धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
शनिदेव की पाना चाहते हैं कृपा, तो आज करें ये उपाय
25 Feb, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धार्मिक तौर पर हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है। वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनि महाराज की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। भक्त इस दिन भगवान की पूजा आराधना करते है और व्रत रखते है।
लेकिन इसके साथ ही अगर श्री शनि कवच का संपूर्ण पाठ किया जाए तो साधक को अधिक लाभ मिलता है और शनि कृपा से जीवन के कष्टों का अंत हो जाता है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है श्री शनि कवच पाठ।
श्री शनि कवच-
विनियोग
अस्य श्रीशनैश्चर कवच स्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषि:,
अनुष्टुप् छन्द: शनैश्चरो देवता, श्रीं शक्ति: शूं कीलकम्,
शनैश्चर प्रीत्यर्थे पाठे विनियोग: ।
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।
चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:॥
श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।
कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ॥
कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।
शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ॥
ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।
नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ॥
नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।
स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ॥
स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।
वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ॥
नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।
ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ॥
पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।
अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ॥
इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।
न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ॥
व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।
कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ॥
अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ॥
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।
जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ॥
अपनी संतान की सलामती के लिए आज हर मां करे ये पूजा और पढ़े कथा
25 Feb, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Skand Shashthi 2023: स्कंद षष्ठी का दिन महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है। दक्षिण भारत में इस व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन माताएं संतान की लम्बी आयु और उनकी इच्छा पूर्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। आज के दिन समस्त शिव परिवार की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करने से संतान के जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर भाग जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति सुख-समृद्धि, समाज में मान-प्रतिष्ठा चाहता है तो ये व्रत उन लोगों के लिए बहुत खास है लेकिन शायद ही कई लोगों को इस व्रत की कथा पता है। तो आइए जानते हैं क्यों रखा जाता है ये व्रत और क्या है इसके पीछे की कथा।
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Skanda Sashti katha स्कंद षष्ठी कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती के भस्म होने के बाद भगवान शिव वैरागी हो गए। इस वजह से सारी सृष्टि शक्तिहीन हो गई। इस बात का फायदा उठाकर तारकासुर नामक दैत्य ने अपना आंतक मचाना शुरू कर दिया। उसने सारे देवताओं को युद्ध में हरा दिया। स्वर्ग, धरती हर जगह उसका साम्राज्य फैलने लगा।
इस प्रकोप से बचने के लिए सारे देवता ब्रह्मा जी के पास मदद मांगने पहुंचे। तब ब्रह्मा जी ने कहा कि सिर्फ शिव पुत्र ही इसका अंत कर सकेगा। पार्वती की तपस्या के बाद शिव और शक्ति के मिलन का दिन आया और उसके बाद कार्तिकेय का जन्म हुआ। ब्रह्मा जी के कथन के अनुसार भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया और देवताओं को उसके चंगुल से छुड़ा लिया।
कहते हैं षष्ठी तिथि पर कार्तिकेय का जन्म हुआ था इसलिए आज के दिन स्कंद षष्ठी का त्यौहार मनाया जाता है और कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
