राजनीति
USAID के खुलासे पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का बयान, पॉलिटिकल COVID से लोकतंत्र को हो सकता है खतरा
22 Feb, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने में यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) द्वारा कथित तौर पर वित्त पोषण किए जाने को लेकर शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, "जिन लोगों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर इस तरह के हमले की अनुमति दी, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ताकतों पर प्रहार करना लोगों का राष्ट्रीय कर्तव्य है. अमेरिका के मियामी में गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए USAID द्वारा दी गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पर सवाल उठाया और कहा कि मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास कर रहे थे.
राजनीतिक कोविड ने की घुसपैठ
उपराष्ट्रपति निवास में शनिवार को 5वें आरएस इंटर्नशिप कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय आ गया है कि हम पूरी तरह से इस बीमारी की जांच करें. हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए हमारे समाज में इस राजनीतिक कोविड ने घुसपैठ की है. इस भयावह गतिविधि में शामिल सभी लोगों को पूरी तरह से बेनकाब किया जाना चाहिए.
लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश
उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव करना केवल भारतीय लोगों का अधिकार है. कोई भी उस प्रक्रिया से छेड़छाड़ कर रहा है. तो वह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है. इससे हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है. धनखड़ ने कहा कि हमारे संस्थान कलंक का सामना कर रहे हैं, जो कि अंधविश्वास का एक पहलू है. हमारे संवैधानिक पदाधिकारियों का उपहास उड़ाया जाता है. चाहे वह राष्ट्रपति हों, उपराष्ट्रपति हों या प्रधानमंत्री. ये राजनीतिक पद नहीं हैं, ये हमारी संस्थाएं है. इनको लेकर लोग न्यूनतम सम्मान भी दिखाने में विफल रहते हैं.
राष्ट्रपति की अपमान
उन्होंने कहा कि जब देश की राष्ट्रपति जैसे उच्च पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी महिला को शर्मिंदा किया जाता है, उपहास किया जाता है, तो मेरा दिल दुखता है. यहां तक कि जब वह संसद के संयुक्त सत्र में अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाती हैं, तो उनका उपहास किया जाता है. जबकि उनका एक विधायक, मंत्री, राज्यपाल के रूप में और अब भारत की राष्ट्रपति के रूप में एक समर्पित सेवा का ट्रैक रिकॉर्ड है.
उपराष्ट्रपति ने बताया अपना दर्द
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छह दशकों के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री तीसरे कार्यकाल के लिए पद पर बना रहेगा. मैं अपनी स्थिति पर नहीं आऊंगा लेकिन दर्द के कुछ अविस्मरणीय क्षण होते हैं, जब संसद के पवित्र परिसर में एक जिम्मेदार राजनीतिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा नकल की वीडियोग्राफी की जाती है. कभी-कभी हम इसको नजरअंदाज कर सकते हैं. लेकिन हम कभी भूल नहीं सकते, हम उन्हें माफ कर देते हैं, यही हमारी संस्कृति है.
बड़ी चुनौती का सामना कर रहा देश
अवैध अप्रवास पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि हमारे बीच लाखों अवैध प्रवासी हैं. जो हमारे लोगों को कार्य शिक्षा सुविधाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं. ये घुसपैठ आक्रमण से कम नहीं है. इस वक्त पूरी दुनिया इसे लेकर गंभीर हो गई है.
विदेश जाने का लालच
उन्होंने कहा कि हमारी नींद तब खुली, जब किसी देश के कानून के तहत हमारे ही कुछ लोग जिनके साथ धोखा हुआ. जिन्हें गलत तरीकों से विदेश जाने का लालच दिया गया था, उनको वापस यहां लाया जाता हैं. लेकिन हम अपने पैरों के नीचे की जमीन पर नजर नहीं डालते. हम रेत पर हैं. यह बम आपके लिए टिक-टिक कर रहा है. यूरोप में ऐसी स्थितियां देखी जा रही हैं. कुछ देशों में ऐसे हालात देखने को मिल रहे हैं. हम शांत दिखते हैं. लेकिन ये शांति किसी तूफान से पहले की है. आइए हम उस तूफान को रोकें. और यह तभी किया जा सकता है, जब लोग अपनी मानसिकता बदलेंगे.
पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक, राज्यों के बीच विवाद समाधान पर होगी चर्चा
22 Feb, 2025 08:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुणे: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शनिवार को महाराष्ट्र के पुणे में 27वीं पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच विवादों का समाधान निकालना और सहकारी संघवाद को मजबूत करना है। बैठक में बुनियादी ढांचे, खनन, जल आपूर्ति, पर्यावरण, वन और राज्य पुनर्गठन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), टेलीकॉम और इंटरनेट के विस्तार और क्षेत्रीय विकास से जुड़े सामान्य मुद्दे भी एजेंडे में शामिल हैं।
राष्ट्रीय मुद्दों पर होगी गहन चर्चा
बैठक में राष्ट्रीय स्तर के कई अहम मुद्दों पर भी मंथन होगा, जिनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की तेज जांच, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना, प्रत्येक गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सुविधा, पोषण अभियान के तहत बच्चों में कुपोषण कम करने के प्रयास, स्कूली बच्चों की ड्रॉपआउट दर घटाने के उपाय और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी जैसे विषय शामिल होंगे।
केंद्रीय और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी एक मंच पर
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव शामिल हैं। बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, प्रत्येक राज्य के दो वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव, सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर-राज्यीय परिषद के सचिव और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर तालमेल पर जोर
बता दें कि 1957 में राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन परिषदों के अध्यक्ष होते हैं, जबकि संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया है, ताकि राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके। गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यों को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय परिषदों को एक प्रभावी कार्य मंच के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
एकनाथ शिंदे के वाहन पर संभावित बम हमले की चेतावनी दी गई
21 Feb, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। एक अज्ञात ने कथित तौर पर उनके वाहन को उड़ाने की धमकी दी है। मुंबई पुलिस ने ईमेल भेजने वाले अज्ञात व्यक्ति का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक धमकी भरा ईमेल गोरेगांव पुलिस स्टेशन, मंत्रालय और जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन सहित कई स्थानों पर भेजा गया था। संदेश में एकनाथ शिंदे के वाहन पर संभावित बम हमले की चेतावनी दी गई, जिससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ गईं हैं। शुरुआती जांच से पता चल रहा है कि ईमेल एक धोखा हो सकता है, लेकिन अधिकारी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। मुंबई पुलिस साइबर सेल और खुफिया टीमें ईमेल के आईपी पते और स्रोत का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। धमकी के बाद शिंदे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, अतिरिक्त पुलिस तैनाती और निगरानी उपाय किए गए हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि धमकी भेजने वाले की पहचान करने के लिए गहन जांच की जा रही है।
मुंबई पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और संदिग्ध की तलाश जारी रखते हुए किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई मुद्दों पर मतभेद दिखाई दे रहे हैं, जिनमें संरक्षक मंत्री की नियुक्ति से लेकर समीक्षा बैठकें करना भी शामिल है। बीजेपी के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन महायुति ने तीन महीने पहले महाराष्ट्र अपनी सरकार बनाई थी। हालांकि दोनों के बीच मतभेद की अटकलों पर विराम लगाने के लिए कोई भी स्पष्टीकरण या दावा नाकाफी साबित हो रहा है।
देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीत युद्ध में नए-नए दांव चले जा रहे
21 Feb, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीत युद्ध में नए-नए दांव चले जा रहे हैं। फिलहाल सीएम की कुर्सी पर देवेंद्र फडणवीस काबिज हैं। कई बार एकनाथ शिंदे को चुभने वाले फैसले भी प्रदेश सरकार से लेकर स्थानीय निकाय तक में लिए जा रहे हैं। अब एकनाथ शिंदे का प्रोजेक्ट कहे जाने वाले 1400 करोड़ रुपए के टेंडर को बीएमसी ने खारिज कर दिया है, जिसके तहत सूखे कचरे का मैनेजमेंट किया जाना था। इस योजना के तहत चार साल के लिए टेंडर जारी हुआ था। इस योजना के जरिए से घर-घर से कचरा कलेक्शन करना और स्लम एरिया में रास्तों की सफाई, नालों की सफाई और टॉयलेट का मेंटनेंस करना शामिल था।
