राजनीति
भाजपा नेता टंडन का कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर तंज, ईवीएम को नहीं, बल्कि राहुल गांधी को बदलें
28 Nov, 2024 07:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला । हिमाचल प्रदेश में भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने संगठन पर्व की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा ईवीएम पर सवाल पर पलटवार किया है। भाजपा नेता टंडन ने कटाक्ष किया कि खराबी ईवीएम में नहीं, राहुल गांधी में है। कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के कारण नहीं, बल्कि उसके नेतृत्व के खराब प्रबंधन के कारण हुई है। उन्होंने खरगे से कहा कि वह ईवीएम को नहीं, बल्कि राहुल को बदलें। वह उनकी जगह किसी अन्य को लाने पर विचार करें। ईवीएम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एनर्जी, विकास और मेहनत के रूप में परिभाषित करते हुए टंडन ने कहा कि कांग्रेस को आरबीएम यानी राहुल का बेकार मैनेजमेंट हरा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ईवीएम को साइड में रखने की बात कह रहे हैं, जबकि जनता ने कांग्रेस को ही साइड में रख दिया है। झारखंड में वह भाजपा से पीछे है और महाराष्ट्र में बर्बाद हो चुकी है।
कांग्रेस को न ईवीएम चाहिए, न न्यायपालिका चाहिए
भाजपा नेता टंडन ने तंज कसा कि कांग्रेस को न ईवीएम चाहिए, न न्यायपालिका चाहिए, न चुनाव आयोग चाहिए, न ईडी-सीबीआई चाहिए। कांग्रेस को कुछ नहीं चाहिए, तब कांग्रेस के लिए सर्वोच्च उपयुक्त स्थान मंगल ग्रह है। वहां कुछ नहीं है। वहां जाकर शहजादे को कुर्सी पर बैठाएं। खरगे का बयान याद दिलाया कि एससी, एसटी, ओबीसी और गरीबों के वोट ईवीएम के कारण खराब हो रहे हैं।
टंडन ने खड़गे के बयान पर कटाक्ष कर कहा कि खड़गे ने ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर लाने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी चाहे ईवीएम को साइड में रखे या न रखे, लेकिन महाराष्ट्र और देश की जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया है। कांग्रेस पार्टी हर चुनावी राज्य में हाशिए पर पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र में महायुती सरकार ने प्रचंड जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस 288 विधानसभा सीटों में से मात्र 16 सीटें जीत सकी है। यह कांग्रेस के जनाधार के पतन को दिखाता है। झारखंड जैसे राज्य में भी कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी से काफी पीछे है।
करारी हार ने पार्टी को हताश कर दिया
दरअसल,इस करारी हार ने पार्टी को हताश कर दिया है, इसकारण राहुल गांधी और कांग्रेस एवं विपक्ष के अन्य नेता गुस्से में बेतुके बयान दे रहे हैं। टंडन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि हम बैलेट पेपर किसी भी कीमत पर लेकर आएंगे और ईवीएम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के घर रखवा दिया जाएगा। पीएम नरेन्द्र मोदी के घर में ईवीएम पहले से मौजूद है, ई फॉर एनर्जी, वी फॉर विकास और एम फॉर मेहनत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मशीन की तरह ही काम करते हैं और उनकी अतुलनीय मेहनत के कारण ही भारतीय जनता पार्टी लगातार जीत रही है।
क्या...........एनडीए के गढ़ में सेंधमारी के लिए राबड़ी ने दिया मिथिलांचल को लेकर बयान
28 Nov, 2024 06:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । भारत के संविधान की प्रति मैथिली भाषा में प्रस्तुति के बाद मिथिलांचल के बहाने बिहार में राजनीति परवान चढ़ने लगी है। इस बीच, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर राजनीतिक मुद्दे के संकेत भी दे दिए हैं। दरअसल, शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में मंत्री हरि सहनी के साथ घनश्याम ठाकुर, संजय मयूख सहित अन्य भाजपा सदस्य संविधान का मैथिली भाषा में अनुवाद करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जता रहे थे, तभी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर डाली। राबड़ी देवी ने कहा कि मिथिला अलग राज्य बनना चाहिए। राबड़ी की मांग के बाद राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने क्षेत्रीय स्तर पर नया शिगूफा छोड़कर वोट जुटाने की कोशिश की है। इसमें कोई शक नहीं है मिथिलांचल एनडीए का गढ़ है और राजद की नजर इन इलाकों पर है। इस मांग से राजद एनडीए के गढ़ में सेंधमारी करने की जुगात में है।
