व्यापार
कीमती धातुओं में गिरावट: सोना ₹93,000 के नीचे, चांदी भी हुई सस्ती
20 May, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने चांदी के वायदा भाव आज गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। दोनों के वायदा भाव आज गिरावट के साथ खुले। खबर लिखे जाने के समय घरेलू बाजार में आज सोने के भाव 92,850 रुपये, जबकि चांदी के भाव 95,000 रुपये के करीब कारोबार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने चांदी के वायदा भाव में नरमी देखी जा रही है।
सोने के भाव फिसले
सोने के वायदा भाव की शुरुआत नरमी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट आज 296 रुपये की गिरावट के साथ 93,001 रुपये के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 93,297 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 416 रुपये की गिरावट के साथ 92,881 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 93,005 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 92,881 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने पिछले महीने 99,358 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
चांदी की चमक भी फीकी पड़ी
चांदी के वायदा भाव की शुरुआत सुस्त रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 128 रुपये की गिरावट के साथ 95,325 रुपये पर खुला। पिछला बंद भाव 95,453 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 446 रुपये की गिरावट के साथ 95,007 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 95,325 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 95,007 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव ने इस साल 1,01,999 रुपये किलो के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ते हुए सोना चांदी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने चांदी के वायदा भाव के भाव में नरमी देखने को मिल रही है। Comex पर सोना 3,233. डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 3,233.50 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 25.30 डॉलर की गिरावट के साथ 3,208.20 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। सोने के वायदा भाव पिछले महीने 3,509.90 डॉलर के भाव पर ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए थे। Comex पर चांदी के वायदा भाव 32.50 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 32.50 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.16 डॉलर की गिरावट के साथ 32.34 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
MCX, Comes पर भाव
MCX
Open
Last Close
LTP
सोना
93,001
93,297
92,881
चांदी
95,325
95,453
95,007
Comex
Open
Last Close
LTP
सोना
3,233
3,233.50
3,208.20
चांदी
32.50
32.50
32.34
(नोट: mcx में सोने के वायदा भाव रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी रुपये प्रति किलो में हैं। कॉमेक्स में दोनों के वायदा भाव डॉलर प्रति ओंस में हैं। last trading price (LTP) खबर लिखे जाने के समय के हैं।)
शेयर बाजार में तेजी: Sensex 139 अंक चढ़ा, Nifty 25,000 के करीब
20 May, 2025 10:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशियाई बाजारों से पॉजिटिव रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार आज यानी मंगलवार (20 मई) को हरे निशान में ओपन हुए। आईटी और बैंकिंग स्टॉक्स में खरीदारी से प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स बढ़त में खुले।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 57 अंक की बढ़त लेकर 82,116.17 अपर ओपन हुआ। सोमवार को यह 82,059.42 पर बंद हुआ था। सुबह 9:21 बजे यह 18.33 अंक या 0.02% की मामूली बढ़त लेकर 82,077.75 पर था।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भी आज मजबूती के साथ 24,996.20 अंक पर ओपन हुआ। सुबह 9:24 बजे यह 35.45 अंक या 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 24,980.90 पर कारोबार कर रहा था।
एशिया बाजारों में आज मजबूती
एशिया बाजारों में आज मजबूती देखने को मिली। जापान का निक्केई 1.05% और टॉपिक्स 0.72% ऊपर रहा। कोरिया का कोस्पी 0.34% और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 0.77% की बढ़त के साथ बंद हुआ। निवेशक चीन की ब्याज दरों में कटौती और ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक (RBA) की दर नीति पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
चीन ने मंगलवार को अपने 1-वर्षीय लोन प्राइम रेट (LPR) को 10 बेसिस प्वाइंट घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया, जबकि 5-वर्षीय LPR को 3.6 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत किया गया। यह अक्टूबर के बाद पहली बार है जब दरों में कटौती की गई है। इस कदम का उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, जो मौजूदा समय में व्यापारिक तनावों के कारण दबाव में हैं।
घरेलू मोर्चे पर निवेशकों की नजरें कंपनियों के चौथी तिमाही (Q4) नतीजों पर टिकी हुई हैं। इसके अलावा, चीन की नीतिगत घोषणाएं, वैश्विक संकेत और संस्थागत निवेशकों की गतिविधियां भी आज के बाजार मूवमेंट को प्रभावित कर सकती हैं।
अमेरिकी शेयर बाजार में सोमवार को हल्की बढ़त देखने को मिली। प्रमुख इंडेक्स S&P 500 में 0.09 प्रतिशत की तेजी आई, जो लगातार छठा दिन बढ़त के साथ बंद हुआ। वहीं, टेक्नोलॉजी आधारित इंडेक्स नैस्डैक में मामूली 0.02 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें यूनाइटेडहेल्थ के शेयरों में 8 प्रतिशत की तेजी बड़ी भूमिका निभाई।
कल कैसी थी Share Market की चाल?
घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार, 19 मई को कमजोरी देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट्स में कमजोर रुझान और ऊपरी स्तरों पर मुनाफा वसूली की वजह से बाजार में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव जारी रहा। खासकर रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी सेक्टर के शेयरों में बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाया। हालांकि बैंकिंग शेयरों में मजबूती ने गिरावट को ज्यादा गहराने से रोके रखा।
बीएसई का सेंसेक्स 30 शेयरों के साथ हल्की बढ़त में खुला था, लेकिन जल्दी ही लाल निशान में चला गया। दिन के पहले हिस्से में इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन बाद में बिकवाली हावी रही। अंत में सेंसेक्स 271.17 अंक यानी 0.33% गिरकर 82,059.42 पर बंद हुआ।
एनएसई का निफ्टी-50 भी करीब 25,000 के ऊपर सपाट स्तर पर खुला और दिनभर इसी दायरे में बना रहा। लेकिन आखिर में इसमें भी कमजोरी आई और यह 74.95 अंक यानी 0.30% गिरकर 24,944.85 पर बंद हुआ।
बैंक घोटाले में ED का बड़ा शिकंजा! यूको बैंक के पूर्व CMD गिरफ्तार
19 May, 2025 08:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई कार्रवाई में यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुबोध कुमार गोयल को गिरफ्तार किया है. उन पर 6,210 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. ED का कहना है कि गोयल को 16 मई को दिल्ली में उनके घर से अरेस्ट किया गया और अगले दिन कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया गया. अब कोर्ट ने उन्हें 21 मई तक ED की हिरासत में भेज दिया है.
क्या है मामला?
यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक FIR से शुरू हुई, जिसमें CSPL को दी गई क्रेडिट सुविधाओं और बाद में 6,210.72 करोड़ रुपये (बिना ब्याज के मूल राशि) की लोन राशि को डायवर्ट करने और हड़पने का आरोप है. ED की जांच में खुलासा हुआ कि सुबोध कुमार गोयल के यूको बैंक के CMD रहते हुए CSPL को बड़ी क्रेडिट सुविधाएं दी गईं, जिन्हें बाद में उधारकर्ता समूह ने डायवर्ट किया और हड़प लिया. इतना ही नहीं ED ने यह भी कहा कि गोयल को नकदी, अचल संपत्तियां, लग्जरी सामान, होटल बुकिंग आदि के रूप में रिश्वत भी दी गई, जो शेल कंपनियों, डमी व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों की आड़ में दी गई, पैसे की ये हेरफेर इस तरह से की गई जिससे ये आपराधिक गतिविधि छिपाई जा सके. यह कार्रवाई कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है.
शेल कंपनियों का खेल
जांच में पता चला कि कई शेल कंपनियां, जो गोयल और उनके परिवार के सदस्यों की ओर नियंत्रित या लाभान्वित थीं, उनका इस्तेामल रिश्वत की रकम को मैनेज करने में हुआ है. इन कंपनियों के फंड का सोस CSPL से जुड़ा हुआ है. 22 अप्रैल को गोयल और अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ED ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए, जिनमें गोयल की ओर से ली गई अवैध रिश्वत का ब्योरा था.
पहले भी हुई थी कार्रवाई
ईडी की ओर से पहले CSPL की जांच के दौरान प्रमोटर संजय सुरेखा और कंपनी से जुड़ी 510 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया था. साथ ही कई शहरों में तलाशी अभियान चलाकर आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी. CSPL के मुख्य प्रमोटर संजय सुरेखा को पिछले साल 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी जेल में हैं. ED ने इस मामले में फरवरी में चार्जशीट भी दाखिल की थी.
इन्वेस्टमेंट का नया दौर: युवा और महिलाएं चला रहे बाजी, 5 साल में डबल हुआ निवेश!
19 May, 2025 06:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलूरु की साइबर सिटी में एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत 28 वर्षीय अभिषेक सेंसेक्स के उछाल के साथ अपने निवेश की रकम डेढ़ गुना होने से उत्साहित हैं। उनकी पत्नी मनीषा, जो उसी कंपनी में काम करती हैं, के साथ वे अंडमान घूमने की योजना बना रहे हैं। इस दंपती ने डेढ़ लाख रुपये के टूर पैकेज की तलाश शुरू की है, क्योंकि इस माह उन्हें इन्वेस्टमेंट से इतना ही लाभ हुआ है। अभिषेक उन लाखों युवाओं में से एक हैं, जिन्होंने कोविड काल के बाद नियमित आय और निवेश से मिले लाभ के जरिए जीवन को आनंदमय बनाने का मंत्र अपनाया है।
युवाओं में निवेश का रुझान
आज की युवा पीढ़ी, खासकर इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, मैनेजर और व्यापारी, जल्दी निवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं। शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और अन्य विविध निवेश विकल्प उनकी प्राथमिकता हैं।
> देश में 40% डीमैट खाताधारक 30 साल से कम उम्र के हैं।
> 15 करोड़ सक्रिय निवेशकों में 6 करोड़ से अधिक युवा हैं।
कम उम्र में निवेश शुरू
अभिषेक और मनीषा ने 22 साल की उम्र में नौकरी शुरू करते ही निवेश शुरू कर दिया था। बचपन में अपने पिता की आर्थिक मुश्किलें और माता-पिता के स्वास्थ्य खर्च देखकर वे बीमा पॉलिसी और रिटायरमेंट फंड के प्रति जागरूक हैं। साथ ही, वे निवेश से नियमित आय के जरिए जीवन को आकर्षक बनाना चाहते हैं। हालांकि, जल्दी और ज्यादा कमाई के चक्कर में कुछ युवा धोखाधड़ी का शिकार भी हो रहे हैं।
पर्यटन और लाइफस्टाइल पर बढ़ता खर्च
युवा पीढ़ी निवेश के साथ-साथ खर्च करने में भी पीछे नहीं है। उनकी प्राथमिकताएं हैं:
पर्यटन: कोविड के बाद ट्रैवलिंग और धार्मिक पर्यटन का क्रेज बढ़ा है।
लाइफस्टाइल: गैजेट्स, ब्रांडेड कपड़े और पैकेज्ड फूड पर खर्च।
सर्वे में हुआ खुलासा
एक सर्वे के अनुसार, 14-28 साल के युवाओं ने उपभोक्ता व्यय में 43% की वृद्धि की है। अनुमान है कि 2035 तक भारत का कुल उपभोक्ता खर्च 328 लाख करोड़ रुपये होगा, जिसमें युवाओं का योगदान 51% (168 लाख करोड़ रुपये) होगा।
युवा जल्दी निवेश क्यों कर रहे हैं?
