उत्तर प्रदेश
मुजफ्फरपुर में पीड़ित ने रेलवे के खिलाफ किया 50 लाख रुपये के मुआवजे का दावा, महाकुंभ में नहीं जा पाए
10 Apr, 2025 03:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रेलवे की लापवाही एक मामला सामने आया है. रेवले की लापवाही के चलते एक व्यक्ति अपने सास-ससुर के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए नहीं जा पाया था. दरअसल, मुजफ्फरपुर के गायघाट सुबास केशो निवासी राजन झा अपने सास-ससुर के साथ 27 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए जाने वाले थे.
उन्होंने महाकुंभ में जाने के ट्रेन की टिकट बुक कराई थी. वो अपने सास-ससुर के साथ ट्रेन पकड़ने स्टेशन गए, लेकिन ट्रेन में चढ़ नहीं पाए. क्योंकि ट्रेन की बोगी का गेट अंदर से बंद थी. उन्होंने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की, लेकिन शिकायक के बाद भी रेल प्रशासन ने ट्रेन की बोगी नहीं खुलवाई. इसकी वजह से वो लोग महाकुंभ स्नान के लिए नहीं जा पाए थे.
मुजफ्फरपुर के उपभोक्ता आयोग ने जारी किया नोटिस
इसके बाद पीड़ित ने मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के जरिये मुजफ्फरपुर के उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया और 50 लाख रुपयों मुआवजे का दावा किया. अब इसी मामले पर मुजफ्फरपुर के उपभोक्ता आयोग की ओर से रेलवे के स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, डीआरएम सोनपुर रेल मंडल, जीएम ईस्ट सेंट्रल रेलवे, भारतीय रेल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है.
9 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
वहीं अधिवक्ता ने बताया कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी. आयोग ने इस सुनवाई में सभी पक्षकारों को मौजूद रहने का आदेश दिया है. मुजफ्फरपुर से प्रयागराज तक यात्रियों को समय पर पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की थी, लेकिन रेवले ऐसा करने में नाकाम रहा. ये महाकुंभ 144 सालों के बाद लगा था. राजन झा और उनके स्वजनों को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान करना था, लेकिन रेलवे की लापरवाही से वो लोग नहीं जा पाए थे.
गाजीपुर में रेलवे प्लेटफॉर्म धंसा, अधिकारी बोले- चूहों ने कुतरा है प्लेटफॉर्म
10 Apr, 2025 01:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर ग्रेनाइट लगाकर प्लेटफॉर्म को तैयार किया गया है. इसके बावजूद प्लेटफॉर्म जगह-जगह से धंस गया है. इसकी पड़ताल के लिए जब सांसद अफजाल अंसारी एडीआरएम के अधिकारियों के साथ पहुंचे और जानना चाहा कि इसके धंसने के पीछे क्या वजह है. तब अधिकारियों का जवाब आया कि साहब चूहों ने प्लेटफॉर्म को कुतर दिया है, जिस वजह से प्लेटफॉर्म जगह-जगह से धंस गया है.
गाजीपुर का रेलवे स्टेशन… जहां पर प्लेटफॉर्म नंबर दो ही नहीं बल्कि कई जगह की जमीन जगह-जगह से धंस चुकी है. ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जब वह दिल्ली से सदन की कार्रवाई पूरी करने के बाद वापस गाजीपुर आए और ट्रेन से उतरे तो उनकी नजर प्लेटफॉर्म पर लगे ग्रेनाइट पर पड़ी, जो जगह-जगह से टूटकर धंस गया था, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही थीं.
निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप
इन्हीं दिक्कतों को लेकर मंगलवार को बनारस में रेलवे सलाहकार बोर्ड जो एनईआर रेलवे की तरफ से आयोजित की गई थी. इसमें करीब 32 सांसद परिधि में आने वाले शामिल हुए थे. इसमें गाजीपुर के सांसद ने गाजीपुर के रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की. इसके बाद वहां मौजूद रेलवे महाप्रबंधक और डीआरएम ने तत्काल एडीआरएम की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई और अगले ही दिन गाजीपुर रेलवे स्टेशन पर भेजा.
सांसद रेलवे स्टेशन की जांच के लिए पहुंचे
यह जांच गाजीपुर सांसद की देखरेख में होनी था. जब टीम और सांसद रेलवे स्टेशन की जांच कर रहे थे और वहां पर प्लेटफॉर्म धंसने और ग्रेनाइट टूटने की वजह पूछी गई तो अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफॉर्म को चूहों ने अंदर ही अंदर कुतर दिया है. इस वजह से प्लेटफॉर्म जगह-जगह धंस रहे हैं. यह बात सांसद को कुछ हजम नहीं हुई. क्योंकि अगर चूहों की वजह से प्लेटफॉर्म का इतना बड़ा नुकसान हुआ है तो रेलवे की तरफ से चूहों को पकड़ने के लिए क्या उपाय किए गए. इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था.
अधिकारियों ने चूहे की कारस्तानी बताई
निरीक्षण के बाद सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि प्लेटफॉर्म के धंसने के पीछे अधिकारियों ने चूहे की कारस्तानी बताई, लेकिन यह बात सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को दबाने के लिए बताई जा रही है. क्योंकि अगर चूहा या दीमक प्लेटफॉर्म का नुकसान कर रहे हैं तो इन लोगों का भी कोई न कोई ट्रीटमेंट होगा. क्योंकि आज हमारा विज्ञान बहुत ही आगे बढ़ चुका है और इन छोटी-छोटी दिक्कतों के लिए इतना बड़ा नुकसान और लोगों के लिए समस्या नहीं बनाई जा सकती. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे इन ग्रेनाइट को लेकर दावा करता है कि यह भूकंपरोधी है और अगले 100 सालों तक किसी भी तरह का भूकंप आता है तो इसको कोई नुकसान नहीं होगा.
