छत्तीसगढ़ (ऑर्काइव)
सड़क हादसा : कार की टक्कर से स्कूटी में लगी भीषण आग, सीआरपीएफ का जवान घायल
8 Dec, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ड्यूटी से लौट रहे सीआरपीएफ जवान की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी। हादसे से स्कूटी में आग लग गई। इससे स्कूटी सवार जवान घायल हो गया। घायल के बयान के आधार पर पुलिस ने कार चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। हिर्री क्षेत्र के अमसेना में रहने वाले दुर्गा प्रसाद कौशिक (35) सीआरपीएफ में आरक्षक हैं।
उनकी पोस्टिंग भरनी स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में है। बुधवार की शाम सात बजे ड्यूटी के बाद वे स्कूटी से अपने गांव अमसेना लौट रहे थे। गांव में पेट्रोल पंप के पास पेंड्रीडीह से सकरी की ओर जा रहे कार के चालक ने आरक्षक की स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में आरक्षक की स्कूटी में आग लग गई।
साथ ही जवान को गंभीर चोंटे आईं हैं। आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को देकर घायल को अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना पर पुलिस ने अस्पताल में घायल का बयान लिया। इसके आधार पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
पर्यवेक्षक के पद पर भर्ती का दिया झांसा देकर युवती से ठगे लाखो रुपये
7 Dec, 2023 04:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सरकारी नौकरी लगाने पर बेरोजगार युवती के साथ सात लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपित ने युवती को महिला पर्यवेक्षक पद पर नौकरी बनाने का झांसा दिया था। खास बात यह है कि झांसा देने वाला खुद मैकेनिकल है। नौकरी और रुपये नहीं मिलने पर युवती ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। मामला डीडीनगर थाना इलाके का है।
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के गोलचौक डीडीनगर निवासी युवती ने डीडीनगर थाने में सात लाख की ठगी की शिकायत की है। युवती की शिकायत के अनुसार अंबिकापुर निवासी आरोपित विकास ठाकुर ने महिला बाल विकास विभाग में महिला पर्यवेक्षक के पद पर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर की सात लाख रुपये की ठगी की है। आरोपित सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी को चाचा बताकर ठगी करता था। टामन सोनवानी से हुई चैट भेजकर ठगी करता था।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की तीन ऐसी सीटें हैं जहां पहली बार महिला विधायक चुन कर आई हैं
7 Dec, 2023 01:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा की तीन ऐसी सीटें हैं जहां पहली बार महिला विधायक चुन कर आई हैं। इनमें सूरजपुर जिले की प्रतापपुर सीट, जशपुर जिले की पत्थलगांव और सारंगढ़-बिलासईगढ़ जिले की बिलाईगढ़ सीटों पर पहली बार महिला विधायकों को जीत मिली है। इसमें दो भाजपा और एक कांग्रेस की विधायक हैं। इन तीनों विधानसभा सीटों में आजादी के बाद अब तक कोई महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारी गई थीं। 2023 में प्रतापपुर से दोनों प्रमुख दलों, कांग्रेस और भाजपा ने महिला प्रत्याशी उतारे थे। भाजपा से शकुंतला सिंह पोर्ते और कांग्रेस से राजकुमारी मरावी चुनावी मैदान में थीं। शकुंतला सिंह ने 83,796 वोट के साथ जीत दर्ज की। वहीं, राजकुमारी मरावी को 72,088 वोट मिले। दोनों के बीच 11,768 वोट का अंतर रहा। इसी तरह पत्थलगांव से भाजपा से गोमती साय उतरी थीं। इन्होंने कांग्रेस के रामपुर सिंह ठाकुर को 255 वोट से हराया। बिलाईगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी कविता प्राण लहरे ने भाजपा के दिनेश लाल जांगड़े को 17,939 वोट से हराकर जीत दर्ज की।
राज्य गठन के पहले छह महिला विधायक थीं, अब 18 हो गईं
आजाद भारत में लोकसभा और विधानसभा के लिए 1951-52 में चुनाव हुए। उस समय छत्तीसगढ़, सेंट्रल प्राविंस और बरार को मिलाकर बने तत्कालीन मध्य प्रदेश (राजधानी नागपुर) का हिस्सा था। तब छत्तीसगढ़ में 62 विधानसभा सीटें थीं।
पहली बार चुनाव हुए, तो इन 62 में से केवल चार सीटों पर महिलाओं ने चुनाव जीता था। इनमें गंडई से रितुपर्णा किशोरदास, बोरी देवकर से रानी पद्मावती, बालोद से धरम बाई और राजिम से श्यामकुमारी देवी विधानसभा चुनाव में विजयी रही थीं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले छह महिला विधायक थीं। अब इनकी संख्या बढ़कर 18 हो गई है।
इस बार कांग्रेस से 10, तो भाजपा से आठ महिला विधायक
कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में 18 महिलाओं को टिकट दिया था। इनमें 10 ने जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा ने 15 महिलाओं को उतारा था। इनमें आठ ने जीत दर्ज की। 2018 के चुनाव में भाजपा ने 14 और कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था। 2013 के चुनाव में भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था।
मौसम विभाग का अलर्ट, अब और बढ़ने वाली है ठंड
7 Dec, 2023 01:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चक्रवात के प्रभाव से बीते दो दिनों से रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में हो रही हल्की बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी है और दोपहर में भी लोगों को स्वेटर, जैकेट पहनकर निकलना पड़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार आठ दिसंबर से मौसम साफ होना शुरू होगा। अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी और न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि न्यूनतम तापमान गिरने से प्रदेश में ठिठुरन और बढ़ने वाली है। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में ठंड ज्यादा पड़ने की उम्मीद है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बीते दो दिनों से हो रही बारिश के चलते खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचेगा। खड़ी फसलों के लिए यह बारिश काफी नुकसानदायक है। मंगलवार की भांति बुधवार को भी रायपुर सहित प्रदेश भर में सुबह से ही बादल छाने के साथ ही रुक-रुक कर बारिश होती रही। बारिश के चलते दोपहर के वक्त भी ठंड में बढ़ोतरी हो गई। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि शुक्रवार आठ दिसंबर से मौसम खुलना शुरू हो जाएगा और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी व न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी।
रायपुर में अधिकतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री नीचे
रायपुर का अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज कियागया,जो सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे है। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियसरहा,जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। प्रदेश भर में पेंड्रा रोड में न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को भी रायपुर में बारिश होने और बादल छाने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में हुई वर्षा
कोंटा 6 सेमी, बीजापुर 5 सेमी, सुकमा 5 सेमी, बिल्हा 4 सेमी, बिलासपुर 2 सेमी, तखतपुर 2 सेमी, मुंगेली 1 सेमी, कवर्धा 1 सेमी, मैनपाट 1 सेमी, सिमगा 1 सेमी वर्षा हुई। इन क्षेत्रों के साथ ही प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हल्की वर्षा हुई।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला के इस्तीफा देने के बाद, छत्तीसगढ़ के लगभग दो हजार शिक्षकों की मुसीबतें बढ़ गई
7 Dec, 2023 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला के इस्तीफा देने के बाद राज्य के लगभग दो हजार शिक्षकों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। स्कूलों में सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति किया गया था। कुछ शिक्षकों ने आवंटित स्कूलों में पदभार न लेकर संशोधन करवाकर नया स्कूल आवंटित करवा लिया था। संशोधन और स्कूल आवंटन में हुई गड़बड़ी की शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने संशोधन आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद शिक्षक कोर्ट चले गए। कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश जारी कर दिया। लगातार सुनवाई के बाद नवंबर के प्रथम सप्ताह में शिक्षकों को पूर्व स्कूल में पदभार ग्रहण करने का आदेश निकाल दिया गया। विभाग और शिक्षकों के बीच पूर्व स्कूल कौन सा होगा, इसे लेकर भी विवाद हो गया। इसके कारण अभी भी शिक्षकों ने स्कूलों में पदभार नहीं लिया है।
कोर्ट ने आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सभी संयुक्त संचालकों को सदस्य बनाते हुए एक जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कमेटी को इन शिक्षकों से अभ्यावेदन लेकर मामले को 45 दिन में निपटाने के लिए कहा गया था। कमेटी को संशोधन के समय शिक्षकों के द्वारा बताए गए कारण की सत्यता की भी जांच करनी है। प्रमुख सचिव के इस्तीफे के बाद जांच कमेटी की कार्यवाही भी प्रभावित हो रही है। गौरतलब है कि विभाग पदस्थापना आदेश संशोधित कर गड़बड़ी करने के आरोप में रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर के संयुक्त संचालकों समेत 12 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित भी कर चुका है। इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
