राजनीति
संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों पांच लाख देगी सपा : अखिलेश यादव
30 Nov, 2024 07:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा का लेकर सियासत जारी हैं. शनिवार को प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को घर में नजरबंद कर संभल नहीं जाने दिया. इसके साथ ही सपा के चार सांसदों को भी संभल में प्रवेश करने से रोका गया. वही दूसरी तरफ संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को सपा ने पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यह घोषणा की है. सपा के प्रमुख प्रवक्ता और एमएलसी राजेंद्र चौधरी के अनुसार जल्दी ही ये आर्थिक सहायता राशि परिजन को उपलब्ध कराई जाएगी. सपा ने यह मांग भी की है कि योगी सरकार संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद करे.
योगी सरकार से यह मांग करते हुए सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को सपा के डेलीगेशन को संभल नहीं जाने देने को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होने कहा सपा के प्रदेश अध्यक्ष को घर में नजरबंद कर संभल जाने से रोका गया. इसी तरह सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क, मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक, रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी और मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा को संभल नहीं जाने दिया गया. अखिलेश ने कहा कि प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता. अखिलेश ने संभल जिला प्रशासन द्वारा धारा 163 लगाने की भी आलोचना की. उन्होने कहा कि संभल के डीएम ने कहा है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जनपद की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना 10 दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा. अखिलेश का कहना है कि संभल में हुई हिंसा के कारणों को छिपाने के लिए ही यह आदेश जारी किया गया है. अखिलेश यादव ने कहा है कि संभल के सभी प्रशासनिक अफसरों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई ही जानी चाहिए.
सपा के डेलिगेशन को नही जाने दिया संभल
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा के 15 सदस्यीय डेलिगेशन को संभल जाने वाला था. संभल में सपा नेता पीड़ितों से मिलकर हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए वहां जाना चाहते थे. शनिवार को सपा नेताओं के संभल जाने के लिए घर से निकलने के पहले ही पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और सपा के प्रदेश अध्यक्ष को घर में नजरबंद कर दिया. इसी तरह सपा के चार सांसदों को बॉर्डर पर रोक कर संभल में जाने नहीं दिया.
महाराष्ट्र सरकार का शपथग्रहण 5 दिसंबर को, आजाद मैदान में होंगे समारोह.....कौन होगा मुख्यमंत्री?
30 Nov, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महायुति की नई सरकार 5 दिसंबर को शपथ ले सकती है. शपथग्रहण के भव्य आयोजन के लिए मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान को चुना गया है. मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री यहीं शपथ लेंगे. हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ कितने कैबिनेट मंत्रियों का शपथ होगा, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. सूत्रों के मुताबिक BJP ने सरकार के शपथग्रहण की कवायद शुरू कर दी है. प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले खुद पूरे मामले में सक्रिय हैं. बावनकुले ही विधायकों को शपथग्रहण की जानकारी दे रहे हैं.
मुंबई में BJP विधायक दल की बैठक
BJP सूत्रों के मुताबिक 2 या 3 दिसंबर को विधायक दल की बैठक राजधानी मुंबई में होगी. इसी बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा. विधायक दल के नेता चुनने के लिए BJP केंद्र से पर्यवेक्षक भेजेगी. विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा. इसके बाद शपथग्रहण के तारीख की आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
शिवसेना के लिए ऐतिहासिक स्थल
2014 में जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शपथ लिया था. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे. फडणवीस की यह सरकार पूरे 5 साल तक चली. 2019 में फडणवीस दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन इस बार राजभवन में ही शपथग्रहण का आयोजन किया गया. 2019 में फडणवीस की सरकार विश्वासमत के लिए विधानसभा भी नहीं पहुंच पाई. उद्धव जब मु्ख्यमंत्री बने तो उन्होंने शपथ के लिए शिवाजी मैदान को चुना. शिवाजी मैदान में ही बालासाहेब ठाकरे का अंतिम संस्कार हुआ है. शिवसेना के लिए इस मैदान को काफी अहम माना जाता है.