बिहार की राजनीति को जानने वाले कहते हैं कि एनडीए ने संविधान की प्रति को मैथिली भाषा मे प्रस्तुत कर मिथिलांचल इलाके में बढ़त बना ली थी। इसके बाद एनडीए के नेता उत्साहित हैं। इस बीच राबड़ी देवी ने नई चाल चली है। राबड़ी देवी का यह बयान आने वाली राजनीति के संकेत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बयान पर भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल का कहना है कि मिथिला के जिलों में घुसपैठ हो रही है। मुस्लिमों की आबादी बढ़ गई है।
केजरीवाल का शाह पर तंज.........आप केजरीवाल को नहीं, अपराध और गुंडों को रोकिए
28 Nov, 2024 05:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली में अपराध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है।पूर्व सीएम केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्री शाह को इसका जवाब देना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में इनदिनों अपराध चरम पर है, गोलियां चल रहीं हैं, हत्याएं हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी का नारा था कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ। इस नारे में बेटी को पढ़ाने की ज़िम्मेदारी हमारी थी, हमने बेटी को पढ़ाया। वहीं बेटी की सुरक्षा की जबावदेही गृह मंत्री शाह के पास थी।
दिल्ली में कानून व्यवस्था चरमरा गई
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था चरमरा गई है, महिलाओं और व्यापारियों के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में बिगड़ी कानून व्यवस्था से महिलाओं और व्यापारियों में खौफ हैं। केजरीवाल ने कहा कि मैंने दिल्ली में विकास करने की अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की जबावदेही शाह की थी और वह अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है कि शाह, आप केजरीवाल को नहीं, अपराध और गुंडों को रोकिए। दिल्ली में व्यापारियों को खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं और गोलियां चलाई जा रही हैं। आज वह डरकर दिल्ली छोड़ रहे हैं। दिल्ली में व्यापार करना कठिन हो गया है। इसके साथ ही बीजेपी की नाकामी के चलते दिल्ली में महिलाएं और बच्चियां असुरक्षित हैं।
दिनदहाड़े गोलियां चल रही
केजरीवाल ने कहा कि जिस तरीके के हालात मुंबई में हुआ करते थे वैसे ही हालत अब दिल्ली में हो गए हैं, यहां पर गैंगवार हो रहा है दिनदहाड़े गोलियां चल रही हैं। 10 साल पहले जब हमें जिम्मेदारी मिली थी, तब हमने स्कूल व कॉलेज बनाए, पानी बिजली का इंतजाम किया। लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का एक नक्शा दिखाकर कहा है कि गृहमंत्री शाह के आवास से 30 किलोमीटर के दायरे में एक के बाद एक कई घटनाएं लगातार होती जा रही हैं।
हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार ली शपथ
28 Nov, 2024 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड में गुरुवार को नई सरकार की ताजपोशी हो गई है। हालिया विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने गुरुवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सोरेन को इसी साल 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, जेल से बाहर आने पर हेमंत ने 4 जुलाई को चंपई सोरेन की जगह ली। 23 नवंबर को आए नतीजों के बाद फिर वह मुख्यमंत्री बन गए हैं।
कौन हैं हेमंत सोरेन?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं। वे राज्य के तीन बार के सीएम शिबू सोरेन के बेटे हैं। हेमंत सोरेन के प्रारंभिक जीवन को देखें तो उनका जन्म 10 अगस्त 1975 को शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर हुआ था। हेमंत ने 1990 में पटना के एमजी हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की। इसके बाद 1994 में पटना हाई स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने रांची के बीआईटी (मेसरा) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, लेकिन कुछ कारणों से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। पढ़ाई के बाद हेमंत ने इंजीनियरिंग फर्मों के साथ काम किया। हेमंत की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं। हेमंत की पत्नी कल्पना भी इस चुनाव में गांडेय विधानसभा सीट से जीती हैं।
कैसे रहा हेमंत सोरेन का सियासी करियर?
हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता शिबू सोरेन खुद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा हेमंत के बड़े भाई दिवंगत दुर्गा सोरेन भी विधायक थे। हेमंत ने 2005 में दुमका से स्टीफन मरांडी के खिलाफ अपना पहला चुनाव लड़ा, जिसमें वे हार गए। जून 2009 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। हालांकि, 2009 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में वह दुमका सीट से विधायक चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी।
झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे
अर्जुन मुंडा के तीसरे कार्यकाल में सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक हेमंत झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस और राजद के समर्थन से हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए। जुलाई 2013 में उन्होंने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हेमंत का पहला कार्यकाल करीब 17 महीने का रहा। इसके बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो को हार झेलनी पड़ी और भाजपा को जीत मिली। हालांकि, सोरेन बरहेट सीट से झामुमो के विधायक चुने गए। उन्होंने रघुबर दास सरकार के दौरान जनवरी 2015 से दिसंबर 2019 तक झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई।
चुनौती भरा रहा दूसरा कार्यकाल
झारखंड में पिछला विधानसभा चुनाव 2019 में हुआ था जिसमें हेमंत सोरेन के झामुमो को जीत मिली। इस जीत के बाद झामुमो ने कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई, जिसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बने। 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हेमंत सोरेन का दूसरा कार्यकाल काफी चुनौतियों वाला रहा। 2022 में चुनाव आयोग ने झारखंड के तब के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी जिसमें मांग की गई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा देकर चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जाए।
विधानसभा चुनावों में जीत के बाद चौथी पारी शुरू
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन के झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें हासिल करके जीत दर्ज की। महागठबंधन ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटों पर ही सीमित कर दिया। हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के गमलील हेम्ब्रोम को 39,791 मतों के अंतर से हराया। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भी गांडेय विधानसभा सीट से जीत हासिल की। अब गुरुवार को शपथ लेने के साथ ही उनकी चौथी पारी शुरू हो गई है। झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार है। इस नए नवेले राज्य के 24 साल के इतिहास में तीन चेहरे तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनमें हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, भाजपा नेता अर्जुन मुंडा और खुद हेमंत सोरेन शामिल हैं। चौथी बार शपथ लेते ही हेमंत इस श्रेणी से आगे निकल गए हैं।
जेपी नडडा ने घोषित की पर्यवेक्षकों की टीम, विनोद तावड़े को उत्तर प्रदेश और बिहार का जिम्मा
28 Nov, 2024 01:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । बीजेपी में संगठन चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों में अध्यक्ष और अन्य पदों के चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। पार्टी ने जिन नेताओं को संगठन चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी हैं, उसमें विनोद तावड़े, राधा मोहन दास, सुनील बंसल, तरुण चुग और अरुण सिंह का नाम प्रमुख हैं। नड्डा ने राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को उत्तर प्रदेश और बिहार का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। तावड़े दोनों राज्यों में संगठन चुनाव की देखरेख करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसतरह सुनील बंसल को पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और हरियाणा का जिम्मा मिला है। तरुण चुग के जिम्मे केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप है। शिवप्रकाश को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। अरुण सिंह महाराष्ट्र, गोवा, दमन द्वीप और दादर नागर हवेली के पर्यवेक्षक बनाया गया। राधा मोहन दास को राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और गुजरात का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
