राजनीति
पूर्व क्रिकेटर ने बीजेपी से जुड़ने के पीछे बताया अपना मकसद, राजनीति में कदम रखने की वजह
9 Apr, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर केदार जाधव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। केदार जाधव मंगलवार को मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा में शामिल होने के बाद केदार जाधव ने कहा है कि उन्हें पार्टी की ओर से जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश करेंगे।
राजनीति में आने पर क्या बोले केदार जाधव?
भाजपा में शामिल होने के बाद केदार जाधव ने कहा- "साल 2014 से जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, उन्हें प्यार और समर्थन मिला है। पीएम मोदी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह की उपलब्धियां हासिल की हैं, मुझे लगता है कि यह बहुत प्रेरणादायक है और मेरा लक्ष्य उनके नक्शेकदम पर चलना है और भाजपा के लिए जो भी योगदान हो सके, वह करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश करूंगा।"
भाजपा ने क्या कहा?
केदार जाधव के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा ने कहा- "भाजपा देश की एकमात्र पार्टी है जो समाज में राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावनाओं को बढ़ावा देती है। यही कारण है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर केदार जाधव सहित सांगली, सतारा और हिंगोली जिलों से बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता 'भाजपा' परिवार में शामिल हुए। मुपार्टी के विकास के लिए किए जा रहे प्रयास सफल हो रहे हैं।"
अन्य दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल
पूर्व क्रिकेटर केदार जाधव के साथ ही सांगली, सतारा और हिंगोली जिलों के विभिन्न दलों के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल हुए हैं। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, कार्यकारी अध्यक्ष रवि दादा चव्हाण, सांसद अशोक चव्हाण, मंत्री अतुल सवे और अतुल भोसले जैसे कई नेता मौजूद रहे।
मनसे ने उत्तर भारतीयों पर राज ठाकरे की याचिका को लेकर उठाया सवाल
9 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) एक बार फिर उत्तर भारतीयों के प्रति अपने आक्रामक रुख को लेकर विवादों के केंद्र में है। हाल ही में महाराष्ट्र के बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में मराठी के इस्तेमाल को लागू करने के लिए मनसे द्वारा किए गए आंदोलन में कई हिंदी भाषी लोगों के साथ मारपीट और अभद्रता की गई। हालांकि भारी विरोध और राज्य सरकार के सख्त रुख को देखते हुए मनसे ने शनिवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया। इस बीच, मनसे का पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है।
उत्तर भारतीय विकास सेना के प्रमुख सुनील शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मनसे पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि मनसे द्वारा उत्तर भारतीयों को लगातार धमकाया जा रहा है और पार्टी के नेताओं की ओर से भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि देश की शीर्ष कोर्ट चुनाव आयोग और राज्य सरकार को राज ठाकरे और उनकी पार्टी मनसे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे।
बीजेपी पर साधा निशाना
इस याचिका को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मनसे के प्रवक्ता और मुंबई इकाई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने सोशल मीडिया पर उत्तर भारतीयों को लेकर अपमानजनक बात कही। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी की मान्यता बनी रहे या नहीं, ये कोई भैय्या तय करेगा क्या? अगर ये भैय्ये हमारी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि मुंबई और महाराष्ट्र में उन्हें रहने दिया जाए या नहीं।” देशपांडे ने बीजेपी पर क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। मनसे नेता के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है।
सुनील शुक्ला ने मांगी पुलिस सुरक्षा
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील शुक्ला ने संदीप देशपांडे से उनका बयान वापस लेने की मांग की है और कहा है कि वे इस मुद्दे को यूं ही नहीं छोड़ेंगे। शुक्ला ने मनसे कार्यकर्ताओं पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग भी की है। उन्होंने चेतावनी दी कि वे हर ऐसी चीज से जुड़े लोगों को इस मामले में आरोपी बनाएंगे।
मनसे के खिलाफ याचिका को किसने ठहराया सही?
