धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (03 जून 2023)
3 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- तनाव, रोग, उदर विकार, लाभ, राजभय, पारिवारिक समस्या उलझी रहेंगी।
वृष राशि :- शत्रुभय, सुख, मंगल कार्य, विरोध, मामले-मुकदमे में जीत की सम्भावना रहेगी।
मिथुन राशि :- कुसंगत से हानि, विरोध, व्यय, यात्रा व सामाजिक कार्यों में सावधानी रखें।
कर्क राशि :- पराक्रम, कार्यसिद्ध, व्यापार लाभ, सामान्य लाभ हो सकता है, कार्य बनेंगे।
सिंह राशि :- तनाव, प्रवास से बचें, विरोध, चिन्ता, राजकार्य में प्रतिष्ठा मिल सकती है।
कन्या राशि :- भूमि लाभ, स्त्री सुख, हर्ष, प्रगति, स्थिति में सुधार, लाभ की गति बढ़ेगी।
तुला राशि :- प्रगति, वाहन भय, भूमि लाभ, कलह, कुछ अच्छे कार्य भी होंगे, लाभ होगा।
वृश्चिक राशि :- कार्य सिद्ध, विरोध, लाभ, कष्ट, हर्ष, व्यय होगा, व्यापार में सुधार, कार्य होगा।
धनु राशि :- यात्रा में हानि, मातृ-पितृ कष्ट, व्यय, उन्नति में कुछ कमी, व्यवस्था की अनुभूति।
मकर राशि :- शुभ कार्य, वाहनादि रोगभय, धार्मिक कार्य, कुछ अच्छे कार्य हो सकते हैं, ध्यान रखें।
कुंभ राशि :- अभिष्ट सिद्धी, राजभय, कार्य बाधा, सामाजिक कार्यों से लाभ होगा।
मीन राशि :- अल्प हानि, रोगभय, सम्पत्ति लाभ, राजकार्य में विलम्ब, परेशानी होगी।
हथेली की ये रेखाएं देती हैं बीमारियों और दुर्घटनाओं का संकेत
2 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर किसी की हथेली पर कई तरह की रेखाएं, निशान और आकृतियां बनी होती हैं जिनका व्यक्ति के जीवन और हस्तरेखा शास्त्र में खास महत्व होता हैं हथेली पर बनने वाली ये रेखाएं व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करती हैं हथेली पर कई तरह की रेखाएं होती हैं जिनमें कुछ शुभ तो वही कुछ अशुभ रेखाएं होती हैं।
हस्तरेखा की मानें तो शुभ रेखाएं जीवन में सुख समृद्धि और धन की ओर इशारा करती हैं तो वही अशुभ रेखाएं रोग, दुर्घटनाओं और परेशानियों का संकेत प्रदान करती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कुछ ऐसी ही रेखाओं के बारे में बता रहे हैं जिनके हथेली पर होने से जातक के जीवन में बीमारियों और दुर्घटनाओं का संकेत प्राप्त होता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी रेखा के बारे में बता रहे हैं।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की हथेली में उनकी जीवन रेखा छोटी होती है उनको अपने जीवन में कई तरह की रोग बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा जीवन रेखा पर अगर जंजीर या उलझी हुई जीवन रेखाएं होती हैं तो ऐसे जातक कई गंभीर रोगों से ग्रस्ति रहते हैं और इन्हें कई मुसीबतों का भी सामना करना पड़ता हैं वही अगर हथेली में जीवन रेखा जरूरत से अधिक पतली होती हैं तो जातक लंबे वक्त के लिए बीमारियों से ग्रस्ति रहता हैं ऐसे लोगों का इलाज जीवनभर चलता रहता हैं।
हस्तरेखा के अनुसार अगर जीवन रेखा पर कोई नक्षत्र का निशान होता है तो इसे अशुभ माना जाता हैं ऐसे लोग किसी बड़े शल्य चिकित्सा से होकर गुजरते हैं। वही इसके अलावा अगर जीवन रेखा के आरंभ में अधिक रेखाएं बनी होती हैं तो जातक को अपने जीवन में खूब उतार चढ़ाव का भी सामना करना पड़ता हैं।
बड़ा महादेव पूजन क्यों करते हैं? सामान्य शिव पूजा से कैसे है अलग?
2 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन बड़ा महादेव पूजन करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 2 जून 2023 को यह पूजा की जाएगी।
यह शिवजी की सामान्य पूजा से कुछ भिन्न और विशेष पूजा है। आओ जानते हैं कि क्या है इस दिन का महत्व और क्यों कहते हैं इसे बड़ा महादेव और कैसे यह शिव पूजा से भिन्न।
कहां है बड़ा महादेव मंदिर:-
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी के चौरागढ़ में स्थित है बड़ा महादेव का मंदिर।
कहते हैं कि यही पर भगवान शंकर ने भस्मासुर को वरदान दिया था और यहीं पर उनको विष्णुजी से मदद लेना पड़ी थी।
पचमढ़ी शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर चौरागढ़ पहाड़ी स्थित है।
सतपुड़ा पर्वत की मालाओं के बीच स्थित है यह पहाड़ी।
चौराबाबा के नाम पर रखा गया पहाड़ी का नाम।
पहाड़ी पर मंदिर में पहुंचने के लिए पहले को कई पथरिले रास्ते तय करना होते हैं।
महादेव मंदिर से 3 किमी का पैदल चलना होता है। 1300 सीढ़ियों की चढ़ाई है।
बड़ा महादेव मंदिर में एक गुफा है, जो बहुत ही खूबसूरत है और यह पहाड़ी पर बनी है। इस गुफा के अंदर आपको एक जलकुंड देखने मिलेगा।
जब आप गुफा में जाते हैं तो आपको शंकर जी का शिवलिंग और उसके साथ ही साथ गणेश जी देखने मिलते हैं। गुफा के द्वार में नंदी भगवान की प्रतिमा बैठी हुई है जो पत्थर की बनी हुई है।
क्या है बड़ा महादेव मंदिर का महत्व और इतिहास:
कहते हैं कि महादेव यात्रा के दौरान यहां पर अपना त्रिशूल छोड़कर चले गए थे। तभी से मन्नत पूर्ण होने पर यहां परत्रिशूल छोड़ने की परंपरा बन गई है।
संत भूरा महाराज की एक प्रतिमा चौरागढ़ में भगवान भोलेनाथ के ठीक सामने स्थापित की गई है। दूर-दूर से लोग चौरागढ़ पचमढ़ी में महादेव की पूजाकरने आते हैं।
यह कहावत है कि महादेव दर्शन हेतु जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है।
किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाड़ियों में साधना के दौरान भूरा भगत महराज को महादेवजी ने दर्शन दिए थे।
शिवजी से उन्होंने वरदान मांगा कि मैं आपके ही चरणों में रहूं और यहां आने वाले को आपका मार्ग बता सकूं।
भूरा भगत महाज एक शिला के रूप में वहां मौजूद हैं।
संत भूरा भगत की प्रतिमा ऐसे स्थान पर विराजमान है जिसे देखने से अनुमान लगता है मानों भगवान भोलेनाथ के मुख्यद्वार पर द्वारपाल की तरह वे बैठे हों।
उसी के कारण यहां भी मेला भरता है। भक्त यहां गुलाल, सिंदूर, कपूर, खारक, सुपारी और बड़े त्रिशूल चढ़ाते हैं।
बड़ा महादेव पूजन क्यों करते हैं?
बड़ा महादेव पहुंचक लोग विशेष पूजा करने के बाद त्रिशूल चढ़ाते हैं।
त्रिशूल चढ़ाने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
भगवान महादेव के 108 नामों का जप करने के बाद बड़ा महादेव का ध्यान करते हुए यहां स्तुति का गायन कर भगवान की पूजा होती है।
यहां पर श्रद्धा पूर्वक पूजन करने और त्रिशूल चढ़ाने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और मन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
कैसे पहुंचें चौरागढ़:-
ट्रेन, फ्लाइट या बस से आप पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंच जाएं।
जबलपुर से आप बस या टैक्सी के द्वारा पंचमढ़ी पहुंचें।
जबलपुर से पिपरिया के लिए ट्रेन मिलती है, वहां से पंचमढ़ी पास में ही जहां बस में जा सकते हैं।
पिपरिया रेलवे स्टेशन कई बड़े शहरों से जुड़ा है, जबलपुर और इटारसी से यहां के लिए आसानी से ट्रेन मिलती है।
नमक के असरदार टोटके दूर करेंगे परिवार की हर परेशानी
2 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर घर की रसोई में नमक का इस्तेमाल रोजाना के भोजन में स्वाद लाने और सेहत के लिहाज से किया जाता हैं। नमक हम सभी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता हैं इसका केवल रसोई में ही प्रयोग नहीं होता हैं बल्कि वास्तु और ज्योतिष में भी नमक को खास बताया गया हैं नमक के कई ऐसे उपाय और टोटके बताए गए हैं जिन्हें करने से घर की नकारात्मकता का नाश हो जाता हैं और चारों ओर सकारात्मकता का माहौल बना रहता हैं इसके साथ ही परिवार के लोगों की परेशानियों का भी अंत हो जाता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा नमक के अचूक टोटके बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
नमक के असरदार टोटके-
अगर आपके घर में नकारात्मकता सदा बनी रहती है साथ ही वास्तुदोष भी हैं तो ऐसे में आप रोजाना नमक के पानी से पोछा लगाएं। इसके लिए पोछे वाले पानी में एक चुटकी नमक मिला लें इसके बाद पूरे घर में इसी पाने से पोछा लगाएं मान्यता है कि इस उपाय को नियमित रूप से अगर किया जाए तो घर की नकारात्मकता दूर हो जाती हैं और सकारात्मक शक्ति का संचार होता हैं जो परिवार में सुख शांति लेकर आता हैं।
इसके अलावा गुरुवार के दिन झाड़ू, पोछा और अन्य तरह की साफ सफाई करने से बचना चाहिए। ऐसे में इस दिन भूलकर भी नमक के पानी का पोछा ना लगाएं। आप बाकी दिनों में नमक के पानी का पोछा लगा सकते हैं।
अगर आपकी कुंडली में राहु अशुभ फल प्रदान कर रहा हैं तो इससे बचने के लिए आप एक कटोरी में क्रिस्टल नमक लेकर बाथरुम में किसी ऐसी जगह पर रख दें जहां पर किसी का हाथ न लगें। इस बात का ध्यान रखें कि कुछ दिनों के बाद इस कटोरी का नमक बदल दें। इस उपाय को करने से लाभ मिलता हैं और परिवार की हर परेशानी दूर हो जाती हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (02 जून 2023)
2 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- हर्ष, यात्रा, सुख-सफलता, हानि, गृह-कलह, मानसिक अशांति कारक हो ।
वृष राशि :- विरोध, व्यय, कष्ट, अशांति, लाभ होगा, शिक्षा-लेखन कार्य में सफलता मिले।
मिथुन राशि :- व्यापार में क्षति, यात्रा, विवाद, उद्योग-व्यापार की स्थिति में कमी, हानि होगी।
कर्क राशि :- शरीरादि मध्यम, भूमि व राजलाभ, असफलता का दिन सबित होगा।
सिंह राशि :- वाहन आदि भय, कष्ट, राजसुख, यात्रा होगी, शुभ कार्य में व्यावधान होगा।
कन्या राशि :- व्यय, प्रवास, विरोध, भूमि लाभ होगा, राजकार्य में व्यावधान, लाभ होगा।
तुला राशि :- रोगभय, मातृ-सुख, खर्च, यात्रा, व्यापार में सुधार हो सकता है, कार्य होगा।