करोड़ों की लागत से गेस्ट हाउस का निर्माण
इसी रेलवे स्टेशन पर रेलवे के एक गेस्ट हाउस का भी निर्माण करोड़ो की लागत से किया गया है, जिसके निरीक्षण के लिए अधिकारी और सांसद पहुंचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था. जांच करने पर पता चला कि गेस्ट हाउस अभी तक कार्यदाई संस्था ने रेलवे को हैंड ओवर नहीं किया है, जबकि इस गेस्ट हाउस का उद्घाटन जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा करीब 4 से 5 महीने पहले एक कार्यक्रम कर कर चुके हैं.
अलीगढ़ में लेखपाल की गलती से मुस्लिम समझी गई हिंदू लड़की, NEET परीक्षा से वंचित
10 Apr, 2025 01:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक लेखपाल की लापरवाही से एक लड़की अपनी NEET की परीक्षा नहीं दे पाई. क्योंकि लेखपाल ने उसका OBC सर्टिफिकेट तीन बार अप्लाई करने के बाद भी रिजेक्ट कर दिया. वह भी इसलिए क्योंकि लड़की ने सिर पर दुपट्टा लिया हुआ था, जिस वजह से लेखपाल को लगा कि लड़की मुस्लिम है. इस तरह सिर पर दुपट्टा रखना एक लड़की के लिए जी का जंजाल बन गया. हिंदू लड़की को मुस्लिम समझकर उसका जाति प्रमाण पत्र ही लेखपाल ने रिजेक्ट कर दिया.
दरअसल ये मामला अलीगढ़ का है, जहां के मंजूरगढ़ी गांव की रहने वाली हेमा कश्यप ने साल भर से दिन-रात एक कर मेहनत से NEET परीक्षा देने के लिए तैयारी की. वह डॉक्टर बनने का सपना अपनी पलकों में सजाए हुई थी. हेमा के पिता सुरेंद्र सिंह मजदूरी करते हैं. घर के हालात बहुत अच्छे नहीं थे, लेकिन फिर भी सुरेंद्र ने हेमा की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. हेमा ने नीट की परीक्षा के लिए अप्लाई किया, लेकिन एक जरूरी दस्तावेज जाति प्रमाण पत्र रह गया था.
तीन बार रिजेक्ट कर दिया सर्टिफिकेट
हेमा ने जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसील में ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन लेखपाल ने उसका सर्टिफिकेट तीन बार रिजेक्ट कर दिया. लेखपाल ने उसका आवेदन बिना देखे और बिना कुछ पूछे ही रिजेक्ट कर दिया. इसकी वजह ये थी कि हेमा के सिर पर दुपट्टा था. लेखपाल को लगा कि हेमा के सिर पर हिजाब है. इसी के चलते उसने उसकी जाति पर संदेह जताते हुए सर्टिफिकेट रिजेक्ट कर दिया. इस तरह उसकी एक साल की मेहनत सिर पर दुपट्टा रखने की वजह से बर्बाद हो गई.
लेखपाल को लगाई गई फटकार
जब पहली बार उसका आवेदन रिजेक्ट हुआ तो उसे लगा कि गलती हुई होगी. उसने दोबारा अप्लाई किया, लेकिन दोबारा भी उसका आवेदन खारिज कर दिया गया और तीसरी बार भी यही हुआ. इसके बाद वह खुद तहसील कार्यालय पहुंची और तहसीलदार से शिकायत की. तहसीलदार ने जब मामला सुना तो लेखपाल को फटकार लगाई और जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए, लेकिन हेमा को इससे संतोष नहीं था.
“दुपट्टा मेरी पहचान नहीं है”
हेमा ने कहा कि मुझे सिर्फ प्रमाण पत्र नहीं चाहिए. बल्कि न्याय चाहिए. उस इंसान ने मेरे सपनों को, मेरी पहचान को सिर्फ एक दुपट्टे की वजह से झूठा करार दे दिया. फिर हेमा ने जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया. उसने डीएम से लेखपाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. जिलाधिकारी संजीव रंजन ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच के निर्देश दिए. हेमा ने कहा, “दुपट्टा मेरी पहचान नहीं है. मेरी मेहनत मेरी पहचान है. मैं क्या पहनती हूं, इससे मेरे अधिकार नहीं बदल जाते. जब यह मामला सामने आया तो पूरे जिले में चर्चा शुरू हो गई. कुछ ही दिनों में जांच पूरी हुई और लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए.
सहारनपुर में छुट्टी पर आए फौजी की हत्या, शव गांव के बाहर मिला
10 Apr, 2025 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक फौजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक फौजी का नाम विक्रांत है, जो कुछ दिन पहले ही छुट्टी मिलने के बाद अपने घर आया था. वह जम्मू-कश्मीर में तैनात था. जानकारी के मुताबिक, जवान विक्रांत देर रात घर से बाहर निकला था और आज सुबह उसका शव गांव के बाहर पड़ा मिला. मृतक के सीने और सिर पर गोली लगी है.
सेना के जवान की हत्या हुई है या कोई और वजह है पुलिस उसकी जांच कर रही है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची इसके अलावा फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है. फौजी के शव के ऊपर एक मोबाइल भी पड़ा मिला है जिसको पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
घटना सहारनपुर के रामपुर मनिहारान इलाके के मुंडी खेड़ी गांव की बताई जा रही है. पुलिस मृतक सेना के जवान के परिजनों से भी बातचीत कर रही है. साथ ही गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी पुलिस चेक कर रही है.
हत्या के मामले में था मुख्य गवाह
रात को 8.30 खाना खाकर विक्रांत घर से बाहर निकला. फिर अगले दिन उसकी डेड बॉडी मिली. बताया जा रहा है कि चाचा के लड़के की चार साल पहले चाकुओं से गोदकर हत्या की गई थी, जिसमें वो मुख्य गवाह था. आठ अप्रैल को उसने आखिरी गवाही दी थी. गवाही देने और परिवार में एक तेरहवीं का प्रोग्राम था, जिसमें शामिल होने के लिए वो चार दिन पहले ही छुट्टी लेकर घर आया था.