महायुति को 230 सीटों पर जीत मिली है
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीट पर महायुति को जीत मिली है. BJP 132 सीट जीतकर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. शिंदे सेना को 57 और अजित पवार की पार्टी को 41 सीटों पर जीत मिली है.
पप्पू यादव को फिर मिली धमकी, इस बार कहा- आखिरी दिन मजे कर लो, 24 घंटे में हत्या कर देंगे
30 Nov, 2024 05:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्णिया। पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को एक बार फिर से जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी देने वाले ने आखिरी 24 घंटे की मोहलत दी है। व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा है। इसमें कहा कि 24 घंटे में तुम्हारी हत्या कर देंगे। हमारी तैयारी मुकम्मल है। हमारे साथी तेरे बहुत पास पहुंच गए हैं। तुम्हारे गार्ड भी तुम्हें नहीं बचा पाएंगे। तुझे हैप्पी बर्थडे लॉरेंस भाई और उनकी टीम की तरफ से पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपना आखिरी दिन के मजे कर लो। इस नंबर से धमकी आई है, वो पाकिस्तान का है। +92 336 0968377 नंबर से धमकी वाला मैसेज भेजा गया है। धमकी देने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए सात सेकेंड का धमाके से जुड़ा एक वीडियो भी सांसद के मोबाइल नंबर पर भेजा है। इस मैसेज के बाद से पूर्णिया में सांसद के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हर बार मरने की तैयार हूं
पप्पू यादव फिलहाल पूर्णिया में ही हैं। सिक्योरिटी मशीन से चेकिंग के बाद ही किसी को भी अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मैं धमकियों के बावजूद लोगों से मिल रहा हूं। धमकी देने वाले ने फोन पर कहा आज रात दो बार बचे हो तुम। सांसद ने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस देश को बचाने और देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हर बार मरने की तैयार हूं। देश को बांटने वाली ताकतों से लोकतंत्र को बचाने से मै किसी भी कीमत मत नहीं डरने वाला हूं। मैं लड़ने और मरने वाला।
दोस्त ने 2.5 करोड़ की बुलेट प्रूफ लैंड क्रूजर गिफ्ट किया
सांसद को बार-बार मिल रही धमकियों को देखते हुए उनके दोस्त ने 2.5 करोड़ की चमचमाती बुलेट प्रूफ लैंड क्रूजर गिफ्ट किया है। हालांकि इसके ठीक अगले दिन ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। पाकिस्तान से आए धमकी से भरे ऑडियो कॉल में 5 करोड़ की डिमांड की जा चुकी है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र में हार के कारणों पर जताई चिंता, राहुल गांधी की रणनीति पर सवाल.....
30 Nov, 2024 04:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में हार की समीक्षा कर रही है। आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के नेताओं से खरी-खरी बात की। खरगे ने कहा कि जहां जहां चुनाव हुए हैं वहां I.N.D.I. अलायंस की दूसरी पार्टियों ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर और झारखंड में सहयोगी दलों की सरकार भी बनी है लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। खरगे ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है तो फिर पांच महीने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब क्यों हुई, ये सोचने की जरूरत है।
क्या कांग्रेस को मार गई आपसी लड़ाई?