इस विवाद में अब समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मनसे मराठी और उत्तर भारतीयों के नाम पर समाज में फूट डालने का प्रयास कर रही है। अबू आजमी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि उत्तर भारतीयों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मनसे पर प्रतिबंध लगाए जाना चाहिए।अबू आजमी ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि एक विशेष समुदाय के लोग, जो कड़ी मेहनत करते हैं, आज उन्हें (उत्तर भारतीयों) गालियां दी जा रही हैं और सरकार चुप्पी साधे बैठी है। जब चुनाव आते हैं, तो उत्तर प्रदेश से नेता बुलाए जाते हैं और उत्तर भारतीयों का वोट अपनी तरफ करने की कोशिश होती है। लेकिन अब जब उत्तर भारतीयों का अपमान किया जा रहा है, तो सरकार कुछ भी नहीं कह रही है।
वहीं, आरपीआई प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी मराठी भाषा को लेकर मनसे के आंदोलन पर सवाल उठाये है और राज ठाकरे पर निशाना साधा है।
P Chidambaram CWC अधिवेशन में बेहोश हुए, गर्मी ने किया प्रभावित, जानें अब कैसी है उनकी सेहत?
9 Apr, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
P Chidambaram: गुजरात में कांग्रेस की CWC बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे पी. चिदंबरम की अचानक तबीयत खराब हो गई। कांग्रेस नेता चिदंबरम साबरमती आश्रम में तेज गर्मी के कारण बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जानकारी के अनुसार, चिदंबरम साबरमती आश्रम में आयोजित एक प्रार्थना सभा में भाग ले रहे थे, तभी उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई।
कैसी है अब तबीयत
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अब तबीयत स्थिर बताई जा रही है। अस्पतालों के डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें शारीरिक कमजोरी और गर्मी के कारण चक्कर आ गए और बेहोश हो गए। हालांकि अब वे पूरी तरह से होश में है और खरते से बाहर हैं।
कांग्रेस का अधिवेशन हुआ शुरू
गुजरात के अहमदाबाद में 8 अप्रैल 2025 से कांग्रेस का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो रहा है। यह अधिवेशन 64 साल बाद गुजरात में हो रहा है, इससे पहले 1961 में भावनगर में ऐसा आयोजन हुआ था। यह अधिवेशन कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के साथ शुरू हुआ, जो सरदार पटेल मेमोरियल में आयोजित की गई और 9 अप्रैल को साबरमती नदी के तट पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की मुख्य बैठक होगी।
पार्टी का मकसद जिला कांग्रेस कमेटियों को सशक्त करना, संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना है। गुजरात में बीजेपी के मजबूत गढ़ के बावजूद, कांग्रेस इस अधिवेशन के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने और अपनी मौजूदगी को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में राहुल गांधी का आरोप: दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मुद्दों में उलझी रही पार्टी
8 Apr, 2025 11:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि हम दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण में उलझे रहे और ओबीसी हमारा साथ छोड़ गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने यह भी कहा- हम मुस्लिमों की बात करते हैं, इसलिए हमें मुस्लिम परस्त कहा जाता है। हमें ऐसी बातों से डरना नहीं है। मुद्दे उठाते रहना है।
खड़गे बोले- भाजपा-संघ के लोग गांधीजी का चश्मा-छड़ी चुरा सकते हैं, उनके आदर्श नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत है। यह हास्यास्पद है कि आज वह संगठन, जिसका स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं है, उनकी विरासत का दावा कर रहा है।खड़गे ने आरोप लगाया कि आज भाजपा और संघ परिवार के लोग गांधी से जुड़ी संस्थाओं पर कब्जा कर रहे हैं और उन्हें उनके वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे हैं। उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ पर भी कब्जा कर लिया है। आप सभी जानते हैं कि गुजरात विद्यापीठ में क्या हुआ।खड़गे ने आरोप लगाया कि गांधीवादी और सहकारी आंदोलन के लोगों को हाशिए पर रखा जा रहा है। ऐसी सोच रखने वाले लोग गांधीजी का चश्मा चुरा सकते हैं और छड़ी मार सकते हैं। लेकिन वे कभी भी उनके आदर्शों का पालन नहीं कर सकते। खड़गे अहमदाबाद में कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में बोल रहे थे।
भाजपा जानबूझकर नेहरू-पटेल को एक-दूसरे का विरोधी बताती है
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सुनियोजित साजिश की जा रही है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, जिसका पिछले 140 वर्षों से देश की सेवा और लड़ाई का गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने भाजपा-RSS पर हमला करते हुए कहा कि उनके पास स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह दिखाने की साजिश की कि सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच ऐसा रिश्ता था कि दोनों नायक एक-दूसरे के खिलाफ थे। सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे।
पटेल और नेहरू के किस्से सुनाए
खड़गे ने कहा- कई घटनाएं और दस्तावेज पटेल और नेहरू के सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं। खड़गे ने 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल के भाषण का हवाला देते हुए एक घटना सुनाई। उन्होंने बताया- उस दौरान नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गुजरात के युवा चाहते थे कि उन्हें प्रांतीय चुनावों में प्रचार के लिए बुलाया जाए। सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा था कि जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी होकर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेगा, हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरूजी का फूलों से स्वागत करेंगे। आप इस बात से समझ सकते हैं कि सरदार नेहरूजी से कितना प्यार करते थे।
