मध्य प्रदेश
प्रदेश सरकार ने मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन की राशि देने के लिए एफडी तुड़वाई
19 Mar, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन की राशि देने के लिए दो बार एफडी तुड़वाकर 297 करोड रुपए, शिक्षा विभाग को दिए। शिक्षा विभाग ने यह राशि मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए बाँट दिए।
कर्मचारी चयन मंडल की बैंक में 500 करोड रुपए की एफडी जमा थी। मेधावी छात्रों को लैपटॉप की राशि बंटना थी। शिक्षा विभाग के पास बजट नहीं था। जिसके कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर कर्मचारी चयन मंडल की एफडी तोड़कर राशि बांटी गई है। कर्मचारी चयन मंडल के पास अब केवल 200 करोड रुपए की एफडी बची हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इस संबंध में जानकारी मांगी थी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की ओर से लिखित जवाब में जानकारी दी गई।लोक शिक्षण संचनालय को पहली बार 137 करोड़ तथा दूसरी बार में 160 करोड रुपए दिए गए। कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाओं का खर्च परीक्षार्थियों से ली गई फीस से खर्च करता है। 2016 से लेकर अभी तक लगभग डेढ़ करोड़ अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है।परीक्षा शुल्क के रूप में कर्मचारी चयन मंडल को आय होती है। अब परीक्षाएं भी कम हो रही हैं। जिसके कारण एफडी तोड़कर इस बार लैपटॉप छात्रों को बांटे गए हैं।
प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव मां जानकी के दरबार में टेकेंगे माथा.
19 Mar, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अशोकनगर : जिले के मुंगावली तहसील में शुरू हुए करीला मेला में आज बुधवार को सीएम मोहन यादव शिरकत करेंगे. भाईदोज से लंकर रंगपंचमी तक चलने वाले इस त्योहार में हर साल 20 लाख से ज्यादा लोग पहुंचते हैं. इस मेले में मध्यप्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों के श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं. इस बार करीला मेला 30 एकड़ में फैला हुआ, जिससे इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
नृत्य से मां जानकी की आराधना
प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव बुधवार को सुबह 10 बजे मां जानकी के दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद लेंगे. बता दें कि करीला मेला के दौरान करीब 2 हजार से ज्यादा डांसर 3 दिन तक मां जानकी की नृत्य कर आराधना करती हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां नृत्य करने से मन्नत पूरी होती है. वहीं कई परिवार मन्नत पूरी होने के बाद भी यहां राई नृत्य करवाते हैं.
यहां का राई नृत्य सबसे लोकप्रिय
गौरतलब है कि करीला मेला होली के बाद भाई दूज से शुरू होता है, जो रंग पंचमी तक पूरे शबाब पर होता है. यहां का राई नृत्य सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. जब किसी श्रद्धालु की मन्नत पूरी हो जाती है, तो वह अपने परिवार के साथ मां जानकी के दरबार में पहुंचकर राई नृत्य कराते हैं. बताया जाता है की करीला मेला प्रदेश के सबसे बड़े मेलों में से एक है. इस करीला मेले में कई सेलिब्रिटी और राजनेता भी शामिल होते हैं.
क्या है करीला मेले का इतिहास?
मान्यता है कि लव-कुश के जन्म के बाद माता जानकी के अनुरोध पर महर्षि वाल्मिकी ने उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर स्वर्ग से अप्सराएं आईं और उन्होंने यहां नृत्य किया था. तभी से यहां नृत्य करने की परंपरा बन गई, जो आज भी जारी है. गौरतलब है कि रंगपंचमी के अवसर पर यहां लव-कुश जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसी दौरान हजारों नृत्यांगनाएं राई नृत्य प्रस्तुत करती हैं.
5 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले दोषी को भोपाल कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई
19 Mar, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: अदालत ने 5 साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही सह आरोपी उसकी मां को और बहन को दो-दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही कोर्ट ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है.
24 दिसंबर 2024 को आरोपी अतुल भाल ने वारदात को दिया था अंजाम
भोपाल के जिला न्यायालय की विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला ने मामले की जानकारी देते हुए बताया "भोपाल के शाहजहानाबाद थाना क्षेत्र के वाजपेई मल्टी में 24 दिसंबर 2024 को आरोपी अतुल भाल अपने घर के बाहर टहल रही 5 साल की बच्ची को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया. वहां आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और पकड़े जाने के डर से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी."
पुलिस ने आरोपी की मां और बहन को भी बनाया था सहआरोपी
"आरोपी ने बच्ची के शव को ठिकाने लगाने की काफी कोशिश की लेकिन बच्ची की तलाश में लगी पुलिस के कारण शव को अपने घर के पानी की टंकी में छिपा कर रखा था. काफी तलाश करने के बाद पुलिस को उसके घर से बच्ची की लाश बरामद हुई. इस पूरी घटना की जानकारी आरोपी अतुल और उसकी मां और बहन को भी थी. मामले में पुलिस ने आरोपी की मां और बहन को भी सह आरोपी बनाया था."
