राजनीति
PM मोदी आज शाम 7 बजे जाएंगे BJP हेडक्वार्टर, कार्यकर्ताओं से करेंगे संबोधित
23 Nov, 2024 03:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आने वाले हैं। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से ही शुरू हो गई है और शुरुआती रुझानों में महाराष्ट्र में BJP आगे चल रही है। इतना ही नहीं एनडीए गठबंधन बहुमत पार करती हुई दिख रही है। वहीं झारखंड में JMM 30 सीटों पर आगे चल रही है। वोटों की गिनती के बीच आज पीएम मोदी शाम को BJP मुख्यालय जा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो आज शाम को 7 बजे पीएम मोदी दिल्ली में BJP के मुख्यालय जाएंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
अजित पवार 15 हजार वोटों से आगे
महाराष्ट्र में शुरुआती रुझानों में प्रचंड बहुमत के साथ महायुति की जीत पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास के बाहर जश्न मनाया। वहीं बरामती विधानसभा चुनाव में अजित पवार के 15 हजार वोटों से आगे चलने पर समर्थकों ने पटाखे भी फोड़ने शुरू कर दिए हैं। वही दिल्ली BJP के मुख्यालय में भी जश्न की तैयारियां शुरू हो गई है, वहां पर जलेबियां भी बननी शुरू हो गई हैं।
विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 65.11% मतदान
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों 4136 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे। जिसकी किस्मत का फैसला आज होना है। वोटों की गिनती शुरू हो गई है और कुछ घंटों में आंकड़े भी साफ हो जाएंगे। बता दें कि इस बार महाराष्ट्र में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई थी। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार महाराष्ट्र में 65.11 प्रतिशत मतदान हुआ है। जो साल 2019 में हुए मतदान से चार प्रतिशत अधिक है। इस बार महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान हुआ था।
81 सीटों के लिए वोटों की गिनती
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आज आने वाले हैं। 81 सीटों के लिए हुए चुनाव में BJP, JMM, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने अपनी किस्मत आजमाई है। चुनाव आयोग के शुरुआती रुझानों के अनुसार JMM 30 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं 26 सीटों के साथ BJP दूसरे नंबर पर है। अब देखना होगा कि कौन सी पार्टी सरकार बनाने के लिए जरूरी 41 सीटें जीत पाती है। दो चरणों में हुए इस चुनाव में पहले चरण के लिए 13 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 41 सीटें जीतनी जरूरी हैं।
पश्चिम बंगाल उपचुनाव लाइव: तृणमूल कांग्रेस ने छह में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की, एक सीट पर निर्णायक बढ़त हासिल की
23 Nov, 2024 03:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पश्चिम बंगाल उपचुनाव परिणाम 2024 LIVE अपडेट: पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी का दबदबा जारी है. तृणमूल कांग्रेस ने सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर सीटों पर परचम लहराया है. जबकि तालडांगरा सीट पर टीएमसी उम्मीदवारों ने निर्णायक बढ़त बना ली है. कुल मिलाकर ममता बनर्जी की पार्टी सभी 6 सीटों पर क्लीन स्वीप करने जा रही है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस क्लीन स्वीप की तैयारी कर रही है. यहां कुल 6 सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें से सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ और मेदिनीपुर सीटों पर टीएमसी ने जीत दर्ज की है. जबकि तालडांगरा सीट पर पार्टी निर्णायक बढ़त बनाए हुए है. सिताई में संगीता रॉय ने, मदारीहाट में जयप्रकाश टोप्पो ने, जबकि उत्तर 24 परगना क्षेत्र की नैहाटी विधानसभा सीट पर सनत डे ने अपने प्रतिद्वंद्वी रूपक मित्रा को हराया. हरोआ और मेदिनीपुर सीटें भी टीएमसी के खाते में आई हैं. वहीं बांकुड़ा की तलडांगरा विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस निर्णायक बढ़त बनाए हुए है।
किस सीट पर क्या हो रहा है
अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सिताई सीट पर टीएमसी की संगीता रॉय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दीपक कुमार रे को 1,30,636 मतों के बड़े अंतर से हराया। संगीता रॉय को 1,65,984 वोट मिले जबकि दीपक कुमार को सिर्फ 35,348 वोट मिले।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित मदारीहाट सीट पर टीएमसी के जयप्रकाश टोप्पो ने भाजपा उम्मीदवार राहुल लोहार को सिर्फ 28,168 मतों से हराया। जयप्रकाश टोप्पो को 79,186 वोट मिले जबकि राहुल लोहार को 50,602 वोट ही मिल सके। 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट जीती थी।
नैहाटी सीट पर टीएमसी के सनत डे ने भाजपा उम्मीदवार रूपक मित्रा को हराया था। रूपक मित्रा को 29,495 वोट मिले, जबकि सनत डे ने 78,772 वोट पाकर 49,277 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
टीएमसी के एसके रबीउल इस्लाम ने हरोआ सीट पर 1 लाख 31 हजार 388 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। रबीउल को 1,57,072 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पियारुल इस्लाम (एआईएसएफ) को केवल 25,684 वोट ही मिल सके।
टीएमसी के सुजॉय हाजरा ने मेदिनीपुर सीट पर 33,996 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। सुजॉय हाजरा को कुल 1 लाख 15 हजार 104 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार सुभाजीत रॉय को 81,108 वोट ही मिल सके।