Skanda Shashti Puja Method स्कंद षष्ठी पूजा विधि: पूजा के समय कार्तिकेय जी के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें। अपना मुंह दक्षिण दिशा की तरफ रखें। घी, दही, जल, पुष्प से पूजा करें और कलावा, हल्दी, अक्षत, चंदन, इत्र कार्तिकेय जी को चढ़ाएं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (25 फरवरी 2023)
25 Feb, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- व्यवसाय मंद रहेगा, कुछ चिंताएं संभव होवेगी, मनोबल उत्साह वर्धक रहेगा।
वृष राशि :- धन का व्यय एवं चिंता बनी रहेगी एवं किसी के आरोप से बचकर चलेंगे ।
मिथुन राशि :- स्त्री वर्ग से कष्ट, चिंता व्यवसायी कार्यो में आरोप होगें, धन से हानि होवेगी।
कर्क राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहेगा, तथा मान प्रतिष्ठा के योग अवश्य बनेंगे।
सिंह राशि :- स्वभाव में क्लेश व अशांति होगी, अधिकारियों के आचरण से दुखी होंगे।
कन्या राशि :- परिश्रम से आप सफल होंगे, सफलता में आपकी योजना पूर्ण अवश्य होगी।
तुला राशि :- भोग विलास, ऐश्वर्य की प्राप्ति, कार्य गति उत्तम, सफलता के साधन होवेंगे।
वृश्चिक राशि :-किसी का कार्य बनने से मनोबल ऊंचा होवेगा, तनाव क्लेश व अशांति होवेगी।
धनु राशि :- झूठे आरोप असमंजस क्लेशयुक्त रखें, तनाव तथा शरीर में कष्ट होवेगा।
मकर राशि :- दूसरों के कार्यो में वृथा समय नष्ट न करें, तनाव क्लेश व क्रोध होवेगा।
कुंभ राशि :- धन लाभ होगा, बिगड़े हुए कार्य बनेंगे, आशानुकूल सफलता का हर्ष बनेगा।
मीन राशि :- कार्यगति सामान्य होने से आर्थिक योजना पूर्ण होवेगी, मन में संतोष होगा।
नि:स्वार्थ भाव से करें दान
24 Feb, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में दान का अपना महत्व है। दान देने से जो वास्तविक आनंद प्राप्त होता ही है, मनुष्य के जीवन में उसका महत्व सबसे ज्यादा है। दान भी अलग-अलग तरह का होता है। किसी व्यक्ति को शिक्षित करना, आर्थिक रूप से उसकी मदद करना, भूखे को भोजन कराना, भटके हुए को सही मार्ग दिखाना, जरूरतमंद की मदद करना सभी दान के ही रूप हैं। हां, दान करते समय मन की धारणा अवश्य सच्ची होनी चाहिए। केवल दिखावे के दान से उसका पुण्य नहीं मिलता। दान वह होता है जो नि:स्वार्थ भाव से दिया जाता है।’
दान भी धर्म का ही एक रूप है। दान से बढ़कर और कोई धर्म नहीं है। जो व्यक्ति नि:स्वार्थ भाव और प्रेम से दान करता है वह उत्तम पुरुष है। प्रभु ने हाथ इसलिए बनाए हैं ताकि इनके माध्यम से हम नेक कर्म करें।दान देने से व्यक्ति का धन, मान-सम्मान और ज्ञान बढ़ता ही है। दान से प्राप्त आनंद श्रेष्ठ होता है जो जीवन में सुख देता है।
भक्तों पर कृपा-दृष्टि भी रखते हैं शनिदेव
24 Feb, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आम तौर पर लोग शनि देव के प्रकोप से भयभीत रहते हैं। लोगों के मन में भय रहता है कि जाने,अनजाने कहीं शनि भगवान नाराज न हो जाए। शनिदेव का नाराज होना वाकई कष्टदायी हो सकता है। शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो रंक को राजा वहीं क्रोधित हो जाएं तो राजा को रंक बनने में देर नहीं लगती है। इसलिए लोग शनिदेव को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं हालांकि ऐसा नहीं है कि शनिदेव सिर्फ भयभीत करते हैं, शनिदेव अपने भक्तों पर पूरी कृपा-दृष्टि भी रखते हैं। समस्त 9 ग्रहों में सिर्फ शनि ही कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह तरह के उपाय अपनाते हैं। शनिदेव की खास बात यही है कि वह कर्म के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं। मान्यता है कि जिनके कर्म पवित्र होते हैं, शनिदेव उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। साथ ही बुरे कर्म वालों को सबक भी सिखाते हैं। शनिदेव गरीब और असहाय लोगों पर दया दृष्टि रखते हैं। अगर किसी की कुंडली में शनिदोष है तो उस व्यक्ति को शनिवार के दिन कुछ बातों का खास रखना चाहिए।
कर्मों का फल देते हैं शनिदेव
जो लोग हमेशा दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं ऐसे लोगों पर शनि की महान कृपा रहती है। ये एक राशि में तीस महीने तक रहते हैं तथा मकर और कुंभ राशि के स्वामी माने जाते हैं। शनि की महादशा 19 वर्ष तक रहती है। शनि प्राणियों को सभी कर्मों का फल प्रदान करते हैं।
इस तरह शनिदेव रखते हैं लेखा-जोखा
शनि में पृथ्वी से 95वें गुना ज्यादागुरुत्वाकर्षण कर्षण शक्ति मानी जाती है। कहा जाता है कि इसी गुरुत्व के चलते हमारे अच्छे और बुरे विचार चुंबकीय शक्ति के माध्यम से शनि तक पहुंचते हैं, कर्मों के अुसार, जिनका परिणाम भी जल्द मिलता है।
सत्कर्मी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते
यदि कोई मनुष्य किसी के साथ छल, धोखा-धड़ी, अन्याय और अत्याचार नहीं करता है अर्थात दुष्कर्म नहीं करता है तो शनि आपको कभी हानि नहीं पहुंचा सकते हैं। शनि सत्कर्मी पुरुष को कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए शनिदेव को कर्मों का देवता कहा जाता है, क्योंकि अच्छे कर्म करने पर अच्छा और बुरा करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं।
शिव की कृपा से देते हैं शुभ अवसर
मान्यता है कि भगवान शिव से शनिदेव को समस्त जनों को उनके किए गए कर्मों के आधार पर फल देने का वरदान मिला था। जिस वजह से शनि देव समस्त प्राणियों को उनके द्वारा पूर्व एवं वर्तमान काल में किए गए बुरे कर्मों के अनुसार ही जीवन में रोग, चिंता, अपयश, दुख, कष्ट आदि दंड प्रदान कर सत्कर्म करने का अवसर देते हैं।
सादा दूध या दही नहीं पीना चाहिए
शनिवार के दिन कुछ खास उपाय अपनाकर शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन दूध या दही का कभी सादा नहीं खाना चाहिए। इसमें हल्दी या गुड़ मिलाकर पीना लाभकारी होता है।
खट्टा नहीं खाना चाहिए
शनिवार के दिन आम का अचार खाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल कच्चा आम स्वाद में खट्टा और कसैला होता है और शनि कसैली खाद्य पदार्थों के शत्रु माने गए हैं। शनिवार के दिन लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं हालांकि काली मिर्च का प्रयोग जरूर करना चाहिए। शनिवार से भोजन में काली मिर्च व काले नमक का अवश्य प्रयोग शुरू करना लाभदायी होता है।
चना, उड़द और मूंग का करें प्रयोग
शनिवार के दिन चना, उड़द और मूंग की दाल तो खाई जा सकती है, लेकिन मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए। यह मंगल से प्रभावित होने के चलते शनि की क्रूर दृष्टि को बढ़ाती है। जिससे हानि होने की संभावना रहती है।
मदिरापान से होता है यह नुकसान
शनिवार के दिन मदिरा का सेवन करने से कुंडली में शुभ शनि होने के बावजूद भी शनि का शुभ फल नहीं मिलता है। साथ ही दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाती है।
करें ये विशेष उपाय
शनिवार से काले घोड़े के पैर की मिट्टी काले कपड़े में ताबीज के रूप में गले में बांधकर धारण करें। शनि का विशेष अनुकूल फल प्राप्त होगा।
शनि को इस तरह करते हैं प्रसन्न
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और सरसों के तेल का दीया जलाने से प्रसन्न किया जा सकता हैं। शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ शनि चालीसा का पाठ विशेष फल देने वाला होता है।
इस तरह बरसाते हैं कृपा
शनिदेव के लिए कहा जाता है कि वह पक्षपात से रहित निर्णय देते हैं। यदि वह पाप कर्म की सजा देते हैं तो सत्कर्मी पुरूष को सभी सुविधाएं और वैभव भी प्रदान करते हैं। जो भी सच्ची श्रद्धा से उनकी पूजा अर्चना करते हैं वह पाप के मार्ग जाने से भी बच जाते हैं। यदि कभी आपसे कोई पाप कर्म हुआ हो तो उसके लिए शनि देव से क्षमा याचना मांग लेनी चाहिए।
व्रत के साथ करने चाहिए ये सभी काम
शनिवार को उपवास रखने से, किसी कमजोर वर्ग का शोषण न करने से, पक्षियों को दाना डालने, व्यभिचार से बचने वाले, माता-पिता व बड़ों का सम्मान करने वाले लोगों से शनि सदैव प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोगों के कष्टों को दूर करते हुए मनोकामना पूरी करते हैं।
दान से भी मिलता है लाभ
शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए शनिवार के दिन काले तिल, काले जूते, छतरी, कंबल, काले पुष्प, वस्त्र, नीलम, भैंस, सरसों का तेल, लोहा आदि का दान करना चाहिए।
घर में सौभाग्य के लिए लगाये शमी का पेड़
24 Feb, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राचीन मान्यता है कि शमी का पेड़ घर में सौभाग्य लाता है। शमी का पेड़ लगाने से उसमें रहने वालों पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। रोजाना पूजा के वक्त उन्हें यह फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकटों से दूर रहते हैं। शमी का पेड़ आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है।
ईशान कोण में लगायें
शमी के पौधे को घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर कोने में लगाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इनमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्व भी छिपा होता है। न्याय के देवता शनि को प्रसन्न करने के लिए भी शमी के पेड़ का प्रयोग किया जाता है। हर शनिवार को शमी के पेड़ की जड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। वैसे तो शनि के प्रभाव में पीपल का वृक्ष भी आता है। परंतु पीपल के वृक्ष की विशालता के कारण इसे घर के अंदर लगा पाना संभव नहीं हो पाता है। इस कारण आप घर में शमी का पेड़ लगा सकते हैं।
नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करता है
शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र, मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के फूल, पत्ते, जड़ें, टहनी और रस का प्रयोग शनि संबंधी दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में शमी के वृक्ष का प्रयोग गुणकारी औषधि के रूप में भी किया जाता है। पुराणों में भी शमी के वृक्ष का वर्णन देखने को मिलता है। मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम ने भी शमी के पेड़ की पूजा की थी। हर शनिवार शमी के पत्ते शनिदेव को चढ़ाने से शनि के दोष कम होते हैं।
भगवान शिव और गणेश को हैं प्रिय
मान्यता है कि शमी भगवान शिव और गणेश को भी अति प्रिय है। सोमवार के दिन भगवान शिव का शनि के पत्ते को पुष्प चढ़ाने से लाभ होगा। गृहस्थ लोगों के जीवन में सुख-शांति आती है। वहीं गणेशजी को बुधवार के दिन दूर्वा के साथ आप शमी के पुष्प अर्पित करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में कभी पैसों की तंगी नहीं आती और मां लक्ष्मी का वास सदैव बना रहता है। एक मान्यता में यह भी बताया गया है कि पांडवों ने अज्ञातवास के वक्त शमी के पेड़ की जड़ में ही अपने अस्त्र-शस्त्र छिपा दिए थे, इसलिए शमी के पेड़ को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।
सूर्य देव उपासना से पूरे होंगे सभी काम
24 Feb, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रविवार के दिन सूर्य देव की आराधाना से मान सम्मान मिलता है। इस दिन व्रत रखने से सूर्यदेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अगर आपके मन में कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं हैं, तो आप उनको पूरा करने रविवार का व्रत करें। सूर्य देव की कृपा के लिए रविवार का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि ये व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है। रविवार का दिन सूर्य उपासना के लिए सर्वोत्तम है। ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन सूर्य की पूजा विशेष फलदाय़ी होती है1 इससे मान-सम्मान और तेज की प्राप्ति होती है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के उपाय।
तांबे के लोटे में जल लें
उसमें लाल फूल, चावल डालें
प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते रहें
भगवान सूर्य को अर्घ्य दें
अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होंगे
सूर्य पूजा के नियम-
रोजाना सूर्योदय से पहले शुद्ध होकर स्नान कर लें
इसके बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें
संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें
सूर्य देव की कृपा से मिलेगी हृदय रोग से मुक्ति-
जल में लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें
सूर्य देव को गुड़ का भोग लगाएं, लाल चन्दन की माला अर्पित करें
ॐ आदित्याय नमः का जाप करें
पूजा के उपरान्त माला को गले में धारण करें
शत्रुओं पर विजय दिलाएंगे सूर्य देव-
रविवार के दिन उपवास रखें, नमक न खाएं
स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें.
सूर्य की रौशनी में बैठकर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें
- विजय प्राप्ति की प्रार्थना करें
सूर्य देव देंगे मान-सम्मान
जल में रोली, चन्दन और फूल मिलाएं
इसे सूर्य देव को अर्पित करें
ताम्बे का एक चौकोर टुकड़ा भगवान सूर्य को अर्पित करें
ॐ भास्कराय नमः का जाप करें
इसके बाद तांबे का चौकोर टुकड़ा अपने पास रख लें
रविवार के दिन करें ये महा उपाय-
भगवान सूर्य को गुड़हल या आक के फूल अर्पित करें
गेंहू, गुड़ और ताम्बे के बरतनों का दान करें
उपवास रखें या सात्विक आहार ग्रहण करें
रविवार को माणिक्य पहनें, विशेष लाभ होगा
हस्तरेखा से जानें धन योग
24 Feb, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आपके हाथ की रेखाएं भी काफी कुछ बताती हैं। ज्योतिष और हस्तरेखा के अनुसार रेखाएं यह भी बताती हैं कि वह धनवान बनेगा या नहीं। इस बात में कुछ सच्चाई तो है कि आपके हाथ की लकीरें आपकी किस्मत का हाल बताती हैं। इन लकीरों में किस्मत से जुड़े कई रहस्य निहित रहते हैं। ज्यादातर लोग यही जानना चाहते हैं कि उनके जीवन में धन की क्या स्थिति रहेगी। आज हम आपको हाथ की रेखाओं से जुड़े उन संकेतों के बारे में बताएंगे जिनसे जीवन में धन की स्थिति के बारे में पता चलता है।
अचानक मिलता है लाभ
यदि आपकी हथेली भारी और उंगलियों का आधार एकसमान होता है, साथ ही भाग्यरेखा एक से अधिक हो तो यह भाग्य में एक से अधिक धन प्राप्ति के साधन और लाभ का संकेत देता है। ऐसे व्यक्तियों को अचानक लाभ मिलता है।
व्यवसाय में होता है नाम