यह है पूरा मामला
प्रदेश के शिक्षा संभागों के संयुक्त संचालकों ने सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति की थी। इसमें 9,749 शिक्षकों ने काउंसिलिंग के लिए विकल्प भरा था और 867 ने सहमति नहीं दी थी। बिलासपुर संभाग में 2,785, दुर्ग संभाग में 1,505, रायपुर संभाग में 1,283, सरगुजा संभाग में 2,997 और बस्तर संभाग में 2,206 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी। इनमें ज्यादातर शिक्षकों ने पदोन्नति के बाद पदस्थ किए गए स्कूलों में ज्वाइनिंग दे दी है। बाकी 2,723 शिक्षकों ने अपनी पदस्थापना में संशोधन कराया था। इन्हीं शिक्षकों के संशोधन आदेश को सरकार ने निरस्त कर दिया है।
छह दिसंबर को होनी थी पहली बैठक
शिक्षकों के पदस्थापना विवाद को लेकर पहली बैठक छह दिसंबर को होनी थी। बैठक से पहले प्रदेश में सरकार बदलने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया। अब बैठक को रद कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जब तक प्रमुख सचिव नियुक्त नहीं हो जाते हैं, तब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। इस लिहाज से अभी भी प्रदेश के लगभग दो हजार शिक्षकों को स्कूल मिलने का इंतजार रहेगा।
शिक्षकों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन
स्कूलों से बाहर हुए शिक्षकों को सितंबर से वेतन नहीं मिल रहा है। शिक्षकों के सामने आर्थिक समस्याएं भी आने लगी हैं। शिक्षा सत्र के बीच में दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से बाहर हो गए हैं। इस वजह से स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
रेणुका सिंह ने लिया चाय वाले बाबा का आशीर्वाद! निकाले जा रहे ये मायने
6 Dec, 2023 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाम्पा । केंद्रीय राज्यमंत्री और भरतपुर सोनहट विधायक रेणुका सिंह, बिर्रा पहुंची और चाय वाले बाबा के नाम से चर्चित नरेंद्र नयन शास्त्री से आशीर्वाद लिया और पूजा-अर्चना भी की बिर्रा में भागवत कथा भी आयोजित है, जहां रेणुका सिंह ने कथा सुनी और व्यासपीठ पर मत्था टेका। इस दौरान भाजपा के कई नेता मौजूद थे। आपको बता दें, छ्त्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद CM के प्रमुख दावेदार के रूप में रेणुका सिंह का नाम चर्चा में है। ऐसे में बिर्रा में उनके आगमन के बड़े मायने हैं। क्योंकि चाय वाले बाबा नरेंद्र नयन शास्त्री से उन्होंने आशीर्वाद लिया है। पंडित नरेंद्र नयन शास्त्री के प्रति लोगों में काफी श्रद्धा और आस्था है और यह भी चर्चा में है कि उनके आशीर्वाद की बड़ी महत्ता है।
खास बात सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। पिछली बार यहां सभी सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीती थी। कांग्रेस अपनी सीट बचाने में नाकाम रही। इस संभाग में भरतपुर-सोनहट से भाजपा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह चुनाव जीतीं है। बीजेपी प्रत्याशी रेणुका सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो को पछाड़ है। रेणुका सिंह 4749 वोटों से अपनी जीत दर्ज की है और अब वे भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम के प्रमुख दावेदार के रूप में रेणुका सिंह का नाम चर्चा में है।
छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की जांच CBI से कराने की चर्चा शुरू हो चुकी है
6 Dec, 2023 12:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की जांच CBI से कराने की चर्चा शुरू हो चुकी है। CGPSC भर्ती में उपजे विवादों के बाद भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में इसकी विस्तृत जांच का उल्लेख किया था। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के गठन के बाद पहली केबिनेट की बैठक में ही यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। पीएससी की भर्ती में भाई-भतीजेवाद के साथ ही कांग्रेस के नजदीकी लोगों के चयन पर कई सवाल उठाएं गए थे। हाइकोर्ट ने वर्तमान में 13 अलग-अलग प्रकरणों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले पर पूर्व भाजपा मंत्री व वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता के तथ्यों की जांच होनी चाहिए : हाइकोर्ट
पूर्व भाजपा मंत्री व वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कहा है कि अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों सहित रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए। भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। पीएससी अध्यक्ष से लेकर कई नेताओं की भूमिका संदिग्ध हैं। हाइकोर्ट ने इस मामले में पीएससी को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के तथ्यों की जांच होनी चाहिए।
