देश (ऑर्काइव)
लगातार मिल रहे बाढ़ में जान गंवाने वालों के शव, 40 लोगों के शव बरामद, लापता हुए 76 लोग
18 Oct, 2023 11:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाल ही में सिक्किम में अचानक आई बाढ़ ने पूरे राज्य को तबाह कर दिया है। आज भी लगातार इसमें मरने वालों के शव बरामद हो रहे हैं। आपदा के लगभग दो सप्ताह बाद अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दो और शव बरामद हुए हैं, जिसके बाद बाढ़ में मरने वालों की संख्या 40 हो गई है। वहीं, आपदा के लगभग दो सप्ताह बाद भी 76 लोग लापता हैं।
लगभग 90 हजार लोग प्रभावित
मालूम हो कि 4 अक्टूबर के तड़के सुबह बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिसने राज्य को तबाह कर दिया और इससे लगभग 88,000 लोग प्रभावित हुए है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, सिक्किम की जनसंख्या लगभग 6.10 लाख है, जो भारत के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे कम है।
11 सेना के जवानों के मिले शव
जानकारी के मुताबिक, बाढ़ की चपेट में आकर मरने वाले ज्यादातर लोगों के शव पाक्योंग में मिले हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) के मुताबिक, जिले में पाए गए 26 शवों में से 15 नागरिकों के थे, जबकि 11 सेना के जवानों के थे।
पश्चिम बंगाल पहुंचे शव
बुलेटिन में कहा गया, चार शव मंगन में, आठ शव गंगटोक में और दो शव नामची में मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में भी तीस्ता नदी के निचले इलाकों में कई शव बहकर पहुंचे हैं। लापता 76 लोगों में से 28 पाक्योंग से, 23 गंगटोक से, 20 मंगन से और पांच नामची से हैं।
राहत शिविर में लोगों ने ली शरण
एसएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में 20 राहत शिविर चल रहे हैं, जहां 2,080 लोगों ने शरण ली है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के मुताबिक, ज्यादा बारिश और उत्तरी सिक्किम में दक्षिण लहोनक झील में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) घटना के एक साथ हो जाने से अचानक बाढ़ आई है।
शक्ति केंद्र टटोलेंगे जनता की नब्ज
18 Oct, 2023 10:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुजरात चुनाव में बीजेपी को जीत इसी फार्मूले पर मिली थी। अब गुजरात के फार्मूले को मध्यप्रदेश में लागू किया जाना है। गुजरात में भी आठ से दस बूथों पर एक शक्ति केन्द्र बनाकर निगरानी की गई थी। माना जा रहा है कि इस फर्मूले ने उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। इसलिए इसे मध्यप्रदेश में भी लागू किया जा रहा है। प्रदेश में अभी तक मंडल स्तर पर जिम्मेदारी दी गई थी। मंडल स्तर के अधिकार अब बूथ प्रभारियों को रहेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा वर्ष 2021 में गुजरात में शक्ति केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ इनके माध्यम से कार्यकर्ताओं को जोड़ने एवं राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया गया था । इसी कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना एवं कार्यक्रम का लाभ जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए संगठन की व्यवस्था में स्पष्ट रूप से सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं, इसी को सूत्र वाक्य मानकर मध्य प्रदेश भाजपा तीन दिवसीय शक्ति सम्मेलन में एक बार फिर प्रदेश की जनता तक पहुंचेगी। इस शक्ति सम्मेलन के जरिए भाजपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर उतरकर मोर्चा संभालने वाले हैं। मध्य प्रदेश में यह तीन दिवसीय शिविर प्रारंभ हो चुका है ।
65000 स्थानों पर एक साथ संवाद की योजना ।
नवरात्र के दौरान 17 से 19 अक्टूबर तक हो रहे इस तीन दिवसीय शक्ति सम्मेलन के माध्यम से डबल इंजन सरकार की नीतियों और उससे मिले लाभ की जानकारी जनता को दी जाएगी। पार्टी कार्यकर्ता और नेता डबल इंजन सरकार से मिलने वाले लाभ से जनता को वाकिफ कराएंगे। साथ ही, यह प्रतिज्ञा लेंगे कि 20 साल के भाजपा शासनकाल में जनता के जीवन में जो सुधार हुआ है, उसे ही निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा। मध्य प्रदेश भाजपा की ओर से राज्य भर में 12 हजार से अधिक जगहों पर शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। पार्टी इसके माध्यम से 65 हजार से अधिक बूथों तक अपने पन्ना प्रमुख और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेगी।
कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर तक जोड़ने का अभियान ।
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा का कहना है कि 17 से 19 अक्टूबर के बीच बूथ के कार्यकर्ता फिर इस बार भाजपा सरकार जयघोष के साथ बूथ विजय का संकल्प लेंगे। क्षेत्र के लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सरकार के कामकाज को लेकर वोट देने की अपील की जाएगी। इस तीन दिवसीय आयोजन को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यकर्ताओं में दिख रहे उत्साह को लेकर मतदाता भी प्रसन्न दिख रहे हैं। आदिवासी इलाकों में डबल इंजन सरकार को लेकर सकारात्मक बातें सामने आ रही है।
जहां बनी सरकार , वचन पत्र हुए हवा हवाई ।
