धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
गृह शांति के लिए चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक करें ये एक काम
17 Mar, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते है लेकिन देवी आराधना का पर्व नवरात्रि बेहद ही खास होता है। ये पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है जिसमें माता रानी के नौ अलग अलग रूपों की पूजा आराधना की जाती है इस साल की चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है जिसका समापन 30 मार्च को हो जाएगा।
ऐसे में इस दौरान भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते है और व्रत आदि भी रखते है लेकिन अगर इसके साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों तक सिद्धकुन्जिका स्तोत्रम् का संपूर्ण पाठ किया जाए तो माता रानी शीघ्र प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती है और भक्तों के कष्टों का निवारण कर देती है साथ ही साथ इस पाठ से गृह शांति भी होती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है ये चमत्कारी पाठ।
सिद्धकुन्जिका स्तोत्रम्-
शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् । येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् । न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ॥
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् । अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति । मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥
अथ मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे । ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा
॥ इति मंत्रः॥
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि । नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ॥
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे । ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ॥
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते । चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ॥
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिणि ॥
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी । क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी । भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ॥
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥
। इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
ईश्वर को पाने के लिए प्रेम मार्ग से गुजरना होगा
17 Mar, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रेम शक्ति भी है और आसक्ति भी। जब व्यक्ति का प्रेम कामना रहित होता है तो यह शक्ति होती है और जब प्रेम में किसी चीज को पाने का लोभ रहता है तो यह आसक्ति बन जाती है। सच्चा प्रेम वह होता है जो प्रेम में किसी प्रकार का लोभ और किसी चीज को पाने की कामना नहीं रखता है। ऐसा व्यक्ति प्रेम में ऐसा कमाल कर जाता है कि, बड़े से बड़े बलवान और धनवान उसके आगे घुटने टेक देते हैं। मीराबाई को दिया गया जहर असरहीन होना। घ्रुव को पहाड़ की चोटी से गिराने पर भी बच जाना, प्रह्लाह का आग के शोलों में भी मुस्कुराते हुए रहना और तुलसीदास का उफनती नदी को पार कर जाना यह प्रेम की शक्ति का उदाहरण है। संतजन कहते हैं कि जिसके हृदय में सच्चा प्रेम होता है वही व्यक्ति ईश्वर का भक्त हो सकता है। जरूरत है बस प्रेम की चाहे वह पैसे से हो, किसी स्त्री से, बच्चे से या अन्य सांसारिक वस्तुओं से।
अगर हृदय में प्रेम होगा ही नहीं तो ईश्वर क्या संसार में किसी चीज से लगाव हो ही नहीं सकता। भगवान से प्रेम करना वास्तव में उसी प्रकार है जैसा एक दिशाहीन गाड़ी को सही दिशा देना। संत श्री गोकुलनाथ जी ने कहा है कि जिसके हृदय में प्रेम का अंकुर होता है उस व्यक्ति को भक्ति की ओर प्रेरित किया जा सकता है, क्योंकि प्रेम का वृक्ष तभी उग सकता है जब प्रेम का बीज, प्रेम का अंकुर हृदय में मौजूद हो। बिना बीज के खेती भला कैसे हो सकती है।
इस संदर्भ में एक कथा है कि एक बार संत श्रीगोसाईं गोकुलनाथ जी के यहां एक धनवान व्यक्ति बहुत सारा धन लेकर शिष्य बनने की कामना से आया। गोसाईं जी ने उस व्यक्ति से पूछा कि क्या तुम्हारा कहीं किसी वस्तु पर ऐसा स्नेह है, जिसके बिना तुम्हारा मन व्याकुल हो जाता हो। उस व्यक्ति ने उत्तर दिया मेरा कहीं किसी वस्तु में तनिक भी स्नेह नहीं है। उत्तर सुनकर गोसाईं जी ने कहा कि फिर तो हम तुम्हें दीक्षा कदापि नहीं दे सकते। तुम किसी और गुरू को ढूंढ लो। भक्तिमार्ग में प्रेम ही प्रधान है। व्यक्ति का जो प्रेम संसार से होता है, दीक्षा शिक्षा से उसी को पलटकर भगवान में लगा दिया जाता है। जब तुम्हारे हृदय में कहीं प्रेम है ही नहीं तो भगवान के प्रेम से भला कैसे सराबोर हो सकते है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (17 मार्च 2023)
17 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य व्यवसाय, गति उत्तम, चिन्ताएं कम हो, सफलता के साधन बनेंगे।
वृष राशि :- मान प्रतिष्ठा, कुशलता से संतोष होवे, किसी के कार्य पूर्ण होने में सफल हो।
मिथुन राशि :- विरोधियों पर प्रसन्नता बने, स्त्रीवर्ग से तनाव व क्लेश व अशांति होगी।
कर्क राशि :- परेशानी व चिन्ताजनक स्थिति बनी रहे, दैनिक व्यवस्था बनी रहें।
सिंह राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति अनायास धन का व्यय होगा, कार्य हो।
कन्या राशि :- सोचे हुए कार्य, परिश्रम से सफल होंगे तथा संघर्ष में सफलता अवश्य मिले।
तुला राशि :- तनाव क्लेश व अशांति तथा मित्र वर्ग से धोखे की आशंका अवश्य होवे।
वृश्चिक राशि :- लाभान्वित स्थितियों पर नियंत्रण अवश्य रखें तथा व्यवासायिक क्षमता हो।
धनु राशि :- कार्य व्यवसाय में निरर्थकता दिखाई देवे तथा इष्ट मित्र सुखवर्धक होवे।
मकर राशि :- स्वास्थ्य नरम रहे, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, कार्य अवश्य बनेंगे।
कुंभ राशि :- परिश्रम करने पर भी सफलता न मिलें तथा मान प्रतिष्ठा में बाधा हो।
मीन राशि :- प्रभुत्व वृद्धि, सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा बढ़े लाभकारी योजना बनेगी।
तो होगी महालक्ष्मी की कृपा
16 Mar, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महालक्ष्मी की कृपा कब मिलेगी, यह जानने के लिए ज्योतिष में कुछ संकेत बताए गए हैं। मान्यता है कि जब भी ये संकेत मिलते हैं तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति को लक्ष्मी की कृपा मिलने वाली है और पैसों की परेशानियां दूर होने वाली हैं।सुबह-सुबह उठते ही आपकी नजर अगर दूध या दही से भरे बर्तन पर पड़े तो समझ लें कि कुछ शुभ होने वाला है।
सुबह शंख ,मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई दे तो यह बहुत ही शुभ होता है।
यदि किसी व्यक्ति को सुबह शाम गन्ना दिखाई दे तो उसे निकट भविष्य में धन सबंधी मामलो में सफलता मिल सकती है.
यदि किसी व्यक्ति के सपनों में बार-बार पानी ,हरियाली ,लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि आने वाले समय में मां लक्ष्मी जी की कृपा से धन सबंधी परेशानियां दूर होने वाली हैं।
यदि हम किसी आवश्यक काम के लिए जा रहे हैं और रास्ते में लाल साड़ी में पुरे सोलह श्रृंगार में कोई महिला दिख जाए तो यह भी महालक्ष्मी की कृपा का इशारा ही है ऐसा होने पर उस दिन कार्यों में सफलता मिलने की सम्भवना अधिक है।
नारियल, शंख, मोर, हंस, फूल आदि चीजें सुबह दिखाई देती है तो बहुत शुभ है
शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार को महालक्ष्मी की पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है। इस दिन यदि कोई कन्या आपको सिक्का दे तो यह शुभ संकेत है. ऐसा होने पर समझ लेना चाहिए की निकट भविष्य में धन लाभ होने वाला है.
