देश (ऑर्काइव)
चीन का प्रौपेगडा.... अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया, भारत ने जताया विरोध
30 Aug, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । जी-20 समिट से पहले अरुणाचल प्रदेश को ड्रैगन का हिस्सा दिखने वाले चीनी मैप को लेकर भारत सरकार ने पलटवार किया है। चीन की नापाक हरकत पर भारत सरकार ने दो टूक जवाब देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और चीन परेशान होकर ऐसा प्रोपैगेंडा फैला रहा है। दरअसल, चीन ने आधिकारिक तौर पर अपने ‘मानक मानचित्र’ के 2023 संस्करण को जारी किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया। जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। सरकार के सूत्रों की माने तब अरुणाचल वाले मैप पर मोदी सरकार ने कहा कि चीन का दावा आधारहीन है। अरुणाचल का अभिन्न अंग है, और चीनी मैप अवैध है। चीन परेशान हो चुका है और ये सब प्रोपेगैंडा के तहत कर रहा है।
सरकार के सूत्रों की माने तब अरुणाचल वाले मैप पर मोदी सरकार ने कहा कि चीन का दावा आधारहीन है। अरुणाचल का अभिन्न अंग है, और चीनी मैप अवैध है। चीन परेशान हो चुका है और ये सब प्रोपेगैंडा के तहत कर रहा है। मोदी सरकार ने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के ठीक एक हफ्ते बाद और जी20 बैठक के लिए शी जिनपिंग के आगमन से एक हफ्ते पहले यह नई रिलीज उनके (ड्रैगन) इरादों का इशारा देती है। दुनिया जानती है कि वे विस्तारवादी हैं और उन्होंने दुनिया भर में अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने कहा कि चीन में मानवाधिकार संकट का सामना कर रहे तिब्बती, उइगर और अन्य सभी समूह शी जिनपिंग और चीन के कारनामे को उजागर कर रहे हैं। अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और चीनी नक्शा अवैध है।
दरअसल, चीन के सरकारी समाचारपत्र ने एक्स पर लिखा, चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इस जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
बता दें कि नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित भारत यात्रा से ठीक पहले इस मैप को जारी किया गया है। इसमें चीन के सीमा दावों के लिए दुनिया भर में मशहूर 9-डैश लाइन को फिर से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। 9-डैश लाइन को 1940 के दशक में एक चीनी भूगोलवेत्ता ने मैप पर खींचा था। यह यू-आकार की रेखा है, जो दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत हिस्से पर दावा करती है, जिसे फिलीपींस उत्तरी फिलीपींस सागर कहता है।
चीनी रोवर युतु 2 से कितना दूर है भारत का प्रज्ञान
30 Aug, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । चंद्रयान-3 के जरिए चांद की सतह पर पहुंचे प्रज्ञान रोवर अपना काम कर रहा है। वहीं चांद की सतह पर चीन का युतु 2 रोवर भी काम कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दोनों का चंद्रमा पर आमना-सामना होगा या नहीं। फिलहाल चांद की सतह पर भारत के अलावा सिर्फ चीन का रोवर ही सक्रिय है, जिसे साल 2019 में भेजा गया था। 3 जनवरी 2019 को साउथ पोल-एटकिन बेसिन में चीन का चांग ई-4 वॉन कारमन क्रेटर में लैंड हुआ। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा के मुताबिक लैंडिंग के कॉर्डिनेट्स 45.4561 एस- लैटिट्यूड और 177.5885 ई- लॉन्गटिट्यूड थे। जबकि चंद्रयान 3 ने 69.367621एस और 32.348126ई में उतरने की योजना बनाई थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का कहना है कि चंद्रयान 3 तय इलाके में ही उतरा है। दोनों रोवर्स के बीच दूरी करीब 1948 किमी बताई जा रही है। वहीं जानकार शानमुगा सुब्रमण्यम ने अनुमान लगाया है कि दोनों के बीच दूरी 1890 किमी के आसपास हो सकती है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि यह पहली बार है, जब पृथ्वी के दो रोवर पहली बार चांद पर हों। हालांकि, इस बात की संभावनाएं न के ही बराबर हैं कि दोनों रोवर्स का आमना-सामना होगा। प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव के पास है और यह सिर्फ अपने लैंडर विक्रम से 500 मीटर की दूरी तक ही जा सकता है। वहीं, चीन का रोवर भी लैंडिंग साइट के आसपास ही है। प्रज्ञान रोवर चांद पर एक दिन (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) काम करेगा। जबकि युतु 2 वहां 2019 से ही काम कर रहा है।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण ने पीएम मोदी को दिया चंद्रयान 3 का फुल क्रेडिट
30 Aug, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण ने मोदी सरकार को चंद्रयान 3 की सफलता का फुल क्रेडिट दिया है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर यह बात कही है, जिसे सोशल मीडिया पर बीजेपी ने भी शेयर किया है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता के बाद हर कोई जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया में आज भारत का डंका बज रहा है। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पर कोई भरोसा नहीं था और उनके पास मून मिशन के लिए कोई बजट आवंटन नहीं था। एक इंटरव्यू में नंबी नारायण ने चंद्रमा की सतह पर टचडाउन बिंदु का नाम ‘शिव शक्ति’ रखने की पीएम मोदी की घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर चंद्रयान-3 मिशन का ‘श्रेय चुराने’ की बात भी कही।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा, ‘हो सकता है कि आपको प्रधानमंत्री मोदी पसंद न हों, यह आपकी समस्या है। लेकिन आप इसे बदल नहीं सकते हैं, इसका श्रेय और किसे दिया जाएगा? पिछली कांग्रेस सरकार ने हमें पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया। उन्हें इसरो पर कोई भरोसा नहीं था। नंबी नारायणन का वीडियो बीजेपी ने भी शेयर किया है। इस वीडियो में वो कांग्रेस के शासनकाल के दौरान इसरो के हालातों पर बात करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में नंबी कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी। तब की सरकार द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया।
वीडियो में वह कहते हैं कि इसरो के पास अनुसंधान कार्य के लिए कोई जीप या कार नहीं थी। उनके पास सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्टों में चलती थी। तब से अब तक, जैसे-जैसे परफॉर्मेंस सुधरी सरकारों का भरोसा बढ़ता गया और हमें सराहा गया। वहीं बीजेपी ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी ने बजट में वृद्धि की है और हमारे वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलताओं और विफलताओं में खड़े हैं।
प्रज्ञान रोवर ने पार की पहली रुकावट, सामने आया चंद्र क्रेटर
30 Aug, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलूरु । इसरो ने बताया है कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद की सतह पर सही तरीके से काम कर रहा है। इस दौरान प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पहली बाधा सफलतापूर्वक पार कर ली है। रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर लगभग 100 मिमी की गहराई वाले चंद्र क्रेटर को पार करने में कामयाब रहा। ऐसा होने के बाद से इसरो के वैज्ञानिक ज्यादा उत्साहित हैं। उन्हें पूरा विश्वास हो गया है कि प्रज्ञान हर बाधा को पार करके अपनी रिसर्च जारी रखेगा। हालांकि, रोवर के संचालन की सीमाएं हैं। एक बार जब नेविगेशन कैमरा चित्र भेजता है तो अधिकतम पांच मीटर तक डिजिटल एलिवेशन मॉडल उत्पन्न किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि जब भी रोवर को चलने का आदेश दिया जाता है, तो वह अधिकतम पांच मीटर की दूरी तय कर सकता है। चंद्रयान -3 परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने कहा कि इस सीमा के भीतर भी बाधाएं और चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, रोवर ने अपनी पहली बाधा, एक चंद्र क्रेटर, को सफलतापूर्वक पार कर लिया, जिससे इसरो टीम को काफी राहत मिली। रोवर की गतिविधियों को टेलीमेट्री और दूरसंचार की 24/7 अनुपलब्धता और सूर्य को लगातार ट्रैक करने की आवश्यकता जैसी सीमाओं का भी सामना करना पड़ता है।
इस अभियान में यूआरएससी के डायरेक्टर एम संकरन और इसरो के टॉप मैनेजमेंट का सहयोग मिलता रहा। परिणामस्वरूप, प्रत्येक मूवमेंट ऑपरेशन के बीच टर्नअराउंड समय लगभग पांच घंटे है। इन चुनौतियों के बावजूद, परियोजना निदेशक ने रोवर की प्रगति और अच्छे परिणामों की संभावना पर विश्वास व्यक्त किया। गौरतलब है कि विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा के भूविज्ञान और वातावरण का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। लैंडर से निकलने के बाद से यह लगभग आठ मीटर की दूरी तय कर चुका है। रोवर की अपनी पहली चंद्र बाधा पार करना एक ऐतिहासिक क्षण है।
श्रीलंका ने भारत को किया नजरअंदाज, चीनी रिसर्च शिप को आने की दी अनुमति
30 Aug, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु । श्रीलंका ने भारत की मंशा को नजरअंदाज करते हुए एक और चीनी जहाज को आने की अनुमति दे दी है। जानकारी के अनुसार जल्द ही श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर चीन का यह जहाज लंगर लगा सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका सरकार ने चीनी अनुसंधान जहाज ‘शी यान 6’ को भारतीय चिंताओं के बीच बंदरगाह पर आने के लिए अनुमति दे दी है। शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, जहाज के अक्टूबर में कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचने की संभावना है। श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय के मीडिया निदेशक, कर्नल नलिन हेराथ ने कहा, ‘लंका के विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय जलीय संसाधन शोध और विकास एजेंसी (एनएआरए) द्वारा किए गए अनुरोध के आधार पर जहाज के लिए मंत्रालय से अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि एनएआरए का चीनी शोध जहाज के साथ शोध करने का कार्यक्रम है। जहाज के श्रीलंका पहुंचने की तारीख की अभी पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले मीडिया ने इस शि यान 6 को 60 लोगों द्वारा संचालित एक वैज्ञानिक अनुसंधान पोत बताया था जो समुद्र विज्ञान, समुद्री पारिस्थितिकी और समुद्री भूविज्ञान परीक्षण का काम करता है।
गौरतलब है कि पिछले साल भी भारत ने चीनी अनुसंधान पोत युआन वांग 5 के दक्षिण श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह बुलावे पर भी चिंता जताई थी। यह पोत अंतरिक्ष यान ट्रैकिंग में माहिर है और जिसे नई दिल्ली ने एक जासूसी पोत बताया था। कुछ दिनों तक मध्य समुद्र में इंतजार करने के बाद अंततः इसे दक्षिणी श्रीलंका में चीन निर्मित हंबनटोटा बंदरगाह पर खड़ा किया गया। भारत ने इसके प्रवेश का यह कहते हुए विरोध किया कि इसका इस्तेमाल दक्षिण में भारतीय सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों की जासूसी करने के लिए किया जा सकता है। दो हफ्ते पहले चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का युद्धपोत दो दिवसीय दौरे पर देश में आया था। बताया गया कि भारत द्वारा जताई गई चिंताओं के कारण 129 मीटर लंबे जहाज के आगमन में देरी हुई। नकदी की कमी से जूझ रहा श्रीलंका अपने विदेशी कर्ज के पुनर्गठन को लेकर भारत और चीन दोनों को समान रूप से अहम भागीदार मानता है। चीन श्रीलंका के शीर्ष कर्जदाताओं में से एक है।
आखिर भारत के सूर्य मिशन में क्या है खास,अभी तक 22 मिशन गए सूर्य की तरफ
29 Aug, 2023 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारत की नजरें सूर्य पर टिकी है। इसरो की ओर से जानकारी दी गई है कि सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को 2 सितंबर के दिन सुबह 11.50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है, जिसके जरिए सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन किया जाएगा। सूर्य के कई देशों में सूर्य का अध्ययन करने के लिए होड़ लगी हुई है। अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने अभी तक कुल 22 मिशन सूर्य की ओर भेजे हैं। इन सभी 22 मिशन में से अभी तक 1 ही मिशन असफल हुआ है। इसमें भी सबसे ज्यादा मिशन नासा की ओर से ही भेजे गए हैं। नासा ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए पहला सूर्य मिशन पायनियर-5 साल1960 में भेजा था।
15 लाख किमी दूर जाएगा
इसरो का आदित्य एल-1धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर तक सूर्य की ओर जाएगा। आदित्य एल-1को लैंग्रेज बिंदु यानी एल-1 तक पहुंचने में 4 माह का समय लगेगा। आदित्य एल-1 में कुल 7 पेलोड लगाए गए हैं, जो इसरो को फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परत) के अध्ययन में मदद करेगा।
गुटखा का प्रचार करने वाले पद्म विजेताओं के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
29 Aug, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । हाईकोर्ट ने गुटखा जैसे हानिकारक पदार्थों के प्रचार करने वाले पद्म विजेताओं पर कार्रवाई का संकेत दिया है। इससे पान मसाला और गुटका बनाने वाली कंपनियों और उसका प्रचार करने वाले अमिताभ, शाहरुख, अजय देवगन सहित कई अभिनेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22.09.22 को दिए गए आदेश के परिपालन में कोई समुचित कार्रवाई न करने पर दायर अवमानना अर्जी पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ में एकल जज पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता वकील मोतीलाल यादव ने खुद पेश हो कर गुटखा और पान मसाला कंपनियों के बनाए उत्पादों का प्रचार करने वाले अभिनेताओं, जिनमें पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियां भी शामिल हैं, के खिलाफ समुचित कार्रवाई न किए जाने की दलील दी थी। इस पर कोर्ट आदेश की अवमानना अर्जी पर केंद्रीय कैबिनेट सचिव व केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी किया है।
जस्टिस राजेश सिंह चौहान की पीठ ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे को अवमानना नोटिस जारी कर चार हफ्ते में अपना पक्ष रखने की कहा है। इस आवेदन में मोतीलाल यादव ने कहा कि पद्म पुरस्कार अलंकृत हस्तियों का इन विज्ञापनों का हिस्सा बनना किसी भी सूरत में उचित और नैतिक नहीं होना चाहिए। अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार, सैफ अली खान के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई गई है। ये सभी गुटखा कंपनियों के उत्पादों के विज्ञापन करते हैंय पीठ ने अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को तय की है।
इस मामले में जनहित याचिकाकर्ता की दलील थी कि दोनों अधिकारियों यानी कैबिनेट सचिव और उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की अध्यक्ष को पिछले साल 15 अक्टूबर 2022 को प्रतिवेदन भेजा गया था। उसमें इन अभिनेताओं और इन हानिकारक उत्पादों को महिमंडित और क्रेजी बताने वाले उनसे विज्ञापन कराने वाली कंपनियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की अपील की गई थी, लेकिन साल बीत जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से कारण पूछा है।
जी20 शिखर सम्मेलन : 110 से अधिक भाषाओं में मिलेगा ट्रैफिक अपडेट
29 Aug, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में खास चकाचौंध रहेगी। हर तरफ इस आयोजन को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। वीवीआईपी मूवमेंट को देखकर प्रगति मैदान इलाके को नो एंट्री जोन बनाया जाएगा। सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली इलाके में ही वीवीआईपी मेहमानों का अधिकतर मूवमेंट देखने को मिलेगा। इस स्पेशल मूवमेंट को देखकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अलग अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों व उनके साथ आने वाले अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था व सुविधा के मद्देनजर नई दिल्ली इलाके को बंद करने का फैसला किया है।
इस आयोजन में परेशानी ना हो इसलिए आठ से 10 सितंबर तक सभी कार्यालय, बैंक और शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का फैसला हुआ है। कई सड़कों और रूट्स में भी बदलाव किए गए है। सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में कई यातायात प्रतिबंधों और रूट डायवर्जन किए जाएंगे। इस बीच दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष वेबसाइट लांच की है। इस वेबसाइट में चार या पांच नहीं बल्कि 110 से अधिक भाषाओं में शिखर सम्मेलन की अवधि के दौरान यातायात से संबंधित सभी अपडेट दिए जाएंगे।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक विशेष वेबसाइट लांच की है, जिसमें नई दिल्ली के आवश्यक रूट, मानचित्रों, ट्रैफिक डायवर्जन, ट्रैफिक व्यवस्था और प्रतिबंधों, पुलिस सेवाओं, बाजारों, पर्यटन स्थलों, मौसम और सोशल मीडिया अपडेट के संबंध में व्यापक जानकारी है। जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान दिल्ली में बाहर निकलने वालों के लिए ये वेबसाइट बेहद उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
बता दें कि इस वेबसाइट में ट्रैफिक अपडेट, हवाई अड्डे से होटल और जी20 शिखर सम्मेलन 2023 स्थल तक रूट के कई विकल्प उपलब्ध है। मेट्रो, बस और टैक्सी रूट के साथ-साथ होटल, बाजार, अस्पताल और रेलवे स्टेशन के स्थानों को भी वेबसाइट के मैप पर दर्शाया जाएगा। इस मानचित्र में ये भी दिखेगा कि होटल में कौन से मेहमान ठहरे हुए है। इस वेबसाइट की खासियत है कि इसे 110 भाषाओं में एक्सेस किया जा सकता है। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी जी20 के मेहमानों के साथ आम लोगों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
इस वेबसाइट में एक खास कॉलम जोड़ा गया है जिसमें दिल्ली एट ए ग्लांस को शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली के सभी पर्यटक आकर्षणों, पूजा स्थलों और लोकप्रिय बाजारों की लिस्ट दी गई है जहां जाया जा सकता है। इस वेबसाइट पर कुतुब मीनार, अक्षरधाम और लोटस टेम्पल, जामा मस्जिद, लाल किला और जंतर मंतर जैसे पर्यटन स्थल की जानकारी दी गई है। दिल्ली से बाहर स्थित पर्टयन स्थलों की जानकारी भी इसमें दी गई है, जैसे ताज महल (आगरा), सिटी पैलेस (उदयपुर), नीमराना फोर्ट आदि।
जी20 सम्मेलन के आयोजन के दौरान किसी भी परेशानी से निपटने के लिए नया व्हाट्सएप नंबर भी लांच किया गया है, जो 24 घंटे काम करेगा। इस हेल्पलाइन नंबर के अलावा वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, शिकायत की स्थिति, चिकित्सा आपात स्थिति और लापता व्यक्ति के लिए हेल्पलाइन नंबर भी दिए गए हैं।
चांद के बाद अब सूरज की ओर बढ़ेगा भारत
29 Aug, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2 सितंबर को लॉन्च होगा आदित्य एल1, इसरो सुबह 11:50 बजे सौर मिशन लॉन्च करेगा
श्रीहरिकोटा। इसरो सूर्य के अध्ययन के लिए 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च करेगा। इसरो ने सोमवार को यह जानकारी दी। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी। इसे सूर्य के चारों ओर बनने वाले कोरोना के रिमोट ऑब्जर्वेशन के लिए डिजाइन किया गया है। आदित्य यान, एल1 यानी सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा। यह पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यहां तक पहुंचने में इसे करीब 120 दिन यानी 4 महीने लगेंगे।
इसकी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के इसरो के स्पेसपोर्ट से ही होनी है। आदित्य एल -1 मिशन को लेकर इसरो को उम्मीद है कि सूर्य के तापमान, पराबैगनी किरणों के धरती, खासकर ओजोन परत पर पडऩे वाले प्रभावों और अंतरिक्ष में मौसम की गतिशीलता का अध्ययन किया जा सकेगा। अंतरिक्ष में आदित्य एल-1 जिस स्थान पर जाएगा वो स्थान पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी 150 मिलियन लाख किलोमीटर है।
पूरी तरह से स्वदेशी कोशिश है आदित्य-एल1
इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है। बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) ने विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड के विकास में अहम रोल निभाया है। जबकि मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी) को पुणे स्थित इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) ने तैयार किया है। आदित्य-एल1 यूवी पेलोड का उपयोग करके कोरोना और सौर क्रोमोस्फीयर पर और एक्स-रे पेलोड का इस्तेमाल करके फ्लेयर्स पर ऑब्जर्वेशन कर सकता है। पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड चाज्र्ड पार्टिकल और एलवी के चारों ओर हेलो ऑर्बिट तक पहुंचने वाले चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
हैलो ऑर्बिट में होगी तैनाती
अहमदाबाद में मौजूद इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश एम देसाई ने इस लॉन्चिंग को लेकर कहा था कि ये स्पेसक्राफ्ट तैयार है। लॉन्च के लिए रेडी है। नीलेश ने बताया कि यह 15 लाख किलोमीटर की यात्रा 127 दिन में पूरी करेगा। यह हैलो ऑर्बिट में तैनात किया जाएगा। जहां पर एलवी प्वाइंट होता है। यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है। लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है। इस मिशन को पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। बताते चलें कि भारत के चंद्रयान-3 ने हाल ही में चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। इसके बाद लोग आदित्य-एल1 को सूर्ययान भी बुला रहे हैं। आदित्य-एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है।
अब तक सूर्य पर कुल 22 मिशन
भारत पहली बार सूरज पर रिसर्च करने जा रहा है। लेकिन अब तक सूर्य पर कुल 22 मिशन भेजे जा चुके हैं। इन मिशन को पूरा करने वाले देशों में अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी शामिल है। सबसे ज्यादा मिशन नासा ने भेजे हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी नासा के साथ मिलकर ही अपना पहला सूर्य मिशन साल 1994 में भेजा था। नासा ने अकेले 14 मिशन सूर्य पर भेजे हैं। नासा के पार्कर सोलर प्रोब नाम के एक व्यक्ति ने सूर्य के आसपास से 26 बार उड़ान भरी है। नासा ने साल 2001 में जेनेसिस मिशन लॉन्च किया था। इसका मकसद था सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सौर हवाओं का सैंपल लेना।
कर्नाटक में टमाटर हुए 20 रुपए किलो, कम हुई कीमत
28 Aug, 2023 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूरे देश में टमाटर की कीमतों के लेकर हाहाकार मचा हुआ था। वहीं, अब टमाटर की कीमतों में कुछ हद तक कमी देखी जा रही है। कुछ हफ्ते पहले थोक बाजार में टमाटर की कीमतें 140 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर थी। जो अब कर्नाटक में कम हो चुकी हैं।
कर्नाटक के कुछ हिस्सों में लगभग 20 रुपये पर आ गई हैं, क्योंकि वस्तु की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी।
मैसूरू APMC यार्ड में उदाहरण के लिए, टमाटर की कीमतें रविवार को 14 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गईं।
मैसूरु APMC के सचिव एम आर कुमारस्वामी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि पिछले हफ्ते टमाटर की औसत कीमत 18 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम थी क्योंकि अब टमाटर की आपूर्ति में सुधार हुआ है। जिसके कारण कीमत कम हुई है।
बाजार सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले महीने की तुलना में वस्तुओं की आपूर्ति में दो से तीन गुना सुधार हुआ है, जिससे उनकी कीमतों में भारी गिरावट आई है।
कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले महीने मैसूरु APMC में थोक दर पर टमाटर की उच्चतम कीमत 140 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
इंडिगो की फ्लाइट में बम की धमकी से मचा हड़कंप
28 Aug, 2023 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोच्चि से बेंगलुरु जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में बम की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। फ्लाइट में सवार कुल 139 यात्रियों को विमान में बम होने की सूचना मिलने के बाद सोमवार को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतार दिया गया।
जानकारी के अनुसार, विमान संख्या 6E6482 वाली फ्लाइट सुबह 10.30 बजे बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने जा रही थी कि तभी ये धमकी मिली।
कोचिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने बताया कि जब विमान उड़ान भरने वाला था तभी हवाई अड्डे के सीआईएसएफ नियंत्रण कक्ष में बेंगलुरु जाने वाली उड़ान के बारे में बम की धमकी वाली कॉल आई।
सूर्य मिशन के लॉन्च की सामने आई तारीख, बड़ा एलान
28 Aug, 2023 03:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब इसरो सूर्य का अध्ययन करने को तैयार है। इसरो चीफ एस सोमनाथ पहले ही इसको लेकर जानकारी दे चुके हैं। अब इसरो ने सूर्य मिशन को लेकर बड़ा एलान कर दिया है।
इसरो ने बताया कब लॉन्च होगा Aditya L1 mission
Aditya L1 mission की लॉन्चिंग की तारीख का एलान करते हुए इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया कि 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे मिशन लॉन्च होगा। इसरो ने बताया कि श्रीहरिकोटा से सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली सैटेलाइट आदित्य-एल1 लॉन्च होगी।
इसरो चीफ ने सितंबर में लॉन्च की दी थी जानकारी
वैसे तो इसरो चीफ एस सोमनाथ चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद सूर्य मिशन को लेकर कई दफा अपडेट दे चुके हैं, लेकिन अब मिशन की लॉन्चिंग की तारीफ और समय भी सामने आ गया है। सोमनाथ ने कहा था कि ये मिशन सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च होगा।
असम राइफल्स ने 13 लाख रुपये से अधिक के मादक पदार्थ को किया जब्त
28 Aug, 2023 12:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
असम राइफल्स ने शुक्रवार को त्रिपुरा के आशिगर, मंडई और पश्चिम त्रिपुरा में 13.25 लाख रुपये मूल्य का 265 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।
असम राइफल्स (पूर्व) के मुख्यालय महानिरीक्षक ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्य में नशीले पदार्थों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर असम राइफल्स की व्यापक कार्रवाई की गई, जिसके तहत असम राइफल्स ने 26 अगस्त को आशिगर, मंडई और पश्चिम त्रिपुरा में 13.25 लाख रुपये मूल्य की 265 किलोग्राम गांजा जब्त की।
गुप्त सूचना पर असम राइफल्स ने की कार्रवाई
उन्होंने बताया कि मंडई के आशिगर में बड़ी मात्रा में गांजा छिपाए जाने की एक सूचना मिली थी। असम राइफल्स की एक टीम ने मंडई पुलिस स्टेशन के राज्य पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाया और 265 किलोग्राम गांजा बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि पकड़ी गई खेप की कीमत 13.25 लाख रुपये आंकी गई है।
घर के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
मुख्यालय महानिरीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बरामद किए गाए गांजे को मंडई पुलिस थाना को सौंप दिया गया है और उस घर के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जहां से प्रतिबंधित सामान बरामद किया गया है।
भारतीय कर्मचारी ने सिंगापुर की कंपनी के खिलाफ जीता केस
28 Aug, 2023 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तमिलनाडु के 37 वर्षीय रामलिंगम मुरुगन ने भीड़ भरी लॉरी लापरवाही मामले में सिंगापुर में मुकदमा जीत लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में मुरुगन एक भीड़ भरे ट्रक से उतरते समय गिर गए थे, जिससे उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था।
ये हादसा 3 जनवरी 2021 को हुआ था। हादसे के बाद मुरुगन पांच महीनों तक काम नहीं कर पाए। तीन बच्चों के पिता मुरुगन ने अपने और अन्य मजदूरों को पहुंचाई जा रही ढीली सुरक्षा को देखते हुए रिगेल मरीन सर्विसेज कपंनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया और 2022 में 100,000 सिंगापुर डॉलर ($73,500) के मुआवजे की मांग की।
रामलिंगम मुरुगन के वकील मुहम्मद अशरफ सैयद अंसराय ने कहा कि 'वह एक लॉरी से गिरकर घायल हो गया जो अत्यधिक भीड़भाड़ वाली थी। ऐसी कंपनियों, खासकर भारी निर्माण में शामिल कंपनियों के लिए जोखिम आकलन को हल्के में लेना असामान्य नहीं है।' हालांकि, रिगेल मरीन सर्विसेज के प्रतिनिधियों ने दावों का खंडन किया और कहा कि मुरुगन की दुर्घटना उसकी खुद की लापरवाही के कारण हुई थी।
17 अगस्त को, जिला न्यायाधीश ने मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि स्पष्ट रूप से 'कंपनी द्वारा कर्तव्य का उल्लंघन किया गया है।' जिला न्यायाधीश टैन मे टी ने कहा कि उन्हें मुरुगन की ओर से कोई लापरवाही नहीं मिली और उनके पास दुर्घटना से बचने का कोई रास्ता नहीं था क्योंकि वाहन उस समय 22 से अधिक लोगों को ले जा रहा था।' बता दें कि सिंगापुर को दशकों से सस्ते विदेशी मजदूरों से काफी फायदा हुआ है।
भारत, वियतनाम, बांग्लादेश और चीन से लाखों मजदूर काम के अवसर और अच्छी सैलरी को देखते हुए हर साल सिंगापुर जाते हैं। ये सभी मजदूर हॉस्टल में रहते हैं और उन्हें लॉरी के द्वारा काम पर भेजा जाता है। बिना किसी सीट बेल्ट और सुरक्षा के खचाखच भरी लॉरी में जाने से कई मजदूर सड़क हादसे का भी शिकार होते है।
वन अधिकारियों ने तिरुमाला घाट पर तेंदुए को पकड़ा
28 Aug, 2023 12:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आंध्र प्रदेश में वन अधिकारी सोमवार सुबह तिरुमाला घाट के सातवें मील के पास एक और तेंदुए को पकड़ने में कामयाब रहे। वन अधिकारियों ने तिरुमाला घाट पर पिंजरे की मदद से एक तेंदुए पकड़ा और उसे श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान में ले जाया गया। अगस्त की शुरुआत के बाद से वन अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया यह चौथा तेंदुआ है।
इस महीने की शुरुआत में 'ऑपरेशन तेंदुआ' की शुरुआत की गई थी। यह चौथी बड़ी बिल्ली है जिसे इस ऑपरेशन के तहत पकड़ा गया है। पिछले महीने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर के रास्ते पर कई तेंदुओं को देखे जाने के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया था। सभी फंसे हुए तेंदुओं को तिरुपति श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रदेश में 15 अगस्त से लगातार ऑपरेशन तेंदुआ चलाया जा रहा है।
इस महीने की शुरुआत में, तिरुमाला मंदिर के पैदल मार्ग पर चढ़ते समय दो अलग-अलग घटनाओं में, दो बच्चों पर तेंदुए ने हमला किया था। हमले में जहां एक बच्चे की मौत हो गई, वहीं पांच साल का एक लड़का घायल हो गया था।
लोगों की सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे 500 और सीसीटीवी कैमरे
इन घटनाओं के बीच, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड और वन अधिकारियों ने तेंदुओं को पकड़ने के लिए सीसीटीवी कैमरे और पिंजरे लगाए थे।
मुख्य वन संरक्षक नागेश्वरराव ने जानकारी देते हुए कहा, ''सोमवार सुबह हमने अलीपिरी फुटवे के सातवें मील के पास तिरुमाला घाट में एक तेंदुए को पकड़ा है। आज तक, हमने तीन तेंदुओं को पकड़ा और उन्हें श्री वेंकटेश्वर चिड़ियाघर पार्क में स्थानांतरित कर दिया है और हमने वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और हम भक्तों की सुरक्षा के लिए आने वाले दिनों में 500 और सीसीटीवी की व्यवस्था करने जा रहे हैं।"
सभी पकड़े गए तेंदुओं को श्री वेंकटेश्वर चिड़ियाघर में छोड़ा गया
वन अधिकारी सतीश रेड्डी ने कहा, “हमें श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पास पांच सौ मीटर के दायरे में दो तेंदुए घूमते हुए मिले थे।" अधिकारी ने आगे की जानकारी देते हुए कहा कि इस महीने की 14 तारीख को, फंसे हुए तेंदुए को श्री वेंकटेश्वर चिड़ियाघर पार्क में ले जाया गया। दूसरे तेंदुए के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। रात दो बजे एक और तेंदुआ पिंजरे में फंस गया। उन्होंने कहा, हम इसे श्री वेंकटेश्वर चिड़ियाघर में ले जा रहे हैं।