मध्य प्रदेश
मंत्री सारंग करेंगे सहकारिता विभाग में 25 अनुकंपा नियुक्ति पत्रों का वितरण
11 Mar, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग बुधवार 12 मार्च को अपेक्स बैंक परिसर के समन्वय भवन में सहकारिता विभाग में 25 कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति-पत्र सौंपेंगे। मंत्री सारंग इसी के साथ ई-पेक्स के लिए एक दिवसीय हैंड्स ऑन रिफ्रेशर प्रशिक्षण सह संवेदीकरण कार्यक्रम के आयोजन का शुभारंभ भी करेंगे। प्रशिक्षण में सहकारिता विभाग, जिला बैंक एवं पेक्स के लगभग 650 प्रतिभागी शामिल होंगे।
सहकारिता विभाग में कार्यरत विभिन्न कर्मचारियों के आकस्मिक देहावसान के बाद उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिये मंत्री सारंग के निर्देशन में एक अभियान के रूप में कार्रवाही प्रारंभ की गई है। इन सभी कर्मचारियों के दस्तावेजों को बुलाकर समय सीमा में उनका सत्यापन करा लिया गया है। विभाग के विभिन्न जिलों में रिक्त पदों पर सहायक ग्रेड-3 के ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय की जा रही है। मंत्री सारंग अनुकंपा नियुक्ति के 25 आदेश प्रदान करेंगे। इससे विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के सभी पात्र प्रकरणों का निराकरण हो जायेगा और विभाग में सहायक ग्रेड-3 के रिक्त पदों की पूर्ति भी हो जायेगी। मंत्री सारंग ने कहा कि राज्य शासन कर्मचारियों के हितों को लेकर संवेदनशील है।
भारत निर्वाचन आयोग, चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं से करेगा बातचीत
11 Mar, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : भारत निर्वाचन आयोग ने कानून ढांचे के अंतर्गत चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने के लिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से ईआरओ, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय स्तर पर अनिराकृत प्रकरणों की 30 अप्रैल, 2025 तक जानकारी मांगी है। आयोग ने इस संबंध में राजनीतिक दलों को व्यक्तिगत रूप से पत्र भी जारी किया है।
पिछले सप्ताह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक सम्मेलन किया गया था। इसमें भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में उन्होंने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओ को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठक करने और प्राप्त सुझावों पर नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिए थे। आयोग ने राजनीतिक दलों से विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह भी किया है।
चुनाव प्रकिया से संबंधित 28 हितधारक हैं, जिसमें राजनीतिक दल एक प्रमुख हितधारक है। जिन्हें संविधान और वैधानिक ढांचे के तहत चुनावी प्रक्रियाओं से जुड़े सभी पहलुओं में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता दी गई है।
आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को जारी किए गए पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951; निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960; चुनाव संचालन नियम, 1961; माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश, मैनुअल और हैंडबुक (ईसीआई वेबसाइट पर उपलब्ध) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।
हाईकोर्ट ने रेत खनन करने वाले ठेकेदारों को दी बड़ी राहत
11 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश के रेत का खनन करने वाले ठेकेदारों को राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्य प्रदेश सरकार रेत खनन नीति के खिलाफ फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले से अब इन ठेकेदारों को नीलामी के दौरान लगाई बोली का पूरा पैसा सरकार को नहीं देना होगा। अब सरकार रेत की केवल उतनी ही रॉयल्टी ले सकेगी जितनी रेट खदान से उठाई गई है। हालांकि, फिलहाल इसका फायदा सिर्फ नर्मदापुरम के ठेकेदारों को मिला है क्योंकि इन्होंने ही कोर्ट में याचिका लगाई थी।
सरकार करती है रेत के खदानों की नीलामी
दरअसल, मध्य प्रदेश की खनन नीति के अनुसार सरकार रेत की खदानों की नीलामी करती है। इस नीलामी में सरकार ठेकेदार को एक निश्चित मात्रा में रेट उठाने की इजाजत देती है इसके लिए रॉयल्टी की कीमत भी तय हो जाती है। इस नीति के अनुसार रेत खनन करने वाले ठेकेदार को बोली में लगाई कीमत हर हाल में सरकार को देनी होती है। यह पैसा पहले हर 3 महीने में देना होता था बाद में इस नियम को बदलकर हर माह कर दिया गया। इस नियम के अनुसार यदि रेत खनन करने वाला ठेकेदार रेत की उतनी मात्रा नहीं उठा पाता जितने की उसने बोली लगाई थी, तो भी ठेकेदार को सरकार को पैसा देना पड़ता है। नर्मदापुरम जिले के एक रेत ठेकेदार ने 118 खदानों के लिए बोली लगाई थी और उसे लगभग 80 लाख घन मीटर खनन करने की अनुमति मिली थी। ठेकेदारों को 110 करोड़ रुपये सरकार को देने थे, लेकिन ठेकेदारों ने सरकार को यह पैसा नहीं दिया। इसलिए माइनिंग डिपार्टमेंट ने ठेकेदारों से पैसा वसूलने के लिए नोटिस भेजा। तब ठेकेदारों ने बताया कि उनकी कई खदानों को पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिली है इसलिए वे खनन ही नहीं कर पाए।
माइनिंग डिपार्टमेंट के नोटिस को किया खारिज
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अपने फैसले में माइनिंग डिपार्टमेंट के नोटिस को खारिज कर दिया और माइनिंग डिपार्टमेंट से कहा गया है कि ठेकेदारों ने जितनी रेत उठाई है केवल उसकी ही रॉयल्टी ली जाए। ठेकेदार बोली की पूरी रकम देने के लिए मजबूर नहीं है। इस फैसले के आने के बाद प्रदेश भर के रेत खनन करने वाले ठेकेदार इस फैसले को नजीर मानते हुए अपने लिए भी राहत पाने की उम्मीद लगा रहे हैं। यदि ऐसा हो जाता है तो ठेकेदारों को केवल उतना ही पैसा देना होगा जितनी रेत खदान से उठाई गई। इससे सरकार को तो नुकसान होगा लेकिन ठेकेदार और आम जनता को सस्ती रेत और बालू मिल सकेगी। क्योंकि अभी ठेकेदार सरकार को जो पैसा देता है उसकी वजह से रेत के दाम बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। रेत सस्ती हुई तो घर बनाना भी सस्ता हो जाएगा।