यदि घर से निकलते ही गाय दिखाई दे तो यह शुभ संकेत है। अगर गाय सफेद हो तो यह बहुत ही शुभ संकेत है।
यदि किसी व्यक्ति के सपने में सफेद सांप, सोने के जैसा सांप दिखाई देने लगे तो यह भी महालक्ष्मी की कृपा का इशारा है ऐसा होने पर निकट भविष्य में कोई विशेष उपलब्धि हासिल हो सकती है।
यदि घर से निकलते ही कोई सफाई कर्मी दिखाई दे तो यह भी शुभ संकेत होता है
घर में सौभाग्य के लिए लगाये शमी का पेड़
16 Mar, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राचीन मान्यता है कि शमी का पेड़ घर में सौभाग्य लाता है। शमी का पेड़ लगाने से उसमें रहने वालों पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। रोजाना पूजा के वक्त उन्हें यह फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकटों से दूर रहते हैं। शमी का पेड़ आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है।
ईशान कोण में लगायें
शमी के पौधे को घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर कोने में लगाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इनमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्व भी छिपा होता है। न्याय के देवता शनि को प्रसन्न करने के लिए भी शमी के पेड़ का प्रयोग किया जाता है। हर शनिवार को शमी के पेड़ की जड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। वैसे तो शनि के प्रभाव में पीपल का वृक्ष भी आता है। परंतु पीपल के वृक्ष की विशालता के कारण इसे घर के अंदर लगा पाना संभव नहीं हो पाता है। इस कारण आप घर में शमी का पेड़ लगा सकते हैं।
नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करता है
शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र, मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के फूल, पत्ते, जड़ें, टहनी और रस का प्रयोग शनि संबंधी दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में शमी के वृक्ष का प्रयोग गुणकारी औषधि के रूप में भी किया जाता है। पुराणों में भी शमी के वृक्ष का वर्णन देखने को मिलता है। मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम ने भी शमी के पेड़ की पूजा की थी। हर शनिवार शमी के पत्ते शनिदेव को चढ़ाने से शनि के दोष कम होते हैं।
भगवान शिव और गणेश को हैं प्रिय
मान्यता है कि शमी भगवान शिव और गणेश को भी अति प्रिय है। सोमवार के दिन भगवान शिव का शनि के पत्ते को पुष्प चढ़ाने से लाभ होगा। गृहस्थ लोगों के जीवन में सुख-शांति आती है। वहीं गणेशजी को बुधवार के दिन दूर्वा के साथ आप शमी के पुष्प अर्पित करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में कभी पैसों की तंगी नहीं आती और मां लक्ष्मी का वास सदैव बना रहता है। एक मान्यता में यह भी बताया गया है कि पांडवों ने अज्ञातवास के वक्त शमी के पेड़ की जड़ में ही अपने अस्त्र-शस्त्र छिपा दिए थे, इसलिए शमी के पेड़ को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।
भगवान शिव के रूद्र अवतार हैं हनुमान
16 Mar, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भगवान शिव को अनंत कहा गया है और हनुमान जी को इनका रूद्र अवतार माना गया है। शिव के हनुमान रूप में जन्म लेने की कथा इस प्रकार है। भगवान शिव भक्तों की पूजा से जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं और हर युग में अपने भक्तों की रक्षा के लिए अवतार लिए हैं। भगवान शिव ने 12 रूद्र अवतार लिए हैं जिनमें से हनुमान अवतार को श्रेष्ठ माना गया है.