किसी मनुष्य की भाग्य रेखा हथेली में मोटी से पतली होती प्रतीत हो और जीवन रेखा गोल और शनि पर्वत ऊंचा हो तो व्यक्ति व्यवसाय में खूब पैसा अर्जित करता है और धनवान रहता है।
पैतृक संपत्ति से होता है लाभ
यदि किसी व्यक्ति की जीवन रेखा के साथ मंगल रेखा चल रही हो और हथेली भारी हो तो यह इस बात का संकेत है कि वह व्यक्ति करोड़पति बन सकता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को अपनी पुश्तैनी संपत्ति से भी बड़ा लाभ मिलता है।
विदेश में मिल सकता है धन
हाथ की हथेली में भाग्य रेखा अगर जीवन रेखा से दूर और चंद्र पर्वत से एक पतली रेखा निकलकर भाग्यरेखा से मिलती प्रतीत हो तो व्यक्ति विदेश में रहकर खूब धन यश कमा सकता है। ऐसे लोगों का भाग्योदय शादी के बाद होता है।
धनवान बनाती है यह रेखा
किसी व्यक्ति की हथेली में चंद्रमा से एक रेखा जाकर भाग्यरेखा से मिले लेकिन भाग्य रेखा पतली प्रतीत हो और सीधे शनि पर्वत पर खत्म हो रही तो यह आपके करोड़पति बनने की सूचक होती है।
तिल बनाता है करोड़पति
किसी व्यक्ति के हाथ की उंगलियां सीधी हो और जीवन रेखा गोल आकार में हो साथ ही शुक्र पर्वत पर तिल का निशान हो तो आप निश्चित ही बहुत धन कमाएंगे।
त्रिकोण का निशान देता है यह संकेत
किसी व्यक्ति के हाथ में भाग्य रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क से त्रिकोण का निशान बनता हो तो वह आगे चलकर अमीर आदमी बनता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (24 फरवरी 2023)
24 Feb, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्थिति नियंत्रण में रखें, अचानक दूसरों के कार्यों में सहयोग न करें अन्यथा हानि होगी।
वृष राशि :- मानसिक उदासीनता, असमंजस की स्थिति बनेगी, कार्य अवरोध तथा कार्य में ध्यान दें।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटायें, धन लाभ, आशानुकूल सफलता से प्रसन्नता अवश्य होगी।
कर्क राशि :- संघर्ष बना रहेगा, भावनायें मन को उद्विघ्न रखेंगी, ध्यान पूर्वक कार्य करें।
सिंह राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल होगा, बिगड़े हुये कार्य अवश्य ही बनेंगे, समय का ध्यान रखें।
कन्या राशि :- अर्थ-व्यवस्था में अनुकूलता, इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, समय का लाभ अवश्य लें।
तुला राशि :- असमर्थता व असमंजस की स्थिति बनेगी, धन का व्यय अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा, इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे।
धनु राशि :- सभी का समर्थन फलप्रद होगा, आर्थिक योजना में लाभ अवश्य होगा ध्यान दें।
मकर राशि :- सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि तथा क्रोध बढ़ेगा, धैर्य पूर्वक कार्य करेंं।
कुंभ राशि :- आवश्यकता के अनुरूप चिन्ता से मुक्त होंगे, परिश्रम से कार्य करने पर ही लाभ होगा।
मीन राशि :- किसी के अरोप से बचें, प्रत्येक कार्य में बाधा होगी, सावधानी से कार्य करें।
Holashtak 2023: होलाष्टक में क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए
23 Feb, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस बार एकादशी दो दिन रहने के कारण होलाष्टक 8 की बजाय 9 दिनों का रहेगा। 27 फरवारी से प्रारंभ होकर 7 मार्च होलिका दहन के दिन यह होलाष्टक समाप्त होगा। होलाष्टक के इन दिनों के अशुभ मानकर कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। आओ जानते हैं सावधानियों के साथ कि होलाष्टक के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
होलाष्टक के दिन क्या करना चाहिए- Holashtak me kya karna chahiye :
1. होलाष्टक में पूजा-पाठ करने और भगवान का स्मरण भजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
2. मान्यता है कि होलाष्टक में कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
3. होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करना चाहिए जिससे आर्थिक संकट समाप्त होकर कर्ज मुक्ति मिलती है।
4. होलाष्टक के दौरान भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा करना चाहिए।
5. होलाष्टक के दौरान श्रीकृष्ण की की पूजा के साथ ही इस दौरान लड्डू गोपाल का पूजन कर संतान गोपाल मंत्र का जाप या गोपाल सहस्त्र नाम पाठ करवा कर अंत में शुद्ध घी व मिश्री से हवन करेंगे तो शीघ्र संतान प्राप्ति होती है।
6. होलाष्टक के दौरान किए गए व्रत और दिए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
7. रोग से बचने के लिए शिव पूवा और महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान प्रारम्भ करवाएं, बाद में हवन करें।
8. विजय प्राप्ति हेतु आदित्यहृदय स्त्रोत, सुंदरकांड का पाठ या बगलामुखी मंत्र का जाप करें।
9. परिवार की समृद्धि, सुख शांति हेतु रामरक्षास्तोत्र, हनुमान चालीसा व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
