राजनीति
अखिलेश का आरोप, कुंभ में पूरा पैसा खर्च कर रही योगी सरकार, किसानों के लिए कुछ नहीं बचेगा
20 Feb, 2025 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के आगामी बजट को लेकर निशाना साधा है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि योगी सरकार सारा पैसा कुंभ मेले पर खर्च कर रही है, इसके बाद प्रदेश के किसानों के लिए कुछ नहीं बचेगा। सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा, योगी सरकार को किसानों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। अगर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, तब कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा। लेकिन योगी सरकार अपनी प्राथमिकताओं को भूलकर केवल धार्मिक आयोजनों पर पानी की तरह पैसा बहा रही है।
दरअसल अखिलेश ने यह बयान तब दिया है जब यूपी सरकार अगले बजट की तैयारियों में जुटी हुई है। अखिलेश ने कहा, कुंभ का आयोजन महत्वपूर्ण है, लेकिन जब किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान अटका है और महंगाई बढ़ रही है, तब सारा ध्यान सिर्फ कुंभ पर देना उचित नहीं है।
अखिलेश के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। योगी सरकार के प्रवक्ताओं ने कहा कि कुंभ भारतीय संस्कृति और आस्था का महापर्व है और इस पर सवाल उठाना उचित नहीं। उन्होंने दावा किया कि सरकार किसानों और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों पर बराबर ध्यान दे रही है।
रेखा गुप्ता को ही क्यों चुना गया दिल्ली सीएम
20 Feb, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महिला वोटरों के साथ साधेंगी वैश्य समुदाय को
नई दिल्ली। भाजपा विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता को सर्वसम्मति से दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता, जो पहली बार विधायक बनी हैं, अब दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री होंगी। वे शालीमार बाग से भाजपा विधायक चुनी गईं हैं और उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया था।
रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। भाजपा ने उन्हें दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। दरअसल रेखा गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह वैश्य समुदाय से आती हैं। दिल्ली में वैश्य समुदाय का व्यापारिक प्रभाव अत्याधिक है और यह भाजपा का कोर वोट बैंक भी माना जाता है। इस वजह से सीएम पद की रेस में विजेंद्र गुप्ता और जितेंद्र महाजन का नाम भी चला था, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने रेखा गुप्ता को प्राथमिकता प्रदान की है।
इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर 45.56प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है। यही नहीं भाजपा ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं घोषित की थीं, जिससे उन्हें बड़ा समर्थन मिला। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने महिला वोटरों को और मजबूत करने की रणनीति अपनाई है। दिल्ली में अब तक तीन महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं— इनमें प्रथम शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी थीं। भाजपा ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने का संदेश भी दे दिया है।
भाजपा ने दिया सशक्त नेतृत्व का संदेश
भाजपा ने दिल्ली की सत्ता में वापसी के साथ महिला और व्यापारी समुदाय को साधने के लिए रेखा गुप्ता को चुना है। यह कदम न केवल भाजपा की रणनीतिक जीत है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है।
रेखा गुप्ता ने उपराज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया
20 Feb, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली, बीजेपी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी है। रेखा गुप्ता प्रदेश की अगली सीएम होंगी। ऐलान के बाद उन्होंने उपराज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। रेखा गुप्ता रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह में गुरुवार को मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी। 26 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन रही है।
दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर लगातार अलग-अलग नामों पर चर्चा हो रही थी। लेकिन बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी। दिल्ली बीजेपी कार्यालय में 48 विधायकों ने विधानसभा में सदन की नेता को चुना, जो गुरुवार को मुख्यमंत्री बनेंगी।
दिल्ली की नई सीएम होंगी रेखा गुप्ता, बीजेपी ने किया ऐलान
19 Feb, 2025 09:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है। रेखा गुप्ता कल दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 11 दिन के बाद भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया गया है। दिल्ली में कल मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में होगा। बीजेपी विधायक दल की बैठक से जुड़े बड़े अपडेट जानने के लिए बने रहिए'.
कौन हैं रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता शालीमार बाग सीट से विधायक हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की नेता वंदना कुमारी को 29,595 वोटों के अंतर से मात दी थी। रेखा गुप्ता मूल रूप से हरियाणा के जिंद की रहने वाली हैं। उनका पैतृक गांव नंदगढ़ जिंद के जुलाना में है। यहां उनका दादा मनिराम और परिवार के बाकी लोग रहा करते थे। हालांकि, उनके पिता जयभगवान की नौकरी दिल्ली में लग गई, जिसके बाद उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया।
दिल्ली से पढ़ी-लिखी हैं रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद मनीष गुप्ता से 1998 में शादी की। मनीष गुप्ता का स्पेयर पार्ट्स का कारोबार है।
राजनीति में कैसे शुरू हुआ सफर
रेखा गुप्ता बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी रही हैं। उन्होंने संघ से जुड़े रहकर एबीवीपी के माध्यम से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। साल 1994-95 में वह दौलत राम कॉलेज की सचिव बनी। वहीं, 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ(DUSU) की सचिव बनीं। साल 1996-97 में वह डूसू अध्यक्ष बनीं।
भाजपा में विभिन्न पदों पर निभाई जिम्मेदारी
रेखा गुप्ता ने 2003 से 2004 तक भाजपा में युवा मोर्चा में सचिव पद की जिम्मेदारी निभाई है। वहीं, 2004-06 तक वह युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। राजनीति में आगे बढ़ते हुए उन्होंने निगम पार्षद का चुनाव लड़ा और 2007 में वह पीतमपुरा वॉर्ड से पार्षद चुनी गईं। साल 2009 तक उन्होंने महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली। वहीं, साल 2010 में उन्हें भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया।
ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के आतंकवादियों और कट्टरपंथियों से संबंध होने के आरोपों को कर दिया खारिज
19 Feb, 2025 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के आतंकवादियों और कट्टरपंथियों से संबंध होने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।
राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता ने अपने खिलाफ ‘‘बेबुनियाद टिप्पणियां’’ करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की और कहा कि वह इस तरह के दावों की शिकायत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगी।
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, “भाजपा नेता और विधायक बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं कि मेरे कश्मीर में आतंकवादियों और बांग्लादेश के आतंकवादियों व कट्टरपंथियों से संबंध हैं। अगर भाजपा साबित कर दे कि मेरे आतंकवादियों और कट्टरपंथियों से संबंध हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।”
ममता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर शिकायत करेंगी कि उनकी पार्टी के विधायक सबूत न होने के बावजूद उन पर बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से संबंध होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के झूठे आरोप लगने से मर जाना बेहतर है।”
ममता ने कहा, “अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।”
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करती हैं। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में जारी तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में अशांति के बीच उनकी सरकार के प्रयासों से ही पश्चिम बंगाल में शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित हुआ है।
मनीष सिसौदिया विधायक कार्यालय से सभी सरकारी संपत्तियां (वस्तुएं) चुरा ले गए :रविंदर सिंह नेगी
19 Feb, 2025 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पटपड़गंज से नए बीजेपी विधायक रविंदर सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने इलाके के विधायक कार्यालय से सभी सरकारी संपत्तियां (वस्तुएं) चुरा ले गए हैं। विधायक नेगी ने दावा किया, उन्होंने एसी, टेलीविजन, कुर्सियां, पंखे, एलईडी और सब कुछ ले लिया है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि आप से पटपड़गंज के पूर्व विधायक सिसोदिया ने चुनाव से पहले ही अपना असली चेहरा दिखा दिया था। विधानसभा कैंप कार्यालय से जिसमें एसी, टीवी, टेबल, कुर्सी और पंखे जैसे सामान चुराए गए। इनकी भ्रष्टाचार की हदें अब भी पार नहीं हुईं। अब वे अपनी असलियत छुपाने और चोरी करने की राजनीति में माहिर हो चुके हैं। हम लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और इसतरह के भ्रष्ट लोगों को बेनकाब करने वाले है। नेगी ने खाली विधायक कार्यालय वाली वीडियो क्लिप भी पोस्ट की है।