हनुमान के जन्म पर क्या कहते हैं शास्त्र
शास्त्रों में रामभक्त हनुमान के जन्म की दो तिथि का उल्लेख मिलता है। जिसमें पहला तो उन्हें भगवान शिव का अवतार माना गया है, क्योंकि रामभक्त हनुमान की माता अंजनी ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी और उन्हें पुत्र के रूप में प्राप्त करने का वर मांगा था।
तब भगवान शिव ने पवन देव के रूप में अपनी रौद्र शक्ति का अंश यज्ञ कुंड में अर्पित किया था और वही शक्ति अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई थी। फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमानजी का जन्म हुआ था।
पौराणिक कथा के अनुसार
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था। उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम की सेवा करने के लिए अवतार लिया था।
उसी समय भगवान शंकर ने भी अपना रूद्र अवतार लिया था और इसके पीछे वजह थी कि उनको भगवान विष्णु से दास्य का वरदान प्राप्त हुआ था। हनुमान उनके ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं। इस रूप में भगवान शंकर ने राम की सेवा भी की और रावण वध में उनकी मदद भी की थी।
परमात्मा का दिव्य उपहार है जीवन
16 Mar, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मानव जीवन परमात्मा का दिव्य उपहार है। जिंदगी को जीना सीखें। कुछ लोग जिंदगी को जीते हैं, कुछ लोग काटते हैं। जिसको जीना और जाना आ गया वह जीवन में सफल हो गया। हे मनुष्य एक दिन भी जी, अटल विश्वास बनकर जी। ब्राह्मो मुहूर्ते बुध्येत, धर्मार्थों चातुचिन्तयेत्? अर्थात्? व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागे और धर्म एवं अर्थ के विषय में चिंतन करें। शास्त्रकारों ने यह कभी नहीं कहा कि व्यक्ति अर्थोपार्जन न करे। वह अर्थोपार्जन करे किंतु धर्मपूर्वक, अधर्मपूर्वक नहीं।
हमें न तो आध्यात्मिकता की उपेक्षा करनी है न भौतिक सुख सुविधाओं की है। ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति जितना अच्छा चिंतन कर सकता है उतना दूसरे समय में नहीं। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह सर्वोत्तम समय है। बिल कोस्बो ने इस संदर्भ में कहा है कि मुझे नहीं मालूम कि कामयाबी पाने की पुंजी क्या है, पर हर आदमी को खुश करने की कोशिश करना ही नाकामयाबी की पुंजी है।
जीवन में यदि आप सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहने की आदत डालिए, क्योंकि सफलता और प्रसन्नता का चोली दामन का साथ है। हम जो चाहें हमारे जीवन का जो लक्ष्य हो उसे पा लें यह सफलता है और जब मन चाहे लक्ष्य को पा लेंगे तो स्वभावत: प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। हम जिंदगी को काटे नहीं, सच्चे अर्थों में जीएं। हम निरंतर परिश्रम करें। जॉन एच रोटस ने अपने संदेश में कहा है- सिर्फ जिंदगी न गुजारो-जीओ, सिर्फ छुओ नहीं महसूस करो, सिर्फ देखो नहीं गौर करो, सिर्फ पढ़ो नहीं जीवन में उतारो।
हमारा जीवन बहिर्मुखी न होकर अंतर्मुखी होना चाहिए। उसमें उथलापन नहीं, आडंबर नहीं, गंभीरता होनी चाहिए। हमारे आदर्श ऊंचे होने चाहिए और विचार सात्विक। बाहरी साज-सज्जा, शरीर की चमक दमक से कोई व्यक्ति न तो महान बन सकता है, न ही सफलता उसके चरण चूमती है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (16 मार्च 2023)
16 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन का व्यय संभव है, तनावपूर्ण वातावरण से बचियेगा, ध्यान रखें।
वृष राशि :- अधिकारियों के समर्थन से सफलता मिले, कार्यकुशलता से संतोष होगा।
मिथुन राशि :- चिन्ताएं कम हों, सफलता के साधन जुटायें तथा शुभ समाचार अवश्य प्राप्त होगा।
कर्क राशि :- बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होवे तथा सुख-समृद्धि के साधन अवश्य जुटायें।
सिंह राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा तथा भोग-एश्वर्य की प्राप्ति अवश्य ही होगी।
कन्या राशि :- प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, संघर्स से अधिकारियों की भावना को ठोस अवश्य पहुंचेगी।
तुला राशि :- कुटुम्ब और धन की चिन्ता बनी रहे, परिश्रम करने से सोचे कार्य पूर्ण होंगे।
वृश्चिक राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा क्लेशयुक्त रखे तथा आर्थिक स्थिति समर्थयोग्य बने।
धनु राशि :- भावनाएं विक्षुब्ध रखें तथा कार्यगति मंद होगी, परिश्रम से सफलता मिलेगी।
मकर राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, धन का व्यय, मानसिक खिन्नता अवश्य ही होगी।
कुंभ राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, व्यापारिक समृद्धि के साधन जुटायें, कार्य बनेंगे।
मीन राशि :- कुटुम्ब के साथ समय बीतेगा तथा हर्ष-उल्लास के साथ उत्साह बना रहेगा।
