मध्य प्रदेश
परामर्शदात्री समिति की बैठक में आए सुझावों पर होगी कार्यवाही :ऊर्जा मंत्री तोमर
11 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि ऊर्जा विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में विधायकों द्वारा दिये गये सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी का मार्गदर्शन विभाग के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि आरडीएसएस योजना की संभागवार समीक्षा करेंगे। समीक्षा में विधायकों को भी ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मीटर आधारित कनेक्शन देने पर विचार किया जाएगा। मंत्री तोमर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में आ रही समस्याओं के निराकरण में ऊर्जा विभाग नम्बर एक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में विद्युत की निरंतर बढ़ती मांग की पूर्ति के लिये पर्याप्त बिजली उपलब्ध है।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मण्डलोई ने गत् एक वर्ष में विभाग द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत्उत्पादन क्षमता में राज्य का अंश 23 हजार 788 मेगावॉट है। राज्य में पिछले 5 वर्षों में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 1086 यूनिट से बढ़कर 1332 यूनिट हो गई है। यह प्रदेश के विकास का द्योतक है।
बैठक में टीकमगढ़ के विधायक यादवेन्द्र सिंह, कटंगी विधायक गौरव सिंह पारधी, पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी और कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने ऊर्जा विभाग के कार्यों में सुधार संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उन्होंने क्षेत्रीय समस्याओं से भी अवगत कराया।
उप सचिव ऊर्जा मंदार पुराणिक ने पॉवर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन से विभागीय योजनाओं की प्रगति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षितिज सिंघल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वैष्णो देवी यात्रा : श्रद्धालुओं को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा
11 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कटड़ा। मां वैष्णो देवी की यात्रा जारी है। श्रद्धालुओं को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा है, सोमवार को वैष्णो देवी भवन की ओर रवाना हुए श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा के दौरान बारिश का सामना करना पड़ा। बदले मौसम को लेकर मां वैष्णो देवी के सभी मार्गों पर श्राइन बोर्ड प्रशासन के साथ ही पुलिस विभाग, सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान और आपदा प्रबंधन दल के अधिकारी तैनात हैं और यात्रा पर निगाह रखे हुए हैं।
आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा दिन में श्रद्धालुओं को उपलब्ध है। वहीं, बैटरी कार सेवा के साथ ही रोपवे केवल कार सेवा बिना किसी परेशानी के श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान इन सभी सेवाओं का श्रद्धालु लाभ उठाते नजर आए। वर्तमान में मां वैष्णो देवी की यात्रा में थोड़ी बढोतरी हुई है। श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की यात्रा करने के उपरांत कटड़ा में प्रसाद के रूम में खरीदारी कर रहे हैं, जिससे व्यापारी वर्ग खुश है।
वर्तमान में जिस तरह से मौसम का मिजाज है उम्मीद है कि श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान बारिश के साथ ही बर्फीली हवाओं का सामना भी करना पड़ सकता है। बीते 9 मार्च को 22635 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के दर्शन किए। वहीं, 10 मार्च को करीब 12500 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा कर भवन की ओर रवाना हो चुके थे। वहीं, जारी बारिश में अभी तक 11 लाख 10 हजार के करीब श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की यात्रा कर चुके हैं।
जल संरक्षण को बनाएं जन आंदोलन : मंत्री सिलावट
11 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संकल्प है कि हर घर स्वच्छ पेयजल और खेती के लिए हर खेत तक पानी पहुंचे। इसके लिए प्रदेश में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजनाओं के बाद ताप्ती मेगा बेसिन परियोजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न सिंचाई योजनाओं के माध्यम से सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तालाब एवं अन्य जल स्त्रोतों के उन्नयन, विकास, गहरीकरण, जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने और उनके आसपास पौधा-रोपण आदि के उद्धेश्य से प्रदेश में 30 मार्च 2025 से 30 जून 2025 तक “जल गंगा संवर्धन अभियान” चलाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने का जनता से आहवान किया।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने मंगलवार को प्रमुख अभियंता जल संसाधन कार्यालय के सभाकक्ष में अभियान की तैयारियों के संबंध में बैठक ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विनोद कुमार देवड़ा सहित सभी संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि जल संसाधन विभाग में प्रदेश में 32 वृहद, 120 मध्यम एवं 5 हजार 800 लघु जल संरचनाएं हैं। इनमें बनाए गए बांधों की नहर प्रणाली 40 हजार किलोमीटर की है जिनमें 16 हजार किलोमीटर पक्की और 24 हजार किलोमीटर कच्ची नहरें हैं। इन नहरों से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है। अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं की आवश्यक मरम्मत, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य किया जाना है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा रही है। यहां की चंदेल कालीन जल संरक्षण प्रणाली न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही है। जल संसाधन संभाग छतरपुर में 44, टीकमगढ़ में 71 और पन्ना में 5 चंदेल/बुंदेलकालीन तालाब हैं। अभियान के अंतर्गत इन सभी का संरक्षण किया जाना है।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए छोटी-छोटी योजनाएं बनाकर कार्य कराया जाए। आगामी बारिश के पूर्व प्रदेश के सभी पुराने बांधों एवं जल स्त्रोतों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। इसके लिए गत वर्ष में जिन-जिन तालाबों/ जल स्त्रोतों में क्षति हुई उनकी सूची बनाई जाए तथा उन जल स्त्रोतों का विशेष ध्यान रखा जाए। बांधों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय किए जाएं।
