राजनीति
दिल्ली के सब्जी बाजार पहुंचे राहुल गांधी ने कहा- 40 की लहसुन 400 में बिक रही
25 Dec, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दिल्ली की सब्जी मंडी पहुंचे। इसका वीडियो उन्होंने मंगलवार सुबह शेयर किया। सब्जी मंडी में राहुल कुछ महिलाओं से बात करते नजर आए। उन्होंने केंद्र की नीतियों की आलोचना की। राहुल ने कहा कि लहसुन की कीमत 40 रुपए से 400 रुपए पहुंच गया है।
जनता महंगाई से परेशान, सरकार सो रही
जनता महंगाई से परेशान है। केंद्र सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है। राहुल ने आगे कहा कि आम जनता को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए छोटे-छोटे सामानों पर समझौता करना पड़ रहा है। इस पर राहुल के साथ खड़ी एक महिला ने कहा- सोना सस्ता हो गया लेकिन लहसुन महंगा है। राहुल गांधी ने लोगों से अपील की है कि अगर वे भी महंगाई का असर महसूस कर रहे हैं, तो अपने अनुभव शेयर करें। राहुल ने महिलाओं से कहा कि कुछ लोगों के लिए तो रिक्शे के किराए से लेकर खाने का खर्च पूरा करना भी कठिन हो गया है। राहुल ने कहा कि लोगों के लिए बचत करना मुश्किल हो गया है।
120 किलो रुपए मटर ने सबको हिला दिया है
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले, मैं एक सब्जी बाजार गया था और ग्राहकों के साथ खरीदारी करते हुए, मैंने उनसे यह जानने की कोशिश की कि आम लोगों का बजट कैसे बिगड़ रहा है और महंगाई ने कैसे सभी को परेशान किया है। मैंने लहसुन, मटर, मशरूम और दूसरी सब्जियों के दामों पर चर्चा की और लोगों के असली अनुभवों को सुना। 400 रुपए किलो लहसुन और 120 रुपए किलो मटर ने सभी के बजट को हिला दिया है। लोग क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे, यह सोचने वाली बात है। राहुल ने कहा कि लोगों के लिए बचत करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोगों के लिए तो रिक्शे के किराए से लेकर खाने का खर्च पूरा करना भी कठिन हो गया है। राहुल गांधी ने लोगों से अपील की है कि अगर वे भी महंगाई का असर महसूस कर रहे हैं, तो अपने अनुभव शेयर करें।
अर्थव्यवस्था में हो रहा बदलाव
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में हमें एक संतुलन बनाने की आवश्यकता है - एक ऐसा सिस्टम जो टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को प्रोत्साहित करे, लेकिन उनके कारण जो गंभीर रूप से प्रभावित हों, उन्हें सुरक्षा जाल भी प्रदान करे। जब हमारी अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहा हो और हम ग्लोबल ट्रेंड्स के हिसाब से आगे बढ़ रहे हों तब यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है कि छोटे कारोबारियों का नुकसान न हो।
रिक्शा के किराए की व्यवस्था करना भी मुश्किल
उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि लोग क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि चाय पर बात करते हुए हमने गृहणियों के जीवन की समस्याओं को करीब से समझा- कैसे आय स्थिर रही, महंगाई अनियंत्रित रूप से बढ़ती रही। कैसे बचत करना असंभव हो गया है और कैसे सिर्फ खाने का खर्च उठाने के कारण 10 रुपये के रिक्शा के किराए की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आपके पास कोई सुझाव है या आप कोई कहानी हमारे साथ साझा करना करना चाहते हैं, तो कृपया यहां भेजें।
नेहरू दलितों नहीं, मुसलमानों को अधिकार देना चाहते थे, ये पीड़ा बाबा साहब की थी - योगी आदित्यनाथ
25 Dec, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अनैतिक आचरण कर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। बाबा साहब का बड़ा योगदान रहा है। बाबा साहब संविधान के शिल्पी थे और हर भारतीय उनके प्रति सम्मान रखता है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा ने आंबेडकर के सपनों पर काम किया है। इस दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी सीएम योगी जमकर बरसे और सवाल किया कि संसद परिसर में सांसदों पर हमला करना क्या संवैधानिक आचरण माना जाएगा?