बुधवार के दिन इन गलतियों को करने से बचें वरना होगा संकट का सामना
15 Mar, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है। वही बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। भक्त इस दिन भगवान की विधिवत पूजा करते है और व्रत भी रखते है।
मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ के साथ साथ कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। वरना श्री गणेश क्रोधित हो जाते है जिससे जातक को कई समस्याओं व संकटों का सामना करना पड़ सकता है, तो आज हम आपको बता रहे है कि बुधवार के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
बुधवार को न करें ये काम-
आपको बता दें कि बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश और बुध ग्रह को समर्पित होता है और बुध ग्रह बुद्धि, वाणी के कारक माने जाते है। ऐसे में इस दिन जितना हो सके वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए वरना धन हानि और संकटों का सामना करना पड़ सकता है। बुधवार के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्रों को नहीं धारण करना चाहिए इसे शुभ नहीं माना जाता है इसके स्थान पर आप हरे रंग के वस्त्र पहन सकते है इसे शुभ बताया गया है। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न हो जाते है।
बुधवार के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि बुधवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल होता है और इसे अशुभ माना जाता है। इस दिन धन का लेन देन करना भी सही नहीं माना जाता है ऐसा करने से दरिद्रता का घर में वास होता है। वैसे तो किसी भी दिन स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए लेकिन बुधवार के दिन अगर ये गलती कोई करता है तो उसे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा? यहाँ जानिए
15 Mar, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल भर में 4 नवरात्र आती हैं। शारदीय नवरात्र के पश्चात् चैत्र नवरात्रि सबसे अहम है। इस बार चैत्र नवरात्र 22 मार्च से आरम्भ हो रही है। 22 से 30 मार्च तक पूरे 9 दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाएगी।
22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी.
चैत्र नवरात्रि पूजन विधि:-
कलश स्थापना की विधि आरम्भ करने से पहले सूर्योदय से पहले उठें तथा स्नान करके साफ कपड़े पहनें. तत्पश्चात, एक साफ स्थान पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें. इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें. एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश पर स्वास्तिक बनाकर इसपर कलावा बांधें. कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें. एक नारियल लें एवं उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें. इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें. फिर दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें. नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है.
मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा?
1- नवरात्रि पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)
2- नवरात्रि दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
3- नवरात्रि तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा
4- नवरात्रि चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा
5- नवरात्रि पांचवां दिन 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा
6- नवरात्रि छठवां दिन 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा
7- नवरात्रि सातवं दिन 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा
8- नवरात्रि आठवां दिन 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी
9- नवरात्रि 9वां दिन 30 मार्च 2023 दिन बृहस्पतिवार: मां सिद्धिदात्री
Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी पर पढ़ें श्री शीतला चालीसा और आरती, पूरी होंगी आपकी मनोकामनाएं
15 Mar, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Sheetala Ashtami 2023 Chalisa And Aarti: चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत होता है. 15 मार्च 2023 को शीतला अष्टमी व्रत है. आज के दिन आप शीतला माता की नियम से पूजा करें.
शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए श्री शीतला चालीसा का पाठ करें. उसके बाद कपूर से मां शीतला की आरती करें. शीतला अष्टमी पर चालीसा पाठ और आरती करने से शीतला माता प्रसन्न होती हैं. वे अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं और निरोगी जीवन का वरदान देती हैं. शीतला माता को बासी या ठंडे भोजन का भोग चढ़ाया जाता है. यहां जानते हैं श्री शीतला चालीसा और शीतला माता की आरती.
