मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मप्र में भाजपा का यूपी-बंगाल मॉडल क्या गुल खिलाएगा?
30 Sep, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश चुनाव के लिए सत्ताधारी भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इसमें 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। भाजपा की इस लिस्ट में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों के भी नाम हैं। भाजपा ने प्रह्लाद सिंह पटेल को उनके भाई जालम सिंह पटेल की जगह नरसिंहपुर से टिकट दिया है। वहीं, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से उम्मीदवार बनाया हैं।
ये कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने किसी राज्य के चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों पर दांव लगाया हो। पार्टी यूपी, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में भी ये प्रयोग कर चुकी है। भाजपा ने 2022 के यूपी चुनाव में केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को अखिलेश यादव के खिलाफ करहल सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। बघेल चुनाव हार गए लेकिन अखिलेश को मजबूत चुनौती दी थी। त्रिपुरा में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतीं भी। बघेल और भौमिक का केंद्र में मंत्री पद बरकरार रहा।
बंगाल में हो चुका है सफल प्रयोग
पश्चिम बंगाल के चुनाव में भी भाजपा ने बाबुल सुप्रियो के साथ ही सांसद लॉकेट चटर्जी और निशिथ प्रमाणिक समेत पांच सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, लॉकेट चटर्जी और राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता को हार मिली। निशिथ प्रमाणिक 57 वोट के करीबी अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे और जगन्नाथ सरकार ने भी अपनी सीट निकाली। भाजपा के तीन हैवीवेट उम्मीदवार भले ही अपनी सीट भी नहीं जीत पाए हों लेकिन आसपास की कई सीटों पर पार्टी की जीत के लिए उनको श्रेय दिया गया था। भाजपा की सीटों में जबरदस्त इजाफा हुआ और पार्टी सत्ताधारी टीएमसी के बाद सीटों की संख्या के लिहाज से दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी। हालांकि, बाबुल सुप्रियो को अपनी सीट पर हार का खामियाजा मंत्री पद से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। निशिथ प्रमाणिक को जीत का इनाम मिला और वे मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाने में सफल रहे। अब भाजपा ने जब नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को मध्य प्रदेश के रण में उतार दिया है तो इसे इन नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा की तरह देखा जा रहा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के लिए अब केंद्र की राजनीति में वजूद, मोदी मंत्रिमंडल में कुर्सी और 2024 चुनाव का टिकट इस चुनाव में दांव पर है। नरेंद्र सिंह तोमर समेत तीनों केंद्रीय मंत्रियों की सियासत का भविष्य क्या होगा? 2023 का चुनाव परिणाम इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हो गया है। चुनावी दरिया पार करने में सफल रहे तो आगे की राह आसान होगी और अगर डूब गए तो सियासत पर ग्रहण होगा।
एक सीट पर नजर, कई सीटों पर निशाना
भाजपा 2018 के चुनाव नतीजों से सबक लेकर 2023 के लिए व्यूह रचना में जुटी है। ग्वालियर रीजन में कांग्रेस भारी पड़ी थी और इंदौर में भी भाजपा का गणित गड़बड़ हो गया था। ग्वालियर में कांग्रेस के खेवनहार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा में आ चुके हैं लेकिन पार्टी किसी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। नरेंद्र सिंह तोमर की गिनती ग्वालियर संभाग के प्रभावशाली नेताओं में होती है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का ग्वालियर के साथ ही गुना और मुरैना में भी अच्छा प्रभाव है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय इंदौर, गणेश सिंह सतना, राकेश सिंह जबलपुर, उदयप्रताप सिंह होशंगाबाद, रीति पाठक सीधी क्षेत्र में प्रभावशाली नेता हैं। ये नेता जिन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनके साथ ही आसपास की सीटों कई सीटों पर भी परिणाम प्रभावित कर पार्टी की सीटों की संख्या बढ़ा सकते हैं।
सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला या शिवराज की घेराबंदी
केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को टिकट के पीछे भाजपा की सामूहिक नेतृत्व के फॉर्मूले को धार देने की रणनीति भी एक वजह बताई जा रही है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा किसी एक नेता को उम्मीदवार बताने से बच रही है और सामूहिक नेतृत्व के फॉर्मूले पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुकी है। जब नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय जैसे चेहरों की उम्मीदवारी का ऐलान हुआ,उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भोपाल में थे। नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय, दोनों को ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का करीबी माना जाता है। पिछले चुनाव में आकाश विजयवर्गीय को भाजपा से टिकट मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय चुनाव नहीं लड़ पाए तो इसके पीछे भी शिवराज के एक परिवार, एक टिकट फॉर्मूले को जिम्मेदार माना गया। भाजपा ने अबकी विजयवर्गीय और नरेंद्र सिंह तोमर को टिकट देकर ये संदेश दे दिया है कि मध्य प्रदेश में शिवराज ही भाजपा नहीं हैं।
भाजपा की चुनावी रणनीति की दिल्ली से निगरानी
30 Sep, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चुनावी गतिविधियों की हर घंटे जानकारी भेजी जाएंगी दिल्ली
भोपाल । मप्र में ढाई महीने बाद चुनाव होने हैं। इसको लेकर भाजपा पूरी तरह सजग और सतर्क हो गई है। पार्टी ने पूरा फोकस मप्र पर कर दिया है। इसके तहत पार्टी के रणनीतिकारों को जिम्मेदारी देकर प्रदेश में तैनात किया गया है। यही नहीं मप्र में चलने वाली हर राजनीतिक गतिविधि पर दिल्ली से नजर रखी जा रही है। इसका असर हुआ है कि प्रदेश में भाजपा की सक्रियता कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों से काफी आगे हैं। चुनावी समितियों से लेकर बूथ स्तर पर पार्टी विभिन्न अभियान, आयोजनों के माध्यम से जनता के बीच पहुंच रही है।
गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में मप्र भाजपा की रणनीति का पूरा कमांड दिल्ली दरबार के पास है। चुनाव प्रचार की रणनीति, टिकट वितरण, नेताओं को जिम्मेदारी आदि सबका फैसला दिल्ली से हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी जिम्मेदारी संभाल रखी है। उन्हीं के दिशा निर्देश पर केंद्रीय नेताओं की टीम प्रदेश में तैनात और सक्रिय हैं। यह इस बात का संकेत है कि विधानसभा चुनाव पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर रहेगी। दरअसल, कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद मप्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी पुराने और नए दोनों पदाधिकारियों को महत्व दे रही है। संवादहीनता, काम का अभाव और महत्व न मिलने जैसे गिले-शिकबे दूर करने को ताबड़तोड़ बैठकें लेकर समन्वय बनाने की कवायद चल रही है।
यादव और वैष्णव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
चुनावी की रएानीति के तहत पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जून से ही मोर्चा संभाला लिया है। चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव सहित दूसरे केन्द्रीय नेता मैदान संभालेंगे, तो सहप्रभारी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भोपाल स्थित पार्टी मुख्यालय में रहकर चुनावी प्रबंधन पर नजर रखेंगे। सूत्रों की मानें प्रदेश की चुनावी गतिविधियों के हर घंटे जानकारी दिल्ली भेजी जाएंगी। सूबे की सत्ता पर पांचवीं बार फतह हासिल करने भाजपा ने माइक्रो चुनावी रणनीति बनाई है। हर मोर्चे पर जहां विपक्षी दलों को मात देने के लिए योजना बनाई गई है, तो वहीं चुनावी ऑपरेशन के लिए भी अलग तरह से व्यवस्थाएं की गई हैं। भाजपा से जुड़े जानकारों की मानें तो केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में भ्रमण करेंगे, तो उनके सहायक एवं रेल मंत्री आश्विनी वैष्णव भोपाल में रहकर पूरे प्रदेश के चुनाव प्रबंधन पर नजर रखेंगे। उनके द्वारा हर घंटे की रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व के पास भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार एवं केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की नजर रहेंगी। इनके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर दिन किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र पहुंचेंगे, तो केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर चंबल संभाग के अलावा बुंदेलखंड की कुछ सीटों पर फोकस करेंगे। हालांकि उनके प्रदेश की दूसरे विधानसभाओं पर भी कार्यक्रम होंगे। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की सभाएं भी प्रदेश भर में कराई जाएंगी, लेकिन उनका फोकस विशेषकर महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र पर अधिक रहेगा। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मालवा और निमाड़ में सक्रिय रहेंगे, तो प्रदेश से आने वाले केन्द्रीय मंत्री अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में सक्रिय रहेंगे। वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव को बुंदेलखण्ड में सक्रिय किया जाएगा।
क्षेत्रवार जिम्मेदारी संभालेंगे नेता
दिल्ली की रणनीति के अनुसार, नेताओं को क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रदेश सरकार के अधिकांश मंत्रियों को अपने विधानसभा क्षेत्रों में ही फोकस रखने को कहा जा रहा है। कहा जा रहा है कि सर्वे की रिपोर्ट में साफ कह दिया गया है कि मंत्रियों को चुनाव के दौरान अपना पूरा समय अपने विधानसभा क्षेत्रों में देना होगा, जहां वे प्रत्याशी के रूप में घर-घर जाकर अपने लिए वोट मांगेंगे। जानकारों की मानें तो प्रदेश के सभी अंचलों में प्रचार के लिए दूसरे राज्यों के नेताओं जातिगत समीकरण के आधार पर बुलाया जाएगा। यूपी की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और पाठक पाटी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे, तो गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में वहां की सरकारों के मंत्री व नेता पहुंचेंगे। प्रदेश की आदिवासी क्षेत्रों के लिए भाजपा की चुनावी रणनीति विशेष रहेगी। जानकारों की मानें तो इन क्षेत्रों में भाजपा के लिए आदिवासी नेता प्रचार करेंगे, तो आदिवासियों के लिए वर्षों से काम करने वाले लोगों को भी भाजपा चुनाव प्रचार में उतारेगी। इनके अलावा समाज के लिए आदर्श संतों व विशिष्ट लोगों को भी प्रचार के लिए भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इनमें से अधिकांश जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान भाजपा के नेताओं के साथ उपस्थित रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बाल कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए "राज्य सहायता समन्वय केंद्र" एवं "घर से दूर घर" शुरू किया
30 Sep, 2023 07:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणमंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी नेभोपाल में राज्य सहायता समन्वय केंद्र (SCCC) एवं घर से दूर घर (HAH) का उद्घाटन किया। यह केन्द्र स्वास्थ्य विभाग के साथ कैनकिड्स की साझेदारी से स्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि राज्य सहायता समन्वय केंद्र एवं घर से दूर घर को “सुखानंद” के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ मिलकर काम करते हुए, सुखानंद जैसे केंद्र की स्थापना की गई है। सुखानंद केंद्र में राज्य के कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए उपचार, देखभाल और सहायता की व्यवस्था की गई है। सुखानंद में कैंसर से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा परामर्श दिया जाएगा। "सुखानंद" घर से दूर एक घर है, जो भोपाल के बाहर के परिवारों के लिए समग्र आवास और देखभाल प्रदान करता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रदेश के 15 विभिन्न जिलों के कैंसर पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों से मिलकर कहा कि "यह महत्वपूर्ण है कि कैंसर से पीड़ित बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हों। सर्वोत्तम देखभाल एवं चिकित्सा सुविधा प्राप्त करें। हम कैनकिड्स के साथ साझेदारी करके खुश हैं। कैनकिड्स परिवारों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में देखभाल में उनका मार्गदर्शन करता हैं, और उन्हें समय-समय पर वित्तीय, चिकित्सा, सामाजिक, शिक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2022 में, लोक स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए अपने ज्ञान और समर्थन भागीदार के रूप में कैनकिड्स के साथ एक एमओयू साईन किया था।
स्वास्थ्य आयुक्त, डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि हम कैंसर और अन्य असंचारी रोगों के विरूद्ध बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। कैंसर का पता लगाने और निदान करने में देरी नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक सुविधाओं और आयुष्मान भारत के पैनल में शामिल अस्पतालों में सुविधाओं और प्रणालियों को मजबूत करने की पहल की गई है।
"सुखानंद" परिवारों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। अनेक सुविधाओं से युक्त "सुखानंद" केंद्र परिवारों को समायोजित कर रहने और रुकने की सुविधा प्रदान करता है। यह केंद्र, रोगी को कहाँ जाना है यह बतलाता है। साथ ही देखभाल समन्वय, सूचना और माता-पिता रोगी शिक्षा, चिकित्सा सहायता, स्कूल कमरा, मनोवैज्ञानिक और पोषण परामर्श, पोषण सहायता, प्रशिक्षण और बहुत कुछ सेवाएं प्रदान करता है। आमने-सामने और ऑनलाइन माध्यम से कैननरिश, कैननर्चर और कैनशाला जैसी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। जो परिवार अपने बच्चों के इलाज के लिए शहर में रहने और रुकने की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए सुखानंद केंद्र के स्थापित होने से सुविधा मिलेगी। कैंसर मरीजों पर भी सुविधा का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कैनकिड्स किड्सकैन की अध्यक्ष पूनम बगई ने कहा कि राज्य देखभाल समन्वय केंद्र प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए बदलाव लाने के लिए, राज्य सरकार और अन्य सभी हितधारकों के साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है। हम सितम्बर महीने को न केवल यह बतलाने के रूप में लेते हैं कि हमने बच्चों के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में क्या हासिल किया है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंसर रोगियों के के उपचार के लिये किये गये प्रयासों से मिले परिणामों को और बेहतर करने के नए तरीकों की पहचान करने एवं बच्चों के कैंसर रोगियों के लिए परिणामों में सुधार कर सकते हैं। साथ ही न केवल कैंसर से बच सकते हैं बल्कि बचे हुए लोगों में कैंसर न हो उसमे मदद कर सकते है।डब्ल्यूएचओ जीआईसीसी के लक्ष्य 60% सर्वावाइवल को प्राप्त करने के अपने मिशन में कैनकिड्स निदान, दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति, कृत्रिम अंग, प्रत्यारोपण, रक्त और रक्त उत्पादों आदि के माध्यम से चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सिंधिया की पुण्य-तिथि पर किया नमन
30 Sep, 2023 07:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की पुण्य-तिथि पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की। सिंधिया ने पहली बार वर्ष 1971 में 26 वर्ष की आयु में चुनाव जीता। उन्होंने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन, पर्यटन और मानव संसाधन विकास मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों के दायित्वों को बखूबी निभाया। वे 1990 से 1993 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। उनका 30 सितंबर 2001 को असामयिक निधन हो गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने लगाया नारियल का पौधा
30 Sep, 2023 07:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में नारियल का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री चौहान के साथ विजय नारायण चौबे ने शासकीय सेवा पूर्ण करने पर पौधा रोपा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान अपने जन्म-दिवस, विवाह वर्षगाँठ तथ जीवन के अन्य महत्वपूर्ण दिवसों और परिचितों व परिजनों के पुण्य स्मरण में पौध-रोपण के लिए जनसामान्य को निरंतर प्रेरित करते रहे हैं। उनकी प्रेरणा से प्रदेश में पौध-रोपण गतिविधि से लोग आत्मीय रूप से जुड़े हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे
30 Sep, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाजपा को 110, कांग्रेस को मिल सकती है 118 सीटें
भोपाल । मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता का मन जीतने के लिए भाजपा हो, चाहे कांग्रेस दोनों पूरी ताकत लगा रहे हैं। जनता को लुभाने के लिए पार्टियां हर राजनीतिक दांव लगा रही हैं। भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों, सात सांसदों सहित 79 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने अभी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। इसके बावजूद प्रदेश में किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी और किसकी सरकार बन सकती है? जनता के बीच चर्चाओं दौर चल रहा हैं? इधर भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर अपने दावे हैं। इन्हीं सब सवालों को लेकर हाल ही में एक न्यूज चैनल का सर्वे सामने आया है, जिसमें फिलहाल भाजपा-कांग्रेस दोनों में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। सर्वे के अनुसार यदि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो सत्तारूढ़ भाजपा को 102 से 110 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 118 से 128 सीटें मिलने की उम्मीद है। जबकि अन्य दलों को सिर्फ 3 से 7 सीटें मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। हम बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 56 सीटों के नुकसान के साथ 109 सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस को 114 सीटें हासिल हुई थीं। यदि वोट शेयर की बात करें तो सर्वे में भाजपा-कांग्रेस में दोनों में कांटे की टक्कर होने से दो दलों को 42 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा को 2023 के चुनाव में 42.7 फीसदी वोट और कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। जबकि अन्य के खाते में 12.80 फीसदी वोट जा रहे हैं।