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत के दलितों का अपमान करना और तुष्टिकरण के आधार पर बांटने का काम किया है। उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि नेहरू नहीं चाहते थे कि बाबा साहब संविधान सभा का हिस्सा बने। महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के बाद यह संभव हो पाया। बाबा साहब को 1952 में पहला चुनाव हराने का काम कांग्रेस में किया था। पंडित नेहरू बाबा साहब को हराने के लिए प्रचार करने गए थे। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब संसद जाकर दलितों की आवाज बुलंद कर सकें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ना सिर्फ बाबा साहब को हराने का काम किया बल्कि बाबा साहब के करीबी को तोड़कर उनके खिलाफ लड़ाने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में बाबा साहब का स्मारक नहीं बनने दिया। कांग्रेस ने बाबा साहब को पद्म पुरस्कार नहीं दिया। उन्हें भारत रत्न तब मिला जब केंद्र की सरकार को बीजेपी समर्थन कर रही थी। बाबा साहब ने सदन चलते हुए इस्तीफा दिया लेकिन नियम को दरकिनार कर उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया गया। नेहरू दलितों नहीं, मुसलमानों को अधिकार देना चाहते थे। ये पीड़ा बाबा साहब की थी।
खड़गे और राहुल गांधी ने एनएचआरसी के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन पर असहमति जाहिर की
24 Dec, 2024 08:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन पर एक असहमति जाहिर की है, इसमें कहा गया है कि प्रक्रिया मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण थी। कांग्रेस के दोनों नेताओं ने कहा कि यह प्रस्थान निष्पक्षता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को कमजोर करता है, जो चयन समिति की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली दो अतिरिक्त समिति ने विचार-विमर्श को बढ़ावा देने और सामूहिक निर्णय सुनिश्चित करने के बजाय बैठक के दौरान उठाए गए वैध चिंताओं और दृष्टिकोणों की उपेक्षा करते हुए, नामों को अंतिम रूप देने के लिए अपने संख्यात्मक बहुमत पर भरोसा किया।
उन्होंने कहा कि एनएचआरसी एक महत्वपूर्ण वैधानिक निकाय है, इसका काम सभी नागरिकों, विशेषकर समाज के उत्पीड़ित और हाशिए रहने वाले वर्गों के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा करना है। खरगे और राहुल गांधी ने योग्यता और आवश्यकता दोनों का हवाला देकर एनएचआरसी प्रमुख के पद के लिए न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रोहिंटन फली नरीमन, जो इस महीने भारत की धर्मनिरपेक्ष नींव के क्षरण की चेतावनी के लिए खबरों में थे, और कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ के नाम प्रस्तावित किए। अल्पसंख्यक पारसी समुदाय के प्रतिष्ठित न्यायविद् नरीमन अपनी बौद्धिक गहराई और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके शामिल होने से भारत के बहुलवादी समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए एनएचआरसी के समर्पण के बारे में एक मजबूत संदेश जाएगा।
समाज में हिंसा और विघटन पैदा करने की कोशिश होती है, तो दुख होता है
24 Dec, 2024 07:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जर्मनी के बाजार में भीड़ पर एक डॉक्टर ने कार चढ़ा दी थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना में कई भारतीय भी घायल हुए थे। अब इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाज में हिंसा फैलाई जाती है तो दुख होता है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु मसीह की शिक्षा प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का जश्न मनाती हैं। यह अहम है कि हम इस भावना को और मजबूत करने के लिए काम करें, लेकिन जब समाज में हिंसा फैलाने और विघटन पैदा करने की कोशिश की जाती है, तो दुख होता है। अभी कुछ दिन पहले हमने देखा कि जर्मनी के क्रिसमस बाजार में क्या हुआ। 2019 में श्रीलंका के चर्चों पर हमला किया गया। मैं कोलंबो में बम विस्फोटों में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने गया था। ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आना बेहद जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह आशा ही है जिसने भारत को गरीबी को काफी हद तक कम करने में मदद की है, अब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि आशा और आशावाद के साथ भारत नई ऊंचाइयों को छुएगा। यह पहली बार है जब कोई पीएम भारत के कैथोलिक चर्च के हेडक्वार्टर में कार्यक्रम को संबोधित कर रहा था।
पीएम मोदी ने कहा कि बाइबिल कहती है, एक-दूसरे का बोझ उठाओ। ईसा मसीह ने दुनिया को दया और बिना शर्त सेवा का उदाहरण दिखाया है। हम क्रिसमस इसलिए मनाते हैं क्योंकि हम इन मूल्यों को अपनी जिंदगी में अपना सकें। अपनी सरकार के नारे, ‘सबका साथ, सबका विकास’ की तुलना ईसाई शिक्षाओं से करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के युवा एक-दूसरे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीसीआई में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, ‘मुझे पोप फ्रांसिस से भी वैसा ही प्यार मिला, जिनसे मैं जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिला था। यह तीन साल में मेरी पोप के साथ यह दूसरी मुलाकात थी। मैंने पोप से भारत आने का भी अनुरोध किया है।
आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को उतारने की तैयारी में कांग्रेस, जल्द जारी होगी दूसरी सूची
24 Dec, 2024 06:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को उतारने की तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही 28 और उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। कांग्रेस ने माह के शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी। इस सूची में कांग्रेस ने बादली से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है।
पूर्व लोकसभा सदस्य और तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे, संदीप दीक्षित को नई दिल्ली से मैदान में उतारा गया है, उनका सामना आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से होगा हैं। कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारून यूसुफ को बल्लीमारान, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार को पटपड़गंज और राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर से उतारा है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र आदर्श शास्त्री को द्वारका से उम्मीदवार बनाया गया है।
पिछले दिनों आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक अब्दुल रहमान को उनके वर्तमान क्षेत्र सीलमपुर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। अनिल भारद्वाज को सदर बाजार, मुदित अग्रवाल को चांदनी चौक, जय किशन को सुल्तानपुर माजरा और अली मेहदी को मुस्तफाबाद से उतारा है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने इन 21 उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी प्रदान की थी। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होने की संभावना है।
एक देश-एक चुनाव पर जेपीसी की पहली बैठक 8 जनवरी 2025 को
24 Dec, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । एक देश-एक चुनाव पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक 8 जनवरी 2025 को होगी। यह भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की प्रमुख चुनाव सुधार पहल पर राष्ट्रव्यापी चर्चा की शुरुआत होगी। संसदीय सूत्रों के अनुसार, भाजपा सदस्य पीपी चौधरी की अध्यक्षता में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के विधेयकों पर संयुक्त समिति की पहली बैठक एक परिचयात्मक होने की संभावना है, जिसमें अधिकारी दोनों विधेयकों पर पैनल को जानकारी देने वाले है।
पैनल में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद चौधरी को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष बनाया गया है। लोकसभा के सदस्यों में सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरषोत्तम रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, संजय जायसवाल, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टीएम सेल्वगणपति, जीएम हरीश बालयोगी, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शांभवी चौधरी, के राधाकृष्णन, चंदन चौहान और बालाशोवरी वल्लभनेनी शामिल हैं।
राज्यसभा के जिन सदस्यों को शामिल किया गया है, उसमें घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी विजयसाई रेड्डी शामिल हैं।
नीतीश कुमार ने शुरु की प्रगति यात्रा, भाजपा नेता रहे नदारद..........क्या बिहार में खेला होना बाकी
24 Dec, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा शुरू कर दी है। सोमवार से शुरु हुई यह यात्रा वाल्मीकि नगर से शुरू होकर पूर्वी चंपारण के मोतिहारी तक जाएगी। यात्रा में जेडीयू के कई मंत्री और विधायक शामिल हुए, लेकिन बीजेपी के नेता नदराद रहे। इससे दोनों दलों के बीच बढ़ती दूरियों को लेकर चर्चा हैं। यात्रा के दौरान नीतीश कुमार विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा और नए प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन या शिलान्यास भी करने वाले है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, सिर्फ जिले के प्रभारी मंत्री और संबंधित जिले के स्थानीय मंत्री ही यात्रा में शामिल हो सकते हैं, बाकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने वाले है।
यात्रा में नीतीश के साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे। पटना एयरपोर्ट से वाल्मीकि नगर के लिए रवाना होने से पहले नीतीश का जेडीयू कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हालांकि, यात्रा में बीजेपी नेताओं की गैरमौजूदगी साफ दिखाई दी, जिससे राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म है।
नीतीश की प्रगति यात्रा के मौके पर उनके साथ जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी, श्रवण कुमार, रत्नेश सदा, मदन सहनी और जयंत राज मौजूद थे। लेकिन बीजेपी के किसी भी मंत्री ने एयरपोर्ट पर नीतीश कुमार को विदा नहीं किया। इतना ही नहीं दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी यात्रा में शामिल नहीं हुए। दोनों वर्तमान में दिल्ली में हैं। वहीं, बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जदयू और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई है।
बता दें कि प्रगति यात्रा का पहला पड़ाव वाल्मीकि नगर है, जहां नीतीश ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का जायजा लिया। वाल्मीकि नगर में रात्रि विश्राम के बाद, मंगलवार को यात्रा पूर्वी चंपारण के मोतिहारी पहुंचेगी। मोतिहारी में भी नीतीश कई कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद पटना लौट आएंगे। हैरान करने वाली बात ये है कि बगहा में भी बीजेपी के नेता नजर नहीं आए। इसके सवाल उठता है कि बिहार एनडीए में सब ठीक है या यह यात्रा जेडीयू की है?