सरदार पटेल ने नेहरू की सराहना की
खड़गे ने कहा- 14 अक्टूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरूजी के लिए एक किताब में कहा था- पिछले दो कठिन वर्षों में नेहरूजी ने देश के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, उसे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान मैंने उन्हें भारी जिम्मेदारियों के बोझ के कारण बहुत तेजी से बूढ़ा होते देखा है। खड़गे ने कहा कि ये बातें सार्वजनिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं अगर उन्हें कोई सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल जी के घर जाते। पटेल जी की सुविधा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठकें उनके आवास पर होती थीं।
सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया
खड़गे ने कहा- पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया था। लेकिन यह हास्यास्पद है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल ने बाबा साहेब अंबेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
RSS ने गांधी, नेहरू, अंबेडकर के पुतले जलाए
खड़गे ने याद दिलाया कि अंबेडकर ने खुद 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा में अपने अंतिम भाषण में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के समर्थन के बिना संविधान नहीं बनाया जा सकता था। लेकिन जब संविधान बना तो RSS ने गांधी जी, पंडित नेहरू, डॉ अंबेडकर और कांग्रेस की खूब आलोचना की। उन्होंने रामलीला मैदान में संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान मनुवादी आदर्शों से प्रेरित नहीं है।
मोदी सरकार ने गांधी-अंबेडकर का अपमान किया
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संसद परिसर से उनकी भव्य मूर्तियों को हटाकर और उन्हें एक कोने में रखकर गांधी और बाबा साहेब का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बाबा साहेब का मजाक उड़ाते हुए कहा कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते रहते हैं।
कांग्रेस संविधान और इसके निर्माताओं की रक्षा करेगी
खड़गे ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान और संविधान निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और इसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल साहेब हमारे दिलों में, हमारे विचारों में रहते हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमने इसी सोच को ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद में सरदार पटेल संग्रहालय में CWC की यह बैठक आयोजित की है।
हुर्रियत का साथ छोड़ चुके 11 संगठन, अलगाववाद से किया किनारा
8 Apr, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गृहमंत्री शाह बोले- यह कदम भारत के संविधान में लोगों का विश्वास है
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ दिया है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के संविधान में लोगों के विश्वास को दर्शाता है। शाह ने कहा कि पीएम मोदी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है।
गृह मंत्री शाह ने एक्स पर लिखा कि जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों में भारत के संविधान के प्रति विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है। उन्होंने पीएम की तारीफ करते हुए लिखा कि मोदीजी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है।
इससे पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो संगठनों जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की थी। बता दें इन दिनों गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने शहीद डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट के पिता से मुलाकात की। शाह ने इस मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट ने 2023 में जम्मू-कश्मीर के कोकरनाग में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देकर वीरता और देशभक्ति की अमर मिसाल कायम की है। आज श्रीनगर में शहीद के परिवार से मुलाकात की और अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त कीं।
मोदी का आश्वासन: मुद्रा योजना लाभार्थियों को इनकम टैक्स से नहीं होगा कोई खतरा
8 Apr, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुद्रा योजना के 10 साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। पीएम मोदी ने बधाई दी और कहा कि इस योजना ने लोगों को सशक्त बनाकर कई सपनों को हकीकत में बदला है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार ने अब तक लगभग 33 लाख करोड़ रुपये के ऋण बिना गारंटी के वितरित किए हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी।
‘वित्त मंत्री बगल में हैं, बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे’
देश भर से मुद्रा लाभार्थियों को पीएम मोदी अपने आवास पर आमंत्रित किया। मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसके लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में बात की। पीएम मोदी ने एक लाभार्थी से उसकी आय के बारे में पूछा। इस पर वह झिझक ने लगा तो प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री मेरे पास में बैठे हैं, उन्हें बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे। यह सुनकर सभी लोग हंसने लग गए।
मुद्रा योजना के 10 साल पूरे, पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, आज, जब हम मुद्रा के 10 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में, मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है, उन लोगों को सशक्त बनाया है जिन्हें पहले वित्तीय सहायता के साथ चमकने के लिए अनदेखा किया गया था। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!
