देश (ऑर्काइव)
Pornography: युवा पीढ़ी को खोखला करती पोर्नोग्राफी; समाज की बढ़ी समस्या
28 Nov, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Pornography: पोर्नोग्राफी और विशेष रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती संख्या समाज में चिंता का विषय बन गया है। यह समस्याएं न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। दुनिया के कई देशों में पोर्न फिल्में पूरी तरह बैन हैं. हालांकि, कई ऐसे देश हैं जहां पोर्न फिल्में सबसे ज्यादा देखी जाती हैं. सबसे ज्यादा पोर्न फिल्में देखने वाले देशों में पाकिस्तान और चीन का नाम सबसे आगे है. सर्च इंजन गूगल के मुताबिक, पाकिस्तान में सबसे ज्यादा पोर्न फिल्में देखी जाती हैं. इंटरनेट पर पोर्न फिल्में सर्च करने वाले टॉप पांच देशों में पाकिस्तान के बाद मिस्र, वियतनाम, ईरान और मोरोक्को शामिल है. जबकि ऑफिस में बैठकर पोर्न देखने के मामले में चीन सबसे आगे है. इस मामले में दूसरे स्थान पर मेक्सिको और तीसरे पर ब्रिटेन है. ईरान में पोर्न देखने वालों में युवा वर्ग सबसे ज्यादा है. एक सर्वे में कहा गया है कि पोर्न फिल्मों का एक बड़ा दर्शक वर्ग 35 साल से कम उम्र के लोग हैं. चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बात करें तो सोशल मीडिया के दुरुपयोग और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे मामले ने भारत की चिंता बढ़ाई हुई है. भारत में हर साल हजारों बच्चे इसका शिकार बनते हैं. इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के कारण साल 2020 और 2021 में लगे लॉकडाउन ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंजप्शन को 95% तक बढ़ा दिया है. इतना ही नहीं इसी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में के दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में चाइल्ड पोर्न नाम से इंटरनेट सर्च में बढ़ोतरी हुई थी. वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 738 मामले थे जो वर्ष 2021 में बढ़कर 969 हो गए थे.
भारत में पोर्नोग्राफी
बढ़ती सेक्स एजुकेशन के बावजूद पॉर्नोग्रफी साइट के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट pornhub की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. Pornhub की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार हर दिन इस पोर्न वेबसाइट पर औसतन 92 मिलियन (9 करोड़ 20 लाख) यूजर्स आते हैं. पोर्नहब की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि पोर्न देखने के मामले में भारतीय तीसरे नंबर पर हैं. इसमें पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे पर इंग्लैंड का नंबर आता है. सोशल मीडिया या इंटरनेट का गलत इस्तेमाल ने न सिर्फ यूरोपीय संघ की बल्कि लगभग पूरी दुनिया की चिंता बढ़ाई हुई है. 22 नवंबर को यूरोपीय संघ के सांसदों ने अल्फाबेट की GOOGle, मेटा और अन्य ऑनलाइन सेवाओं को चाइल्ड पोर्नोग्राफी यानी बाल अश्लीलता की पहचान कर उसे सोशल मीडिया से हटाने के लिए जरूरी नियमों का मसौदा तैयार करने पर सहमति व्यक्त की है.
1. भारत में भले अकेले में पोर्न देखने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, लेकिन अश्लील वीडियो या फोटो देखने, उस तस्वीर या वीडियो को डाउनलोड करने और उसे वायरल करना बड़ा अपराध माना जाता है.
2. किसी भी व्यक्ति की अश्लील तस्वीर रखने और उसे किसी भी सोशल प्लैटफॉर्म पर साझा करने पर इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67, 67A, 67B के तहत जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.
3. इसके अलावा धारा 67 कहता है, अगर कोई व्यक्ति पोर्न कंटेंट को देखने, उस कंटेंट को डाउनलोड करने और वायरल करने पर पहली बार पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल जेल की सजा होगा और 5 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
4. वहीं जब वही व्यक्ति दूसरी बार ऐसा करता पकड़ा जाता तो ऐसी स्थिति में उसे 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.
भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर कानून और चुनौतियां
भारत में पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसी तस्वीरें, वीडियो या ऑडियो आती है, जो नग्नता पर आधारित हो. ऐसे वीडियो या ऑडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए अपलोड करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून (Anti-pornography law) लागू होता है. पोर्नोग्राफी और विशेष रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती संख्या और इससे जुड़ी समस्याओं का बढ़ता हुआ ज्ञान समाज में चिंता का विषय बन गया है। यह समस्याएं न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। इसके समाधान के लिए सरकारों और सोसाइटी के सभी स्तरों पर सहयोग की ज़रूरत है।
भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कानून
1. किसी भी नाबालिग यानी बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार जुड़ा कोई भी वीडियो चाइल्ड पोर्नेग्राफी कहलाता है. भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट में सख्त सजा का प्रावधान है.
2. पॉक्सो एक्ट के धारा 14 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी नाबालिग बच्चे या बच्चों को अश्लील कंटेंट के लिए इस्तेमाल करता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
3. पॉक्सो एक्ट की धारा 15 के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कोई भी कंटेंट अपने पास रखता है. ऐसी स्थिति में उसे तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
क्या है सजा का प्रावधान है
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 बी कहता है कि किसी भी व्यक्ति के मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कोई भी वीडियो या फोटो मिलता है तो पहली बार पकड़े जाने पर उस व्यक्ति को 5 साल जेल और 10 लाख के जुर्माने होगा. वहीं अगर दूसरी बार ऐसा ही कुछ करता पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति को 7 साल जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.
आईपीसी में भी है सजा का प्रावधान
1. इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) में भी पोर्नोग्राफी या अश्लीलता को लेकर सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 292 और 293 में इसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है.
2. धारा 292 कहता है कि, किसी भी अश्लील वस्तुओं को बेचना, साझा करना, इसे किसी और को दिखाना या प्रसारित करना अपराध है. ऐसा करते हुए अगर कोई व्यक्ति पहली बार पकड़ा जाता है तो उसे 2 साल तक की जेल और 2 हजार तक का जुर्माना लग सकता है. वहीं अगर दूसरी बार पकड़ा जाता है तो दोषी को 5 साल तक जेल और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
3. वहीं आईपीसी की धारा 293 कहती है कि, 20 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को अश्लील वस्तु दिखाना, बेचना, किराये पर देना या बांटना अपराध है. अगर कोई इसका दोषी पाया जाता है तो पहली बार में उसे 3 साल तक की जेल और 2 हजार रुपये की सजा का प्रावधान है. दूसरी बार एक बार फिर वही व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल तक की जेल और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.
भारत में पोर्नोग्राफी से निपटने में क्या चुनौतियां है
भारत में यौन संबंध को नकारात्मक रूप में देखा जाता है. हमारे देश में सेक्स बच्चों को यौन संबंध से जुड़ी कोई भी जानकारी में बाहर, अपने दोस्तें से ही या पोर्न वीडियो देखकर ही मिलती है. यही कारण है कि बच्चों को एक उम्र में पोर्नोग्राफी की लत लग जाती है. इसके अलावा सरकार के सामने एक और समस्या ये है कि एजेंसियों के लिये चाइल्ड पोर्नोग्राफी की गतिविधियों का पता लगाना और उन पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखना बहुत मुश्किल है.
क्या पत्नी मांग सकती है पति के Aadhaar कार्ड की जानकारी, जानें हाईकोर्ट का फैसला
28 Nov, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Aadhaar Details: 25 फरवरी 2021 को UIDAI ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश समेत कई चीजों की जरूरत होगी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। क्या पति या पत्नी को अपने साथी के AADHAR कार्ड की जानकारी हासिल करने का अधिकार है? हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने साफ कह दिया है कि शादी निजता के अधिकार पर असर नहीं डाल सकती है। दरअसल, कई दिनों से इस बात पर बहस चल रही थी कि क्या पति या पत्नी को अपने साथी के आधार कार्ड की जानकारी हासिल करने का अधिकार है? इस सवाल का जवाब हाईकोर्ट में एक याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान मिल गया। अदालत का कहना है कि पत्नी सिर्फ शादी का हवाला देकर अपने जीवनसाथी के आधार कार्ड की जानकारी एकतरफा हासिल नहीं कर सकती हैं। कोर्ट ने साफ कर दिया हैकि पत्नी सिर्फ शादी के आधार पर पति की आधार की जानकारी एक तरफा हासिल नहीं कर सकती है। कोर्ट का कहना है कि शादी निजता के अधिकार पर असर नहीं डालती है।
क्या था मामला
दरअसल, हुबली की एक महिला ने एक पारिवारिक अदालत का दरवाजा खटखटाकर पति से गुजारा भत्ता मांगा था। दोनों की शादी नवंबर 2005 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हुबली की एक महिला अलग हो चुके पति का आधार नंबर, एनरोलमेंट की जानकारी और फोन नंबर हासिल करना चाहती थी। उनका कहना था कि पति के ठिकानेकी जानकारी नहीं होने के चलतेवह उसके खिलाफ फैमिली कोर्ट की तरफ से मिले आदेश को लागू नहीं कर पा रही हैं। इसे लेकर वह UIDAI यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास भी गईं थीं।
25 फरवरी 2021 को UIDAI नेउनके आवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश समेत कई चीजों की जरूरत होगी। इसके बाद उन्होंनेहाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट में क्या हुआ डिवीजन बेंच नेभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र किया था और कहा कि किसी भी जानकारी के खुलासे से पहले दूसरे व्यक्ति को भी अपनी बात रखनेका अधिकार है। बाद में मामला एकल बेंच के पास भेज दिया था। सिंगल बेंच ने 8 फरवरी 2023 को UIDAI को पति को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही RTI एक्ट के तहत महिला के आवेदन पर दोबारा विचार करने के लिए कहा।