तालडांगरा सीट पर दोपहर 3 बजे तक टीएमसी की फल्गुनी सिंघाबाबू को 98,628 वोट मिले हैं। जबकि भाजपा की अनन्या रॉय चक्रवर्ती से 34,126 वोटों से पीछे चल रही हैं।
भाजपा के 'गढ़' में सेंध
पश्चिम बंगाल में 2 आरक्षित सीटों के साथ-साथ 4 अन्य सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें सिताई सीट अनुसूचित जाति और मदारीहाट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इसके अलावा 13 नवंबर को मेदिनीपुर, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए।
मेदिनीपुर, मदारीहाट, सिताई, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटें पश्चिम बंगाल के दक्षिणी क्षेत्र में आती हैं और इन्हें तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जबकि मदारीहाट सीट राज्य के उत्तरी हिस्से में आती है और इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस बार ममता बनर्जी भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफल रही हैं।
उपचुनाव में टीएमसी के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ-साथ सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे और कांग्रेस ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा था। दोनों ने साल 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग मैदान में कदम रखा।
महाराष्ट्र में भाजपा+ को बंपर बढ़त; भाजपा-शिवसेना में मुख्यमंत्री पद के लिए बयानबाजी शुरू
23 Nov, 2024 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सत्ताधारी महायुति ने अपने पूरे प्रचार के दौरान लाडकी बहीण योजना को चुनावी मुद्दा बनाकर इसका प्रचार किया। महायुति ने लाडकी बहना योजना के तहत महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने का वादे किया था। वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये देने का वादा किया था।
धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू एकता में शामिल हुए दिग्विजय सिंह के बेटे, हिंदुओं में एकता जरूरी
22 Nov, 2024 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मशहूर कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों हिंदू एकता पदयात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। इस बीच कांग्रेस विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह भी यात्रा में शामिल हुए हैं। यात्रा में पहुंचकर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, हिंदुओं में एकता जरूरी है और यह सनातन धर्म की यात्रा है। हम बागेश्वर धाम का बहुत आदर करते हैं। वे सनातन धर्म के लिए ये यात्रा कर रहे हैं। ये यात्रा किसी दल की नहीं है बल्कि सनातन धर्म के लिए है। हिंदुओं में एकता होनी चाहिए। बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री 21 नवंबर से हिंदू एकता पदयात्रा निकाल रहे हैं, जो 29 नवंबर तक चलेगी। यह धार्मिक यात्रा छतरपुर के करीब बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा तक जाएगी। इन 9 दिनों में बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी की दूरी तय करने वाले है।
सनातन धर्म का प्रचार करने के लिए ये पदयात्रा
धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन धर्म का प्रचार करने के लिए वे ये पदयात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा में बाबा बागेश्वर के साथ हजारों भक्त भी चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री हजारों भक्तों के साथ रोजाना 20 किमी पैदल चलने वाले है। जयवर्धन के यात्रा में शामिल होने पर धीरेंद्र शास्त्री का भी बयान आया है। उन्होंने कहा,जयवर्धन सनातन धर्म पर बहुत समर्पित भाव रखते हैं। उनके घर में राघवजी बैठे हैं। उनके घर के चारों कोनो में ठाकुरजी, बालाजी बैठे हैं। जिन्हें हमारा मकसद पता है, उन्हें पता है कि हम इस देश में एकता चाहते हैं। हम किसी पार्टी के वोटबैंक के लिए काम नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ हिन्दुओं को एक करने के लिए निकले हैं।
गलत, झूठी और राजनीति से प्रेरित कहानी को आगे बढ़ा रही कांग्रेस
22 Nov, 2024 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इम्फाल। मणिपुर में हिंसा से बीजेपीप और कांग्रेस के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है और दोनों पार्टियां राज्य में संकट को लेकर एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर मणिपुर अशांति के मुद्दे पर गलत, झूठा और राजनीति से प्रेरित कहानी को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। उनकी टिप्पणी खड़गे द्वारा राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग करने और संकट को कम करने में केंद्र की विफलता का आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद आई है। नड्डा ने पत्र में लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप भूल गए हैं कि न केवल आपकी सरकार ने भारत में विदेशी आतंकवादियों के अवैध प्रवास को वैध बनाया, बल्कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अलावा, गिरफ्तारी से बचने देश से भाग रहे इन ज्ञात उग्रवादी नेताओं का समर्थन किया और उनके अस्थिर प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। नड्डा ने आगे लिखा कि आपकी सरकार के तहत भारत की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रोटोकॉल की पूर्ण विफलता एक प्रमुख कारण है कि उग्रवादी और आदतन हिंसक संगठन मणिपुर में कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को खत्म करने और इसे कई दशकों तक अराजकता के युग में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूँ कि कांग्रेस के विपरीत हमारी सरकार किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और मणिपुर की सरकारें शुरुआती हिंसा के बाद से ही स्थिति को स्थिर करने और लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं।
