धर्म एवं ज्योतिष
शाम के समय किसी को भी ना दें ये 6 चीजें, महालक्ष्मी होंगी नाराज और बढ़ेंगी परेशानियां
19 Feb, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दान पुण्य करने को शास्त्रों में मोक्ष का द्वारा माना गया है लेकिन अगर दान गलत समय पर किया जाए तो यह आपके लिए परेशानी भी खड़ी कर सकता है. ज्योतिष शास्त्र में सुख-शांति और समृद्ध जीवन के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, इन नियमों का पालन करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और हर तरह की परेशानी दूर रहती है. ज्योतिष के इन नियमों से एक नियम यह भी है कि शाम के समय कुछ चीजों का दान भूलकर भी ना करें और अगर ये चीजें पड़ोसी भी मांगने आएं तो देने से साफ मना कर दें क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है. आइए जानते हैं कि शाम के समय कौन सी चीजें नहीं देनी चाहिए…
शाम के समय ना दें ये चीजें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शाम के समय भूलकर भी किसी को दूध-दही नहीं देना चाहिए क्योंकि दूध-दही का संबंध भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ शुक्र ग्रह से भी है इसलिए शाम के समय किसी को भी दूध दही नहीं देना चाहिए. अगर पड़ोसी भी आपसे दूध या दही मांगने आए तो उनको देने से साफ मना कर दें, ऐसा करने से घर की बरकत चली जाती है.
शाम के समय ना लगाएं झाड़ू
शाम के समय किसी को भी घर की झाड़ू नहीं देना चाहिए क्योंकि झाड़ू का संबंध माता लक्ष्मी से माना जाता है. अगर आप किसी को घर की झाड़ू देते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने घर की लक्ष्मी को किसी और को दे रहे हैं. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि शाम के समय किसी को भी घर में झाड़ू भी नहीं लगानी चाहिए. ऐसा करने से घर का धन बाहर चला जाता है और माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं.
शाम के समय ना करें लेन-देन
शाम के समय हमेशा ध्यान रखें कि घर के मेन गेट हमेशा खोलकर रखना चाहिए और धन का लेन देन करने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शाम के समय माता लक्ष्मी घर-घर आती हैं लेकिन आप किसी को धन देते हैं तो यह धन देना माता लक्ष्मी को विदा करने समान भी माना जाता है. इसलिए भूलकर भी शाम के समय धन का लेन देन करने से बचना चाहिए.
ऐसा करने से तरक्की में आती है बाधा
शाम के समय भूलकर भी किसी को नमक और सुई नहीं देनी चाहिए. ये घर की महत्वपूर्ण चीजें हैं इसलिए ध्यान रखें कि शाम के समय ये चीजें किसी को ना दें. शाम के समय किसी को नमक और सुई देने से दोनों के बीच विवाद बढ़ने की आशंका बनी रहती है और घर के सदस्यों की तरक्की नहीं हो पाती. साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि शाम के समय ना सोएं, यह भी आपकी तरक्की में बाधक बन सकता है.
ऐसा करने से गुरु ग्रह होते हैं कमजोर
गुरुवार की शाम को भूलकर भी किसी को हल्दी नहीं देनी चाहिए क्योंकि हल्दी का संबंध देवताओं के गुरु बृहस्पति से है. गुरु ग्रह भाग्य, धन, वैभव, वैवाहिक जीवन आदि के कारक ग्रह हैं और शाम के समय हल्दी देने से कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर होती है और धन व वैभव में भी कमी आ जाती है. कुंडली में अगर गुरु की स्थिति मजबूत होती है तो जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती.