सदमे में चला गया परिवार
उसका शव घर से कुछ ही दूरी पर शव मिला है. जैसे ही परिजनों को उसकी मौत की खबर मिली, वो सदमे में चले गए. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. ग्रामीणों में घटना के बाद आक्रोश है. पुलिस अधिकारी मौके पर हैं, शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. सेना की यूनिट को भी सूचना दे दी गई है. इस केस की बारीकी से जांच की जा रही है.
सिद्धार्थनगर में पांच बच्चों की मां और चार बच्चों के पिता की शादी
10 Apr, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शादी सात जन्मों का पवित्र बंधन होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में दो लोगों ने इस रिश्ते को कलंकित कर दिया. पांच बच्चों की मां ने चार बच्चों के पिता से भागकर शादी कर ली. फिर फेसबुक पर फोटो भी शेयर की. जैसे ही दोनों के पति और पत्नी ने ये तस्वीरें देखीं, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. पति की सौतन संग तस्वीर देख पत्नी ने एक डिमांड रख दी है.
बताया जा रहा है कि करीब एक हफ्ते पहले महरिया गांव निवासी पांच बच्चों की मां गीता उसी गांव के चार बच्चों के पिता गोपाल के साथ भाग गई थी. उनकी शादी की खबर 5 अप्रैल को तब सामने आई जब कुछ गांव वालों ने गोपाल के फेसबुक अकाउंट पर उसकी और गीता की शादी की तस्वीरें देखीं. गांव वालों ने गीता के पति श्रीचंद और गोपाल की पत्नी को तस्वीरों के बारे में बताया.
तब तक गीता के ससुराल वालों का मानना था कि परिवार में मतभेद के बाद गीता नाराजगी में अपने माता-पिता के घर चली गई है. फेसबुक पर पोस्ट की गई तस्वीरों को देखकर पहले तो दोनों परिवारों को विश्वास नहीं हुआ. परिवार में सभी इस हरकत से हैरान रह गए.
पति के 90 हजार रुपये भी ले गई बीवी
श्रीचंद ने बताया कि वह मुंबई में वड़ा पाव बेचकर अपना गुजारा करता है, लेकिन हाल ही में वह घर पर ही रह रहा था. उसने आरोप लगाया कि गीता उसकी मेहनत की कमाई के 90,000 रुपये और घर के सारे गहने लेकर फरार हो गई है. उसने इस मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से भी संपर्क किया है.
क्या बोली दूसरी शादी करने वाले की बीवी
वहीं, गोपाल की पत्नी भी अपने चार बच्चों को पालने के लिए जूझ रही है. उसने दावा किया कि गोपाल परिवार के खर्चों में योगदान नहीं देता था और उसके साथ दुर्व्यवहार करता था. गोपाल की पहली पत्नी ने अपने पति को मरा हुआ बता दिया और कहा कि गोपाल जहां चाहे रह सकता है, लेकिन मेरे बच्चों को भरण-पोषण के लिए उनका हक मिलना चाहिए और उनके पालन-पोषण के लिए आर्थिक रूप से उसकी मदद हो.
पुलिस को मामले में कोई शिकायत नहीं मिली
सिद्धार्थ नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनुज सिंह ने कहा कि घटना संज्ञान में है. अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर हमें मामले के बारे में कोई शिकायत मिलती है, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
दोस्ती का खून: मिर्जापुर में युवक की शराब पिलाकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार
10 Apr, 2025 12:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में दो दोस्तों ने अपने ही एक दोस्त की हत्या कर दी. उन्होंने दोस्त की प्रेम प्रसंग के चलते शराब पिलाकर जान ले ली. आरोपी दोस्त मृतक युवक की चचेरी बहन से प्रेम करता था. दोस्त के विरोध करने पर उसके दोस्त ने नाराज होकर पहले अपने दोस्त को बहाने से मेला देखने के लिए बुलाया. फिर वहीं उसके साथ मारपीट करते हुए पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद वह शव को रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक कर फरार हो गए थे. हालांकि पुलिस ने 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर आरोपियों को जेल भेज दिया है.
दरअसल मिर्जापुर चुनार थाना क्षेत्र के शिवशंकरी धाम मंदिर के पीछे रेलवे ट्रैक किनारे दो दोस्तों ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी. हत्या की वजह प्रेम प्रसंग थी. मृतक युवक की चचेरी बहन से आरोपी दोस्त प्रेम करता था, लेकिन युवक विरोध करता था. इसी बात से नाराज होकर पहले दोस्त ने उसे मेला देखने के बहाने घर से शिवशंकरी धाम मंदिर के पीछे रेलवे ट्रैक किनारे बुलाया और शराब पिलाई. इसके बाद मारपीट कर सिर पत्थर से कूचल कर हत्या कर दी. पुलिस को गुमराह करने के लिए रेलवे ट्रैक किनारे शव को रखकर फरार हो गए, ताकि पुलिस को लगे यह हत्या नहीं हादसा है. हालांकि पुलिस ने 24 घंटे के अंदर इन्हें गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ में आरोपियों ने हत्या करने की बात कबूल कर ली.
दो दोस्तों ने मिलकर की हत्या
बताया जा रहा है मिर्जापुर चुनार थाना क्षेत्र के शिवाजी पुरम कैलहट के रहने वाले राहुल सिंह, आशीष कुमार सिंह और महेंद्र कुमार सिंह तीनों दोस्त थे. राहुल सिंह की चचेरी बहन से आशीष कुमार सिंह प्यार करता था. राहुल आशीष का विरोध कर रहा था. इसी बात को लेकर आशीष ने महेंद्र के साथ मिलकर राहुल को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. सोमवार की रात मेला देखने के बहाने रेलवे ट्रैक के पास बुलाया, जहां शराब पिलाकर पत्थर से सिर कुचल कर हत्या कर दी और फरार हो गए.