मजिस्ट्रेट कुमदिनी पटेल ने दोषी अतुल भालसे को दिया मृत्युदंड
दिव्या शुक्ला ने बताया "मामले में पुलिस ने सभी आवश्यक सबूत जुटाए और जिसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट कुमदिनी पटेल के कोर्ट में हुई. मंगलवार को अदालत ने दोषी करार दिए गए अतुल भालसे को मृत्युदंड की सजा सुनाई है." राजधानी भोपाल में घटित घटनाक्रम से लोग काफी आक्रोशित थे जिस समय आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी उस समय वहां भारी सुरक्षा व्यवस्था लगानी पड़ी थी.
कृषि में तकनीकी क्रांति के लिए उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग आवश्यक
18 Mar, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में ‘रिसर्च इनोवेशन फॉर कमर्शियलाइजेशन’ विषय पर एक दिवसीय इंडस्ट्री-अकादमिक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के एग्रीहब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा किया गया।
कार्यशाला की शुभारंभ में आईआईटी इंदौर के एग्रीहब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रमुख अन्वेषक प्रो. अरुणा तिवारी कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग बढ़ाकर ही अनुसंधान को व्यावसायिक स्तर पर ले जाया जा सकेगा। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक (आईसीटी) डॉ. अनिल राय ने अनुसंधान एवं अकादमिक संस्थान और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं नवाचारों को मूर्त रूप देने और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक हो सकती हैं। कार्यशाला में सी-डैक पुणे की वैज्ञानिक सुश्री लक्ष्मी पनट ने कृषि क्षेत्र को आधुनिक और उन्नत बनाने के लिए मल्टी-बेनिफिशरी सहयोग को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कृषि में तकनीक के समावेश से ही उत्पादकता में वृद्धि को स्टेबल और सस्टेनेबल बनाया जा सकता है। कार्याशाला में शामिल हुए असम साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी गुवाहाटी के कुलपति प्रो. नरेंद्र एस. चौधरी ने एरिया-स्पेसिफिक एआई और मशीन लर्निंग (एमएस) मॉडल विकसित करने की आवश्यकता जताई। अघारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. प्रशांत ढकेफालकर ने कहा कि हरित क्रांति के बाद अब कृषि में एआई और एमएल आधारित अनुसंधान से नई तकनीकी कृषि क्रांति की आवश्यकता है। इससे भारत वैश्विक खाद्य उत्पादन और कृषि प्रौद्योगिकी में अग्रणी बन सकता है।
कार्यशाला के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान उद्योग औऱ अकादमियों से आए विशेषज्ञों के ओपन पैनल डिस्कसन हुआ इसमें उद्योगों के सामने आर ही वर्तमान चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार-विमर्श हुआ। अकादमिक विद्वानों ने अनुसंधान, उत्पाद व्यावसायीकरण और बौद्धिक संपदा (आईपी) प्रबंधन से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों पर भी चर्चा की। कार्यशाला में एग्रीहब के सहयोगी अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र, भारतीय फसलों के लिए एक समर्पित डेटा रिपॉजिटरी और उच्च-प्रदर्शन संगणना (एचपीसी) अधोसंरचना के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यशाला में बायोटेक कंसोर्टियम इंडिया लिमिटेड (बीसीआईएल) के साथ एमओयू किया गया। इसके अंतर्गत केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभिन्न कृषि तकनीकों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा। कार्यशाला में प्रिसीजन एग्रीकल्चर, जीनोम विश्लेषण और बीज परीक्षण क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख उद्योगों ने एग्रीहब परियोजना के तहत संयुक्त कार्यक्रम विकसित करने की सहमति व्यक्त की। साथ ही, विभिन्न स्टार्ट-अप्स और गैर-सरकारी संगठनों (एनचीओ) ने किसानों के लाभ के लिए संयुक्त कार्यक्रम विकसित करने की इच्छा व्यक्त की।
अब तक 6 लाख 82 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ताओं ने कराई ई-केवायसी
18 Mar, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्य शासन की लाभकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को ईकेवायसी कराना अनिवार्य है। उपभोक्ताओं से कहा गया है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपाय ऐप के जरिए भी ईकेवायसी करा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध उपाय ऐप डाउनलोड कर बिजली उपभोक्ता समग्र केवायसी में अपना उपभोक्ता क्रमांक एवं समग्र क्रमांक दर्ज करने के बाद लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज कर केवायसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं। केवायसी प्रक्रिया के तहत अब तक 06 लाख 82 हजार 742 उपभोक्ताओं ने सफलतापूर्वक केवायसी करा ली है।
कंपनी ने बताया है कि केवायसी प्रक्रिया के तहत नर्मदापुरम ग्रामीण में 72 हजार एक, बैतूल ग्रामीण में 91 हजार 434, राजगढ़ ग्रामीण में 53 हजार 236, शहर वृत्त भोपाल में 63 हजार 781, भोपाल ग्रामीण में 38 हजार 800, गुना ग्रामीण में 32 हजार 389, विदिशा ग्रामीण में 50 हजार 725, सीहोर ग्रामीण में 24 हजार 254, ग्वालियर ग्रामीण में 21 हजार 115, शहर वृत्त ग्वालियर में 47 हजार 300, अशोकनगर ग्रामीण में 26 हजार 384, दतिया ग्रामीण में 25 हजार 390, रायसेन ग्रामीण में 44 हजार 105, शिवपुरी ग्रामीण में 26 हजार 048, हरदा ग्रामीण में 20 हजार 993, श्योपुर ग्रामीण में 09 हजार 695, मुरैना ग्रामीण में 24 हजार 119 एवं भिण्ड ग्रामीण में 10 हजार 973 बिजली उपभोक्ताओं की केवायसी की गई है।
गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकार्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया के तहत बिजली उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता इत्यादि की जानकारी को अपडेट किया जा रहा है। नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया से बिजली उपभोक्ताओं को जहां राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। साथ ही केवायसी से वास्तविक उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन एवं उनके भार की स्थिति का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे कंपनी कार्यक्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के भविष्य में विस्तार की योजना बनाने में आसानी होगी तथा कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद मिलेगी, जिससे कंपनी की सेवाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बिजली उपभोक्तओं के लिए टैरिफ परिवर्तन कराना हुआ आसान
18 Mar, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : अब बिजली उपभोक्ता आसानी से अपने विद्युत कनेक्शन का टैरिफ बदल सकते हैं। इसके लिए उन्हें बिजली कंपनी के दफ्तर में जाने की आवश्यकता नहीं है। अब मध्य क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को ऑनलाइन टैरिफ परिवर्तन का विकल्प उपलब्ध करा दिया गया है। इसके लिए उपभोक्ताओं को “सरल संयोजन पोर्टल” के माध्यम से आवेदन करना होगा।
कंपनी की वेबसाइट portal.mpcz.in पर Lt New Connection (Saral Sanyojan Portal) के अंतर्गत Other Useful link में Apply For Other Service (Saral Sanyojan) में Tariff Change की सुविधा उपलब्ध है। उपभोक्ता अपने उपभोक्ता क्रमांक की प्रविष्टि कर वर्तमान कनेक्शन संबंधी विवरण देखकर टैरिफ परिवर्तन हेतु आवश्यक टैरिफ का चयन करेंगे। इस दौरान आवेदन के दस्तावेज, पहचान पत्र, डीआईसी सर्टिफिकेट (आद्योगिक श्रेणी हेतु) एवं संयोजित भार का विवरण अपलोड किया जाएगा।
कंपनी ने कहा है कि घरेलू उपभोक्ता एवं सिंगल फेज गैर घरेलू उपभोक्ता को घोषणा पत्र एवं उपरोक्त के अलावा बाकी उपभोक्ता द्वारा एग्रीमेंट की शर्तों को अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी को पोर्टल पर डालकर स्वीकार किया जाएगा। इसके बाद ही उपभोक्ता को यदि सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस के अंतर की राशि यदि भुगतान योग्य होगी तो भुगतान करना होगा। उपभोक्ता अपने आवेदन की स्थिति आवेदन क्रमांक अथवा मोबाइल नंबर से पता कर सकते हैं।
उपभोक्ता द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करने बाद आवेदन निरस्त या अग्रेषित किया जाएगा। आवेदन निरस्त होने या श्रेणी परिवर्तन होने पर उपभोक्ता को एक एसएमएस से जानकारी भी दी जाएगी।
दतिया स्थित श्री पीतांबरा पीठ का मुख्य सिंह द्वार भव्य और आकर्षक बनाने का काम शुरू
18 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दतिया: श्री पीतांबरा पीठ में निर्माण कार्य शुरू हो गया है. मंदिर के मुख्य सिंह द्वार को भव्य तरीके से तैयार करने की शुरुआत हो गई है. मुख्य सिंह द्वार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. इस बदलाव के तहत सिंह द्वार पर स्थित पुलिस चौकी, जूता-चप्पल स्टैंड, पीठ का कार्यालय और रेलवे टिकट काउंटर को उत्तर द्वार के पास स्थानांतरित कर दिया गया है. पीठ से जुड़े लोगों के अनुसार इस पूरे कार्य में करीब 1 वर्ष से भी ज्यादा समय लग सकता है. इस गेट को मिनी कॉरिडोर की तर्ज पर बनाने की तैयारी है. इसे बनाने में लाल पत्थरों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. ये पूरा भव्य द्वार राजस्थान के लाल पत्थरों से तैयार होगा.
अब उत्तर द्वार से भक्तों को मंदिर में प्रवेश
श्रद्धालुओं के लिए नई दर्शन व्यवस्था के तहत अब उत्तर द्वार से ही मंदिर में प्रवेश किया जाएगा. श्रद्धालु पुल के रास्ते से मंदिर प्रांगण में पहुंचेंगे, जहां भीड़ प्रबंधन के लिए पुल से आंगन तक विशेष रेलिंग लगाई जाएगी. इसे गर्भगृह की खिड़की से जोड़कर 4 भागों में विभाजित किया जाएगा. दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को वनखंडेश्वर महादेव और धूमावती माई के दर्शन के लिए निर्धारित मार्ग से भेजा जाएगा.
लाल पत्थरों से सजेगा माई का दरबार
श्री पीतांबरा पीठ पर सिंह द्वार अब राजस्थानी लुक में तैयार होने जा रहा है. इसके लिए मंदिर में निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. मंदिर में बनने वाले द्वार पर पूरा राजस्थानी पत्थर लगाया जाएगा. लाल पत्थर राजस्थान के उदयपुर से लाया गया है. इसे आकर्षक डिजाइन से तैयार कर द्वार पर लगाया जाएगा, जिससे पीठ के द्वार की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही बारिश में पत्थर में कालापन भी नहीं होगा, जिससे सालों साल पत्थर की चमक बरकरार रहेगी.
