मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
प्रियंका गांधी और कमलनाथ आज दमोह में जनसभा को संबोधित करेंगे
28 Oct, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को दमोह में कांग्रेस की विषाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
प्रदेष कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने बताया कि कमलनाथ शनिवार, 28 अक्टूबर, 2023 को विषेष विमान से पूर्वान्ह 10.30 बजे जबलपुर पहुंचेंगे। वहीं अभा कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी भी दिल्ली से विशेष विमान से जबलपुर पहुंचेंगी। नेताद्वय पूर्वान्ह 10.50 बजे हेलीकाप्टर द्वारा जबलपुर से प्रथान कर पूर्वान्ह 11.20 बजे दमोह पहुंचेंगे और वहां पूर्वान्ह 11.45 बजे कांग्रेस द्वारा आयोजित विषाल जनसभा को संबोधित करेंगे। श्रीमती गांधी एवं कमलनाथ दोपहर 1.15 बजे हेलीकॉप्टर से दमोह से रवाना होकर दोपहर 1.30 बजे जबलपुर पहुंचेंगे। श्रीमती गांधी दोपहर 1.40 बजे जबलपुर से विषेष विमान से दिल्ली के लिए और कमलनाथ छिंदवाड़ा के लिए रवाना हो जायेंगे।
सावधान ! कांग्रेस के फेक न्यूज अभियान से
28 Oct, 2023 08:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस किसी भी सूरत में जीत हासिल करना चाहती है। अब क्योंकि जमाना डिजिटल का है, इसलिए इस प्लेटफार्म पर कांग्रेस अनर्गल आरोप और एआई तकनीक से तस्वीरों में छेड़छाड़ कर भाजपा को नुकसान पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि कांग्रेस के वार रूम का खुलासा होते पार्टी के वरिष्ठ नेता कई तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस वार रूम से कांग्रेस ने सबसे पहले फेक कैंपेन चलाने का अभियान शुरू किया, जिसकी पोल खुलते ही कांग्रेस की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
कांग्रेस पार्टी की आईटी सेल की टीम चुनाव पर दिन रात काम कर रही है, लेकिन इसमें भाजपा को क्षति पहुंचाने के लिए एआई का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। एआई तकनीक से तस्वीरों और बयानों को इस तरह बदला जा सकता है, जिससे वह सच लगते हैं। कांग्रेस के इस वॉर रूम में कांग्रेस के वोट बैंक को बढ़ाने की जगह भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए अधिक काम किया जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस के ऐसे ही एक फेक कैंपेन का खुलासा हुआ। भाजपा की फैक्ट चेक टीम भी सोशल मीडिया की हर पोस्ट पर कड़ी नजर बनाए हुए है, भाजपा की आईटी सेल के मुकाबले कांग्रेस ने वार रूम तो बनाया लेकिन दिशाहीन वॉर रूम का वार अब कांग्रेस पर ही उल्टा पड़ गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने वार रूम में अप्रशिक्षित सोशल मीडिया प्रबंधन को रखा है जो सकारात्मक की जगह नकारात्मक पब्लिसिटी पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस के वार रूम का खुलासा होते ही पार्टी के अंदर ही शीत युद्ध शुरू हो गया है।
कुछ दिन पहले ही एक गलत सर्वे को लेकर कांग्रेस ने अपना बढ़त बताया था। दरअसल, मप्र कांग्रेस के नेताओं ने जिस ओपिनियन पोल को ट्वीट कर इस वर्ष का चुनावी सर्वे बताकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने की बात कह रहे हैं, वह सर्वे बहुत पुराना बताया जा रहा है। समाचार चैनल के प्रबंधन ने भी ट्वीटकर स्पष्ट कर दिया कि उनके पुराने ओपिनियन पोल से छेड़छाड़ कर इसे सोशल मडिया में ट्वीट किया । वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस तरह का न तो कोई चुनावी सर्वे किया है और न ही ओपिनियन पोल जारी किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया ।
कांग्रेस सरकार बनते ही कन्या विवाह की सहायता राशि 1 लाख 1 हजार रू. दी जायेगी: कमलनाथ
28 Oct, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश में एक महीने बाद प्रचण्ड बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस सरकार बनते ही गेहूं का समर्थन मूल्य 2600 रू. और धान का समर्थन मूल्य 2500 रू. प्रति क्विंटल कर दिया जायेगा। बाद में इसे बढ़ाकर 3000 रू क्विंटल तक किया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश में 2 लाख सरकारी नौंकरियों पर भर्ती की जायेगी और बैकलॉग के पद भरे जायेंगें। प्रदेश की बेटियों के विवाह के लिए कन्या विवाह सहायता राशि बढ़ाकर 1 लाख 1000 रू. दी जायेगी। प्रदेश के नौजवानों के सपने साकार करने के लिए मध्यप्रदेश की अपनी आईपीएल टीम बनाने की पहल की जायेगी। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ पूरी तरह मुफ्त करने का काम किया जायेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी विधानसभा के ब्लाक शाहपुर में जनसभा को संबोधित करते हुये उक्त बातें कहीं।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवार राहुल मेरे प्रतिनिधि के रूप में आप सब के बीच में है, मुझे आप सभी के बीच में आकर बहुत खुशी है क्योंकि आप सभी मेरे पड़ोसी जिले से हैं। लेकिन जब मैं पूरे प्रदेश की बात करता हूं तो मुझे दुख भी होता है कि सत्ता के नशे में भाजपा के लोगों ने आज प्रदेश की क्या तस्वीर बना दी है। कैसे प्रदेश में हर व्यवस्था चौपट हो चुकी है।
कमलनाथ ने कहा कि आज पूरे प्रदेश की तस्वीर आपके सामने है, आज प्रदेश में चौपट कृषि व्यवस्था, चौपट शिक्षा व्यवस्था, चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था, चौपट उद्योग धंधे, चौपट अर्थव्यवस्था और चौपट सुरक्षा व्यवस्था है। आज पूरे देश में सबसे ज्यादा आदिवासियों पर अत्याचार मध्य प्रदेश में हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। मंच से जो युवा साथी दिख रहे हैं और मुझे इन युवाओं को देखकर बड़ी चिंता होती है क्योंकि यही युवा मध्य प्रदेश के भविष्य का निर्माण करेंगे, लेकिन अगर इन सभी युवाओं का भविष्य ही अंधकार में रहा तो किस तरह से मध्य प्रदेश के भविष्य का निर्माण होगा। कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए युवाओं के लिए मैं चिंतित रहता हूं, क्योंकि मुझे पता है कि जब कृषि क्षेत्र में इन्हें मुनाफा होगा तभी यह अच्छे कपड़े पहन पाएंगे, अच्छी शिक्षा ले पाएंगे, अच्छा खान-पान और अच्छा जीवन जी पाएंगे। लेकिन आज प्रदेश में कृषि क्षेत्र की क्या स्थिति है। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है, किसान आज अपने बीज और खाद के लिए भटक रहा है।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को प्रदेश में चुनाव है, लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि यह कैसा चुनाव है? यह चुनाव केवल किसी एक उम्मीदवार या पार्टी का चुनाव नहीं है यह पूरे मध्य प्रदेश और बैतूल जिले के भविष्य को तय करने वाला चुनाव है। इसलिए मैं आपको बताना चाहता हूं कि 17 तारीख को जो आप बटन दबाएंगे वह बटन केवल एक मशीन का बटन नहीं होगा वह बटन मध्य प्रदेश के भविष्य का बटन है। मुझे पूरा विश्वास है कि यहां के कांग्रेस प्रत्याशी राहुल के लिए आप यह बटन दबाएंगे।
कमलनाथ ने कहा कि 2018 में हमारी सरकार आई थी, जो कि 15 महीने रही और हमने अपनी नीति और नियत का परिचय दिया था, जिसमें हमने एक नई शुरुआत की थी। हमने बैतूल जिले में 85000 किसानों का पहली किस्त में कर्ज माफ किया था। आपको खाद और बीच के लिए न भटकना पड़े इसके लिए हम लगातार काम कर रहे थे, हमने 100 यूनिट बिजली फ्री देने का काम किया था, 1000 गौशाला बनाने का काम किया था, गरीब कल्याण के लिए पेंशन बढ़ाने का काम किया था और आज मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि यह सब करके क्या मैं कोई गलती की थी? लेकिन भारतीय जनता पार्टी को मेरे यह काम रास नहीं आए और खरीद-फरोख्त करके सरकार को गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की पूरी तस्वीर आपके सामने साफ है, भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है। आप या तो भ्रष्टाचार के शिकार है या गवाह है। आज प्रदेश में ‘पैसे दो और काम लो’ व्यवस्था बन चुकी है। आज प्रदेश में 50 एकड़ जमीन अगर आपके पास है तो आप पैसा देकर अपना नाम गरीबी रेखा के नीचे लिखवा सकते है।
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह ने अपनी सरकार का रेट फिक्स कर रखा है 50 प्रतिशत कमीशन दो और काम ले जाओ। शिवराज सिंह चौहान ने 18 सालों में प्रदेश को महंगाई दी, बेरोजगारी दी, माफिया राज दिया है और घर घर तक शराब देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की तरक्की पर, मध्य प्रदेश के भविष्य पर ताला लगा के रखा हुआ है। किसानों की आमदनी पर ताला लगा रखा है, युवाओं के रोजगार पर ताला लगा रखा है, स्कूल के बच्चों की यूनिफार्म और किताबों पर भी ताला लगा रखा है।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी भाइयों के लिए पेसा कानून लाने का काम किया और शिवराज सिंह चौहान ने 18 साल बाद उसे लागू किया। हमने पैसा कानून में ऐसे नियम बनाए थे कि आदिवासियों का जीवन सुरक्षित हो लेकिन इन्होंने इस कानून में भी घोटाला करना शुरू कर दिया है। मैं इस मंच के माध्यम से आपसे कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार आएगी तो हम कानून को लागू करने का काम करेंगे और आदिवासियों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए भी काम करेंगे। हमारी सरकार बनते ही हम रोजगार के लिए, किसानों के हित के लिए काम करेंगे।
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार के अत्याचार का समय अब समाप्त होने वाला है। शिवराज सिंह चौहान को किसानों की खराब फसल नहीं दिखती और पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर बेवजह की घोषणाएं करते रहते हैं। शिवराज सिंह ने 22000 घोषणाएं की हैं जो कि पूरी तरह से झूठी साबित हो चुकी है। आज ज़ब उन्हें अपनी सरकार जाती हुई दिख रही है तो इन्हें बहनें याद आने लगी, इन्हें कर्मचारी याद आने लगे। यह चाहते है कि किसी भी तरह का प्रलोभन देकर गुमराह करके जनता को बेबकूफ बनाया जाए, इसलिए ये लगातार घोषणा करते जा रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि बैतूल के पुनर्वास क्षेत्र में आदिवासियों और बंगाली समुदाय के लोगों के लिए पट्टे देने का काम हम करेंगे, हमारा लक्ष्य है कि हम किसानों को मजबूती दें और उनके लिए प्राथमिकता से काम करें।
कमलनाथ ने कहा कि अंत में बस मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि आप प्रदेश की तस्वीर सामने रख लीजिएगा और केवल सच्चाई का साथ दीजिएगा मुझे पूरा विश्वास है कि आप सच्चाई का साथ देंगे और 17 तारीख को होने वाले मतदान में कांग्रेस को भारी बहुमत से विजयी बनाने का काम करेंगे।
फर्श का दर्द जानती हैं, इसलिए अर्श पर भी सिर नीचे की तरफ
27 Oct, 2023 09:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ललिता यादव ने किया है संघर्ष, सेवा को बनाया है अपना ध्येय
पैराशूट से उतरकर या वंशवाद से निकलकर उन्होंने अपनी जगह नहीं बनाई, जनसेवा का रास्ता अपनाकर खुद की जमीन तलाश की और खुद को साबित किया। स्थानीय स्तर की सियासत से लेकर प्रदेश के मंत्री पद पर रहते हुए भी ललिता यादव ने अपने काम, व्यवहार और लोगों के लिए समर्पण को हमेशा जिंदा रखा। उनकी इन्हीं भावनाओं और जन के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे ने उन्हें एक बार फिर चुनाव मैदान दिया है। उम्मीद, भरोसे और आत्मविश्वास ने उन्हें फिर विजय पताका लहराने की हिम्मत दी है।
ललिता यादव अपने सियासी कार्यकाल में स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर की कई जिम्मेदारियों को पूरा करने में खुद को साबित कर चुकी हैं। भाजपा महिला मोर्चा, नगर परिषद अध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास प्राधिकारण जैसी संस्थाओं से कदम बढाते हुए ललिता यादव ने वर्ष 2008 के चुनाव में लंबी छलांग लगाई और छतरपुर विधानसभा से विजय पताका लहराई। इसके साथ ही उन्हें भाजपा सरकार ने कई विभागों की बड़ी जिम्मेदारियां देतेहुए मंत्री पद से भी नवाजा। वे संभवतः पहली महिला थीं, जिन्हें पहली बार के चुनाव के साथ ही मंत्री पद दिया गया था।
फिर मिला मैदान
भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में ललिता यादव पर फिर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक आलोक चतुर्वेदी से होने वाला है। लेकिन आलोक के लचर कार्यकाल और ललिता के मजबूत इरादों के बीच इस मुकाबले को एक तरफा माना जा रहा है। ललिता अपने साथ विकास के बड़े इरादे और क्षेत्र की जनता के लिए सदैव समर्पण के मजबूत वादे लेकर मौजूद हैं। जिसका नतीजा उनके हिस्से बड़ी जीत आने की संभावनाएं प्रबल बनी दिखाई देने लगी हैं। क्षेत्रीय मतदाताओं का कहना है कि काठ की हंडी को एक बार उबाल मिल सकता है, लेकिन वे दोबारा किसी बहलावे, फुसलावे या कांग्रेस की दोगलाई के शिकार होने को राजी नहीं हैं।