इस योजना के तहत बीते साल फरवरी में टेंडर जारी हुए थे। इसके बाद बीएमसी ने सफाई व्यवस्था शुरू की थी। हर वीकेंड पर स्लम बस्तियों में सफाई अभियान चलाए जा रहे थे और झुग्गी बस्तियों में नियमित सफाई के लिए एजेंसी भी हायर करने की योजना थी। इस योजना को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब बेरोजगार संस्था फेडरेशन ने इस पर आपत्ति जताई। इनका कहना था कि स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संस्थाओं को इसमें शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा गया था। यही नहीं एमएलसी प्रवीण दारेकर ने मानसून सत्र में सदन में इस पर सवाल उठाया था। जब यह मामला बढ़ा तो अब बीएमसी ने टेंडर ही कैंसिल कर दिया है। इस तरह यह योजना ही रद्द हो गई है।
पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे के लिए प्रोजेक्ट को रद्द किया जाना एक झटका है। इसकी वजह यह है कि स्कीम के जरिए वह स्लम क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाना चाहते थे। अब उनके पास जनता तक पहुंचने वाली कोई बड़ी योजना नहीं है। बीएमसी का चुनाव एकनाथ शिंदे बीजेपी से अलग होकर अपने दम पर लड़ने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में बीएमसी का टेंडर ही रद्द कर देना उनके लिए झटका है। बता दें कि बीएमसी चुनाव में अब तक किसी भी गठबंधन में एक साथ लड़ने पर सहमति नहीं बनी है। महायुति से लेकर महाविकास अघाड़ी तक के सभी दल अलग-अलग ही चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
आम आदमी पार्टी छोड़कर 2019 में बीजेपी में हो गए थे शामिल कपिल मिश्रा
21 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में गुरुवार को नई सरकार का गठन हो गया। शालीमार बाग से पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता ने दिल्ली की सीएम पद की शपथ ली। वहीं रेखा गु्प्ता की कैबिनेट में 6 मंत्री भी शामिल किए गए। इसमें विधायक कपिल मिश्रा भी शामिल हैं। मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी के सदस्य थे, लेकिन 2019 में वे बीजेपी में शामिल हो गए। कपिल मिश्रा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।
कपिल मिश्रा को बीजेपी ने इस बार करावल नगर विधानसभा से टिकट दिया था। उन्होंने इस सीट पर आम आदमी पार्टी के मनोज कुमार त्यागी को हराया है। करावल नगर बीजेपी का गढ़ माना जाता है। 2015 में भी मिश्रा इसी सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2015 का चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने उन्हें जल और पर्यटन मंत्री बनाया था, लेकिन 2017 में उन्हें बर्खास्त कर दिया और आप से निलंबित कर दिया गया। मिश्रा ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केजरीवाल को उनके साले के लिए 50 करोड़ रुपए के जमीन सौदे में मदद की थी। आप से निकाले जाने के बाद कपिल मिश्रा लगातार केजरीवाल पर हमलावर रहे हैं।
साल 2019 में कपिल मिश्रा बीजेपी में शामिल हो गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मॉडल टाउन विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। बीजेपी ने अगस्त 2023 में मिश्रा को दिल्ली बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया। वहीं अब वह दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में शपथ लेंगे और काम काम संभालेंगे।
शीशमहल को म्यूजियम बनाया जाएगा
21 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बीजेपी विधायक दल की नेता रेखा गुप्ता ने सीएम पद की शपथ से पहले ही कहा कि शीशमहल को म्यूजियम बनाया जाएगा। बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस बंगले में रहते थे उसे बीजेपी शीशमहल कहती है। आरोप है कि केजरीवाल ने इस बंगले के पुनर्निर्माण और साज-सज्जा पर करोड़ों रुपए खर्च किए थे। बीजेपी पहले ही तय कर चुकी है कि उनका सीएम इस बंगले में नहीं रहेगा।
बुधवार शाम बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की नेता चुनी गईं रेखा गुप्ता ने एक टीवी चैनल से बातचीत में शीशमहल को लेकर कहा कि हम शीशमहल को म्यूजियम बनाएंगे... हम उन सभी वादों को पूरा करेंगे जो पीएम मोदी ने जनता से किए हैं। इस पद के लिए मुझे चुनने के लिए मैं आभार प्रकट करती हूं।
शीशमहल में रहने के सवाल रेखा गुप्ता ने कहा कि वह उसमें नहीं रहेंगी। वह जनता के खून पसीने की कमाई का महल है। वह जनता को ही समर्पित करेंगी। जनता जाए, उसको देखे और उन्हें हर क्षण इस बात का अहसास होगा कि उनका पैसा कहां खर्च हुआ है। दिल्ली में 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित इस बंगले को लेकर बीजेपी और आप के बीच लंबे समय से वार-पलटवार चल रहा है। बंगले में कथित तौर पर अवैध रूप से करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
हाल ही में मीडिया में लीक रिपोर्ट में भी ऐसी बातें सामने आईं थीं कि सीवीसी ने जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि कोरोना काल में अरविंद केजरीवाल ने आसपास के कई बंगलों को अपने आवास में मिला लिया और करोड़ों रुपए खर्च किए। कथित शराब घोटाले में जेल गए केजरीवाल ने बाहर आने के बाद जब पद से इस्तीफा दिया तो बंगले को खाली कर दिया था। दिल्ली में चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने शीशमहल को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। खुद पीएम मोदी ने भी रैलियों में इसका जिक्र किया था। बीजेपी दिल्लीवालों को याद दिलाती थी कि किस तरह केजरीवाल राजनीति में आने के समय कहते थे कि वह सीएम बनने पर बड़े बंगले में नहीं रहेंगे।
मोदी के रहते मुमकिन नहीं है 370 की वापसी: सीएम अब्दुल्ला
21 Feb, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भले ही केंद्र सरकार से अच्छे संबंध बताए जाते हैं लेकिन मौका आने पर उमर अपनी बात कहने से नहीं चूकते हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि यदि मोदी सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते हैं तो उनकी सरकार केंद्र के साथ अपने संबंधों को लेकर पुनर्मूल्यांकन कर सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ शब्दों में कहा है कि पीएम मोदी के रहते जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की वापसी नहीं हो सकती है।
दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला से जब यह पूछा गया कि जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, क्या जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बहाल होने की कोई संभावना है? उमर अब्दुल्ला ने साफ शब्दों में कहा कि नहीं, इसकी कोई संभावना नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रति अपनी दृष्टिकोण को लेकर उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले कुछ महीनों में केंद्र के साथ एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, कम से कम मेरी सरकार के पहले कुछ महीनों में मुझे जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए केंद्र सरकार के साथ एक अच्छा कार्य संबंध स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए। 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा की इसकी बहाली के लिए संघर्ष को छोड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा, हमने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था जिसमें जम्मू और कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को बहाल करने और संवैधानिक गारंटी को फिर से लाने की मांग की गई थी।
अकाली दल छोड़ बीजेपी में आए अब दिल्ली की नई सरकार में बने मंत्री कौन हैं मनजिंदर सिंह सिरसा
20 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में 27 साल बाद फतह हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी गदगद है। रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के बाद आज रामलीला ग्राउंड में शपथग्रहण समारोह पूरा हुआ। नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें राजौरी गार्डन में भगवा लहराने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा भी हैं। सिरसा पहले अकाली दल के हुआ करते थे। इस बार पार्टी ने उन्हें राजौरी गार्डन से बीजेपी उम्मीदवार बनाया था जहां उन्होंने जीत हासिल कर भाजपाल आलाकमान के फैसले को सही ठहराया। इसी का नतीजा रहा कि अब उन्हें कैबिनेट में सीधी एंट्री मिल गई है। आइए जानते हैं कौन हैं मनजिंदर सिंह सिरसा मनजिंदर सिंह सिरसा रेखा गुप्ता की ही तरह पहली बार विधायक पद के लिए नामित हुए और पहली बार में ही पताका लहरा दिया। हालांकि वे दो बार अकाली दल के टिकट पर विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 2025 दिल्ली चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता धनवति चंदेला को 18190 के अंतर से हाराया था। सिरसा को 64132 वोट मिले थे तो वहीं चंदेला को 45942 वोट मिले थे। सिरसा बीजेपी से पहले उसकी एक वक्त पर गठबंधन की साथी रही अकाली दल का हिस्सा थे। मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपनी राजनीतिक यात्रा शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्य के रूप में शुरू की और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2013 में पहली बार चुने जाने पर, उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष अमरजीत सिंह सरना को हराकर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। सिरसा को 2017 में इस पद के लिए फिर से चुना गया। उन्होंने दिल्ली में सिख समुदाय के नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिरसा अतीत में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और इसके महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। सिरसा के राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन 2017 के दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में किया था, जहां उन्होंने राजौरी गार्डन सीट जीती थी। उन्होंने तब मौजूदा विधायक धनवती चंदेला को 18,190 मतों के भारी अंतर से हराया था। इस बार भी उनकी प्रतिद्वंदी धनवती ही थीं। इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले में उनकी जीत ने न केवल एक मजबूत नेता के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया, बल्कि दिल्ली में भाजपा के बढ़ते समर्थन का भी संकेत दिया। मंजिंदर सिंह सिरसा, जन्म 28 फरवरी 1972 को हुआ था। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंजाब-दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स किया हुआ है। हालांकि माय नेता के अनुसार, उन्होंने दो साल ही यहां अध्यन किया। मनजिंदर सिरसा सबसे अमीर विधायक के रूप में जाना जाता है। मनजिंदर सिरसा मूलत: हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। अगर संपत्ति की बात करें तो चुनावी हलफनामे के मुताबिक, इनकी कुल संपत्ति 248.9 करोड़ है।
100 दिनों के भीतर पांच प्रमुख मुद्दों पर विशेष ध्यान देगी रेखा सरकार
20 Feb, 2025 07:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाजपा ने कहा दिल्लीवालों को बदलाव महसूस होगा
नई दिल्ली । दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता ने शपथ ले ली है। शपथ लेने के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों के भीतर पांच प्रमुख मुद्दों से निपटने की योजना बनाई है। रेखा गुप्ता के एजेंडे में दिल्ली में आयुष्मान भारत चिकित्सा बीमा योजना को लागू करना, यमुना नदी की सफाई, मानसून के मौसम की तैयारी के लिए सड़कों और सीवरों से गाद निकालना, शहर की सड़कों और कोनों से कचरा हटाने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान और सड़क की मरम्मत शामिल है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने पार्टी पर काफी भरोसा किया है और 27 साल में राष्ट्रीय राजधानी में पहली भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनाने के लिए 48 सीटों का जनादेश दिया है। एक भाजपा नेता ने नई मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने काम में कटौती की है कि लोग पिछले दशक में आप ने जिस तरह से सरकार चलाई, उसमें अंतर दिखाई दे। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री का यही मंत्र और वादा भी रहा है। नई टीम यह सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम करेगी कि लोगों को बदलाव का अनुभव होना शुरु हो। भाजपा ने अपने चुनावी अभियान के दौरान वादा किया कि लंबित सीएजी रिपोर्ट नई दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में पेश की जाएंगी। सूत्रों ने बताया कि इससे पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार और उसके मंत्रियों पर भी दबाव बढ़ सकता है।
दिल्ली में रेखा सरकार किन चुनौतियों को करना होगा पार
20 Feb, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में भाजपा की मुख्यमंत्री ने शपथ ले ली है। रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है। 27 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में वापस लौटी है। अब उसे जनता से किए वादों को पूरा करना, पिछली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना, शहर के प्रदूषण और बुनियादी ढांचे की समस्याओं को ठीक करना और यमुना की सफाई करनी होगी। भाजपा सरकार को यह सब काम राजधानी के वित्तीय हालात पर नजर रखते हुए करना होगा। नई सीएम की शीर्ष प्राथमिकताओं में दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने का अपना वादा पूरा करना होगा। यह पार्टी के घोषणापत्र की एक प्रमुख प्रतिबद्धता थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक फरवरी को द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो पहली कैबिनेट बैठक में राशि ट्रांसफर करने का फैसला लिया जाएगा। आप ने पहले ही आर्थिक मदद को लेकर भुगतान पर शक जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा कि वह नई सरकार को जवाबदेह ठहराएंगी। भाजपा के लिए दूसरी चुनौती आप सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना होगा जिसमें 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी का कनेक्शन और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा आदि शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान बेशक भाजपा ने मतदाताओं को आश्वासन दिया था कि उन्हें मिलने वाली कोई भी सुविधा बंद नहीं होगी, लेकिन आप नेताओं ने पार्टी की लॉन्ग टर्म प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए हैं। प्रचार के दौरान, पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतदाताओं को आश्वस्त किया था कि मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी लेकिन इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया जाएगा। आयुष्मान भारत लागू करना भाजपा को दिल्ली में अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम भी लागू करने हैं। भाजपा ने दिल्ली में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का वादा किया है और यह चुनावी मुद्दा भी था। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है, साथ ही राज्य सरकार 5 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करती है। आप सरकार ने पहले इसे लागू करने से इनकार कर दिया था। पार्टी ने दावा किया था कि दिल्ली की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बेहतर है।
कैग रिपोर्ट पेश करना
भाजपा ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में सुधार का भी वादा किया है और इसके कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। राजौरी गार्डन से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि क्लीनिकों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के तौर पर रीब्रांड किया जाएगा और बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। भाजपा ने लगातार आप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि उसने वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने के लिए जानबूझकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं की।
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण में नहीं पहुंचीं आतिशी
20 Feb, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में नई सीएम और कैबिनेट के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पूर्व सीएम आतिशी नहीं पहुंचीं। इस पर आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अतिशी की सीट मेरे बगल में थी, वो नहीं आई। इतनी छोटी राजनीति नहीं करनी चाहिए। बीजेपी ने यमुना की सफाई शुरू करने और कैग की रिपोर्ट पेश करने को लेकर बड़ा वादा किया था। इस पर स्वाति मालीवाल ने कहा, यह कितने शर्म की बात है कि जो अरविंद केजरीवाल जी भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम बने, इतना बड़ा आंदोलन किया और आंदोलन के साथ ही गद्दारी की। कैग की रिपोर्ट 2016 से ही टेबल नहीं की गई है। इस रिपोर्ट को पेश किया जाए। जो भ्रष्टाचार हुआ है, उजागर हो जो जिम्मेदार हैं। उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। यमुना के मुद्दे पर स्वाति ने कहा मैं सरकार से यह अपील करूंगी कि यमुना मैया साफ हो और 10 साल में यह नाला बनकर रह गई है। जल्द से जल्द साफ की जाए। इसको वापस जीवित करना बहुत जरूर है। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि आम आदमी पार्टी ने ही शपथ ग्रहण से दूरी बनाई। यहां तक अरविंद केजरीवाल भी नहीं पहुंचे। हालांकि केजरीवाल और आतिशी दोनों ने ही रेखा गुप्ता के सीएम बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी थी। आतिशी ने एक्स पर लिखा, दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने पर रेखा गुप्ता जी को बधाई। यह खुशी की बात है कि दिल्ली का नेतृत्व एक महिला करेंगी। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली वालो को किए गए वादे पूरे होंगे। दिल्ली के विकास के लिए आम आदमी पार्टी का पूरा सहयोग आपको मिलेगा।
दिल्ली बीजेपी के जिस विधायक को मार्शल निकालते थे विधानसभा से बाहर अब वही होंगे स्पीकर
