धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (07 मार्च 2023)
7 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, बिगड़े कार्य बनेंगे, योजनापूर्ण अवश्य होवेगी।
वृष राशि :- नवीन मैत्री मंत्रणा सफल होगा, संवेदनशील होने से बचिएगा, ध्यान रखें।
मिथुन राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष कुछ चिंता व्यवसायिक कार्य में आरोप कष्टप्रद रहेगा।
कर्क राशि :- व्यग्रता मन उद्विघ्नता रखें, कार्यगति मंद होवे, कार्य बनेंगे, स्थति का ध्यान रखें।
सिंह राशि - साधन संपन्नता के योग बनेंगे, दैनिक व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी, हानि होवेगी।
कन्या राशि :- विरोधी परेशान करें, वृथा धन का व्यय असमंजस अस्थिरता बनी रहेगी।
तुला राशि :- कार्य व्यवसाय में बाधा तथा तनाव क्लेश से आप बचने का प्रयास करें।
वृश्चिक राशि :- चिंता बनी रहेगी, कुटुम्ब की समस्याओं को समझदारी से निपटाने का प्रयास करें।
धनु राशि - बिगड़े हुए कार्य बनने से सफलता के योग बनेंगे, सहयोग प्राप्त होने के आसार बनेंगे।
मकर राशि - स्थति में सुधार कार्य कुशलता से संतोष होवेगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
कुंभ राशि - स्वास्थ्य नरम गरम एवं कहीं तनावपूर्ण कष्टप्रद होवेगी तथा कार्य अवरोध होवेगा।
मीन राशि - दूसरों के कार्यो में समय और धन नष्ट न करें, समय व स्थिति का ध्यान रखें।
जानिए कब है भगवान परशुराम जयंती?
6 Mar, 2023 08:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री परशुराम का क्रोध कितना विकराल था, यह पूरा जगत जानता है, फिर भी उन्होंने अपने क्रोध को कंट्रोल किया तथा भगवान महादेव के अनन्य भक्त प्रभु श्री राम से मिलने के पश्चात् उनके चरणों में अपना क्रोध समर्पित कर दिया तथा पश्चाताप करने निकल पड़े।
वही गुस्सा कभी भी अच्छा नहीं होता है। बोला जाता है कि गुस्सा करते वक़्त किसी भी व्यक्ति का विवेक ख़त्म हो जाता है तथा विवेकहीन पुरुष को पशु के समान व्यवहार करने लगता है। प्रथमतः तो क्रोध करना ही नहीं चाहिए और अगर क्रोध में कभी कोई गलत काम हो जाए या किसी दूसरे के लिए गलत बात मुंह से निकल जाए तो पश्चाताप करते हुए अपनी गलती की क्षमा मांग लेनी चाहिए।
परशुराम जी शिव जी के परम उपासक होने की वजह से ही उन्हें रुद्र शक्ति भी कहा जाता है। वह अपने माता-पिता के उपासक एवं आज्ञाकारी थे। पिता ऋषि जमदग्नि की हत्या राजा सहस्त्रार्जुन के पुत्रों द्वारा किए जाने से क्रोधित हो कर भगवान परशुराम ने इस धरती को 21 बार क्षत्रियों से विहीन कर दिया था। इसी प्रकार श्री राम द्वारा भगवान महादेव का धनुष तोड़े जाने पर वह इतना क्रोधित हुए कि अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से तुरंत ही जनकपुर में पहुंच गए, जहां श्रीराम ने धनुष तोड़ा था। इस बात पर श्री राम के भाई लक्ष्मण जी से उनकी लंबी बहस भी हुई, किंतु इस बहस के चलते श्रीराम धीरज से दोनों का संवाद सुनते रहे। श्रीराम के धीरज से वह इतना ज्यादा प्रभावित हुए कि अपने क्रोध को श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दिया तथा कभी क्रोध न करने की प्रतिज्ञा लेते हुए अंतर्ध्यान हो गए। बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को उनकी जयंती मनाई जाती है। इसे आखा तीज भी बोलते हैं तथा इसी दिन भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था। इस दिन हवन पूजन और दान आदि करना चाहिए।
आज का पंचांग 06 मार्च 2023 सोमवार को करने जा रहे हैं कोई शुभ काम
6 Mar, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल हैं प्राचीन काल से ही पंचांग को विशेष माना गया हैं इसकी मदद से हम दिन की हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं उसके आधार पर हम अपने शुभ कार्यों को इंगित करते हैं।
अगर आप सोमवार को कोई शुभ काम करना चाहते हैं तो यहां जान लें शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। सोमवार के दिन बन रहे शुभ योग कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाले हैं और कुछ को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।
6 March 2023 का पंचांग, तिथि, चौघड़िया, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, नक्षत्र, करण, योग, काल, सूर्य, और चंद्रमा का समय शेयर करती है.