जल संसाधन मंत्री ने विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने बेसिन के अंतर्गत आने वाली जल संरचनाओं के संरक्षण एवं विकास का कार्य सुनिश्चित करें। जल संरक्षण एवं विकास कार्य में जन सहयोग लें। सीएसआर गतिविधि के अंतर्गत तालाबों को रख-रखाव के लिए गोद दिया जा सकता है। जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के इस कार्य में समाज के सभी वर्गों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, धर्म गुरूओं, मीडिया आदि का पूरा सहयोग लिया जाए। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रदेश में 10 रिवर बेसिन (नदी कछार) हैं।
जल गंगा संवर्धन अभियान में होने वाली प्रमुख गतिविधियां
सभी नहरों को विलेज मेप पर राजस्व विभाग की सहायता से मार्क किया जाना तथा विलेज मेप पर "शासकीय नहर" अंकित किया जाना।
बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त किया जाना।
नहर के अंतिम छोर पर जहां नहर समाप्त होकर किसी नाले मे मिलती है, उस स्थान पर किलो मीटर स्टोन लगाया जाना।
40 हजार किलोमीटर की नहर प्रणाली में मनरेगा की सहायता से सफाई का कार्य किया जाना।
जलाशयों में यदि रिसाव की स्थिति हो तो रिसाव रोकने के लिये पडल तथा आवश्यक हटिंग कार्य किये जा रहे हैं।
तालाब के पाल (बंड) की मिट्टी के कटाव अथवा क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में पुनः निर्मित किये जाने का कार्य।
तालाबों की पिचिंग, बोल्डर टो तथा घाट आदि की मरम्मत का कार्य।
स्टॉप-डेम, बैराज, वियर में गेट लगाना तथा मेन-वॉल, साइड-वॉल, की-वॉल, एप्रॉन इत्यादि में मरम्मत/अतिरिक्त निर्माण कार्य।
जल संरचनाओं के किनारों पर यथा संभव बफर - जोन तैयार किए जाकर जल संरचनाओं के किनारों पर अतिक्रमण को रोकने के लिये फेंसिंग के रूप में वृक्षारोपण का कार्य किए जाना।
फ्लशबार की मरम्मत का कार्य किए जाना।
स्लूस वैल की सफाई का कार्य किए जाना।
पशुओं की चिकित्सा के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां भी आवश्यक: पशुपालन मंत्री पटेल
11 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पशु पालन एवं डेयरी राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल ने कहा है कि पशुओं की बीमारियों के समुचित इलाज के लिए वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग भी आवश्यक है। वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के कारण मनुष्यों एवं पशुओं में जीवाणु रोधी दवाइयां के प्रति प्रतिरोधकता का बढ़ना महामारी का रूप ले रहा है, जो एक भयानक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति से एवं एंटीबॉयोटिक के दुरुपयोग से इसका दुष्प्रभाव मनुष्य एवं पशुओं में देखा जा रहा है, जिसके कारण एएमआर (एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस) की वैश्विक समस्या उत्पन्न हो गई है। अल्टरनेट वेटरिनरी प्रैक्टिस जैसे आयुर्वेद, होम्योपैथी, पारंपरिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा इत्यादि का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है, जिससे कम खर्च पर आसानी से पशुओं की बिना किसी दुष्प्रभाव के चिकित्सा की जा सकती है।
पशु पालन राज्यमंत्री पटेल ने मंगलवार को होटल पलाश रेसीडेंसी में “पशुओं की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति” पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश महेंद्र सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के अभय महाजन, अध्यक्ष, वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया डॉ. उमेशचंद शर्मा, संचालक, पशुपालन एवं डेयरी डॉ. पी एस पटेल आदि उपस्थित थे। कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के 13 विषय विशेषज्ञ और लगभग 100 से अधिक विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
पशु पालन राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि भारत में आदिकाल से पारंपरिक एवं वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाता था, जिसे पुनः पशुओं की चिकित्सा में बढ़ावा देने एवं जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के विचार मंथन से पशु चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे।
जीआईएस-भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो से मिलेगी लोकल उत्पादों को वैश्विक पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
11 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 'एक जिला-एक उत्पाद' हमारे कारीगरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में आयोजित 'एक जिला-एक उत्पाद' (ओडीओपी) एक्सपो ने स्थानीय कारीगरों और किसानों के उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान किया। जीआईएस-भोपाल में 38 जिलों के विशिष्ट ओडीओपी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम देखने को मिला। जीआईएस-भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडीओपी को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त पहल बताया। उन्होंने कहा कि हर जिले का एक खास उत्पाद उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान बन सकता है। ओडीओपी कार्यक्रम से लोकल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल ब्रांड बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो से हमारे स्थानीय उत्पादों, विशेष रूप से हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान बनाने का अवसर मिला है।
कला , हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों का हुआ सजीव प्रदर्शन
एक्सपो में ओडीओपी के लिए विशेष स्टॉल लगाए गए, जिन्हें लाइव काउंटर और प्रोसेस काउंटर में विभाजित किया गया। लाइव काउंटर में बाग प्रिंट, जरी जरदोजी, बटिक प्रिंट, कालीन, चंदेरी साड़ी, बांस, बलुआ पत्थर और कपड़े की जैकेट जैसे आठ प्रमुख उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को कारीगरों ने लाइव प्रदर्शित किया।
जीआईएस-भोपाल में आयोजन के दौरान विदेशी निवेशकों और उद्योगपतियों ने स्थानीय कारीगरों के हुनर को करीब से देखा और उनकी कार्यशैली को समझा। एक्सपो के ‘कुम्हार पुरा’ और ‘टेक्निकल ज़ोन’ के लाइव काउंटर भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने रहे।
खाद्य और कृषि उत्पादों को मिली नई पहचान
ओडीओपी-एक्सपो में खाद्य, मसाले और फलों से जुड़े 38 जिला विशिष्ट उत्पादों को उनके निर्माण प्रक्रिया के साथ प्रदर्शित किया गया। इन उत्पादों की खरीद और निर्यात के अवसर भी उपलब्ध कराए गए। साथ ही, निवेशकों ने विशिष्ट उत्पादों के सेंपल लिए, जिससे भविष्य में व्यापारिक संबंध स्थापित होने की संभावना बढ़ी।
मध्यप्रदेश के विशिष्ट ओडीओपी उत्पाद
मध्यप्रदेश में ओडीओपी के तहत विभिन्न जिलों के पारंपरिक, वस्त्र और कृषि उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें बुरहानपुर का केला, ग्वालियर के आलू आधारित उत्पाद और स्टोन टाइल्स, खरगोन की मिर्च उत्पाद, मंदसौर के लहसुन उत्पाद, नीमच के धनिया उत्पाद, सतना के टमाटर आधारित उत्पाद, मुरैना की गजक और सरसों उत्पाद, इंदौर के आलू आधारित उत्पाद, भोपाल के अमरूद उत्पाद, चंदेरी की साड़िया, महेश्वर की साड़ियां और हथकरघा उत्पाद, टीकमगढ़ के मिट्टी शिल्प और हस्तशिल्प उत्पाद और धार के बाग प्रिंट शामिल है।
राज्य के इन उत्पादों को मिला है जीआई टैग
बाग प्रिंट, बालाघाट का चिन्नौर चावल, दतिया और टीकमगढ़ बेल धातु का कार्य, चंदेरी साड़ी, गोंड पेन्टिंग, ग्वालियर के हैन्डमेड कारपेट, जबलपुर का पत्थर शिल्प, झाबुआ का कड़कनाथ, इंदौर के चमड़े के खिलौने, माहेश्वरी की साड़ी, मुरैना की गजक, रतलामी सेव, रीवा का सुन्दरजा, उज्जैन का बटिक प्रिंट, सीहोर का शरबती गेहूँ, वारासिवनी की हेण्डलूम साड़ी, डिण्डोरी के मेटल वर्क को जीआई टैग मिला है।
एक्सपो में हुआ निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों में संवाद
एक्सपो में निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों के बीच संवाद का अवसर मिला, जिससे प्रदेश के कारीगरों और उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंचाने की नींव रखी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा "विदेशी निवेशकों से हुए मेल-मिलाप ने प्रदेश के उत्पादों को ग्लोबल व्यावसायिक मंच देने की आधारशिला रखी गई है।"
जीआईएस, भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश के पारंपरिक उत्पादों में वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है। यह आयोजन स्थानीय उत्पादों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रान्त अभ्यास वर्ग में डॉ राजेश शर्मा सर्वसम्मति से आरोग्य भारती मध्यभारत प्रान्त के अध्यक्ष चुने गए
11 Mar, 2025 08:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल के भदभदा रोड स्थित कृषि प्रशिक्षण केंद्र में हुआ प्रान्त अभ्यास वर्ग
आरोग्य भारती मध्य भारत प्रान्त के प्रांतीय अभ्यास वर्ग का आयोजन भोपाल के राज्य कृषि विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, भदभदा रोड भोपाल में किया गया। आरोग्य भारती स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कार्य करने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक अनुषांगिक संगठन है। 2012 में स्थापना से लेकर आज समय तक आरोग्य भारती हर आयु वर्ग के लोगों के बीच उनके उत्तम स्वास्थ्य हेतु कार्यरत है। संगठन की अनेक गतिविधियां पूरे देश मे वर्षभर चलती रहती हैं। इसी क्रम में इन गतिविधियों के वृत्त हेतु प्रांतीय अभ्यास वर्ग का आयोजन किया गया जिसमें मध्यभारत प्रान्त के 20 से अधिक जिलों से कार्यकर्ताओं व पाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रान्त की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक एवं स्पाइन सर्जन व नर्मदा अस्पताल समूह के प्रमुख डॉ राजेश शर्मा को सर्वसम्मति से मध्यभारत प्रान्त का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ज्ञात हो कि डॉ राजेश शर्मा एक ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जन है एवं रोड व हाई वेलोसिटी ट्रॉमा के विशेषज्ञ हैं। पिछले 30 से अधिक वर्षों से अधिक समय से मध्यभारत में अपने चिकित्सा संस्थानो के माध्यम से सेवा में रत हैं। उनके सनातन स्वास्थ्य चिंतन के मॉडर्न मेडिसिन के परिपेक्ष्य में चिंतन पर गहन अध्ययन व कार्य एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य विषय पर गहन रुचि को ध्यान में रखकर उन्हें आरोग्य भारती में मध्यभारत प्रान्त के अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। अभ्यास वर्ग में अनेक सत्रों का आयोजन हुआ। उद्घाटन सत्र को आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सह संगठन सचिव डॉ मुरली कृष्ण जी , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रान्त के सह संघचालक डॉ राजेश सेठी जी, पालक अधिकारी श्री जगमीत सिंह नामधारी जी, और मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने संबोधित किया । पूरे दिन चले सत्रों में वर्षभर चलने वाली कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा हुई। वर्ग में प्रान्त संगठन सचिव श्री मुकेश दीक्षित जी, और आरोग्य भारती की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य मिहिर झा जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मध्यभारत प्रान्त के 20 अधिक जिलों से पधारे कार्यकर्ताओं व अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। संचालन डॉ अजय चौकसे जी ने किया। कार्यक्रम के अंत मे निवर्तमान प्रान्त अध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश बत्रा जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