मप्र का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2024-25 में प्रचलित भावों पर 15,03,395 करोड़ रूपये पहुंचा
11 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2024-25 प्रचलित भावों पर रूपये 1503395 करोड़ पहुंच गया है, जो वर्ष 2023-24 में रूपये 1353809 करोड़ था। पिछले वित्तीय वर्ष से 11.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ने वर्ष 2028-29 तक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
मंगलवार को विधान सभा में प्रस्तुत मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2024-25 के अनुसार मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2024-25 में स्थिर भावों पर जीएसडीपी 712260 करोड़ रूपये है जो वर्ष 2023-24 में 671636 करोड़ रहा। यह 6.05 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि दिखाता है।
मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2024-25 प्रचलित भावों पर रूपये 152615 हो गई है। स्थिर भाव पर वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय रूपये 70434 है । मध्यप्रदेश के सकल मूल्य वर्धन में प्रचलित भावों पर वर्ष 2024-25 में क्षेत्रवार हिस्सेदारी क्रमश: प्राथमिक क्षेत्र में 44.36 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 19.03 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र में 36.61 प्रतिशत रही है।
मध्यप्रदेश ने लोक वित्त में अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रभावी कदम उठाये गये है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अधिशेष रूपये 1700 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.11 प्रतिशत तक सीमित रहेगा। राजस्व प्राप्तियां रूपये 263344 करोड़ तक पहॅुचने का अनुमान है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार कृषि फसल क्षेत्र का प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत योगदान वर्ष 2024-25 में 30.90 प्रतिशत रहा लेकिन प्रचलित भाव पर यह 10.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि स्थिर भाव में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी तरह पशुधन क्षेत्र में 7.45 प्रतिशत का योगदान रहा । इसकी वृद्धि स्थिर भाव पर क्रमश: 11.93 प्रतिशत एवं 8.39 प्रतिशत रही।
"विकसित भारत" की कल्पना के अनुरूप "विकसित मध्यप्रदेश के रूप में राज्य अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेगा। प्रदेश की मजबूत बैंकिंग प्रणाली और वित्तीय समावेश की शक्ति से आर्थिक तंत्र निरंतर सशक्त हो रहा है।
कृषि और कृषि प्र-संस्करण के माध्यम से आय के स्रोतों में वृद्धि हो रही है, जबकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, बड़ी अधोसंरचनात्मक परियोजनाएं, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विस्तार, और ऊर्जा उपलब्धता में बढ़ोतरी जैसे महत्वपूर्ण घटक एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में प्रदेश की प्रगति को दर्शाते हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक और सामाजिक समावेश तथा महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने से आर्थिक और सामाजिक उन्नति में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में गरीब कल्याण, युवा शक्ति, अन्नदाता, और नारी शक्ति जैसे चार प्रमुख मिशनों की शुरुआत की है। ये मिशन क्रमशः समाज के वंचित वर्गों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के समग्र विकास एवं आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने कार्यरत हैं। सरकार का संकल्प है कि राज्य की आर्थिक नीतियां समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास में सहायक हों और व्यापक आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करें।
मध्यप्रदेश सरकार ने 'ईज़ ऑफ लिविंग' और 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' को बढ़ावा देने के लिए मानकों के सरलीकरण, जनविश्वास बिल, राजस्व महाभियान और पीएम जनमन कार्यक्रम जैसे प्रभावी उपायों को अपनाया है, जिससे सुशासन को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि, टाइगर एवं चीता रिजर्व, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरें, और पर्यटन स्थलों ने मध्यप्रदेश को पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2024-25 प्रदेश की आर्थिक प्रतिबद्धताओं, विकास योजनाओं और उनके प्रभावी क्रियान्वयन का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह सर्वेक्षण राज्य की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है और यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश सतत और समावेशी आर्थिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2025 को "उद्योग वर्ष’’ घोषित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में द्वितीयक क्षेत्र में 2.73 लाख करोड़ रूपये के सकल मूल्य वर्धन तक पहॅुच गया। राज्य में औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढॉचे के विकास कार्यो के लिये वर्ष 2024-25 में 145.13 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई तथा दिसम्बर 2024 तक 4.17 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये।
राज्य में सामाजिक क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण बजटीय आवंटन किये गये है जिसमें पिछले चार वर्षो में 82.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार ने समस्त बाल विकास को प्राथमिकता देते हुये राज्य के कुल बजट का 21.6 प्रतिशत बजट आवंटित किया है। ‘’ पोषण भी पढाई भी’’ ‘’ स्व-सहायता समूह’’ ‘’ सामुदायिक संस्थागत विकास’’ ‘’ लखपति दीदी’’ ‘’विकसित मध्यप्रदेश विजन 2047’’ आदि इस दिशा में अग्रणी प्रयास है।
