मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की नाराजगी पर चार अधिकारियों को शो-काज नोटिस जारी
2 Jan, 2023 08:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की नाराजगी के चलते चार अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। मंत्री सिलावट ने भोपाल में घोड़ा पछाड़ डैम का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने दो किलोमीटर पैदल चल कर डैम की स्थिति का जायजा लिया और बांध दीवार में कमी पाए जाने पर चार अधिकारियों को शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मंत्री सिलावट ने बांध की दीवार पर सड़क बनाने के निर्देश दिए। साथ ही मरम्मत का काम नहीं होने पर भी नाराजगी व्यक्त की। मुख्य अभियंता कुसरे को निर्देश दिए कि संबंधित कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और दो सब इंजीनियर को शो-काज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब लें। सिलावट ने डेम से निकलने वाली नहर का भी निरीक्षण किया। नहर से पानी के रिसाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रिसाव को शीघ्र ठीक किया जाए। पानी वेस्टेज न हो, इसके लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं। उन्होेंने बांध में मछली-पालन की व्यवस्थाओं को भी देखा। यहां पर 266 केज लगाकर मछली उत्पादन किया जा रहा है। संचालक मछली-पालन भरत सिंह ने बताया कि प्रत्येक केज में साल में चार टन मछली पैदा हो रही है। मंत्री सिलावट ने बांध के पास बने भवन का भी निरीक्षण कर खाली जगह में वृक्षा-रोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नहर के आस-पास यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे जिला प्रशासन के साथ कार्रवाई कर तुरंत हटाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बांध से पानी छोड़े जाने पर स्थानीय विधायक और जन-प्रतिनिधि को भी अवगत कराए। बता दें कि घोड़ा पछाड़ डेम वर्ष 1965 में बना था। इसमें 12 एमसीएम से अधिक पानी संग्रहण होता है। इसके पानी से लगभग 1400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सात जनवरी को करेंगे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का मस्कट, टॉर्च और एंथम लांच
2 Jan, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर खेलो इंडिया यूथ गेम्स का 5वें संस्करण के मेस्कट (शुभंकर), टॉर्च और एंथम का अनावरण 7 जनवरी को करेंगे। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि भोपाल के शौर्य स्मारक परिसर में शाम 6 बजे विभिन्न स्कूल और महाविद्यालय के विद्यार्थी, खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ी, सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर आदि की उपस्थिति में मेस्कट लांच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि खेलो इंडिया की मेज़बानी का मौक़ा प्रदेश को मिला है। इस आयोजन को सफल और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। मंत्री श्रीमती सिंधिया ने आज टीटी नगर स्टेडियम में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तैयारियों की समीक्षा की। खेलो इंडिया यूथ गेम्स का पाँचवां संस्करण 30 जनवरी से 11 फ़रवरी तक प्रदेश के 8 शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट और खरगोन (महेश्वर) में होगा। एक गेम (साइकिलिंग) दिल्ली में होगा। पहली बार वाटर स्पोर्ट्स अर्थात् कयाकिंग कैनोइंग, कैनो सलालम और तलवारबाजी खेलो इंडिया गेम्स के इस संस्करण का हिस्सा होंगे। तेरह दिन तक 27 खेल 9 शहरों के 23 गेम वेन्यू में होंगे। लगभग 6 हज़ार खिलाड़ी, 303 अंतर्राष्ट्रीय और 1089 राष्ट्रीय ऑफिशियल्स इन गेम्स का हिस्सा होंगे। खेलो इंडिया के लिए लगभग 2 हज़ार वॉलंटियर अलग-अलग गेम वेन्यू में तैनात रहेंगे
मध्य प्रदेश सरकार नए साल में महिलाओं को कई तोहफे दे सकती है
2 Jan, 2023 08:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार काम कर रही राज्य सरकार नए साल में महिलाओं को कई तोहफे दे सकती है। जहां सरकार के अगले बजट में महिलाओं के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं, वहीं आजीविका मिशन से जुड़कर परिवार का भरण पोषण करने वाली 45 लाख से अधिक महिलाओं को अपना कारोबार आगे बढ़ाने के लिए कम ब्याज पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था में बढ़ोतरी की जा सकती है। सरकार बैंक लिंकेज की सीमा चार हजार करोड़ रुपये तक कर सकती है, जो अभी तीन हजार करोड़ रुपये है। यह सीमा वर्ष 2021 में बढ़ाई गई थी। प्रदेश के 52 जिलों में चार लाख स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं ये महिलाएं महिला एवं बाल विकास के तहत चलाई जा रही पूरक पोषण आहार योजना के तहत 80 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिए पोषण आहार तैयार कर रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं-बालिकाओं से दुष्कर्म जैसे मामलों में फांसी का प्रावधान किया है। प्रदेश में लिंगानुपात में 29 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है, तो बाल विवाह में 34.2 प्रतिशत की कमी आई है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 43 लाख 78 हजार बालिकाओं को पंजीयन कर उनका जीवन सुरक्षित किया गया है। इनमें से नौ लाख 20 हजार से अधिक बालिकाओं को 232 करोड़ छह लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है। केंद्र सरकार की मातृ वंदना योजना में प्रदेश लगातार चार साल से देश में पहले स्थान पर है। योजना में अब तक 32 लाख 51 हजार महिलाओं को 1370 करोड़ छह लाख रुपये की सहायता दी गई है। भोपाल और इंदौर में दो वर्किंग वूमेन छात्रावास चलाया जा रहा है, तो ग्वालियर में नया छात्रावास बनाया जा रहा है। सरकार ने शौर्यादलों का पुनर्गठन किया है। जिसमें 15 वर्ष की किशोरियों से लेकर 45 वर्ष की 19 लाख 24 हजार महिलाओं को शामिल किया है। अपराजिता योजना के तहत 27 हजार 390 बालिकाओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया है। अब कुपोषण से मुकाबला है। इसके लिए कम वजन के बच्चों को चिन्हित कर मोटा अनाज सहित अन्य पोषक तत्व दिए जा रहे हैं। राज्य पोषण नीति बनाने वाले देश का पहला राज्य भी बन गया है
अंडर ग्राउंड केबल डालने का प्रति किमी एक हजार रुपये लगेगा शुल्क