MP Budget Session 25-26: विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन, विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गई
11 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मप्र बजट सत्र 25-26: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद आज मंगलवार को बजट सत्र का दूसरा दिन शुरू हो गया है. आज बजट सत्र का दूसरा दिन काफी अहम है. आज आर्थिक सर्वेक्षण और दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है. राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण पर चर्चा भी हुई है. सत्र के दौरान विपक्ष ने घोटालों और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा है.
विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश
बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने अब तक कई अलग-अलग मुद्दों पर सदन में सरकार को घेरा है. साथ ही राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण पर चर्चा हुई. वहीं सरकार की ओर से विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश की गई है. वर्ष 2024-25 में जीएसडीपी में 11.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2023-24 में सीएसडीपी 13,53,809 करोड़ रुपए थी, जो 2024-25 में वर्तमान मूल्यों पर 15,03,395 रुपए हो गई है।
सदन में गरमाया बेरोजगारी का मुद्दा
सागर से भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि बेरोजगारी के मामले में मध्य प्रदेश सबसे नीचे है। यहां सबसे कम बेरोजगारी है। इस पर रीवा के सेमरिया विधायक अजय मिश्रा ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर झूठ मत बोलो। इस मामले पर अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी आवाज उठाई।
कांग्रेस पर विधानसभा के दुरुपयोग का आरोप
मंत्री विश्वास सारंग ने सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा अलग-अलग मामलों पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मीडिया में छपने और फोटो खिंचवाने के लिए विधानसभा का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा करना ठीक नहीं है। कांग्रेस को विधानसभा में चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। कांग्रेस नेता सिर्फ अखबार में छपने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी उठा। यह मुद्दा विधायक जयवर्धन सिंह ने उठाया। विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में सात हजार शिक्षकों की कमी है।
खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही सरकार-CM मोहन
विधायक कंचन तनवे, सोहनलाल बाल्मीक और प्रदीप लारिया ने खेलों को लेकर सवाल पूछे। इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायत-नगरीय क्षेत्रों में आयोजित होने वाली खेल गतिविधियों में समन्वय होगा। इसी आधार पर एक साथ खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। स्टेडियम के रखरखाव के लिए बजट की व्यवस्था की जा रही है।
विदिशा जिले में अचानक बढ़ गया खांसी का प्रकोप
11 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदिशा: ये बदलते मौसम का असर है या संक्रमण फैलने का, विदिशा जिले में आजकल खांसी ने लोगों को परेशान कर रखा है खासकर विदिशा शहर में. खांसी से छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान हैं. जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. आइसोलेशन वार्ड और दवाइयों की विशेष व्यवस्था की गई है. वहीं, डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि मास्क पहनें, सेनेटाइजर से हाथ धोएं और साथ ही पब्लिक प्लेस पर जाने से बचें.
क्लीनिकों से लेकर जिला अस्पताल में भीड़
कुछ दिनों से विदिशा जिले में खांसी और सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है. कई परिवारों में यह समस्या इस कदर फैल गई है कि लोग लगातार खांसते हुए परेशान हैं. क्लीनिकों से लेकर जिला अस्पताल तक मरीजों की भीड़ है. स्थानीय स्तर पर लोग पहले छोटी-मोटी क्लीनिकों से दवाइयां लेकर इलाज करा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई विशेष राहत नहीं मिल रही. स्थिति बिगड़ने पर वे जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं. विदिशा जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद मिश्रा के अनुसार "पिछले कुछ दिनों में खांसी, सर्दी और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है."
वायरल संक्रमण फैलने की आशंका
अस्पताल में आने वाले मरीजों में से अधिकतर को लगातार खांसी की शिकायत है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन आर.एल. सिंह का कहना है "यह खांसी किसी वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है. इस संक्रमण को रोकने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, घरों को नियमित रूप से साफ करें और हाथों को बार-बार साबुन से धोएं. मास्क का उपयोग करें, बाहर निकलते समय और खांसते-छींकते समय मास्क पहनना जरूरी है, ताकि संक्रमण न फैले. संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें."