राजस्थान के कलाकार जुटे निर्माण कार्य में
सिंह द्वार को लेकर श्रद्धालुओं में भी उत्साह है. क्योंकि द्वार बनाने वाले कारीगर कोई आम कारीगर नहीं हैं. बल्कि इन कलाकारों को राजस्थान से बुलाया गया है. इनकी पूरी टीम ही इस द्वार को बना रही हैं. ये कलाकार राजस्थान के माने हुए हैं. इन्हें मंदिर के भव्य द्वार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन लोगों का कहना हैं कि ये करीब 1 वर्ष तक इस भव्य द्वार को बनाकर तैयार कर देंगे. बता दें कि 10 करोड़़ रुपए की लागत से बनने वाले द्वार की डिजाइन भी उदयपुर के मशहूर डिजाइनर द्वार तैयार की गई है. भव्य द्वार का नक्शा भी मंदिर प्रशासन ने गेट के बहार फ्रेम में लगवा दिया है, जिससे लोग देख सकें.
उत्तर द्वार में पसरे अतिक्रमण को हटाया जाएगा
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक शनिवार को पीठ में लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु श्री पीतांबरा माई और श्री धूमावती माई के दर्शन के लिए आते हैं. पहले तीन द्वारों से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल रहा था, लेकिन अब एक द्वार के बंद होने से भीड़ प्रबंधन पीठ प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. उत्तर द्वार के पास यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए अस्थाई अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है. बाहर से आने वाले श्रद्धालु श्री पीतांबरा माई के सुलभ रूप से दर्शन कर सकें, इसके लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है. मंदिर के उत्तर द्वार पर संचालित पार्किंग में 4 पहिया वाहनों को एंट्री नहीं दिए जाने पर चर्चा की जा रही है.
शनिवार को स्वामी जी के हॉल में नहीं मिलेगा प्रवेश
गेट बंद होने के साथ ही मंदिर के प्रबंधक महेश दुबे ने शनिवार को आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कंट्रोल करने के लिए एडिशनल एसपी सुनील कुमार शिवहरे, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा के साथ बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि भीड़ को देखते हुए शनिवार को पीठ के पीठाधीश्वर श्री स्वामी जी महाराज का दरबार हॉल आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा जाएगा. साधकों को साधना करने के लिए पिछले गेट से एंट्री दी जाएगी. बैठक में मंदिर के सेवक भोलानाथ सक्सेना, मनोज तिवारी भी शामिल रहे.
रोज कर सकते हैं धूमावती माई के दर्शन
धूमावती माई के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से शाम 9 बजे तक और शाम 5 बजे से 8 बजे तक के लिए खोले जाते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ जाती है. पीठ पर धूमावती माई के पट रविवार से लेकर शुक्रवार तक सुबह 8 बजे और रात को 8 बजे सिर्फ 15 मिनट के लिए खोले जाते हैं. पीठ प्रबंधन की अपील है कि श्रद्धालुजन भीड़ और परेशानी से बचने के लिए शनिवार के अलावा भी दर्शन करने के लिए आ सकते हैं, जिससे उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े.
समर्थन मूल्य पर गेहूँ की बिक्री के लिए 10 लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
18 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि न्यूनतम समर्थन मुल्य पर गेहूं की बिक्री के लिये अभी तक 10 लाख 20 हजार 224 किसानों ने पंजीयन कराया है। मंत्री राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि गेहूँ की बिक्री के लिए समय-सीमा में पंजीयन जरूर करायें। उन्होंने बताया है कि किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं, खरीदी उपार्जन केन्द्रों में 5 मई तक होगी। गेहूँ की खरीदी के लिये 2648 उपार्जन केन्द्र बनाये जा चुके हैं। गेहूँ की खरीदी 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रूपये है और राज्य सरकार द्वारा 175 रूपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ की बिक्री के लिए जिला बुरहानपुर में 160, खरगौन में 4305, बड़वानी में 577, अलीराजपुर में 85, खंडवा में 11,560, धार में 20,647, झाबुआ में 3934, इंदौर में 31,694 मंदसौर 31,714, नीमच 10,259, आगर-मालवा में 25,357, देवास में 37,038, रतलाम में 19,966, शाजापुर में 53,172, उज्जैन में 78,016, अशोकनगर में 12,557, शिवपुरी में 8662, ग्वालियर में 5880, दतिया में 7680, गुना में 8446, भिंड में 10,470, श्योपुर में 11,157, मुरैना में 7824, जबलपुर 11,075, बालाघाट 806, कटनी में 15,511, पांढुर्णा 89, डिंडौरी में 1773, छिंदवाड़ा में 9091, सिवनी में 24,801, नरसिंहपुर में 20,979, मंडला में 9350, हरदा में 22,227, बैतूल में 8788, नर्मदापुरम में 52,017, विदिशा में 65,348, रायसेन में 57,898, राजगढ़ में 55,855, भोपाल में 26,847, सीहोर में 76,299, सतना में 12,028, रीवा में 9439, सिंगरौली में 4369, मऊगंज 996, मैहर में 3835, सीधी में 4535, अनूपपुर में 521, उमरिया में 4312, शहडोल में 5145, पन्ना में 14,785, निवाड़ी में 1132, दमोह में 22,505, टीकमगढ़ में 8048, छतरपुर में 12,198 और सागर में 56,462 किसानों ने पंजीयन कराया है।
प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
18 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के शीर्ष राज्यों में लाने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये होटल पलाश भोपाल में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान कर फॉलोअप करें सुनिश्चित