दो सांसदों के बीच बहस बनी पार्टी से निष्कासन की चेतावनी, इस संसद से खफा हुई बंगाल CM
8 Apr, 2025 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा को कड़ी चेतावनी दी है। सूत्रों के मुताबिक सीएम ममता ने महुआ मोइत्रा को पार्टी से निलंबित करने की चेतावनी दी है। जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच कहासुनी हो गई थी। इसके बाद महुआ को यह चेतावनी दी गई है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।
ममता बनर्जी ने भेजा कड़ा संदेश
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओबेरियन ने ममता बनर्जी को पूरी घटना की जानकारी दी है। इसके बाद एक महिला राज्यसभा सांसद के जरिए सीएम ममता बनर्जी का संदेश महुआ मोइत्रा तक पहुंचाया गया है। सीएम ममता के संदेश में सांसद महुआ मोइत्रा को कड़ी कार्रवाई और निलंबन की चेतावनी दी गई है।
महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच क्या है विवाद?
सूत्रों के मुताबिक महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच कई मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही है। महुआ मोइत्रा कथित तौर पर कल्याण बनर्जी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि उन्हें लोकसभा में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। कल्याण बनर्जी कई सांसदों के बीच फ्लोर टाइम मैनेज करने की जिम्मेदारी संभालते हैं। महुआ मोइत्रा सदन में ज्यादातर मुद्दों पर अपनी राय रखना चाहती हैं। हालांकि, कथित तौर पर कई मौकों पर उन्हें इससे मना किया गया है, जिससे वह निराश हैं।
जानकारी के मुताबिक, महुआ ने कथित तौर पर कल्याण बनर्जी और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। एक बार उन्होंने कल्याण बनर्जी को 'छोटा लोक' (बंगाली में नीच व्यक्ति) कहा था, जिससे बनर्जी काफी आहत हुए थे। कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय में भी हुई झड़प: इस पूरे मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक और सांसद सौगत रॉय ने कल्याण बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने कल्याण बनर्जी पर एक महिला सांसद के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया है। सौगत रॉय ने कहा- "उनका अशिष्ट व्यवहार कई बार हमारे संज्ञान में आया है।
कल्याण को पार्टी के चीफ व्हिप के पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। मैं यह फैसला ममता बनर्जी पर छोड़ता हूं।" वहीं कल्याण बनर्जी ने सौगत रॉय को जवाब देते हुए कहा- "सौगत रॉय ने बहुत पहले ही पार्टी की छवि खराब कर दी थी। 2016 के उन दिनों को याद कीजिए जब नारद स्टिंग के दौरान हमारे खिलाफ चोर चोर के नारे लगाए गए थे। उनमें से किसी को इसका सामना नहीं करना पड़ा। मुझे अकेले इसका सामना करना पड़ा। इसलिए छवि सौगत रॉय ने खराब की, मैंने नहीं।"
पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत, कुछ लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते, यह हास्यास्पद... भजपा को घेरते हुए बोले खड़गे
8 Apr, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की दो दिवसीय बैठक चल रही है। बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। पहले दिन मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सुनियोजित साजिश चल रही है। उन्होंने यहां पार्टी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में यह भी कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी और यह हास्यास्पद है कि आज इस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं।
देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है- खड़गे
खड़गे ने यह भी दावा किया कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिए देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर कब्जा करके शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं। संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। कार्यसमिति की बैठक यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर हुई।
पार्टी अधिवेशन से एक दिन पहले उन्होंने कहा, "इस साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में यह शताब्दी मनाई।" उन्होंने कहा कि गुजरात की धरती पर जन्मे तीन महान व्यक्तित्व - दादाभाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल - कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा, "गांधीजी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। यह इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि कोई भी ताकत इसके सामने टिक नहीं सकती।"