मकर संक्रांति के बाद नया अध्यक्ष मिल सकता
बीजेपी को मकर संक्रांति के बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी हाई लेवल पर इसकी कवायद कर रही है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले पार्टी के भीतर राज्यवार सक्रिय सदस्यता का आकलन हो रहा है। पिछले हफ्ते इस लेकर नई दिल्ली में करीब 6 घंटे की बैठक हुई थी। दरअसल, नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव के बाद ही खत्म हो गया था, लेकिन संगठन चुनाव की वजह से अध्यक्ष पद पर फाइनल फैसला नहीं हो सका है। नया अध्यक्ष कहां से होगा, इस लेकर भी चर्चाएं तेज है। कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी का नया अध्यक्ष दक्षिण भारत से हो सकता है, क्योंकि वर्तमान में अहम पदों में से किसी भी पद पर दक्षिण भारत का नेता नहीं है। वर्तमान में राष्ट्रपति पूर्व भारत से हैं, उपराष्ट्रपति पश्चिम भारत से हैं और प्रधानमंत्री उत्तर भारत से हैं, इसलिए उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष दक्षिण से हो सकते हैं।
केजरीवाल ने शुरु की राजनीतिक बिसात की बिछान, सफाई कर्मचारियों को चाय पर बुलाया
28 Nov, 2024 12:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में इन दिनों चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है, जनवरी में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू हो गई है। दिल्ली का दंगल जीतने के लिए राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं है। भारतीय जनता पार्टी के नेता झुग्गियों में जाकर रात्रि प्रवास कर रहे हैं, तब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों को आमंत्रित कर उनके साथ बैठकर चाय पी।
पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के बुलावे पर बुधवार को सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मचारी पहुंचे। इनका कहना है कि केजरीवाल के साथ बैठकर चाय पी। इस दौरान केजरीवाल ने उन्हें आश्वासन भी दिया कि जो भी समस्या होगी उसका समाधान किया जाएगा। सफाई कर्मचारियों में महिला और पुरुष सफाई कर्मचारी शामिल थे।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सफाई कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते हैं, हमारे घर के आस-पास सफाई करते हैं, उनकी मेहनत का आदर करना हम सबका कर्तव्य है। इसके बाद केजरीवाल ने आम लोगों से भी सफाई कर्मचारियों का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपके घर के आसपास जो सफ़ाईकर्मी काम करते हैं, उन्हें छुट्टी वाले दिन अपने घर चाय पर बुलाएं, उनसे सुख-दुख की बात करें, उन्हें बहुत अच्छा लगेगा। केजरीवाल दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा में काम करने वाले एनडीएमसी के सफाई कर्मचारियों को अपने घर बुलाया। दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं। जिन पर जनवरी में चुनाव होना है।
एकनाथ शिंदे के समर्पण के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस
28 Nov, 2024 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के समर्पण के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है। ठाणे में एक प्रेस वार्ता में शिंदे ने कहा कि मैंने राज्य के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और मैं उसे पूरे मन से स्वीकार करूंगा। हालांकि, बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, इस पर पत्ते खुलना अभी बाकी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिंदे ने महाराष्ट्र की सियासत में मशहूर शेर बन चुके अभी तो उड़ान बाकी है’ भी पढ़ा। शिंदे ने कहा है कि मुझे जब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली, तब विकास के मामले में महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर था। मैंने इसे पहले नंबर पर लाया। महाराष्ट्र में महिलाओं ने एकतरफा हमारे पक्ष में जनादेश दिया है। हमने उनके लिए लाड़की बहिन योजना शुरू की थी। अपना काम आगे भी जारी रखूंगा। मुख्यमंत्री पद पर फाइनल फैसला भाजपा को करना है। भाजपा हाईकमान जिसे मुख्यमंत्री बनाएगी, उसके अधीन सब मिलकर काम करेंगे। मैं स्पीड ब्रेकर नहीं बनने वाला हूं। 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को 230 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली है। 132 सीट जीतकर विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। एकनाथ शिंदे की पार्टी को महाराष्ट्र के हालिया चुनाव में 57 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा जादुई नंबर से सिर्फ 13 कदम दूर है। बीजेपी को पांच निर्दलीय और 41 एनसीपी विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में उसके सामने बहुमत के आंकड़े को छूने में कोई परेशानी नहीं है। ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे के पास बीजेपी का फॉर्मूला मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। शिंदे अगर सत्ता में नहीं रहते हैं तो आगामी मुंबई नगर निगम के चुनाव में उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है। कहा जा रहा है कि मुंबई में जल्द ही नगर निगम के चुनाव कराए जा सकते हैं। मुंबई नगर निगम को शिवसेना का गढ़ माना जाता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब एकनाथ शिंदे यहां भी अपनी मजबूती दिखाने की कोशिश करेंगे। शिंदे ने भले ही सीएम पद पर से अपना दावा वापिस ले लिया है, लेकिन बीजेपी के भीतर भी सीएम पद पर सस्पेंस बरकरार है। कहा जा रहा है कि बीजेपी पर्यवेक्षक भेजकर पहले विधायकों की राय लेगी और फिर नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी।
शिंदे का सरेंडर, कहा-मुझे सीएम बनने की लालसा नहीं, पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला मंजूर!
28 Nov, 2024 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। भाजपा की अगुवाई वाले महायुति से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, अभी इस पर सस्पेंस बरकार है। इसी बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि मैं अपने आप को कभी मुख्यमंत्री नहीं समझता हूं। मैं हमेशा अपने आपको कॉमन मैन समझता हूं। शिंदे ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। मैंने उनसे कहा कि हमारी तरफ से मुख्यमंत्री को लेकर कोई अड़चन नहीं आएगी। हमारा पूरा सहयोग रहेगा। मुझे सीएम बनने की लालसा नहीं, पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला मंजूर होगा। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री दिल्ली से ही तय होगा।
दरअसल, महाराष्ट्र का चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था। लेकिन भाजपा को महायुति में सबसे ज्यादा 132 सीटें मिलीं तो सीएम को लेकर खींचतान जारी हो गई। आखिरकार अब एकनाथ शिंदे ने खुद ये ऐलान कर दिया है कि वह भाजपा के हर फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। ऐसे में अब सीएम के लिए चल रहा गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही नए मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान जारी है। चाहे एकनाथ शिंदे हों, देवेंद्र फडणवीस हों या फिर अजित पवार... तीनों के ही समर्थक अपने नेता को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसकी बानगी नतीजे वाले दिन भी देखने को मिली थी, जब तीनों नेताओं के समर्थकों ने खुलकर अपने लीडर को सीएम बनाने की मांग शुरू कर दी थी। बता दें कि एकनाथ शिंदे इस समय कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं।
मैंने राज्य की बेहतरी के लिए काम किया
एकनाथ शिंदे ने इस दौरान शाह और मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भाजपा और शाह-मोदी ने मेरा पूरा साथ दिया। वो चट्टान बनकर मेरे साथ खड़े रहे। मैंने पीएम मोदी को फोन करके कहा है कि हमारी तरफ से कोई दिक्कत नहीं है। आप जिसे भी सीएम के लिए चुनेंगे उसे मेरा सपोर्ट है। इस दौरान शिंदे ने कहा कि मैंने हमेशा राज्य की बेहतरी के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की लाडली बहनों का मैं लाडला भाई हूं। अभी बहुत काम करना है। मैंने ढाई साल में राज्य के लिए खूब काम किया है। आगे भी हम इसी रफ्तार से काम करेंगे। महायुति मजबूत है और हम सब मिलकर काम करने को तैयार हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने पिछले ढाई साल में लगातार काम किया है। मैं लाडली बहनो का लाडला भाई हूं। मैं हमेशा तत्पर रहता हूं। मैं आगे भी काम करने के लिए तैयार हूं।
शिवसेना बोली- डिप्टी सीएम पोस्ट स्वीकार नहीं
उधर, शिवसेना ने दो टूक कह दिया है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिवसेना का कहना है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया। इस बात को देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं। इसलिए शिंदे मुख्यमंत्री बनने के योग्य हैं। उन्होंने कहा कि ये हमारी मांग है कि जो चेहरा सामने आया है, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। भाजपा अगर हमारी डिमांड पूरी करती है तो लोगों में अच्छा मैसेज जाएगा। अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते है तो आने वाले चुनावों में हमें फायदा होगा। शिंदे की वजह से ही चुनाव में महायुति को फायदा हुआ है।
हम रामदास अठावले को गंभीरता से नहीं लेते
एकनाथ शिंदे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि शिवसेना कह चुकी है कि हम अठावले को गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा कि वो रामदास अठावले हैं, हम उनको सीरियस नहीं लेते, वो केंद्र के नेता हैं, केंद्र की राजनीति करें। महाराष्ट्र की राजनीति कैसे करनी है वो हम अच्छे से जानते हैं। जो लोग हमें गद्दार कहते है, वो अब घर मे बैठेंगे। मुझे नहीं लगता एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकारेंगे। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था।
दिल्ली बुलाए गए महायुति के नेता
शिंदे, फडणवीस और पवार को बुलाया गया दिल्ली बता दें कि शिवसेना एनसीपी के प्रमुख नेताओं और देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया गया है। भाजपा के हाईकमान ने गुरूवार को प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ अहम बैठक तय की है। बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से महायुति को 230 सीट मिली थी। भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल की है।
कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है और महाराष्ट्र में इसके सभी 16 विधायकों को भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए - देशमुख
28 Nov, 2024 09:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आशीष देशमुख ने महाराष्ट्र में इसकांग्रेस के सभी 16 नवनिर्वाचित विधायकों को भाजपा में शामिल होने का सुझाव दिया है।राज्य में हाल में हुए चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 विधानसभा सीट में से 230 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) केवल 46 सीट ही जीत सका।नागपुर जिले की सावनेर सीट से चुनाव जीतने वाले देशमुख ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी और महायुति गठबंधन ने बड़े अंतर से जीत हासिल की तथा हमने महाराष्ट्र में कांग्रेस का पतन देखा। कांग्रेस का यह पतन हर जगह हो रहा है।’’उन्होंने कहा कि हर राज्य में सीट संख्या और मतदाता आधार में लगातार गिरावट के कारण कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
विधानसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम
भाजपा नेता ने कहा कि यह परिणाम विपक्षी पार्टी के लिए एक नया निचला स्तर है। देशमुख ने कहा कि कांग्रेस और उसके विधायकों का कोई भविष्य नहीं है तथा महाराष्ट्र में इसके विधायकों को भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र भारत का 17वां राज्य है जहां विधानसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है।देशमुख ने कहा, ‘‘288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सिर्फ 16 विधायकों के साथ कांग्रेस के पास अब सदन में सिर्फ 5.55 प्रतिशत सीट हैं। यह 1962 के बाद से राज्य विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की सबसे कम सीट हिस्सेदारी है।’’उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से कांग्रेस की सीट हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से घटकर अब 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है। जून 2023 में कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद देशमुख भाजपा में शामिल हो गए थे।
बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान, डॉ सरोज पांडेय और देवेंद्र फडणवीस