खरगे ने कहा कि हकीकत ये है कि पार्टी में गुटबाजी और एक दूसरे के खिलाफ नेताओं की बयानबाजी ने चुनावों में नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में माहौल कांग्रेस के पक्ष में था। लेकिन कांग्रेस माहौल का फायदा क्यों नहीं उठा पाती, इस पर विचार करना चाहिए। हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने जो रोजोल्यूशन पास किया है उसमें EVM के मुद्दे को भी शामिल किया गया है।
देश भर में आंदोलन शुरू करेगी कांग्रेस
इसके बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी कहा कि कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र में हार की एनालिसिस करेगी। लेकिन साथ साथ बैलेट से चुनाव कराने की मांग को लेकर देश भर में आंदोलन भी शुरू करेगी।
अजय माकन ने ली हरियाणा में हार की जिम्मेदारी
आज बैठक में अजय माकन ने हरियाणा में हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि बतौर स्क्रीनिंग कमिटी चेयरमैन उन्होंने सिटिंग विधायकों को टिकट देकर गलती की, क्योंकि ज्यादातर सिटिंग विधायक चुनाव हारे।
इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ी बात कही। उन्होंने इशारों-इशारों में राहुल गांधी को भी लपेट लिया और कहा कि जाति जनगणना, संविधान, सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे उठाना तो ठीक है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि चुनावी राज्यों के लोकल मुद्दों को भूल जाएं। नेशनल लीडर्स और नेशनल इश्यूज़ से चुनाव नहीं जाता जा सकता, लोकल लीडरशिप को आगे होना होगा।
कांग्रेस में आ गया था ओवरकॉन्फिडेंस, सहयोगियों को नहीं दे रही थी महत्व
29 Nov, 2024 07:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई,। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में बगावत देखने को मिल रही हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर अति आत्मविश्वास होने का आरोप लगाया है। दानवे ने दावा किया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में सफलता के बाद अपने सहयोगी दलों शिवसेना(यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) को महत्व देना बंद कर दिया था।
विधानसभा चुनाव में एमवीए को महाराष्ट्र की 288 सीटों में से केवल 46 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार) को 10 सीटें मिली हैं, जबकि एमवीए को लोकसभा चुनाव में 48 सीटों में से 30 सीटें मिली थीं। शिवसेना नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ओवरकॉन्फिडेंस में थी। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में स्थिति कांग्रेस के लिए अनुकूल थी। झारखंड में जेएमएम ने अपनी ताकत के दम पर बहुत अच्छा काम किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और सत्ता विरोधी लहर से जूझने के बावजूद बीजेपी को लगातार तीसरी बार जीत दिलाई. जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस जम्मू क्षेत्र में पैठ बनाने में विफल रही, जिससे वहां बीजेपी को जीत मिली। हालांकि, उसके इंडिया ब्लॉक के सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उसके समर्थन से सरकार बना ली है। झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सरकार बनाई, जेएमएम को 81 में से 34 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने सहयोगियों को महत्व नहीं दे रही है और सीट बंटवारे पर आखिरी दिन तक चर्चा हुई। इससे गठबंधन को नुकसान हुआ। इसकी वजह से कई सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बचा सकी है।
शिवसेना नेता ने दावा किया कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने चुनाव जीतने से पहले ही विभागों पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया था, जबकि दस नेता मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक थे। उन्होंने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे एमवीए के सीएम पद के चेहरे होते तो 2-5 फीसदी वोट उसके पक्ष में आते 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण जनता की राय ठाकरे के पक्ष में थी.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव लड़ा, वहां वोट शेयर बढ़ा और पार्टी के उम्मीदवारों ने उद्धव ठाकरे से कहा कि पार्टी अपने दम पर महाराष्ट्र में सत्ता में आने के लिए अधिक सीटों के लिए संघर्ष करेगी। एक सवाल का जवाब देते हुए दावे किया कि हमने कभी नहीं कहा कि शिवसेना (यूबीटी) एमवीए छोड़ रही है। शिवसेना (यूबीटी) को सभी 288 विधानसभा सीटों पर अपनी ताकत बढ़ानी चाहिए।
इस बीच कांग्रेस के अंदर भी आत्ममंथन जारी है, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। एमवीए की इस हार ने गठबंधन के भीतर समन्वय और रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे भविष्य में गठबंधन की एकजुटता पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है।
कार्यवाहक सीएम शिंदे अचानक गए अपने गांव, महायुति की बैठक टली
29 Nov, 2024 06:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। मुंबई में शुक्रवार को होनी वाली महायुति की अहम बैठक टाल दी गई है। सूत्रों के मुताबिक कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए हैं। अब महायुति की बैठक 1 दिसंबर रविवार को हो सकती है। इस बैठक में दो ऑब्जर्वर्स की मौजूदगी में महाराष्ट्र सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा। बीजेपी मराठा चेहरे पर भी विचार कर सकती है।
इस बैठक के बाद महायुति की बैठक बुलाई जाएगी। इससे पहले गुरुवार रात एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। एकनाथ शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर दिया है। शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने का मन बनाते हैं तो उनके गुट से किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक शिंदे पोर्टफोलियो बंटवारे की सूची अमित शाह को दे चुके हैं। अब शिंदे बीजेपी को फैसला लेने के लिए वक्त देना चाहते हैं इसीलिए वे अपने गांव रवाना हो गए हैं। बीजेपी मराठा नेताओं पर भी विचार कर रही माना जा रहा है कि सीएम चुनने में जातीय गणित की बड़ी भूमिका हो सकती है, क्योंकि 288 सीटों की विधानसभा में मराठा समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में हैं। देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं। ऐसे में बीजेपी नेतृत्व सीएम के लिए कुछ मराठा नेताओं पर भी विचार कर रहा है। सूत्रों की मानें तो आरएसएस ने दबाव बढ़ाया तो फडणवीस के सीएम बनने की संभावना ज्यादा है।
अडानी मामले में इंडिया गठबंधन में मतभेद, टीएमसी ने कांग्रेस को दी नसीहत कहा- संसद चलने दो मुद्दे और भी हैं...
