धर्म एवं ज्योतिष
8 March 2025 Rashifal: कैसा रहेगा सप्ताह का आखरी दिन जानें 8 मार्च 2025 का राशिफल
8 Mar, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
8 March 2025 Rashifal: आइए जानते हैं, 8 मार्च 2025 को किन राशि वालों को होगा लाभ और किन राशि वालों को बरतनी होगी सावधानी। राशिफल जीवन में आने वाली संभावित घटनाओं, स्वास्थ्य, प्रेम, व्यवसाय, आर्थिक स्थिति आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है। राशिफल में दिये गये फलादेश को जन्म राशि के अनुसार देखना बेहतर है। अगर आपको अपनी जन्म राशि नहीं पता तो आप अपनी नाम राशि से भी भविष्यफल देख सकते हैं। पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक 8 March 2025 Rashifal....
मेष राशिफल (Mesh Rashifal 8 March 2025)
ऊर्जा के अपने ऊँचे स्तर को आज अच्छे काम में लगाएँ। आपका धन कहां खर्च हो रहा है इसपर आपको नजर बनाए रखने की जरुरत है नहीं तो आने वाले समय में आपको परेशानी हो सकती है। क़रीबी दोस्त और साझीदार नाराज़ होकर आपकी ज़िंदगी मुश्किल बना सकते हैं। विवादित मुद्दों को उठाने से बचें, अगर आप आज ‘डेट’ पर जा रहे हैं तो। आज आपके करीबी लोग आपके करीब आने की कोशिश करेंगे लेकिन अपने मन को शांत बनाए रखने के लिए आप एकांत में समय बिताना पसंद करेंगे। किराने की ख़रीदारी को लेकर जीवनसाथी से तक़रार मुमकिन है। आपकी बात को यदि सुना नहीं जा रहा तो आपा न खोएं बल्कि परिस्थिति को समझने की कोशिश करें।
उपाय :- पारिवारिक जीवन की खुशहाली के लिए घर में क्रीम रंग के परदे लगाएं।
वृषभ राशिफल (Vrshabh Rashifal 8 March 2025)
अपने जीवन को चिर-स्थायी न मानें और जीवन के प्रति सजगता को अपनाएँ। आपकी लगन और मेहनत पर लोग ग़ौर करेंगे और आज इसके चलते आपको कुछ वित्तीय लाभ मिल सकता है। घर में उल्लास का माहौल आपके तनावों को कम कर देगा। आप भी इसमें पूरी सहभागिता करें और महज़ मूक दर्शक न बने रहें। अपने प्रिय से दूर होने के बावजूद आप उसकी मौजूदगी महसूस करेंगे। आप खुद को समय देना जानते हैं और आज तो आपको काफी खाली समय मिलने की संभावना है। खाली समय में आज आप कोई खेल-खेल सकते हैं या जिम जा सकते हैं। अपने जीवनसाथी के साथ आप प्यार और रुमानियत से भरे पुराने दिन एक बार फिर जी पाएंगे। काम की अधिकता आज आपको मानसिक रुप से परेशान कर सकती है। हालांकि शाम के वक्त थोड़ी देर ध्यान करके आप अपनी ऊर्जा वापस पा सकते हैं।
उपाय :- साबुत हल्दी बहते जल में प्रवाहित करने से सेहत अच्छी रहेगी।
मिथुन राशिफल (Mithun Rashifal 8 March 2025)
तली-भुनी चीज़ों से दूर रहें और रोज़ाना कसरत करते रहें। फ़ौरी तौर पर मज़े लेने की अपनी प्रवृत्ति पर क़ाबू रखें और मनोरंजन पर ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करने से बचें। आपका जीवनसाथी आपकी सहायता करेगा और मददगार साबित होगा। आपका प्रिय आपको ख़ुश रखने के लिए कुछ ख़ास करेगा। सेमिनार और प्रदर्शनी आदि आपको नई जानकारियाँ और तथ्य मुहैया कराएंगे। आप अपने जीवनसाथी के प्यार की मदद से ज़िन्दगी की मुश्किलों का आसानी से सामना कर सकते हैं। आज आप गुस्से में परिवार के किसी सदस्य को भला-बुरा कह सकते हैं।
उपाय :- चने की दाल गाय को खिलाने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
कर्क राशिफल (Kark Rashifal 8 March 2025)
ख़ुद को ज़्यादा आशावादी बनने के लिए प्रेरित करें। इससे न सिर्फ़ आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और व्यवहार लचीला होगा, बल्कि डर, ईर्ष्या और नफ़रत जैसे नकारात्मक मनोभावों में भी कमी आएगी। अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर आज आप भविष्य के लिए कोई आर्थिक योजना बना सकते हैं और उम्मीद है कि यह योजना सफल भी होगी। काम का तनाव आपके दिमाग़ पर छा सकता है जिसकी वजह से परिवार और मित्रों के लिए वक़्त नहीं निकाल सकेंगे। सावधान रहें, कोई आपसे दिल्लगी या फ़्लर्ट करके अपना उल्लू सीधा कर सकता है। कोई आध्यात्मिक गुरू या बड़ा आपकी सहायता कर सकता है। अगर आपके जीवनसाथी का मन खिन्न है और चाहते हैं की दिन अच्छा गुज़रे, तो चुप्पी साधे रहें। आप कुछ समय अपने व्यक्तित्व को निखारने में लगा सकते हैं, क्योंकि आकर्षक व्यक्तित्व का आत्म-निर्माण में अहम योगदान होता है।
उपाय :- ॐ गं गणपतये नमः इस मंत्र का सुबह-शाम 11 बार उच्चारण करने से पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा।
सिंह राशिफल (Sinh Rashifal 8 March 2025)