यात्रा में कौन-कौन हो सकता है शामिल
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 22 दिसंबर को सभी अपर मुख्य सचिवों और सचिवों को एक पत्र लिखा था। पत्र में निर्देश दिए गए थे कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में केवल संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री और उस जिले के निवासी मंत्री ही शामिल हो सकते हैं। अन्य मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, नौ विभागों के सचिव-शिक्षा, राजस्व एवं भूमि सुधार, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सहकारिता और ग्रामीण विकास भी बैठक में मौजूद रहे।
बाबा साहेब को अपमानित करने वाली कांग्रेस का काला चिट्ठा जनता के सामने लाएंगें : रविशंकर प्रसाद
24 Dec, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के सम्मान के नाम पर पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक संग्राम मचा हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए भाषण के एक हिस्से को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और सपा सहित कई राजनीतिक दल आक्रामक हैं। विरोधी दल के नेताओं को कहना हैं कि केंद्रीय मंत्री शाह को माफी मांग लेनी चाहिए। दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखकर आप ने बाबा साहेब के अपमान को चुनावी अभियान का ही हिस्सा बना लिया है। उसके नेता और कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और उस पर आंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह देश भर में कार्यक्रम करेगी। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम कांग्रेस का काला चिट्ठा जनता के सामने रखने वाले है। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि आंबेडकर का सबसे ज्यादा अपमान, तब कांग्रेस ने ही किया था। जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें चुनाव में हरवा दिया था और उनके खिलाफ प्रचार करने भी उतरे थे। उन्होंने कहा कि 1952 के चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से आंबेडकर हार गए थे और उनके मुकाबले नारायण सदोबा काजरोलकर को जीत मिली थी। इस चुनाव में नेहरू ने खूब कैंपेन किया था और आंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया था। यही नहीं इन्हीं काजरोलकर को कांग्रेस की सरकार ने 1970 में पद्म भूषण जैसा देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान दिया था।
भाजपा नेता प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व करने वाला पूरा नेहरू-गांधी परिवार अपने लिए भारत रत्न लेता रहा। लेकिन आंबेडकर को सम्मान नहीं दिया गया। उलटा उन्हें चुनाव हराने वाले काजरोलकर को पद्म भूषण दे दिया। भीमराव आंबेडकर का इससे बड़ा कोई अपमान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे पास पूरे दस्तावेज हैं और हम देश भर में लोगों को बताएंगे कि कांग्रेस कैसे बाबासाहेब का अपमान करती रही है।
महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण बनने लगे
24 Dec, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र में अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके सागर बंगले पर पहुंचे। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में जगह न मिलने के चलते भुजबल नाराज चल रहे थे। अब सीएम फडणवीस से उनकी मुलाकात से सवाल उठ रहा है कि क्या एनसीपी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है। गौरतलब है कि मंत्री पद न मिलने पर एनसीपी नेता भुजबल ने अजित पर तंज कसा था। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि फडणवीस उन्हें कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे, लेकिन अजित पवार ने ऐसा होने नहीं दिया। एनसीपी के लिए अजित पवार फैसले लेते हैं। इसके बाद भुजबल ने कहा था, जहां चैन नहीं, वहां रहना नहीं।इसके पहले भुजबल से कई ओबीसी वर्ग के संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की थी। भुजबल को महाराष्ट्र सरकार में शामिल नहीं किया गया, इससे वे नाराज चल रहे हैं। इससे नाराज भुजबल राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं हुए थे। वहीं, उन्होंने बताया था कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से ओबीसी नेताओं ने मुंबई में एक बैठक की और फिर शहर में उनसे मुलाकात की। वह उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने पर हैरान थे। संगठनों ने दावा किया है कि भुजबल जो भी रुख अपनाएंगे, वे समर्थन को तैयार है।
क्या मैं खिलौना हूं?
