व्यापार (ऑर्काइव)
तेल कंपनियों ने जारी किये पेट्रोल-डीजल के दाम....
31 Oct, 2023 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
31 अक्टूबर 2023 के लिए तेल कंंपनियों ने देश में तेल की कीमतों को रिवाइज किया है। कच्चा तेल कल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1.55 प्रतिशत घटकर 89.18 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था।
हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें आज भी स्थिर रही हैं लेकिन कुछ शहरों में कुछ पैसे की बढ़त देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर आप वाहन चलाते हैं तो आपको आज टंकी फुल करवाने से पहले अपने शहर में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बारे में पता होना चाहिए।
हर दिन अपडेट किए जाते हैं रेट
आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे रिवाइज किए जाते हैं। ये कीमत तेल कंपनियां रिवाइज करती है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें मई 2022 से स्थिर बनी हुई हैं। एक बैरेल कच्चे तेल में करीब 159 लीटर कच्चा तेल होता है।
हरे निशान पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 200 अंक उछला, निफ्टी 19200 के पार
31 Oct, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार में हरे निशान पर शुरुआत हुई। अच्छे वैश्विक संकेतों के चलते प्रमुख इंडेक्स हरे निशान पर कारोबार करते दिखे। बीएसई सेंसेक्स 64300 और निफ्टी 19200 के लेवल के आसपास कारोबार करते दिखे। बाजार की तेजी में सबसे ज्यादा रियल्टी, पीएसयू बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयरों का योगदान रहा। निफ्टी में हिंडाल्को का शेयर टॉप गेनर के रूप में कारोबार करता दिखा जबकि नतीजों के बाद यूपीएल के शेयरों में गिरावट दिख रही है। इससे पहले भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लगातार दूसरे दिन तेजी के साथ बंद हुआ था। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 329 अंक ऊपर 64,112 पर बंद हुआ था।
बीपीसीएल ने 8,243 करोड़ का मुनाफा कमाया
30 Oct, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसलएल) ने कहा कि जुलाई-सितंबर, 2023 की अवधि में वह फिर से लाभ में आ गई है जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसे 338.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल एवं डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव न होने से बीपीएलएल को अपना विपणन मार्जिन सुधारने में मदद की गई थी। इससे कंपनी फिर से लाभ में पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिफाइनिंग और विपणन कारोबार से कंपनी की कर-पूर्व आय 11,283.29 करोड़ रुपये हो गई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में उसे 123.17 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। आलोच्य अवधि में तेल की कीमतें नरम होने से जुलाई-सितंबर में कंपनी का राजस्व पिछले साल के 1.28 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 1.16 लाख करोड़ रुपये रह गया। बीपीसीएल के मुताबिक अप्रैल-सितंबर की अवधि में उसने रिकॉर्ड 18,887.85 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस दौरान कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर उसने 15.42 डॉलर प्रति बैरल कमाए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन 22.30 डॉलर प्रति बैरल था। वित्त वर्ष 23-24 की दूसरी तिमाही में कंपनी की एकल आधार पर एबिटा आय 13,679.21 करोड़ रुपये रही जबकि वित्त वर्ष 22-23 की समान तिमाही में यह 1,991.41 करोड़ रुपये थी। बीपीएल ने कहा कि हमने वित्त वर्ष 23-24 की पहली छमाही के दौरान औसत इथेनॉल मिश्रण का अपना अब तक का उच्चतम स्तर 11.98 प्रतिशत भी हासिल किया है। पहली छमाही में कंपनी के 300 नए पेट्रोल पंप खुले हैं जिसके साथ इनकी कुल संख्या 21,331 हो गई है। इस दौरान 44 सीएनजी स्टेशन भी खुलने से इनकी कुल संख्या 1,640 हो गई।
एरिक्सन भारत में 6जी अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना करेगी