24 घंटे के अंदर आरोपी गिरफ्तार
मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने राहुल का शव देखा और मामले की जानकारी पुलिस और परिजनों को दी. घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा पुलिस बल के साथ मौके पहुंचे. घटना का निरीक्षण कर हत्या का पर्दाफाश करने के लिए टीम की गठन की. पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आशीष कुमार सिंह और महेंद्र कुमार सिंह को चुनार थाना क्षेत्र के शिवशंकरी धाम अंडरपास परसोधा पुल के नीचे से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है.
दोस्त की चचेरी बहन से प्यार
अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन ओपी सिंह ने बताया की रेलवे ट्रैक के किनारे चुनार थाना क्षेत्र के शिवशंकरी धाम मंदिर के पास राहुल का शव मिला था. राहुल आशीष कुमार सिंह और महेंद्र कुमार सिंह का दोस्त था. आशीष राहुल की चचेरी बहन से प्रेम करता था. इस बात को लेकर राहुल नाराज था. राहुल को रास्ते से हटाने के लिए महेंद्र के साथ आशीष कुमार सिंह ने राहुल की हत्या कर दी. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके पास से हत्या में इस्तेमाल किए गए पत्थर को भी बरामद कर लिया गया है. अब दोनों को जेल भेजा जाएगा.
उत्तर प्रदेश में मौसम ने ली अचानक करवट, तेज आंधी और बारिश का अलर्ट जारी
10 Apr, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में मौसम ने अचानक करवट लिया है. आज सुबह से ही कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. बारिश का यह सिलसिला अगले दो दिनों तक जारी रह सकता है. मौसम विभाग ने आगामी 2 दिनों तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश और तेज रफ्तार हवा का अलर्ट जारी किया है. घर से निकलने से पहले मौसम विभाग के इस अलर्ट को जरूर पढ़ लें.
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर में कल और परसों भी बारिश हो सकती है.
इसके अलावा सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं एवं आसपास इलाकों में बारिश के साथ ही बिजली गिरना यानी वज्रपात होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, 11 और 12 अप्रैल को इन सभी जिलों में बारिश होगी. वहीं 13 अप्रैल को लखनऊ के आसपास के इलाकों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
14 अप्रैल से मौसम सामान्य हो जाएगा और एक बार फिर गर्मी का सितम शुरू हो जाएगा. पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में मौसम शुष्क रहेगा. इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश, ओलावृष्टि, आंधी तूफान, वज्रपात के दृष्टिगत सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें.
इन दिनों गेहूं की कटाई भी चल रही है. बारिश की वजह से कई जगह पर फसल के नुकसान की खबर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश भी दिए हैं कि फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराई जाए ताकि इस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही की जा सके यानि फसल नुकसान का मुआवजा देने की कवायद शुरू की जा सके.
आशिक को अमीर बनाने के लिए महिला बनी तस्कर, पति को छोड़ा पुलिस भी हैरान!
10 Apr, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अक्सर आपने सुना होगा कि प्रेमी अपनी प्रेमी को खुश करने के लिए ना केवल चांद तारे तोड़ लाने की कसमें खाता है, बल्कि कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है. बिहार में इसके ठीक उल्टा हुआ है. यहां एक महिला ने पति से विवाद हुआ तो वह प्रेमी को खुश करने के लिए सारी हदें पार कर दिया. वह अपने इलाके में गांजा की सबसे बड़ी तस्कर बन गई. बड़ी बात यह कि वह इस धंधे के अपने घर में ही रहकर अंजाम दे रही थी, लेकिन किसी को कानोकान खबर तक नहीं थी.
इस महिला की पहचान पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर थाना इलाके के बैरागी टोला में रहने वाली अंजली के रूप में हुआ है. पुलिस के मुताबिक अंजली को अरेस्ट कर लिया गया है, लेकिन जिस प्रेमी को खुश करने के लिए और उसके सहयोग से यह धंधा कर रही थी, वह अभी फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक कुछ साल पहले अंजली की शादी यहां रहने वाले रंजीत शाह के साथ हुई थी.
आशिक को देना चाहती थी सारी खुशी
शादी के बाद कुछ दिनों तक तो सब ठीक था, लेकिन बाद में अंजली एक अन्य युवक के संपर्क में आ गई और इस बात को लेकर पति के साथ आए दिन झगड़े होने लगे. इसके बाद अंजली ने अपने आशिक को दुनिया का सारा सुख देने का ऑफर दिया और फिर उसके साथ मिलकर गांजा की तस्करी करने लगी. वह नेपाल से गांजा की खेप मंगाती और आसपास के विक्रेताओं को डिस्ट्रीब्यूट करती. बड़ी बात कि वह अपने घर में रहकर इस धंधे को अंजाम दे रही थी, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगने पायी.
महिला के बयान पुलिस भी हुई हैरान
इसी बीच पुख्ता इनपुट के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. आरोपी महिला को अरेस्ट कर पूछताछ हुई तो उसके बयान सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. बताया कि वह अपने आशिक को अमीर बनाने और उसे दुनिया की सारी खुशी देने के लिए यह धंधा कर रही थी. कल्याणपुर थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार के मुताबिक अब पुलिस इस महिला के प्रेमी की तलाश कर रही है.
देवर को फंसाने का प्रयास
पुलिस के मुताबिक इस महिला के प्रेम प्रसंग में सबसे बड़ी बाधा इसके पति और देवर थे. इसलिए इस महिला ने गांजा की खेप अपने देवर के घर में छिपायी और खुद पुलिस को सूचित भी कर दिया. उसे लगा कि घर में गांजा बरामद होने पर पुलिस उसके देवर को पकड़ लेगी, लेकिन आरोपी महिला की गिरफृतारी से इसकी साजिश का खुलासा हो गया. चकिया डीएसपी सत्येंद्र सिंह के मुताबिक मामले की जांच हर संभावित एंगल से की जा रही है.
क्या बदल रहा है NDA का समीकरण? BJP के पूर्व सांसद की नीतीश को लेकर नई वकालत मिले देश की दूसरी सबसे बड़ी कुर्सी!
10 Apr, 2025 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद अश्विनी चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है. बक्सर के पूर्व सांसद अश्विनी चौबे ने कहा है कि नीतीश डिप्टी पीएम (उप प्रधानमंत्री) पद के योग्य हैं.
अश्विनी चौबे ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे से कंधे मिलाकर चल रहे हैं, उनको उप प्रधानमंत्री बना देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो बिहार का विकास होगा और जगजीवन राम के बाद बिहार से दूसरा उप प्रधानमंत्री मिलेगा.
INDIA भी कर चुका है पेशकश!
इससे पहले पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था विपक्षी दलों के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने जनता दल (यूनाइटेड) को लुभाने के लिए नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री की पेशकश की थी.
हालांकि उसके बाद नीतीश समय-समय पर साफ कहते आए हैं कि वो NDA छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि एक-दो बार इधर-उधर चला गया था, लेकिन अब नहीं.
चुनाव आयोग के अनुसार, 2024 के चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 के 303 के मुक़ाबले काफी कम है. दूसरी ओर, कांग्रेस 99 सीटें जीती. बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA ने 293 सीटें जीतीं. नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. हालांकि बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में जेडीयू और टीडीपी का अहम रोल रहा.
किसके नेतृत्व में लड़ेगा NDA?
उधर इस साल बिहार में विधानसभा का चुनाव भी होना है. बीजेपी के कई नेता कह चुके हैं राज्य का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा था कि एनडीए बिहार में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहा है और हम दोनों नेताओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि 020 में भी गठबंधन ने नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था. उन्होंने कहा, भविष्य में भी हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.
‘अपने ही अस्पताल में ना मिला इलाज’ – पटना में MBBS छात्र की मौत के बाद छात्रों का प्रदर्शन
10 Apr, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के पटना के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज यानी आईजीआईएमएस में गुरुवार की सुबह छात्रों ने जमकर हंगामा किया. हंगामा कर रहे छात्रों का यह आरोप था कि संस्थान के एक छात्र की सड़क हादसे में हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उसे अपने ही संस्थान में बेड नहीं मिला. इलाज में देरी होने के कारण संस्थान के छात्र की जान चली गई.
उल्लेखनीय है कि आईजीआइएमएस की गिनती राजधानी ही नहीं, बल्कि राज्य के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में होती है. बताया जा रहा है कि गुजरे सात अप्रैल को एमबीबीएस सेकंड ईयर के छात्र अभिनव पांडे पटना के ही हड़ताली मोड़ के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में घायल हो गए थे. उनको लेकर के छात्र इलाज के लिए आईजीआईएमएस पहुंचे थे. छात्रों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने बेड देने से मना कर दिया.
इलाज के दौरान हुई छात्र की मौत
इसके बाद घायल छात्र को एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अपने साथी की मौत के बाद मेडिकल छात्र नाराज हो गए और उन्होंने संस्थान में हंगामा किया. छात्रों ने संस्थान के डायरेक्टर के ऑफिस का भी घेराव किया. हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस हरकत में आई और तुरंत मौके पर पहुंची.
छात्रों ने लगाया ये आरोप
एहतियात को देखते हुए बड़ी संख्या में संस्थान में पुलिस बल की तैनाती की गई. साथ ही आला पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. हंगामा कर रहे छात्रों का कहना था कि आईजीआइएमएस पूरी तरह से दलालों के चंगुल में फंस गया है. यहां जरूरतमंद को बेड नहीं मिलता है, लेकिन दलालों के माध्यम से बेड मिल जाता है. छात्रों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की. स्थानीय प्रशासन पूरी घटना पर नजर बनाए हुए है.
प्रियांशु रैदास पर चाकू से हमले के आरोपी सलमान को पुलिस ने किया गिरफ्तार
9 Apr, 2025 05:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मुस्लिम युवक ने मामूली विवाद में पड़ोस में रहने वाले एक दलित लड़के का गला रेत दिया. आरोपी ने पीड़ित पर एक बार नहीं, बल्कि बार बार वार किया. इस घटना में गंभीर रूप से घायल युवक को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. घटना लखनऊ के मलीहाबाद में मोहम्मडन टोला का है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है. आरोपी की पहचान यहां रहने वाले सलमान के रूप में हुई है.
पुलिस के मुताबिक इसी मुहल्ले में रहने वाले दलित लड़का प्रियांशु रैदास मंगलवार की रात खाना खाने के बाद अपने दोस्त आनंद के साथ सड़क पर टहल रहा था. इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला आरोपी सलमान आ गया. इनके बीच कुछ बात हुई और अचानक से सलमान ने जेब से चाकू निकाला और प्रियांशु के गले पर ताबड़तोड़ वार कर दिया. इस दौरान प्रियांशु के दोस्त आनंद ने बीच बचाव की कोशिश की तो आरोपी ने उसके ऊपर भी हमला किया. इस घटना में प्रियांशु और आनंद दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए.
वारदात के लिए तैयार होकर आया था आरोपी
आनन फानन में दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां आनंद को तो डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी, लेकिन प्रियांशु की हालात को देखते हुए उसे भर्ती कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी सलमान और पीड़ित प्रियांशु के घर के बीच महज 10 कदम का फासला है. बावजूद इसके, आरोपी जिस प्रकार से इस वारदात को अंजाम दिया है, उसे देखकर लग रहा है कि वह पहले से ही इस वारदात के लिए तैयार हो कर आया था. पीड़ित के परिजनों का कहना है कि गले पर तीन बार वार किया गया है.
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा प्रियांशु
सामने से गला काटने की कोशिश की गई है. इसी प्रकार गले पर बगल से भी वार किया गया है. फिलहाल प्रियांशु अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. पुलिस के मुताबिक आरोपी सलमान को अरेस्ट कर लिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी ने मामूली विवाद में इस वारदात को अंजाम दिया है. हालांकि पुलिस अन्य एंगल से भी मामले की जांच कर रही है. उधर, प्रियांशु के परिजनों ने आरोपी के लिए फांसी की मांग की है.