जीवन-साथी ख़ुशी की वजह साबित होगा। आर्थिक दृष्टि से आज का दिन मिलाजुला रहने वाला है। आज आपको धन लाभ तो हो सकता है लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। यह परिवार में दबदबा बनाए रखने की अपनी आदतों को छोड़ने का वक़्त है। ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव में उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। आपका बदला हुआ बर्ताव उनके लिए ख़ुशी का सबब साबित होगा। रोमांस के लिए बढ़ाए गए क़दम असर नहीं दिखाएंगे। छात्र-छात्राओं को आज अपने काम को कल पर नहीं टालना चाहिए, आपको जब भी खाली समय मिले अपने काम को पूरा कर लें। ऐसा करना आपके लिए हितकारी है। अपने जीवनसाथी को सरप्राइज़ देते रहें, नहीं तो वह ख़ुद को आपके जीवन में महत्वहीन समझ सकता है। आज किसी बुजुर्ग के साथ आपकी कहासुनी हो सकती है ऐसे में अपने गुस्से को काबू में रखें।
उपाय :- दूध में हल्दी डालकर पीने व नहाने वाले पानी में हल्दी डालकर स्नान करने से पारिवारिक जीवन अच्छा होगा।
कन्या राशिफल (Kanya Rashifal 8 March 2025)
ज़रूरत से ज़्यादा खाने से बचें और सेहतमंद रहने के लिए नियमित व्यायाम करें। नए क़रार फ़ायदेमंद दिख सकते हैं, लेकिन वे उम्मीद के मुताबिक़ लाभ नहीं पहुँचाएंगे। निवेश करते समय जल्दबाज़ी में निर्णय न लें। परिवार के सदस्यों का आपके जीवन में विशेष महत्व होगा। आज के इस ख़बसूरत दिन प्रेम-संबंध में आपकी सभी शिकायतें ग़ायब हो जाएंगी। आज समय की नजाकत को देखते हुए आप अपने लिए समय निकाल सकते हैं लेकिन ऑफिस के किसी काम के अचानक आ जाने के कारण आप ऐसा करने में सफल नहीं हो पाएँगे। वैवाहिक जीवन में गर्मजोशी और गर्म खाने की बहुत एहमियत है; आप आज दोनों का ही लुत्फ़ उठा सकते हैं। कोई वाद्ययंत्र बजाते हैं तो आज आपका दिन संगीतमय बीत सकता है।
उपाय :- अच्छी आर्थिक स्थिति के लिए पत्नी का मान-सम्मान व आदर करें।
तुला राशिफल (Tula Rashifal 8 March 2025)
मौज-मस्ती और मनपसंद काम करने का दिन है। अपने ख़र्चों पर क़ाबू रखें और आज हाथ खोलकर व्यय करने से बचें। आज आपका ऊर्जा से भरपूर, ज़िंदादिल और गर्मजोशी से भरा व्यवहार आपके आस-पास के लोगों को ख़ुश कर देगा। ज़िन्दगी की हक़ीक़त का सामना करने के लिए आपको अपने प्रिय को कम-से-कम कुछ वक़्त के लिए भूलना पड़ेगा। आज आपको अपनेे ससुराल पक्ष से कोई बुरी खबर मिल सकती है जिसके कारण आपका मन दुखी हो सकता है और आप काफी समय सोच विचार करने में गंवा सकते हैं। मुमकिन है कि आपका जीवनसाथी आज आपके लिए पर्याप्त समय न निकाल पाए। आपकी बात करने का तरीका आज बहुत खराब होगा जिसकी वजह से समाज में आप अपना मान सम्मान खो सकते हैं।
उपाय :- दुर्गाजी के मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर ग़रीबों में बांटना आपको सुकून भरा अहसास दे सकता है।
वृश्चिक राशिफल (Vrshchik Rashifal 8 March 2025)
चोट से बचने के लिए सावधानी से बैठें। साथ ही सही तरीक़े से कमर सीधी करके बैठना न केवल व्यक्तित्वमें सुधार लाता है, बल्कि सेहत और आत्म-विश्वास के स्तर को भी ऊपर ले जाता है। दीर्घावधि निवेश से बचिए और अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर कुछ ख़ुशी के पल बिताएँ। परिवार के सदस्यों का आपके जीवन में विशेष महत्व होगा। सावधान रहें, क्योंकि कोई आपकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर सकता है। छात्र-छात्राओं को आज अपने काम को कल पर नहीं टालना चाहिए, आपको जब भी खाली समय मिले अपने काम को पूरा कर लें। ऐसा करना आपके लिए हितकारी है। अपने जीवनसाथी के किसी काम की वजह से आप कुछ शर्मिन्दगी महसूस कर सकते हैं। लेकिन बाद में आपको महसूस होगा कि जो हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ। आपके घर का कोई सदस्य आज आपसे प्यार से जुड़ी कोई समस्या शेयर कर सकता है। आपको उन्हें उचित सलाह देनी चाहिए।
उपाय :- किचन में बैठकर खाना खाने से प्रेम सम्बन्ध मजबूत होंगे।
धनु राशिफल (Dhanu Rashifal 8 March 2025)
शकी स्वभाव के चलते आपको हार का मुँह देखना पड़ सकता है। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। परिवार के लिए किसी अच्छे और ऊँचे लक्ष्य को हासिल करने के नज़रिए से समझ-बूझकर थोड़ा ख़तरा उठाया जा सकता है। चूके मौक़ों की वजह से डरें नहीं। आपके प्रिय के कड़वे शब्दों के कारण आपका मूड ख़राब हो सकता है। आपका चुम्बकीय और ज़िन्दादिल व्यक्तित्व आपको सबके आकर्षण का केन्द्र बना देगा। सम्भव है कि आपके जीवनसाथी की वजह से आपकी प्रतिष्ठा को थोड़ी ठेस पहुँचे। आपके दिन की शुरुआत शानदार रहेगी और इसलिए आज पूरे दिन आप ऊर्जावान महसूस करेंगे।
उपाय :- लव लाइफ को बेहतर रखने के लिए गुलाब के फूलों का गुलदस्ता तांबे के जार में घर में रखें।
मकर राशिफल (Makar Rashifal 8 March 2025)
दूसरों के लिए ख़राब नीयत रखना मानसिक तनाव को जन्म दे सकता है। इस तरह के विचारों से बचें, क्योंकि ये समय की बर्बादी करते हैं और आपकी क्षमताओं को ख़त्म करते हैं। सट्टेबाज़ी से फ़ायदा हो सकता है। बच्चे की तबियत परेशानी का कारण बन सकती है। आज के दिन अपने प्रिय से कोई तल्ख़ बात न कहें। नए विचारों और आइडिया को जाँचने का बेहतरीन वक़्त। अगर आप जीवनसाथी के अलावा किसी और को अपने ऊपर असर डालने का मौक़ा दे रहे हैं, तो जीवनसाथी की ओर से आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलना संभव है। खुलकर गाना गाना और जमकर नाचना आपकी हफ़्ते भर की थकान व तनाव को रफ़ूचक्कर कर सकता है।