स्वास्थ्य क्षेत्र मे राज्य का बजट वर्ष 2024-25 में 15744 करोड़ रूपये तक पहॅुच गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 4.85 करोड़ से अधिक कार्ड जारी किये गये है।
वर्ष 2024-25 में शिक्षा का बजट 11.26 प्रतिशत आवंटित किया गया है। सी.एम.राईज स्कूल योजना के तहत 274 स्कूलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। व्यावसायिक शिक्षा में 14 ट्रेडस शुरू किये गये है। उच्च शिक्षा के अंतर्गत 1346 महाविद्यालय में 10.5 लाख सीट उपलब्ध है। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 3.49 लाख छात्रों को व्यावसयिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्य अधिसूचित वन क्षेत्र 94.69 हजार वर्ग किलोमीटर तथा वनावरण 77.07 हजार वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल के साथ अग्रणी स्थिति पर है। वर्ष 2024 में राज्य का भू-जल संसाधन 35.90 बी.सी.एम. पहॅुच गया है। राज्य में वर्ष 2023-24 में खनिज उत्पादन मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में 16.71 प्रतिशत अधिक रहा है। माइनिंग कान्क्लेव 2024 में रूपये 19250 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को रूपये 472.28 करोड़ का बजट आवंटित किया है। राज्य में 10 आई.टी.पार्क एवं 4 आई.टी SEZ विकसित किये गये है। राज्य में 4895 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप कार्यरत है।
सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 में ड्रॉप-आउट दर को कम करने के लिये ब्रिज कोर्स
11 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों में अध्ययन के स्तर और दक्षता को सुधारने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ब्रिज कोर्स का संचालन कर रहा है। इसके लिये हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित विषय के 9 हजार 312 रिसोर्सपर्सन तैयार किये गये हैं। इनका प्रशिक्षण भोपाल के वाल्मी संस्थान में फरवरी माह में कराया जा चुका है। प्रदेश में 4 हजार 200 हाई स्कूल और 4 हजार 100 हायर सेकेण्डरी सरकारी स्कूल हैं। अब इन स्कूलों में हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित के एक-एक शिक्षक को प्रशिक्षण देने की व्यव्स्था मार्च माह से शुरू कर दी गई है। प्रदेश में लगभग 27 हजार शिक्षकों को ब्रिज कोर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ब्रिज कोर्स के माध्यम से सरकारी स्कूलों को ड्रॉप-आउट दर को कम करने में मदद मिलेगी।
ब्रिज कोर्स
प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक अप्रैल माह में और 16 जून से 20 जुलाई तक ब्रिज कोर्स का संचालन करेंगे। ब्रिज कोर्स का संचालन सभी सरकारी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में होगा। इसके साथ ही इन 3 विषयों के अलावा विज्ञान एवं संस्कृत विषय की पढ़ाई भी इन बच्चों को कराई जायेगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल में लगने वाली ब्रिज कोर्स की समय-सारणी भी तैयार की है।
बेसलाइन टेस्ट
ब्रिज कोर्स के दौरान ही 5 और 12 अप्रैल को इन विद्यार्थियों का बेस लाइन टेस्ट अंग्रेजी, गणित और हिन्दी में लिया जायेगा। बेस लाइन टेस्ट पेपर 31 मार्च को स्कूल शिक्षा विभाग के "विमर्श" पोर्टल पर अपलोड कर दिये जायेंगे। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। तय तिथियों में जो विद्यार्थी किन्ही वजह से टेस्ट नहीं दे पायेंगे, उनके लिये अलग व्यवस्था की गई है। बेस लाइन टेस्ट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधित शिक्षकों द्वारा उसी दिन किये जाने की व्यवस्था की गई है। बेस लाइन टेस्ट में कम दक्षता वाले विद्यार्थियों के लिये अंग्रेजी, हिन्दी और गणित विषय के ब्रिज कोर्स की व्यवस्था की गई है।
एंडलाइन टेस्ट
सरकारी हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में ब्रिज कोर्स की समाप्ति पर 20 जुलाई के बाद विद्यार्थियों की गुणवत्ता जांचने के लिये एंडलाइन टेस्ट की भी व्यवस्था की जा रही है। यह टेस्ट 21 से 25 जुलाई के बीच होगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिये हैं। ब्रिज कोर्स की मॉनिटरिंग के लिये 3 स्तर पर राज्य, संभाग और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी को प्रति माह कम से कम 10 विद्यालयों में मॉनिटरिंग किये जाने के लिये कहा गया है। उनके इस कार्य में जिला परियोजना समन्वयक और विकासखंड शिक्षा अधिकारी मदद करेंगे।
जिला स्तर पर होगा मूल्यांकन
ब्रिज कोर्स संचालन के दौरान जिला स्तर के अधिकारी रेन्डमली कम से कम 10 प्रतिशत विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जिला स्तर पर बुलाकर पुन: मूल्यांकन करेंगे। इन बच्चों की दक्षता सुधार के लिये लोक शिक्षा संचालनालय स्तर पर वर्ष भर सतत् प्रयास किये जायेंगे।
परामर्शदात्री समिति की बैठक में आए सुझावों पर होगी कार्यवाही :ऊर्जा मंत्री तोमर
11 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि ऊर्जा विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में विधायकों द्वारा दिये गये सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी का मार्गदर्शन विभाग के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि आरडीएसएस योजना की संभागवार समीक्षा करेंगे। समीक्षा में विधायकों को भी ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मीटर आधारित कनेक्शन देने पर विचार किया जाएगा। मंत्री तोमर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में आ रही समस्याओं के निराकरण में ऊर्जा विभाग नम्बर एक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में विद्युत की निरंतर बढ़ती मांग की पूर्ति के लिये पर्याप्त बिजली उपलब्ध है।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मण्डलोई ने गत् एक वर्ष में विभाग द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत्उत्पादन क्षमता में राज्य का अंश 23 हजार 788 मेगावॉट है। राज्य में पिछले 5 वर्षों में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 1086 यूनिट से बढ़कर 1332 यूनिट हो गई है। यह प्रदेश के विकास का द्योतक है।
