राजनीति
हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, विचारधारा का फर्क है
19 Dec, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नागपुर। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी इसको लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने इस मुलाकात पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना पर बीजेपी के विचारों की ओर झुकने का आरोप लगाया है। आजमी ने कहा कि सीएम फडणवीस से मुलाकात व्यक्तिगत या प्रशासनिक कारणों से हो सकती है, लेकिन इस मुलाकात का राजनीतिक संदर्भ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी सीएम बनता है, हम अपने काम को लेकर उनसे मिलने जाते हैं। हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। लेकिन विचारधारा का फर्क है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस की बधाई देना सेक्युलर राजनीति के खिलाफ
अगर उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक कारणों से यह कदम उठाया है, तो यह उनका फैसला है। हाल के दिनों में उनकी पार्टी के बयानों से यह साफ होता है कि वे बीजेपी की राह पर लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने सेक्युलर गठबंधन के सिद्धांतों का सम्मान नहीं किया। आजमी ने 6 दिसंबर से जुड़ी शिवसेना नेताओं की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की बधाई देना सेक्युलर राजनीति के खिलाफ है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं के इस तरह के बयान पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की गई।
कांग्रेस और सपा के बीच सीधा मतभेद नहीं है
इस बीच लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के शामिल न होने पर अबू आजमी ने कहा कि कांग्रेस और सपा के बीच सीधा मतभेद नहीं है, लेकिन कांग्रेस के व्यवहार से निराशा जरूर है। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी में हम एक छोटी पार्टी हैं, लेकिन अक्सर हमें चर्चा में शामिल नहीं किया जाता है। कांग्रेस को लगता है कि वह अकेले चुनाव लड़ सकती है, लेकिन यह उनकी रणनीतिक भूल है। राहुल गांधी के नेतृत्व को सराहते हुए आजमी ने कहा कि वे लोकसभा में विपक्ष के एक मजबूत नेता के रूप में उभर रहे हैं। राहुल गांधी के आसपास के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन्हें गुमराह कर रहे हैं।राजनीतिक हलकों में यह बयान कई सवाल खड़े करता है। क्या उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की यह मुलाकात प्रशासनिक थी या इसके पीछे कोई राजनीतिक समीकरण बदलने की कोशिश हो रही है? आने वाले समय में इसके साफ संकेत देखने को मिल सकते हैं।
BJP सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए, बोले- राहुल गांधी ने दिया धक्का
19 Dec, 2024 01:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सारंगी घायल हो गए हैं। भाजपा सांसद सारंगी का दावा है कि राहुल गांधी के धक्का देने की वजह से उन्हें चोट लगी है। सारंगी ने कहा कि मैं सीढ़ियों पर खड़ा था। राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया और वह सांसद मेरे ऊपर गिर गया, जिसकी वजह से मैं गिर गया और चोटिल हो गया।
राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी
प्रताप सारंगी के आरोप के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हां, ठीक है.. धक्का देने से कुछ नहीं होता। मैं संसद के अंदर जाना चाहता था। संसद में जाना मेरा अधिकार है, मुझे रोकने की कोशिश की गई। हमें संसद में घुसने से रोका गया। भाजपा सांसद धक्का-मुक्की कर रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि यह संसद का प्रवेश द्वार है। भाजपा सांसद मुझे धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे। भाजपा सांसदों ने प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया। वे लगातार मुझे धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे।
अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
इस संबंध में आज इंडिया ब्लॉक विरोध मार्च कर रहा है। इंडिया ब्लॉक राज्यसभा में बाबा साहेब अंबेडकर पर दिए गए बयान के लिए गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा और माफी की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाल रहा है। यह मार्च संसद में अंबेडकर की प्रतिमा से मकर द्वार तक निकाला जा रहा है।
भारत ब्लॉक के सांसद नीले कपड़े पहनकर अंबेडकर की प्रतिमा से मकर द्वार तक पैदल चलने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह ने अंबेडकर का अपमान किया है। उनका अपराध अक्षम्य है। पूरा सिस्टम उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा है। हम वही कह रहे हैं जो गृह मंत्री ने कहा है। उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया गया है। माफी मांगने की बजाय वह हमें धमका रहे हैं। हम उनकी धमकियों से नहीं डरेंगे।