पारिवारिक जिम्मेदारियों का अभाव: एकल परिवार और माता-पिता का घर होने से मकान की चिंता नहीं।
उच्च आय: नौकरी की शुरुआत में माता-पिता से बेहतर पैकेज।
तकनीकी सुविधा: आइटी ने निवेश को आसान और जागरूकता बढ़ाई।
आर्थिक अनुभव: बचपन में देखी आर्थिक तंगी।
FOMO (Fear of Missing Out): कमाई के अवसर चूकने का डर।
निवेश में सावधानी
शॉर्टकट से बचें: जल्दी कमाई के भ्रामक ऑफर से सावधान रहें।
फर्जी सलाहकारों से सतर्कता: केवल मान्यता प्राप्त सलाहकारों पर भरोसा करें।
विविध निवेश: जोखिम कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करें।
आपातकालीन और रिटायरमेंट फंड: भविष्य की सुरक्षा के लिए अलग फंड रखें।
अध्ययन और कानून: निवेश से पहले जानकारी लें और नियमों का पालन करें।
महिलाओं में निवेश की बढ़ती सजगता
निवेश के प्रति जागरूकता केवल कामकाजी युवा महिलाओं तक सीमित नहीं है। गृहणियां भी शेयर मार्केट, सोना-चांदी के भाव, और म्यूचुअल फंड की चर्चा किट्टी पार्टियों में करती हैं। आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। मार्च 2025 तक 78.4 करोड़ पैन कार्ड में 33.97 करोड़ महिलाओं के हैं, जिनमें 9.44 करोड़ 30 साल से कम उम्र की महिलाएं हैं। म्यूचुअल फंड निवेशकों में 25% महिलाएं हैं। म्यूचुअल फंड की कुल प्रबंधनीय संपत्ति (AUM) में महिलाओं की हिस्सेदारी 33% से अधिक है।
महिलाओं के पैन कार्ड और डीमैट खातों की वृद्धि
वर्ष
पैन कार्ड (करोड़)
डीमैट कार्ड (करोड़)
2019
16.17
0.67
2023
27.24
2.72
2024
31.05
2.77
2025
33.97
3.05
म्यूचुअल फंड में महिलाओं का निवेश
वर्ष
राशि (लाख करोड़ रुपये)
हिस्सेदारी (%)
2019
4.59
8.8
2014
11.25
21.3
2025
22.96
33
निवेश में सकारात्मक बदलाव
आज की युवा पीढ़ी निवेश और खर्च के संतुलन से जीवन को आनंदमय बना रही है। अभिषेक और मनीषा जैसे युवा न केवल आर्थिक रूप से जागरूक हैं, बल्कि अपने भविष्य को सुरक्षित करने के साथ-साथ वर्तमान को भी जी रहे हैं। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी निवेश के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। हालांकि, धोखाधड़ी से बचने और विवेकपूर्ण निवेश के लिए सतर्कता जरूरी है।
आम आदमी की टूटी कमर! लगातार बढ़ते खर्च, बैंक से स्कूल तक टैक्स का बोझ!
19 May, 2025 05:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले कुछ महीनों से देश में महंगाई बढऩे की दर में गिरावट देखने को मिल रही है। इससे आम आदमी को कुछ राहत मिली है, खासकर खाद्य वस्तुओं पर होने वाले खर्च में होने वाली बढ़ोतरी पर लगाम लगी है, लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं निकाला जा सकता है कि लोगों की जेब पर औसत खर्च का बोझ कम हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से जारी महंगाई के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि देश में हर व्यक्ति पर टैक्स का बोझ साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 15 साल से स्कूलों की फीस सालाना 10-20 फीसदी तक बढ़ रही है। सडक़ पर गाड़ी चलाना भी पांच से 10 फीसदी तक महंगा हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10-15 वर्षों के दौरान आम आदमी पर टैक्स का बोझ इसलिए बढ़ा है, क्योंकि अब हर तरह की सेवा पर शुल्क और टैक्स वसूला जा रहा है। बैंकिंग सेवाओं ले से लेकर रेलवे टिकट, यहां तक कि फिल्म टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म से लेकर ऑनलाइन फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक अपने सर्विस चार्ज में इजाफा कर रहे हैं। हर साल कुछ नए टैक्स लोगों के जीवन में जुड़ते जा रहे हैं तो वहीं पूर्व से निर्धारित टैक्स को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है, जिससे आम लोगों की जेब ढीली हो रही है। हालांकि टैक्स का बोझ बढऩे के साथ लोगों की आय भी बढ़ रही है। 2014 में देश में प्रति व्यक्ति औसत आय 86,647 रुपए थी, जो 10 साल में 108 प्रतिशत बढक़र वर्ष 2024 में 1.80 लाख रुपए से अधिक हो गई।
औसत प्रति व्यक्ति आय
वर्ष सालाना आय
2014 86,647
2024 1,80,000
(राशि रुपए में)
बैंकों की हर सेवा पर शुल्क
पिछले एक- डेढ़ दशक में बैंकिंग सेवा में सुधार हुआ है, लेकिन बैंकों ने हर सेवा पर शुल्क लगाया दिया है। साथ ही इन शुल्कों पर जीएसटी अलग से लिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर एक मई से बैंकों ने एटीएम से अपने निर्धारित बैंक से पांच लेन-देन की मासिक सीमा के बाद प्रत्येक लेन-देन पर शुल्क को 21 रुपए से बढ़ाकर 23 रुपए कर दिया है। शुल्क के साथ जीएसटी भी लगाया गया है। आलम यह है कि बैंक न्यूनतम बैंलेस नहीं होने पर भी ग्राहकों पर भारी जुर्माना लगा रहे हैं, जिससे एक वर्ष में 3,500 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली हुई है।
बैंक इन सेवाओं के लिए वसूल रहे शुल्क
प्रमुख सेवाएं चार्ज
—डुप्लीकेट पासबुक 100 रुपए
—डुप्लीकेट पासबुक एंट्री के साथ 50 रुपए प्रति पेज
—अतिरिक्त चेक भुगतान को रोकना 200 रुपए प्रति चेक (अधिकतम क्र500) ग्राहक की गलती से चेक वापस होना 150 रुपए
—हस्ताक्षर सत्यापन 100 रुपए
—संयुक्त बैंक खाते में हस्ताक्षर सत्यापन 150 रुपए
—डिमांड ड्राफ्ट(5 से 10 हजार तक) 75 रुपए
—पोस्टल चार्ज 50 से 100 रुपए
—ब्रांच से कैश निकासी (5बार के बाद) 75 रुपए प्रति निकासी
—खाता रखरखाव चार्ज 500 रुपए
—एसएमएस अलर्ट 10 से 35 रुपए प्रति तिमाही
—मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी बदलना 50 रुपए व जीएसटी
—डेबिट कार्ड रखरखाव चाज 250 से 800 रुपए
—डेबिट कार्ड री-पिन बदलना 50 रुपए
शिक्षा खर्च में भारी बढ़ोत्तरी
हर परिवार की जेब पर शिक्षा खर्च का बोझ तेजी से बढ़ा है। स्कूल अपनी फीस में भले ही सरकारी नियमों के हिसाब से बढ़ोत्तरी कर रहे हों, लेकिन उसके अतिरिक्त तमाम मदों में बढ़ोतरी की जा रही है। स्थिति यह है कि अगर किसी स्कूल की फीस वर्ष 2014-15 में तीन से चार हजार रुपए मासिक थी तो वह अब 12 से 15 हजार रुपए तक पहुंच गई है। बीते 4 वर्षों के दौरान ही स्कूली शिक्षा खर्च 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गया है। डोनेशन, एडमिशन, वार्षिक फीस, ड्रेस, किताब, जूते, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च हर साल 10-20 प्रतिशत बढ़ रहा है।
दूध-दही, आटा भी टैक्स के दायरे में
जुलाई 2022 से पैकेट बंद दूध, दही, पनीर और आटे पर जीएसटी लगाया जा रहा है। इन सभी पर 5 प्रतिशत जीएसटी है। जुलाई 2017 में जीएसटी के आने के बाद सामान्य जीवन से जुड़ी लगभग सभी चीजें टैक्स के दायरे में आ गई हैं, जिससे आम आदमी के जेब पर टैक्स का बोझ बढ़ा है।
गाड़ी चलाना प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत तक महंगा
पिछले एक दशक से गाड़ी (कार-बाइक) खरीदना और चलाना महंगा हो रहा है। देश में टोल प्लाजा की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिनकी हर वर्ष टोल दर 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ रही है। गाड़ी पर लगे फास्टैग पर भी चार्ज बढ़ गए हैं। साथ ही गाडिय़ों की कीमतें भी हर वर्ष 10 प्रतिशत औसतन बढ़ रही है। गाडिय़ों का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाना और बीमा कराना भी महंगा हो गया है, जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से लग रहा है।
फास्टैग से वसूले जा रहे शुल्क
—टैग फीस 100 रुपए
—न्यूनतम बैलेंस (कार) 200 रुपए
—नेट बैंकिंग से रिचार्ज 8 रुपए प्लस जीएसटी प्रति रिचार्ज
—क्रेडिट कार्ड से रिचार्ज 0.90 प्रतिशत प्लस जीएसटी प्रति रिचार्ज
—इंश्योरेंस फीस 100 रुपए
—दोबारा से टैग जारी होना 100 रुपए
—सिक्योरिटी जमा 100 रुपए
—स्टेटमेंट 50 रुपए प्रति
टिम कुक का बड़ा फैसला: ट्रम्प की 'मेक इन यूएस' मांग को क्यों ठुकराया?
19 May, 2025 09:42 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जैसे-जैसे इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि एप्पल अपने आईफोन की असेंबली भारत से अमेरिका ले जा सकता है. वैसे-वैसे विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि तकनीकी दिग्गज एप्पल को दक्षिण एशियाई देश से कहीं ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव की एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के फैसले से एप्पल के मुनाफे में काफी कमी आ सकती है, जबकि भारत को गहन और ज्यादा एडवांस मैन्युफैक्चरिंग की ओर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिल सकता है.
फिलहाल एप्पल अपने लगभग 15 फीसदी आईफोन भारत में असेंबल करता है, जबकि बाकी का उत्पादन अभी भी चीन में किया जा रहा है. हालांकि भारत का योगदान छोटा लग सकता है, लेकिन बहस तेज हो रही है. खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विनिर्माण नौकरियों को वापस अमेरिकी धरती पर लाने के राजनीतिक प्रयासों के बीच.
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत यहां असेंबल किए गए प्रत्येक आईफोन पर 30 डॉलर से भी कम कमाता है, जिसका अधिकांश हिस्सा उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सब्सिडी के माध्यम से एप्पल को वापस कर दिया जाता है. मूल्य का असली हिस्सा डिजाइन, सॉफ्टवेयर और प्रमुख घटकों में योगदान देने वाले देशों के पास है, न कि असेंबल करने वाले देशों के पास जाता है.