सर्वे में किस क्षेत्र में किसको कितनी सीटें मिल रहीं
सर्वे के अनुसार मालवा निमाड़ में कांग्रेस को 41-45 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि यहां भाजपा पीछे चल रही है और उसे 20-24 सीटें मिलने की उम्मीद है। महाकौशल में भाजपा आगे चल रही है और उसे यहां 18-22 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 16-20 सीटें मिलने की संभावना है। ग्वालियर चंबल में भाजपा की तुलना में कांग्रेस 26-30 सीटों के साथ काफी बेहतर स्थिति में है। जबकि भाजपा को भारी नुकसान हो रहा है। उसे करीब 6 से 19 सीटें मिल रही हैं। मध्य भारत में भाजपा को कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन करने और लगभग 22-24 सीटें हासिल करने की उम्मीद है। जबकि कांग्रेस को 12-14 सीटें मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है। इसी तरह विंध्य क्षेत्र में भाजपा को 20 से 22 और कांग्रेस को 6 से 8 सीटें मिलने की उम्मीद है। इसी प्रकार बुंदेल खंड में भाजपा को 15 से 17 और कांग्रेस को 9 से 11 सीटें मिलने के आसार हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा के दिग्गजों के सामने कांग्रेस खेलेगी युवा चेहरों पर दांव
30 Sep, 2023 03:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अपने दिग्गज नेताओं को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस ने अभी कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। पार्टी भाजपा के दिग्गज नेताओं के सामने युवा चेहरों पर दांव लगा सकती है। कुछ सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत हैं तो कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदले जाएंगे। इसमें जातीय और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए परिवर्तन करने की तैयारी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी और अरुण यादव को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एक बार फिर चुनाव मैदान में होंगे। टिकट घोषित करने में पार्टी कोई जल्दबाजी नहीं करेगी।
भाजपा के 79 उम्मीदवार हुए घोषित
अभी तैयारी पांच अक्टूबर के बाद सौ से अधिक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की है। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा तीन सूची में 79 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। वहीं, बसपा, सपा और आप ने भी कुछ प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है पर कांग्रेस अभी तैयारी ही कर रही है।
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद सिंह पटेल सहित चार अन्य सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी आठ वर्ष बाद प्रदेश की राजनीति में वापसी कर रहे हैं। भाजपा के इन सभी कद्दावर नेताओं को उन सीटों से चुनाव लड़ाया जा रहा है, जहां वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं।
परिवर्तन की संभावना
निश्चित तौर पर इससे कांग्रेस पर दबाव बढ़ा है और बदली हुई परिस्थिति में पार्टी अपनी रणनीति पर फिर विचार भी कर रही है। इन सभी प्रत्याशियों को लेकर फीडबैक भी जुटाया जा रहा है पर एक बात पार्टी पदाधिकारियों ने साफ कर दी है कि युवा चेहरों पर दांव लगाया जाएगा। कुछ वर्तमान विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा तो कुछ सीटों पर जातीय और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए परिवर्तन संभावित है।
कांग्रेस कर रही विचार
इसके लिए लोकसभा प्रभारियों के साथ जिला पदाधिकारियों से भी जानकारी मांगी गई है। दरअसल, पार्टी की रणनीति यह है कि भाजपा के इन दिग्गज नेताओं को इन्हीं क्षेत्र में बांध दिया जाए। इसके लिए प्रत्याशी भी ऐसा देना होगा, जिसकी सामाजिक पकड़ मजबूत हो और पार्टी के सभी धड़े मिलकर उसके लिए काम करें। यही कारण है कि युवा चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार हो रहा है।
कांग्रेस भी उतार सकती है वरिष्ठ नेताओं को
पार्टी इस बात पर भी विचार कर रही है कि वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा जाए। पिछले चुनाव में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध बुदनी से चुनाव लड़ाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को भी भोजपुर से चुनाव लड़ाया था लेकिन दोनों ही हार गए थे।
झाबुआ से डा.विक्रांत भूरिया के चुनाव हारने के बाद इस सीट से उपचुनाव पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने लड़ा था और वे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी अपनी परंपरागत चुरहट सीट से चुनाव हार गए थे। सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को पार्टी चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।
मंत्रियों की घेराबंदी उन्हीं के क्षेत्र में
उधर, पार्टी इस कार्ययोजना पर भी काम कर रही है कि शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्रियों की घेराबंदी उन्हीं के क्षेत्र में की जाए। इसके लिए भी प्रत्याशी चयन में सावधानी बरती जा रही है।
जनता की अदालत में कोई हल्का या भारी नहीं होता है। लोकतांत्रिक चुनावों में जनता ही तराजू है। प्रत्याशी चयन की अपनी प्रक्रिया है, जो चल रही है। उचित समय पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे।
- केके मिश्रा,अध्यक्ष मीडिया विभाग- प्रदेश कांग्रेस
भोपाल में फ्लाई पास्ट में 65 लड़ाकू विमानों ने दिखाया वायु सेना का शौर्य
30 Sep, 2023 03:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । बड़ा तालाब के बोट क्लब क्षेत्र में आसमान पर शनिवार को वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरते नजर आए। एयर शो को देखने के लिए सुबह से ही बोट क्लब और वीआइपी रोड पर दर्शक पहुंच गए थे है। यह कार्यक्रम शुरू हो गयाा है। वायु सेना के विमानो ने कुलांचे भरना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान भी पहुंच गए है। भारतीय वायु सेना आठ अक्टूबर को 91 वें स्थापना दिवस मनाएगी। इस उपलक्ष्य में आयोजित इस फ्लाई पास्ट कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम को बड़ा तालाब के आस-आस के क्षेत्र में खड़े होकर निश्शुल्क देख सकतेे है। इसमें 65 लड़ाकू विमान हैरतंगेज करतबों से लोगों को उत्साहित करेंगे। इस समारोह में महिला पायलट भी शामिल होंगी। यह एयर शो पावर बियोंड बाउंड्रीज थीम पर होगा। समारोह के लिए 21 विमान राजाभोज एयरपोर्ट से और बाकी थ्री ईएमई सेंटर से उड़ान भरेंगे। जबकि आगरा, ग्वालियर और गाजियादबाद से उड़ान भरकर कुछ लड़ाकू विमानों के यहां अपना प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम को इंटरनेट मीडिया यूट्यूब, इस्टाग्राम और फेसबुक पर भी लाइव देखा जा सकेगा।
यह फाइटर विमान करेंगे शौर्य का प्रदर्शन
इसमें तेजस, आकाश गंगा, चिनूक, रूद्र, बादल, शमशेर, त्रिशुल, सारंग, जगुआर, सूर्यकिरण जैसे विमान और हेलिकाप्टर अपना जौहर दिखाएंगे। उक्त आयोजन में देशभर के 400 के करीब पायलट और आफिशियल सहभागिता करेंगे। समारोह में सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम, सारंग हेलिकाप्टर डिस्प्ले टीम और आकाश गंगा टीम द्वारा हैरतअंगेज प्रदर्शन से शुरुआत की जाएगी। इसमें सूर्यकिरण विमान टीम इंडियन एयरफोर्स की एयरोबेटिक्स प्रदर्शन टीम है। टीम में 13 पायलट हैं। नौ एक साथ उड़ान भरेंगे। सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन जीएस ढिल्लों कर रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2006 में किरण एमके-2 विमान के साथ राजधानी में प्रदर्शन किया था और अब 17 वर्षों के बाद हाक एमके 132 विमान के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए वापस आया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी से नाराजगी दूर करेगा संघ, तैयार की रणनीति
30 Sep, 2023 02:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए दूर की जाएगी। पार्टी को मिले फीडबैक के मुताबिक कई विधानसभा क्षेत्रों में विधायक और मंत्रियों के एकाधिकार के कारण बहुत सारे कार्यकर्ता लंबे समय से उपेक्षित हैं। इसका असर चुनाव पर न पड़े, इसके लिए पार्टी अब संघ की मदद ले रही है। कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की डैमेज कंट्रोल टीम बनाई गई है। जो संघ के स्थानीय नेताओं की मदद से कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करेंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने प्रदेश के 14 बड़े नेताओं को नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं से संवाद तो किया लेकिन नाराजगी दूर कर पाने में कामयाब नहीं हुए। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण पार्टी चाहती है कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी के कारण कहीं माहौल खराब न हो ,इसका विशेष ख्याल रखा जाए। पार्टी के कार्यकर्ता नाराजगी के कारण भाजपा छोड़कर कांग्रेस में न जाएं, इस बात का विशेष ख्याल रखे जाने के निर्देश पार्टी की जिला इकाइयों को दिए गए हैं।
कार्यकर्ताओं की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं
दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल के प्रदेश भ्रमण में यह निष्कर्ष सामने आया था कि निचले स्तर के कार्यकर्ता अपनी उपेक्षा के कारण नाराज हैं। यही वजह थी कि भाजपा ने प्रदेश के 14 बड़े नेताओं को पांच-पांच जिले सौंपकर सभी नाराज नेताओं के साथ संवाद भी करवाया था, लेकिन मामला संवाद तक ही रह गया। अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और नाराज कार्यकर्ताओं की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है।
बड़े नेताओं ने खोया कार्यकर्ताओं का भरोसा
कार्यकर्ताओं की सुस्ती या निष्क्रियता की अन्य वजह यह है कि अंचल के बड़े नेताओं ने भी उनका भरोसा खो दिया है, जिसके चलते वे उनके सामने अपनी बात नहीं रखते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संभाग व जिलों के दौरों में पता चला है कि अपने एकाधिकार के कारण कई विधायक और मंत्रियों ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है। साथ में उन्हें न तो संगठन में एडजेस्ट होने दिया और न ही किसी समिति या अन्य उपक्रम में उपकृत किया। पूरे कार्यकाल में विधायकों ने सिर्फ अपनों को ही उपकृत किया है। जिसके चलते कार्यकर्ता घर से बाहर नहीं निकल रहा है। अथवा चुनाव में सबक सिखाने के उद्देश्य से काम कर रहा है।
पार्टी नेताओं का सोचना है कि ऐसा हुआ तो चुनाव में कई क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। बड़े नेताओं दौरों में कई कार्यकर्ताओं ने चेतावनी भरे अंदाज में अपना संदेश भी दिया है। ऐन चुनाव से पहले असंतोष के स्वर थामना पार्टी की चुनौती है।
असंतुष्टों पर नजर
पार्टी अब उन असंतुष्ट कार्यकर्ताओं पर नजर रख रही है जो चुनाव में दिक्कत दे सकते हैं। विधानसभावार ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की डेमेज कंट्रोल टीम बात करेगी। इसके लिए स्थानीय स्तर पर संघ नेताओं की मदद ली जाएगी । संघ नेताओं की मदद से उन कार्यकर्ताओं बातचीत कर उन्हें मनाया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि जनता भाजपा के साथ है इसलिए कार्यकर्ताओं को देर सबेर मना लिया जाएगा।
चुनावी युद्ध में हर सीट पर कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। इसी आधार पर हम 150 पार के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। किन्हीं क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं में मतभिन्नता की बात आएगी तो वरिष्ठ नेताओं के जरिए मिल बैठकर मतैक्य स्थापित करेंगे और मिशन 2023 को जीतेंगे।
- डा दीपक विजयवर्गीय, वरिष्ठ नेता भाजपा।
समग्र आइडी में माता-पिता का नाम या पता गलत, नामांकन कराने में आ रहीं दिक्कतें
30 Sep, 2023 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । सरकारी और निजी स्कूल में पढऩे वाले नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। इन दिनों स्कूल आवेदन भरवाने में लगे हैं, मगर हजारों छात्र-छात्राओं को फार्म भरने में दिक्कतें आ रही है, क्योंकि समग्र आइडी में भारी गलतियां हैं। विद्यार्थियों के उपनाम, माता-पिता के नाम और घर का पता से जुड़ी जानकारियां सही नहीं है।
अब समग्र आइडी की त्रुटियां सुधरवाने में समय लग रहा है। विद्यार्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने की गुहार लगाई है। मंडल ने बिना लेट फीस आवेदन 31 अक्टूबर तक मांगे हैं। गुरुवार सुबह आदेश भी जारी कर दिया है।
दरअसल नौवीं कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों का मंडल में नामांकन करना होता है। इसके लिए सितंबर के पहले सप्ताह से प्रक्रिया शुरू की गई। 30 सितंबर तक आवेदन करना था। इसके लिए विद्यार्थियों की तरफ से 300 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। मगर समग्र आइडी में विसंगतियों के कारण काफी परेशानी आ रही है। कई विद्यार्थियों के पास परिवार का समग्र आइडी नहीं है। यहां तक कि आइडी में कुछ गलत जानकारियां हैं। पिता-माता का पूरा नाम नहीं है। कहीं विद्यार्थियों का समग्र में आधार नहीं जोड़ा गया है तो कहीं घर का पता ही गलत दिया है।
समग्र सुधारने से पहले आवेदकों को आधार अपडेट करवाना है, जिसमें दस से पंद्रह दिनों का समय लग रहा है। इसके कारण विद्यार्थी समय पर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। अंतिम तिथि के बाद फार्म भरने पर विद्यार्थियों को 350 रुपये विलंब शुल्क देना पड़ेगा। सहयोग अशासकीय विद्यालय संघ के पदाधिकारी मंडल के अधिकारियों से मिले। उसके बाद अंतिम तारीख एक महीने आगे बढ़ा दी। अब छात्र-छात्राएं 31 अक्टूबर तक बिना विलंब शुल्क के फार्म भर सकते हैं। इसे लेकर कोई विलंब शुल्क नहीं वसूला जाएगा। संघ के पदाधिकारी आशीष तिवारी ने कहा कि मंडल ने गुरुवार को अंतिम तिथि बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है।
संसद में दो अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रदेश के 10 बच्चे
30 Sep, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत 10 बच्चों को संसद भवन को देखने का मौका मिलेगा। ये बच्चे दो अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित संसद भवन में होने वाले नो योर लीडर कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसमें छह से 12 साल के बच्चे भाग लेंगे। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर दो अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के अवसर पर हर राज्य से 10-10 बच्चों का चयन कर उन्हें नई दिल्ली स्थित संसद में होने वाले कार्यक्रम में शामिल किया जाता है, ताकि बच्चे देश के महापुरुषों के बारे में जान सकें। इसके लिए एनसीईआरटी की ओर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं। इस कार्यक्रम के लिए चयनित बच्चों से संबंधित महापुरुषों के संबंध में भाषण तैयार कराकर मंगाया गया है।
इस प्रक्रिया के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले से दो-दो बच्चों के नाम एनसीईआरटी को भेजे गए हैं। एनसीईआरटी इनमें से 10 बच्चों का नाम चयनित कर नई दिल्ली के लिए आमंत्रित करेगा। इसमें जिन बच्चों को दिल्ली से घर की दूरी एक हजार किमी तक होगी, उन्हें हवाई यात्रा से बुलाया जाएगा। वहीं जिनके घर की दूरी इससे कम होगी। उन्हें सेकंड व थर्ड एसी ट्रेन से नई दिल्ली बुलाया जाएगा।
झूठ की नई गारंटी देने से पहले राहुल बताएं पुराने वादों का क्या हुआ-वीडी शर्मा
30 Sep, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से मध्यप्रदेश में जो विकास हुआ है, जिस तरह लोगों के जीवन में बदलाव आया है, उसके चलते पीएम मोदी मध्यप्रदेश की जनता के मन में बस गए हैं। लेकिन प्रदेश को जिस तरह से लगातार विकास की सौगातें मिल रही हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि पीएम के मन में भी एमपी है। इसी के चलते प्रधानमंत्री एक बार फिर ग्वालियर-चंबल अंचल और मध्य्रप्रदेश के लिए सौगातें लेकर 2 अक्टूबर को ग्वालियर आ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा शुक्रवार को प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मध्यप्रदेश दौरे पर आ रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कहा कि झूठ की कोई नई गारंटी देने से पहले वो प्रदेश की जनता को यह बताएं कि पुराने वादों का क्या हुआ?श्री शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकारें मध्यप्रदेश को लगातार विकास की ओर ले जा रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में प्रदेश में लगातार विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री जी ने सूखे बुंदेलखंड को हरा-भरा और समृद्ध बनाने के लिए 44605 करोड़ की केन बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने बीना रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ की लागत वाले नए पेट्रोकेमिकल कांपलेक्स की आधारशिला रखी है, जिससे क्षेत्र का विकास होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की सरकारें मिलकर लगातार विभिन्न योजनाओं के जरिए लोगों का जीवन बदलने का अभियान चला रही हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के 1.36 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। उन्होंने आशा जताई कि भाजपा की सरकार ने बीमारू मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाया है और अब डबल इंजन वाली सरकार प्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मध्यप्रदेश दौरे की चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता से कई वादे किए थे। उन्होंने कहा था कि किसानों का दो लाख रुपये तक कर्ज माफ करेंगे, युवाओं को 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देंगे, बहनों को गैस सिलेंडर पर 100 रुपये माफ करेंगे। कन्यादान योजना की राशि बढ़ाकर 51 हजार रुपये किए जाने की बात भी कांग्रेस ने कही थी। राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिनों में अगर वादे पूरे नहीं हुए, तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 9.5 करोड़ जनता राहुल गांधी से यह पूछना चाहती है कि इनमें से कौन सा वादा मध्यप्रदेश में 15 महीने के लिए बनी कांग्रेस की सरकार ने पूरा किया है? राहुल गांधी झूठ की कोई नई गारंटी प्रदेश की जनता को दें, इससे पहले उन्हें बताना चाहिए कि पुराने वादों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के झूठे वादों के कारण प्रदेश के जो किसान डिफाल्टर हो गए थे, उन्हें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने 2200 करोड़ रुपये भरकर नॉन डिफाल्टर बनाया, ताकि उनका सम्मान बहाल हो सके।
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार का मुखौटा भले ही कमलनाथ रहे हों, लेकिन वह सरकार मि. बंटाढार के इशारों पर चलती थी। उस सरकार ने वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया था और उसी सरकार के कारण कमलनाथ पर करप्शननाथ का टैग लगा है। उस सरकार के ही एक मंत्री उमंग सिंघार ने कहा था कि सरकार को सबसे बड़ा भू माफिया, रेत माफिया और शराब माफिया यानी मि. बंटाढार चला रहे हैं और वह सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उसी सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि भ्रष्टाचार इतना है कि टीआई रेट तय कर रहे हैं और पैसा ऊपर तक जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के पीए मिगलानी और मि. कक्कड़ के यहां जब छापे पड़े तो 81 करोड़ रुपये मिले थे। श्री शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी से प्रदेश की जनता यह पूछना चाहती है कि उन 15 महीनों में जब करप्शननाथ की सरकार भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड बना रही थी, तब वो कहां थे? क्यों उन्होंने एक बार भी मध्यप्रदेश की तरफ पलटकर नहीं देखा?
उन्होंने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने गरीबों का हक छीनने का काम किया था। प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार ने प्रदेश के 2 लाख गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान स्वीकृत किए थे, लेकिन कमलनाथ की सरकार ने मैचिंग ग्रांट न होने का बहाना बनाकर वो मकान लौटा दिये। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलजी की सरकार ने गांव-गांव को सड़कों से जोड़ा। वहीं, प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की सरकार ने हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया, जिसमें मध्यप्रदेश के लिए भी 248 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस पैसे का कोई उपयोग नहीं किया और पूरे 248 करोड़ लैप्स हो गए। श्री शर्मा ने कहा कि इसी योजना के तहत भाजपा की शिवराज सरकार ने 64 लाख परिवारों तक नल से जल पहुंचा दिया है और 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन गरीबों की छत कांग्रेस सरकार ने छीन ली, जिन लाखों परिवारों को पीने के साफ पानी से वंचित होना पड़ा, वो राहुल गांधी से ये पूछ रहे हैं कि आपकी सरकार ने ऐसा क्यों किया?
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की जो वर्तमान लीडरशिप थकी हुई लीडरशिप है और कांग्रेस अपना अस्तित्व खो चुकी है। बंटाढार जैसे नेता खुद ये मानते हैं कि जब हम जनता के बीच जाते हैं, तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इन्हीं नेताओं ने प्रियंका गांधी को भी झूठा साबित कर दिया। प्रियंका गांधी ने ग्वालियर में सभा के दौरान भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे, लेकिन वो आरोपों की लिस्ट ही गायब हो गई। बाद में प्रियंका गांधी, जयराम रमेश, कमलनाथ और दिग्विजयसिंह ने भी झूठे ट्वीट किए, लेकिन कांग्रेस के वो आरोप निराधार निकले। श्री शर्मा ने कहा कि झूठ, छल, कपट की राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेताओं ने प्रियंका गांधी को भी झूठा साबित कर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि बेटियों, बहनों के लिए भाजपा की सरकारों ने अनेक योजनाएं लागू की हैं। केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना लागू की है, तो मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना योजनाएं लागू की हैं। ये योजनाएं प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन ला रही है और मध्यप्रदेश में सेक्स रेश्यो 948 से बढ़कर 970 हो गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं, जिनसे उनका मूल चरित्र ही उजागर हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ही रैगांव विधायक कल्पना वर्मा ने पार्टी के ही नेता मनोज बागरी के खिलाफ नशे की हालत में अभद्रता करने की शिकायत दर्ज कराई है। बड़नगर के एमएलए मुरली देवड़ा के खिलाफ कांग्रेस की एक नेत्री ने जो आरोप लगाए, पूरे प्रदेश को पता है। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे नेता महिलाओं के प्रति जिस तरह की भाषा का उपयोग करते रहे हैं, उससे उनकी महिलाओं के प्रति गंदी सोच ही प्रकट होती हैं। श्री शर्मा ने कहा कि बेटी हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी से आज प्रदेश की बेटियां और बहनें ये पूछ रही हैं कि ऐसी घटनाओं को लेकर आपका क्या जवाब है?
कांग्रेस में अंग्रेजों के जींस, इसलिए करती है संस्कृति पर हमला
श्री शर्मा ने कहा कि दोहरे चरित्र वाली कांग्रेस वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है। कांग्रेस में आज भी अंग्रेजों के जींस हैं, इसलिए वह देश की संस्कृति पर हमला करती है। उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया भारत को सम्मान दे रही है। हमारे प्रधानमंत्री जी को दुनिया के 11 देशों ने अपने सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया है। आज सारी दुनिया भारत के नेतृत्व को मान रही है। ऐसे समय में राहुल गांधी विदेशों में जाकर भारत की छवि को खराब करने का प्रयास करते हैं। कमलनाथ कहते हैं भारत महान नहीं, बदनाम है। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के इंडी गठबंधन के लोग सनातन पर हमले कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश आ रहे राहुल गांधी से देश की सनातनी धरती और यहां के लोग पूछना चाहते हैं कि इस तरह से सनातन के अपमान पर आपका क्या जवाब है?
पत्रकार वार्ता के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, केके शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी एवं प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी उपस्थित रहे।
राहुल गांधी की आज कालापीपल के पोलायकला में विशाल जनसभा
30 Sep, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। अभा कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार, 30 सितम्बर 2023 को पूर्वान्ह 11.30 बजे शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा के पोलायकला पहुंचेंगे। राहुल गांधी वहां कांग्रेस की एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, अभा कांग्रेस के महासचिव एवं मप्र प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित अन्य वरिष्ठ नेतागण भी जनसभा को संबोधित करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने बताया कि राहुल गांधी इंदौर से शाजापुर और शाजापुर से कालापीपल विधानसभा के पोलायकला जायेंगे, जहां लाखों कांग्रेसजनों को गांधी संबोधित करेंगे।
कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में जनता का अपार समर्थन मिल रहा है
30 Sep, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में निकाली जा रही कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में यात्रा के सातों रूटों के प्रभारियों के नेतृत्व में निर्धारित रूट के तहत यात्राऐं अपने पड़ाव-दर-पड़ाव सभाओं, नुक्कड़ नाटकों और रैलियों के माध्यम से आयोजित की जा रही है। कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में जनता का अपार समर्थन जगह-जगह मिल रहा है। वहीं सत्ता में चंद महीने रहने वाली भाजपा के नेताओं में आपा-धापी मची हुई है। जनता के आक्रोश से भाजपा भयभीत है, भाजपा शिवराज सिंह नहीं बल्कि मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही है। जन आक्रोश यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं ने अपने बयान में कहा:-
जन आक्रोश यात्रा के दौरान देखने को मिला कि जनताका रूख भाजपा के खिलाफ है: डॉ. गोविंद सिंह
जन आक्रोश यात्रा के प्रभारी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह एवं राष्ट्रीय सचिव मध्यप्रदेश के सहप्रभारी शिव भाटिया के नेतृत्व में यात्रा आज बैराड़, पोहरी एवं शिवपुरी विधानसभा में निकाली गई। कांग्रेस नेताओं ने जन आक्रोश सभाओं को सम्बोधित किया, इस अवसर पर जगह जगह यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि जनता में इनता आक्रोश भाजपा को लेकर है कि वह अब केवल परिवर्तन की पुकार कर रहा है। महिलाओं पर अत्याचार, बेरोजगारी, महंगाई, दलितओं और आदिवासियों के साथ हो रहीं निर्मम घटनाओं से जनता कराह रही है। जन आक्रोश यात्रा के दौरान जो स्थिति देखने को मिल रही है, इससे पहले शायद ही कभी देखने को मिली हो। ग्वालियर-चंबल में तो स्थिति ज्यादा खराब है। स्थानीय जनता कमलनाथ के नाम पर मुहर लगाने के लिए आतुर बैठी है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रखी आधारशिला, युवाओं की प्रेरणा बनेगा महाराणा प्रताप लोक
29 Sep, 2023 11:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शहर को बदलना है, ताकि वहां रोजगार के अवसर खुलें, युवाओं को अपनी धरोहरों के बारे में जानने को मिले, हमारी धरोहरें हमारी संस्कृति की पहचान बनें, संस्कृति को संजोने और शहर का सौंदर्यीकरण हो, इन सबके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगे आए हैं। 28 सिंतबर को महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर भोपाल में सीएम शिवराज ने महाराणा प्रताप लोक की घोषणा कर इसकी आधारशिला रखी। भोपाल के टीटी नगर इलाके में करीब चार एकड़ में ये लोक बनकर तैयार होगा।
इस मौके पर शिवराज ने कहा, “हमें इतिहास विकृत तरीके से पढ़ाया गया है, अकबर महान हो गए। महाराणा प्रताप की जीवनी भी हमें ठीक ढंग से नहीं पढ़ाई गई। हम इतिहास बदल देंगे, जो सही है, वो आने वाली पीढ़ियों के सामने लाएंगे। अपने हृदय की संपूर्ण श्रद्धा के साथ हमने ‘महाराणा प्रताप लोक’ बनाने का फैसला किया है।” इस लोक में महाराणा प्रताप की एक विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। गौरतलब है कि इस लोक में महाराणा प्रताप के जीवन की शौर्य गाथाओं से जुड़ी कृतियों को रखा जाएगा। इसका मकसद बहुत साफ है जो देश की संस्कृति को बचाने, रोजगार के अवसर और युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के बलिदान से जोड़ेगा।
भाजपा सरकार का शौर्य को नमन
स्मारकों के जरिए शहीदों की गौरव गाथा से युवा पीढ़ी को अवगत कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाहन का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बढ़-चढ़कर क्रियान्वयन कर रहे हैं। प्रदेश में जननायकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए कई ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। गोंड रानी कमलापति के नाम पर भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया। पातालपानी में इंडियन रॉबिनहुड टंट्या भील (मामा) की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। गोण्डवाने की रणचण्डी रानी दुर्गावती की शहादत को नमन करने के लिए नर्रईनाला स्थित समाधि स्थल को भव्य रूप दिया जाएगा। चंद्रशेखर आजाद के जन्म स्थल भाबरा (अलीराजपुर) से लाई गई मिट्टी से आजाद की भव्य प्रतिमा का निर्माण कर उसे भोपाल के शौर्य स्मारक में स्थापित किया जाएगा।