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान कर उन्हें समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा दी जाए और उनका फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए। इससे माताओं एवं नवजात शिशुओं को सुरक्षित रखा जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गर्भस्थ भ्रूण का लिंग परीक्षण एक दंडनीय अपराध है और इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
टीम-वर्क, समर्पित प्रयास से स्वास्थ्य मानकों में मध्यप्रदेश बनेगा अग्रणी
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि टीम वर्क, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी और एकजुट प्रयासों से मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा होगा। मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पीसीपीएनडीटी अधिनियम, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी प्रबंधन एवं स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार को लेकर गहन मंथन किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर और विधिवत प्रदाय, समयबद्ध चिन्हाकन, नियमित जाँच और फॉलोअप सेवा से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में सुधार के सशक्त प्रयास किये जायेंगे।कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डीपीएम, विभागीय अधिकारी और सलाहकारों ने भाग लिया।
श्रीकृष्ण ने जहां की लीलाएं और जहां पड़े उनके चरण, सभी देवस्थानों को तीर्थ के रूप में करेंगे विकसित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
18 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को ओंकारेश्वर में अवधूत सिद्ध महायोगी दादा गुरुजी की तृतीय चरण माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने ओंकारेश्वर स्थित गौमुख घाट पर माँ नर्मदा का मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। यह यात्रा माँ नर्मदा, धर्म, धरा, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिए पूर्ण समर्पित थी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि “यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे” जो-जो इस ब्रह्माण्ड में है वही सब हमारे शरीर में भी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह परमात्मा हमारे अंदर विद्यमान है, उसी तरह जल माँ नर्मदा में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि दादा गुरुजी की तृतीय चरण माँ नर्मदा सेवा यात्रा का समापन हुआ है। यह एक अद्भुत यात्रा थी। उन्होंने दादा गुरुजी को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम इस मृत्यु लोक में अकेले आते हैं और अकेले ही जाते हैं। इस लोक में हमारे कर्म ही होते हैं जो हमें विभिन्न लक्ष्यों तक पहुँचाते हैं। सब अपने कर्मों के अनुसार पुण्य अर्जित करते हैं। इसलिए हम सबको सत्कर्म करने का प्रण लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी-2028 में सिंहस्थ को भव्य बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण से मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है। इसी तरह "ओंकारेश्वर लोक" का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर धाम भी आने वाले समय में जगमगाएगा। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं जुटाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जहां लीलाएं की और जहां उनके चरण पड़े, उन सभी देवस्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने सभी धार्मिक नगरों को शराब मुक्त करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में निरंतर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार गौ-पालन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 10 से ज्यादा गाय खरीदेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवधूत सिद्ध महायोगी दादा गुरुजी के साथ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। उन्होंने बाबा ओंकारेश्वर से प्रदेश की सुख-समृद्धि, विकास और कल्याण की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुल से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पैदल पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्ट के ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह चौहान, सहायक सीईओ अशोक महाजन सहित अन्य ट्रस्टी गण ने प्रतीक स्वरूप बाबा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का चित्र भेंट किया।
नर्मदा समापन यात्रा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद पटेल, मान्धाता विधायक नारायण पटेल, ज़िला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, महापौर अमृता यादव सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद थे।
नींव मजबूत होगी तो आने वाला भविष्य मजबूत होगा: मंत्री भूरिया
18 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया मंगलवार को 'पोषण भी-पढ़ाई भी' पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारी नींव मजबूत होगी तो आने वाला भविष्य मजबूत होगा। सक्षम आंगनवाड़ी मिशन 2.0 के तहत पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम केन्द्र सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम है। ये प्रशिक्षण राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा तथा पोषण सेवा प्रदान करने की क्षमता विकसित करने के लिये एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्री भूरिया ने कहा कि वर्ष 2023 में प्रारंभ की इस पहल का उद्देश्य बच्चों की देखभाल और शिक्षा पर आंगनवाड़ी प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके और आंगनवाड़ी केन्द्र को उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी सुविधाओं, खेल के उपकरण और विधिवत प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ एक शिक्षण केन्द्र परिवर्तित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे 6 वर्ष के कम उम्र के बच्चों (विशेषकर दिव्यांग बच्चों) के रचनात्मक, सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नींव का पत्थर