30 Oct, 2023 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । स्वीडन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता एरिक्सन ने चेन्नई में 6जी नेटवर्क का अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। कंपनी ने कहा कि वह 6जी से संबंधित शोध के लिए भारत में प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ साझेदारी भी करेगी। एरिक्सन में दक्षिण-पूर्व एशिया, ओशनिया और भारत क्षेत्र के एक बाजार प्रमुख ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत का यह अनुसंधान एवं विकास केंद्र एक छोटी इकाई है जो आगे बड़ी हो जाएगी। दुनिया में हमारे पास ऐसे तीन केंद्र हैं। एक स्वीडन में, दूसरा अमेरिका में और तीसरा भारत में है। तीनों इकाइयां 6जी आधारित अनुसंधान में सहयोग कर रही हैं। एरिक्सन की प्रतिद्वंदी कंपनी नोकिया ने करीब दो हफ्ते पहले ही बेंगलुरु में अपनी 6जी प्रयोगशाला स्थापित की है।
विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में अब तक शेयरों से निकाले 20,300 करोड़
30 Oct, 2023 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने तथा इजराइल-हमास संघर्ष से उत्पन्न अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 20,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। हालांकि इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 6,080 करोड़ रुपये का निवेश भी किया है। बाजार के जानकारों के मुताबिक आगे चलकर एफपीआई के निवेश का प्रवाह फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों तथा वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि लघु अवधि में वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते एफपीआई सतर्क रुख अपनाएंगे। हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि शेयरों और बॉन्ड में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बनाए रखेगी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार इस महीने 27 अक्टूबर तक एफपीआई ने 20,356 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। अभी अक्टूबर के दो कारोबारी सत्र बचे हैं। इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार लिवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे। एक बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भारी बढ़ोतरी इस सप्ताह एफपीआई की निकासी की प्रमुख वजह रही है। सोमवार को 16 साल में पहली बार 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल पांच प्रतिशत के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि इस वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना ध्यान हटाकर अधिक सुरक्षित विकल्प अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं।
सरकार ने प्याज निर्यात पर लगाया अंकुश, तय किया एमईपी
30 Oct, 2023 07:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को इस प्रमुख सब्जी के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन (67 रुपये प्रति किलोग्राम) का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय कर दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि विदेश भेजे जाने वाले प्याज का एमईपी 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है। सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है। कम आपूर्ति के कारण राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है। वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर है। स्थानीय विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं। दिल्ली के कुछ इलाकों में प्याज की कीमतें 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। मंडी में विक्रेताओं का कहना है कि इसमें आगे 15-20 दिन अभी और तेजी जारी रहेगी। जानकारों की मानें तो प्याज की कीमतें 100 रुपये से ऊपर निकल सकती हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज 65 रुपये किलोग्राम तक मिल रहा है। विक्रेता और खरीदारों के मुताबिक प्याज की कीमत में हर दिन तेजी हो रही है। उधर सरकार ने प्याज की कीमतों पर लगाम के लिए बफर स्टॉक से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। प्याज की कीमतों में कमी की वजह असमान्य बरसात को बताया जा रहा है। कुछ इलाकों में बरसात बहुत अधिक हो जाने व कुछ इलाकों में बेहद कम बरसात होने से फसलें खराब हुई हैं। कर्नाटक में प्याज की फसलों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। प्याज की आवक के कम हो जाने व त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ जाने के कारण कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है।
अल्ट्राट्रैक सीमेंट उत्पादन बढ़ाने करेगी 13,000 करोड़ का निवेश
29 Oct, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सीमेंट उत्पादक अल्ट्राटेक ने अपनी बढ़ोतरी के तीसरे चरण में अपनी क्षमता में 2.19 करोड़ टन प्रति वर्ष की बढ़ाने के लिए 13,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक के निदेशक मंडल ने कंपनी की उत्पादन क्षमता के विस्तार के तीसरे चरण पर 13,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसमें चार नई इकाइयां लगाने के अलावा इतनी ही पुरानी इकाइयों का विस्तार भी किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि इस विस्तार के बाद उसकी कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर 18.2 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाएगी। इसकी मौजूदा क्षमता 13.24 करोड़ टन है। दुनिया की तीसरी बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक ने कहा कि तीसरे चरण में स्थापित होने वाली नई परियोजनाओं से वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होगा। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह निवेश भारत की वृद्धि में अल्ट्राटेक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बीते सात वर्षों में कंपनी ने भारत की ढांचागत जरूरतों को पूरा करने पर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया है।
सरकार ने प्याज निर्यात पर लगाया अंकुश, तय किया एमईपी
29 Oct, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को इस प्रमुख सब्जी के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन (67 रुपये प्रति किलोग्राम) का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय कर दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि विदेश भेजे जाने वाले प्याज का एमईपी 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है। सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है। कम आपूर्ति के कारण राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है। वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर है। स्थानीय विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं। दिल्ली के कुछ इलाकों में प्याज की कीमतें 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। मंडी में विक्रेताओं का कहना है कि इसमें आगे 15-20 दिन अभी और तेजी जारी रहेगी। जानकारों की मानें तो प्याज की कीमतें 100 रुपये से ऊपर निकल सकती हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज 65 रुपये किलोग्राम तक मिल रहा है। विक्रेता और खरीदारों के मुताबिक प्याज की कीमत में हर दिन तेजी हो रही है। उधर सरकार ने प्याज की कीमतों पर लगाम के लिए बफर स्टॉक से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। प्याज की कीमतों में कमी की वजह असमान्य बरसात को बताया जा रहा है। कुछ इलाकों में बरसात बहुत अधिक हो जाने व कुछ इलाकों में बेहद कम बरसात होने से फसलें खराब हुई हैं। कर्नाटक में प्याज की फसलों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। प्याज की आवक के कम हो जाने व त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ जाने के कारण कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है।
देश में 19 फीसदी बढ़ा आम का निर्यात
29 Oct, 2023 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत में आम निर्यात 2023 सीजन में 19 फीसदी बढ़ा है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार फलों की तेज मांग रहने के कारण कुल निर्यात 47.98 अरब डॉलर का रहा है। मात्रा के हिसाब से देखें तो भारत ने चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 5 महीने में 47.98 अरब डॉलर के 27,330 टन आम का निर्यात किया है। यही मोटे तौर पर देश में आम का सीजन होता है। मात्रा के हिसाब से भी आम निर्यात 19 प्रतिशत बढ़ा है। भारत में सामान्यतया आम का सीजन अप्रैल के करीब शुरू होता है और जुलाई के अंत या अगस्त तक चलता है। विश्व में आम के प्रमुख निर्यात केंद्रों में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, पश्चिम अफ्रीकी देश जैसे कतर, संयुक्त अरब अमीरात व अन्य देश शामिल हैं। 2023 सीजन में भारत ने 41 देशों में आम का निर्यात किया है और कुछ नए देशों जैसे ईरान, मॉरिशस, चेक रिपब्लिक और नाइजीरिया में आम भेजे हैं। सरकार भी फलों के निर्यात के लिए कदम उठा रही है।
जियो प्लेटफॉर्म्स का दूसरी तिमाही में मुनाफा बढ़कर 5,297 करोड़ हुआ
29 Oct, 2023 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । डिजिटल सेवा प्रदान करने वाली कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुनाफा 12 प्रतिशत बढ़कर 5,297 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को पिछले साल समान तिमाही में 4,729 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने बताया कि उसकी परिचालन आय सितंबर तिमाही में 10.7 प्रतिशत बढ़कर 26,875 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 24,275 करोड़ रुपये थी। रिलायंस जियो की मूल कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ने सितंबर, 2023 तिमाही के दौरान प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह 181.7 रुपये प्रति माह रही। कंपनी के ग्राहकों की संख्या जुलाई-सितंबर, 2023 तिमाही में 7.5 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 45.97 करोड़ हो गई। इस दौरान 1.11 करोड़ नए ग्राहक बने। जियो प्लेटफॉर्म्स ने समीक्षाधीन तिमाही में देश के आठ शहरों में जियोएयरफाइबर सेवा शुरू की। कंपनी ने कहा कि जुलाई में पेश किए गए जियोभारत फोन ने शुरुआत के कुछ महीनों में गैर-स्मार्टफोन खंड में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल की।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 27 फीसदी बढ़ा
29 Oct, 2023 01:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कच्चे तेल में गिरावट की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम रहा और मार्जिन पर भी थोड़ा असर पड़ा है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 27.4 फीसदी बढ़कर 17,394 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 13,656 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। विश्लेषकों ने 18,463 करोड़ रुपये मुनाफे का अनुमान लगाया था। रिलायंस ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कच्चे तेल के दाम में 14 फीसदी की कमी आई थी, जिसकी वजह से मुनाफे पर थोड़ा असर पड़ा है। वित्त वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर में रिलायंस की परिचालन आय महज 1.1 फीसदी बढ़कर 2.31 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्षकी समान तिमाही में करीब 2.29 लाख करोड़ रुपये रही थी। 30 सितंबर को समाप्त तिमाही तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर कुल बकाया कर्ज 2.96 लाख करोड़ रुपये था। दूसरी ओर कंपनी के पास कुल नकद और जमा 1.78 लाख करोड़ रुपये था। रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल इकाई रिलायंस रिटेल का मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 21 फीसदी बढ़कर 2,790 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कंपनी की परिचालन आय सालाना आधार पर 19.5 फीसदी बढ़कर 68,937 करोड़ रुपये रही। जुलाई-सितंबर तिमाही में रिलायंस रिटेल ने 471 नए स्टोर खोले, जिससे देश भर में उसके कुल स्टोरों की संख्या बढ़कर 18,650 हो गई है। इस दौरान रिलायंस रिटेल की कुल आय में उसके डिजिटल कॉमर्स और नए कॉमर्स कारोबार की हिस्सेदारी बढ़कर 19 फीसदी हो गई। सितंबर तिमाही में रिलायंस रिटेल ने वैश्विक निवेशकों से 100 अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन पर 15,314 करोड़ रुपये जुटाए हैं। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम का चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में लाभ करीब 12 फीसदी बढ़कर 5,297 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 4,729 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
एयरटेल ने इंटीग्रेटेड कॉलिंग की सुविधा के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ की साझेदारी -
29 Oct, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली/इन्दौर । भारत के अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक, भारती एयरटेल (एयरटेल) ने आज माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत, भारतीय व्यापारिक संस्थाओं को माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के जरिए कॉलिंग सेवा दी जाएगी। यह सेवा एयरटेल आईक्यू को माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के साथ इंटीग्रेट कर प्रदान की जाएगी।
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के लिए एयरटेल आईक्यू के साथ, एंटरप्राइज जल्द ही इंटरनेट के माध्यम से फिक्स्ड लाइन पर देश भर के ग्राहकों से आसानी से जुड़ सकेंगे।
यह नई सेवा एंटरप्राइजेज को टीम्स के जरिये बाहरी यूजर्स, कॉल करने और उनकी कॉल लेने एवं उन्हें अपने कार्यप्रवाह में संचार एवं सहयोग को जारी रखने में सक्षम बनाएगी l
एयरटेल आईक्यू के बिजनेस हेड अभिषेक बिस्वाल ने कहा, “हम एक बेहतरीन, लचीले और इनोवेटिव समाधान को पेश करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट से साझेदारी करके खुश हैं। इससे भारतीय उद्यमों के सामने वर्तमान में आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक का समाधान होगा। माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक के साथ एयरटेल की कनेक्टिविटी की पारंपरिक ताकत सभी ग्राहकों के लिए विश्वसनीयता, लागत में बचत, आसान प्रबंधन और व्यापक समाधान सुनिश्चित करेगी, इससे वे अपना दायरा भी बढ़ाएंगे और इसकी मदद से आने वाले समय में वे सिर्फ और सिर्फ अपनी उत्पादकता को बढ़ाने पर ही फोकस करेंगे।”
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के लिए एयरटेल आईक्यू एक प्लग एंड प्ले सॉल्यूशन है, जिसे न्यूनतम प्रॉविजनिंग और प्रबंधन के साथ एक दिन के भीतर स्थापित किया जा सकता है। यह कंपनी प्रबंधन को इस सेवा के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के खर्च से बचाता है क्योंकि इसके लिए किसी अतिरिक्त हार्डवेयर की जरूरत नहीं होती है और यह एंटरप्राइज ग्रेड की विश्वसनीयता और सहयोग देता है।
एयरटेल आईक्यू पर टीम्स फोन इंटीग्रेटेड कॉलिंग आईपी टेलीफोनी और सहयोग के लिए जरूरी कई प्लेटफॉर्म्स को मैनेज करने से लेकर नियंत्रण और सुरक्षा की कमी, रिमोट और हाइब्रिड कार्यों के समर्थन में लचीलेपन की कमी और उच्च पूंजीगत खर्च के निवेश का अभाव जैसी कई प्रमुख चुनौतियों को दूर करता है, जो एकसमान और सुचारू सहयोग के लिए जरूरी होता है।
माइक्रोसॉफ्ट में मॉडर्न वर्क एंड सरफेस, भारत और दक्षिण एशिया की कंट्री हेड श्रुति भाटिया ने कहा, आज की तेजी से बदलती हाइब्रिड दुनिया में यूजर्स को काम करने और जुड़ने के लिए लचीलेपन की जरूरत होती है। माइक्रोसॉफ्ट में, हम एंटरप्राइजेज को सही उपकरण और तकनीकें प्रदान कर आधुनिक वर्कप्लेस को और अधिक मजबूत करने की कोशिश करते हैं जो उनकी जरूरतों को पूरा करते हैं और सभी के लिए हाइब्रिड कार्य को सरल बनाते हैं। इसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए, हमें एयरटेल के साथ साझेदारी करके और एक अभिनव समाधान पेश करके खुशी हो रही है। हमारी यह साझेदारी भारतीय वर्कफोर्स को नए स्तर की उत्पादकता, सहयोग, दक्षता हासिल करने के साथ देश में काम करने के भविष्य को बदलने वाला साबित होगी।”
सेबी ने सात जिंसों में वायदा कारोबार निलंबन एक साल बढ़ाया
28 Oct, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । बाजार नियामक सेबी ने गेहूं और मूंग सहित सात कृषि जिंसों में वायदा और विकल्प कारोबार के निलंबन को एक साल बढ़ा दिया है। कीमतों पर नियंत्रण के लिए यह प्रतिबंध अब दिसंबर 2024 तक लागू रहेगा। सेबी ने जिन कृषि जिंसों के वायदा और विकल्प कारोबार पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें धान (गैर-बासमती), चना, कच्चा पाम तेल, सरसों बीज और सोयाबीन शामिल हैं। सेबी ने एक बयान में कहा कि उपरोक्त अनुबंधों में कारोबार का निलंबन 20 दिसंबर, 2023 से आगे 20 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इन जिंसों में मौजूदा सौदों को काटा जा सकता है, लेकिन एक वर्ष के लिए किसी भी नए वायदा कारोबार की अनुमति नहीं होगी। महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सेबी ने दिसंबर 2021 में एक्सचेंजों को सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और कच्चे पाम तेल के नए वायदा और विकल्प अनुबंध शुरू करने से रोक दिया था।
देश के 140 करोड़ में से सिर्फ 6.65 करोड़ लोग ही भर रहे आयकर!
28 Oct, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक आबादी है लेकिन यहां पर आयकर का भुगतान करने वाले सबसे कम हैं। डेटा के अनुसार 140 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 6.65 करोड़ ही आयकर का भुगतान करते हैं। यह संख्या कुल आबादी की 4.8 और वयस्क की आबादी 6.3 है। यह तथ्य भी चौंकाने वाला है कि सरकार को मिलने वाले कुल आयकर की 76 फीसदी राशि 32 लाख (5 फीसदी) लोग भरते हैं। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि यह ट्रेंड पिछले नौ सालों से चला आ रहा है। सरकार ने कर संग्रह बढ़ाने के लिए डिमोनेटाइनेशन, जीएसटी और बड़े ट्रांजेक्शन में पैन अनिवार्य किया फिर भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। वैश्विक निवेश बैंक जेफरीज ने देश के 10 साल के व्यक्तिगत आयकर ट्रेंड का विश्लेषण किया है। इसके अनुसार रिटर्न भरने वालों की संख्या हर साल 8 फीसदी की दर से बढ़ रही है। साल 2012 में इनकी संख्या 3.1 करोड़ थी जो 2023 में 7.1 करोड़ रह गई है। इसके उलट कारपोरेट टैक्स भरने वाले 5 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर 10 लाख ही हुए। हालांकि ज्यादा छूट मिलने से व्यक्तिगत आयकर जमा करने वालों की संख्या 33 फीसदी गिर गई है। 5 लाख, 10.5 लाख, 50 लाख से अधिक आय वाले करदाता सालाना 17 से 20 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। व्यक्तिगत करदाताओं की आय बढ़ी है। यह 2012 में जीडीपी 15 फीसदी थी जो 2023 में 23 फीसदी हो गई है। कुल व्यक्तिगत आय में शार्ट टर्म ओर लांग टर्म कैपिटल गैन्स का योगदान दोगुना बढ़कर 7.6 फीसदी हो गया है। यही नहीं आय में कैपिटल गैन्स बताने वाले पिछले तीन साल में दोगुने हो गए हैं। ऐसा डिस्क्लोजन बढ़ने और डेटा ट्रेकिंग के चलते हुआ है। अब रिटर्न फार्म में पहले से यह जानकारी भरी रहती है। सीबीडीटी के मुताबिक व्यक्तिगत आयकर का भुगतान करने वाले शीर्ष एक फीसदी लोगों की कुल आय अन्य आयकरदाताओं के मुकाबले कम हुई है।
रिलायंस के बोर्ड में बने रहेंगे अनंत अंबानी
28 Oct, 2023 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रिलायंस इंडस्ट्रीज की चार कंपनियों के निदेशक अनंत अंबानी आरआईएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में नॉन एग्जीक्यूटिव, नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर बने रहेंगे। दरअसल रिलांयस इंडस्ट्रीज की 28 अगस्त को हुई एजीएम में उन्हें बोर्ड में शामिल करने की घोषणा की गई थी। इसके बाद कुछ लोगों ने उनके नाम पर असहमति व्यक्त की थी। हालांकि इस मामले पर शेयरधारकों के बीच हुई वोटिंग में 92.7 फीसदी वोट अनंत अंबानी के पक्ष में पड़े। इस तरह से उनके बोर्ड में बने रहने पर मुहर लग गई है। गौरतलब है कि प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म ने अंनत अंबानी की उम्र (28 वर्ष) का हवाला देते हुए संस्थागत निवेशकों से इस फैसले पर सहमति न जताने का आग्रह किया था। हालांकि, नतीजे अनंत अंबानी के पक्ष में आने से सभी तरह की चर्चाओं पर अब पूर्ण विराम लग गया है। अनंत अंबानी के अलावा रिलायंस की चार कंपनियों के निदेशक आकाश अंबानी व रिलायंस रिटेल की प्रमुख ईशा अंबानी को भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह दी गई थी। इन दोनों के बोर्ड में शामिल किए जाने पर किसी तरह की असहमति नहीं जताई गई थी। इन नियुक्तियों के संबंध में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्टॉक एक्सचेंज को वोटिंग की सूचना दी थी। कंपनी ने कहा था कि इसके लिए ई-वोटिंग कराई जा रही है। शेयर बाजार को सूचना सितंबर में दी गई थी और वोटिंग की प्रक्रिया 26 अक्टूबर को खत्म होनी थी, जो कि अब समाप्त हो चुकी है। वोटिंग में ईशा अंबानी को 98.2 फीसदी, आकाश अंबानी को 98 फीसदी और अनंत अंबानी को 92.7 फीसदी वोट मिले हैं। इस तरह रिलायंस परिवार की अगली पीढ़ी के तीनों सदस्यों की बोर्ड में नियुक्ति अब पक्की हो गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम में ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी को नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के तौर पर बोर्ड में जगह दी गई थी। इसी एजीएम में 2014 से बोर्ड की डायरेक्टर रहीं नीता अंबानी ने अपना पद छोड़ दिया था। हालांकि, वह रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन बनी रहेंगी। इसके अलावा वह आरआईएल की बैठक में शामिल होती रहेंगी।