आईफोन प्रोडक्शन से अन्य देशों को लाभ
अमेरिका में लगभग 1,000 डॉलर में बिकने वाले एक सामान्य आईफोन का मूल्य वैश्विक स्तर पर वितरित होता है. एप्पल की ब्रांडिंग और सॉफ्टवेयर के माध्यम से अमेरिका को लगभग 450 डॉलर का लाभ होता है. क्वालकॉम और ब्रॉडकॉम जैसे यूएस-आधारित घटक निर्माता 80 डॉलर और कमाते हैं. ताइवान चिप उत्पादन के माध्यम से 150 डॉलर जोड़ता है. दक्षिण कोरिया OLED डिस्प्ले और मेमोरी चिप्स के माध्यम से 90 डॉलर कमाता है. जबकि जापान मुख्य रूप से कैमरा घटकों के माध्यम से 85 डॉलर का योगदान देता है. जर्मनी, वियतनाम और मलेशिया से प्राप्त छोटे घटक 45 डॉलर तक होते हैं.
भारत और चीन को बहुत कम लाभ
इसकी तुलना में भारत और चीन, जहां वास्तविक असेंबली होती है, केवल 30 डॉलर कमाते हैं. कुल डिवाइस मूल्य का तीन फीसदी से भी कम. हालांकि असेंबली पर मौद्रिक रिटर्न मामूली है, लेकिन रोजगार पर इसका प्रभाव महत्वपूर्ण है. अगर Apple भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित नहीं करता है, तो कई आर्थिक नुकसान हो सकते हैं. खासकर भारत के वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने पर वर्तमान फोकस को देखते हुए.
ट्रंप अमेरिका में आईफोन की असेंबली क्यों चाहते हैं?
वर्तमान में 60,000 से अधिक भारतीय और लगभग 300,000 चीनी कर्मचारी इन असेंबली लाइनों में लगे हुए हैं. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यही कारण है कि ट्रम्प ने नौकरियों को फिर से बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को लक्षित किया है. यह उच्च तकनीक क्षमताओं के बारे में नहीं है. यह रोजगार के बारे में है. ट्रंप यही बात अमेरिका में वापस लाना चाहते हैं.
Apple क्यों नहीं चाहता अमेरिका में आईफोन की असेंबली?
ट्रंप के इस तरह के कदम की एक कीमत है - जिसे Apple के लिए अनदेखा करना मुश्किल हो सकता है. भारत में कंपनी असेंबली कर्मचारियों को औसतन 290 डॉलर प्रति माह का भुगतान करती है. अमेरिका में न्यूनतम वेतन कानूनों का पालन करने से यह बढ़कर 2,900 डॉलर प्रति कर्मचारी हो जाएगा, जिससे असेंबली लागत 30 डॉलर से बढ़कर लगभग 390 डॉलर प्रति डिवाइस हो जाएगी. इससे Apple का प्रति यूनिट लाभ 450 डॉलर से घटकर केवल 60 डॉलर रह सकता है, जब तक कि वह iPhone की कीमतें बढ़ाने का विकल्प नहीं चुनता - जो पहले से ही महंगाई से जूझ रहे अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए एक गलत निर्णय हो सकता है.
टिम कुक क्या चुनेंगे- देशभक्ति या लाभ?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की हालिया बयानबाजी भारत के साथ अधिक अनुकूल व्यापार समझौते को सुरक्षित करने के उद्देश्य से व्यापक वार्ता रणनीति का हिस्सा हो सकती है. ट्रंप ने चीन में एप्पल के उत्पादन के बारे में ऐसी सार्वजनिक मांग नहीं की है, जहां अभी भी 85 फीसदी iPhone का निर्माण होता है, जिससे व्यापार विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ गई है. इस बीच अगर एप्पल अपना परिचालन बदलता है तो भारत को उम्मीद की किरण मिल सकती है.
आईफोन निर्माण पर ट्रंप की टिप्पणी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक से भारत में विनिर्माण कार्यों का विस्तार बंद करने का आग्रह किया, जबकि नई दिल्ली ने अमेरिका को नो-टैरिफ प्रस्ताव दिया है. ट्रंप की कतर की राजकीय यात्रा के दौरान की गई यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है. जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने के उनके विवादास्पद दावे के बाद तनाव पहले से ही बहुत अधिक है. एक ऐसा दावा जिसका भारत ने खंडन किया है.
एप्पल प्रमुख के साथ अपनी हालिया बातचीत के बारे में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि टिम कुक के साथ मेरी थोड़ी असहमति थी. वह पूरे भारत में परिचालन स्थापित कर रहे हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं नहीं चाहता कि आप भारत में निर्माण करें। भारत खुद की देखभाल कर सकता है.
पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल का सौदा, ट्रंप से जुड़ाव बना विवाद का कारण
19 May, 2025 09:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में मध्यस्थ बनने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास का सच बाहर आ गया है. पाकिस्तान में हुए एक डील में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की संलिप्तता से जुड़े होने के कारण चर्चा में है. पाकिस्तान को क्रिप्टो हब के रूप में विकसित करने के लिए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (पीसीसी) और वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (डब्ल्यूएलएफ) ने आधिकारिक तौर पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए है. इस डील का अमेरिकी राष्ट्रपति के परिवार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की मौजूदगी से जुड़ा होना लोगों को हैरान कर रहा है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के जारी एक प्रेस बयान के अनुसार अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में जैकरी फोल्कमैन, चेस हेरो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकरी विटकॉफ शामिल थे.
