राजनीति
मध्य प्रदेश का विधानसभा सत्र 7 फरवरी से 19 फरवरी तक चलने की संभावना
9 Jan, 2024 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू हो सकता है। यह सत्र 7 फरवरी से 19 फरवरी तक तक चलने की संभावना है। इसको लेकर विधानसभा सचिवालय ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार इस सत्र में विधानसभा की करीब 10 बैठकें होगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से सोमवार को मुलाकात हुई। विधासनभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि अभी सत्र की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन सत्र फरवरी की पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है।
बता दें सरकार इस बार वर्ष 2024-25 के वार्षिक बजट के स्थान पर सरकार विधानसभा में लेखानुदान पेश करेगी। इसमें जून 2024 तक के व्यय के लिए आवश्यक प्रावधान किया जाएगा। इसके बाद मानसून सत्र में पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार लेखानुदान के साथ ही वर्ष 2023-24 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इसमें आवश्यकता अनुसार विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल लोकसभा चुनाव के चलते पूर्ण बजट का टाला गया है। लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं, जिसकी आचार संहिता फरवरी या मार्च में लागू हो सकती है। इसलिए सरकार तीन से चार माह के खर्च के लिए लेखानुदान लेकर आएगी।
सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस-आप ने की बैठक, कांग्रेस सांसद बोले-दोबारा मिलकर लेंगे फैसला
8 Jan, 2024 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए सोमवार को बैठक की। बैठक के बाद कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक ने कहा कि चुनाव के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा, हमने आगामी चुनाव को लेकर कई बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की। बातचीत जारी रहेगी और हम दोबारा मिलेंगे और उसके बाद ही सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेंगे। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक और दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने इस बैठक में हिस्सा लिया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वासनिक, दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली और पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शिद और मोहन प्रकाश भी बैठक में मौजूद रहे।
करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में चौंकाने वाला फैसला, सुरेंद्र पाल को पहले ही बना दिया मंत्री यह हार भाजपा के लिए भी बड़ा झटका
8 Jan, 2024 12:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जयपुर । राजस्थान में करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में चौंकाने वाला फैसला आया है। यहां भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल की हार हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने जीत दर्ज की है। यह हार भाजपा के लिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि चुनाव से पहले ही पार्टी ने इन्हें भजन लाल सरकार में मंत्री बना दिया था।
कांग्रेस की पांच गारंटियों के लिए एक ही आवेदन, 1.05 करोड़ से अधिक लोग हुए शामिल
8 Jan, 2024 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद । तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई छह में से पांच गारंटी के लिए एक ही आवेदन भरने को कहा गया है। इसके तहत लाभ प्राप्त करने के लिए तेलंगाना सरकार को 1.05 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। नई सरकार के सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम प्रजा पालन के दौरान, जो 6 जनवरी को समाप्त हुआ, राज्य भर में 1.25 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। अधिकारियों के मुताबिक, सभी गांवों, कस्बों और शहरों में 1,25,84,383 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 1,05,91,636 आवेदन पांच गारंटियों के लिए थे। बाकी 19,92,747 आवेदन अन्य जरूरतों के लिए थे। 28 दिसंबर को शुरू हुआ यह कार्यक्रम 12,769 ग्राम पंचायतों और 3,623 नगरपालिका वार्डों में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कुल 1,11,46,293 घरों को कवर किया गया। जो लोग आवेदन जमा नहीं कर सके, वे बाद में ग्राम पंचायत और नगरपालिका वार्डों के कार्यालयों में आवेदन जमा कर सकते हैं। महालक्ष्मी, रायथु भरोसा, गृह ज्योति, इंदिरम्मा इंदलु और चेयुथा के कार्यान्वयन के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे। कांग्रेस की इन पांच गारंटियों के लिए एक ही आवेदन पत्र था। वहीं छठी गारंटी (युवा विकासम) के लिए शैक्षणिक संस्थानों में आवेदन बाद में प्राप्त किये जायेंगे
बता दें कि महालक्ष्मी के तहत प्रत्येक महिला को प्रति माह 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी जबकि 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाएगी। वहीं रायथु भरोसा गारंटी के तहत, प्रत्येक किसान को हर साल प्रति एकड़ 15,000 रुपये मिलेंगे। खेतिहर मजदूरों को सालाना 12,000 रुपये मिलेंगे। इंदिराम्मा इंदलु के तहत बेघरों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। तेलंगाना के शहीदों और तेलंगाना आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों के परिवारों को 250 वर्ग गज का घर आवंटित किया जाएगा। इसी तरह गृह ज्योति के तहत हर महीने 200 यूनिट बिजली हर परिवार को मुफ्त मिलेगी। इसके अलावा युवा विकासम के तहत, पार्टी ने सभी मंडलों में छात्रों और तेलंगाना अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों में से प्रत्येक के लिए 5 लाख रुपये के विद्या भरोसा कार्ड का वादा किया।
बता दें कि चेयुथा के तहत, वृद्धावस्था, विधवा, एकल महिलाओं जैसी विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थियों को 4,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। विकलांगों को हर महीने 6,000 रुपये मिलेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि रायथु बंधु और पेंशन योजनाओं के सभी मौजूदा लाभार्थियों को दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है। मुख्य सचिव ए शांति कुमार ने कहा है कि प्रजा पालन चार माह में एक बार आयोजित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जो लोग इस बार अपना आवेदन जमा नहीं कर सके, उन्हें एक और मौका मिलेगा। अधिकारियों ने 17 जनवरी तक सभी आवेदनों की डेटा एंट्री की व्यवस्था की है।
हरियाणा में सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करेगी कांग्रेस : हुड्डा
8 Jan, 2024 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में जारी सियासी घमासान के बीच राजनैतिक पार्टियों के नेता परस्पर विरोधी बयानबाजी कर रहे हैं। इस श्रृंखला में शनिवार को देखने को कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इसके साथ ही छह जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोड शो पर भी निशाना साधा। इस दिन जेपी नड्डा पंचकुला में रोडशो कर रहे थे।
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतने का दावा किया है। ऐसा ही दावा उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी किया था। जेपी नड्डा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जैसा भाजपा का हाल हिमाचल में कुछ महीनों पहले हुआ हरियाणा में भी वैसा ही होगा। कांग्रेस हरियाणा में सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने जा रही है।
उधर हरियाणा में लगातार कांग्रेस नेताओं के घर रेड की जा रही है जिस पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि लगातार ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। जनता भी मानती है कि भाजपा विपक्षी पार्टियों के नेताओं के घर ईडी की टीमें भेजकर संस्थान का दुरुपयोग कर रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की न्याय यात्रा बन सकती है चुनौती