ऐसा करना माना जाता है अशुभ
शाम के समय भूलकर भी किसी को प्याज और लहसुन नहीं देना चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना जाता है. क्योंकि प्याज और लहसुन का संबंध केतु ग्रह से होता है और केतु का संबंध ऊपरी ताकत और जादू टोने से माना जाता है. इसलिए भूलकर भी शाम के समय किसी को भी चाहें वह कितना भी प्रिय हो, उनको प्याज और लहसुन नहीं देना चाहिए.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
19 Feb, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा तथा कार्यवृत्ति में सुधार होगा।
वृष राशि :- कार्य योजना पूर्ण होगी, रुके कार्य निपटा लेवें, कार्य योजना से लाभ अवश्य होगा।
मिथुन राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी, बिगड़े हुये कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
कर्क राशि :- समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे तथा कार्य कुशलता से हर्ष अवश्य होगा।
सिंह राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बिगड़े कार्य बनेंगे।
कन्या राशि :- अर्थ व्यवस्था अनुकूल होने पर भी धन लाभ की संभावना नहीं है, दु:ख होगा।
तुला राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद होगा तथा कार्य कुशलता से लाभ होगा।
वृश्चिक राशि :- कार्य कुशलता अनुकूल रहेगी, धन का व्यय संभव है, समय का ध्यान रखें।
धनु राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, चिन्ता कम अवश्य होगी।
मकर राशि :- आशानुकूल सफलता से संतोष होगा तथा चिन्ता में कमी, धैर्य से काम लें।
कुंभ राशि :- विरोधियों के आक्षेप से हानि होगी, मानसिक व्यग्रता अवश्य ही बनेगी।
मीन राशि :- मनोवृत्ति संवेदनशील बनेगी, कार्य-व्यवसाय गति अनुकूल बनेगी।
अच्छे लीडर और बुद्धिमान होते हैं पहले, दूसरे पहर में जन्मे जातक, हर क्षेत्र में पाते हैं सफलता, लेकिन यहां झेलनी पड़ती है परेशानी!
18 Feb, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जन्म के समय का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और यह असर व्यक्ति की कुंडली के ग्रह, नक्षत्र और अन्य ज्योतिषीय कारकों के आधार पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जन्म के समय के ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वभाव और भविष्य को निर्धारित करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म के समय की ग्रह स्थिति से यह पता चलता है कि व्यक्ति का जीवन कैसा होगा और वह किस दिशा में अग्रसर होगा. इस विषय में विस्तार से जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से उन व्यक्तियों के बारे में जो सुबह के समय जन्म लेते हैं, उनके जीवन के बारे में ज्योतिष के दृष्टिकोण से.
सुबह जन्मे व्यक्तियों का व्यक्तित्व और जीवन
ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि सूर्योदय का समय एक विशेष महत्व रखता है. यह समय दिन के पहले प्रहर का होता है, जो आम तौर पर सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच माना जाता है. इस समय जन्म लेने वाले व्यक्तियों का जीवन खासतौर पर उन्नति से भरा होता है. हालांकि, प्रारंभिक जीवन में इनका स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर रह सकता है, लेकिन समय के साथ ये लोग जल्दी सुधार कर अपने जीवन में सफलताओं के नए मुकाम पर पहुंचते हैं.
प्रथम प्रहर में जन्मे जातक
प्रथम प्रहर, जो सूर्योदय के बाद से लेकर सुबह 9 बजे तक का समय है, विशेष रूप से शुभ माना जाता है. इस समय जन्मे व्यक्ति का दिमाग तेज और सत्य के प्रति गहरी निष्ठा रखने वाला होता है. ये लोग किसी भी कार्य में दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के साथ सफलता प्राप्त करते हैं. यह समय शुभ होने के कारण इनके जीवन में जीवन के बाद के सालों में सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है. हालांकि, इनकी शुरुआत में स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन जल्द ही ये समस्याओं से बाहर निकलकर अपनी मंजिल को प्राप्त करते हैं.
रामायण-महाभारत काल के वो अस्त्र जिससे छूटते थे असुरों के पसीने
18 Feb, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय इतिहास में दो महाकाव्य हैं, रामायण और महाभारत. दोनों ही ग्रंथों में अनेक शूरवीर योद्धाओं का वर्णन है जिन्होंने अपने पराक्रम से तीनों लोकों को प्रभावित किया. इन योद्धाओं के पास अद्भुत अस्त्र-शस्त्र थे जिनमें से कुछ तो इतने शक्तिशाली थे कि उनकी टंकार मात्र से ही तीनों लोक कांप उठते थे. ऐसा ही एक धनुष था “गांडीव”. यह अर्जुन का धनुष था जो इतना शक्तिशाली था कि उसकी टंकार से शत्रुओं के हृदय में भय उत्पन्न हो जाता था.
अर्जुन को किसने दिया था गांडीव
गांडीव को स्वयं ब्रह्मा ने अर्जुन को प्रदान किया था और यह इतना शक्तिशाली था कि इसे धारण करने वाले योद्धा को कोई भी पराजित नहीं कर सकता था. गांडीव की शक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने इसी धनुष से कौरवों की विशाल सेना का संहार किया था. गांडीव की टंकार से ही कौरवों के रथों के पहिए टूट गए थे और उनके हाथियों के चिंघाड़ बंद हो गए थे.