कांग्रेस ने किया तो आपको बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान का अधिकार कैसे
19 Dec, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बाबा साहेब आंबेडकर विवाद पर विपक्ष के हमले का काउंटर करने के लिए आज पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली। हालांकि, उनके एक्स पोस्ट पर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है। पीएम ने अपने पोस्ट में लिखा था कि कैसे एक परिवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आंबेडकर की विरासत मिटाने के लिए हर संभव गलत रास्तों का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी के इसी पोस्ट पर केजरीवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा प्रधानमंत्री जी, मैं आपका ये स्पष्टीकरण पढ़कर स्तब्ध हूं।
उन्होंने आगे लिखा कि आपका कहना है कि कांग्रेस ने बाबासाहेब के साथ ठीक नहीं किया। तो ये बात आपको, आपकी पार्टी को और आपके गृह मंत्री को बाबासाहेब के अपमान करने का अधिकार कैसे देती है? केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस बाबासाहेब से गलत बर्ताव करती थी तो क्या आप भी करोगे? देश के प्रधानमंत्री का ये कैसा स्पष्टीकरण है? केजरीवाल ने एक्स पोस्ट पर लिखा कल सदन में जिस तरह आपके गृह मंत्री ने बाबासाहेब का अपमान किया, उससे सारा देश गुस्से में है। और अब आपके इस बयान ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
केजरीवाल का बुजुर्गों के लिए चुनावी वादा संजीवनी स्वास्थ्य योजना का किया ऐलान
19 Dec, 2024 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना का ऐलान किया है। इसमें 60 साल के ज्यादा के उम्र के सभी नागरिकों का मुफ्त इलाज होगा। पिछले हफ्ते केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बुजुर्गों के लिए ‘संजीवनी योजना’ का ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनने के बाद बुर्जुगों के लिए दिल्ली सरकार संजीवनी योजना लेकर के आएगी। इसमें 60 साल के ज्यादा के उम्र के सभी नागरिकों का मुफ्त इलाज होगा। इसमें कोई लिमिट या श्रेणी नहीं है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सरकार बनने के बाद यह योजना लागू होगी। संजीवनी योजना का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज जो मैं बुजुर्गों के लिए स्कीम का एलान कर रहा हूं वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। हम बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं। आपने देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत काम किया है। अब हमारी बारी है। केजरीवाल ने कहा कि हमने श्रवण कुमार से प्रेरित होकर बुर्जुगों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की। अभी तक तकरीबन 1 लाख बुजुर्ग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। देश के सभी तीर्थ स्थलों पर भेजा जाता है। सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाती है। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जैसे जैसे उम्र बढ़ती है 100 बीमारियां घेर लेती है। फिक्र होती है कि इलाज कैसे करेंगे। कई बार बच्चे मां बाप का ख्याल नहीं रखते। जैसे लक्षण जी संजीवनी बूटी लेकर आए थे। वैसे ही दिल्ली में सरकार बनने के बाद बुर्जुगों के लिए दिल्ली सरकार संजीवनी योजना लेकर के आएगी। इसमें मुफ्त इलाज होगा। कोई लिमिट या श्रेणी नहीं है। दिल्ली के 60 साल के ऊपर के सभी बुजुर्गों को इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए कोई कैप नहीं होगी। केजरीवाल ने कहा कि सरकार बनते ही आपके लिए ये योजना लेकर के आएंगे। जल्दी ही आपके घर पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगी। आप बस अपना आशीर्वाद बनाए रखना। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने पिछले हफ्ते महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था। इसके तहत दिल्ली की 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये जबकि चुनाव जीतने के बाद 2100 रुपये मिलेंगे।
वन नेशन-वन इलेक्शन: जेपीसी में कांग्रेस और अन्य दलों के नामों की सिफारिश
19 Dec, 2024 10:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली,। केंद्र सरकार द्वारा वन नेशन-वन इलेक्शन के प्रस्ताव को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। अब जेपीसी का गठन लोकसभा स्पीकर को करना है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने समिति के लिए अपने-अपने सदस्यों के नाम फाइनल कर दिए हैं।
कांग्रेस ने जेपीसी में शामिल करने के लिए जिन नेताओं के नामों को फाइनल किया है, उनमें प्रियंका गांधी का नाम भी शामिल है। सूत्रों की मानें तों कांग्रेस ने जेपीसी के लिए चार नाम सुनिश्चित किए हैं, जिनमें मनीष तिवारी जो कि अनुभवी वकील और वरिष्ठ नेता हैं। दूसरा नाम प्रियंका गांधी का है जो पार्टी की महिला नेतृत्व का चेहरा हैं। तीसरे हैं सुखदेव भगत जो आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता हैं और चौथे रणदीप सुरजेवाला का नाम हैं जो पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार और वकील हैं। ये चारों नेता वन नेशन-वन इलेक्शन पर कांग्रेस का पक्ष जेपीसी के मंच पर रखेंगे।
यदि अन्य दलों के संभावित सदस्यों की बात करें तो सूत्र बता रहे हैं कि डीएमके से पी. विल्सन (मशहूर वकील), टी. सेल्वागेथी हो सकते हैं, जबकि समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव का नाम हो सकता है, जिन्होंने इससे पहले भी सपा का पक्ष रखा है। तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, साकेत गोखले हो सकते हैं।
जेपीसी का गठन और कार्यप्रणाली
जेपीसी में राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य शामिल होंगे। आमतौर पर लोकसभा के सदस्य राज्यसभा के मुकाबले दोगुने होते हैं। यह समिति प्रस्तावित बिल या मुद्दे की गहन समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करती है। जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार संशोधित बिल को संसद में पेश करती है।
वन नेशन-वन इलेक्शन की संवैधानिक चुनौती
यह प्रस्ताव एक संवैधानिक संशोधन की मांग करता है, जिसके लिए सरकार को संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत की आवश्यकता होगी। जेपीसी का गठन इस दिशा में आम सहमति बनाने और विपक्ष के विचारों को शामिल करने की कोशिश के तहत किया गया है।
आगे का रास्ता
जेपीसी की रिपोर्ट और चर्चा के बाद ही वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को संसद में पेश किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी क्या राय रखते हैं और क्या सरकार विपक्ष के साथ सहमति बना पाती है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता का विवादित बयान, अमित शाह को पागल मंत्री बताया
19 Dec, 2024 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवचंद्र राम ने केंद्रीय गृह मंत्री को लेकर विवादित बयान दिया है। पटना में आरजेडी कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने अमित शाह को पागल मंत्री बताया है। दरअसल राज्यसभा में गृह मंत्री ने कहा था कि अंबेडकर-अंबेडकर करना फैशन हो गया है। इतना नाम अगर भगवान का लेते, तब सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता। इस बयान पर बिहार में सियासत गर्म हो चुकी है।
पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि गृह मंत्री के बयान से देश की 90 प्रतिशत आबादी दुखी है। उनके बयान का राष्ट्रीय जनता दल घोर निंदा करती है। यह देश के गृह मंत्री नहीं, देश के पागल मंत्री हैं। जब बाबा साहेब का अपमान हो रहा था, तब सदन में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी हंस रहे थे। यह दो नेता सिर्फ अपने परिवार के लिए जीते हैं। इन्हें दलित और महादलित से कोई मतलब नहीं है।
राजद नेता शिवचंद्र राम ने कहा कि शाह के बयान से पिछड़ा और अति पिछड़ा के मन में बड़ी चोट पहुंची है। बीजेपी वाले संविधान के खिलाफ हैं। संविधान पर चोट पहुंचाते हैं।
अमित शाह के बयान पर विवाद के बाद बोलीं मायावती-दलितों के लिए बस एक ही भगवान आंबेडकर
19 Dec, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में भीम राव अम्बेडकर को लेकर दिए गए बयान पर अब राजनीति गर्मा गयी है। अब इस विवाद पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की भी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व सीएम मायावती ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोला है। पूर्व सीएम मायावती ने एक्स पर लिखा-‘कांग्रेस व बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की आड़ में अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने की बजाय, इनका पूरा आदर-सम्मान करना चाहिये। इन पार्टियों के लिए इनके जो भी भगवान हैं उनसे पार्टी को कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन दलितों व अन्य उपेक्षितों के लिए एकमात्र इनके भगवान केवल बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हैं, जिनकी वजह से ही इन वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनी अधिकार मिले हैं, तो उसी दिन इन वर्गों को सात जन्मों तक का स्वर्ग मिल गया था।’
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा-‘अतः कांग्रेस, बीजेपी आदि पार्टियों का दलित व अन्य उपेक्षितों के प्रति प्रेम विशुद्ध छलावा. इनसे इन वर्गों का सही हित व कल्याण असंभव. इनके कार्य दिखावटी ज्यादा, ठोस जनहितैषी कम. बहुजन समाज व इनके महान संतों, गुरुओं, महापुरुषों को समुचित आदर-सम्मान बीएसपी सरकार में ही मिल पाया।’ गौरतलब है कि राज्यसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर..अंबेडकरकृअंबेडकर कहना। इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्म तक स्वर्ग मिलता। अमित शाह के इस बयान पर विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है और अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफे की मांग कर रहा है।
दो दिवसीय कुवैत यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी
19 Dec, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । पीएम मोदी कुवैत के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत का दौरा करेंगे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा होगी।यात्रा के दौरान पीएम कुवैत के नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे। पीएम मोदी कुवैत में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो इतिहास में निहित हैं और आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों से मजबूत हुए हैं। भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और भारतीय समुदाय देश में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।” इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करना है। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी। बता दें कि हाल ही में कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने भारत का दौरा किया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ चर्चा की। यात्रा के दौरान, विदेश मंत्रालय ने कुवैती मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि इस बैठक से भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर एक संयुक्त सहयोग आयोग (जेसीसी) की स्थापना के लिए बुधवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी उम्मीदवारों पर सबकी नजर
18 Dec, 2024 08:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। अब सबकी निगाहें बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची पर हैं। बता दें कि बीजेपी ने इस बार नारा दिया है- दिल्ली में आ रही है बीजेपी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ जिस तरह की नाराजगी है उससे बीजेपी इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त है कि इस बार उसका दिल्ली पर कब्जा होगा और उसे शासन करने का मौका मिलेगा। बीजेपी में उत्साह देखा जा रहा है लेकिन फिर भी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और उम्मीदवारों के चयन में कोई गलती नहीं करना चाहती है। उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी में कई स्तरों पर बैठकें हो चुकी हैं और उम्मीदवारों की सूची पर काम आगे बढ़ चुका है।
बताया जा रहा है कि बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची इस महीने के आखिर तक आ सकती है, जिसमें पार्टी नए चेहरों पर दांव लगा सकती है। बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उम्मीदवारों के चयन पर अंतिम दौर की बैठकें अभी होनी बाकी हैं। ये बैठकें 20 दिसंबर को संसद सत्र खत्म होने के बाद होंगी।
बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और प्रत्येक सीट से तीन संभावित उम्मीदवारों की सूची पहले ही बना ली गई है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बार संभावना है कि पार्टी महिलाओं और युवाओं समेत नए चेहरों पर दांव लगाएगी, जिनकी जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ है और क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंच है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने अब तक चुनाव नहीं लड़ा है। इसके अलावा बीजेपी ने दिल्ली में जिन छह सांसदों को इस बार लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था उन्हें भी विधानसभा चुनाव लड़वाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि दो या अधिक बार चुनाव हार चुके वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी इस बार दांव नहीं लगाएगी और पिछले चुनावों में नजदीकी मुकाबले में हारने वालों की इस बार काफी जांच-पड़ताल की जा रही है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस बार जीतने की संभावना प्रमुख कारक होगी, क्योंकि शीर्ष नेता सर्वेक्षणों और जमीनी स्तर से मिली रिपोर्ट जैसे प्रामाणिक फीडबैक तंत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अंतिम फैसला लेंगे।
यह भी बताया जा रहा है कि हाल के महीनों में बीजेपी में शामिल कुछ नेताओं को टिकट देने पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है। इनमें दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राज कुमार चौहान और ‘आप’ सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद शामिल हैं। दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर बीजेपी सत्तारुढ़ ‘आप’ को हराने हर संभव प्रयास कर रही है। आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ लगातार 2015 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। चुनाव की तारीख जनवरी के मध्य तक घोषित की जा सकती है और मतदान 10 फरवरी के बाद होने की संभावना है।
बता दें कि सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीट पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अब तक 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं जबकि लोकसभा चुनावों में दोनों ने साथ मिलकर लड़ा था और एक भी सीट नहीं जीत पाये थे।
शाह ने किया ऐलान- भाजपा शासित राज्यों में लागू करेंगे यूसीसी
18 Dec, 2024 08:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान करते हुए कहा जहां-जहां भाजपा की सरकार, उन राज्यों में यूसीसी लागू होगी। उत्तराखंड द्वारा लागू की गई समान नागरिक संहिता एक आदर्श कानून है, जिस पर व्यापक बहस होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकारें सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करेंगी। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का अपमान करने और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं। एक ऐसा कानून जिसे सामाजिक जीवन में बड़े बदलाव लाने वाला माना जाता है, उसे उत्तराखंड ने आदर्श कानून के रूप में पारित किया। यह कानूनी और धार्मिक प्रमुखों द्वारा समीक्षा किया जाएगा और उसके बाद भाजपा सरकारें सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि अब तक यह कानून लागू नहीं हो सका, इसका कारण कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति है।
राज्यसभा में संविधान के 75वें वर्ष पर चल रही बहस के दौरान, अमित शाह ने कांग्रेस और भाजपा द्वारा किए गए संविधान संशोधनों के बीच तुलना करते हुए यह दावा किया कि कांग्रेस ने निजी लाभ और सत्ता की खातिर संविधान में बदलाव किए, जबकि भाजपा ने लोकतंत्र को मजबूत करने और समान अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए संशोधन किए। 85 मिनट के अपने भाषण में शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कभी आरक्षण का सम्मान नहीं किया और 50 प्रतिशत की सीमा को तोड़ने का प्रयास किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार समान नागरिक संहिता के पक्ष में अपने विचार रखे हैं और भाजपा ने इस मुद्दे को झारखंड विधानसभा चुनावों में प्रमुख चुनावी वादा बनाया था। अमित शाह ने भी कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि उसने हमेशा संविधान का पालन नहीं किया और आपातकाल के दौरान कई गलतियां कीं।
राजनाथ सिंह ने कहा- रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे
18 Dec, 2024 07:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी में विभागीय परामर्शदात्री समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसे संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि पूर्व में मौजूद आयुध फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के निगमीकरण के बाद गठित किए गए नए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डीपीएसयू) रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बैठक में समिति के कुछ सदस्यों ने डीपीएसयू में मानव संसाधन से जुड़े हुए मुद्दों पर जाहिर की गई चिंताओं और सुझावों पर राजनाथ सिंह ने आश्वासन के साथ कहा कि निगमीकरण से उत्पन्न हुए तमाम मुद्दों को सभी हितधारकों से जरूरी परामर्श के साथ उचित रूप से संबोधित किया जा रहा है। सुझावों की सराहना करते हुए उन्होंने क्रियान्वयन के लिए इनकी जांच करने की बात भी कही। बैठक में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार सहित मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बिक्री और लाभ में कम समय में हुई प्रगति
मंत्रालय के मुताबिक, इस बैठक में निगमीकरण के बाद डीपीएसयू की भूमिका और कार्यों पर चर्चा की गई। समिति के सदस्यों को वित्तीय आंकड़ों, आधुनिकीकरण, पूंजीगत व्यय, निर्यात, विकसित किए गए नए उत्पादों और वर्तमान में जारी अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। राजनाथ ने इस तथ्य की सराहना की कि निगमीकरण के बाद नए डीपीएसयू ने उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया है। बहुत कम समय में इनकी बिक्री और लाभ में अच्छी प्रगति हुई है।
सियासी उथल पुथल: छगन भुजबल के स्वागत को आतुर दिख रहा है एमवीए
18 Dec, 2024 06:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता छगन भुजबल बागी तेवर दिखा रहे हैं। अब खबर है कि राज्य के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के नेता भुजबल को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके स्वागत को भी उतावले हैं। इनमें शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। महायुति सरकार के 39 मंत्रियों में भुजबल का नाम नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ठाकरे ने कहा, मुझे भुजबल के लिए दुख होता है। वह समय समय पर मेरे संपर्क में बने रहे हैं। पांच बार के विधायक और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने भुजबल को मंत्री नहीं बनाए जाने को अन्याय करार दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार पर ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भी अन्याय करने के आरोप लगाए हैं।
राउत ने कहा, आप (भुजबल) को देर से ही सही, लेकिन ओबीसी और पिछड़ा वर्गों के खिलाफ इन लोगों के काम करने के तरीके का एहसास हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एनसीपी एसपी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि उनकी उम्र, स्वभाव और संघर्ष को देखते हुए उन्हें न्याय मिलना चाहिए। अब उसी भुजबल को पीछे की सीट पर धकेल दिया गया है। फिलहाल, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है कि भुजबल का अगला सियासी कदम क्या होगा। वह पहले भी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे हैं।
भुजबल ने उत्तर महाराष्ट्र के अपने गृह जिले नासिक में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की और बताया कि क्यों उन्हें देवेंद्र फडणवीस नीत मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, शरद पवार भी हमसे कुछ हद तक मामलों पर चर्चा करते थे। शरद पवार से असहमत होने पर भी चर्चा होती थी। यहां कोई चर्चा या जानकारी साझा नहीं की जाती है। अंतिम क्षण तक किसी को कोई जानकारी नहीं होती। केवल अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ही सभी निर्णयों के बारे में जानते हैं। हमें नहीं पता कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव के लिए किसे टिकट मिलेगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में हमारी भागीदारी शून्य है।
आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने की शाह से इस्तीफे की मांग
18 Dec, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अमित शाह की संसद में बाबा साहेब आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर संविधान ग्रंथ है तो आंबेडकर भगवान हैं। कांग्रेस ने शाह के इस्तीफे की मांग की है।
अगर संविधान ग्रंथ है तो बाबा साहेब भगवान हैं
इन बयानों के बाद बुधवार को पीएम मोदी ने कांग्रेस को जवाब दिया। मोदी ने एक्स पर 6 पोस्ट किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब अंबेडकर पर नाटक कर रही है। पंडित नेहरू ने चुनाव में आंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया था। उन्हें भारत रत्न देने से कांग्रेस ने इनकार किया। एससी-एसटी पर सबसे ज्यादा नरसंहार कांग्रेस के शासन काल में हुए हैं।बता दें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।
नडडा का कांग्रेस पर हमला, पाक अधिकृत कश्मीर नेहरु की सबसे बड़ी गलती
18 Dec, 2024 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। संविधान की यात्रा पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यदि हम वेद और पुराने शास्त्रों को देखने पर उनमें सभा, समिति, संसद जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है। यह इस बात को बताता है कि चर्चा, बहस जैसी चीजें हमारी संस्कृति में रही हैं। राज्यसभा में नेता सदन नड्डा ने कहा कि संविधान की मूल प्रति में हमें अजंता एलोरा, कमल के फूल की छाप मिलती है। कमल का फूल इस बात को प्रतिलक्षित करता है कि हम कीचड़ में से निकल करके आजादी की लड़ाई लड़कर नई सुबह के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।
एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चल सकते
उन्होंने कहा कि यदि पिछले 75 साल की यात्रा पर बात करें तब पता लगता है कि बाबा साहब अंबेडकर कितने दूरदर्शी थे। देश को जोड़ने का काम तब के गृहमंत्री सरदार पटेल को दिया गया। उन्होंने 562 रियासतों को जोड़ा। एक जम्मू कश्मीर की रियासत का जिम्मा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिया था। तब जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लगाया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि संसद द्वारा पारित किए गए 106 कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे। तभी जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आर्टिकल 370 का विरोध किया था। जनसंघ के नेता मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चल सकते है। उन्होंने बलिदान दिया और श्रीनगर की जेल में संदिग्ध स्थिति में उन्होंने अंतिम सांस ली।
पश्चिमी पाकिस्तान से आए व्यक्ति भारत में प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री
नड्डा ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान से आए व्यक्ति भारत में प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री बने। इसमें मनमोहन सिंह, आई के गुजराल और लाल कृष्ण आडवाणी शामिल थे। लेकिन पीओके से आया हुआ व्यक्ति जम्मू कश्मीर की पंचायत का चुनाव तक नहीं लड़ सकता था, यह आर्टिकल 370 की देन थी। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को इतिहास बना दिया गया। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि उनकी सूझबूझ के कारण आज जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया। नड्डा ने कहा कि अगले वर्ष 25 जून 2025 को आपातकाल लगाने के 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस दिन को लोकतंत्र विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। कांग्रेस यदि आपातकाल को गलत मानती है तब कांग्रेस भी इसमें शामिल हो, इस बात का हम आह्वान करते हैं।
विपक्ष पर हमलावर नड्डा ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर आपका योगदान है। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की 38,000 वर्ग किलोमीटर भारत भूमि कब्जा कर ली, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रक्षा तैयारियों की अनदेखी की थी।
नक्सलियों के गढ़ गुंडम से शाह की हुंकार, 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त होगा देश
18 Dec, 2024 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । बड़े-बड़े झरनों और पहाड़ों के साथ घने जंगलों वाले राज्य छत्तीसगढ़ की खूबसूरती काफी मनमोहक है, लेकिन जब भी छत्तीसगढ़ की बात होती है, तब सबसे पहले नक्सलवाद याद आता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में राज्य में नक्सली हमले कम हुए हैं। पिछले कुछ सालों में नक्सली हमले कम हुए हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर और जगदलपुर के अलावा बीजापुर सबसे नक्सल प्रभावित इलाके हैं, लेकिन अब बीजापुर में नक्सलियों के नेटवर्क को पूरी तरीके से ध्वस्त कर शांति स्थापित की गई है।
सबसे बड़े कमांडर हिडमा के गांव पहुंचकर लगाई जनता चौपाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सलियों के सबसे बड़े कमांडर हिडमा के गढ़ बीजापुर जिले के गुंडम गांव में महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों के साथ चर्चा की। बता दें कि बीजापुर जिले का गुंडम इलाका नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पुवर्ती से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है। गुंडम गांव बस्तर के सबसे खूंखार माओवादी नेता और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के कमांडर माडवी हिडमा का गढ़ है। गुंडम में कभी नक्सली अपने प्रशिक्षण शिविर के रूप में इस्तेमाल करते थे, हालांकि अब नक्सलियों से मुक्त हो गया है। इसी जगह पर नक्सली अपना सहिदी दिवस मनाते थे। गुंडम में सुरक्षा बलों ने इस साल 14 फरवरी को एक सुरक्षा शिविर या फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित किया था।
हिडमा सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य है और कई घातक हमलों का मास्टरमाइंड है, इसमें 2010 का दंतेवाड़ा नरसंहार शामिल है, जिसमें 75 सीआरपीएफ कर्मी मारे गए थे। इसके अलावा साल 2017 में सुकमा में हुए हमले में भी हिडमा शामिल था, इसमें दो दर्जन से अधिक लोग मारे गए थे। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम है, लेकिन वह पकड़ से बचने में कामयाब रहा है।
इस मौके पर गृहमंत्री शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर हमने माओवादी आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, इसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट गया है। माओवादी आतंक के डर से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा कैंप लगे है। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है। शाह ने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने बताया गुंडम के करीब स्थापित कैंप में अस्पताल की सुविधा है, जहां निशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे नहीं रहें। शाह ने ग्रामीणों को निशुल्क 35 किलो चावल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने गांव में स्थित प्राथमिक शाला का अवलोकन कर बच्चों से पढ़ाई संबंधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया। केंद्रीय मंत्री शाह ने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए।