उत्तर प्रदेश
भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का जमशेदपुर में एक महीने का शूटिंग शेड्यूल, फिल्म "कालामाटी" की शूटिंग
12 Feb, 2025 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जमशेदपुर: भोजपुरी सिनेमा जगत के पावरस्टार कहे जाने वाले पवन सिंह इन दिनों झारखंड में हैं. वह जमशेदपुर में अपनी फिल्म की शूटिंग करने वाले हैं. सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, पवन सिंह जमशेदपुर में करीब एक महीने रुकेंगे. यहां पर एक्टर अपनी आने वाली भोजपुरी फिल्म की शूटिंग करेंगे. जानकारी के अनुसार पवन सिंह जमशेदपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में फिल्म 'कालमाटी' की शूटिंग करेंगे. जमदेशदपुर पहुंचने का वीडियो पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.
भोजपुरी फिल्म 'कालामाटी' की शूटिंग
11 फरवरी, 2025 दिन मंगलवार को भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह जमशेदपुर पहुंचे हैं. पवन सिंह जमशेदपुर के सोनारी स्थित डफलम और एलबम के निर्माता निदेशक बदरी झा के स्टूडियो में भी गए थे. भोजपुरी फिल्म 'कालमाटी' का निर्माण जमशेदपुर म्यूजिक फैक्ट्री की तरफ से किया जा रहा है. भोजपुरी फिल्म 'कालमाटी' की शूटिंग केवल जमशेदपुर में ही नहीं होगी. बल्कि झारखंड के कई आकर्षक जगहों पर भी किया जाएगा. इस फिल्म के लीड रोल में पवन सिंह होंगे. भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह एक सप्ताह बाद लगातार इस फिल्म की शूटिंग करेंगे.
फिल्म से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया
पवन सिंह ने जमशेदपुर का अपना एक वीडियो इस फिल्म से जुड़ा हुआ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. अपने इंस्टाग्राम पर पवन सिंह ने रील वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "कालामाटी की स्क्रिप्ट पर चर्चा. मंच तैयार है, कल्पना भव्य है क्या आप इतिहास बनते देखने के लिए तैयार हैं. 'काला माटी' भोजपुरी सिनेमा को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है हमारे."
प्रशांत किशोर का बड़ा बयान, नीतीश कुमार नवंबर 2025 के बाद नहीं रहेंगे मुख्यमंत्री
12 Feb, 2025 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार: जन सुराज पार्टी के प्रमुख और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि बिहार में अक्टूबर या नवंबर में होने वाला आगामी चुनाव चौंकाने वाला होगा। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वे मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। नवंबर 2025 के बाद वे सीएम नहीं रहेंगे।
शारीरिक रूप से थक चुके, मानसिक रूप से रिटायर
प्रशांत किशोर ने कहा कि BJP के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन चुनाव जीते या न जीते, नवंबर 2025 के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा, "नीतीश कुमार शारीरिक रूप से थक चुके हैं और मानसिक रूप से रिटायर हो चुके हैं। नीतीश कुमार कैमरे पर अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और उनके विभागों का नाम बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए काम करना, वोट देना और चुनाव जीतना बहुत बड़ी बात है।" उन्होंने कहा, "उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वे कोई बड़ा राजनीतिक प्रयास कर सकें।"
नीतीश कुमार केवल "मुखौटा"
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में एनडीए गठबंधन फिलहाल BJP के रहमोकरम पर है और नीतीश कुमार केवल मुखौटा बनकर रह गए हैं। प्रशांत किशोर ने कह, "जब सीटों का बंटवारा होगा तो जेडीयू 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन अगर 2025 में एनडीए बिहार में जीत भी जाती है. तो अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि BJP अपना मुख्यमंत्री खुद बनाएगी।
बिहार में BJP मजबूत नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में BJP इतनी मजबूत नहीं है कि वह अपने दम पर राज्य की राजनीति तय कर सके। उन्होंने कहा- "लोकसभा के बाद, 4 विधानसभा सीटों और 1 विधान परिषद सीट पर उपचुनाव हुए। 5 उपचुनावों में से एनडीए ने 4 सीटें गवां दी। मौजूदा विधायक हार गए। बिहार में, दो-तिहाई लोग बदलाव चाहते हैं, चाहे वे आरजेडी के मतदाता हों या एनडीए के।"
बिहार की राजनीति अलग, मुद्दे भी अलग हैं
उन्होंने कहा कि BJP ने हरियाणा और महाराष्ट्र का चुनाव भले ही जीत लिया. लेकिन बिहार में यह उतनी बड़ी भूमिका नहीं निभा सकती। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत से BJP कार्यकर्ताओं का मनोबल भले ही ऊंचा हो, लेकिन बिहार की राजनीति अलग है और इसके मुद्दे अलग हैं। यहां BJP की ताकत अलग है। केवल एक बार BJP ने 243 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ा है। आम तौर पर BJP 100 से कम सीटों पर लड़ती है। प्रशांत किशोर ने कहा, "BJP इतनी मजबूत नहीं है कि वह अकेले बिहार की राजनीतिक दिशा तय कर सके।"
खगड़िया में मृतक के नाम पर 1.46 लाख रुपए की वसूली का मामला, बैंक ने दर्ज कराया केस
12 Feb, 2025 12:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खगडिया: खगडिया जिले से अनोखी खबर सामने आ रही है. एक बैंक की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां एक बैंक ने एक ऐसे शख्स के नाम पर केस कर दिया, जिसकी मृत्यु सात साल पहले हो चुकी है. यही नहीं लापरवाही तो तब हो गई जब मृतक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया है. वहीं जब पुलिस शख्स को गिरफ्तार करने पहुंची. तो परिजनों ने जो बताया उससे हैरान रह गई और खाली हाथ वापस लौट गई. जानकारी के अनुसार जिले के चौथम ब्लॉक के नवादा गांव के निवासी विद्यानंद की मृत्यु 7 साल पहले अप्रैल 2018 में ही हो चुकी है. इसके बाद दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की देवका शाखा ने मृतक के नाम पर 1.46 लाख रूपए की वसूली को लेकर केस दर्ज करा दिया. इसके बाद मृतक की गिरफ्तारी का वारंट भी जारी हो गया.