29 Nov, 2024 01:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अमेरिका के एक कथित फर्जीवाड़े के मामले में उद्योगपति गौतम अडानी का नाम आपने के बाद विपक्ष,एनडीए सरकार पर हमलावर है। नतीजा ये हुआ कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गए हैं। गौतम अडानी के मुद्दे पर विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। हालांकि संसद सत्र के दौरान इंडिया गठबंधन में फूट दिखने लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस मामले में अलग रुख अपनाया है और पार्टी के नेताओं ने संसद में अन्य मुद्दों को उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में नेता डेरेक ओब्रायन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, टीएमसी चाहती है कि संसद चले ताकि लोगों के मुद्दों को उठाया जा सके। उनका कहना था कि अदानी मुद्दे को लेकर संसद में हो रहे व्यवधानों के कारण अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। लोकसभा सदस्य काकोलि घोष दस्तीदार ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, टीएमसी संसद के कामकाजी होने की चाहत रखती है। हम नहीं चाहते कि कोई एक मुद्दा संसद को प्रभावित करे। हमें इस सरकार की विफलताओं को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।तृणमूल कांग्रेस की रणनीति कांग्रेस की ओर से किए जा रहे विपक्षी हमलों से अलग है। टीएमसी पश्चिम बंगाल के कुपोषण, बेरोजगारी, मणिपुर, पूर्वोत्तर की स्थिति, खाद्य सामग्री की कमी और अपराजिता (महिला सुरक्षा) बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना चाहती है। आपको बता दें कि अपराजिता बिल बंगाल विधानसभा से पास हो चुका है लेकिन राज्यपाल द्वारा रोका गया है। पार्टी का कहना है कि वे इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास ले जाएगी और 30 नवंबर को इस मुद्दे पर राज्यव्यापी अभियान चलाएगी।
संसद में दिख रहा फलता फूलता परिवारवाद, एक ही घर से कई लोग बन बैठे हैं माननीय
29 Nov, 2024 12:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राजनीति में परिवारवाद का मुद्दा हमेशा ही छाया रहा है। कई बार टिकट वितरण के दौरान भी यह मुद्दा विवाद का कारण बन जाता है। कोई बेटे के लिए टिकट मांगता है तो कोई भतीजे,पत्नी या किसी रिश्तेदार के लिए अड़ जाता है। विवाद बढ़ते हैं और झगड़े भी होते हैं,लेकिन परिवारवाद का प्रभाव कम होता नजर नहीं आता है। लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर, लोकसभा और राज्यसभा में इसे बखूबी देखा जा सकता है। आज गुरुवार को वायनाड से चुनकर आईं प्रियंका गांधी ने शपथ और विधिवत तरीके से सांसद बन गई। अब इसके साथ ही गांधी परिवार का कुनबा संसद में मजबूत हो गया। गांधी परिवार के अलावा भी कई ऐसी फैमिली हैं, जिसके कई सदस्य लोकसभा और राज्यसभा में हैं। इन परिवारों में यूपी से अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, भतीजे तेज प्रताप यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव शामिल हैं।
शरद पवार का राज्यसभा का कार्यकाल अब समाप्ति की ओर
अखिलेश यादव और उनके परिवार की लालू यादव से रिश्तेदारी भी है। ऐसे ही बिहार की पूर्णिया सीट के सांसद पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन भी राज्यसभा की सांसद है। रंजीता रंजन को 2022 में ही छत्तीसगढ़ सीट से राज्यसभा भेजा गया था। लंबे समय तक रायबरेली से सांसद रहीं सोनिया गांधी भी अब राज्यसभा में हैं, जबकि उनके बेटे और बेटी अब लोकसभा के मेंबर हैं। शरद पवार भी राज्यसभा के सांसद हैं, जबकि उनकी बेटी सुप्रिया सुले बारामती लोकसभा सीट से मेंबर हैं। हालांकि शरद पवार का राज्यसभा का कार्यकाल अब समाप्ति की ओर है। यही नहीं अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव भी राज्यसभा के सदस्य हैं। वहीं शिवपाल यादव यूपी विधानसभा के सदस्य हैं। विधानसभाओं में परिवार देखें तो बिहार में तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और उनकी मां रबड़ी देवी विधायक हैं। तेजस्वी तो फिलहाल नेता विपक्ष भी हैं, जो दो बार राज्य के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। इसी तरह तमिलनाडु में सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि भी राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। इसी तरह महाराष्ट्र में अजित पवार, उनके भतीजे रोहित पवार विधानसभा के मेंबर चुने गए हैं।