श्री शीतला चालीसा
दोहा
जय-जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धि बलज्ञान॥
चौपाई
जय-जय-जय शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानी॥
गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित। पूरण शरदचन्द्र समसाजित॥
विस्फोटक से जलत शरीरा। शीतल करत हरत सब पीरा॥
मातु शीतला तव शुभनामा। सबके गाढ़े आवहिं कामा॥
शोकहरी शंकरी भवानी। बाल-प्राणरक्षी सुख दानी॥
शुचि मार्जनी कलश करराजै। मस्तक तेज सूर्य समराजै॥
चौसठ योगिन संग में गावैं। वीणा ताल मृदंग बजावै॥
नृत्य नाथ भैरो दिखरावैं। सहज शेष शिव पार ना पावैं॥
धन्य-धन्य धात्री महारानी। सुरनर मुनि तब सुयश बखानी॥
ज्वाला रूप महा बलकारी। दैत्य एक विस्फोटक भारी॥
घर-घर प्रविशत कोई न रक्षत। रोग रूप धरि बालक भक्षत॥
हाहाकार मच्यो जगभारी। सक्यो न जब संकट टारी॥
तब मैया धरि अद्भुत रूपा। कर में लिये मार्जनी सूपा॥
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्ह्यो। मुसल प्रहार बहुविधि कीन्ह्यो॥
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा। मैया नहीं भल मैं कछु चीन्हा॥
अबनहिं मातु, काहुगृह जइहौं। जहँ अपवित्र सकल दुःख हरिहौं॥
भभकत तन, शीतल ह्वै जइहैं। विस्फोटक भयघोर नसइहैं॥
श्री शीतलहिं भजे कल्याना। वचन सत्य भाषे भगवाना॥
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई। भजै देवि कहँ यही उपाई॥
कलश शीतला का सजवावै। द्विज से विधिवत पाठ करावै॥
तुम्हीं शीतला, जग की माता। तुम्हीं पिता जग की सुखदाता॥
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी। नमो नमामि शीतले देवी॥
नमो सुक्खकरणी दुःखहरणी। नमो-नमो जगतारणि तरणी॥
नमो-नमो त्रैलोक्य वन्दिनी। दुखदारिद्रादिक कन्दिनी॥
श्री शीतला, शेढ़ला, महला। रुणलीह्युणनी मातु मंदला॥
हो तुम दिगम्बर तनुधारी। शोभित पंचनाम असवारी॥
रासभ, खर बैशाख सुनन्दन। गर्दभ दुर्वाकंद निकन्दन॥
सुमिरत संग शीतला माई। जाहि सकल दुख दूर पराई॥
गलका, गलगन्डादि जुहोई। ताकर मंत्र न औषधि कोई॥
एक मातु जी का आराधन। और नहिं कोई है साधन॥
निश्चय मातु शरण जो आवै। निर्भय मन इच्छित फल पावै॥
कोढ़ी, निर्मल काया धारै। अन्धा, दृग-निज दृष्टि निहारै॥
वन्ध्या नारि पुत्र को पावै। जन्म दरिद्र धनी होई जावै॥
मातु शीतला के गुण गावत। लखा मूक को छन्द बनावत॥
यामे कोई करै जनि शंका। जग मे मैया का ही डंका॥
भनत रामसुन्दर प्रभुदासा। तट प्रयाग से पूरब पासा॥
पुरी तिवारी मोर निवासा। ककरा गंगा तट दुर्वासा॥
अब विलम्ब मैं तोहि पुकारत। मातु कृपा कौ बाट निहारत॥
पड़ा क्षर तव आस लगाई।रक्षा करहु शीतला माई॥
दोहा
घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छइयां में झुलई, मइया पलना डार॥
शीतला माता की आरती
ओम जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता।
ओम जय शीतला माता.
रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता।
ओम जय शीतला माता.
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता।
ओम जय शीतला माता.
इंद्र मृदंग बजावत चंद्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता।
ओम जय शीतला माता.
घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता।
ओम जय शीतला माता.
ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता।
ओम जय शीतला माता.
जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता।
ओम जय शीतला माता.
रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता।
ओम जय शीतला माता.
बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता।
ओम जय शीतला माता.
शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता।
ओम जय शीतला माता.
दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता।
ओम जय शीतला माता.
शीतला माता की जय.शीतला माता की जय.शीतला माता की जय.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (15 मार्च 2023)
15 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- अधिक संघर्षशीलता से बचिये, सुख-भोग, एश्वर्य की प्राप्ति होगी अवश्य होगी।
वृष राशि :- विरोधी तत्व परेशान करें, शुद्ध गोचर रहने से समय की अनुकूलता बनेगी।
मिथुन राशि :- कार्य निश्चय ही बनेंगे, समय की अनुकूलता का लाभ लेवें, मनस्थिति बनेगी।
कर्क राशि :- कुटुम्ब में शुभ समाचार, दैनिक व्यावसाय में अनुकूलता अवश्य ही बनेगी।
सिंह राशि :- सरकारी कार्यों में मान-प्रतिष्ठा, नवीन योजनायें फलीभूत होंगी।
कन्या राशि :- विवादग्रस्त होने से बचें अन्यथा संकट में फंस सकते हैं, समय का ध्यान रखें।
तुला राशि :- कार्य निश्चय बनें, समय की अनुकूलता का लाभ लेवें, ध्यान अवश्य रखें।
वृश्चिक राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक योग बनेंगे, सोचे कार्य समय पर पूर्ण होंगे।
धनु राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक योग बनेंगे, समय का लाभ लेकर कार्य बना लें।
मकर राशि :- मानसिक शांति बनाये रखें, विरोधी तत्व परेशान करेंगे, ध्यान रखें।
कुंभ राशि :- सफलता के साधन बनें, व्यर्थ भटकने एवं चंगुल में फंसने से बचेंगे।
मीन राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा-विलम्ब, किसी मित्र के द्वारा आपको सहयोग मिलेगा।
खरमास के दिनों में करें इन नियमों का पालन, जानिए उपाय
14 Mar, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखना बेहद जरूरी माना जाता है मान्यता है कि कार्यों को अगर शुभ समय या दिन पर किया जाए तो वह काम बिना बाधा के पूर्ण हो जाते है और इसका शुभ परिणाम भी जातक को मिलता है।
ऐसे में खरमास के दिनों को धार्मिक और ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्यों को करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है और इसके बुरे परिणाम भी झेलने पड़ते है। इस दौरान सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है, लेकिन खरमास के दिनों में कुछ नियमों का पालन करना और कुछ उपायों को अपनाना उत्तम होता है तो आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे है।
धार्मिक पंचांग के अनुसार 14 मार्च को सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे और 15 मार्च तक इसी में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस अवधि को खरमास के तौर पर देखा जा रहा है इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना व उपाय करना लाभकारी होगा। मान्यता है कि खरमास के दिनों में शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए वरना नवविाहित जोड़े पर इसका बुरा प्रभाव होता है। साथ ही इस अवधि में नया मकान, गहने या गाड़ी की खरीदारी भी अच्छी नहीं मानी जाती है। साथ ही साथ खरमास में गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, मुंडन और सगाई भी नहीं कनी चाहिए। ऐसा करना अच्छा नहीं होता है।
खरमास में करें ये आसान उपाय-
आपको बता दें कि खरमास के दिनों में देवी देवताओं की पूजा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन इनमें भगवान श्री सूर्यदेव की पूजा करना सबसे अधिक उत्तम होता है ऐसा करने से भक्तों को भाग्य और ऐश्वर्य का साथ मिलता है। तरक्की के मार्ग भी आसान हो जाते है। इस दौरान विष्णु पूजा भी उत्तम फल प्रदान करती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है।
कब है शीतला अष्टमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व
14 Mar, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Sheetala Ashtami 2023: हिंदू धर्म में व्रत-उपवास का बहुत खास महत्व है। फाल्गुन मास में आने वाली होली के बाद हफ्ते भर बाद शीतला माता की पूजा होती है। शीतला अष्टमी के दिन उत्तर भारत के कई राज्यों में हिंदू महिलाएं माता शीतला की विधि -विधान से पूजा करती हैं।