वृश्चिक राशि :- कार्यसिद्ध, लाभ, विरोध, भूमि लाभ होगा, राजकार्य में व्यस्तता रहेगी।
धनु राशि :- लाभ, धर्म रुचि, यश, हर्ष, यात्रा, समय शिक्षा जगत की ख्याति सामान्य रहेगी।
मकर राशि :- विरोध, व्यापार में हानि, शरीर कष्ट, अधिक खर्च करने से कुछ कार्य होवेंगे।
कुंभ राशि :- व्यय, प्रभाव, लाभ, प्रतिष्ठा, रोगभय, विरोधी असफल अवश्य होंगे।
मीन राशि :- राजभय, यश लाभ, मान, चोटभय, राजकार्य में विलम्ब, परेशानी बढ़ेगी।
तुलसी पूजन और गो सेवा से रहेंगे रोग दूर
1 Jun, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, बहुत सारे ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर व्यक्ति सरल एवं सुलभ जीवन व्यतित कर सकता है। उन्हीं में से तुलसी पूजन और गो सेवा दो ऐसे शुभ कर्म हैं, जिस घर में प्रतिदिन होते हैं, वहां का द्वार रोग कभी नहीं खटखटाते और मिलते हैं ढेरों लाभ।
‘स्कंद पुराण’ के अनुसार जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है (एवं प्रतिदिन पूजन होता है), उसमें यमदूत प्रवेश नहीं करते।’
‘पद्म पुराण’ में आता है कि ‘कलियुग में तुलसी का पूजन, कीर्तन, ध्यान, रोपण और धारण करने से वह पाप को जलाती है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करती है।’
‘पद्म पुराण’ के उत्तर खंड में आता है कि कैसा भी पापी, अपराधी व्यक्ति हो, तुलसी की सूखी लकडिय़ां उसके शव के ऊपर, पेट पर, मुंह पर थोड़ी-सी बिछा दें और तुलसी की लकड़ी से अग्नि शुरू करें तो उसकी दुर्गति से रक्षा होती है। यमदूत उसे नहीं ले जा सकते।
‘गरुड़ पुराण’ (धर्म कांड-प्रेत कल्प : 38.99) में आता है कि ‘तुलसी का पौधा लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्व जन्मार्जित पाप जल कर विनष्ट हो जाते हैं।’
‘मृत्यु के समय जो तुलसी-पत्ते सहित जल का पान करता है वह सपूर्ण पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक में जाता है।’ (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड : 21.43)
‘जो दारिद्रय मिटाना व सुख-सपदा पाना चाहता है उसे शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए।’
ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से बरकत होती है।
सूर्यदेव की लकड़ी की प्रतिमा होती है शुभ
1 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मान्यता है कि भगवान गणेश के साथ-साथ सूर्य देव की उपासना करना बहुत फलदायी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। इसीलिए इसकी शुभ-अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्य देव की अलग-अलग प्रतिमाएं रखना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी इच्छानुसार घर में सूर्य देव की प्रतिमाएं रखी जा सकती हैं। तो आइए आज जानते हैं कि सूर्य देव की कौन सी प्रतिमा को घर में रखा जा सकता है।
लकड़ी की प्रतिमा
ज्योतिष और वास्तु के अनुसार सूर्यदेव की लकड़ी की प्रतिमा घर रखना बहुत अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इसके निरंतर पूजा-पाठ करने से घर के लोगों का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। इसके साथ ही उन्हें भाग्य का साथ मिल जाता है।
मिट्टी की प्रतिमा
जिस जातक की कुंडली में सूर्य दोष हो और उसके सभी कामों में बार-बार बाधाएं आ रही हो तो वो इंसान घर में पत्थर या मिट्टी की सूर्य प्रतिमा रख सकता है। कहा जाता है कि इसकी पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।
तांबे की प्रतिमा
कहते हैं कि घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए हर किसी को तांबे से बनी प्रतिमा रखनी चाहिए। इसके शुभ असर से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
