धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (03 मई 2023)
3 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- उद्विघ्नता से बचिये, मानसिक बेचैनी, प्रत्येक कार्य में विलम्ब अवश्य होगा।
वृष राशि :- आकस्मिक श्रम-शक्ति, शरीर क्षमता में कमजोरी होगी, ध्यान अवश्य रखें।
मिथुन राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, आकस्मिक चिंता बनी रहेगी, समय का ध्यान रखें।
कर्क राशि :- सोचे हुये कार्य बनेंगे, योजनायें फलीभूत होंगी, इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता से कुछ चिन्तायें कम होंगी, अर्थ-व्यवस्था तथा कुटुम्ब से मेल-मिलाप।
कन्या राशि :- व्यावसाय कुशलता से संतोष, अर्थ-व्यवस्था अनुकूल तथा कलह से बचिये।
तुला राशि :- अनायास दूसरों के कार्य में हस्ताक्षेप से बचें, कष्ट एवं हानि की संभावना।
वृश्चिक राशि :- समृद्धि के योग बनेंगे, अधिकारी वर्ग से सर्मथन मिले, कार्य फलप्रद होंगे।
धनु राशि :- समय की अनुकूलता से आय लाभ होगा, शुभ समाचार मिलेगा, कार्य फलप्रद होंगे।
मकर राशि :- स्त्री-शरीर कष्ट होगा, कुटुम्ब में सुखवर्धक योजना पूर्ण होगी, ध्यान दें।
कुंभ राशि :- दुर्घटना से बचिये, कुटुम्ब की समस्या से परेशानी अवश्य होगी, ध्यान दें।
मीन राशि :- स्थिति में सुधार, कार्य-व्यवसाय अनुकूल, अधिकारी वर्ग से तनाव होगा।
कब है बड़ा मंगल? जानें तिथियां, महत्व और पूजा विधि
2 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदी शास्त्रों में प्रत्येक दिन का अपना महत्व है और प्रत्येक दिन एक विशिष्ट देवता को समर्पित है। इसी प्रकार मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हालांकि ज्येष्ठ माह में मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से यह और भी खास माना जाता है। इस महीने के सभी मंगलवार को 'बड़ा मंगल' के रूप में जाना जाता है और हम इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं क्या है बड़ा मंगल, क्या है इसका महत्व।
बड़ा मंगल की तिथि
इस वर्ष ज्येष्ठ मास की शुरुआत 09 मई 2023 को हुई है और इसका समापन 30 मई 2023 को होगा। इस प्रकार इस माह में 4 मंगलवार हैं जिन्हें बड़ा मंगल कहा जा रहा है। इस साल ज्येष्ठ मास की खास बात यह है कि इसकी शुरुआत और अंत दोनों ही मंगलवार से होंगे, ऐसे में ज्येष्ठ मास का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस साल बड़े मंगल की तिथियां 09 मई, 16 मई, 23 मई, 7 जून और 30 जून हैं।
ज्येष्ठ माह में बड़ा मंगल क्यों मनाते हैं?
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के मंगलवार को भगवान हनुमान पहली बार भगवान राम से मिले थे। तब से, यह माना जाता है कि इस महीने के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुधवा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस विशेष दिन पर, मंदिरों में कीर्तन आयोजित किए जाते हैं, एक धार्मिक भोज (भंडारा) आयोजित किया जाता है और लोगों को पानी चढ़ाया जाता है। दरअसल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और माना जाता है कि इसकी शुरुआत भी यहीं से हुई थी।
बड़ा मंगल का महत्व
बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बड़ा मंगल पर लखनऊ में हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी भंडारे का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि जो भक्त इस महीने के मंगलवार का व्रत और हनुमान जी की पूजा करते हैं, उनके सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन पूजा करने से आपके जीवन से सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और आपके जीवन में खुशहाली आएगी।
बड़ा मंगल की पूजा विधि
बड़ा मंगल के महापर्व पर हनुमान जी से आशीर्वाद पाने के लिए साधक को प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए।
इसके बाद विधि विधान से व्रत करने का संकल्प लें।
इसके बाद घर के ईशान कोण में चौकी में हनुमान जी का चित्र रखें और पूजा करें।
अगर संभव न हो तो फिर हनुमान मंदिर में जाकर उनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहि।
बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का पुष्प, लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फल, बूंदी, सिंदूर आदि चढ़ाएं।
बड़ा मंगल पर किसी भी कामना को पूरा करने के लिए हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें।
अंत में उनकी आरती करने के बाद अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें।.
भगवान नरसिंह के 10 मंत्र, चमका देंगे आपके दिन
2 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2023 में 5 मई, दिन शुक्रवार को नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti 2023) मनाई जा रही है। भगवान नरसिंह की जयंती पर कुछ खास विलक्षण मंत्रों का जाप करने से आप तंत्र-मंत्र बाधा, भूत-पिशाच भय, अकाल मृत्यु का डर, असाध्य रोग तथा बड़ी से बड़ी आपदा आदि से छुटकारा पा सकते हैं तथा जीवन में शांति की प्राप्ति हो जाती है। उनका यह मंत्र तो बहुत ही खास है- 'ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्।।'
आइए जानते हैं भगवान नरसिंह के 10 चमत्कारिक मंत्र, जो आपके जीवन को चमका देंगे-
नरसिंह भगवान की जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप-
1 एकाक्षर नृसिंह मंत्र : 'क्ष्रौं'
2. नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः।
3. त्र्यक्षरी नृसिंह मंत्र : 'ॐ क्ष्रौं ॐ'
4. षडक्षर नरसिंह मंत्र : 'आं ह्रीं क्ष्रौं क्रौं हुं फट्'
5. अष्टाक्षर नृसिंह : 'जय-जय श्रीनृसिंह'
6. ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
7. दस अक्षरी नृसिंह मंत्र: 'ॐ क्ष्रौं महा-नृसिंहाय नम:'
8. नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
9. तेरह अक्षरी नरसिंह मंत्र: 'ॐ क्ष्रौं नमो भगवते नरसिंहाय'
10. नरसिंह गायत्री मंत्र: 'ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे, वज्र-नखाय धीमहि। तन्नो नृसिंह: प्रचोदयात्।'
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का करें जाप, हर मनोकामना होगी पूरी
2 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। ये व्रत हर माह में त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव शंकर की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि त्रयोदशी के दिन व्रत रखकर पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही दांपत्य जीवन में भी प्यार बना रहता है। इस दिन लोग पूरी आस्था और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। दिनभर व्रत रखकर शाम को प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि जो भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही इस दिन कुछ मंत्रों के जाप से शुभ फल मिलता है। ये रहे शिव जी के चमत्कारी मंत्र...
प्रदोष व्रत तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 मई 2023 की रात 11 बजकर 17 मिनट पर हो रही है। अगले दिन इस तिथि का समापन 03 मई की रात को 11 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए प्रदोष व्रत 3 मई को रखा जाएगा। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6 बजकर 57 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ये शिव गायत्री मंत्र है। इस मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना जाता है। बुध प्रदोष व्रत के दिन इस मंत्र से जातक को जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय
108 बार इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का शरीर और दिमाग शांत रहता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
इस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन इसका जाप करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि ये मंत्र भक्तों की सभी मनोकामनाएं शिव जी तक पहुंचाता है।
धूनि के करें ये बेहद चमत्कारी टोटके, शनिदोष से मिलेगी मुक्ति
2 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म के अनुसार घरों में धूनी देने की परंपरा सदियों पुरानी है। अगरबत्ती मन को शांत करती है और तनाव से राहत दिलाती है। माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धूमन के लिए लोग कई तरह की चीजों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कुछ चीजें धन आने के रास्ते खोलती हैं। इन सभी चीजों को घर में रखने का अलग ही महत्व होता है। आइए जानते हैं धूनी के फायदों के बारे में।
नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पीली सरसों, गुड़गल, लोबान को एक पात्र में रखकर शाम के समय अगरबत्ती जलाएं। कहा जाता है कि इस उपाय को लगातार 21 दिनों तक करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। साथ ही इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है।
रोगों को दूर करने के लिए
कहा जाता है कि जहां भी सकारात्मक ऊर्जा होती है वहां मां लक्ष्मी का भी वास होता है। सप्ताह में कम से कम एक बार नीम की पत्तियों को घर में जलाएं। यह घर में बैक्टीरिया को मारता है और घर में लोगों को स्वस्थ रखता है।
घरेलू परेशानियों से निपटने के लिए
सप्ताह में एक दिन गृह क्लेश दूर करने के लिए किसी भी दिन बर्तन जलाकर गुग्गल का धुंआ चढ़ाना चाहिए। इससे घर में शांति बनी रहती है।
शनिदोष दूर होगा
अगर किसी की कुंडली में शनिदोष है तो हर शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करने और अगरबत्ती जलाने से शनिदोष दूर होता है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (02 मई 2023)
2 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- साधन सम्पन्नता के योग फलप्रद हों, आर्थिक योजना अवश्य सफल होगी।
वृष राशि :- अपने किये पर पछताना पड़ेगा, मानसिक बेचैनी, क्लेश तथा अशांति होगी।
मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटायें, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि अवश्य होगी।
कर्क राशि :- दैनिक कार्यों में सफलता, स्त्री-वर्ग से सुख, इष्ट-मित्र सुखवर्धक होंगे।
सिंह राशि :- स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास बने, ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, समय का ध्यान रखें।
कन्या राशि :- धन प्राप्ति, आशानुकूल, सफलत में वृद्धि, बिगड़े कार्य अवश्य ही बन जायेंगे।
तुला राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष, बिगड़े हुये कार्य अवश्य ही बनेंगे, कार्य का ध्यान अवश्य रखें।
वृश्चिक राशि :- दैनिक समृद्धि के योग बनेंगे, अधिकारियों से कार्य योजना का लाभ अवश्य मिलेगा।
धनु राशि :- कार्य योजना पूर्ण होगी, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा, कार्य अवश्य ही बनेंगे।
मकर राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, स्थिति में सुधार तथा चिंता कम होगी, ध्यान दें।
कुंभ राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होगी, शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी अवश्य बनेगी।
मीन राशि :- दैनिक कार्ययोजना में बाधा, चिन्ता-उद्विघ्नता तथा धन का व्यय होगा।
अपार धन-संपत्ति पाने के लिए करें कनकधारा स्त्रोत का पाठ, भर जाएगी तिजोरी
1 May, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनकधारा का अर्थ है "सोने" (कनक) की "धारा" (धारा)। कनकधारा स्तोत्र महान हिंदू संत और दार्शनिक श्री आदि शंकराचार्य द्वारा संस्कृत में रचित एक भजन (स्तोत्र) है।
इसमें देवी लक्ष्मी की स्तुति के 18 श्लोक हैं। केवल देवी लक्ष्मी ही किसी के भाग्य को बदल सकती हैं। माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद अहम होता है। धर्म-शास्त्रों के अनुसार कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना अपार सुख-समृद्धि दिलाता है। इसके अलावा इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना बहुत लाभ देता है।
।। श्री कनकधारा स्तोत्रम् ।।
अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।
अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।
मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।
माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।
विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।
ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।
आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।
आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।
बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरिनीलमयी विभाति।
कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।
कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।
मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।
प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।
मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।
दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।
दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।
इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।
दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।
गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।
सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।
श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।
शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।
नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।
नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।
सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।
त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।
यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।
संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।
सरसिजनिलये सरोज हस्ते धवलमांशुकगन्धमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।
दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।
प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।
कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।
अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।
स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।
गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।
।। इति श्री कनकधारा स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।
इन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ है बुद्ध पूर्णिमा, होगी धनवर्षा
1 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं. वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) के तौर पर मनाई जाती है. वर्ष 2023 में बुद्ध पूर्णिमा 5 मई, दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) पर चंद्र ग्रहण 5 मई की रात को 8 बजकर 45 मिनट से लगेगे जो देर रात 1 बजे समाप्त होगा. बुद्ध पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं जो कई राशि के लोगों के लिए शुभ साबित हो होंगे. इन राशियों को धन लाभ होगा तथा करियर में कामयाबी प्राप्त होगी. तो चलिए आपको बताते है बुद्ध पूर्णिमा किन राशियों के लिए शुभ है...
इन राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ होगी बुद्ध पूर्णिमा:-
मेष राशि:-
बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे संयोग से मेष राशि के लोगों को बहुत ही लाभ होने वाला है. नौकरी करने वाले लोगों को नई नौकरी मिल सकती है जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. नौकरी में प्रमोशन भी हो सकता है. कारोबार में लाभ हो सकता है.
मिथुन राशि:-
मिथुन राशि के लोगों को बुद्ध पूर्णिमा पर शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं. आपको नौकरी एवं व्यापार में तरक्की से धन लाभ होगा साथ ही आपरो कार्य में कामयाबी मिलेगी.
सिंह राशि:-
आपका कोर्ट-कचहरी में कोई विवाद चल रहा है तो आपको इस विवाद से निजात प्राप्त हो सकता है. साथ ही आपको नए कार्य आरम्भ करने पर उसमें सफलता मिलेगी.
मकर राशि:-
बुद्ध पूर्णिमा पर आपको शुभ फल प्राप्त होंगे आपका नौकरी में प्रमोशन हो सकता है. प्रमोशन होने से आपकी आय में वृद्धि होगी तथा जीवन में सुख शांति आएगी. नई गाड़ी और मकान खरीदने के योग भी बन रहे हैं.
कब है नारद जयंती? जानिए इसका महत्व
1 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में महर्षि नारद को उच्च स्थान प्राप्त है। नारद जी को प्रभु श्री विष्णु का परम भक्त एवं ब्रह्म देव का मानस पुत्र माना गया है। कई धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नारद जी को इस ब्रह्मांड का पहला पत्रकार भी माना जाता है।नारद जी समस्त वेदों के ज्ञाता माने जाते हैं। हिन्दू परंपरा में नारद जी के जन्मोत्सव को नारद जयंती के तौर पर मनाया जाता है।
कब है नारद जयंती 2023?
नारद जयंती का पर्व ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 5 मई, दिन शुक्रवार (शुक्रवार के उपाय) को प्रातः 11 बजकर 3 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 6 मई, दिन शनिवार को रात 9 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, नारद जयंती 6 मई को मनाई जाएगी।
नारद जयंती 2023 का महत्व:-
मान्यता है कि नारद जयंती के दिन देवर्षि नारद की पूजा करने या उनका स्मरण मात्र करने से और उनके नाम का जाप करने से पेशेवर जीवन में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। नौकरी में तरक्की होती है, कार्यस्थल पर मान-सम्मान बढ़ता है, आय में वृद्धि होती है, नौकरी में सफलता मिलती है तथा उच्च स्थान की प्राप्ति भी होती है। नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (01 मई 2023)
1 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- उच्च वर्ग का सानिध्य प्राप्त होगा, जमीन जायजाद का लाभ मिलेगा, कार्य बनेंगे।
वृष राशि - आर्थिक स्थिति साधारण रहेगी, आकस्मिक हानि से दुखी रहना पड़ सकता है।
मिथुन राशि - पारिवारिक सुख तथा आनंद की प्राप्ति होगी, धार्मिक दानपुण्य में प्रवृत्ति बनेगी।
कर्क राशि - जनसंपर्क बढ़गा, इच्छित कार्य की पूर्ति होगी, राजनेता का सहयोग मिलेगा।
सिंह राशि - शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलेगा, पद प्रतिष्ठ का लाभ मिलेगा, ध्यान दें।
कन्या राशि - मानसिक कष्ट होगा, शत्रु आपको बाधा पहुंचाने का कष्ट करेंगें, सावधान रहें।
तुला राशि - परीक्षा व प्रतियोगिता के संबंध में दूर की यात्रा करनी पड़ सकती है, रुके कार्य बनेंगे।
वृश्चिक राशि - यश प्रतिष्ठा में सुधार व व्यक्तित्व में निखार आयेगा, उद्योग धंधों में सफलता मिलेगी।
धनु राशि - समस्याओं का समाधान जल्द ही निकलेगा, आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने की संभावना है।
मकर राशि - मानसिक कष्ट व पारिवारिक उलझने बढ़ेंगी, व्यर्थ के खर्च से सावधान रहें।
कुंभ राशि - पत्नी से मनमुटाव बढ़ेगा, संतान पक्ष से आय बढ़गी, कार्य के प्रति चिंतन होवेगा।
मीन राशि - स्थिति में कुछ सुधार व स्वास्थ्य नरम गरम रहेगा, व्यय अधिक होने का योग बनेगा।
मस्तिष्क रेखा से जानें कैसे लोग होते हैं मूर्ख और कैसे लोग जीवन में पाते हैं सफलता?
30 Apr, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वैसे तो हथेली की हर रेखा महत्वपूर्ण होती है, लेकन इन सभी में मस्तिकष्क रेखा काफी खास मानी गई है। ये रेखा हमारे आचार-विचार आदि के बारे में बताती है और मानसिक स्थिति का वर्णन करती है।
मस्तिष्क रेखा हमारे अंगूठे और सबसे छोटी उंगली के मध्य से में निकलते हुए सीधे आगे बढ़ती है। ये रेखा जीवन रेखा के साथ ही शुरू होती है लेकिन कुछ दूर जाकर अलग-अलग हो जाती है। व्यक्ति की सोच और मानसिक स्थिति समझने के लिए इसी रेखा का अध्ययन किया जाता है। एशियानेट हिंदी ने अपने पाठकों के लिए हस्तरेखा (know future from palm line) की एक सीरीज शुरू की है, हस्तरेखा से जानें भविष्य। इस सीरीज के अंतर्गत पहले हम आपको मस्तिष्क रेखा से जुड़ी कई खास बातें पहले बता चुके हैं। आगे जानिए मस्तिष्क रेखा से जुड़ी कुछ अन्य खास बातें.
यदि मस्तिष्क और जीवन रेखा एक-दूसरे को स्पर्श करते हुए एक ही स्थान से आरंभ होती है तो ऐसा व्यक्ति रीति रिवाजों और अपनी परंपराओं को मानने वाला होता है। वह अपने परिवार की परंपरा का आगे बढ़ाता है और कुल का नाम रोशन करता है। ऐसे लोग परिवार का ध्यान रखते हैं और समाज में लोकप्रिय भी होते हैं।
जिन लोगों की हथेली में मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा के काफी बाद शुरू होती है, ऐसे लोग पुरानी मान्यताओं को तोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं। कई बार ऐसे लोगों का मस्तिष्क का विकास काफी देर से होती है। समय के साथ इनकी बुद्धि बढ़ती है। ये सामान्य लोगों से थोड़े अलग होते हैं।
जिस व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा समकोण से बड़ी होकर ऊपर उठती हुई दिखाई दे तो ऐसे लोगों का स्वभाव अत्यंत कठोर होता है। कभी-कभी ये मूर्खतापूर्ण काम भी कर बैठते हैं। ऐसे लोग कुंठित होते हैं जो दूसरों को देखकर उनसे ईर्ष्या करते हैं और अपने जीवन में काफी आगे नहीं बढ़ पाते।
कुछ लोगों की हथेली में मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के नीचे से शुरू होती है। ऐसे लोग अस्थिर प्रवृत्ति के होते हैं। वे हर काम बड़े ही उत्साह से शुरू करते हैं, लेकिन उतनी ही तेजी से निरुत्साही भी हो जाती है। इनके विचार हर थोड़े समय के बाद बदल जाते हैं। ये किसी एक विचार पर स्थिर नहीं रह पाते, इसलिए लोग इन्हें मूर्ख समझते हैं।
कई हाथों में मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा से कुछ हटकर अलग से प्रारम्भ होती है। ऐसे लोग के विचारों से प्रभावित नहीं होते हैं बल्कि अपने साहस एवं आत्मविश्वास के साथ निर्णय स्वयं लेते हैं। ऐसे लोग हर काम में सफलता प्राप्त करते हैं। इन्हें समाज में मान-सम्मान भी मिलता है।
लेखक परिचय
राजेन्द्र गुप्ता ज्योतिष जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। आप वर्तमान में अजमेर (राजस्थान) में रहकर हस्तरेखा विषय पर निरंतर शोधपरक कार्य कर रहे हैं। आपने एम.ए. दर्शनशास्त्र में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। साथ ही इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों पर भी आपने एम. ए. किया है। साहित्यागार प्रकाशन जयपुर से हिंदी व्याकरण पर आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। रेडियो-टीवी पर भी आपकी कई खोजपरक रिपोर्ट और वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
मई माह के प्रमुख तीज, त्योहार, व्रत, उपवास और खास दिवस
30 Apr, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मई के माह में गर्मी का मौसम रहता है। हिन्दू माह के अनुसार बैशाख और ज्येष्ठ माह के दौरान यह माह आता है। मई के माह 2023 में कौन-कौन से प्रमुख तीज, त्योहार, व्रत, उपवास आदि के साथ ही खास दिवस जयंती और पुण्यतिथि आने वाली है।
जानते हैं सभी की एक लिस्ट।
1 मई : मोहिनी एकादशी, मजदूर दिवस, महाराष्ट्र और गुजरात स्थापना दिवस
2 मई : सत्यजित राय जयंती, विष्णु कांत शास्त्री जयंती, लिओनार्दो दा विंची पुण्यतिथि
3 मई : प्रदोष व्रत, अखिल भारतीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस
4 मई : नृसिंह चतुर्दशी, मासिक शिवरात्रि, गुरु अमरदास जयंती
5 मई : वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण, कूर्म जयंती, गुरु गोरखनाथ प्रकट दिवस, महर्षि भृगु एवं टेकचंद जयंती
6 मई : मोतीलाल नेहरू जयंती, भूलाभाई देसाई पुण्यतिथि, विश्व हास्य दिवस
7 मई : नारद जयंती, मीन समाज मंदिर दिवस
8. मई : गणेश चतुर्थी व्रत, विश्व रेड क्रास दिवस
9 मई : गुरु रविंद्रनाथ टैगोर जयंती
10 मई : छत्रपति साहू महाराज पुण्यतिथि
11. मई : संत तारण तरण गुरुपर्वी,
12 मई : पंचक प्रारंभ
13. मई : श्री रवि शंकर जयंती, मथुरा प्रसाद मिश्र वैद्य जयंती, आर. के. नारायण पुण्यतिथि, बाबा हरदेव सिंह पुण्यतिथि
14 मई : मदर्स डे, शम्भाजी जयंती, मृणाल सेन जयंती
15: मई : केवट जयंती, अपरा अचला एकादशी व्रत, वृषभ संक्रांति, अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस,
16. मई : सिक्किम स्थापना दिवस, राष्ट्रीय डेंगू दिवस
17 मई : पंचक समाप्त, प्रदोष व्रत, शिव चतुर्दशी व्रत, विश्व दूर संचार दिवस,
18 मई : पोखरण परमाणु विस्फोट दिवस (1974), अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
19. मई : वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, वट अमावस्या व्रत
20 मई : सुमित्रानंदन पंत जयंती, मल्हारराव होल्कर पुण्यतिथि
21 मई : राजीव गांधी पुण्यतिथि
22 मई : प्रताप छत्रसाल जयंती, रंभा तीज, राजा राममोहन राय जयंती
23. मई : गुरु अर्जुनदेव पुण्यतिथि, विनायक चतुर्थी व्रत
24 मई : निकोलस कॉपरनिकस पुण्यतिथि, मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि, राष्ट्रमंडल दिवस, विश्व तपेदिक दिवस, बछेंद्री पाल जयंती
25 मई : नवतपा प्रारंभ, आल्हा जयंती, साईं टेऊगम पुण्यतिथि
26 मई : राष्ट्रीय धातु दिवस
27 मई : मां धूमावती जयंती, पंडित जवाहरलाल पुण्यतिथि
28 मई : वीर सावरकर जयंती,
29 मई : महेश नवमी, पेंटिकोम्ट
30 मई : गायत्री जयंती, गंगा दशहरा, महर्षि गालव अवतरण दिवस
31 मई : निर्जला एकादशी, रानी अहिल्या जयंती, विश्व ध्रूमपान निरोधक दिवस
चावल के ये अचूक उपाय दूर करेंगे धन की कमी
30 Apr, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में धनवान बना चाहता है इसके लिए लोग दिनों रात प्रयास और कड़ी मेहनत भी करते हैं लेकिन फिर भी अगर उन्हें सफलता नहीं मिलती है और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में व्यक्ति निराश और परेशान हो जाता है।
अगर आप भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं या फिर आए दिन कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है तो ऐसे में आप कुछ उपायों को कर सकते है। ज्योतिषशास्त्र में चावल से जुड़े कुछ ऐसे उपाय बताए गए है। जिन्हें करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है साथ ही साथ धन प्राप्ति व उन्नति के योग बनने लगते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख में उन्हीं के बारे में बता रहे है।
चावल का अचूक उपाय-
अगर आप आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में पूर्णिमा तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद एक सफेद लाल रेशमी वस्त्र में चावल के 21 दाने रख दें। अब इस वस्त्र को लेकर माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और इस पोटली को धन रखने वाली जगह पर रख दें।