हिमाचल प्रदेश में तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी विधायक हैं। उन्हें हाल ही में उपचुनाव में उतारा गया था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। अब बात झारखंड की करें तो हेमंत सोरेन के अलावा उनकी पत्नी भी झामुमो से विधायक बनी हैं। झामुमो को कुल 34 सीटें हासिल हुई हैं। अब बात भाजपा नेता राजनाथ सिंह की करें तो वह रक्षा मंत्री हैं, जबकि बेटे पंकज सिंह यूपी विधानसभा के सदस्य हैं और नोएडा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
‘माई’ और ‘बाप’ का फॉर्मूला पूरी तरह से हुआ फेल, अब आरक्षण पर चलेगी सियासत
29 Nov, 2024 11:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार की राजनीति में आए दिन बदलाव होते रहते हैं। यहां बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आरक्षण के मुद्दे पर खूब उछल रहे हैं। ये जानते हुए भी कि बिहार में उनका ‘माई’ और ‘बाप’ का फॉर्मूला पूरी तरह से फेल हो चुका है। अब तजस्वी यादव बिहार सरकार से वंचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ‘85 प्रतिशत’ आरक्षण देने की मांग करने लगे हैं। मतलब साफ है कि अब आरक्षण के मुददे पर बिहार से सियासत चलेगी। तेजस्वी यादव ने मंगलवार को विधानसभा में इसको लेकर कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने स्वीकार नहीं किया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव को बोलने का मौका दिया। लेकिन, इस दौरान तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम स्रमाट चौधरी में तीखी बहस शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह, लालू यादव और राबड़ी देवी का जिक्र होने लगा।
बता दें कि सम्राट चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा था कि लालू यादव ने एक भी आदमी को आरक्षण नहीं दिया। इसी मुद्दे पर तेजस्वी यादव बुधवार को सम्राट चौधरी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, ‘उन्होंने कैसे बोल दिया कि लालू यादव ने आरक्षण नहीं दिया? सबसे पहले आरक्षण लालू यादव की सरकार ने ही दिया था। सम्राट चौधरी को शर्म आनी चाहिए। अज्ञानी आदमी हैं। झूठ बोल रहे हैं। संगत का असर है या पार्टी का? लालू यादव ने ही 12 प्रतिशत अति पिछड़े के आरक्षण को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था। फिर राबड़ी देवी की सरकार ने 14 प्रतिशत के आरक्षण को 18 प्रतिशत कर दिया।तेजस्वी यादव ने आगे कहा, ‘सम्राट चौधरी कहते हैं कि पंचायत में आरक्षण नीतीश कुमार ने दिया है। वो अपनी गलती सुधार लें। पंचायत में जो आरक्षण मिला है उसका मसौदा राबड़ी देवी की सरकार में तैयार हुआ था। मामला कोर्ट में चला गया था, जिसे बाद में नीतीश कुमार ने लागू किया। सम्राट चौधरी को यह जानना चाहिए कि लालू यादव के कारण ही आरक्षण को लेकर बीपी सिंह को गाली सुननी पड़ी थी।
शिवसेना (यूबीटी) का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ
29 Nov, 2024 10:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद महाविकास अघाड़ी में बैठकों का दौर चल रहा है वहीं चुनाव नतीजों को लेकर अघाड़ी में दरार पड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस, उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी वाली महाविकास अघाड़ी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 46 सीटें जीत सकी जो एक शर्मनाक हार है। इस हार के बाद अब उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने कहा है कि उनकी पार्टी का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ था।