शादी दो लोगों का रिश्ता
डिविजन बेंच में जस्टिस एस सुनील दत्त यादव और विजयकुमार ए पाटिल सुनवाई कर रहे थे। बेंच नेकहा, ‘शादी दो लोगों का रिश्ता है, जो निजता के अधिकार पर असर नहीं डालता है। यह व्यक्ति का निजी अधिकार है।’ दोनों की शादी नवंबर 2005 मेंहुई थी और उनकी एक बेटी भी है। रिश्तेमेंपरेशानियां आनेके बाद पत्नी ने कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की थीं। यहां फैमिली कोर्ट ने 10 हजार रुपये का गुजारा भत्ता और बेटी के लिए 5 हजार रुपये अलग से दिए जाने की बात कही गई
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हैं तैयार
28 Nov, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस सप्ताह दुबई की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। पीएम मोदी 30 नवंबर से एक दिसंबर, 2023 तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री यूएई में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पर्यावरण बदलाव पर होने वाली बैठक COP-28 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए कई विश्व नेता जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के निमंत्रण पर 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक दुबई, संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करेंगे।
सम्मेलन जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र 'कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज' की 28वीं बैठक का हिस्सा है। जिसे COP28 के नाम से जाना जाता है। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा भारत के महत्वाकांक्षी जलवायु एजेंडे और संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डालने की उम्मीद है।
28 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजन
COP28 बैठक का आयोजन 28 नवंबर से 12 दिसंबर, 2023 तक होने वाला है। पीएम इस बैठक में पर्यावरण बदलाव को लेकर भारत के आगामी रोडमैप पर अपने विचार रखेंगे। इससे पहले ग्लासगो (ब्रिटेन) में इसी बैठक में पीएम ने भारत को वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल (देश से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने) का रोडमैप पेश किया था।
छाए रहेंगे बादल; पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश ने बढ़ाई ठंड, 15 उड़ानें हुई डायवर्ट
28 Nov, 2023 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बड़ा बदलाव आया है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सोमवार को कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हुई है। हालांकि जम्मू-कश्मीर में तापमान थोड़ा बढ़ा है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट आने से ठंड बढ़ गई है।
दो-तीन दिनों तक आकाश में छाए रहेंगे बादलः IMD
मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार की रात वर्षा होने के बाद पश्चिमी विक्षोभ का यह प्रभाव आगे बढ़ जाएगा। वैसे अगले दो-तीन दिनों तक आकाश में बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन वर्षा होने की संभावना नहीं है। मौसम साफ होने के बाद अब ठंड बढ़ेगी।
राजस्थान में शुरू हुआ बारिश का दौर
दिल्ली में दिन में बादल छाए रहे, लेकिन शाम को कई इलाकों में गरज के साथ हल्की वर्षा हुई। वहीं, पंजाब के लुधियाना, जालंधर सहित कई जिलों में बादल छाए रहे और हल्की वर्षा हुई। ज्यादातर जिलों में दिन का अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान में बारिश का दौर रविवार शाम ही शुरू हो गया। सबसे अधिक बारिश बाड़मेर में 60 एमएम हुई है।
हिमाचल प्रदेश के कई जगहों पर बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग, बारालाचा, शिंकुला व कुंजुम दर्रों में सोमवार सुबह हिमपात शुरू हो गया। शाम तक करीब चार इंच ताजा हिमपात हुआ है। इस कारण रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए बंद है। दिन में मनाली में हल्की वर्षा हुई। तापमान गिरने से जनजातीय जिले लाहुल स्पीति में प्राकृतिक झरने और पानी के स्त्रोत जमना शुरू हो गए हैं। कई जगहों पर रात को तापमान माइनस 10 डिग्री से नीचे पहुंच रहा है।
उत्तराखंड में कई जगहों पर हुई बारिश
सोमवार को उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब समेत पिथौरागढ़ की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया है।
जम्मू-कश्मीर में बारिश की संभावना
जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी दिनभर बादल छाए रहे। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में कई दिनों से चल रही भीषण ठंड से कुछ राहत मिली है। गुलमर्ग का स्की रिसार्ट घाटी का एकमात्र केंद्र रहा जहां न्यूनतम तापमान माइनस 1.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह स्थान पूरे जम्मू कश्मीर में सबसे ठंडा रहा। श्रीनगर में रविवार की रात न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
15 विमानों को करना पड़ा डायवर्ट
खराब मौसम के कारण दिल्ली आने वाली लगभग 15 उड़ानों को जयपुर, लखनऊ और अहमदाबाद की ओर डायवर्ट किया गया। कोलकाता से दिल्ली आने वाली विस्तारा की एक उड़ान को लखनऊ की ओर मोड़ा गया तो गुवाहाटी से दिल्ली (जीएयू-डीईएल) जाने वाली उड़ान यूके742 को जयपुर की ओर मोड़ दिया गया।
11 उड़ानों को जयपुर में उतारा गया। इनमें एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट भी है। डायवर्ट की गई एक फ्लाइट में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनवाल भी सवार थे। वह डिब्रूगढ़ से दिल्ली जा रहे थे। गुजरात से उदयपुर आ रहे एक हेलिकाप्टर को आपात स्थिति में एक खेत में उतारा गया।
मवेशी चरा रही महिलाओं पर बाघ ने किया हमला, मौके पर हुई मौत, कूरगल्ली पुनर्वास केंद्र में किया गया ट्रांसफर
28 Nov, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांदीपुर टाइगर रिजर्व के एक टाइगर को मंगलवार को सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया है। दरअसल, हेडियाला रेंज में 50 वर्षीय महिला की मौत के लिए जिम्मेदार 10 वर्षीय नर बाघ को पकड़ा गया है। कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खांडरे ने कहा कि बाघ स्वस्थ है और उसे कूरगल्ली पुनर्वास केंद्र में ट्रांसफर कर दिया गया है।
मवेशी चरा रही महिलाओं पर हमला
बांदीपुर टाइगर रिजर्व के बल्लुरु हुंडी क्षेत्र में शुक्रवार को एक बाघ ने मवेशी चरा रही 50 वर्षीय महिला पर हमला कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ ने रथनम्मा पर पीछे से हमला किया और वह गिर गई, जबकि अन्य दो महिलाएं भागने में सफल रहीं।
ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ ने पहले एक 70 वर्षीय बुजुर्ग पर हमला किया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पकड़े गए बाघ को अब कूरगल्ली पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।
समय रहते पकड़ा गया बाघ
बाघ को पकड़ने के लिए वन अधिकारियों ने विभिन्न सुविधाजनक स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए थे। रणनीतिक बिंदुओं पर निगरानी रखने वाले वन कर्मियों के साथ बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए थे। सभी सुविधाजनक तैयारियों के सतर्कता के कारण बाघ को पकड़ लिया गया।
दरिंदगी का हुई शिकार मासूम; मां के प्रेमी ने किया दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई सजा
28 Nov, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केरल की एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने प्रेमी के साथ सात साल की बेटी का दुष्कर्म कराने वाली मां को 40 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी मां पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
एक साल तक हुआ मासूम का यौन उत्पीड़न
यह घटना मार्च 2018 से सितंबर 2019 के बीच की है। महिला अपने मानसिक रूप से बीमार पति को छोड़कर प्रेमी के साथ रहती थी। आरोप है कि महिला के प्रेमी ने बच्ची के साथ कई बार दुष्कर्म किया, लेकिन महिला ने इसका विरोध नहीं किया।
लड़की की मां ने नहीं किया घटना का विरोध
लड़की की मां को इस घटना की पूरी जानकारी थी। बच्ची के साथ मारपीट भी की गई। मामले का खुलासा तब हुआ, जब बच्ची अपनी बड़ी बहन के साथ भागकर दादी के पास पहुंची। इसके बाद उसने अपनी दादी को उसके साथ घटित हुई घटना के बारे में बताया।
कोर्ट ने सुनाई 40 साल की सजा
वहीं, विशेष लोक अभियोजक आरएस विजय मोहन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि इस जघन्य अपराध के लिए मां को 40 साल की सजा सुनाई गई है और उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां को इस घटना के बारे में सबकुछ पता था, लेकिन उसने अपनी बच्ची के साथ हुई इस दरिंदगी का विरोध नहीं किया।
दो प्रेमियों के साथ रह रही थी महिला
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि महिला ने अपने बीमार पति को छोड़ दिया था और दो प्रेमियों के साथ रह रही थी। उन्होंने बताया कि महिला के पहले प्रेमी ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। जबकि दूसरे प्रेमी ने इस घटना को अंजाम देने में मदद की।
आरोपी ने कर लिया था सुसाइड
वहीं, इस मामले की सुनवाई करते हुए जज रेखा ने कहा कि ये घटना शर्म की बात है और आरोपी महिला माफी की हकदार नहीं है। इसलिए उसे अधिकतम सजा सुनाई जाती है। बता दें कि सुनवाई से पहले आरोपी शिशुपालन ने आत्महत्या कर ली थी। जिस वजह से मुकदमा सिर्फ मां के खिलाफ ही चला है। फिलहाल बच्चे बाल गृह में रह रहे हैं।
तमिलनाडु रेलवे विस्तार पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान
28 Nov, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले एक साल भार में तमिलनाडु का रेलवे क्षेत्र विस्तार करने के लिए 6,080 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान मात्र 800 करोड़ मिलते थे, जिसे अब पीएम मोदी के नेतृत्व में बढ़ा दिया गया है।
75 स्टेशनों का होगा पुनर्विकास