कांग्रेस पटेल की 150वीं जयंती मनाएगी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती है। जवाहरलाल नेहरू उन्हें "भारत की एकता का संस्थापक" कहते थे।" हम उनकी 150वीं जयंती पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाएंगे।'' उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कई राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश की जा रही है। खड़गे ने कहा कि देश में 140 वर्षों से सेवा और संघर्ष का गौरवशाली इतिहास रखने वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ''यह काम वे लोग कर रहे हैं जिनके पास अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। उनके पास स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान बताने के लिए कुछ नहीं है।'' उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ''वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच के संबंधों को इस तरह दिखाने की साजिश करते हैं जैसे दोनों नायक एक-दूसरे के विरोधी थे। जबकि सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे। कई घटनाएं और दस्तावेज उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं।'' उन्होंने कहा, "आप इसी से समझ सकते हैं कि सरदार नेहरू जी को कितना प्यार करते थे।
14 अक्टूबर 1949 को सरदार पटेल ने कहा था कि पिछले दो कठिन वर्षों में नेहरू जी ने देश के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, उसे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। इस दौरान मैंने उन्हें भारी जिम्मेदारी के बोझ के कारण बहुत तेजी से बूढ़ा होते देखा है।" उन्होंने कहा, "साथियों, सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। लेकिन यह हास्यास्पद है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं।"
स्टालिन सरकार को मिली बड़ी जीत, कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को 'अवैध' और 'मनमाना' बताया
8 Apr, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि का 10 प्रमुख विधेयकों को मंजूरी न देने का फैसला 'अवैध' और 'मनमाना' है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल मंजूरी न देने के बाद विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए सुरक्षित नहीं रख सकते।
राज्यपाल ने सद्भावना से काम नहीं किया- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने कहा, 'राज्यपाल द्वारा 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए सुरक्षित रखने की कार्रवाई अवैध और मनमाना है। राज्यपाल द्वारा 10 विधेयकों के लिए की गई सभी कार्रवाई रद्द की जाती है। राज्यपाल के समक्ष दोबारा पेश किए जाने की तारीख से इन विधेयकों को स्वीकृत माना जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल रवि ने 'सद्भावना' से काम नहीं किया है।
स्टालिन ने इसे सभी राज्यों के लिए बड़ी जीत बताया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। स्टालिन ने कहा, 'यह न केवल तमिलनाडु बल्कि सभी भारतीय राज्यों के लिए बड़ी जीत है। डीएमके राज्य की स्वायत्तता और संघीय राजनीति के लिए लड़ती रहेगी और जीतेगी।'
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को इन विधेयकों को विधानसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद जब दोबारा उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया था, तब उन्हें मंजूरी दे देनी चाहिए थी।
राज्यपाल अपनी सहमति दे सकते हैं
संविधान के अनुच्छेद 200 में राज्यपाल के समक्ष विकल्प निर्धारित किए गए हैं, जब राज्य सदन द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। राज्यपाल अपनी सहमति दे सकते हैं, सहमति रोक सकते हैं या राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रख सकते हैं।
राज्यपाल विधेयक को सुरक्षित रख सकते हैं
राज्यपाल विधेयक को कुछ प्रावधानों पर पुनर्विचार के लिए सदन या सदनों में वापस भेज सकते हैं। यदि सदन इसे फिर से पारित करता है, तो राज्यपाल सहमति नहीं रोकेंगे। संविधान के अनुसार, राज्यपाल राष्ट्रपति के विचार के लिए किसी विधेयक को सुरक्षित रख सकते हैं, जिसे वे संविधान, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के विपरीत मानते हैं या राष्ट्रीय महत्व का मामला मानते हैं।
सीएम और राज्यपाल के बीच क्या है विवाद?