दरअसल शिवसेना ठाकरे गुट के हारे हुए उम्मीदवारों के साथ-साथ जीते हुए विधायकों और पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई। बैठक के बाद दानवे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग महसूस कर रहा है कि पार्टी को भविष्य के चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने चाहिए। दानवे ने कहा कि पार्टी के एक बड़े वर्ग में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की भावना है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शिवसेना (यूबीटी) सत्ता में आती है या नहीं। पार्टी सत्ता हथियाने के लिए पैदा नहीं हुई है। यह एक विचारधारा पर काम करने वाली पार्टी है।
शिवसेना नेताओं की तरह ही कांग्रेस के लोग भी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं
वहीं दानवे के बयान और महाराष्ट्र चुनाव पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेताओं की तरह ही कांग्रेस के लोग भी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन यह पार्टी का फैसला नहीं हो सकता। हम नतीजों और हार के कारणों का विश्लेषण करने में जुटे हैं। मोदी लहर के बावजूद हमने मौजूदा नतीजों से बेहतर प्रदर्शन किया और यही वजह है कि हमें ईवीएम पर संदेह है। न्यायपालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए।दानवे के बयान से सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना आने वाले नगर निगम चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो यह महाविकास अघाडी के लिए एक झटका होगा। 288 सदस्यों की विधानसभा में महायुति ने 233 सीटों पर जीत हासिल की है जिसमें बीजेपी की 132, शिंदे शिवसेना की 57 और एनसीपी की 41 सीटें शामिल हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी महज 49 सीटें हासिल की जिसमें सबसे ज्यादा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (20 सीट) हासिल की थी। इसके अलावा कांग्रेस 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 सीट जीत पाई। अब यह सभी अपनी हार पर मंथन कर रहे हैं। अब देखना है कि आने वाले नगर निगम चुनाव के लिए यह क्या फैसला लेते हैं।
संसद में राहुल ने प्रियंका की फोटो खींची
29 Nov, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को पहली बार लोकसभा पहुंची। इस दौरान जैसे ही प्रियंका सीढ़ियां चढ़ना शुरू कीं, राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, स्टॉप... स्टॉप!। प्रियंका रुक गईं और चौंककर भाई की ओर देखने लगीं। तभी राहुल ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और बोले, मुझे भी एक फोटो लेने दो। इस पर वहां मौजूद सांसद और नेता मुस्कुराने लगे। प्रियंका ने चलते हुए भी फोटो खींचने का आग्रह किया, तो राहुल गांधी पूरे फोटोग्राफर बन गए। उन्होंने अपनी बहन के अलग-अलग एंगल से तस्वीरें लीं। तस्वीरें लेने के बाद उन्होंने प्रियंका को दिखाया और दोनों मुस्कुराए।
भाई-बहन की बॉन्डिंग देखकर अन्य नेता मुस्कुराये
यह नजारा देखकर वहां मौजूद सभी सांसद ठहाके लगाते रहे। राहुल और प्रियंका गांधी की बॉन्डिंग हमेशा चर्चा में रहती है। दोनों हर मौके पर एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं। अब जब प्रियंका लोकसभा में आ गई हैं, तो वह राहुल के साथ सत्ता पक्ष पर हमले करने में सहयोग करेंगी। हालही में संपन्न उपचुनावों में प्रियंका गांधी वाड्रा केरल के वायनाड से सांसद बनकर अपनी राजनीतिक शुरुआत की है। चुनावी मैदान में प्रियंका की शुरुआत 20 साल बाद हुई है, जब उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान रायबरेली में सोनिया गांधी व अमेठी में राहुल गांधी के लिए प्रचार किया था। प्रियंका गांधी के लोकसभा में प्रवेश के साथ राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी समेत तीनों अब संसद सदस्य बन गए हैं। सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद हैं।
इंडिया गठबंधन के नेताओं की मौजदूगी में हेमंत सोरेन बने झारखंड के चौथी बार मुख्यमंत्री