विक्रम संवत - 2079, राक्षस
शक सम्वत - 1944, शुभकृत्
पूर्णिमांत - फाल्गुन
अमांत - फाल्गुन
वार - सोमवार
सूर्योदय - 6:48 एएम
सूर्यास्त - 6:28 पीएम
चन्द्रोदय - 5:37 पीएम
चन्द्रास्त - 6:44 एएम
अयन - उत्तरायण
द्रिक ऋतु - वसंत
तिथि
शुक्ल पक्ष चतुर्दशी - Mar 05 02:07 पीएम - Mar 06 04:17 पीएम
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा - Mar 06 04:17 पीएम - Mar 07 06:10 पीएम
नक्षत्र
मघा - Mar 05 09:30 पीएम - Mar 07 12:05 एएम
पूर्व फाल्गुनी - Mar 07 12:05 एएम - Mar 08 02:22 एएम
करण
वणिज - Mar 06 03:14 एएम - Mar 06 04:17 पीएम
विष्टि - Mar 06 04:17 पीएम - Mar 07 05:16 एएम
बव - Mar 07 05:16 एएम - Mar 07 06:10 पीएम
योग
सुकर्मा - Mar 05 08:20 पीएम - Mar 06 08:54 पीएम
धृति - Mar 06 08:54 पीएम - Mar 07 09:14 पीएम
सूर्य का समय और राशि
सूर्योदय - 6:48 एएम
सूर्यास्त - 6:28 पीएम
सूर्या राशि
सूर्य कुंभ राशि पर है
चंद्रमा का समय और राशि
चन्द्रोदय - Mar 06 5:37 पीएम
चन्द्रास्त - Mar 07 6:44 एएम
चंद्र राशि
चन्द्रमा सिंह राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 12:14 पीएम - 01:01 पीएम
अमृत काल - 09:25 पीएम - 11:12 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त - 05:12 एएम - 06:00 एएम
अशुभ काल
राहू - 8:15 एएम - 9:43 एएम
यम गण्ड - 11:10 एएम - 12:38 पीएम
कुलिक - 2:05 पीएम - 3:33 पीएम
दुर्मुहूर्त - 01:01 पीएम - 01:48 पीएम, 03:21 पीएम - 04:08 पीएम
वर्ज्यम् - 08:50 एएम - 10:36 एएम
आनन्दादि योग
ध्वांक्ष Upto - 12:05 एएम
ध्वजा (केतु)
चन्द्र मास
अमांत - फाल्गुन
पूर्णिमांत - फाल्गुन
शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - फाल्गुन 15, 1944
वैदिक ऋतु - शिशिर
द्रिक ऋतु - वसंत
Chandrashtama
1. Uttara Ashadha Last 3 padam, Shravana , Dhanishta First 2 padam
गण्डमूल नक्षत्र
1. Mar 05 09:30 पीएम - Mar 7 12:05 एएम (Magha)
दिन का चौघड़िया
अमृत - 06:48 एएम से 08:15 एएम तक
काल (काल वेला) - 08:15 एएम से 09:43 एएम तक
शुभ - 09:43 एएम से 11:10 एएम तक
रोग - 11:10 एएम से 12:38 पीएम तक
उद्बेग - 12:38 पीएम से 14:05 पीएम तक
चर - 14:05 पीएम से 15:33 पीएम तक
लाभ (वार वेला) - 15:33 पीएम से 17:00 पीएम तक
अमृत - 17:00 पीएम से 18:28 पीएम तक
रात का चौघड़िया
चर - 18:28 पीएम से 20:00 पीएम तक
रोग - 20:00 पीएम से 21:32 पीएम तक
काल - 21:32 पीएम से 23:05 पीएम तक
लाभ (काल रात्रि) - 23:05 पीएम से 00:37 एएम तक
उद्बेग - 00:37 एएम से 02:10 एएम तक
शुभ - 02:10 एएम से 03:42 एएम तक
अमृत - 03:42 एएम से 05:14 एएम तक
चर - 05:14 एएम से 06:47 एएम तक
नित्य करें ये पाठ, जीवन की हर मुश्किल होगी आसान
6 Mar, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि चाहता है इसके लिए लोग खूब प्रयास भी करते है लेकिन फिर भी अगर जीवन में कठिनाईयों व मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में व्यक्ति ईश्वर शरण लेता है
अगर आप भी जीवन के दुखों को कम करना चाहते है तो रोजाना शिव तांडव स्तोत्रम् का संपूर्ण पाठ जरूर करें मान्यता है कि इसका पाठ करने से हर विपदा व परेशानी से मुक्ति मिलती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है ये चमत्कारी पाठ।
शिव तांडव स्तोत्रम्-
सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम्
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥
धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥
जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥
नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥
प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा
वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥
अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी
रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥
जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥१२॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥१५॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥१६॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं
यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥
इति श्रीरावण कृतम्
शिव ताण्डव स्तोत्रम्स म्पूर्णम्
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (06 मार्च 2023)
6 Mar, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- बैचेनी उद्विघ्नता से बचिए समय पर सोचे हुए कार्य अवश्य ही बनेंगे, ध्यान दें।
वृष राशि :- चिंताएं कम होंगी, सफलता के साधन जुटायें, अचानक लाभ के योग बनेंगे ।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटाये, व्यवसायिक क्षमताओं में वृद्धि अवश्य बनेंगी।
कर्क राशि :- व्यथा धन का व्यय समय व शक्ति नष्ट होवेगी, विघटनकारी तत्व परेशान करेंगे।
सिंह राशि - भोग एश्वर्य से स्वास्थ्य नरम रहेगा, विरोधी वर्ग अवश्य ही परेशान करेंगे।
कन्या राशि :- धन व समय नष्ट होगा, क्लेश व अशंति मात्र से कष्ट चिंता होवेगी, ध्यान रखें।
तुला राशि :- परिश्रम से सफलता के साधन जुटायें कार्य में बाधा उत्पन्न होने से कार्य रुकेंगे।
वृश्चिक राशि :- चोट आदि से बचिए क्लेश व अशांति होवेगी, मानसिक उद्विघ्नता बनेगी।
धनु राशि - क्लेश व अशांति से बचिए भाग्य का सितारा बड़ा ही प्रबल होवेगा, ध्यान रखें।
मकर राशि - परिश्रम विफल होगा, चिंता व यात्रा व्यग्रता तथा स्वास्थ्य नरम गरम रहेगा।
कुंभ राशि - आकस्मिक घटनाओं से कष्ट चोट आदि का भय होगा, ध्यान अवश्य रखेंगे।
मीन राशि - अधिकारियों से कष्ट मित्र सहायक न होवेगे,समय का ध्यान अवश्य रखें।
देश भर में होली 8 मार्च को लेकिन वाराणसी में 7 मार्च को, जानिए कारण
5 Mar, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Holi 2023: वाराणसी में होली 7 मार्च को और अन्य जगहों पर 8 मार्च को मनाई जाएगी. होली की तारीख को लेकर इस बार काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. विभिन्न पंचांगों में उल्लेख है कि होली 7 और 8 मार्च को मनाई जाएगी.
काशी पंचांग के अनुसार वाराणसी में होली का पर्व 7 मार्च और अन्य स्थानों पर 8 मार्च को मनाया जाएगा. होलिका दहन 6 मार्च को होगा. जानिए इसके पीछे का कारण.
काशी को छोड़कर पूरे देश में 8 मार्च को होली
पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 6 मार्च को शाम 4.18 बजे से शुरू होगी, जो 7 मार्च को शाम 5.30 बजे समाप्त होगी. इसके बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शुरू होगी. लेकिन शास्त्र के अनुसार प्रतिपदा तिथि उदया तिथि में है, तो चैत्र प्रतिपदा 8 मार्च को होगी, इसलिए काशी को छोड़कर पूरे देश में 8 मार्च को होली मनाई जाएगी.
वाराणसी में होली मनाने अलग परंपरा
वाराणसी में होली मनाने की अलग ही परंपरा है. काशी में रात को होलिका दहन होता है और अगले दिन होली मनाई जाती है चाहे वह प्रतिपदा हो या पूर्णिमा. यह शास्त्र से भिन्न परम्परा है. होलिका दहन के अगले दिन काशीवासी चौसठवीं देवी योगिनी यात्रा निकालते हैं और अबीर और गुलाल से खेलते हैं. चौषष्ठी देवी का वास वाराणसी में ही है और इस परंपरा का पालन भी काशी के लोग ही करते हैं. तो इस साल काशी में 7 मार्च को होली मनाई जाएगी और अन्य जगहों पर 8 मार्च को होली मनाई जाएगी.
वाराणसी में होली 7 मार्च को
काशी में यह परंपरा है कि होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है और इसका सीधा संबंध चौषष्ठी यात्रा की परंपरा से है, इसलिए 6 और 7 मार्च की मध्यरात्रि में होलिका दहन के बाद अगले 7 मार्च की सुबह वाराणसी में होली मनाई जायेगी.