खाली हाथ लौटी पुलिस
वहीं जब पुलिस नामित व्यक्ति को गिरफ्तार करने गई. तो लोगों ने मृतक व्यक्ति के परिजनों ने पुलिस को सच्चाई बताई. सच्चाई का पता चलने के बाद पुलिस खाली हाथ वापस लौट गई. अब बैंक की इस अनोखी कार्यशैली की हर जगह चर्चा हो रही है. परिजनों ने बताया कि इसकी जानकारी बैंक को दे दी गई थी. इसके बाद भी अगर केस दर्ज कराया गया और गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया तो ये गलत है.
बैंक मैनेजर ने दर्ज कराया था केस
मामला सामने आने के बाद बैंक की तरफ से जानकारी दी गई कि मृतक के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कराने का प्रावधान नहीं है. मृतक के परिजनों ने इस बात की सूचना बैंक को दी थी या नहीं, इसकी जांच की जाएगी. सूचना मिलने के बाद भी बैंक मैनेजर की तरफ से सर्टिफिकेट केस कराया गया है यह गलत है.
7 साल पहले हो चुकी शख्स की मौत
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था. वहीं गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शख्स को गिरफ्तार करने के लिए टीम पहुंची थी. पुलिस टीम को परिजनों ने बताया कि शख्स की सात साल पहले मौत हो चुकी है. जिसके बाद मामले की सच्चाई का पता चला है. इसकी जानकारी बैंक के कर्मचारियों को दे दी गई है. अब वो लोग अपने स्तर पर जांच करने की बात कह रहे हैं.
बारा नरसंहार मामला: 15 साल बाद मुख्य आरोपी किरानी यादव की गिरफ्तारी, 13 अभियुक्तों को सजा
12 Feb, 2025 12:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गया: बिहार में 1990 की दशक में कई नरसंहार हुए. उस दौरान सिर्फ एक नहीं बल्कि नरसंहार ने पूरी देश दुनिया का ध्यान बिहार की तरफ केंद्रित कर दिया. ऐसे में राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठे. इन्हीं नरसंहार में गया जिले के टिकारी ब्लॉक में स्थित बारा गांव का बारा नरसंहार भी था. गया में 31 साल पहले हुए इस नरसंहार को याद करके आज भी गांव के लोग सहम जाते हैं. 12-13 फरवरी की रात 1992 को हुए इस नरसंहार की खबर से हर कोई एकदम सन्न रह गया था. आधिकारिक आँकड़ों की मानें तो इस नरसंहार में भूमिहार जाति के 40 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. बारा नरसंहार, एक ऐसा नरसंहार था जिसे याद करके आज भी गुजरा हुआ अतीत सहम जाता है, थम जाता है, सिहर जाता है. इस नरसंहार में काल भी रो पडा था. निर्ममता इस कदर कि आधुनिक काल में शायद ही ऐसा नरसंहार कहीं और देखने को मिले.
जब बम और गोलियों से थर्रा गया था गांव
क्राइम की खबरों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं. 12 फरवरी 1992 की वह काली रात थी, जब सैंकडों की संख्या में रात में 9 बजे के करीब भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने बारा गांव को घेर लिया. पूरा गांव गोलियां और बम के धमाकों से दहल उठा था. नक्सलियों ने एक साथ इस गांव में हमला किया. पूरी योजना बनाकर के इस हमले को अंजाम दिया गया था. इस दौरान नक्सलियों ने चुन-चुन के भूमिहार जाति के लोगों को इकट्ठा किया और फिर उनके हाथ पैर बांधकर गांव के बाहर, बधार पर लेकर के चले गए. करीब चार घंटे तक नक्सलियों ने इस गांव में अपना कोहराम मचाया था.
रात डेढ बजे तक मौत का तांडव
पत्रकार ने बताया कि नक्सलियों की दहशत का आलम यह था कि उन्होंने इस खौफनाक वारदात को अंजाम देते हुए जरा सा भी रहम नहीं किया. रात 9 बजे जिन नक्सलियों ने गांव में पश्चिम की तरफ से प्रवेश किया था, उन्होंने करीब 1:30 बजे रात तक पूरे गांव में कोहराम मचा दिया. इस दौरान उन्होंने 40 लोगों का निर्मम तरीके से गला रेत दिया था. इनमें से 32 लोगों की मौत तो मौके पर ही हो गई, जबकि दो लोगों ने इलाज के क्रम में मेडिकल कॉलेज में तथा एक ने हमले के 22 दिनों के बाद पीएमसीएच में अपना दम तोड़ दिया. घायलों में लखन सिंह, गोपाल सिंह, योगेंद्र सिंह, धनंजय सिंह, वीरेंद्र सिंह समेत कई घायलों की जान बच गई थी. प्रशासन का आलम यह कि नक्सलियों के जाने के बाद उसे रेंज के डीआईजी, एसपी, थाना प्रभारी गांव में पहुंचे थे.
टाडा कोर्ट में सुनवाई
बारा नरसंहार मामले की सुनवाई टाडा कोर्ट में हुई थी. जून 2001 में 13 अभियुक्त को सजा सुनाई गई, जिसमें किरानी यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया. करीब एक दशक से भी ज्यादा वक्त तक विशेष अदालत में इसका ट्रायल चला. इस दौरान करीब आधा दर्जन से अधिक गवाहों ने किरानी यादव की पहचान की थी. बारा नरसंहार के सूचक सत्येंद्र शर्मा थे. इस नरसंहार में 34 लोगों पर नामजद और सैकड़ों नक्सलियों पर अज्ञात के रूप में मामला दर्ज कराया गया था. बताया जाता है कि 12 फरवरी 1992 को भाकपा माओवादी नक्सली संगठन ने इस घटना को अंजाम दिया था. जिला व सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने बारा नरसंहार के मुख्य आरोपी की किरानी यादव उर्फ सूर्यदेव यादव उर्फ रामचंद्र यादव को सजा सुनाई थी. किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. साथ ही साथ पांच लाख रुपये का दंड भी लगाया गया था. इसके अलावा 13 अन्य अभियुक्त को भी सजा हुई थी.
उम्रकैद में बदली थी सजा
अभियुक्त में नन्हे लाल, कृष्ण मोची, वीर कुंवर पासवान और धर्मेंद्र सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति ने चारों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. 2009 में नरेश पासवान और युगल मोची को फांसी की सजा हुई थी, जबकि साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को बरी भी किया गया था. खास बात यह कि घटना के 15 साल गुजरने के बाद किरानी यादव को गिरफ्तार किया गया था. इस गांव में आज भी नरसंहार की याद में एक स्मारक है. स्मारक में एक शिलापट्ट भी है, जिनमें उन सभी लोगों के नाम हैं, जिनकी हत्या कर दी गयी थी. इस निर्मम नरसंहार की गूंज पूरे देश में हुई थी, जिसने भी सुना था, वह बिल्कुल सकते में रह गया था.
अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ा: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने पर विधानसभा घेराव का ऐलान
11 Feb, 2025 06:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से अभ्यर्थी निराश हैं। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस प्रकरण की सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में होगी।आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा की इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में लंबी-लंबी डेट मिल रही। हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही। सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए निवेदन करें नहीं तो हम विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे।उन्होंने कहा की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर -दर की ठोकर खा रहे हैं जबकि हमें हाईकोर्ट डबल बेंच ने न्याय देते हुए फैसला हमारे पक्ष में सुनाया हैं। सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है।हाईकोर्ट डबल बेंच का फैसला आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिन लगातार धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का घेराव भी किया था। अब एक बार फिर 25 जनवरी 2025 से इन अभ्यर्थियों का धरना इको गार्डन में जारी है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का ऑर्डर, सभी उनके पक्ष में हैं लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा है। हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
महाकुंभ में गंगा-यमुना से हर दिन 10-15 टन कचरा निकालने वाली ट्रैश स्कीमर की अहम भूमिका
11 Feb, 2025 05:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाकुम्भ: में गंगा-यमुना को स्वच्छ, निर्मल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रतिबद्ध है। आने वाले श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर अपने साथ भक्ति के साथ स्वच्छता का भाव भी ले जाएं, इसके लिए प्रयागराज नगर निगम मुख्यमंत्री जी के विजन को साकार करने में लगा हुआ है। न केवल मैनुअल, बल्कि आधुनिक तरीके से भी गंगा-यमुना के संगम को स्वच्छ बनाने का काम हो रहा है। इसके लिए बकायदा ट्रैश स्कीमर मशीन लगाई गई है। यह मशीन हर दिन गंगा-यमुना से 10 से 15 टन कचरा निकाल रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके चलते विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ की तैयारी करीब 4 साल पहले ही शुरू कर दी गई थी। संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को साफ और स्वच्छ जल मिले, इसके लिए एक ट्रैश स्कीमर मशीन लगाई गई। तब यह मशीन 50-60 क्विंटल कचरा हर दिन निकालती थी। उसकी कार्य प्रणाली को देखते हुए करीब दो साल पहले एक और मशीन को प्रयागराज नगर निगम ने खरीदा। इसके बाद नदियों की सफाई की रफ्तार दोगुनी हो गई।
क्या है, ट्रैश स्कीमर मशीन
ट्रैश स्कीमर की मदद से पानी की सतह पर तैर रहे कचरे को इकट्ठा किया जाता है। इस मशीन का इस्तेमाल नदियों, बंदरगाहों, और समुद्रों में कचरा साफ करने के लिए होता है।यह मशीन प्लास्टिक, बोतलें, धार्मिक कचरा, कपड़े, धातु की वस्तुएं, पूजा अपशिष्ट, मृत पशु और पक्षी आदि को एकत्र करती है। यह पानी से खरपतवार (जलकुंभी) को हटाने में भी सहायक है।
मशीन की क्षमता 13 क्यूबिक मीटर
दोनों नदियों में सफाई कर रही मशीन की क्षमता 13 क्यूबिक मीटर है। ये मशीनें चार किमी का एरिया नदी में कवर करती हैं। यानी संगम क्षेत्र से लेकर बोट क्लब सहित अन्य दूरी तक सफाई करती है। इन मशीनों की मदद से गंगा के साथ ही यमुना को भी साफ किया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक, महाकुम्भ शुरू होने के बाद मशीन से कचरा एकत्र करने में 20 गुना तक बढ़ोतरी हुई है। ये मशीन सतह पर तैरने वाले फूल-माला, दोना-पत्तल, अगरबत्ती- धूपबत्ती के रैपर, प्लास्टिक, नारियल, कपड़े आदि को निकाल लेती है।
किस तरह काम करती है ट्रैश स्कीमर? मशीन के दोनों ओर गेट होते हैं, इनके अंदर कन्वेयर बेल्ट लगी होती है। ये गेट सामग्री को फंसाने के लिए हाइड्रॉलिक रूप से बंद हो जाते हैं। कचरे को एकत्र करने के बाद कन्वेयर बेल्ट पर ट्रांसफर किया जाता है। इसके बाद वहां से कचरा अनलोडिंग कन्वेयर बेल्ट पर जाता है और उसे बाहर कर दिया जाता है।
एक ही जगह कचरे का निस्तारण
नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि मशीन से एकत्र किए गए कचरे को निस्तारित करने के लिए नैनी के पास ही एक जगह डंप किया जाता है। वहां से इस कचरे को रोजाना गाड़ियों द्वारा बसवार स्थित प्लांट में ले जाते हैं। जहां इस कचरे से नारियल, प्लास्टिक और अन्य सामग्री को अलग किया जाता है। प्लास्टिक को रिसाइकिल के लिए भेजा जाता है, जबकि अन्य सामग्री, जो लायक होती है, उसे खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। मुंबई से मंगाई गई इस मशीन के संचालन का जिम्मा भी करीब 5 साल के लिए कंपनी को ही दिया गया है।
बिहार का 2025-26 बजट सत्र: 28 फरवरी से शुरू, आर्थिक सर्वेक्षण और वित्तीय वर्ष का बजट होगा पेश
11 Feb, 2025 01:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: बिहार विधान सभा का बजट सत्र 28 फरवरी से प्रारंभ होगा और 28 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सरकार जहां आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट भी पेश होगा। सत्र के दौरान कुल 20 बैठकें होगी। मंत्रिमंडल से विधानमंडल के बजट सत्र की स्वीकृति के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक सत्र के पहले दिन 28 फरवरी को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां दोनों सदनों को एक साथ संबोधित करेंगे। एनडीए सरकार की भावी योजनाओं और अब तक राज्य में किये गये विकास कार्यों के साथ चल रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी देंगे। इसके अलावा पहले दिन ही राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों को सदन में पेश किया जाएगा। 28 फरवरी को ही सरकार सदन में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेगी। एक और दो मार्च को बैठक नहीं होगी। तीन मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद और वाद-विवाद प्रस्तावित है।
एक नजर में अन्य दिनों की गतिविधियां
4 मार्च - राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद एवं सरकार का उत्तर.
5 मार्च - बजट पर सामान्य विमर्श.
6 मार्च - बजट पर सामान्य विमर्श और सरकार का उत्तर व तृतीय अनुपूरक बजट का उपस्थापन.
7 मार्च - बजट की अनुदान मांगों पर वाद-विवाद तथा मतदान.
10 मार्च - तृतीय अनुपूरक पर वाद-विवाद व सरकार का उत्तर, विनियोग विधेयक.
11-13 मार्च - वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद तथा मतदान.
14-16 मार्च- होली की वजह से बैठकें नहीं होंगी.
17-21 मार्च- वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद तथा मतदान.
24 मार्च - विनियोग विधेयक पर वाद-विवाद तथा सरकार का उत्तर.
25 मार्च - राजकीय विधेयक व अन्य राजकीय कार्य.
26 मार्च - गैर सरकारी सदस्यों के कार्य.
27 मार्च - राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य.
28 मार्च - गैर सरकारी सदस्यों के कार्य (गैर सरकारी संकल्प).
राज्य से बाहर निकालने की कोई योजना नहीं : डॉ. अखिलेश
वहीं दूसरी ओर पटना में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में बिहार को कुछ नहीं मिला। बजट में बिहार को बीमारू राज्य से बाहर निकालने की कोई योजना नहीं है। वे सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर वाद-विवाद के क्रम में अपना पक्ष रख रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को मीडिया में ऐसे प्रचारित किया गया जैसे बिहार को ही बजट में सब सौगात मिल गई। पर मिला क्या इस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बिहार को हरियाणा और पंजाब बनाने की बात कही थी। बिहार को 1.80 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की बात कही थी, जो आज तक नहीं मिला। देश के कुल जीडीपी में बिहार का योगदान आठ प्रतिशत था, जो आज मोदी सरकार के कार्यकाल में चार प्रतिशत रह गया है।
बिहार में कृषि ऋण भुगतान कम, अन्य राज्यों से पिछड़ा
बिहार में सड़कों पर खर्च की दर 44 रुपया है, लेकिन राष्ट्रीय औसत 117 रुपए है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने खुद अपने रिपोर्ट में स्वीकारा है कि बिहार में बाकी राज्य के अपेक्षा कृषि ऋण का भुगतान बेहद कम है। नीति आयोग के रिपोर्ट को देखा जाए तो स्वास्थ्य, शिक्षा, औद्योगिकीकरण में हम या तो निचले पायदान पर हैं या अंतिम हैं। बिहार ने आपको लोकसभा में क्रमश: तीन चुनावों में 32, 39 और 30 सांसद दिए लेकिन बिहार के साथ सिर्फ छलावा किया गया।
मुजफ्फरपुर में अजीब मामला: हिंदू लड़की ने मुस्लिम बॉयफ्रेंड को WhatsApp पर लिखा 'कबूल है', सिंदूर भी लगाने लगी
11 Feb, 2025 01:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले नाबालिग छात्र-छात्रा ने WhatsApp चैट के पर एक-दूसरे को तीन बार ‘कबूल है’ लिखकर खुद को शादीशुदा मान लिया. अब दोनों साथ रहने की जिद पर अड़े हुए हैं. मामला पुलिस तक भी जा पहुंचा है. मामला नगर इलाके का है. यहां रविवार को प्यार में पगलाए नाबालिग छात्र ने थाने में करीब दो घंटे तक जमकर हंगामा किया. वह अपनी प्रेमिका से शादी करने की जिद पर अड़ा रहा. छात्र शहर के पंकज मार्केट का निवासी है, जबकि प्रेमिका बोचहां थाना क्षेत्र से ताल्लुक रखती है. दोनों फिलहाल 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं.
'कबूल है' लिखकर पति स्वीकार किया
छात्र का कहना है कि पिछले दो सालों से उनके बीच अफेयर है. उसने दावा किया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने WhatsApp पर तीन बार ‘कबूल है’ लिखकर उसे अपना पति स्वीकार कर लिया है. जब यह बात दोनों के परिवारवालों तक पहुंची, तो उन्होंने कड़ा विरोध जताया और दोनों के मोबाइल जब्त कर लिए. साथ ही, मिलने-जुलने पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई.
अजीबोगरीब हरकतें करने लगा छात्र
इन दिनों दोनों की इंटरमीडिएट की परीक्षा चल रही है. इस दौरान छात्रा के परिजन उसे परीक्षा केंद्र तक छोड़ने और लाने का काम कर रहे थे. जिससे दोनों एक-दूसरे से मिल नहीं पा रहे थे. इससे छात्र बेचैन हो गया और अजीब हरकतें करने लगा. परेशान होकर छात्र की बहन ने नगर थाना पहुंचकर मदद की गुहार लगाई.
मोबाइल जांच में मिले सबूत
पुलिस ने छात्र को थाने बुलाकर उसके मोबाइल की जांच की, जिसमें लड़की के साथ उसकी कई तस्वीरें और WhatsApp चैट्स बरामद हुईं. चैट में लड़की ने तीन बार ‘कबूल है’ लिखकर उसे पति मान लिया था और वह खुद को उसकी पत्नी मानते हुए सिंदूर भी लगाने लगी थी. दोनों चोरी-छिपे कई बार एक-दूसरे से मिले भी थे.
अलग-अलग समुदाय से हैं दोनों
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने छात्र को समझाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा. चूंकि दोनों अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए परिवारवालों की चिंता और भी बढ़ गई है. फिलहाल पुलिस दोनों परिवारों से बातचीत कर मामले को शांत करने की कोशिश कर रही है. छात्र की बहन का कहना है कि उसका भाई इस रिश्ते को लेकर इतना जुनूनी हो चुका है कि उसने अपने माता-पिता और परिवार से दूरी बना ली है. पुलिस इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और स्थिति को संभालने का प्रयास कर रही है.
रांची में 50 जगहों पर लगे इमरजेंसी बॉक्स, टन दबाते ही मिलेगी मदद
11 Feb, 2025 01:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने रांची वासियों की सुरक्षा को लेकर कई इंतजाम किए हैं. एक तरफ जहां कमांड कंट्रोल एंड कम्यूनिकेशन सेंटर की मदद से पूरे शहर में स्वचालित यातायात प्रबंधन किया जा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर अपराध नियंत्रण और उसके खुलासे में भी कमांड सेंटर से मदद ली जा रही है. वहीं अब अगर आप किसी आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं, जैसे कि आप सड़क से गुजर रहे हैं और आपके साथ या आपके सामने किसी के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है. तो आप सीधे सरकार की एजेंसियों से जुड़ सकते हैं. इसके लिए रांची शहर के महत्वपूर्ण 50 चौक चौराहों पर पीले रंग का इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया गया है.
लाल रंग के बटन को दबाना होगा
इस बॉक्स में लगे लाल बटन के दबाते ही कमांड कंट्रोल सेंटर से आवाज आएगी, ताकि आप अपनी समस्या बता सकेंगे. समस्या बताते ही स्मार्ट सिटी और पुलिस की टीम आपकी मदद के लिए संबंधित एजेंसी से संपर्क कर आपको राहत दिलाएगी. इसके लिए न आपको मोबाइल फोन की जरूरत है और न ही किसी नंबर को याद रखने की जरूरत. बस आपके आसपास पीले रंग का बॉक्स होना चाहिए. अब किसी भी प्रकार की सड़क दुर्घटना, चेन स्नेचिंग, गोलीबारी, मारपीट, छेड़खानी या कोई अन्य आपराधिक वारदात होती है. तो तुरंत मदद के लिए इस बॉक्स का उपयोग किया जा सकता है. यह जरूरी नहीं है कि पीड़ित ही फोन करे. प्रत्यक्षदर्शी भी मदद पहुंचाने के लिए कॉल कर सूचना दे सकते हैं. यदि आसपास के इलाके में आग लग जाए तो भी या तो पीड़ित या आसपास के लोग फायर ब्रिगेड से संपर्क साधने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
रांची में 50 केंद्रों पर ये सुविधा दी गई
अगर सड़क पर कोई दुर्घटना होती है, तो एंबुलेंस सेवा के लिए भी इस बॉक्स का इस्तेमाल हो सकता है. पीड़ित या वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति इसकी सूचना कमांड सेंटर को दे सकता है. आंधी तूफान में तार, बिजली के खंभे गिरने और सड़क पर मृत मवेशियों के पड़े होने पर भी अगर सूचना मिलती है. तो इसकी सूचना कमांड सेंटर को दी जा सकती है. वर्तमान में शहर के 50 केंद्रों पर ये सुविधा प्रदान की गई है.
कहां-कहां पर लगाया गया पीले रंग का बॉक्स?
हालांकि फ्लाईओवर निर्माण और सड़कों की चौड़ीकरण के कारण कुछ बॉक्स अभी हटाए गए हैं. काम संपन्न होते ही बॉक्स को पुनः लगा दिया जाएगा. फिलहाल कांके रिंग रोड, मेन रोड ओवरब्रिज, सहजानंद चौक, शनि मंदिर चौक, हरमू चौक, अरगोड़ा चौक, सेटेलाइट चौक, कांके रोड, बिरसा चौक, मेकन चौक, सुजाता चौक, कोकर चौक समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर बॉक्स लगाया गया है.
गोपालगंज में 6 वर्षीय जुड़वा बहनों की हत्या, गेंहू के खेत से शव बरामद
11 Feb, 2025 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोपालगंज: गोपालगंज में दो 6 वर्षीय जुड़वां बहनों की गला घोंटकर हत्या कर दी गई, उनके मुंह में मिट्टी ठूंस दी गई. मृतकों की पहचान ऋषि और ऋषिका के रूप में की गई है, जो नर्सरी के छात्रा थीं. दोनों का शव थावे थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में उनके घर से एक किलोमीटर दूर खेत में मिला. थावे पुलिस ने दोनों का शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
स्कूल से नहीं लौटीं
यह घटना थावे थाना क्षेत्र के मठ गौतम गांव की है. जहां गेंहू के खेत में 6 वर्षीय जुड़वा बहन ऋषि और ऋषिता का शव बरामद किया गया. दोनों बहनें जगदीशपुर निवासी मन्नू सिंह का पुत्री थी. सोमवार को स्कूल गई थी, स्कूल से नहीं लौटने के बाद परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान शव खेत में होने की सूचना मिली.
पहले परिवार और ग्रामीणों ने की तलाश
दरअसल, जुड़वां बहनें सोमवार को सुबह करीब 9.30 बजे घर से पास के अपने प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए निकली थीं. जब वे शाम 4 बजे तक वापस नहीं लौटीं, तो उनके परिवार को चिंता हुई और उन्होंने तलाश शुरू की. ग्रामीणों की तरफ से की गई खोजबीन के बाद शाम को उनके शव मिले. उनके पिता मन्नू सिंह, जो एक राजमिस्त्री हैं.
मुंह में मिट्टी भरकर की गई हत्या
अपराध की वीभत्स घटना ने गांव में दहशत का माहौल बना दिया है. मृतिका के दादा ने बताया कि दोनों जुड़वा बहन थीं. स्कूल गई थी, शाम को नहीं लौटी तो 4 बजे से खोजबीन शुरू हुई. इसी दौरान रात में गेंहू के खेत से दोनों का शव बरामद किया गया. दोनों के मुंह में मिट्टी भरकर हत्या की गई है. फिलहाल, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के तहत आज औरंगाबाद जाएंगे, नौ मंजिला ओपीडी और चार मंजिला मातृ शिशु वार्ड का करेंगे उद्घाटन
11 Feb, 2025 09:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
औरंगाबाद: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के तहत आज मंगलवार औरंगाबाद आ रहे हैं. मुख्यमंत्री की इस प्रगति यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. अधिकारियों ने सोमवार को देव से लेकर औरंगाबाद के वैसे सभी स्थलों का मैराथन निरीक्षण किया जहां मुख्यमंत्री पहुंचने वाले हैं. हर जगह पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है.
डीएम और एसपी ने की संयुक्त निरीक्षण
सोमवार की शाम 5:00 बजे डीएम एवं एसपी ने संयुक्त रूप से सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां मुख्यमंत्री नौ मंजिला सामान्य ओपीडी और चार मंजिला मातृ शिशु वार्ड का उद्घाटन करेंगे. देव प्रखंड के सिंचाई कॉलोनी के बगल में स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए प्रस्तावित जमीन का भी निरीक्षण करेंगे.
पंचायत सरकार भवन का करेंगे उद्घाटन
मुख्यमंत्री का देव के सूर्य मंदिर में भी आगमन होगा. रूद्र कुंड और सूर्य कुंड का पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों का वे निरीक्षण करेंगे. पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन करेंगे. जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के अलावा पूरी तैयारी कर ली गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुबह करीब 10.30 बजे बेढ़नी पहुंचेंगे. प्रगति यात्रा को लेकर औरंगाबाद के एसपी अंबरीष राहुल ने बताया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर हर जगह ड्रॉप गेट एवं बैरिकेडिंग की गई है. हर जगह रूट लाइनिंग भी कर ली गई है. कुल मिलाकर 300-350 जगह को चिह्नित किया गया है. जहां मुख्यमंत्री की सुरक्षा की आवश्यकता थी उन सभी जगह पर फोर्स की तैनाती की गई है.
211 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात
इससे पहले बीते सोमवार को नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के तहत नवादा पहुंचे थे. प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने नवादा जिले को 211 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी. 202 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास, प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भी स्थल निरीक्षण किया.
झारखंड के पलामू जिले में बस पलटने से 24 यात्री घायल, चालक घटनास्थल से फरार
11 Feb, 2025 08:03 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पलामू: झारखंड के पलामू जिले में सोमवार तड़के छत्तीसगढ़ से बिहार जा रही एक बस अचानक पलट गई। इस हादसे में कम से कम 24 यात्री घायल हो गए। इनमें से छह की हालत गंभीर है। पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी दी। ये हादसा सुबह करीब साढ़े चार बजे हरिहरगंज पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत सुल्तानी गांव के पास हुआ। बताया जा रहा है कि बस सड़क पर बने एक डिवाइडर से जा टकराई, जिसके बाद ये हादसा हुआ। ये बस छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर से बिहार के आरा जा रही थी।
बस में सवार थे 60 यात्री
हादसे को लेकर थाना ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हादसे में घायल छह यात्रियों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल लोगों का मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज हो रहा है। उन्होंने बताया कि शेष लोगों का हरिहरगंज में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हो रहा है। आगे उन्होंने बताया कि ये बस स्लीपर कोच की थी, जिसमें यात्रियों के सोने की व्यवस्था थी और उसमें करीब 60 यात्री सवार थे। थाना प्रभारी ने बताया कि बस का चालक मौके से फरार हो गया है।
पटना में देह व्यापार रैकेट का खुलासा, पुलिस ने लड़कियों को किया रेस्क्यू
10 Feb, 2025 03:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: पटना में पुलिस ने देह व्यापार के धंधे में फंसी लड़कियों का रेस्क्यू किया है. यहां कदमकुआं के एक मकान पर पुलिस ने छापा मारा. पुलिस को देखते ही हड़कंप मच गया. एक अधिकारी के मुताबिक, इस रैकेट में आदित्य नाम के युवक का हाथ बताया जा रहा है. इस रैकेट में उसकी पत्नी की भूमिका भी होने की बात कही जा रही है. पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कदमकुआं में एक रैकेट चल रहा है. जो कि लड़कियों को झांसा देकर उन्हें वेश्यावृत्ति जैसे कामों में फंसा देता है. पुलिस ने बिना देरी किए छापेमारी की योजना बनाई और लड़कियों को उनके चंगुल से मुक्त कराया. पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड आदित्य पहले लड़कियों को नौकरी दिलाने का झांसा देता था और फिर उन्हें अपने फ्लैट पर ले जाता था. वहां वह उन्हें नशा देकर उनके साथ गलत काम करता था और बाद में उन्हें धमकाकर वेश्यावृत्ति जैसे कामों में धकेलता था.