मान्यता है कि इस उपाय को करते ही धन की कमी दूर हो जाती है और बड़े से बड़ा कर्ज भी दूर हो जाता है। इसके अलावा अगर आप किस्मत का साथ पाना चाहते हैं या फिर दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलाना चाहते हैं तो इसे में आप तांबे के लोटे में जल और रोली मिलाकर उसमें थोड़ा सा चावल रखें अब इस लोटे से सूर्यदेव को जल अर्पित करें मान्यता है कि इस उपाय को करने से किस्मत का पूरा साथ मिलता है और हर कार्य में सफलता हासिल होती है।
रुपये-पैसों की किल्लत से हैं परेशान, तो करें शमी से जुड़ा ये उपाय
30 Apr, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनमें देवी देवताओं का वास होता है और लोग उनकी विधिवत पूजा भी करते है। इन्हीं में से एक पेड़ है शमी का जो शनिदेव को बेहद ही प्रिय है और मान्यता है कि इसकी पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और सभी परेशानियों को दूर कर देते है।
ज्योतिषशास्त्र में शमी से जुड़े कुछ उपाय भी बताए गए है। जिन्हें विधिवत तरीके से अगर किया जाए तो रुपये पैसों की किल्लत दूर हो जाती है तो आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
शमी से जुड़े आसान उपाय-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव को शमी का पौधा बेहद प्रिय है। ऐसे में आज के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होकर कृपा करते है। साथ ही साथ ऐसा करने से जीवन के सभी दुखों का भी नाश हो जाता है। इसके अलावा शमी के पत्तों को अगर भगवान शिव को जल में डालकर अर्पित किया जाए तो इससे शिव कहृपा बरसती है और तरक्की के मार्ग भी खुल जाते है। साथ ही साथ परिवार में हो रहे क्लेश से भी मुक्ति मिलती है।
अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं या फिर कर्ज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में आप सात दिनों तक लगातार शमी के वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है इसके अलावा शमी के पौधे के साथ अगर तुलसी लगाई जाए तो इससे धन खर्च में कमी आती है और परिवार के सदस्यों की तरक्की होती है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (30 अप्रैल 2023)
30 Apr, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्वभाव में आकस्मिक परिवर्तन भी हो सकता है, व्यवसाय में अच्छी गति होती है।
वृष राशि - कार्यों में सफलता मिले, मान सम्मान की प्राप्ति होगी, शत्रु कमजोर होवेंगे ध्यान दें।
मिथुन राशि - सप्ताह उत्तम फल कारक है, अधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिलेगा, कार्य बनेंगे।
कर्क राशि - नौकरी में व्यवधान हो सकता है, व्यवसाय ठीक नहीं रहेगा ध्यान दें।
सिंह राशि - आप आनंद का अनुभव करेंगे, केतु ग्रह पीड़ा कारक है, अपनी मतभेद से बचे।
कन्या राशि - मनोरंजन से अति हर्ष होवे, व्यवसाय में लाभ होवे, रूके काम अवश्य ही बनेंगे।
तुला राशि - परिवारिक उत्तरदायित्व की वृद्धि होगी, आमोद प्रमोद में विशेष ध्यान देवें।
वृश्चिक राशि - मानसिक तनाव आकस्मिक बढ़ेगा, स्वजनों से सहानुभूति अवश्य होवेगी।
धनु राशि - व्यवसाय की उन्नति से आर्थिक स्थिति में विशेष सुधार होवेगा, ध्यान दें।
मकर राशि - विलास सामग्री का संचय होगा, अधिकारी वर्ग की कृपा लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि - इष्ट मित्रों से अच्छा सहयोग मिले, उन्नति एवं लाभ के योग बनेंगे।
मीन राशि - गृह कलह की मनोवृति, शरीर पीड़ा से परेशानी अवश्य ही बनेंगी, ध्यान दें।