किया सभी वर्गों का विकास
ललिला यादव ने अपने मंत्रित्व काल में अल्पसंख्यक कल्याण, पिछडा वर्ग, घुमक्कड जाति समेत कई वर्गों केविकास और सुविधाओं के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। उनका अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में रहना आज भी मप्र वक्फ बोर्ड, मप्र राज्य हज कमेटी, मसाजिद कमेटी आदि में कई बेहतर कामों की वजह से याद किया जाता है। इन कामों को अब न भूतो और न भविष्य की तहरीर के साथ रेखांकित किया जाने लगा है।
शिवपुरी के सबसे अमीर प्रत्याशी केपी सिंह के पास 124 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति
27 Oct, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवपुरी । नाम निर्देशन पत्र भरने के लिए अब प्रत्याशियों के पास सिर्फ एक दिन का समय शेष बचा है। 28 अक्टूबर और 29 अक्टूबर को अवकाश है और 30 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। ऐसे में शुक्रवार को शेष बचे लगभग सभी प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया। शुक्रवार को पोहरी से भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा, करैरा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव व भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक, शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जैन ने भी अपना नामांकन भर दिया। शुक्रवार को कुल 17 नामांकन पत्र दाखिल किए गए।
शिवपुरी के प्रत्याशी कितने धनवान
जिले में सबसे धनवान प्रत्याशियों की बात करें तो वह शिवपुरी विधानसभा से हैं। कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह के पास करीब 124 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दूसरे स्थान पर उनके प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र जैन हैं जिनके पास करीब 13.31 करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह कांग्रेस प्रत्याशी की तुलना में 10 गुना कम है। देवेंद्र जैन के पास सबसे अधिक नकदी है। देवेंद्र जैन और उनकी पत्नी के पास करीब 56 लाख रुपये नकद है। यह अन्य सभी विधानसभा सीटों के किसी भी प्रत्याशी से अधिक है। देवेंद्र जैन ने शहर में करीब साढ़े छह करोड़ रुपये तो कर्ज के रूप में ही बांट रखे हैं।
सुरेश राठखेड़ा पीछे
तीनों प्रत्याशियों में सबसे कम संपत्ति सुरेश राठखेड़ा की पोहरी विधानसभा के तीनों मुख्य प्रत्याशियों में सबसे कम संपत्ति पीडब्लयूडी राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ राठखेड़ा के पास है। उनके पास कुल 84 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। वहीं उनकी पत्नी के पास 70 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। वहीं चल संपत्ति के बात करें तो सुरेश राठखेड़ा के पास 35.95 और उनकी पत्नी के पास करीब 16.44 लाख रुपये हैं।
उनके प्रतिद्वंदी प्रद्युम्न वर्मा के पास करीब 10 करोड़ रुपये और कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह के पास 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति है। लखपति रमेश का मुकाबला करोड़पति प्रागीलाल से करैरा विधानसभा से रमेश खटीक ने पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के साथ पहुंचकर नामांकन दायर किया। हलफनामे के अनुसार रमेश खटीक करोड़पति भी नहीं है। उनके पास 30 लाख रुपये की अचल और करीब 12 लाख रुपये की चल संपत्ति है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव के हलफनामे के अनुसार उनके पास करीब 71 लाख रुपये की चल संपत्ति है। रमेश खटीक के पास सिर्फ एक तौला सोना है जबकि प्रागीलाल के पास सात तौला सोना है। प्रागीलाल जाटव के पास 15 लाख रुपये की स्कार्पियो भी है। प्रागीलाल के पास 45 लाख क अचल संपत्ति है। इस तरह प्रागीलाल 1.16 करोड़ रुपये की सपंत्ति के साथ करोड़पति तो हुए, लेकिन उनके ऊपर 15 लाख रुपये का ऋण भी है।
उमा भारती बोलीं- मैंने शिवराज को पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी, मेरी भूमिका वो तय करेंगे
27 Oct, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । उमा भारती ने कहा कि चुनाव में प्रचार के लिए मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी है। वे जहां चाहे चुनावी प्रचार में मेरा उपयोग कर सकते हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव लडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा- इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूछा जाए। मेरे बोलने का टर्न अब पूरा हो गया है।
उमा भारती टीकमगढ़ में हैं। उनके भतीजे राहुल लोधी जिले की खरगापुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी हैं। गुरुवार शाम को उमा ने यहां भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब दिए। टीकमगढ़ में पार्टी छोडऩे वाले पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव और पूर्व बैंक अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी को मानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं यहां किसी को मनाने नहीं आई हूं। यह काम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और हितानंद शर्मा का है। पार्टी छोडऩे वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
गहनों के बाजार में दिखने लगी करवा चतुर्थी की चमक
27 Oct, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस बार ज्वैलरी में नया ट्रैंड, नई डिजाइन और वैरायटी के साथ लकदक सजने लगा बाजार
भोपाल । करवा चतुर्थी का पर्व आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। इस बार यह 1 नवंबर को है। पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस पर्व में पूजा के अलावा जो दूसरी सबसे खास बात होती है, वह होती है गहनों की खरीदारी। महिलाओं को इसका सबसे ज्यादा इंतजार रहता है।
दरअसल, इस दिन के लिए महिलाओं में खरीदी का जबरदस्त उत्साह रहता है। इसी उत्साह को आनंद में बदलने के लिए इंदौर का बाजार भी लकदक सजने लगा है। इस बार नई डिजाइन और नई वैरायटी के साथ गहनों की दुकानों ने स्वयं को तैयार कर लिया है। अब बस करवा चतुर्थी का इंतजार है। ज्वैलरी के कारोबारी जानते हैं कि करवा चौथ के कुछ दिन पहले से ही महिलाएं बाजार में खरीदी करने पहुंचने लगती हैं। इस पर्व पर महिलाएं दुल्हन की तरह सजने-संवरने के लिए खूब शापिंग करती हैं। इसके लिए जहां साडिय़ों की डिमांड बढ़ती है, वहीं ज्वैलरी की मांग भी काफी रहती है। कई पति अपनी पत्नी को गिफ्ट करने के लिए गहने खरीदते हैं, तो कई अपनी पत्नी को उनकी पसंदीदा चीजों की शापिंग करवाने ले जाते हैं। इसी के लिए बाजार तैयार है।
इस बार लाइटवेट ज्वैलरी है ट्रैंड में
अबकी बार बाजार के ट्रैंड में लाइटवेट ज्वैलरी है। महिलाओं को कम वजन वाली और दिखने में सुंदर ज्वेलरी काफी लुभा रही हैं। कई ज्वैलर्स के यहां स्पेशल डिजाइन के लिए एडवांस में बुकिंग भी करवाई जा रही है। ज्वैलर सुमित आनंद ने बताया कि कम वजन वाले डिजाइनर गहनों की मांग इस बार अधिक है। करवा चौथ को देखते हुए गले की चैन का नया कलेक्शन तैयार किया है। इसमें तीन ग्राम से लेकर 15 ग्राम के अंदर इटैलियन चैन को स्टोन के साथ विशेष तौर पर तैयार किया गया है। इसे काफी आकर्षक रखा गया है और यह कम बजट में भी उपलब्ध हैं। त्योहार पर सिर्फ पति ही पत्नी को गिफ्ट नहीं देते बल्कि सास अपनी बहू को और बहू अपनी सास को, ननद अपनी भाभी को भी उपहार देती हैं। इसे देखते हुए बाजार ने भी काफी वैरायटी तैयार की हैं। हालांकि कई महिलाएं भारी ज्वैलरी की डिमांड भी करती हैं, तो उनके लिए भी पर्याप्त विकल्प हैं। हर वर्ष चैन, मंगलसूत्र और ब्रेसलेट की डिमांड अधिक रहती है।
सोना है...सदा के लिए
ज्वैलर अनिल कटारिया का भी यही कहना है कि फेस्टिव सीजन में महिलाएं लाइटवेट ज्वैलरी ज्यादा पसंद करती हैं। हमने इटैलियन और कुंदन की ज्वेलरी में नए गहने तैयार किए हैं। सोने के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं इसलिए लोग सोने के गहनों को खरीदकर रख लेना चाहते हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि यह निवेश हमेशा के लिए अच्छा निर्णय होता है। ऐसे ग्राहकों के लिए इटैलियन ज्वैलरी में 18 कैरेट की ज्वैलरी रोज गोल्ड में उपलब्ध करवाई जा रही है। इसे लोग सबसे अधिक पसंद कर रहे हैं। करवा चौथ पर उपहार के लिए ज्वैलरी सबसे ज्यादा बिकती है, जिसमें चैन, कान के बाले, पैंडेंट्स, मंगलसूत्र और अंगूठी की ज्यादा मांग रहती है। करवा चौथ पर 15 हजार से 5 लाख रुपये तक की ज्वैलरी लोग पसंद करते हैं।
कलर स्टोन के आभूषण आ रहे पसंद
ज्वैलर प्रियेश नागर ने बताया कि इस बार कलर स्टोन ज्वैलरी को ग्राहक बहुत पसंद कर रहे हैं। अलग-अलग कलर स्टोन की ज्वेलरी की काफी डिमांड है। करवा चौथ में पारंपरिक आभूषणों की मांग रहती है, जिनमें मांग टीके, नई डिजाइन की पायल, मंगलसूत्र, झुमके, अंगूठी, गले के सेट आदि शामिल हैं। इसके लिए ग्राहकों की मांग के अनुसार तीन ग्राम के कम वजन के गहनों की डिजाइन भी बनाई गई है। इस समय महिलाओं के लिए आकर्षक डिजाइन में सोने के कंगन, चेन, कुंडल, पायल सहित अन्य गहने कम से लेकर ज्यादा बजट तक उपलब्ध हैं।
एमबीए हुए पाठक, राजे के एक खाते में 16 रुपये
27 Oct, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के शपथ पत्र एक से बढ़कर एक रोचक जानकारी उगल रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस से ग्वालियर दक्षिण के प्रत्याशी प्रवीण पाठक और डबरा से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे सहित पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। प्रवीण पाठक पिछले विधानसभा चुनाव में बीए थे, लेकिन इस चुनाव में एमबीए की डिग्री लेकर मैदान में उतरे हैं। करोड़पति पाठक रिवाल्वर के भी शौकीन हैं। पिछले चुनाव की तुलना में प्रवीण पाठक की चल और अचल दोनों संपत्ति में गिरावट है। उधर आठवीं पास सुरेश राजे भी करोड़पति हैं, लेकिन उनके एक बैंक खाते में केवल 16 रुपये हैं। सुरेश राजे चल और अचल दोनों में पिछले चुनाव की तुलना में बढ़े हैं। गुरुवार को ग्वालियर जिले के विभिन्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 5 उम्मीदवारों द्वारा अपनी नामजदगी के पर्चे दाखिल किए गए। अभी तक कुल मिलाकर 11 उम्मीदवारों द्वारा नाम-निर्देशन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। निर्वाचन कार्यक्रम के तहत अब नामजदगी के लिये केवल दो दिन शेष बचे हैं। उम्मीदवार 27 और 30 अक्टूबर को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को नामांकन प्रस्तुत कर सकेंगे। ग्वालियर ग्रामीण से काछीपुरा मुरार निवासी जीवन कुशवाह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन प्रस्तुत किया। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-15 ग्वालियर से शिवविहार कॉलोनी श्मशान रोड ग्वालियर महेश कोली ने स्वतंत्र जनता राज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपनी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-16 ग्वालियर पूर्व में 26 अक्टूबर को कोई नामांकन प्राप्त नहीं हुआ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-18 भितरवार से माता मंदिर के पास दुर्गेश कॉलोनी डबरा जिला ग्वालियर निवासी विजय कुमार कुशवाह ने निर्दलीय अभ्यर्थी के रूप में नामांकन भरा।
कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक ग्वालियर दक्षिण
शैक्षणिक योग्यता- बीए माधव कालेज, एमबीए
हथियार- 32 बोर रिवाल्वर
2023 के शपथ पत्र में संपत्ति:
इंटरनेट मीडिया पर खाते- चार
इनकम टैक्स रिटर्न- 3 लाख 84 हजार रूपए
इनकम टैक्स रिटर्न पत्नी- 4 लाख 32 हजार
हाथ में नकदी स्वयं- 13 लाख 69 हजार रूपए
हाथ में नकदी पत्नी-41 लाख 45 हजार रूपए
पत्नी के खाते में- 12 लाख 25 हजार रूपए
स्वयं के खाते- एक में 15 हजार,दूसरे में 2069,
तीसरे में शून्य, चौथे में 18000 पांचवें में 640000
वाहन- एक एसयूवी, कार,एक सेडान कार, बाइक
वाहन पत्नी- एसयूवी मैरिज गिफ्ट
सोना और चांदी
स्वयं के पास 100 ग्राम सोना मैरिज गिफ्ट, चांदी के जेवर व बर्तन मैरिज गिफ्ट पत्नी के सोना-चांदी- 500 ग्राम सोना व चांदी के जेवर बर्तन मैरिज गिफ्ट
लोन की स्थिति: 47 लाख रुपये का लोन
पत्नी पर लोन- 12 लाख पचास हजार रुपये
आय का स्त्रोत: व्यापार एवं अन्य स्त्रोत
आय का स्त्रोत पत्नी-नौकरी व अन्य स्त्रोत
चल-अचल संपत्ति
कुल चल संपत्ति- एक करोड़ 16 लाख रुपये
कुल चल संपत्ति पत्नी- 74 लाख 73 हजार रुपये
अचल संपत्ति- 11 लाख रुपये
अचल संपत्ति पत्नी- 11 लाख रुपये 2018 की स्थिति
कुल चल संपत्ति- एक करोड़ 38 लाख रुपये
कुल चल संपत्ति पत्नी-
42 लाख रुपये कुल अचल संपत्ति-
10 लाख रुपये
कुल अचल संपत्ति पत्नी- 42 लाख रुपये
कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे, डबरा
डबरा शैक्षणिक योग्यता- आठवी
2018 में सुरेश राजे- कुल चल संपत्ति- 38 लाख 44 हजार रुपये
कुल चल संपत्ति पत्नी- 10 लाख 25 हजार रुपये
कुल अचल संपत्ति-
65 लाख रुपये द्यकुल अचल संपत्ति- पत्नी 30 लाख रुपये
2023 के शपथ पत्र में संपत्ति
इंटरनेट मीडिया पर खाते- तीन
इनकम टैक्स रिटर्न- 4 लाख पचास हजार रुपये
हाथ में नकदी- 5 लाख रुपये
हाथ में नकदी पत्नी- तीन लाख रुपये
बैंक खातों में पैसा- एक में चार हजार रुपये दूसरे में 3 लाख 47 हजार तीसरे में 16 रुपये
वाहन- एक कार, दो एसयूवी, पुत्र पर बाइक
सोना और चांदी- 300 ग्राम सोना, 700 ग्राम चांदी पत्नी पर सोनाचांदी- नहीं
जमीन जायदाद- दो प्लाट 12-12 सौ वर्गफीट, एक 3400 वर्गफीट प्लाट,
पत्नी पर जमीन जायदाद- मकान व जमीन
कुल चल संपत्ति- 47 लाख 11 हजार रुपये
कुल चल संपत्ति पत्नी- 21 लाख रुपये
बेटे पर चल संपत्ति- 70 हजार रुपये
कुल अचल संपत्ति- 80 लाख रुपये
कुल अचल संपत्ति पत्नी-42 लाख रुपये
कुल अचल संपत्ति बेटा- 15 लाख रुपये
जानिए आपके जनप्रतिनिधि की संपत्ति का ब्यौरा, 45 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के मालिक हैं ध्रुवनारायण
27 Oct, 2023 11:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव मैदान में उतर चुके भोपाल जिले के भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी करोड़पति हैं। चल व अचल संपत्ति के अलावा प्रत्याशियों को बंदूक व रिवाल्वर पसंद है। इतना नहीं प्रत्याशियों ने सोने-चांदी, बैंकों में एफडी में भी निवेश किया है। बीमा पालिसी भी स्वयं व स्वजनों के नाम कराई हैं। शहर में गुरुवार को नामांकन जमा करने वाले प्रत्याशियों में मध्य विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी ध्रुवनारायण सिंह 45 करोड़ रुपये से अधिक अचल संपत्ति के मालिक हैं, जबकि चल संपत्ति दो करोड़ एक लाख 65 हजार 824 रुपये हैं। वहीं, हुजूर कांग्रेस विधायक प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी के पास चल-अचल संपत्ति कुल 19 लाख रुपये है और उन पर 20 लाख रुपये की देनदारी है। वहीं मनोज शुक्ला, कृष्णा गौर, विश्वास सारंग, आरिफ मसूद सभी करोड़पति प्रत्याशी हैं। यह ब्यौरा प्रत्याशियों ने अपने शपथ पत्र में दिया है। वहीं नरेला प्रत्याशी विश्वास सारंग के पास रिवाल्वर और मध्य प्रत्याशी आरिफ मसूद के पास पिस्टल और बंदूक भी हैं।
मध्य विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का ब्यौरा
भाजपा के ध्रुवनारायण सिंह के पास कुल चल संपत्ति दो करोड़ एक लाख 65 हजार 824 रुपये है, जबकि अचल संपत्ति 45 करोड़ 11 लाख नौ हजार 223 रुपये की है। वहीं आरिफ मसूद के पास कुल चल संपत्ति एक करोड़ 68 लाख 43 हजार 153 रुपये है। जबकि अचल संपत्ति 80 लाख 12 हजार 133 रुपये की है। मसूद के पास पिस्टल है जिसकी कीमत एक लाख 20 हजार रुपये है ,जबकि एक 12 बोर डबल बैरल बंदूक है जिसकी कीमत 16 हजार 500 रुपये है।
मनोज शुक्ला पर 10 करोड़ रुपये की देनदारी
नरेला विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज शुक्ला के पास कुल चल संपत्ति 33 लाख 92 हजार 401 रुपये है। वहीं, अचल संपत्ति कुल नौ करोड़ नौ लाख 25 हजार 357 रुपये है। मनोज शुक्ला की कुल देनदारी लगभग 10 करोड़ रुपये की है। वहीं दक्षिण -पश्चिम से कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा के पास कुल चल संपत्ति 33 लाख तीन हजार रुपये की है। वहीं, अचल संपत्ति कुल एक करोड़ 82 लाख 25 हजार रुपये के लगभग है।
नरेला विधायक प्रत्याशी भाजपा विश्वास सारंग
स्वयं की आय -65,36758
पत्नी की आय - 5,08152
आपराधिक प्रकरण - नहीं है
नकद रुपये - स्वयं 55,000
पत्नी के पास -120000
बैंक जमा स्वयं के - 1,1210331
पत्नी के खाते में जमा -13,17832
संपत्ति-चल
स्वयं - 22914194
पत्नी- 4158174
संपत्ति-अचल
स्वयं - 13,3526000
पत्नी- 2, 6800000
वाहन- लागू नहीं
गहने- 110 ग्राम सोना,कीमत 623700
पत्नी- 395 ग्राम सोना, कीमत 2239650
शस्त्र-रिवाल्वर
उम्र- 51
बीमा- 351932
बांड- 156240
पांच साल में बढ़ी संपत्ति- 82528300
-----------------
गोविंदपुरा भाजपा विधायक प्रत्याशी कृष्णा गौर
कुल आय - स्वयं की - 22,91,060
आपराधिक प्रकरण- नहीं है
हाथ में नकदी - 41600
बैंक में जमा रुपये - 12083433
संपत्ति-चल
स्वयं - 28939815
संपत्ति-अचल
स्वयं- 72261550
वाहन- होंडा सिटी, एमी हेक्टर प्लस
गहने- 1136 ग्राम सोना, 6333200
शस्त्र-लागू नहीं
उम्र- 55
बीमा- 3281088
बांड- लागू नहीं
पांच साल में बढ़ी संपत्ति-22,52,2078
-------------------
भोपाल उत्तर कांग्रेस प्रत्याशी आतिफ अकील
कुल आय स्वयं- 473850
पत्नी की- लागू नहीं
अापराधिक प्रकरण- कोई नहीं
हाथ में नकद -20000
पत्नी- 105000
बैंक खाते में जमा - 2729247
पत्नी-24973
संपत्ति-चल
स्वयं- 3464247
पत्नी- 949973
संपत्ति-अचल
स्वयं- 9595000
वाहन- महिंद्रा जीप, मैसी ट्रैक्टर, होंडा सीवीआर, मारुति अर्टिगा आदि।
आभूषण-
पत्नी के पास- 200 ग्राम सोना, सिल्वर, 8 लाख 20 हजार।
शस्त्र- कोई नहीं
उम्र- 33 साल।
बीमा- नहीं
बांड- नहीं
पांच साल में बढ़ी संपत्ति-लागू नहीं
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गोविंदपुरा कांग्रेस विधायक प्रत्याशी रविंद्र साहू झूमरवाला
कुल आय स्वयं- 3623151
पत्नी की - 3733449
आपराधिक प्रकरण- धारा 144 का प्रकरण, भोपाल कोर्ट में।
हाथ में नकदी- 95000
पत्नी- 140000
बैंक खाते में जमा राशि- 246233
पत्नी-235829
संपत्ति-चल
स्वयं- 843604
पत्नी- 1490373
संपत्ति-अचल
स्वयं- 800000
पत्नी- 30000000
वाहन- लागू नहीं
गहने- 225 ग्राम, गिफ्ट में मिले।
पत्नी- 493 ग्राम, 222810
शस्त्र- लागू नहीं
उम्र- 47
बीमा- 513361
बांड- लागू नहीं
पांच साल में बढ़ी संपत्ति- लागू नहीं
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हुजूर से भाजपा विधायक प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा
कुल आय स्वयं की -1610200
पत्नी की - 99230
आपराधिक प्रकरण - बैरागढ़ में एक मामला कोर्ट में नहीं पहुंचा। 188 का केस।
हाथ में नकदी -
खुद- 107752
पत्नी- 275192
बैंक खाते में जमा स्वयं- 4254212
पत्नी-3973505
संपत्ति-चल
स्वयं- 17615490
पत्नी- 7827823
संपत्ति-अचल
स्वयं- 10718000
पत्नी-47438000
वाहन- दो स्कार्पियो वाहन
गहने- 25 ग्राम, कीमत एक लाख 20 हजार रुपए, पत्नी के पास 378 ग्राम-1816800
शस्त्र- लागू नहीं
उम्र- 53
बीमा- 2283086
बांड- लागू नहीं
पांच साल में बढ़ी संपत्ति- बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी, पत्नी की तीन करोड़ 45 लाख की वृद्धि ।
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हुजूर से कांग्रेस विधायक प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी
कुल आय स्वयं की - 365050
पत्नी की - 374110
आपराधिक प्रकरण- नहीं
हाथ में नकद- 195000
पत्नी- 90000
बैंक में जमा - 305176
पत्नी-1128070
संपत्ति-चल
स्वयं- 305176
पत्नी- लागू नहीं
संपत्ति-अचल
स्व्यं- 2032000
पत्नी- लागू नहीं।
वाहन- खुद पर नहीं, पत्नी पर एक्टिवा
गहने- खुद पर नहीं, पत्नी पर 150 ग्राम-927000
शस्त्र- नहीं
उम्र-59
बीमा- एक लाख रुपये
बांड- नहीं
पांच साल में बढ़ी संपत्ति- बहुत ज्यादा नहीं।
आठ मुख्यमंत्रियों के वंशज इस बार आजमा रहे किस्मत
27 Oct, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, वहीं वोटों की गिनती 3 दिसंबर 2023 को होगी। भाजपा ने जहां 228 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों में उम्मीदवारों के ऐलान के बाद विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश की राजनीति में हालांकि वंशवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं की कई पीढिय़ों ने राज किया है और इनका खासा दबदबा भी रहा। एक तरफ जहां आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, कैलाश जोशी, वीरेंद्र कुमार सखलेचा, बाबूलाल गौर, उमा भारती, गोविंद नारायण सिंह और सुंदरलाल पटवा के वंशज अभी भी चुनाव में सीधे तौर पर प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं। वहीं, दो उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव और जमुना देवी के वंशज भी चुनावी मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के बेटे-परिवार के अलावा भी अनेक दिग्गज नेताओं के परिवार चुनावी मैदान में अपना दम दिखा रहे हैं। इसके साथ ही दर्जनों ऐसे नेता हैं जो राजनीतिक घरानों से हैं और पूरे दमखम से सियासी मैदान में जुटे हैं। 40 से ज्यादा उम्मीदवार ऐसे हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चुनावी मैदान में हैं।
ओमप्रकाश सकलेचा
ओमप्रकाश राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे हैं। ये नीमच जिले के जावद से चुनाव मैदान में हैं। वीरेंद्र कुमार साल 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 2003 में उमा भारती की अगुवाई में चुनाव लड़ा गया, तब इनके बिजनेसमैन बेटे ओम प्रकाश सकलेचा को पहली बार जावद से पार्टी टिकट मिला और वह विधायक बने। तब से ये लगातार चार चुनाव रहे हैं और अब सरकार में मंत्री हैं।
दीपक जोशी
दीपक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं। दीपक साल 2003 में अपने पिता के क्षेत्र बागली से विधायक चुने गए। साल 2008 में हाटपिपलिया से चुनाव जीते। 2013 में फिर यहीं से जीते लेकिन 2018 में हार गए। दीपक जोशी ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम और कांग्रेस ने इन्हें खातेगांव से टिकट दिया है।
उमंग सिंगार
उमंग राज्य की पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे हैं। बेटी डॉ. हेमा की राजनीति में कोई रुचि नहीं रही तो भतीजे उमंग सिंगार को पहली बार धार से लोकसभा चुनाव लड़वाया पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उमंग 2008 में गंधवानी से विधायक बने और तब से लगातार जीत रहे हैं। इस बार कांग्रेस ने उन्हें गंधवानी से चुनाव मैदान में उतारा है।
सुरेंद्र पटवा
सुरेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं। सुंदरलाल पटवा के दत्तक पुत्र सुरेंद्र पटवा भोजपुर से विधायक हैं। सरकार मे मंत्री भी रहे हैं। भाजपा ने इस बार इन्हें फिर से भोजपुर से टिकट दिया है।
सचिन यादव
सचिन राज्य के उप मुख्यमंत्री और सहकारिता नेता सुभाष यादव के पुत्र हैं। सुभाष यादव के पुत्र अरुण और सचिन दोनों राजनीति में सक्रिय हैं। कांग्रेस ने इस बार सचिन यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। इन्हें कसरावद से टिकट दिया गया है। सचिन दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और कमलनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे हैं।
जयवर्धन सिंह
जयवर्धन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र हैं। जयवर्धन राघौगढ़ सीट से चुनाव मैदान में हैं। कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं। दो बार विधायक रह चुके हैं, इस बार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।
कृष्णा गौर
कृष्णा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्व बाबूलाल गौर की पुत्रबधु हैं। बाबूलाल गौर के निधन के बाद भाजपा ने गौर की परंपरागत सीट गोविंदपुरा से टिकट दिया और चुनाव जीतीं। भाजपा ने इस बार भी इन्हें गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है।
अजय सिंह राहुल
पूर्व मुख्यमंत्री स्व अर्जुन सिंह के पुत्र हैं। वह चुरहट विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। पिछली बार इसी सीट पर शरदेंद्रु तिवारी से हार गए थे। वह लोक सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन हार गए थे। इसके अलावा भी ध्रुवनारायण सिंह, राज्यवर्धन सिंह, सुरेंद्रसिंह बघेल, निर्मला भूरिया, नितेंद्र सिंह राठौर, हेमंत कटारे, ऋषि अग्रवाल, लक्ष्मण सिंह, कमलेश्वर पटेल, संजय पाठक, हिना कांवरे जैसे कई नाम हैं।
बगावत , बदलाव और बगावत ।
27 Oct, 2023 10:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में चुनावी परिदृश्य के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी के हालत बेहद चिंताजनक , असमंजस और भ्रम में भरे हुए दिखाई देते हैं । कांग्रेस पार्टी की अभी तक 1 महीने देर से सही परंतु जैसे ही विधानसभा उम्मीदवारों की सभी लिस्ट सामने आई वैसे ही बगावत का ऐसा सिलसिला सामने आया है जैसा कि मध्य प्रदेश की राजनीति में संभवत कांग्रेस पार्टी के अंदर दिखाई नहीं दिया । आखरी सूची की स्थिति के रूप में भ्रम एवं असमंजस की स्थिति के बाद संशोधन और उसके बाद संशोधन कुल मिलाकर बगावत एवं बगावत के बाद फिर से बगावत । अंततः 42 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की हालत बेहद नाजुक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है ।
7 सीटों पर बदले उम्मीदवार, बगावत बदलाव , बगावत जारी ....
7 सीटों पर पहले घोषित उम्मीदवारों के टिकट बदल दिए। जिसमें मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा सीट पहले से घोषित कुलदीप सिकरवार का टिकट काटकर मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाह को फिर से उम्मीदवार बना दिया। इसके साथ पार्टी ने पिपरिया से गुरुचरण खरे की जगह वीरेंद्र बेलवंशी, बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी की जगह मुरली मोरवाल और जावरा से हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सिंह सोलंकी को अपना नया उम्मीदवार बनाया है।
इसके पहले कांग्रेस ने दतिया विधानसभा सीट पर पहले अवधेश नायक को टिकट दिया और जब इसका विरोध हुआ तो उसने अपने पुराने चेहरे राजेंद्र भारती को अपना उम्मीदवार बनाया। इसके साथ ही शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट पर पार्टी ने पहले शैलेंद्र सिंह को टिकट दिया और जब विरोध हुआ तो अरविंद सिंह लोधी को टिकट दिया। इसके साथ नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा सीट से पार्टी ने मौजूदा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का टिकट काट कर शेखर चौधरी को टिकट दिया और बाद में हाईकमान के सीधे हस्तक्षेप के बाद शेखर चौधरी की जगह फिर एनपी प्रजापति को मौका दिया। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी ने अभी तक 7 विधानसभा सीटों पर बदलाव कर दिया है परंतु सातों विधानसभा सीट पर अब जिनको पूर्व में टिकट दिया गया था उनकी ओर से बगावत खुलकर सामने आ गई है और यह समाज की ओर से बगावत का रूप ले चुकी है ।
न दिग्विजय-न कमलनाथ, कोई तैयार नहीं है बागियों की जिम्मेदारी लेने के लिए ।
कांग्रेस पार्टी द्वारा सात विधानसभा सीटों पर बदलाव के बाद जो स्थिति सामने आ रही है वह बेहद हास्यास्पद स्थिति में पहुंच चुकी है ।
- टिकटों को लेकर कांग्रेस में अब फंसती हुई दिख रही है। लगातार टिकट बदलने से कई विधानसभा सीटों पर पार्टी स्थानीय स्तर पर दो गुटों में बंट गई है और पार्टी को यहां अपने घर से ही चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। उज्जैन जिले की बड़नगर से पहले घोषित राजेंद्र सिंह सोलंकी ने आज टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। इसी पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
ऐसे में अब प्रदेश कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के सामने बगावत से निपटने की चुनौती आ खड़ी हो गई है। कांग्रेस की पहली चुनौती बागियों को दूसरी पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ने से रोकना है और दूसरी चुनौती स्थानीय स्तर पर पार्टी को एकजुट करना है। पिछले दिनों जिस तरह टिकट को लेकर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ में कपड़े फाड़ने को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली उससे अब यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया हैह कि बगियों को मानने का जिम्मा कौन सा नेता अपने कंधों पर उठाएगा?
मप्र में भाजपा करेगी आक्रामक प्रचार
27 Oct, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने आक्रामक प्रचार अभियान की रणनीति तैयार की है। 40 स्टार प्रचारकों की सभाएं लगभग तय कर दी गई है। बताया जा रहा है कि करीब 60 चुनावी सभाएं होंगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। मप्र में मतदान 17 नवंबर को होना है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि एक नवंबर से भाजपा का प्रचार तेज हो जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीब 16 सभाएं आयोजित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पीएमओ से मुहर लगने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि मोदी की कितनी सभाएं मप्र में होगी। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा मप्र में कुछ दिनों का कैंप कर सकते हैं। नड्डा का रोड शो कराए जाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही कुछ प्रमुख लोगों से मेल मुलाकात भी कराया जा सकता है। इसी तरह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की करीब 9 चुनावी सभाएं कराई जा सकती है।
भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे ज्यादा डिमांड की जा रही है। लगभग सभी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ उनके पक्ष में प्रचार करने आ जाएं। अब तक करीब आधा दर्जन सभाएं तय होने की खबर है। इसी तरह असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की भी डिमांड उठ रही है। केंद्रीय मंत्रियों में स्मृति ईरानी, अनुराग सिंह ठाकुर जैसे चेहरों की ज्यादा से ज्यादा सभाएं आयोजित कराने की तैयारी पर चर्चा चल रही है।
ललिता यादव ने किया है संघर्ष, सेवा को बनाया है अपना ध्येय
27 Oct, 2023 10:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फर्श का दर्द जानती हैं, इसलिए अर्श पर भी सिर नीचे की तरफ
ललिता यादव ने किया है संघर्ष, सेवा को बनाया है अपना ध्येय
पैराशूट से उतरकर या वंशवाद से निकलकर उन्होंने अपनी जगह नहीं बनाई, जनसेवा का रास्ता अपनाकर खुद की जमीन तलाश की और खुद को साबित किया। स्थानीय स्तर की सियासत से लेकर प्रदेश के मंत्री पद पर रहते हुए भी ललिता यादव ने अपने काम, व्यवहार और लोगों के लिए समर्पण को हमेशा जिंदा रखा। उनकी इन्हीं भावनाओं और जन के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे ने उन्हें एक बार फिर चुनाव मैदान दिया है। उम्मीद, भरोसे और आत्मविश्वास ने उन्हें फिर विजय पताका लहराने की हिम्मत दी है।
ललिता यादव अपने सियासी कार्यकाल में स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर की कई जिम्मेदारियों को पूरा करने में खुद को साबित कर चुकी हैं। भाजपा महिला मोर्चा, नगर परिषद अध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास प्राधिकारण जैसी संस्थाओं से कदम बढाते हुए ललिता यादव ने वर्ष 2008 के चुनाव में लंबी छलांग लगाई और छतरपुर विधानसभा से विजय पताका लहराई। इसके साथ ही उन्हें भाजपा सरकार ने कई विभागों की बड़ी जिम्मेदारियां देतेहुए मंत्री पद से भी नवाजा। वे संभवतः पहली महिला थीं, जिन्हें पहली बार के चुनाव के साथ ही मंत्री पद दिया गया था।
फिर मिला मैदान
भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में ललिता यादव पर फिर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक आलोक चतुर्वेदी से होने वाला है। लेकिन आलोक के लचर कार्यकाल और ललिता के मजबूत इरादों के बीच इस मुकाबले को एक तरफा माना जा रहा है। ललिता अपने साथ विकास के बड़े इरादे और क्षेत्र की जनता के लिए सदैव समर्पण के मजबूत वादे लेकर मौजूद हैं। जिसका नतीजा उनके हिस्से बड़ी जीत आने की संभावनाएं प्रबल बनी दिखाई देने लगी हैं। क्षेत्रीय मतदाताओं का कहना है कि काठ की हंडी को एक बार उबाल मिल सकता है, लेकिन वे दोबारा किसी बहलावे, फुसलावे या कांग्रेस की दोगलाई के शिकार होने को राजी नहीं हैं।
किया सभी वर्गों का विकास
ललिला यादव ने अपने मंत्रित्व काल में अल्पसंख्यक कल्याण, पिछडा वर्ग, घुमक्कड जाति समेत कई वर्गों केविकास और सुविधाओं के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। उनका अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में रहना आज भी मप्र वक्फ बोर्ड, मप्र राज्य हज कमेटी, मसाजिद कमेटी आदि में कई बेहतर कामों की वजह से याद किया जाता है। इन कामों को अब न भूतो और न भविष्य की तहरीर के साथ रेखांकित किया जाने लगा है।
मोदी समर्थक दे रहे हैं जवाब - 'मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख भी बताएंगे'
27 Oct, 2023 10:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाजपा ने राम मंदिर के संदर्भ में सोशल मीडिया पर जारी बयानबाजी का कड़ा जवाब दिया है। राम मंदिर का लोकार्पण और तारीख तय करने को लेकर विपक्षी ने दलों एक हैशटैग जारी किया था, जिसमें भाजपा पर कटाक्ष किया गया था कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। जवाब में भाजपा समर्थकों ने कहा - "मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख भी बताएंगे"। मोदी समर्थकों के जवाब से विपक्ष की बोलती बंद हो गई। अयोध्या में राम मंदिर लोकार्पण की तारीख 22 जनवरी घोषित की गई है। इससे पहले मंदिर में पुजारियों और सेवादारों की भर्ती के लिए भी विज्ञापन जारी किया जा चुका है। अयोध्या में श्री राम मंदिर का लोकार्पण खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
मंदिर निर्माण को लेकर विपक्ष शुरू से ही भाजपा पर तंज कसता रहता है। कई बार तो यह भी बात सामने आई कि मंदिर निर्माण एक छलावा है। भाजपा मंदिर के बहाने केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है, लेकिन विपक्षियों की बोलती उस समय बंद हो गई जब मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट से हिंदुओं के पक्ष में न सिर्फ निर्णय सुनाया गया, बल्कि मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया गया। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल मंदिर देर से बनने या काम में रुकावट आने की बाट जोह रहे थे, अब जब मंदिर के लोकार्पण की तारीख भी घोषित की जा चुकी है, सोशल मीडिया पर मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे, जारी करने का कोई औचित्य नहीं लगता। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो भाजपा ने जो कहा वह करके दिखाया, राम मंदिर से लाखों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, जिसका पूरा सम्मान किया गया। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर का लोकार्पण निश्चित रूप से भाजपा के पक्ष में होगा, इसका असर वोट पर पड़ेगा और भाजपाई नेता अधिक आत्मविश्वास के साथ जनता के बीच जाकर वोट मांग सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने बदली प्रदेश में चुनाव की तस्वीर ।
27 Oct, 2023 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी कई मीडिया संस्थानों के सर्वे में सरकार बनाती हुई दिखाई दे रही है वहीं दूसरी और जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण का निमंत्रण स्वीकार कर इसकी जानकारी ट्वीट करते हुए सोशल मीडिया पर साझा की गई, वैसे ही राम मंदिर का मुद्दा लोकार्पण के रूप में अचानक सुर्खियों में आ गया। इस घोषणा के बाद से ही राम मंदिर लोकार्पण का कार्यक्रम सोशल मीडिया में पहले नंबर पर बना हुआ है । कुल मिलाकर मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच में ही 22 जनवरी के दिन श्री राम मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम प्रधानमंत्री के द्वारा संपन्न होने की खबर सामने आने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की तस्वीर वर्ष 1990 की विधानसभा तस्वीर की तरह साफ दिखाई देने लगी है ।
विधानसभा चुनाव से पूर्व संपूर्ण मध्य प्रदेश के ग्राम स्तर तक पहुंचेगे विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम ।
मध्य प्रदेश में राम मंदिर के कार्यक्रमों से अब मध्य प्रदेश के लगभग 90% ग्राम पंचायत से लेकर ग्रामीण स्तर तक की चौपाल , स्थानीय ग्रामीण मंदिर जुड़ जाएंगे । जिसका धार्मिक स्तर पर बड़ा लाभ भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश की राजनीति में आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान दिखाई देगा ।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले विश्व हिंदू परिषद पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। देश के दो लाख गांव और पांच लाख मंदिर को समारोह से जोड़ने के लिए बीएचपी कार्यकर्ता हर राज्य का दौरा करेंगे। इन राज्यों में वह पांच राज्य भी हैं, जहां नवंबर में मतदान होना है। इसके अलावा दिवाली की रात राम मंदिर के नाम से पांच दीये जलाने का आह्वान के साथ विश्व हिंदू परिषद अभियान चलाने जा रही है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जब बीएचपी ने समर्पण अभियान चलाया था, तब उससे देश के 62 करोड़ लोग जुड़े थे। विधानसभा चुनाव से पहले चलने वाले अभियान का असर मध्यप्रदेश और राजस्थान में प्रभावी हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनावी राज्यों में राम के नाम का फायदा बीजेपी को मिल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का जिक्र कर चुके हैं। आने वाले 15 दिन चुनाव प्रचार में राम मंदिर छाया रहेगा।
मंदिर आंदोलन के पश्चात 1990 का इतिहास दोहरा सकता है मध्य प्रदेश ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन स्वीकार किया है तभी से जिस तरह से सोशल मीडिया की सुर्खियां राम मंदिर को लेकर ट्रेंडिंग पर दिखाई दे रही है उसको लेकर इतना स्पष्ट है कि इसका सीधा-सीधा लाभ मध्यप्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिलने जा रहा है । एक तरफ जहां विश्व हिंदू परिषद अपना बड़ा कार्यक्रम मध्य प्रदेश के चुनाव से पूर्व ही अर्थात दीपावली के आयोजन से पूर्व ही प्रदेश के ग्राम स्तर तक आयोजित कर रहा है, दूसरी ओर राम मंदिर आंदोलन के पश्चात वर्ष 1990 में जिस तरह का परिदृश्य भारतीय जनता पार्टी का कई प्रदेशों में दिखाई दिया था उसका असर मध्य प्रदेश में वर्ष 1990 में 220 विधानसभा सीट जीतने का इतिहास सामने आया था ।
राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत भले ही उत्तरप्रदेश के अयोध्या में शुरू हुई, मगर बीजेपी को इसका पहला चुनावी लाभ मध्यप्रदेश और राजस्थान में मिला था। 1990 में मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 220 सीटें जीतकर सरकार बनाई। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से ज्यादा 39.14 प्रतिशत वोट भी हासिल किए थे। राम लहर के कारण ही कांग्रेस 250 सीटों से 56 पर सिमट गई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 162 सीटों का फायदा हुआ था और सुंदरलाल पटवा दूसरी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि बाबरी विध्वंस के बाद 1992 में केंद्र की नरसिंह राव ने मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद दो चुनावों में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सत्ता हासिल की, मगर बीजेपी भी तीन अंकों में यानी 100 से ज्यादा सीटें हासिल कर मजबूत बनी रही। 1993 और 1998 में सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस और बीजेपी के वोट प्रतिशत में एक फीसदी का अंतर रहा। 2003 में हिंदुत्व और विकास का कॉम्बिनेशन बनाया तो बीजेपी सत्ता में आ गई। छत्तीसगढ़ में भी राम मंदिर आंदोलन का असर देखा गया, क्योंकि उस दौर में मध्यप्रदेश का बंटवारा नहीं हुआ था।