फिल्म निर्माता प्रभु देवा और अभिनेता विष्णु मांचू ने मुख्यमंत्री योगी से की मुलाकात
9 Apr, 2025 05:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मशहूर कोरियोग्राफर, एक्टर, फिल्म निर्माता और निर्देशक प्रभुदेवा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। प्रभुदेवा अपनी आने वाली फिल्म ‘कन्नप्पा’ के प्रमोशन के सिलसिले में सीएम योगी से मुलाकात किये। उनके साथ कनप्पा की टीम भी मौजूद रही।
सीएम योगी ने टीम को दी शुभकामनाएं
कनप्पा फिल्म के निर्माता और मोहन बाबू विश्वविद्यालय के कुलपति मोहन बाबू, फिल्म आर्टिस्ट विष्णु मांचू और विनय माहेश्वरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान सीएम योगी ने कनप्पा के पोस्टर पर अपना ऑटोग्राफ दिया और टीम को फिल्म के लिए शुभकामनाएं दीं। कनप्पा की टीम ने सीएम योगी को अंगवस्त्र और अन्य उपहार दिए।
क्या है कनप्पा ?
कन्नप्पा एक आने भारतीय तेलुगु-भाषा की फैंटेसी फिल्म है, जिसका निर्देशन मुकेश कुमार सिंह ने किया है और इसे मोहन बाबू ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म हिंदू धर्म में भगवान शिव के भक्त कन्नप्पा की पौराणिक कथा पर आधारित है।
अक्षय कुमार करेंगे डेब्यू
फिल्म में मुख्य भूमिका में विश्नु मांचू नजर आएंगे। सहायक भूमिकाओं में मोहन बाबू, आर. शरत कुमार, अर्पित रांका, कौशल मोंडा, राहुल माधव, देवराज, मुकेश ऋषि, ब्रह्मानंदम, रघु बाबू, प्रीति मुकुंदन और मधु शामिल हैं। फिल्म में विशेष कैमियो भूमिकाओं में मोहनलाल, प्रभास, अक्षय कुमार (जो इस फिल्म के माध्यम से तेलुगु सिनेमा में डेब्यू कर रहे हैं) और काजल अग्रवाल भी नजर आएंगे।
इटावा: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही, जच्चा-बच्चा वार्ड में सो रहे आवारा कुत्ते
9 Apr, 2025 04:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के जसवंत नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का मामला सामने आया है. जसवंतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), जिसे जिले की नंबर वन सीएचसी का दर्जा प्राप्त है. यहां सीएचसी में आवारा कुत्ते घूमते और जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती महिलाओं और नवजातों के साथ-बैड पर सो रहे हैं. इसका वीडियो अब सोशल मडिया पर वायरल हो रहा है. मामले में सीएमओ ने जांच के निर्देश दे दिए हैं.
वायरल हुए वीडियो में सीएचसी के मातृ और शिशु वार्ड की गैलरी, वॉशरूम, सीढ़ियां और तो और बैड पर कुत्तों को सोते देखा जा सकता है, जबकि सबसे संवेदनशील माने जाने वाले मातृ और शिशु वार्ड में हर पल सतर्कता और स्वच्छता की आवश्यकता होती है. बताया गया है कि रात के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है. प्रसव के बाद थकी हुई प्रसूताएं बिस्तर पर बदहवास पड़ी होती हैं. ऐसे में अगर किसी कुत्ते ने वार्ड में प्रवेश कर लिया तो वह कभी भी किसी नवजात को नुकसान पहुंचा सकता है.
मरीजों के परिजनों ने क्या कहा?
वहीं मामले में स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है. कुछ माह पहले भी इसी समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान खींचा गया था, लेकिन नतीजा सिफर रहा. वार्ड में रात के समय कुत्तों के आपसी झगड़े से शिशु डर के मारे चीखने लगते हैं और महिलाएं भयभीत हो जाती हैं. अब सवाल उठता है कि यदि किसी दिन कोई अप्रिय घटना घट गई, तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा.
लापरवाही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. कई बार कुछ लोग बचा कुचा खाना कुत्तों को डाल देते हैं. इस कारण कई बार कुत्ते अंदर घुस आते होंगे.
लखनऊ में 10 साल से चल रहा प्लॉट फर्जीवाड़ा, 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा
9 Apr, 2025 04:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्लॉट के नाम पर 100 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की परतें खुलती जा रही हैं. यह फर्जीवाड़ा लखनऊ के पॉश इलाकों में 10 साल से चल रहा था. खास बात है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का निगरानी तंत्र इतना कमजोर है कि फर्जीवाड़ा कर एलडीए के प्लॉट बेचने वाला गिरोह कई साल से सक्रिय रहा और सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से 90 से अधिक प्लॉट बेच डाले. इनकी कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है.
दरअसल, यूपी पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को शिकायत मिल रही थी कि लखनऊ में एलडीए के प्लॉट को फर्जी तरीके से बेचा जा रहा है. गिरोह ने एक आईएएस अफसर के प्लॉट को ही बेच दिया था. इसके बाद एसटीएफ ने सचिन सिंह उर्फ अमर सिंह राठौर, अचलेश्वर गुप्ता उर्फ बबलू गुप्ता, राम बहादुर सिंह, मुकेश मौर्या उर्फ रंगी, राहुल सिंह और धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया. आरोपियों के पास से 23 जमीनों के रजिस्ट्री पेपर भी मिले थे.
कैसे होता था ‘प्लॉट फ्रॉड’?
लखनऊ के गोसाईंगंज, जानकीपुरम विस्तार, गोमती नगर और सरोजिनी नगर जैसे पॉश इलाकों को लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी एलडीए ने ही डेवलप किया था. इस वजह से रजिस्ट्री से लेकर सारे कागज एलडीए के पास मौजूद रहते हैं. इन इलाकों में कई ऐसे प्लॉट है, जिस पर घर नहीं बने हैं. गिरोह के सदस्य ऐसे ही प्लॉट को निशाना बनाते थे. पहले वह सस्ते दर में जमीन की चाहत रखने वालों लोगों को अपनी जाल में फंसाते थे.