10. अपार धन-संपदा के लिए गुड़, कनेर के पुष्प, हल्दी की गांठ व पीली सरसों से हवन करें।
11. करियर में चमकदार सफलता के लिए जौ, तिल व शकर से हवन करें।
12. कन्या के विवाह हेतु-कात्यायनी मंत्रों का इन दिनों जाप करें।
13. सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चावल,घी, केसर से हवन करें।
14. बच्चों का पढाई में मन नहीं लग रहा है तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। फिर मोदक व दूर्वा से हवन करें।
15. नवग्रह की कृपा प्राप्ति हेतु भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करें। ज्योतिष मान्यता के अनुसार अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं।
होलाष्टक 2021 में वर्जित कार्य- Holashtak me kya nahi karna chahiye:
1. विवाह करना
2. वाहन खरीदना
3. घर खरीदना
4. भूमि पूजन
5. गृहप्रवेश
6. 16 संस्कार
7. यज्ञ, हवन या होम
8. नया व्यापार शुरु करना
9. नए वस्त्र या कोई वस्तु खरीदना
10. यात्रा करना
11. नए गृह का निर्माण
3 मार्च को है रंगभरी एकादशी, 3 शुभ योगों में शिव - गौरी खेलेंगे रंग - गुलाल
23 Feb, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रंगभरी एकादशी का पर्व इस वर्ष 03 मार्च शनिवार को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को रंग और गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन शिव की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ और माता गौरा की पूजा की जाती है।
उसके बाद बाबा विश्वनाथ माता गौरी के साथ नगर भ्रमण करते हैं। भक्तों ने रंग और गुलाल से दोनों का स्वागत किया। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार इस साल रंगभरी एकादशी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन बनाया गया सौभाग्य योग सुहागन महिलाओं के लिए सुख और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
3 रंगभरी एकादशी 2023 शुभ योग में
हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी आती है। इस वर्ष रंगभरी एकादशी तिथि 02 मार्च को सुबह 06:39 बजे से 03 मार्च को सुबह 09:11 बजे तक है। एकादशी तिथि 03 मार्च को सूर्योदय के समय रहेगी।
रंगभरी एकादशी के दिन 03 मार्च को सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:45 बजे से दोपहर 03:43 बजे तक है। सौभाग्य योग सुबह से शाम 06 बजकर 45 मिनट तक है। तब शोभन योग प्रारंभ होता है।
रंगभरी एकादशी सुख-समृद्धि लाएगी
रंगभरी एकादशी के दिन सुबह के समय सौभाग्य योग बनता है। इस समय विवाहित स्त्रियां माता पार्वती सहित भगवान शिव की पूजा कर उन्हें अपनी विवाह सामग्री अर्पित करती हैं तो उन्हें अनंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उसके पति की आयु लंबी होगी और दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा।
साथ ही रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी
रंगभरी एकादशी के दिन आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी भी होती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। कच्चे सूत को आंवले के पेड़ के चारों ओर 11 या 21 बार लपेटा जाता है। इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रंगभरी एकादशी के उपाय
1. रंगभरी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, गंगाजल, गाय का दूध, फूल अर्पित करें। दोनों को लाल गुलाल अर्पित करें। शिव और शक्ति की कृपा से आपके परिवार में सुख-समृद्धि आएगी। आज के दिन शिवजी को अखंड अक्षत अर्पित करें, धन संकट दूर होगा।
2. जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है या वैवाहिक जीवन में परेशानी आ रही है तो उन्हें रंगभरी एकादशी का व्रत रखना चाहिए और शिव और पार्वती जी की पूजा करनी चाहिए। शीघ्र ही विवाह के योग बनेंगे। पति-पत्नी एक साथ पूजा करें, इससे दांपत्य जीवन सुखमय बनेगा।
Tirupati Temple News: तिरुपति बालाजी मंदिर में अब फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम से होगी भक्तों की एंट्री
23 Feb, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Tirupati Temple News: आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी में 1 मार्च 2023 से नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति को चेहरे के माध्यम से तुरंत पहचान लिया जाएगा। (Tirupati Temple News) इस टेक्नोलॉजी को फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी कहा जाता है। मंदिर में इस टेक्नोलॉजी के उपयोग करने के पीछे यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अधिक प्रभावी सेवा प्रदान करना है।
मंदिर प्रबंधन ने क्यों लिया ये फैसला?