भुजबल ने कहा नाशिक से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव दिया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। जब वह राज्यसभा जाना चाहते थे, तब उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया। भुजबल ने कहा, क्या मैं खिलौना हूं? आप कहें खड़ा हो जाऊं, जब आप कहें बैठ जाऊं?
तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर
24 Dec, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मानहानि मामले में अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर संयुक्त राष्ट्र में पूर्व भारतीय सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। लक्ष्मी पुरी ने टीएमसी सांसाद गोखले पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा है कि अदालत ने एक जुलाई को पारित आदेश में चार सप्ताह के अंदर गोखले को उनके विरुद्ध किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने व 50 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था। हालांकि, उक्त आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हुआ। वहीं, मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गोखले को चार सप्ताह के अंदर अपनी सभी संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी देकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। पूर्व में पूर्व भारतीय सहायक महासचिव पुरी ने सांसद गोखले के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया था। इसमें कहा गया था कि गोखले ने 13 और 23 जून, 2021 को उनके और उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ झूठा और अपमानजनक आरोप लगाया था। इसमें साकेत ने कहा था कि उन्होंने वर्ष 2006 में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में काले धन से एक घर खरीदा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह हुए पेश
रिपोर्ट के अनुसार, मामले में लक्ष्मी एम. पुरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह (पूर्व एएसजी) पेश हुए। न्यायालय ने गोखले को अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांगने के लिए भी कहा। न्यायालय ने कहा ट्विटर हैंडल पर माफी छह महीने तक रहनी चाहिए। यह मुकदमा वादी लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि से उत्पन्न हुआ है, जिसमें प्रतिवादी साकेत गोखले ने वादी की ईमानदारी के बारे में अपमानजनक ट्वीट या पोस्ट प्रकाशित किए थे।
उद्धव ठाकरे के सामने संकट, पार्टी का एक धड़ा चाहता है कांग्रेस से गठबंधन तोड़ा जाए
24 Dec, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 में मिली शर्मनाक हार के बाद से महाविकास अघाड़ी गठबंधन मुश्किलों का सामना कर रही है। नतीजों के बाद से शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे की भी टेंशन बढ़ गई है। दरअसल, उद्धव की पार्टी के कुछ नेताओं को दो टूक कहना हैं कि पार्टी को चुनाव में नुकसान कांग्रेस से गठबंधन के कारण हुआ है। हाल ही में शिवसेना (यूबीटी)निरीक्षकों की बैठक में पार्टी के एक धड़े ने उद्धव ठाकरे से कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने की मांग की है।
शिवसेना (यूबीटी) निरीक्षकों की बैठक से बड़ी जानकारी सामने आई है सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना(यूबीटी) के एक धड़े ने उद्धव से कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने की मांग की है। इस धड़े का कहना है कि कांग्रेस से गठबंधन की वजह से नुकसान हो रहा है, कांग्रेस के वजह से हमारे हिंदूत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह धड़ा आगामी बीएमसी चुनाव में एकला चलो के लिए ठाकरे पर दबाव बना रहा है।
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता सुभाष देसाई ने बयान जारी किया है। देसाई ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चाहता है कि बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ा जाए। उन्हें लगता है कि विधानसभा में नुकसान हुआ। इस बारे में उद्धव अंतिम फैसला लेने वाले है।
हाल ही में शिवसेना यूबीटी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ने के संकेत दिए थे। राउत ने कहा था कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि महानगरपालिका चुनाव अपने दम पर लड़ा जाए। संजय राउत ने कहा था कि मुंबई में हमारी ताकत है। मुंबई में हमें लड़ना चाहिए ये कार्यकर्ताओं की इच्छा है।
बिहार में नीतीश कुमार ही होंगे मुख्यमंत्री पद का चेह्ररा