ट्रंप का कनेक्शन
विशेष रूप से, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन निवेश पर केंद्रित फिनटेक कंपनी का अधिकांश स्वामित्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटों, एरिक और डोनाल्ड जूनियर के पास है. साथ ही उनके दामाद जेरेड कुशनर के पास भी है, जिनकी सामूहिक रूप से 60 फीसदी हिस्सेदारी है. अमेरिकी फर्म और पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच आशय पत्र पर अप्रैल में हस्ताक्षर किए गए थे.
इस्लामाबाद को क्रिप्टो राजधानी बनाने की पहल
रिपोर्ट के अनुसार नवगठित पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए बिनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को सलाहकार के रूप में जल्दी से शामिल कर लिया. दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनेंस पिछले महीने की शुरुआत में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के लॉन्च इवेंट में सुर्खियों में रहा. इस इवेंट के दौरान काउंसिल ने इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी के रूप में स्थापित करने की अपनी महत्वाकांक्षा की घोषणा की.
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने समझौते को औपचारिक रूप देने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख, उप प्रधानमंत्री, सूचना एवं रक्षा मंत्रियों से भी मुलाकात की.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिकी क्रिप्टो प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया
ट्रंप से जुड़ी एक फिनटेक फर्म के संस्थापक और मध्य पूर्व में वर्तमान अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे जैचरी विटकॉफ के नेतृत्व में वाशिंगटन से आए प्रतिनिधिमंडल का इस्लामाबाद में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने असामान्य रूप से गर्मजोशी से स्वागत किया गया.
जनरल मुनीर की प्रत्यक्ष भागीदारी, जो एक वाणिज्यिक क्रिप्टो और ब्लॉकचेन सौदे में प्रतीत होती है.
भारत से दुश्मनी महंगी पड़ी! IMF ने पाकिस्तान पर ठोकीं 11 शर्तें, फूटा गुस्सा!
19 May, 2025 07:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपने राहत कार्यक्रम की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। इसके साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को चेताया है कि भारत के साथ तनाव से योजना के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। रविवार को यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान पर लगाई गई नई शर्तों में 17,600 अरब रुपये के नए बजट को संसद की मंजूरी, बिजली बिलों पर ऋण भुगतान अधिभार में वृद्धि और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध को हटाना शामिल है।
आईएमएफ द्वारा शनिवार को जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से इस कार्यक्रम के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। आईएमएफ की रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये रुपये दिखाया गया है, जो मौजूदा साल से 12 फीसदी अधिक है।
आईएमएफ के अनुमान की तुलना में सरकार ने इस महीने की शुरुआत में भारत के साथ टकराव बढ़ने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए 2,500 अरब रुपये या 18 प्रतिशत अधिक आवंटित करने का संकेत दिया है। खबरों के मुताबिक आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। इस तरह पाकिस्तान पर कुल 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं।
आत्मनिर्भर भारत: सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक शक्ति बनने की राह पर
19 May, 2025 06:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार साल 2030 के आखिर तक कुल वैश्विक सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य बना रही है। इसके लिए वह भारतीय सेमीकंडक्टर योजना 2.0 के अगले चरण की तैयारी कर रही है। वह पहले ही 10 अरब डॉलर के वितरण की प्रतिबद्धता जता चुकी है, जिसकी घोषणा उसने की थी। यह राशि सेमीकॉन फैब के संभावित भागीदारों के साथ-साथ ओएसएटी और एटीएमपी कंपनियों को प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। इस योजना के तहत पहले ही करीब पांच परियोजनाएं पात्र पाई गई हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अभी शुरुआत की है। हमारे सामने लंबा रास्ता है। हमारा लक्ष्य वैश्विक चिप उत्पादन क्षमता का 5 प्रतिशत हिस्सा हासिल करना है। काफी कुछ किया जाना बाकी है।’
उद्योग की शीर्ष संस्था – इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अनुसार मंत्रालय अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए अब तक परियोजनाओं की प्रतिदिन 7.5 करोड़ से अधिक चिप उत्पादन की कुल क्षमता को मंजूरी दे चुका है। अलबत्ता अगर इस संख्या में राज्यों से स्वीकृत परियोजनाओं को भी जोड़ दिया जाए तो यह प्रतिदिन 9.1 करोड़ चिप तक पहुंच जाएगी।
आईईएसए और सेमी इंडिया के अध्यक्ष अशोक चांडक कहते हैं, ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मंजूर पांच परियोजनाओं से स्वीकृत परियोजनाएं प्रतिदिन लगभग 7.5 करोड़ चिप क्षमता हैं। इसके अलावा राज्यों से स्वीकृत अन्य परियोजनाएं भी हैं जो प्रतिदिन 1.6 करोड़ चिप क्षमता और जोड़ देंगी। इस क्षमता के साथ भारत अपनी घरेलू मांग के एक हिस्से की पूर्ति करने के साथ-साथ निर्यात बाजार में भी प्रवेश कर सकेगा।’
