राजनीति
माओवादी कार्रवाई पर केसीआर का विरोध, बोले – बंद हो ‘ऑपरेशन कागर’
28 Apr, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद । भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने रविवार को केंद्र की भाजपा सरकार से माओवादियों के खिलाफ चल रहे ‘ऑपरेशन कागर’ को बंद करने और उन्हें शांति वार्ता के लिए आमंत्रित करने की अपील की।
छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे बड़े अभियान का हवाला देते हुए केसीआर ने कहा कि यह “नरसंहार सही नहीं है।” केसीआर एल्काथुर्ती, हनमकोंडा जिले में बीआरएस की रजत जयंती समारोह के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और युवाओं की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि आपके पास ताकत है, आप हत्याओं का सिलसिला नहीं चला सकते। माओवादियों ने शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया है, केंद्र सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।”
कई महीनों बाद अपनी पहली जनसभा में केसीआर ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया और उसे ‘अधूरे वादों’ और ‘विफलताओं’ के लिए जिम्मेदार ठहराया। करीब एक दशक तक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहे केसीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बीआरएस के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को खत्म कर दिया है और 2014 जैसी स्थिति फिर लौट आई है।
उन्होंने याद दिलाया कि 2001 में तेलंगाना आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) का गठन किया था और पार्टी ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का सपना साकार किया।
केसीआर ने कांग्रेस पार्टी को “तेलंगाना का विलेन नंबर वन” करार दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1956 में तेलंगाना का जबरन आंध्र प्रदेश में विलय कराया और 1969 के तेलंगाना आंदोलन को भी कांग्रेस ने बेरहमी से दबा दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2009 में राज्य गठन की घोषणा करने के बाद कांग्रेस ने चालबाजियां कर तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने से रोका था।
केसीआर ने कहा, “तब भी, अब भी और हमेशा कांग्रेस ही तेलंगाना की सबसे बड़ी दुश्मन रही है।”
केसीआर ने दावा किया कि बीआरएस सरकार के कार्यकाल में तेलंगाना ने सर्वांगीण विकास किया। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद राष्ट्रीय रिकॉर्ड में शीर्ष पर था और प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 3.5 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।
उन्होंने बताया कि कैसे कालेश्वरम सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया और राज्य आज 3.5 करोड़ टन धान का उत्पादन करता है। केसीआर ने रैतु बंधु (कृषि निवेश सहायता योजना) जैसी योजनाओं और किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति, मिशन भागीरथा के तहत प्रत्येक घर में पेयजल आपूर्ति जैसी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि “दिल्ली से आए नकली गांधी” चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े वादे कर चले गए। उन्होंने कहा, “हम 2,000 रुपये पेंशन दे रहे थे, उन्होंने 4,000 रुपये का वादा किया। हम रैतु बंधु में 10,000 रुपये दे रहे थे, उन्होंने 15,000 रुपये देने का वादा किया। स्कूटी देने, 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने, और कल्याण लक्ष्मी योजना में एक तोला सोना और 1 लाख रुपये देने के वादे किए गए, लेकिन आज तक कुछ पूरा नहीं हुआ।”
उन्होंने राज्य में बिजली कटौती, किसानों की मोटरें जलने और जल संकट पर चिंता जताई और पूछा कि भूमि दरें क्यों गिर गई हैं और किसानों से धान की खरीद क्यों नहीं हो रही है। केसीआर ने वादा किया कि बीआरएस तेलंगाना की जनता के हक के लिए संघर्ष जारी रखेगा और भरोसा जताया कि जनता कांग्रेस को उसके धोखे के लिए सबक सिखाएगी।
बिहार में फिर नीतीश की कमान: विधानसभा चुनाव में NDA का भरोसा बरकरार
28 Apr, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं और एनडीए पूरी मजबूती के साथ इस चुनाव में उतरने वाली है। नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम आगामी चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे। चिराग पासवान हमारे गठबंधन का अहम हिस्सा हैं और वह पांच ‘पांडवों’ में से एक ‘पांडव’ हैं। हम सभी मिलकर इस महाभारत को जीतेंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।
बिहार चुनाव को लेकर एनडीए की तैयारी पर उन्होंने कहा कि एनडीए के पांचों घटक दल बिहार के विकास, लोगों और राज्य के कल्याण के लिए एकजुट हैं। जन कल्याण और बुनियादी ढांचे के लिए हमने जो सामूहिक काम किया है, उससे लोगों का हम पर भरोसा मजबूत हुआ है, जिसका निश्चित रूप से आगामी चुनावों में हमें राजनीतिक रूप से लाभ मिलेगा।
बिहार चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि हम भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं, मैं उप मुख्यमंत्री रहा हूं। पार्टी जब विधानसभा का चुनाव लड़ेगी तो हमारे जैसे कार्यकर्ताओं की भूमिका बढ़ेगी।
बिहार में अब कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं, 27 अप्रैल की समयसीमा से पहले भेजे जाने पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर एनडीए की सरकार जो फैसला लेगी उसका बिहार की सरकार भी पालन करेगी।
एनडीए में मुकेश सहनी की वापसी पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि वह एनडीए के बारे में बार-बार जो चर्चा कर रहे हैं, इसका मतलब उनके मन में अभी भी कसक है कि एनडीए हमें साथ में ले। एनडीए महासागर है और वो इसमें डुबकी लगाना चाहते हैं। हमारे दरवाजे खुले हैं। वो आ सकते हैं।
पशुपति पारस के इंडी अलायंस में शामिल होने पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि इंडी अलायंस की स्थिति क्या है,यह किसी से छिपी नहीं है। हम पशुपति पारस का सम्मान करते हैं। हम तो चाहेंगे कि वह एनडीए के साथ रहें। उनका भविष्य इंडी अलायंस में नहीं है।
असम सीएम ने फिर दोहराया गोगोई पर पाकिस्तानी संबंधों का आरोप, कांग्रेस ने कहा 'बेबुनियाद'
28 Apr, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई पर उनके कथित पाकिस्तान संबंधों को लेकर हमला बोला, जिस पर विपक्षी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने पलटवार किया।
मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा, “असम में हमारे पास केवल एक पाकिस्तानी है। उसकी शादी राज्य के एक स्थानीय परिवार में हुई है और वह सुखी जिले में रहती है। वह मूल रूप से पाकिस्तान की है और उसने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उसे वापस भेजा जाना चाहिए या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा, “उसके अलावा, असम में हमारे पास कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं है।”
असम पुलिस का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी और पाकिस्तानी राष्ट्रीय और जलवायु नीति विशेषज्ञ अली तौकीर शेख के बीच संबंधों की जांच कर रहा है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा और भाजपा गोगोई पर उनकी पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ कथित संबंधों को लेकर हमला कर रहे हैं।
हालांकि, गौरव गोगोई ने आरोपों को राज्य चुनावों से पहले भाजपा की चाल बताया है। उन्होंने इसे सरमा द्वारा अपने परिवार द्वारा किए गए विभिन्न भूमि घोटालों से ध्यान हटाने का प्रयास बताया।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “असम के मुख्यमंत्री ने गौरव गोगोई के बारे में जो घटिया टिप्पणियां की हैं, उससे यह साबित होता है कि वे सार्वजनिक जीवन में रहने के योग्य नहीं हैं। वे गौरव गोगोई के परिवार पर पूरी तरह से निराधार हमले कर रहे हैं, उनकी निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं और उन भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान भटका रहे हैं, जिनका उन्हें जवाब देना चाहिए।”
उन्होंने आगे लिखा, “आज पाकिस्तान के खिलाफ एकजुटता समय की मांग है। गोगोई जैसे ईमानदार व्यक्ति के खिलाफ पाकिस्तान का बेबुनियाद इस्तेमाल करके, जो मुख्यमंत्री के खिलाफ हमले में सबसे आगे रहे हैं, वे न केवल हमारे प्रतिद्वंद्वियों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि यह भी पुष्टि कर रहे हैं कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के बढ़ते सबूतों का उनके पास कोई विश्वसनीय जवाब नहीं है। गौरव गोगोई एक ईमानदार नेता हैं, जो पुलिस राज्य की ताकत का मुकाबला कर रहे हैं, हम दृढ़ता से उनके साथ खड़े हैं।”
डोंबिवली में शिंदे की संवेदना यात्रा, पहलगाम हमले के पीड़ितों का जाना हाल
28 Apr, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डोंबिवली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में मृतकों के परिवारों से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कल्याण लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। इस हमले में हेमंत जोशी, संजय लेले और अतुल मोने की दुखद मृत्यु हो गई थी।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पीड़ित परिवारों से घटना की जानकारी ली और उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों का पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा और भविष्य में रोजगार की व्यवस्था के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस घिनौने हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा। इस मौके पर कल्याण-डोंबिवली के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, विधायक डॉ. बालाजी किनिकर, विधायक राजेश मोरे, कल्याण जिला प्रमुख गोपाल लांडगे, पूर्व नगरसेवक महेश पाटिल सहित शिवसेना के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसमें कई राज्यों के पर्यटक शामिल थे, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए थे। आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौता का निलंबन और पाकिस्तानियों को वापस भेजना प्रमुख कदम हैं।
सरकार ने कहा है कि आतंकियों को खोज कर निकाला जाएगा और उन्हें सजा मिलेगी। साथ ही, उनके आकाओं और पनाहगारों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
सपा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर करणी सेना का हमला, फेंके गए टायर और पत्थर
27 Apr, 2025 06:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राणा सांगा को लेकर दिए गए बयान के बाद से करणी सेना सपा सांसद रामजी लाल सुमन से नाराज चल रही थी। इसी क्रम में अलीगढ़ के गोभाना टोल प्लाजा के पास करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। इस दौरान काफिले में मौजूद गाड़ियों पर टायर और पत्थर बरसाए गए, जिससे कई वाहनों के शीशे टूट गए।
करणी सेना ने दी थी धमकी
दावा किया जा रहा है कि रामजी लाल सुमन पर हमले की धमकी करणी सेना ने पहले ही सार्वजनिक तौर पर दी थी, इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस सुरक्षा इंतजाम नहीं किए थे। अब पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जब तक सांसद रामजी लाल सुमन अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते, विरोध और हमले इसी तरह जारी रहेंगे।
बुलंदशहर की ओर जाते समय किया गया हमला
रविवार को रामजी लाल सुमन आगरा से बुलंदशहर की ओर जा रहे थे। उनका काफिला अलीगढ़ होते हुए गुजर रहा था, जिसमें लगभग 25 गाड़ियां शामिल थीं। बताया जा रहा है कि जैसे ही काफिला दोपहर के समय गोभाना टोल प्लाजा से आगे बढ़ा, वहां मौजूद युवकों ने टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। पत्थरबाजी में कई गाड़ियों के शीशे चकनाचूर हो गए। हमले से बचने के लिए काफिले की गाड़ियाँ तेज रफ्तार में दौड़ीं, जिससे आगे चलकर कई वाहन आपस में टकरा भी गए।
आपको बता दें कि करणी सेना पहले ही चेतावनी दे चुकी थी कि यदि रामजी लाल सुमन अलीगढ़ से गुजरेंगे तो उन पर हमला किया जाएगा। हमले के बाद करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने बयान जारी कर कहा कि रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा जैसे महापुरुष के खिलाफ अनुचित भाषा का प्रयोग किया है, जिससे पूरे क्षत्रिय समाज में आक्रोश है। दुर्गेश सिंह ने सवाल उठाया कि यदि उनका विरोध प्रदर्शन गलत है, तो रामजी लाल सुमन का बयान क्या सही था? उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सुमन सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक विरोध और हमले जारी रहेंगे।
मोदी सरकार ने मीडिया के लिए की एडवाइजरी जारी, सेना के अभियानों का सीधा प्रसारण न करें
27 Apr, 2025 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पहलगाम हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को देखकर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी की गई है। एडवाइजरी में दो टूक कहा कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करें। शनिवार को जारी बयान में मंत्रालय ने कहा है कि हालात को देखकर देशहित में मीडिया चैनल लाइव कवरेज करते हुए सावधानी बरतें। एडवाइजरी में 8 निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें और रक्षा व अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें। खासकर रक्षा अभियानों या बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार का रियल-टाइम कवरेज, लाइव प्रसारण, या सूत्रों पर आधारित जानकारी का प्रकाशन नहीं होना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है, जिससे सुरक्षा बलों के कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
पिछले घटनाक्रमों ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11), और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान, अनियंत्रित कवरेज का राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ था।
मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पर्सनल यूजर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी कार्रवाइयों से जारी अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से समझौता न करें।
मंत्रालय पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(पी) का पालन करने की सलाह दे चुका है। नियम 6(1)(पी) कहता है कि, कोई भी कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज शामिल हो, जहां मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जाएगा, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त नहीं हो जाता।
सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग जारी रखें, और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें। यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।
हम किसी को नहीं छेड़ते, कोई छेड़े तो फिर छोड़ते नहीं-शिवराज सिंह चौहान
27 Apr, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कहा कि भारत शांति पसंद देश है। हम सभी की भलाई के बारे में सोचते हैं। पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं लेकिन यदि किसी को लगता है कि हमारी सुरक्षा, अखंडता और सहिष्षुता पर हमला करके बच जाएगा तो ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसी को छोड़ते नहीं और कोई छेड़े तो छोड़ते नहीं।
केन्द्रीय मंत्री चौहान यहां ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को लेकर नागरिक परिषद की संगोष्ठी में शामिल होने पहुंचे थे। कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक राष्ट्र एक चुनाव को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि इसे भाजपा के संकल्प की तरह नहीं बल्कि जनता और देश की जरूरत की तरह लेना चाहिए। उन्होंने कहा देश के विकास और प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए सभी नागरिकों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से न सिर्फ पैसों का दुरुपयोग होता है बल्कि राजनैतिक कार्यकर्ताओं, आमलोगों, सरकारी कर्मचारियों के समय की भी हानि होती है। मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के बाद थकान उतरी भी नहीं थी तभी लोक सभा चुनाव आ गए। लोक सभा चुनावों के बाद हरियाणा, दिल्ली और फिर अन्य राज्यों के चुनाव क्रम में लगे थे। इससे जनप्रतिनिधियों को जनता के लिए काम करने का मौका भी कम मिलता है। एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे तो चुने हुए जनप्रतिनिधियों को साढ़े चार साल से अधिक समय जनता के लिए तत्परता से काम करने का मौका मिलेगा।
भारत समिट में राहुल गांधी ने कहा, मौजूदा पॉलिटिक्स में विपक्ष को कुचलने का टारगेट
27 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा आक्रामक पॉलिटिकल माहौल में विपक्ष को कुचलने और मीडिया को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक राजनीति मौलिक रूप से बदल गई है। एक दशक पहले जो नियम लागू थे, वे अब लागू नहीं हैं।
राहुल ने कहा कि हमारा विपक्ष सुनना नहीं जानता, क्योंकि उनके पास पहले से ही सभी उत्तर हैं। उसे ठीक से पता है कि क्या किया जाना चाहिए। यह पूरी तरह से गलत है। देश की जनता को पता है क्या किया जाना चाहिए। गांधी ने कहा कि हम राजनेता के तौर पर जनता की बात सुनने में विफल रहे हैं। हमें इस पर वास्तव में वास्तव करना चाहिए। हमारे विरोधियों ने इसे स्थान को पूरी तरह से खाली छोड़ा है। राहुल गांधी शनिवार को हैदराबाद पहुंचे थे। उन्होंने यहां भारत समिट 2025 कार्यक्रम में हिस्सा लिया। आज इस कार्यक्रम का दूसरा दिन था। कार्यक्रम में तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी भी मौजूद रहे।