24 Dec, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार भाजपा ने नीतीश कुमार की अगुवाई में ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के नाम पर ही ठप्पा लगा दिया है। वर्तमान में नीतीश कुमार ‘मिशन बिहार पर निकल चुके हैं। नीतीश कुमार सोमवार को ‘प्रगति यात्रा के पहले चरण की शुरुआत पश्चिम चंपारण से कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी यात्रा की शुरुआत बेतिया के वाल्मीकि नगर के घोटवा टोला से की। मुख्यमंत्री इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में गए और लोगों की राय भी ली। अपनी यात्रा के दौरान सीएम कुमार ने करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया। इस यात्रा के जरिए नीतीश कुमार महिलाओं से संवाद कर रहे हैं। उनकी समस्याओं को समझ रहे हैं और निवारण के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे हैं। यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री 23 से 28 दिसंबर तक छह जिलों में जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश 24 दिसंबर को पूर्वी चंपारण, 26 को शिवहर-सीतामढ़ी, 27 को मुजफ्फरपुर और 28 दिसंबर को वैशाली का दौरा करेंगे। दरअसल अमित शाह ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि बिहार में अगला चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा, इसका फैसला बीजेपी और जेडीयू की बैठक में लिया जाएगा। यह खबर बिहार पहुंची तो वहां राजनीतिक गलियारे में हलचल होने लगी।बैठकों का दौर चलने लगा। इन बैठकों के बाद कहा गया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे और मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे। बिहार में एनडीए के नेतृत्व को लेकर सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि इससे पहले महाराष्ट्र में महायुति ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद सीएम बने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगले साल बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगा। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि आगामी विधानसभा चुनाव में क्या राजग कुमार को अपने नेता के तौर पर पेश करने पर पुनर्विचार कर सकता है, तो इस पर उन्होंने कहा, कोई भ्रम नहीं है। दरअसल बिहार में बीजेपी यह जानती है कि एनडीए के लिए नीतीश कुमार अनिवार्य हैं। इसलिए चुनाव से पहले वो ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे वो नाराज हो जाएं। यही वजह थी कि अमित शाह के बयान के बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष को आगे आकर यह कहना पड़ा कि 2025 के चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे। राजनीति के जानकारों का कहना है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की अहमियत है, ऐसे में बीजेपी को अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए तबतक इंतजार करना होगा, जब तक कि नीतीश कुमार खुद ही सक्रिय राजनीति से न हट जाएं। यही वजह है कि बीजेपी के साथ-साथ एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और चिराग पासवान की लोजपा को भी नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार्य है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर 24-29 दिसंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेंगे
24 Dec, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस. जयशंकर 24-29 दिसंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद यह भारत से अमेरिका की पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “वह प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे। यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अमेरिका में भारत के महावाणिज्य दूतों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।” वनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के लिए शपथ लेंगे। उससे पहले विदेश मंत्री की यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए ट्रंप को बधाई देने वाले पहले विश्व नेताओं में से एक थे। संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत के बाद उन्होंने कहा, “मेरे मित्र, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शानदार बातचीत हुई, उन्हें उनकी शानदार जीत के लिए बधाई दी। प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।” एम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी बेहतरीन तालमेल विकसित किया था।उनके राष्ट्रपति पद के चार वर्षों में दोनों लोकतंत्रों के बीच संबंध गहरे हुए। दोनों नेताओं ने कई बार व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। हाल ही में दोनों नेता ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान और सितंबर में डेलावेयर में अमेरिकी राष्ट्रपति के वीकेंड घर पर मिले थे।