प्रमुख सचिव महिला बाल विकास रश्मि अरूण शमी ने कहा कि आंगनवाड़ी एक आधारशिला है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नींव का पत्थर है। उन्होंने कहा कि नींव के पत्थर किसी को नहीं दिखता लेकिन अगर वो मजबूत हो तो इमारत बुलंद होती है। बच्चों को खाना खिलाना, उनकी देखभाल करना अति आवश्यक है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और भौतिक संबल को बढ़ावा दे रही है। रश्मि शमी ने कहा कि यह 2 चरणों में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका सशक्त बनेगी। उन्होंने कहा कि इसकी मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। आँगनवाड़ी में होने वाली पढ़ाई के एसेसमेंट किये जाने पर भी ध्यान देना होगा।
आयुक्त महिला बाल विकास सूफिया फारूकी वली ने बताया कि 'पोषण भी-पढ़ाई भी' के तहत आधारशिला और नवचेतना को आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्रियान्वित करने के संबंध में कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा क्षमता संवर्द्धन के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में पाठ्यक्रम और शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित एवं सक्षम बनाना है।
भोपाल के होटल रेडिसन में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में सभी संभागों के अधिकारी, सीडीपीओ, डीपीओ सहित अजीज प्रेमजी फाउन्डेशन और रॉकेट लर्निंग संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पर्यटन बढ़ाने में हवाई यातायात बेहद जरूरी, इसलिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाएं : सीएम डॉ. यादव
18 Mar, 2025 09:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में विमानन विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने बैठक में कहा कि प्रदेश में पर्यटन को नए आयाम प्रदान करने के लिए सहज हवाई यातायात (एयर कनेक्टिविटी) एक बुनियादी जरूरत है। हरसंभव तरीके से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाएं, ताकि पर्यटक मध्य प्रदेश आकर यहां की समृद्ध ऐतिहासिक विरासतों का आसानी से अवलोकन कर सकें। इसके लिए आपसी सामंजस्य बेहद जरूरी है। विमानन विभाग, संस्कृति, पर्यटन और चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में प्रयास करे। सरकार मध्यप्रदेश को क्षेत्रीय विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए हर जरूरी सुविधा और मदद मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीवीआईपी और वीआईपी मूवमेंट के दौरान यातायात रोकने से जनसामान्य को परेशानी होती है। इसलिए इस कठिनाई के स्थायी निदान के लिए मंत्रालय (वल्लभ भवन) और मुख्यमंत्री निवास के समीप ही नए हेलीपैड का निर्माण किया जाए। इससे समय की बचत भी होगी और सबकी कठिनाई भी दूर होगी। सभी जिलों में हवाई अड्डे/हवाई पट्टियां/हेलीपैड विकसित किए जाएंगे। साथ ही कृषि एवं उद्योग क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए एयर कार्गो की सुविधाओं के विकास पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।
पायलट-क्रू मेंबर्स के प्रशिक्षण के कोर्स शुरू करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, मेडिकल टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और जनजातीय संस्कृति से जुड़ाव के लिए होम स्टे प्रोत्साहन के रूप में सेल्फ फीलिंग/हीलिंग टूरिज्म की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विमानन क्षेत्र में नए रोजगार सृजन की संभावनाओं के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और युवाओं के कौशल विकास के लिए पायलट-क्रू मेंबर्स के प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्सेस चलाने के निर्देश दिए।
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सतना और दतिया एयरपोर्ट का लोकार्पण जल्द
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सतना एवं दतिया एयरपोर्ट को भी शीघ्र ही लोकार्पित करने जा रही है। यह दोनों शहर धार्मिक पर्यटन के प्राचीन केन्द्र हैं। यहां एयरपोर्ट होने से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने सतना एयरपोर्ट की हवाई पट्टी के विस्तार (वर्तमान 1200 मीटर को बढ़ाकर 1800 मीटर करने) के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेश में उपलब्ध सभी इन एक्टिवेट हेलीपैड्स को जल्द से जल्द एक्टिवेट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयर एम्बुलेंस और हेली सेवा का लाभ सबको मिले, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएं।
उज्जैन और शिवपुरी में हवाई अड्डे की कार्यवाही तेज
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया गया कि उज्जैन और शिवपुरी में नए हवाई अड्डे के विकास के लिए भू-अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश में ग्रेड-1 में उच्च क्षमता/व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पाई गईं हवाई पट्टी में उज्जैन, सिंगरौली, सागर (ढ़ाना), नीमच, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, मंडला, खण्डवा एवं रतलाम तथा ग्रेड-2 में बिरवा (बालाघाट), पचमढ़ी, गुना, खरगौ न, मंदसौर, सिवनी, सीधी, पन्ना, झाबुआ, शहडोल एवं उमरिया में उपलब्ध आकांक्षी हवाई पट्टियों के विकास एवं विस्तार के लिए भी कार्यवाही चल रही है।