आपको बता दें कि तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है, जो कई मुद्दों पर केंद्रित है। खास तौर पर विधेयकों को मंजूरी देने या खारिज करने में देरी। यह विवाद भारत के संघीय ढांचे में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच शक्तियों के टकराव का एक उदाहरण बन गया है।
श्योपुर के कूनो में चीता को पानी पिलाने और कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने पर MP BJP पर भड़के अखिलेश
8 Apr, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीता को पानी पिलाने और फिर कर्मचारी को नौकरी से निकालने की हालिया घटना के मामले में यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एमपी बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने बीजेपी पर बेरहम होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ता की प्यास के अलावा उसके लिए कोई और प्यास मायने नहीं रखती. इतना ही नहीं उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि पानी पिलाने वाले कर्मचारी को 'ऊपर वालों' के इशारे पर हटाया गया है. अपना विरोध दर्ज कराते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि पानी पिलाने वाले कर्मचारी को बहाल किया जाना चाहिए और उसे हटाने वाले को निलंबित किया जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने एक्स पर जताया विरोध
श्योपुर के कूनो में चीता को पानी पिलाने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकाले जाने पर अपना विरोध जताते हुए उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में उन्होंने तेंदुए को पानी पिलाते हुए अपना एक वीडियो भी शेयर किया है. इस पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा है कि - 'सत्ता की प्यास के अलावा बीजेपी के लिए कोई और प्यास मायने नहीं रखती. हृदयहीन भाजपा को दया करने वाले लोग पसंद नहीं हैं, इसीलिए प्यासे पशुओं को पानी पिलाने वाले कर्मचारी को भाजपा सरकार ने निलंबित कर दिया।'
इसी पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा कि 'दया करने वाले निलंबित कर्मचारी को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए और 'ऊपर वालों' के आदेश पर उसे निलंबित करने वालों को भी निलंबित किया जाना चाहिए। सच तो यह है कि भाजपा के शीर्ष लोग अपनी पोल खुलने से परेशान हैं कि पशुओं को तो वे धूमधाम से लाए थे, लेकिन प्रचार पाकर अब उन्हें पानी के लिए भी तरसा दिया है। अगर मकसद पूरा हो जाए... बाकी जनता समझदार है।'
अमानत की राजनीति में एंट्री: शिवराज सिंह चौहान की बहू को मिलेगा नया मुकाम?
8 Apr, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीहोर : केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बहु अमानत बंसल राजनीति में एंट्री कर सकती हैं? दरअसल ये कयास अमानत बंसल की एक पॉलीटिकल एंट्री के बाद लगाए जा रहे हैं. हाल ही में शिवराज सिंह चौहान की बहू अमानत पति कार्तिकेय सिंह चौहान के साथ भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं हैं.
राजनीतिक मंच पर शिवराज की बहू
भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सीहोर पहुंचीं अमानत ने यहां पॉलीटिकल एंट्री मारी. दरअसल, अमानत ने यहां मंच से भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोंधित किया. उन्होंने कहा, '' भाजपा के स्थापना दिवस पर बहुत-बहुत बधाई. आप लोगों ने इतना प्यार दिया उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं क्षेत्र की बेटी व बहू बनकर आपकी सेवा करती रहूंगी.'' अमानत के संबोधन के बाद से ही उनकी क्षेत्र में पॉलीटिकल एंट्री के कयास लगाए जाने लगे हैं.
बहू-बेटे करेंगे शिवराज की राजनीति का विस्तार
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुदनी भैरूंदा क्षेत्र को अपना परिवार मानते हैं. कई बार सार्वजनिक मंचो पर उन्होंने कहा हैं कि यहां पर आने के लिए उनका मन हमेशा आतुर रहता है. लेकिन रविवार को उनकी बहू अमानत ने भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर ये साफ कर दिया है कि उनके पति कार्तिकेय और वे स्वयं शिवराज सिंह की राजनीतिक विरासत का और विस्तार करेंगे.
बहू अमानत ने की शिवराज की तारीफ
अमानत ने सीहोर में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच कहा, "' मेरे पिता तुल्य केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस क्षेत्र ही नहीं बल्कि देश की सेवा राजनीति के माध्यम से कर रहे हैं. उन्हें क्षेत्र की जनता ने असीम प्यार और दुलार दिया है. इसके लिए सभी क्षेत्रवासियों का बहुत-बहुत आभार. मैं पहली बार भैरूंदा की धरती पर आई हूं ओर जो स्वागत सत्कार किया गया हैं उससे मैं अभिभूत हूं. साथ ही कहा कि कार्तिकेय जी की पत्नी व क्षेत्र की बेटी व बहू के रूप में जनता की सेवा करने का प्रयास करूंगी.''
प्रियंका गांधी को मिल सकती है नई जिम्मेदारी, अहमदाबाद में शुरू हुआ कांग्रेस कन्वेंशन
8 Apr, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन आज से शुरू हो रहा है. दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी. सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. कांग्रेस सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए एक अधिक परिभाषित और संभावित उच्च भूमिका को लेकर पार्टी विचार कर रही है.
छह राज्यों में कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस यह फैसला लेने जा रही है. एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि प्रियंका गांधी को एक निर्धारित भूमिका दी जा सकती है. इससे उनका राजनीतिक अनुभव और जनता से जुड़ाव पार्टी के लिए प्रभावी साबित हो सकता है. कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने अहमदाबाद पहुंचे शशि थरूर ने कहा है कि हम देश के वर्तमान हालात से निपटने की रणनीति पर चर्चा करेंगे.
क्या है कार्यक्रम
गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस के दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी. सरदार स्मारक शाहीबाग में 11 बजे से सीडब्ल्यूसी की मीटिंग शुरू होगी. शाम 5 बजे कांग्रेस नेताओं के साबरमती आश्रम जाने का कार्यक्रम है. कांग्रेस नेता साबरमती आश्रम में प्रार्थना सभा में शामिल होंगे. शाम 7.45 बजे से साबरमती नदी के किनारे रिवरफ्रंट इवेंट सेंटर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होना है. इसमें मल्लिका साराभाई और अन्य लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे.
दूसरे दिन अधिवेशन
अहमदाबाद में कांग्रेस की मीटिंग के दूसरे दिन अधिवेशन होगा. 9 अप्रैल की सुबह 9 बजे से अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरुआत होगी. इस अधिवेशन को कांग्रेस ने न्याय पथ नाम दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर कहा है कि कांग्रेस पार्टी न्याय के रास्ते पर चलेगी और जनता का समर्थन हासिल करेगी. जिस तरह से कांग्रेस ने आजादी के लिए मेहनत की थी, उसी तरह से पार्टी गुजरात में भी मेहनत करेगी और सत्ता में वापसी करेगी. गौरतलब है कि 64 साल बाद गुजरात में पार्टी का अधिवेशन होने जा रहा है.
राहुल गांधी का सवाल, 'पीएम मोदी कहीं नजर क्यों नहीं आ रहे?' भारतीय बाजार की गिरावट पर प्रतिक्रिया
8 Apr, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ट्रंप के टैरिफ भारत सहित पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। 7 अप्रैल (सोमवार) को शेयर बाजार में हड़कंप मच गया। प्री ओपन में ही शेयर बाजार का बीएसई सेंसेक्स 4000 अंक तक लुढ़क चुका था। वहीं एनएसई निफ्टी 11,00 अंक तक गिरा था। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2226 अंक गिरकर 73,137 पर क्लोज हुआ है। इसी बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी 'टैरिफ वॉर' का जिक्र किया।
राहुल गांधी ने टैरिफ का किया जिक्र
राहुल गांधी ने कहा,"ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है और अब हमें सच्चाई का सामना करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए पोस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा।
राहुल गांधी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, "ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है। अब वास्तविकता का सामना करना होगा। पीएम मोदी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।"
महागठबंधन में होने लगी हलचल
7 Apr, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। बिहार की राजनीति में चुनावी गर्मी बढ़ने लगी है। एनडीए की ओर से जहां नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया है, वहीं महागठबंधन में नेतृत्व और सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी सियासी पृष्ठभूमि में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु की आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात ने सियासी हलके में हलचल पैदा कर दी है।
दरअसल शनिवार को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती लालू यादव से कृष्णा अल्लावरु ने मुलाकात की थी। यह मुलाकात कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद उनकी लालू यादव से पहली औपचारिक भेंट थी। इस मुलाकात के बाद रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, कि लालू जी से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है और वे जल्द ही पटना लौट सकते हैं। इस मुलाकात को लेकर हालांकि राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह मुलाकात केवल स्वास्थ्य हालचाल तक सीमित नहीं थी, बल्कि आगामी सीट बंटवारे और रणनीतिक समन्वय की दिशा में पहला कदम हो सकती है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि राहुल गांधी बिहार दौरे पर आने वाले हैं।
राहुल गांधी का बिहार दौरा: तीन बड़े कार्यक्रम
कृष्णा अल्लावरु ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को बिहार के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। उनके प्रमुख कार्यक्रमों में बेगूसराय में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में भागीदारी, पटना में संविधान सम्मेलन को संबोधित करना और पार्टी नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक शामिल हैं। इन कार्यक्रमों को महागठबंधन के चुनावी अभियान की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
मीडिया बातचीत के अंत में अल्लावरु ने रामनवमी की शुभकामनाएं दीं और संकेत दिया कि कांग्रेस इस चुनाव में धर्मनिरपेक्षता और विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है। उन्हें पता है कि असली मुद्दे क्या हैं – रोजगार, शिक्षा और समानता। हमारा फोकस इन्हीं पर रहेगा।
डीके को हटाने के मूड नहीं कांग्रेस आलाकमान
7 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बंगलूरू। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सत्ता संघर्ष खत्म होता दिख रहा है। कांग्रेस सूत्रों ने रविवार को बताया, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में बनाए रखने का निर्णय लिया है बता दें कि पिछले कई महीनों से पार्टी के अंदर शीर्ष पद को लेकर कलह चल रहा था। हाल ही में शिवकुमार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ पिछले गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे थे। जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शिवकुमार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मुहिम चल रही थी। सिद्धारमैया के खेमे के कई विधायक और मंत्री शिवकुमार को पार्टी के राज्य अध्यक्ष पद से हटने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि पार्टी नीति एक व्यक्ति, एक पद का पालन होना चाहिए।
बता दें कि डीके शिवकुमार राज्य के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों पदों पर हैं, इसलिए पार्टी में उनके विरोधी यह तर्क दे रहे थे कि मंत्री पद का कार्यभार संभालने वाला व्यक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलकर उचित रूप से पार्टी प्रमुख का कर्तव्य नहीं निभा सकता है। हालांकि आलाकमान डीके शिवकुमार को इस पद से हटाने के मूड में नहीं है। क्योंकि डीके शिवकुमार ने विधानसभा चुनावों फिर लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली जीत और हालिया उपचुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसलिए पार्टी उनके योगदान को देखते हुए, उन्हें उस पद से हटाना नहीं चाह रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी आलाकमान कम से कम इस साल नवंबर और दिसंबर तक शिवकुमार को बदलने के लिए इच्छुक नहीं है।
सीएम पद को लेकर गुप्त समझौता!
रिपोट्र्स की मानें तो, एक गुप्त समझौते के तहत सिद्धारमैया कर्नाटक में कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल के पहले हिस्से का नेतृत्व करेंगे, जबकि दूसरे हिस्से में डीके शिवकुमार राज्य की सत्ता संभालेंगे। हालांकि, न तो सिद्धारमैया और न ही शिवकुमार ने इस बात की पुष्टि की है, लेकिन उनके समर्थक मंत्री और विधायक समय-समय पर अपने-अपने नेताओं के पक्ष में लॉबी करते नजर आते हैं।
हनी ट्रैप मुद्दे से नाराज हुए राहुल गांधी
एक अन्य पार्टी पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन का जिम्मा सिद्धारमैया और शिवकुमार पर छोड़ दिया है। हनी ट्रैप मुद्दे पर कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाए जाने के तरीके से नाराज हैं। राहुल गांधी का मानना था कि, इसे विधानसभा में उठाने से बचाना चाहिए था। सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने इस मुद्दे को कर्नाटक विधानसभा में उठाया था और यहां तक कि दावा किया था कि कम से कम 48 विधायकों को हनी ट्रैप का शिकार बनाया गया था। मंत्री को राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली का भी समर्थन मिला था, जिन्होंने कहा था कि कुछ मंत्रियों और विधायकों पर हनी ट्रैप के प्रयास किए गए थे।