कहीं ये H3N2 या HMPV वायरस तो नहीं
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि अगर तीन-चार दिन तक लगातार खांसी बनी रहे और कोई सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सिविल सर्जन आर.एल. सिंह के अनुसार "यह संक्रमण H3N2 इन्फ्लूएंजा या HMPV वायरस के कारण हो सकता है, जो इस समय कई राज्यों में फैल रहा है." हालांकि, अब तक विदिशा में किसी विशेष वायरस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और अस्पताल सतर्क हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड और दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.
कांग्रेस का अनोखा विरोध प्रदर्शन: सांप की टोकरी संग पहुंचे विधानसभा, बताया- ये है कारण...
11 Mar, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल विधानसभा: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सांप टोकरी और रोजगार के नारों के साथ भाजपा सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं को सांप की तरह डस रही है। यह सरकार सांप की तरह कुंडली मारे बैठी है और प्रदेश के युवाओं के लिए सांपनाथ बन गई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस आक्रामक नजर आई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन कर सरकार पर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने टोकरी में सांप और तख्तियां लेकर रोजगार देने के मुद्दे पर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज प्रदेश का युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। पुलिस, शिक्षा, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसे तमाम सरकारी विभागों में भर्तियां रुकी हुई हैं। अकेले शिक्षा विभाग में 70 हजार से ज्यादा पद खाली हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि भाजपा सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं को सांप की तरह डस रही है, यह सरकार सांप की तरह कुंडली मारे बैठी है और प्रदेश के युवाओं के लिए सांपनाथ बन गई है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने सरकार को जगाने के लिए युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर यह सांकेतिक प्रदर्शन किया है।
किसानों के लिए ‘सोलर पंप स्कीम' तो महिलाओं के लिए कई नई योजनाएं, बजट पर मोहन सरकार की हो सकती ये घोषणाएं
11 Mar, 2025 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
MP Budget 2025-26: मोहन सरकार का दूसरा बजट 12 मार्च को पेश होगा। इस बजट में सरकार किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कई योजनाएं लाने की तैयारी कर रही है। साथ ही, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का प्रावधान भी इस बजट में शामिल किया जा सकता है।
किसानों के लिए सोलर पंप योजना
किसानों के लिए 'सोलर पंप योजना' लाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को 5 हॉर्स पावर के पंप के लिए सिर्फ 10% राशि देनी होगी। केंद्र सरकार 30% सब्सिडी देगी, जबकि बाकी 60% राशि किसान राज्य सरकार की गारंटी पर लोन के तौर पर ले सकते हैं। यह योजना 2025-26 के लिए होगी और इससे करीब 2 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना
महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना की राशि पहले की तरह ही रखी जा सकती है। इससे महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती रहेगी।
बजट का आकार और पूंजीगत व्यय
इस बार मोहन सरकार का बजट 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है। इसमें पूंजीगत व्यय का बजट भी बढ़ाया जाएगा।
गरीबों के लिए आवास योजना
राज्य में गरीबों के लिए 6.30 लाख मकान बनाए जाएंगे। इसमें शहरों में 1.50 लाख, गांवों में 4 लाख और जनमन योजना के तहत 80 हजार मकान शामिल हैं। बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
बजट में कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी महंगाई भत्ते का प्रावधान किया जा सकता है। अभी 50 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार 53 फीसदी दे रही है। यह प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष के लिए होगा और भविष्य में होने वाली बढ़ोतरी को पूरा करेगा।
बुनियादी ढांचा विकास
पीडब्ल्यूडी को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया जाएगा। इसमें 2 हजार करोड़ रुपये माननीयों द्वारा अनुशंसित कार्यों के लिए होंगे। इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 1370 करोड़ रुपए और उज्जैन-जावरा के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।
कृषि और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा
धान पर 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और गेहूं पर 175 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन दिया जा सकता है। साथ ही दूध उत्पादन पर 5 रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन की भी घोषणा की जा सकती है।
आईटी पार्क और नई नौकरियां
उज्जैन, रीवा और इंदौर में नए आईटी पार्क खोले जाएंगे। 22 नए आईटीआई संस्थान स्थापित किए जाएंगे। हर जिले में स्टेडियम बनाए जाएंगे और 80 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियों की घोषणा वित्त मंत्री कर सकते हैं।
जल संसाधन विकास
केन-बेतवा, पीकेसी और ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के लिए इस बार के बजट में प्रावधान किया जा सकता है। राजस्थान सरकार ने ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के लिए 19,300 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
विधानसभा का बजट सत्र शुरू
विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। उन्होंने अगले पांच साल के लिए सरकार की योजनाओं का खाका पेश किया और भरोसा दिलाया कि कोई भी जनकल्याणकारी योजना बंद नहीं होगी।