बैठक में टीकमगढ़ के विधायक यादवेन्द्र सिंह, कटंगी विधायक गौरव सिंह पारधी, पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी और कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने ऊर्जा विभाग के कार्यों में सुधार संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उन्होंने क्षेत्रीय समस्याओं से भी अवगत कराया।
उप सचिव ऊर्जा मंदार पुराणिक ने पॉवर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन से विभागीय योजनाओं की प्रगति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षितिज सिंघल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वैष्णो देवी यात्रा : श्रद्धालुओं को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा
11 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कटड़ा। मां वैष्णो देवी की यात्रा जारी है। श्रद्धालुओं को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा है, सोमवार को वैष्णो देवी भवन की ओर रवाना हुए श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा के दौरान बारिश का सामना करना पड़ा। बदले मौसम को लेकर मां वैष्णो देवी के सभी मार्गों पर श्राइन बोर्ड प्रशासन के साथ ही पुलिस विभाग, सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान और आपदा प्रबंधन दल के अधिकारी तैनात हैं और यात्रा पर निगाह रखे हुए हैं।
आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा दिन में श्रद्धालुओं को उपलब्ध है। वहीं, बैटरी कार सेवा के साथ ही रोपवे केवल कार सेवा बिना किसी परेशानी के श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान इन सभी सेवाओं का श्रद्धालु लाभ उठाते नजर आए। वर्तमान में मां वैष्णो देवी की यात्रा में थोड़ी बढोतरी हुई है। श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की यात्रा करने के उपरांत कटड़ा में प्रसाद के रूम में खरीदारी कर रहे हैं, जिससे व्यापारी वर्ग खुश है।
वर्तमान में जिस तरह से मौसम का मिजाज है उम्मीद है कि श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान बारिश के साथ ही बर्फीली हवाओं का सामना भी करना पड़ सकता है। बीते 9 मार्च को 22635 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के दर्शन किए। वहीं, 10 मार्च को करीब 12500 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा कर भवन की ओर रवाना हो चुके थे। वहीं, जारी बारिश में अभी तक 11 लाख 10 हजार के करीब श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की यात्रा कर चुके हैं।
जल संरक्षण को बनाएं जन आंदोलन : मंत्री सिलावट
11 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संकल्प है कि हर घर स्वच्छ पेयजल और खेती के लिए हर खेत तक पानी पहुंचे। इसके लिए प्रदेश में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजनाओं के बाद ताप्ती मेगा बेसिन परियोजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न सिंचाई योजनाओं के माध्यम से सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तालाब एवं अन्य जल स्त्रोतों के उन्नयन, विकास, गहरीकरण, जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने और उनके आसपास पौधा-रोपण आदि के उद्धेश्य से प्रदेश में 30 मार्च 2025 से 30 जून 2025 तक “जल गंगा संवर्धन अभियान” चलाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने का जनता से आहवान किया।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने मंगलवार को प्रमुख अभियंता जल संसाधन कार्यालय के सभाकक्ष में अभियान की तैयारियों के संबंध में बैठक ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विनोद कुमार देवड़ा सहित सभी संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि जल संसाधन विभाग में प्रदेश में 32 वृहद, 120 मध्यम एवं 5 हजार 800 लघु जल संरचनाएं हैं। इनमें बनाए गए बांधों की नहर प्रणाली 40 हजार किलोमीटर की है जिनमें 16 हजार किलोमीटर पक्की और 24 हजार किलोमीटर कच्ची नहरें हैं। इन नहरों से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है। अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं की आवश्यक मरम्मत, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य किया जाना है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा रही है। यहां की चंदेल कालीन जल संरक्षण प्रणाली न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही है। जल संसाधन संभाग छतरपुर में 44, टीकमगढ़ में 71 और पन्ना में 5 चंदेल/बुंदेलकालीन तालाब हैं। अभियान के अंतर्गत इन सभी का संरक्षण किया जाना है।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए छोटी-छोटी योजनाएं बनाकर कार्य कराया जाए। आगामी बारिश के पूर्व प्रदेश के सभी पुराने बांधों एवं जल स्त्रोतों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। इसके लिए गत वर्ष में जिन-जिन तालाबों/ जल स्त्रोतों में क्षति हुई उनकी सूची बनाई जाए तथा उन जल स्त्रोतों का विशेष ध्यान रखा जाए। बांधों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय किए जाएं।
जल संसाधन मंत्री ने विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने बेसिन के अंतर्गत आने वाली जल संरचनाओं के संरक्षण एवं विकास का कार्य सुनिश्चित करें। जल संरक्षण एवं विकास कार्य में जन सहयोग लें। सीएसआर गतिविधि के अंतर्गत तालाबों को रख-रखाव के लिए गोद दिया जा सकता है। जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के इस कार्य में समाज के सभी वर्गों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, धर्म गुरूओं, मीडिया आदि का पूरा सहयोग लिया जाए। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रदेश में 10 रिवर बेसिन (नदी कछार) हैं।
जल गंगा संवर्धन अभियान में होने वाली प्रमुख गतिविधियां
सभी नहरों को विलेज मेप पर राजस्व विभाग की सहायता से मार्क किया जाना तथा विलेज मेप पर "शासकीय नहर" अंकित किया जाना।
बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त किया जाना।
नहर के अंतिम छोर पर जहां नहर समाप्त होकर किसी नाले मे मिलती है, उस स्थान पर किलो मीटर स्टोन लगाया जाना।
40 हजार किलोमीटर की नहर प्रणाली में मनरेगा की सहायता से सफाई का कार्य किया जाना।
जलाशयों में यदि रिसाव की स्थिति हो तो रिसाव रोकने के लिये पडल तथा आवश्यक हटिंग कार्य किये जा रहे हैं।
तालाब के पाल (बंड) की मिट्टी के कटाव अथवा क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में पुनः निर्मित किये जाने का कार्य।
तालाबों की पिचिंग, बोल्डर टो तथा घाट आदि की मरम्मत का कार्य।
स्टॉप-डेम, बैराज, वियर में गेट लगाना तथा मेन-वॉल, साइड-वॉल, की-वॉल, एप्रॉन इत्यादि में मरम्मत/अतिरिक्त निर्माण कार्य।
जल संरचनाओं के किनारों पर यथा संभव बफर - जोन तैयार किए जाकर जल संरचनाओं के किनारों पर अतिक्रमण को रोकने के लिये फेंसिंग के रूप में वृक्षारोपण का कार्य किए जाना।
फ्लशबार की मरम्मत का कार्य किए जाना।
स्लूस वैल की सफाई का कार्य किए जाना।
पशुओं की चिकित्सा के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां भी आवश्यक: पशुपालन मंत्री पटेल
11 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पशु पालन एवं डेयरी राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल ने कहा है कि पशुओं की बीमारियों के समुचित इलाज के लिए वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग भी आवश्यक है। वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के कारण मनुष्यों एवं पशुओं में जीवाणु रोधी दवाइयां के प्रति प्रतिरोधकता का बढ़ना महामारी का रूप ले रहा है, जो एक भयानक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति से एवं एंटीबॉयोटिक के दुरुपयोग से इसका दुष्प्रभाव मनुष्य एवं पशुओं में देखा जा रहा है, जिसके कारण एएमआर (एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस) की वैश्विक समस्या उत्पन्न हो गई है। अल्टरनेट वेटरिनरी प्रैक्टिस जैसे आयुर्वेद, होम्योपैथी, पारंपरिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा इत्यादि का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है, जिससे कम खर्च पर आसानी से पशुओं की बिना किसी दुष्प्रभाव के चिकित्सा की जा सकती है।
पशु पालन राज्यमंत्री पटेल ने मंगलवार को होटल पलाश रेसीडेंसी में “पशुओं की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति” पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश महेंद्र सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के अभय महाजन, अध्यक्ष, वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया डॉ. उमेशचंद शर्मा, संचालक, पशुपालन एवं डेयरी डॉ. पी एस पटेल आदि उपस्थित थे। कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के 13 विषय विशेषज्ञ और लगभग 100 से अधिक विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
पशु पालन राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि भारत में आदिकाल से पारंपरिक एवं वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाता था, जिसे पुनः पशुओं की चिकित्सा में बढ़ावा देने एवं जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के विचार मंथन से पशु चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे।
जीआईएस-भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो से मिलेगी लोकल उत्पादों को वैश्विक पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
11 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 'एक जिला-एक उत्पाद' हमारे कारीगरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में आयोजित 'एक जिला-एक उत्पाद' (ओडीओपी) एक्सपो ने स्थानीय कारीगरों और किसानों के उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान किया। जीआईएस-भोपाल में 38 जिलों के विशिष्ट ओडीओपी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम देखने को मिला। जीआईएस-भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडीओपी को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त पहल बताया। उन्होंने कहा कि हर जिले का एक खास उत्पाद उसकी सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान बन सकता है। ओडीओपी कार्यक्रम से लोकल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल ब्रांड बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो से हमारे स्थानीय उत्पादों, विशेष रूप से हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान बनाने का अवसर मिला है।
कला , हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों का हुआ सजीव प्रदर्शन
एक्सपो में ओडीओपी के लिए विशेष स्टॉल लगाए गए, जिन्हें लाइव काउंटर और प्रोसेस काउंटर में विभाजित किया गया। लाइव काउंटर में बाग प्रिंट, जरी जरदोजी, बटिक प्रिंट, कालीन, चंदेरी साड़ी, बांस, बलुआ पत्थर और कपड़े की जैकेट जैसे आठ प्रमुख उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को कारीगरों ने लाइव प्रदर्शित किया।
जीआईएस-भोपाल में आयोजन के दौरान विदेशी निवेशकों और उद्योगपतियों ने स्थानीय कारीगरों के हुनर को करीब से देखा और उनकी कार्यशैली को समझा। एक्सपो के ‘कुम्हार पुरा’ और ‘टेक्निकल ज़ोन’ के लाइव काउंटर भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने रहे।
खाद्य और कृषि उत्पादों को मिली नई पहचान