हालांकि, पीडब्ल्यूडी जेई वेद प्रकाश ने कहा कि उन्होंने विधायक कार्यालय को कोई सामान नहीं दिया। सिसौदिया के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने (आप कार्यकर्ताओं ने) कोई सरकारी सामग्री नहीं ली है। उन्होंने कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने वह सामान लिया जो उनका था। उन्होंने कहा कि जिन 2 एसी के गायब होने का आरोप लगाया जा रहा है, वे किराए पर लिए थे। सिसौदिया के सहयोगी ने कहा कि एसी के मालिक ने उन्हें वापस ले लिया है।
परिणाम निराशाजनक नहीं, लेकिन चिंताजनक जरूर : शक्तिसिंह गोहिल
19 Feb, 2025 10:09 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | राज्य में हुए निकाय चुनावों के नतीजों को लेकर गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि परिणाम निराशाजनक नहीं, लेकिन चिंताजनक जरूर हैं| शहरी इलाकों में कांग्रेस का संगठन मजबूत करने की जरूरत है| गोहिल ने नगर निगम चुनाव सहित स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह सराहनीय है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों ने भाजपा की कई अलोकतांत्रिक साजिशों के बावजूद बहुत अच्छे से चुनाव लड़ा। हम मानते हैं कि गुजरात के शहरी इलाकों में हमारा संगठन कमजोर था| नगर निगम चुनाव 2018 में हुए थे, तब भले ही कांग्रेस पार्टी के 78 विधायक और सहयोगी पार्टी के 3 विधायक थे, लेकिन 2018 में उन्हीं नगर पालिकाओं में कांग्रेस पार्टी की हालत बहुत खराब थी| लेकिन उन्हीं नगर पालिकओं में कांग्रेस की स्थिति पहले से बेहतर हुई है| उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के लिए हमने कुछ महीने पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाकर कस्बों में संगठन को संगठित किया था और इसके परिणामस्वरूप ये चुनाव कांग्रेस पार्टी ने बहुत बड़े पैमाने पर लड़ा। जूनागढ़ महानगर पालिका में पिछले चुनाव में कांग्रेस का केवल एक नगरसेवक चुना गया था| जबकि इस बार जूनागढ़ में 11 नगरसेवक चुने गए हैं। उस लिहाज से देखें तो नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक नहीं हैं| कांग्रेस के लिए निराशाजनक बात यह है कि जाफराबाद, लाठी, राजुला समेत कई जगहों पर नगर पालिकाएं स्थानीय नेताओं के दम पर लड़ी जाती हैं| लेकिन अंबरीश डेर, जवाहर चावड़ा, हर्षद रिबडिया आदि नेताओं के चले जाने से उन नगर पालिकाओं में कांग्रेस की हार हुई है। कुछ जगहों पर कांग्रेस लड़ने की बजाय निर्दलियों के साथ चली गई| आंकलाव में कांग्रेस समर्थित पैनल की जीत हुई है| नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक नहीं हैं, लेकिन चिंताजनक जरूर है| कांग्रेस को शहरी क्षेत्र में और मेहनत करने की जरूरत है| यह प्रशंसनीय है कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार न तो बिके और न ही डरे और कई साजिशों के बावजूद डटकर लड़े| कुछ जगहों पर भाजपा के दबाव, गुंडागर्दी, सिस्टम के दुरुपयोग और बड़ी रिश्वत के कारण फॉर्म वापस ले लिए गए। हम सभी ने कई जगहों पर भाजपा द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों को खरीदने और डराने-धमकाने के वीडियो देखे हैं| एआईएमआईएम पार्टी के उम्मीदवारों के फॉर्म भाजपा ने दिए थे| आमतौर पर आमने-सामने दिखने वाली भाजपा और आप चुनाव में एक थे| एआईएमआईएम उम्मीदवारों द्वारा के फॉर्म पेश नहीं किए गए, लेकिन भाजपा ने उसे मान्य करवाया| कांग्रेस में जो कमियां रह गई हैं, उसके लिए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बूथ पेज तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी| कांग्रेस कार्यकर्ता कई मोर्चों पर संघर्ष कर चुके हैं| आगामी 2027 की तैयारी के साथ ही अगले साल होनेवाले स्थानीय चुनावों की तैयारी अभी से शुरू कर देंगे|
राहुल का आवेदन शर्तों के साथ स्वीकृत