कांग्रेस के पूर्व शासन में मणिपुर ने इतिहास के सबसे खूनी दौर को देखा
नड्डा ने खड़गे से कहा कि आप और आपकी पार्टी ने इन घटनाक्रमों को नजरअंदाज करते हुए राजनीतिक लाभ उठाने और नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर और उसके लोगों का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना। कांग्रेस के पूर्व शासन में मणिपुर ने इतिहास के सबसे खूनी दौर को देखा है। उन्होंने कहा कि 90 के दशक के काले दौर में बड़े पैमाने पर हिंसा के कारण हजारों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए थे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केवल 2011 में मणिपुर में 120 दिन से अधिक समय तक पूर्ण नाकाबंदी देखी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और एलपीजी की कीमत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा थीं और हर दिन सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा था। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह मणिपुर मामले में हस्तक्षेप करें ताकि राज्य के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर हिंसा रोकने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप भी लगाया था और दावा किया था कि प्रदेश की जनता अब इन दोनों सरकारों में विश्वास खो चुकी है। उन्होंने लिखा था कि देश को असाधारण रूप से गंभीर त्रासदी झेलनी पड़ी है। पिछले 18 महीनों से मणिपुर में अभूतपूर्व उथल-पुथल के कारण महिलाओं, बच्चों सहित 300 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। एक लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित कर दिया है। लोगों की पीड़ा लगातार बनी हुई है।
एग्जिट पोल्स में महाराष्ट्र सीएम के लिए लोगों की पहली पसंद शिंदे
22 Nov, 2024 07:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एग्जिट पोल्स ने महायुति और महाविकास अघाड़ी में कड़ी टक्कर का अनुमान लगाया है। इनमें से कई एग्जिट पोल्स कह रहे हैं कि बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति को जीत मिलेगी तो तीन एग्जिट पोल्स महाविकास अघाड़ी को जिता रहे हैं। इस बीच एक अन्य एग्जिट पोल ने सीएम की पसंद के बारे में भी बताया है।
उद्धव ठाकरे दूसरे नंबर पर, फडणवीस और अजित पवार सर्वे में पिछड़े
सर्वे के मुताबिक जनता ने महाराष्ट्र में सीएम के तौर पर मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे को ही अपनी पहली पसंद बताया है। सर्वे में कहा गया है कि 31 फीसदी लोग एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम देखना चाहते हैं। दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे हैं। उन्हें 18 फीसदी लोगों की पसंद उद्धव ठाकरे हैं। यह देवेंद्र फडणवीस के लिए झटके की तरह है, जो फिलहाल डिप्टी सीएम हैं और बीजेपी के नंबर वन पार्टी बनने की स्थिति में उन्हें सीएम के तौर पर देखा जा रहा है। देवेंद्र फडणवीस को 12 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पसंद बताया। इसके बाद चौथे नंबर पर शरद पवार आते हैं और 5वें स्थान पर बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर हैं। उन्हें 3 फीसदी लोगों ने पसंद किया है। इस रेटिंग में अजित पवार काफी नीचे हैं, जो कई बार कह चुके हैं कि वह राज्य का सीएम बनना चाहते हैं। वह संयुक्त रूप से छठे नंबर पर हैं। उनके साथ ही नितिन गडकरी और नाना पटोले को भी 2 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पसंद बताया है। यही नहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भी 2 फीसदी लोगों की पसंद हैं। इस बार के चुनाव में राज ठाकरे खुद को किंगमेकर के तौर पर देख रहे हैं।
महराष्ट्र में सीएम कुर्सी एक..................लेकिन कुर्सी पर बैठने वाले दावेदार अनेक
22 Nov, 2024 06:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान शनिवार को होगा। लेकिन इसके पहले सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से कई नाम सामने आ रहे हैं, जिन्हें लेकर कहा जा रहा है कि ये महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री हो सकते है। जहां सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी दोनों के दावे हैं, कि 23 नवंबर को जब वोटों की गिनती होगी तब जनता उन्हें चुनकर सदन में भेजेगी। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दावा किया था कि उनकी पार्टी की अगुवाई में राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनेगी। लेकिन उनका बयान सहयोगी पार्टी शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के गले नहीं उतरा। उनके बयान पर पलटवार करते हुए पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि चुनाव में महाविकास अघाड़ी को बहुमत मिलने के बाद सहयोगी पार्टियां मिलकर मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर विचार करेंगी।
वोटर्स ने वोटिंग के जरिए शिंदे को अपनी पसंद बता दिया
राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान ने पटोले से कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं, तब फिर भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को इसका ऐलान करना चाहिए। बता दें कि एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) हैं। जबकि महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गुट हैं, जिन्होंने दावा किया है कि राज्य में अगली सरकार उनकी ही बनेगी। अधिकतर एग्जिट पोल में भी महायुति के सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया है। महायुति की ओर से शिवसेना विधायक और पार्टी प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया है। महाराष्ट्र के वोटर्स ने वोटिंग के जरिए शिंदे को अपनी पसंद बता दिया है। मुझे लगता है कि शिंदे का पूरा हक है कि वह अगले मुख्यमंत्री बनें। हमें विश्वास है कि वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री बन सकते है।
प्रवीण दरेकर ने मुख्यमंत्री पद के लिए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का नाम लिया
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने मुख्यमंत्री पद के लिए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का नाम लिया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर बीजेपी से कोई मुख्यमंत्री बन सकता है, तब सिर्फ और सिर्फ फडणवीस हैं। एनसीपी नेता अमोल मिटकरी ने मुख्यमंत्री पद के लिए अजीत के नाम पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजें जो भी हो, एनसीपी किंगमेकर की भूमिका में होगी। मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछने पर फडणवीस ने कहा कि महायुति में शामिल तीनों पार्टियां एक साथ बैठेंगी और फिर इस पर फैसला लिया जाएगा। बीजेपी नेता दरेकर ने कहा कि महायुति अगली सरकार बनाने जा रही हैं। उन्होंने महाविकास अघाड़ी के सत्ता में लौटने की संभावना को खारिज कर कहा कि विपक्षी गठबंधन अंदरूनी कलह से जूझ रहा है। महाराष्ट्र के लोगों ने स्पष्ट जनादेश देने जा रहा है। मुख्यमंत्री महायुति से ही होगा ना कि महाविकास अघाड़ी से। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की पटोले की हसरतें कुछ नहीं मुंगेरीलाल के हसीन सपने हैं।
नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 226 करोड़ रुपए होंगे खर्च
22 Nov, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार सीएम नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के साथ किसी निर्णय की तलाश में निकलने वाले हैं। नीतीश की इस यात्रा को आम यात्रा से जोड़ना सही नहीं होगा। उनकी ये यात्रा कई मायने में खास होगी। चाहे वह शराबबंदी नीति को लेकर हो या फिर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों का रिपोर्ट कार्ड हासिल करने के लिए हो। वैसे भी नीतीश कुमार ने जिस तरह महिलाओं पर भरोसा जताया और उन्होंने जीविका दीदी, आशा दीदी को जीवन की राह दी, आज की तारीख में वह नीतीश कुमार की सबसे बड़े दूत हैं। खास कर जब लोकसभा चुनाव में जदयू की हालत पतली थी तो इस आधी आबादी ने नीतीश को जीत का स्वाद चखाया था।
एक प्रस्ताव महिला संवाद यात्रा का भी था
पिछले कैबिनेट बैठक में जिन 9 एजेंडों पर मुहर लगी थी, उनमें से एक प्रस्ताव महिला संवाद यात्रा का भी था, इस यात्रा को पूरे बिहार से गुजरना है। इस यात्रा पर कुल 226 करोड़ रुपए खर्च होंगे। महिला सशक्तिकरण की तरफ नीतीश कुमार अक्सर चल पड़ते हैं। वो चाहे शराबबंदी को लेकर फैसले का मामला हो या नौकरियों और पंचायत में चुनावी आरक्षण का।नीतीश ने हमेशा महिला फोर्स को एक्टिवेट किया है। उनकी आशाओं के अनुकूल महिलाएं ढलते दिखी भी। वैसे भी बिहार में 48 फीसदी वोटर महिलाएं हैं, जो जीत-हार की बाजी पलट सकती हैं। विपक्ष और सत्ताधारी दल के सहयोगी साथी अक्सर शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की आलोचना करते हैं। पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी पर आक्रमक रहे हैं। हमेशा वे कहते हैं कि इस शराबबंदी का दंश सिर्फ गरीब झेल रहे हैं। जेल में बंद यही गरीब है। जहरीली शराब से मर भी गरीब रहे हैं। इसलिए समय आ गया है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए।
विपक्ष भी लगातार नीतीश कुमार पर हावी रहता है
जनसुराज नेता प्रशांत किशोर तो साफ कहते हैं कि उनकी सरकार आएगी तो एक घंटे में शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे और इससे होने वाली आय से राज्य की शिक्षा को बेहतर बनाएंगे। विपक्ष भी लगातार नीतीश कुमार पर हावी रहता है। अनुमान लगाया जाता है कि नीतीश उन्हीं महिलाओं से मिलेंगे, जिन्होंने शराबबंदी की राय दी थी। ये महिलाएं शराबबंदी को लेकर अलग धारणा बना रखी होंगी तो नीतीश अपने पुराने फैसले को बदल सकते हैं। अगर शराबंदी को लेकर सकारात्मक दृष्टि महिलाएं रखती हैं तो नीतीश शराबबंदी नीति को लागू रखने की वकालत करेंगे।
काउंटिंग से पहले मुंबई में नेताओं का जमघट, होटलों में रतजगा
22 Nov, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में मतों की गिनती को चंद घंटे ही बचे हैं. ऐसे में महाविकास अघाड़ी और महायुति के नेता मुंबई में जमा होने लगे हैं. गुरुवार देर रात मुंबई के तमाम होटलों में नेताओं का जमघट लगा रहा है. सबसे ज्यादा महाविकास अघाड़ी के नेता एक्टिव नजर आए. एमवीए के सभी बड़े नेता मुंबई के फाइव स्टार होटल ‘हयात’ में जमा हुए. वहां ढाई घंटे तक बैठक चली. इसके बाद सभी उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पहुंचे, वहां भी तीन घंटे तक बैठक चली. रातभर होटलों में नेता रतजगा करते नजर आए. जबकि बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की पार्टी के नेता शांत बैठे नजर आए.