यह निश्चित रूप से केवल पहला चरण है। राज्य परियोजनाओं में गुजरात में सुचि सेमीकॉन, महाराष्ट्र में आरआरपी इलेक्ट्रॉनिक्स, उड़ीसा में आरआईआर शामिल हैं। ये चालू होने पर सामूहिक रूप से प्रतिदिन एक करोड़ चिप का उत्पादन करेंगी। चेन्नई की पॉलीमैटेक पहले से ही चालू है। वर्तमान में इसकी क्षमता प्रतिदिन 60 लाख चिप है। एक अन्य संयंत्र छत्तीसगढ़ में स्थापित किया जा रहा है।
माइक्रोन भी मैदान में है और उम्मीद है कि वह इस साल के अंत में भारत में बने पहले चिप पेश करेगी। हालांकि उसने आधिकारिक तौर पर अपनी क्षमता की घोषणा नहीं की है, लेकिन उद्योग के सूत्रों का कहना है कि उसकी क्षमता प्रतिदिन करीब 48 लाख चिप होगी। सेमी (वैश्विक सेमीकॉन एसोसिएशन के निकाय) के विश्व फैब पूर्वानुमान के अनुसार वैश्विक फैब क्षमता साल 2024 में प्रति माह 3.1 करोड़ तक पहुंच चुकी है।
सेमीकॉन योजना 2.0 के तहत इसके तंत्र के विस्तार पर भी ध्यान दिया जाएगा जिसमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी शामिल है। इसमें अन्य चीजों के अलावा विशिष्ट रसायन और गैसें भी शामिल हैं जो फैब बनाने के लिए जरूरी होती हैं। चिप निर्माण क्षमता का विस्तार करने में इस तंत्र का निर्माण महत्त्वपूर्ण होता है।
एफपीआई ने रिकॉर्ड 8,831.1 करोड़ रुपए शेयर बाजार में निवेश किए
18 May, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने खरीदारी का सिलसिला जारी रखा और रिकॉर्ड 8,831.1 करोड़ रुपए शेयर बाजार में निवेश किए। 27 मार्च के बाद एफपीआई इनफ्लो का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर शनिवार को आए डेटा में इसकी जानकारी मिली। इसके पहले गुरुवार को एफपीआई ने 5,746.5 करोड़ रुपए शेयर बाजार में निवेश किए थे। नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के के मुताबिक, मई में अब तक एफपीआई की ओर से 18,620 करोड़ रुपए भारतीय शेयर बाजार में निवेश किए गए हैं।
बीते एक महीने से विदेशी निवेशक शेयर बाजार में बढ़चढ़ कर निवेश कर रहे हैं। अप्रैल में एफपीआई इनफ्लो 4,223 करोड़ रुपए था। इसके पहले के तीन महीनों में जनवरी, फरवरी और मार्च में एफपीआई शुद्ध विक्रेता थे और क्रमश: 78,027 करोड़ रुपए, 34,574 करोड़ रुपए और 3,973 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी। विदेशी निवेशकों के अलावा घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) भी शुक्रवार को शुद्ध खरीदार थे और करीब 5,187.1 करोड़ रुपए का निवेश शेयर बाजार में उन्होंने किया। विदेशी और घरेलू निवेशकों की शुद्ध खरीदारी के बाद भी बीते सत्र में बाजार लाल निशान में बंद हुए थे।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 200.15 अंक की गिरावट के साथ 82,330.59 और निफ्टी 42.30 अंक या 0.17 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,019.80 पर था। लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 529.65 अंक या 0.94 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,060.50 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 320 अंक या 1.86 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,560.40 पर था।
अप्रैल में हुंडई क्रेटा ने की 17,016 यूनिट्स की बिक्री
18 May, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । पिछले महीने अप्रैल में हुंडई क्रेटा ने 17,016 यूनिट्स की बिक्री के साथ इस सेगमेंट में टॉप किया है। यह लगातार दूसरा महीना है जब क्रेटा ने मिडसाइज एसयूवी के साथ-साथ ओवरऑल सेगमेंट में भी नंबर-1 का स्थान हासिल किया है।
देश के मिडसाइज एसयूवी सेगमेंट में अप्रैल 2025 के आंकड़ों ने एक बार फिर हुंडई क्रेटा की लोकप्रियता को साबित कर दिया है। पिछले साल अप्रैल में क्रेटा की बिक्री 15,447 यूनिट्स थी, जिससे इस साल उसे लगभग 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हासिल हुई है। महिंद्रा स्कॉर्पियो ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है और अप्रैल 2025 में 15,534 यूनिट्स की बिक्री के साथ 5प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। हालांकि, मारुति सुजुकी की ग्रैंड विटारा को 6प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा, जिसकी बिक्री अप्रैल में 7,154 यूनिट्स रही। महिंद्रा की दूसरी लोकप्रिय एक्सयूवी700 ने 6,811 यूनिट्स बिकीं और इसे 11प्रतिशत की ग्रोथ मिली।
किआ सेल्टोस ने भी अप्रैल में 6,135 यूनिट्स की बिक्री की, लेकिन 9प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं, टोयोटा हाईराइडर ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 4,642 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के मुकाबले 43प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। टाटा के कई मॉडल्स को इस बार सेल्स में गिरावट का सामना करना पड़ा है। टाटा सफारी की बिक्री में 22प्रतिशत, टाटा हैरियर की 42प्रतिशत और फॉक्सवैगन ताइगुन की 34प्रतिशत की कमी आई है। टाटा कर्व ने 3,149 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, लेकिन पिछले साल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली सी6 अगले साल लॉन्च
