धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (06 जून 2023)
6 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कार्य-कुशलता एवं समृद्धि के योग फलप्रद होंगे, रुके कार्य बन जायेंगे।
वृष राशि :- कार्य तत्परता से लाभ एवं इष्ट मित्र सुखवर्धक अवश्य ही होंगे।
मिथुन राशि :- व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि, कार्यकुशलता से संतोष, बिगड़े कार्य बनेंगे।
कर्क राशि :- सोच-समझकर शांति बनाये रखें अन्यथा कुछ विभ्रम, विकार, क्लेश होगा।
सिंह राशि :- समय की अनुकूलता से विशेष कार्य की वृद्धि करें, लेनदेन मध्यम होगा।
कन्या राशि :- मानसिक विभ्रम, किसी अरोप में फंस सकते हैं, अर्थ के कार्य बन जायेंगे।
तुला राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य बनेंगे तथा कार्य संतोष होगा।
वृश्चिक राशि :- कार्य-कुशलता से संतोष, योजनाएं फलीभूत अवश्य ही होंगी।
धनु राशि :- सफलता के साधन जुटायें, धन लाभ, आचानक सफलता का हर्ष होगा।
मकर राशि :- आरोप व क्लेश, असमंजस, धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक हो, स्त्री शरीर कष्ट, चिन्ता असमंजस में रखें।
मीन राशि :- इष्ट मित्र सहायक रहें, दैनिक कार्यगति में अनुकूलता आयेगी।
मनचाही नौकरी की इच्छा पूरी करेगा ये आसान उपाय
5 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई मनचाही नौकरी की इच्छा रखता हैं इसके लिए लोग प्रयास भी करते हैं मगर फिर भी मनचाही नौकरी नहीं मिलती हैं या फिर आप बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं तो ऐसे में आप भगवान सूर्यदेव से जुड़ा उपाय कर सकते हैं इसके लिए रविवार की सुबह स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें।
फिर भगवान को हल्दी मिला जल अर्पित करें और प्रभु की विधिवत पूजा करें इसके बाद भाग्य सूक्तम् का पाठ करें और अंत में अपनी प्रार्थना करें मान्यता है कि इस उपाय को करने से मनचाही नौकरी की इच्छा पूरी हो जाती हैं और साथ ही साथ नौकरी में तरक्की भी मिलती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
भाग्य सूक्तम्-
ओं प्रा॒तर॒ग्निं प्रा॒तरिन्द्रग्ं॑ हवामहे प्रा॒तर्मि॒त्रा वरु॑णा प्रा॒तर॒श्विना᳚ ।
प्रा॒तर्भगं॑ पू॒षणं॒ ब्रह्म॑ण॒स्पतिं॑ प्रा॒तः सोम॑मु॒त रु॒द्रग्ं हु॑वेम ॥ १ ॥
प्रा॒त॒र्जितं॒ भ॑गमु॒ग्रग्ं हु॑वेम व॒यं पु॒त्र-मदि॑ते॒र्यो वि॑ध॒र्ता ।
आ॒द्ध्रश्चि॒द्यं मन्य॑मानस्तु॒रश्चि॒द्राजा॑ चि॒द्यं भगं॑ भ॒क्षीत्याह॑ ॥ २ ॥
भग॒ प्रणे॑त॒-र्भग॒ सत्य॑राधो॒ भगे॒मां धिय॒मुद॑व॒दद॑न्नः ।
भग॒प्रणो॑ जनय॒ गोभि॒-रश्वै॒र्भग॒प्रनृभि॑-र्नृ॒वन्त॑स्स्याम ॥ ३ ॥
उ॒तेदानीं॒ भग॑वन्तस्स्यामो॒त प्रपि॒त्व उ॒त मध्ये॒ अह्ना᳚म् ।
उ॒तोदि॑ता मघव॒न्_थ्सूर्य॑स्य व॒यं दे॒वानाग्ं॑ सुम॒तौ स्या॑म ॥ ४ ॥
भग॑ ए॒व भग॑वाग्ं अस्तु देवा॒स्तेन॑ व॒यं भग॑वन्तस्स्याम ।
तं त्वा॑ भग॒ सर्व॒ इज्जो॑हवीमि॒ सनो॑ भग पुर ए॒ता भ॑वेह ॥ ५ ॥
सम॑ध्व॒रायो॒षसो॑ऽनमन्त दधि॒क्रावे॑व॒ शुचये॑ प॒दाय॑ ।
अ॒र्वा॒ची॒नं व॑सु॒विदं॒ भग॑न्नो॒ रथ॑मि॒वाऽश्वा॑वा॒जिन॒ आव॑हन्तु ॥ ६ ॥
अश्वा॑वती॒-र्गोम॑ती-र्न उ॒षासो॑ वी॒रव॑ती॒स्सद॑-मुच्छन्तु भ॒द्राः ।
घृ॒तं दुहा॑ना वि॒श्वत॒: प्रपी॑ना यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभि॒स्सदा॑ नः ॥ ७ ॥
यो मा᳚ऽग्ने भा॒गिनग्ं॑ स॒न्तमथा॑भा॒गं चिकी॑ऋषति ।
अभा॒गम॑ग्ने॒ तं कु॑रु॒ माम॑ग्ने भा॒गिनं॑ कुरु ॥ ८ ॥
ओं शान्ति॒: शान्ति॒: शान्ति॑: ॥
इति श्री भाग्य सूक्तम् ||
5 जून से शुरू होगा हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़, जानें क्यों खास है ये महीना
5 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू पंचांग में एक साल को 12 महीनों में बांटा गया है। इनमें से चौथे महीने का नाम आषाढ़ (Ashadh 2023) है। धार्मिक दृष्टि से इस महीने का विशेष महत्व है। इस बार ये महीना 5 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक रहेगा।
इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। चातुर्मास की शुरूआत भी इसी महीने से होगी। आगे जानिए आषाढ़ मास के जुड़ी खास बातें.
भगवान विष्णु हैं इस मास का स्वामी
धर्म ग्रंथों के मुताबिक आषाढ़ मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। मान्यता के अनुसार, इसी दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए विश्राम करने पाताल लोक चले जाते हैं। इसके बाद सृष्टि संचालन की जिम्मेदारी भगवान शिव के पास होती है। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ-साथ शिवजी की पूजा भी विशेष फलदाई मानी गई है। इस महीने में किया गया दान शुभ फल प्रदान करता है।
आषाढ़ मास के लिए बनाए गए हैं खास नियम (Ashadh month rules)
धर्म ग्रंथों में आषाढ़ मास से जुड़े कई नियम बनाए गए हैं। हालांकि बदलते समय के साथ इन नियमों के बारे में कम ही लोगों को पता है। स्कंद पुराण के अनुसार, आषाढ़ा मास में एक ही समय भोजन करना चाहिए। जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। इस महीने में मसालेदार भोजन से बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। तामसिक चीजों जैसे मांसाहार और हर तरह के नशे से भी दूर रहना चाहिए।
इसी महीने से शुरू होता है चातुर्मास (chaturmas 2023 date)
हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। इसकी शुरूआत भी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकदशी तिथि से होती है, जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु अगले 4 महीनों के लिए पाताल लोक में निवास करने चले जाते हैं। इसलिए इन 4 महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं किया जाता है।
बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर आई सामने, एक जुलाई से शुरू हो रही यात्रा
5 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मौजूद पवित्र अमरनाथ गुफा में शिवलिंग ने आकार ले लिया है. अमरनाथ गुफा में बनने वाली हर साल की शिवलिंग के आकार की पहली तस्वीर सामने आई है. इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारियों में जम्मू कश्मीर प्रशासन जुटा हुआ है.
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 1 जुलाई 2023 से यात्रा शुरू होगी. यह यात्रा 62 दिनों तक चलेगी. अमरनाथ यात्रा को लेकर सरकार ने शेड्यूल भी जारी कर दिया है. यात्रा के लिए 17 अप्रैल 2023 से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर सुरक्षा की समीक्षा की थी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. एसएएसबी की 44वीं बैठक के दौरान सदस्यों और अधिकारियों ने श्री अमरनाथजी यात्रा-2023 के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की थी, जिसमें पंजीकरण, हेलीकाप्टर सेवाओं का प्रावधान, सेवा प्रदाता, शिविर, लंगर और यात्रियों के लिए बीमा कवर शामिल हैं.
वीडियो में देखें बाबा बर्फानी की पहली झलक...
श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पवित्र तीर्थ यात्रा और पंजीकरण की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि प्रशासन सुचारू और परेशानी मुक्त तीर्थ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम आने वाले सभी श्रद्धालुओं और सेवा प्रदाताओं को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे.
तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले दूरसंचार सेवाओं को चालू कर दिया जाएगा. 62 दिन चलने वाली अमरनाथ यात्रा इस साल 1 जुलाई को शुरू होगी और इसका समापन 31 अगस्त 2023 को होगा. उपराज्यपाल ने इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं.
पहलगाम और बालटाल से एक साथ शुरू होगी यात्रा
बता दें, यात्रा पहलगाम ट्रैक से और गांदरबल जिले के बालटाल से एक साथ शुरू होगी. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड दुनिया भर के भक्तों के लिए सुबह और शाम की आरती का सीधा प्रसारण करेगा. यात्रा, मौसम और कई सेवाओं का ऑनलाइन लाभ उठाने के लिए श्री अमरनाथ जी यात्रा का ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध कराया गया है.
19 साल बाद बनेगा दुर्लभ संयोग, 58 दिन का रहेगा सावन मास, क्यों होगा ऐसा?
5 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस बार सावन मास बहुत खास रहेगा क्योंकि इस बार ये महीना 30 से अधिक दिनों का रहेगा। ऐसा दुर्लभ संयोग 19 साल बाद बना है। शिव भक्तों के लिए ये समय बहुत ही शुभ रहेगा क्योंकि उन्हें अपने आराध्य की पूजा के लिए अतिरिक्त दिन मिलेंगे।
हिंदू पंचांग में एक साल को 12 महीनों में बांटा गया है। हर तीसरे साल अधिक मास आता है, जिससे हिंदू वर्ष में महीनों की संख्या बढ़कर 12 से 13 हो जाती है। ऐसा चंद्र और सौर वर्ष की गणनाओं का समायोजन करने के लिया जाता है। इस बार भी अधिक मास का संयोग बन रहा है। सावन का अधिक मास (Sawan Adhik Maas 2023) होने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। आगे जानिए कब से कब तक रहेगा सावन का अधिक मास और ये क्यों इतना खास है.
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार सावन का अधिक मास होने से ये महीना 30 दिनों का नहीं बल्कि 58 दिनों को होगा। पंचांग के अनुसार, सावन मास 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा जो 30 अगस्त 2023 तक रहेगा। इस दौरान अधिक मास भी रहेगा। दो अधिक मास होने से सावन सोमवार की संख्या भी बढ़ जाएगी। शिव भक्तों के लिए ये समय बहुत ही शुभ फल देने वाला रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, सावन का अधिक मास 18 जुलाई से शुरू होगा जो 16 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव के साथ-साथ विष्णुजी की पूजा भी विशेष रूप से की जाएगी क्योंकि अधिक मास के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु ही हैं। इस तरह सावन के अधिक मास में शिव और विष्णु की पूजा का दुर्लभ संयोग बनेगा।
इसके पहले सावन का अधिक मास 19 साल पहले आया था यानी साल 2004 में। उस समय भी सावन के अधिक मास का आरंभ 18 जुलाई से हुआ था और इसका समापन 16 अगस्त को। इस तरह देखा जाए तो इतिहास खुद को दोहरा रहा है। क्योंकि पिछली बार की तरह इस बार भी सावन के अधिक मास की तारीखें एक जैसी हैं। ये भी एक दुर्लभ संयोग है।
इस बार 2 सावन मास होने से सावन के सोमवार की संख्या भी बढ़ जाएगी। सामन्य तौर पर सावन में 4-5 सोमवार आते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या बढ़कर 8 हो जाएगी। शिवजी की भक्ति के लिए सावन सोमवार बहुत ही शुभ माने जाते हैं। ये हैं सावन सोमवार की तारीखें.