उपाय :- ध्यान, योग व मेडिटेशन करने से पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा।
कुंभ राशिफल (Kumbh Rashifal 8 March 2025)
आज आपकी सेहत पूरी तरह अच्छी रहेगी। आप अच्छा पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप पारंपरिक तौर पर निवेश करें। घर में शांति और सुकून का माहौल बनाए रखने के लिए तालमेल से काम करें। ज़ाहिर तौर पर रोमांस के लिए पर्याप्त मौक़े हैं- लेकिन ऐसा बहुत कम समय के लिए है। आप उन लोगों की तरफ़ वादे का हाथ बढ़ाएंगे, जो आपसे मदद की गुहार करेंगे। आज आप अपने जीवनसाथी के साथ सैर-सपाटे का मज़ा ले सकते हैं। साथ में समय गुज़ारने का यह बढ़िया मौक़ा है। इंटरनेट सर्फ़िंग करना आपकी अंगुलियों की अच्छी वर्जिश करने के साथ-साथ आपके ज्ञान को भी बढ़ा सकता है।
उपाय :- प्रेमी/प्रेमिका को हरे रंग के कपड़े गिफ्ट में देने से प्रेम सम्बन्ध मजबूत रहेंगे।
मीन राशिफल (Meen Rashifal 8 March 2025)
मुमकिन है कि आपको किसी अंग मे दर्द या तनाव से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़े। करीबी रिश्तेदारों के घर जाना आज आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। आपको अपना बाक़ी वक़्त बच्चों के संग गुज़ारना चाहिए, चाहे इसके लिए आपको कुछ ख़ास ही क्यों न करना पड़े। मुमकिन है कि आपके आँसुओं को पोंछने के लिए कोई ख़ास दोस्त आगे आए। आज खाली वक्त्त किसी बेकार के काम में खराब हो सकता है। यह दिन आपके सामान्य वैवाहिक जीवन से कुछ हटकर होने वाला है। आपको अपने जीवनसाथी की ओर से कुछ ख़ास देखने को मिल सकता है। आपकी खूबियां आज लोगों को बीच आपको प्रशंसा का पात्र बनाएंगी।
उपाय :- विष्णु या दुर्गा जी के मंदिर में कांसे का बर्तन दान करने से स्वास्थ्य बना रहेगा।
8 अंक वालों पर रहती है शनिदेव की कृपा
6 Mar, 2025 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मानव जीवन में अंक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का विशेष योगदान होता है। अंक शास्त्र के अनुसार अंकों के माध्यम से ही किसी भी व्यक्ति के भविष्य स्वभाव अथवा व्यवहार के बारे में काफी हद तक जाना जाता है। अंकों के द्वारा ही मूल्यांकन और भाग्यांक बनाया जाता है।
हर एक मूल्यांकन का अलग-अलग ग्रह स्वामी भी होते हैं। उसी के आधार पर वह फल भी देते हैं। ऐसे में 8 मूल्यांकन वाले जातक के ऊपर शनिदेव की विशेष कृपा भी रहती है। यह लोग अपने भाग्य से ज्यादा कर्मों पर विश्वास रखते हैं। ऐसी स्थिति में शनि देव की कृपा से धन संपदा समाज में मान सम्मान की वृद्धि भी होती है
किस पर मेहरबान होते हैं शनिदेव?
जिन जातक का जन्म 26, 17, 8 आदि तिथियां में हुआ होता है तो इसका कुल मिलाकर 8 ही बनता है। ऐसे में इस तारीख को जन्म लेने वाले जातकों का मूलांक 8 होता है 8 मूल्यांकन वाले हमेशा सफल होने की चाहत भी रखते हैं। इसी वजह से हर चीज को यह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से करना पसंद भी करते हैं।
8 मूल्यांकन वाले जातक
8 मूल्यांकन वाले जातक अपनी मेहनत के बल पर खूब पैसा कमाते हैं. इसके साथ ही यह बचत करने में कामयाब भी होते हैं। इन्हें इस बात की अच्छी से इल्म होती है कि कब कहां और कितना धन खर्च करना सही होता है। किसी के कारण इनका अच्छा खासा बैंक बैलेंस भी होता है।
शनिदेव की विशेष कृपा
इसके अलावा अंक शास्त्र के अनुसार मूल्यांकन 8 वाले जातक बहुत ही अधिक मेहनती भी होते हैं। यह हर एक चीज को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से करते हैं। इसी वजह से हमेशा यह सफल भी होते हैं इसी कारण इस राशि के जातक के ऊपर शनिदेव की विशेष कृपा भी रहती है।
कामधेनु गाय देती है शुभ फल
6 Mar, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का महत्व काफी ज्यादा बताया गया है। कहा जाता है अगर किसी भी कार्य को करने से पहले या फिर करने के दौरान वास्तु शास्त्र में बताये गए नियमों का पालन किया जाता है तो इसके परिणाम काफी शुभ और सकारात्मक होते हैं. वहीं, जब इन नियमों को नजरअंदाज किया जाता है तो इसके परिणाम भी उतने ही बुरे हो सकते हैं। सनातन धर्म के अनुसार कामधेनु गाय में देवी-देवताओं का निवास होता है। इसे घर पर रखने से इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है। वास्तु शास्त्र की अगर मानें तो जब आप इसे रखते हैं तो इससे सुख समृद्धि का वास आपके घर पर होता है.
किस जगह रखें कामधेनु की मूर्ति?
वास्तु शास्त्र की अगर मानें तो आपको कामधेनु गाय की मूर्ति को अपने घर के ईशान कोण में रखना चाहिए। इसे सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। आप अगर चाहें तो कामधेनु गाय की मूर्ति को घर के पूजास्थल या फिर मुख्य द्वार पर रख सकते हैं। अगर आप मूर्ति नहीं रख पा रहे हैं तो ऐसे में तस्वीर लगाना भी काफी शुभ माना जाता है.
अगर आप अपने घर पर कामधेनु गाय की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि वह सोना, चांदी, पीतल, तांबे या फिर मार्बल की बनी हुई हो। आप अगर चाहें तो चीनी मिटटी से बनी मूर्ति भी अपने घर पर रख सकते हैं। अगर आप अपने घर में सही जगह पर कामधेनु गाय की मूर्ति स्थापित करते हैं तो इससे आपको वास्तु दोषों से छुटकारा मिल सकता है। केवल यहीं नहीं, जब आप इसे अपने घर पर रखना शुरू कर देते हैं तो आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो जाती है।
विजेता बनना है तो धारण करें वैजयंती माला
6 Mar, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धर्म में सफल होने के लिए पूजा पाठ और हवन के साथ ही कई अन्य उपाय भी है। धर्म शास्त्रों के अनुसार
वैजयंती माला- एक ऐसी माला जो सभी कार्यों में विजय दिला सकती है। इसका प्रयोग भगवान श्री कृष्ण माता दुर्गा, काली और दूसरे कई देवता करते थे। रत्न के जानकार मानते हैं कि अगर इस माला को सही विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठित करके धारण किया जाए तो इसके परिणाम आपको तत्काल मिल सकते हैं। कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जो जिसमें रुकावट आएगी।
वैजयंती माला को धारण करने वाला इंद्र के समान सारे वस्त्रों को जीतने वाला बन जाता है और श्री कृष्ण के समान सभी को मोहित करने वाला बन जाता है और महर्षि नारद के समान विद्वान बन जाता है। इस सिद्ध माला को धारण करने वाला हर जगह विजय प्राप्त करता है। उसके सर्व कार्य अपने आप बनते चले जाते हैं । यदि किसी काम में लंबे समय से बाधा आ रही है तो वह काम आसानी से बन जाता है। यह माला शत्रुओं का नाश भी करती है। वैजयंती माला को सिद्ध करने के लिए इसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। पूरा फल पाने के लिए जरूरी है कि माला सही विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही पहनी चाहिए।
इस तरह के भक्तों के पास रहते हैं भगवान
6 Mar, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किसी भी वस्तु की चेतनता की पहचान इच्छा, क्रिया अथवा अनुभूति के होने से होती है। अगर किसी वस्तु में ये तीनों नहीं होते हैं, तो उसे जड़ वस्तु कहते हैं और इन तीनों के होने से उसे चेतन वस्तु कहते हैं। मनुष्य में इन तीनों गुणओं के होने से उसे चेतन कहते हैं। मनुष्य के मृत शरीर में इनके न होने से उसे अचेतन अथवा जड़ कहते हैं।
प्रश्न यह उठता है कि जो मनुष्य अभी-अभी इच्छा, क्रिया अथवा अनुभूति कर रहा था और चेतन कहला रहा था, वही मनुष्य इनके न रहने से मृत क्यों घोषित कर दिया गया जबकि वह सशरीर हमारे सामने पड़ा हुआ है? आमतौर पर एक डॉक्टर बोलेगा कि इस शरीर में प्राण नहीं हैं। शास्त्रीय भाषा में, जब तक मानव शरीर में आत्मा रहती है, उसमें चेतनता रहती है। उसमें इच्छा, क्रिया व अनुभूति रहती है। आत्मा के चले जाने से वही मानव शरीर इच्छा, क्रिया व अनुभूति रहित हो जाता है, जिसे आमतौर पर मृत कहा जाता है।
शास्त्रों के अनुसार स्वरूप से आत्मा सच्चिदानन्दमय होती है। सच्चिदानन्द अर्थात सत्+चित्+आनंद। संस्कृत में सत् का अर्थ होता है नित्य जीवन अर्थात् वह जीवन जिसमें मृत्यु नहीं है, चित् का अर्थ होता है ज्ञान जिसमें कुछ भी अज्ञान नहीं है और आनंद का अर्थ होता है नित्य सुख जिसमें दुःख का आभास मात्र नहीं है। यही कारण है कि कोई मनुष्य मरना नहीं चाहता, कोई मूर्ख नहीं कहलवाना चाहता और कोई भी किसी भी प्रकार का दुःख नहीं चाहता।
अब नित्य जीवन, नित्य आनंद, नित्य ज्ञान कहां से मिलेगा? जैसे सोना पाने के लिए सुनार के पास जाना पड़ता है, लोहा पाने के लिए लोहार के पास, इसी प्रकार नित्य जीवन-ज्ञान-आनंद पाने के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा क्योंकि एकमात्र वही हैं जिनके पास ये तीनों वस्तुएं असीम मात्रा में हैं। प्रश्न हो सकता है कि बताओ भगवान मिलेंगे कहां? ये भी एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है। कोई कहता है भगवान कण-कण में हैं, कोई कहता है कि भगवान मंदिर में हैं, कोई कहता है कि भगवान तो हृदय में हैं, कोई कहता है कि भगवान तो पर्वत की गुफा में, नदी में, प्रकृति में वगैरह।
वैसे जिस व्यक्ति के बारे में पता करना हो कि वह कहां रहता है, अगर वह स्वयं ही अपना पता बताए तो उससे बेहतर उत्तर कोई नहीं हो सकता। उक्त प्रश्न के उत्तर में भगवान कहते हैं कि मैं वहीं रहता हूं, जहां मेरा शुद्ध भक्त होता है। चूंकि हम सब के मूल में जो तीन इच्छाएं- नित्य जीवन, नित्य ज्ञान व नित्य आनंद हैं, वे केवल भगवान ही पूरी कर सकते हैं, कोई और नहीं। इसलिए हमें उन तक पहुंचने की चेष्टा तो करनी ही चाहिए।
भगवान स्वयं बता रहे हैं कि वह अपने शुद्ध भक्त के पास रहते हैं। अतः हमें ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और तुरंत ऐसे भक्त की खोज करनी चाहिए जिसके पास जाने से, जिसकी बात मानने से हमें भगवद्प्राप्ति का मार्ग मिल जाए। साथ ही हमें यह सावधानी भी बरतनी चाहिए कि कहीं वह भगवद्-भक्त के वेश में ढोंगी न हो। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं कि कलियुग में ऐसे गुरु बहुत मिलेंगे जो शिष्य का सब कुछ हर लेते हैं, परंतु शिष्य का संताप हर कर उसे सद्माीर्ग पर ले आए ऐसा गुरु विरला ही मिलेगा।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
6 Mar, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान-प्रतिष्ठा बाल-बाल बचे, कार्य व्यवसाय गति उत्तम होगी, हर्ष होगा।
वृष राशि :- धन हानि के योग बनेंगे, नवीन मैत्री-मंत्रणा अवश्य ही प्राप्त होगी।
मिथुन राशि :- इष्ट मित्र सहायक रहेंगे, व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि होगी, कार्य अवश्य होंगे।
कर्क राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल होगा, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे ध्यान दें।
सिंह राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होंगे, कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगे, समय का ध्यान रखें।