भाजपा ने किया है 21 क्विंटल का वादा, कांग्रेस सरकार की कई योजनाएं हो सकती है बंद
6 Dec, 2023 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो चुकी है। भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में 21 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की है। किसानों को इसका इंतजार है कि सहकारी समितियों में 21 क्विटंल का आदेश कब से लागू होगा। धान खरीदी की लिमिट व भुगतान पर अधिकारियों का कहना है कि सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में चार लाख से अधिक किसान सहकारी समितियों में धान बेच चुके हैं। इन्हें 2,650 रुपये के हिसाब से 4,700 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हो चुका है। अब ऐसे किसानों को क्या दोबारा धान बेचने की अनुमति मिल पाएगी। उन्हें 3,100 रुपये की राशि कैसे मिलेगी, इस पर संशय बना है। कांग्रेस की हार के बाद पिछली सरकार की विभिन्न योजनाओं के भविष्य में संचालन पर तलवार लटक रही है, जिसमें राजीव युवा मितान क्लब से लेकर गोठानों में गोबर खरीदी, बिजली बिल हाफ योजना व स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना, बेरोजगारी भत्ता आदि शामिल हैं।
कांग्रेस की इन योजनाओं पर बड़ा सवाल
बिजली बिल हाफ योजना : 4,300 करोड़ रुपये की छूट दिए अब आगे क्या ?
बिजली बिल हाफ योजना का लाभ प्रदेश के 48 लाख उपभोक्ताओं को मिल चुका है। साथ ही उपभोक्ताओं को 4,300 करोड़ रुपये की छूट भी मिल चुकी है। नियमों के मुताबिक उपभोक्ताओं को 400 यूनिट बिजली बिल की खपत पर बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिलता है। राज्य सरकार द्वारा छूट की राशि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को ट्रांसफर की जाती है। अधिकारियों के मुताबिक नवंबर महीने के बिल में उपभोक्ताओं को दिसंबर महीने में छूट मिलेगी लेकिन जनवरी में क्या स्थिति होगी, यह नई सरकार के निर्णय के बाद लिया जाएगा।
गोबर खरीदी : 600 करोड़ से अधिक का भुगतान
गोधन न्याय योजना हितग्राहियों को अब तक 600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। गोठानों में गोबर खरीदी योजना के अंतर्गत हितग्राहियों से दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदी की जा रही है। भाजपा ने गोठानों के साथ गोबार खरीदी में 1,300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। भाजपा ने इसे बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला बताया।
बेरोजगारी भत्ता : 1.17 लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता
कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ता की घोषणा की थी। 12वीं पास 1.17 लाख बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया। इन्हें 2,500 रुपये के मान से बैंक खाते में बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। भाजपा सरकार आने के बाद इस योजना पर भी ग्रहण लगने की आशंका है। यह योजना अप्रैल 2023 से लागू की गई है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल : 1.71 लाख छात्र अध्ययनरत
सरकारी हिंदी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदलकर यहां शिक्षा का स्तर बेहतर करने का प्रयास किया गया। छत्तीसगढ़ में कुल 171 आत्मानंद स्कूल खोले गए हैं, जिसमें 1.72 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। अंग्रेजी माध्यमों के साथ 32 हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल भी संचालित हैं। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इस सरकारी योजना का नाम बदला जा सकता है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
राजीव युवा मितान क्लब : 13 हजार से अधिक राजीव युवा मितान क्लब
प्रदेश में राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों को प्रति वर्ष एक लाख रुपये के मान से राशि प्रदान की जा रही है। इस संस्था का कार्य गांवों में कला व सांस्कृतिक के बढ़ावे के साथ सांस्कृतिक व खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाना था। राजीव युवा मितान क्लब के गठन की घोषणा- वर्ष 2020 में की गई थी। भाजपा सरकार आते ही यह योजना बंद होने की आशंका जताई जा रही है। राजीव गांधी के नाम को केंद्र में रखते हुए कांग्रेस सरकार ने युवाओं को जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी।
रीपा : योजना का अस्तित्व खतरे में
महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) का अस्तित्व भी खतरे में नजर आ रहा है। प्रदेश के गोठानों में रीपा योजना के तहत गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना लागू की गई थी। भाजपा के आने के बाद इस योजना पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
कई बंद होंगे, कई योजनाओं का नाम बदलना तय
भाजपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सरकार की कई सरकारी योजनाओं का नाम बदलना तय है। इसके अलावा राज्य सरकार के गठन के बाद विभिन्न विभागीय मंत्रियों से योजना के संबंध में एक रिपोर्ट भी ली जाएगी। शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी योजनाएं बंद नहीं होगी, बल्कि नाम बदल दिया जाएगा।
इनका कहना
सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा
धान खरीदी वर्तमान में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से जारी है। 21 क्विंटल की खरीदी शुरू नहीं की गई है। सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा।
टोपेश्वर वर्मा, सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
खल्लारी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अलका नरेश चंद्राकर की हार के बाद एक समर्थक ने अपनी आधी मूंछ और आधे सिर को मुंडवा लिया
6 Dec, 2023 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महासमुंद । जिले के खल्लारी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अलका नरेश चंद्राकर की हार के बाद एक समर्थक ने अपनी आधी मूंछ और आधे सिर को मुंडवा लिया है। ग्राम बिहांझर निवासी भाजपा कार्यकर्ता डेरहाराम यादव अलका की जीत को लेकर पूरी तरह आशान्वित थे। बताया जाता है कि डेरहाराम ने चुनाव प्रचार के दौरान गांव में अलका चंद्राकर की जीत का दावा किया था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने गांव में कहा था कि अगर अलका चंद्राकर चुनाव नहीं जीतेंगी तो वे आधी मूंछ और आधा सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घूमेंगे। अब चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने अपना वादा भी निभाया।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
भाजपा कार्यकर्ता डेरहा राम यादव का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर प्रसारित हो रहा है, जिसमें वे आधी मूंछ व आधा सिर मुंडवाए हुए दिख रहे हैं। वीडियो में वे कह रहे है कि पिछली सरकार ने गंगाजल की कसम खाकर वादा नहीं निभाया। मैंने गंगाजल की कसम नहीं खाया, फिर भी अपने वादे को निभाया। साथ में लोगों ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का वीडियो भी लगाया, जिसमें उन्होंने एक पत्रकार को बयान देते कहा कि कांग्रेस की सरकार न बनी तो मूछ मुंडवा देंगे। लोग पूछ रहे हैं डेरहा ने वादा निभाया, भगत कब निभाएंगे।
केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भरतपुर सोनहत से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक रेणुका सिंह को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज
5 Dec, 2023 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सूरजपुर । केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भरतपुर सोनहत से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक रेणुका सिंह को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज होते ही जिले के कलेक्टर व एसपी ने पूरी टीम के साथ रामानुजनगर पहुंचकर उनके निवास स्थान के आसपास का जायजा लिया। अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बता दे कि केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह आदिवासी चेहरे के रूप में भाजपा की फ़ायर ब्रांड नेत्री है। सूरजपुर जिले के ग्राम रामानुजनगर में रहने वाली रेणुका सिंह सरगुजा सांसद होने के साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री रहते हुए भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित घोषित हुई है। सरगुजा संभाग में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद उनका नाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में तेजी से उभरा है। उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के मद्देनजर मंगलवार को सूरजपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला, डीएफओ पंकज कमल व जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम के साथ रामानुजनगर पहुंचकर रेणुका सिंह के घर के आसपास की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से भी जानकारी लेते हुए रामानुजनगर पुलिस को उनके घर के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए निर्देश दिए।
समर्थकों ने शुरू की पूजा अर्चना-
रेणुका सिंह का नाम मुख्यमंत्री की रेस में आने के बाद जिले भर में उनके समर्थकों ने हवन पूजन एवं पूजा अर्चना शुरू कर दी है। उनके गृह ग्राम के अलावा बिश्रामपुर स्थित श्री संकट मोचन दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में भी मंगलवार को उनके समर्थक भाजपाइयों ने उनको मुख्यमंत्री बनाए जाने की कामना को लेकर पूजा अर्चना करते हुए 21 दिनों के लिए अखंड ज्योत जलाई है। पूजा अर्चना करने वालों में भाजपा नेता श्यामा पांडे समेत दीपेंद्र सिंह चौहान, कृष्ण कुमार गोयल, अवनीश सिंह, अंकित सिंह, मनीष मिश्रा, डीकेश प्रजापति शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी बहुमत से जीत के बाद, मुख्यमंत्री पद को लेकर डा.रमन सिंह सब पर भारी
5 Dec, 2023 02:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी बहुमत से जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इस दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह सब पर भारी नजर आ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के अन्य राष्ट्रीय नेताओं के बीच गहरी पैठ बताई जा रही है। पूरे चुनाव के दौरान उन्हें पूरी तवज्जो मिलती रही। उनके पास 15 वर्षों तक सरकार चलाने का अनुभव भी है।सीएम पद की दौड़ में केंद्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह के अलावा पहली बार विधायक बने आइएएस ओपी चौधरी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, रमन कैबिनेट की मंत्री रह चुकी लता उसेंडी का नाम भी शामिल हैं। हालांकि डा. रमन के सामने इन सभी का कद हल्का पड़ रहा है। चौधरी और साव पहली बार विधायक बने हैं। रमन सिंह के अनुभवों का लाभ भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में भी मिल सकता है। इधर प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री का निर्णय भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में तय होगा।
इनका नाम भी चर्चा में
मुख्यमंत्री की दौड़ में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय का नाम भी चर्चा में हैं। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पकड़ भी बेहतर मानी जा रही है। इधर भाजपा संगठन ने यह साफ कर दिया है कि संसदीय बोर्ड की बैठक में विभिन्न नामों पर प्रस्ताव रखा जाएगा, वहीं राजधानी में शक्ति प्रदर्शन या लांबिंग को तरजीह नहीं मिलेगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक शीघ्र ही छत्तीसगढ़ आएंगे। विधायक दलों की बैठक होगी। इसमें विभिन्न नामों पर रायशुमारी की जाएगी।
आदिवासी मुख्यमंत्री की भी मांग
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद भाजपा को पहली बार छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक सीटें मिली है। 54 सीटों में से आदिवासी क्षेत्रों से 16 सीट भाजपा के खाते में हैं, बाकी सामान्य, ओबीसी व अन्य सीटें हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ से आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी तेज हो चली है। अब तक के इतिहास पर गौर करें तो छत्तीसगढ़ में भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों ने आदिवासी मुख्यमंत्री को ज्यादा प्राथमिकता में नहीं रखा है।
अन्य राज्यों के जैसे शक्ति प्रदर्शन की स्थिति नहीं
छत्तीसगढ़ में भाजपा के विधायकों में अनुशासन की झलक साफ दिखाई दे रही है। राजस्थान व मध्यप्रदेश में हालात अलग है। यहां मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरे पर विधायकों का समर्थन खुलकर बाहर आ रहा है। राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया के आवास पर विधायकों का शक्ति प्रदर्शन भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है। यहां अभी तक विधायकों ने खुले तौर पर किसी भी नेता का नाम नहीं लिया है। ऐसे में यह साफ है कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय पर विधायकों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
दूसरे राज्यों में चुनाव कराते रहे भूपेश बघेल और अपनी ही खिसक गई जमीन
5 Dec, 2023 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ से बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई। गोबर-गोठान की योजना से चर्चित भूपेश माडल को कांग्रेस अपना राष्ट्रीय एजेंडा बताते हुए अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने की कोशिश में नजर आई। दो रुपये में गोबर, चार रुपये में गोमूत्र की खरीदी हो या पुरानी पेंशन योजना की बहाली या फिर अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल। लगभग तमाम बड़ी योजनाओं को कांग्रेस दूसरे राज्यों में भुनाती रही। भूपेश भी दूसरे राज्यों इन्हीं योजनाओं के भरोसे प्रचार-प्रसार करते दिखे मगर छत्तीसगढ़ के चुनाव उनके ही पैरों तले से जमीन खिसक गई। पिछले चुनाव में 90 सदस्यीय विधानसभा सीट में 68 जीत जीतकर भारी बहुमत से सरकार बनाने वाले भूपेश को अंदाजा नहीं था कि उनकी पार्टी इस बार 35 सीट सिमटकर सत्ता से बेदखल हो जाएगी। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि पार्टी और भूपेश के अति आत्मविश्वास के कारण वह सही जनाधार को भांपने में सफल नहीं हो पाए।
छत्तीसगढ़ माडल से कांग्रेस को मिली थी संजीवनी
इसके पहले छत्तीसगढ़ माडल पर ही लड़खड़ाते कांग्रेस को हिमाचल व कर्नाटक की जीत के बाद बड़ी संजीवनी मिली थी। छत्तीसगढ़ माडल पर घोषणा पत्र जारी करके कांग्रेस ने दोनों राज्यों में जीत हासिल की थी।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पुरानी पेंशन योजना, बेरोजगारों को 3,000 रुपये भत्ता, 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ, गोबर तीन रुपये प्रति किलो में खरीदी, सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराने की गारंटी लागू करने का वादा किया गया था। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने 10 में से पांच गारंटी छत्तीसगढ़ की तर्ज लागू की थी। इनमें पुरानी पेंशन योजना, हर विधानसभा क्षेत्र में चार अंग्रेजी माडल स्कूल, दो रुपये किलो गोबर खरीदी, 300 यूनिट तक बिजली बिल माफ और शहरी अजीविका योजना शामिल रहे।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी छाया रहा छत्तीसगढ़ माडल
मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव में भी छत्तीसगढ़ माडल छाया रहा। गोबर-गोठान के लिए प्रदेश में चल रही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी करने का वादा मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी किया गया, हालांकि वहां भी कांग्रेस को सफलता नहीं मिली।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि हमने जो योजनाएं बनाई वह पूरे देश में लागू कराने के लिए कांग्रेस काम कर रही है। जहां तक चुनाव में हारने की बात है तो भाजपा ने पहले भी कई वादे जनता से किए। न ही पहले पूरे किए और अभी पूरा नहीं करने वाले हैं। भाजपा की आदत धोखा देना है। मैं यही कहना चाहूंगा कि भूपेश सरकार की जिन योजनाओं की चर्चा पूरे देश में रही है उन्हें जनहित में आगे भी चलना चाहिए।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह बड़ा सवाल
5 Dec, 2023 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह बड़ा सवाल हैं। कांग्रेस के नौ मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। इसमें कई अच्छे वक्ता भी रहे। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि पांच वर्षों तक विधानसभा में कांग्रेस को प्रतिनिधित्व करने वाला चेहरा किसका होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का इशारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ है, लेकिन छत्तीसगढ़ के विधानसभा में मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया हो, ऐसा कभी नहीं हुआ। ऐसे में अब कांग्रेस की नजर वर्तमान ऐसे विधायकों पर हैं, जो कि विधानसभा की कमान संभाल सकते हैं। कांग्रेस के जिन 35 विधायकों ने जीत हासिल की है। इनमें से 14 पहली बार विधानसभा चुनकर आए हैं, वहीं 21 विधायकों में कई प्रत्याशी दूसरी बार विधायक बने हैं।
चुनिंदा नाम ही सामने
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी के लिए मुखर स्वर वाले नेताओं की कमी महसूस की जा रही है। वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत, विधायक उमेश पटेल, कोंटा विधायक कवासी लखमा, बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल का नाम आगे किया जा रहा है। कांग्रेस की महिला विधायकों में अनिला भेंड़िया को वर्तमान में सबसे वरिष्ठ विधायक बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में इस प्रमुख पद के लिए चुनिंदा नाम ही सामने आया है। इसका फैसला प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में किया जाएगा।
100 से अधिक अनियमित कर्मचारी संगठन कांग्रेस सरकार से नाराज थे
4 Dec, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर । छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों ने भी विधानसभा चुनाव में भूपेश सरकार को नकार दिया है। कर्मचारियों के डाक मतपत्र यही बता रहे हैं कि उनके ज्यादातर वोट भाजपा को गए हैं। कर्मचारी बकाया एरियर्स, पदोन्नति नहीं हो पाने और केंद्र के समान महंगाई भत्ता नहीं मिलने से राज्य सरकार से नाराज थे।
राज्य में कुल सात लाख अनियमित व चार लाख नियमित कर्मचारी हैं। अनियमित कर्मचारियों में इस बात का रोष था कि कांग्रेस ने 2018 के घोषणा-पत्र में संविदा व अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन पांच साल में भी यह वादा पूरा नहीं किया गया। वहीं चार लाख नियमित कर्मचारी भी विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार से नाराज थे।
इन विषयों पर नाराज हुए कर्मचारी
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं होना।
केंद्र के समान डीए मिलने में देरी।
कार्यरत कर्मचारियों की छटनी व आउट सोर्सिंग।
सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति।
नई सरकार से मांग पूरी होने का उम्मीद
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि 100 से अधिक अनियमित कर्मचारी संगठन कांग्रेस सरकार से नाराज थे। नियमितीकरण का वादा कर वादाखिलाफी की गई। छत्तीसगढ़ विद्यालय शिक्षक कर्मचारी संघ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने महंगाई भत्ता, एरियर्स रोक दिया। वहीं, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को एरियर्स और डीए देने में कोई देरी नहीं की गई। संघ के पदाधिकारियों को अब नई सरकार से उनकी मांगे पूरी होने की उम्मीद है। मांगों को पूरा करने की उम्मीदें बंधी हुई है।
डाक मतपत्र खुलते ही भाजपा आगे
तीन दिसंबर को मतगणना के दौरान सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की गई। जिसमें भाजपा प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई रखी। सभी श्रेणियों में कुल डाक मत पत्रों की संख्या एक लाख तीन हजार 753 रही।
चल गया मोदी-शाह का जादू; इन सीटों पर ऐन मौके पर बदली बाजी
4 Dec, 2023 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की आंधी में कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया। भाजपा के स्टार प्रचारकों ने वह कमाल कर दिखाया, जिसकी कल्पना कांग्रेस ने कभी भी नहीं की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई महीने से ही राजधानी के साइंस कालेज मैदान पर चुनावी सभा का आगाज कर दिया था। भाजपा के स्टार प्रचारकों ने जहां सभाएं ली, वहां प्रत्याशियों ने बड़ी जीत दर्ज की है।
पीएम ने की कईं जनसभाएं
प्रधानमंत्री ने रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, मुंगेली, कांकेर, भटगांव, सरगुजा ने बड़ी सभाएं ली, वहीं अमित शाह ने जांजगीर विधानसभा के चांपा में, कोरबा, सरायपाली, जशपुर,जशपुर, बगीचा, कुनकुरी, पत्थलगांव, राजनांदगांव व कोंडागांव में कांग्रेस के विरुद्ध चुनावी बिगुल फूंका। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य केंद्रीय नेताओं ने भी चुनावी सभाओं में भाजपा के घोषणा-पत्र और मोदी की गारंटी को जमकर भुनाया। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में भी उत्तरप्रदेश की तर्ज पर भ्रष्टाचारियों के ऊपर बुलडोजर चलाने का एलान किया था। योगी कर्वधा, भानुप्रतापपुर, सुकमा, बस्तर, राजनांदगांव की सभा में शामिल हुए।
कमजोर जनाधार वाले सीटों पर भी पलटी बाजी
भाजपा के स्टार प्रचारकों ने वहां सबसे ज्यादा फोकस किया,जहां भाजपा को ज्यादा मजबूत की आवश्यकता थी। बस्तर,सरगुजा,दुर्ग व रायपुर संभाग में स्टार प्रचारकों ने प्रचार की एक अलग रणनीति अपनाई थी। प्रधानमंत्री ने शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोर्चा संभाला। हर सभा में भाजपा के घोषणा-पत्र, मोदी की गारंटी पर आवाज बुलंद की गई है, वहीं कांग्रेस के घोटाले को उजागर किया गया।
कांग्रेस की तिकड़ी पर नहीं रहा लोगों का भरोसा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की तिकड़ी काम नहीं आई। सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यहां ताबड़तोड़ सभाएं ली। राहुल गांधी ने सरगुजा, अंबिकापुर,जगदलपुर,खरसिया,राजनांदगांव, कोंडागांव में सभाएं ली,वहीं
प्रियंका गांधी ने बालोद, खैरागढ़ विधानसभा, बिलासपुर, कांकेर में सभा को संबोधित किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सक्ती जिले के चंद्रपुर विधानसभा में सहित कोरबा, महासमुंद, राजनांदगांव,कोरिया के बैकुंठपुर विधानसभा में चुनावी सभा में भाजपा पर हमले किए थे। बावजूद इसके यहां कांग्रेस को पटखनी खानी पड़ी।
चुनाव के पहले केंद्र से करोड़ों की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ को करोड़ों की सौगात दी थी। प्रधानमंत्री ने तीन अक्टूबर को बस्तर में 27,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था। इसके बाद पहले 30 सितंबर को बिलासपुर और 14 सितंबर को मोदी ने प्रदेश के रायगढ़ में 6,350 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही नौ जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लाक की आधारशिला भी रखी थी। इसके पहले रायपुर सात जुलाई को रायपुर में 7,600 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व शुरुआत की थी।