मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
बिजली के खंभों में लगेंगे मोबाइल चार्जर
1 Mar, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। एमपी की राजधानी में मोबाइल चार्जिंग की दिक्कत जल्द ही खत्म हो जाएगी। अब भोपाल के बिजली खंभों में भी चार्जर लगेंगे जिससे मोबाइल चार्ज कर सकेंगे। शहर के 40 हजार बिजली के खंभों में से 60 प्रतिशत का अब मल्टीपर्पज उपयोग होगा। इनमें मोबाइल और ई-व्हीकल चार्जिंग से लेकर पैनिक बटन की सुविधा होगी। बिजली पहुंचाने के ये साधारण खंभे स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट पोल में तब्दील होंगे। 5 जी के बाद यह कवायद शुरू की गयी है।
400 स्मार्ट पोल का चयन
इसके लिए पहले चरण में 400 स्मार्टपोल को चुना गया है। बिजली कंपनी, ट्राई व स्मार्टसिटी के बीच बैठकें हो चुकी हैं।
सजावटी लाइट की योजना हो चुकी है फेल
इसके पहले नगर निगम बड़े तालाब के किनारे वन विहार के गेट से लेकर बोट क्लब, भारत भवन, केबल स्टे ब्रिज, वीआईपी रोड होते हुए खानूगांव चौराहा स्थित इंपीरियल सब्रे होटल तक 200 सजावटी पोल लगाने की योजना बनाया था। जिसमें रंग-बिरंगी लाइटों लगानी थी। लेकिन कुछ ही पोल लग सके।
पहले भी हो चुकी है स्मार्टपोल की कवायद
इसके पूर्व कंपनी भी स्मार्ट पोल के लिए टेंडर मांगे गए थे। तब एक स्मार्ट पोल की कीमत लगभग 91 हजार 500 रुपए तय थी। इसमें महिला सुरक्षा की दृष्टि से पैनिक बटन भी लगने थे। ताकि असहज स्थिति में महिलाएं आपातकालीन सहायता ले सकें। तब स्मार्टपोल के साथ 20 हजार स्मार्ट लाइट प्रोजेक्ट का 700 करोड़ का बजट था।
स्मार्ट पोल में सात तरह की सुविधाएं
स्मार्टसिटी बिजली कंपनी के साथ मिलकर अधोसंरचना को मल्टीयूज बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत स्मार्ट पोल लगेगें। पोल पर छोटे बॉक्स लगाकर इससे 5 जी इंटरनेट, फायर अलार्म, ई-व्हीकल चार्जिंग, पैनिक बटन, मल्टी स्क्रीन,वाई फाई, लैंप और वायु प्रदूषण से जुड़ी सात तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
मप्र बोर्ड की परीक्षाएं आज से
1 Mar, 2023 08:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रदेश भर से 18 लाख 22 हजार छात्र
भोपाल । दसवीं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरु हो रही हैं। इस बार छात्रों को एक्ट्रा कॉपी यानी सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने इस बार बोर्ड परीक्षा में सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं देने का निर्णय लिया है। इस बार परीक्षा में 20 की जगह 32 पेज की कॉपी छात्रों को दी जाएगी। परीक्षार्थियों को इसमें ही अपने आसंर कंपलीट करने होंगे। इसके अलावा पहली बार बारकोड का भी इस्तेमाल करेंगे, जिससे छात्र ओएमआर शीट भर सकेंगे। इसके लिए छात्रों को जब कॉपी मिलेगी तब मौजूद टीचर्स भी ओएमआर शीट बारे मे जानकारी भी देंगे। इसकी पूरी जानकारी रोल नंबर पर भी मौजूद है। बता दें कि दसवीं की परीक्षा 1 मार्च से शुरु होकर 27 मार्च तक चलेगीं इसके अलावा बारहवीं की परीक्षा दो मार्च से शुरु होकर 1 अप्रैल तक चलेंगी।
इस साल दसवीं बारहवीं में कुल 18 लाख 22 हजार छात्र शामिल होंगे। इसमें दसवीं के 9 लाख 65 हजार और बारहवीं के 8 लाख 57 हजार छात्री परीक्षा देंगे। परीक्षा के लिए इस बार प्रदेश भर में 3852 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से 3099 सरकारी व 753 निजी स्कूलों शामिल हैं। इस साल 618 केंद्रों को संदनशील व अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र की श्रेणी में रखा गया है। इसमें से इनमें से 324 अति संवेदनशील और 294 संवेदनशील केंद्र हैं। जिसमें से अ
महंगी होने वाली है सब्जी और रोटी
1 Mar, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । घर के बाहर यानी रेस्टोरेंट में खाना पसंद करने वालों की जेब अब और भी हल्की होने वाली है। इसकी वजह है 1 मार्च से रेस्टॉरेंट में मिलने वाले फूड यानी खाने (सब्जी और रोटी) के दामों में बढ़ौतरी। रेस्टॉरेंट कारोबारियों की मानें तो पिछले काफी समय से फूड के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं और इसमें लगने वाले हर तरह के कच्चे माल के दामों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। ग्रेवी वाली सब्जियों पर 20 से 30 रुपए और रोटी और नॉन पर 2 से 3 रुपए की बढ़ौतरी की जाएगी।
वहीं रेस्टॉरेंट में खाने पर ग्राहक को बिल पर 5 फीसदी जीएसटी भी चुकाना पड़ता है। रेस्टॉरेंट कारोबारी राजू अरोरा ने बताया कि हर ओर महंगाई के चलते अब रेस्टॉरेंट में भी दाम बढ़ाए जाएंगे, इसके लिए नए मैन्यू कार्ड बनने के लिए भेज दिए गए हैं। शहर में आमतौर पर दम आलू, पनीर, दही फ्राई, कोफ्ते सहित अन्य दूसरी ग्रेवी वाली सब्जियों के रेस्टॉरेंट में दाम 200 से 250 रुपए तक हैं। इनमें करीब 20 से 30 रुपए की बढ़ौतरी हो जाएगी। वहीं प्लेन रोटी 12 से बढ़कर 14 रुपए, बटर रोटी 14 रुपए से बढ़कर 16 रुपए और नॉन 45 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए का बिकने लगेगा।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी भी होगी महंगी
शहर में घर बैठे ऑनलाइन खाना मंगवाना भी लोगों को विशेष पसंद है। जल्द ही इनके डिलीवरी चार्ज भी बढऩे वाले हैं। फिलहाल फूड डिलीवरी कंपनियां प्रति डिलीवरी पर रेस्टॉरेंट से 23 फीसदी कमीशन और 5 फीसदी जीएसटी वसूलती है। आने वाले दिनों में ये बढकऱ 30 फीसदी तक हो जाएगा। कंपनियां डिलीवरी बॉय को एक डिलीवरी के 2 किलोमीटर तक 30 रुपए देती हैं, बताया जाता है कि इसमें भी बढ़ौतरी होगी।
ई-कॉमर्स बिजनेस में मोटे मुनाफे का लालच देकर दो लाख की ठगी
1 Mar, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। कोलार थाना इलाके मे जालसाज ने ई-कॉमर्स बिजनेस में मोटा मुनाफा होने का लालच देकर एक जालसाज ने युवक को अपने जाल मे फसांते हुए दो लाख से अधिक की रकम ठग ली। थाना पुलिस के अनुसार प्रायवेट काम करने वाले 43 वर्षीय परमाल सिंह कंसाना ने लिखित शिकायत करते हुए बताया कि वह सनखेड़ी कोलार मे रहते है। उनके पड़ोस में आरोपी सौरभ सिंह परिहार रहता है। सौरभ और उसकी पत्नी ने परमाल को बताया कि वह ई-कॉमर्स का बिजनेस करते हैं, इस काम मे ऑनलाइन प्रोडक्ट के प्रमोशन और ब्रांडिंग का काम किया जाता है। घर बैठै काम करने के बदले उन्हे एक सप्ताह मे 15-20 प्रतिशत मुनाफा मिल जाता है, यदि वह चाहे तो यह काम कर अच्छा पैसा कमा सकते है। फरियादी दंपति उनके झांसे में आकर काम करने को तैयार हो गए। इसके बाद आरोपी सौरभ ने ट्रैनिंग, लायसेंस और पेपर वर्क के नाम पर फरियादी परमाल से दो लाख 10 हजार रुपए देने को कहा। 7 जुलाई 2022 को परमाल ने सौरभ के बताए एकांउट मे रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद सौरभ मुनाफे के नाम पर उन्हें टाल मटोल करता रहा। करीब चार महीने गुजर जाने पर भी भी जब फरियादी को मुनाफे का कोई पैसा नहीं मिला तब उसने अपनी रकम वापस देने को कहा। लेकिन आरोपी ने उसे पैसै देने से इंकार कर दिया। शिकायती आवेदन की जांच के बाद कोलार पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को पॉच साल बाद 10 साल का कारावास
1 Mar, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। शहर के कोलार थाना इलाके मे नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सुनवाई पूरी होने पर कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास की सजा सहित दो हजार रूपए के जुर्माने से दण्डित किये जाने का आदेश सुनाया है। यह फैसला 18 वें जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) पदमा जाटव की अदालत ने सुनाया है। इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक टीपी गौतम, सरला कहार और गुंजन गुप्ता की तरफ से दलीलें पेश की गई थी। लोक अभियोजन के अनुसार पीड़िता कक्षा 9वीं में पढाई करती थी। उसकी मामा की शादी के दौरान आरोपी रवि थापा की बहन से उसकी जान पहचान हो गई थी। इसके बाद किशोरी की आरोपी से भी बातचीत होने लगी। पहचान होने के बाद आरोपी 13 दिसंबर, 2018 को नाबालिग को स्वर्ण जयंती पार्क ले गया। और पार्क मे सुनसान स्थान पर ले जाकर उसके साथ ज्यादती कर डाली। इस घटना के किशोरी ने आरोपी से बातचीत बंद कर दी थी। लेकिन आरोपी उसे फोन लगाकर उसे परेशान करने लगा। वहीं किशोरी के परिवार वालो के विरोध करने पर आरोपी ने किशोरी के साथ शादी करने का झांसा दिया था। आरोपी की करतूतो से परेशान होकर किशोरी ने अपने पिता के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अदालत ने आरोपी को धारा 376(2) और 5 एल/6 कई बार ज्यादती और पॉक्सो में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रूपए अर्थदंड भुगतने के भी आदेश दिये है। वहीं धारा 363 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया गया है।
विधानसभा में दिवंगत सदस्यों को दी श्रदधांजलि
28 Feb, 2023 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को दिवंगत सदस्यों को दी श्रदधांजलि अर्पित की। इसके उपरांत दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन धारण विधानसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा निधन का उल्लेख करते हुए दिवंगत सदस्यों के नामों का उल्लेख सदन में किया गया। अध्यक्ष द्वारा जिन दिवंगतों के नाम का उल्लेख किया गया उनमें मप्र के पूर्व राज्यपाल ओपी कोहल, भूतपूर्व विधानसभा सदस्य सखाराम देवकरण पटेल, श्रीमती नंदा मंडलोई, नरेंद्र प्रताप सिंह, झनकलाल ठाकुर, राधेश्याम शर्मा, भागवत भाउ नागपुरे, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव तथा शांतिभूषण का नाम शामिल है। तत्पश्चात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेताप्रतिक्ष गोविंद सिंह सहित अन्य सदस्यों द्वारा भूतपूर्व सदस्यों के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला एवं उनके निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्र्वर्गीय कोहली का स्मरण करते हुए उन्हें शिक्षाविद, मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक एवं कुशल संगठक बताया। उन्होंने कहा कि श्री कोहली मप्र, गोवा एवं गुजरात के राज्यपाल भी रहे। वे जीवन पर्यंत वंचितों की आवाज उठाते रहे। नेताप्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को याद करते हुए कहा कि मुझे राजनीति में आने की प्रेरणा उन्हीं से मिली थी। उन्होंने कहा कि श्री यादव आंदोलन के दौरान भागते नहीं थे, बल्कि वे स्वयं लाठियां खाते थे। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी उनके द्वारा छात्र जीवन में ही पेट्रोल के मूल्य बढने पर जबलपुर शहर को दो दिन तक बंद रखवाया था।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा टली
28 Feb, 2023 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । स्कूल शिक्षा विभाग और जनजाति कार्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक के 18527 पदों के लिए होने वाली परीक्षा एक बार फिर अटक गई है। यह भर्ती प्रक्रिया उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के बाद अटकी है। 1 मार्च तक अंतिम चयन लिस्ट जारी करने की तैयारियां चल रही हैं। इसके बाद स्कूलों के लिए चॉइस फिलिंग शुरू होगी।
28 फरवरी से शुरू होने वाली प्राथमिक शिक्षकों की नई भर्ती भी अनिश्चितकालीन के लिए टाल दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 7500 पदों के लिए डिटेल जारी होने थे। जिसमें नियम और निर्देश भी जारी किए जाने थे। इसका विज्ञापन 26 नवंबर 2022 को जारी हुआ था। अभी 19 अक्टूबर 2022 को जारी विज्ञापन की भर्ती परीक्षा पूरी नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में 26 नवंबर को जारी विज्ञापन की भर्ती परीक्षा करवाना संभव ही नहीं है।
उल्लेखनीय है, प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल उम्मीदवारों की संख्या 1.94 लाख है। लोक शिक्षण आयुक्त के अनुसार विज्ञापन के तहत शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अगली भर्ती की जा सकती है। उसके पहले नहीं।
कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार से भाजपा के 18 साल के शासन का हिसाब मांगेगी
28 Feb, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान सरकार से भाजपा के 18 साल के शासन का हिसाब मांगेगी। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर शनिवार देर शाम हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठी घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि इन घोषणाओं पर अमल क्यों नहीं कर रहे हैं। पिछले 20 दिन में शिवराज सिंह चौहान ने 12000 करोड़ की योजनाओं की घोषणा कर दी है। इन घोषणा को अमल में लाने के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है और इसी अवधि में सरकार ने 10000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले लिया है।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरुण भनोट और विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फैसला किया गया है कि शिवराज सरकार के इस अंतिम बजट सत्र में उनके पूरे कार्यकाल का हिसाब लिया जाएगा। शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान चालू की गई जन कल्याण की योजनाएं बंद कर दी हैं। आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए कमलनाथ सरकार में जो काम किए गए थे, उन्हें शिवराज सरकार ने बंद कर दिया।
उन्होंने पूछा कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार विधायकों को टेबलेट में बजट उपलब्ध करा रही है। लेकिन हमारा सवाल यह है कि शिवराज सरकार के पास ऐसी कौन सी टेबलेट है, जिससे वे मध्य प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाएंगे। शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश बेरोजगारी में नंबर वन, महिला उत्पीड़न में नंबर वन, आदिवासी अत्याचार में नंबर वन और पूरे देश में कर्ज लेने में नंबर वन राज्य बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश को इस तरह विकास के हर पैमाने पर पीछे करने के पीछे शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी की क्या मंशा है?
इससे पूर्व बैठक को नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, तरुण भनोट, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, संजय यादव सहित कई विधायकों ने संबोधित किया। सभी विधायकों ने संकल्प लिया कि वह कमलनाथ के नेतृत्व में बजट सत्र में जोरदार ढंग से जनता की आवाज उठाएंगे और आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेंगे। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी एवं कांतिलाल भूरिया सहित कांग्रेस विधायक मौजूद थे।
दिग्विजय सिंह का जन्मदिन: दिलचस्प रहा है सियासी करियर
28 Feb, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन 1947 में हुआ था, वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और राज्यसभा सांसद हैं।
वे वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी हैं। इससे पहले उन्होंने 1993 से 2003 तक दो कार्यकालों के लिए मध्य प्रदेश के 14 वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। इससे पहले वह 1980-84 के बीच मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें भोपाल लोकसभा सीट के लिए प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हराया था।
सिंह 28 फरवरी 1947 को ब्रिटिश भारत के होल्कर (अब मध्य प्रदेश का एक हिस्सा) की पूर्व रियासत इंदौर में पैदा हुए थे। उनके पिता, बलभद्र सिंह, राघौगढ़ (ग्वालियर राज्य के तहत) के राजा थे, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश के गुना जिले के रूप में जाने जाते हैं, और 1951 के चुनावों के बाद राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधान सभा (विधायक) के सदस्य थे। उन्होंने दाली कॉलेज, इंदौर और श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) इंदौर में शिक्षा प्राप्त की।
1969 के बाद उनकी शादी आशा सिंह से हुई, जिनकी 2013 में मृत्यु हो गई, और जिनके साथ उनकी चार बेटियाँ और एक पुत्र जयवर्धन सिंह हैं, जो मध्य प्रदेश की 14 वीं विधानसभा के सदस्य हैं, जो शहरी विकास और आवास मंत्री के रूप में सेवारत हैं। अप्रैल 2014 में, उन्होंने पुष्टि की कि वह राज्यसभा टीवी एंकर अमृता राय के साथ रिश्ते में थे और उन्होंने अगस्त 2015 के अंत में शादी की।
मानसून शुरू होने के पहले पूर्ण कर लें अमृत सरोवरों का निर्माण - मुख्यमंत्री चौहान
27 Feb, 2023 07:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में मिशन अमृत सरोवर के क्रियान्वयन को निरंतर सफलता मिल रही है। प्रत्येक जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य को पाने के लिए विभिन्न विभाग समन्वय से कार्य कर रहे हैं। जन-प्रतिनिधि और नागरिक भी सरोवर निर्माण में सहयोगी बने हैं। मुख्यमंत्री चौहान आज समत्व भवन में अमृत सरोवर निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बताया गया कि मध्यप्रदेश अमृत सरोवर के पूर्ण कार्यों की संख्या के आधार पर देश में द्वितीय स्थान पर है। प्रदेश में 2,657 अमृत सरोवर बन चुके हैं। इस वर्ष 5,372 अमृत सरोवर निर्माण का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक पंचायत से एक ऐसे व्यक्ति को अमृत सरोवर निर्माण से अवश्य जोड़ा जाए, जिसकी जल-संरक्षण में रूचि हो। इसी तरह उपयोगकर्ता समूहों को बनाने और उनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएँ। मानसून प्रारंभ होने के पहले सभी अमृत सरोवर बन कर तैयार हो जाएँ, यह लक्ष्य रखें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वप्न है कि मिशन अमृत सरोवर से जल-संग्रहण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो, सामुदायिक गतिविधियाँ बढ़े, विद्यार्थियों में जल-संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़े और अमृत सरोवर जन-भागीदारी का उदाहरण बन जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इसी भावना के अनुरूप मध्यप्रदेश में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की उपलब्धियाँ गर्व करने योग्य हैं। यह भी प्रयास किया जाए कि अमृत सरोवर पिकनिक स्थल के रूप में विकसित हों। सौन्दर्यीकरण के कार्यों को भी शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।
मिशन संबंधी प्रेजेंटेशन में बताया कि मध्यप्रदेश में 5372 अमृत सरोवर के निर्माण कार्य प्रारंभ हुए, जिनमें से 2657 पूर्ण हो गए हैं। अमृत सरोवर निर्माण के लिए मध्यप्रदेश में योजना में केवल नवीन कार्य ही लिए गए और अंतर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ जल-संसाधन, वन, मत्स्य-विकास सहित नेशनल हाइ-वे अथारिटी एवं रेलवे जैसे संस्थान सहयोगी बने हैं। वित्तीय स्त्रोत के रूप में मनरेगा, वॉटर शेड विकास, 15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राशि का उपयोग किया गया। जन-सहभागिता से कार्य आसान हुए हैं। अमृत सरोवर निर्माण में जो जिले आगे हैं, उनमें छिंदवाड़ा, मुरैना, बैतूल, मंदसौर और बुरहानपुर शामिल हैं। सरोवर निर्माण में 4 हजार से अधिक पंचायत प्रतिनिधि, 5 हजार से अधिक पंचायत स्तरीय अधिकारी और सवा 2 हजार उपयोगकर्ता समूह सहभागी बने हैं।
शहीदों को समर्पित हैं सरोवर, सिंघाड़ा और मत्स्य-उत्पादन का हो रहा कार्य
अमृत सरोवरों पर 3 हजार 955 फ्लैग पोस्ट बनी हैं, जहाँ स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर ध्वज फहराने का कार्य भी हुआ है। यही नहीं सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वतंत्रता सेनानियों और अमर शहीदों के नाम 63 अमृत सरोवर समर्पित किए गए हैं। इसी तरह ऐतिहासिक महत्व के 116 स्थान के निकट सरोवर बनाए गए हैं। प्रदेश में धार्मिक महत्व के 231 स्थान के निकट और जैव विविधता-संरक्षण की दृष्टि से 342 अमृत सरोवर निर्मित हुए हैं। बहुउद्देशीय आर्थिक लाभ के लिए भी सरोवर चिन्हित किए गए हैं। मत्स्य-उत्पादन में 2409, सिंघाड़ा उत्पादन में 1505 और पर्यटन के उद्देश्य से 199 सरोवर का उपयोग किया जा रहा है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
खुले जंगल में छोड़े जाएंगे नामीबियाई चीते
27 Feb, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । बीते चार माह से बड़े बाड़े रह रहे नामीबियाई चीते अब जल्द ही खुले जंगल में भी रफ्तार भरते नजर आएंगे। इसी के तहत अगले सप्ताह नर चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों द्वारा परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा, लेकिन बताया जा रहा है कि तीन नर चीतों में से पहले दो भाई नर चीतों को छोडऩे की संभावना है। बताया गया है कि नर चीतों के खुले जंगल में सर्वाइव करने के बाद फिर मादा चीतों की बारी आएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीते (3 नर व 5 मादा) अभी बड़े बाड़े के अलग-अलग कंपार्टमेंट में रह रहे हैं। लगभग चार माह से ये बाड़े में है, लिहाजा अब इन्हें कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोडऩे की तैयारी की जा रही है। यही वजह है कि पिछले सप्ताह जब दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए, तब विशेषज्ञ यहां एकत्रित हुए और सभी ने नामीबियाई चीतों को खुले जंगल में छोडऩे को लेकर मंथन किया। जिसमें परिस्थितियों के अनुसार तय किया गया कि पहले नर चीतों को छोड़ा जाएगा। यही वजह है कि अब कूनो से जुड़े अधिकारी अगले सप्ताह इन नर चीतों को खुले जंगल में छोडऩे की योजना बना रहे हैं।
कंपार्टमेंट नंबर 4 और 8 में है तीनों नर चीते
कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े के कंपार्टमेंट नंबर 4 और 8 में तीनों नर चीते बीते चार माह से रहे हैं। इनमें कंपार्टमेंट नंबर 4 में दो नर चीतों फ्रेडी और एल्टन (ये दोनों भाई भी हैं) हैं, जबकि कंपार्टमेंट नंबर 8 में नर चीता ओबान है। बताया गया है कि तीनों नर चीते कूनो की आवोहवा में पूरी तरह ढल चुके हैं।
राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ बजट सत्र, कांग्रेस विधायक हल लेकर पहुंचे
27 Feb, 2023 01:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र विधानसभा का बजट राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से प्रारंभ हो गया। एक मार्च को शिवराज सरकार अपने वतर्मान कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत करेगी। इससे पहले 28 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा।
कांग्रेस नेता हल लेकर विधान सभा पहुंचे
विधानसभा परिसर में हल लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी पुलिस ने दरवाजे पर रोका, पटवारी ने कहा कि सरकार ने यह वादा किया था किसानों की आय दोगुनी करेंगे लेकिन किसानों की हालत खराब है उपज का उचित मूल्य तक नहीं मिल रहा है हम किसानों के मुद्दे को लेकर सदन में आवाज उठाएंगे पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है महंगाई बेरोजगारी सहित कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार से सदन में जवाब मांगा जाएगा
राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगी। इसमें आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के प्रयासों को प्रमुखता से सामने रखा जाएगा। विभिन्न विभागों में रिक्त एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभ की गई भर्ती प्रक्रिया, निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंदौर में आयोजित की गई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट, प्रवासी भारतीय सम्मेलन और जी 20 की बैठकों के सफल आयोजन, चीतों की वापसी, रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए आयोजित किए गए रोजगार मेले, मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान, विकास यात्रा, सहित विभिन्न विकास संबंधी योजनाओं को प्रमुखता से रेखांकित किया जाएगा। सत्र के दौरान औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए किए गए संशोधन, नगर पालिक विधि संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। विधायकों ने विभिन्न विषयों पर तीन हजार 704 प्रश्न पूछे हैं।
सीएम शिवराज ने उमा भारती से की मुलाकात
नई आबकारी नीति घोषणा के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान उमा भारती से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत चली।
लोगों को गेहूं आटा सस्ता मिलेगा
27 Feb, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र गेहूं उपज से लबालब है। मार्च-अप्रैल में मंडियां ओवर फ्लो में चलेगी। आम और खास सभी को सस्ता गेहूं मिलने का रास्ता सरकार ने निर्यात पाबंद कर खोल दिया है। दो माह तक आम और खास वर्ग ने खूब महंगा गेहूं आटा खरीदा। इसको देखते हुए सरकार ने लाखों टन गेहूं गोदाम से निकाल कर बाजार में ला दिया। 30 रुपए से कम भाव में आटा मिले, इसके लिए आटा मिलों को 2150 रुपए के भाव से गेहूं मिलता रहेगा।
किसानों को सरकार 2125 रुपए क्विंटल समर्थन दाम पर भारी खरीदी कर एक तरफ किसानों को खुश करेगी, दूसरी ओर आम लोगों को सस्ता गेहूं मुहैया कराएगी। गल्ला कारोबार में इस प्रकार की सरकार की नीति की खूब चर्चा हो रही है। नए गेहूं की मंडियों में आवक शुरू हो चुकी है। इस समय ऊंचाई वाले इलाकों की पथरीली भूमि की उपज आ रही है। निचले इलाकों का गेहूं अब पकने के कगार पर है। गांव छीतरदेवी के किसान करणसिंह पटेल ने बताया ऊपर वाले की मेहरबानी से गेहूं की उपज बेहतर है। ऐसा ही रहा तो चमकदार गेहूं की कमी नहीं रहेगी।
महंगा गेहूं खाने वाले अब सतर्क उज्जैन क्षेत्र खासकर खेती-किसानी वाला ही माना जाता है। यहां की मुख्य उपज गेहूं, चना, सोयाबीन मानी जाती है। महंगाई का झटका खा चुके लोग इस साल नया गेहूं सालभर का सीजन में ही खरीद लेंगे। 8 से 10 रुपए किलो महंगा गेहूं खाने वाले अब सतर्क हो गए। चुनावी वर्ष में आटा, दाल, तेल सस्ता मिलता रहे, इसके लिए सरकार द्वारा बाजार में रोजमर्रा की वस्तुओं के भाव की समय-समय पर समीक्षा कर जरूरी बदलाव भी किए जा सकते हैं।
मप्र के कई विभाग बजट खर्च करने में रहे सुस्त
27 Feb, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। 1 मार्च को शिवराज सरकार अपना बजट पेश करेगी। लेकिन विसंगति यह है कि प्रदेश सरकार के अधिकारी-मंत्री अपने विभागों का पूरा बजट खर्च नहीं कर पाए हैं। प्रदेश का पंचायत, खाद्य और वाणिज्यिक कर विभाग तो ऐसे हैं जो आधा बजट भी खर्च नहीं कर पाया है। वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभाग भी अपना पूरा बजट खर्च नहीं कर पाए हैं।
मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा फोकस विकास पर रहता है, लेकिन उनके निर्देशों के बावजुद विभाग अपना पूरा बजट खर्च नहीं कर पाए हैं। वहीं मप्र सरकार का 2023-24 का बजट एक मार्च को आ रहा है। सभी विभाग ने कम से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी डिमांड की है, जबकि वास्तविकता यह है कि पिछले साल मिले पैसे को ही विभाग पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए। स्वास्थ्य, कृषि, बिजली के साथ शिक्षा जैसे प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों में भी पूरे बजट का इस्तेमाल नहीं हुआ।
1.17 लाख करोड़ सरकार के खजाने में
वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक के आंकड़े बता रहे हैं कि सभी विभागों को दो सप्लीमेंट्री के साथ 3,05,333.21 करोड़ रुपए बजट दिया गया, जिसमें 2,87,051.22 करोड़ रुपए जारी भी किए, लेकिन विभाग 1,69,524.24 करोड़ ही खर्च कर यानि 1.17 लाख करोड़ रुपए अभी भी सरकार के खजाने में रखे हैं। सरकार ने जोर शोर से हैप्पीनेस विभाग भी खोला था, जिसे इस साल सिर्फ 5 करोड़ रुपए मिले। यह महकमा भी 2 करोड़ 64 लाख रुपए ही खर्च कर पाया। तीन दिन बाद एक मार्च को मप्र का वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट आ रहा है। मंत्रालय सूत्र बता रहे हैं कि यह 3 लाख 20 हजार करोड़ से अधिक हो सकता है।
वाणिज्यिक कर सबसे पीछे
यह हाल भी तब है जब मुख्यमंत्री लगातार विभागों की समीक्षा कर अफसरों को निर्देशित करते रहते हैं। वे विकास योजनाओं में तेजी लाते हुए बजट खर्च करने को कहते हैं। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद भी ज्यादातर बड़े विभागों ने 60-70 फीसदी से अधिक पैसा खर्च कर दिया, लेकिन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, राजस्व और वाणिज्यिक कर पीछे चल रहे हैं। खाद्य विभाग और वाणिज्यिक कर तो आधा पैसा भी अभी खर्च नहीं कर पाए। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि काम चल रहे हैं। कुछ बाकी भी हैं जो जल्द पूरे होंगे। अभी 31 मार्च तक का समय है। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि 850 सड़कों की मजबूती का बड़ा काम चल रहा है। राशि थोड़ा देर से मिली। हम अपना पूरा बजट खर्च कर लेंगे।
सीएम के निर्देश पर नहीं दिखाई मुस्तैदी
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद भी राज्य में कई विभागों के आला अफसर तथा मंत्रियों ने सरकार की मंशा के मुताबिक बजट से कार्य कराने में मुस्तैदी नहीं दिखाई। और अब तो कई विभाग अब अपना पूरा बजट खर्च कर पाने की स्थिति में भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग को 15,523 करोड़ रूपए आवंटित हुए थे उसमें से वह 74.43 प्रतिशत बजट ही खर्च कर पाया। इसी तरह कृषि विभाग ने 14,874 करोड़ में से 80.71 प्रतिशत , स्वास्थ्य विभाग ने 10,413 करोड़ में से 77.79 प्रतिशत, नगरीय विकास विभाग ने 13,368 करोड़ में से 85.19 प्रतिशत, लोक निर्माण विभाग ने 10,494 करोड़ में से 73.21 प्रतिशत, स्कूल विभाग ने 27,565 करोड़ में से 79.68 प्रतिशत, पंचायत विभाग ने 6,469 करोड़ में से 47.68 प्रतिशत, जनजातिय विभाग ने 10,777 करोड़ में से 71.68 प्रतिशत, सामाजिक न्याय विभाग ने 3,920 करोड़ में से 91.65 प्रतिशत, खाद्य आपूर्ति विभाग ने 1,155 करोड़ में से 45.80 प्रतिशत, जल संसाधन विभाग ने 6,838 करोड़ में से 81.54 प्रतिशत, पीएचई विभाग ने 8,647 करोड़ में से 66.95 प्रतिशत, महिला बाल विकास विभाग ने 5,607 करोड़ में से 69.18 प्रतिशत, मेडिकल एजुकेशन विभाग ने 2,802 करोड़ में से 85.83 प्रतिशत, अल्पसंख्यक व ओबीसी विभाग ने 1,625 करोड़ में से 64.43 प्रतिशत, अनुसूचित विभाग ने 1,760 करोड़ में से 55.73 प्रतिशत, ग्रामीण विकास विभाग ने 21,390 करोड़ में से 76.76 प्रतिशत, गृह विभाग ने 9,953 करोड़ में से 78.99 प्रतिशत, वाणिज्यिक कर विभाग ने 2,030 करोड़ में से 21.57 प्रतिशत, धर्म-धर्मस्व विभाग ने 109 करोड़ में से 71.55 प्रतिशत, राजस्व विभाग ने 8,963 करोड़ में से 55.90, वन विभाग ने 3,354 करोड़ में से 85.04 प्रतिशत ही खर्च किया है।
विकास यात्रा में जनता के विरोध ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
27 Feb, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंथन कर डैमेज कंट्रोल में जुटेंगे रणनीतिकार...भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले विरोध हमारे लिए संजीवनी
20 दिन में 171 बार हुई भाजपा की फजीहत
विकास यात्रा में जनता के साथ अपनों ने भी खोली सरकारी सिस्टम की पोल
भोपाल । मप्र में विकास यात्रा के नाम पर अपने जनधार का आकलन करने निकले शिवराज सरकार के मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकताओं को 20 दिन में करीब 171 बाद जनता के विरोध का सामना करना पड़ा है। यात्रा की समाप्ति के बाद अब पार्टी के रणनीतिकार रविवार से इसके साइड इफेक्ट का आकलन कर डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। इसके लिए रविवार को बूथ विस्तारकों के साथ मंथन किया गया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर चिंता जाहिर की गई की आखिरकार पार्टी के नेताओं के विरोध के पीछे की वजह क्या है। विकास यात्राओं के विरोध को लेकर वीडी शर्मा ने कहा, 230 विधानसभाओं में से चार-छह जगह ऐसा हुआ भी है तो हमें अपडेट करने की जरूरत है। हम इसे गलत नहीं मानते। ये अच्छा ही है। यदि कहीं ऐसा हुआ है तो वो भी हमारे लिए संजीवनी है। अगर कोई समस्या आई है तो उसकी जिम्मेदारी हमारी है।
भाजपा में इस बात को लेकर भी मंथन हो रहा है कि विकास यात्रा क्या वाकई फ्लॉप रही या इसे फ्लॉप साबित करने की पूरी कोशिश की गई। यात्रा का नाम भले ही विकास है, लेकिन इसका मकसद सिर्फ विकास नहीं था। सूत्रों का कहना है की अब तक कराए गए सर्वे में भाजपा की स्थिति को काफी कमजोर बताया गया है। इसलिए भाजपा ने विकास यात्रा के माध्यम से सबको साधने की कोशिश की। यात्रा का मकसद भाजपा के विकास का संदेश जन-जन तक पहुंचाना था। लेकिन बदले में भाजपा को लोगों की नाराजगी मिली, जिसे देखकर कांग्रेस ने यात्रा को पूरी तरह फ्लॉप करार दे दिया है।
ये हर विधायक की रिपोर्ट यात्रा
वास्तविकता यह है कि यात्रा का नाम भले ही विकास यात्रा था, असल में ये हर विधायक की रिपोर्ट यात्रा थी। जिसके सहारे भाजपा को चुनाव से जुड़े कुछ बड़े फैसले लेने में आसानी होने वाली है। सड़कों को नापते-नापते विधायकों के दावों की गहराई को आंकी जा चुकी है। चुनावी समर में जिस एंटी इकबेसी का डर है, इस यात्रा से उसे काफी हद तक मिटाने की तैयारी थी। चाहते हुए या न चाहते हुए भी मंत्री और विधायकों ने अपनी कमजोर कड़ी अपने पार्टी के बड़े नेताओं के हाथ में रख दी है। जिसके आधार पर भाजपा अब चुनाव से जुड़े कई बड़े फैसले बहुत ही आसानी से ले सकेगी।
जनता की नाराजगी ने बढ़ाई चिंता
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को देखते हुए उसी की तर्ज पर भाजपा ने विकास यात्रा निकालने का निर्णय लिया था। राहुल की यात्रा का तो हर जगह जोरदार स्वागत हुआ। लेकिन भाजपा की विकास यात्रा जहां-जहां गई, वहां से इसकी उल्ट खबरें ही सुनाई दी। कहीं ये विकास यात्रा विरोध की शिकार हुई तो कहीं यात्रा में शामिल विधायक को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी। जिन क्षेत्रों में ये शिकायत है कि जनप्रतिनिधि दिखते ही नहीं या आते ही नहीं उन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि सीधे अपनी जनता से रूबरू मिल सके। ये मुलाकातें हुईं भी लेकिन उतनी सम्मानजनक नहीं जितनी भाजपा ने सोची होगी। कई जगह विधायकों पर लोगों ने जमकर नाराजगी उतारी और कहीं जलील तक कर दिया गया।
विकास यात्रा में विरोध के बड़े मामले
-मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह पर किसी मतदाता ने खुजली वाला पाउडर डाल दिया।
-खंडवा में भाजपा का विकास रथ कच्ची सड़क के कीचड़ में धंस गया। विधायक देवेंद्र वर्मा से लोगों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं।
-वनमंत्री विजय शाह यात्रा के दौरान भड़क गए और विवादित बयान दे डाला। एक शख्स से कहा कि दारू पीकर सभा को खराब करोगे तो पुलिस तुम्हारे पु_े फोड़ देगी।
-उमरिया के एक गांव में लोगों ने विकास यात्रा को बाहर से ही लौटा दिया। मानपुर विधानसभा में भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगे और महिलाओं ने यात्रा पर नाराजगी जाहिर की।
-विधायक करण सिंह वर्मा को इछावर में विरोध का सामना करना पड़ा। बिजली और पानी की शिकायत लेकर ग्रामीण विकास यात्रा के काफिले के सामने धरना देकर बैठ गए।
-पृथ्वीपुर और निवाड़ी से विकास यात्रा के दौरान राई नृत्य करवाने के वीडियो वायरल हुए।
-पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी का डीजे पर नाचने का वीडियो वायरल हुआ। गाने के बोल थे तुझको ही दुल्हन बनाऊंगा वरना कुंवारा मर जाऊंगा।
-विकास यात्रा के मंच पर अश्लील डांस का वीडियो वायरल हुआ। मंच पर विकास यात्रा का बैनर साफ नजर आया। सामने तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं गाने पर डांसर डांस करती नजर आई।
-त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी गले में सांप डाल बीन बजाते नजर आए। हालांकि, इसके जरिए भी लोगों ने नाराजगी दिखाने की ही कोशिश की।