20 Feb, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है। रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया है, तो वहीं विजेंद्र गुप्ता का नाम विधानसभा स्पीकर के लिए फाइनल हुआ है। ये वही विजेंद्र गुप्ता हैं, जिन्हें आप सरकार के दौरान कई बार विधानसभा से बाहर निकाला गया। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है। रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया है, तो वहीं विजेंद्र गुप्ता का नाम विधानसभा स्पीकर के लिए तय हो गया है। ये बेहद दिलचस्प है, क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान अक्सर ऐसी तस्वीरें आईं जब सरकार का विरोध करने पर विजेंद्र गुप्ता सदन से बाहर निकाला गया। कई बार तो मार्शलों ने कंधों पर उठाकर उन्हें सदन से बाहर किया। विजेंद्र गुप्ता को एक नहीं बल्कि कई बार सदन से बाहर किया गया है। 2015 में आम आदमी पार्टी की लहर में बीजेपी को दिल्ली में महज तीन सीटें ही मिली थीं, जिसके बाद भी बीजेपी ने विपक्ष की भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। विजेंद्र गुप्ता तब विधायक थे और वो मुद्दे उठाते थे। साल 2017 में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता कथित जमीन घोटाले के दस्तावेज लेकर पहुंचे थे और वो सदन में उसपर बहस की मांग कर रहे थे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी। बीजेपी का स्थगन प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया। इसके बाद भी बीजेपी का हंगामा जारी रहा तो स्पीकर ने पहले विजेंद्र गुप्ता का माइक बंद कराया और चुप रहने की चेतावनी दी। जब वो नहीं माने तो उन्हें मार्शल के जरिए बाहर निकाल दिया गया। विजेंद्र गुप्ता आप की लहर में भी खुद की सीट बचाने में कामयाब रहे थे, जिस वक्त दिल्ली में बीजेपी की महज 3 सीटें थीं उनमें गुप्ता की भी एक सीट थी। वे 2015, 2020, 2025 में लगातार रोहिणी से चुनकर आए हैं। 2020 में भी विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी की सीट पर 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। 2015 से लगातार विपक्ष में बैठकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने वाले विजेंद्र गुप्ता अब स्पीकर की कुर्सी पर विराजेंगे। जिस कुर्सी से उन्हें सदन से बाहर निकालने के आदेश होते थे, अब वो उसी पर काबिज होंगे। अपना नाम फाइनल होने के बाद विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सबसे पहले वो कैग रिपोर्ट सदन में पेश करूंगा, जिन्हें पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने लंबित रखा है।
दिल्ली जीत ली........अब बिहार, असम और तमिलनाडू फतह की तैयारी में जुटे पीएम मोदी
20 Feb, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब तीन दशक बाद जीतने वाली भाजपा ने जश्न मना लिया है और अब फिर से दूसरे राज्यों की चुनावी तैयारी में जुट गई है। खासतौर पर पार्टी के शीर्ष नेता पीएम नरेंद्र मोदी किसी भी तरह से आराम के मूड में नहीं हैं। अब वे बिहार, असम और तमिलनाडु जैसे राज्यों को लेकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। बिहार में इसी साल अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद असम और तमिलनाडु में अगले साल चुनाव होने है। इन राज्यों को लेकर पहले से ही भाजपा तैयारी में है और 24 फरवरी को भागलपुर से पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाले है। भागलपुर में रैली को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा असम भी वे 24 फरवरी को ही जाएंगे।
असम और तमिलनाडु में चुनाव करीब एक साल दूर है, लेकिन पीएम मोदी अभी से तैयारियों में जुट गए है। इसकारण वे असम जाएंगे और फिर 28 तारीख को तमिलनाडु के रामेश्वरम भी पहुंच रहे हैं। पीएम मोदी यहां पर पंबन पुल का उद्घाटन करने वाले हैं, जो द्वीपीय शहर रामेश्वरम को तमिलनाडु के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा। बिहार और असम के भाजपा नेताओं ने पीएम मोदी के दौरे की डिमांड की थी। दिल्ली में खुद पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया था। इतना ही नहीं यमुना की सफाई को लेकर उन्होंने कहा था कि इस काम की निगरानी मैं व्यक्तिगत तौर पर करूंगा। इसके बाद माना जा रहा है कि पीएम मोदी ही आने वाले चुनावों में भी बीजेपी का चेहरा होने वाले है। बिहार में भाजपा का सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ गठबंधन है। भागलपुर में पीएम मोदी के साथ ही मंच पर नीतीश कुमार भी मौजूद रहने वाले है। इसके बाद वहां नीतीश कुमार और पीएम मोदी की कुछ साझा रैलियां भी होंगी। असम में भाजपा बीते 10 सालों से सत्ता में है और उस पर तीसरी बार वापसी का दबाव होगा। भाजपा को भागलपुर सीट पर कमजोर माना जाता है। इसके बाद भागलपुर से पीएम मोदी का रैली करना अहम है। इसके अलावा संकेत है कि भाजपा बिहार में किसी भी इलाके में खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहती।
भागलपुर में ही पीएम मोदी की ओर से किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त जारी की जाएगी। वह भागलपुर में एक नई सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के एक आयोजन में भी शामिल होने वाले है। यहीं से वह दो दिनों की असम यात्रा पर रवाना हो जाएंगे, जहां कारोबारी समिट का भी आयोजन होना है।
रेखा गुप्ता देश की 19वीं और दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री
20 Feb, 2025 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय राजनीति में बढ़ रहा नारीशक्ति का कद
नई दिल्ली । भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है, और कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री पद तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है। हाल ही में, रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं, इसके पहले देश में अब तक कुल 18 महिला मुख्यमंत्री हो चुकी हैं।
इस रिपोर्ट में हम बता रहे हैं कौन, कहां से बनी महिला सीएम
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश से भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी (1963-1967) बनी। नंदिनी सत्पथी (ओडिशा) ने जून 1972 से दिसंबर 1976 तक सीएम पद का कार्यभार संभाला।
शशिकला काकोडकर (गोवा,दमन और दीव) की दो बार मुख्यमंत्री बनीं।
वहीं सैयदा अनवरा तैमूर (असम) 1980-1981 तक मुख्यमंत्री रहीं। वी. एन. जानकी (तमिलनाडु) में 23 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनीं। वहीं जे. जयललिता (तमिलनाडु) में पाँच बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। वहीं मायावती (उत्तर प्रदेश) पहली दलित महिला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य पाया। मायावती ने यूपी में कई बार पद संभाला। राजिंदर कौर भट्टल (पंजाब) में 1997 से 2002 तक पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।
राबड़ी देवी (बिहार) राज्य की पहली और एकमात्र महिला मुख्यमंत्री।
वहीं बीजेपी की कददावर नेता सुषमा स्वराज (दिल्ली) 1998 में कुछ समय के लिए दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थी। इसके बाद शीला दीक्षित (दिल्ली) में 1998 से 2013 तक, सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं। बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (मध्य प्रदेश) – 2003-2004 तक पद संभाला। राजघराने से निकली वसुंधरा राजे (राजस्थान) में दो बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य पाया। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल) में 2011 से अब तक मुख्यमंत्री हैं। वे इंडिया गठबंधन की नेता बनने की भी इच्छा जता चुकी है। आनंदीबेन पटेल (गुजरात) में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रही। महबूबा मुफ्ती (जम्मू और कश्मीर) में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री (2016-2018) रही। आतिशी (दिल्ली, कार्यवाहक मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री रहीं। अब देश की राजधानी दिल्ली में
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने विरोधियों के मुंह किए बंद, मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज किया
20 Feb, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ किसी भी तरह के मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन (बीजेपी-एनसीपी-शिवसेना) में सब कुछ ठीक है और उनके बीच किसी भी तरह का कोई कोल्ड वॉर नहीं है।
इसतरह की खबरें तब चर्चा में आई जब शिंदे ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के जैसा मेडिकल सेल बना दिया। शिंदे के कदम को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए थे। शिंदे ने कहा कि यह नया सेल किसी कॉम्पीटीशन व्यवस्था के रूप में नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के वॉर रूम के साथ मिलकर काम करेगा ताकि मरीजों को बेहतर सेवाएं दी जा सके।
उधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, इस तरह के सेल का गठन कोई गलत बात नहीं है, क्योंकि इसका मकसद जरूरतमंद लोगों की मदद करना है। जब मैं उपमुख्यमंत्री था, तब मैंने भी इसी तरह का सेल बनाया था।
दरअसल शिंदे की यह सफाई विपक्षी दलों के आरोपों के बाद आई है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि राज्य में “समानांतर सरकार चलाई जा रही है”। राउत ने कहा, अगर सरकार इसी तरह चलती रही तब महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ेगी।