देवी शीतला को भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती का ही अवतार माना जाता है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू त्योहार होली के आठवें दिन मनाया जाता है। बहरहाल, कई लोग इसे रंगों के त्योहार के पहले सोमवार या शुक्रवार को मनाते हैं।
ज्यादातर परिवार शीतला अष्टमी के दिन एक दिन पहले खाना बनाते हैं और बासी खाना खाते हैं। माना जाता है कि देवी शीतला चेचक, चेचक, खसरा और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करती हैं और लोग इन बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए उनकी पूजा करते हैं। इस दिन कोई भी ताजा भोजन नहीं बनाया जाता है। शीतला शब्द का अर्थ शीतलता होता है। इस त्योहार को आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में पोलाला अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है।
शीतला अष्टमी 2023: बुधवार, 15 मार्च 2023
शीतला अष्टमी 2023 पूजा मुहूर्त: सुबह 10:52 बजे से शाम 07:29 बजे तक
अवधि: 08 घंटे 37 मिनट
शीतला अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मार्च 2023 को सुबह से 10:52 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 15 मार्च 2023 को सुबह 09:15 बजे
शीतला माता की पूजा जो कि हिंदू पंचांग के हिसाब से चैत्र के महीने में की जाती है। देवी शीतला को प्रकृति की उपचार शक्ति माना जाता है और उन्हें देवी दुर्गा और माता पार्वती का अवतार माना जाता है। इस दिन को कई राज्य में लोग बसौड़ा के नाम से भी जानते हैं। मौसम में बदलाव होने के कारण इस दिन ठंडा खाने की परंपरा है। शास्त्रों के मुताबिक, शीतला माता की पूजा और इस व्रत में ठंडा खाने से संक्रमण और अन्य बीमारियां दूर होती है।
-ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालु ठंडे पानी से स्नान करें।
- स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर माता शीतला से प्रार्थना करें और एक सुखी, स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन की कामना करें।
- आप मंदिर जाकर माता की पूजा कर सकते हैं और ऐसा संभव न हो तो अपने घर में ही माता की हिंदू नियमों के अनुसार पूजा करें।
- पूजा के बाद एक दिन पहले बनाए गए भोजन का सेवन करें।
- इस दिन माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं।
- इस दिन पके हुए भोजन और गर्म भोजन की अनुमति नहीं है।
-इसके बाद शीतला माता व्रत कथा के साथ पूजा का समापन किया जाता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (14 मार्च 2023)
14 Mar, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य-कुशलता एवं स्त्री-वर्ग से सुख-एश्वर्य की प्राप्ति होगी तथा कार्य अवश्य बनेंगे।
वृष राशि :- धन लाभ, कार्य-कुशलता से संतोष, बिगड़े हुए कार्य बनेंगे, ध्यान दें।
मिथुन राशि :- धन लाभ-कार्य-कुशलता से संतोष तथा आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा।
कर्क राशि :- भाग्य का सितारा चमकेगा, बिगड़े कार्य बन जायेंगे, कार्य फलीभूत होंगे।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, स्वाभाव में क्रोध, मन में उद्विघ्नता अवश्य बनेगी।
कन्या राशि :- स्त्री-वर्ग से सुख, कार्य में सुधार, आर्थिक योजना पूर्ण तथा फलीभूत होंगी।
तुला राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष, कार्यवृत्ति में सुधार, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि तथा इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, रुके कार्य बनेंगे।
धनु राशि :- असमर्थता, शारीरिक बेचैनी, कुछ चिन्ताएं मन उद्विघ्न रखेंगी, समय का ध्यान रखें।
मकर राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, परिवर्तन वृथा फलप्रद हो तथा व्यावसाय होगा।
कुंभ राशि :- सामाजिक कार्यों में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, कार्य-कुशलता तथा अधिकारियों से मेल होगा।
मीन राशि :- कुटुम्ब के कार्य में समय बीते, हर्षप्रद समाचार प्राप्त होगा, ध्यान रखें।