एग्जिट पोल भले ही संकेत दे रहे हों कि महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति की सरकार बनने जा रही है, लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेताओं को यकीन है कि उन्हें सरकार बनाने के लायक नंबर हासिल हो जाएंगे. नंबर कम पड़े तो निर्दलीयों की भूमिका काफी अहम हो जाएगी. ऐसे में चुनाव बाद के हालात पर चर्चा के लिए गुरुवार को एमवीए के सभी बड़े नेता एकजुट हुए. चर्चा की गई कि किस तरह नंबर बढ़ाए जाएंगे, कौन किन नेताओं या दलों से बात करेगा.
दो लंबी-लंबी बैठकें
मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में शिवसेना ठाकरे गुट के नेता संजय राउत, अनिल देसाई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट, सतेज पाटिल और एनसीपी नेता जयंत पाटिल की मौजूदगी में बैठक ढाई घंटे तक चली. इस बैठक के बाद जयंत पाटिल, संजय राउत, बालासाहेब थोराट, सतेज पाटिल एक ही कार में मातोश्री पहुंचे. वहां करीब तीन घंटे तक उद्धव ठाकरे से चर्चा के बाद एमवीए नेता जयंत पाटिल, सतेज पाटिल, बालासाहेब थोराट एक साथ बाहर निकले.
निर्दलियों पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, दोनों बैठकों में इस बात पर चर्चा की गई कि सरकार गठन में निर्दलीय और बागी नेताओं की अहम भूमिका हो सकती है. इसलिए एमवीए के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों के संपर्क में हैं. बालासाहेब थोराट, जयंत पाटिल ने जिताऊ बागी नेताओं से फोन के जरिये संपर्क में हैं. इतना ही नहीं, अपने विधायक न टूट जाएं, इसके लिए भी कोशिशें की जा रही हैं. सभी नेताओं को जितना जल्दी हो सके, मुंबई पहुंचने के लिए कहा गया है. पार्टी भी उन पर नजर रख रही है.
अडानी मामले पर बीजेपी, राहुल गांधी पहले आरोप लगाते हैं, फिर माफी मांगते है
22 Nov, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बीजेपी ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर अडानी मामले में पीएम मोदी पर हमले को लेकर पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा है कि अमेरिकी आरोपों में जिन राज्यों का जिक्र है, उसमें उस समय विपक्षी दलों का शासन था। बीजेपी ने कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिका के आरोपों में जिन चार राज्यों का उल्लेख है, उनमें से किसी में भी बीजेपी का मुख्यमंत्री नहीं था। ये राज्य छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल के सीएम सत्ता में थे।
राहुल, प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल भले ही प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन पीएम मोदी की विश्वसनीयता इतनी ज्यादा है कि हाल ही में विदेश में उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसतरह के आरोपों से पीएम मोदी की साख पर कोई असर नहीं। बीजेपी नेता पात्रा ने कहा कि देश के बाजार पर हमला हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह देश के मार्केट को गिराने का प्रयास है।बीजेपी नेता पात्रा ने कहा कि यह भारत और भारतीय कारोबार पर हमला करने का राहुल गांधी का तरीका है। उन्होंने कहा कि भारत और देश के लिए काम करने वाली संस्थाओं पर हमला करना राहुल गांधी की सामान्य रणनीति है। राहुल ने राफेल मुद्दे को भी उठाया था। बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल का काम पीएम पर झूठे आरोप लगाना है। पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी पहले आरोप लगाते हैं फिर माफी मांगते हैं। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस परिवार ने देश को हाईजैक किया। कांग्रेस में परिवार के आधे लोग जमानत पर हैं। वहीं अडानी मामले में बीजेपी ने कहा कि कंपनी अपना बचाव खुद करेगी। पार्टी ने कहा कि यह कंपनी का काम है कि वह स्पष्टीकरण दे और अपना बचाव करे। बीजेपी नेता ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले महाविकास अघाड़ी में तनातनी शुरु
22 Nov, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा सीटों पर बुधवार को संपन्न हुए मतदान के वोटों की गिनती शनिवार यानी 23 नवंबर को की जाएगी, लेकिन इससे पहले ही महाविकास अघाड़ी के नेताओं में सीएम पद को लेकर आपसी बयानबाजी तेज हो गई है।महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि नई सरकार में सीएम कांग्रेस का होगा, तो वहीं शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने तुरंत जवाब दिया कि हम नहीं मानेंगे। नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व में ही अघाडी की सरकार बनेगी। राज्य में कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक चुनकर आएंगे। पटोले के बयान को शिवसेना नेता संजय राउत ने खारिज करते हुए कहा कि हम नहीं मानेंगे...कोई नहीं मानेगा...हम लोग बैठकर तय करेंगे... अघाडी सरकार बाद में बैठकर तय करेगी...अगर नाना पटोले को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, खड़गे ने कहा हो कि आप सीएम बनेंगे तो उनको ऐलान करना चाहिए।
पटोले और संजय राउत के बीच बयानबाजी
यह पहली बार नहीं है जब पटोले और संजय राउत के बीच इस तरह की बयानबाजी हुई है। हरियाणा में कांग्रेस की हार पर राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद नाना पटोले ने राउत पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि संजय राउत ने किस आधार पर लिखा और कहा मुझे नहीं पता, लेकिन आप सार्वजनिक रूप से गठबंधन पर आरोप नहीं लगा सकते। संजय राउत के बयान से हमें आपत्ति है।बता दें कि बुधवार को संपन्न हुए महाराष्ट्र चुनाव में इस बार 65 फीसदी मतदान हुआ है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन सत्ता बरकरार रखने का दावा कर रहा है तो वहीं विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में अपना अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है। चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ये आंकड़े अनंतिम हैं। राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों में 61.74 फीसेदी मतदान दर्ज किया गया था। नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में 69.63 फीसदी मतदान हुआ, जबकि वित्तीय राजधानी मुंबई में अनुमानित 54 फीसदी मतदान हुआ। 2019 के चुनावों में, मुंबई का मतदान आंकड़ा 50.67 फीसदी था।महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर है। महायुति गठबंधन में बीजेपी 149 सीटों पर, शिवसेना 81 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, एमवीए में कांग्रेस ने 101, शिवसेना (यूबीटी) 95 और शरद पवार की एनसीपी ने 86 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। महाराष्ट्र के रण में 4,136 उम्मीदवार मैदान में थे। इन सभी की किस्मत का फैसला 23 नवंबर को होगा।
आप ने पहली सूची में वफादारों पर भरोसा जताते हुए बाहरी को दी प्राथमिकता
22 Nov, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में आप ने एक ओर पार्टी के वफादारों पर भरोसा जताया है, साथ ही कांग्रेस और भाजपा से आए नेताओं को प्राथमिकता देते हुए टिकट दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने तीन मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है, जिससे सूची पर सवाल खड़ा हो रहा है। आइए जानते हैं पहली सूची से आम आदमी पार्टी क्या संदेश देना चाह रही है और इसके साइड इफेक्ट क्या हो सकती हैं।
तीन बीजेपी व तीन कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट
आप की पहली सूची में छह बाहरी नेताओं को टिकट दिया गया है, इनमें से तीन भाजपा और तीन कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। भाजपा से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए ब्रह्म सिंह तंवर को छतरपुर से टिकट दिया गया है। ब्रह्म सिंह पूर्व विधायक हैं। वहीं, किराड़ी से पूर्व भाजपा विधायक अनिल झा को आप ने मैदान में उतारा है। लक्ष्मी नगर से पूर्व भाजपा पार्षद बीबी त्यागी को भी पार्टी ने टिकट दिया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता मतीन अहमद के बेटे जुबैर चौधरी को सीलमपुर से, सीमापुरी से पूर्व कांग्रेस विधायक वीर सिंह धींगन और मटियाला से पूर्व कांग्रेस विधायक सुमेश शौकीन को टिकट मिला है। इन बाहरी नेताओं को शामिल कर आप ने संकेत दिया है कि वह राजनीतिक ताकत और अनुभव को प्राथमिकता दे रही है। हालांकि, यह कदम पार्टी के भीतर असंतोष का कारण बन सकता है, क्योंकि पुराने नेताओं के टिकट कटने से नाराजगी पनप सकती है।
लोकप्रियता में कमी के चलते तीन विधायकों के टिकट कटे
पार्टी ने तीन मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं। इनमें रितुराज झा (किराड़ी), अब्दुर रहमान (सीलमपुर), गुलाब सिंह यादव (मटियाला) शामिल हैं। हालांकि टिकट कटने की वजहें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि प्रदर्शन या स्थानीय लोकप्रियता में कमी इसका कारण हो सकता है। इस फैसले को गौर से देखा जाए तो ऐसा माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी परफॉर्मेंस बेस्ड राजनीति की लीक पर चल रही है। हालांकि ये कदम भी भीतर ही भीतर पार्टी में असंतोष का कारण बन सकता है।
तीन पुराने नेताओं को मौका
पार्टी ने पहली सूची में तीन पुराने और वफादार नेताओं को मौका दिया है। इनमें रोहतास नगर की पूर्व विधायक शामिल हैं, जिन्हें दोबारा मौका दिया गया है। राम सिंह नेताजी बदरपुर के पूर्व विधायक रहे हैं, उन्हें भी फिर से मैदान में उतारा गया है। दीपक सिंगला, जो कि 2020 में भी उम्मीदवार थे और महाराष्ट्र-गोवा के प्रभारी रहे हैं, उन्हें भी पार्टी ने टिकट दिया गया है।
पहली लिस्ट पर उठे कई सवाल
आप ने जो पहली लिस्ट जारी की है, वह कई तरह के सवाल खड़े करती है। पार्टी भले ही इसे एक नई तरह की रणनीति की तरह पेश करे, लेकिन आप ने अन्य पार्टियों से आए नेताओं को प्राथमिकता देकर अपने मूल कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया है। यह फैसला स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल सकता है। मौजूदा विधायकों को दरकिनार करने से भी पार्टी में भीतर असंतोष पनप सकता है। पार्टी का ध्यान अनुभव और नए चेहरों के संतुलन पर टिका हुआ है।
परफॉर्मेंस बेस्ड सोच रखने वाली पार्टी का संदेश
पहली लिस्ट के जरिए आम आदमी पार्टी ये बताने की कोशिश कर रही है कि वह सिर्फ पॉपुलैरिटी ही नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस बेस्ड सोच रखने वाली पार्टी है और इसे ही प्राथमिकता देती है। पार्टी अपने विधायकों के प्रदर्शन का आकलन करती है और जरूरत पड़ने पर सख्त फैसले लेने से पीछे नहीं हटती। इसके साथ ही बाहरी नेताओं को शामिल कर आप ने संकेत दिया है कि वह बड़े स्तर पर चुनावी जीत के लिए नए सहयोगियों को भी अपनाने को तैयार है। पहली सूची ने पार्टी के भीतर असंतोष और गुटबाजी की आशंका को भी जन्म दिया है। अब यह देखना होगा कि आम आदमी पार्टी इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है।
केजरीवाल ने बिभव कुमार को बड़ा इनाम दिया, स्वाति मालीवाल ने फिर बोला केजरीवाल पर हमला
22 Nov, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । स्वाति मालीवाल ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर फिर हमला बोला है। स्वाति मालीवाल ने पोस्ट में दावा किया है कि उन्हें पीटने के आरोपी बिभव कुमार को पंजाब में मुख्यमंत्री का सलाहकार बना दिया गया है। बिभव कुमार को केजरीवाल का लाडला गुंडा कहते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि उन्हें पीटने की वजह से यह इनाम दिया गया है। अब पंजाब के डीजीपी बिभव को रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि उन्हें खुद को रबर स्टाम्प नहीं बनने देना चाहिए। मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, पंजाब मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार का पद जो राज्य का सबसे बड़ा प्रशासनिक पद है। पंजाब पुलिस का डीजीपी, सरकार का चीफ सेक्रेट्री अब गुंडे को रिपोर्ट कर रहे हैं। पंजाब के प्रतिभाशाली युवा देश छोड़कर जा रहे हैं और यहां गुंडों को लाखों रुपये की तनख्वाह, गाड़ियां-बंगले और नौकर चाकर दिए जा रहे हैं। हमारे वरिष्ठ सांसद एनडी गुप्ता को उनके सांसद कोटे के बंगले 10, फिरोजशाह रोड से निकालकर इस गुंडे को उनके घर में बसाया गया है। ये गुंडा इस घर में गैरकानूनी ढंग से रह रहा है। सांसद ने आगे लिखा, सवाल यह है कि जिस आदमी को सुप्रीम कोर्ट तक ने गुंडा कहा, उसको बेल की शर्तों का उल्लंघन करते हुए केजरीवाल द्वारा क्यों इतना बढ़ावा दिया जा रहा है। सोचिए केजरीवाल के कितने राज छुपे होंगे इस आदमी के पास। पंजाब के मुख्यमंत्री को टैग करते हुए मालीवाल ने उनसे रबर स्टाम्प नहीं बनने की अपील की। उन्होंने कहा, मैं भगवंत मान जी से पूछना चाहती हूं- अगर गुंडे पंजाब सरकार चलाएंगे, तो पंजाब की महिलायें कैसे सुरक्षित रहेंगी? आपके भी घर पर बहन-बेटी हैं। एक मुख्यमंत्री को इस प्रकार रबर स्टाम्प नहीं बनने देना चाहिए। बता दें कि बिभव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में उस समय स्वाति मालीवाल पर हमला किया जब वह अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचीं थीं। मालीवाल की शिकायत पर केस दर्ज करते हुए दिल्ली पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार किया था।
एग्जिट पोल: 8 संस्थाओं ने महायुति तो 3 संस्थाओं ने महाविकास अघाड़ी के सत्ता में आने की भविष्यवाणी की
22 Nov, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए बुधवार को हुए मतदान के बाद विभिन्न सर्वेक्षण संस्थाओं ने अपने चुनाव बाद रुझान परीक्षण (एग्जिट पोल) के नतीजों की घोषणा कर दी है। भास्कर, इलेक्टोरल एज और लोकपोल नाम के तीन संस्थाओं ने भविष्यवाणी की है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सत्ता में आएगी। बाकी सभी संस्थाओं ने भाजपा महायुति के सत्ता में आने की भविष्यवाणी की है। दरअसल मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना सरकार विरोधी नाराजगी (सत्ता विरोधी लहर) को दूर करने में सफल रही। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी लाडली बहिन योजना तीन माह पूर्व लागू की गयी, क्योंकि सत्तापक्ष को विश्वास था कि इस योजना के चलते जैसे मध्यप्रदेश में पुनः सत्ता मिली उसी प्रकार महाराष्ट्र में भी सत्ता मिलेगी। एग्जिट पोल के मुताबिक यह विश्वास दिख रहा है कि इससे महायुति सत्ता में आ जाएगी। चुनाव के बाद, 11 प्रमुख संस्थाओं ने अपने निष्कर्षों की घोषणा की है। इनमें से तीन संस्थाओं को छोड़कर 8 संस्थाओं ने भविष्यवाणी की है कि राज्य में महायुति बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगा। इन एग्जिट पोल्स को देखते हुए अब राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार के सत्ता में आने के दावों पर सवाल उठने लगे हैं। दैनिक भास्कर द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि महाविकास आघाडी और महायुति दोनों स्पष्ट बहुमत के करीब पहुंच रहे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान सभी प्रमुख संस्थाओं ने भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस सत्ता में आएगी। लेकिन इस भविष्यवाणी को पूरी तरह झूठा साबित करके बीजेपी वहां सत्ता में आई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान भी देखा गया कि ज्यादातर संस्थाओं ने जो एग्जिट पोल का अनुमान लगाया था वह गलत निकला। अधिकांश सर्वेक्षण संस्थाओं ने निर्दलीय, छोटे दलों के विधायकों को महाविकास आघाडी और महायुति को छोड़कर अन्य श्रेणियों में रखा है। कुछ संस्थाओं ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ग में 10 से 25 विधायक चुने जायेंगे। इसलिए महाराष्ट्र में सत्ता स्थापना के समय इन विधायकों की भूमिका निर्णायक होगी।
आप में सब कुछ ठीक नहीं, आगामी चुनाव में केजरीवाल के सामने होंगी कई चुनौतियां
21 Nov, 2024 08:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) नेता और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की स्थिति इस बार चुनौतीपूर्ण हो सकती है। चुनाव के मद्देनजर कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है, जिनमें प्रमुख नाम कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा और आशुतोष जैसे नेता शामिल हैं। इसके अलावा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों से केजरीवाल की छवि को नुकसान हो सकता है।अभी कुछ दिन पहले ही आप पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत और राज कुमार चौहान ने भी पार्टी दी है, जबकि स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल का विवाद तूल पकड़ सकता है। स्वाति ने केजरीवाल से कई बार सुलह करने के संकेत दिए, लेकिन केजरीवाल ने इसमें हस्तक्षेप किया। इस कारण से पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ सकता है। पार्टी में आतिशी को अस्थायी सीएम बनाने का फैसला भी विपक्ष के लिए एक मुद्दा बन सकता है। हालांकि केजरीवाल ने इसे मास्टरस्ट्रोक माना था, लेकिन पार्टी के अंदर ही इसके असर को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं
इस चुनावी दौर में केजरीवाल ने सभी 70 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए खुद को प्रमुख चेहरा बनाने का फैसला किया है। यह रणनीति बीजेपी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को प्रमुख बनाकर किए गए प्रयोग जैसा हो सकता है, जो बीजेपी के लिए सफल रहा है, लेकिन आप पार्टी के लिए यह उतना कारगर साबित नहीं हो सकता। इन तमाम आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के बीच केजरीवाल के लिए आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं दिखता है।