काशी पंचाग के अनुसार होलिका दहन 6 मार्च को
काशी से प्रकाशित ऋषिकेश पंचांग, विश्व पंचांग, गणेश आपा पंचांग, चिंताहरण पंचांग और ज्ञानमंडल पंचांग के साथ-साथ मार्तंड पंचांग, कैलाश पंचांग और बंशीधर ज्योतिष पंचांग के अनुसार होलिका दहन 6 मार्च को होगा.
कब से शुरू होगा रमजान मास, क्यों खास है ये महीना? जानें इससे जुड़ी खास बातें
5 Mar, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उज्जैन. इस्लाम धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं, ईद-उल-फितर भी इनमें से एक है। ये पर्व रमजान महीने के समाप्त होने पर मनाया जाता है। रमजान (Ramadan 2023 Date) में महीने में मुस्लिम संप्रदाय के लोग रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं और अनेक कठिन नियमों का पालन भी करते हैं।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इसी महीने में अल्लाह से पैगंबर मोहम्मद साबह को कुरान की आयतें मिली थीं। इसलिए ये महीना मुस्लिम समाजजनों के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है। आगे जानिए इस बार कब से शुरू होगा रमजान मास.
इस दिन से शुरू हो सकता है रमजान (Ramzan Kab Hai 2023 Mai)
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार आठवें महीने शआबान के समाप्त होने पर जब चांद नजर आता है तो इसके अगले दिन रमजान मास की शुरूआत मानी जाती है। इस बार यदि शआबान महीना 29 दिनों का होगा तो पहला रमजान यानी रोजा 23 मार्च को रखा जाएगा, लेकिन यह तय 22 मार्च को ही होगा। अगर 22 मार्च को चांद नहीं दिखा तो, 30 दिनों के महीने देखते हुए रमजान मास 24 मार्च से शुरू हो जाएगा।
खुदा की रहमत बरसती है इस महीने में (importance of Ramadan)
रमजान के पहले 10 दिन रहमत के होते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने सुबह से शाम तक उपवास करते हैं फिर इफ्तार के बाद खास तरह की नमाज अदा की जाती है। रमजान के दौरान रोजा रखने वाले सूरज उगने से पहले खाना खा लेते हैं, जिसे सेहरी कहते हैं और दिन भर भूखे-प्यासे रहकर खुदा की ईबादत करते हैं। शाम को सूर्य अस्त होने के बाद नमाज पढ़ी जाती है और इसके बाद कुछ खाया जाता है, इसे इफ्तारी कहते हैं।
रोजेदारों को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें (fasting rules of Roja)
रमजान के दौरान जो लोग रोजे रखते हैं, उन्हें अनेक कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है। इसके लिए कुछ बातें तय हैं जैसे रोजेदारों को क्या करना चाहिए किन बातों से बचना चाहिए। रोजे के दौरान सुबह सेहरी और इफ्तारी के बीच में कुछ भी खा-पी नहीं सकते, नहीं तो रोजा टूट जाता है। रोजे का अर्थ सिर्फ शारीरिक रूप से भूखा-प्यासा रहना नहीं बल्कि बुरी बातों के सोचने पर भी पाबंदी है।
आंख, कान और जीभ का रोजा
रोजे के दौरान कुछ भी बुरा नहीं देखना चाहिए और न ही बुरा सुनना चाहिए। इसके साथ ही बुरा बोलने पर पाबदी रहती है। इसे ही आंख, कान और जीभ का रोजा कहा जाता है। रोजा रखने वाले को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर न निगलें, नहीं तो रोजा टूट जाता है।
रविवार सुबह जरूर पढ़ें ये आरती, सूर्यदेव बरसाएंगे कृपा
5 Mar, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है। वही रविवार का दिन भगवान श्री सूर्यदेव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है।
भक्त इस दिन भगवान की विधिवत पूजा करते है और व्रत आदि भी रखते है।
मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा अगर भगवान की पूर्ण आरती का पाठ किया जाए तो वे जल्दी प्रसन्न होते है और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते है जिससे साधक के जीवन के सभी दुख दर्द समाप्त हो जाते है। मान्यता है कि पूजा पाठ और व्रत में अगर देवी देवताओं की आरती न पढ़ी जाए तो व्रत पूजन का पूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में अगर आप आज सूर्यदेव की कृपा पाना चाहते है। तो उनकी आरती का पाठ जरूर करें।
भगवान सूर्यदेव की आरती-
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
विपरीत परिस्थितियों से सकुशल निकालेगा ये चमत्कारी पाठ
5 Mar, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज रविवार का दिन है और ये दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा को समर्पित होता है इस दिन भक्त पूजा पाठ और व्रत आदि करते है। मान्यता है कि इस दिन अगर पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ आदित्य ह्रदय स्तोत्र का संपूर्ण पाठ किया जाए तो साधक को अधिक लाभ मिलता है और हर विपरीत परिस्थितियों से भी सकुशल निकल आता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है आदित्य ह्रदय स्तोत्र पाठ।
आदित्यहृदय स्तोत्र
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् ।
रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥1॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।
उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा ॥2॥
राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् ।
येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् ।
जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥4॥
सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम् ।
चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वधैनमुत्तमम् ॥5॥
रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् ।
पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥6॥
सर्वदेवतामको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः ।
एष देवासुरगणाँल्लोकान् पाति गभस्तिभिः ॥7॥
एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्रजापतिः ।
महेन्द्रो धनदः कालो यमः सोमो ह्यपां पतिः ॥8॥
पितरो वसवः साध्या अश्विनौ मरुतो मनुः ।
वायुर्वन्हिः प्रजाः प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकरः ॥9॥
आदित्यः सविता सूर्यः खगः पूषा गर्भास्तिमान् ।
सुवर्णसदृशो भानुहिरण्यरेता दिवाकरः ॥10॥
हरिदश्वः सहस्रार्चिः सप्तसप्तिर्मरीचिमान् ।
तिमिरोन्मथनः शम्भूस्त्ष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥11॥
हिरण्यगर्भः शिशिरस्तपनोऽहरकरो रविः ।
अग्निगर्भोऽदितेः पुत्रः शंखः शिशिरनाशनः ॥12॥
व्योमनाथस्तमोभेदी ऋम्यजुःसामपारगः ।
घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥13॥
आतपी मण्डली मृत्युः पिंगलः सर्वतापनः ।
कविर्विश्वो महातेजा रक्तः सर्वभवोदभवः ॥14॥
नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावनः ।
तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ॥15॥
नमः पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नमः ।
ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नमः ॥16॥
जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नमः ।
नमो नमः सहस्रांशो आदित्याय नमो नमः ॥17॥
नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नमः ।
नमः पद्मप्रबोधाय प्रचण्डाय नमोऽस्तु ते ॥18॥
ब्रह्मेशानाच्युतेशाय सूरायदित्यवर्चसे ।
भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नमः ॥19॥
तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने ।
कृतघ्नघ्नाय देवाय ज्योतिषां पतये नमः ॥20॥
तप्तचामीकराभाय हस्ये विश्वकर्मणे ।
नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रुचये लोकसाक्षिणे ॥21॥
नाशयत्येष वै भूतं तमेव सृजति प्रभुः ।
पायत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्तिभिः ॥22॥
एष सुप्तेषु जागर्ति भूतेषु परिनिष्ठितः ।
एष चैवाग्निहोत्रं च फलं चैवाग्निहोत्रिणाम् ॥23 ॥
देवाश्च क्रतवश्चैव क्रतूनां फलमेव च ।
यानि कृत्यानि लोकेषु सर्वेषु परमप्रभुः ॥24॥
एनमापत्सु कृच्छ्रेषु कान्तारेषु भयेषु च ।
कीर्तयन् पुरुषः कश्चिन्नावसीदति राघव ॥25॥
पूजयस्वैनमेकाग्रो देवदेवं जगत्पतिम् ।
एतत् त्रिगुणितं जप्तवा युद्धेषु विजयिष्ति ॥26॥
अस्मिन् क्षणे महाबाहो रावणं त्वं जहिष्यसि ।
एवमुक्त्वा ततोऽगस्त्यो जगाम स यथागतम् ॥27॥
एतच्छ्रुत्वा महातेजा, नष्टशोकोऽभवत् तदा ।
धारयामास सुप्रीतो राघवः प्रयतात्मवान् ॥28॥
आदित्यं प्रेक्ष्य जप्त्वेदं परं हर्षमवाप्तवान् ।
त्रिराचम्य शुचिर्भूत्वा धनुरादाय वीर्यवान् ॥29॥
रावणं प्रेक्ष्य हृष्टात्मा जयार्थे समुपागमत् ।
सर्वयत्नेन महता वृतस्तस्य वधेऽभवत् ॥30॥
अथ रविरवदन्निरीक्ष्य रामं मुदितनाः परमं प्रहृष्यमाणः ।
निशिचरपतिसंक्षयं विदित्वा सुरगणमध्यगतो वचस्त्वरेति ॥31 ॥
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 मार्च 2023)
5 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब में तनाव क्लेश व अशांति वृथा धन व्यय तनाव पीड़ा हानि होवेगी।
वृष राशि :- इष्टमित्रों से सुख मिलेगा, अधिकारियों से मेल मिलाप तथा लाभप्रद बना ही रहेगा।
मिथुन राशि :- अर्थ व्यवस्था अनुकूल हो, सफलता के साधन जुटाये, कार्य अवश्य ही बनेगा।
कर्क राशि :- मनोवृत्ति उदार बनाये रखें, तनाव क्लेश से हानि संभावित बनी रहेगी, लाभ मिलेगा।
सिंह राशि - समय नष्ट होवेगा, व्यवसाय गतिमंद असमंजस की स्थति से बचकर चलेंगे।
कन्या राशि :- आर्थिक योजना सफल होगी, व्यवसायिक क्षमता अनुकूल बनेगी, ध्यान रखें।
तुला राशि :- धन का व्यय वृथा परिश्रम से हानि मानसिक उद्विघ्नता से बचकर चलें।
वृश्चिक राशि :- स्त्री वर्ग से क्लेश व हानि विघटनकारी तत्व आपको परेशान करेंगे, ध्यान रखें।
धनु राशि - कुटुम्ब की समस्या सुलझेगी, धन का व्यय होवेगा, वृथा भ्रमण की स्थिति बनेगी।
मकर राशि - अर्थ व्यवस्था छिन्न-भिन्न होवेगी, कार्य व्यवसाय गतिमंद व भय अवश्य होवेगा।
कुंभ राशि - दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, चिंताएं कम होंगी, कार्यो में सफलता मिलेगी।
मीन राशि - मनोबल उत्साह वर्धक होवेगा तथा कार्यगति अनुकूल अवश्य ही बनेगी, ध्यान दें।
नींबू के ये आसान टोटके आपको बनाएगे मालामाल
4 Mar, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर घर की रसोई में भोजन के स्वाद और सेहत के लिए नींबू का अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है और ये सभी घरों में बड़ी आसानी से मिल जाता है। नींबू सेहत के लिहाज से जितना जरूरी होता है उतना ही महत्व इसका ज्योतिषीय और वास्तुविज्ञान में भी है।
ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में नींबे के कई ऐसे अचूक टोटके बताए गए है जिन्हें अगर सही तरीके से किया जाए तो व्यक्ति चंद दिनों में मालामाल हो सकता है और उसके जीवन की हर परेशानी हल हो जाती है, तो आज हम आपको नींबू के अचूक और बेहद आसान टोटके बता रहे है, तो आइए जानते है।
नींबू के अचूक टोटके-
अगर आपके जीवन में मुसीबतों का आना कम नहीं हो रहा है, कार्यों में अड़चने आती है जिसके कारण सफलता नहीं मिल रही है और साथ ही आर्थिक परेशानियों का भी आपको सामना करना पड़ रहा है। तो ऐसे में आप नींबू से जुड़ा उपाय कर सकते है। इसके लिए एक नींबू लेकर इसमें चार लौंग गाड़ दें। इसके बाद इसे हनुमान जी के मंदिर में ले जाकर भगवान को चढ़ा दें और प्रभु के दर्शन करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से जीवन में आने वाले संकट टल जाते है और आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ साथ कार्यों में भी सफलता मिलने लगती है।
अगर घर में किसी को नजर लग गई है जिसे कारण वह हमेशा बीमार रहता है तो ऐसे में आप नींबू का टोटका कर सकते है। इसके लिए जिस को नजर लगी है उस पर से नींबू को सात बार वार कर इसके चार टुकड़े करें और इन कटे हुए टुकड़ों को सुनसान जगह पर लेकर जाकर फेंक दें। मान्यता है कि इस उपाय से नजर दोष दूर हो जाता है और सेहत भी बेहतर होने लगती है।
होली की पूजा कैसे करें, जानिए संपूर्ण सामग्री और सही पूजन विधि
4 Mar, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2023 में होलिका दहन (Holika Dahan) का पर्व 7 मार्च को मनाया जा रहा है और 8 मार्च को होली यानी धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। इस संबंध में मान्यता के अनुसार पूजन सामग्री के साथ होलिका के पास गोबर से बनी ढाल भी रखी जाती है। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के समय 4 मालाएं अलग से रख ली जाती हैं। इसमें एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिए, तीसरी शीतला माता और चौथी घर परिवार के नाम की रखी जाती है।
इसके पश्चात पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए सूत के धागे को लपेटा जाता है। होलिका की परिक्रमा 3 या 7 बार की जाती है। इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित किया जाता है। फिर अग्नि प्रज्वलित करने से पूर्व जल से अर्घ्य दिया जाता है। होलिका दहन के समय मौजूद सभी पुरुषों को रोली का तिलक लगाया जाता है।
कहते हैं, होलिका दहन के बाद जली हुई राख को अगले दिन प्रात:काल घर में लाना शुभ रहता है। अनेक स्थानों पर होलिका की भस्म का शरीर पर लेप भी किया जाता है। इस होली पर कैसे करें पूजा और क्या-क्या सामग्री एकत्रित करें, जानिए यहां... हम आपको बताते हैं होलिका दहन के पूजन की सबसे सरल और प्रामाणिक विधि और पूजन सामग्री की सूची-
पूजन सामग्री सूची-Holika Dahan Pujan Samgari List
प्रहलाद की प्रतिमा,
गोबर से बनी होलिका,
5 या 7 प्रकार के अनाज (जैसे नए गेहूं और अन्य फसलों की बालियां या सप्तधान्य- गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर)
1 माला, और 4 मालाएं (अलग से)
रोली,
फूल,
कच्चा सूत,
साबुत हल्दी,
मूंग,
बताशे,
गुलाल,
मीठे पकवान,
मिठाइयां,
फल,
गोबर की ढाल
बड़ी-फुलौरी,
एक कलश जल,
होलिका दहन पूजन विधि-Holika Dahan Puja Vidhi
- सबसे पहले होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठें।
- अब अपने आस-पास पानी की बूंदें छिड़कें।
- गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।
- थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक कलश पानी रखें।
- नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए प्रतिमाओं पर रोली, मौली, चावल, बताशे और फूल अर्पित करें।
- अब सभी सामान लेकर होलिका दहन वाले स्थान पर ले जाएं।
- अग्नि जलाने से पहले अपना नाम, पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए अक्षत (चावल) में उठाएं और भगवान श्री गणेश का स्मरण कर होलिका पर अक्षत अर्पण करें।
- इसके बाद प्रहलाद का नाम लें और फूल चढ़ाएं।
- भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच अनाज चढ़ाएं।
- अब दोनों हाथ जोड़कर अक्षत, हल्दी और फूल चढ़ाएं।
- कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लपेटते हुए परिक्रमा करें।
- आखिर में गुलाल डालकर चांदी या तांबे के कलश से जल चढ़ाएं।
- होलिका दहन के समय मौजूद सभी को रोली का तिलक लगाएं और शुभकामनाएं दें।
तमाम मुश्किलें चुटकियों में होंगी हल, पढ़ें आज की चाणक्य नीति
4 Mar, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विलक्षण प्रतिभा के धनी आचार्य चाणक्य को भला कौन नहीं जानता होगा। इनकी नीतियां आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र ग्रंथ में पिरोया है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि चाणक्य नीतियों को जो भी मनुष्य अपने जीवन में उतार लेता है उसका जीवन सरल और सफल हो जाता है। चाणक्य ने मनुष्य से जुड़े हर विषय पर नीतियों का निर्माण किया है। चाणक्य ने कुछ ऐसी बातों का जिक्र अपने नीतिशास्त्र ग्रंथ में किया है जिसे कोई व्यक्ति अगर अपना ले तो वह हर मुश्किल से बड़ी आसानी से निपट सकता है, तो आज हम इसी विषय पर चर्चा कर रहे है।
आज की चाणक्य नीति-
चाणक्य नीति कहती है कि कभी भी मूर्ख व्यक्ति से बहस नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से हम खुद का ही किमती वक्त बर्बाद करते है ऐसे में इससे बचना ही बेहतर होगा। आचार्य चाणक्य कहते है कि ईश्वर आपकी अनुभूति है और आत्मा एक मंदिर है ऐसे में भगवान मूर्तियों में नहीं बल्कि मनुष्य के ह्रदय में वास करता है। चाणक्य नीति अनुसार तीन चीजों को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए कर्ज, शत्रु और रोग इनका जल्द से जल्द निवारण करना ही उचित मार्ग है वरना ये आपको कभी भी हानि पहुंचा सकते है।
अधिकतर लोग हर बात में भाग्य को कोसते है लेकिन चाणक्य कहते है कि भाग्य आपका साथ तभी देता है जब आप बुरे या मुश्किल वक्त में भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अडिग रहते है। चाणक्य की मानें तो अगर आप किसी से अपनी बात कह रहे है और वह उस पर ध्यान नहीं दे रहा है तो ऐसा मनुष्य आपके भरोसे और विश्वास के लायक नहीं इन लोगों से कभी अपनी मजबूती या कोई रहस्य बताने की भूल न करें।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (04 मार्च 2023)
4 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्यकुशलता से संतोष, स्त्री शरीर कष्ट कुछ बाधाएं मन को चिंतित रखेंगी।
वृष राशि :- मान प्रतिष्ठा प्रभुत्व वृद्धि तथा कार्यकुशलता से संतोष होवेगी, कार्य बनेंगे।
मिथुन राशि :- क्रोध से अशांति तथा झगड़ों से बचे, क्रोध से कार्य अवरोध होवेगा, ध्यान रखें।
कर्क राशि :- कार्य व्यवसाय में सुधार होवे, अर्थलाभ कार्यकुशलता से संतोष होवेगा, ध्यान दें।
सिंह राशि - व्यवसायिक गति अनुकूल तनाव क्लेश व अशांति वृथा धन का व्यय होवेगा।
कन्या राशि :- योजनाएं फलीभूत होगी, अधिकारियों के तनाव से बचे, मित्रों से सतर्क रहें।
तुला राशि :- विशेष कार्य स्थगित रखें, कुटुम्ब की चिंता विशेष रुप से बनेगी, ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- विशेष कार्य स्थिगित रखें, लेनदेन के मामले में हानि होवेगी, कार्य अवश्य बनेंगे।
धनु राशि - मानसिक बैचेनी उद्विघ्नता एवं असमर्थता का वातावरण बना ही रहेगा।
मकर राशि - क्रोध व अशांति से बचिए, मानसिक विभ्रम तथा व्यवस्थाएं नष्ट होवेगी, ध्यान रखें।
कुंभ राशि - नवीन योजनाएं फलप्रद होंगी, कार्य कुशलता से संतोष अवश्य बनेगा, ध्यान दें।
मीन राशि - इष्टमित्रों से तनाव क्लेश व अशांति से बचिए मनोबल अवश्य बढ़ेगा, ध्यान रखें।
आज है आमलकी एकादशी, जान लें मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, पारण समय, व्रत में आंवले के पेड़ की पूजा अनिवार्य
3 Mar, 2023 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Amalaki Ekadashi 2023: आज 3 मार्च शुक्रवार को आमलकी एकादशी व्रत है. इस दिन रंगभरी एकादशी भी है. हिंदू शास्त्र में हर एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है.
वैसे हर मास दो एकादशी पड़ती है. मार्च महीने में भी दो एकादशी हैं. इनमें से एक एकादशी होली से पहले पड़ेगी, जो बहुत खास है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि फाल्गुन मास में पड़ने वाली आमलकी एकादशी का अपना ही महत्व है. इस दिन खासतौर पर आंवले के पेड़ की पूजा होती है. उन्होंने बताया कि एकादशी का श्री हरि विष्णु से संबंध है. आइए जानते हैं आमलकी एकादशी के मुहूर्त, पूजा विधि, पारण समय और कथा.
आमलकी एकादशी का महत्व
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू पंचाग के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. इस दिन विधि-विधान से जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है. वहीं, एकादशी का व्रत करने से जातक को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
आमलकी एकादशी का व्रत
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है. ऐसा बताया गया है कि रात्रि जागरण करने से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते हैं.
आमलकी एकादशी 2023 मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि आमलकी एकादशी की शुरुआत गुरुवार 2 मार्च को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से होगी, जो अगले दिन शुक्रवार 3 मार्च 2023 को 9 बजकर 12 मिनट तक जारी रहेगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि ली जाती है, इसलिए आमलकी एकादशी 3 मार्च को मनाई जाएगी. वहीं, पारण का समय 4 मार्च को सुबह 6 बजकर 48 मिनट से सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक रहेगा.
आमलकी एकादशी व्रत कथा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि आमलकी एकादशी को लेकर तमाम पौराणिक कथाएं प्रचलित है. उन्होंने बताया कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति श्री हरि विष्णु के नाभि से हुई थी, लेकिन ब्रह्मा जी अपने जीवन के बारे में जिज्ञासु थे. वे जानना चाहते थे कि उनके जीवन का उद्देश्य क्या है. उनका जन्म क्यों और कैसे हुआ है. इन्हीं सब बातों को जानने के लिए ब्रम्हाजी ने भगवान विष्णु की तपस्या करनी शुरू कर दी. काफी सालों तक उन्होंने कठोर तपस्या की. आखिरकार एक दिन विष्णुजी उनकी तपस्या पर बेहद प्रसन्न हुए और उनको दर्शन दिए.
भगवान विष्णु को देख भावुक हुए ब्रह्माजी
जब ब्रह्माजी ने अपने नेत्र खोले तो सामने विष्णुजी को खड़े पाया. तुरंत ही उनके नेत्रों से अश्रु बहने लगे. जैसे ही उनके आंसू भूलोक पर पड़ते वैसे ही वह आंवले में बदल जाते. इस प्रकार आंवले की भी उत्पत्ति हुई. जानकारों के मुताबिक उस दिन एकादशी का दिन था. अंत में विष्णु भगवान ने कहा कि फाल्गुन मास के आज के दिन जो जातक व्रत रखेगा उसे सांसरिक बंधंनों से मुक्ति मिल जाएगी. उन्होंने कहा आपके नेत्रों से आंवले की उत्पत्ति हुई है, इसलिए इसमें सभी देवी-देवताओं का वास रहेगा और पूज्यनीय होगा.