व्यापार (ऑर्काइव)
यूपीआई लेनदेन अक्टूबर में बढ़कर 17.16 लाख करोड़ पहुंचा
3 Nov, 2023 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन अक्टूबर में 17.16 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक यह इस साल सितंबर में 15.8 लाख करोड़ रुपये से 9 प्रतिशत अधिक है। रियल टाइम पेमेंट प्लेटफॉर्म चलाने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चला है कि मात्रा के संदर्भ में भी लेनदेन की संख्या रिकॉर्ड 11.41 बिलियन तक पहुंच गई, जो सितंबर में 10.56 बिलियन की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। एनपीसीआई के अनुसार नवीनतम आंकड़ों के आधार पर यूपीआई ने लेनदेन की मात्रा के मामले में साल-दर-साल 55 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यूपीआई ने सितंबर में 10.56 बिलियन का लेनदेन वॉल्यूम दर्ज किया और अगस्त में 10 बिलियन का आंकड़ा पार कर लिया था। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, अक्टूबर 2023 में 11 बिलियन से अधिक यूपीआई लेनदेन किए गए। लोग यूपीआई के साथ रियल टाइम में मोबाइल से निर्बाध भुगतान कर रहे हैं।
भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएगा क्वालकॉम
3 Nov, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद क्वालकॉम भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने की योजना बना रही है। वे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे और बड़े पैमाने पर एडवांस चिप्स का उत्पादन करने के लिए स्थानीय भागीदारों के साथ टीम बनाएंगे। भारत के लिए क्वालकॉम की योजना में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद निवेश करना शामिल है। वर्तमान में वे चिप्स डिज़ाइन करते हैं और उन्हें विश्व स्तर पर पार्टनर प्लांट द्वारा मैन्युफैक्चर करते हैं। इन पार्टनर प्लांट में से एक ताइवान का टीएसएमसी है। मैन्युफैक्चर करने के बाद वे इन चिप्स को मोबाइल डिवाइस मेकर और कार मैन्युफैक्चरर को बेच देते हैं। क्वालकॉम इंडिया के के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक साक्षात्कार में कहा कि एक बार जब भारत के पास अपने स्वयं के फैब प्लांट और ओएसएटी सुविधा होंगी, तो क्वालकॉम लोकल लेवल पर निवेश और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में योगदान देगा। भारत में क्वालकॉम दो प्रमुख कारणों से खुद को एक खास प्लेयर के रूप में देखता है। सबसे पहले बड़े पैमाने पर चिप बेचना उन्हें ईकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है। दूसरा, टेक्नॉलजी के संदर्भ में, वे अत्याधुनिक सॉल्यूशन प्रदान कर सकते हैं, एक साथ दो अग्रणी नोड्स की पेशकश कर सकते हैं, और अपने पार्टनरों के लिए टेक्नॉलजी प्रदाता के रूप में काम कर सकते हैं।
हालांकि, ऐसा करने के लिए सरकार के सपोर्ट की भी जरूरत होगी। हमें अपने प्रोडक्ट की ज्यादा मांग पैदा करने के लिए भारत में सरकार से मदद की ज़रूरत है। इसलिए, हमें ज्यादा लोकल ब्रांडों की ज़रूरत है, जो हमारी चिप्स का उपयोग करेंगे। चीन में यह समस्या नहीं थी; उनके पास बहुत सारे उपभोक्ता ब्रांड थे। उन्होंने कहा कि वह पहले ही 10,000 रुपये से कम कीमत पर पहुंच चुके हैं, और उनकी कोशिश इसे और नीचे लाने का नहीं बल्कि इसे एआई तकनीक के साथ जोड़ने का होगा। हमारे पास पहले से ही 9,999 रुपये में एक फोन है, और इसकी कीमत और भी कम होगी। ओइएम पहले से ही अपने 4जी पोर्टफोलियो से 5जी की ओर बढ़ रहे हैं और हम उनके और फ्लिपकार्ट के साथ-साथ अमेज़ॅन के साथ कीमतों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके। हम जो योजना बना रहे हैं वह बड़े पैमाने पर बाजार में 5जी फोन में यथासंभव हद तक एआई क्षमता लाने की है।
वापस आ चुके 2,000 के 97 प्रतिशत नोट: आरबीआई
2 Nov, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के 97 प्रतिशत से अधिक नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट आए हैं, और केवल 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऐसे नोट अभी भी बाजार में मौजूद हैं। बैंक ने कहा कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के नोटों का कुल मूल्य 19 मई, 2023 को कारोबार की समाप्ति पर 3.56 लाख करोड़ रुपये था। अब यह कम होकर 31 अक्टूबर, 2023 को 10,000 करोड़ रुपये रह गया है। इन नोटों को बैंकों में जमा करने के साथ अन्य मूल्य वर्ग के नोटों से बदलने की सुविधा लोगों को दी गई थी। आरबीआई के मुताबिक इस तरह 19 मई, 2023 तक चलन में मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के कुल नोट में से 97 प्रतिशत से अधिक नोट अब वापस आ चुके हैं। हालांकि अब बैंकों में इन नोटों को नहीं जमा किया जा सकता है लेकिन रिजर्व बैंक के 19 कार्यालयों में 2,000 रुपये के नोट जमा या बदले जा सकते हैं। इस बीच 2,000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा करने के लिए आरबीआई कार्यालयों में कामकाजी घंटों के दौरान लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
थर्मल पावर प्लांट को सीआईएल की कोयला सप्लाई 11 फीसदी बढ़ी
2 Nov, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । त्योहारी सीजन में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीआईएल की बिजली उत्पादन संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति अक्टूबर में 11 फीसदी बढ़कर 5.08 करोड़ टन पहुंच गई है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की बिजली क्षेत्र को ईंधन आपूर्ति पिछले वित्त वर्ष अक्टूबर में 4.58 करोड़ टन थी। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सीआईएल द्वारा बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति एक साल पहले के 33.1 करोड़ टन से 1.5 करोड़ टन बढ़कर 34.6 करोड़ टन हो गई। इसमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बयान के अनुसार बिजली क्षेत्र को क्वांटम आपूर्ति अक्टूबर तक 34.13 करोड़ टन की प्रगतिशील प्रतिबद्धता से 47 लाख टन अधिक थी। कंपनी बिजली क्षेत्र को 61.0 करोड़ टन के वार्षिक आपूर्ति लक्ष्य को पार करने को लेकर आश्वस्त है। सीआईएल ने अप्रैल-अक्टूबर अवधि में 4.2 करोड़ टन अधिक कोयले का उत्पादन किया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 35.2 करोड़ टन था।
मोदी सरकार के लिए गुड न्यूज, जीएसटी कलेक्शन 13 फीसदी बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा
2 Nov, 2023 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । नवंबर माह की पहली तारीख को केंद्र सरकार की ओर से गुड न्यूज आई है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अक्टूबर 2023 के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में बताया गया है कि सकल माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है। बता दें कि अक्टूबर 2022 में सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन दर्ज किया था।
वित्त मंत्रालय ने जारी आंकड़ों में बताया कि अक्टूबर महीने में जुटाई गई जीएसटी अभी तक की दूसरी सबसे ज्यादा जुटाई गई जीएसटी है। इससे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन इस साल के अप्रैल महीने में हुआ था। बता दें कि अप्रैल महीने में वित्त मंत्रालय ने 1.87 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी जुटाया था। वित्त वर्ष 2023-24 में औसत सकल मासिक जीएसटी संग्रह अब 1.66 लाख करोड़ रुपये है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत ज्यादा है।
अक्टूबर, 2023 के माह में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू 1.72 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 30,062 करोड़ रुपये केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी), 38,171 करोड़ रुपये राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी)। इसके अलावा, 91,315 करोड़ रुपये का (इसमें 42,127 करोड़ रुपये माल के आयात पर जुटाए गए हैं) एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी), और 12,456 करोड़ रुपये का (माल के आयात पर एकत्र 1,294 करोड़ रुपये सहित) उपकर (सेंस) भी शामिल है।
बता दें कि पिछले माह अक्टूबर में वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान जीएसटी कलेक्शन में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त मंत्रालय ने बताया था कि एक साल पहले की समानअवधि की तुलना में जीएसटी संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 9.92 लाख करोड़ रुपये हो गया था। सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन1.62 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो वित्त वर्ष 23 के सितंबर महीने के 1.47 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 10.2 प्रतिशत ज्यादा था।
देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार और पड़ी धीमी
2 Nov, 2023 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां अक्टूबर में आठ माह के निचले स्तर पर रहीं। नए ऑर्डर में नरमी से उत्पादन वृद्धि में कमी आई। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर में गिरकर 55.5 पर आ गया, जो सितंबर में 57.5 था। अक्टूबर में यह आठ माह के निचले स्तर पर रहा। अक्टूबर पीएमआई आंकड़े में हालांकि लगातार 28वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार के संकेत मिले हैं। पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार है, जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘नया ऑर्डर सूचकांक एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया। कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर की है। सर्वेक्षण के अनुसार कुल नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात, खरीदारी के स्तर तथा खरीद में धीमी ही सही, पर्याप्त बढ़ोतरी हुई। नियुक्ति गतिविधि फीकी पड़ गई और कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई।
सर्वेक्षण के अनुसार, अक्टूबर के आंकड़ों ने सितंबर के बाद से वृद्धि में गिरावट का संकेत है। वास्तविक सबूतों से पता चलता है कि कुछ उत्पादों की धीमी मांग और भयंकर प्रतिस्पर्धा ने तेजी को रोक दिया है। नौकरियों की बात करे तब चार प्रतिशत से भी कम कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा और 95 प्रतिशत ने कार्यबल संख्या अपरिवर्तित रही।
अक्टूबर में कैसा रहा आईपीओ मार्केट का प्रदर्शन
2 Nov, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । मुंबई शेयर बाजार में जारी उठापटक के बावजूद घरेलू कंपनियां प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटाने को लेकर उत्साहित हैं। बीते अक्टूबर माह में कुल 30 आईपीओ सेकेंडरी मार्केट में लिस्ट हुए। जिसमें 24 एसएमई (एसएमई) आईपीओ जबकि 6 मेनबोर्ड आईपीओ थे। इन सभी 30 आईपीओ में सिर्फ 9 आईपीओ फिलहाल अपने इश्यू प्राइस से नीचे चल रहे हैं। इश्यू प्राइस से नीचे चलने वाले 7 एसएमई आईपीओ जबकि 2 मेनबोर्ड आईपीओ हैं। ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रोस्पेक्टस के लिहाज से भी अक्टूबर का महीना बेहतर रहा जिससे इक्विटी बाजारों में ताजा उतार-चढ़ाव के बावजूद प्राइमरी मार्केट में उत्साह का पता चलता है। अक्टूबर में 17 कंपनियों ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रोस्पेक्टस पेश किए। पिछली तिमाही यानी अगस्त-अक्टूबर 2023 के दौरान जुलाई-सितंबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रोस्पेक्टस पेश किए गए। इस साल अगस्त और सितंबर में 13 और 19 डीआरएचपी पेश किए गए थे। अक्टूबर में जिन कंपनियों ने अपने डीआरएचपी पेश किए, उनमें कैपिटल स्मॉल फाइनैंस बैंक, पॉपुलर व्हीकल्स ऐंड सर्विसेज और आईनॉक्स इंडिया शामिल हैं।
अक्टूबर में जो 6 मेनबोर्ड आईपीओ लिस्ट हुए उनमें से सिर्फ आईआरएम एनर्जी और अपडेटर सर्विसेज लिमिटेड के आईपीओ में फिलहाल गिरावट देखने को मिल रही है। आईआरएम एनर्जी के शेयर 505 रुपये के अपने इश्यू प्राइस के मुकाबले अभी 6.41 फीसदी गिरकर 475.65 पर ट्रेड कर रहे हैं। लिस्टिंग के दिन यानी 26 अक्टूबर को कंपनी के शेयर 6.35 फीसदी टूटकर 472.95 पर बंद हुए थे। अपडेटर सर्विसेज लिमिटेड के शेयर भी 300 रुपये के अपने इश्यू प्राइस के मुकाबले अभी 13.85 फीसदी गिरकर 258.45 पर ट्रेड कर रहे हैं।
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हो सकेगी भारतीय कंपनियों
2 Nov, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम के तहत भारतीय कंपनियों को कुछ शर्तों के साथ विदेशी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की अनुमति दे दी है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में कंपनी कानून के तहत संबंधित धारा को अधिसूचित किया है। वर्तमान में स्थानीय कंपनियां विदेशों में अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) और ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) के जरिए सूचीबद्ध होती रही हैं।
कॉरपोरेट मंत्रालय की ओर से 30 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के अनुसार, कंपनी (संशोधन) अधिनियम 2020 (2020 का 29) की धारा एक की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार उसके द्वारा अक्टूबर 2023 के 30वें दिन को उस तारीख के रूप में निर्धारित करती है जिस दिन से उक्त अधिनियम की धारा पांच के प्रावधान लागू होगा। भारतीय कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध कराने के नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना बाकी है।
धारा पांच सार्वजनिक कंपनियों के कुछ वर्गों को अनुमत शेयर बाजार में विदेशी न्याय क्षेत्रों या इसतरह के अन्य न्यायक्षेत्रों के तहत अपनी प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करने की अनुमति देता है। गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि मंत्रालय कंपनियों को प्रत्यक्ष तौर पर विदेशी शेयर बाजरों में सूचीबद्ध कराने के लिए नियम तैयार करने के लिए संभावित पात्रता मानदंड सहित विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहा है।
व्यवसायिक उपयोग वाले गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ी
1 Nov, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । नवंबर की शुरुआत से ही व्यवसायिक उपयोग वाले सिलेंडर की कीमत बढ़ गयी है हालांकि रसाई गैस की कीमतें पहले की तरह ही रहेंगी। आज से 19 किलोग्राम वाले व्यवसायिक सिलेंडर के लिए 100 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे।
इंडियन ऑयल का 19 किलोग्राम का सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 1833 रुपये हो गयी है। इससे पहले यह 1731 रुपये का मिल रहा था। इस प्रकार इसकी कीमतों में 102 रुपये की बढ़त हुई है। वहीं मुंबई में सिलेंडर की कीमत 1684 रुपये से बढ़कर 1785.50 रुपये पहुंच गई है जबकि कोलकाता में व्यवसायिक सिलेंडर 1839.50 रुपये से बढ़कर 1943 रुपये हो गई है। वहीं चेन्नई में जो व्यवसायिक सिलेंडर 1898 रुपये की जगह अब 1999.50 रुपये का हो गया है। बता दें कि चारों महानगरों में से कोलकाता में इस बार व्यवसायिक गैस के दाम सबसे अधिक 103.50 रुपये बढ़े हैं।
गत एक महीने में ही व्यवसायिक गैस सिलेंडर की कीमत में 300 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी कर दी गई है। 1 अक्टूबर को भी कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 209 रुपये बढ़ाए गए थे और अब एक महीने बाद ही इसकी कीमतों में एक बार फिर से 100 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है।
क्रूड ऑयल पर टैक्स में हुई 750 रुपये की बढ़ोतरी
1 Nov, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । क्रूड ऑयल पर टैक्स में 750 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है, जबकि डीजल और एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स (लेवी) में कटौती की है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बुधवार से पेट्रोलियम व कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 भारतीय रुपये प्रति टन कर दिया है। इस तरह से देश में निकाले जा रहे क्रूड ऑयल पर टैक्स में 750 रुपये का इजाफा हुआ है। क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ा कर 9,800 रुपये प्रति टन किया गया है। यानी की क्रूड ऑयल पर टैक्स में 750 रुपये का इजाफा हुआ है। इससे पहले सरकार ने 18 अक्टूबर को क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को 12,100 रुपये प्रति टन से घटाकर 9,050 रुपये प्रति टन किया था। एटीएफ पर लेवी 1 रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दी गई है। डीजल पर लेवी 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक पेट्रोल के निर्यात को विंडफॉल टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। गौरतलब है कि सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है। बाजार में चल रही तेल की कीमतों के आधार पर ही इसकी समीक्षा की जाती है। भारत सरकार ने पिछले साल जुलाई में कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। इसके साथ ही गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी थी क्योंकि निजी रिफाइनरी स्थानीय स्तर पर बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ उठाना चाहते थे।
विस्तारा की हांगकांग के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू
1 Nov, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विस्तारा एयरलाइंस ने दिल्ली और हांगकांग के बीच प्रतिदिन नॉन-स्टॉप विमान सेवा शुरू कर दी हैं। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि रूट पर ए321नियो विमान अपनी असाधारण विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जिसमें बिजनेस क्लास में फ्लैट बेड के साथ आरामदायक बैठने की व्यवस्था, आंतरिक सज्जा, इन-फ़्लाइट वायरलेस कनेक्टिविटी और एक अत्याधुनिक मनोरंजन सिस्टम विथ लाइव टीवी शामिल है। विस्तारा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हांगकांग के लिए सीधी कनेक्टिविटी की शुरुआत हमारे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को लगातार बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है। हांगकांग दुनिया के शीर्ष वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है। यह एक पॉपुलर लीजर डेस्टिनेशन के अलावा, भारत से बहुत सारे व्यवसाय और वीएफआर यात्रा को आकर्षित करता है। हमें इस मार्ग पर यात्रा करने वाले ग्राहकों को बेहतरीन एयरलाइन में उड़ान भरने का विकल्प प्रदान करते हुए खुशी हो रही है और हमें विश्वास है कि वे हमारे विश्व स्तरीय सेवाओं की सराहना करेंगे।
डार्क वेब पर 81.5 करोड़ भारतीयों का आधार डाटा लीक: रिपोर्ट
1 Nov, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । डार्क वेब पर 81.5 करोड़ भारतीयों का आधार डाटा लीक हो गया है। इस डाटा में आधार के साथ पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी भी है, जिसमें लोगों की संवेदनशील जानकारी भी मौजूद है। एक रिपोर्ट में अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी फर्म रीसिक्योरिटी के हवाले से बताया गया है कि ये डाटा शायद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के जरिए लीक हुआ है। हालांकि, आईसीएमआर की ओर से इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। रीसिक्योरिटी की वेबसाइट के मुताबिक ये डाटा पीडब्ल्यूएन 0001 नाम के यूजर की ओर से बेचा जा रहा था। इसमें 81.5 करोड़ भारतीयों की आधार और पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी थी। रीसिक्योरिटी की टीम की ओर से हैकर से डाटा खरीदने के लिए संपर्क किया गया तो उसकी ओर से 80,000 डॉलर (करीब 66,60,000 रुपए) मांगे गए। रिपोर्ट में बताया गया कि कैग की ओर से अप्रैल 2022 में यूआईडीएआई में एक जांच की थी, जिसमें पता चला था कि अथॉरिटी की ओर से उसके क्लाइंट और वेंडर्स को प्रभावी तरीके से डाटा की सुरक्षा के लिए रेगुलेट नहीं किया जा रहा है। आधार को सरकार की ओर से 2009 में शुरू किया गया था। इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआइई) की ओर से जारी किया जाता है। एक ब्रोकिंग संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक ये दुनिया का सबसे बायोमैट्रिक आइडेंटिटी कार्यक्रम है। आधार में किसी व्यक्ति की भी संवेदनशीन जानकारियां जैसे नाम, पता, जन्मतिथि और बायोमैट्रिक होते हैं। इस कारण किसी भी जगह मास्क्ड आधार उपयोग करना बेहतर रहता है। इसमें आपका पूरा आधार नंबर नहीं दिखता है और केवल जरूरी जानकारियां ही होती हैं। इसके अलावा अपने आधार डाटा को सेफ रखने के लिए आप बायोमैट्रिक लॉक भी कर सकते हैं।
New Rules: निपटा लें जरूरी काम एक नवंबर से होने जा रहे हैं 8 बदलाव, 15 दिन रहेगी बैंक में छुट्टियां
31 Oct, 2023 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
New Rules: नवंबर महीने की शुरुआत के साथ ही कई नए वित्तीय बदलाव होने वाले हैं, ये बदलाव आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालेंगे। महीने की शुरुआत में ही कंपनियां रसोई गेस की कीमतें तय करती हैं। इसके अलावे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी बदलाव होता है। अक्तूबर महीने का आज आखिरी दिन है। नवंबर महीने की शुरुआत के साथ ही कई नए वित्तीय बदलाव होने वाले हैं, ये बदलाव आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालेंगे। महीने की शुरुआत में ही कंपनियां रसोई गेस की कीमतें तय करती हैं। इसके अलावे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी बदलाव होता है। आइए जानते हैं इस बार नवंबर महीने से कौन-कौन से बदलाव होने वाले हैं और किन मामलों में हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
1. रसोई गैस की कीमतों में बदलाव : हर महीने की शुरुआत में सरकारी तेल कंपनियां एलपीजी, पीएनजी और सीएनजी के दाम तय करती हैं। इस बार त्योहारों का मौका है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कीमतें बढ़ती हैं या बरकरार रहती हैं। इसके लिए 31 अक्तूबर की मध्य रात्रि का इंतजार करना होगा।
2. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव : रसोई गैस की तरह ही महीने के पहले दिन पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी बदलाव होता है। ऐसे में देश के विभिन्न हिस्सों में इनकी कीमतों में नवंबर महीने की पहली तारीख से एलान हो सकता है।
3. बंद एलआईसी पॉलिसी चालू कराने का आखिरी मौका : भरतीय जीवन बीमा निगम की बंद पड़ी पॉलिसी को दोबारा चालू कराने का आखिरी मौका बस आज भर है। 31 अक्तूबर तक इसे बिना किसी परेशानी के दोबारा चालू किया जा सकता है। आखिरी तिथि समाप्त होने के बाद एक नवंबर से ऐसा करने में आपको दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।
4. शेयर बाजार में लेन-देन होगा महंगा : बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने 20 अक्तूबर को एलान किया था कि नवंबर की पहली तारीख से इक्विटी के डेरिवेटिव सेगमेंट में लेन-देन पर शुल्क बढ़ जाएगा। ऐसे में नवंबर की पहली तारीख से शेयर बाजार में लेन-देन पर निवेशकों को कुछ अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ सकता है। नियम के बदलने से डीमैट अकाउंट धारक ऐसे निवेशक प्रभावित होंगे जो फ्यूचर और ऑप्शंस में ट्रेडिंग करते हैं।
5. बीमाधारकों के लिए केवाईसी अनिवार्य : एक नवंबर से इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने सभी बीमाधारकों के लिए केवाईसी (Know Your Customer) अनिवार्य कर दिया है। एक नवंबर से इस फैसले का असर सीधे तौर पर बीमाधारकों के क्लेक पर पड़ेगा।
6. आयात से जुड़े नियमों में बदलाव : केंद्र सरकार ने अक्तूबर महीने तक एचएसएन 8741 कैटेगरी के लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम के आयात पर छूट छूट का एलान किया था। ऐसे में नवंबर महीने में इससे जुड़े नए नियम अमल में आ सकते हैं। अब तक सरकार की ओर से इस बारे में अपडेट जारी नहीं किया गया है।
7. नवंबर में 15 दिन बैंक रहेंगे बंद : नवंबर महीने में विभिन्न त्योहारों के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 दिन बैंक बंद रहेंगे। इन छुट्टियों में दिवाली और शनिवार व रविवार को दी जाने वाली छुट्टियां शामिल हैं। इन छुट्टियों के दौरान बैंकों की ऑनलाइन सेवाएं रोज की तरह काम करती रहेंगी। ऐसे में अगर आप नवंबर महीने में बैंक शाखा जाकर कोई काम निपटाने की तैयारी कर रहे हैं तो बैंक की छुट्टियों की लिस्ट चेक कर ही घर से निकलें। जहां तक संभव हो ऑनलाइन सेवाओं का लाभ लेकर ही अपने काम निपटाएं।
8. जीएसटी के नियम बदलेंगे : एक नवंबर से जीएसटी से जुड़ा एक बड़ा बदलाव होने वाला है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के मुताबिक एक नवंबर से 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा के कारोबार करने वाले फर्मों को एक नवंबर से 30 दिनों के अंदर ई-चालान पोर्टल पर जीएसटी चालान अपलोड करना पड़ेगा।
देश का सबसे बड़ा आधार डेटा लीक: डार्क वेब पर उजागर करोड़ों भारतीयों का डेटा
31 Oct, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aadhaar data leak: देश में अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक सामने आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पास मौजूद 81.5 करोड़ भारतीयों की डिटेल्स बिक रही है। यह मामला इतना गंभीर है कि ICMR की शिकायत पर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई इसकी जांच कर सकती है। जानिए यह मामला कैसे खुला और क्या पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। यह भारत का सबसे बड़ा डेटा लीक का मामला है। लीक हुए डेटा में नाम, पिता का नाम, फोन नंबर, अन्य नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, आयु आदि शामिल हैं। इसे 80,000 डॉलर मेंं बेच रहे हैं।
अमेरिका स्थित साइबर सुरक्षा फर्म रिसिक्योरिटी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लगभग 81.5 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब पर लीक हो गई है। नाम, फोन नंबर, पता, आधार, पासपोर्ट जानकारी सहित डेटा ऑनलाइन बिक्री के लिए लीक की गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रिसिक्योरिटी ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा, “9 अक्टूबर को, ‘pwn0001’ नाम से जाने वाले ने ब्रीच फोरम पर एक थ्रेड पोस्ट के जरिए 81.5 करोड़ भारतीयों के आधार और पासपोर्ट के रिकॉर्ड्स को बेचने का ऑफर दिया था। भारत की कुल जनसंख्या 148.6 करोड़ से अधिक है।” कंपनी नेयह भी कहा कि उसकी हंटर (HUMINT) यूनिट के जांचकर्ताओं ने धमकी देने वाले से संपर्क स्थापित किया था। उनको पता चला है कि वे संपूर्ण आधार और भारतीय पासपोर्ट डेटा बेस को 80,000 डॉलर में बेचने के इच्छुक थे।
पहले भी लीक हो चुकी हैं व्यक्तिगत जानकारियां
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) वर्तमान में हैकर “pwn0001” की जांच कर रही है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) डेटाबेस से संबंधित हो सकता है। एक्स पर एक हैकर ने यह भी सूचित किया है, “अज्ञात हैकर्स ने 80 करोड़ सेअधिक भारतीयों के कोविड-19 के व्यक्तिगत डेटा को लीक कर दिया है। यह भारत का सबसे बड़ा डेटा लीक का मामला है। लीक हुए डेटा में नाम, पिता का नाम, फोन नंबर, अन्य नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, आयु आदि शामिल हैं।”
डेटा उल्लंघन का दावा सरकार के लिए एक बड़ा झटका है
यह पहली बार नहीं है कि डेटा का उल्लंघन हुआ है। इससे पहले जून में सरकार ने CoWin वेबसाइट से वी वी आई पी सहित टीकाकरण वाले नागरिकों का व्यक्तिगत डेटा कथित तौर पर टेलीग्राम मैसेंजर चैनल के माध्यम से लीक होने के बाद डेटा उल्लंघन की जांच शुरू की थी। डेटा उल्लंघन का दावा सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जो अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है और बायोमेट्रिक पहचान संख्या आधार, व्यक्तियों के मोबाइल नंबर और बैंक खातों के आधार पर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है।
मई 2024 तक मिलेगी छूट; भारतीय अब बिना वीजा के जा सकेंगे थाईलैंड, सरकार ने किया ये एलान
31 Oct, 2023 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत से थाईलैंड की यात्रा का प्लान कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें थाईलैंड की यात्रा के लिए अब वीजा की जरूरत नहीं होगी। थाईलैंड के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि भारत और ताइवान से आने वाले लोगों के लिए वीजा आवश्यकताओं को माफ कर दिया जाएगा। रॉयटर्स के मुताबिक, यह छूट अगले महीने से मई 2024 तक दी जाएगी।
थाइलैंड सरकार के प्रवक्ता चाई वाचारोंके ने कहा, ''भारत और ताइवान से आने वाले लोग 30 दिनों के लिए बिना वीजा के थाईलैंड में प्रवेश कर सकते हैं।" थाईलैंड यात्रियों के लिए अपने वीजा नियमों में ढील देने की संभावना तलाश रहा है, जिसमें वीजा छूट और पर्यटकों के लिए ठहरने की अवधि का विस्तार करना शामिल है।
फिलहाल भारत के यात्रियों को 2 दिन के थाईलैंड के वीजा के लिए 2000 भाट (लगभग 57 डॉलर) का भुगतान करना अनिवार्य है। थाईलैंड की नई सरकार का लक्ष्य अगले साल विदेशी पर्यटकों से राजस्व को 3.3 ट्रिलियन भाट तक बढ़ाना है। जिसमें यात्रा उद्योग सबसे अच्छा अल्पकालिक आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करता है। बैंक ऑफ थाईलैंड के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 12% और नौकरियों में लगभग पांचवें हिस्से का योगदान देता है।
फुकेत टूरिज्म एसोसिएशन के अध्यक्ष थानेथ तांतीपिरियाकिज ने अगस्त में ब्लूमबर्ग को बताया था कि आवेदन शुल्क को खत्म करना चीन और भारत के आगंतुकों को वीजा छूट देने की तुलना में आदर्श होगा।