अन्य प्रमुख घोषणाएं
पीएम आवास योजना: शहरों में 10 लाख नए घर बनाए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज: 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
निवेश प्रस्ताव: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और रीजनल समिट में मिले 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को लागू किया जाएगा।
सड़क निर्माण: 1 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाई जाएंगी।
नर्मदा घाटी विकास योजना: सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर की जाएगी।
शिक्षा: 780 पीएम श्री स्कूल खोले जाएंगे और 413 शहरों में गीता भवन बनाए जाएंगे।
सिंचाई: किसानों को 20 लाख सौर पंप दिए जाएंगे और सिंचाई के लिए 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से स्थायी कनेक्शन दिए जाएंगे।
मनमाने दाम पर नहीं बेच सकेंगे शराब निर्माता कंपनियां, सरकार ने बढ़ाया 10% VAT
11 Mar, 2025 12:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने शराब पर मूल्य वर्धित कर (वैट) 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। इससे राज्य में शराब की कीमत में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर शराब पर वैट 350 रुपये प्रति प्रूफ लीटर था, तो अब यह बढ़कर 385 रुपये प्रति प्रूफ लीटर हो जाएगा। आपको बता दें कि एक लीटर शराब एक प्रूफ लीटर के बराबर होती है।
शराब निर्माताओं पर नियंत्रण
वैट में बढ़ोतरी के साथ ही आबकारी विभाग ने साफ कर दिया है कि शराब निर्माता कंपनियां शराब की कीमत में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगी। आमतौर पर शराब निर्माता यह तर्क देते हैं कि उनकी शराब दूसरे राज्यों में बिकती है, इसलिए वे दूसरे राज्यों की कीमतों के आधार पर कीमतें तय करते हैं।
अब मप्र में शराब की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के आधार पर तय की जाएगी। इसके लिए पड़ोसी राज्यों में शराब पर वैट और कीमतों की तुलना की जाएगी और राज्य के हित में कीमतें तय की जाएंगी।
शराब ठेकों की नीलामी में बदलाव
प्रदेश के 21 जिलों में शराब ठेकों की 100 प्रतिशत नीलामी पूरी हो चुकी है। 81 समूहों ने ये ठेके हासिल किए हैं। हालांकि, जबलपुर और दमोह समेत 31 जिलों में ठेकों की नीलामी अभी बाकी है। इन जिलों में ई-टेंडरिंग और बोली के जरिए नीलामी होगी।
राजस्व का लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार का 15 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है, जिसमें से 12,500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। यह लक्ष्य इसी महीने हासिल कर लिया जाएगा। वहीं, वर्ष 2025-26 के लिए शराब ठेकों की नीलामी से 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है।
तकनीकी आधारित नई व्यवस्था से दिखेगा बड़ा बदलाव
11 Mar, 2025 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में सुस्त शासकीय व्यवस्था का गति देने के लिए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने निर्देश पर मंत्रालय के साथ ही विभागाध्यक्ष कार्यालयों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर दिया गया है। तकनीकी आधारित इस नई व्यवस्था से प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इससे फाइलों का मूवमेंट ऑनलाइन होने से सरकारी कामकाज में तेजी आएगी। दरअसल, प्रदेश में सुशासन पर जोर दे रही सरकार का फोकस इस बात पर है कि जनता के काम तेज गति और आसानी से हो। इसके लिए ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया गया है। इससे सरकारी विभाग में फाइल किस जगह है, ऑनलाइन पता चल जाएगा। संबंधित फाइल में प्रगति और अपडेट जानकारी भी ऑनलाइन मिलेगी। पत्रावलियों के मूवमेंट और कार्यालयों में फाइलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित होगा। ट्रैकिंग से फाइल डिस्पोजल या काम पूरा होने में देरी होती है तो तुरंत उच्चाधिकारियों के निर्देश के जरिये मूवमेंट तेज किया जा सकता है और फाइल से जुड़े काम को अंजाम दिया जा सकता है।
फाइलों का मूवमेंट डिजिटली
मुख्य सचिव के निर्देश पर विभागाध्यक्ष कार्यालयों में एक मार्च से ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर दिया गया है। मंत्रालय की तर्ज पर विभागाध्यक्ष कार्यालयों में कुछ फाइलों का मूवमेंट ऑनालाइन होने लगा है। हालांकि नया सिस्टम होने से अधिकारी, कर्मचारी इस पर काम करने में कतरा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी फाइलों का मूवमेंट डिजिटली होने लगेगा। जानकारी के अनुसार इस महीने राजधानी के दो बड़े प्रशासनिक कार्यालयों में तकनीकी आधारित नई व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। इनका मकसद प्रशासनिक काम-काज में तेजी लाना और कर्मचारियों की निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करना है। एक मार्च से विभागाध्यक्ष कार्यालयों में ई-ऑफिस सिस्टम शुरू किया गया है। विभागाध्यक्ष कार्यालयों के सभी अधिकारी, कर्मचारियों को जनवरी में इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की मैनुअली काम करने की आदत वर्षों पुरानी है, इसलिए उन्हें नए सिस्टम में ढलने में कुछ वक्त लगेगा। कई कर्मचारियों को ऑनलाइन फाइलें आगे बढ़ाने में तकनीकी दिक्कतें आ रही है, इसलिए अभी कुछ फाइलों का मूवमेंट ही ऑनलाइन हो रहा है। बता दे कि शासन ने ई-अॅफिस सिस्टम तीन चरणों में लागू करने का निर्णय लिया था। पहले चरण में एक जनवरी से मंत्रालय में और दूसरे चरण में एक मार्च से विभागाध्यक्ष कार्यालयों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू हो चुका है। तीसरे चरण में सभी जिला स्तर के कार्यालयों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने की तैयारी है।
कर्मचारियों की लेटलतीफी पर भी अंकुश
मंत्रालय में अधिकारी, कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लगाने के लिए अटेंडेंस की नई तकनीकी आधारित व्यवस्था आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस लगना शुरू हो गई है। इस नए सिस्टम में कर्मचारियों को वल्लभ भवन की 100 मीटर की परिधि में अपने मोबाइल से अटेंडेंस लगाना पड़ रही है। अटेंडेंस लगाने के बाद जीएडी के सिस्टम और संबंधित कर्मचारी के मोबाइल पर मैसेज आता है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी नया सिस्टम ट्रायल पर है, इसलिए कई कर्मचारी आधार बेस्ड ई अटेंडेंस लगाने से बच रहे हैं। नए सिस्टम में सामने आ रही खामियों को दूर कर इसे अप्रैल से सख्ती से लागू करने की तैयारी है। मंत्रालय में कर्मचारियों की संख्या करीब 1400 है। दरअसल, मंत्रालय में कई अधिकारी-कर्मचारियों की लेटलतीफी को देखते हुए शासन ने पिछले साल जून में सख्ती बरतते हुए अटेंडेंस को लेकर नई व्यवस्था शुरू की थी। इस व्यवस्था में कर्मचारियों को मंत्रालय पहुंचकर सबसे पहले अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर करना होते थे। रोजाना इसकी रिपोर्ट जीएडी के पास जाती थी। लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों की कैजुअल लीव (सीएल) लगा दी जाती थी। इस सख्ती का नतीजा यह हुआ कि कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचने लगे लेकिन कुछ महीनों बाद जैसे ही विभागों ने अटेंडेंस की डेली रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर नरमी बरती, कर्मचारियों का वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया। वे पूर्व की तरह देरी से मंत्रालय पहुंचने लगे। इसे देखते हुए मंत्रालय में आधार बेस्ड फेस अटेंडेंस सिस्टम शुरू किया गया है। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने करीब चार साल पहले केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में फाइव डेज वीक लागू किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 अप्रैल, 2021 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार कार्यालयों के पूर्व के समय (सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे) में संशोधन करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जीएडी के आदेश के बाद रविवार के साथ ही हर शनिवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहने लगा है, जबकि कोरोना काल से पूर्व महीने के पहले और चौथे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते थे। लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।
नहीं रहे मम्मा: वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र नाथ सिंह का निधन
11 Mar, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह (मम्मा) नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद 62 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। सुरेंद्र नाथ सिंह राजधानी भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। वे पूर्व में भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके निधन से भाजपा में शोक की लहर है।
हाल ही में हुआ था हार्ट का ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र नाथ सिंह (मम्मा) का हाल ही में हार्ट का ऑपरेशन भी हुआ था। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। सुरेंद्र नाथ सिंह लंबे समय से भाजपा की सक्रिय राजनीति से दूर थे, इसके बावजूद पार्टी में उनकी अलग पहचान थी। भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने भोपाल के विकास और जनकल्याण के लिए कई काम किए।
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जताया दुख
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सुरेंद्रनाथ सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "भोपाल शहर के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक एवं पूर्व बीडीए अध्यक्ष श्री सुरेंद्रनाथ सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति:
शिवराज सिंह के करीबी थे 'मम्मा'
भोपाल में 'मम्मा' के नाम से प्रसिद्ध सुरेंद्रनाथ सिंह शिवराज सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके असामयिक निधन पर दुख व्यक्त किया है। सुरेंद्रनाथ सिंह लंबे समय से भाजपा एवं आरएसएस के लिए कार्य कर रहे थे। उनकी गिनती भाजपा के कट्टर नेताओं में होती थी।
कैलाश विजयवर्गीय ने जताया दुख
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं भोपाल के पूर्व विधायक, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संघर्षशील साथी श्री सुरेंद्रनाथ सिंह के असामयिक निधन का समाचार दुखद है। सुरेन्द्र नाथ सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवार को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।
20 करोड़ में खरीदा गया रोबोट, जटिल उपचार में मिलेगी राहत
11 Mar, 2025 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए जहां एक तरफ प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है। तो वही दूसरी तरफ भोपाल एम्स को हाईटेक बनाया जा रहा है। ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार मिल सके। इसी कड़ी में एम्स भोपाल में पहली रोबोटिक सर्जरी की गई। जहां डॉक्टर्स ने रोबर्ट के जरिये स्पाइन की सर्जरी की। सफलता पूर्वक ऑपरेशन को लेकर डॉक्टर्स में ख़ुशी की लहर है। एम्स में रोबोट द्वारा दो स्पाइन सर्जरी डॉ. वीके वर्मा एवं डॉ. पंकज मिश्रा द्वारा की गई, जो कि सफल रही और मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस सफलता में एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वैशाली एवं डॉ. जेपी शर्मा का विशेष सहयोग रहा। ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ. रेहान उल हक ने बताया कि रोबोट का उपयोग स्पाइन के साथ-साथ पेल्विक इंजरी की सर्जरी में भी मददगार सिद्ध होगा।