छीन लेते थे मोबाइल फोन
मुक्त कराई गई लड़कियों में पटना के कदमकुआं इलाके की एक नाबालिग लड़की भी शामिल है. जो दिसंबर माह में घर से भाग गई थी और इन लोगों के झांसे में आ गई थी. आदित्य और उसकी पत्नी इन लड़कियों को वैश्यावृति के लिए होटलों में भी भेजा करते थे. यह दोनों इतने शातिर थे कि लड़कियों से किसी का भी संपर्क नहीं होने देते थे और उनके मोबाइल भी छीन लेते थे. पुलिस ने बताया कि लोगों को पहले व्हाट्सएप के जरिए लड़कियों की तस्वीरें भेजी जाती थी और डील होते हीलड़कियां उनके पास भेज दी जाती थी.
महाकुंभ जाने पर खुला राज
पुलिस ने जब छापा मारा था, तो आरोपी आदित्य और उसकी पत्नी वहां से फरार हो गए. पुलिस का कहना है कि वे दोनों महाकुंभ के लिए प्रयागराज गए थे. इस बीच एक लड़की ने किसी तरह अपने घरवालों को सूचना दी और पूरी घटना बताई. घरवालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और सभी लड़कियों को मुक्त कराया. मुक्त कराई गई लड़कियों में एक आरा, एक मधेपुरा और एक पटना की रहने वाली है. पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है और रैकेट के सभी पहलुओं को उजागर करने की कोशिश कर रही है. पुलिस आदित्य और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के लिए लगातार नजर बनाए हुए है, छापेमारी कर रही है. माना जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी से और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है. जिन लड़कियों को मुक्त किया गया है, उन्हें बालिका गृह भेज दिया गया है.
रांची में पत्नी की हत्या के आरोपी पूर्व एसडीओ गिरफ्तार, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
10 Feb, 2025 03:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: झारखंड पुलिस ने पत्नी की हत्या के आरोप में पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को गिरफ्तार किया. कुमार पर पत्नी को जिंदा जलाकर उसकी हत्या करने का आरोप है. 26 दिसंबर 2024 अशोक कुमार की पत्नी अनीता देवी संदिग्ध परिस्थियों में बुरी तरह से झूल गई थी. वहीं, बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद से ही पुलिस आरोपी अधिकारी की तलाश में जुटी हुई थी.
पत्नी की हत्या का आरोप
हजारीबाग जिले के पूर्व सदर एसडीओ अशोक कुमार ने पत्नी को जिंदा जलाकर मार दिया था. मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने हजारीबाग के तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार और उनके पिता दुर्योधन साव समेत चार लोगों के खिलाफ लोहसिघना थाना में हत्या का मामला दर्ज कराया था. भाई राजू ने आरोप लगाए थे कि अशोक कुमार के किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध थे. इसी कारण पति-पत्नी के बीच विवाद होता रहता था.
जिंदा जलाकर की हत्या
अशोक अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था. इस संबंध में मृतका ने थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अधिकारी होने के रसूख के चलते उन पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई थी. 26 दिसंबर 2024 को अशोक ने पत्नी अनीता देवी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया और फिर फरार हो गया. घटना के बाद पुलिस ने मृतका के भाई की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर पूर्व एसडीओ समेत हत्या में शामिल चारों लोगों की तलाश शुरू कर दी थी.
आरोपी रांची से गिरफ्तार
बता दे कि रविवार को पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की रांची से गिरफ्तारी हुई है, जबकि उनके पिता दुर्योधन साव को पहले ही हजारीबाग की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले आरोपी पूर्व सीडीओ ने 31 जनवरी 2024 को हजारीबाग के जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, लेकिन न्यायाधीश षष्टम को कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी, तभी से आरोपी की जल्द ही गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही थी.
यूपी में डॉक्टरों के लिए नया नियम: प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि पर रद होगा लाइसेंस और वसूली होगी रकम
10 Feb, 2025 03:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध के लिए शासन की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था में मरीजों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों पर जिलाधिकारी की नजर होगी। इसके साथ ही ऐसे चिकित्सकों में प्राइवेट प्रैक्टिस की पुष्टि होने के बाद उनसे प्रैक्टिस बंदी भत्ता वसूला जाएगा और निजी अस्पताल के साथ चिकित्सक का लाइसेंस भी जांच के बाद निरस्त किया जाएगा।निजी प्रैक्टिस पर रोकथाम के लिए शासन स्तर पर लगातार की जा रही कार्रवाई का असर शहर में देखने को मिल रहा है। निजी प्रैक्टिस में मशगूल सरकारी और अनुबंध वाले चिकित्सक अब अपनी ओपीडी में पूरा समय दे रहे हैं। इससे मरीजों को भी फायदा मिल रहा है।
डॉ. राघवेंद्र का किया गया था तबादला
वहीं, सरकारी चिकित्सालयों में सर्जरी की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। कुछ दिन पहले शासन ने मनमानी करने वाले चिकित्सकों पर कड़ा रुख अपनाते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य न्यूरो सर्जन को राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी स्थानांतरित किया गया।