TTD (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) ने फैसला लिया है कि 1 मार्च से यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की पहचान फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से की जाएगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि यहां आने वाला यहां आने वाले भक्त 'सर्व दर्शन कॉम्प्लेक्स और कॉशन डिपॉजिट रिफंड काउंटर' पर अधिक टोकन न ले सकें। ऐसा करने पर उनकी पहचान तुरंत कर ली जाएगी।
ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर
वैसे तो हमारे देश में ऐसे मंदिर हैं, जिनके पास करोड़ों रुपए की धन-संपत्ति है, लेकिन इन सभी में तिरुपति बालाजी मंदिर का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। इसे देश का सबसे अमीर मंदिर भी कहा जाता है। यहां कई ऐसी परंपराओं का पालन किया जाता है जो अन्य किसी मंदिर में नहीं निभाई जाती। भगवान तिरुपति के दर्शन से पहले कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है और फिर तिरुपति के दर्शन के बाद तिरुण्चानूर जाकर पद्मावती के दर्शन करने की पंरापरा है।
यहां अपने बाल दान करने की परंपरा भी सबसे अलग
देश के अनेक मंदिरों में दान के रूप में अलग-अलग चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने की परंपरा है। इस परंपरा से जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा कहते हैं कि जो व्यक्ति यहां आकर अपने बाल दान करता है वो अपने बालों के रूप में पापों और बुराइयों को भी इसी जगह पर छोड़ जाता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (23 फरवरी 2023)
23 Feb, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष, कार्यवृत्ति में सुधार तथा कार्य में ध्यान दें।
वृष राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, दैनिक कार्यगति अनुकूल बनेगी ध्यान दें।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र से हर्ष, दैनिक कार्यगति में सुधार, समय का ध्यान रखें।
कर्क राशि :- विशेष परिवर्तन स्थिगित रखें, प्रयास करने पर थोड़ी सफलता मिलेगी।
सिंह राशि :- सामाजिक कार्य में हर्ष-उल्लास, स्त्री वर्ग से सुख, भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
कन्या राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष, कार्यवृत्ति में सुधार की मनोवृत्ति होगी।
तुला राशि :- अशुद्ध गोचर रहने से उत्साहहीनता बनेगी, असमर्थता से असमंजस का वातावरण बनेगा।
वृश्चिक राशि :- इष्ट मित्रों से लाभ, बिगड़े कार्य बनेंगे, भाग्य प्रबल होगा, कार्य बनेंगे।
धनु राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील रहेगी, हर्ष-उल्लास का वातावरण रहेगा।
मकर राशि :- विशेष कार्य बिगड़ेंगे तथा किसी विवाद व झगड़े से बचें, कार्य करें।
कुंभ राशि :- अकारण ही मन उदासीन बना रहेगा, चिंता होगी, सफलता के साधन बनेंगे।
मीन राशि :- दैनिक कार्यगति अनुकूल, चिन्ता में कमी, धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।
होली पर करें इन 10 देवताओं की पूजा, मिलेगा विशेष वरदान
22 Feb, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन के दिन देवी-देवताओं के पूजन का विधान है।
इस दिन आप इन 10 देवी-देवताओं का पूजन करके उनके विशेष वरदान प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन खास देवताओं के बारे में जानकारी-
1. विष्णु पूजा : होलिका और प्रहलाद के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। खासकर दूसरे दिन विष्णु पूजा की जाती है। कहते हैं कि त्रैतायुग के प्रारंभ में विष्णु ने धूलि वंदन किया था। इसकी याद में धुलेंडी मनाई जाती है। धूल वंदन अर्थात लोग एक दूसरे पर धूल लगाते हैं।
होलिका दहन के बाद धुलेंडी अर्थात धूलिवंदन मनाया जाता है। सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर होलिका को ठंडा किया जाता है। मतलब पूजा करने के बाद जल चढ़ाया जाता है। धूलिवंदन अर्थात् धूल की वंदना। राख को भी धूल कहते हैं। होलिका की आग से बनी राख को माथे से लगाने की बाद ही होली खेलना प्रारंभ किया जाता है। अतः इस पर्व को धूलिवंदन भी कहते हैं।
2. नृसिंह भगवान पूजा : होली के दिनों में विष्णु के अवतार भगवना नृसिंह की पूजा का भी प्रचलन है क्योंकि श्रीहरि विष्णु ने ही होलिका दहन के बाद नृसिंह रूप धारण करके हिरण्याकश्यप का वध करने भक्त प्रहलाद की जान बचाई थी। इस दिन उनके चित्र या मूर्ति की पूजा करते हैं।
3. श्रीशिव पूजा : होली का त्योहार भगवान शिव से भी जुड़ा हुआ है। भगवान शिव ने इसी दिन कामदेव को भस्म करने के बाद देवी रति को यह वरदान दिया था कि तुम्हारा पति श्रीकृष्ण के यहां प्रद्युम्न के रूप में जन्म लेगा। इस दिन शिव मंदिर में घी का दीपकल जलाकर उनका जलाभिषेक करते हैं।
4. कामदेव : यदि आप वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और प्यार चाहते हैं तो रति के साथ ही कामदेव की पूजा भी करें। इसके लिए कामदेव और रति के चित्र की पूजा करते हैं।
5. श्रीकृष्ण पूजा : होली का त्योहार श्रीकृष्ण से भी जुड़ा हुआ है। इसे ब्रज में 'फाग उत्सव' के रूप में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण ने रंगपंचमी के दिन श्रीराधा पर रंग डाला था। इसी की याद में रंगपंचमी मनाई जाती है। श्रीकृष्ण की अष्टप्रहर पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगया जाता है।
6. श्रीराधा : श्रीराधा के बरसाने में होली की धूम फाल्गुन मास लगते ही प्रारंभ हो जाती है। यहां पर 45 दिन का होली उत्सव रहता है। इसे दौरान श्रीराधा रानी का विशेष श्रृंगार होने के साथ ही उनकी विशेष पूजा होती है। श्रीराधा की पूजा करने से जीवन में सभी तरह की सुख, शांति, प्रेम और रिश्ते नाते बने रहते हैं।
7. श्रीपृथु पूजा : होली के दिन ही राजा पृथु ने राज्य के बच्चों को बचाने के लिए राक्षसी ढुंढी को लकड़ी जलाकर आग से मार दिया था। राजा पृथु को विष्णु का अंशावतार भी माना जाता है। इसीलिए उनकी भी पूजा होती है।
8. श्रीहनुमान पूजा : इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन हनुमानजी को चौला चढ़ाना चाहिए।
9. लक्ष्मी पूजा : होली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी श्रीहरि विष्णुजी के साथ की जाती है। इससे घर में धन समृद्धि बनी रहती है। महालक्ष्मी मंदिर में जाकर कमल का फूल और खीर अर्पित करना चाहिए।
10. अग्नि एवं संपदा देवी की पूजा : होलिका दहन के दिन होलिका अग्नि में प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठी थी। उस समय में सिर्फ होलिका ही अग्नि से जली थी और प्रह्लाद सुरक्षित ही अग्नि ही से बाहर आ गया था। इसी कारण होलिका के रूप में अग्नि देव की पूजा की जाती है।
इसके बाद दूसरे दिन संपदा देवी की पूजा होती है। धन-धान्य की देवी संपदाजी का पूजन होली के दूसरे दिन किया जाता है। इस दिन स्त्रियाँ संपदा देवी का डोरा बांधकर व्रत रखती हैं तथा कथा कहती-सुनती हैं।
भानु सप्तमी के दिन करें ये उपाय, मान-सम्मान में होगी जबरदस्त वृद्धि
22 Feb, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सूर्य को इस जगत की शक्ति का आधार माना गया है और इसी अनुसार सूर्य को देवता मानकर इनकी विधिवत पूजा की जाती है मान्यता है कि सूर्यदेव की आराधना से भगवान की विशेष कृपा मिलती है, ऐसे में सूर्यदेव को समर्पित भानु सप्तमी पर लोग व्रत उपवास रखते हुए पूजा पाठ करते है। पंचांग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों में सप्तमी तिथि पड़ती है और इसी दिन सूर्य पूजा को उत्तम बताया गया है। अभी फाल्गुन का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली सप्तमी को भानु सप्तमी के नाम से जाना जा रहा है जो कि 26 फरवरी को है। इस दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा आराधना और व्रत करने से भक्तों के कष्टों का निवारण हो जाता है और त्वचा रोग से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है, लेकिन इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ अगर कुछ उपायों को भी किया जाए तो मान सम्मान में वृद्धि होती है, तो आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बता रहे है।
भानु सप्तमी पर करें ये काम-
धार्मिक और ज्योतिष अनुसार भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा जरूर करें मान्यता है कि इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत पूजन का संकल्प करें इसके बाद तांबे के लोटे में जल, अक्षत, सिंदूर मिलाकर भगवान को जल अर्पित करें फिर दिनभर फलाहार करें और अगले दिन सूर्यदेव को जल चढ़ाकर अपने व्रत का पारण करें मान्यता है कि इस शुभ दिन पर गरीबो और जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए साथ ही साथ गाय को भी हरा चारा खिलाएं मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन की कमी दूर होती है और मान सम्मान में वृद्धि होती है।