8 Jan, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी की न्याय यात्रा चुनौती बन सकती है। गौरतलब है कि राहुल एक बार फिर भारत न्याय यात्रा निकालने जा रहे हैं। यह यात्रा करीब 11 दिन यूपी में रहेगी। जानकारों का कहना है कि उनकी यह यात्रा सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के लिए भी चुनौती बन सकती है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि इसके रूट प्लान से साफ है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति पर फोकस कर रहे हैं। वे इसी बहाने अमेठी भी लौट रहे हैं। यात्रा के दौरान सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष का भी ध्यान रहेगा कि राहुल गांधी का उत्तर और दक्षिण की राजनीति को लेकर जनता के बीच क्या स्टैंड है। इसके अलावा, अयोध्या में बने माहौल के बीच उन्हें सनातन पर भी अपना रुख स्पष्ट करना होगा। स्टालिन की पार्टी के गठबंधन की बात को भी उन्हें सही साबित करना है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का जो रूट मैप है, उसमें राहुल गांधी सबसे ज्यादा समय यूपी में गुजारेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार यूपी में वह 11 दिन में 1,074 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे। इस दौरान 20 जिलों की 23 लोकसभा सीटों को छुएंगे। राहुल गांधी यूपी में चंदौली से प्रवेश करेंगे और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी होते हुए अपने गढ़ अमेठी और रायबरेली पहुंचेगे। भारत न्याय यात्रा जिन राज्यों से होकर गुजरेगी, वहां कांग्रेस और इंडिया के सहयोगियों से सीटों का तालमेल एक बड़ी चुनौती है। कांग्रेस और इंडिया के सहयोगी दलों में शामिल दलों के बीच सीटों का तालमेल एक बड़ा मुद्दा हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रही उन्हीं 22 जिलों से राहुल गांधी की यात्रा गुजरेगी। इसी कारण कांग्रेस अपनी फोकस सीटों के रास्ते से राहुल गांधी को ले जाने का प्लान बनाया है।
इधर पूर्वांचल से लेकर अवध, रुहेलखंड से पश्चिमी यूपी और बृज क्षेत्र तक को मथने की रणनीति है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस की प्रदेश इकाई कई सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं गठबंधन से बात करने के लिए बनी समिति ने करीब दो दर्जन सीटें छांटी हैं, जिन पर वह मजबूत दावा पेश करेगी। साथ में यह भी कहा है कि भाजपा को हराने के लिए दोनों दल पूरी तरह साथ आएंगे तभी बात बनेगी। लेकिन यह साथ केवल कहने के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि सीटों में उसे भी बड़ी हिस्सेदारी देनी पड़ेगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी की मानें तो राहुल गांधी की पहले निकल चुकी भारत जोड़ो यात्रा ने पूरे देश में व्यापक असर डाला था। इस बार की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 दिन रहकर 1,074 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
पीएम मोदी बिहार से करेंगे लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज
8 Jan, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना/ नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत बिहार से कर सकते हैं। भाजपा सूत्रों ने बताया कि 13 जनवरी को पीएम चंपारण के बेतिया में रैली करेंगे। वे रमन मैदान में एक जनसभा भी करेंगे। इसी दिन वे झारखंड के धनबाद भी जा सकते हैं।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि 13 जनवरी को बेतिया में पीएम मोदी बिहार के विभिन्न सडक़ों और केंद्रीय योजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास कर सकते हैं। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बार होगा, जब भाजपा अपने सबसे पुराने सहयोगी जदयू के बिना चुनावी मैदान में उतरेगी। 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति के बाद भाजपा राज्य में कई जनसभाएं और रैलियां करेगी। खुद प्रधानमंत्री मोदी बेगूसराय, बेतिया और औरंगाबाद में तीन रैलियां करेंगे। पार्टी इस बार लोजपा और हम के साथ मिलकर 40 सीटों पर मैदान में होगी।
150 नए प्रत्याशी उतारेगी भाजपा
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा एक साथ कई फॉर्मूलों पर काम कर रही है। पार्टी में मौजूदा सांसदों के टिकट काटने से लेकर नए चेहरों को मौका देने तक पर मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आजादी के 100वें साल तक संसद में युवा प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए काम कर रही है। चुनाव में भाजपा 150 नए प्रत्याशी उतार सकती है। इनमें 41 से 55 साल की उम्र के प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होगी। भाजपा के एक महासचिव ने कहा कि पहली लोकसभा में 26 प्रतिशत सदस्यों की उम्र 40 से कम थी। बाद में संसद में युवा प्रतिनिधित्व कम होता गया। लोकसभा में तीन से 11 बार तक चुनाव जीतने वाले सांसदों की संख्या बढ़ती गई। इसे देखते हुए पार्टी दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके अलावा अपवाद को छोडक़र किसी को राज्यसभा दो बार से ज्यादा नहीं भेजा जाएगा। 80 प्रतिशत ऐसे लोगों को मौका मिलेगा जो कानून, चिकित्सा, विज्ञान, कला, आर्थिक मामले, तकनीक, पर्यावरण और भाषा के जानकार हों। दस सीट पर चुनाव हुए तो 2 ही ऐसे प्रत्याशी होंगे जो जातीय समीकरण या संगठन में योगदान के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे।