कन्या राशि :- भावनायें संवेदनशील रहें तथा रुके कार्य बनेंगे, सोचे कार्यों पर ध्यान दें।
तुला राशि :- समय अनुकूल नहीं स्वास्थ्य का ध्यान रखें, विरोधी तत्व परेशान करेंगे।
वृश्चिक राशि :- स्त्री शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी, मन में उद्विघ्नता अवश्य ही बनेगी।
धनु राशि :- आशानुकूल सफलता, स्थिति में सुधार तथा व्यवसाय गति उत्तम होगी।
मकर राशि :- धन का व्यर्थ व्यय होगा, मानसिक उद्विघ्नता हानिप्रद होगी ध्यान रखें।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्रों से सहयोग, कार्य बनेंगे, कार्यगति अनुकूल अवश्य होगी।
मीन राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल होगा, कार्य अवश्य बनेंगे ध्यान दें।
कब और कहां लगेगा अगला कुंभ मेला? जानें हर 3 साल में ही क्यों होता है इस पर्व का आयोजन?, बड़ी-बड़ी हस्तियों ने लगाई त्रिवेणी संगम में डुबकी
5 Mar, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाकुंभ मेला, जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है, इस बार 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया गया. 45 दिनों तक चला यह भव्य आयोजन 26 फरवरी 2025, दिन बुधवार को संपन्न हुआ और अपनी विशालता के साथ एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया. इस मेला में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. यह संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा थी. इस आयोजन ने न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, बल्कि दुनियाभर से लोग यहां आए थे. अब, जब महाकुंभ 2025 समाप्त हो चुका है, तो अगला कुंभ मेला कब और कहां होगा, यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है.
अगला कुंभ मेला कब होगा?
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जो चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है. अगला कुंभ मेला 2027 में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित होगा. यह आयोजन 17 जुलाई से 17 अगस्त तक चलेगा. नासिक में होने वाला यह मेला त्र्यंबकेश्वर के पास स्थित होगा, जो गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ है. यह स्थल पवित्र त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है.
महाकुंभ मेला, जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है, इस बार 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया गया. 45 दिनों तक चला यह भव्य आयोजन 26 फरवरी 2025, दिन बुधवार को संपन्न हुआ और अपनी विशालता के साथ एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया. इस मेला में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. यह संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा थी. इस आयोजन ने न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, बल्कि दुनियाभर से लोग यहां आए थे. अब, जब महाकुंभ 2025 समाप्त हो चुका है, तो अगला कुंभ मेला कब और कहां होगा, यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है. आइए जानते हैं इस विषय में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
अगला कुंभ मेला कब होगा?
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जो चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है. अगला कुंभ मेला 2027 में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित होगा. यह आयोजन 17 जुलाई से 17 अगस्त तक चलेगा. नासिक में होने वाला यह मेला त्र्यंबकेश्वर के पास स्थित होगा, जो गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ है. यह स्थल पवित्र त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है.
कुंभ मेला हर तीन साल में क्यों होता है?
कुंभ मेला एक विशेष धार्मिक आयोजन है जो हर तीन साल में एक शहर में आयोजित होता है. इसे चार प्रमुख स्थानों पर मनाया जाता है – प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन. इन शहरों में हर चार साल में एक कुंभ मेला आयोजित होता है, जबकि हर छह साल में अर्ध कुंभ मेला और हर बारह साल में पूर्ण कुंभ मेला आयोजित किया जाता है. महाकुंभ मेला, जो हाल ही में संपन्न हुआ था, 12 सालों में एक बार आयोजित होता है और इसे 144 साल में एक बार मिलने वाली विशेष धार्मिक घटना माना जाता है.
महाकुंभ मेला 2025 की विशेषताएं
महाकुंभ मेला 2025 ने अपनी विशालता और आकर्षण के कारण पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया. इस मेले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ-साथ बॉलीवुड के कई स्टार्स भी शामिल हुए थे. अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, विक्की कौशल और क्रिस मार्टिन जैसी मशहूर हस्तियां इस आयोजन का हिस्सा बनीं. इसके अलावा, 77 देशों के 118 राजनयिकों ने भी इस धार्मिक अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जो इस मेले की वैश्विक महत्वता को दर्शाता है.
होलिका दहन वाले दिन क्यों लगाते हैं उबटन? आग में जलाते हैं मैल, जानें महत्व, किन सामग्रियों का करें इस्तेमाल
5 Mar, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार के दिन है. होलिका दहन के अवसर पर लोग उबटन लगाते हैं. उबटन को जहां सुंदरता में सहायक माना जाता है, वहीं इसका संबंध ग्रहों से भी होता है. उबटन लगाने से आपकी त्वचा स्वस्थ्य रहती है, वहीं ग्रहों का दुष्प्रभाव भी दूर हो सकता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार में होलिका दहन पर परिवार के सभी सदस्य उबटन लगाते हैं. फिर शरीर से उतारे गए उबटन या मैल को होलिका दहन के समय आग में डाल देते हैं. यह काम काफी समय से होता आ रहा है. होलिका दहन पर उबटन क्यों लगाते हैं? शरीर से उतारे गए उबटन को आग में क्यों डालते हैं? उबटन में कौन-कौन सी सामग्री डाली जाती है?
होलिका दहन पर क्यों लगाते हैं उबटन?