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "2014 से पहले, जब यूपीए सरकार थी, तब तमिलनाडु के लिए केवल 879 करोड़ आवंटित हुआ करते थे। पीएम मोदी आज तमिलनाडु में रेलवे क्षेत्र के लिए 6,080 करोड़ रुपये दे रहे हैं। जो परियोजनाएं अतीत में लंबित थीं, उनकी बहुत अच्छी प्रगति हो रही है। तमिलनाडु राज्य के 75 स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्तर पर पुनर्विकास किया जा रहा है।"
लंबित मामलों का हो रहा आकलन
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि होसुर जोलारपेट अंतर-रेल सेवा परियोजना की लंबे समय से लंबित मांग का आकलन किया जा रहा है और लागत दक्षता का मूल्यांकन करने के बाद जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक सुरंग के निर्माण की आवश्यकता है और इस परियोजना का मूल्य काफी ज्यादा था। हम एक कुशल समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं और जल्द ही परियोजना शुरू हो जाएगी। मैं समय के साथ हर 15 दिनों के बाद इसका पालन करूंगा। हम डीपीआर को पूरा करने और इसे मंजूरी के लिए ले जाने में सक्षम होंगे।"
मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल होगा विकसित
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि होसुर क्षेत्र के लिए एक मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "होसूर क्षेत्र के लिए एक मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल विकसित किया जाएगा, ताकि उद्योगों को सही लॉजिस्टिक समाधान मिल सके और सभी के लिए रोजगार बढ़ सके।"
कई भाजपा नेता रहे मौजूद
माध्यम के जरिए बेंगलुरु गए। इस दौरान उनके साथ पूर्व सांसद नरसिम्हन और तमिलनाडु भाजपा पश्चिम जिला अध्यक्ष नागराज सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी नजर आए। रेल यात्री संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर मंत्री के समक्ष याचिका प्रस्तुत की।
कल से शुरु हो रहे फार्मास्यूटिकल एक्सपो में डेढ़ सौ से अधिक देश होंगे शामिल
27 Nov, 2023 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कल 28 नवंबर से शुरु हो रहे नोएडा में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एक्सपो में डेढ सौ से अधिक देश शामिल हो रहे हैं। 30 नवम्बर तक चलने वाला यह एक्सपो इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित सीपीएचआई और पीमेक इंडिया द्वारा आयोजित किया जा रहा है। एक्सपो में 150 देशों से 45,000 से अधिक आगंतुकों के पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 1500 से अधिक प्रदर्शक 10,000 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि दवाओं के क्षेत्र में भारत मात्रा के हिसाब से दुनिया भर में तीसरे तथा मूल्य के लिहाज से विश्व में 14वें स्थान पर है। भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग का वर्तमान बाजार आकार लगभग 50 बिलियन डॉलर है।
फार्मास्यूटिकल एक्सपो उद्योग जगत के विशेषज्ञों को कारोबार के अवसरों पर चर्चा करने और अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका देगा। सीपीएचआई और पीमेक इंडिया एक्सपो के संबंध में इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने बताया कि ‘2023 में भारतीय फार्मा उद्योग ‘राइज एण्ड राइज आफ इंडिया’ के दौर से गुज़र रहा है, जिसे इनोवेशन्स के साथ सरकार का मजबूत सहयोग भी मिल रहा है। जी20 अध्यक्षता के दौरान तय किए गए उद्देश्यों के अनुरूप फार्मास्युटिकल इनोवेशन्स, तकनीकी प्रगति के चलते भारतीय उद्योग 2025 तक 65 बिलियन डॉलर और 2030 तक 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शनी फार्मास्युटिकल अधिकारियों, खरीदारों, खरीद प्रबंधकों, अनुबंध निर्माताओं, अस्पताल प्रशासकों तथा राज्य एवं राष्ट्रीय विनियामक बोर्ड के प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं को एक ही मंच पर लेकर आएगी।
सभी अत्याधुनिक मशीने फेल,अब हाथ से खुदाई करके निकाले जाएंगे मजदूर
27 Nov, 2023 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तरकाशी । उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुंरग में 41 श्रमिक बीते एक पखवाड़े से फंसे हैं। उन्हे निकालने के लिए दुनियाभर की अत्याधुनिक मशीने लगी रहीं लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आखिरी में तय किया गया कि भारतीय सेना हाथों से खुदाई करके श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालेगी। हालांकि इस रेक्स्यू का बड़ा फायदा ये हुआ कि सभी श्रमिकों को ऑक्सीजन,भोजन और जरुरी दवाएं उन्हे पहुंचाने की व्यवस्था हो गई है।अब मजदूरों से दूरी महज 10 से 12 मीटर की है। मगर शुक्रवार को ऑगर मशीन के आगे के हिस्से के लोहे और क्रंकीट से टकराकर टूटने से खुदाई का काम रुक गया था। वहीं सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में रविवार को देर शाम अस्थाई मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग की गई थी।
उत्तराखंड के सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने बताया था कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड और सॉफ्ट को काटने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया था पाइप से अब ऑगर मशीन के 8.15 मीटर की ब्लेड और सॉफ्ट के हिस्से को निकाला जाना बाकी है, जिसे बाद में पूरा कर लिया गया। वहीं भारत सरकार के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव और एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 19.2 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का काम भी पूरी तेजी और सावधानी से किया जा रहा है। उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि उत्तरकाशी की टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों को बाहर निकालने को लेकर पूरी मशीनरी जोर-शोर से लगी है। देश-विदेश से मशीनों को मंगवाया गया है। जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
अमेरिकी ऑगर मशीन का एक बड़ा हिस्सा टूटकर फंस गया था, उसे प्लाज्मा कटर की मदद से काटकर अब बाहर निकाल लिया गया है। इस दौरान अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन की मरम्मत का काम भी जारी है। बचाव दल में शामिल अधिकारियों ने बताया कि अब आगे का बाकी काम दोपहर 12.30 बजे से शुरू हो जाएगा, जिसके बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की उम्मीद की जा सकती है।
विशेषज्ञों की सिफारिशें मानी होतीं तो 41 मजदूरों की जान को नहीं होता खतरा
27 Nov, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग में बीते एक पखवाड़े से फंसे 41 मजदूरों को निकालने में भारी दिक्कतें आ रहीं हैं। कभी ड्रिल मशीन खराब होती है तो कभी कोई और समस्या आ जाती है। इस तरह की घटनाएं दुबारा न हों इसके लिए जानकार अपने सुझाव देने के लिए सामने आए है। उन्होंने पत्रकारों से यहां तक कह दिया कि यदि सिफारिशों पर पूरी तरह अमल किया होता हो शायद मजदूरों की जान खतरे में नहीं पड़ती।
उत्तराखंड बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में भूगर्भ एवं पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर एसपी सती ने कहा वैधानिक तौर पर किसी भी सुरंग परियोजना के तहत आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए एक विशेष मार्ग के निर्माण को अनिवार्य किया गया है।’ सिल्कयारा सुरंग और चार धाम परियोजना जैसी परियोजनाओं के लिए आम तौर पर पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन (ईआईए) करने की आवश्यकता होती है। मगर इस परियोजना के लिए सरकार ने ऐसा कोई आकलन नहीं किया। पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन करने संबंधी जरूरतों को दरकिनार करते हुए इस परियोजना को 100 किलोमीटर से छोटे कई खंडों में विभाजित किया गया था। इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन न कराए जाने के सवाल पर सती ने कहा कि यह आकलन महज एक दिखावा है।
सती ने कहा, ‘हमने देखा है कि सुरंग बनाने के दौरान ठेकेदार विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हैं। यह दुर्घटना विस्फोटकों के इस्तेमाल के कारण भी हुई होगी। इसके अलावा, आपातकाल में बाहर निकलने के लिए बचाव मार्ग का न होना चिंताजनक है। उन्होंने पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में मौजूद सभी परियोजनाओं के लिए व्यापक भूगर्भीय एवं भू-तकनीकी सर्वेक्षण कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। सती ने कहा, ‘सुरंग के निर्माण संबंधी सुरक्षा नियमों की व्यापक समीक्षा करने की जरूरत है। इसके अलावा सभी सुरंग परियोजनाओं की देखरेख एवं निगरानी करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की जरूरत है जिसमें विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए।’
सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में एक समिति गठित की थी जिसने इस परियोजना के लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव दिया था। इस समिति के पूर्व अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने कहा कि इस सप्ताह के आरंभ में पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन करना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि समिति ने केंद्र से त्वरित आकलन कराए जाने की सिफारिश की थी जिसे अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कथित तौर पर एक आपराधिक मामला बनता है। ईआईए अधिसूचना 2006 के अनुसार, परियोजना के दौरान जगहों में भौतिक बदलाव संबंधी किसी भी निर्माण, परिचालन आदि गतिविधियों के लिए सरकार को व्यापक आकलन रिपोर्ट देना अनिवार्य है। इसके अलावा ठेकेदार के लिए खनन एवं सुरंग सहित सभी भूमिगत कार्यों की व्यापक जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है।
एनडीएमए के सदस्य सैयद अता हसनैन ने इस सप्ताह के आरंभ में संवाददाताओं से कहा था, ‘यह एक तरह का युद्ध है जहां दुश्मन हिमालयी भूगर्भ है।’ विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालय का भूगर्भ इतना नाजुक है कि बचाव के पयास में भी तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे पता चलता है कि चार धाम परियोजना जैसी परियोजनाओं की मंजूरी और कार्यान्वयन में काफी सावधानी बरती जानी चाहिए थी। बता दें कि उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिल्कयारा-बरकोट सुरंग में पिछले दो सप्ताह से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। सरकार और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तमाम रणनीति बनाए जाने और बेहतरीन उपकरणों एवं विशेषज्ञता के साथ प्रयास किए जाने बावजूद उन्हें अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है।
गुजरात में आसमानी बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत, 39 पशुओं की भी गई जान
27 Nov, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | गुजरात में ठंड के बीच सावन-भादौ की तरह मूशलाधार बारिश हो रही है| रविवार की सुबह से शाम तक राज्य की 212 तहसीलों में ओले के साथ बेमौसमी बारिश हुई है| वंथला, तालाला और अंकलेश्वर में सबसे अधिक 2 ईंच बारिश रिकार्ड हुई| जबकि 36 तहसीलों में एक से पौने दो ईंच तक बारिश होने की खबर है| बरसाती माहौल के बाद राज्य अलग अलग जगह पर बिजली घटना में 13 लोगों की मौत हो गई| दाहोद में 3, भरुच में 2, अहमदाबाद, साबरकांठा, खेडा, पंचमहल, बोटाद, मेहसाणा, सुरेन्द्रनगर और अमरेली में 1-1 व्यक्ति की मौत हो गई| इसके अलावा राज्य में 39 पशुओं की आसमानी बिजली गिरने मौत हो गई| सबसे अधिक 15 पशुओं की खेडा में मौत हुई है| दूसरी ओर सूरत की बारडोली तहसील के मढी गांव के खेत में काम कर रही 8 श्रमिक महिलाएं बिजली गिरने से झुलस गईं| सभी आठ महिलाओं को बारडोली के सरदार अस्पताल में भर्ती कराया गया| जहां 4 महिलाओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि अन्य 4 में एक की हालत गंभीर होने पर उसे सूरत के सिविल अस्पताल में रिफर किया गया है|
विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे प्रधानमंत्री
27 Nov, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीविश्व जलवायु शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। पीएम मोदी 30 नवंबर से एक दिसंबर तक दुबई के दो दिन के दौरे पर जाएंगे।
वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन सम्मिट जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के पक्षों के 28वें सम्मेलन का हाई लेवल सेगमेंट है। सीओपी-28 का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक किया जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन की साझा चुनौती से निपटने की दिशा में यूएनएफसीसीसी के पक्षों का सम्मेलन सामूहिक एक्शन को गति देने का एक अनूठा अवसर देता है। ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु कार्रवाई में भारत के अभूतपूर्व योगदान के रूप में पंचामृत नामक पांच विशिष्ट लक्ष्यों की घोषणा की थी।
पीएम मोदी ने उस अवसर पर मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट की भी घोषणा की थी। जलवायु परिवर्तन भारत की जी20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है। भारत की अध्यक्षता के दौरान नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा और अन्य फैसलों को लेकर अहम नए कदम उठाए गए हैं। सीओपी-28 इन सफलताओं को आगे बढ़ाने का मौका देगा।
उत्तराखंड में सुरंग के पास कचरे के पहाड़ को विशेषज्ञों ने खतरनाक बताया
27 Nov, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तरकाशी । उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए बचाव टीमें जहां काम कर रही हैं उसके पास कचरे का पहाड़ है। यह कचरा उस सुरंग के निर्माण के दौरान इकट्ठा हुआ है जो महत्वाकांक्षी चार धाम प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
कचरे का यह विशाल हिस्सा पहाड़ी पर है। भारी बारिश होने पर इसे कीचड़ में बदलने और नीचे की ओर आवासीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक दीवार नहीं है।
हिमालय के करीब इन संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों के लिए सख्त दिशानिर्देश लागू हैं। इसके तहत मलबे के निपटान के लिए एक उचित योजना शामिल है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि निर्माण अपशिष्ट स्थानीय इकोसिस्टम को नुकसान न पहुंचाए या उसके लिए खतरा पैदा न करे।
जियोलाजिस्ट और उत्तराखंड हार्टिकल्चर एंड फारेस्ट्री यूनिवर्सिटी में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर डॉ एसपी सती ने एक समाचार पोर्टल को बताया कि यह अपशिष्ट डंप एक विनाशकारी आपदा है? उन्होंने बताया, कूड़े के नीचे के हिस्से में एक सुरक्षात्मक दीवार का न होना बहुत खतरनाक है, खास तौर पर बरसात के मौसम को देखते हुए। यह कचरा नीचे की ओर जा सकता है और नीचे की ओर बहने वाले पानी के घनत्व को बढ़ा सकता है।
उन्होंने कहा, इसे देखकर ही मैं कह सकता हूं कि दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र में बाढ़ आती है तो कचरे का ढेर नीचे की ओर बह जाएगा। पानी के साथ निर्माण अपशिष्ट का नीचे की ओर प्रवाह नीचे की ओर बसी बस्तियों के लिए संभावित रूप से विनाशकारी हो सकता है।
उत्तरकाशी में सुरंग 12 नवंबर को ढही थी। उसके बाद से ही चल रहे बचाव अभियान ने कई पर्यावरण विशेषज्ञों को यह बताने के लिए प्रेरित किया है कि संवेदनशील क्षेत्र में जल्दबाजी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विनाशकारी परिणाम कैसे हो सकते हैं।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए लम्बवत ड्रिलिंग शुरू
27 Nov, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तरकाशी । उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 14 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए लम्बवत ड्रिलिंग भी शुरू हो गई है। दूसरा सबसे अच्छा विकल्प माने जाने वाली लम्बवत ड्रिलिंग का काम दोपहर के आसपास शुरू हुआ और 15 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि 86 मीटर की लम्बवत ड्रिलिंग के बाद फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग की ऊपरी परत को तोड़ना होगा। श्रमिकों को बचाने के लिए छह योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, लेकिन अब तक का सबसे अच्छा विकल्प क्षैतिज ड्रिलिंग है, जिसके तहत 47 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। ‘साइडवे ड्रिलिंग (लंबवत ड्रिलिंग) करने वाली मशीनों के रात के दौरान बचाव स्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। उधर क्षैतिज ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्सों को सुरंग से बाहर निकालने का काम जारी है। इस उद्देश्य के लिए मैग्ना और प्लाज्मा कटर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। एक बार टूटे हुए हिस्सों को निकाल लेने के बाद फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 15 मीटर की खुदाई हाथों से की जाएगी, हालांकि इसमें समय लग सकता है।
सिलक्यारा सुरंग के अंदर मलबे में फंसी ऑगर मशीन के हिस्सों को काटने और निकालने के लिए रविवार को हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर भेजा गया था।
अधिकारियों के लिए बचाव कार्य फिर से शुरू करने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना आवश्यक है, जिसमें श्रमिकों को निकालने का रास्ता तैयार करने के लिए मलबे के माध्यम से पाइप को हाथ से धकेलना शामिल है। लंबवत ड्रिल के लिए ड्रिल मशीन का एक हिस्सा भी सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर भेजा गया है।
भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक इंजीनियर समूह, मद्रास सैपर्स की एक इकाई, बचाव कार्यों में सहायता के लिए रविवार को साइट पर पहुंची।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान के लिए कही बड़ी बात
26 Nov, 2023 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्रीनगर। आतंकवाद को लेकर जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत के पास आतंकवाद के खात्मे की इच्छा शक्ति और रणनीति दोनों हैं। इसलिए पाकिस्तान को समझना चाहिए कि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ जैसी हरकतों से उसे बचना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने शनिवार को कहा कि सीमा पार की सरकार जम्मू और कश्मीर के नागरिकों और यहां के विकास के लिए हानिकारक हैं। पाक लगातार कश्मीर में शांति को बाधित करने और घाटी को आतंकवाद और हिंसा के काले दिनों में वापस खींचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों को खतरे के प्रति जागरूक करते हुए और सतर्क रहने के लिए कहा है। आपको बता दें कि उनकी यह टिप्पणी राजौरी मुठभेड़ के ठीक बाद आई है। इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने एक गुफा के अंदर छिपे दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था।
राजौरी जिले के बाजीमल इलाके में आतंकवादियों और सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ में दो वरिष्ठ रैंकिंग अधिकारियों सहित पांच सैनिकों की भी जान चली गई। सेना ने जिन दो आतंकवादियों को मार गिराया उनमें लश्कर-ए-तैयबा का स्नाइपर कारी भी शामिल था। वह कश्मीर में हाल की कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। राजौरी गोलाबारी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की पहचान कैप्टन एम वी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, लांस नायक संजय बिष्ट, पैराट्रूपर सचिन लौर और हवलदार अब्दुल माजिद के रूप में की गई।
शनिवार को पुंछ में एक जनता दरबार के मौके पर डीजीपी स्वैन ने कहा, हाल की घटनाओं से मुझे अत्यधिक चिंतित होने का कोई कारण नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि एक आम नागरिक, विशेष रूप से वहां रहने वाला जम्मू प्रांत के लोगों को मानसिक रूप से सतर्क रहना चाहिए। हालांकि भारत को नुकसान पहुंचाने की उनकी क्षमता वैसी नहीं है जैसी वे इसे पेश करना चाहते हैं।उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सीमा पार आतंकवाद कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। डीजीपी ने कहा, कोई भी इस वास्तविकता से दूर नहीं भाग रहा है कि यह एक चुनौती है। लेकिन भारत सरकार के पास साधन, इच्छाशक्ति और इसे हराने का संकल्प है।