2 Jan, 2023 07:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पहुंच सेवाओं के अंतर्गत नया प्रावधान किया है। अब शासकीय सड़क एवं भूमि आदि में अंडर ग्राउंड टेलीकाम इंफ्रास्ट्रक्चर डालने पर दूरसंचार कंपनियों से एक हजार रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। यही नहीं, अंडर ग्राउंड केबिल डालने के बाद संबंधित दूरसंचार कंपनी को शासकीय सड़क, भूमि आदि को रीस्टोर यानि पुनः यथास्थिति में लाने के लिए आवश्यक मरम्मत, संधारण के लिए संबंधित निर्माण एजेंसी के प्रचलित शेड्यूल आफ रेट, प्राक्कलन राशि, वास्तविक व्यय राशि का भुगतान संबंधित विभाग को करेगी। इसके लिए इलेक्ट्रानिक विकास निगम राईट आफ वे पोर्टल पर आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।
60 दिन में मिलेगी डीम्ड स्वीकृति
डाटा पहुंच सेवाओं के अंतर्गत यह भी नया प्रावधान किया गया है कि शासकीय, शासकीय प्राधिकरण, स्थानीय निकाय की भूमि, भवन पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के लिए आवेदक कंपनी द्वारा आनलाइन दस हजार रुपये अनुज्ञप्ति शुल्क जमा किया जाएगा तथा 60 दिन के अंदर संबंधित विभाग से सहमति या अनापत्ति नहीं मिलती है, तो पोर्टल के माध्यम से डीम्ड अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी। यदि निर्धारित समय में असहमति दी जाती है तो उक्त शुल्क की राशि लौटा दी जाएगी। इसी प्रकार, यह भी नया प्रावधान किया गया है कि सार्वभौमिक सेवा दायित्व के अंतर्गत शामिल गांवों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 2100 वर्गफुट तक भूमि के लिए बीएसएनएल द्वारा कोई अनुज्ञप्ति शुल्क नहीं देना होगा
कोहरे से लेट हो रही ट्रेनें, रिटायरिंग और वेटिंग रूम फुल
2 Jan, 2023 01:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । कोहरे और खराब मौसम ने ट्रेनों की रफ्तार पर अंकुश लगा दिया है। एक तरफ जहां कोहरे से ट्रेन निरस्त हो रही हैं, वहीं घंटों विलंब से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं। कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। अधिकांश ट्रेनें एक से बारह घंटे तक की देरी से चल रही हैं। ठंड से बचने के लिए रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, पैसेंजर हाल, बुकिंग हाल फुल हो रहे हैं। रविवार को भी दर्जनभर ट्रेनें दो से छह घंटे तक की देरी से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन की स्थिति की स्पष्ट जानकारी न होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। घने कोहरे के प्रकोप ने एक तरफ जहां आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर रख दिया है, वहीं इसका प्रतिकूल प्रभाव ट्रेन की रफ्तार पर भी पड़ने लगा है। ट्रेनों का घंटों विलंब से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। सर्दी की शुरूआत से ही ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला शुरू हो गया था। लेटलतीफी का यह सिलसिला और अधिक बढ़ गया है। हालत यह है कि हबीबगंज से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार की रात्रि लगभग 10 बजे के पास ग्वालियर पहुंची, जबकि जबलपुर से आने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस को रेलवे ने री-शेड्यूल कर दिया। भोपाल से आने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस 4 घंटे 16 मिनट, श्रीधाम एक्सप्रेस 6 घंटे, महाकौशल एक्सप्रेस 1 घंटे 50 मिनट, उत्कल एक्सप्रेस 5 घंटे, शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 3 मिनट की देरी से ग्वालियर पहुंची। वहीं नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस 1 घंटे 52 मिनट, पंजाब मेल 1 घंटे 58 मिनट, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से ग्वालियर पहुंची। आम दिनों में ट्रेनों का संचालन सामान्य बना रहने से भीड़ स्टेशन पर दिखाई नहीं पड़ती है। इन दिनों कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। अधिकांश ट्रेनें एक से बारह घंटे तक की देरी से चल रही हैं। यात्रियों को घंटों स्टेशन पर गुजारने पड़ रहे हैं। रात में ठंड से बचने के लिए यात्री स्टेशन परिसर में बैठते हैं। क्षमता कम होने से सैकड़ों यात्रियों को प्लेटफार्म व रेलवे परिसर में खुले में बैठकर गुजारना समय पड़ रहा है।
अलसुबह वृद्धा ने पानी के धोखे मे एसिड पिया गई जान
2 Jan, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। ईटखेडी थाना इलाके मे रहने वाली वृद्धा ने पानी के धोखे मे एसिड पी लिया। परिवार वाले उन्हे इलाज के लिये हॉस्पिटल ले गये जहॉ कुछ घंटे चले इलाज के बाद महिला ने दम तोड दिया। थाना पुलिस ने बताया कि 70 वर्षीय प्रेम बाई पत्नी स्वर्गीय किशनलाल इलाके मे स्थित ग्राम अगरिया छापर में रहती थी। बीती सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई ओर उन्हे उल्टिया होने लगी। यह देख परिवार वाले उन्हे तुरत ही इलाज के लिये हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे जहॉ उन्हे भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। हालत लगातार बिगड़ने के कारण देर रात उनकी मौत हो गई। अस्पताल से मिली सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिये भेज दिया। शुरुआती पूछताछ मे परिवार वालो ने पुलिस को बताया कि हॉस्पिटल लाते समय प्रैम बाई ने बातचीत के दौरान बताया था कि सुबह तड़के उन्होने बोतल मे भरा हुआ पानी पी लिया था लेकिन उस पानी की बोतल मे एसिड था जिसे गलती से उन्होने पी लिया था। फिलहाल पुलिस आगे की जॉच कर रही है।
5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा मतदान केंद्रों पर बीएलओ करेंगे चुनावी पाठशाला
2 Jan, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश में 5 जनवरी 2023 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस अवसर पर समस्त मतदान केंद्रों पर चुनावी पाठशाला होगी जिसमें बीएलओ मतदाता सूची का वाचन करेंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे प्रदेश में 9 नवंबर 2022 से 8 दिसंबर 2022 तक मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अंतर्गत मतदाता सूची में नाम जोड़ने हटाने और परिवर्तन के लिए आवेदन लिए गए थे। गत 26 दिसंबर 2022 को प्राप्त हुए आवेदनों का निराकरण किया गया। अब 5 जनवरी 2023 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस दौरान सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर चुनावी पाठशाला कर मतदाता सूची का वाचन करेंगे। जोड़े गए नए नाम संशोधित नाम और हटाए गए मतदाताओं के नामों की जानकारी देंगे। राजन ने बताया कि मतदाता सूची के प्रकाशन को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को सभी विधानसभा क्षेत्रों तहसीलों गाँवों वार्डों और मोहल्लों में प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं।
हैवान बने ताउ ने तीन साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार
2 Jan, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। शहर के रातीबड़ थाना इलाके मे रिश्तो को शर्मसार किये जाने की घटना सामने आई है। यहॉ रहने वाली तीन साल की मासूम के साथ उसके ही ताउ ने दुष्कर्म कर डाला। बाद मे बच्ची को लेकर मॉ थाने पहुचीं जहॉ पूलिस ने चाइल्ड लाइन से काउंसलिंग कराने के बाद मामला कायम कर आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास शुरु कर दिये है। जानकारी के अनुसार इलाके मे रहने वाली 24 साल की महिला ने थाने आकर बताया कि उसके पति का करीब छह महीने पहले देहांत हो चुका है। उसके छह साल ओर दो साल के दो बेटे सहित तीन साल की एक बेटी है। परिवार के जीवन यापन के लिये वो दूसरो के घरों में काम करने जाती है। महिला ने पुलिस को आगे बताया कि बुधवार-गुरुवार की आधी रात करीब ढाई बजे उसकी बेटी को बाथरुम आने पर वो उसे लेकर गई। बॉथरुम करते समय मासूम रोने लगी। मॉ ने जब उससे रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि ताऊ ने उसके साथ गंदी हरकत की है। बच्ची की बात सूनने के बाद मॉ हैरान रह गई ओर उसने बेटी का प्राइवेट पार्ट देखा। इसके बाद सुबह वो बेटी को लेकर थाने पहुची। मामला तीन साल की बच्ची का होने के कारण पुलिस ने चाइल्ड लाइन से संपर्क किया ओर उनकी काउंसलिंग के बाद घटना की पुष्टि होते ही आरोपी के खिलाफ बलात्कार पास्को सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उसकी धरपकड़ के लिये दबिश दी लेकिन आरोपी बच्ची के थाने जाने की भनक लगते ही घर से भाग गया था। आरोपी के बारे में जानकारी जुटाने पर पुलिस को पता चला कि वो नशे का आदि है ओर करीब रोजाना ही नशा करता है उसकी हरकतो के कारण उसकी पत्नी ओर बेटी उसे छोड़ कर जा चुकी है इसके बाद वो अकेला रहता है। अधिकारियो का कहना है कि आरोपी की धरपकड़ के लिये टीम गठित की गई है ओर उसे जल्द ही दबोच लिया जायेगा।
मध्यप्रदेश में सुदृढ़ और सशक्त होती पंचायती राज संस्थाएँ
2 Jan, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का न केवल यह दृढ़ विश्वास है कि लोकतंत्र में असली मालिक जनता होती है अपितु उन्होंने प्रदेश में इसे चरितार्थ भी किया है। प्रदेश में सुदृढ़ और सशक्त होती पंचायती राज संस्थाएँ इसका जीता-जागता उदाहरण है। पंचायती राज की मूल अवधारणा भी यही है कि गाँव-गाँव नगर-नगर शासन की जिम्मेदारी जनता के हाथों में हो और वे अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार अपने गाँव नगर का विकास कर सकें। जन-प्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारी शासक नहीं अपितु जनता के सहयोगी और सहायक की भूमिका में हों।
मध्यप्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ और सशक्त बनाने के लिए पंचायतों और पंचायत प्रतिनिधियों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार दिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण सम्मेलन में स्पष्ट रूप से कहा कि- पंचायत प्रतिनिधि मेरी आँख और कान हैं। व्यवस्था में सुधार के लिए वे मुझे निरंतर सुझाव दें। जिस प्रकार ग्राम पंचायत में सरपंच होता है उसी प्रकार मैं मध्यप्रदेश का सरपंच हूँ। किसी पंचायत प्रतिनिधि के लिए इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है।
प्रदेश में ग्राम सभाओं को गाँवों के विकास के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं। वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार विकास की योजनाएँ बना सकती हैं और उन पर अमल कर सकती हैं। पंचायतों को अधिक से अधिक शक्ति प्रदान करते हुए शासकीय कार्यों की मंजूरी के लिए उन्हें 25 लाख रुपए तक के अधिकार दे दिए गए हैं। प्रदेश की पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की 1472 करोड़ रूपए की राशि जारी कर दी गई है। सरपंचों का मानदेय जो पहले 1750 रूपए था अब बढ़ाकर अब 4250 रूपए कर दिया गया है। निर्माण कार्यों के लिए अब नया s-o-r बनाने का भी निर्णय लिया गया है। पंचायतों के सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति भी शीघ्र की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक नियुक्त होंगे और उनका एक पंचायत से दूसरी पंचायत में स्थानांतरण किया जा सकेगा। पंचायत पदाधिकारियों को विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ग्रामों के सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने शहरों की तरह गाँव का भी मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। हर कार्य योजनाबद्ध तरीके से हो। ग्राम सभा के पदाधिकारी गाँव में कराए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करें। कांक्रीट की सड़क हो या खेल का मैदान मास्टर प्लान के अनुरूप स्थानीय स्तर पर कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। गाँव के विकास के लिए कपिलधारा योजना और सुदूर संपर्क सड़क योजना को दोबारा प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में अब विभिन्न शासकीय योजनाओं की राशि पंचायतों के खाते में सीधे पहुँच रही हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार अब गाँव में भी प्रत्येक माह रोजगार दिवस मनाया जाएगा जिसमें अधिक से अधिक ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। स्व-सहायता समूहों को शक्तिशाली बनाकर आर्थिक और अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं में ग्रामीण युवाओं को लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा के अनुरूप प्रदेश में ग्राम पंचायतों को समरस स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी बनाया जा रहा है। पंचायतों में छोटे-मोटे झगड़े गाँव स्तर पर ही निबट जाए और ग्राम की समस्याओं का ग्राम स्तर पर ही हल हो जाए इस अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। गाँवों में स्वच्छता पर विशेष कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ग्रामीणों से खुशी एवं पुण्य अवसरों पर पौधे लगाने और गांवों को नशा मुक्त बनाने के लिए निरंतर अपील कर रहे हैं।
पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस बार पंचायतों में बड़ी संख्या में महिलाएँ चुनकर आई हैं जो अपनी पंचायतों का कुशल नेतृत्व कर रही हैं।
मध्यप्रदेश बन रहा है स्टार्टअप हब
2 Jan, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप फ्रेंडली नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेश स्टार्टअप्स का हब बन रहा है। मध्यप्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल है जो स्टार्ट-अप्स के लिए विश्व स्तरीय ईकोसिस्टम प्रदान करते हैं। स्टार्ट-अप ब्लिंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में इंदौर 14वें स्थान पर और भोपाल 29वें स्थान पर है। मध्यप्रदेश के 2500 से अधिक स्टार्ट-अप भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में पंजीकृत हैं। इनमें से 1100 से अधिक स्टार्ट-अप महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश में 45 से अधिक इनक्यूबेटर्स प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप को विकसित करने के लिए सतत कार्यरत हैं। केन्द्र सरकार का कपड़ा परिधान मंत्रालय का इनक्यूबेशन सेंटर ग्वालियर में है।
देश में स्टार्ट-अप आंदोलन को गति देने और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप 2023 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022 शुरू की है। इससे मध्यप्रदेश के मौजूदा ईकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के साथ ही जनता के बीच उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना का उद्देश्य स्टार्ट-अप रैंकिंग में राज्य को अग्रणी बनाना है। इसके लिये योजना में स्टार्ट-अप्स और इन्क्यूबेटर्स के लिए सिंगल विंडो एजेंसी स्थापित करते हुए एमपी स्टार्ट-अप सेंटर (एमपीएससी) स्थापित किया गया है। एमपीएससी स्टार्ट-अप्स को मेंटरशिप प्रदान करता है और मंजूरी पाने और पूंजी जुटाने में सहायता करता है। कोई भी स्टार्टअप सीधे उनसे मदद प्राप्त कर सकता है। एमपीएससी कई स्त्रोतों से मार्केट इंटेलीजेंस एकत्र कर ईकोसिस्टम प्लेयर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है। मार्केट इंटेलीजेंस का उपयोग सरकार की गतिविधियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए किया जाता है जो राज्य की आगामी नीतियों के लिये उपयोगी साबित होगा।
एमपीएससी ने 2022 में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एजेंसी ने 21 स्टार्ट-अप को 20 लाख रूपये और इससे अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस सहायता का उपयोग नए बाजारों में प्रवेश करने उत्पाद विकास व्यवसायों को बढ़ाने और कई अन्य मामलों के लिए किया जा रहा है। सहायता न केवल मौद्रिक शर्तों पर बल्कि कंपनी की मार्केटिंग एवं प्रमोशन के लिए भी प्रदान की जाती है। एमपीएससी ने उत्पादों/सेवाओं को बढ़ावा देने और नए ग्राहकों को खोजने के लिए कई स्टार्ट-अप को प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने की सुविधा प्रदान की है। एजेंसी स्टार्ट-अप नीति को समग्र रूप से लागू करने पर विचार कर रही है। एमपीएससी द्वारा युवा आबादी को शिक्षित करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दो दिवसीय बूट कैंप्स आयोजित करके क्षमता वृद्धि पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बूट कैंप में युवा वर्ग को अपनी उद्यमशीलता को साकार करने में सक्षम बनाने के लिए नवीनतम तकनीकी विषयों पर जानकारी दी जाएगी।
राज्य सरकार 5 भारतीय एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) में 10 करोड़ रुपये का निवेश करने की भी योजना बना रही है जो राज्य के स्टार्ट-अप में कई गुना निवेश करेगा। राज्य स्टार्ट-अप और इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करता है। स्टार्टअप्स को 60 लाख रूपये तक की सहायता दी जाती है। राज्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को अतिरिक्त सहायता भी प्रदान करता है। सामान्य प्रोत्साहनों के साथ ही शीर्ष पर उत्पाद आधारित स्टार्ट-अप्स के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
राज्य का दृष्टिकोण स्टार्ट-अप्स की आज की आवश्यकता के अनुरूप है। मध्यप्रदेश कुशल प्रतिभा बड़े आकार के घरेलू उपभोक्ता बाजार और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्टार्ट-अप्स के लिए एक विशेष अवसर के रूप में कार्य करता है।
इंदौर में 11 व 12 जनवरी 2023 को होने वाले इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दौरान एमपी स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा जिसमें सरकार की नीतियों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। निवेशकों वेंचर केपिटल फंड और मीडिया हाउस की उपस्थिति में ए स्टार्ट-अप्स जर्नी - सीड टू यूनिकॉर्न एंड बियॉन्ड विषय पर पैनल डिस्कशन होगा।
भाजपा ने हारी हुई 103 सीटों पर नए साल में तैयार किया नया एक्शन प्लान
1 Jan, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अपने-अपने स्तर पर जीत के दावे कर रही है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने हारी हुई 103 सीटों को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया है। मिशन 2023 को लेकर नए साल में नया प्लान बनाया गया है। जिससे उन सीटों पर जीत मिल सके।
दरअसल प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा नए साल में हारे हुए हर सीट का दौरा करेंगे। 103 विधानसभा में 6 महीने पहले चुनावी कैंपेनिंग शुरू होगी। 6 महीने पहले माइक्रो लेबल मैनेजमेंट शुरू हो जाएगा। ऐसे सीटों पर समन्वयक को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। हारी सीटों के बूथों पर युवाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। बता दें कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से अभी भारतीय जनता पार्टी के पास 127 विधायक है। कांग्रेस के पास 96 सीट निर्दलीय 4 बहुजन समाज पार्टी 2 और समाजवादी पार्टी के पास 1 सीट है। इस तरह चार पार्टी और निर्दलीय में सीट बटी हुई है। अब आगामी 2023 विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को कितना सीट मिलेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बूथ स्तर पर चलेगा संपर्क अभियान
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा ने हारी सीटों को लेकर माइक्रो लेवल पर काम करना तय किया है। इसके तहत इन सीटों पर अब प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का फोकस होगा। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष भी इन सीटों पर निचले स्तर तक नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक-एक कर जिलावार दौरा करेंगे। इसके लिए नए साल में ताबड़-तोड़ दौरे होंगे। भाजपा ने चुनाव की व्यूह रचना में वोट बैंक और एरिया आधारित लक्ष्य तय किया है। हारी 103 सीटों को लेकर विशेष तौर पर काम होगा। ये वे सीटें हैं जिन्हें भाजपा 2023 में फतह करने का लक्ष्य लेकर चलेगी। इसमें टिकट भितरघात या कम वोट से हारने वाली सीटों को लेकर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। मुरलीधर राव खुद एक-एक कर इन सभी सीटों पर जाएंगे। वीडी शर्मा अलग से इन सीटों को लेकर बूथ स्तर का संपर्क अभियान चलाएंगे। 6 माह के भीतर सीटें कवर कर ली जाएंगी। बाद में नेताओं के चुनावी कैम्पेन शुरू होंगे। वहीं जिन सीटों पर पिछली बार भाजपा चुनाव हार गई थी। इस बार वहां पर समन्वय को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी है। साथ ही भाजपा ने हारी सीटों पर बूथ स्तर पर युवाओं को प्राथमिकता से जोडऩा शुरू किया है। हर बूथ पर दो युवा जोड़े जाने हैं। उधर कांग्रेस की चुनौती कमजोर सीटों पर अधिक है। वर्ष 2018 के चुनाव- में कांग्रेस को 119 सीटें मिली थीं। उपचुनाव के बाद कांग्रेस की सीटें सिमटकर 96 हो गई। ऐसे में कांग्रेस की बड़ी चुनौती हारी हुई सीटों पर अधिक है। यहां जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है। सर्वे का सहारा लिया जा रहा है। दूसरी ओर 50 से अधिक सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस इन्हें पूरी तरह से सुरक्षित मान रही है। इनमें से 40 सीटों पर तो मौजूदा विधायकों से कहा दिया गया है कि वे वहां मैदान संभाल लें। शेष के मामले में निर्णय लेना है।
कार्यकर्ताओं को भी करेंग एक्टिव
भाजपा ने 103 सीटों को मजबूत करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए वरिष्ठ नेता पूर्व जिला अध्यक्ष क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले नेता पूर्व संगठन मंत्रियों और विधायकों को एक-एक सीट की जिम्मेदारी सौंपी है। इनका काम कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना और संगठन से दूर हुए कार्यकर्ताओं को एक्टिव करना है। हारी सीटों को भाजपा ने आकांक्षी नाम दिया है। इनको मजबूत करने के लिए प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीजेपी ने छह पूर्व संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ आशुतोष तिवारी जितेंद्र लिटोरिया केशव सिंह भदौरिया पूर्व प्रदेश पदाधिकारी विनोद गोटिया और विधायक राजेंद्र शुक्ला को शामिल किया है। कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों की सीटों पर भी नाराज कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मनाया जाएगा। पार्टी ने प्रभारियों को हर बूथ पर 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने को लेकर रणनीति बनाने को कहा है। साथ ही सुझाव भी मांगे हैं। प्रदेश की 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा के पास 127 कांग्रेस के पास 96 और अन्य के पास 7 सीटें है। भाजपा ने हारी 103 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा कांग्रेस विधायकों की सीटों पर अभी से जनता की नाराजगी का फायदा उठाने में जुट गई है।
औद्योगिक केन्द्र क़े रूप में नई पहचान बना रहा है मंडीदीप
1 Jan, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। उपलब्धियों और नवाचारों का एक वर्ष किसी भी प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये आधारभूत अवसंरचना महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश में आधारभूत अवसंरचना को सुविधाजनक बनाने के लिये केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार ने कई पहल की हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने बीते कुछ समय में आधारभूत अवसंरचना निर्माण की दिशा में विशेष ध्यान दिया है जिसके चलते मध्यप्रदेश निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। बीते डेढ़ दशक में जहाँ एक ओर प्रदेश में सड़क बिजली पानी की बेहतर सुविधाएँ विकसित की गई हैं वहीं दूसरी ओर निवेशकों की सुविधा के लिये सिंगल-विंडों प्रणाली जैसे अनेक नवाचार भी किये गये हैं। परिणाम में प्रदेश में औद्योगिक निवेश के मौके बढ़े हैं।
- सड़कों ने खोला विकास का नया द्वार
सड़कें किसी भी देश प्रदेश के विकास की धुरी होती हैं। मध्यप्रदेश ने एक समय वह दौर भी देखा है जब सड़क में गड्डे हैं या गड्डे में सड़क इसका पता नहीं चलता था। उस समय प्रदेश की बदहाल सड़कें औद्योगीकरण के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। ख़राब सडकों ने विकास निवेश और रोजगार की तमाम संभावनाओं पर ग्रहण लगा दिया था। मध्यप्रदेश ने वह दौर भी देखा जब अघोषित बिजली की कटौती से प्रदेश की जनता का जीना दूभर हो गया था। तब बिजली कटौती की वजह से उद्योगों को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आज प्रदेश की स्थिति बदल चुकी है। मध्यप्रदेश में बीते कुछ दशकों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों के चलते उद्योगों की स्थिति आज बेहतर हो गई है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन कर उभरा है।
- उद्योगों के लिये अनुकूल वातावरण
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में उद्योग काफी हद तक प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं। यहाँ चूना- पत्थर कोयला तिलहन दालें बॉक्साइट लौह अयस्क हीरा तांबा मैंगनीज अयस्क रॉक फॉस्फेट सिलिका सोया कपास सहित अन्य प्राकृतिक संपदा प्रचुर मात्रा में हैं। राज्य में कपड़ा सीमेंट इस्पात खाद्य प्र-संस्करण ऑटोमोबाइल ऑटो कम्पोनेंट फार्मा और ऑप्टिकल फाइबर जैसे क्षेत्रों के लिए एक मजबूत औद्योगिक नींव बनी हुई है। वर्ष 1980 के दशक में कई परिवर्तनों ने औद्योगिक विकास में मदद की। इस क्षेत्र में उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का गठन किया गया। वर्ष 1983 में मंडीदीप में सिर्फ 49 औद्योगिक इकाइयाँ थी अब मंडीदीप में ही करीब 650 औद्योगिक प्लांट हैं। इन पर 450 फैक्ट्रियाँ संचालित हो रही हैं। निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने अपनी सरल नीतियों से लगातार कारोबारी माहौल में सुधार किया है।
राज्य शासन की उद्योग सवंर्धन नीति में औद्योगिक इकाइयों को जहाँ अनुकूल सुविधाएँ देने का निर्णय हुआ वहीँ औद्योगिक इकाइयों में प्रदेश के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता के साथ रोजगार दिया जा रहा है। प्रदेश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने से वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता लगातार दिये जाने संबंधी प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। अधिक से अधिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी भी लागू की है। इससे औद्योगिक विकास दर में भी इजाफा हुआ है। राज्य सरकार छोटे उद्योगों के लिए भी सस्ती दरों पर जमीन देने के साथ सब्सिडी देने का काम भी कर रही है।
- औद्योगिक इकाइयों का बड़ा हब बना मंडीदीप
भोपाल से सटा हुआ मंडीदीप आज औद्योगिक इकाइयों के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है। यहाँ ल्यूपिन प्रॉक्टर एन्ड गेम्बल दावत फूड्स वर्धमान टेक्सटाइल्स एचईजी लिमिटेड जैसी कंपनियों की मौजूदगी है जो हर साल करोड़ों रूपये के उत्पादों का निर्यात कर रही है। इसमें 400 फैक्ट्री एमएसएमई कैटेगरी की हैं। इस क्षेत्र में औद्योगिक निवेश की तमाम योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होने से निवेशक यहाँ उद्योग लगाने में अपनी रूचि दिखा रहे हैं।
- एचईजी लिमिटेड औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग
मध्यप्रदेश के मंडीदीप में 70 के दशक में औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग एचईजी था। स्टील प्लांट्स के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाने वाली एचईजी के ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग आज दुनिया भर में है । ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उन इस्पात उत्पादकों के लिए एक कच्चा माल है जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेंस प्रक्रिया के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेंस रूट (ईएएफ) का इस्तेमाल करते हैं। मंडीदीप प्लांट से अमरीका यूरोप और अफ्रीकी देशों में इसकी सप्लाई की जा रही है। प्लांट से 1800 लोगों को रोजगार मिल रहा है। मंडीदीप एचईजी के पास 76.5 मेगावाट (दो थर्मल पावर प्लांट और एक हाइड्रोपावर प्लांट) की क्षमता वाले ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड के उत्पादन का कारखाना भी है।
एचईजी लिमिटेड मंडीदीप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला का कहना है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये बेहतरीन माहौल है। राज्य सरकार की औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए उपयुक्त राज्य है। उनकी कंपनी की इकाई ग्रेफाईट एनोड के विनिर्माण के लिए प्रदेश में 2 हजार करोड़ रूपए का निवेश करेगी। यह निवेश देवास जिले के ग्राम सिरसौदा में किया जाएगा जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन होगी। एक जनवरी 2025 तक प्रथम चरण का उत्पादन शुरू होगा और एक जनवरी 2028 तक परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में कंपनी द्वारा ग्रेफाइट विनिर्माण के लिए औद्यागिक क्षेत्र मंडीदीप स्थित इकाई परिसर में 1200 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश से किए जा रहे विस्तारीकरण के बाद यह इकाई ग्रेफाइट उत्पादन के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
- वर्धमान टेक्सटाईल
वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड टेक्सटाइल क्षेत्र में सत्तर के दशक से भारत में काम कर रही है। मध्यप्रदेश में 1991 में इसका प्लांट मंडीदीप में स्थापित हुआ। वर्तमान में 180 एकड़ और 50 एकड़ में यहाँ कंपनी के दो प्लांट काम कर रहे हैं जिनमें 15 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है। इनमें 4500 महिलाएँ भी शामिल हैं। प्रदेश के हर कोने से यहाँ के प्लांट में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है।
- फार्मा सेक्टर में अग्रणी ल्यूपिन
भारतीय फार्मा उद्योग मात्रा के आधार पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। विकासशील देशों के लिए दवाओं की लागत कम करने में भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई है। मंडीदीप स्थित ल्यूपिन कंपनी फार्मा और मेडिकल सेक्टर की कई वस्तुओं का उत्पादन कर रही है और विदेशों में बड़ी मात्रा में अपनी एंटीबायोटिक दवाओं का निर्यात कर रही है। कम्पनी के माध्यम से प्रदेश में फार्मा और मेडिकल सेक्टर में रोजगार के नए अवसर बने हैं। भारत अपने फार्मा सेक्टर में कच्चे माल के रूप में उपयोग में आने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रीडियेंट (एपीआई) का बड़ा हिस्सा चीन से आयात करता है। इसलिए अब कंपनी आत्म-निर्भर भारत अभियान में एपीआई के घरेलू मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ी है।
- बासमती को बढ़ावा दे रहा है दावत फूड्स लिमिटेड
मध्यप्रदेश के बासमती चावल की महक विदेशों में महसूस की जा रही है। बढ़ती मांग और कम लागत में ज्यादा लाभ देकर बासमती यहाँ के किसानों को भी समृद्ध बना रहा है। मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में दावत फूड्स जैसी बड़ी कंपनियों के प्लांट संचालित हो रहे हैं। कम्पनी के प्रबंध निदेशक राजेंद्र वाधवा का कहना है कि मध्यप्रदेश का बासमती सभी मापदंडों पर खरा उतर रहा है इसलिए अन्य प्रदेशों के निर्यातक यहाँ से धान ले जाकर अपने टैग पर निर्यात करते हैं। देश के कुल बासमती निर्यात में मध्यप्रदेश की भागीदारी करीब 25 प्रतिशत है। पहले बासमती का जीआई टैग नहीं होने से उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलता था। अब मध्यप्रदेश को बासमती धान उत्पादक राज्य का जीआई टैग मिलने के बाद यहाँ के किसान बाजार में मध्यप्रदेश का बासमती चावल नाम से अपने उत्पाद को बेच सकेंगे।
- अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गेंबल द्वारा एफएमसीजी का उत्पादन
अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गेंबल कंपनी मंडीदीप में रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएँ बनाने का काम कर रही है। कंपनी के उत्पादों में एरियल टाइड जिलेट ओरल बी जैसे उत्पाद शामिल हैं। घर में साफ-सफाई रखने से लेकर पर्सनल केयर तक के प्रोडक्ट्स का निर्माण भी यहाँ के विभिन्न संयंत्रों में किया जा रहा है। यहाँ प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे को एकत्र कर उसका प्र-संस्करण और पुनर्चक्रण किया जाता है। कंपनी की यहाँ सौर संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है।
- निवेशकों के हितों का रखा जा रहा है पूरा ध्यान
अपने संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाने में कुल मिलाकर आगे है। निवेश के अनुकूल वातावरण बनने के चलते यहाँ देशी और विदेशी कम्पनियाँ अपना व्यवसाय बढ़ा रही हैं। मध्यप्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहाँ बहुत कम समय में निवेश की बेहतरीन संभावनाएँ बनी हैं। निवेशकों को बेहतरीन सुविधाएँ देने की नीति के मामले में भी मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। निवेशकों के हितों का पूरा ध्यान रखने से जहाँ प्रदेश में निवेश के मौके बढ़ रहे हैं वहीँ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।
मध्यप्रदेश में करदाताओं की सुविधाओं को समर्पित रहा वर्ष 2022
1 Jan, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। वित्तीय प्रबंधन राजस्व संग्रहण और करदाताओं की सुविधाएँ बढ़ाने और रिटर्न फाइलिंग में मध्यप्रदेश के लिए वर्ष 2022 उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा वर्ष रहा। मध्यप्रदेश देश के प्रथम 5 राज्यों में शामिल है।
प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त राजस्व 32 हजार 764 करोड़ रूपये की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 38 हजार 963 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह नवम्बर तक 28 हजार 582 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जो गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह नवम्बर तक प्राप्त राजस्व 24 हजार 100 करोड़ रूपये से 19 प्रतिशत अधिक है।
करदाताओं की सुविधाएँ
करदाताओं के लिये वर्ष 2022 सुविधाओं का वर्ष साबित हुआ। राज्य शासन ने करदाताओं को भरपूर सुविधाएँ दी। उनके लिये जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम-2002 में पंजीयन के लिये प्राप्त होने वाले ऑनलाईन आवेदनों को एक कार्य दिवस में डीम्ड रजिस्ट्रेशन प्रदाय कर दिया गया है। करदाताओं के लिये 10 करोड से अधिक कर योग्य वस्तुओं का व्यापार करने पर वेट ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रावधान समाप्त कर आयकर अधिनियम में प्रस्तुत की जाने वाली ऑडिट रिपोर्ट को ही मान्यता दी गई है। आपराधिक अभियोग प्रक्रिया का प्रावधान विलोपित कर दिया गया है।
माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने प्रक्रिया को आसान बनाने और अनावश्यक दस्तावेजों को प्राप्त नहीं करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों एवं व्यवसाइयों की सुविधा के लिए मानक प्रक्रिया जारी की गई। व्यवसाइयों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विवरण-पत्रों की स्क्रूटनी प्रक्रिया में एकरूपता के लिए भी मानक प्रक्रिया बनाई गई है।
वर्ष 2022 में टैक्स बेस बढ़ाने के प्रयासों को सफलता मिली। बड़ी संख्या में नवीन व्यवसायी पंजीयत हुए और निरंतर हो रहे हैं। उनके लिये हेल्प डेस्क बनाई गई। नवीन करदाताओं की सुविधा के लिये ‘वेलकम किट’ जारी की गई। करदाताओं को प्रोत्साहित करते हुए राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
ऑनलाइन सुविधाएँ
जीएसटीएन पोर्टल से व्यवसाइयों द्वारा पंजीयन लेने रिटर्न प्रस्तुत करने कर भुगतान करने ई इन्वाइस जारी करने ई-वे बिल डाउनलोड करने आदि समस्त कार्य ऑनलाईन जीएसटीएन पोर्टल एवं एनआईसी पोर्टल से करने की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
विभागीय पोर्टल से नॉन जीएसटी व्यवसाइयों को पंजीयन लेने रिटर्न प्रस्तुत करने एवं कर का भुगतान करने आदि सुविधा ऑनलाईन उपलब्ध है। जीएसटी कॉर्नर में जीएसटी एक्ट अपडेटेड नोटिफिकेशन सर्कुलर्स इत्यादि उपलब्ध है। मुख्यालय एवं प्रत्येक वृत्त कार्यालय में स्थापित विभागीय हेल्प-डेस्क एवं पदस्थ विभागीय अधिकारियों की जानकारी उपलब्ध है।
- टैक्स बेस में वृद्धि
टैक्स बेस का दायरा बढाए जाने के लिये चलाये गए अभियान के फलस्वरूप माह जनवरी-21 से नवम्बर-21 में 62 हजार 124 पंजीयन की तुलना में जनवरी-22 से नवम्बर-22 में 76 हजार 92 नवीन पंजीयन हुए हैं जो तुलनात्मक रूप से 22.50 प्रतिशत अधिक है।
सेवा क्षेत्र में 22 प्रमुख सेवाओं को चिन्हित कर 2180 अपंजीयत सप्लायर्स का पंजीयन कराया गया है। टैक्स बेस में वृद्धि हेतु विशेष अभियान चला कर 11 हजार 356 नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों को TDS के अंतर्गत पंजीयत कराया गया है।
- अतिरिक्त राजस्व
वर्ष 2022 में प्रदेश के जीएसटी राजस्व में वृद्धि के प्रयासों को भी गति मिली। डेटा एनालिटिक्स कार्य के लिए विभाग में डेटा कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर (DC3) कक्ष की स्थापना की गई। स्क्रूटनी अभियान में 3127 प्रकरणों में से 2022 प्रकरणों पर कार्यवाही पूर्ण कर 242 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त किया गया।
फर्जी बिलों की रोकथाम के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर चयनित 6277 संदिग्ध करदाताओं के भौतिक सत्यापन अभियान में बोगस पाए गए 332 व्यवसाइयों का पंजीयन निरस्त किया गया। डेटा एनालिसिस के आधार पर इस वित्तीय वर्ष के माह अक्टूबर-22 तक 769 प्रकरणों में कार्यवाही कर 196 करोड़ 62 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त किया गया।
शासकीय विभागों में किये गए माल एवं सेवाओं की सप्लाई की जानकारी प्राप्त की जाकर अपंजीकृत सप्लायर्स का पंजीयन एवं पंजीयत सप्लायर्स की करदेयता का विश्लेषण किया जा रहा है। शासकीय विभागों द्वारा प्रशासित अधिनियमों में लिए जा रहे पंजीयन/लाइसेंस धारकों की जानकारी प्राप्त कर इन व्यवसाइयों द्वारा GST रिटर्न में दिखाये जा रहे टर्नओवर का सतत विश्लेषण भी किया जा रहा है।
सभी वर्गों के उत्थान के साथ आगे बढ़ रहा है मध्यप्रदेश
1 Jan, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। भारत की एकमात्र नदी नर्मदा मैया है जिसकी परिक्रमा की जाती है। इसके प्रति श्रद्धा आस्था और जन- विश्वास हम देखते हैं। इसी नर्मदा मैया के किनारे स्थित जैत ग्राम में जन्में शिवराज सिंह चौहान किशोरावस्था से नेतृत्व क्षमता के धनी रहे। उन्होंने श्रमिकों को ढाई पाई मजदूरी दिलवाने के लिए संघर्ष किया। अपने सगे चाचा के क्रोध का शिकार भी हुए लेकिन कर्त्तव्य पथ से विचलित नहीं हुए। विद्यार्थी परिषद भारतीय जनता युवा मोर्चा और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी संगठन को अमूल्य सेवाएँ देते हुए आपने विधायक सांसद और मुख्यमंत्री पद की सभी पारियाँ शानदार तरीके से खेली हैं।
वर्ष 2022 बीत रहा है। वर्ष 2023 के आगमन की इस बेला में हम पिछली उपलब्धियों पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री चौहान के सभी कार्य-काल अनूठे पाएंगे। चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह उन्होंने कोरोना महामारी की चुनौती का पूरी नेतृत्व क्षमता के साथ मुकाबला किया वह बेमिसाल है। चाहे विद्यार्थी हो अथवा किसान जनजातीय वर्ग के भाई हो या श्रमिक उनके खातों में वे योजनाओं की राशि पहुँचाते रहे। जब-जब लॉक डाउन की स्थिति आई आम जनता से जुड़ाव बनाए रखा। उन्होंने प्रदेश के जिले ग्राम शहरों की खोज-खबर ली। शिवराज जी ने मोहल्लों के नाम भी याद कर लिए थे। जहाँ ज्यादा संक्रमण होता वहाँ विशेष नजर रखते सभी जरूरी प्रबंध करवाते।
अंततः कोरोना नियंत्रित हुआ। मध्यप्रदेश में अधिक नुकसान नहीं होने दिया गया। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बखूबी कमान संभाली। अब आने वाला वर्ष विकास की चुनौतियाँ लेकर आया है। जहाँ मध्यप्रदेश देश में धार्मिक आध्यात्मिक पर्यटन का नया केंद्र बन रहा है वहीं उद्योगों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसका सीधा लाभ अर्थ-व्यवस्था को मिलेगा। बेरोजगारी कम होगी। हर हाथ को काम चाहिए लेकिन सरकारी क्षेत्र से इसकी पूर्ति पूरी तरह संभव नहीं। प्रदेश में जहाँ एक लाख से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती की जा रही है वहीं नई औद्योगिक इकाइयाँ योग्य युवाओं को सेवा का अवसर देने का कार्य करेंगी।
मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। स्वच्छता सुशासन और स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के कार्य में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। सांख्यिकी आयोग बनाने वाले चंद राज्यों में मध्यप्रदेश न सिर्फ शामिल है बल्कि इस क्षेत्र में नेतृत्व कर्ता भी बना है। आंकड़ों के उपयोग से योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में मदद मिलती है। मध्यप्रदेश सरकार ने आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने में अधिक से अधिक योगदान देने का निश्चय किया है। जिस तरह शिवराज जी कार्य कर रहे हैं वे अन्य प्रांतों के लिए आदर्श के रूप में उभर कर आए हैं। मध्यप्रदेश में कृषि शिक्षा सिंचाई पेयजल सड़क परिवहन विद्युत प्रदाय के हालात बहुत अच्छे हुए हैं। आम जनता को नागरिक सेवाएँ मिल रही हैं। इसलिए मध्यप्रदेश सबका दिल जीत रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि प्रदेश को एक या दो नहीं अनेक क्षेत्रों में अग्रणी बनाना है। विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करके मध्यप्रदेश आदर्श राज्य बने। मुख्यमंत्री चौहान ने इसलिए यह निर्णय लिया है कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में सीएम फैलो संबद्ध किए जायें। सुशासन के क्षेत्र में प्रशिक्षण गतिविधियों को सुव्यवस्थित रुप से संचालित करने के लिए मिशन कर्मयोगी योजना भारत सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री चौहान का संकल्प है कि म.प्र. इसके क्रियान्वयन में आगे रहेगा। इसी तरह जिलों में प्रभारी मंत्रियों के साथ अब रिसर्चर संलग्न करने पर विचार किया जा रहा है। प्रदेश में हाल ही में विज्ञान नीति घोषित हुई है और युवा नीति भी नव वर्ष 2023 के पहले महीने में ही घोषित हो रही है। इसके पश्चात नई सहकारिता नीति भी लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान का विश्वास है कि बेहतर समन्वय और सम्पर्क से मंत्री और अधिकारी मिलकर योजनाओं के अधिक अच्छे परिणाम लाएंगे। आजादी के अमृत काल में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए वैसे काफी प्रयास हुए हैं। आम जनता को योजनाओं के क्रियान्वयन का बेहतर लाभ दिलवाने के लिए सुशासन के अनेक उपाय मध्यप्रदेश में अमल में लाए गए हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार भारत सरकार के केपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के साथ करारनामा भी करेगी। इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम पर फोकस किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासकीय क्षेत्र में मानव संसाधन का आकलन कर उनकी कार्यदक्षता बढ़ाने के लिए कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री चौहान प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप जनजातीय वर्ग को सशक्त बनाना चाहते हैं। उन्होंने इसका दृढ़ संकल्प 15 नवंबर 2021 को भोपाल के जंबूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से अभिव्यक्त किया। इस सिलसिले में प्रदेश में लागू किये गये पेसा अधिनियम से मध्यप्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों को जंगल जमीन और जल पर अधिकार और उनकी संस्कृति और परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाये रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
आने वाले वर्ष में फ्लोटिंग सोलर प्लांट के माध्यम से ओंकारेश्वर में बांध के ऊपर सोलर पैनल बिछा कर सौर ऊर्जा उत्पन्न की जायेगी। इससे जमीन भी बचेगी और पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा। प्रदेश के 53 हजार किसान प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक हुए हैं। यह क्रांतिकारी कदम है। सीएम राइज विद्यालय एक अनूठा प्रयत्न है। शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार आ रहा है। हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया गया है। मध्यप्रदेश अनेक क्षेत्रों में अभिनव कार्य कर बेहतर परिणाम सामने लाएगा।
मध्यप्रदेश में विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए अनेक पंचायतें मुख्यमंत्री निवास में संपन्न हुई हैं। यह क्रम अभी भी जारी है। बीते वर्ष मछुआरों और किसानों के लिए विचार विमर्श के सत्र हुए। पंचायतों और वैचारिक सत्रों के पश्चात विभिन्न वर्गों के कल्याण के फैसले लिए जाते रहे हैं। युवाओं के लिए रविंद्र भवन में यूथ पंचायत की गई। इस कार्यक्रम का ही परिणाम नई युवा नीति के रूप में सामने आएगा। युवाओं के विचारों के आधार पर नीति का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान मध्यप्रदेश को नई पहचान देने में सफल हुए हैं लेकिन वे उस पथ के राही हैं जो बिना थके अपने प्रयासों को जारी रखता है एक जिद और जुनून के साथ विकास के नए-नए आयामों को स्पर्श करना चाहता है।
दादाजी धाम मंदिर मे विश्व जन कल्याण के लिए रुद्राभिषेक आज
1 Jan, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। दादाजी धाम मंदिर रायसेन रोड पटेल नगर भोपाल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 जनवरी 2023 आज रविवार को दोपहर 12:00 बजे से विश्व जनकल्याण में अमन शांति के लिए एवं सभी की मनोकामना पूर्ति के उद्देश्य भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाऐगा। श्री श्री 1008 श्री दादाजी गुरुदेव चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरतन नामदेव ने बताया कि अभिषेक पूजन के बाद मे 108 श्रीफल द्वारा हवन किया जाएगाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण उपस्थित होंगे एवं आप सभी लोग भी उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।