19 Feb, 2025 09:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में एक आवेदन दायर कर स्वातंत्र्यवीर सावरकर के बारे में अपने विवादास्पद बयान के संबंध में मामले की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने से स्थायी छूट मांगी थी। विशेष न्यायाधीश अमोल शिंदे ने मंगलवार को शर्तों के साथ राहुल गांधी की अर्जी मंजूर कर ली। दरअसल सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस मामले में राहुल गांधी को अदालत में पेश होने के लिए 10 जनवरी की तारीख दी गई थी। राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए। अदालत ने मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। इस बीच, राहुल गांधी के वकील एड. मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने अदालत में एक आवेदन दायर कर इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित होने से स्थायी छूट मांगी थी। अभियुक्त अपनी पहचान पर विवाद नहीं करेंगे, न ही वे इस बात पर आपत्ति करेंगे कि इस मामले में साक्ष्य हमारे वकीलों की अनुपस्थिति में दर्ज किए गए। साथ ही, सुनवाई के दौरान अभियुक्त के वकील अभियुक्त को समय-समय पर आवश्यक निर्देश भी देंगे। विशेष अदालत ने ऐसी शर्तों पर राहुल गांधी की अर्जी मंजूर कर ली। अब मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगा।
बजट सत्र के पहले दिन सपा ने अनोखे रूप में प्रदर्शन किया
19 Feb, 2025 08:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। बजट सत्र के पहले दिन सपा ने अनोखे रूप में प्रदर्शन किया। इस दौरान सपा विधायक हाथ पैरों में जंजीर पहनकर प्रदर्शन किया। अतुल प्रधान ने बजट सत्र में शामिल होने से पहले कहा, योगी सरकार बताती है कि विश्व में लगातार देश का डंका बज रहा है। हमारे भारतीय लोग, जिन्हें 40 घंटा जंजीरों में जकड़कर रखा गया। अमेरिका से उन्हें बेरहमी से डिपोर्ट किया गया।
वहीं सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा, कि हम राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विरोध करने वाले हैं, क्योंकि वे योगी सरकार की झूठी प्रशंसा करेंगी, यह सरकार परीक्षा लीक कराती थी। उन्होंने आरोप लगाए कि ये सरकार सभी मोर्चों पर विफल है। सड़क से लेकर सदन तक विपक्ष अपना प्रदर्शन करता रहेगा।
बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में विपक्ष के नेता और माता प्रसाद पांडेय ने कहा, कि उनके (राज्यपाल) अभिभाषण में जो पढ़ा जा रहा था, उसका समाजवादी पार्टी ने विरोध किया क्योंकि उसमें गलत आंकड़े दिए गए थे। मांग थी कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा दिया जाए। राज्यपाल ने भाषण बीच में ही छोड़ दिया। हमें लगता है कि महाकुंभ में हुई घटनाओं से वह दुखी थीं, इसलिए उन्होंने पूरा भाषण नहीं पढ़ा।
नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर कांग्रेस नेता ने जाहिर की चिंता
18 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राहुल गांधी ने नियुक्ति पैनल की संरचना पर सवाल उठाए
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने ज्ञानेश कुमार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करने पर चिंता व्यक्त की, चयन समिति के गठन को लेकर चल रही कानूनी चुनौती के बीच निर्णय की जल्दबाजी पर सवाल उठाया। कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव न केवल निष्पक्ष होने चाहिए बल्कि निष्पक्ष प्रतीत भी होने चाहिए, उन्होंने इस कदम की आलोचना कर सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और संविधान की मूल भावना का उल्लंघन बताया। कांग्रेस सांसद तिवारी ने कहा कि इस मामले के लिए चयन समिति के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इसके बाद इतनी जल्दी क्या थी कि इस दौरान नियुक्ति कर दी गई? ...लोकतंत्र में चुनाव न केवल निष्पक्ष होने चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखने भी चाहिए...यह सुप्रीम कोर्ट और संविधान की मूल भावना की अवमानना है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महीने की शुरुआत में लोकसभा में एक भाषण के दौरान मोदी सरकार के प्रभुत्व वाले पैनल की संरचना पर सवाल उठाए थे। चयन समिति की बैठक में भाग लेने के दौरान राहुल गांधी ने नियुक्ति की प्रणाली पर आपत्ति जताकर एक असहमति पत्र प्रस्तुत किया। इसके पहले चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 फरवरी, 2025 से प्रभावी रूप से चुनाव आयुक्त कुमार को भारत के चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करते हैं।
बीजेपी को मिला सबसे ज्यादा चंदा, कांग्रेस दूसरे तो आप तीसरे नंबर पर
18 Feb, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। राष्ट्रीय दलों को मिले चंदे को लेकर एक रिपोर्ट जारी हुई है। रिपोर्ट में 2023-24 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 4340.47 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। कांग्रेस 1225.12 करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर थी। रिपोर्ट में बताया गया कि राजनीतिक दलों को चंदे का बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्ड से मिला। बीजेपी ने अपनी कमाई का 50.96 फीसदी यानी 2211.69 करोड़ रुपए खर्च किया, जबकि कांग्रेस ने 83.69 फीसदी यानी 1025.25 करोड़ रुपए खर्च किए। आम आदमी पार्टी को 22.68 करोड़ का चंदा मिला था, लेकिन उसने इससे ज्यादा 34.09 करोड़ खर्च किए थे।
सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 74.57 फीसदी अकेले बीजेपी को मिला। शेष पांच दलों को कुल 25.43 फीसदी चंदा मिला। बीजेपी को चुनावी बॉन्ड से 1685.63 करोड़ रुपए मिले, जबकि कांग्रेस को 828.36 करोड़ और आप को 10.15 करोड़ रुपए मिले। कुल मिलाकर इन तीनों दलों को 2524.1361 करोड़ रुपए यानी अपने कुल चंदे का 43.36 फीसदी चुनावी बॉन्ड से मिला है।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। रिपोर्ट में भारतीय स्टेट बैंक ने बताया कि 2023-24 में कई राजनीतिक दलों ने 4507.56 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड भुनाए। राष्ट्रीय दलों ने इस फंड का 55.99 फीसदी यानी 2524.1361 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
सीपीआई (एम) को 167.636 करोड़ रुपए का चंदा मिला, जिसमें से उसने 127.283 करोड़ खर्च किए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 64.7798 करोड़ मिले और उसने 43.18 करोड़ खर्च किए। नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) को 0.2244 करोड़ मिले और उसने 1.139 करोड़ खर्च किए। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा खर्च 619.67 करोड़ रुपए चुनाव प्रचार पर किए। इसके अलावा प्रशासनिक और अन्य खर्चों पर 340.702 करोड़ रुपए खर्च किए।
सीपीआई (एम) ने प्रशासनिक और अन्य कार्यों में 56.29 करोड़ रुपए और पार्टी के कर्मचारियों पर 47.57 करोड़ रुपए खर्च किए। कांग्रेस 58.56 करोड़ रुपए और सीपीआई (एम) 11.32 करोड़ रुपए ने कूपन की बिक्री से कुल 69.88 करोड़ रुपए की आमदनी दर्ज की। बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) की ऑडिट रिपोर्ट 12 से 66 दिनों की देरी से पेश की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय दलों के सबसे आम खर्च चुनाव प्रचार और प्रशासनिक गतिविधियों पर होते हैं। यह रिपोर्ट राजनीतिक दलों की वित्तीय पारदर्शिता पर प्रकाश डालती है और दर्शाती है कि किस प्रकार चुनावी बॉन्ड ने दलों की आय को प्रभावित किया है।
महाराष्ट्र में शिंदे के 20 विधायकों की वाई-सुरक्षा वापस ली, अटकलों का बाजार गर्म
18 Feb, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरार पढ़ने की अटकलों के बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस के अधीन गृह विभाग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 20 विधायकों की वाई-सुरक्षा वापस ले ली है। हालांकि बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के कुछ विधायकों की सुरक्षा भी कम की गई है।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों ने बताया कि इन विधायकों को वाई-सुरक्षा कवर एक अतिरिक्त भत्ते के रूप में दिया गया था, जबकि वे मंत्री नहीं हैं। इन विधायकों को 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने के बाद प्रदान किया था, जिसके कारण महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इस फैसले से शिंदे सेना और बीजेपी के बीच चल रहा तनाव और बढ़ने की संभावना है और इस नवीनतम कदम को फडणवीस ने अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के कुछ महीनों बाद सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच कलह पर कटाक्ष करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि महायुति वैलेंटाइन माह मना रही है। नहीं। बीजेपी और शिंदे सेना के बीच गतिरोध, जो रायगढ़ और नासिक के लिए संरक्षक मंत्री पदों को लेकर शुरू हुआ था। एक मुद्दा जो अभी भी अनसुलझा है, अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया है।
पिछले महीने दावोस में विश्व आर्थिक मंच शिखर सम्मेलन में रवाना होने से पहले सीएम फडणवीस ने एनसीपी के तटकरे (श्रीवर्धन) को रायगढ़ का संरक्षक मंत्री नामित कर दिया था। हालांकि यह एकनाथ शिंदे को अच्छा नहीं लगा, जो पहले से ही सीएम पद से वंचित होने से नाराज थे। शिंदे इस पद के लिए अपनी पार्टी के किसी नेता को इस पद पर बैठना चाहते थे, क्योंकि शिवसेना का जिले में काफी असर है। हालांकि, शिंदे को शांत करने के लिए तटकरे की नियुक्ति रोक दी गई।
सूत्रों ने बताया कि एकनाथ शिंदे सीएम फडणवीस के साथ मंच साझा करने से भी बचते दिख रहे हैं। पिछले महीने शिंदे, सीएम फडणवीस द्वारा बुलाई गई नासिक मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। वे पिंपरी-चिंचवाड़ पुलिस आयुक्त कार्यालय के उद्घाटन समारोह में भी अनुपस्थित रहे। यह सब वजह महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म कर रही हैं।
आज जो गालियां दे रहे हैं वहीं कल लालू यादव को भारत रत्न देंगे
18 Feb, 2025 02:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने जनसभा को किया संबोधित
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि जो लोग आज लालू यादव को गालियां दे रहे हैं, वही लोग एक दिन उनको भारत रत्न देंगे तेजस्वी ने यह बात बिहार के सीतामढ़ी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। दरअसल, बीते दिनों नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर लालू यादव ने रेलवे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि दुखद घटना घटी है। यह रेलवे की गलती है। रेलवे की लापरवाही से इतने लोगों की मौत हुई है।
इस दौरान उन्होंने कुंभ को लेकर भी कहा था कि कुंभ का कहां कोई मतलब है। फालतू है कुंभ उनके इस बयान को लेकर केंद्र और राज्य में सत्ता पक्ष के नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। तेजस्वी ने कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण को लागू किया था, तो ये लोग उनको भद्दी गालियां देते थे। आज कर्पूरी की ताकत को देखिए जो लोग गाली देते थे, उनको भारत रत्न देना पड़ रहा है। ये है समाजवाद की असली ताक़त।
उन्होंने कहा कि ये ताक़त है कर्पूरी जी की, आज भी कर्पूरी जी प्रासंगिक हैं, जो गाली दिया करते थे, वो भारत रत्न दे रहे हैं। लालू जी को गाली देने वालों से भी हम कहना चाहते हैं कि आज तो तुम लोग लालू जी को गाली दे रहे हो, लेकिन आने वाले समय में उनको भी तुम भारत रत्न देने का काम करोगे।
कांग्रेस नेता उदित राज के बिगड़े बोल- कहा मायावती का गला घोंटने का समय आ गया
18 Feb, 2025 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता उदित राज ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उदित राज ने गीता में भगवान श्री कृष्ण के उपदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है। दिल्ली के पूर्व सांसद ने कहा उन्हें उनके कृष्ण ने ऐसा करने के लिए कहा है। मायावती ने उदित राज का नाम लिए बिना जवाब दिया है और बयान को गंभीरता से नहीं लेने की बात कही। उदित राज के बोल पर भाजपा ने भी आपत्ति जाहिर की है।
उदित राज ने अपने एक्स पर भी अपने बयान को साझा किया है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा, कृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो, जरूरत पड़े तो अपने सगे संबंधियों को भी मार दो। बसपा की चीफ सुश्री मायावती जी ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा है, अब उनका गला घोंटने का वक्त आ गया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
कांग्रेस नेता ने अपने बयान का वह हिस्सा भी खुद साझा किया है, जिसमें वह कहते हैं, श्रीकृष्ण ने कहा कि अपने सगे संबंधियों को कैसे मारे, कृष्ण ने कहा कि कोई सगा संबंधी नहीं है, न्याय के लिए लड़ो, मार दो अपने लोगों को ही मार दो, आज उसी मोड़ पर हमारे कृष्ण ने मुझे कह दिया है कि सबसे पहले जो अपना दुश्मन है उसे मार दो। जो सामाजिक न्याय का दुश्मन है, मैंने अपने प्रेस रिलीज में लिख दिया है, सुश्री मायावती ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है।
आकाश आनंद ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
उदित राज के बयान के बाद बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की तीखी प्रतिक्रिया आई है। आकाश आनंद ने यूपी पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए उदित राज को गिरफ्तार करने की मांग की है। हमारी परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी को गला घोंटना की धमकी दे रहा है। मैं यूपी पुलिस से साफ़ कहना चाहता हूँ की 24 घंटे में इन अपराधियों को गिरफ्तार कर क़ानून के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें नहीं तो देश का बहुजन युवा चुप बैठने वाला नहीं है, इनको सबक सिखाना मुझे अच्छे से आता है।
गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं: मायावती
मायावती ने उदित राज के बयान पर कहा कि बाबा साहेब डॉ। भीमराव अम्बेडकर के जीतेजी और उनके देहांत के बाद भी, करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों/बहुजनों के लिए उनके आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के मानवतावादी संघर्ष का हर स्तर पर तिरस्कार करने वाली खासकर कांग्रेस पार्टी कभी भी इनकी सोच-नीतियों पर खरी व विश्वसनीय नहीं हो सकती।मायावती ने कहा, कुछ दलबदलू अवसरवादी व स्वार्थी दलित लोग अपने आकाओं को खुश करने के लिए जो अनर्गल बयानबाजी आदि करते रहते हैं उनसे भी बहुजन समाज को सावधान रहने व उन्हें गंभीरता से नहीं लेने की जरूरत है क्योंकि वे सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति मूवमेन्ट से अनभिज्ञ व अपरिचित हैं।
महाराष्ट्र में सियासी कोल्ड वार, फडणवीस ने शिंदे समर्थक दो दर्जन नेताओं के पर कतरे
18 Feb, 2025 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र में सियासी कोल्ड वार चल रहा है। नेता बिना किसी बयानबाजी के अपना काम कर रहे हैं। भीतर ही भीतर एक दूसरे में खींचतान मची हुई है। सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच खटपट बताई जा रही है। खटपट से अधिक तो कोल्ड वार है। दोनों एक-दूसरे से नाराज बताए जा रहे हैं। शिंदे ही सबसे अधिक खलबली मचाए हुए हैं। कभी वह देवेंद्र फडणवीस की बैठक से गायब रहते हैं तो कभी कुछ अलग फैसला कर लेते हैं। मगर अबकी बार हलचल देवेंद्र फडणवीस ने मचाई है।
दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग है। इसी गृह विभाग ने एकनाथ शिंदे गुट को टेंशन दे दी है। देवेंद्र फडणवीस के गृह विभाग ने शिंदे गुट के 20 से ज्यादा शिवसेना विधायकों की सुरक्षा में कटौती कर दी है। ये वो विधायक हैं, जो मंत्री नहीं हैं। इनकी सुरक्षा वाय प्लस श्रेणी से घटाकर सिर्फ एक कांस्टेबल कर दी गई है। इतना ही नहीं, कुछ अन्य शिवसेना नेताओं को दी गई सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। शिंदे कैंप के विधायक जब उद्धव गुट छोड़ कर आए थे, तो सभी को वाय कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी।
हालांकि, फडणवीस के इस फैसले को बैलेंस करने की भी कोशिश की गई है। कुछ भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी नेताओं को भी सुरक्षा वापस ले ली गई है। हालांकि, जिन शिंदे वाली शिवसेना नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है या वापस ली गई है, उनकी संख्या कहीं ज्यादा है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के विधायकों और सांसदों को अक्टूबर 2022 में वाय-सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था। यह फैसला उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर सीएम बनने के कुछ महीने बाद लिया गया था। अब शिंदे के मंत्रियों को छोड़कर अधिकांश शिवसेना विधायकों के लिए सुरक्षा कवर को घटा दिया गया है, जबकि पूर्व सांसदों के लिए इसे वापस ले लिया गया है।
जिन सभी नेताओं की सुरक्षा हटाई गई गई है, अब उनके साथ केवल एक कॉन्स्टेबल रहेगा। यह बात सही है कि फडणवीस के विभाग ने भाजपा और अजित गुट के नेताओं की भी सुरक्षा कम की है। मगर शिंदे कैंप के नेताओं की सबसे अधिक है, जिनकी सुरक्षा कम की गई है। यही वजह है कि शिंदे कैंप के नेता नाराज हैं। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच यह कोल्ड वार विधान सभाचुनाव के बाद से ही चल रहा है। हालांकि, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है कि कोई कोल्ड वार नहीं चल रहा है और नही कोई हॉट वार चल रहा है। सब टिक है। हम सब एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं। मगर महाराष्ट्र के सियासी संकेत तो कुछ और ही संकेत कर रहे हैं।