पिछले साल वाशिंगटन की राजकीय यात्रा पर आए पीएम मोदी की बाइडेन ने शानदार से मेजबानी की थी। उन्होंने पीएम मोदी के बारे में कहा था, “हर बार, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से प्रभावित हुआ। साथ मिलकर, हम एक साझा भविष्य बना रहे हैं, जिसके बारे में मेरा मानना है कि इसमें असीमित संभावनाएं हैं।”
पंजाब के निकाय चुनावों में आप को जीत मिलने के बाद भी लगे कई झटके
23 Dec, 2024 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। पंजाब के निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भले ही आम आदमी पार्टी (आप) अपनी पीठ थपथपाने में लगी हो लेकिन इसे पार्टी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। निकाय चुनावों ने पांच नगर पालिकाओं में से आप को केवल पटियाला में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। वह बात अलग है कि लुधियाना और जलंधर में भी आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
खास बात यह है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान के क्षेत्र संगरूर में ही पार्टी को झटका लगा है। जनाकारों की माने तो यह सीएम भगवंत मान और आप दोनों के लिए खतरे की घंटी है। संगरूर में काउंसिल के चुनावों में आम आदमी पार्टी 29 में से केवल सात पर ही जीती है। वहीं कांग्रेस ने 9 और बीजेपी ने तीन पर जीत हासिल की है। वहीं लुधियाना में दो मौजूदा विधायकों की पत्नी भी चुनाव हार गईं हैं।
आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनावों में इतिहास रच दिया है, जहां 522 वार्डों में से आधे से ज्यादा पर जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह शानदार जीत आप की जन-समर्थक शासन व्यवस्था और पारदर्शी राजनीति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। 55 फीसदी वॉर्ड में आम आदम पार्टी ने जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 20 फीसदी (191), बीजेपी ने सात और शिरोमणि अकाली दल को 3 फीसदी वॉर्ड ही हासिल हुए हैं। संगरूर में शिरोमणि अकाली दल ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे इसके बाद भी आप को नुकसान उठाना पड़ा। यहां से 10 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है जिनमें से तीन को शिरोमणि अकाली दल का समर्थन मिला था।
पटियाला में हाईकोर्ट ने 60 में से सात वॉर्डों पर चुनाव पर रोक लगा दी थी। यहां आप को 35 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी औऱ कांग्रेस ने चार-चार सीटें जीतीं हैं। एसएडी को दो पर जीत मिली है। आम आदमी पार्टी के आठ पार्षद निर्विरोध चुने गए हैं। अरोड़ा ने कहा कि विपक्ष फालतू में ही संगरूर में चुनाव में गड़बड़ियों को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। अगर चुनाव में गड़बड़ी होती तो हमारी पार्टी का यह हाल ना होता।
लुधियाना में 95 में से 41 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। यहां भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया है। यहां विधायक गुरप्रीत सिंह गोगोई की पत्नी सुखचैन कौर और अशोक पराशर की पत्नी मीनू पाराशर को भी हार का सामना करना पड़ा। अमृतसर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। फगवाड़ा में किसी बी दल को बहुमत नहीं मिला है। यहां कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल कीं। जलंधर में आम आदमी पार्टी को 85 में से 39 सीटें मिलीं वहीं दूसरे नंबर पर 34 सीटों लेकर कांग्रेस रही।
धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है इसे समझने की जरुरत
23 Dec, 2024 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमरावती। महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम के शताब्दी समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का महत्व है, लेकिन इसे सही ढंग से समझने और सिखाने की जरूरत है। धर्म का अधूरा या अनुचित ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है। धर्म को समझना कठिन है और इसके नाम पर होने वाले उत्पीड़न और अत्याचार धर्म की सही समझ की कमी के कारण होते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि धर्म सत्य का आधार है। यह सृष्टि के आरंभ से अंत तक का मार्गदर्शक है और इसलिए इसे सनातन कहा जाता है। धर्म की रक्षा करना जरूरी है, क्योंकि यह सत्य, अहिंसा, शांति और समानता की भावना को जागृत करता है। संप्रदाय कभी लड़ना नहीं सिखाता, वह हमेशा समाज को जोड़ने का काम करता है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि धर्म को समझाने के लिए संप्रदायों की जरुरत होती है। बाबा ने इसे स्पष्ट किया है कि धर्म को समझने के लिए बुद्धि की जरूरत होती है। जिसके पास सही विवेक और बुद्धि होती है, वही सही मायनों में धर्म और संप्रदाय की गहराई को समझ सकता है।