रायबरेली सीट पर भाजपा की नजर.....सोनिया के खिलाफ उतर सकती हैं अदिति सिंह
7 Jan, 2024 11:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर मुंबई तक जाएगी। यात्रा का सबसे अहम पड़ाव उत्तर प्रदेश होगा। कांग्रेस की ओर से शेयर रूट मैप के मुताबिक यूपी में यात्रा करीब 1000 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इसके तहत तीन अहम पड़ाव जिले की तीन सीटें वाराणसी, रायबरेली और अमेठी होंगी। इन सभी में जाकर कांग्रेस अलग-अलग संदेश देना चाहती है।
काशी से कांग्रेस यह संदेश देगी कि वह सीधे पीएम मोदी को चुनौती देने की स्थिति में है। इसके अलावा रायबरेली में वह अपने गढ़ को बरकरार रखने की कोशिश करेगी, जबकि अमेठी में वह अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस पाने का संकल्प लेगी। अमेठी से 2019 में राहुल गांधी हार गए थे, लेकिन संभव है कि इस बार अमेठी से ही राहुल गांधी फिर मैदान में उतरें।
इस बीच रायबरेली से भाजपा की तैयारियों की भी चर्चा जोरों से है। चर्चा है कि रायबरेली से भाजपा अदिति सिंह को उतार सकती है, जो लोकप्रिय हैं और महिला कार्ड भी उनके नाम पर चल जाएगा। अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह का भी जिले में अच्छा कद था और वह निर्दलीय ही विधायक चुने जाते थे। रायबरेली संसदीय सीट पर 2019 में सोनिया गांधी ने 1 लाख 67 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। यूं यह अंतर काफी है, लेकिन पहली बार उनकी जीत का अंतर इतना कम था। इसके पहले यह कम से कम 3 लाख तक रहता था। इसके बाद भाजपा इस अंतर को अपने लिए उम्मीद के तौर पर देख रही है। 2019 में भाजपा ने अमेठी सीट जीती ही थी और अब रायबरेली पर उसकी नजर होगी।
दरअसल सोनिया गांधी बीते 5 सालों में रायबरेली बहुत कम आई हैं। इतना ही नहीं उनकी गैरमौजूदगी में आने वालीं प्रियंका गांधी वाड्रा भी यहां नहीं दिख रही हैं। इसके चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले भी थोड़े गिरे हुए हैं। भाजपा के लोगों का कहना है कि हम इस बार रायबरेली में पूरा जोर लगाएंगे। रायबरेली, सलोन, हरचंदपुर सहित ज्यादातर विधानसभा सीटें भी भाजपा के पास ही हैं। इसकारण भाजपा को यहां उम्मीद की किरण दिख रही है। यहां से लोकसभा चुनाव में सपा कैंडिडेट नहीं देती है। यह भी कांग्रेस की जीत की एक वजह माना जाता है, क्योंकि जब वह विधानसभा चुनावों में कैंडिडेट देती है, तब कांग्रेस को झटका लगता है।
इस बीच कांग्रेस में एक चर्चा यह भी है कि रायबरेली से राहुल गांधी को ही उतारा जा सकता है, जबकि अमेठी में महिला बनाम महिला कार्ड के लिए प्रियंका को वहां स्मृति के मुकाबले भेजा जा सकता है। हालांकि यह सभी चर्चाएं स्थानीय स्तर पर ही चल रही हैं और आधिकारिक स्तर पर कुछ कहा नहीं जा रहा है। गौरतलब है कि यूपी में कांग्रेस ने 2009 के आम चुनाव में 22 सीटें जीती थीं, लेकिन 2014 में यह आंकड़ा 2 पर ही सिमट गया। फिर 2019 में तब रायबरेली के अलावा सब जगह हार मिली। अमेठी में राहुल गांधी भी हार गए और वह अब केरल की वायनाड लोकसभा सीट से ही सांसद हैं।
ओडिशा में पटनायक सरकार के खिलाफ कंधमाल कांड को धार देगी भाजपा
7 Jan, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भुवनेश्वर । ओडिशा में एक साथ होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से बमुश्किल कुछ महीने पहले, राज्य भाजपा ने विहिप नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की है, जिनकी उनके चार शिष्यों के साथ उनके आश्रम में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामला 23 अगस्त 2008 को कंधमाल जिले घटीत हुई थी। ओडिशा उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भाजपा ने मुद्दे को उठाकर पूछा कि इन हत्याओं की सीबीआई जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।
लक्ष्मणानंद सरस्वती कौन थे?