कांग्रेस के लिए सभी रास्ते बंद किए गए
राहुल ने कहा कि हमने पाया कि हमारे सभी रास्ते बंद हो गए हैं। मीडिया और माहौल हमें उस तरह से काम करने की परमिशन नहीं देता जैसा हम चाहते थे। इसलिए हम अपने इतिहास में वापस पहुंचे और हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि हम में से हर किसी की कुछ मामलों पर अलग-अलग राय होगी, लेकिन हम इस बात पर सहमत हो सकते हैं कि मुद्दों पर क्या विचार कर सकते हैं।
पहलगाम जैसे आतंकवादी हमले कभी भी भारत के मनोबल को नहीं तोड़ पाएंगे - पीयूष गोयल
27 Apr, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पहलगाम जैसे आतंकवादी हमले कभी भी भारत के मनोबल को नहीं तोड़ पाएंगे। गोयल ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लोगों के विश्वास से कश्मीर में पर्यटन जल्द ही फिर से शुरू होगा और तीर्थयात्री अपनी अमरनाथ यात्रा जारी रखेंगे। वैश्विक स्तर पर भारत का बढ़ता कद कुछ ताकतों को परेशान कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ये घटनाएं उन ताकतों के हताशा भरे अंतिम प्रयासों को दर्शाती हैं। यह एक असहनीय हमला है, लेकिन हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे।
गोयल ने कहा कि जब तक 140 करोड़ भारतीय देशभक्ति और राष्ट्रवाद को सर्वोपरि धर्म मानते रहेंगे, तब तक इस तरह की घटनाएं हमारे देश को परेशान करती रहेंगी। हालांकि, भारत में इसका माकूल जवाब देने की पर्याप्त ताकत है।आंतरिक खतरों से निपटने में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए गोयल ने कहा कि जिस तरह हम नक्सलवाद को तेजी से खत्म कर रहे हैं, उसी तरह हम आतंकवाद को भी परास्त करेंगे। भारत की ताकत और दृढ़ संकल्प अडिग है।
पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि हमने पहले ही घोषणा कर दी है और उन्हें देश छोड़ने के लिए सूचित कर दिया है। किसी को भी यहां अवैध रूप से रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस हमले से कश्मीर में पर्यटन प्रभावित होने की चिंता पर गोयल ने कहा कि भारत के लोगों में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास है। पर्यटन जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगा, तीर्थयात्री अपनी अमरनाथ यात्रा जारी रखेंगे और कश्मीर प्रगति के पथ पर मजबूती से बना रहेगा। इसे कोई नहीं रोक सकता।
बौखलाए पाकी नेताओ के मुँह से निकल रही ऐसी बातें, सिंधु जल संधि को लेकर मंत्री विज ने लताड़ा
26 Apr, 2025 08:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पाकिस्तान को ऐसा करारा जवाब दिया है कि इससे न सिर्फ उसका राजनीतिक अहंकार टूटेगा बल्कि उसके नेता भी चौंक जाएंगे। विज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के हालिया बयानों, खासकर सिंधु जल संधि को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की तीखी आलोचना की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "पाकिस्तान जितना चाहे रो ले, लेकिन हमारी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। पहले आपके पास आटा नहीं था, अब पानी भी बंद हो गया है। हम जितना हो सकेगा उसे चीर देंगे और आतंकवाद की पाठशाला को नष्ट कर देंगे।" यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान की कमजोरी पर प्रहार करता है बल्कि भारत के सख्त रुख को भी दर्शाता है।
पाकिस्तान की दुर्दशा
पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट के ऐसे तूफान में फंसा हुआ है कि कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। देश 2023 से आटे, बिजली और पेट्रोल-डीजल की कमी से जूझ रहा है। बाढ़, बेतहाशा महंगाई और गरीबी ने वहां के हालात और खराब कर दिए हैं। कराची, इस्लामाबाद और पेशावर जैसे शहरों में आटे की 10 किलो की थैली 1500 रुपये तक पहुंच गई है। सस्ता आटा पाने के लिए लोग घंटों लाइनों में खड़े रहते हैं और कई जगहों पर भगदड़ में दर्जनों लोगों की जान चली गई। पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं और बिजली कटौती ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में सिंधु जल संधि पर भारत के खिलाफ पाकिस्तानी नेताओं के बयान उनकी हताशा और लाचारी को ही उजागर करते हैं।
विज का तीखा हमला