18 Oct, 2023 09:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस पार्टी की ओर से वचन पत्र अर्थात चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया गया है । इसी तरह का चुनावी घोषणा पत्र वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी के द्वारा वचन पत्र के रूप में जारी किया गया था । झूठ छल एवं कपट से भरे हुए इन वचनों का अंत परिणाम के रूप में अंततः डेढ़ साल बाद जब एक भी वचन पूरा नहीं हुआ तो कांग्रेस की सरकार गिर गई । ऐसी ही स्थिति अगर राष्ट्रीय परिदृश्य में देखें तो कर्नाटक में लगभग 6 महीने पूर्व किए गए वादे आज भी पूरी तरह से अधूरी दिखाई दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर जहां पर सरकार को लगभग 5 वर्ष हो गए हैं और विधानसभा चुनाव संपन्न होने वाले है । वहां चुनाव में किए गए 5 वर्ष पूर्व के दावे प्रति दावे एवं वादे प्रति वादे पूरी तरह से झूठ साबित हुए हैं । आज मध्य प्रदेश में एक बार फिर से लगभग 5 वर्ष पश्चात वही तस्वीर कांग्रेस पार्टी के द्वारा दिखाई गई ।
कर्नाटक, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादों की तस्वीर ।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख रोजगार का वादा किया था जो आज तक अधूरा है। रोजगार दिलाने के नाम पर हिमाचल प्रदेश में पिछले 5 महीने से कैबिनेट के अंतर्गत इस संबंध में प्रस्ताव लगभग छह बार प्रस्तुत तो हुआ परंतु क्रियान्वयन में नहीं हो सका ।
वादा किया शराब बंद होगी परंतु घर-घर पहुंचने लगी शराब ।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 के अंतर्गत चुनावी घोषणा पत्र के क्रम में इस बात का छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के द्वारा वचन दिया गया था कि शराब नीति पूरी तरह से समाप्त करते हुए वहां पर शराबबंदी लागू कर दी जाएगी परंतु दूसरी और अवैध रूप से शराब माफिया के साथ संलग्न कारोबार एवं बड़े-बड़े घोटाले के क्रम में दिल्ली सरकार की तर्ज पर करोड़ अरबो रुपए का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ में सामने आ गया । एवं शराबबंदी की जगह घर-घर में शराब परोशने की योजना छत्तीसगढ़ में लागू कर दी गई ।
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी। प्रदेश आज भी शराबबंदी का वादा पूरा होने की राह तक रहा है।
- हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को हर महीने ₹1500 देने का वादा ।
आज मध्य प्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लाडली बहन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले 1250 रुपए से लेकर ₹3000 तक की वर्तमान में क्रियान्वित योजना के जवाब में मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस पार्टी ने वचन पत्र के अंतर्गत ₹1500 प्रतिमा सम्मान योजना लागू करने की घोषणा की है । दूसरी और हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पूर्व घोषणा के अंतर्गत इस योजना के प्रतिरूप के रूप में देख तो वहां पर भी इसी तरह की घोषणा की गई थी जिसका कोई भी अमल आज दिनांक तक हिमाचल प्रदेश में नहीं हो पाया है । कुछ महिलाओं को छोड़कर प्रदेश की लाखों महिलाएं आज भी इन ₹1500 का इंतजार कर रही हैं।
. ‘ महतारी सम्मान’ नहीं, महिलाओं पर अत्याचार ।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ की सभी महिलाओं को हर महीनें 500 रुपए ‘महतारी सम्मान’ देने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश में उन्हें केवल अत्याचार और अपमान ही मिल रहा है । इस सम्मान की राशि का उपयोग आखिर छत्तीसगढ़ सरकार में किस फंड में कर दिया गया इसकी जानकारी आज तक प्राप्त नहीं हो सकी । कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2018 में अपने बच्चन पत्र में इस वचन को बढ़ चढ़कर उठाया था ।
आदिवासी समाज की रोजी-रोटी तेंदु पत्ता संग्रह के साथ भी किया छल ।
छत्तीसगढ़ जैसे राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी समाज से जुड़े हुए राज्य के अंदर तेंदूपत्ता संग्रह करके अपनी आर्थिक व्यवस्थाओं को संद्रन करने की योजना राज्य सरकार के द्वारा संचालित की जा रही है । परंतु इस तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए बोनस की राशि का आवंटन एवं वितरण पूरी तरह से छत्तीसगढ़ सरकार ने बंद कर दिया । ऐसी स्थिति में पिछले चार वर्षो के अंतराल में करोड़ों रुपए की राशि तेंदु पट्टा के बोनस के रूप में किसी अन्य विभाग को अंतरण कर दी गई ।
- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासियों को छलते हुए उनका बोनस तक डकार गई। आदिवासी भाई-बहन आज भी कांग्रेस द्वारा बोनस के वादे के पूरा होने की उम्मीद में बैठे हैं।
छत्तीसगढ़ में पक्के आशियाने का सपना अधूरा ।
वर्ष 2018 में जब कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ के अंदर अपना घोषणा पत्र जारी किया गया था उसमें सबसे प्राथमिक रूप से गरीबों के लिए घर निर्माण में टैक्स को आधा करने का वादा किया गया था । छत्तीसगढ़ में सरकार आने के बाद वर्ष 2021 एवं 22 में नगर निगम टैक्स 7% तक बढ़ाने के पश्चात गरीबों के मकान पर अतिरिक्त बोझ डालकर इस वादे के विरुद्ध 7% टैक्स बढ़ा दिया गया और यह वादा पूरी तरह से हवा हवाई हो गया ।
कहां है माता-बहनों की सिलाई मशीन?
- मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 10-10 सिलाई मशीन देने का वादा कांग्रेस ने कभी पूरा नहीं किया। वर्ष 2018 के वचन पत्र में महिलाओं के साथ किए गए इस तरह के वादे को कांग्रेस पार्टी ने न केवल मध्य प्रदेश में मजाक का विषय बनाया वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में अभी इसी तरह का वादा किया गया था जहां पर यह वादा आज मजाक का विषय बन चुका है ।
बेरोजगारी भत्ते का एक और छलावा ।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने आज अपने जारी किए गए वचन पत्र में बेरोजगारी भत्ते का एक बार फिर से जिक्र किया है । परंतु वर्ष 2018 के वचन पत्र में जिस तरह से सरकार आने के पश्चात युवा एवं बेरोजगारों के साथ मजाक किया गया था उसका उदाहरण भी अपने आप में सामने है ।
मध्य प्रदेश में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार युवाओं को भत्ता देने की बजाय उनसे बैंड बाजा बजवाने और ढोर चरवाने की फिराक में थी ।
*प्रदेश में कर्ज माफी का वादा पूरी तरह से निकला झूठा ।
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मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 से पूर्व जब कांग्रेस पार्टी ने अपना वचन पत्र जारी किया था तो उसमें सबसे बड़ी घोषणा किसने की कर्ज माफी से जुड़ी हुई थी जिसके आधार पर मध्य प्रदेश में संभवत कांग्रेस पार्टी की वापसी हुई
परंतु मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार आने के बाद यह वायदा पूरी तरह से हवा हवाई हो गया ।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने पहले किसानों से कर्जमाफी का वादा किया और फिर सत्ता में आते ही अन्नदाता को तीन रंगों के फार्म में उलझा दिया। इस झूठे वादे ने प्रदेश के लाखों किसानों को डिफॉल्टर बना दिया। इसी स्थिति के कारण पूर्व कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वरिष्ठ कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ बयान दिया था और बाद में पार्टी भी छोड़ दी थी ।
कर्नाटक में फ्री बिजली का वादा हवा हवाई , ₹2 बड़े प्रति यूनिट ।
कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान एवं वचन पत्र मैं उपरोक्त वादा किया था कि सत्ता में आने के साथी फ्री बिजली दी जाएगी परंतु यह वादा आज दिनांक तक हवा हवाई दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी ओर पिछले 6 महीने के अंतराल में कर्नाटक में बिजली की कीमत ₹2 प्रति यूनिट बढ़ चुकी है ।
कांग्रेस फिर लेकर आई झूठे वचनों का पुलिंदा... शिवराज सिंह चौहान ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस पार्टी के द्वारा घोषित किए गए घोषणा पत्र अर्थात वचन पत्र के संबंध में ट्विटर के माध्यम से कहा कि ---
_लेकिन सच तो यह है कि...
भाजपा के जनकल्याण और विकास के आगे कांग्रेसियों के झूठ वचन और वादे नहीं टिकेंगे।
जनता इन्हें जवाब देगी...
भाजपा फिर जीतेगी और भरपूर बहुमत से जीतेगी।
क्योंकि हम जो कहते हैं, वो करते हैं...
भाजपा सरकार ने विकास किया है, आगे भी विकास करेगी।_
वादे का क्या है, वादा तो टूट जाता है...
18 Oct, 2023 08:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र में कांग्रेस ने आम बिजली उपभोक्ता को 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने, 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण देने और जातीय जनगणना कराने जैसे वादे किए हैं। कांग्रेस ने राज्य के सभी लोगों को 25 लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, राज्य की आईपीएल की टीम बनाने जैसे वादे किए गए हैं।
इस घोषणा पत्र के जारी होने के बाद से ही चर्चा है कि बीते विधानसभा चुनाव में भी मध्य प्रदेश की जनता के साथ कांग्रेस ने ऐसे ही वादे किए थे, जो कभी पूरे नहीं किए गए। वहीं, भाजपा नेताओं का मानना है कि पूर्व से चल रही कई सरकारी योजनाओं को पैसा नहीं होने का बहाना बनाकर बंद कर दिया गया था। मध्य प्रदेश के अलावा और भी कांग्रेस शासित राज्य हैं, जहां जनता से किये गये वादे पूरे नहीं किए गए हैं।
कांग्रेस शासित राज्यों की जनता ठगी गई
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख रोजगार का वादा किया था जो आज तक अधूरा है। यहां कांग्रेस महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने देने का वादा कर सत्ता में आई और फिर सरकार बनते ही ‘नियम एवं शर्तें लागू’ जैसे शब्दों के साथ खेलकर केवल कुछ ही महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया। जबकि प्रदेश की लाखों महिलाएं आज भी 1500 रुपए की आस लगाए हुए हैं।
न बेरोजगारी भत्ता मिला, न बिजली
राजस्थान में कांग्रेस सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर मुकर गई। कर्नाटक में फ्री बिजली का वादा करने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बिजली दो रुपए/यूनिट बढ़ा दी थी।
कमलनाथ ने भी की थी वादाखिलाफी
2018 विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद घोषणा पत्र के वादों को पूरा नहीं किया। कमलनाथ का ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 10-10 सिलाई मशीन देने का वादा कांग्रेस ने कभी पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने चुनाव से पहले किसानों से कर्जमाफी का वादा किया और फिर सत्ता में आते ही अन्नदाता को तीन रंगों के फार्म में उलझा दिया। इस झूठे वादे ने प्रदेश के लाखों किसानों को डिफॉल्टर बना दिया था।
900 वचन में से 9 भी पूरे नहीं!
कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये कांग्रेस का वचन पत्र नहीं "झूठ पत्र" है। कांग्रेस ने 500 साल पहले भी जनता को 900 से अधिक वचन दिए थे, जिसमें से 9 वचन भी पूरे नहीं किए। आज फिर उन्होंने महाझूठ पत्र प्रस्तुत किया है। कांग्रेस की सच्चाई जनता जानती है इसलिए वह भ्रम में नहीं आने वाली। हम पूछना चाहते हैं नौजवानों को 4000 बेरोजगारी भत्ता कब मिलेगा? समर्थन मूल्य पर बोनस कब मिलेगा? समूहों का कर्जा कब माफ होगा? इस झूठ पर जनता भरोसा करने वाली नहीं है, क्योंकि जनता जानती है भाजपा जो कहती है वो पूरा करती है और जो नहीं कहती उसे भी पूरा करती है। लाड़ली बहना योजना दृष्टि पत्र में नहीं थी लेकिन हमने इसे लागू किया।
वचन जाए पर झूठ बड़े न जाए...