भोपाल एम्स में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने की जानकारी एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि एम्स भोपाल ने 20 करोड़ में रोबोट खरीदा। जिसके लिए केंद्र सरकार ने मदद की। डॉ. अजय सिंह ने आगे कहा कि पिछले 2 साल से एम्स भोपाल रोबर्ट खरीदने की तैयारी कर रहा था। जिसे फाइनली केंद्र सरकार की मदद से खरीद लिया गया। पहली सफलता पूर्ण रोबोटिक सर्जरी पिछले हफ्ते की गई। बता दें कि मप्रमें अब तक रोबोटिक सर्जरी की सुविधा किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है। हालांकि, इंदौर के एक निजी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो गई है। इसके अलावा दिल्ली एम्स, अपोलो, फोर्टिस और मुबंई के टाटा मेमोरियल समेत देश के कुछ खास अस्पतालों में ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है।
सबसे अधिक कैंसर मरीजों को फायदा
एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होने से सबसे अधिक फायदा कैंसर के मरीजों को मिलेगा। इसके साथ ही यह सुविधा शुरु होने से यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, कैंसर, जनरल और प्लास्टिक सर्जरी करवाने वाले मरीजों के ईलाज में भी आसानी होगी। इसके लिए तैयारियां चल रही है।
जटिल पीडियाट्रिक सर्जरी भी होगी
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह, जो स्वयं एक पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक सर्जन है, उन्होंने बताया कि रोबोटिक असिस्टेंस से बच्चों के रीढ़ की हड्डी की विकृति, जैसे काइफोसिस या स्कोलियोसिस और जटिल स्पाइन रोगों की सर्जरी को आसान और सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। डॉ. अजय सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल मध्य भारत में ऐसा पहला सेंटर बन गया है जहां पर रोबोटिक पद्धति द्वारा ऑर्थोपेडिक विभाग में स्पाइन सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। थ्री डी इमेजिंग और रोबोटिक प्रणाली वास्तविक समय में इमेजिंग प्रदान करके आर्थोपेडिक सर्जरी में, विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी की प्रक्रियाओं में, अधिक सटीकता और सुरक्षा प्रदान करती है। इससे सर्जनों को सटीक निर्णय लेने और संभावित रूप से जटिलताओं और विकिरण जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है। स्पाइन सर्जरी में रोबोट का मुख्य उपयोग फीहँड या फ्लोरोस्कोपी निर्देशित प्रक्रियाओं की तुलना में सुरक्षित पेडिकल स्वरू फिक्सेशन सुनिश्चित करने में होता है। अब एम्स भोपाल में इस सुविधा के हो जाने से जटिल स्पाइन सर्जरी को सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
बच्चों के लिए भी खास
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह, जो स्वयं एक पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक सर्जन हैं, उन्होंने बताया कि रोबोटिक असिस्टेंस से बच्चों के रीढ़ की हड्डी की विकृति, जैसे काइफोसिस या स्कोलियोसिस और जटिल स्पाइन रोगों की सर्जरी को आसान और सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एम्स भोपाल का ऑर्थोपेडिक विभाग प्रदेश की जनता को ऐसी सुविधाएं दे रहा है जो कहीं और उपलब्ध नहीं हैं, जैसे कि बोन बैंकिंग सर्विसेज, 3 डी प्रिंटिंग द्वारा सर्जरी, जटिल पीडियाट्रिक सर्जरी, इत्यादि।
मप्र के आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारियों ने किया आंदोलन का ऐलान
11 Mar, 2025 08:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्य प्रदेश में आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारियों के नियमितीकरण आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। रविवार को कामगार क्रांति आंदोलन के दौरान नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज आंदोलित कर्मचारियों ने 15 अप्रैल को जिला स्तर पर रैलियां निकालने और 1 मई को संभाग स्तर पर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। गिरफ्तार नेताओं को पुलिस ने देर रात रिहा किया। उधर, इस गिरफ्तारी के विरोध में महिलाकर्मी रात 11 बजे तक धरना स्थल पर बैठी रहीं।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि नौकरी में आउटसोर्स और अस्थाई प्रथा का अंत कराया जाएगा। साथ ही अंशकालीन और पंचायत चौकीदारों को न्यूनतम वेतन दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी। आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी मोर्चा मप्र के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि भोपाल पहुंचकर हक और अधिकार की बात करना भी अब अपराध हो गया है। वे कहते हैं कि पहले तो आंदोलन की अनुमति ही नहीं मिलती, जिससे लगता है राजधानी सिर्फ नेताओं, विधायकों, मंत्रियों के लिए ही है, यहां पीडि़त, प्रताडि़त, वंचित लोग अपनी बात नहीं कर सकते और यदि करने की कोशिश करते हैं तो गिरफ्तार कर लिया जाता है जैसा आज किया गया। शर्मा ने कहा कि सरकार के इस रवैये के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की जरूरत है, हम लोग नौकरी में लागू आउटसोर्स अस्थाई प्रथा का अंत कराने एवं नियमितीकरण के लिए संघर्ष करेंगे। जिसके तहत 15 अप्रैल को जिलों में रैलियां और ज्ञापन दिए जाएंगे। 1 मई को संभागीय स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। हम फिर भोपाल में क्रांति आंदोलन करेंगे और सरकार से कहेंगे कि हम लोग चुप बैठकर अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं।