 हॉट स्पॉट चिन्हित कर 2,752 अभियोग पंजीकृत किए गए और 33391 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
खगड़िया में JDU नेता कौशल सिंह की गोली मारकर हत्या, MLA पन्ना लाल सिंह के भांजे थे
10 Apr, 2025 03:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के खगड़िया जिले में एक बड़ी वारदात हुई है. चौथम थाना क्षेत्र के कैथी गांव में जेडीयू नेता कौशल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कौशल सिंह खगड़िया के बेलदौर से जेडीयू विधायक पन्नालाल सिंह पटेल के भांजे थे. साथ ही जेडीयू के जिला महासचिव थे. बताया जा रहा है कि घरेलू विवाद में कौशल सिंह के भतीजे ने ही उन पर हमला करवाया. गोली लगने के बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई. फिलहाल पुलिस मौके पर जांच-पड़ताल में जुटी है.
मिली जानकारी के अनुसार, खगड़िया जिले के बेलदौर से जेडीयू विधायक पन्नालाल सिंह पटेल के भांजे कौशल सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि बदमाशों ने घटना को तब अंजाम दिया, जब कौशल सिंह पत्नी के साथ अपने गोदाम से घर लौट रहे थे.
बदमाशों ने कौशल सिंह के सिर में मारी गोली
इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने कौशल सिंह के सिर में गोली मार दी. घटना जिले के चौथम थाना क्षेत्र के कैथी गांव की बताई जा रही. मिली जानकारी के अनुसार, कौशल सिंह जेडीयू में जिला स्तर के नेता थे और पार्टी से जुड़े हुए थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन भी अस्पताल में पहुंच गए.
स्थानीय लोगों ने बताया कि गोली लगने के बाद कौशल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. गंभीर अवस्था में ही उनको इलाज के लिए आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया.
कौशल सिंह के भतीजे पर लगा हत्या का आरोप
इधर, घटना के बाद परिजनों ने कौशल सिंह के भतीजे पर ही हत्या का आरोप लगाया. परिजनों का कहना है कि कौशल सिंह के भतीजे ने ही घटना को अंजाम दिया है. मिली खबर के अनुसार, कौशल सिंह का पूर्व में भतीजे के साथ विवाद चल रहा था. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैली गई. इधर, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
जेडीयू के बडे़ नेताओं में पन्नालाल सिंह पटेल की गिनती
बेलदौर से विधायक पन्नालाल सिंह पटेल की गिनती जेडीयू के बड़े नेताओं में होती है. पन्नालाल सिंह पटेल चार बार के विधायक हैं. सन 2000 में पन्नालाल सिंह पटेल ने सबसे पहले खगड़िया जिले के चौथम विधानसभा क्षेत्र से अपनी जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने बेलदौर विधानसभा सीट का रुख किया और तब से वो इस सीट से लगातार जीत रहे हैं.
पन्नालाल सिंह पटेल के पिता चंद्र किशोर सिंह पटेल एक किसान थे और वह मूल रूप से बेलदौर के ही रहने वाले थे. पन्नालाल सिंह पटेल जब पहली बार विधायक बने, उस वक्त वह तत्कालीन समता पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे. इसके बाद से उन्होंने 2010 में बेलदौर विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाई और इसमें भी वह सफल रहे.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने तैयारियों पर की समीक्षा,प्रशासन को दिए सख्त निर्देश
10 Apr, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बुधवार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के सातवें संस्करण की तैयारियों की समीक्षा की. यह प्रतिष्ठित खेल आयोजन 4 मई से 15मई, 2025 तक बिहार के पांच जिलों- बेगूसराय, भागलपुर, नालंदा, गया और पटना में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन के माध्यम से बिहार में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है.
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, नगर निगम, भवन निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग और संबंधित जिलों के जिला प्रशासन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे. खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेंदर, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रन शंकरण और खेल निदेशक महेंद्र कुमार ने पूरे आयोजन पर विस्तृत प्रस्तुति दी.
बिहार के लिए एक बड़ा अवसर
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो राज्य की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करेगा. इस आयोजन के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें आगे के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा.
बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का आयोजन न केवल राज्य के खेल जगत को बल्कि समाज को भी एक नई दिशा देगा. यह आयोजन युवाओं को स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा और राज्य की खेल संस्कृति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मुख्य निर्देश और प्राथमिकताएं
1. कार्यात्मक क्षेत्र प्रमुखों की नियुक्ति: प्रत्येक विभाग के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कार्यात्मक क्षेत्र प्रमुख नियुक्त किए जाएंगे. यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विभाग एक साथ मिलकर काम करें और आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दें.
2. कमांड एंड कंट्रोल रूम: प्रत्येक जिले से एक अधिकारी को कमांड एंड कंट्रोल रूम में समन्वय के लिए तैनात किया जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि सभी जिलों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और किसी भी समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके.
3. निर्माण कार्यों की समय सीमा: मुख्य सचिव ने सभी निर्माण कार्यों को 25 अप्रैल तक पूरा करने का निर्देश दिया ताकि पांच स्थानों पर खेलों का आयोजन सुचारू रूप से हो सके. यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सुविधाएं समय पर तैयार हों और खिलाड़ियों को बेहतर माहौल मिले.