मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री चौहान के साथ लोणारी कुनबी समाज के प्रतिनिधियों ने पौध-रोपण किया
2 Mar, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री ने लगाए नीम, चंपा और आँवला के पौधे
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में आँवला, चंपा और नीम का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री चौहान के साथ अखिल भारतीय क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज के प्रतिनिधियों ने अपने सामाजिक संगठन के 21 वर्ष पूर्ण होने पर पौध-रोपण किया। समाज के विष्णु राणे, डॉ. जी.आर. अडलक, डॉ. राजेश लिखितकर, सुरेंद्र धोटे, कृष्णा लिखितकर, कमल चडोकार, जयंत महाले, नीलेश देशमुख और जी.आर. कामतकर ने भी पौधे लगाए।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मोनू आणिया, दूरदर्शन में कार्यरत कुमारी मानसी शिवहरे तथा नसरूल्लागंज की कुमारी मिनी तिवारी ने अपने जन्म-दिवस पर पौध-रोपण किया। शैलेंद्र शुक्ला, देवेश शर्मा, सचिन बुढाना और रानू अग्रवाल साथ थे। अनिल शिवहरे, नीरू शिवहरे, दिलीप सिंह और ईश्वर मेहर ने भी पौधे लगाए। नसरुल्लागंज के गोपाल तिवारी, आमिर उल्लाह खान, फैज़ उल्लाह खान, वीरेंद्र दुबे और नितिन ठाकुर पौध-रोपण में शामिल हुए।
संदीप कपूर
छतरपुर में पुलिस ने पहले बजवाया ढोल, फिर मकान पर चलाया बुलडोजर
2 Mar, 2023 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर । छतरपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में छुई खदान पर पुलिस बल पर हमला करने वाले आरोपित के घर को गुरुवार सुबह पुलिस ने जेसीबी चलाकर ढा दिया। आरोपित अभी भी फरार है। आरोपित के घर पर जेसीबी चलने की घटना को देखने के लिए आसपास के सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए थे। वहीं सुरक्षा के लिए पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। जिससे किसी तरह की आपत्ति जनक स्थति बन बन सके। हालांकि मकान ढहाने की कार्रवाई करने से पहले प्रशासन की टीम ने पूरे मोहल्ले में ढोल बजाया और मकान ढहाए जाने की मुनादी भी कराई।
घटनाक्रम के मुताबिक पुलिस व माइनिंग विभाग की टीम सिविल लाइन क्षेत्र की छुई खदान पर अवैध उत्खनन को रोकने गई थी। तभी आदतन अपराधी दीपू जाटव व उसके साथियों ने पुलिस बल पर हमला कर दिया था। हमले में पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इसके बाद से आरोपित फरार है। इसके पुलिस व प्रशासन की टीम गुरुवार सुबह भारी संख्या में पुलिस बल लेकर आरोपित के घर को ढहाने के लिए जेसीबी लेकर पहुंच गई। थोड़ी ही देर में पुलिस व प्रशासन ने जेसीबी से मकान को ढहा दिया।
हजारों नर्सिंग छात्र-छात्राओं की मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेगी एनएसयूआई
2 Mar, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में जल्द ही एनएसयूआई सड़कों पर उतरने वाली है, दरअसल एनएसयूआई का आरोप है कि मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज का घोटाला लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे नर्सिंग के लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य संकट में है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा धड़ल्ले से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को बिना किसी मापदंड के मान्यता दी जा रही है। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा 2020-21 सत्र की मान्यता फरवरी 2023 में जारी गई, जिससे पूरे प्रदेश के लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार का आरोप
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग और उनके अधीनस्थ कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा नर्सिंग कॉलेजों में बड़ा घोटाला किया गया है। जिसको दबाने के लिए विश्वास सांरग पुलिस प्रशासन का सहारा ले रहे हैं। शिवराज सरकार की छवि धूमिल करने सबसे अव्वल नंबर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग में लगातार घोटाले हो रहे हैं। अगर निष्पक्ष जांच होगी तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री सहित सभी मंत्री जेल की सलाखों के पीछे नजर आएंगे।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में लगातार बढ़ती अनियमितताएं
रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में लगातार बढ़ती अनियमितताओं को देखते हुए सरकार को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को बंद कर संभागीय विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी सौंप देनी चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के साथ ही चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति में भी निश्चित ही सुधार होगा। एनएसयूआई का आरोप है कि मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय परीक्षा करवाने में असमर्थ है तो फिर छात्र छात्राओं का आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोशन करना ही उचित है, जिससे कि छात्र छात्राएं अगले वर्ष की पढ़ाई कर सकें और उनका जो साल बर्बाद हुआ है उससे उनको राहत मिल सके। विश्वविद्यालय 2020-21 में प्रवेशित छात्र छात्राओं की परीक्षाएं अभी तक नहीं करवा सका, जिसकी वजह से छात्र छात्राओं के तीन साल बर्बाद हो गए। छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं क्योंकि जिन छात्र छात्राओं का 2 साल का कोर्स था उनको तीन साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं तक नहीं हुई हैं। यही हाल 4 साल के कोर्स वाले स्टूडेंट्स का है। 3 साल बीतने के बाद भी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई, ऐसे में छात्र छात्राओं को अपनी डिग्री कब मिलेगी।
जल्द होगा लंबित वेतन और बोनस का भुगतान
2 Mar, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रक्रिया शुरू, खाते में आएगी इतनी राशि
भोपाल । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के राजगढ़ जिले के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। जिले के 840 विद्युत आउटसोर्स कर्मचारियों को डेढ़ साल बाद बोनस और वेतन का भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान धरोहर राशि से किया जाएगा, संभावना जताई जा रही है कि मार्च तक जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 तक के वेतन और बोनस का भुगतान कर दिया जाएगा।
जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 तक होना है भुगतान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजगढ़ जिले में विद्युत कंपनी में कार्यरत 840 आउट सोर्स कर्मचारियों को जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 तक के 6 माह के बोनस और दिसंबर के महीने में अंतिम 10 दिन के वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अब करीब डेढ़ साल बाद मप्रविविकं द्वारा ट्रीग कंपनी की धरोहर राशि में से इसका भुगतान करने का फैसला किया गया है।इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है, मार्च में कभी भी राशि कर्मचारियों को उनके खाते में भेजी जा सकती है। बता दें कि लंबे समय से कर्मचारी इसकी मांग कर रहे थे।
ये है पूरा मामला
दरअसल, मप्रविविकं को अनुबंध के माध्यम से कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले सेवा प्रदाता कंपनी मेसर्स ट्रीग डिटेक्टिवस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने जुलाई से दिसंबर तक जिले में कार्यरत सभी 840 कर्मचारियों को वेतन तो दे दिया लेकिन बोनस का भुगतान नहीं किया। इस दौरान कंपनी और मप्रविविकं लिमिटेड के बीच का करार भी रद्द हो गया, जिसके बाद इस कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिसंबर 2022 में सिर्फ 20 दिन का वेतन दिया गया।। ऐसे में कर्मचारियों का 6 महीने का बोनस और 10 दिन की सैलरी बीच में ही अटक गई।
इस बार मार्च का महीना खूब तपेगा
2 Mar, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मार्च की शुरुआत में सागर के ग्रामीण इलाकों में बारिश हुई। आसपास के इलाकों में भी बादल हैं। हालांकि, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस बार मार्च का महीना खूब तपेगा। 3 मार्च से तेज गर्मी शुरू हो जाएगी। 15 दिन में ही पारे में 3 से 4 डिग्री की बढ़ोतरी होगी, जबकि इसके बाद पारा 40 डिग्री के पार पहुंच जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आसमान साफ रहने से चुभन वाली धूप रहेगी। इससे गर्मी का पारा भी चढ़ेगा। लू भी चलेगी। पिछले साल के मुकाबले इस साल फरवरी में मौसम का मिजाज बदला सा रहा। आमतौर पर फरवरी में हल्की ठंड रहती है, लेकिन इस बार 10 फरवरी के बाद से ही गर्मी की शुरुआत हो गई। 28 फरवरी तक कई शहरों में दिन का पारा 37 डिग्री के पार पहुंच गया, जबकि रात में 20 डिग्री के आंकड़ा छू गया। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि उत्तर में पश्चिमी विक्षोप एक्टिव है। 3 मार्च तक यह एक्टिव रहेगा। इसके बाद आसमान साफ होने से तापमान में इजाफा होगा। पहले पखवाड़े तक अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 38 से 39 डिग्री तक पहुंच जाएगा। वहीं, 16 मार्च से तापमान 40-42 डिग्री से ज्यादा रहेगा। वहीं, मार्च में रात का तापमान 26 डिग्री के पार पहुंच जाएगा। यानि, पांच से सात डिग्री की बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में कई शहरों में रात का तापमान 18 डिग्री तक पहुंच गया है।
दूसरे पखवाड़े में लू जैसी स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मार्च की शुरुआत के साथ ही ठंड की विदाई भी हो जाएगी। इसके बाद पारे में गिरावट नहीं होगी। दूसरे पखवाड़े में लू जैसी स्थिति बनेगी। बुंदेलखंड, बघेलखंड, ग्वालियर समेत भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग में लू असर दिखाएगी।
3 दिन तक उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिन तक पारे में मामूली उतार-चढ़ाव रहेगा। इसके बाद दिन और रात दोनों में ही तापमान में बढ़ोतरी होगी। इस कारण रात में भी गर्मी का असर बढ़ जाएगा।
दिन में 37 तो रात में 19 डिग्री पार तापमान
वर्तमान में दिन में 37 तो रात में 19 डिग्री के पार तापमान है। दमोह में 37, खंडवा-खरगोन में 36, राजगढ़, खजुराहो में तापमान 35 डिग्री से ज्यादा है। वहीं, नरसिंहपुर की रात सबसे गर्म है। यहां न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया है। सागर, भोपाल, गुना, नर्मदापुरम में रात का तापमान 17 डिग्री के पार चल रहा है।
मध्य प्रदेश चुनाव के लिए कमलनाथ को मिला फ्री हैंड
2 Mar, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय अधिवेशन में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए फ्री हैंड दिया गया है। मध्य प्रदेश के नेताओं ने भी कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात को स्वीकार कर लिया है। कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव की सभी तैयारियों को अंतिम स्वरूप दिया जाएगा। चुनाव अभियान, प्रत्याशियों के चयन इत्यादि में कमलनाथ की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी।
केंद्रीय हाईकमान का मानना है, कि कमलनाथ वरिष्ठ केंद्रीय नेता है। उनका राजनीति में 50 साल का अनुभव है। परिस्थितियों को देखते हुए वह निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम हैं। इस साल कई अन्य राज्यों के भी चुनाव हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय हाईकमान ने मध्य प्रदेश की बागडोर कमलनाथ के हाथ में सौंपने का निर्णय लिया है।
पिछले 5 वर्षों से वह लगातार मध्यप्रदेश में दौरे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पिछले वर्षों में उन्होंने राजनीतिक सामाजिक एवं संगठन स्तर पर बेहतर जमावट की है। कमलनाथ मध्य प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय बनाये रखने में सक्षम है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय हाईकमान मध्यप्रदेश के मामले में न्यूनतम हस्तक्षेप जरूरत पड़ने पर ही करेगा। मध्य प्रदेश 2023 का विधानसभा चुनाव जिताने की जिम्मेदारी कमलनाथ की होगी।केंद्रीय हाईकमान को भरोसा है, कमलनाथ हर किस्म से सक्षम हैं। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश का चुनाव हर हालत में कांग्रेस जीतेगी। इसलिए उन्हें पूरे अधिकार दिए गए हैं। पिछले महीने नेतृत्व को लेकर जो अटकलें चल रही थी।वह भी पूरी तरह समाप्त हो गई हैं। कांग्रेस के सभी नेता एकजुट होकर कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेंगे।
केंद्र सरकार से उम्मीद से अधिक मिला करों में हिस्सा, पिछले वर्ष की तुलना में बजट में 11.15 प्रतिशत की वृद्धि
1 Mar, 2023 09:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में पिछले साल की तुलना में 32471.22 करोड़ रुपये अधिक का बजट पेश किया। यह 11.15 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ने के कारण वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को 10,436 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले बजट में केंद्र से राज्य को और अधिक राशि मिलेगी। चुनावी बजट होने के कारण सरकार ने एससी और एसटी, ओबीसी, महिला, युवा, अल्पसंख्यकों को साधने को कोशिश की है। इस कारण इन वर्गों के लिए काम करने वाले विभागों के बजट में वृद्धि की है। जनजातीय कार्य विभाग का बजट लगातार दो साल से बढ़ रहा है। पिछले साल 10,354 करोड़ रुपये बजट दिया गया था, जो इस साल बढ़कर 11,748 करोड़ रुपये हो गया। ऐसे ही सामाजिक न्याय एवं निश्शक्तजन कल्याण विभाग का बजट 3744 करोड़ से बढ़ाकर 3987 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का बजट 1586 से बढ़ाकर 2162, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 1098 से बढ़ाकर 1439 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
शिक्षा में भी बढ़ा बजट
सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी बजट बढ़ाया है। स्कूल शिक्षा विभाग को पिछले साल 27792 करोड़ रुपये मिले थे, जो बढ़ाकर 31633 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उच्च शिक्षा का 3513 करोड़ से बढ़ाकर 3745 करोड़, तकनीकी शिक्षा का 1538 करोड़ से बढ़ाकर 2997 करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र की बात करें तो महिला एवं बाल विकास विभाग को इस बार 14686 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रविधान किया गया है। यह पिछले साल 5877 करोड़ रुपये था। स्वास्थ्य विभाग के लिए 10380 करोड़ बजट था, जिसे इस बार बढ़ाकर 11988 करोड़ कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट भी 2561 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3168 करोड़ रुपये, आयुष का 587 करोड़ से बढ़कर 746 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अधोसंरचना क्षेत्र में भी बढ़ा बजट
ऊर्जा विभाग का 16506 करोड़ से बढ़ाकर 18301 करोड़ रुपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का 8773 से बढ़ाकर 10192 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग का 7580 से बढ़ाकर 9408 करोड़ रुपये, जल संसाधन विभाग का 6006 से बढ़ाकर 7182 करोड़ रुपये और नर्मदा घाटी विकास विभाग का 3263 से बढ़ाकर 3867 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे ही नगरीय विकास एवं आवास विभाग का 13113 से बढ़कर 14883 करोड़ रुपये, पंचायत विभाग का 6536 से बढ़कर 6972 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि ग्रामीण विकास विभाग का बजट कम हुआ है। विभाग को पिछले साल 21389 करोड़ रुपये बजट दिया गया था, जो इस बार 17471 करोड़ रुपये रह गया है। कृषि विभाग का बजट 15706 से बढ़कर 16996 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग का 1960 से बढ़कर 2417 करोड़ और पशुपालन विभाग का 1443 से बढ़कर 1492 करोड़ रुपये बजट दिया गया है
छात्राओं को मिलेगी ई-स्कूटी, महिलाओं को मिलेंगे एक हजार रुपए
1 Mar, 2023 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जनता पर कोई नया टैक्स नहीं, फ्लाइट से कराएंगे तीर्थ दर्शन
भोपाल । प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा आज विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के शोरशराबा की बीच बजट पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वाकआउट भी किया। पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है।मध्य प्रदेश के स्कूलों में सभी खाली पदों में भर्ती की जाएगी मध्यप्रदेश में शुरू होगी। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा करते हुए कहा कि 12वीं क्लास में फर्स्ट डिविजन से पास होने वाली छात्राओं का ई-स्कूटी दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि नवीन मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना के तहत इस साल से 12वीं क्लास फर्स्ट डिविजन से जो छात्राएं पास होंगी सरकार की तरफ से उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ई-स्कूटी दी जाएगी।
सरकार की इस घोषणा को चुनावी साल से जोड़कर देखा जा रहा है।मप्र में पहली बार ई-बजट बजट आया। विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने इसे टैबलेट पर पढ़ा। मंत्रियों और विधायकों को भी टैबलेट दिए गए थे। पत्रकारों को पूर्व में बजट भाषण की कॉपी पेनड्राइव प्रदान की गई। बजट भाषण के बीच गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, वे कहते हैं कि महिलाओं को 1000 रुपए देंगे, लेकिन गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए। हंगामे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध करते हुए कहा, बजट भाषण पूरा प्रदेश सुनना चाहता है। इसके साथ ही बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस किया गया है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजना लाड़ली बहना के लिए सरकार ने जमकर खजाना खोला है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में महिला स्व सहायता समूहों के लिए 660 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।वर्ष 2023-2024 के बजट भाषण में वित्तमंत्री ने एक लाख सरकारी नौकरियां देने का ऐलान किया। इसी के साथ हाल में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के लिए 8 हजार करोड़ के प्रविधान के साथ मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना का भी घोषणा की। इसी के साथ इस बार भी कोई नया कर नहीं लगाया गया है। उन्होंने जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ अपना बजट भाषण प्रारंभ किया। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा बजट समावेशी बजट है। जनता का विश्वास और सरकार के प्रयास से मिलकर हम लगातार काम कर रहे हैं। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिष्कार किया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ना जारी रखा।
देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारे प्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.8 प्रतिशत हो चुका है। वर्ष 2011-12 प्रति व्यक्ति आय 30 हजार 497 रुपये थी, अब 2022-23 में साढ़े तीन गुना तक बढ़कर 1 लाख 40 हजार 585 हो गई है! उन्होंने कहा कि सरकार ने लाडली बहना योजना की सौगात दी है। सभी सदस्यों ने मेज थपथपाते इसका स्वागत किया। इस योजना के लिए बैंक खाते में 1000 रुपये प्रति माह की राशि जमा की जाएगी। आठ हजार करोड़ रुपए लाडली बहना योजना के लिए किया गया। प्रदेश की सरकार ने राज्य विधानसभा में कुल 3.14 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हवाई पट्टियों को एयरपोर्ट बनाया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के लिए 277 करोड़ का प्रवाधान। सरकार 1 हजार सरकारी वाहनों को हटाएगी। 25 चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान। मनरेगा के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान। 15 साल पुराने वाहन नहीं चलाए जा सकेंगे।अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री श्री देवडा ने कहा कि दशकों से भारत की तुलना गजराज से की जाती रही है, जिसमें शक्ति तो बहुत है लेकिन चाल धीमी है। मुझे यह कहते हुये गौरव हो रहा है कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, के नेतृत्व में अब भारत ने शेर की तरह दहाड़ते हुए वैश्विक परिदृश्य पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है। जहां दुनिया की मुख्य अर्थव्यवस्थायें मंदी से जूझ रही हैं, वहां हमारा देश, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है। 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य बेबुनियाद नहीं है।
प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी, के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश भी अपना योगदान, सम्पूर्णता के साथ दे रहा है।राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2022-23 में अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारे प्रदेश का योगदान विगत दस वर्षों में 3.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.8 प्रतिशत तक पहुँच चुका है।प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों पर वर्ष 2011-12 मे रुपए 38 हजार 497 थी, जो कि वर्ष 2022-23 (अग्रिम) में साढ़े 3 गुना से अधिक बढ़कर रुपए1 लाख 40 हजार 583 हो गई है। प्रधानमंत्री जी की विश्व नेता की छवि के दृष्टिगत, भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता का सम्मान मिला है। इस समूह के कृषि, संस्कृति, जी-20 एम्पॉवर, विज्ञान, रोजगार, श्रमिक, अधोसंरचना उप-समूहों की 8 बैठकों का आयोजन, हमारे प्रदेश को सौंपा गया है। इन विचारशील बौद्धिक आयोजनों से प्रदेश के नीति निर्धारकों को लाभ एवं प्रदेश को वैश्विक पहचान के साथ कौशल्य, रोजगार, कृषि, अधोसंरचना आदि जैसे क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रदेश के कुशल नेतृत्व पर विश्वास दिखाते हुए भारत सरकार ने हमारे प्रदेश के इंदौर शहर को जनवरी, 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन का गुरूत्तर सम्मान दिया। 70 से अधिक देशों से 3 हजार 500 से अधिक प्रतिनिधियों के स्वागत में हमने दिल के और घरों के दरवाजे खोले । मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि विदेशों में निवासरत, प्रवासी भारतीय के हितों के संरक्षण के साथ ही प्रदेश के विकास के लिये राज्य में निवेश को आकर्षित करने में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किये जाने की गतिविधियों को गति एवं दिशा देने में यह सम्मेलन सराहनीय रूप से सफल रहा है। आयोजन में पधारे प्रवासी अतिथियों में देश के स्वच्छतम शहर इंदौर को सराहा, जिससे प्रदेश की ख्याति बढ़ी है।
श्री देवडा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का मैं प्रदेश सरकार की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने जी-20 के कार्य समूहों की बैठकों एवं प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन का प्रदेश को सम्मान दिया। इन आयोजनों से प्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित होगी।नारी के सशक्त होने पर परिवार सशक्त होता है, परिवार के सशक्त होने पर प्रदेश सशक्त होता है और प्रदेश के सशक्त होने पर राष्ट्र सशक्त होता है। हमारी सरकार की मंशा है कि नारी, परिवार में नेतृत्व तथा निर्णय लेने की भूमिका में आये। इसके साथ वह स्वयं की दैनन्दिन की जरूरतों के लिए आर्थिक रूप से अन्य किसी पर आश्रित न रहे। हमारी सरकार ने नारी मन की अबूझ व्यथा को संवेदनशीलता से समझा है। कन्या रत्न की पहली किलकारी से लेकर उसके संपूर्ण जीवनकाल में हमारी सरकार, साथ है। इस हेतु संतान के जन्म के पूर्व उसकी माता के गर्भवती होने पर पोषण की व्यवस्था, संस्थागत प्रसव पर आर्थिक सहायता, कन्या के जन्म पर लाडली लक्ष्मी योजना, शिशुओं की पोषण व्यवस्था के लिए आगंनवाड़ी, छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्तियां, सायकिल, कन्या शिक्षा परिसर छात्रावास, उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन आदि, कन्या विवाह एवं निकाह, प्रसूति सहायता, स्व-रोजगार के लिए आर्थिक सहायता, स्व-सहायता समूह, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, आबादी भूमि में महिलाओं के संयुक्त नाम पर भूमि स्वामी के अधिकार, संपत्ति की रजिस्ट्री में महिलाओं को विशेष छूट, विभिन्न पेंशन योजनायें, संबल योजनायें, महिला थाना, शासकीय सेवाओं में आरक्षण आदि जैसे कार्यक्रम संचालित हैं। यह इन योजनाओं के ही परिणाम है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के... अनुसार वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2020-21 में जन्म के समय लिंगानुपात 927 से बढ़कर 956 हो चुका है।
वर्ष 2007 से आरंभ लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब तक 44 लाख 39 हजार से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रूपए 929 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। 17. प्रदेश के समस्त 52 जिलों की 84 हजार 465 आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं 14 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किशोरी बालिकाओं एवं अन्य महिलाओं को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी व्यवहारों को बढ़ावा देने एवं जागरूक करने के उद्देश्य से उदिता कार्यक्रम संचालित है।हमारी सरकार, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये निरन्तर प्रयास कर रही है। राज्य में महिला स्व-सहायता समूहों के 47 लाख से अधिक सदस्यों ने न केवल अपने स्वयं के लिये आर्थिक विकास किया है बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान दिया है। इन समूहों को रुपए 5 हजार 84 करोड़ से अधिक का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही 3 रुपए तक के बैंक ऋण पर 2 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान का भार राज्य शासन द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 660 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है ! प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अन्तर्गत अब तक तक लगभग 33 लाख हितग्राहियों का पंजीयन कर 1 हजार 466 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। योजना क्रियान्वयन में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 467 करोड़ का प्रावधा प्रस्तावित है। नवीन आबकारी नीति के अंतर्गत शराब की दुकानों से सम्बद्ध अहातों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से नशे की लत को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी। विशेष पिछड़ी जनजातियों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से आहार अनुदान योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया एवं सहरिया) परिवार की महिला के बैंक खाते में प्रतिमाह राशि रूपए 1 हजार जमा कराए जाते हैं। स्वतंत्र शोध से यह ज्ञात हुआ है कि प्राप्त राशि से अधिकांश महिलाओं द्वारा पोषण संबंधी खाद्य पदार्थों पर ही व्यय किया गया है जिससे उनके सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं विटामिन स्तर में वृद्धि हुई है। इस हेतु रुपए 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। 22. आहार अनुदान योजना के सुखद प्रतिफलों को दृष्टिगत रखते हुये हमारे जनप्रिय व संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी द्वारा सर्वसमाज की महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार तथा परिवार में निर्णय लेने की भूमिका के लिए क्रांतिकारी पहल करते हुये प्रदेश को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की सौगात दी है। इस योजना के अन्तर्ग पात्र महिलाओं के बैंक खाते में रुपए1 हजार प्रतिमाह की राशि जमा की जायेगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 8 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। प्रसूति सहायता योजना में रुपए 400 करोड़, मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में रुपए 929 करोड़, कन्या विवाह एवं निकाह योजना में 80 करोड़, लाड़ली बहना योजना में रुपए 8 हजार करोड़, विभिन्न सामाजिक पेशनों में रुपए 3 हजार 525 करोड़ को सम्मिलित करते हुये महिलाओं के लिये वर्ष 2023-24 में कुल रुपए1 लाख 2 हजार 976 करोड़ के प्रावधान प्रस्तावित हैं, जो कि वर्ष 2022-23 से लगभग 22 प्रतिशत अधिक है। नारी कल्याण के लिये बजट में प्रस्तावित उल्लेखनीय प्रावधान, हमारी सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है। प्रत्येक युवा की अभिलाषा रहती है कि वह शिक्षित, प्रशिक्षित तथा रोजगारयुक्त रहे। हमारी सरकार युवाओं की इस अभिलाषा को पूरी करने में उनका पूरा साथ देती आ रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार के साथ ही वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप उनके कौशल विकास के प्रशिक्षण व्यवस्थायें भी जुटाई जा रही हैं। इससे हमारे युवा, शासकीय तथा निजी संस्थानों में रोजगार के साथ-साथ स्व-रोजगार भी स्थापित कर सकने के योग्य बन सकेंगे। प्रदेश के युवाओं से आह्वान है कि उम्मीदों को आसमान की ऊंचाईयों पर पहुंचा दें, हमारी सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुये हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं को उत्कृष्ट शिक्षा एवं संस्कार देकर संस्कारशील व स्वावलंबी ऐसे युवा तैयार करें, जिनके ह्रदय में उत्साह, साहस, शक्ति, धैर्य हो, जिनका दिल देश प्रेम से भरा हो, जो प्रदेश को श्रेष्ठतम स्थान पर ले जाने के लिए संकल्पित हों।हमारी सरकार शासकीय सेवा में एक लाख से अधिक नई नियुक्तियाँ देने का अभियान प्रारंभ किया है।
संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क भोपाल में प्रति वर्ष लगभग 6 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस स्किल पार्क की सोच अनुसार ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा में भी स्किल सेंटर प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। हमारी सरकार का यह लक्ष्य है कि प्रदेश के युवाओं में इतना कौशल व क्षमता विकसित की जायें, जिससे वे प्रदेश के उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के समस्त जिलों में निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु 432 रोजगार मेलों का आयोजन किया। इन मेलों में 40 हजार 45 आवेदकों को ऑफर लेटर प्रदान किया गया। इस वर्ष मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुद्रा योजना एवं अन्य स्वरोजगार योजनाओं में 46 लाख 58 हजार से अधिक आवेदकों को बैंकों के माध्यम से रुपए 30 हजार 800 करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत कराया गया है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु एवं महिलाओं के लिये रोजगार मूलक योजनाओं के लिये रुपए 252 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
हमारी सरकार की यह स्पष्ट नीति है कि युवाओं को शिक्षित, योग्य, कौशलयुक्त बनाया जाये, कि वे स्वयं अपनी आजीविका के साधन जुटा सकें। उद्योगों में प्रशिक्षित व अनुभवी मानव संसाधन की कमी है। इस कमी को दूर करने हेतु हमारी सरकार आवश्यकतानुसार धन राशि उपलब्ध कराने में न कभी पीछे रही है, न रहेगी। श्री देवडा ने अपने बजट भाषण में कहा कि मुझे यह अवगत कराते हुये हर्ष है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की पहल पर मुख्यमंत्री कौशल एप्रेन्टिसशिप योजना प्रारंभ की जायेगी। इस योजना अंतर्गत रुपए 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।यह कहावत, पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब अब बीती बात हो गई है। हिन्दुस्तान का दिल धड़का दो, के ऊर्जामय घोष के साथ 5 वें खेलों इण्डिया यूथ गेम्स, 2022 का भव्य व सफल आयोजन, प्रदेश के 8 शहरों में किया गया। सदन को अवगत कराते हुए गौरव व हर्ष हैं कि प्रदेश ने इन खेलों में अभूतपूर्व सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं तथा 39 स्वर्ण, 30 रजत एवं 27 कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में तृतीय स्थान रहा है। इस आयोजन से प्रदेश में खेलों के लोकव्यापीकरण एवं नई खेल संस्कृति के विकास को बढ़ावा मिला है। प्रदेश में खेलों के विकास के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्वरूप ही प्रदेश की उपलब्धियाँ निरंतर प्रगति पर हैं।
भोपाल को स्पोर्ट्स हब तथा प्रदेश में स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ाने हेतु नाथू बरखेडा, भोपाल में अन्तर्राष्ट्रीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्टस साइंस सेन्टर की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिये खेल विभाग के बजट को निरंतर बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में रुपए 738 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2022-23 की तुलना में ढाई गुना अधिक है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020, अध्ययन और अध्यापन के लिये वरदान है। विद्यालय, बच्चों में कौशल और संस्कारों के बीज बोकर उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की नींव रखते हैं। प्रदेश में ऐसे सर्वसुविधा एवं साधनयुक्त 9 हजार 200 सी.एम. राईज स्कूलों को चरणबद्ध रीति से प्रारंभ किया जा रहा है। इन स्कूलों में प्री-स्कूल से 12वीं तक की शिक्षण की व्यवस्था एक ही परिसर में तथा 15 किलोमीटर की सीमा में रहने वाले विद्यार्थियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध रहेगी। इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ कौशल विकास एवं खेल-कूद भी पाठ्यक्रम में सम्मिलित रहेंगे। अत्याधुनिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल अधोसंरचना आदि से युक्त ये बहुउद्देश्यीय स्कूल, शैक्षणिक परिणामों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा योग्य बनायेंगे।वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 370 सी.एम. राईज स्कूल प्रारंभ हो चुके हैं। इन स्कूलों में प्रतिवर्ष 1 लाख 35 हजार अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों लगभग 4 लाख विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की शिक्षा प्राप्त होने का अवसर मिलेगा। सी.एम. राईज विद्यालयों के लिये रुपए3 हजार 230 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
भारत सरकार द्वारा नव घोषित पी.एम.श्री. योजना के अंतर्गत प्रदेश के चिन्हित कुल 730 विद्यालयों में मूलभूत सुविधायें व शिक्षा के स्तर में सुधार के कार्य, भारत सरकार के सहयोग से किये जायेंगे। इस योजना अंतर्गत रुपए 277 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विगत 2 वर्षों में 17 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति दी गई हैं।हजार शिक्षक संवर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया की जा रही है।स्कूल शिक्षा में व्यापक सुधार के किये गये विभिन्न कार्यक्रमों जैसे, शैक्षिक संवाद, आदर्श प्रश्नों का निर्माण, सतत अनुश्रवण तथा शिक्षकों को प्रोत्साहन के परिणामस्वरुप वर्ष 2021 के सर्वे में हमारा प्रदेश, देश के प्रथम 5 राज्यों में आ गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि छात्राओं को विद्यालयों तक पहुंचने में सुविधा बढ़ाने तथा निर्भरता कम करने, उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्साहित करने, आत्मविश्वास जागृत करने हेतु नवीन योजना मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना प्रस्तावित है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को ई-स्कूटी प्रदाय की जायेगी।इसके साथ ही, उच्च शिक्षा के संस्थानों को भी श्रेष्ठ संसाधन उपलब्ध कराकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल अध्यापन एवं अध्ययन के स्तर तक पहुँचने योग्य बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 को सर्वप्रथम लागू कर 168 विषयों के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में मल्टीपल एंट्री-एक्जिट आधारित पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है।मैनें अपने विगत बजट भाषण में कहा था कि सिंगरौली में खनन प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि इसकी स्वीकृति जारी हो चुकी है।प्रदेश के 06 इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं 06 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में हिन्दी माध्यम से भी तकनीकी पाठ्यक्रमों के अध्यापन की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के 02 इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा 05 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना किये जाने का लक्ष्य हैं। संभागीय आई. टी. आई. में 32 प्रमुख ट्रेड में हर वर्ष लगभग 12 हजार प्रशिक्षाणर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। शिक्षा के लिये वर्ष 2023-24 में रुपए 38 हजार 375 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2022-23 से रुपए 5 हजार 532 करोड़ अधिक है।
समृद्ध किसान - समृद्ध मध्यप्रदेश की अवधारणा को साकार करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।प्रदेश के ऐसे किसान, जो सहकारी संस्था से लिये गये ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गये हैं एवं खाद और बीज की सुविधा से वंचित हो गये हैं, की बकाया राशि पर ब्याज का दायित्व हमारी सरकार द्वारा लिया जाना प्रस्तावित है। सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर कृषकों के ऋण पर ब्याज की राशि का दायित्व सरकार द्वारा वहन किया जाना प्रस्तावित है। इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिये शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस उद्देश्य हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल रुपए 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लेखों एवं अन्य दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जिससे किसानों को पारदर्शी एवं आसान प्रक्रिया के माध्यम से कृषि ऋण प्राप्त हो सके। इस हेतु वर्ष 2023-24 के लिये रुपए 80 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारकों व 5 हार्स पॉवर तक के विद्युत पंप उपयोग कर रहे लगभग 9 लाख 75 हजार किसानों को निःशुल्क विद्युत आपूर्ति, अटल कृषि ज्योति योजनान्तर्गत 10 हार्स पॉवर तक के 23 लाख 60 हजार किसानों तथा 10 हार्स पॉवर से अधिक के लगभग 55 हजार किसानों को ऊर्जा प्रभारों में सब्सिडी दी रही है। 5 हॉर्स पॉवर के कनेक्शन पर प्रत्येक किसान हेतु रुपए 54 हजार 650 की विद्युत खपत के विरुद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारक किसानों को निशुल्क एवं अटल कृषि ज्योति योजना के अन्तर्गत आने वाले कृषि उपभोक्ताओं से मात्र रुपए 3 हजार 750 लिया जाता है। इस प्रकार 10 हॉर्स पॉवर के कृषि उपभोक्ता से प्रत्येक किसान हेतु रुपए 1 लाख 15 हजार 505 की विद्युत खपत के विरूद्ध मात्र रुपए 7 हजार 500 की राशि ली जाती है।
इस हेतु वर्ष 2022-23 में लगभग रुपए13 हजार करोड़ का भुगतान प्रस्तावित है। प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रति किसान प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत रुपए 6 हजार तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत रुपए 4 हजार, इस प्रकार कुल रुपए 10 हजार, की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत रुपए 3 हजार 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि, किसान अपनी उपज के विक्रय के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें। हमारा प्रदेश, देश में एकमात्र राज्य है, जिसने फार्म गेट एप के माध्यम से किसानों को अपने घर, अपने खलिहान, गोदाम से अपनी कृषि उपज, अपने दाम पर विक्रय करने के लिये सक्षम बनाया है। इस सुविधा का उपयोग करते हुये वर्ष 2022 में 12 हजार 22 किसानों के द्वारा 50 लाख क्विंटल, कृषि उपज का विक्रय किया है। हमारी सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के विस्तार एवं संवर्धन के लिए गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड के माध्यम से 72 हजार 967 किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन कराया गया है।बाजार की मांग पर आधारित फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने वाली एवं आयात को प्रतिस्थापित करने वाली फसलें यथा; दालें, तिलहन, मसाले, औषधीय, सुगंधित तेल आदि की फसलों के विविधीकरण हेतु फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लगभग 11 हजार एकड़ क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री देवडा ने कहा कि सदन को यह अवगत कराते हुये मुझे गर्व है कि भारत सरकार की पहल पर, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। भारत सरकार ने मिलेट्स (मोटे अनाज) को श्री अन्न की संज्ञा देकर इसकी महत्ता को प्रतिपादित किया है। इन उच्च पोषक मान के खाद्यान्नों को कोदो, कुटकी, रागी, सवां, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन से किसानों की आर्थिक समृद्धि में सुधार होगा। हमारी सरकार ने मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन प्रारंभ किया है।मुख्यमंत्री कृषक उपार्जन सहायता योजना अंतर्गत1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।हमारे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से अपनी कृषि की सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु राशि रुपए 2 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है।ग्रामीण कृषक अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देने में पशुपालन की महती भूमिका है। गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना लागू है। प्रदेश में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजनांतर्गत 3 हजार 346 गौशालाओं के निर्माण स्वीकृत हैं, जिसमें निर्माण पूर्ण कर 1 हजार 135 संचालित हो चुकी हैं। इन गौशालाओं के संचालन के लिये पर्याप्त धन राशि की व्यवस्था की गई है।विपक्ष की टोकाटाकी के बीच वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 58. विशेष पिछड़ी जनजातियों, विशेषकर बैगा, सहरिया एवं भारिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशुप्रदाय कार्यक्रम के अन्तर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे। हितग्राही अंशदान को 10 प्रतिशत किया गया है।प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। कुल दुग्ध उत्पादन में, हमारा प्रदेश, देश में प्रथम तीन स्थान में आ चुका है। प्रतिव्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में भी हमारे प्रदेश की औसत, राष्ट्रीय औसत से अधिक है।प्रदेश में पशुओं में लम्पी वायरस का संक्रमण फैलने पर हमारी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कार्यवाही करते हुये तत्परता से अभियान के रुप में 37 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण कराया गया। इस अभियान से इस रोग को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।किसानों की आय में वृद्धि करने में उद्यानिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु 3 हजार 769 सूक्ष्म खाद्य उद्यम इकाई स्थापित की जाना है। जिसके विरुद्ध 1 हजार 150 इकाईयों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा 350 इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने तथा विपणन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये भोपाल में वेंटिलेटेड फ्लॉवर डोम की स्थापना प्रस्तावित है।प्रदेश में उपलब्ध 4 लाख 39 हजार हैक्टेयर जलक्षेत्र में से 4 लाख 36 हजार हैक्टेयर जलक्षेत्र मछलीपालन अन्तर्गत लाया जा चुका है। मछली उत्पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी में उत्कृष्ट पुरस्कार मिला है। कृषि एवं कृषि से संबंधित योजनाओं के लिए कुल रुपए 53 हजार 964 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से रुपए 804 करोड़ अधिक है। अधोसंरचना विस्तार, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का प्रमुख स्तंभ है। मुझे सदन को यह बताते हुये प्रसन्नता है, कि प्रदेश के इतिहास में वर्ष 2022-23 में हमने अब तक की सर्वाधिक ₹ 48 हजार 800 करोड़ पूंजीगत मद में प्रावधानित की है। वर्ष 2023-24 के लिए 56 हजार 256 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित हैं, जो कि गत वर्ष से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय के सुपरिणाम भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं।
प्रदेश में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने से न केवल यातायात सुगम हुआ है, बल्कि पर्यटन, रोजगार/स्वरोजगार, औद्योगिकरण आदि के माध्यम से अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा, नई गति, नई ताकत, नई दिशा मिली है। वित्तमंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2 हजार 450 किलोमीटर सड़क निर्माण, 2 हजार 56 किलोमीटर सड़क नवीनीकरण एवं 25 पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 3 हजार 124 किलोमीटर सड़कों के सुदृढ़ीकरण के कार्य को अभियान के रुप में लिया गया है। आगामी वर्षों में 7 हजार किलोमीटर की नवीन सड़कें, 12 हजार 389 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण तथा केन्द्रीय सड़क निधि से 625 किलोमीटर नवीन सड़क निर्माण प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के समस्त रेल्वे क्रॉसिंग को समाप्त करने की दिशा में 105 रेल्वे ओव्हर ब्रिज के साथ 334 पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कुल 14 रोप-वे में से उज्जैन, ग्वालियर, पचमढ़ी तथा पातालकोट के रोप-वे निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। चम्बल नदी के समानान्तर 299 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ, नर्मदा नदी के समानान्तर 900 किलोमीटर का नर्मदा प्रगति पथ एवं राजधानी से प्रदेश की पूर्वी सीमा के दूरस्थ जिले सिंगरोली को जोड़ने के 676 किलोमीटर के विंध्य एक्सप्रेस-वे के कार्य प्रस्तावित हैं। इन मार्गों के दोनों ओर औघोगिक कॉरीडोर विकसित किये जायेगें, जिससे रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत इस वर्ष 4 हजार किलो मीटर सड़क 197 पुल का निर्माण, 5 हजार किलो मीटर सड़क नवीनीकरण एवं 280 किलो मीटर सड़क उन्नयन का लक्ष्य है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1 हजार 700 किलो मीटर सड़क एवं 300 पुलों के निर्माण, 5 हजार 500 किलो मीटर सड़क का पुनर्डामरीकरण एवं 250 किलो मीटर सड़क उन्नयन का लक्ष्य है।मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 8 हजार 942 ग्रामों को जोड़ने हेतु लगभग 20 हजार 92 किलोमीटर लंबाई की 8 हजार 714 सड़कों के निर्माण के प्रस्तावित कार्यों में से 8 हजार 458 ग्रामों को बारहमासी एकल सम्पर्कता से जोड़ने के लिए 8 हजार 294 सड़कें, लंबाई 19 हजार 138 किलोमीटर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग के रुपए15 हजार करोड़ के सड़क निर्माण के कार्य किये जा रहे हैं।सड़क एवं पुल के निर्माण एवं संधारण के लिये वर्ष 2023-24 में रुपए 10 हजार 182 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। हमारी सरकार ने 2003 में कार्यभार संभाला तब प्रदेश में सिंचाई क्षमता मात्र 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर की थी। हमारी सरकार के सतत व योजनाबद्ध प्रयास से प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर से अधिक का सिंचाई क्षेत्र निर्मित हो चुका है।
वर्ष 2025 तक आश्वासित सिंचाई क्षेत्रफल को बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक किया जायेगा। जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के अन्तर्गत 28 लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई क्षमता विकसित की जा रही है। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण में मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिये बांध एवं नहर परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। प्राधिकरण की समस् परियोजनाएं पूर्ण होने पर लगभग 24 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।44 हजार 600 करोड़ से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, बुंदेलखण्ड की जीवन रेखा सिद्ध होगी। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों क्रमश: पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाडी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई तथा 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से कुल 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन होगा।सतना एवं रीवा जिलों की लगभग 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर भूमि में नर्मदा जल से सिंचाई के लिये बनाई जा रही बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद टनल के कार्य को 2023 तक पूर्ण करने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कुल 11.95 कि.मी. टनल में से दिसम्बर, 2022 तक 8.94 कि.मी. टनल बनाई जा चुकी है, शेष कार्य निरंतर हैं।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का बजट भाषण, लाडली बहना योजना के लिए 8000 करोड़
1 Mar, 2023 01:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में आज 2023-24 का बजट पेश किया। सुबह 11 बजे सदन में वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होते ही विपक्षी विधायकों में सदन में हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री अपना बजट भाषण पढ़ना जारी रखा। उन्होंने जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ अपना बजट भाषण प्रारंभ किया। वित्त मंत्री द्वारा करीब 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। इस बजट की खास बात यह है कि इसमें जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है। विपक्षी विधायकों द्वारा खासकर रसोई गैस की कीमत बढ़ाए जाने को लेकर विरोध जताया गया। गौरतलब है कि 01 मार्च यानी आज से ही रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये का इजाफा कर दिया गया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारा बजट समावेशी बजट है। जनता का विश्वास और सरकार के प्रयास से मिलकर काम कर रहे हैं।
विपक्षी सदस्यों का हंगामा, सीएम शिवराज ने की शांत रहने की अपील
विपक्षी विधायकों के लगातार हंगामे को देखते हुए सीएम शिवराज ने उठकर विपक्ष से कहा, बजट भाषण में हंगामा नहीं करना चाहिए। विरोध करने का यह समय नहीं है, बजट भाषण सुन लीजिए। वित्तमंत्री ने कहा, यहां कपड़े फाड़ने का काम मत करो। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि महंगाई बढ़ा दी गई है इसको लेकर ही विरोध हो रहा है और नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रसोई गैस के दाम हमने नहीं बढ़ाए हैं।
मेधावी छात्राओं को स्कूटी, सीएम राइज स्कूलों के लिए 3220 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विगत वर्षों में 17000 शिक्षक की भर्ती की गई। शिक्षा के लिए बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले 8000 करोड़ रुपए ज्यादा का प्रविधान किया गया है। मध्यप्रदेश में शुरू होगी मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना। प्रदेश के लगभग 5 हजार विद्यार्थियों में कक्षा 12वीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को मिलेगी स्कूटी। सीएम राइज स्कूलों के लिए 3230 करोड़ रू का प्रावधान।
1550 एमबीबीएस की सीटें बढेंगी
मध्यप्रदेश के 25 चिकित्सा महाविद्यालयों को क्रियाशील बनाने के लिए 400 करोड़ रू का प्रावधान। एमबीबीएस की सीटें 2055 से बढ़ाकर 3605 की जाएंगी। चिकित्सा के पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए 649 सीटों से बढ़ाकर 915 सीटें की जाएंगी। डिफाल्टर किसानों के सरकारी संस्थानों से लिए गए कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी।बच्चों बुजुर्गों के कल्याण के लिए सरकार 1000 करोड़ का बांड जारी करेगी। इंदौर भोपाल में मेट्रो रेल के लिए 710 करोड़ का प्रविधान। धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 358 करोड़ का प्रविधान किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष में तीर्थ यात्रियों को वायुयान से भी यात्रा कराया जाना प्रस्तावित है। हवाई पट्टियों के विस्तार के लिए 80 करोड़ का प्रस्ताव।
सड़कों के विकास के लिए 10 हजार 182 करोड़
उन्होंने अपने बजट भाषण में आगे कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई कराई जा रही है। मध्यप्रदेश में मिलेट्स मिशन शुरू किया जाएगा। 105 नए रेल ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहते हैं। सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। सड़कों के लिए 10 हजार 182 करोड़ का प्रविधान किया गया। घुमंतू जातियों के रोजगार के लिए 952 करोड़ रुपये का प्रविधान किया जा रहा है। सड़कों के लिए 10 हजार 182 करोड़ का प्रविधान किया गया। 11 हजार एकड़ में सुगंधित खेती की जाएगी।
खेल विकास के लिए 738 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारे प्रदेश का योगदान 3.6 % से बढ़कर अब 4.8 % हो चुका है। वर्ष 2011-12 प्रति व्यक्ति आय 30 हजार 497 रुपये थी, अब 2022-23 में साढ़े तीन गुना तक बढ़कर 1 लाख 40 हजार 585 हो गई है! उन्होंने कहा कि सरकार ने लाडली बहना योजना की सौगात दी है। सभी सदस्यों ने मेज थपथपाते इसका स्वागत किया। इस योजना के लिए बैंक खाते में 1000 रुपये प्रति माह की राशि जमा की जाएगी। आठ हजार करोड़ रुपए लाडली बहना योजना के लिए किया गया। शिक्षा के लिए बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले 8000 करोड़ रुपए ज्यादा का प्रविधान किया गया है। खेल विभाग के लिए 738 करोड का बजट आगामी वित्त वर्ष के लिए किया जाएगा। 12वीं तक की पढ़ाई की सुविधा एक ही परिसर में रहे। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। महिला स्व सहायता समूह के लिए 660 करोड़ का प्रविधान। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 3200 करोड़ का प्रविधान।
प्राकृतिक खेती को देंगे बढ़ावा
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि निजी विकास कर्ताओं द्वारा ईडब्ल्यूएस के पक्ष में निष्पादित विक्रय लेखों पर शुल्क 5% से घटाकर शून्य किया इससे प्रतिवर्ष साढ़े तीन हजार ईडब्ल्यूएस हितग्राहियों को 9 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। विकास अनुज्ञा के एवज में विकास करता द्वारा स्थानीय निकायों के पक्ष में भूखंड बंधक रखे जाने पर निष्पादित बंधक विलेज प्रदेश स्टांप शुल्क को हटाया गया। विकासकर्ता को विक्रय का अधिकार देने वाले विकास अनुबंध पर देय शुल्क 2.5% से घटाकर 1.5% किया गया। बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राविधान किया गया है। 2025 तक सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टेयर की जाएगी।
ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा में खुलेंगे स्किल सेंटर
ग्लोबल स्किल पार्क में प्रतिवर्ष 6 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्वालियर, जबलपुर, सागर व रीवा में भी स्किल सेंटर प्रारंभ होंगे। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी अल्पसंख्यक, विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध-घुमंतू वर्ग के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 252 करोड़ रुपये का प्रविधान है। महिला स्वसहायता समूहों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के अंतर्गत 660 करोड़ रुपये का प्रविधान प्रस्तावित है।
14 हजार 82 करोड़ रुपये से होगा नगरीय विकास
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में 3346 गोशालाओं का निर्माण कराया जाएगा। आयुष के 200 हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर शीघ्र शुरू किए जाएंगे। सागर में संत रविदास स्मारक बनेगा। नगरीय विकास के लिए 14 हजार 82 करोड़ का बजट। नई शिक्षा नीति के लिए 277 करोड़ का बजट प्रविधान। मातृत्व वंदना योजना के लिए 467 करोड़ का बजट। दिव्यांग बुजुर्ग के लिए 3986 करोड़ का बजट। प्रसूति सहायता योजना के लिए 400 करोड रुपए का बजट प्रविधान। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि जनता से चार हजार सुझाव प्राप्त हुए थे उनमें से अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक परिदृश्य में शेर की तरह दहाड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति कर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में 16% से ज्यादा की वृद्धि चालू मूल्यों पर हुई है। नारी के सशक्त होने पर परिवार सशक्त होता है। जिससे प्रदेश और देश सशक्त बनता है। माता के गर्भवती होने पर पोषण की व्यवस्था, कन्या के जन्म पर लाडली लक्ष्मी योजना, स्कूलों में पुस्तक, गणवेश दिया जा रहा है। हमारी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। महिला स्व सहायता समूह के 47 लाख सदस्यों ने न सिर्फ अपने स्वयं के आर्थिक लाभ के लिए बल्कि राज्य के लिए योगदान दिया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश का देश में पहला स्थान है। गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार के चौथे कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। खास बात यह है कि यह मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला पेपरलेस बजट यानी ई-बजट है। वित्तमंत्री ने टैबलेट से बजट भाषण का पाठ किया और विधायकों को भी इस दौरान टैबलेट दिए गए हैं, जिसमें उन्होंने बजट भाषण को देखा। अधिकारियों और मीडिया समेत अन्य लोगों को पेन ड्राइव की कापी दी गई है।
कई सिंधिया समर्थकों का कटेगा टिकट!
1 Mar, 2023 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आम चुनाव 2023 के लिए पार्टी की परंपरागत चयन प्रक्रिया से तय होंगे टिकट
भोपाल । प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने 7 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट चयन पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने यह काम आकांक्षी विधानसभा (कांग्रेस के कब्जे वाली)सीटों से शुरू किया है। इनमें वे सीट भी शामिल हैं, जहां उपचुनावों में तो भाजपा जीती, लेकिन 2018 में हारी थीं। संगठन ने आकांक्षी सीटों पर एक महीने तक गांव-गांव घूमकर जमीनी नब्ज टटोली है।
ऐसे में तय है कि आम चुनाव में किसी नेता का समर्थक होने मात्र से किसी को टिकट नहीं मिलेगा, बल्कि भाजपा की टिकट चयन की परंपरागत प्रक्रिया से ही प्रत्याशी तय होंगे। ऐसे में 2020 में कांग्रेस से भाजपा में आने वाले 26 विधायकों में से आधे से ज्यादा दलबदलुओंÓ को फिर से टिकट मिलने पर संशय की स्थिति बन गई है। भाजपा ने कांग्रेस से आने वाले सभी नेताओं को उपचुनाव लड़ाया। जो उपचुनाव हारे, उन्हें निगम-मंडलों में मंत्री पद से नवाजा। चूंकि भाजपा ने 2023 में चुनाव जीतने के लिए नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसके तहत कई नए चेहरों को मौका मिलेगा। इसके लिए कई दिग्गजों के टिकट कटेंगे। इनमें कांग्रेस से आने वाले दलबदलूÓ भी शामिल हैं।
निगम-मंडल वालों को टिकट की संभावना बेहद कम
कांग्रेस से आए उपचुनाव हारने वाले 8 नेता एदल सिंह कंषाना, रघुराज कंषाना, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, जसमंत जाटव और राहुल लोधी को निगम मंडलों मंंत्री का दर्जा दिया है। इनमें ज्यादातर को टिकट मिलने की संभावना नहीं है। हालांकि ये सभी नेता अपनी-अपनी सीटों पर दावेदार रहेंगे। टिकट चयन की प्रक्रिया में इनके नामों पर विचार होगा, मिलेगा यह तय नहीं है। इसी तरह अंबाह विधायक कमलेश जाटव, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया (मंत्री), ग्वालियर पूर्व मुन्नालाल गोयल, सुरेश धाकड़ (मंत्री)पोहरी , जसपाल जज्जी अशोकनगर, बिसाहू लाल सिंह (मंत्री)अनुपपुर , मनोज चौधरी हाटपिपल्या, नारायण पटेल मांधाता, राजवर्धन दत्तीगांव (मंत्री) बदनावर के टिकट पर कैंची चल सकती है। जसपाल की विधायकी जाति मामले में कोर्ट स्टे पर हैं। सुरेश धाकड़ सिर्फ जातिगत समीकरणों से रिपीट हो सकते हैं। वहीं दत्तीगांव पिछले दिनों अलग-अलग वजह से विवादों में आ चुके है। टिकट चयन के दौरान भाजपा संगठन में इस तरह के मुद्दों पर गहन मंथन होता है।
चुनाव से पहले इनकी बढ़ेगी पूछ-परख
कांगे्रसियों के आने से भाजपा के दिग्गज नेताओं को अपना चुनाव क्षेत्र छोडऩा पड़ा और हासिए पर चले गए। इनमें से कुछ नेताओं को सरकार में मंत्री पद का दर्जा मिल चुका है। जबकि कुछ घर बैठे हैं कुछ पार्टी छोड़ गए है। अब पार्टी चुनाव से पहले इन नेताओं के घर पहुंचेगी और उनकी पूछपरख बढ़ेगी। इनमें रुस्तम सिंह मुरैना, शिवमंडल सिंह तोमर दिमनी, राकेश शुक्ला मेहगांव, लाल सिंह आर्य गोहद, जयभान सिंह पवैया ग्वालियर, लड्डूराम कोरी अशोकनगर, ललिता यादव मलेहरा, रामलाल रौतेल अनूपपुर, दीपक जोशी हाटपिपल्या, नरेन्द्र सिंह तोमर मांधाता, भंवर सिंह शेखावत बदनावर और जयंत मलैया दमोह शामिल हैं। इनमें से ललिता यादव (सीट बदलेगी), रामलाल और लालसिंह को टिकट मिल सकता है। जोशी को भी मौका मिल सकता है। दमोह का टिकट जयंत मलैया की सहमति से तय होगा। निगम मंडल में नियुक्ति के बाद भी नेपानगर से मंजू दादू, करैरा से रमेश खटीक को फिर टिकट मिल सकता है। 2018 में प्रत्याशी रहे सांची से मुदित शेजवार, सावन सोनकर संावेर, सुधीर यादव सुरखी, राजकुमार खटीक करैरा, केपी सिंह मुंगावली, राधेश्याम पाटीदार सुवासरा टिकट की दौड़ से बाहर रहेंगे। केपी यादव गुना सांसद हो चुके हैं। उपचुनाव के दौरान शेजवार का विरोध सामने आ चुका है।
इनको कोई खतरा नहीं
कांग्रेस से आने वालों में प्रद्युम्न सिंह तोमर (मंत्री) ग्वालियर, रक्षा संतराम भांडेर, महेन्द्र सिंह सिसौदिया (मंत्री) बमौरी, बृजेन्द्र यादव (मंत्री) मुंगावली, गोविंद राजपूत (मंत्री) सुरखी, प्रभुराम चौधरी (मंत्री) सांची, तुलसीराम सिलावट (मंत्री) सांवेर और हरदीप सिंह डंग (मंत्री) सुवासरा को कोई खतरा नहीं है। संगठन सूत्रों के अनुसार निकट भविष्य में संभावित शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में इनमें से कुछ बाहर होते हैं फिर भी ये टिकट के प्रवल दावेदार रहेंगे।
विधानसभा में गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक, सुरक्षाकर्मियों ने रोका
1 Mar, 2023 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । शिवराज सरकार आज विधानसभा में अपने चौथे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने जा रही है। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को घेरने तैयारी कर ली है। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व कांग्रेस के विधायक विधानसभा परिसर में गैस के सिलेंडर लेकर पहुंचे। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने कहा कि रसोई गैस के दाम फिर बढ़ा दिए गए हैं। सरकार बजट में वैट की दर कम करके जनता को राहत देनी चाहिए। 50 प्रति गैस सिलेंडर की दर बढ़ाई गई है! कल सरकार आर्थिक सर्वेक्षण में स्वयं की पीठ थपथपा रही थी कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है लेकिन आमजन को राहत नहीं मिल रही है। विधानसभा के मुख्य द्वार पर हो रहा है हंगामा! कांग्रेस के विधायक गैस का सिलेंडर सदन में ले जाकर विरोध दर्ज कराने का कर रहे हैं प्रयास! सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया। इसके बाद पीसी शर्मा, तरुण भनोत समेत कुछ अन्य कांग्रेसी विधायकों ने वहीं बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू दी।
आकांक्षी सीटों को जीतने की रणनीति पड़ी कमजोर
1 Mar, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल, भाजपा ने इस बार 200 से अधिक सीटें जीतने का जो लक्ष्य बनाया उसमें आकांक्षी (पिछले चुनाव में हारी)सीटों का बड़ा योगदान रहेगा। इसलिए पार्टी का सबसे ज्यादा ध्यान आकांक्षी विधानसभा सीटों पर है। यह वह सीटें हैं जिनमें पार्टी को पिछली बार पराजय मिली थी। अब इन सीटों के हर बूथ में 51 प्रतिशत मत पाने के लिए पार्टी ने रणनीति तैयार की है। इस रणनीति के तहत इन क्षेत्रों में पार्टी ने अपने पुराने वरिष्ठ नेता-कार्यकर्ताओं को प्रभारी बनाया है। लेकिन क्षेत्रीय नेताओं के साथ तालमेल के अभाव में आकांक्षी सीटों को जीतने की रणनीति कमजोर पड़ रही है।
गौरतलब है कि भाजपा ने आकांक्षी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने नई रणनीति पर काम शुरू करने का संकल्प लिया है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को 121 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, इन क्षेत्रों में पार्टी ने अपने पुराने वरिष्ठ नेता-कार्यकर्ताओं को प्रभारी बनाया है। इन आकांक्षी सीटों के प्रभारियों को दायित्व के क्षेत्र में तालमेल और गृह जिले में पूछ-परख के संकट का सामना करना पड़ रहा है। इन प्रभारियों में कई लोग टिकट के दावेदार भी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दो दिन पहले संगठन के नेताओं को समन्वय बढ़ाने की समझाइश दे चुके हैं। सत्ता-संगठन पदाधिकारियों के साथ आकांक्षी सीटों के प्रभारियों की अब तक 4-5 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में भी तालमेल का मामला उठ चुका है।
बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा
संगठन के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि बार-बार की समझाइस के बाद भी नेताओं में तालमेल नहीं बन पा रहा है। कई जिलों का प्रभारियों का कहना है कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी मंत्री, जिले के जनप्रतिनिधि, अध्यक्ष और संभागीय प्रभारियों के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा। इन क्षेत्रों में पार्टी ने दूसरे जिलों के नेता, पूर्व संगठन मंत्री, निगम- मंडलों के अध्यक्ष और पूर्व सांसद- विधायकों को प्रभारी बनाकर भेजा गया है। पन्ना जिले के बबलू पाठक को राजनगर सीट का प्रभार मिला है। इसी तरह छतरपुर जिले के पुष्पेंद्र गुड्डन पाठक पर सागर जिले की देवरी सीट की जवाबदारी है। पन्ना के संजय नागाइच को दमोह सीट संभाल रहे हैं जबकि जयप्रकाश चतुर्वेदी को महाराजपुर पर दायित्व है। विनोद गोटिया को डिंडोरी जिले की सीट दी गई है। पार्टी ने पुष्पेंद्र सिंह को बंडा सीट जिताने को कहा है। इनके अलावा संगठन ने जिन नेताओं को आकांक्षी सीटों का प्रभार सौंपा है उनमें जितेंद्र लिटोरिया, केशव सिंह भदोरिया, आलोक संजर, प्रहलाद भारती, संतोष जैन, गुड्डन पाठक, चेतन सिंह, राजो मालवीय, डॉली शर्मा, हरिशंकर जायसवाल, वसंत माकोड़े, अजीत पवार और विक्रम बुंदेला जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इन सीटों पर बूथ स्तर पर त्रिदेवों अर्थात बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए को पूर्व में दिया गया प्रशिक्षण याद दिलाकर नए सिरे से सक्रिय किया जा रहा है। भाजपा हाईकमान ने बूथ समितियों को एक्टिव कर वोट शेयर बढ़ाकर 51 फीसदी सुनिश्चित करने का टारगेट दिया है।
100 सीटों के लिए विशेष रणनीति
भाजपा ने इन 121 सीटों में से करीब 100 ऐसी सीटें चिह्नित की हैं जिन पर विशेष रणनीति के तहत काम शुरू करने की जरूरत बताई गई है। ऐसी हारी हुई सीटों और जिन बूथों पर भाजपा प्रत्याशी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था वहां पन्ना प्रमुख के साथ हितग्राहियों से संपर्क का काम सघन करने को कहा गया है। सत्ता-संगठन के सर्वे में ग्वालियर- चंबल, महाकोशल अंचल से लेकर विध्य, बुंदेलखंड और मालवा-निमाड़ की कई सीटों पर मैदानी स्थितियां अब भी सुधार के संकेत नहीं दे रही । आकांक्षी सीटों के जो प्रभारी स्वयं अपने लिए टिकट की दौड़ में हैं उनका फोकस अपने जिले के समीकरण साधने पर बना हुआ है। प्रभार के जिले में बेहतर समन्वय और अपेक्षित तवज्जो न मिलने से भी मैदानी कार्यकर्ताओं से उनका तालमेल नहीं बन पाया जिससे उनके प्रवास बढ़ नहीं पा रहे।
कम मार्जिन वाली सीटों पर नजर
गौरतलब है कि भाजपा ने उन सीटों पर फोकस करने का प्लान बनाया है, जिनमें कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत का मार्जन बहुत कम था। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि पार्टी इस बार वोट बैंक में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी चाहती है। बता दें कि 2018 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 41 प्रतिशत था। प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत-हार का अंतर 1000 वोट का था। ये सीटें ग्वालियर चंबल की हैं। 18 सीटें वे हैं जहां भाजपा के कैंडिडेट 2000 वोट के अंतर से हारे। इसी तरह 30 सीटें हैं जहां पर जीत का अंतर 3,000 से कम रहा। वहीं 45 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर 5,000 से कम रहा है। भाजपा इन सीटों को आकांक्षी सीटें मान रही है। ऐसी सीटों को मिला लिया जाए तो 100 के आसपास का आंकड़ा पार्टी की नजर में है। भाजपा को लग रहा है कि यदि इन सीटों को जीत लिया तो उसका मिशन 2023 पूरा हो जाएगा।
जातियों और क्षेत्रवाद को साधने में जुटी भाजपा
1 Mar, 2023 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश की राजनीति में इनदिनों विधानसभा चुनावों को लेकर गहमा गहमी बनी हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां सत्ता में काबिज होने के लिए रणनीति बना रही हैं। भाजपा रणनीतिक तैयारी में कांग्रेस से काफी आगे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सभी जातियों और क्षेत्रवाद को साधने में जुटी हुई है। पार्टी का सबसे अधिक फोकस एससी-एसटी के साथ ओबीसी की छोटी जातियों पर भी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में एससी-एसटी और ओबीसी सबसे बड़े वोट बैंक हैं। एससी और एसटी को साधने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही है। अब पार्टी ओबीसी की छोटी जातियों को साधने का अभियान चलाएगी। प्रदेश में हमेशा से ही एससी-एसटी का समीकरण सत्ता की चाबी मानी जाती है। क्योंकि इन दोनों वर्गों के लिए प्रदेश की 36 फीसदी यानी 82 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। ऐसे में जिस दल को इन वर्गों का साध मिलता है, उसका सत्ता तक पहुंचने का रास्ता आसान हो जाता है। बीते चुनाव में आदिवासी क्षेत्रों की अधिकतर सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। जबकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया जिसके चलते कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनाव में सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसलिए इस बार भाजपा एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी की छोटी जातियों को साधने की कोशिश में जुट गई है।
अगले महीने से शुरू होंगे कई कार्यक्रम
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि पार्टी ने 51 फीसदी वोट के साथ 200 से अधिक सीटें जीतने का जो टारगेट सेट किया है उसके लिए सभी जातियों और सभी क्षेत्रों में पैठ बढ़ानी होगी। इसलिए एससी-एसटी वर्ग के लोगों को साधने के लिए योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ भाजपा का फोकस अब अगले माह से ओबीसी वर्ग पर होगा। इसके लिए भाजपा ने ओबीसी वर्ग की सभी बड़ी और छोटी जातियों के लोगों से संपर्क साधने का कार्यक्रम तय किया है। पार्टी के स्थापना दिवस छह अप्रैल से अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल तक इसके लिए ओबीसी मोर्चा के प्रदेश में रहने वाले सभी राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारी तथा जिला और मंडल स्तर के पदाधिकारी कम से कम दस गांवों में जाकर संवाद करेंगे। प्रदेश संगठन के निर्देश पर पार्टी के ओबीसी मोर्चा ने जो तैयारी की है उसमें कहा गया है कि ओबीसी के छोटी जाति के जिन लोगों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है, उन्हें रोहिणी कमीशन के माध्यम से आरक्षण दिलाने के लिए मोर्चा पदाधिकारी और कार्यकर्ता काम करेंगे। केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में ओबीसी को आरक्षण का लाभ दिलाने का काम भी करना है। मोर्चा ने यह भी तय किया है कि ओबीसी वर्ग के जिन अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों के विरुद्ध अन्याय हुआ है उन्हें केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत कराकर न्याय दिलाने का काम भी करना है। जो जातियां प्रदेश में ओबीसी की सूची में हैं लेकिन केंद्र की सूची में ओबीसी कैटेगरी में नहीं हैं, उनके लिए भी मोर्चा ने आवेदन कराने के लिए काम करने को कहा है। इस दौरान पिछड़ा वर्ग के बड़े सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाएगा। ओबीसी वर्ग की बड़ी जातियों को लेकर भी मोर्चा द्वारा कार्यक्रम कराने के लिए क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे।
ओबीसी को साधे बगैर चुनाव को जीतना मुश्किल
मप्र की सियासत की सुई एक बार फिर ओबीसी वर्ग की ओर घूम गई है। अब इसे जरूरत कह लें या सियासी मजबूरी लेकिन ओबीसी को साधे बगैर विधानसभा चुनाव को जीतना बेहद मुश्किल है। यही वजह है कि इस वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने बड़ा दांव चल दिया है। पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने बताया कि ओबीसी वर्ग के लिए सरकार नया प्लान लाई है। इसके तहत स्वरोजगार के लिए साढ़े बयालीस करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो मप्र में करीब 52 फीसदी ओबीसी वर्ग की आबादी है। विधानसभा की 100 से ज्यादा सीटों पर ओबीसी वर्ग का दखल है और फिलहाल सदन में ओबीसी वर्ग के 60 विधायक हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक क्षेत्र में 25.83 फीसदी पदों पर ओबीसी वर्ग काबिज है। जाहिर है, मप्र के सबसे बड़े वोट बैंक पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही नजर हैं और दोनों ही दल एक-दूसरे को ओबीसी का सबसे बड़ा हितैषी करार देने में जुटे हैं।
किंगमेकर बनेंगे ओबीसी वोटर्स
यह तो तय है कि विधानसभा चुनाव में ओबीसी वोटर्स किंगमेकर होंगे। इसलिए प्रदेश में भाजपा ओबीसी मोर्चा ओबीसी वर्ग के सामाजिक नेताओं, सेलिब्रिटी और प्रतिभावान लोगों की सूची तैयार करेगा। यह काम 25 फरवरी तक पूरा करना है। 15 फरवरी तक केंद्र और राज्य सरकार की पिछड़ा वर्ग योजनाओं की सूची तैयार करना होगा। 11 अप्रेल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर मंडल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी भी मोर्चा ने की है। इसके साथ ही 15 मार्च तक जिला कार्यसमिति और 30 मार्च तक मंडल कार्यसमिति की मोर्चा बैठकें करके रिपोर्ट प्रदेश संगठन को दी जाएगी।
आदर्श ग्राम योजना से बड़े वोट बैंक पर नजर
1 Mar, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । चुनावी साल में केंद्र और राज्य सरकार का फोकस हर वर्ग को साधने पर है। इसके लिए चुनावी योजनाएं तो शुरू की ही जा रही है, वहीं पुरानी योजनाओं में भी ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं जिससे बड़े वोट बैंक का साधा जा सके। इसकी कड़ी में विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति वर्ग (एससी) को साधने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम आदर्श ग्राम योजना को अपडेट किया है। पहले इस योजना में उन गांवों को शामिल किया जाता था, जहां 50 फीसदी या इससे अधिक आबादी एससी वर्ग की है। अब 40 फीसदी या इससे अधिक आबादी वाले गांवों को भी योजना में शामिल किया है। इसके चलते प्रदेश में 619 गांवों का चयन किया गया है, जबकि देश में यह आंकड़ा 11,500 है।
मध्यप्रदेश में सरकार की नजर 16 फीसदी एससी वोट बैंक पर है। वर्ष 2021-22 में शुरू हुई इस योजना में चयनित गांवों में होने वाले सामुदायिक विकास कार्यों के लिए 20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। इस लिहाज से अब मध्यप्रदेश को - 619 गांवों के लिए करीब 123 करोड़ रुपए मिलेंगे। योजना में अब तक प्रदेश के 1074 एससी बहुल्य गांव चयनित किए गए हैं। इनमें से 1029 गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित किया गया है। पीएम आदर्श ग्राम के लिहाज से देशभर में मध्यप्रदेश अव्वल है। आदर्श ग्राम योजना में चयनित गांवों में 20 लाख रुपए से जल निकासी, मुख्य सड़क से पहुंच मार्ग, पेयजल, आंगनबाड़ी-स्कूल में शौचालयों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट आदि के काम किए जाते हैं। विकास कार्यों की समय पर पूरा करने वाले और प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम घोषित किए गए गांवों को केंद्र सरकार एक और सौगात देगी। इसके तहत चयनित गांव में 25 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे। हालांकि इसके लिए पंचायत के पास 500 वर्ग मीटर की जगह होना अनिवार्य है।
16 फीसदी से अधिक आबादी पर फोकस
मध्यप्रदेश में एससी वर्ग की आबादी 16 फीसदी से अधिक है और प्रदेश में कुल 35 विधानसभा सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में 21 पर भाजपा का तो 14 पर कांग्रेस का कब्जा है। इसके अलावा चार लोकसभा सीटें देवास, उज्जैन, टीकमगढ़ और भिण्ड भी इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन पर भाजपा का कब्जा है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लिए प्रदेश के 35 जिलों से चयनित नए गांवों की सूची जारी की गई है। सबसे अधिक उज्जैन जिले के 81 गांवों का चयन किया गया है। वहीं सीहोर के 32, राजगढ़ के 29, दतिया के 23, ग्वालियर के 23, मंदसौर के 22, छतरपुर के 21, टीकमगढ़ के 20, रतलाम के 19, सागर के 19, सतना के 18 और देवास के 16 गांवों का चयन किया गया है। वहीं भोपाल के 11 गांवों के अतिरिक्त विदिशा के 15, अशोकनगर और इंदौर के 13- 13, भोपाल के 11, दमोह के 10। रायसेन के 9, श्योपुर और आगर-मालवा के 7-7. नीमच, रीवा और सिवनी से 5-5, शिवपुरी से 4, आलीराजपुर, निवाड़ी और सिवनी से 3-3, भिण्ड से 2 और बालाघाट, धार और मंडला से 1-1 गांव का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम के लिए किया है।