इसके बाद एलडीए के कर्मचारी मूल आवंटियों की रजिस्ट्री निकालकर गिरोह को देते थे. फिर आवंटियों के नाम पर फर्जी आधार कार्ड समेत कई जरूरी दस्तावेज बनवाए जाते थे. फर्जी आधार कार्ड पर मूल आवंटी की जगह गिरोह के सदस्य की तस्वीर होती थी. ऐसे में जमीन खरीदने वाले को शक भी नहीं होता था. फिर घर के भीतर ही रजिस्ट्री कर दी जाती थी. कमरे में ही स्कैनर, रजिस्ट्री से जुड़े मुहर, स्टांप पेपर रखा रहता था.
खास बात है कि इसके पहले भी गोमतीनगर के बेलहारा गांव में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था. फिर भी एलडीए के अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई. इस फर्जीवाड़े में पूर्व नजूल अधिकारी का नाम भी सामने आया था. हालांकि, मामले को दबा दिया गया. कंप्यूटर सेल के अधिकारियों की मिलीभगत से ऑनलाइन भी डाटा फीडिंग होती रही. इसमें तत्कालीन अधिकारी एसबी भटनागर दोषी पाए गए थे. इसकी जांच भी अब तक चल रही है.
खुलासे के बाद अब क्या मूल आवंटियों को मिलेगी जमीन?
गिरोह के सदस्यों ने अभी तक 90 प्लॉट के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. इस फर्जीवाड़े में एलडीए के कई कर्मचारी भी शामिल है, जिनकी जांच एसटीएफ कर रही है. इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मूल आवंटियों को जमीन वापस मिलेगी? सूत्रों के अनुसार, जिन भूखंडों को फर्जी तरीके से बेचा गया, अभी तक उनमें से एक भी प्लॉट की रजिस्ट्री निरस्त नहीं करवाई गई है. इसके लिए एलडीए को हर प्लॉट की कोर्ट फीस जमा करनी होगी. यह प्रक्रिया लंबी है.
सरगना के पकड़े जाते ही उसके अकाउंट से कहां गए पैसे?
गिरोह के सरगना अचलेश्वर गुप्ता के खातों की जांच के दौरान एसटीएफ चौंक गई. दरअसल, फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद उसने खातों को खाली कर दिया. उसके 10 लोन अकाउंट सामने आए हैं, जिसे उसने बंद करवा दिया. दो सेविंग अकाउंट में बैलेंस जीरो है और एक ओवर ड्राफ्ट अकाउंट बंद पाया गया. एसटीएफ लेन-देन का ब्योराखंगालरहीहै
BJP की 2027 चुनावी रणनीति में संघ की अहम भूमिका, SP के PDA फॉर्मूले को कैसे करेंगे नाकाम!
9 Apr, 2025 04:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भले ही 2027 में है, लेकिन बीजेपी और सपा के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगाने की कवायद में है तो सपा अपने सियासी वनवास को खत्म करने की जद्दोजहद में जुटी है. अखिलेश यादव की पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वाली पीडीए पॉलिटिक्स के आगे बीजेपी का सवर्ण-पिछड़ा-दलित वाली सोशल इंजीनयरिंग फेल हो गई थी. पीडीए पर सवार सपा ने बीजेपी का सारा सियासी गेम ही बिगाड़ कर रख दिया था.
ऐसे में योगी सरकार की वापसी के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मददगार बनेगा. सपा के पीडीए फॉर्मूले को काउंटर करने के लिए संघ योगी सरकार के साथ बीजेपी के लिए सियासी माहौल बनाने की कवायद करेगा.
संघ प्रमुख मोहन भागवत एक हफ्ते के उत्तर प्रदेश के प्रवास यात्रा पर थे, जहां उन्होंने अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. संघ प्रमुख ने काशी प्रवास के दौरान एक कार्यक्रम में कहा कि मंदिर, पानी और श्मशान घाट जैसी चीजें हर हिंदू को बिना किसी भेदभाव के मिलनी चाहिए, चाहे वह किसी की भी जाति के हों. वहीं, दूसरी ओर लखनऊ में संघ के सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की मौजूदगी में संघ की आर्थिक समूह के साथ समनव्य बैठक हुई. संघ परिवार और बीजेपी सरकार के बीच विधानसभा चुनाव 2027 का रोडमैप तैयार करने को लेकर रूपरेखा बनी. संघ की सियासी बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए सपा भी सतर्क हो गई है और गांव-गांव पीडीए को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है.
SP के पीडीए को संघ करेगा काउंटर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पीडीए फॉर्मूला 2024 में हिट रहा था. यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से सपा ने 37 सीटें जीतीं तो कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि बीजेपी को 33 सीट और उसके सहयोगी दलों के पाले में केवल तीन सीटें आई थीं. सपा अपने इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें 2024 में जीतने में कामयाब रही. इसके चलते ही अखिलेश ने 2027 के लिए अपनी पीडीए की सियासत को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. सपा के जातीय पैटर्न से बीजेपी अलर्ट हो गई है और जातियों में बिखरे हिंदुओं को फिर से एकजुट करने की मुहिम में जुटी है.
सीएम योगी के ‘बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ का नारा हो या फिर 80-20 का नैरेटिव, ये सारी कवायद जातियों में बिखरे हिंदुओं को एक साथ लाने की रणनीति है. वहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत के काशी प्रवास के दौरान मंदिर, पानी और श्मशान घाट सभी के बताकर हिंदुओं की एकता को मजबूत करने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारतीय हैं. ऐसे में हमें सभी को साथ लेकर चलना है.
हिंदू एकता पर आरएसएस का रहा जोर
आरएसएस बहुत पहले से ही हिंदू एकता की वकालत करता रहा है. वह समाज से छुआछूत और जाति आधारित भेदभाव मिटाने के लिए प्रयास करता हुआ दिखता रहा है. लेकिन अब जब संगठन अपने सौ साल पूरे कर रहा है तब भी ये समस्याएं जस-की तस समाज में बनी हुई हैं. देश में जोर पकड़ती जातीय जनगणना की मांग ने बीजेपी के सियासी समीकरण को बिगाड़ने के साथ संघ की सालों से की जा रही मेहनत पर ग्रहण लगाता नजर आ रहा है.
जातीय जनगणना की मांग सवर्ण जातियों के खिलाफ पिछड़ी जातियों की गोलबंदी के रूप में देखा जा रहा है. इसे संघ विराट हिंदू एकता के लिए खतरा मानता है. ऐसे में संघ प्रमुख की कोशिश जातियों में बिखरे हुए हुए हिंदुओं को एक छतरी के नीचे लाने की है.
कांग्रेस और सपा के द्वारा उठाए गए 2024 में आरक्षण और संविधान के मुद्दे से दलितों और पिछड़े समाज के लोग भावनात्मक रूप से जुड़े थे. दलित और पिछड़ा समाज ही हिंदू समाज के एक बड़े हिस्से की संरचना करता है. यह चुनावी राजनीति का एक बड़ा हिस्सा भी है. इसे देखते हुए ही आरएसएस ने इस वर्ग तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हिंदू एकता और गांवों तक शाखा की पहुंच बढ़ाने की बात पर जोर दे रहा है. इसीलिए संघ अभी से ही हिंदुओं को एकजुट करने की कवायद में है ताकि 2027 में बीजेपी से लिए सियासी राह मुश्किल भरी न हो सके.
संघ और सरकार के बीच सियासी केमिस्ट्री
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की मौजूदगी में मंगलवार को संघ के आर्थिक समूह के साथ लखनऊ में समन्वय बैठक हुई. जनता के फीडबैक के आधार पर संघ परिवार और सरकार मिलकर विधानसभा चुनाव 2027 का रोडमैप तैयार करेंगे. इसके लिए रोजगार, रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती और किसानों-गरीबों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को खास फोकस करने की बात कही गई है. संघ ने योगी सरकार को रोजगार की दिशा में तेजी से काम करने और सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती का सुझाव दिया.
आरएसएस से जुड़े आर्थिक समूह के भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, सहकार भारती, लघु उद्योग भारती समेत कई संगठनों के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए. साथ ही योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, श्रम व सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान भी मौजूद रहे. इस दौरान मजदूर संघ ने संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा समेत कई मुद्दे उठाए. भारतीय किसान संघ ने कहा कि किसानों के लिए पहले की तरह आगे भी कर्ज माफी पर विचार किया जाए.
लोकसभा चुनाव 2024 में स्वयंसेवकों की निष्क्रियता के असर बीजेपी के नतीजे पर पड़ा था. ऐसे में संघ ने 2027 के चुनाव में बीजेपी के लिए सियासी मदद करने का फैसला किया है. संघ प्रमुख ने यूपी में अलग-अलग हिस्सों में जाकर सियासी थाह ली और निष्क्रिय स्वयंसेवकों को फिर सक्रिय करने के लिए पदाधिकारियों को उनके घर जाकर उनसे संवाद करने को दिशा-निर्देश भी दिए. इस तरह बीजेपी के लिए संघ की सियासी मदद ही सत्ता की हैट्रिक का सपना पूरा करा सकती है.
संघ की सक्रियता से सपा अलर्ट
संघ के सक्रिय होते ही सपा ही अलर्ट हो गई है. सपा अपने पीडीए फॉर्मूले को और भी मजबूत करने की कवायद में जुट गई है. अखिलेश का फॉर्मूला जातीय गणित पर आधारित है और 90-10 का दांव चल रहे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव समाजवादियों के साथ अब अंबेडकरवादियों को भी जोड़ने में लगे हैं. सपा की कोशिश पिछड़ा-दलित के साथ अल्पसंख्यक वोटों का मजबूत समीकरण बनाना चाहती है.
सपा का पूरा फोकस दलित वोटबैंक जोड़ने पर है, जिसके लिए बसपा के बैकग्राउंड वाले नेताओं को अपने साथ मिला रहे हैं. इसके अलावा ‘अंबेडकर जयंती’ के मौके पर सपा ने स्वाभिमान-स्वमान समारोह का आयोजन कर रही. इस तरह सपा संविधान और आरक्षण बचाने के नैरेटिव को सेट करने की स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है.
सपा दलितों को जोड़ने के साथ ओबीसी और दलित समाज पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए वैचारिक फ्रंट पर संघ परिवार के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है. सपा ने स्ट्रैटेजी बनाई है कि समाजवादी विचारों को गांव-गांव व घर-घर तक पहुंचने की है. सपा नेतृत्व ने समर्पित टीमें बनाने का फैसला किया है. ये टीमें ब्लॉक, तहसील व जिला स्तर पर जाकर काम करेंगी. सपा नेतृत्व समाजवादी विचारक राममनोहर लोहिया के उदार हिंदुत्व के रास्ते को ठीक मानता है.
सपा सूत्रों की माने तो संघ परिवार के विचार कट्टर हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए समाजवादियों को उनके विचारों का खुलकर विरोध करने के लिए उतरना होगा. धर्म और हिंदुत्व पर लोहिया के जो विचार हैं, उन्हें पैंफलेट के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही यह भी बताया जाएगा कि उदार और कट्टर हिंदुत्व में क्या अंतर है. कट्टर हिंदुत्व की धारा क्यों देश और समाज के लिए घातक है. सपा ने तय किया है कि मनुस्मृति के खिलाफ भी समाजवादी पक्ष को जनता के बीच रखा जाएगा, जिससे दलित और पिछड़े वर्ग पर सियासी पकड़ बनी रहे.