18 Oct, 2023 07:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी कर दिया है। चुनावी घोषणा पत्र से पार्टी का एक बार फिर असली चेहरा उजागर हो गया है। दरअसल चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी ने उन सभी योजनाओं को लागू करने का आश्वासन दिया है, जिसे पार्टी ने सत्ता में आने के बाद तुरंत बंद कर दिया था। तेंदूपत्ता तोड़ने वाली आदिवासी जनजाति को कांग्रेस ने 4000 हजार रुपए प्रति मानक बोरा देने का वादा किया है, जबकि इससे पहले अपने कार्यकाल में आदिवासियों को मिलने वाली सहायता राशि बंद कर दी गई थीं। सनातन धर्म का मजाक बनाने वाली पार्टी ने श्री राम वन गमन पथ और सीता माता मंदिर बनाने का वादा भी घोषणा पत्र में किया था, निश्चित रूप से कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर समझने वाली जनता घोषणा पत्र का जवाब वोट से देगी।
मंगलवार को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी कर दिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा दल में कांग्रेसी घोषणा पत्र को लेकर कटाक्ष शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी ने नया घोषणा पत्र बनाने की भी जहमत नहीं की है, इसलिए ऐसी योजनाओं को भी शामिल किया गया है जिसे कांग्रेस ने सत्ता संभालने के बाद बंद कर दिया था। किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा करने के बाद कांग्रेस के काल में किसानों का किसी तरह का ऋण माफ नहीं किया गया, जबकि वर्ष 2023 के घोषणा पत्र में एक बार किसानों के कृषि ऋण माफ करने की बात कही गई है। मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, 101 बिंदुओं को गारंटी देने के साथ ही पार्टी ने कुछ नये वचन का भी दावा किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में शुरू गई लाड़ली लक्ष्मी और लाडली बहना योजना के जवाब में कांग्रेस ने मेरी बिटिया रानी योजना लागू करने की बात कही है, जिसमें जन्म से विवाह होने तक बिटिया को 2 लाख 51 हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से पार्टी ने नारी सम्मान निधि के रूप में महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए तक की सहायता राशि देने का वादा किया है, हालांकि सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इस राशि को पहले ही बढ़ाकर 3000 रुपए करने की घोषणा की जा चुकी है। कांग्रेस सनातन के सहारे ही इस चुनाव में अपनी नैया पार लगाना चाह रही है, इसलिए घोषणा पत्र में श्री राम वन गमन पथ को तन्मयता के साथ पूरा करने और सीता माता मंदिर बनाने का भी वादा किया है। वहीं भाजपा जहां महिलाओं को 450 रुपए में घरेलू सिलेंडर उपलब्ध करा रही है, कांग्रेस 500 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर देने के वादे के साथ चुनाव जीतना चाह रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेसी चुनावी घोषणा पत्र ने चुनाव जीतने से पहले कांग्रेस को हरा दिया, चुनावी वचन पत्र में कांग्रेस ने सिर्फ पुराने झूठे वादे किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर सुंदर पिचाई से बात की
17 Oct, 2023 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई से ‘वर्चुअली बातचीत की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और पिचाई ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार में भाग लेने की गूगल की योजना पर चर्चा की। प्रधान मंत्री ने भारत में क्रोमबुक के निर्माण के लिए एचपी के साथ गूगल की साझेदारी की सराहनाकी। गूगल के सीईओ पिचाई ने प्रधानमंत्री मोदी को यूपीआई का लाभ उठाकर भारत में वित्तीय समावेशन को मजबूत करने की गूगल की योजनाओं से अवगत कराया।
प्रधानमंत्री ने गूगल की 100 भाषाओं की पहल को स्वीकार किया और एआई टूल को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने गूगल को सुशासन के लिए एआई टूल्स पर काम करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) में अपना वैश्विक फिनटेक संचालन केंद्र खोलने की गुगल की योजना का स्वागत किया।
पीएमओ ने बताया कि पिचाई ने पीएम मोदी को ‘गूगल पे और यूपीआई की पहुंच बढ़ाकर भारत में वित्तीय समावेशन में सुधार लाने की गूगल की योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।
कश्मीर के शारदा मंदिर में 1947 के बाद पहली बार हुई पूजा
17 Oct, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, यह घाटी में शांति लौटने को दर्शाता
नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर स्थित शारदा मंदिर में हुई नवरात्रि की पूजा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह घाटी में शांति लौटने को दर्शाता है। कश्मीर के शारदा मंदिर में 1947 के बाद पहली बार शारदीय नवरात्रि पर पूजा अर्चना की गई। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि मंदिर में पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ज्योति के फिर से प्रज्वलित होने का प्रतीक है। कश्मीर के टीटवाल में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक नवनिर्मित शारदा मंदिर में नवरात्रि पर पूजा हुई। इस मंदिर का उद्घाटन इसी साल 23 मार्च को गृह मंत्री शाह ने किया था। मंदिर को उसी स्थान और शैली में बनाया गया है, जहां भारत के विभाजन से पूर्व मौजूद था।
शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, यह आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है कि 1947 के बाद पहली बार नवरात्रि पूजा इस साल कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में पूजा हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके पहले, इस साल मंदिर में चैत्र नवरात्रि पूजा हुई थी और अब शारदीय नवरात्रि पूजा के मंत्र दुबारा मंदिर में सुनाई दे रहे हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि 23 मार्च 2023 को मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद उद्घाटन करने का मौका मिला।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ‘‘यह न सिर्फ घाटी में शांति की वापसी का द्योतक है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ज्योति के पुन: प्रज्वलित होने का प्रतीक है। मंदिर में हुई पूजा में पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कही ये बातें
17 Oct, 2023 01:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । समलैंगिक शादी की मान्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने देश में LGBTQIA+ समुदाय को वैवाहिक समानता का अधिकार देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समलैंगिकता मानसिक बीमारी नहीं है, लेकिन भारत के कानून के मुताबिक समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती है। समलैंगिक शादियों को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 3-2 से इस मामले में फैसला सुनाया है। इस मामले में फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों को रद्द नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इस मामले में संसद को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले में फैसला करना चाहिए। साथ ही जस्टिस चंद्रचूड़ ने समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए केंद्र और पुलिस बलों को कई दिशा-निर्देश भी जारी किए।
सुप्रीम कोर्ट नहीं बना सकता कानून
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालतें कानून नहीं बनाती है, वे याचिकाकर्ताओं को मार्गदर्शन दे सकती है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कहना गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है। अगर विशेष विवाह अधिनियम को खत्म कर दिया गया तो यह देश को आजादी से पहले के युग में ले जाएगा। विशेष विवाह अधिनियम की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है या नहीं, यह संसद को तय करना है। इस न्यायालय को विधायी क्षेत्र में प्रवेश न करने के प्रति सावधान रहना चाहिए।" मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि, "शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत द्वारा निर्देश जारी करने के रास्ते में नहीं आ सकता। अदालत कानून नहीं बना सकती बल्कि केवल उसकी व्याख्या कर सकती है और उसे प्रभावी बना सकती है।" गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने 10 दिनों तक लगातार सुनवाई के बाद 11 मई को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लोगों को जागरूक करें सरकारें
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के सम्मान की रक्षा हो और उनके लिए वस्तुओं और सेवाओं तक की पहुंच में किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। केंद्र सरकार और राज्य सरकार समलैंगिक अधिकारों के बारे में जनता को जागरूक करें।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले बेंगलुरू में LGBTQI विवाह मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक अक्कई पद्मशाली ने कहा कि देश की संवैधानिक पीठ बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाने जा रही है, जो वैवाहिक समानता की बात करता है। 25 से अधिक याचिकाकर्ता इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गए हैं कि हम लेस्बियन, समलैंगिक, ट्रांसजेंडर, उभयलिंगी लोग शादी क्यों नहीं कर सकते? अक्कई पद्मशाली ने कहा कि अगर मैं किसी पुरुष से शादी करना चाहती हूं और वह सहमत है तो इसमें समाज का क्या मतलब है? विवाह व्यक्तियों के बीच होता है"
समलैंगिक विवाह पर 20 याचिकाएं
गौरतलब है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 20 याचिकाएं लगाई गई है। इस मामले में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि क्या केंद्र सरकार समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए बिना सामाजिक कल्याण का लाभ देने को तैयार है?
इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि समलैंगिक जोड़ों की व्यावहारिक दिक्कतें दूर करने और उन्हें कुछ लाभ देने के उपायों पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। केंद्र सरकार ने कहा था कि भारत की परंपरागत विधायी नीति में परंपरागत पुरुष और परंपरागत महिला को मान्यता दी गई है। जब इस पर पहली बार बहस हो रही है तो क्या इस विषय पर संसद या राज्य विधानसभाओं में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। संसद ने इनके अधिकारों, पसंद, निजता और स्वायत्तता को स्वीकार किया है।
26 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति देने से इनकार
17 Oct, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने विवाहित महिला को 26 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति देने से इनकार किया। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भू्रण में कोई विसंगति नहीं देखी गई। गर्भावस्था 24 सप्ताह से अधिक की हो गई है, इसलिए चिकित्सकीय गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला का गर्भ 26 सप्ताह और पांच दिन का हो गया है। इस मामले में महिला को तत्काल कोई खतरा नहीं है और यह भू्रण में विसंगति का मामला नहीं है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ दो बच्चों की मां को 26-सप्ताह का गर्भ समाप्त करने के शीर्ष अदालत के नौ अक्तूबर के आदेश को वापस लेने की केंद्र सरकार की याचिका पर जिरह सुन रही थी।
पीठ ने गुरुवार को इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हम बच्चे को नहीं मार सकते। साथ ही पीठ ने कहा था कि एक अजन्मे बच्चे के अधिकारों और स्वास्थ्य के आधार पर उसकी मां के निर्णय लेने के अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। यह मुद्दा उस वक्त उठा, जब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मेडिकल बोर्ड के एक चिकित्सक ने 10 अक्तूबर को एक ई-मेल भेजा था। इसमें कहा गया था कि इस चरण पर गर्भ समाप्त करने पर भू्रण के जीवित रहने की प्रबल संभावना है। इससे पहले बोर्ड ने महिला की जांच की थी और छह अक्तूबर को शीर्ष अदालत के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
मामला न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के पास तब आया, जब बुधवार को दो न्यायाधीशों की पीठ ने महिला को 26-सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने के अपने नौ अक्तूबर के आदेश को वापस लेने की केंद्र की याचिका पर खंडित फैसला सुनाया। कोर्ट ने नौ अक्तूबर को महिला को यह ध्यान में रखते हुए गर्भ को चिकित्सीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दी थी कि वह अवसाद से पीडि़त है और भावनात्मक, आर्थिक और मानसिक रूप से तीसरे बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं है।
17 ,18 एवं 19 अक्टूबर को प्रदेश भर में आयोजन ।
17 Oct, 2023 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अब अपनी चार उम्मीदवारों की लिस्ट निकालने के बाद कार्यकर्ताओं के बीच संवाद एवं समन्वय के साथ-साथ संकल्प की धारा के बीच निकल पड़ी है । भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता एवं भारतीय जनता पार्टी का संगठन कितना मजबूत है इस बात का उदाहरण इस बात से स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी को हराना है तो भाजपा के संगठन से सीधे सीधे लड़ाई लड़नी होगी। वर्तमान चुनाव के परिदृश्य में अब भारतीय जनता पार्टी शक्ति सम्मेलन के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं को संकल्प के साथ जोड़ने का कार्यक्रम 17 अक्टूबर से प्रदेश में मनाने जा रही है ।
12000 जगह लिए जाएंगे शक्ति सम्मेलन में संकल्प ।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को जोड़ने के क्रम में नवरात्रि के अवसर पर भाजपा द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से जिस संकल्प एवं शक्ति सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, उसे मध्य प्रदेश के बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के बीच 12000 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। 17, 18 और 19 अक्टूबर 3 दिन तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा यह सम्मेलन किया जाएगा। इन सम्मेलनों में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ता, वर्तमान पदाधिकारी, पूर्व पदाधिकारी, बड़े नेता जिला स्तर के कार्यकर्ता शक्ति केंद्रों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के माध्यम से पार्टी का लक्ष्य 65000 बूथों तक बूथ जीतने के संकल्प को प्रतिज्ञा के तौर पर ले जाने का लक्ष्य है। 17 अक्टूबर को 12:00 बजे से हर मंडल के शक्ति केंद्रों पर बूथ विजय प्रतिज्ञा लेते हुए पार्टी कार्यकर्ता इस महा अभियान का हिस्सा बनेंगे।
सोशल मीडिया से सुर्खियां देने की योजना
मध्य प्रदेश के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इस तरह का प्रयोग पूर्व में उत्तर प्रदेश चुनाव में किया जा चुका है । जानकारी के अनुसार संगठन की व्यवस्था में इस तरह का प्रयोग वर्ष 2014 के चुनाव में मध्य प्रदेश में भी किया चुका है । जिसका उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट से सीधे-सीधे जोड़ने का रहा है । पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर छोटे कार्यकर्ता तक सभी अपनी बूथ विजय प्रतिज्ञा को वीडियो एवं ग्राफिक कंटेंट के माध्यम से सोशल मीडिया पर डालेंगे एवं सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट को प्रिंट मीडिया के द्वारा भी हाईलाइट किया जाएगा ।
इस अभियान के माध्यम से पार्टी उन बूथों को भी और मजबूत बनाएगी, जहां पर पिछली बार उसे कम वोट मिले थे।
वर्ष 2018 में कम वोट वाले केंद्रों पर विशेष फोकस
उपरोक्त कार्यकर्ता संकल्प अर्थात शक्ति सम्मेलन के माध्यम से उन विधानसभा बूथ अथवा केंद्र को विशेष रूप से उपरोक्त कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, जहां पर पूर्व विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में कम रहा ।
इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित की गई योजनाओं का प्रचार प्रसार भी इन विधानसभा केंद्रों में किया जाएगा ।
2019 में पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण जिन बूथों पर भाजपा को जीत मिली थी, पार्टी पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए उन पर जा रही है।
*संकल्प के साथ ली जाएगी प्रतिज्ञा
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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आयोजित किए जा रहे इस शक्ति सम्मेलन के अंतर्गत संकल्प एवं प्रतिज्ञा अभियान को भी प्रारंभ करते हुए कार्यकर्ताओं से जोड़ा जाएगा । कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिज्ञा की जाएगी कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जो निर्देश भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिए गए हैं उनका पालन करना है ।
कार्यकर्ताओं द्वारा ली जाने वाली प्रतिज्ञा
प्रतिज्ञा है नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट विश्वास के लिए।
प्रतिज्ञा है भारतीय जनता पार्टी के सरकार द्वारा 20 साल में निरंतर विकास के लिए।
प्रतिज्ञा है गरीबों के कल्याण के लिए
प्रतिज्ञा है लाडली बहनों के स्वावलंबी एवं सुरक्षित भविष्य के लिए
प्रतिज्ञा है हर बूथ पर भाजपा की जीत के लिए
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलेगी या नहीं? - सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंगलवार को
17 Oct, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। पांच जजों की संविधान पीठ यह तय करेगा कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी जा सकती है या नहीं। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। दस दिन तक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। यह फैसला 20 याचिकाओं पर आएगा। पीठ में सीजेआईडीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।
केंद्र सरकार शुरू से आखिर तक इस मांग का विरोध करती रही है। सरकार ने कहा कि ये न केवल देश की सांस्कृतिक और नैतिक परंपरा के खिलाफ है बल्कि इसे मान्यता देने से पहले 28 कानूनों के 158 प्रावधानों में बदलाव करते हुए पर्सनल लॉ से भी छेड़छाड़ करनी होगी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने एक बार यहां तक कहा कि बिना कानूनी मान्यता के सरकार इन लोगों को राहत देने के लिए क्या कर सकती है? यानी बैंक अकाउंट, विरासत, बीमा बच्चा गोद लेने आदि के लिए सरकार संसद में क्या कर सकती है? सरकार ने भी कहा था कि वो कैबिनेट सचिव की निगरानी में विशेषज्ञों की समिति बनाकर समलैंगिकों की समस्याओं पर विचार करने को तैयार है।
इस मामले में केंद्र ने दलील दी थी कि सेम-सेक्स शादी एक शहरी संभ्रांत अवधारणा है, जो देश के सामाजिक लोकाचार से बहुत दूर है। विषम लैंगिक संघ से परे विवाह की अवधारणा का विस्तार एक नई सामाजिक संस्था बनाने के समान है। अदालत नहीं बल्कि केवल संसद ही व्यापक विचारों और सभी ग्रामीण, अर्ध-ग्रामीण और शहरी आबादी की आवाज, धार्मिक संप्रदायों के विचारों और व्यक्तिगत कानूनों के साथ विवाह के क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले सकती है।
केंद्र ने कहा था कि विवाह एक संस्था है जिसे बनाया जा सकता है, मान्यता दी जा सकती है, कानूनी पवित्रता प्रदान की जा सकती है और इसे केवल सक्षम विधायिका द्वारा तैयार किया जा सकता है। साथ ही कहा था कि समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने वाली संवैधानिक घोषणा इतनी आसान नहीं है। इन शादियों को मान्यता देने के लिए संविधान के 28 अन्य कानूनों के 158 प्रावधानों में संशोधन करने होंगे।
संविधान पीठ ने माना कि केंद्र की इन दलीलों में खासा दम है कि समलैंगिक शादी को मान्यता देने संबंधी कानून पर विचार करने का अधिकार विधायिका का है, लेकिन अदालत ये जानना चाहती है कि सरकार ऐसे जोड़ों की समस्याओं के मानवीय पहलुओं पर क्या कर सकती है ?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कानूनों के प्रावधानों की लिस्ट सामने रखी थी। उन्होंने अदालत को बताया कि अगर संविधान पीठ समान लिंग विवाहों को मान्यता देते हुए स्पेशल मैरिज एक्ट में पुरुष और महिला के स्थान पर व्यक्ति और पति और पत्नी की जगह जीवनसाथी करता है तो गोद लेने, उत्तराधिकार आदि के कानूनों में भी बदलाव करना होगा। साथ ही फिर ये मामला पर्सनल लॉ तक जा पहुंचेगा कि इन सभी कानूनों के तहत लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एक समान लिंग वाले जोड़े में पुरुष और महिला कौन होंगे। फिर गोद लेने, भरण- पोषण, घरेलू हिंसा से सुरक्षा, तलाक आदि के अधिकारों के सवाल भी उठेंगे।
ग्वालियर चंबल में सड़कों पर आई लड़ाई
17 Oct, 2023 09:12 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न होने में लगभग 1 महीने का समय रह गया है। चुनावों के लगभग 1 महीने पूर्व भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के पश्चात दूसरी, तीसरी एवं चौथी सूची भी जारी हो चुकी है । वहीं भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने वाली प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस द्वारा 24 घंटे पूर्व जैसे ही पहली सूची जारी की गई, कांग्रेस पार्टी में बगावत से लेकर प्रदेश नेतृत्व का पुतला दहन की घटनाएं होने लगी। ग्वालियर चंबल के साथ-साथ विंध्य क्षेत्र, बुंदेलखंड, मालवा से लेकर मध्य प्रदेश के लगभग सभी संभागों में कांग्रेस पार्टी के एक दर्जन से अधिक संभावित उम्मीदवार पार्टी छोड़कर बागी होने के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर चुके हैं एवं निर्दलीय रूप से कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दे चुके हैं । कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई पहली सूची के साथ ही इतनी बड़ी बगावत एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप का दौर सड़कों पर आ चुका है । पार्टी द्वारा पिछले एक वर्ष के अंतराल में यह दावा किया जा रहा था कि ग्वालियर चंबल से लेकर विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहेगा, इसके उलट सबसे अधिक बगावत एवं विरोध का स्वर एवं पार्टी छोड़ने वाले सबसे अधिक नेता ग्वालियर चंबल एवं विंध्य क्षेत्र से ही सामने आ रहे हैं।
ग्वालियर चंबल में सड़कों पर आई लड़ाई
पिछले 24 घंटे में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे अधिक बगावत, पार्टी छोड़ने और सड़कों पर प्रदर्शन का सिलसिला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक सर्वप्रथम ग्वालियर में ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के दावेदार केदार सिंह कंसाना ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ-साथ प्रदेश नेतृत्व पर तानाशाही का आरोप लगाया है। चंबल संभाग से सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बगावत का एक और तमाशा सामने आया है। कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के साथ क्षेत्र में सक्रिय रहे केदार सिंह मैकाले ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर हरिजन अत्याचार का आरोप लगाने के साथ इसे शोषण की पराकाष्ठा कहा । जानकारी के अनुसार बैजनाथ कुशवाहा को यहां कांग्रेस पार्टी ने मैदान में उतारा है वहीं दूसरी ओर जाटव समाज के 45000 से अधिक वोट होने के बाद भी केदार सिंह मैकाले को टिकट नहीं मिला है । इसके अतिरिक्त लहार विधानसभा क्षेत्र सहित भिंड एवं शिवपुर कला क्षेत्र में भी विरोध का सिलसिला लगातार दिखाई दे रहा है ।
बुंदेलखंड में भी बगावत के स्वर तेज, इस्तीफों का सिलसिला जारी
बुंदेलखंड संभाग से भी पिछले 24 घंटे के अंतराल में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के साथ ही विरोध, आरोप-प्रत्यारोप का दौर बगावत की स्थिति में पहुंच गया । कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष व बड़े नेता अजय सिंह यादव ने टीकमगढ़ के प्रत्याशियों में पिछड़ों की उपेक्षा किये जाने पर इस्तीफा दे दिया । वहीं दूसरी ओर नरयावली विधानसभा से 2 बार से जीत रही शारदा खटीक ने भी टिकट कटने की वजह से पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह छतरपुर एवं टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ अन्य बुंदेलखंड के क्षेत्र में हुई बगावत का सिलसिला थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा । खरगपुर विधानसभा क्षेत्र से लेकर महाराजपुर एवं अन्य जिलों में कई विधानसभा सीटों पर जमकर विरोध कांग्रेस पार्टी की सूची के विरोध में दिखाई दे रहा है ।
विंध्य में बगावत एवं इस्तीफे का दौर शुरू
पूर्व विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस क्षेत्र में किया गया था । इसका मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने इस बार इस क्षेत्र में सबसे अच्छी रणनीति बनाने का काम किया था परंतु पहली लिस्ट सामने आने के साथ ही नागौद विधानसभा क्षेत्र से राजशाही परिवार से संबंधित रहे दो बार के विधायक यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस और कमलनाथ पर आरोपों की झड़ी लगा दी। कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर ली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लफंगों का कब्जा हो चुका है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए कहा कि मद में चूर इस कमलनाथ को सबक जरूर सिखाऊंगा ।
कांग्रेस छोड़ बीएसपी जॉइन करने वाले पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कमलनाथ को सबक जरूर सिखाऊंगा। यदि टिकट सही ढंग से दी जातीं तो विन्ध्य में कांग्रेस को 30 में से 24 सीटें मिलतीं लेकिन कांग्रेस में अब लफंगे लोग टिकट बांट रहे हैं जो महिलाओं का हाथ पकड़कर केक खिलाते हैं ।
बगावत ही बगावत, इस्तीफे ही इस्तीफे
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अंतर्गत संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस पार्टी की पहली सूची के साथ इतना बड़ा विरोध प्रदेश भर में सामने आया हो । मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों ने पिछले 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर ली है अथवा निर्दलीय लड़ने के लिए ऐलान कर दिया है ।
अलीराजपुर, धार और गुनौर से भी दावेदारों ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। कांग्रेस पार्टी का मालवा क्षेत्र में बड़ा चेहरा रहे एवं पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है । मालवा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का बड़ा नाम प्रेमचंद गुड्डू ने आलोट विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने की वजह से निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर धरमपुरी, उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भी बगावत सामने आई है। कुल मिलाकर बगावत की स्थितियों से स्पष्ट है कि आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा नुकसान होने वाला है । दूसरी ओर बगावत करने वाले लगभग 100% लोगों ने कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता कमलनाथ को सीधे-सीधे दोषी बताया है ।
कांग्रेस में बगावत जारी...
17 Oct, 2023 08:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मशहूर गजल है - इतना टूटा हूं कि छूने से बिखर जाउंगा ... मध्य प्रदेश में कई कांग्रेसी बीते दो दिन से यही गुनगुनाते हुए अपने आंसूओं को छिपाते फिर रहे हैं। साल भर से उम्मीद बांधे हुए थे। बीते दो महीने से लाख जतन करके जन आक्रोश रैली में भीड़ जुटा पाए। लेकिन, कांग्रेस की ओर से जब प्रत्याशियों की सूची जारी हुई तो कइयों को हताशा हुई। बेइंतहा!!! अधिकतर ने बागी तेवर अपना लिये। कुछेक ने दूसरे दल के टिकट पर चुनावी मैदान में आकर कांग्रेस प्रत्याशियों को सबक सिखाने और धूल में मिलाने की कसम तक खा ली है।
टीकमगढ़ जैसे आदिवासी इलाकों में पूर्व स्थापित नेता को साइड करने से भी जनता में रोष है। चौंकाने वाला निर्णय नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का टिकट काटना है। पन्ना जिले की गुनौर से विधायक शिवदयाल बागरी भी बेटिकट रहे।
कमलनाथ ने केवल अपनी चलाई
सियासी हलकों में सरेआम चर्चा हो रही है कि कमलनाथ ने केवल अपनी चलाई है। जहां भी उन्हें मौका मिला, दिग्विजय सिंह को साइड कर दिया है। रतलाम जिले की आलोट सीट से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के लिए दिग्विजय समर्थक भोपाल तक पहुंचे, लेकिन यहां मौजूदा विधायक मनोज चावला को इसलिए टिकट मिला क्योंकि वे कमलनाथ की पसंद हैं। भोपाल जिले की बैरसिया सीट से दिग्विजय सिंह राम मेहर के पक्ष में थे। मेहर दिग्विजय के सांसद प्रतिनिधि हैं। बैरसिया में कुछ महीने पहले दिग्विजय ने गुर्जर समाज के मंदिर तक नंगे पैर पदयात्रा की थी, बावजूद इसके राममेहर को टिकट नहीं मिला। कमलनाथ ने पिछले चुनाव में 13 हजार वोटों से हारी जयश्री हरिकरण के नाम पर मुहर लगाई है। ऐसे मामलों से कांग्रेस की आपसी ईगो सामने आ रही है।
क्या कांग्रेस को है छिंदवाड़ा की चिंता
गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस की पहली सूची में छिंदवाड़ा जिले की सात सीटों में से सिर्फ छिंदवाड़ा से कमलनाथ का ही नाम घोषित हुआ है। बाकी छह सीटों पर भी कांग्रेस के ही विधायक हैं। इनके नाम होल्ड पर रखने की क्या वजह है ? कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ इन सीटों पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। छिंदवाड़ा जिले का रिजल्ट सीधे उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ा है। वह दूसरी पंक्ति के नेताओं के लिए खुली जमीन नहीं देना चाहते हैं, कारण उनका पुत्रमोह है। उनके पुत्र का सियासी राह निष्कंटक रहे, इसलिए कलमनाथ छिंदवाड़ा को लेकर अधिक अलर्ट हैं।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में यात्री ट्रेन के 5 डिब्बों में लगी आग, किसी के हताहत होने की खबर नहीं
17 Oct, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में नारायनडोहो स्टेशन के पास डीजल-इलेक्ट्रिक बहु इकाई यात्री ट्रेन के 5 डिब्बों में सोमवार दोपहर आग लग गई. इस घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घटना तब हुई, जब ट्रेन बीड जिले के आष्टी स्टेशन से पश्चिमी महाराष्ट्र में अहमदनगर की ओर जा रही थी.
मध्य रेलवे ने कहा कि आग लगने की घटना में कोई भी यात्री जख्मी नहीं हुआ है. आग दोपहर करीब 3 बजे लगी. आग बुझाने के लिए अहमदनगर जिले से दमकल की गाड़ियों को बुलाया गया. फिलहाल आग लगने के कारण का तत्काल पता नहीं चल सका है. आग लगने पर सभी यात्री ट्रेन से उतर गए थे. जलते डिब्बों के अंदर कोई भी व्यक्ति नहीं फंसा.
पीएम मोदी ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट में करेंगे 23,000 करोड़ की परियोजना राष्ट्र को समर्पित
17 Oct, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) 2023 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह शिखर सम्मेलन 17 से 19 अक्टूबर तक मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक रोडमैप अमृत काल विजन 2047 का अनावरण करेंगे। यह रोडमैप बंदरगाह सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल की रूपरेखा तैयार करता है। इस अत्याधुनिक योजना के अनुरूप, प्रधानमंत्री 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास रखेंगे, जो भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप हैं।
प्रधानमंत्री गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले टूना टेकरा ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे। इस अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इस टर्मिनल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। यह टर्मिनल 18 हजार टीईयू (बीस फुट के बराबर इकाई) से अधिक भावी पीढ़ी के जहाजों का रख-रखाव करेगा, और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के माध्यम से भारतीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय साझेदारी के लिए 7 लाख करोड़ से अधिक के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भी समर्पित करेंगे। यह शिखर सम्मेलन देश का सबसे बड़ा समुद्री कार्यक्रम है। इसमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया भर के मंत्री भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से वैश्विक सीईओ, व्यापारिक नेता, निवेशक, अधिकारी और अन्य हितधारक भी भाग लेंगे। इसके अलावा, शिखर सम्मेलन में कई भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भी किया जाएगा।