10 जुलाई- प्रथम सावन सोमवार
17 जुलाई- दूसरा सावन सोमवार
24 जुलाई- तीसरा सावन सोमवार (अधिक मास)
31 जुलाई- चौथा सावन सोमवार (अधिक मास)
7 अगस्त- पांचवा सावन सोमवार (अधिक मास)
14 अगस्त- छठा सावन सोमवार (अधिक मास)
21 अगस्त- सातवां सावन सोमवार
28 अगस्त- आठवां सावन सोमवार
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 जून 2023)
5 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- यात्रा व वृत्ति से लाभ, कुसंग से हानि, कुछ सहयोग रहे, पारिवारिक समाचार।
वृष राशि :- शुभ कार्य, भूमि से हानि, सिद्धी, कभी-कभी विरोधी अडंगे करते रहेंगे, कार्य बनेंगे।
मिथुन राशि :- अधिक व्यय, स्वजन कष्ट, विवाद, आर्थिक कमी का अनुभव अवश्य होगा।
कर्क राशि :- हानि, रोगभय, नौकरी में कष्ट, चिन्ता, राजकार्य, मामले-मुकदमे में असंतोष।
सिंह राशि :- निराशा, लाभ, कार्य में सफलता, आर्थिक सुधार आदि होगा।
कन्या राशि :- शरीर कष्ट, लाभ, राजभय, उद्योग-व्यापार में अडंगे अवश्य ही आयेंगे।
तुला राशि :- चोट-अग्नि भय, धार्मिक कार्य, कष्ट, व्यर्थ अनाप-शनाप खर्च से परेशानी।
वृश्चिक राशि :- बाधा, उलझन, लाभ, यात्रा, कष्ट, गृहकार्य में परेशानी अवश्य रहेगी।
धनु राशि :- शत्रुभय, मुकदमे में जीत, रोगभय होगा, व्यापार में सुधार, कष्ट अवश्य होगा।
मकर राशि :- व्यापार में लाभ, शत्रुभय, धन सुख, सुधार, खर्च होते ही रहेंगे, ध्यान रखें।
कुंभ राशि :- कलह, व्यर्थ खर्च, सफलता प्राप्त हो, विरोधी असफल रहें, व्यापार में सुधार होगा।
मीन राशि :- स्वजन सुख, पुत्र-चिन्ता, धन हानि, व्यापार की स्थिति अच्छी नहीं रहे।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कौन से 3 पेड़-पौधों की पूजा देगी मनचाहा वरदान
4 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा है। इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा। इसके बाद बारिश का माह आषाढ़ माह का प्रारंभ हो जाएगा।
इससे पूर्व पेड़ पौधे लगाने का बहुत पुण्य प्राप्त होता है। 3 जून को ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि सुबह 11 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन सुबह 9 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी।
पीपल : ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा पर पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करने और शाम को दीपक जलाने से मनचाहा वरदान मिलता है। इस दिन तांबे के एक लोटे में पानी भरकर उसमें कच्चा दूध मिलाकर एक बताशा डालें और उसे जल को पीपल के पेड़ में अर्पित करें दें। इससे आर्थिक तंगी दूर होगी और माता लक्ष्मी एवं श्रीहरि विष्णु की कृपा प्रात होगी। इस दिन शाम को पीपल के नीचे दीपक लगाने से शनि और पितर देव की कृपा प्राप्त होती है।
बरगद : ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा पर विशेष रूप से वट अर्थात बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना होती है। महिलाएं इस दिन इसकी पूजा करके कच्चे सूत का धागा इसके आसपास लपेटकर बांधती है और इसकी 3 परिक्रमा करती हैं। इससे पति की आयु लंबी होती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। ट के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इसलिए इस दिन वट वृक्ष की विधिवत पूजा करके परिक्रमा करेंगे तो घर में सुख-शांति, और धनलक्ष्मी का वास होगा। इस दिन वट वृक्ष में 108 बार कच्चा सूत बांधते हुए परिक्रमा करने से ब्रह्मा, विष्णु और महादेव का आशीर्वाद मिलता है।
तुलसी : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर तुलसी के पौधे की जड़ से मिट्टी लेकर उसका तिलक लगाने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होने के रास्ते खुल जाते हैं। इस दिन माता तुलसी को लाल चुनरी भी अर्पित करें और शाम को घी का दीपक जलाकर रखें। इससे मां तुलसी का वरदान प्राप्त होगा और दुर्भाग्य दूर होगा।
पूर्णिमा के चंद्र मंत्र लाइफ को करेंगे आसान, कष्टों का होगा अंत
4 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रतिमाह आने वाली पूर्णिमा (Purnima) के दिन चंद्र देवता के पूजन का विशेष महत्व है। चंद्र ना सिर्फ सेहत की दृष्टि से बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी विशेष पूजनीय हैं। अत: इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा का पूजन करने तथा उनके मंत्रों का जाप करना अतिलाभकारी होता है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्रदेव के मंत्रों (Chandra Mantra) का जाप करने से वे प्रसन्न होकर जीवन के सभी कष्टों का अंत कर देते हैं। यह चंद्र मंत्र मन को शांति और शीतलता के साथ अपार धन, धान्य, संपत्ति और ऐश्वर्य का वरदान भी देते हैं...।
आइए यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं भगवान चंद्रदेव के खास मंत्र-
चंद्र मंत्र- Chandra Mantra
- ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
- ॐ सों सोमाय नम:।
- ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
- दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
- ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
- ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
- ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
आपकी हर परेशानी का निदान करेगा बरगद पेड़ से जुड़ा आसान उपाय
4 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिन्हें पूजनीय और पवित्र माना जाता हैं मान्यता है कि इनमें देवी देवताओं का वास होता हैं और उनकी पूजा करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं इन्हीं में से एक हैं बरगद का पेड़।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ को अक्षयवट के नाम से भी जाना जाता हैं जिसमें त्रिदेव यानी तीन देवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं यहीं कारण हैं कि इस पेड़ को पवित्र और दैव शक्तियों वाला माना जाता हैं।
धार्मिक के अलावा ज्योतिष में भी इस पेड़ को बेहद ही खास माना गया हैं ज्योतिषशास्त्र में बरगद से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से नौकरी, धन, शारीरिक, मानसिक और अन्य प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं साथ ही देवी देवताओं की कृपा से सुख समृद्धि का वास होता हैं तो आज हम आपको बरगद पेड़ से जुड़े उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बरगद से जुड़े आसान उपाय-
बरगद को लंबी आयु वाला वृक्ष कहा जाता है और इसे लगाना भी बेहद पुण्य का कार्य माना जाता हैं। लेकिन इसे घर के भीतर भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए इसे आप खुली जगह पर लगा सकते हैं। ऐसे में अगर आपको कारोबार में लगातार घाटा हो रहा है या फिर व्यापार बढ़ नहीं रहा हैं तो ऐसे में आप बरगद के वृक्ष के नीचे रोजाना शाम के वक्त घी का एक दीपक जरूर लगाएं और अपनी प्रार्थना त्रिदेवों से करें मान्यता है कि ऐसा करने से कारोबार चल पड़ता है और होने वाला घाटा भी रुक जाता हैं।
वही इसके अलावा अगर आपको नौकरी नहीं मिल रही है या आप बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं नौकरी में तरक्की के योग नहीं बन रहे हैं तो ऐसे में आप रोजाना सुबह शाम बरगद के पेड़ पर मीठा जल चढ़ाएं ऐसा करने से आपको लाभ जरूर मिलेगा। वही धन का अभाव झेल रहे लोग शनिवार के दिन बरगद के तने पर हल्दी और केसर अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट से राहत मिलती हैं और धन आगमन के योग बनने लगते हैं।
धन प्राप्ति के ये टोटके करते हैं आर्थिक स्थिति को बेहतर
4 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई अपने जीवन में धनवान बनने की इच्छा रखता है इसके लिए लोग दिनों रात कड़ी मेहनत और प्रयास भी करते हैं लेकिन फिर भी अगर उन्हें आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ता है या फिर धन आता है और खर्च हो जाता हैं आखिर में कुछ बच नहीं पाता हैं तो ऐसे में व्यक्ति निराश और परेशान हो जाता हैं अगर आप भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं या फिर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा हैं।
तो ऐसे में आप ज्योतिष से जुड़े कुछ उपायों व टोटको को अपना सकते हैं मान्यता है कि इन आसान उपायों को करने से आर्थिक स्थिति धीरे धीरे बेहतर होने लगती हैं और लक्ष्मी माता का भी आशीर्वाद सदा बना रहता हैं तो आइए जानते हैं धन लाभ के उपाय।
धन प्राप्ति के आसान उपाय-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया हैं और देवी मां की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन समर्पित हैं ऐसे में आप शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें लाल पुष्प जरूर अर्पित करें साथ ही दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
मान्यता है कि इस उपाय को करते ही आपको आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। वही धन संकट से मुक्ति पाने व कर्ज का बोझ हटाने के लिए आप काली मिर्च से जुड़ा टोटका अपना सकते हैं इसके लिए आपको काली मिर्च के पांच दाने लेकर उसे सिर से से वारें और चार दानों को चारों दिशाओं में फेंक दें वहीं पांचवें दाने को आकाश की ओर उछालें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (04 जून 2023)
4 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्वभाव में अचानक परिवर्तन हो सकता है, व्यवसाय में अच्छी गति होगी।
वृष राशि :- कार्यों में सफलता मिले, मान-सम्मान की प्राप्ति होगी, शत्रु कमजोर होंगे।
मिथुन राशि :- सप्ताह उत्तम फलकारक हो, अधिकारियों का पूर्ण समर्थन-सहयोग मिले।
कर्क राशि :- नौकरी में व्यावधान हो सकता है, व्यावसाय ठीक नहीं रहेगा, ध्यान रखें।
सिंह राशि :- आप आनंद का अनुभव करेंगे, केतू गृह पीड़ाकारक है, आपसी मतभेद से बचें।
कन्या राशि :- मनोरंजन से अति हर्ष होगा, व्यवसाय में लाभ होगा, रुके कार्य बन जायेंगे।
तुला राशि :- पारिवारिक उत्तरदायित्व की वृद्धि होगी, आमोद-प्रमोद में विशेष ध्यान देंगे।
वृश्चिक राशि :- मानसिक तनाव अकस्मिक बढ़ेगा, स्वजनों से सहानुभूति अवश्य होगी।
धनु राशि :- व्यवसाय की उन्नति से अर्थिक स्थिति में विशेष सुधार अवश्य होगा।
मकर राशि :- विलास सामग्री का संचय होगा, अधीकारी वर्ग की कृपा का लाभ मिले।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्रों से अच्छा सहयोग मिले, उन्नति एवं लाभ के योग बनेंगे।
मीन राशि :- गृह-कलह, हीन मनोवृत्ति, शरीर पीड़ा से परेशानी अवश्य ही होगी।
अगर घर के मुखिया में होंगे ये गुण तभी परिवार रहेगा खुशहाल
3 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना जाता हैं इनकी नीतियां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं।
चाणक्य ने मनुष्य जीवन से जुड़े हर विषय पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसके अनुसार चलने से मनुष्य का जीवन सरल और सफल हो जाता हैं चाणक्य ने घर के मुखिया को लेकर कुछ जरूरी बातें कहीं हैं जिसके अनुसार अगर घर में मुखिया में कुछ विशेष गुण होंगे तो उसका पूरा परिवार खुशहाल रहेगा और परिवार के लोगों की तरक्की भी खूब होगी। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इन्हीं गुणों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
चाणक्य की नीतियां-
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया को धन की बचत करनी चाहिए जिससे भविष्य में जरूरत के वक्त उसे किसी से धन मांगने के लिए हाथ ना फैलाना पड़े। ऐसे में अगर मुखिया हमेशा धन की बचत करता हैं तो उसके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता हैं इसके अलावा परिवार की तरक्की तभी हो सकती हैं जब घर का मुखिया किसी भी फैसलो को करते समय उस पर अडिग रहे। मुखिया को चाहिए कि वह घर में अनुशासित माहौल को कायम रखें ऐसा करने से परिवार का हर सदस्य तरक्की करता हैं। इसके अलावा मुखिया को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए यानी कि किसी भी बात को केवल सुनने मात्र से यकीन नहीं करना चाहिए बल्कि से देखकर और सोच समझ कर ही विश्वास करना चाहिए।
चाणक्य नीति कहती हैं कि मुखिया अगर कोई भी फैसला करता है तो उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके फैसले से परिवार के किसी भी सदस्य को हानि ना पहुंचें। इसके साथ ही मुखिया को हमेशा खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए। अगर इन सभी गुणों से मुखिया परिपूर्ण होता हैं तो ऐसा परिवार सदा सुखी जीवन जीता हैं।
हथेली के ये शुभ योग आपको बना सकते हैं धनवान
3 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर किसी की हथेली पर कई तरह की रेखाएं और आकृतियां बनी होती हैं जिनका जातक के जीवन और हस्तरेखा शास्त्र में विशेष महत्व होता हैं। हथेली पर बनने वाली ये रेखाएं व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करती हैं हथेली पर कई तरह की रेखाएं आकृतियां निर्मित होती हैं जिनमें कुछ शुभ मानी जाती हैं तो वही कुछ अशुभ भी कहलाती हैं।
शुभ रेखाएं जहां सुख समृद्धि और धन प्राप्ति की ओर इशारा करती हैं तो वहीं अशुभ रेखाएं दुख संकट का संकेत प्रदान करती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा हथेली पर बनने वाली कुछ शुभ योगों के बारे में बता रहे हैं जो व्यक्ति के जीवन में धन दौलत की ओर इशारा करते हैं तो आइए जानते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की हथेली पर जीवन रेखा भाग्य रेखा से दूर है तो ये धनपति योग का निर्माण करता हैं जिस जातक की हथेली पर ऐसी रेखा निर्मित होती हैं वे बहुत ही भाग्यशाली माने जाते हैं ऐसे लोगों के जीवन में धन की कोई कमी नहीं होती हैं।
वही इसके अलावा अगर किसी जातक की हथेली पर शुक्र पर्वत पर कमल का निशान बना होता हैं तो ऐसे जातक धन के साथ साथ पद प्रतिष्ठा को भी हासिल करते हैं इतना ही नहीं ये लोग दूसरों का भाग्योदय करने का भी सामथ्य रखते हैं। वही अगर किसी जातक की हथेली पर भाग्य रेखा सूर्य पर्वत पर आकर रुक जाए तो यह भाग्यलक्ष्मी योग का निर्माण करता हैं ऐसे लोगों को सभी प्रकार के सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती हैं इनके जीवन में धन की कमी नहीं रहती हैं।
कब से आरंभ हो रही गुप्त नवरात्रि, जानिए तारीख और मुहूर्त
3 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद खास माना जाता हैं जो कि देवी आराधना का महापर्व होता हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती हैं जिसमें तो दो गुप्त नवरात्रि मनाई जाती हैं एक गुप्त नवरात्रि माघ में आती हैं तो वही दूसरी गुप्त नवरात्रि आषाढ़ के महीने में पड़ती हैं।
अभी ज्येष्ठ माह चल रहा हैं और इस माह के समापन के बाद ही आषाढ़ का महीना आरंभ हो जाएगा।
ऐसे में इस साल आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ 19 जून से हो रहा है जो कि 28 जून को समाप्त हो जाएगा। इस दौरान दस महाविद्याओं की पूजा करना उत्तम माना जाता हैं गुप्त नवरात्रि तंत्र मंत्र के लिहाज से भी खास मानी जाती हैं मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से साधक की हर इच्छा पूर्ण होती हैं तो आज हम आपको गुप्त नवरात्रि व्रत से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
तारीख और शुभ मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर हो रहा है जिसका समापन अगले दिन यानी 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि की मानें तो आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून से आरंभ हो जाएगा।
गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून दिन सोमवार को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 27 मिनट तक का हैं इसके अलावा इस दिन 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक का समय भी कलश स्थापना के लिए शुभ रहेगा।
3 जून को भद्रा में वट पूर्णिमा, पति की लंबी आयु के लिए रखते हैं व्रत
3 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वट सावित्री व्रत की तरह वट पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है। लेकिन वट सावित्री व्रत उत्तर भारत में मनाया जाता है, जबकि वट पूर्णिमा व्रत मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में मनाया जाता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना से किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इस वर्ष वट पूर्णिमा व्रत 3 जून 2023 को मनाया जाएगा।
वट पूर्णिमा व्रत 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन वट पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 3 जून को सुबह 11:16 बजे से शुरू होगी और 4 जून रविवार को सुबह 9:11 बजे तक रहेगी। इस वजह से ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और वट पूर्णिमा व्रत 3 जून को रखा जाएगा लेकिन पूर्णिमा स्नान 4 जून को सुबह किया जाएगा।
वट पूर्णिमा व्रत 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार वट पूर्णिमा व्रत के दिन भादर का साया रहेगा। भाद्र वट पूर्णिमा व्रत सुबह 11 बजकर 16 मिनट से रात 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. हालांकि यह भद्रा स्वर्ग की है, लेकिन इसका पृथ्वी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भद्रा काल में शुभ कार्यों की मनाही होती है। 3 जून वट पूर्णिमा व्रत पूजा के लिए शुभ सुबह और दोपहर का मुहूर्त है। वट पूर्णिमा पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से 08:51 बजे तक रहेगा, यह वट पूर्णिमा पूजा का सबसे शुभ और उत्तम समय है। वहीं पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है.
वट पूर्णिमा के दिन 3 बेहद शुभ योग बन रहे हैं
साल 2023 में वट पूर्णिमा के व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। ये शुभ योग हैं शिव योग, सिद्ध योग और रवि योग। रवि योग सुबह 05:23 से 06:16 बजे तक, शिव योग सुबह 02:48 बजे से और सिद्ध योग दोपहर 02:48 बजे से देर रात तक रहेगा। ये योग पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं।