छत्तीसगढ़ (ऑर्काइव)
ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को मिला एक और राष्ट्रीय पुरस्कार
23 Sep, 2023 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्टार परफॉर्मेंस अवार्ड से पुरस्कृत किया गया। सोसाईटी ऑफ एनर्जी इजीनियर्स एण्ड मैनेजर्स - सीम द्वारा 21 सितम्बर को आयोजित 8वें नेशनल एनर्जी मैनेजमेंट अवार्ड समारोह में यह सम्मान दिया गया। आलोक कटियार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उक्त पुरस्कार को डॉ. अशोक कुमार, उप महानिदेशक, ऊर्जा दक्षता ब्यूरों, (बी.ई.ई.) भारत सरकार के उपस्थिति में प्राप्त किया गया। इस समारोह में क्रेडा की ओर से संजीव जैन, मुख्य अभियंता एवं राजीव ज्ञानी, अधीक्षण अभियंता भी उपस्थित रहें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पुरस्कार के लिए क्रेडा की टीम और प्रदेशवासियों को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि लगातार 03 वर्षों (वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 ) से क्रेडा को सीम द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य नामित एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ‘छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा)’ द्वारा विगत 11 वर्षों में प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी, भारत सरकार की च्।ज् परियोजना के अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 44 औद्योगिक संस्थानों द्वारा प्रदेश में लगभग 2.198 मिलियन टन ऑफ ऑयल इक्वीवेलेंट (MTO) ऊर्जा की बचत कर लगभग 6.67 मिलियन टन का कार्बन उत्सर्जन कम किया गया है। इस परियोजना के तहत प्रदेश के उद्योगों को कुल दस लाख से भी अधिक एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। व्यावसायिक भवन क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता अधिसूचित किया गया है तथा राज्य में कुल 15 भवनों को ग्रीन भवन के रूप में प्रमाणित किया गया है तथा 8 शासकीय भवनों को स्टार रेटिंग नामित करने हेतु प्रस्ताव केन्द्र शासन को अग्रेषित किया गया है। आवासीय भवनों में इको निवास सहिता (ECO NIWAS Samhita) अंतर्गत ऊर्जा दक्ष भवन निर्माण तकनीक अपनाने हेतु प्रदेश के आवासीय परियोजनाओं ऊर्जा दक्ष बनाने हेतु सतत् कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में क्रेडा द्वारा 150 से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम इंजीनियर्स एवं आर्कीटेक्ट हेतु आयोजित किया गये है।
ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा दक्ष उपकरणों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल 77 ग्रामों को मॉडल ऊर्जा दक्ष ग्रामों में विकसित किया गया है। इसी तरह 56 स्वास्थ्य केन्द्रों को मॉडल ऊर्जा दक्ष स्वास्थ्य केन्द्र एवं 376 शासकीय स्कूलों को मॉडल ऊर्जा दक्ष शासकीय स्कूलों के रूप में विकसित किया गया है। स्कूली छात्र छात्राओं को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य सेक्रेडा द्वारा कुल 603 स्कूलों में ऊर्जा क्लब का गठन किया गया है तथा आगामी वर्ष में 1 हजार से भी अधिक शैक्षणिक संस्थानों में ऊर्जा क्लब गठन किये जाने का लक्ष्य है।
कृषि क्षेत्र में किसानों को ऊर्जा संरक्षण के विषय में क्रेडा द्वारा बहुआयामी जागरूकता कार्यशाला आयोजित किये गये है। जिसके तहत ऊर्जा दक्ष पंप के उपयोग से होने वाले ऊर्जा एवं पैसे के बचत के विषय पर राज्य के समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसानों को जागरूक किया गया है। प्रदेश के शासकीय कार्यालय एवं संस्थानों ऊर्जा दक्ष उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु क्रेडा द्वारा सतत् प्रयास किये जा रहे है जिससे विद्युत खपत में कमी लाई जा सकें।
राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने कर रही है काम: मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया
23 Sep, 2023 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ज्यादातर क्षेत्रों में हम सबका प्रारंभिक परिचय अपने माता की बोली भाखा छत्तीसगढी व अन्य स्थानीय बोली-भाषा से शुरू हुई, उसके बाद दूसरी भाषा से परिचय हुआ। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए राजभाषा आयोग की स्थापना की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मंे राज्य सरकार प्रदेश के खान-पान, रहन-सहन, पहनावा व तीज त्यौहारों के संरक्षण एवं सवंर्धन के बेहतर काम कर रही है। राज्य सरकार ने विलुप्त हो रही संस्कृति एवं परंपरा को पुर्नस्थापित करने का काम किया। छत्तीसगढ़िया लोगों को सम्मान दिलाया है। आयोग का उद्देश्य सार्थक हो रहा है। मंत्री डॉ. डहरिया आज राजभाषा आयोग द्वारा राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित दो दिवसीय सातवें प्रातीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. डहरिया ने कंहा कि हमारी सरकार ने छत्त्तीसगढ़ महतारी का छायाचित्र तैयार कर छत्तीसगढ़ को सम्मान दिलाने का काम किया है, वहीं छत्तीसगढ़ के राज्यगीत, राजकीय गमछा ने प्रदेश और देश में एक अलग स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी नहीं है, ऐसे प्रतिभाओं को अवसर मिलने से राज्य एक अलग पहचान बनेगी।
संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि देश में लगभग 1652 प्रकार की मातृभाषा प्रकाश मेें है। अपने-अपने राज्य की अलग-अलग बोली-भाषा है। सभी को अपने मातृभाषा पर गर्व होता है। हमारी छत्तीसगढ़ी बोली-भाखा गुरतुर और मिठास है। हम सबको अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। निषाद ने लोगों को अपने दैनिक जीवन में छत्तीसगढी भाषा के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीतों और हाना के जरिए पुरखों की समृद्ध मातृभाषा छत्तीसगढ़ी बोली का महत्व बताया।
प्रांतीय सम्मेलन को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की दिशा में प्रयास जारी है। छत्तीसगढ़ी भाषा का मानकी करण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर छत्तीसगढ़ी को राज्य के पहली से पांचवी तक स्कूलों में पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। बस्तर और सरगुजा सभांग में भी स्थानीय बोलियों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की कार्यवाही जारी है।
मंत्री डॉ. डहरिया ने इस दौरान साहित्यकार एवं भाषाविद् डॉ. सुरेश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘बाबा गुरू घासीदास चरित्रम्‘, बलदेव साहू द्वारा लिखित ‘मेचका राजा-मछली रानी‘, उर्मिला शुक्ला द्वार लिखित पुस्तक ‘देहरी‘, भुवन दास कोसरिया द्वारा लिखित ‘सतनाम वृतांत‘, प्रेमदास टण्डन द्वारा लिखित पुस्तक ‘सुन भैरा‘, डॉ. मणिमनेश्वर ध्येय द्वारा लिखित ‘अछूत अभागन‘, बोधन राम निषाद द्वारा लिखित पुस्तक ‘आलहा छंद जीवनी‘, कन्हैया लाल बारले द्वारा लिखित ‘दू गज जमीन‘, डॉ. नीलकंठ देवांगन द्वारा लिखित ‘सोनहा भुइंया‘, बद्री पारकर द्वारा लिखित ‘बिसरे दिन के सुरता‘, चोवाराम द्वारा लिखित ‘मैं गांव के गुढ़ी अव‘, तारिका वैष्णव द्वारा लिखित ‘बनगे तोर बिगड़गे‘, कृष्ण कुमार साहू द्वारा लिखित ‘छत्तीसगढ़ दर्शन‘, रंजीता चक्रवती द्वारा लिखित ‘लड़की के सपना‘, वंदना त्रिवेदी द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी में ‘रामायण के सातों काण्ड‘, बालकृष्ण गुप्ता एवं पी.सी. लाल द्वारा लिखित ‘गुरू ज्ञान‘ और डॉ. अनिल भतपहरी द्वारा लिखित ‘सुकवा उगे न मदरश झरे‘ पुस्तक का विमोचन किया।
इस मौके पर छत्रपति शिवाजी महाविद्यालय के कुलपति डॉ. केसरी लाल वर्मा, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक, वरिष्ठ साहित्यकार एवं भाषाविद् परदेशीराम वर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार और जिला समन्वयक उपस्थित थे।
नरवा विकास: बिखेरते हरियाली के साथ वनांचल में भरा उल्लास
23 Sep, 2023 10:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत ‘नरवा विकास’ कार्यक्रम में राज्य के वनांचल स्थित 01 हजार 503 छोटे-बड़े नालों में 26 लाख 75 हजार 544 भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है। इसके निर्माण के लिए 284 करोड़ 81 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इससे 2.79 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार का लाभ मिलेगा।
कैम्पा मद से लगभग 27 लाख संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तादाद में जल स्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। वन मंत्री अकबर ने बताया कि इसके तहत प्रदेश के अंतर्गत 02 राष्ट्रीय उद्यान, 03 टाईगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व सहित 24 जिलों के 32 वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद से बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही नाले में पानी का भराव रहने से आस-पास की भूमि में नमी बनी रहेगी। इससे खेती-किसानी में सुविधा के साथ-साथ आय के स्रोत और हरियाली में भी वृद्धि होगी। जिससे वनांचल में उल्लास भर गया हैै।
वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. निवास राव ने बताया कि नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के 50 नालों में 10 करोड़ की राशि से 87 हजार 351, इन्द्रावती टायगर रिजर्व के अंतर्गत 64 नालों में 13 करोड़ की राशि से 5 हजार 663 तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के 8 नालों में 1.20 करोड़ की राशि से 1 हजार 554 संरचानाओं का निर्माण प्रगति पर है। इसी तरह एलिफेंट रिजर्व तोमर पिंगला के 57 नालों में 11 करोड़ की राशि से 24 हजार 594, अचानकमार टायगर रिजर्व के 46 नालों में 9.31 करोड़ की राशि से 39 हजार 868 तथा उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के 11 नालों में 1.70 करोड़ रूपए से 14 हजार 579 भू-जल संबंधी संरचानाओं का निर्माण प्रगति पर है।
इसी तरह वन मंडलवार खैरागढ़ के 34, बालोद के 12, राजनांदगांव के 24, कवर्धा के 60 तथा बिलासपुर के 40 नालों में सरंचानाओं का निर्माण होगा। इसके अलावा वनमंडलवार मरवाही के 86 नालों, कोरबा के 27 नालों, कटघोरा के 30 नालों, रायगढ़ के 41 नालों, धरमजयगढ़ के 22 नालों, जांजगीर-चांपा के 14 और मुंगेली के 22 नालों में संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। गरियाबंद के 67 नालों, बलौदाबाजार के 28 नालों, धमतरी के 44 नालों, महासमुंद के 40 नालों में संरचानाओं का निर्माण जारी है। इसके अलावा कांकेर के 49 नालों, पूर्व भानुप्रतापपुर के 29 नालों, पश्चिम भानुप्रतापपुर के 37 नालों, केशकाल के 35 नालों, दक्षिण कोण्डागांव के 59 नालों, नारायणपुर के 43 नालों, सुकमा के 32 नालों बस्तर के 56 नालों, बीजापुर के 37 नालों, दंतेवाड़ा के 25 नालों में संरचनाओं का निर्माण होगा। इसी तरह जशपुर के 23 नालों, सरगुजा के 32 नालों, सूरजपुर के 33, बलरामपुर के 51 नालों, कोरिया के 87 नालों तथा मनेन्द्रगढ़ के 48 नालों में संरचानाओं का निर्माण किया जा रहा है।
जीत-हार की चिंता किए बिना खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलना चाहिए: मंत्री अमरजीत भगत
23 Sep, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा जिले के अम्बिकापुर स्थित में शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैदान में चार दिवसीय 23वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। राज्य स्तरीय स्पर्धा में सभी सम्भाग से आए खिलाड़ियों द्वारा अपने जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए मार्चपास्ट किया गया, ततपश्चात खेल भावना के साथ खेल खेलने की शपथ ली गई।
मंत्री भगत ने इस मौके पर कहा कि जीत-हार की चिंता किए बिना खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलना चाहिए। छत्तीसगढ़ शासन खेलों के प्रति बेहद सजग है जिससे प्रतिभाओं को मौका मिल रहा है। लोक खेलों को पुनर्जीवित करने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रतियोगिता में राज्य के पांचों संभाग दुर्ग, रायपुर, बस्तर बिलासपुर और सरगुजा संभाग के खिलाड़ी शामिल हिस्सा ले रहे है। प्रत्येक संभाग से 78 खिलाड़ी अर्थात कुल 390 खिलाड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। संभाग स्तरीय खेल के विजेता खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस अवसर पर सीजीएमएससी के अध्यक्ष एवं लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन कार्यक्रम के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता एवं कलेक्टर कुन्दन कुमार, तेलघानी विकास बोर्ड के सदस्य लक्ष्मी गुप्ता, खाद्य संरक्षण एवं नागरिक आपूर्ति आयोग के सदस्य अभिषेक सिंह, नगर निगम आयुक्त अभिषेक कुमार सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, सभी संभाग से आए खिलाड़ी उपस्थित थे।
आज भी बरसेंगे बदरा, जानें मौसम विभाग अपडेट
23 Sep, 2023 11:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज अब बदलने लगा है और शनिवार से तापमान में बढ़ोतरी शुरू होगी। इसके साथ ही बारिश भी अब कम होगी। हालांकि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ ही बिजली भी गिर सकती है।
मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान से तो दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई भी 25 सितंबर से शुरू होगी, वहां इसके लिए अनुकुल परिस्थितियां बन रही है। विभाग का कहना है कि अब धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू होगा। शुक्रवार को बादल छाने व बारिश के चलते रायपुर का अधिकतम तापमान भी पांच डिग्री गिर गया और रायपुर का अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शुक्रवार सुबह से ही रुक रुक कर हुई बारिश के चलते रायपुर सहित कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में गिरावट रही और मौसम में ठंडकता आ गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम का मिजाज अब बदलने वाला है और अब बारिश की गतिविधि थोड़ी कम होगी। प्रदेश में अब तक चार जिलों में ज्यादा बारिश, 14 जिलों में सामान्य और नौ जिलों में कम बारिश हुई है।
प्रदेश में अब तक 999.4 मिमी हुई बारिश
एक जून से लेकर 22 सितंबर तक प्रदेश में 999.4 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 10 फीसद कम है। रायपुर जिले में 1256.3 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 24 फीसद ज्यादा है। इसके साथ ही बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1646.6 मिमी बारिश हुई है और सरगुजा में सबसे कम 502.2 मिमी बारिश हुई है। कृषि विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में अब पर्याप्त बारिश हो चुकी है। पिछले वर्ष की तुलना में बारिश की स्थिति अच्छी बनी हुई है।
स्कूल वैन में लगी भीषण आग
23 Sep, 2023 11:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बच्चों को लेकर स्कूल छोड़ने जा रहे वैन का पेट्रोल पाइप फट गया। इससे वैन में आग लग गई। इससे हड़बड़ाए ड्राइवर ने किसी तरह बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद बच्चों को मौके पर ही छोड़कर भाग निकला। हादसे में एक बच्ची का हाथ झुलस गया है। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं अन्य बच्चे सुरक्षित हैं। पुलिस ने वैन जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
तखतपुर में रहने वाले अतुल केशरवानी की 14 साल की बेटी आराध्या केशरवानी आत्मानंद स्कूल की छात्रा है। छात्रा वैन से स्कूल आना-जाना करती हैं। शुक्रवार की सुबह वह अपने अन्य साथियों के साथ वैन से स्कूल जा रही थी। पुराना थाना के पास वैन का पेट्रोल पाइप फट गया। इससे वैन में आग लग गई।
आग लगते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई। ड्राइवर ने किसी तरह वैन को रोका। इसके बाद उसने सभी बच्चों को बाहर निकाला। बच्चों को बाहर निकालने के बाद वह वैन छोड़कर भाग निकला। आग से आराध्या का हाथ झुलस गया। आसपास के लोगों ने किसी तरह उपर से पानी डालकर आग को बुझाया। हादसे की जानकारी लगते ही स्वजन भी हड़बड़ा गए। इधर लोगों ने झुलसी छात्रा को अस्पताल भेजा।
स्कूल वैन में आग लगने की सूचना मिली है। एक बच्ची का हाथ झुलस गया है। वैन को कब्जे में लेकर घटना की जांच की जा रही है।
पुरानी रंजिश के चलते युवक को सरेराह पीटा, जान से मारने की धमकी
23 Sep, 2023 11:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजधानी रायपुर में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि सरेआम चाकूबाजी और मारपीट की घटना को अंजाम दे रहे हैं। यहां पिता-पुत्र ने एक युवक की जमकर पिटाई की फिर चाकू से हमला उसे घायल कर दिया।
बताया जा रहा है पुरानी रंजिश की वजह से दोनों बदमाशों ने युवक की पिटाई की। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका बेटा फरार है।
जानकारी के अनुसार रायपुर के नेहरूनगर में पिता-पुत्र ने पुरानी रंजिश के चलते हरीश तांडी को सरेआम बुरी तरह पीटा। वहीं एक पिता ने युवक को सड़क पर लिटाकर बुरी तरह पीटा, जबकि पुत्र ने चाकू से हरीश के गले पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। इसी दौरान वहां से गुजर रहे राहगीरों ने इस घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पिता-पुत्र के जानलेवा हमले में घायल युवक ने कोतवाली पुलिस थाना में बदमाशों के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस ने इस मामले आरोपित पिता को पकड़ लिया है, जबकि उसका बेटा फरार है।
बतादें कि इससे पहले इसी इलाके में गांजा तस्करी का वीडियो भी वायरल हुआ था। स्थानीय लोगों ने कालीबाड़ी के एक हिस्ट्रीशीटर पर इलाके में गांजा से लेकर नशीली पदार्थों का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर से जुड़े लोग इलाके में नशे का सामान बेच रहे हैं।
नशे की हालत में वाहन चलाना पड़ा महंगा
23 Sep, 2023 10:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम पुलिस ने गुरुवार की रात को नेशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। नशे की हालत में वाहन चलाने वाले 24 चालकों से 1.60 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। ऐसे वाहन चालकों को कोर्ट में पेश किया और राशि जमा कराई गई है।
पुलिस ने जांच के लिए हाईटेक ब्रेथ अल्कोहल एनालाइजर मशीन का सहारा लिया है। यातायात प्रभारी रक्षित निरीक्षक महेश्वर सिंह ने बताया कि अभियान चलाकर लगातार जागरूकता के साथ-साथ लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने वाले चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के दौरान लापरवाही पूर्वक नशे के हालत में तथा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़े गए, कुल 24 वाहन चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 तथा धारा 3/181 के तहत उचित वैधानिक कार्रवाई कर कोर्ट में पेश किया गया।
स्टील कारोबारी के ठिकानों पर छापा, लाखो रुपये और ज्वेलरी हुई बरामद
23 Sep, 2023 10:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्टील कारोबारी से आयकर विभाग को जांच के दूसरे दिन 22 लाख रुपये और 250 ग्राम से ज्यादा ज्वेलरी मिली है। आयकर अफसरों द्वारा कारोबारी के घर व ठिकानों पर जांच अभी भी जारी है। उम्मीद की जा रही है कि शनिवार शाम तक यह जांच पूरी हो जाएगी। मालूम हो कि आयकर की यह जांच मुख्य रूप से ओडिशा में हो रही कार्रवाई में मिले इनपुट के आधार पर की जा रही है।
गुरुवार सुबह आयकर अफसरों की टीम ने विधानसभा रोड स्थित स्वर्णभूमि स्थित स्टील कारोबारी के घर व फैक्ट्रियों में दबिश दी। जांच के दौरान आयकर विभाग को कच्चे में लेनदेन संबंधी कागजात भी मिले है, इस संबंध में कारोबारी से पूछताछ भी की जा रही है।
स्टील कारोबारी के साथ ही उसके भागीदारों के यहां रायगढ़ व अन्य क्षेत्रों में भी पड़ताल जारी है। आयकर की इस कार्रवाई में लगभग 22 आयकर अफसर व 15 सीआरपीएफ के जवान है। मुख्य रूप से ओडिशा के ही आयकर अफसर इस कार्रवाई में शामिल है।
संगोष्ठी से राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को मिलेगी एक नई दिशा : मंत्री अमरजीत भगत
22 Sep, 2023 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने आज यहां महंत घासीदास संग्रहालय के सभागार में पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के क्षेत्र में नवीनत शोध (मध्य भारत के विशेष संदर्भ में) विषय पर आयोजित तीन दिवस राष्ट्रीय संगोष्ठी शुभारंभ किया। मंत्री भगत ने शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि संगोष्ठी में दिल्ली, कोलकाता सहित पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के शोध अध्येता शामिल हुए है। मुझे आशा है कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय के क्षेत्र में हुए नवीन अध्ययन, खोज, अभिलेखीकरण और तकनीक प्रयोग को प्रकाश में लाने के उद्देश्य से संगोष्ठी में जो सार्थक विमर्श होगा। इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को एक नई दिशा मिलेगी।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि मध्य भारत में बसे छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान है। सुदूर अतीत में दक्षिण कोसल, दंडकारण्य, रतनपुर राज, महाकोसल आदि नामों से ज्ञात इस राज्य का इतिहास अत्यंत समृद्ध रहा है। यहाँ के लोगों ने अपनी विशिष्ट संस्कृति और जीवन शैली विकसित की है। यहाँ पहले राज्य शासन द्वारा 58 स्मारक संरक्षित किए गए थे। इस वर्ष हमने सरगुजा जिले के महेशपुर स्थित 04 स्मारकों को भी संरक्षण में ले लिया है। अब राज्य शासन द्वारा संरक्षित स्मारकों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में फैली पुरासंपदा का सर्वेक्षण, पहचान, छायांकन, संकलन, संरक्षण, प्रदर्शन, उत्खनन और रखरखाव का कार्य कराया जा रहा है। इसके साथ ही जिला पुरातत्त्वीय संघ संग्रहालयों का उन्नयन, संग्रहालयों में सुरुचिपूर्ण प्रदर्शन, महत्वपूर्ण शिल्पाकृतियों की प्रतिकृति का निर्माण, पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय पर केंद्रित प्रदर्शनियों और शोध-संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही पुरातत्त्वीय सर्वेक्षण, उत्खनन, पुरावस्तुओं का प्रकाशन और संरक्षण, अभिलेखागार में अभिलेखों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों का संकलन, संरक्षण, शोध कार्य और प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाता है। मंत्री भगत ने इस मौके पर शोध संक्षेपिका पुस्तिका का विमोचन किया।
पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ के पूर्व अध्यक्ष आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नागपुर (महाराष्ट्र) के पूर्व निदेशक डॉ.जी.एम. ख्वाजा, राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के पुरातत्वविद् एवं संग्रहालय विज्ञानी डॉ. संजीव कुमार सिंह, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा के संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस. के. चहल, राज्य अभिलेखागार कोलकाता के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. आनंदा भट्टाचार्य सहित संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य व अन्य विद्ववजन विशेष तौर उपस्थित थे।
महिलाओं की हुनर ही बन रही उनकी पहचान
22 Sep, 2023 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायुपर : महिला बाल विकास विभाग की सक्षम योजना के माध्यम से अपने मनपसंद काम के लिए लोन पाकर दुर्ग निवासी कमलेश्वरी बाई और लक्ष्मी अपना कैरियर बना रहे हैं। विगत दिवस महिला समृद्धि सम्मेलन में महिलाओं को खुद का रोजगार स्थापित करने के लिए चेक दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा युवाओं की कला, कौशल और प्रशिक्षण की ओर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कमलेश्वरी बाई ने बताया की योजना के तहत तेल पेराई मशीन लगाने के लिए 6 लाख का लोन स्वीकृत हुआ है। दुर्ग की लक्ष्मी बघेल को भी स्वयं का ब्यूटी पार्लर शुरू करने के लिए 2 लाख का चेक दिया गया है। सक्षम योजना का लाभ लेकर आज महिलाएं अपने सपने पूरे कर रही हैं। दुर्ग अंचल की बेटीयों ने अब अपने हुनर को हौसले के साथ स्वरोजगार में बदलने की ठानी है।
लक्ष्मी ने बताया कि बचपन से मुझे सजने संवरने का बहुत शौक था साथ ही दूसरों को सजाना अच्छा लगता था। अपने हुनर और शौक को पहचान देने के लिए मैंने महिला बाल विकास विभाग से सम्पर्क करके सक्षम योजना की जानकारी ली। विभाग ने प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करवाई मुझे यह काम बहुत पसंद है । सक्षम योजना की बारे में सुना तो मुझे लगा कि यही सही मौका है स्वरोजगार हासिल करने का।
छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं के लोन में वृद्धि करते हुए इसकी सीमा 6 लाख तक की गई है। महिलाओं को 3 प्रतिशत के साधारण वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सक्षम योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिला या विधवा, परित्यकता, अविवाहित महिलाओं को लाभ दिया जाता है।
रीपा बन रहे महिलाओं के आर्थिक समृद्धि के आधार
22 Sep, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : गौठानों में बनाए गए महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) अब महिलाओं की आर्थिक समृद्धि का आधार बनते जा रहे हैं। इससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आने लगा है। आत्मनिर्भरता आने से सामाजिक रूप से उनका सम्मान भी बढ़ रहा है। प्रदेश के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र कोंडागांव के छोटे राजपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना से यहां की महिलाओं को रोजगार की नई राह मिली हैं। यहां बमलेश्वरी महिला स्व सहायता समूह ने इस वर्ष मार्च में पोल्ट्री फॉर्मिंंग का काम शुरू कर काफी सफलता पाई है। महिला समूह ने पोल्ट्री फॉर्मिंंग से 6-- महीनों में ही 2 लाख 33 हजार से अधिक अंडों का उत्पादन कर लिया है। इसमें से 2 लाख साढ़े 26 हजार अंडों की बिक्री हो चुकी है। समूह अब तक 12 लाख 91 हजार रुपए के अंडे बेच चुकी है। यह समूह महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्थानीय व्यापारियों को भी अंडों की आपूर्ति कर रही है। जिससे समूह की महिला सदस्यों की आय बढी है। इससे इनके जीवन स्तर में सुधार के साथ ही सम्मान में भी वृद्धि हुई है।
बमलेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह की अधिकांश महिलाएं रीपा में काम शुरू करने के पहले घरेलू कार्य के साथ मजदूरी करती थीं। उन्हें खेती-किसानी के दौरान काम तो मिल जाता था, लेकिन बाकी समय इन्हें काम खोजने में मुश्किलें आती थी। गांव में ग्रामीण औद्योगिक पार्क खुलने के बाद इन्होंने यहां अंडा उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। रीपा में इन्हें बिजली, पानी, लेयर फार्मिंग के लिए स्थान आदि सुविधाएं मिलने से कार्य प्रारंभ करने में आसानी हुई। प्रोटीन के प्रचुर स्रोत अंडों की मांग बाजार में अच्छी होने के कारण विक्रय की समस्या कभी नहीं रही। समूह के सदस्यों ने रीपा के माध्यम से गांव में ही रोजगार का अच्छा माध्यम उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है।
तीन दिवसीय चक्रधर समारोह में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुतियां
22 Sep, 2023 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : चक्रधर समारोह के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ सहित शहर के स्थानीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इस बार का चक्रधर समारोह खास रहा। तीन दिन के आयोजन में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति दी। स्थानीय प्रतिभाओं, बाल कलाकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोर चुके कला दिग्गजों ने समारोह में शिरकत की। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल के अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें वादन, छत्तीसगढ़ के राज्य गीत अरपा पैरी के धार पर छात्र-छात्राओं ने खूबसूरत नृत्य के माध्यम से दर्शकों को सराबोर कर दी। नृत्य में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की झलक दर्शकों को देखने की मिली।
इसी प्रकार कार्यक्रम का विशेष केंद्र रहा श्लोक में रामश् जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक गीतों एवं नृत्यों में श्रीराम को किन-किन रूपों में पूजे जाते है, उसे लोक संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने लोक में राम की राम के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया। कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय ममता चंद्राकर के मार्गदर्शन में जिसमें मोनिका साहू, भारती जंघेल, कविता कुंभकार, झरना देवहारी, निशा ठाकुर, लक्ष्मी सिन्हा, प्रमोद साहू, राजू यादव, चंद्र प्रकाश साहू, तारन निषाद, रिंकू वर्मा, जीनू राम वर्मा, इसी प्रकार संगत का आदमी में डॉ.बिहारी ताराम ने बांसुरी में, हारमोनियम में डॉ.नत्थू तोड़े, तबला में जानेश्वर टांडिया, ढोलक में आशीष कुमार यादव, आर्गन में लक्ष्मीकांत साहू, मांदर में वेद प्रकाश रावते तथा बैंजो में नोहर साहू रहे। संयोजन एवं निर्देशन डॉ.योगेंद्र चौबे ने किया था।
रायगढ़ घराना की तब्बू परबीन की ग्रुप ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नन्ही बच्चियों नृत्य में दर्शकों के बीच विशेष केंद्र में रही और दर्शकों को बांधे रखा। आशना दिल्लीवार के कथक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को ताली बजाने से अपने आप को रोक नहीं पाए। इबरार अहमद एवं संजय चौहान रायगढ़ ने छत्तीसगढ़ी भजन/लोकगायन से समारोह के मंच में झूमने को मजबूर कर दिया। सुहानी स्वर्णकार सारंगढ़ द्वारा कथक नृत्य तो डॉ.गौरव कुमार पाठक बिलासपुर द्वारा शास्त्रीय गायन से दर्शकों को बंधे रखा। युवराज सिंह आजाद एवं ग्रुप रायगढ़ द्वारा इप्टा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। अन्विका विश्वकर्मा में शिवतांडव एवं कृष्ण लीला पर तबले थाप और संगीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। चक्रधर समारोह में अनिल तांडी एवं ग्रुप भिलाई द्वारा भरत नाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ सरस्वती श्लोक, जति-स्वरम तथा देवी कीरतनम में भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुति दी। अनिल तांडी ने भरतनाट्यम की पारंपरिक शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से ली है।
मनोज तिवारी ने जस जागरण लोक संस्कृति रायगढ़ ने श्रीराम जी की सेना, राम जी की सेना चली..हर हर महादेव का जोश पूर्ण प्रस्तुति दी। शार्वी सिंह परिहार द्वारा अपने मनमोहक कथक नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। 10 वर्ष की पर्ल मोटवानी ने राग जैजैवंती में बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल एवं तराना में जप रसना, हरि नाम सुमरले, अब लौ ना आए मोरे सांवरिया की शानदार शास्त्रीय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी। तबला संगत में गुरु उग्रसेन पटेल रहे। धरित्री सिंह चौहान पुसौर ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही पंड़त पर गुरु प्रीति रुद्र वैष्णव, तबले में देवेश कंवर, हरमोनियम में लाला राम लूनिया रहे। शेखर गिरी एवं ग्रुप द्वारा पंथी नृत्य पर जोरदार प्रस्तुति दी। ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों के मंच में प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके साथ विभिन्न अवार्ड तथा पुरुस्कारों से सम्मानित हो चुके है। विवेकानंद पुरस्कार इंटरनेशनल करेजियस 2020 अवार्ड एवं अन्य की पुरस्कारों से सम्मानित है वाल्मीकि अवार्ड भारतीय दलित साहित्य अकादमी से पुरस्कृत ग्रुप ने तोरे भरोसा म नैय्या लग रेव बीच भंवर मा.. में शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी।
ललित यादव ने सुगम संगीत भजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ गायक ललित यादव रायगढ़, कन्हैया पटेल, हारमोनियम में नारायण चंद्रा संगीत महाविद्यालय, आर्गन में रमेश साहू, वाईडींग में भुनेश्वर मराई रहे। डॉ.दीपिका सरकार एवं ग्रुप द्वारा भरत नाट्यम के माध्यम से अपनी घुंघरू की खनक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिखेर चुकी है। उन्होंने गणेश वंदना से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की। हरे कृष्ण तिवारी सारंगढ़ ने अपने बांसुरी वादन से मंच को सुरुली स्वर से गुंजायमान किया। इनके साथ संगत तबला में अजीत हरिप्रिय, सारंगढ़ तबला विशारद, स्वर मंडल में ऋषि केश प्रधान रहे। शार्वी केशरवानी ने गुरु तोषी गुप्ता के निर्देशन में राग हंसध्वनि तराना में कथक की प्रस्तुति दी।
जसगान एवं लोक गायन से बही भक्ति धारा
विजय शर्मा ने जसगान एवं लोक गायन के साथ मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। चंद्रा सैनी मैया तोरे जस गाओ ओ..माता जस गीत, कोरी कोरी नारियल चढ़े, ओ दाई मोर लाली लाली चुनरी ओढ़े.. चौईत के महिना दाई आबे मंझनी, बोरे बासी संग म खवाहू तोला ओ पाताल चटनी...जैसे गीतों की झड़ी से दर्शक भक्ति भाव से विभोर हो गए। गीतिका वैष्णव ने महिषासुर मर्दिनी पर ओज पूर्ण प्रस्तुति दी। गायन में गीतिका वैष्णव, संतोष शर्मा, शौर्य आचार्य तथा वादन में ओमप्रकाश महंत, बालमुकुंद वैष्णव, पैड में रामसागर साह रहे। अनंता पाण्डेय ने जय देव जय देव गणपति.., नमो नमो नमास्तुते के गीत पर कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ी लोकगीत में झूमे श्रोता, तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजा ऑडिटोरियम
विजय सिंह ग्रुप के छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति से ऑडिटोरियम में बैठे श्रोतागण झूृम उठे। उन्होंने आगे हरेली तिहार, करमा कुहकी गाबो मांदर के ताल मा.. गौरा-गौरी, गोहर गोहर, गौरा गौरी की प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने दुर्गा जस गीत एवं होली के उत्सव पर गाये जाने वाले फाग गीत पर गायन एवं नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन किया।
छत्तीसगढ़ में हुई बच की खेती की शुरूआत
22 Sep, 2023 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा बच की खेती की शुरूआत हो गई है, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनमंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड की पहल से संभव हुई है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 108 एकड़ में प्रायोगिक तौर पर बच की खेती की जा रही है, जिससे प्रति एकड़ 80 हजार रूपए से 1.00 लाख रूपए तक आय की प्राप्ति किसानों को होगी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. निवास राव ने बताया कि बच उत्पादन से धान की अपेक्षा किसानों की आय में कई गुना वृद्धि की संभावना है।
इस तारतम्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड जे. ए. सी. एस. राव ने जानकारी दी कि बच एक औषधीय पौधा है, बेंगलोर के टूंकूर गांव के किसानों ने इसकी खेती में आने वाले समस्याओं के कारण इसका कृषिकरण कम कर दी है तो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे पेण्ड्रा जिले के गांव तथा खटोला, अनवरपुर, तुपकबोरा, मुरली और तेन्दुपारा के किसानों बच की खेती की विधि सीख ली है। इन्हें बोर्ड द्वारा निःशुल्क औषधीय पौधे एवं मार्गदर्शन मिला है। इधर महासमुंद जिले के बागबाहरा, तेन्दुकोना क्षेत्र के ओमकारबंध के किसानों ने भी बच के कृषिकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। अब तक लगभग छत्तीसगढ़ के 108 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में बच की खेती की जा रही हैं। किसानों द्वारा सकारात्मक रूप से बच को अपनाया जा रहा है, क्योंकि बहुत ही कम लागत में बच की खेती से अधिक लाभ की संभावना है।
बच की खेती के लिए बैंगलोर का एक गांव टंूकूर देश में प्रथम स्थान पर था। वहां इस औषधीय पौधे की व्यावसायिक खेती 3 से 4 हजार एकड़ में विस्तृत रूप से की जाती थी लेकिन यहां बच के कृषिकरण में किसानों को मजदूरी दर ज्यादा होने के कारण व पानी की समस्या एवं अन्य समस्याओं के कारण बच की खेती सिमट कर 106 एकड़ में आ गई है।
बच कृषिकरण तकनीक
बच को धान के फसल के समान ही वानिकी खेती के रूप में अपनाया जा सकता है 1 इसकी बुआई धान के फसल के समान जुलाई से सितंबर माह तक की जाती है। एक एकड़ में रोपण हेतु 25 से 30 हजार पौधे की आवश्यकता होती है। इसकी फसल 8 से 9 माह में तैयार हो जाती है। फसल की कटाई अप्रैल से जून माह के मध्य किया जाता है। एक एकड़ से लगभग 1 से 3 टन तक उपज का उत्पादन संभावित होती है। बच की वर्तमान बाजार कीमत 50 से 60 रु प्रति किग्रा तक होती है। इस हिसाब से किसानों को एक एकड़ में 1 लाख से भी अधिक आय प्राप्त होती है।
प्रसंस्करण की विधि
बच के प्रकंद के 3 से 4 इंच के टुकड़ों में काटकर आशिक छाया क्षेत्र में सूखा लिया जाता है। इसके पश्चात् इसकी पालिशिंग मशीन से कराई जाती है, जिससे उत्पाद बाजार में विक्रय हेतु तैयार हो जाता है। बोर्ड द्वारा मार्केटिंग हेतु भी सुविधा प्रदाय की जाती है। जिससे किसानों को 15 दिनों में ही उपज का पैसा प्राप्त हो जाता है।
रोपण सामग्री की उपलब्धता
बच की खेती करने के लिए बच की पौधे की चिता की आवश्यकता नही है। पहले वर्ष रोपित किये जाने वाले पौधे राज्य शासन की योजना अंतर्गत बोर्ड के माध्यम से निःशुल्क प्रदाय किया जाता है। प्रथम वर्ष में आवश्यकतानुसार 10 से 15 प्रतिशत पौधों को छोड़ दिया जाता है, जो कि 40 दिन में फिर से पौधा तैयार हो जाता है, जिसे रोपण सामग्री नर्सरी के रूप में अगले वर्ष रोपण के लिए उपयोग किया जाता है। शेष का संग्राहण कर लिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष रोपित किये जाने वाले पौधों की उपलब्धता बनी रहती है।
बच को छत्तीसगढ़ी में घोड़बंध या भूतनाशक के नाम से भी जाना जाता है। जिसका उपयोग त्वचा रोग, न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर, पेट संबंधी बिमारी एवं हृदय रोग संबंधी दवाई बनाई जाती है। इसे कई रोगों में उपयोग किये जाने के कारण इसकी बाजार मांग अत्यधिक है।
कोल्ड स्टोरेज के आफिस से तीन लाख रुपये ले गए चोर
22 Sep, 2023 12:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिरगिट्टी स्थित कोल्ड स्टोरेज की बाउंड्री फांदकर घुसे चोरों ने आफिस से तीन लाख रुपये और सीसीटीवी का डीवीआर पार कर दिया। कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर ने घटना की शिकायत सिरगिट्टी थाने में की है। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। कतियापारा में रहने वाले नितेश देवांगन सिरगिट्टी स्थित कोल्ड स्टोरेज में मैनेजर हैं।
उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में कच्चे केले को पकाकर थोक फल विक्रेताओं को बेचा जाता है। बिक्री से प्राप्त रुपयों का हिसाब किताब मैनेजर ही रखते हैं। मंगलवार की रात करीब 10 बजे तक उन्होंने बिक्री का हिसाब किया। बिक्री की रकम तीन लाख 20 हजार रुपयों को उन्होंने हैंड बैग में भरकर दराज में रख दिया।
इसके बाद वे अपने घर चले गए। बुधवार की सुबह जब वे ड्यूटी पर आए तो आफिस में लगे सीसीटीवी का डीवीआर गायब था। उन्होंने संस्थान परिसर में रहने वाले कर्मचारी रामलाल साहू को बुलाकर पूछताछ की। साथ ही दराज को खोलकर देखा तो उसमें रखे हुए रुपये गायब थे। उन्होंने आसपास बैग की तलाश की।
इसके बाद उन्होंने कोल्ड स्टोरेज के मालिक अनिल सलूजा को चोरी की जानकारी दी। मालिक के कहने पर उन्होंने घटना की शिकायत सिरगिट्टी थाने में की है। शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी है।