पाकिस्तान की इस हिमाकत का जवाब देने में अनिल विज ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सिंधु जल संधि पर दबाव बनाने की बिलावल भुट्टो की कोशिश को भारत ने पहले ही खारिज कर दिया था, लेकिन विज ने इसे और भी सख्ती से कुचल दिया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम किया जाएगा। भारत न तो उसकी धमकियों से डरेगा और न ही उसकी गुस्ताखी को बर्दाश्त करेगा।" विज का बयान सिर्फ शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि भारत की उस नीति का ऐलान है, जो आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "पाकिस्तान सोचता है कि वह भारत को डरा सकता है, लेकिन अब समय बदल गया है।"
पाकिस्तान की कमजोरी पर प्रहार
विज- "आटा नहीं था, अब पानी भी बंद हो गया" का तंज पाकिस्तान की आर्थिक और सामरिक कमजोरी को उजागर करता है। दशकों से दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार रही सिंधु जल संधि अब पाकिस्तान के लिए संवेदनशील मुद्दा बन गई है। भारत के सख्त रुख और संधि पर पुनर्विचार की बात ने पाकिस्तानी नेताओं की रातों की नींद उड़ा दी है। विज का बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब नरमी बरतने के मूड में नहीं है। यह न केवल पाकिस्तान की बयानबाजी को खारिज करता है, बल्कि आतंकवाद को पनाह देने की उसकी नीति पर भी सीधा प्रहार है।
भारत का बदला रुख
विज के बयान ने साफ कर दिया है कि भारत अब पाकिस्तान की हरकतों को चुपचाप बर्दाश्त नहीं करने वाला है। भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति और आर्थिक-रणनीतिक दबाव के जरिए पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाने के लिए तैयार है। विज का यह बयान न केवल पाकिस्तानी नेताओं के लिए मिर्ची है, बल्कि भारत की उस मंशा का भी प्रतीक है, जो कहती है कि अब न धमकी काम आएगी, न धौंस। यह समय है कि पाकिस्तान अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करे, अन्यथा विज की बात सच साबित होगी- न आटा बचेगा, न पानी।
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए संकल्प को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा- 'हमले का कड़ा जवाब देंगे'
26 Apr, 2025 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब देगा। पुणे के दगडूशेठ गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद नड्डा ने कहा कि देश को उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस हमले का कड़ा जवाब देंगे। जेपी नड्डा ने कहा कि मैं गणपति बप्पा का आशीर्वाद लेने आया हूं। जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से हमला हुआ, उससे पूरा देश गुस्से में है और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हमले का कड़ा जवाब देंगे। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश इस स्थिति का डटकर सामना करे और हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब दे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि गणेशजी के आशीर्वाद, उनकी बुद्धि और शक्ति से देश इस कठिन समय से गुजरेगा और पीएम मोदी के नेतृत्व में जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
कब और कहां हुई आतंकी घटना
मंगलवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम कस्बे के पास 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं।
हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' में घुस आए और रेस्टोरेंट में घूम रहे, खच्चरों पर सवार होकर पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर फायरिंग शुरू कर दी। पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
भारत ने पांच कड़े फैसले लिए थे
पहलगाम हमले के एक दिन बाद बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई और अहम फैसले लिए गए। 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला लिया गया। यह घोषणा की गई कि सार्क वीज़ा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा अतीत में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए ऐसे किसी भी वीज़ा को रद्द माना जाएगा।
सिंधु जल संधि पर बिलावल भुट्टो-जरदारी की आलोचना करते बोले मनजिंदर सिंह सिरसा- उनमें खून बहाने की हिम्मत नहीं'
26 Apr, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली: दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी की आलोचना की, क्योंकि उन्होंने सिंधु जल संधि पर भारत को भड़काऊ चेतावनी दी थी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कथित तौर पर कहा, "सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी। या तो हमारा पानी इस नदी से बहेगा या उनका (भारतीय) खून इसमें बहेगा।"
दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "तो इसमें (सिंधु नदी में) डूब मरो... उनमें खून बहाने की हिम्मत नहीं है। वे पानी के लिए रो रहे हैं और खून बहाने की बात कर रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।"
केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष रहे कुशविंदर वोहरा ने सिंधु जल संधि को लेकर केंद्र सरकार के कदम की सराहना की
26 Apr, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख नेमीडिया को बताया कि सिंधु जल संधि के निलंबित रहने के दौरान भारत कई विकल्पों का इस्तेमाल कर सकता है, जिसका असर पाकिस्तान पर पड़ सकता है।
केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष रहे कुशविंदर वोहरा ने भारत को बताया कि भारत अब संधि में उल्लिखित पाकिस्तान के साथ सूचना साझा करने के लिए बाध्य नहीं है, जिसका पड़ोसी देश पर असर पड़ेगा। वोहरा ने कहा, "संधि के निलंबन के साथ, भारत सरकार अब सिंधु नदी प्रणाली की नदियों में जल भंडारण स्तर या प्रवाह के बारे में पाकिस्तान के साथ सूचना साझा करने के लिए बाध्य नहीं है।"
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के बाद उठाए गए कदमों की श्रृंखला के तहत सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। वोहरा ने मीडिया को बताया, "मानसून के दौरान, भारत सिंधु नदी प्रणाली में बाढ़ की स्थिति के बारे में पाकिस्तान को कोई अपडेट नहीं देगा।" उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान का रवैया नकारात्मक रहा तो भारत संधि को रद्द भी कर सकता है।
इस बीच, भारत सिंधु नदी प्रणाली के भीतर जल भंडारण बुनियादी ढांचे के विकास पर काम कर सकता है, श्री वोहरा ने कहा। भारत और पाकिस्तान ने नौ साल की बातचीत के बाद 19 सितंबर, 1960 को सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसमें विश्व बैंक भी हस्ताक्षरकर्ता था। यह संधि कई सीमा पार नदियों के पानी के उपयोग पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र स्थापित करती है।
छह आम नदियों को नियंत्रित करने वाले समझौते के तहत, पूर्वी नदियों - सतलुज, ब्यास और रावी का सारा पानी, जो सालाना लगभग 33 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) है, भारत को अप्रतिबंधित उपयोग के लिए आवंटित किया गया है।
पश्चिमी नदियों - सिंधु, झेलम और चिनाब - का पानी, जो सालाना लगभग 135 एमएएफ है, बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को सौंपा गया है। संधि के अनुसार, भारत को पश्चिमी नदियों पर रन-ऑफ-द-रिवर परियोजनाओं के माध्यम से जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार दिया गया है, जो डिजाइन और संचालन के लिए विशिष्ट मानदंडों के अधीन है।
यह संधि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों पर भारतीय जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर आपत्ति उठाने का अधिकार भी देती है। यह संधि दोनों आयुक्तों को साल में कम से कम एक बार भारत और पाकिस्तान में बारी-बारी से मिलने का अधिकार भी देती है। हालाँकि, मार्च 2020 में दिल्ली में होने वाली बैठक कोविड-19 महामारी के कारण रद्द कर दी गई थी।
तमिलनाडु राज्यपाल का स्टालिन सरकार पर आरोप, कुलपतियों को पुलिस ने धमका रही
26 Apr, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि तमिलनाडु पुलिस ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शुक्रवार को उधगमंडलम में दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल न होने की धमकी दी। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, राज्य के विश्वविद्यालय इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। उन्होंने मुझे लिखित और मौखिक रूप से सूचित किया है कि राज्य सरकार ने उन्हें भाग न लेने का निर्देश दिया है। अभी तक हमारे एक कुलपति पुलिस थाने में हैं। कुछ कुलपति ऊटी पहुंच गए थे और एक अभूतपूर्व घटना घटी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।" डीएमके के राज्यसभा सांसद पी विल्सन ने राज्यपाल के बयान को गैरजिम्मेदाराना और गलत बताया।
"खुफिया इकाई की पुलिस दरवाजे पर पहुंची"