ओडीओपी-एक्सपो में खाद्य, मसाले और फलों से जुड़े 38 जिला विशिष्ट उत्पादों को उनके निर्माण प्रक्रिया के साथ प्रदर्शित किया गया। इन उत्पादों की खरीद और निर्यात के अवसर भी उपलब्ध कराए गए। साथ ही, निवेशकों ने विशिष्ट उत्पादों के सेंपल लिए, जिससे भविष्य में व्यापारिक संबंध स्थापित होने की संभावना बढ़ी।
मध्यप्रदेश के विशिष्ट ओडीओपी उत्पाद
मध्यप्रदेश में ओडीओपी के तहत विभिन्न जिलों के पारंपरिक, वस्त्र और कृषि उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें बुरहानपुर का केला, ग्वालियर के आलू आधारित उत्पाद और स्टोन टाइल्स, खरगोन की मिर्च उत्पाद, मंदसौर के लहसुन उत्पाद, नीमच के धनिया उत्पाद, सतना के टमाटर आधारित उत्पाद, मुरैना की गजक और सरसों उत्पाद, इंदौर के आलू आधारित उत्पाद, भोपाल के अमरूद उत्पाद, चंदेरी की साड़िया, महेश्वर की साड़ियां और हथकरघा उत्पाद, टीकमगढ़ के मिट्टी शिल्प और हस्तशिल्प उत्पाद और धार के बाग प्रिंट शामिल है।
राज्य के इन उत्पादों को मिला है जीआई टैग
बाग प्रिंट, बालाघाट का चिन्नौर चावल, दतिया और टीकमगढ़ बेल धातु का कार्य, चंदेरी साड़ी, गोंड पेन्टिंग, ग्वालियर के हैन्डमेड कारपेट, जबलपुर का पत्थर शिल्प, झाबुआ का कड़कनाथ, इंदौर के चमड़े के खिलौने, माहेश्वरी की साड़ी, मुरैना की गजक, रतलामी सेव, रीवा का सुन्दरजा, उज्जैन का बटिक प्रिंट, सीहोर का शरबती गेहूँ, वारासिवनी की हेण्डलूम साड़ी, डिण्डोरी के मेटल वर्क को जीआई टैग मिला है।
एक्सपो में हुआ निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों में संवाद
एक्सपो में निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों के बीच संवाद का अवसर मिला, जिससे प्रदेश के कारीगरों और उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंचाने की नींव रखी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा "विदेशी निवेशकों से हुए मेल-मिलाप ने प्रदेश के उत्पादों को ग्लोबल व्यावसायिक मंच देने की आधारशिला रखी गई है।"
जीआईएस, भोपाल में ओडीओपी-एक्सपो ने यह साबित कर दिया कि मध्यप्रदेश के पारंपरिक उत्पादों में वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है। यह आयोजन स्थानीय उत्पादों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रान्त अभ्यास वर्ग में डॉ राजेश शर्मा सर्वसम्मति से आरोग्य भारती मध्यभारत प्रान्त के अध्यक्ष चुने गए
11 Mar, 2025 08:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल के भदभदा रोड स्थित कृषि प्रशिक्षण केंद्र में हुआ प्रान्त अभ्यास वर्ग
आरोग्य भारती मध्य भारत प्रान्त के प्रांतीय अभ्यास वर्ग का आयोजन भोपाल के राज्य कृषि विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, भदभदा रोड भोपाल में किया गया। आरोग्य भारती स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कार्य करने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक अनुषांगिक संगठन है। 2012 में स्थापना से लेकर आज समय तक आरोग्य भारती हर आयु वर्ग के लोगों के बीच उनके उत्तम स्वास्थ्य हेतु कार्यरत है। संगठन की अनेक गतिविधियां पूरे देश मे वर्षभर चलती रहती हैं। इसी क्रम में इन गतिविधियों के वृत्त हेतु प्रांतीय अभ्यास वर्ग का आयोजन किया गया जिसमें मध्यभारत प्रान्त के 20 से अधिक जिलों से कार्यकर्ताओं व पाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रान्त की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक एवं स्पाइन सर्जन व नर्मदा अस्पताल समूह के प्रमुख डॉ राजेश शर्मा को सर्वसम्मति से मध्यभारत प्रान्त का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ज्ञात हो कि डॉ राजेश शर्मा एक ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जन है एवं रोड व हाई वेलोसिटी ट्रॉमा के विशेषज्ञ हैं। पिछले 30 से अधिक वर्षों से अधिक समय से मध्यभारत में अपने चिकित्सा संस्थानो के माध्यम से सेवा में रत हैं। उनके सनातन स्वास्थ्य चिंतन के मॉडर्न मेडिसिन के परिपेक्ष्य में चिंतन पर गहन अध्ययन व कार्य एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य विषय पर गहन रुचि को ध्यान में रखकर उन्हें आरोग्य भारती में मध्यभारत प्रान्त के अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। अभ्यास वर्ग में अनेक सत्रों का आयोजन हुआ। उद्घाटन सत्र को आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सह संगठन सचिव डॉ मुरली कृष्ण जी , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रान्त के सह संघचालक डॉ राजेश सेठी जी, पालक अधिकारी श्री जगमीत सिंह नामधारी जी, और मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने संबोधित किया । पूरे दिन चले सत्रों में वर्षभर चलने वाली कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा हुई। वर्ग में प्रान्त संगठन सचिव श्री मुकेश दीक्षित जी, और आरोग्य भारती की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य मिहिर झा जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मध्यभारत प्रान्त के 20 अधिक जिलों से पधारे कार्यकर्ताओं व अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। संचालन डॉ अजय चौकसे जी ने किया। कार्यक्रम के अंत मे निवर्तमान प्रान्त अध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश बत्रा जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
MP Budget Session 25-26: विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन, विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गई
11 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मप्र बजट सत्र 25-26: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद आज मंगलवार को बजट सत्र का दूसरा दिन शुरू हो गया है. आज बजट सत्र का दूसरा दिन काफी अहम है. आज आर्थिक सर्वेक्षण और दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है. राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण पर चर्चा भी हुई है. सत्र के दौरान विपक्ष ने घोटालों और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा है.
विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश
बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने अब तक कई अलग-अलग मुद्दों पर सदन में सरकार को घेरा है. साथ ही राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण पर चर्चा हुई. वहीं सरकार की ओर से विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश की गई है. वर्ष 2024-25 में जीएसडीपी में 11.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2023-24 में सीएसडीपी 13,53,809 करोड़ रुपए थी, जो 2024-25 में वर्तमान मूल्यों पर 15,03,395 रुपए हो गई है।
सदन में गरमाया बेरोजगारी का मुद्दा
सागर से भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि बेरोजगारी के मामले में मध्य प्रदेश सबसे नीचे है। यहां सबसे कम बेरोजगारी है। इस पर रीवा के सेमरिया विधायक अजय मिश्रा ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर झूठ मत बोलो। इस मामले पर अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी आवाज उठाई।
कांग्रेस पर विधानसभा के दुरुपयोग का आरोप
मंत्री विश्वास सारंग ने सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा अलग-अलग मामलों पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मीडिया में छपने और फोटो खिंचवाने के लिए विधानसभा का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा करना ठीक नहीं है। कांग्रेस को विधानसभा में चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। कांग्रेस नेता सिर्फ अखबार में छपने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी उठा। यह मुद्दा विधायक जयवर्धन सिंह ने उठाया। विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में सात हजार शिक्षकों की कमी है।
खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही सरकार-CM मोहन
विधायक कंचन तनवे, सोहनलाल बाल्मीक और प्रदीप लारिया ने खेलों को लेकर सवाल पूछे। इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायत-नगरीय क्षेत्रों में आयोजित होने वाली खेल गतिविधियों में समन्वय होगा। इसी आधार पर एक साथ खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। स्टेडियम के रखरखाव के लिए बजट की व्यवस्था की जा रही है।
विदिशा जिले में अचानक बढ़ गया खांसी का प्रकोप
11 Mar, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदिशा: ये बदलते मौसम का असर है या संक्रमण फैलने का, विदिशा जिले में आजकल खांसी ने लोगों को परेशान कर रखा है खासकर विदिशा शहर में. खांसी से छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान हैं. जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. आइसोलेशन वार्ड और दवाइयों की विशेष व्यवस्था की गई है. वहीं, डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि मास्क पहनें, सेनेटाइजर से हाथ धोएं और साथ ही पब्लिक प्लेस पर जाने से बचें.
क्लीनिकों से लेकर जिला अस्पताल में भीड़
कुछ दिनों से विदिशा जिले में खांसी और सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है. कई परिवारों में यह समस्या इस कदर फैल गई है कि लोग लगातार खांसते हुए परेशान हैं. क्लीनिकों से लेकर जिला अस्पताल तक मरीजों की भीड़ है. स्थानीय स्तर पर लोग पहले छोटी-मोटी क्लीनिकों से दवाइयां लेकर इलाज करा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई विशेष राहत नहीं मिल रही. स्थिति बिगड़ने पर वे जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं. विदिशा जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद मिश्रा के अनुसार "पिछले कुछ दिनों में खांसी, सर्दी और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है."
वायरल संक्रमण फैलने की आशंका
अस्पताल में आने वाले मरीजों में से अधिकतर को लगातार खांसी की शिकायत है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन आर.एल. सिंह का कहना है "यह खांसी किसी वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है. इस संक्रमण को रोकने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, घरों को नियमित रूप से साफ करें और हाथों को बार-बार साबुन से धोएं. मास्क का उपयोग करें, बाहर निकलते समय और खांसते-छींकते समय मास्क पहनना जरूरी है, ताकि संक्रमण न फैले. संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें."
कहीं ये H3N2 या HMPV वायरस तो नहीं
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि अगर तीन-चार दिन तक लगातार खांसी बनी रहे और कोई सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सिविल सर्जन आर.एल. सिंह के अनुसार "यह संक्रमण H3N2 इन्फ्लूएंजा या HMPV वायरस के कारण हो सकता है, जो इस समय कई राज्यों में फैल रहा है." हालांकि, अब तक विदिशा में किसी विशेष वायरस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और अस्पताल सतर्क हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड और दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.
कांग्रेस का अनोखा विरोध प्रदर्शन: सांप की टोकरी संग पहुंचे विधानसभा, बताया- ये है कारण...
11 Mar, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल विधानसभा: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सांप टोकरी और रोजगार के नारों के साथ भाजपा सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं को सांप की तरह डस रही है। यह सरकार सांप की तरह कुंडली मारे बैठी है और प्रदेश के युवाओं के लिए सांपनाथ बन गई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस आक्रामक नजर आई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन कर सरकार पर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने टोकरी में सांप और तख्तियां लेकर रोजगार देने के मुद्दे पर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज प्रदेश का युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। पुलिस, शिक्षा, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसे तमाम सरकारी विभागों में भर्तियां रुकी हुई हैं। अकेले शिक्षा विभाग में 70 हजार से ज्यादा पद खाली हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि भाजपा सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं को सांप की तरह डस रही है, यह सरकार सांप की तरह कुंडली मारे बैठी है और प्रदेश के युवाओं के लिए सांपनाथ बन गई है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने सरकार को जगाने के लिए युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर यह सांकेतिक प्रदर्शन किया है।
किसानों के लिए ‘सोलर पंप स्कीम' तो महिलाओं के लिए कई नई योजनाएं, बजट पर मोहन सरकार की हो सकती ये घोषणाएं
11 Mar, 2025 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
MP Budget 2025-26: मोहन सरकार का दूसरा बजट 12 मार्च को पेश होगा। इस बजट में सरकार किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कई योजनाएं लाने की तैयारी कर रही है। साथ ही, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का प्रावधान भी इस बजट में शामिल किया जा सकता है।
किसानों के लिए सोलर पंप योजना
किसानों के लिए 'सोलर पंप योजना' लाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को 5 हॉर्स पावर के पंप के लिए सिर्फ 10% राशि देनी होगी। केंद्र सरकार 30% सब्सिडी देगी, जबकि बाकी 60% राशि किसान राज्य सरकार की गारंटी पर लोन के तौर पर ले सकते हैं। यह योजना 2025-26 के लिए होगी और इससे करीब 2 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना
महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना की राशि पहले की तरह ही रखी जा सकती है। इससे महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती रहेगी।
बजट का आकार और पूंजीगत व्यय
इस बार मोहन सरकार का बजट 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है। इसमें पूंजीगत व्यय का बजट भी बढ़ाया जाएगा।
गरीबों के लिए आवास योजना
राज्य में गरीबों के लिए 6.30 लाख मकान बनाए जाएंगे। इसमें शहरों में 1.50 लाख, गांवों में 4 लाख और जनमन योजना के तहत 80 हजार मकान शामिल हैं। बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
बजट में कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी महंगाई भत्ते का प्रावधान किया जा सकता है। अभी 50 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार 53 फीसदी दे रही है। यह प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष के लिए होगा और भविष्य में होने वाली बढ़ोतरी को पूरा करेगा।
बुनियादी ढांचा विकास
पीडब्ल्यूडी को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया जाएगा। इसमें 2 हजार करोड़ रुपये माननीयों द्वारा अनुशंसित कार्यों के लिए होंगे। इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 1370 करोड़ रुपए और उज्जैन-जावरा के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।
कृषि और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा
धान पर 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और गेहूं पर 175 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन दिया जा सकता है। साथ ही दूध उत्पादन पर 5 रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन की भी घोषणा की जा सकती है।
आईटी पार्क और नई नौकरियां
उज्जैन, रीवा और इंदौर में नए आईटी पार्क खोले जाएंगे। 22 नए आईटीआई संस्थान स्थापित किए जाएंगे। हर जिले में स्टेडियम बनाए जाएंगे और 80 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियों की घोषणा वित्त मंत्री कर सकते हैं।
जल संसाधन विकास
केन-बेतवा, पीकेसी और ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के लिए इस बार के बजट में प्रावधान किया जा सकता है। राजस्थान सरकार ने ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के लिए 19,300 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
विधानसभा का बजट सत्र शुरू
विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। उन्होंने अगले पांच साल के लिए सरकार की योजनाओं का खाका पेश किया और भरोसा दिलाया कि कोई भी जनकल्याणकारी योजना बंद नहीं होगी।
अन्य प्रमुख घोषणाएं
पीएम आवास योजना: शहरों में 10 लाख नए घर बनाए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज: 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
निवेश प्रस्ताव: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और रीजनल समिट में मिले 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को लागू किया जाएगा।
सड़क निर्माण: 1 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाई जाएंगी।
नर्मदा घाटी विकास योजना: सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर की जाएगी।
शिक्षा: 780 पीएम श्री स्कूल खोले जाएंगे और 413 शहरों में गीता भवन बनाए जाएंगे।
सिंचाई: किसानों को 20 लाख सौर पंप दिए जाएंगे और सिंचाई के लिए 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से स्थायी कनेक्शन दिए जाएंगे।