29 Nov, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को बड़ी जीत मिली थी। चुनाव नतीजे आने के पांच दिन बाद झारखंड को अब नई सरकार मिल गई है। राज्यपाल संतोष गंगवार ने हेमंत सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया है। हेमंत सोरेन ने रांची में आयोजित भव्य कार्यक्रम में झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। हेमंत चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं। सीएम के साथ छह से आठ मंत्रियों के भी शपथ लेने की चर्चा थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सीएम के साथ किसी मंत्री ने शपथ नहीं ली। हेमंत के शपथ ग्रहण में उनके पिता और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन भी मौजूद रहे। हेमंत सरकार के गठन के मौके पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी शामिल होकर शक्ति प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद रहे।
जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली थी
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट के साथ गठबंधन के साथ मैदान में उतरी थी। जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली थी। झारखंड विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 81 है और बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 41 विधायकों का है। इंडिया ब्लॉक का नंबर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से भी 15 ज्यादा है। जेएमएम को ही 34 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को 16, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को चार और लेफ्ट को दो सीटो सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव नतीजों के बाद अगले ही दिन सोरेन ने राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी तरह का कोई सस्पेंस नहीं था लेकिन मंत्रिमंडल की तस्वीर पर गठबंधन के घटक दलों में सहमति अभी नहीं बन सकी है। इसकारण सोरेन ने अकेले ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
हेमंत सोरेन के सीएम पद की शपथ लेते ही महिलाओं की होगी बल्ले-बल्ले
28 Nov, 2024 10:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। सीएम हेमंत सोरेन लगातार चौथी बार शपथ ग्रहण करते ही झारखंड की महिलाओं को शानदार तोहफा देने की तैयारी कर रहे हैं। हेमंत सोरेन नई सरकार के गठन के साथ ही दिसंबर में मईयां सम्मान योजना के तहत 1000 के बजाय 2500 रुपए की पहली और योजना के तहत पांचवी किस्त महिलाओं के खाते में डालेंगे। आचार संहिता लगने से पहले कैबिनेट में राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था। नवंबर माह में सबके खाते में 1000 रुपए की राशि डाली गई थी। अब समाज कल्याण विभाग 2500 रुपए भेजने की तैयारी कर रहा है।
मईयां सम्मान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जारी है। ऐसे में 11 दिसंबर तक लाभ पाने वालों के खाते में मईयां सम्मान योजना के तहत बढ़ी हुई राशि की किस्त डालने की उम्मीद है। इसकी तैयारी विभाग कर रहा है। वहीं लगातार चल रहे रजिस्ट्रेशन के तहत माना जा रहा है कि 57 लाख से ज्यादा महिलाएं इस योजना में शामिल हो सकती हैं।
संसद में गौतम अडानी को लेकर कांग्रेस के हंगामे से नाराज हुई ममता बनर्जी
28 Nov, 2024 09:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र में दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी के मुद्दे पर अब तक हंगामा ही देखने को मिला है। कांग्रेस और खासकर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। वहीं अब विपक्षी दल में शामिल टीएमसी के सुर अलग सुनाई पड़ रहे हैं। फिर बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन से अलग स्टैंड लेती हुई दिख रही हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) टीएमसी ने अपने सांसदों की बैठक में कांग्रेस से अलग राह अपनाने का फैसला किया है। बैठक संसद के दोनों सदनों में अडानी मामले पर कांग्रेस के हंगामे के बीच हुई। टीएमसी चाहती है कि संसद को चलने दिया जाए, ताकि जनता के मुद्दे उठाए जा सकें। राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि टीएमसी संसद में जनता की आवाज बनना चाहती है।
टीएमसी बंगाल को केंद्र से मिलने वाले फंड में कथित कमी और मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दे को उठाना चाहती है। टीएमसी लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, टीएमसी चाहती है कि संसद चले, ताकी जनहित के मुददे उठाए जा सके। हम नहीं चाहते कि एक मुद्दा संसद को बाधित करे। हमें इस सरकार को उसकी कई विफलताओं के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। उन्होंने कहा, टीएमसी संसद चलाना चाहती है। हम नहीं चाहते कि एक ही मुद्दा संसद को ठप करे।
टीएमसी सांसदों के बयान के बाद ममता बनर्जी की पार्टी इंडिया गठबंधन में अपनी एक अलग जगह बनाती हुई दिख रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की हालिया चुनावी हार और बंगाल उपचुनाव में टीएमसी की जीत के बाद यह स्थिति और मजबूत हुई है। बनर्जी सहित इंडियास गठबंधन के अधिकांश दिग्गजों के गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। यह विपक्षी गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन का एक मंच होगा। सांसद दस्तीदार ने कहा कि टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन किसी भी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन में नहीं है। उन्होंने कहा, हम भाजपा का मुकाबला करने को तैयार हैं, लेकिन इस बारे में हमारा नजरिया रणनीतिक रूप से अलग हो सकता है।
आज का यह क्षण न केवल कांग्रेस परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व करने वाला क्षण
28 Nov, 2024 08:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रियंका गांधी वाड्रा के शपथ ग्रहण का कांग्रेस का पोस्ट
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर कहा कि आज का यह क्षण न केवल कांग्रेस परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का एक भावुक क्षण है। प्रचार प्रमुख खेड़ा ने लिखा, हम सभी बचपन से टेलीविजन पर इंदिरा जी की हत्या के समय या फिर राजीव जी की हत्या के मौके पर गांधी परिवार के सदस्यों को एक कमाल की गरिमा का परिचय देते हुए देखा है। पूरा देश सिसकियां भर उठता था। मगर, देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाली अनुपम परंपरा के प्रतीक गांधी परिवार ने हमेशा देश को अपने निजी दुख से बड़ा माना। उन्होंने लिखा, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर आज पहली बार जब संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। आज का यह क्षण न केवल कांग्रेस परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का एक भावुक क्षण है।
देश और पार्टी के लिए काम करना ही मेरी प्राथमिकता
वहीं, शपथ ग्रहण को लेकर संसद परिसर में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, जनता के जरूरी मुद्दों को उठाना, देश और पार्टी के लिए काम करना ही मेरी प्राथमिकता होगी। हमारे लिए संविधान से ऊपर कुछ नहीं है। हम संविधान के उसूलों के लिए लड़ते हैं और लड़ते रहने वाले है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि प्रियंका गांधी संसद में देश के लोगों की, खासकर महिलाओं की सशक्त आवाज बनेंगी। उनका कुशल नेतृत्व, करुणा, साहस, शालीनता और दृढ़ संकल्प तथा संविधान के सिद्धांतों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता, देश की जनता को लाभ पहुंचाएगा।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को लोकसभा सांसद के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान वह भाई और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरह हाथ में संविधान की कॉपी पकड़ी हुई थी। इसके अलावा प्रियंका गांधी केरल की पारंपरिक साड़ी कसावु में नजर आई। प्रियंका गांधी वाड्रा के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी के साथ-साथ उनकी मां सोनिया गांधी भी संसद पहुंची थी। केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रत्याशी सत्यन मोकेरी को 4 लाख 10 हजार के भारी मतों के अंतर से हराया।