एक हिंदू संत और वीएचपी नेता, लक्ष्मणानंद सरस्वती अपनी हत्या के समय 84 वर्ष के थे। वह 1960 के दशक के अंत में आदिवासी बहुल कंधमाल जिले में आए थे और चकापाड़ा में एक आश्रम स्थापित किया था। उन्होंने क्षेत्र में आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए काम किया। उन्होंने आदिवासी लड़कियों को शिक्षित करने के लिए सुदूर इलाके जलेसपेटा में कन्याश्रम (आवासीय लड़कियों के स्कूल) की स्थापना की। उन्होंने इस संबंध में जिले के विभिन्न हिस्सों का दौरा करते हुए विभिन्न ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासियों के धर्मांतरण के खिलाफ एक अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने गौहत्या के विरुद्ध अभियान का भी नेतृत्व किया। 23 अगस्त, 2008 को, अज्ञात बंदूकधारियों ने लक्ष्मणानंद के जलेस्पेटा आश्रम पर हमला किया और उनके चार शिष्यों के साथ उनकी गोली मारकर हत्या कर दी, जब वहां के निवासी जन्माष्टमी उत्सव मना रहे थे। लक्ष्मणानंद को पहले कथित तौर पर कई गुमनाम धमकियां मिली थीं।
लक्ष्मणानंद की हत्या से कंधमाल जिले में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें करीब 38 लोगों की जान चली गई, जबकि 25,000 से अधिक लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा। हिंसा के दौरान कई चर्चों, प्रार्थना कक्षों और घरों को आग लगा दी गई या क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद, 2009 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों से ठीक एक महीने पहले, पटनायक ने भाजपा से नाता तोड़कर अपना गठबंधन समाप्त कर दिया।
जांच पैनल का गठन
8 सितंबर, 2008 को, पटनायक सरकार ने लक्ष्मणानंद की हत्या और उसके बाद हुए दंगों की घटनाओं और परिस्थितियों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरत चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया। पैनल ने 2009 में राज्य सरकार को 28 पन्नों की अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। न्यायमूर्ति महापात्र के निधन के बाद, पटनायक सरकार ने एक और सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएस नायडू को आयोग का प्रमुख नियुक्त किया, जिसने दिसंबर 2015 में सरकार को 1,000 पन्नों से अधिक की रिपोर्ट सौंपी। दोनों पैनलों की रिपोर्ट सरकार द्वारा सार्वजनिक नहीं की गई है।
वहीं विपक्ष के नेता जया नारायण मिश्रा ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2007 में हमला होने के बाद भी पटनायक सरकार ने कथित तौर पर लक्ष्मणानंद को सुरक्षा प्रदान नहीं की थी। मिश्रा ने आरोप लगाया कि संत के सुरक्षाकर्मी छुट्टी पर थे जब 23 अगस्त 2008 की रात उनकी हत्या कर दी गई। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पटनायक सरकार पर वीएचपी नेता के असली हत्यारों को पकड़ने में विफल होने का आरोप लगाते हुए, भाजपा इसे आगामी चुनावों में एक मुद्दा बनाने के लिए तैयार है। इसके भाजपा का हिंदुत्व कार्ड भी राज्य में धार पकड़ेगा।
संसद में मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया, इसलिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकला रहे : खरगे
7 Jan, 2024 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाल रही है क्योंकि मोदी सरकार ने संसद में मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया। खरगे ने कहा, ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के बुनियादी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा कि इंडिया’ के नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों को भी मार्च में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनाव से पहले आयोजित की जा रही यात्रा 66 दिनों में 110 जिलों, 100 लोकसभा क्षेत्रों और 337 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जिसकी शुरुआत मणिपुर की राजधानी इंफाल से होगी। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। यह पूछने पर कि क्या वह 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होगी, खरगे ने कहा कि उन्हें समारोह के लिए निमंत्रण मिला है और वह बहुत जल्द इस पर फैसला लिया जाएगा।
कांग्रेस के लिए टीएमसी का दिल खुला....फैसला सोनिया गांधी को करना
7 Jan, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकत्ता । तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के लिए उसका ‘‘दिल खुला’’ है लेकिन अगर बातचीत विफल रहती है, तब वह अपने दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सीट बंटवारे के बारे में कांग्रेस के स्थानीय नेता क्या सोच रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अंतिम निर्णय दोनों दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नेता ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस के लिए हमारा दिल खुला है। अब पश्चिम बंगाल में गठबंधन होगा या नहीं, इसका फैसला सोनिया गांधी और ममता बनर्जी करेंगी।
टीएमसी नेता की यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के उस बयान के दो दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी से सीट की भीख नहीं मांगेगी। तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में गठबंधन के लिए तैयार है लेकिन जरूरत पड़ने पर वह अपने दम पर लड़ सकती है।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने इसके पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों के बीच गठबंधन का भरोसा जताया था। इस ‘प्रस्ताव’ को उनकी धुर विरोधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तत्काल खारिज कर दिया था और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसकी आलोचना की थी। कुछ दिन बाद, उन्होंने दोनों दलों पर भाजपा के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाकर कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस ही है जो पश्चिम बंगाल में भगवा गुट का मुकाबला करेगी।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अदालत से राहत मिली, आप नेता को कोर्ट ने खुद जाकर नॉमिनेशन भरने की छूट दी
6 Jan, 2024 06:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अदालत से राहत मिली है। शराब नीति मामले में गिरफ्तार आप नेता को कोर्ट ने खुद जाकर नॉमिनेशन भरने की छूट दी है। इससे पहले पार्टी ने शुक्रवार को संजय सिंह और एनडी गुप्ता को फिर से राज्यसभा में नामित किया। इसके अलावा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था।
दो राज्यसभा सांसद फिर से नामित
आम आदमी पार्टी ने दो मौजूदा सदस्यों को फिर से नामित किया है। सुशील कुमार गुप्ता ने हरियाणा की चुनावी राजनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगे। राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल उनका जनवरी महीने के अंत में समाप्त हो जाएगा। इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरेस्ट संजय सिंह को अदालत ने राज्यसभा सदस्य के तौर पर दोबारा नामांकन के लिए डॉक्टूमेंट्स पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी।
चुनावी तैयारी में जुटी कांग्रेस ने बनाए 5 क्लस्टर,मेवानी स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल
6 Jan, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी अपनी तैयारियों में जुट गई है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी महिला विंग और छात्र विंग के नए अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पार्टी में 5 क्लस्टर आधारित स्क्रीनिंग कमेटी भी बनाई हैं।पार्टी ने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की जिम्मेदारी दिल्ली की तेजतर्रार नेता और पूर्व विधायक अलका लांबा को सौंपी है। पहले से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि नेट्टा डिसूजा के बाद ये महिला कांग्रेस की कमान अलका को मिल सकती है, जबकि नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के नए अध्यक्ष के रूप में वरुण चौधरी को चुना गया है।
अलका लांबा का राजनीतिक करियर साल 1994 में शुरू हुआ था। उन्हें कांग्रेस के छात्र संगठन में कन्वेनर का पद मिला था। इसके बाद अलका लांबा एनएसयूआई की अध्यक्ष भी बनीं। इसके बाद उन्हें महिला कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी भी बनाया गया।अलका लांबा, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में भी रह चुकी हैं। वह चांदनी चौक विधानसभा सीट से आप की टिकट पर चुनाव जीती थीं। हालांकि बाद में उन्होंने साल 2020 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर चांदनी चौक सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगामी आम चुनावों के लिए क्लस्टर आधारित स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन भी किया है। इसके लिए पार्टी की ओर से देश को 5 क्लस्टर में बांटा है। क्लस्टर-1 में - तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप, पुडुचेरी को शामिल किया गया है। इसकी जिम्मेदारी हरीश चौधरी को दी गई है। जबकि सदस्य के तौर पर विश्वजीत कादम, जिग्नेश मेवानी को शामिल किया गया है। इसी तरह क्लस्टर-2 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को शामिल किया गया है जिसका अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री और सूरज हेगड़े, शफी परम्बिल को सदस्य बनाया गया है।क्लस्टर-3 में गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली को लिया गया है अध्यक्ष रजनी पाटिल और सदस्य: कृष्णा अल्लवरु, परगट सिंह को बनाया गया है। क्लस्टर- 4 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख है और भक्त चरण दास को अध्यक्ष तथा सदस्य नीरज दांगी, यशोमती ठाकुर को नियुक्त किया है। क्लस्टर-5 में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम शामिल हैं जिसका अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह को बनाया गया है जिसमें जयवर्धन सिंह, इवान डीसूजा सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे।