होलिका दहन के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा हुई थी और उनको जलाने की कोशिश करने वाली होलिका आग में चलकर मर गई थी. होलिका राक्षसराज हिरण्यकश्यप की बहन थी. होलिका दहन को बुराई का नाश करने वाला माना जाता है, इस वजह से इस दिन शरीर की बुराइयों को दूर करने के लिए उबटन लगाते हैं.
होलिका की आग में जलाते हैं शरीर का उतरा उबटन
होलिका दहन को शरीर में उबटन लगाकर उतार लिया जाता है. फिर उसे ले जाकर होलिका की आग में डाल देते हैं. होलिका के साथ ही शरीर का उतरा हुआ उबटन भी जलकर राख हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरीर का उतरा उबटन होलिका की अग्नि में जलाने से रोग और ग्रह दोष दूर हो जाते हैं. उबटन लगाने से शरीर की नकारात्मकता और दोष भी निकलते हैं, तो आग में जलकर खत्म हो जाते हैं.
कैसे बनाते हैं होलिका दहन का उबटन?
होलिका दहन के दिन सरसों को पीसकर उबटन तैयार किया जाता है. सरसों के पेस्ट में पानी,
सरसों का तेल और हल्दी मिलाते हैं. इससे उबटन बनाकर शरीर पर लगाते हैं. होलिका दहन की शाम या दोपहर में उबटन लगाकर उसके उतारे गए हिस्से को एक जगह रख लेते हैं. होलिका दहन के समय उसे लेजाकर आग में डाल देते हैं.
उबटन का ग्रहों से संबंध
उबटन में हल्दी का संबंध बृहस्पति, तेल का शनि, पानी का संबंध चंद्रमा और शुक्र से होता है. ऐसे में जब आप उबटन लगाते हैं तो इन ग्रहों से जुड़े दोष भी दूर होते हैं और उनका शुभ प्रभाव जीवन में होने लगता है. इनके शुभ प्रभाव से सुख, समृद्धि बढ़ती है, रोग, दोष और दरिद्रता दूर होती है.
इस शुभ योग में रखा जाएगा प्रदोष व्रत, ऐसे करें पूजा, पूरी होगी हर इच्छा, मिलेगी सब रोगों से मुक्ति!
5 Mar, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साल के हर महीने में प्रदोष का व्रत रखा जाता है. प्रदोष का व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है. ये व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और उपवास भी उनके निमित्त रखा जाता है.
कब रखा जाएगा व्रत
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष का व्रत रखने से जीवन में समस्त दुखों का नाश होता है और साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है. पंचांग के अनुसार, फागुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. तो चलिए जानते हैं, कब है प्रदोष व्रत, क्या है सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के मुताबिक फागुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को सुबह 8:13 पर होगी और 12 मार्च को सुबह 9:11 पर खत्म होगी. ऐसे में प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए 11 मार्च, दिन मंगलवार को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा, जिसमें प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:27 से लेकर रात 8:53 तक रहेगा. इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक प्रदोष व्रत के दिन कई दुर्लभ योगों का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें इस दिन सुकर्मा योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.
ऐसे करें पूजा, मिलेगा पूरा फल
प्रदोष व्रत के दिन पूजन सामग्री में बेलपत्र, दही, शहद, कच्चा दूध, भांग, धतूरा, गाय का घी, दीपक, रुई-बत्ती, दूध से बनी मिठाई, आरती के लिए थाली, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक समेत पूजन की सभी सामग्री को एकत्रित कर विधि-विधान पूर्वक माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पौराणिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि प्रदोष का व्रत करने से समस्त रोगों से भी मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं
होली पर इस बार चंद्र ग्रहण के साथ भद्रा का भी साया, इन 4 राशि वाले रहें सावधान, हो सकता है भयंकर नुकसान
5 Mar, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है और बच्चे, बुजुर्ग सभी इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं. होली का पर्व दो दिन मनाया जाता है, पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंगो वाली होली खेलसी जाती है. लेकिन इस बार होलिका दहन पर भद्रा तो रंगों वाली होली पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होली पर चंद्र ग्रहण और भद्रा की वजह से कुछ राशियों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही इन राशियों को बेहद सावधानी से रहने की भी जरूरत है क्योंकि ग्रहण और भद्रा जीवन के हर क्षेत्र पर प्रभाव डालेंगे. ऐसी स्थिति में आइए जानते हैं किन किन राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता है…
कब है होली 2025?
होलिका दहन इस बार 13 मार्च को है, हालांकि इस दिन भद्रा का भी साया माना जा रहा है. भद्रा सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात 11 बजकर 26 तक रहेगी. इसके बाद होलिदा दहन किया जा सकेगा.
रंगो वाली होली 14 मार्च को खेली जाएगी और इस दिन साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है.
मिथुन राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का साया
होली पर लगने वाले चंद्र ग्रहण से मिथुन राशि वालों को बेहद सावधानी से रहने की आवश्यकता है क्योंकि ग्रहण के प्रभाव से धन, संपत्ति और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. परिवार में परेशानियां लगी रहेंगी और किसी सदस्य से वाद-विवाद या मतभेद होने की भी आशंका बन रही है. नौकरी पेशा जातकों की बात करें तो अधिकारियों के साथ कामकाज को लेकर समस्या से जूझना पड़ सकता है. ग्रहण के प्रभाव की वजह से आपके खर्चे बढ़ सकते हैं, जिसकी वजह से आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है.
वृश्चिक राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का साया
होली पर लगने वाले चंद्र ग्रहण की वजह से वृश्चिक राशि वालों को लाभ से ज्यादा हानि का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप नया बिजनस शुरू या फिर निवेश करना चाहते हैं तो कुछ समय के लिए रुक जाएं अन्यथा हानि की आशंका बन रही है. लव लाइफ वालों के बीच आपसी तालमेल में कमी आने की वजह से पार्टनर के साथ इमोशनल बहसबाजी हो सकती है लेकिन ध्यान रखें जल्दबाजी में कोई बड़ा निर्णय ना लें. इस दौरान अपने और परिवार के सदस्यों की सेहत का ध्यान रखें और कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.
मकर राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का साया
होली पर चंद्र ग्रहण का साया होने की वजह से मकर राशि वालों को करियर के क्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में अधिकारियों और सहकर्मियों के बीच तालमेल में कमी आ सकती है, जिसकी वजह से कई समस्याएं आएंगी और आपके काम का कम ही क्रेडिट मिलेगा. साथ ही व्यापारियों को भी बिजनस में प्रतिद्वंदियों के साथ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में आप उतना पैसा कमाने में नाकाम रह सकते हैं, जितना आने सोचा था और यह आपके लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकता है.
मीन राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का साया
साल का पहला चंद्र ग्रहण आपकी ही राशि में लगने वाला है, ऐसे में मीन राशि वालों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है. अगर आप किसी अच्छे काम की आस लगाए हुए हैं तो आप निराश हो सकते हैं. धन कमाने के मामले में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, फिर भी आप असमर्थ हो सकते हैं और धन की बचत भी मुश्किल कर पाएंगे. ग्रहण की वजह से धन हानि होने की प्रबल आशंका बन रही है इसलिए धन से जुड़े मामलों में योजना बनाकर चलने में ही फायदा है. नौकरी करने वालों की बात करें तो आप पर काम का बोझ बड़ सकता है, जिसकी वजह से कामकाज को लेकर असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं.
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन
5 Mar, 2025 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- प्रत्येक कार्य में बाधा, विलम्ब कष्टप्रद होगा, तथा रुकावट व बेचैनी अवश्य होगी।
वृष राशि :- कुटुम्ब की समस्याओं में समय बीतेगा, धन का व्यय, समय नष्ट न होने देवें।
मिथुन राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष-उल्लास, प्रेम संबंध विफल हो, रुके कार्य अवश्य हो जायेंगे।
कर्क राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होगी, भाग्य का सितारा प्रबल रहे, कार्य अधिक होंगे।
सिंह राशि :- साधन सम्पन्न के योग बनेंगे, दैनिक व्यवसाय गति उत्तम अवश्य ही होगी।
कन्या राशि :- मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि के योग बनेंगे, योजना फलप्रद अवश्य ही होगी।
तुला राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक ही होगा, कार्यगति में सुधार होगा तथा विरोधी पराजित होंगे।
वृश्चिक राशि :- लेन-देन के मामलें में हानि, विरोधी तत्वों से परेशानी होगी, ध्यान रखें।
धनु राशि :- दैनिक सफलता के साधन सम्पन्न हों, स्वभाव में क्रोध व हानि होगी।
मकर राशि :- दैनिक सम्पन्नता के साधन बने किन्तु विरोधी तत्वों से परेशानी बनें।
कुंभ राशि :- बिगड़े हुये कार्य बनेंगे, योजनायें पूर्ण होगे तथा रुके कार्य बन ही जायेंगे।
मीन राशि :- स्त्री वर्ग से हर्ष चिन्तायें कम होंगी, विशेष कार्य स्थगित अवश्य रखें।
होली में एक दूसरे को क्यों लगाते हैं रंग? कब से हुई इसकी शुरुआत?
4 Mar, 2025 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल भर में होने वाले सभी विशेष पर्वों में होली का पर्व बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होता है. इस त्यौहार को भाईचारे का प्रतीक माना गया है. इस दिन लोग अपनी पुरानी दुश्मनी भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते हैं. होली पर एक दूसरे को रंग लगाकर भाईचारे का यह त्यौहार हर्षो उल्लास और खुशियों के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं. प्राचीन समय में प्राकृतिक रंगों से होली खेली जाती थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ केमिकल आदि से यह त्यौहार मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन होलिका नामक राक्षसी अपने कर्मों के कारण आग में जल गई थी. इसलिए हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली का पर्व मनाया जाता है. इस त्यौहार को लेकर लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि बुराई पर अच्छाई के जीत के इस त्यौहार पर रंगों का प्रचलन कैसे शुरू हुआ?
होली पर रंगों का प्रचलन कैसे शुरू हुआ इस सवाल का जवाब देते हुए हरिद्वार के पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि होली का पर्व हिंदू धर्म में होने वाले विशेष पर्वों में से एक है. यह त्यौहार भाईचारे का प्रतीक और बुराई पर अच्छाई का त्यौहार है. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाकर त्यौहार मनाते हैं. इस दिन होलिका नामक राक्षसी का पुतला बनाकर जलाया जाता है और एक दूसरे को रंग लगाकर त्यौहार मनाया जाता है. होली के दिन पुरानी दुश्मनी मतभेद आदि सभी भुलाकर लोग भाईचारे के साथ मिलते हैं और इस त्यौहार को मानते हैं.
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार विष्णु भगवान के संपूर्ण कलाओं से संपन्न अवतार श्री कृष्ण का रंग काला था और राधा का रंग गोरा था. इस पर जब श्री कृष्ण ने अपनी माता यशोदा को कहा कि मेरा रंग काला है और राधा का रंग गोरा तो उस पर माता यशोदा ने कृष्ण को कहा कि जो रंग तुम्हारा है वही रंग तुम राधा को भी लगा दो, तो वह भी तुम्हारे जैसी ही हो जाएगी. यह पूरा प्रकरण फाल्गुन मास में ही हुआ था और इसी के कारण होली पर रंगों का प्रचलन शुरू हुआ. प्राचीन समय में प्राकृतिक रंगों से होली खेली जाते थी लेकिन वर्तमान समय में केमिकल आदि से होली खेली जाती है जो त्वचा के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं.
इस दिन महिलाएं नहीं रख सकती रोजा, होती है सख्त मनाही, क्या है वजह?
4 Mar, 2025 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लाम धर्म में रमजान का महीना बहुत ही पाक महीना माना जाता है. पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है. भारत में 02 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पवित्र और खास माना जाता है. रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम धर्म के लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं.
मिलता है 70 गुना अधिक सवाब
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान साल का नौवां महीना होता है. रमजान के पूरे महीने में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देने पर शव्वाल की पहली तारीख को खुदा का शुक्रिया अदा करते हुए ईद-उल-फितर यानी ईद का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. वहीं, रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छा काम करने से 70 गुना अधिक सवाब मिलता है.
महिलाएं इन दिनों नहीं रख सकती रोजा
अगर कोई महिला रमजान के महीने में रोजा रख रही है और उसे पीरियड्स हो जाते हैं, तो वह रोजा नहीं रख सकती. साथ ही, उस महिला को रोजे की कजा अदा करनी होगी. रमजान खत्म होने के बाद उन महिलाओं को अपने छूटे हुए रोजे पूरे करने होंगे और अगर वे ऐसा नहीं करेंगी, तो वे शरीयत के हिसाब से गुनहगार ठहरेंगी.
इस महीने में करें नेक काम
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गोरा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि रमजान मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र महीना है. इसकी फजीलत कुरान और हदीसों में बताई गई है. रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने में किए गए नेक काम का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है.
महिलाएं रखें इसका ख्याल
रमजान महीने में हर दिन रोजे रखे जाते हैं और हर मुसलमान पर, जो बालिग और समझदार हो, उन पर रोजा फर्ज होता है. साथ ही, रोजा छोड़ने वाला गुनहगार होता है. वहीं, महिलाओं पर भी रोजा फर्ज है, लेकिन वे शरीयत के अनुसार उस दौरान रोजा नहीं रख सकतीं जब उन्हें पीरियड्स हो रहे हों. पीरियड्स के समय महिलाओं की नमाज माफ होती है.
खेले मसाने में होली दिगंबर... मृत्य जश्न, भय भक्ति में तब्दील हो जाता है मणिकर्णिका के महाश्मशान में
4 Mar, 2025 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बनारस, जहां मृत्यु भी एक उत्सव है, वहां की होली भला आम होली जैसी कैसे हो सकती है? यहां रंगों की जगह चिता की राख उड़ती है, गुलाल की जगह भस्म लगता है और उल्लास में गूंजती हैं तांत्रिक मंत्रों की ध्वनियां. इसे कहते हैं "मसान की होली", जो महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर खेली जाती है.ये केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि शिव की अलौकिक लीला का हिस्सा है, जहां मृत्यु का भय मिट जाता है और आत्मा मोक्ष की ओर बढ़ती है. इसी कड़ी में आइए जानते हैं इस रहस्यमयी और अनोखी होली के 8 दिलचस्प पहलू.
मसान की होली (Masan Holi 2025 Varanasi) काशी के महाश्मशान (मणिकर्णिका घाट) पर खेली जाती है, जहां चिताएं दिन-रात जलती रहती हैं.इसे मृत्यु से जुड़े भय को दूर करने का प्रतीक माना जाता है. इस साल मसान होली 11 मार्च को मनाई जाएगी.
मान्यता है कि काशी में स्वयं महादेव संन्यासियों और औघड़ों के साथ होली खेलते हैं.यहां महाकाल को रंगों की नहीं, बल्कि चिता भस्म की होली पसंद है. आम लोग इसमें शामिल नहीं हो सकते क्योंकि ये सिर्फ तांत्रिक परंपराओं को मानने वाले साधुओं के लिए होती है. बिना तांत्रिक दीक्षा के इसमें शामिल होना अनुष्ठान के नियमों के विरुद्ध माना जाता है.
लोककथाओं के अनुसार, इस होली में अदृश्य शक्तियां, भूत-प्रेत और शिव के गण भी शामिल होते हैं.यहां लोग निडर होकर उल्लास और भक्ति के साथ इस अनोखी होली को मनाते हैं.
रंगों की जगह चिता भस्म का प्रयोग किया जाता है.इसे जीवन-मृत्यु के चक्र को स्वीकारने का प्रतीक माना जाता है, जिससे व्यक्ति मृत्यु का भय त्यागकर जीवन को खुले दिल से जी सके.
इस होली में विशेष रूप से तांत्रिक, अघोरी और नागा साधु हिस्सा लेते हैं, जो मृत्यु को मोक्ष का द्वार मानते हैं.वे शिव की भक्ति में लीन होकर चिता भस्म से खुद को रंगते हैं.
इस खास योग में पड़ रहा है प्रदोष व्रत, इस दिन पूजा से खत्म होंगी सभी बाधाएं, आएगी खुशहाली!
4 Mar, 2025 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल भर में त्योहारों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. कुछ तिथि बेहद ही शुभ और लाभदायक होती हैं. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में प्रदोष व्रत का आगमन सुख समृद्धि और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना, पूजा पाठ, स्तोत्र आदि का पाठ करना बेहद शुभ होता है.
ज्योतिष शास्त्र में कुछ योग बेहद महत्वपूर्ण और लाभ प्रदान करने वाले बताए गए हैं. इन योगों का समय-समय पर आगमन होता रहता है. अगर इन योगों का आगमन किसी वृत्त के दौरान हो तो उसमें की गई पूजा पाठ, मंत्रों का जाप, स्तोत्र आदि का पाठ करने पर विशेष लाभ मिलता है.
इस बार कब होगा व्रत
इस की फाल्गुन शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 11 मार्च, मंगलवार को होगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है जिसमें भोलेनाथ की पूजा पाठ, पूजा अर्चना, मंत्रों का जाप, स्तोत्र आदि का पाठ करने पर सभी कामों में सफलता मिलेगी.
संयोग से इस बार प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है. प्रदोष व्रत के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग होने से जातकों को इसका कई गुना लाभ मिलेगा. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार प्रदोष व्रत में सर्वार्थ सिद्धि योग आने से इसका समय बेहद ही श्रेष्ठ और फलदाई है.
होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी
वे आगे बताते हैं कि भगवान शिव की पूजा पाठ इस श्रेष्ठ समय सर्वार्थ सिद्धि योग में करने पर श्रद्धालुओं को सिद्धि मिलेगी और भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे. साथ ही जीवन में चल रही सभी समस्याएं, बाधाएं खत्म हो जाएंगी. ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कोई भी धार्मिक कार्य का करोड़ों गुना फल मिलने की धार्मिक मान्यता है.
अगर श्रद्धालु 11 मार्च को प्रदोष काल के समय भगवान शिव के शिव तांडव, शिव महिम्न, रुद्राष्टक, पशुपत्येष्टक आदि स्तोत्रों का पाठ करता है तो सभी कामों में सफलता, अकाल मृत्यु से मुक्ति, धन, संपत्ति वगैरह की प्राप्त होगी.