सरकार का नया विमान मई 2026 में आएगा
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की नवीन नागर विमानन नीति-2025 के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। नई-नई एविएशन कम्पनियां और प्रशिक्षण संस्थान प्रदेश से जुड़कर यहां अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाह रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल शासकीय बेड़े में कोई विमान उपलब्ध नहीं है। नवीन डबल इंजन जेट विमान क्रय करने के लिए निर्माता कम्पनी को क्रय आदेश दिया जा चुका है। नया विमान मई 2026 तक उपलब्ध हो जाएगा। इसी प्रकार प्रदेश में नवीन डबल इंजन हेलीकॉप्टर की आपूर्ति के लिए निर्माता कम्पनी से 6 मार्च 2025 को अनुबंध कर लिया गया है। नवीन हेलीकॉप्टर जनवरी 2027 सरकार को उपलब्ध हो जाएगा।
भोपाल से 12 शहरों की और इंदौर से 22 शहरों की सीधी उड़ान
सीएम ने बताया कि भोपाल से 12 शहरों तथा इंदौर से 22 शहरों के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध है। कौशल विकास के लिए प्रदेश में 11 उड़ान प्रशिक्षण संस्थाएं काम कर रही हैं। खजुराहो में भारत का पहला हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत है। क्षरण योग्य उत्पादों (पेरिशेबल गुड्स) के सुचारू परिवहन के लिए भारत सरकार की कृषि उड़ान योजना में राज्य के तीन एयरपोर्ट्स भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर को शामिल किया गया है।
मध्यप्रदेश ने कृषि में किए कई नवाचार, इसलिए देश में है अव्वल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
18 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की उर्वर धरा में खेती-किसानी लाभ का व्यवसाय है। हमने इसी दिशा में काम किया। नई कृषि विधियों को अपनाया, कई नवाचार किए। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश कृषि विकास के मामले में पंजाब, हरियाणा और अन्य कई राज्यों से आगे निकलकर देश में अव्वल स्थान पर है। हम खेती-किसानी और किसान दोनों की समृद्धि के लिए प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में नेशनल डिफेंस कॉलेज की ओर से मध्यप्रदेश आए अध्ययन यात्रा दल को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि एवं सहकारिता में मध्यप्रदेश में बीते दशकों में लगातार काम हुआ है। खेती के साथ-साथ सिंचाई पर भी हमने काम किया है। वित्त वर्ष 2002-03 तक मध्यप्रदेश में मात्र 7 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित थी। आज मध्यप्रदेश की 55 लाख से अधिक कृषि हेक्टेयर भूमि को हम सिंचित क्षेत्र में लेकर आए हैं। हम किसानों को सुविधा सम्पन्न बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। अगले तीन सालों में हमारी सरकार प्रदेश के 30 लाख किसानों को न केवल सोलर पम्प देगी, वरन् उनके द्वारा उत्पादित अतिरिक्त सोलर ऊर्जा का क्रय भी करेगी। इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा। इसके अलावा हम किसानों को मात्र 5 रूपए की राशि पर बिजली कनेक्शन भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऊर्जा के मामले में भी आगे है। देश में सबसे सस्ती बिजली देने वाला प्रदेश मध्यप्रदेश है। दिल्ली मेट्रो भी मध्यप्रदेश की बिजली से चलायमान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी), नई दिल्ली द्वारा "राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीति" विषय पर आयोजित अध्ययन यात्रा के लिए मध्यप्रदेश राज्य की यात्रा के लिए आए दल ने सौजन्य भेंट की। देश के 5 मित्र देशों के प्रतिनिधि भी अध्ययन दल के साथ मध्यप्रदेश आए हैं। एनडीसी द्वारा पूरे देश के लिए ऐसे 8 अध्ययन समूह तय किए गए हैं, जिनमें से 16 सदस्यीय एक समूह मध्यप्रदेश की अध्ययन यात्रा पर है। मध्यप्रदेश आए यात्रा दल को यहां प्रदेश में 'कृषि एवं सहकारिता' अध्ययन शीर्षक दिया गया है। आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी को इस समूह को मध्यप्रदेश की अध्ययन यात्रा कराने का दायित्व मिला है।
अध्ययन यात्रा दल ने बीते दिनों मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों का फील्ड विजिट कर कृषि एवं सहकारिता क्षेत्र में हुई प्रगति का अध्ययन किया और देखा कि मध्यप्रदेश ने इन दोनों क्षेत्रों में बेहतरीन प्रगति हासिल की है। अध्ययन दल ने पाया कि सरकार की नीतियों से किसानों की समृद्धि बढ़ी है। वहीं स्व-सहायता समूहों के जरिए प्रदेश में आजीविका विकास विशेषकर महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिए अभूतपूर्व काम हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश आए अध्ययन दल से परिचय प्राप्त किया और दल से आग्रह किया कि उज्जैन जरूर जाइए, महाकाल के दर्शन कीजिये और देखिये कि धार्मिक पर्यटन के मामले में म.प्र. कितने आगे बढ़ा हैं। सदियों पुराने महाकाल मंदिर का विकास कर हमारी सरकार ने महाकाल महालोक तैयार किया। इसमें भगवान शिव की जीवंत उपस्थिति, उनका पार्वती से विवाह, सती कथा का प्रसंग सहित उनके जीवन के सभी प्रमुख पक्षों (तांडव मंत्र में दी गई 108 मुद्राओं सहित) को जीवंत कर प्रतिमाओं के रूप में उकेरा है। महाकाल महालोक हमारी आस्था है, हमारी पूंजी भी है।
अध्ययन यात्रा दल के संयोजक के रूप में नेशनल डिफेंस कॉलेज के मुकेश अग्रवाल, इसी कॉलेज के प्रकाश प्रवीण सिद्धार्थ सहित 16 सदस्यीय अध्ययन दल ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से आत्मीय चर्चा कर अपने फील्ड विजिट के जागृत अनुभव (रीयलस्टिक एक्सपीरियन्स) साझा किए। यात्रा दल के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, यह हमने खुद देखा है। कृषि के जरिए किसानों एवं स्व-सहायता समूहों के जरिए आजीविका विकास (सहकारिता की सफलता के संदर्भ में) के लिए सरकार के प्रयास नि:संदेह प्रशंसनीय है। म.प्र. में शासन, प्रशासन की मदद से लोग खुद-ब-खुद जुड़कर अपनी आजीविका और जिंदगी की सफलता की कहानी खुद लिख रहे हैं। हमने मध्यप्रदेश में सामाजिक बदलाव (सोशल चेंज) देखा है। हम मध्यप्रदेश की सफलता से अभिभूत हैं।
बैठक में आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी के संचालक मुजीबुर्रहमान खान ने अध्ययन यात्रा दल के उद्देश्यों और उनके आगामी दिनों के कार्यक्रम की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने डॉग स्क्वॉड में प्रशिक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण व्यवस्था संबंधी जानकारी प्राप्त की
18 Mar, 2025 08:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास की सुरक्षा में लगे मध्य प्रदेश पुलिस के डॉग स्क्वॉड के श्वान लाली और डॉली को दुलारकर, डॉग स्क्वॉड की प्रशिक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किऐ। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निवास की सुरक्षा व्यवस्था में मध्य प्रदेश पुलिस की डॉग स्क्वॉड के श्वानों की पारी वार ड्यूटी रहती है। डॉग स्क्वॉड का मुख्यालय भोपाल में 23 वीं बटालियन में है, जहां जर्मन शेफर्ड , डाबरमैन और लैब्राडोर जैसे विभिन्न नस्लों के डॉग्स को प्रशिक्षित किया जाता है, वर्तमान में देसी नस्लों के श्वान भी इसमें शामिल किए गए हैं। प्रशिक्षण के अंतर्गत गंध पहचानना, आज्ञा पालन, अपराधियों और लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग मुख्य रूप से शामिल है। उनके नियमित हेल्थ चेकअप की भी डॉग स्क्वॉड में विशेष व्यवस्था है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने मंगलवार को निवास से ओंकारेश्वर प्रवास के लिए रवाना होते समय , पुलिस जवान के साथ मौजूद डॉग स्क्वॉड को दुलार किया। डॉग स्क्वॉड की की डाॅली और लाली ने प्राप्त प्रशिक्षण के अनुसार निर्देशों का पालन करते हुए अभिवादन किया ।
जारी नई गाइडलाइन के अनुसार बढ़ेंगी मेट्रो के आसपास की ज़मीनी कीमते, ये होंगी नई दरे
18 Mar, 2025 06:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: प्रस्तावित गाइडलाइन में राजधानी भोपाल में मेट्रो लाइन के किनारे जमीन की दरें 13 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 40 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई हैं। अगर आप मेट्रो लाइन के किनारे रहना चाहते हैं तो अपनी आर्थिक क्षमता के हिसाब से तय करें कि आपको सस्ती जमीन कहां मिलेगी। मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट में सबसे महंगी जमीन करोद क्षेत्र में है। गौरतलब है कि मेट्रो की पहली ऑरेंज लाइन एम्स से करोद तक बिछाई जा रही है। करीब 14 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर मेट्रो का ट्रायल हो चुका है। गाइडलाइन की दरों पर 19 मार्च तक कलेक्ट्रेट कार्यालय या पंजीयन भवन या ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
गाइडलाइन में क्या है खास
हाउसिंग बोर्ड के सबसे महत्वाकांक्षी और वीवीआइपी प्रोजेक्ट तुलसी ग्रीन के लिए निर्मित क्षेत्र की रजिस्ट्री 71 हजार वर्गमीटर की दर पर की जाएगी, जिसमें लगभग 20 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की वृद्धि की गई है। जिला प्रशासन ने मेट्रो के लिए रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह की ओर इरानी डेरे को लगभग हटा दिया है। पूरा बाजार हटा दिया गया है, लेकिन इसकी दर गाइडलाइन में निर्धारित है। इरानी डेरा मार्केट के पीछे के क्षेत्र में आवासीय प्लॉट के लिए 10 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर और बने-बनाए आवासीय मकान के लिए 23 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की कीमत तय की गई है। यहां एक हेक्टेयर भूमि की कीमत 7.60 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। प्रदेश के पहले सीसी सिक्सलेन कोलार मुख्यमार्ग पर अब प्लॉट की कीमत 50 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर और आवासीय निर्मित मकान की कीमत 63 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर है। टीटी नगर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्लॉट की दर 72 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर बनी हुई है, जबकि निर्मित भवन की कीमत 1.08 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर है। लैंड पूलिंग विवाद में उलझे बीडीए के मिसरोद बरई में आवासीय भूखंड की कीमत 25,000 रुपये है, जबकि निर्मित आवासीय भवन की कीमत 38,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।
50 मीटर की दर सिर्फ पुराने शहर में
मेट्रो ट्रेन परियोजना के अंतर्गत एम्स से करोद तक 14 किलोमीटर की लाइन निर्धारित की गई है, लेकिन इस लाइन के 50 मीटर के दायरे में भूमि की कीमत केवल शहर के पुराने हिस्से में निर्धारित की गई है। सुभाष ब्रिज, केंद्रीय विद्यालय, एमपी नगर, रानी कमलापति से लेकर अल्कापुरी और एम्स तक के क्षेत्रों के लिए कोई अलग दर नहीं तय की गई है। इसके बजाय, सड़क किनारे की दर को ही लागू करने का निर्णय लिया गया है।
मेट्रो लाइन किनारे नई तय दर
एरिया
प्लाट
कृषि भूमि लैंड
करोंद
40-45 हजार
20 करोड़
बैरसिया रोड
15- 28 हजार
10.60 करोड़
सिंधी कॉलोनी
20- 33 हजार
16 करोड़
शाहजहानाबाद
13-23 हजार
6.40 करोड़
जहांगीराबाद
26400- 29400
26.40 करोड़
डीआईजी बांग्ला
17600 - 30600
17.60 करोड़