28 Nov, 2024 08:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बीजेपी की ओर से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर कवायद तेज हो गई है। दिल्ली मुख्यालय में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है। इन बैठकों पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई दिग्गज नेता नजर रखे हुए हैं। बीजेपी के नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी के लिए शिवराज सिंह चौहान, डॉ सरोज पांडेय और देवेंद्र फडणवीस का नाम भी चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए पीएम मोदी, अमित शाह और आरएसएस के नेताओं के बीच बैठक के बाद ये तीन नाम सामने आए हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। पार्टी के अंदर उनकी अच्छी साख है। ऐसे में वह प्रबल दावेदार हैं। उधर देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के युवा चेहरे हैं। महाराष्ट्र जीत के बाद बीजेपी फडणवीस को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर पार्टी मंथन कर रही है। फडणवीस को पीएम मोदी और अमित शाह का भी करीबी माना जाता है। वहीं बीजेपी इस बार चौंकाने वाला फैसला करते हुए बीजेपी की कद्दावर महिला नेता डॉ सरोज पाण्डेय को भी अध्यक्ष पद पर बैठा सकती है। उधर राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा भी है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष दक्षिण भारत से हो सकता है, क्योंकि इस समय बीजेपी के अहम पदों में से किसी भी पद पर दक्षिण भारत का नेता नहीं है।
देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का सीएम बनाने खून से लिखा पत्र
27 Nov, 2024 09:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भी अभी तक महायुति सीएम का नाम तय नहीं कर पाई है। इसको लेकर बीजेपी यहां पर्यवेक्षक भेजेगी, जो विधायकों से रायशुमारी करके सीएम के नाम का ऐलान करेंगे।उधर, बीजेपी के सिर पर जीत का सेहरा बांधने वाले देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का अगला सीएम बनाने के लिए औरंगाबाद में बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने खून से लेटर लिखा है। महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। शिंदे 28 जून 2022 से 26 नवंबर 2024 तक सीएम रहे हैं। विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हो गया है। नए सीएम के शपथ होने तक शिंदे ही कार्यवाहक सीएम बने रहेंगे।
नए सीएम के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम तकरीबन फाइनल हो चुका है। फडणवीस के सीएम बनने पर नई सरकार में पहले की ही तरह दो डिप्टी सीएम होंगे। एनसीपी की ओर से अजित पवार और शिवसेना की ओर से शिंदे किसी नए विधायक का नाम आगे कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार का एजेंडा तय करने के लिए तीनों दलों की एक कमेटी बनाई जा सकती है, जिसके मुखिया एकनाथ शिंदे हो सकते हैं। हालांकि, शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने इससे इनकार कर दिया है। नेता विपक्ष को लेकर एमवीए संयुक्त दावा पेश कर सकती है विधानसभा चुनाव में किसी भी विपक्षी पार्टी को सदन में नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी सीटें नहीं मिली हैं। नियमानुसार विधानसभा सीटों की कम से कम 10 फीसदी सीटें जीतने वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। अगर कई पार्टियों ने इससे ज्यादा सीटें हासिल की हों, तो सबसे ज्यादा सीट वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। इस बार ऐसा नहीं है इसलिए एमवीए के संयुक्त एलओपी पद का दावा कर सकती है। इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर प्री-पोल अलायंस का तर्क दिया जाएगा।
बैलट पेपर से हो जाए चुनाव, पूरे देश में बीजेपी को 25 सीटें नहीं मिलेगी : संजय राउत
27 Nov, 2024 08:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने चुनाव परिणामों को लेकर फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाए हैं। उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने ईवीएम को धोखा और फ्रॉड करार देकर कहा कि अगर ईवीएम नहीं होती, तब बीजेपी को देशभर में 25 सीटें भी नहीं मिलतीं। उन्होंने दावा किया कि वे पिछले 10 वर्षों से ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं और जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब भी बीजेपी ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए थे।
राउत ने कहा, देश में ईवीएम एक धोखा है और अगर ईवीएम नहीं होती, तब बीजेपी को 25 सीटें भी नहीं मिलतीं। महाराष्ट्र और हरियाणा के परिणाम हम स्वीकार नहीं करते, हम बैलट पेपर पर चुनाव करने की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा कि संसद में जब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर नेता प्रतिपक्ष का माइक बंद होता है, तब न्याय की उम्मीद कहां से की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय नहीं दे रहा है, तब संसद से हमें क्या उम्मीद होगी? राउत ने सवाल उठाया।
वहीं उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ईवीएम को लेकर बीजेपी पर निशाना साधकर कहा कि महाराष्ट्र में 288 सीटों में से 95 सीटों पर पोल और काउंटिंग के आंकड़ों में असमानता मिली है। उन्होंने बताया कि 76 सीटों पर वोट पोल और गिनती में अंतर था, जबकि 19 सीटों पर ज्यादा गिनती मिली थी। इस पर प्रियंका ने सवाल उठाया कि क्या ईवीएम चुनाव परिणामों को प्रभावित कर रही है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि बीजेपी पावर हंग्री है और सीएम पद के लिए निर्णय में देरी हो रही है। यह जनादेश का अपमान है। अगर फडणवीस का नाम तय हो गया है, तब इस पर जल्दी से घोषणा की जानी चाहिए।
बीजेपी नेता ने बताया...............क्यों बिहार मॉडल महाराष्ट्र में लागू नहीं हो सकता
27 Nov, 2024 07:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत जारी है। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे को राज्य की कमान देने की बात कह रहे हैं। इस बीच, शिवसेना के सांसद नरेश म्हस्के ने बिहार मॉडल अपनाने की सलाह दी, जिसमें बीजेपी ने चुनाव से पहले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का वादा कर उन्हें सम्मान दिया था। हालांकि, बीजेपी इस विचार से सहमत नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि बिहार मॉडल महाराष्ट्र में लागू नहीं हो सकता। बीजेपी नेता शुक्ला का तर्क था कि बिहार में बीजेपी ने नीतीश को सीएम बनाने की बात चुनाव से पहले कही थी, जबकि महाराष्ट्र में ऐसा कोई वादा नहीं किया था। महाराष्ट्र में बीजेपी का नेतृत्व और आधार मजबूत है, और चुनाव प्रचार में यह कहा गया था कि मुख्यमंत्री का फैसला नतीजों के बाद होगा। इस बयान के बाद शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, और राज्यपाल ने उन्हें केयरटेकर सीएम के रूप में नियुक्त किया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 सीटें और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं, जिससे महाविकास अघाड़ी को सत्ता में वापसी के लिए इंतजार करना पड़ा।
शिंदेगुट का दावा, बीजेपी ने किया था वादा...........शिंदे को ही बनाया जाएगा सीएम
27 Nov, 2024 06:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, हालांकि चुनाव परिणामों के बाद से कई दावे और कयास लग रहे हैं। अब मुद्दे पर शिवसेना (शिंदे गुट) के सूत्रों ने दावा किया है। उनके मुताबिक, चुनाव से पहले यह वादा किया गया था कि अगर महायुति को बहुमत मिलता है, तब सीएम पद पर एकनाथ शिंदे को ही बैठाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकों में यह तय हुआ था कि बीजेपी भले ही ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन महायुति के घटक दलों को मिलने वाली सीटों की संख्या को नजर अंदाज कर शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। अगर डिप्टी सीएम का पद शिवसेना को मिलता है, तब शिंदे खुद उपमुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं, बल्कि उनके गुट से कोई अन्य नेता इस पद पर आ सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जिसमें बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर आई। इस भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति के घटक दलों में बहस छिड़ गई है। बीजेपी की प्राथमिकता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की है, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) ने एकनाथ शिंदे को सीएम पद का दावेदार बताया है।
गिरिराज का अखिलेश और राहुल गांधी पर तंज, संभल जाने वाले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कुछ कहे
27 Nov, 2024 05:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव की घटना ने स्थिति को तनावपूर्ण कर दिया है, इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग संभल जाने की बात कर रहे हैं, उन्हें बांगलादेश में हो रही हिंदुओं पर हिंसा पर भी बोलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा, राहुल गांधी और अखिलेश बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय दास को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है। मेरा सुझाव है कि हिंदुओं को बांगलादेश में हो रहे अत्याचार का विरोध करना चाहिए। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश के हालात की जानकारी है और वे संभल जाने की योजना बना रही हैं। उनका दावा है कि गांधी परिवार ही वह परिवार है, जो हिंसा में पीड़ित परिवारों का दर्द समझ सकता है।