आरएन रवि ने आरोप लगाया कि आधी रात को कुलपतियों के दरवाजे पर दस्तक हुई और राज्य की एक विशेष शाखा, खुफिया पुलिस ने उन्हें सूचित किया कि यदि वे सम्मेलन में शामिल हुए, तो वे घर वापस नहीं आ पाएंगे और अपने परिवारों से नहीं मिल पाएंगे। उन्होंने आगे कहा, 'दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य "शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार" करना है क्योंकि इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है। 2021 से मैं यह बैठक कर रहा हूं। हाई स्कूल में सरकारी स्कूल के आधे छात्र कक्षा परीक्षा के अंकों को पार नहीं कर सकते। हमें गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है। हमारे राज्य में सबसे अधिक सकल नामांकन दर है, जो 50 प्रतिशत से अधिक है।'
राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मेलन में शामिल नहीं हुए
नीलगिरी में उधगमंडलम राजभवन में आयोजित उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए। सम्मेलन में बड़ी संख्या में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल नहीं हुए। उदाहरण के लिए, कोयंबटूर में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय और तमिलनाडु खेल विश्वविद्यालय सहित कई राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, मनोनमनियम सुंदरनार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एन चंद्रशेखर, जो शुरू में सम्मेलन के लिए निकले थे, कथित तौर पर बीच में ही तिरुनेलवेली लौट आए। कराइकुडी के अलगप्पा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी रवि भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। किसी भी कुलपति ने बैठक में शामिल न होने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया।
सावरकर पर विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी को कड़ी फटकार लगाई
25 Apr, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को फटकार लगाई है। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर उनके विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया और चेतावनी दी कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि, कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत भी दी और निचली अदालत में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने राहुल को दी सख्त चेतावनी
जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने राहुल गांधी को कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा, "आप इतिहास को समझे बिना इस तरह के बयान नहीं दे सकते।" कोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, "अगर भविष्य में दोबारा इस तरह की टिप्पणी की गई तो सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करेगा।" कोर्ट ने तंज कसते हुए आगे कहा, "आप उन लोगों के बारे में ऐसा कैसे कह सकते हैं जिन्होंने हमें आजादी दिलाई? कल आप महात्मा गांधी के बारे में भी कुछ कहेंगे, क्योंकि उन्होंने सावरकर को 'वफादार सेवक' कहा था?" सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि महात्मा गांधी ने सावरकर का सम्मान किया था और राहुल गांधी की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी उन्हें पत्र लिखा था। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को सलाह देते हुए कहा, "आप महाराष्ट्र में जाकर ऐसे बयान दे रहे हैं, जहां वीर सावरकर की पूजा की जाती है। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आप ऐसी टिप्पणी क्यों कर रहे हैं?"
राहुल का कौन सा बयान विवादित है
यह मामला 2022 में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गांधी के एक विवादित बयान से जुड़ा है। राहुल ने सावरकर पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वे अंग्रेजों से पेंशन लेते थे। इस बयान के बाद वकील नृपेंद्र पांडे ने लखनऊ की निचली अदालत में परिवाद दायर किया था। निचली अदालत ने प्रथम दृष्टया राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज कर समन जारी किया था। राहुल गांधी ने इस समन को चुनौती दी और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से बचें, खासकर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जिन्हें देश सम्मान की नजर से देखता है। कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ राहुल गांधी के लिए सबक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि स्वतंत्रता सेनानियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली बातें स्वीकार नहीं की जाएंगी।