भगवान शिव का धनुष
गांडीव के अलावा एक और धनुष था जिसकी टंकार से तीनों लोक कांप उठते थे. इस धनुष का नाम था “पिनाक”. यह भगवान शिव का धनुष था और यह इतना शक्तिशाली था कि इसकी टंकार से ही पृथ्वी कांप उठती थी.
पिनाक को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने के लिए धारण किया था. त्रिपुरासुर एक ऐसा राक्षस था जिसने अपनी शक्ति से तीनों लोकों को त्रस्त कर दिया था. भगवान शिव ने पिनाक की टंकार से ही त्रिपुरासुर के तीनों नगरों को ध्वस्त कर दिया था.
भगवान राम का धनुष
रामायण में भी एक ऐसे धनुष का वर्णन है जिसकी टंकार से तीनों लोक कांप उठते थे. इस धनुष का नाम था “कोदंड”. यह भगवान राम का धनुष था और यह इतना शक्तिशाली था कि इसकी टंकार से ही राक्षसों के हृदय में भय उत्पन्न हो जाता था.
कोदंड को भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए धारण किया था. रावण एक ऐसा राक्षस था जिसने अपनी शक्ति से तीनों लोकों को त्रस्त कर दिया था. भगवान राम ने कोदंड की टंकार से ही रावण की लंका को ध्वस्त कर दिया था.
यह तीनों धनुष- गांडीव, पिनाक और कोदंड भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली धनुषों में से एक थे. इनकी टंकार मात्र से ही तीनों लोक कांप उठते थे और इनके धारक योद्धाओं ने अपने पराक्रम से इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया.
शनिदेव साल 2025 के अंत तक इन 5 राशिवालों पर रहेंगे मेहरबान! कर्मफलदाता की कृपा से हर काम होगा आसान, देखें अपनी राशि
18 Feb, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल 2025 शुरू हुए लगभग 2 माह बीतने वाले हैं. इस साल कई प्रमुख ग्रहों की चाल में बदलाव होगा. अगले माह यानी मार्च 2025 में शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि किसी एक राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं फिर दूसरी राशि में गोचर करते हैं. इसलिए शनिदेव को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. इसलिए इसका शनि का शुभ-अशुभ प्रभाव भी किसी राशि पर अधिक दिनों तक रहता है. वैसे तो शनि को क्रूर ग्रह माना गया है, लेकिन इस साल 2025 के अंत तक कर्मफलदाता, न्यायाधीश और दंडाधिकारी शनिदेव कुछ राशि के जातकों पर जमकर कृपा बरसाएंगे. इन
शनिदेव कब करेंगे राशि परिवर्तन
सभी नौ ग्रहों की अलग-अलग राशियां होती हैं. यदि शनि ग्रह की बात करें तो वह 29 मार्च 2025 को शनि गुरु की राशि मीन में प्रवेश कर जाएंगे. यहां पर वे 3 जून 2027 तक रहेंगे. शनि के ढाई वर्षों बाद राशि परिवर्तन से कुछ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती खत्म होगी तो कुछ पर साढे़साती शुरू होगी.
इन राशिवालों पर कृपा बरसाएंगे शनिदेव
कर्क: शनि और शुक्र कर्क राशि के आठवें घर में युति करते हैं. इससे इन राशि वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में अचानक वृद्धि होगी. लंबे समय से लंबित कार्य सफलतापूर्वक पूरे होंगे. उन्हें पेशेवर तौर पर कई अच्छे परिणाम मिलेंगे.
तुला: इस राशि शनि देव की सबसे प्रिय राशियों में से एक मानी जाती है और यह शनि ग्रह की उच्च राशि होती है. इस राशि के लोगों पर शनि देव हमेशा मेहरबान रहते हैं. अगर कुंडली में शनि सही जगह पर हो, तो ये लोगों को खूब तरक्की देते हैं.
धनु: इस राशि के स्वामी बृहस्पति हैं और शनि देव और बृहस्पति के बीच दोस्ती का रिश्ता है. इसलिए धनु वालों पर शनि देव हमेशा कृपा बरसाते हैं. जब शनि की साढ़ेसाती चलती है, तब भी धनु राशि वालों को नुकसान की जगह फायदा होता.
मकर: मकर राशि भी शनिदेव की प्रिय राशि मानी जाती है. इस राशि के जातकों पर शनिदेव हमेशा अपनी कृपा बरसाते हैं. कहा जाता है कि शनि की पूजा करने से मकर राशि वालों की सारी परेशानियां दूर होती हैं.
कुंभ: कुंभ राशि भी शनि देव की प्रिय राशि है. इस राशि के लोग अक्सर धनवान और खुशहाल होते हैं. शनि देव इन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. कुंभ राशि के लोगों को कभी धन की कमी नहीं होती, और इनके काम भी आसानी से पूरे हो जाते हैं.
भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से पहले जान लें ये कुछ नियम, हर मनोकामना होगी पूरी
18 Feb, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पंडित अशोक शास्त्री इस व्रत के कुछ नियम बता रहे हैं.
महाशिवरात्रि व्रत के नियम
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए.
स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र आदि अर्पित करने चाहिए.
व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए.
फलाहार या फिर केवल दूध का सेवन किया जा सकता है.
व्रत के दिन क्रोध, लोभ, मोह आदि विकारों से दूर रहना चाहिए.
व्रत के दिन भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह भगवान शिव का प्रिय बनता है.
महाशिवरात्रि व्रत की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान शिव को जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र आदि अर्पित किए जाते हैं. भगवान शिव को धूप, दीप, नैवेद्य आदि भी अर्पित किए जाते हैं. भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी किया जाता है.
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
महाशिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह भगवान शिव का प्रिय बनता है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
18 Feb, 2025 01:05 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी, अनावश्यक व्यय होगा, रुके कार्य बन जायेंगे।
वृष राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, सफलता के साधन जुटायें, कार्य व्यवसाय में लाभ होगा।
मिथुन राशि :- समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे, कार्यक्षेत्र में सफलता अवश्य मिलेगी।
कर्क राशि :- अशुद्ध गोचर रहने से विशेष कार्य स्थगित रखें, लेन-देन के मामले में हानि संभव है।
सिंह राशि :- सामाजिक कार्य में प्रभुत्व वृद्धि होगी, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा इष्ट मित्रों से लाभ होगा।
कन्या राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा।
तुला राशि :- परिश्रम से सफलता संभावित हैं तथा आश्वासन से कार्य में विलम्ब होगा ध्यान दें।
वृश्चिक राशि :- भाग्य का सितारा साथ देगा, समय अनुकूल है रुके कार्य बना ही लें।
धनु राशि :- समय विशेष अनुकूल है, भाग्य का सितारा साथ देगा, विशेष कार्य बन जायेंगे।
मकर राशि :- समय अनुकूल नहीं, समय के साथ कार्य करते रहें थोड़ा लाभ अवश्य होगा।
कुंभ राशि :- विशेष कार्य करेंगे, अपेक्षाकृत अनुकूल समय तथा व्यवसाय के कार्य होंगे।
मीन राशि :- मित्र वर्ग से हर्ष, कार्य-व्यवसाय में समृद्धि के साधन अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
कब पड़ेगी फाल्गुन मास की अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और तिथि
17 Feb, 2025 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फाल्गुन अमावस्या 2025: प्रत्येक माह की 15वीं तिथि को अमावस्या का पर्व मनाया जाता है, जिसे पितरों के तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, जिसके बाद पितरों का तर्पण करने के साथ-साथ दान भी किया जाता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर भी संतुष्ट होते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से, इस दिन पितर धरती पर आते हैं, और यदि उनका विधिपूर्वक तर्पण किया जाए, तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है। वर्तमान में हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन का महीना चल रहा है, तो आइए जानते हैं कि फाल्गुन माह की अमावस्या कब आएगी।
फाल्गुन अमावस्या 2025 तिथि?
फाल्गुन अमावस्या 2025 की तिथि के अनुसार, वैदिक पंचांग में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और इसका अंत 28 फरवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
फाल्गुन अमावस्या 2025 का शुभ मुहूर्त
अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, और यदि यह स्नान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाए तो इसका फल और भी अधिक होता है। पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी को सुबह 5 बजकर 8 मिनट से लेकर 5 बजकर 58 मिनट तक का समय ब्रह्म मुहूर्त के लिए निर्धारित है। फाल्गुन अमावस्या के अवसर पर स्नान के बाद दान करने की परंपरा है। दान के बाद विधिपूर्वक पूजा का आयोजन किया जाना चाहिए। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा, जिसे अभिजित मुहूर्त माना जाता है। इसके अतिरिक्त, शाम को 6 बजकर 7 मिनट से लेकर 6 बजकर 42 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त भी रहेगा।
शिवरात्रि पर दिल्ली के इन मंदिरों में करें दर्शन, भगवान बरसाएंगे कृपा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम!
17 Feb, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महज अब कुछ ही दिन में शिवरात्रि का महापर्व आने वाला है, इसलिए आज हम आपको दिल्ली एनसीआर के कुछ ऐसे महादेव के मंदिर के बारे में बताएंगे जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं. इस मंदिरों का इतिहास सालों पुराना है. मान्यता है कि यहां पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है.
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर का मंदिर 800 साल पुराना है. यहां आपको एक अद्भुत शिवलिंग का दर्शन करने को मिलगा. इसके साथ ही इस मंदिर के बेसमेंट में आपको एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगक का दर्शन करने को मिलेगा. तो अब दिल्ली में ही बैठे भोलेनाथ के सभी स्वरूप के दर्शन इस मंदिर में कर सकते हैं. तो शिवरात्रि के दिन यहां आप भोलेनाथ की पूजा करने जा सकते हैं.
दिल्ली के निगमबोध घाट के पास नीली छतरी मंदिर स्थित है, जिसे पांडवों ने महाभारत काल में भगवान शिव को समर्पित करने के लिए यह मंदिर बनवाया था. आज भी यहां पूजा करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है.
राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित शिव मंदिर दिल्ली की सबसे पुराने मंदिर में से एक है. शिव मंदिर का इतिहास उर्दू और हिंदी में लिखा है. वहीं इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं.
दिल्ली का मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में भगवान शिव की 100 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है. जिसे कांसे से बनाई गई हैं. मंदिर की सुंदरता को देखने और आध्यात्मिक वातावरण में शांति महसूस करने के लिए यहां भक्तों की रोजाना काफी भीड़ लगी रहती है. शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आप यहां जा सकते हैं.
300 साल में पहली बार भक्तों के बीच आएंगे ठाकुर जी, 19 से 25 फरवरी तक भव्य महोत्सव का आयोजन
17 Feb, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश के खरगोन में इस साल एक ऐतिहासिक आयोजन होने वाला है, जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है. यहां 300 साल में पहली बार भगवान गोपाललालजी (ठाकुरजी) भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण करेंगे. खास बात ये है कि, इस भव्य शोभायात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे. संत-महात्मा बग्घियों और वाहनों में विराजमान होकर नगरवासियों को आशीर्वाद प्रदान करेंगे. यह महोत्सव सात दिन तक चलेगा, जिसमें हर दिन विशेष धार्मिक कार्यक्रम होंगे.
बता दें कि, जिला मुख्यालय से करीब 80 km दूर संतों की नगरी बड़वाह में भगवान गोपाललालजी के 300वें वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 19 से 25 फरवरी तक भव्य महोत्सव मनाया जाएगा. जिसको लेकर पूरे नगर को आकर्षक विद्युत सज्जा, ध्वज और बैनरों से सजाया जा रहा है. दरअसल, महंत नरहरिदास महाराज के शिष्य महंत हनुमदास महाराज के सान्निध्य में निकलने वाली शोभायात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, 10 चलित झांकियां और तीन अन्य झांकियां शामिल रहेंगी.
अलग-अलग दिन होंगे विभिन्न अनुष्ठान
महंत हनुमानदास महाराज ने बताया कि, पहली बार भगवान गोपाललाल जी का नगर भ्रमण बड़वाह में होगा. स्थानीय नागेश्वर मंदिर परिसर में 7 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान होंगे. हर दिन सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक वेदपाठी पंडितों द्वारा सहस्रार्चन महाभिषेक किया जाएगा. 19 फरवरी को ध्वजारोहण, कलश स्थापना और मंडल पूजन होगा. 20 फरवरी को 1100 लीटर दूध से महाअभिषेक, 21 फरवरी को 251 किलो फूलों और 22 फरवरी को 51 हजार तुलसी दल से सहस्रार्चन होगा. रोजाना रात 8 से 12 बजे तक प्रसिद्ध भजन कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा.
भगवान को लगाएंगे छप्पन भोग
वहीं, 24 फरवरी को श्री गोपाल महायज्ञ होगा और भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा. श्रद्धालुओं के लिए मंदिर भक्त मंडल द्वारा प्रतिदिन शाम 6 से रात 9 बजे तक भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी की गई है. आखरी दिन 25 फरवरी को पूर्णाहुति और भव्य भंडारे के साथ महोत्सव का समापन होगा. गौरतलब है कि, आयोजक को लेकर नगर के प्रमुख मार्गों को रंग-बिरंगी लाइटों, ध्वज, पताका और बैनरों से सजाया जा रहा है.
चमत्कार....! कुआं खोदने से पहले किसान आते हैं मंदिर....मिलता है मीठे पानी का वरदान... मूछों वाले बालाजी की क्या है मान्यता
17 Feb, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो काफी रहस्यमयी हैं, जिनके रहस्यों को आज तक कोई नहीं जान पाया है. आज हम आपको एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां काफी संख्या में भक्त दूसरे प्रदेशों से भी आते हैं. दरअसल यह मंदिर नागौर जिले से सटे नावां रोड स्थित भगवानपुर गांव में है, जिसे फोगेवाले बालाजी के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर दक्षिण मुखी है, जहां मंगलवार को शनिवार को बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. यहां बालाजी की मूर्ति की मूंछें हैं.
मीठे पानी का किसानों को मिलता है वरदान
आपको बता दें, मंदिर की बनावट बहुत सुंदर व भव्य है. इस मंदिर में किसान भी बड़ी संख्या में आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इन्हें मीठे पानी का वरदान मिलता है. हाल ही में मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया गया है. मंदिर के एक बड़े हिस्से में सत्संग व जागरण के लिए बड़ा भवन भी बना हुआ है. इतना ही नहीं मंदिर परिसर में ही दूसरी ओर ठाकुर जी का मंदिर भी बना हुआ है. मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार पर एक पीने के पानी की प्याऊ भी बनी है.
अनोखा है मूंछों वाले बालाजी का मंदिर
आपको बता दें, कि भगवानपुर स्थित दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर फोगे वाले बालाजी के नाम से जाना जाता है. मंदिर विशाल भूभाग में स्थित है. फोगे वाला बालाजी एक मात्र ऐसा मंदिर है जो दक्षिण मुखी है. जहां बालाजी की मूर्ति पर मूंछें हैं. इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है. यहां भक्त अक्सर मन्नत मांगने आते हैं. मंदिर पुजारी बताते हैं कि यहां गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी भक्त आते हैं.
किसानों के लिए क्यों खास है यह मंदिर
बता दें, कि भगवानपुरा स्थित फोगे वाले बालाजी के मंदिर में बड़ी संख्या में किसान मंगलवार व शनिवार को एक नारियल के साथ आते हैं. वे अपने खेत में कुआं बावड़ी बोरिंग को खोदने से पहले यहां पर मीठे पानी की जानकारी के लिए आते हैं. किसान नारियल के आधार पर ही तय करते हैं कि उसे किस जगह खुदाई करनी है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में किसानों को मीठे पानी का वरदान मिलता है.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
17 Feb, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- धन का व्यय संभव, तनाव पूर्ण वातावरण से बचें, रुके कार्य बन जायेंगे।
वृष राशि :- चिन्तायें कम होंगी, सफलता के साधन जुटायें तथा शुभ समाचार मिलेगा।
मिथुन राशि :- चिन्ताओं का समय पर निराकरण करें, शुभ समाचार मिलेगा, समय का ध्यान रखें।
कर्क राशि :- सोचे कार्य परिश्रम से समय पर पूर्ण होंगे, व्यवसायिक गति मंद रहेगी।
सिंह राशि :- सामाजिक मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, कार्य कुशलता से संतोष होगा, समय का ध्यान अवश्य रखें।
कन्या राशि :- अधिकारियों का समर्थन फलप्रद रहेगा, कार्य कुशलता से संतोष अवश्य होगा।
तुला राशि :- दैनिक व्यवसायिक गति उत्तम तथा व्यवसायिक चिन्तायें कम अवश्य होंगी।
वृश्चिक राशि :- कार्यगति में सुधार होगा, असमंजस का वातावरण रहेगा, धैर्य पूर्वक कार्य करें।
धनु राशि :- स्थिति पर नियंत्रण रखकर कार्य करें, मानसिक उद्विघ्नता रहेगी, धैर्य रखें।
मकर राशि :- मानसिक खिन्नता एवं स्वभाव में अशांति, उद्विघ्नता अवश्य बनेगी।
कुंभ राशि :- योजनायें फलीभूत होंगी, विघटनकारी तत्व परेशान अवश्य ही करेंगे।
मीन राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक रहेगा तथा कार्य कुशलता से संतोष होगा।
सूर्य-शनि की युति से मौज में रहेंगे मेष, कन्या समेत ये 5 राशि वाले, धन और करियर के मामले में मिलेगी बड़ी सफलता
16 Feb, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कुंभ राशि में सूर्य और शनि की युति बन रही है और इन ग्रहों के साथ बुध ग्रह भी इसी राशि में विराजमान हैं, जिससे बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है. इन शुभ योग का शुभ फल के प्रभाव से 5 राशियों को अच्छा फायदा मिलेगा. आइए जानते हैं कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से किन किन राशियों को क्या-क्या लाभ मिलेगा.
कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से मेष राशि वालों को सरकारी क्षेत्र में अच्छा फायदा मिल सकता है. अगर आपका जरूरी कार्य अटका हुआ है तो इस अवधि में पूरा होने की संभावना बन रही है. इस दौरान आपको करियर के क्षेत्र में अच्छी प्रगति देखने को मिलेगी और आपकी सैलरी में वृद्धि भी देखने को मिलेगी. नौकरी पेशा जातकों को ऑफिस में सहयोगियों और अधिकारियों का पूरा साथ मिलने की संभावना बन रही है. इस अवधि में किया गया शुभ कार्य फलदायक रहेगा और आपको किसी पुराने निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.
कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से मेष राशि वालों को सरकारी क्षेत्र में अच्छा फायदा मिल सकता है. अगर आपका जरूरी कार्य अटका हुआ है तो इस अवधि में पूरा होने की संभावना बन रही है. इस दौरान आपको करियर के क्षेत्र में अच्छी प्रगति देखने को मिलेगी और आपकी सैलरी में वृद्धि भी देखने को मिलेगी. नौकरी पेशा जातकों को ऑफिस में सहयोगियों और अधिकारियों का पूरा साथ मिलने की संभावना बन रही है. इस अवधि में किया गया शुभ कार्य फलदायक रहेगा और आपको किसी पुराने निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.
कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से सिंह राशि वालों को धन के मामले में अच्छा फायदा मिलेगा. अगर आपने कोई नया बिजनस स्टार्ट किया है तो आपको इस अवधि में अच्छा लाभ मिलने की संभावना बन रही है. इस राशि के जो जातक निवेश करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए तरक्की के कई रास्ते खोलेगी. अगर आपका धन कहीं अटका हुआ है तो इस अवधि में वापस आने की संभावना बन रही है. वैवाहिक और लव लाइफ अच्छी रहेगी और पार्टनर का हर कदम पर सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपकी कई चिंताएं दूर होंगी.
कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से सिंह राशि वालों को धन के मामले में अच्छा फायदा मिलेगा. अगर आपने कोई नया बिजनस स्टार्ट किया है तो आपको इस अवधि में अच्छा लाभ मिलने की संभावना बन रही है. इस राशि के जो जातक निवेश करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए तरक्की के कई रास्ते खोलेगी. अगर आपका धन कहीं अटका हुआ है तो इस अवधि में वापस आने की संभावना बन रही है. वैवाहिक और लव लाइफ अच्छी रहेगी और पार्टनर का हर कदम पर सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपकी कई चिंताएं दूर होंगी.
कुंभ राशि में बन रही सूर्य और शनि की युति से तुला राशि वालों को बिजनस में अच्छा लाभ मिलेगा. जीवन के हर क्षेत्र में आपकी चिंताएं दूर होती जाएंगी और नौकरी व कारोबार में दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की भी करेंगे. ग्रहों के शुभ प्रभाव से आपका स्वास्थ्य बेहतर होता जाएगा और आपके बैंक बैलेंस में अच्छी बढ़ोतरी भी होगी. अगर आप जमीन में निवेश करना चाहते हैं तो इस अवधि में आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है और इसका भविष्य में आपको अच्छा लाभ भी मिलेगा.
सूर्य और शनि की युति आपकी ही राशि में बन रही है, जिससे आपको जीवन के सभी क्षेत्रों में अच्छा फायदा मिलेगा. रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं को इस अवधि में अच्छा समाचार मिलने की संभावना बन रही है और कई खास लोगों से आपकी जान पहचान भी बढ़ेगी. वैवाहिक जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे और हर कदम पर एक-दूसरे का सहयोग भी करेंगे. कुंभ राशि वालों को इस अवधि में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपका स्वास्थ्य पहले से बेहतर होता जाएगा.
महाशिवरात्रि पर बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीया रखने से क्या होगा? किस वक्त जलाना शुभ, जानें इससे होने वाले 5 लाभ
16 Feb, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में तुलसी, नीम, बरगद, बेलपत्र और शमी आदि को देवताओं के स्वरूप में पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि, इन पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है. देवगणों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए लोग इन पेड़-पौधों के नीचे दीया जलाते हैं. बेलपत्र ऐसे ही चमत्कारी पौधों में से एक है. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) के दिन इस पौधे के नीचे दीया जलाने की परंपरा है. ऐसा करने से देवो के देव महादेव प्रसन्न हो जातक को आशीर्वाद देते हैं. लेकिन, दीया को हमेशा सही समय पर ही जलाने लाभकारी होगा. अब सवाल है कि आखिर बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीया क्यों जलाते हैं? महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र के नीचे किस समय दीया जलाना चाहिए? क्या हैं दीपक जलाने के नियम हैं?
महाशिवरात्रि पर बेलपत्र के नीचे क्यों जलाएं दीया?
महाशिवरात्रि का दिन भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है. इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को पड़ रही है. इन दिन शिवजी का आशीर्वाद पाने के लिए लोग तमाम उपाय करते हैं. लेकिन, बेल के पेड़ के नीचे दीया जलाना अधिक फायदेमंद हो सकता है. शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन बेल के पेड़ की जड़ में दीपक जलाने वाले जातक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, बेल के वृक्ष की जड़ में भगवान शिव का वास होता है. इसे लिंग रूप भी कहा जाता है. इसके अलावा, बेलपत्र के पेड़ में मां लक्ष्मी का वास भी होता है. इसलिए रोज दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. साथ ही, ऐसा करने वाले जातक को शिव लोक की प्राप्ति हो सकती है.
बेल के पेड़ के नीचे दीया जलाने का सही समय?
शिवरात्रि के दिन बेल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने की परंपरा है. लेकिन, इस दीया का जलाने किस सयम है इसको लेकर लोगों में कंफ्यूजन होती है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, शिवजी की पूजा रात्रि पहर में करना सबसे शुभ होता है. इसलिए शाम के समय ही बेल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना अधिक शुभ है. अगर समय की बात करें तो शाम को 5 बजे या 7 बजे के मध्य दीपक जलाएं.
बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीया जलाने के लाभ
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र पेड़ के नीचे दीपक जलाने से भगवान महादेव की कृपा होती है. दरअसल, बेलपत्र भगवान शिव का प्रिय पौधा होता है. शिवलिंग पर भी बेलपत्र को अर्पित किया जाता है. खासतौर पर शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाया जाता है.
– वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना बेहद ही अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही, दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.
– ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने वाले जातकों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही वजह है कि भक्त रोजाना बेलपत्र के नीचे दीपक जलाते हैं. मान्यता है कि, ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
– यदि कोई जातक धन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, उन्हें बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है. साथ ही नौकरी और व्यापार में तरक्की होने के योग बनते हैं. ध्यान रखें कि, शाम को सूर्यास्त के बाद घी का ही दीपक जलाएं.
– बेलपत्र के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाते समय पुरुषों को ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. जबकि महिलाओं को इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए. ऐसे में महिलाएं केवन नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
बढ़ाएं घर की समृद्धि! फाल्गुन माह में तुलसी में ये 2 चीजें को करें अर्पित, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न
16 Feb, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिन्दू धर्म में तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है. तुलसी पूजन करने से घर में सौभाग्य, धन और धान्य की भी वृद्धि होती है, क्योंकि तुलसी को साक्षात माता लक्ष्मी का ही रूप माना गया है. माना जाता है जिस घर में तुलसी का पौधा ना हो उस घर की तरक्की रुक जाती है. नकरात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है, लेकिन जिस घर में तुलसी का पौधा हो उस घर में हमेशा सकरात्मक प्रभाव पड़ता है. घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है. वहीं तुलसी हर महीने अलग-अलग विधि से पूजा की जाती है. फाल्गुन के महीने में तुलसी में क्या अर्पण करना चाहिए, जिससे तुलसी माता प्रशन्न हो जानते हैं, देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य?
रोज तुलसी का पूजन करना चाहिए. क्योंकि तुलसी पूजनीय पौधा होता है. तुलसी को पूजने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रशन्न होते हैं. हर महीने मे अलग- अलग विधि से तुलसी का पूजन का महत्व है. वहीं फाल्गुन के महीना शुरु हो चूका है. इस महीने मे भी अलग प्रकार से ही तुलसी का पूजन करनी चाहिए.
फाल्गुन महीने मे कैसे करें तुलसी पूजन?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि फाल्गुन के महीने में होली और महाशिवरात्रि का त्यौहार भी मनाया जाता है. फाल्गुन के महीने में तुलसी का पूजन और रोज करनी चाहिए. इस महीने में हर रोज तुलसी के ऊपर जल और दूध अवश्य अर्पण करनी चाहिए. इसके साथ ही अगर तुलसी में हर रोज अबीर या ग़ुलाल अर्पण करते हैं, तो माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होंगे. सालो भर आपके घर में खुशियां और सुख समृद्धि बनी रहेगी.