राजनीति
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कांग्रेस ने जताई चिंता
27 Nov, 2024 04:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर कांग्रेस ने चिंता जताई है। कांग्रेस ने कहा कि हम बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामने आ रहे असुरक्षा के माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। इस्कॉन संत की गिरफ्तारी इसका उदाहरण है। कांग्रेस ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार बांग्लादेश सरकार पर आवश्यक कदम उठाने और अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा करने के लिए दबाव डालेगी।
केंद्र सरकार उठाए सख्त कदम, सुरक्षा करने के लिए डाले दबाव
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। शेख हसीना के सत्ता से चले जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं को कुचला जा रहा है। बड़े पैमाने पर लूटपाट और बर्बरता की जा रही है। हिंदुओं के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हिंदू समुदाय में आक्रोश है। चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हम चिंतित हैं। बांग्लादेश की सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तय करें। चिन्मय पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।
राउत को पूर्व सीजेआई ने दिया करारा जवाब पूछा- क्या राजनैतिक दल तय करेंगे कौन से मामले की सुनवाई पहले हो
27 Nov, 2024 04:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को संसद में विपक्ष ने अडानी मामले समेत अन्य गंभीर विषयों को लेकर दोनों ही सदनों में जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते राज्यसभा के साथ ही साथ लोकसभा की भी कार्यवाही कल गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। शतीकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया था। इसे देखते हुए राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को पहले कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद लोकसभा में दोपहर 12 बजे फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के सांसदों ने पुन: जोरदार हंगामा शुरु कर दिया। हंगामें के बीच में ही लोकसभा की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल में भाजपा के पहली बार के सांसद अरुण गोविल ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबंधित पूरक सवाल पूछे। इन सवालों का जवाब संबंधित विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दिया गया। इससे पहले स्पीकर ओम बिड़ला ने आसन के निकट पहुंचे नारेबाजी करते विपक्षी सदस्यों से अपना स्थान ग्रहण करने को कहा और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। बावजूद इसके हंगामा नहीं थमा और विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी, जिसे देखते हुउ स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा की भी कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
सुबह हंगामें के चलते पहले कुछ देर के लिए स्थगित की गई राज्यसभा की कार्यवाही 11.30 बजे जैसे दोबारा शुरू की गई तो कुछ विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पहले तो सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को मनाने की कोशिश की, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही को कल गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।इस प्रकार अडानी व अन्य महत्वपूर्ण मामलों को लेकर विपक्ष के द्वारा किए जा रहे जोरदार हंगामें के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दूसरे दिन भी नहीं चल सकी। सोमवार और बुधवार दोनों ही दिन हंगामें के चलते दोनों ही सदनों को आगामी दिवस के लिए स्थगित करना पड़ा है। आगे भी हंगामें के आसार बने हुए हैं।
मायावती ने कांग्रेस व भाजपा पर साधा निशाना
27 Nov, 2024 01:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस व भाजपा पर संविधान को जनकल्याणकारी मंशा के साथ लागू न करने का आरोप लगाया है। मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर मंगलवार को लिखा कि देश का संविधान कोई दिखावटी चीज नहीं है, बल्कि इसको दिल से अंगीकार करके उसके अनुरूप व्यवहार करना भी जरूरी है। खासकर भारतीय संविधान सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के मानवतावादी व कल्याणकारी उद्देश्यों को लेकर है ताकि यहां जात-पात मुक्त समतामूलक समाज की स्थापना हो व देश महान बने। देश में संविधान लागू होने के इतने दशकों के बाद भी जमीनी स्तर पर सही व सच्चे सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक लोकतंत्र का अभाव यह साबित करता है कि यहां सत्ता में रहने वाली खासकर कांग्रेस व भाजपा ने संविधान को इसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू नहीं किया जो बेहद दुखद है। बसपा सुप्रीमो ने लिखा कि दरिद्रता झेल रहे लगभग 140 करोड़ लोगों के भारत देश की पूंजी में विकास के जरिए जनता की गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ापन दूर करने के लिए जनकल्याण का कार्य नहीं होकर, कुछ मुट्ठी भर लोगों का विकास होना यहां हर संतुलन को बिगाड़ने वाला है, जिससे बहु-अपेक्षित जनविकास कैसे संभव है? संविधान दिवस पर बीएसपी संविधान की भूरि-भूरि प्रशंसा करती है किन्तु इसके मुख्य शिल्पी परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि तभी संभव है जब उनके करोड़ों शोषित-उपेक्षित अनुयायियों के जीवन में आरक्षण आदि के जरिए बेहतरी आएगी, जिसके लिए बहुजन समाज पार्टी शुरू से समर्पित है।
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद, 6 मिनट बाद ऑन हुआ
27 Nov, 2024 12:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने कहा कि जहां हमारी सरकार आएगी, वहां जाति जनगणना कराएंगे। हम ये तेलंगाना में कर रहे हैं। राहुल ने ये बात दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के संविधान रक्षक कार्यक्रम के दौरान कही। नेता प्रतिपक्ष के भाषण के दौरान उनका माइक बंद हो गया।राहुल का माइक जब 6 मिनट बाद ऑन हुआ तो उन्होंने कहा कि जो दलितों की बात करेगा, उसका माइक बंद होगा। अगर हिंदुस्तान की जनगणना को देखें तो 15 प्रतिशत दलित, 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं, लेकिन पिछड़े वर्ग के कितने हैं, ये नहीं पता। पिछड़ा वर्ग 50 प्रतिशत से कम नहीं है। हिंदुस्तान की 90 प्रतिशत आबादी इन्हीं वर्गों से है।
माइक बंद कर दो, फिर भी बोलता रहूंगा
राहुल ने कहा कि जो भी इस देश में 3 हजार साल से दलितों की, आदिवासियों की बात करता है, उसका माइक ऑफ हो जाता है। काफी लोग आए, कहने लगे जाकर बैठ जाइए, मैंने कहा कि मैं खड़ा रहूंगा। मैंने कहा कि माइक जितना ऑफ करना है करो, मैं खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि यहां रोहित वेमुला जी की तस्वीर है पीछे, वे बोलना चाहते थे, उन्हें चुप करा दिया गया। हर दिन आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग का युवा सपना देखता है, मैं डॉक्टर-इंजीनियर बनूं, मीडिया में जाऊं, अफसर बनू, लेकिन सच्चाई यह है कि देश का पूरा सिस्टम पिछड़ों-दलितों-आदिवासियों के खिलाफ खड़ा हुआ है। ऐसा नहीं होता तो मीडिया में हमें ओबीसी-दलित वर्ग के पत्रकार, एंकर और मालिक दिखते। आपको हिंदुस्तान की 200 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में एक दलित-ओबीसी-पिछड़ा नहीं मिलेगा। आपको कहा जाता है कि ये देश आपका है। इस देश में आपकी भागीदारी है, लेकिन डेटा देखें तो ये झूठ साबित होता है।
सरकार सबकुछ प्राइवेटाइज करना चाहती है
राहुल बोले कि आपके सामने दीवार खड़ी है। आपके सामने दीवार को नरेंद्र मोदी और आरएसएस मजबूत करते जा रहे हैं। दीवार में सीमेंट डाल देते हैं। सबकुछ प्राइवेटाइज कर दिया। पहले सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल हुआ करते थे। आज दलित को आदिवासी को किसानों को कोई भी इलाज की जरूरत हो, लाखों रुपए आपकी जेब से निकल जाते हैं।
जाति जनगणना के हिसाब से पॉलिसी बनाएंगे
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस दिन हमारी सरकार के हाथ ये डेटा आएगा, विकास करने का तरीका बदल जाएगा। विकास की सोच की बुनियाद बनेगी। तेलंगाना में हमने काम शुरू कर दिया है। जाति जनगणना के रिजल्ट के आधार पर हमारी पॉलिसी बनेगी। इससे भाजपा डरती है। भाजपा चाहती है कि 4-5 प्रतिशत लोग अरबपति बनें और इतने ही लोग हिंदुस्तान को कंट्रोल करें। राहुल ने कहा कि हम संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। हिंदुस्तान के सभी लोग समान हैं। आप इन संदेशों को हिंदुस्तान के कोने-कोने में जाकर फैलाइए। देश में 90 फीसदी लोगों के साथ रोज हर मिनट अन्याय हो रहा है। इसे खत्म करने का तरीका जाति जनगणना और रिजर्वेशन को 50 फीसदी से ज्यादा करना है।
पीएम मोदी और अमित शाह से मिले हेमंत-कल्पना
27 Nov, 2024 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची । झारखंड में शानदार जीत के बाद झामुमो लीडर हेमंत सोरेन दिल्ली के दौरे पर हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी थीं। भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद हेमंत सोरेन ने कहा- आशीर्वाद के लिए आए थे। बहुत सारी बातें हैं। आगे भी मुलाकात होती रहेगी।
झारखंड की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर की शाम
झारखंड की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर की शाम 4 बजे रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा। इसमें कांग्रेस नेताओं के अलावा इंडिया ब्लॉक के लालू यादव, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी के भी शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के दौरान कांग्रेस कोटे के मंत्रियों और विभाग पर चर्चा की। साथ ही राजद कोटे के मंत्री पद पर चर्चा की। नई सरकार में झामुमो के 6, कांग्रेस के 4 और राजद का एक मंत्री होगा।
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश बोले- मैं संभल जाऊंगा
27 Nov, 2024 10:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । संभल की हिंसात्मक घटना के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी सरकार पर लगातार जुबानी हमला कर रहे हैं। उन्होंने संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम ऐसे समय में जश्न मना रहे हैं जब संभल में सरकार के कार्य से कई लोगों की जान चली गई है। संभल जाने से सरकार रोक रही है, लेकिन मैं संभल जाऊंगा। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दुःख के साये में जश्न कैसे मनाया जा सकता है? वहां के सांसद, विधायक और उनके बेटे पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई गलती है तो वह सरकार की है। जब सर्वे हो ही चुका था तो दोबारा क्यों करें? और अगर सर्वे दोबारा भी कराना था तो मिल बैठ कर चर्चा कर सकते थे। शेष बिन्दुओं पर चर्चा के बाद पुनः सर्वेक्षण कराया जा सकता था। उन्होंने कहा कि हम सर्वे के खिलाफ नहीं थे, लेकिन जो लोग सर्वे के दौरान टीम के पीछे नारे लगा रहे थे, क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई? क्या सर्वे टीम के साथ कोई बीजेपी कार्यकर्ता भी थे जो लोगों को भड़का रहे थे? क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया? अखिलेश ने कहा कि वहां कोई नहीं जा सकता। दोनों सदनों के नेता सम्भल आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं है। हमारे सभी सांसद संभल जाना चाहते हैं लेकिन हमें इजाजत नहीं है। संभल की विवादित जामा मस्जिद परिसर में रविवार को सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के तीसरे दिन मंगलवार को हालात में सुधार देखने को मिला और स्कूल भी खुले। अब तक इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है जिसमें संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क और संभल विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल सहित 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को शपथ ले सकती है नई सरकार
27 Nov, 2024 09:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र की नई सरकार 2 दिसंबर को शपथ ग्रहण कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पर को लेकर चल रही खींचतान के चलते शपथ ग्रहण में चार से पांच दिन और लग सकती हैं। महायुति में भाजपा और शिवसेना गुटों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर अड़े हैं और उनके नेतृत्व को गठबंधन की शानदार जीत के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं। शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखना गठबंधन की एकता और नेतृत्व का सम्मान होगा। वहीं एमएलसी प्रवीण दरेकर समेत भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री पद पर देखने की इच्छा जता चुके हैं। भाजपा ने विधानसभा में अपनी अब तक की सबसे अधिक 132 सीटें हासिल की हैं।
राज्य सरकार का नेतृत्व करने के लिए फड़णवीस सबसे अच्छी स्थिति में
पार्टी में कई लोगों का माननाहै कि राज्य सरकार का नेतृत्व करने के लिए फड़णवीस सबसे अच्छी स्थिति में हैं। इस बीच एनसीपी का अजीत पवार गुट जो महायुति का हिस्सा है, कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस को समर्थन देने के लिए सहमत है। 26 नवंबर तक सरकार नहीं बनने पर संभावित संवैधानिक संकट की अटकलों के बीच अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव परिणामों के प्रकाशन के बाद 15वीं विधानसभा का गठन पहले ही किया जा चुका है। यह राष्ट्रपति शासन की आशंकाओं को दूर करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि गतिरोध को हल करने के लिए तत्काल कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है।
महाराष्ट्र में सीएम पद के लिए भाजपा-शिंदे सेना में फंसा पेंच, भाजपा ऑब्जर्वरों को मुंबई भेजेगी
27 Nov, 2024 08:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने के 3 दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं हो पा रहा है। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा सीटें पाने के नाते भाजपा से ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा। सीएम के लिए देवेंद्र फडणवीस की सबसे मजबूत दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन एकनाथ शिंदे को ये मंजूर नहीं है। लिहाजा महायुति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा जल्द ही ऑब्जर्वरों को मुंबई भेजेगी।
नए मुख्यमंत्री के शपथ की तारीख तय नहीं
उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री के शपथ की तारीख तय नहीं है। लिहाजा तब तक शिंदे ही कार्यवाहक सीएम रहेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रचंड जनादेश को देखते हुए वरिष्ठ मंत्री और पार्टी नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया जाएगा, ताकि बड़ा राजनीतिक संदेश दिया जा सके। इसके बाद ऑब्जर्वरों की मौजूदगी में मुंबई में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें विधायकों से चर्चा कर नेता का चयन होगा। नंबर के हिसाब से भाजपा आश्वस्त है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन उनके नेताओं का कहना है कि फैसला दिल्ली में होगा।
कांग्रेस चुनावी राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन की करेगी समीक्षा, 29 नवंबर को होगी मैराथन बैठक
26 Nov, 2024 11:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करने 29 नवंबर को मैराथन बैठक आयोजित करेगी। यह बैठक संसद के चालू सत्र के दौरान हागी। इसमें अडाणी मुद्दे पर सरकार को घेरने पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी की हार की समीक्षा भी होगी। इसके साथ दिल्ली में होने वाले चुनावों के लिए गठबंधन की तैयारियों और संभावनाओं के साथ-साथ अगले साल बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा होगी।
चुनाव जीते सोरेन को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से झटका, उपस्थिति से छूट देने से मना किया
26 Nov, 2024 08:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची । ईडी के समन की अवहेलना के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से मंगलवार को झटका लगा है। एमपी-एमएलए अदालत ने ईडी की ओर से मामले में दायर मुकदमे में सोरेन को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट देने से मना कर दिया है। सोरेन ने 5 जुलाई को अदालत में याचिका दाखिल कर दरख्वास्त की थी कि ईडी की ओर से समन अवहेलना का आरोप लगाकर उनके खिलाफ जो शिकायतवाद दायर की है, उसमें सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट दी जाए। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 11 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सोरेन ने ईडी की ओर से भेजे गए समन का उल्लंघन किया
अब अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को मामले में व्यक्तिगत रूप से बुलाया है और चार दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना है कि सोरेन ने ईडी की ओर से भेजे गए समन का उल्लंघन किया। ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में 19 फरवरी को शिकायतवाद दर्ज कराया गया था। इसमें एजेंसी ने बताया है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए सोरेन को दस समन भेजे गए थे, लेकिन वे दो समन पर उपस्थित हुए। यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद 4 मार्च को संज्ञान लिया था। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था। बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद इसी वर्ष उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर को और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को समन भेजे गए थे। दसवें समन पर उनसे 31 जनवरी को पूछताछ हुई थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र की महासियासत: जाहिर नहीं होने दे रहे पर दिग्गजों की झलकने लगी नाराजगी
26 Nov, 2024 08:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र की महासियासत फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। यहां चुनावी जंग महायुति ने जीती है लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। यहां के तीन दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस,अजित पवार और एकनाथ शिंद सीएम की आस लगाए हुए है। खबरें आ रहीं हैं देवेंद्र फडणवीस को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इन खबरों चलते ही सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थकों में नाराजगी बढ़ी और भीड़ के साथ मुंबई आने की खबरें फैल गईं। इसके बाद खुद शिंदे ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि मेरे घर पर एकत्रित न हों। वहीं दूसरी तरफ अजित पवार मामले को गंभीरता से समझ रहे हैं और फिलहाल न्यूट्रल हैं और देवेंद्र को पूरा यकीन है कि सीएम वे ही बनेंगे। कुल मिलाकर भीतर ही भीतर नाराजगी तो है,लेकिन उसे बाहर नहीं आने दे रहे हैं। जब भी सीएम तय होगा बगावत के सुर सुनाई देने की पूरी आशंका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है। इसी बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि कोई भी उनके आवास वर्षा या कहीं और समर्थन के लिए एकत्र न हों। शिंदे ने एक्स पर एक पोस्ट किया, इसमें उन्होंने कहा कि महायुति की बड़ी जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनने जा रही है। महायुति के रूप में हमने एक साथ चुनाव लड़ा और आज भी साथ हैं। मेरे प्रति प्रेम के कारण कुछ समूहों ने एक साथ मुंबई आने की अपील की है, मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं। हालांकि मैं किसी से भी इस तरह से एक साथ आने और मेरा समर्थन करने की अपील नहीं करता। एक बार फिर मेरा विनम्र अनुरोध है कि शिवसेना के कार्यकर्ता मेरे आवास वर्षा या कहीं और एकत्र न हों। महायुति एक मजबूत और समृद्ध महाराष्ट्र के लिए मजबूत रही है और आगे भी मजबूत रहेगी। खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन महायुति की शानदार जीत के तुरंत बाद संभव लग रहा था, लेकिन शिवसेना के इस आग्रह के कारण यह थोड़ा टल गया है कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहें। चुनाव के नतीजे आने के बाद चर्चा थी कि विधानसभा में अपनी पार्टी को अब तक की सबसे ज्यादा सीटें दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले देवेंद्र फडणवीस सोमवार को ही शपथ ले लेंगे, लेकिन महायुति नेताओं के बीच अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो सका। ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि दिल्ली पहुंचे फडणवीस, शिंदे और अजित पवार राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं, ताकि मुख्यमंत्री पद पर गतिरोध को दूर किया जा सके।
शिवसेना ने की बिहार मॉडल की बात
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने बिहार मॉडल का हवाला देते हुए कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए। म्हास्के ने संवाददाताओं से कहा कि हमारा मानना है कि शिंदे को मुख्यमंत्री होना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे बिहार में भाजपा ने संख्या पर ध्यान नहीं दिया और फिर भी जेडीयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि महायुति (महाराष्ट्र में) के वरिष्ठ नेता अंततः निर्णय लेंगे।भाजपा एमएलसी प्रवीण दारकेकर ने कहा कि फडणवीस राज्य का नेतृत्व करने के लिए सबसे सक्षम उम्मीदवार हैं। फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच, कुछ शिवसेना नेताओं ने कहा कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि सीएम के रूप में शानदार जीत उनके नेतृत्व में मिली थी। बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा ने महाराष्ट्र में अब तक की सर्वाधिक 132 सीटें जीतीं, जबकि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं।
महायुति के नेता करेंगे आखिरी फैसला
जानकारी के मुताबिक अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने के लिए तैयार है, सूत्रों ने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि भाजपा शिंदे को सीएम पद पर फिर से मौका देने के लिए सहमत हो, क्योंकि फडणवीस को उनका हक नहीं देने से पार्टी कैडर का मनोबल गिर सकता है। हालांकि फडणवीस ने शनिवार को सीएम पद को लेकर किसी भी विवाद से इनकार करते हुए कहा कि महायुति के नेता इस मुद्दे पर फैसला करेंगे।
ईवीएम के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में शरद पवार की एनसीपी
26 Nov, 2024 07:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव सेना के गठजोड़ को करारी हार मिली है। अब तक महाविकास अघाड़ी के नेता इस हार को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। संजय राउत का कहना है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए। इस बीच शरद पवार की एनसीपी के सीनियर नेता जितेंद्र अव्हाड ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी हार के लिए कोई एक कारण नहीं मान सकते। उन्होंने कहा, कोई एक कारण सामने नहीं आ रहा है। चुनाव के बाद कुछ बदला नहीं था। बेरोजगारी और महंगाई में इजाफा हुआ है। अव्हाड ने कहा, एक परिवार में 32 वोट हैं। उन सभी लोगों ने अपने घर के कैंडिडेट को वोट दिया है। फिर भी उसे जीरो वोट दिखाया है। ऐसा कैसे हो सकता है? इससे पहले संजय राउत ने मांग उठाई थी कि दोबारा चुनाव होने चाहिए और वोटिंग बैलेट पेपर से कराई जाए। राउत ने कहा, ‘ईवीएम को लेकर हमें करीब 450 शिकायतें मिलीं। बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद इन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम कैसे कह सकते हैं कि ये चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुए? इसलिए मेरी मांग है कि नतीजों को रद्द किया जाए और दोबारा चुनाव मत पत्रों के जरिए कराए जाएं।
डोंबिवली में ईवीएम की गिनती में विसंगतियां पाई गईं
उन्होंने कहा कि नासिक में एक उम्मीदवार को कथित तौर पर केवल चार वोट मिले, जबकि उसके परिवार के 65 वोट थे। उन्होंने कहा कि डोंबिवली में ईवीएम की गिनती में विसंगतियां पाई गईं और चुनाव अधिकारियों ने आपत्तियों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शिवसेना यूबीटी के नेता ने कुछ उम्मीदवारों की भारी जीत की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘उन्होंने ऐसा कौन सा क्रांतिकारी काम किया जो उन्हें 1.5 लाख से अधिक वोट मिले? यहां तक कि हाल में पार्टी बदलने वाले नेता भी विधायक बन गए। इससे संदेह पैदा होता है। पहली बार शरद पवार ने ईवीएम पर संदेह व्यक्त किया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।बहिन योजना का कोई इतना असर नहीं होता है। जैसे चंद्रपुर की सीट आप देखेंगे तो वह हमने 2 लाख 40 हजार के अंतर से जीती थी। अब आप देखिए कि वह 2 लाख 40 हजार तो गए ही उसके ऊपर 1 लाख वोट और कैसे चले गए। ऐसा नहीं हो सकता। यहां तक कि जीते हुए विधायकों ने भी कहा कि साहब हम जीतकर आए हैं, लेकिन कहीं न कहीं ईवीएम का बड़ा मसला है।
विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा-संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ
26 Nov, 2024 06:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संविधान के 75 साल पूरे होने पर 75 रुपए का सिक्का व डाक टिकट जारी
नई दिल्ली। आज यानी 26 नवंबर मंगलवार को संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम संविधान सदन (पुरानी संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया गया। यहां राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपए का सिक्का जारी किया। इस दौरान एक डाक टिकट भी जारी किया गया। यह डाक टिकट संविधान की उन मूल भावनाओं का प्रतीक है जो भारत को एकजुट करती है और हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है।राष्ट्रपति मुर्मू ने मंगलवार 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है। आज हम इस ऐतिहासिक अवसर के भागीदार बन गए हैं और साक्षी भी बने हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज से 75 साल पहले संविधान सदन के इसी केंद्रीय कक्ष में आज ही के दिन संविधान सभा ने नव स्वाधीन देश के लिए संविधान निर्माण का बहुत बड़ा कार्य संपन्न किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि उस दिन संविधान सभा के जरिए हम भारत के लोगों ने अपने इस संविधान को अपनाया था। हमारा संविधान हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक स्वाभिमान को तय करता है। संविधान सदन में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत के संविधान के संस्कृत और मैथिली संस्करण का संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में विमोचन भी किया।
राज्य सभा के सभापति धनखड़ ने भी दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय मंत्री किरण रिजिजू, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा के नेता सदन जेपी नड्डा, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मौजूद थे। संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में राज्यसभा और लोकसभा के संसद सदस्य, दिल्ली स्थित मिशनों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति धनखड़ ने भी दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत भाषण दिया। भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा शीर्षक से प्रकाशित एक और महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन भी किया गया। यहां भारत के संविधान की कला और इसमें मौजूद चित्रों को समर्पित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। संस्कृत और मैथिली में भारत के संविधान का विमोचन भी इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में से एक था। इस अवसर पर भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। वहीं इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इन पांच सालों में हमारी संसद के जरिए से आम जनता के जीवन में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन लाए गए हैं। संवैधानिक मूल्यों के प्रति हमारे घनिष्ठ प्रतिबद्धता है। गौरतलब है कि सोमवार 25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हो चुका है। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक यह सत्र अगले माह 20 दिसंबर तक चलेगा।
एकनाथ शिंदे ने दिया अपने पद से इस्तीफा, राज्यपाल ने बनाया कार्यवाहक सीएम
26 Nov, 2024 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मुंबई के राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। राज्यपाल ने अगली सरकार के शपथ लेने तक शिंदे को कार्यवाहक सीएम नियुक्त किया है। इससे पहले 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और महाराष्ट्र की जनता का आभार माना था।
महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत हासिल हुई
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक फेज में 20 नवंबर को मतदान हुआ था। प्रदेश में महायुति गठबंधन में बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा है, वहीं शिवसेना (शिंदे) ने 81 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। चुनाव में महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत हासिल हुई है। महायुति में शामिल बीजेपी ने 132, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं महा विकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) ने सबसे अधिक 20 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है। समाजवादी पार्टी ने दो सीटें जीती हैं जबकि अन्य के खाते में 10 सीटें आई हैं।
बिहार एक पिछड़ा राज्य, विकास के लिए बड़े और ठोस प्रयास की जरुरत
26 Nov, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के विकास और राजनीति को लेकर कहा कि अमेरिका में बिहारी प्रवासी समुदाय के साथ ऑनलाइन बातचीत में उन्होंने राज्य की वर्तमान स्थिति, भविष्य की योजनाओं और जन सुराज पार्टी के एजेंडे पर चर्चा की।प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा कि बिहार वाकई एक पिछड़ा राज्य है, जो कई समस्याओं से घिरा है। इसके सर्वांगीण विकास के लिए बड़े और ठोस प्रयास करने की जरुरत है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बिहार में हालात सुधारने को लेकर समाज को उम्मीद नहीं है। पीके ने अपनी प्राथमिकताओं पर बात करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करती है, तो उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता स्कूली शिक्षा में सुधार करना होगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार शराबबंदी को खत्म करेगी और इससे मिलने वाले राजस्व को शिक्षा सुधार में खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि शराब से बैन हटाना और इससे मिलने वाले राजस्व का उपयोग शिक्षा में सुधार के लिए करना हमारी प्राथमिकताओं में रहेगा। प्रशांत ने जोर देकर कहा कि सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने जन सुराज के पिछले 2.5 सालों की कोशिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे लोगों में एक नई उम्मीद जागी है। उन्होंने माना कि अभी ठोस राजनीतिक सफलता और सरकार बनाने में समय लगेगा।
बिहार ने जनसंख्या के मामले में जापान को भी पीछे छोड़ दिया
किशोर ने कहा कि यदि बिहार एक देश होता, तो जनसंख्या के लिहाज से यह दुनिया का 11वां सबसे बड़ा देश होता। उन्होंने कहा कि बिहार ने जनसंख्या के मामले में जापान को भी पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका में रह रहे बिहारी लोगों से उन्होंने अपील की कि वे जन सुराज अभियान का समर्थन करें और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को पार्टी को वोट देने के लिए प्रेरित करें।हाल ही में बिहार में हुए उपचुनाव में जन सुराज पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। चार सीटों पर खड़े उम्मीदवारों में से केवल एक की जमानत बच सकी, जबकि बाकी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इस पर पीके ने कहा कि यह शुरुआत है, और पार्टी को अपनी रणनीति और जमीनी स्तर पर ज्यादा काम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करेगी और बिहार के विकास के लिए एक नई राजनीति का रास्ता बनाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि बिहार में लोगों की उम्मीदें वापस लौटें और राज्य को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।