चांदी की प्रतिमा
कार्य क्षेत्र में अधिकार बनाए रखने के लिए चांदी की सूर्य प्रतिमा रख सकते हैं।
सोने की प्रतिमा
सोने से बनी सूर्य प्रतिमा घर में रखने और उसकी पूजा करने से घर में धन-धान्य बढ़ता है, सुख-समृद्धि बनी रहती है।
शुभ मानी जाती है नेवले की मूर्ति
1 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार नेवले की प्रतिमा को घर में रखना शुभ माना जाता है। इसे सोने के सिक्कों या सिल्ली के ऊपर स्थापित किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि नेवले को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। कहते हैं कि घर में नेवले की मूर्ति रखने से परिवार के लोगों पर भगवान विष्णु की जी की कृपा बनी रहती है। नेवले की मूर्ति रखने से धन लाभ होने की भी मान्यता रही है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में नेवले की मूर्ति रखी होती है उस घर में माता लक्ष्मी आती हैं। ऐसे लोगों को अपने जीवन में आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।
नेवले की मूर्ति के बारे में यह भी मान्यता है कि इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है जिससे परिवार में खुशियों भरा माहौल बना रहता है। परिवार के लोग आपस में लड़ते नहीं हैं और एक-दूसरे की सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। साथ ही घर में नेवले की मूर्ति होने से परिवार के लोगों की आय के स्रोत में भी बढ़ोत्तरी होने की बात कही गई है।
वहीं कुछ लोग नेवले की प्रतिमा को घर में सोने के सिक्कों या सिल्ली के ऊपर स्थापित करते हैं। ऐसा करना शुभ माना गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से आसपास के नकारात्मक भाव दूर होते हैं। कहते हैं कि सांप सदैव खजाने के ऊपर बैठते हैं और नेवला उनसे लड़कर खजाने को खोलता है। ऐसे में यह माना जाता है कि घर में नेवले की मूर्ति लगाने से परिवार के लिए धन प्राप्ति के स्रोत खुल जाते हैं। इससे घर के लोगों को धन लाभ होता है।
हृदय रेखा छोटी सा फिर हल्की होना अच्छा नहीं
1 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विवाह के लिए वर-वधू का योग देखने में हस्तरेखा का बहुत बड़ा योगदान होता है। किसी भी विवाह का भविष्य वर और कन्या की हथेली पर उपस्थित विभिन्न रेखाओं, पर्वतों और चिह्नों की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ ऐसी रेखाओं के बारे में जान लें जो विवाह के मामले में अच्छी साबित नहीं होतीं।
हृदय रेखा
यदि आपकी हृदय रेखा छोटी सा फिर हल्की है तो आपके लिए वैवाहिक संयोग अच्छे नहीं हैं। ऐसे में विवाह होने के बाद भी आपके संबंधों में विच्छेद हो सकता है।
मंगल पर्वत
यदि आपका मंगल पर्वत जरूरत से ज्यादा विकसित हो या फिर मंगल पर दोषपूर्ण चिह्न हो तो ऐसे में विवाह करना आपके लिए सही नहीं होगा।
शुक्र पर्वत हों कम विकसित
शुक्र पर्वत कम विकसित होने पर वैवाहिक जीवन में शारीरिक संतुष्टि नहीं प्राप्त होती। चंद्र पर्वत और बृहस्पति के कम विकसित होने पर भी ऐसा ही होता है।
हृदय रेखा पर काले चिह्न अशुभ
यदि आपकी हृदय रेखा पर किसी प्रकार के काले चिह्न शुभ नहीं है। मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में जरूरत से ज्यादा दूरी होना सही नहीं है। हाथ का निचला क्षेत्र अत्यधिक विकसित होना अच्छा नहीं माना जाता। ये सभी बातें विवाह पश्चात शारीरिक अनुकूलता के लिए सही नहीं है। ये सभी विकार असंतुष्ट यौन संबंधों को दर्शाते हैं।
संतान सुख नहीं मिल पाता इनको
अगर आपकी हृदय रेखा छोटी है और शुक्र व गुरु पर्वत के उभार भी कम हैं। विवाह रेखा के ऊपर क्रॉस है। जिस स्थान पर मस्तिष्क रेखा बुध रेखा को काटती है, अगर वहां तारा है तो यह शुभ नहीं है।
ऐसे में हो सकता है तलाक भी
विवाह रेखा अंत में दो भागों में बंट रही हो। शुक्र पर्वत पर जाल या फिर एक-दूसरे को काटती हुई रेखाएं हो तो ये शारीरिक अक्षमता को दर्शाता है। विवाह रेखा को कोई रेखा काटे तो तलाक की आशंका बढ़ जाती है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (01 जून 2023)
1 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- व्यापार में प्रगति, यात्रा सुख, खर्च अधिक होगा तथा कार्य-अवरोध होगा।
वृष राशि :- कलह, अभीष्ट सिद्धी, धन लाभ, चिन्ता, शरीर सुख, मांगलिक कार्य अवरोध होगा।
मिथुन राशि :- भ्रमण बाधा, व्यापार पद लाभ, धार्मिक कार्य एवं शुभ कार्य में व्यय होगा।
कर्क राशि :- विघ्न-बाधा, व्यापार मध्यम, धार्मिक कार्य एवं शुभ कार्य में व्यय होगा।
सिंह राशि :- स्त्री-संतान सुख, यात्रा बाधा, कार्य में आर्थिक सुधार अवश्य होगा।
कन्या राशि :- भूमि लाभ, प्रवास कष्ट, व्यापार बढ़ेगा, शुभ समाचार तथा प्रसन्नता, कार्य बनेंगे।
तुला राशि :- कारोबार मध्यम, सफलता, स्त्री-कष्ट, व्यर्थ अनाप-शनाप व्यय, परेशानी बनेगी।
वृश्चिक राशि :- थोड़ा लाभ, खेती की चिन्ता, शिक्षा की स्थिति लाभदायक होगी।
धनु राशि :- शुरु में सुख, हानि, उन्नति, खेती के योग, कुछ अच्छे कार्य अवश्य होंगे।
मकर राशि :- हर्ष, भूमि लाभ, यश, कारोबार बढ़ेगा, कारोबार में सहयोगी सहायक रहेंगे।
कुंभ राशि :- हानि, राजभय, स्त्री-सुख, कार्य-सिद्धी, जमीन-जायजाद, गृहकार्य पूर्ण होंगे।
मीन राशि :- विद्या बाधा, विवाद, चोरों से सावधान रहें, पारिवारिक लोगों से लाभ एवं सहायता मिलेगी।
कब पड़ेगी आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, जानें 10 महाविद्या की पूजा विधि और महत्व
31 May, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि के 09 दिनों को बहुत ज्यादा शुभ माना गया है, यही कारण है कि माता के भक्तों को उनकी पूजा के लिए इसका हमेशा इंतजार बना रहता है.
देवी पूजा का यह पर्व साल में कुल चार बार आता है. जिसमें पहली नवरात्रि चैत्र मास के शुक्लपक्ष में तो दूसरी नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष में पड़ती है. इसके बाद तीसरी अश्विन महीने में और आखिरी नवरात्रि माघ मास में पड़ती है.
हिंदू मान्यता के अनुसार इन चार नवरात्रि में दो नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा सार्वजनिक रूप से और दो की पूजा गुप्त रूप से की जाती है. आषाढ़ मास मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि कब से शुरु होगी? गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा के लिए कब किया जाएगा कलश पूजन? आइए कलश पूजन का शुभ मुहूर्त और 10 महाविद्या की पूजा का महत्व विस्तार से जानते हैं.
गुप्त नवरात्रि में कलश पूजन का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष में मनाया जाने वाला गुप्त नवरात्रि का पर्व इस साल 19 जून 2023 से प्रारंभ होगा. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून 2023 को प्रात:काल 10:06 बजे से प्रारंभ होगी और 19 मई 2023 को प्रात:काल 11:25 बजे समाप्त होगी.
पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि की पूजा के लिए कलश की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून 2023 सोमवार को प्रात:काल 05:23 से 07:27 बजे तक रहेगा. इसके अलावा कलश की स्थापना अभिजित मुहूर्त में घटस्थापना अभिजित मुहूर्त में सुबह 11:55 से लेकर दोपहर 12:50 बजे तक की जा सकती है.
गुप्त नवरात्रि में देवी की पूजा का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र और अश्विन नवरात्रि में जहां शक्ति के 09 पावन स्वरूपों की पूजा का विधान है, वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के 10 दिव्य स्वरूप यानि मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की पूजा की जाती है.
शक्ति की साधना में इन सभी 10 महाविद्या की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में इन देवियों की गुप्त रूप से साधना करने पर साधक की बड़ी से बड़ी मनोकामना पलक झपकते पूरी होती है.
कैसे करें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पूजा
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि पर देवी की पूजा करने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. इसके बाद तन और मन से पवित्र होकर शुभ मुहूर्त में पवित्र स्थान पर देवी की मूर्ति या चित्र को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें और उसे गंगा जल से पवित्र करें.
देवी की विधि-विधान से पूजा प्रारंभ करने से पहले मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बो दें और पूरी नवरात्रि जल का उचित मात्रा में छिड़काव करते रहें. इसके बाद माता की पूजा के लिए कलश स्थापित करें और अखंड ज्योति जलाकर दुर्गासप्तशती का पाठ और उनके मंत्रों का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करें.
कब और क्यों मनाया जाता है महेश नवमी का पर्व,
31 May, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन परंपरा में ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली नवमी को महेश नवमी पर्व के रूप में जाना जाता है. भगवान शिव के नाम से जुड़े इस पर्व का संबंध महेश्वरी समाज से जुड़ा हुआ है.
हिंदू मान्यता कि अनुसार महेश नवमी के दिन ही देवों के देव महादेव के आशीर्वाद से महेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी. यही कारण है कि इस पावन पर्व को महेश्वरी समाज बड़ी धूम-धाम से मनाता है और महेश नवमी के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है.
महेश नवमी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार महेश नवमी हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पावन तिथि 28 मई 2023, रविवार को सुबह 09:56 से प्रारंभ होकर 29 मई 2023, सोमवार की सुबह 11:49 बजे तक रहेगा.
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार महेश नवमी का पर्व 29 मई 2023 को मनाया जाएगा. चूंकि इस साल यह पर्व भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित सोमवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसकी शुभता और धार्मिक महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है.
महेश नवमी की पूजा का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति महेश नवमी वाले दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है या फिर किसी शिव धाम पर जाकर दर्शन करता है तो उसके जीवन से जुड़े सभी दुख दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
महेश नवमी के दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ शिव का पावन अभिषेक करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं.
महेश नवमी की पूजा विधि
महेश नवमी वाले दिन भगवान शिव से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए साधक को सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की फल, फूल, धूप, दीप, दूध, दही, अक्षत, भांग, बेलपत्र, शमीपत्र, भांग, भस्म आदि को अर्पित करके शिव महिम्न स्तोत्र, रुद्राष्टकं अथवा शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए. महेश नवमी पर शिव के मंत्रों का जप करना भी अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है.
संकट के वक्त अपनाएं ये तरकीब हर हाल में मिलेगी कामयाबी
31 May, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना जाता हैं इनकी नीतियां देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं जिसे चाणक्य नीति कहा जाता हैं चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जो आज के दौरान में भी उतनी ही कारगर है जितनी की उस समय थी।
चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसका अनुसरण अगर कोई व्यक्ति कर लेता हैं तो उसका पूरा जीवन सरल और सफल हो जाता हैं चाणक्य ने बुरे वक्त को लेकर भी एक ऐसी तरकीब बताई हैं जिसका पालन करने से व्यक्ति हर हाल में कामयाबी हासिल करता हैं तो आज हम आपको इसी से जुड़ी चाणक्य नीति बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
संकट से जुड़ी चाणक्य नीति-
आचार्य चाणक्य की नीति अनुसार बुरा वक्त आने पर मनुष्य को सबसे पहले अपने डर पर काबू करना चाहिए क्योंकि भय मनुष्य को अंदर से कमजोर करता है किसी भी हालात से लड़ने के लिए पहले भर से लड़ना जरूरी होता हैं इसके अलावा संकट के समय मनुष्य को धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। अक्सर बुरे वक्त में लोग घबरा जाते हैं जिससे गलत फैसले कर लेते हैं ऐसे में मनुष्य को धैर्य बनाकर रखना चाहिए क्योंकि जिस तरह रात के बाद दिन आता हैं ठीक उसी तरह बुरे समय के बाद अच्छा वक्त जरूर होता हैं।
चाणक्य नीति कहती है कि संकट आने पर उसके कारण और निवारण का आत्म मंथन जरूर करें इसके बाद रणनीति तैयार करें। बुरे वक्त को एक चुनौती की तरह लें और ठोस रणनीति से उसे पराजित कर सफलता हासिल करें। संकट काल में साहस और संयम का होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि मुश्किल वक्त का सामना अगर डटकर किया जाए तो सफलता जरूर मिलती हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये उपाय, सुख, सौभाग्य और धन का मिलेगा आशीर्वाद
31 May, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में पड़ती हैं अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा हैं और इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं जो इस महीने का आखिरी दिन होता हैं पूर्णिमा तिथि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होती हैं इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ का खास महत्व होता हैं।
इस बार की पूर्णिमा दो दिन यानी 3 और 4 जून को मनाई जाएगी। धार्मिक पंचांग के अनुसार पहले दिन यानी 3 जून को व्रत पूजन करना उत्तम रहेगा। वही 4 जून को पूर्णिमा का स्नान दान किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा अगर कुछ विशेष उपायों को भी किया जाए तो सुख, सौभाग्य और धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता हैं तो आज हम आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किए जाने वाले उपाय बता रहे हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के आसान उपाय-
आपको बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के शुभ दिन पर सत्यनारायण की कथा करवाना उत्तम माना जाता हैं इस दिन भगवान विष्णु को आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से सुख शांति घर में बनी रहती हैं और माता लक्ष्मी की कृपा से धन वृद्धि होती हैं।
इसके अलावा चंद्र दोष से मुक्ति के लिए आप ज्येष्ठ पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें। वही योग्य वर की इच्छा रखने वाले साथ ही सुख सौभाग्य प्राप्ति के लिए आप ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ में कच्चा दूध अर्पित करें ऐसा करने से लाभ जरूर मिलेगा। साथ ही विवाह में आने वाली अड़चने भी दूर हो जाएंगी।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (31 मई 2023)
31 May, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - अपने आप पर नियंत्रण रखें, चिन्ता तथा विभ्रम, अग्नि-चोटादि से बचें, रुके कार्य बनेंगे।
वृष राशि - शुभ समाचार हर्षप्रद रखेगा, थकावट व बेचैनी का अनुभव होगा, व्यय होगा।
मिथुन राशि - शुभ समाचार से हर्ष, भावनायें उत्तेजित होंगी, मानसिक कष्ट से बेचैनी का अनुभव होगा।
कर्क राशि - दैनिक कार्यगति में सुधार होगा एवं कार्ययोजना फलीभूत होगी, मित्र मिलेंगे।
सिंह राशि - असमंजस क्लेशप्रद रखेगा, झूठे आश्वासनों पर विश्वास न करें, धैर्य रखकर कार्य करें।
कन्या राशि - दैनिक कार्यगति अनुकूल होगी, स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, लाभ होगा।
तुला राशि - सोचे कार्य समय पर पूर्ण होंगे, बौद्धिक विकास की क्षमता में वृद्धि होगी।
वृश्चिक राशि - अनायास तनाव, क्लेश हानिप्रद होगा, उपद्रव, विरोधियों से विवादास्पद स्थिति बनेगी।
धनु राशि - समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे, रुके कार्य होने से खुशी होगी, समाचार मिलेगा।
मकर राशि - स्त्री शरीर कष्ट, स्त्री से सुख, कुटुम्ब में सुख के योग बनेंगे, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कुंभ राशि - कार्यकुशलता से संतोष, परेशानी व चिन्ताजनक स्थिति बनेगी, धैर्य रखकर कार्य करें।
मीन राशि - स्थिति में सुधार होगा, व्यवसाय अनुकूल होगा तथा अधिकारी सहयोगी होंगे।