मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
भोपाल में गोविंदपुरा सीट से भाजपा प्रत्याशी कृष्णा गौर ने भरा नामांकन
26 Oct, 2023 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । फिलहाल विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। प्रत्याशियों के लिए अब नामांकन भरने के लिए सिर्फ पांच दिन का समय है। गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस के कुछ प्रत्याशी भी चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने पहुंचे। गोविंदपुरा सीट से भाजपा प्रत्याशी कृष्णा गौर ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित नामांकन केंद्र पहुंचकर पर्चा दाखिल किया। इस दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी भी उनके साथ थे।
बुधवार तक जमा हुए थे पांच नामांकन
वहीं, जिले से बुधवार तक पांच प्रत्याशियों ने नामांकन जमा किया था। इनमें आम आदमी पार्टी से रईसा मलिक और पत्नी को पार्षद की सीढ़ियों तक पहुंचाने वाले बाबू मस्तान भी शामिल है। ये निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। वहीं, उत्तर सीट से कांग्रेस ने आतिफ अकील को मैदान में उतारा है, जिसके बाद से उनके चाचा आमिर तमतमाए हुए हैं। उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन ले लिया।
पांच उम्मीदवारों ने जमा किए छह नामांकन
इन छह नामांकनों में से पांच अकेले बुधवार को जमा हुए हैं। इनमें भी एक प्रत्याशी ने दो बार नामांकन जमा किए हैं। इस तरह अभी तक कुल पांच प्रत्याशियों ने ही नामांकन जमा किए हैं।
अशोकनगर में कन्याओं को रुपये देने पर भाजपा प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ केस
26 Oct, 2023 11:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अशोकनगर । महाअष्टमी पर कन्याओं को रुपये देने के मामले में कोतवाली पुलिस ने बुधवार को अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी व निर्वतमान विधायक जजपाल सिंह जज्जी के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में मंगलवार को पुलिस ने जज्जी के भाई शीतल सिंह और भाजपा कार्यकर्ता प्रताप भानु सिंह यादव पप्पू रातीखेड़ा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। इधर मामला कन्या पूजन और सनातन संस्कृति से जुड़ने के बाद बैकफुट पर आते हुए कांग्रेस प्रत्याशी हरिबाबू राय ने वीडियो जारी करते हुए इस तरह की शिकायत खुद के द्वारा न करने की बात कही, जबकि उनके इस वीडियो को झुठलाते हुए रिटर्निंग आफिसर ने बताया कि उक्त शिकायत हरिबाबू राय के आफिस से हुई है। इधर, जज्जी का शाढ़ौरा में कन्या पूजन के दौरान एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि सैकड़ों एफआइआर उन पर हो जाएं, लेकिन वे भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए लगातार कन्या पूजन करते रहेंगे।
महिलाओं को बांटे 500 के नोट बता रहे कन्या पूजन
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रीतेश जैन ने कहा कि वीडियो में भाजपा प्रत्याशी और उनके समर्थक 500-500 रुपये के नोट महिलाओं को बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं। जो सीधे तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन दो से 13 वर्ष की बच्चियों का किया जाता है, लेकिन यहां महिलाओं मे रुपये बांटे जा रहे थे।
भोपाल में उत्तर विस क्षेत्र से चाचा ने भतीजे के खिलाफ लिया नामांकन, नरेला से मैदान में बाबू मस्तान
26 Oct, 2023 11:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । फिलहाल विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। प्रत्याशियों के लिए अब नामांकन भरने के लिए सिर्फ तीन दिन का समय है। अब तक जिले की सात विधानसभा सीट में से भाजपा-कांग्रेस के 14 प्रत्याशियों ने नामांकन भरना तो दूर, लिया भी नहीं है। अभी भी इन्हें शुभ मुहूर्त का इंतजार है। वहीं, जिले से बुधवार तक पांच प्रत्याशियों ने नामांकन जमा किया है। इनमें आम आदमी पार्टी से रईसा मलिक और पत्नी को पार्षद की सीढ़ियों तक पहुंचाने वाले बाबू मस्तान भी शामिल है। ये निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। वहीं, उत्तर सीट से कांग्रेस ने आतिफ अकील को मैदान में उतारा है, जिसके बाद से उनके चाचा आमिर तमतमाए हुए हैं। उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन ले लिया है।
भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों ने फिलहाल नहीं भरे नामांकन
चौंकाने वाली बात यह है कि जिला की सातों विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है। दोनों ही पार्टियों ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं, तब भी नामांकन नहीं भरे जा रहे हैं। इसके पीछे शुभ मुहूर्त तो वजह है ही, इसके अलावा भी कई कारण बताए जा रहे हैं। हालांकि नामांकन प्रक्रिया 30 अक्टूबर तक चलेगी, लेकिन इस बीच दो दिन अवकाश रहेगा, इस तरह तीन दिन में ही नामांकन लेना और भरना होगा, जबकि दो नवंबर को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे।
पांच उम्मीदवारों ने जमा किए छह नामांकन
इन छह नामांकनों में से पांच अकेले बुधवार को जमा हुए हैं। इनमें भी एक प्रत्याशी ने दो बार नामांकन जमा किए हैं। इस तरह अभी तक कुल पांच प्रत्याशियों ने ही नामांकन जमा किए हैं।
अब तक 30 नामांकन पत्रों की बिक्री
अब तक राजनीतिक दलों और निर्दलीय को मिलाकर 30 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र लिए हैं।
पत्नी ने लड़ा पार्षद का चुनाव, पति अब मैदान में
भाजपा से नगर निगम चुनाव में टिकट कटने के बाद बाबू मस्तान ने पत्नी को निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़ाया था। वह चुनाव जीत गईं थी। अब बाबू मस्तान निर्दलीय विधायक प्रत्याशी के रूप में नरेला से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्याशी रहीं रईसा मलिक ने भी इसी विधानसभा आप की तरफ से नामांकन जमा किया है। इसी तरह अमील उल हक और अजय पटेल ने नामांकन जमा किए हैं, जबकि गोविंदपुरा विधानसभा से एक प्रत्याशी ने दोबारा से नामांकन जमा किया है। नरेला और गोविंदपुरा विधानसभा में अब तक लगभग 10-10 प्रत्याशी नामांकन ले चुके हैं।
उत्तर से आमिर ने लिया नामांकन
उत्तर विधानसभा क्षेत्र से अब तक चार प्रत्याशियों ने नामांकन लिए हैं। इनमें एक नाम आमिर अकील का भी शामिल है, जो मौजूदा विधायक आरिफ अकील के भाई हैं। जबकि उनके भतीजे आतिफ अकील को कांग्रेस ने यहां से प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं एक अन्य नामांकन पत्र नासिर इस्लाम ने भी लिया है, लेकिन उन्होंने अभी जमा नहीं किया है। इनके नामांकन लेने से उत्तर में राजनीतिक गरमाहट दिखाई देने लगी है। इसके अलावा मध्य से सात नामांकन लिए गए हैं और एक जमा किया गया है। हुजूर से सात नामांकन लिए गए हैं, जिनमें एक जितेंद्र डागा का शामिल हैं। वहीं दक्षिण -पश्चिम और बैरसिया से भी प्रत्याशियों ने नामांकन तो लिए हैं, लेकिन जमा किसी ने नहीं किया है।
मध्य प्रदेश चुनाव में दोनों तरफ बराबर लगी हुई है बगावत की आग
26 Oct, 2023 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । इस अंचल की तो तासीर ही बगावत की है तो चुनाव में कैसे न दिखाई दे। ग्वालियर-चंबल में इस वक्त दोनों पार्टियों में अभूतपूर्व विरोध दिखाई दे रहा है। अंदाजा इससे लगा सकते हैं अंचल की राजनीति जिस महल के इशारों पर अंगड़ाई लेती है, उसे भी कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और 'महल वालों' को बचकर जाना पड़ा। इस बार इतनी बगावत क्यों के दोनों दल में अलग-अलग कारण हैं। कांग्रेस में मुख्य कारण सत्ता में वापसी की सुगबुगाहट या छटपटाहट के बीच खुद की भागीदारी सुनिश्चित करना है तो भाजपा में खेमेबाजी। ग्वालियर-चंबल अंचल के कुल आठ जिलों में कुल 34 सीटें आती हैं, जिनमें भाजपा की ओर से सिर्फ गुना को छोड़कर बाकी सभी जगह दोनों प्रमुख दलों ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। जो 'योग्य' होते हुए भी दोनों तरफ की किसी भी सूची में जगह नहीं बना पाए, उनका सब्र जवाब दे गया और उन्होंने बिना देर किए हाथी की सवारी कर ली। अंचल में ऐसी कुल छह सीटें हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस के नेता, विधायक या पूर्व विधायक ने बसपा से लड़ने का एलान कर मुकाबला त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिन चुनिंदा सीटों पर अपनों का बिल्कुल विरोध नहीं, उन्होंने नवमी के शुभ मुहूर्त में पर्चा दाखिल कर प्रचार का देवी पूजन कर दिया है, लेकिन जहां विरोध की आग भड़की हुई है, वहां पूरा प्रयास रूठों को मनाने का चल रहा है।
ग्वालियर संभाग : महल घेरा, मान भी गए
ग्वालियर संभाग में उत्तरी मध्य प्रदेश का वह हिस्सा आता है, जिसकी सीमा राजनीति के 'मदीना' कहे जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश से लगती है। संभाग में ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले आते हैं। ग्वालियर, शिवपुरी और गुना में उठापटक बनी हुई है। यहां की सीटों पर सिंधिया घराने का सीधा दखल रहता है। हालिया विरोध ग्वालियर पूर्व सीट से टिकट का सपना संजोए मुन्नालाल गोयल की ओर से देखने को मिला। मुन्ना के समर्थकों ने महल में जाकर खूब हंगामा किया।
मुन्ना 2020 में सिंधिया के साथ आए थे, लेकिन उपचुनाव हार गए थे। फिलहाल मुन्ना मान गए हैं और किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ने की बात से यूटर्न ले लिया है। शिवपुरी के कोलारस से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी सहित कई सिंधिया समर्थकों को कांग्रेस ने घर वापसी करवाकर राजनीति में हलचल मचा दी थी। यह बात और है कि कांग्रेस ने वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट न देकर उनके राजनीतिक करियर को हाशिए पर धकेल दिया है। रघुवंशी को लेकर कमल नाथ ने दिग्विजय के कपड़े फाड़ने तक की बात समर्थकों को कह दी थी, हालांकि हुआ कुछ नहीं। भाजपा में शिवपुरी से ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लड़ने से इन्कार के बाद 'महल' ने अपने पसंदीदा देवेंद्र कुमार जैन को उतारा है। उनका मुकाबला पिछोर सीट पर छह बार से जीत रहे केपी सिंह उर्फ कक्काजू से होगा। कांग्रेस के रणनीतिकार दिग्विजय सिंह कक्काजू के जीतने की कला को शिवपुरी में इस्तेमाल कर सिंधिया से बदला लेना चाहते हैं। वैसे जैन के पास वैश्य वोटबैंक और महल समर्थकों का साथ होने से कक्काजू की नाबाद राजनीतिक पारी दांव पर लगी नजर आ रही है। दतिया में कांग्रेस की ओर स्थिति तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है। भारी विरोध के बाद कांग्रेस को यहां अवधेश नायक का टिकट बदलकर राजेंद्र भारती को देना पड़ा है जो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी हैं। गुना की चाचौड़ा सीट पर भाजपा ने दो माह पहले ही एक आइआरएस अधिकारी की पत्नी को टिकट दे दिया था, तभी से यहां तनातनी मची हुई है। भाजपा की पूर्व विधायक ममता मीणा अब केजरीवाल की आप पार्टी से 'झाड़ू' लेकर मैदान में हैं।
चंबल संभाग : 'माया' का सहारा
भिंड, मुरैना और श्योपुर जैसे ठेठ बीहड़ों वाले जिलों में ग्वालियर संभाग जैसा लचीलापन नहीं है। यहां बात जमी तो जमी, नहीं तो फैसला आन द स्पाट। इसलिए, यहां दोनों ही दल के नाराजों ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की 'माया' का सहारा लेकर चुनावी रण में उतरने के लिए हाथी यानी बहुजन समाज पार्टी को सिद्ध कर लिया है। कांग्रेस में सुमावली सीट पर मौजूदा कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुश्वाह ने हाथी की सूंड के सहारे पंजे की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
वहीं, भिंड से बसपा के टिकट पर जीतकर कुछ समय पहले ही भाजपाई हुए संजीव कुशवाह ने भाजपा की वादाखिलाफी के बाद चुनाव लड़ने का एलान किया है। उनका कोई दल होगा या निर्दलीय लड़ेंगे, तय नहीं है, लेकिन नुकसान दोनों पार्टियों का होगा। मुरैना सीट पर भाजपा के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने बेटे राकेश के जरिए और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने बसपा की सदस्यता लेकर ताल ठोक दी है।
दिमनी पर सबकी नजर
मुरैना जिले की दिमनी सीट पर देशभर की नजरें हैं, क्योंकि यहां मोदी कैबिनेट के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। तोमर भावी मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं। इस सीट पर जातीय समीकरण हावी रहता है। क्षत्रिय वोट भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों में बंटता दिख रहा है, क्योंकि तीनों के प्रत्याशी ठाकुर हैं। बसपा के प्रत्याशी ब्राह्मण हैं, जिन्होंने भाजपा को 2013 के चुनाव में तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। 2008 के बाद भाजपा यहां जीती ही नहीं और तोमर भी प्रदेश की राजनीति से तभी से दूर हैं।
भाजपा सरकार की योजनाओं से मध्यप्रदेश में महिलाओं की स्थिति मजबूत
26 Oct, 2023 10:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश में महिला अधिकार और सम्मान की रक्षा अब पहले से कहीं अधिक बेहतर और पुख्ता हो गई है। बेटियों को अब बोझ नहीं समझा जाता, महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, चुनावों में हिस्सा लेकर महिलाएं जनप्रतिनिधि के तौर पर भी अपनी भूमिका निभा रही है। केवल पारिवारिक ही नहीं सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी मजबूत हुई है। महिला हितकारी योजनाओं ने एमपी में महिलाओं के लिए एक सुरक्षा कवच दिया है, जिसके साथ मध्यप्रदेश में महिलाएं निडर होकर आगे बढ़ रही हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में महिलाओं का चहुंओर विकास हो रहा है। महिलाएं अब केवल घर की धुरी ही नहीं, अब समाज और राजनीति में उनके फैसलों की अहमियत बढ़ गई है। लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं का आत्मबल बढ़ाया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभार्थियों का परिवार अब 46 लाख बेटियों का हो गया है। बेटियों का यह परिवार हर क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। हर साल प्रदेश में दो मई को लाडली लक्ष्मी दिवस मनाया जाता है, बेटियों का मान और सम्मान बढ़ने से अब बेटियां अभिशाप के रूप में नहीं देखी जाती हैं। सरकार की छात्रवृति योजना से बेटियों को बेहतर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक 13 लाख 30 हजार से अधिक लाडली बेटियों को 366 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की सुनवाई होने में पहले महीनों तक जाते थे, कार्रवाई होने में देर की वजह से कई बार महिलाएं शिकायत भी नहीं करती थी, इसका समाधान ई- संवाद मोबाइल एप के जरिए ढूंढा गया, जिसमें किसी भी तरह की अभद्रता या समस्या होने पर बेटियां और महिलाएं सीधे मुख्यमंत्री से संवाद करके अपनी बात सीएम पर पहुंचा सकती है। इस एप के माध्यम से महिलाओं के साथ सीएम का सीधा संवाद कायम हो सका, जिसने जनता और सीएम के बीच एक मजबूत रिश्ते की नींव रखी। महिलाएं अब आर्थिक रूप से भी सक्षम हो रही है, स्वयं सहायता समूहों का महत्व गांव देहात ही नहीं शहरी क्षेत्र में भी बढ़ गया। मध्यप्रदेश में 32 हजार महिलाएं और बेटियां विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। महिला अधिकारों के कानून का पालन सुनिश्चत करने के लिए प्रदेश में लाडली लक्ष्मी कानून बनाया गया।
चुनावी रणनीति में विफल कांग्रेस
26 Oct, 2023 10:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी में करीबी मुकाबले के बीच कांग्रेस पार्टी एक तरफ जहां टिकट बंटवारे को लेकर लगभग 1 महीने की देरी से चल रही थी वहीं दूसरी ओर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बगावत की स्थितियों से चारों तरफ से जूझती दिखाई दे रही है । पिछले सात दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह की कपड़ा फाड़ राजनीति के बीच विरोध इस सीमा तक पहुंच गया कि कहीं बागी उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हो गए, तो कहीं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पुतला दहन एवं पोस्टर पर कालिख पोतने के नजारे भी सामने आए ।
बगावत एवं विद्रोह के बीच कांग्रेस पार्टी ने दो दिन पहले भी तीन विधानसभा सीटों पर बदलाव किया था, वहीं दूसरी ओर अभी-अभी चार विधानसभा सीटों पर एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों में बदलाव किया है। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी के अंदर बगावत एवं उम्मीदवारों के चयन में बदलाव लगातार जारी है ।
चार सीटों पर बगावत के बाद बदले बड़े उम्मीदवार ।
पिछले 7 दिनों से लगातार चल रहे विरोध के चलते अंतत: कांग्रेस पार्टी के मध्यप्रदेश और शीर्ष नेतृत्व को झुकना ही पड़ा और चार विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का बदलाव करना पड़ा।
सुमावली से अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया गया है, पहले इनके स्थान पर कुलदीप सिकरवार को टिकट दिया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार अजब सिंह कुशवाह ने 24 घंटे पूर्व ही बगावत करते हुए बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर बसपा से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। पिपरिया से वीरेंद्र बेलवंशी को टिकट दिया गया, यहां से पहले गुरुचरण खरे को टिकट दिया गया था। जानकारी के अनुसार गुरु चरण छिंदवाड़ा जिले से होने के कारण इनका लोकल में विरोध हो रहा था । बड़नगर से मुरली मोरवाल को टिकट दिया गया, यहां पहले राजेंद्र सिंह सोलंकी को कांग्रेस ने टिकट दिया था। मुरली मोरवाल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भोपाल प्रदेश कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह का पुतला दहन किया था । जावरा से वीरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया गया है, यहां पहले हिम्मत श्रीमाल उम्मीदवार बनाए गए थे। कुल मिलाकर बदले गए उम्मीदवार सामने आने के बाद अब जो पूर्व में घोषित उम्मीदवारों द्वारा बगावत की स्थिति बन सकती है। बगावत के बाद बगावत के खेल में कांग्रेस पार्टी की उलझनें समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।
इन सीटों पर पूर्व में बदल चुके हैं प्रत्याशी
आज 25 अक्टूबर को जिस तरह से एक बार फिर चार उम्मीदवारों के चयन में बदलाव किया गया है । इसी क्रम में लगभग सात दिन पहले भी तीन विधानसभा सीटों पर भारी विरोध एवं आक्रोश का सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी ने बदलाव किया था । गौरतलब है कि कांग्रेस की दूसरी सूची में पार्टी ने तीन सीटों पर भी प्रत्याशियों को बदला गया था। पहली सूची में दतिया से अवधेश नायक की जगह राजेंद्र भारती, गोटेगांव में शेखर चौधरी की जगह नर्मदा प्रसाद प्रजापति यथावत और पिछोर से शैलेंद्र सिंह का टिकट काटकर अरविंद सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया गया है।
अभी पांच विधानसभा उम्मीदवारों के बदलाव की उम्मीद ।
कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार बदलाव की सूचियां जारी हो रही है। विरोध एवं आक्रोश के बीच शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान उम्मीदवार एवं पिछोर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक के पी सिंह ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर शिवपुरी की एक सभा में कहा था कि मेरा कोई भरोसा नहीं है, मैं अभी उम्मीदवार हूं या फिर से बदल दिया जाऊंगा । अर्थात शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से केपी सिंह की उम्मीदवारी बदल सकती है तो ऐसी स्थिति में पिछोर विधानसभा सीट पर एवं शिवपुरी विधानसभा सीट पर फिर से बदलाव होगा। वहीं दूसरी ओर निवाड़ी विधानसभा सीट से शराब का व्यापार करने वाले अजय राय का लोकल स्तर पर विरोध जारी है एवं भोपाल में संभावित उम्मीदवार रोशनी यादव के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर जबरदस्त उत्पात मचाया । ऐसे ही वर्तमान शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के विरुद्ध एक शराब कारोबारी को शुजालपुर से उम्मीदवार बनाने के बाद से ही जबरदस्त विरोध की स्थितियां स्थानीय स्तर से लेकर भोपाल राजधानी के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर दिखाई दी थी । स्थानीय उम्मीदवार योगेंद्र सिंह उर्फ बंटी बना की उम्मीदवारी को लेकर समर्थक लगातार आज भी बागी बने हुए हैं, संभवत: आने वाले समय में इस विधानसभा सीट पर भी बदलाव की स्थितियां दिखाई देने जा रही है । वहीं दूसरी और बहुचर्चित विधानसभा सीट आमला से नौकरी से त्यागपत्र देने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा मध्य प्रदेश शासन के द्वारा स्वीकृत होने के बाद पहले से घोषित प्रत्याशी मनोज साल्वे को भी बदलने की स्थितियां सामने दिखाई दे रही है ।
कुल मिलाकर आने वाले 48 घंटे के अंदर पांच विधानसभा सीटों पर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी अपने घोषित उम्मीदवारों को बदल सकती है ।
सम्मान में शुरू की गई नौ योजनाएं
26 Oct, 2023 09:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कन्या पूजन को नौटंकी कहने वाला मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान की निंदा करते हुए इसे सनातन, सनातनी परंपरा और धर्म का विरोध बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को टंच माल और आइटम कहने वाले बेटियों का सम्मान क्या जानें हैं? मैं बेटियों के पैर भी धोता हूं, उस पानी को माथे से लगाता हूं। यह वही कर सकता है जिसके मन में पवित्र भाव हो, जिसमें भारतीय संस्कार हो, बहन और बेटियों को टंच माल कहने वाले, आइटम कहने वाले, कन्या पूजन का महत्व क्या समझेंगे?
एक ओर जहां दिग्विजय सिंह द्वारा बेटियों के पूजन को नौटंकी बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में कन्या पूजन करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटियों के सुरक्षित भविष्य और महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर कई योजनाएं चला रखी है। महिलाओं के सम्मान में केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश में जो योजनाएं जारी हैं उनमें लाडली बहना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण, उज्ज्वला योजना, महिला शक्ति वंदन अधिनियम, मातृवंदना योजना, महिला अस्मिता से छेड़छाड़ का दंड फांसी, शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण और सरकारी नौकरियों में भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण शामिल है.
इन योजनाओं में अगर लाड़ली बहना योजना की बात की जाए, तो इसके तहत मध्य प्रदेश की महिलाओं को 1250 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसके साथ ही, इन बहनों को 450 रुपये में रसोई गैस भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सब्सिडी की राशि सरकार की ओर से उनके खाते में भेजी जा रही है।
वहीं, सदियों से लकड़ी और कोयले के चूल्हे पर रसोई तैयार करने वाली महिलाओं को धुंए से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत देश के गरीब परिवार की महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही, महिलाओं को गैस सिलेंडर की खरीद करने पर सब्सिडी भी दी जाती है। जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकार है, उन राज्यों में महिलाएं ही नहीं, प्रदेश की तमाम जनता को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का दोहरा लाभ दिया जा रहा है।
इसके अलावा जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकार नहीं है, उन राज्यों के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि राज्य हैं। इन राज्यों में महिलाओं को समाज और प्रशासनिक स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास न के बराबर किए जा रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से जो योजनाएं बनाकर भेजी जाती हैं, उन्हें ढंग से अमल भी नहीं किया जाता है।
प्रदेश में अब रातें सर्द, इन शहरों में गिरा तापमान
25 Oct, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । इस सीजन में पहली बार बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में दो तीव्रतम चक्रवाती तूफान बने हुए हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इन तूफानों के कारण नम हवाएं एकत्र हो रही हैं। यही वजह है कि मध्य प्रदेश में लगातार उत्तरी हवाएं आ रही हैं, जिससे तापमान में गिरावट हो रही है। इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश में सबसे कम 14.1 डिग्री सेल्सियस तापमान छिंदवाड़ा एवं मलाजखंड में दर्ज किया गया। इन दो शहरों के अलावा राजगढ़, रायसेन, बैतूल, मंडला, रीवा में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है। राजधानी में रात का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस पर रहा, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। उधर, प्रदेश में सबसे अधिक 33.8 डिग्री सेल्सियस तापमान धार में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि तापमान में गिरावट का सिलसिला अभी जारी रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने बताया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। वातावरण में नमी नहीं रहने के कारण मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है।
उत्तर की तरफ से आने वाली हवाओं के कारण पूरे प्रदेश में तापमान में गिरावट हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में तीव्रतम चक्रवाती तूफान बने हुए हैं। इन तूफानों के आसपास नम हवाओं का समूह इकट्ठा होने के कारण प्रदेश में उत्तरी हवाएं आ रही हैं। इस वजह से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में रात के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट हो सकती है।
विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल के रास्ते मध्य प्रदेश में पैर जमाने में जुटी आप
25 Oct, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । आम आदमी पार्टी (आप) विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल की सीटों को जीतकर मप्र में जड़ें जमाने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) जीतने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। इसके लिए पार्टी ने अपना पूरा फोकस विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर कर रखा है। यही वजह है कि अब तक घोषित 70 प्रत्याशियों में से 60 फीसदी इन तीन क्षेत्रों में ही उतारे हैं। सोमवार को आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली सीट पर प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया। विंध्य की सिंगरौली सीट पर पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव में महापौर पद जीतकर धमाकेदार शुरुआत की थी। अब विधानसभा चुनाव में आप ने विंध्य पर ही अपना फोकस किया हुआ है।
विंध्य में भाजपा से नाराज है जनता
दरअसल, विंध्य में सत्ता विरोधी लहर के चलते जनता भाजपा से नाराज है। कांग्रेस को लेकर भी जनता खुश नहीं हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में मजबूत दिखाई दे रही है। यही वजह है कि यहां पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दो और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तीन सभाएं कर चुके हैं।
विंध्य में भाजपा का था दबदबा
विंध्य क्षेत्र में अभी तक भाजपा का दबदबा रहा है। यहां पर 2018 में 30 में से 24 सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटें जीती। इसके बावजूद सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्य नहीं मिलने और पेशाब कांड के चलते ब्राह्मण वर्ग सरकार से नाराज हैं। ऐसे में भाजपा के सामने अपने मजबूत किले को बचाने की चुनौती है। नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के तीन महापौर हार गए थे। सिंगरौली पर आप, रीवा में कांग्रेस और कटनी में भाजपा की बागी निर्दलीय प्रत्याशी जीती थी। हालांकि, बाद में कटनी महापौर भाजपा में शामिल हो गईं। क्षेत्र में अपने गिरते जनाधार को बचाने के लिए भाजपा ने राजेंद्र शुक्ल को चुनाव की तारीखों के एलान से डेढ़ महीने पहले मंत्री बनाया है। यहां ब्राह्मण और आदिवासियों को साधने पर भी फोकस किया, लेकिन अब आप तीसरे विकल्प के रूप में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन रही है।
ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड पर भी नजर
विंध्य के साथ ही आम आदमी पार्टी की ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड पर भी नजर है। आम आदमी पार्टी ने ग्वालियर-चंबल में 13, बुंदेलखंड में 12 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। ग्वालियर में अरविंद केजरीवाल एक सभा कर चुके हैं। वहीं, बुंदेलखंड में इस माह के अंत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान रैली करने आ रहे हैं। यहां पर भाजपा युवाओं पर फोकस कर रही है। केजरीवाल ने अपनी रैलियों में एमपी की जनता को 10 गारंटियां दी हैं। इसमें शासकीय स्कूलों, शासकीय अस्पताल और किसानों को 24 घंटे बिजली देने की गारंटी भी है।
आप के अब तक घोषित 70 प्रत्याशी
विंध्य- 17
ग्वालियर-चंबल- 13
बुंदेलखंड-13
मालवा-निमांड-11
महाकौशल-9
मध्य क्षेत्र- 8
एक दूसरे के बागियों के सहारे भाजपा-कांग्रेस
25 Oct, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों पर एक बार फिर 2018 की तरह बागियों का साया मंडरा रहा है। पिछली बार बागियों ने न केवल भाजपा का खेल बिगाड़ा था बल्कि कांग्रेस को भी सत्ता के लिए पापड़ बेलने पड़ गए थे। इस बार बगावत का खेल और तगड़ा दिख रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार बागियों का इस्तेमाल दोनों पार्टियां जम कर कर रही हैं। कांग्रेस ने भाजपा के कम से कम 7 बागियों को अपना टिकट देकर बढ़त ले ली है। भाजपा ने भी कई कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल करा कर टिकट दिया है। अभी तक कांग्रेस के 4 बागी प्रत्य़ाशियों को भाजपा का टिकट मिलता दिख रहा है। दोनों पार्टियां इनका इस्तेमाल केवल चुनाव लडाकर ही नहीं बल्कि विभीषण के रूप में भी सहयोग ले रही हैं।
सात नेताओं को भाजपा छोडऩे का कांग्रेस ने दिया इनाम
कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने के बाद कांग्रेस जॉइन करने वाले नेताओं को अपना हथियार बनाया है। भाजपा से आने वाले करीब सात नेताओं को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने टिकट दिया है। भाजपा का साथ छोडऩे वाले दीपक जोशी को कांग्रेस पार्टी ने देवास जिले की खातेगांव सीट से टिकट दिया है। भाजपा से बगावत करने वाले अभय मिश्रा को रीवा जिले की सेमरिया सीट से टिकट का इनम मिला है। इंदौर में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत को कांग्रेस ने धार जिले की बदनावर सीट से उम्मीदवार बनाया है। बागी समंदर पटेल नीमच जिले की जावद सीट पर टिकट पाने में कामयाब हुए हैं। भाजपा से पूर्व विधायक रहे गिरजा शंकर शर्मा को होशंगाबाद सीट से टिकट देकर कांग्रेस ने जोरदार चाल चली है। अमित राय औरल राकेश सिंह चतुर्वेदी को क्रमश:निवाड़ी और भिंड सीट से टिकट देकर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस के बागियों को भाजपा ने भी दिया भाव
दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के 4 बागी उम्मीदवारों को भाजपा की पांचवी लिस्ट में जगह मिली है। पांचवी लिस्ट के उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा ने बड़वाह विधानसभा सीट के लिए सचिन बिड़ला, सुसनेर विधानसभा सीट के लिए राणा विक्रम सिंह, वारासिवनी विधानसभा सीट के लिए प्रदीप जायसवाल और त्योंथर विधानसभा सीट के लिए सिद्धार्थ तिवारी शामिल हैं। कांग्रेस से धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। नागौद से कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह भी बीएसपी से टिकट मांग रहे हैं। उज्जैन से कांग्रेस सांसद रहे प्रेमचंद गुड्ड आलोट से निर्दलीय मैंदान में आने को तैयार हैं। उज्जैन उत्तर सीट से टिकट चाह रहे विवेक यादव ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली है और टिकट के दावेदार हैं। ग्वालियर ग्रामीण से टिकट की राह देख रहे केदार कंसाना अब बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं।
2018 में भाजपा का काम बिगाड़ा विद्रोहियों ने
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 109 सीट जीतने में कामयाब हुई थी। कांग्रेस को भी करीब 114 सीट जीतकर भाजपा बढ़त बना ली थी। बहुमत के लिए 116 सीट जीतना जरूरी था।पर दोनों पार्टियों को विद्रोहियों के नाराजगी का फल भुगतना पड़ा। भाजपा को कम से कम 5 सीटों पर तो कांग्रेस को कम से कम सात सीटों पर इनके चलते हार का सामना करना पड़ा। 2018 के विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों के करीब 30 उम्मीदवार बगावत कर चुनाव लड़ रहे थे। इन 30 लोगों में से केवल 4 ही चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। लेकिन ये बागी जहां से मैदान में उतरे वहां पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। 2018 में दमोह सीट पर बागी भाजपा नेता को सिर्फ 1,131 वोट ही मिल सके थे पर यही वोट अगर भाजपा कैंडिडेट को मिलते तो उसकी 798 वोटों से हार नहीं होती। पथरिया सीट पर टिकट कटने पर बागी हुए भाजपा नेता को सिर्फ 8755 वोट ही मिल सके थे। पर यही वोट अगर भाजपा कैंडिडेट को मिलते तो उसकी 2205 वोटों से हार नहीं हुई होती। ग्वालियर दक्षिण सीट पर भाजपा की बागी कैंडिडेट कुछ ज्यादा ही मजबूत साबित हुआ। इस कैंडिडेट को 30 हजार से ज्यादा वोट मिले जिसके चलते भाजपा के उम्मीदवार को मात्र 121 वोट से हार का सामना करना पड़ा। इस तरह सत्ता के जादुई आंकड़ों से 2018 के चुनावो में भाजपा कांग्रेस से सिर्फ पांच सीट पीछे रह गई थी।मतलब सीधा है कि अगर बागी उम्मीदवारों को पार्टी ने मना लिया होता तो पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल कर सकती थी।
इस बार करीब 70 बागी उम्मीदवार
मध्य प्रदेश में भाजपा गुना और विदिशा को छोडक़र 228 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम ऐलान कर चुकी है। कांग्रेस भी करीब-करीब सभी सीटों पर टिकटों का ऐलान कर चुकी है।दोनों पार्टियों से कितने बागी चुनाव लड़ रहे हैं, अभी ठीक-ठीक आंकड़े आने बाकी हैं । जितनी सूचनाएं मिल सकी हैं उसके आधार पर अब तक कांग्रेस को बागियों से ज्यादा नुकसान होता दिख रहा है। कांग्रेस से अब तक कम से कम 40 बागियों के नाम सामने आ चुके हैं जो चुनाव लडऩे की तैयारी कर चुके हैं। भाजपा से भी बागियों की संख्या कम नहीं है। प्रदेश की अब तक 26 सीटों पर टिकट कटने के बाद भाजपा को चुनावी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कहते हैं कि 90 फीसदी सीट सर्वे के आधार पर तय हुई हैं। इतने पारदर्शी तरीके से पहले कभी कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन नहीं हुआ। कुछ ऐसा ही दावा भाजपा की ओर से भी हो रहा है।
हिंसक एवं अराजक हुआ कांग्रेसियों का असंतोष, आपस में चले लाठी-डंडे
25 Oct, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सागर । नरयावली विस क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस में फूट साफ दिख रही है। इसी के चलते बुधवार को कांग्रेस के दो गुटों में मारपीट हो गई। दोनों तरफ से मारपीट हुई। इस दौरान लाठी, डंडे भी चले, इस झड़प में अशरफ खान सहित अन्य कार्यकर्ताओं को चोट आई है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक नरयावली विस क्षेत्र से सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थक मकरोनिया चौराहे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का पुतला जलाने के लिए जा रहे थे। इसकी खबर मकरोनिया में चुनावी प्रचार में लगे सुरेंद्र चौधरी के समर्थक अशरफ खान सहित अन्य लोगों को लगी तो वे भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुतला दहन करने वाले कांग्रेस नेत्री शारदा खटीक के समर्थकों को समझाया लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान देखते ही देखते बात बिगड़ी और विवाद मारपीट तक पहुंच गया।
सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध
नरयावली विस क्षेत्र से सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शारदा खटीक इसको लेकर पार्टी छोड़ने की बात कह चुकी हैं। वहीं कुछ कार्यकर्ता बीते रोज जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार केे कार्यालय तक पर धरना दे चुके हैं।
इस संबंध में शारदा खटीक का कहना है कि सुरेंद्र चौधरी का पुतला मैं नहीं जला रही। गलत टिकट दिए जाने से यह पुतला जनता जला रही है, लेकिन पुतला दहन के दौरान सुरेंद्र चौधरी के समर्थक आए जिन्होंने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि यह विरोध मेरा नहीं जनता का है। मारपीट में घायल हुए अशरफ खान का कहना है कि मैं शांति बनाए रखने की अपील कर रहा था, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी। मुझे करीब 20 से 22 लोगों ने जमीन पर पटकर मारा। यदि साथी मुझे नहीं खींचते तो मेरी जान जा सकती थी।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा फैसला मानना चहिए
नरयावली विस क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि विरोध का यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं है। टिकट देने न देने का फैसला पार्टी हाईकमान है। यदि मेरी जगह अन्य किसी को टिकट मिलता तो मैं उस फैसले को मानता। अन्य कार्यकर्ताओं को भी समझना चाहिए, नहीं तो इसका फायदा अन्य लोग उठाएंगे। ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष डा. आनंद अहिरवार का कहना है कि कार्यकर्ताओं को समझाया जाएगा। यह समय एकजुट रहने का है। यदि हम बिखरे तो इसका फायदा अन्य उठाएंगे।
मप्र में अब नीतीश कुमार देंगे कांग्रेस को टक्कर!
25 Oct, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन में आपसी लड़ाई देखने को मिल रही है। पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर दिखाए फिर अब जेडीयू ने इस गठबंधन को झटका दे दिया है। जेडीयू ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट में जेडीयू के 5 उम्मीदवारों का नाम है। जेडीयू ने जिन पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें पिछोर विधानसभा सीट से चंद्रपाल यादव, राजनगर से रामकुंवर (रानी) रैकवार, विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी, थांदला विधानसभा सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद रामेश्वर सिंघार को उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी द्वारा सूची जारी करने के तुरंत बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या इंडिया गठबंधन आत्म-विनाश मोड में आ गया है। बता दें कि बिहार के महागठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस और राजद दोनों ही संबंधित दलों को बिहार सरकार में दो अतिरिक्त मंत्रियों की नियुक्ति का इंतजार है।
नीतीश का टूटा धैर्य
नीतीश कुमार ने जब पटना में विपक्षी एकजुटता मुहिम की शुरुआत की थी तब विपक्ष में शामिल कई दलों के नेताओं की मेजबानी करते हुए नीतीश कुमार ने यह भरोसा दिलाया था कि अब भाजपा के खिलाफ तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और भाजपा या एनडीए के उम्मीदवारों के सामने इंडिया गठबंधन की तरफ से केवल एक साझा उम्मीदवार दिया जाएगा। लेकिन मौजूदा विधानसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी का धैर्य टूट गया और मध्य प्रदेश में जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर है, वहां जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
भाजपा ने कसा जदयू पर तंज
नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा ने जेडीयू पर तंज कसा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा है कि नीतीश कुमार का धैर्य इसलिए टूट गया, क्योंकि उनकी पार्टी को किसी गठबंधन में तरजीह नहीं मिल रही है। जब जेडीयू को कोई पूछ नहीं रहा है तो वह अब अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहा है। भाजपा ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के पहले ही इंडिया गठबंधन धराशाई हो गया है।
जेडीयू ने दी सफाई
भाजपा की तरफ से निशाना साधे जाने के बाद जेडीयू ने भी अपनी तरफ से पहली प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने कहा है कि संगठन और चुनावी विस्तार के मकसद से उनकी पार्टी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी ताकत देखना चाहती है और जो लोग भी इस पर सवाल उठा रहे हैं वह केवल राजनीति कर रहे हैं। जेडीयू का कहना है कि राजनीतिक मकसद से चुनाव मैदान में उतरने में कोई हर्ज नहीं है।
आरजेडी ने दी भी प्रतिक्रिया
उधर आरजेडी ने भी जेडीयू उम्मीदवारों के मैदान में उतरने पर सफाई दी है। आरजेडी का कहना है कि लोकसभा की आगामी चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में की रूपरेखा तय की गई है, मौजूदा विधानसभा चुनाव में सभी दल अपने-अपने हिसाब से उम्मीदवार उतार रहे हैं। जहां संभव हो रहा है, वहां विपक्षी दल एक दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। आरजेडी का दावा है कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया भाजपा का सफाई कर देगी। जेडीयू उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भले ही आरजेडी सफाई दे रही हो लेकिन हकीकत यही है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवारों की अभी केवल पहली सूची जारी हुई है, यानी इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में जेडीयू के और उम्मीदवार भी मैदान में होंगे। यह देखना अभी दिलचस्प होगा कि जेडीयू क्या दूसरे राज्यों में भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतरता है? अगर ऐसा हुआ तो नीतीश की तरफ से शुरू की गई विपक्षी एकजुटता की मुहिम को उनकी ही पार्टी की तरफ से यह सबसे बड़ा झटका साबित होगा।
सपा ने भी उतारे अपने उम्मीदवार
बता दें कि इससे पहले सपा ने भी बागी तेवर दिखाते हुए कांग्रेस से अलग अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। इस बीच काफी बयानबाजी भी हुई। दरअसल चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव कांग्रेस पर जमकर बरसे। चुनावी सरगर्मी के बीच बढ़ी तल्खियों का स्तर इतना बढ़ गया कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं के लिए चिरकुट जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया। इसके बाद यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जो व्यक्ति अपने पिता का सम्मान नहीं कर सका, वह हम जैसे लोगों का क्या सम्मान करेगा? इस पर अखिलेश ने पलटवार किया और कहा कि कुछ लोग बुजुर्ग होते हैं, उनके संस्कार गलत होते हैं। कभी किसी के पिता और मां-बहन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए।
सपा और कांग्रेस के बीच बिगड़ी बात
सपा और कांग्रेस के बीच इंडिया गठबंधन और बैठकों के समय सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही मध्य प्रदेश में सीट शेयरिंग की बात आई तो बात बिगडऩे लगी। दरअसल, एमपी में समाजवादी पार्टी ने अपने 22 कैंडिडेटों के नाम का ऐलान किया था, इससे कांग्रेस बिफर गई और कहा कि अगर सपा इतनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो सीधे-सीधे भाजपा को इससे फायदा होगा। जब ये बात राजनीतिक गलियारों में फैली तो अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो ना हम मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते। कांग्रेस की इस तल्खी को लेकर अखिलेश ने कहा था कि रात 1 बजे तक कांग्रेस नेताओं ने सपा नेताओं को बैठाकर रखा और बातचीत की। आश्वासन दिया कि कांग्रेस सपा के लिए 6 सीटों पर विचार करेगी। लेकिन जब लिस्ट आई तो उसमें सपा के एक भी उम्मीदवार को जगह नहीं दी गई।
समधी-समधन, चाचा-भतीजे तो कहीं भाई-भाई...
25 Oct, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों के साथ-साथ रिश्तों की भी जंग देखने को मिलेगी। दरअसल, कांग्रेस-भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए जो उम्मीदवार उतारे हैं उनमें से 5 सीटों पर तो रिश्तेदार ही आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं।
नर्मदापुरम
सबसे पहले नर्मदापुरम सीट की बात करें तो यहां दो सगे भाई आमने सामने हैं। भाजपा ने यहां से सीताशरण शर्मा को एक बार फिर से टिकट दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा को टिकट दिया है। इससे पहले गिरिजाशंकर भी भाजपा में ही थे। दोनों भाइयों ने यहां 33 साल से कब्ज़ा बनाए रखा है। गिरिजाशंकर शर्मा भी 2003 और 2008 में यहां से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
डबरा
भाजपा ने डबरा से ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं इमरती देवी को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां से वर्तमान विधायक सुरेश राजे को टिकट दिया है। दोनों प्रत्याशी रिश्ते में समधी-समधन हैं। दोनों 2020 के उपचुनाव में भी आमने-सामने थे। तब सुरेश राजे ने अपनी समधन इमरती देवी को हरा दिया था।
देवतालाब
देवतालाब विधानसभा सीट पर भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है। गिरीश गौतम के सामने कांग्रेस ने उनके सगे भाई के बेटे पद्मेश को टिकट दिया है। रिश्ते में गिरीश और पद्मेश चाचा-भतीजा लगते हैं। भाजपा के गिरीश गौतम इस सीट पर साल 2008 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। पद्मेश का भले ही यह पहला विधानसभा चुनाव है लेकिन वह गिरीश गौतम के बेटे राहुल को स्थानीय निकाय चुनाव में हरा चुके हैं। अब देखना यह है कि चाचा-भतीजा में से जनता किसे चुनती है।
सागर
सागर में जेठ और बहु आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने यहां से शैलेंद्र जैन को और कांग्रेस ने निधि जैन को टिकट दिया है। दोनों प्रत्याशी आपस में जेठ और बहू है। कांग्रेस प्रत्याशी निधि जैन, भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र जैन के छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी हैं।
टिमरनी
टिमरनी विधानसभा सीट पर भी चाचा और भतीजा के बीच ही चुनावी मुकाबला होने जा रहा है। भाजपा ने यहां वर्तमान विधायक संजय शाह पर एक बार फिर भरोसा जताया है तो वहीं कांग्रेस ने उनके भतीजे अभिजीत शाह को टिकट दिया है। संजय शाह साल 2008 से यहां लगातार चुनाव जीत रहे हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर चाचा-भतीजा आमने-सामने थे। तब नज़दीकी मुकाबले में चाचा ने अपने भतीजे को चुनाव हरा दिया था।
40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी विंध्य जनता पार्टी
25 Oct, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में विंध्य जनता पार्टी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। विंध्य क्षेत्र की सभी 30 सीटों पर जल्द ही उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। विंध्य जनता पार्टी के प्रमुख नारायण त्रिपाठी ने यह फैसला लिया है। मैहर विधायक नारायण आज चुनावी रणनीति को लेकर खुलासा करेंगे।
मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने और टिकट नहीं मिलने के बाद मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने खुद की पार्टी विंध्य जनता पार्टी से ही चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। हाल ही में उनकी पार्टी को निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिन्ह आवंटित किया है।
नारायण त्रिपाठी मैहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं विंध्य क्षेत्र की 30 सीटों समेत प्रदेश की 40 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारेंगे। विंध्य जनता पार्टी भोपाल और इंदौर में भी अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारेगी। कल मंगलवार को नारायण त्रिपाठी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि किसी दल के साथ मुझे ना जोड़ा जाए। मैं विंध्य निर्माण के लिए लगा हूं और इसके लिए राजधानी भोपाल में हूं, जल्द ही आप सबके बीच आऊंगा।
आपको बता दें कि बीजेपी ने 2023 के चुनाव के लिए नारायण त्रिपाठी का टिकट काटकर श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने मैहर से नारायण की बजाय धर्मेश घई को उम्मीदवार घोषित किया है। इन दोनों ही प्रमुख दलों से निराशा हाथ लगने के बाद नारायण ने अपनी ही पार्टी विंध्य जनता पार्टी से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था।
टीकमगढ़ में स्कूल में बच्चा कर रहा था टॉयलेट साफ
25 Oct, 2023 06:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पलेरा । विकासखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शासकीय माध्यमिक शाला बखतपुरा में एक बच्चे का विद्यालय का टॉयलेट साफ करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद यहां पदस्थ शिक्षकों को लेकर भी अभिभावकों में आक्रोश देखा गया। बताया जाता है कि शासकीय माध्यमिक शाला बखतपुरा में अध्ययनरत बच्चों से स्कूल के गंदे टायलेट को लंच के समय शिक्षकों द्वारा साफ कराया जाता है और इसी तरह स्कूल में टॉयलेट को साफ करते हुए किसी व्यक्ति के द्वारा बच्चे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब शिक्षा विभाग के अधिकारी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कह रहे हैं। गौरतलब है कि क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में अभी तक अध्ययनरत बच्चों से शिक्षकों द्वारा स्कूलों में झाडू लगवाना एवं मध्यान्ह भोजन की थाली को साफ करवाना आम बात हो गया था, लेकिन अब विद्यालयों में बच्चों से टॉयलेट साफ करवाना कहां तक उचित है। इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। इसको लेकर कई अभिभावकों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। अब देखना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों से टॉयलेट साफ करवाने वाले शिक्षकों पर क्या कार्रवाई करते हैं।
इन्होने कहा
मामला हमारे संज्ञान में आया है, अभी स्कूलों में अवकाश था, स्कूल खुलने के बाद हम इसकी जांच करवाएंगे।
भानुप्रकाश श्रीवास्तव, बीआरसीसी पलेरा