ममता की धरती पर केंद्रीय मंत्री ने दी चुनौती, बोले- लोकसभा चुनाव से पहले लागू करेंगे सीएए
6 Jan, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार घोषणा कर चुकी है कि किसी भी हाल में उनके राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री का बयान आया है कि लोकसभा चुनाव से पहले हर हाल में बंगाल में सीएए लागू करेंगे। अब दोनों ही तरफ से सीएए को लेकर घमासान शुरु हो गया है।
लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) नियमों की अधिसूचना जारी होने की खबरों के बीच केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि चुनाव से पहले सीएए लागू हो जाएगा। हावड़ा के बाली इलाके में विकसित भारत संकल्प यात्रा में हिस्सा लेने आए बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने पत्रकारों द्वारा सीएए को लेकर पूछे गए सवाल पर स्पष्ट कहा कि इसे लेकर कोई संशय नहीं है। लोकसभा चुनाव के पहले ही पूरे देश में सीएए लागू हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनेगी। दूसरी तरफ, बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य में सीएए किसी हाल में लागू नहीं होगा। तृणमूल की वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मंत्री डा शशि पांजा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं। बता दें कि केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सीएए के नियम लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले अधिसूचित किए जाएंगे।
इससे पहले पिछले माह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोलकाता दौरे में दोहराया था कि सीएए का क्रियान्वयन होकर रहेगा, क्योंकि यह देश का कानून है।
ईडी की टीम पर हुए हमले को लेकर भड़के केंद्रीय मंत्री बोले-पश्चिम बंगाल में किमजोंग जैसी सरकार
6 Jan, 2024 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। हाल ही में राशन घोटाले की जांच करने पश्चिम बंगाल पहुंची ईडी की टीम पर हमला हुआ था। इस हमले में कई अफसर घायल हुए थे। इस मामले ने अब सियासी रंग ले लिया है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने गुस्से में यहां तक कह दिया की पश्चिम बंगाल में उत्तर कोरिया की किम जोंग जैसी तानाशाही वाली सरकार चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में लोकतंत्र स्पष्ट रूप से अनुपस्थित है। ऐसा प्रतीत होता है कि ममता बनर्जी उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जैसी सरकार का नेतृत्व कर रही हैं।पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र जैसा कुछ नहीं है। ऐसा लगता है कि वहां किम जोंग-उन की सरकार है। अधीर रंजन ने कहा है कि अगर हत्या भी हो जाए तो कोई नई बात नहीं होगी। यह ममता बनर्जी का लोकतंत्र है। इस बीच टीएमसी के साथ इंडिया गठबंधन में सहयोगी कांग्रेस ने भी ममता बनर्जी शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करके उस पर कड़ा प्रहार किया। पश्चिम बंगाल के प्रभारी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में अब कानून व्यवस्था चरमरा गई है उन्होंने कहा कि अगर टीएमसी शासित राज्य में अधिकारियों की हत्या हो जाए तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।
बता दें कि जांच एजेंसी की एक टीम पर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में उस समय हमला किया गया और उसके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जब वह कथित राशन घोटाले के सिलसिले में टीएमसी के ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी शाहजहां शेख और शंकर अद्या और उनके रिश्तेदारों के घर पर छापा मारने पहुंची थी। सजहान को राज्य मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का करीबी सहयोगी माना जाता है। उन्हें करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।बड़ी संख्या में टीएमसी सदस्यों और समर्थकों ने ईडी अधिकारियों का घेराव किया और उनके साथ धक्का-मुक्की की। अधिकारियों को अपने क्षतिग्रस्त वाहनों को वहीं छोड़ने और ऑटोरिक्शा और दोपहिया वाहनों से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी अधिकारियों पर हमले की निंदा करते हुए इसे खतरनाक, निंदनीय और भयानक घटना बताया है।उन्होंने कहा, यह एक भयानक घटना है। यह चिंताजनक और निंदनीय है। लोकतंत्र में बर्बरता को रोकना एक सभ्य सरकार का कर्तव्य है। यदि कोई सरकार अपने मूल कर्तव्य में विफल रहती है, तो भारत का संविधान अपना काम करेगा। उचित कार्रवाई के लिए मेरे सभी संवैधानिक विकल्प आरक्षित हैं। इस चुनाव पूर्व हिंसा का शीघ्र अंत होना चाहिए। यह उस अंत की शुरुआत है। उन्होंने कहा, बंगाल कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है। सरकार को लोकतंत्र में बर्बरता बंद करनी चाहिए।