18 May, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । महंगी बाइक्स बनाने वाली रॉयल एनफील्ड कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली सी6 को लॉन्च करने की घोषणा की है। कंपनी की यह बाइक वित्तीय वर्ष 2026 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच भारतीय बाजार में उपलब्ध होगी। यह बाइक रॉयल एनफील्ड की नई इलेक्ट्रिक बाइक्स की फ्लाइंग फ्ली सीरीज की पहली पेशकश होगी, जिसके बाद एस 6 मॉडल भी जल्द बाजार में आएगा। फ्लाइंग फ्ली सी6 में कई खास तकनीकी फीचर्स दिए गए हैं। बाइक का कंट्रोल सिस्टम कंपनी ने खुद विकसित किया है, जो थ्रॉटल, ब्रेकिंग और रीजनरेटिव ब्रेकिंग को स्मार्ट तरीके से मैनेज करता है।
इसमें 5 प्री-सेट राइडिंग मोड्स हैं, जिन्हें यूजर अपनी जरूरत और सड़कों के हिसाब से कस्टमाइज कर सकता है। इसके अलावा, इस बाइक को स्मार्टफोन की मदद से स्मार्ट की की तरह अनलॉक और स्टार्ट किया जा सकेगा। चार्जिंग के लिए इसे आम घरेलू तीन-पिन प्लग से भी चार्ज किया जा सकता है, जिससे अतिरिक्त चार्जिंग सेटअप की जरूरत नहीं होगी। फ्लाइंग फ्ली सी6 में फुल डिजिटल फीचर्स जैसे कॉर्नरिंग एबीएस, क्रूज कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, एलईडी लाइटिंग और डिजिटल डिस्प्ले शामिल हैं।
यह बाइक खासतौर पर शहरों के लिए डिजाइन की गई है, जहां हल्के और फुर्तीले वाहन की मांग ज्यादा होती है। रॉयल एनफील्ड इस इलेक्ट्रिक बाइक के जरिए इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भी अपनी क्लास और भरोसेमंद छवि बनाए रखना चाहती है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर 200 से ज्यादा इंजीनियर काम किए हैं और अब तक 45 पेटेंट भी फाइल किए जा चुके हैं।
जुलाई से सितंबर के बीच लॉन्च होगा नथिंग फोन (3)
18 May, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । नथिंग कंपनी का अपकमिंग स्मार्टफोन नथिंग फोन (3) साल 2025 में लॉन्च होगा। इस फोन में एडवांस एआई फीचर्स शामिल होंगे, जो इसे एक प्रीमियम डिवाइस बनाएंगे। कंपनी के सीईओ कार्लपेई ने हाल ही में इसकी पुष्टि की है। एक यूट्यूब वीडियो में इस फोन की झलक भी दिखाई, हालांकि फोन को ब्लर किया गया था। इस वीडियो में उन्होंने फोन के प्राइस और लॉन्च डेट का खुलासा किया है। नथिंग फोन (3) को 2025 के तीसरे क्वार्टर यानी जुलाई से सितंबर के बीच लॉन्च किया जाएगा।
अगर पिछले साल के लॉन्च को ध्यान में रखा जाए, तो यह संभावना जताई जा रही है कि फोन जुलाई 2025 में लॉन्च होगा, क्योंकि नथिंग फोन (2) जुलाई 2023 में आया था। रिपोर्ट के अनुसार नथिंग फोन (3) को प्रीमियम मटेरियल्स, बेहतर परफॉर्मेंस और एआई-बेस्ड सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया गया है। यह फोन कंपनी का फ्लैगशिप डिवाइस होगा और इसमें डिज़ाइन के साथ-साथ यूजर एक्सपीरियंस भी शानदार होगा।
नथिंग फोन (3) की कीमत करीब 800 जीबीपी (लगभग रुपए 90,500) हो सकती है। पिछले मॉडल, नथिंग फोन (2) के 12जीबी + 256जीबी वेरिएंट की कीमत 629 जीबीपी (लगभग रुपए 71,000) थी और भारत में इसकी कीमत 49,999 रुपये थी। ऐसे में उम्मीद है कि फोन (3) का 12जीबी + 256जीबी वेरिएंट भारत में 60,000 रुपये से अधिक हो सकता है।
Belrise का मास्टरस्ट्रोक! IPO से पहले ऑटोमोबाइल सेगमेंट पर फोकस
17 May, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाहनों के लिए पुर्जा बनाने वाली बेलराइज इंडस्ट्रीज 2,150 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की पेशकश से पहले अब चार पहिया और यात्री वाहन खंड में विस्तार करना चाह रही है। कंपनी का आईपीओ 21 मई को खुलने वाला है। फिलहाल, कंपनी के कारोबार में दोपहिया वाहन श्रेणी की बड़ी हिस्सेदारी है।
चेसिस सिस्टम से लेकर एग्जॉस्ट और पॉलीमर पुर्जों सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला वाली कंपनी चेन्नई (तमिलनाडु), पुणे (महाराष्ट्र) और भिवाड़ी (राजस्थान) में तीन नए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें से चेन्नई का संयंत्र प्रमुख केंद्र रहेगा, जो रॉयल एन्फील्ड और अशोक लीलैंड जैसे मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) के साथ-साथ दोपहिया, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) स्टार्टअप और वाणिज्यिक वाहन विनिर्माताओं की एक बड़ी श्रृंखला की सेवा करेगा।
फिलहाल, बेलराइज के पास मेटल पुर्जा दोपहिया खंड में 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है और यह बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसे ओईएम की आपूर्तिकर्ता है। मगर चार पहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहन खंड में इसकी हिस्सेदारी काफी कम है। कंपनी अब मूल उपकरण विनिर्माताओं के साथ गहन एकीकरण और अपने उत्पादों का विस्तार कर इस अंतर को पाटना चाह रही है। हालांकि, आने वाले संयंत्रों की क्या क्षमता रहेगी और कंपनी इन पर कितना निवेश करेगी इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि वे वाहन खंडों की एक बड़ी श्रृंखला को पूरा करने की कंपनी के लक्ष्य को हासिल करने मददगार होंगे।
कंपनी के भविष्य की रोडमैप के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन इसके उत्पाद काफी हद तक पावरट्रेन से जुदा हैं, जिससे कंपनी को पारंपरिक ईंधन और ईवी दोनों बाजारों को पूरा करने में मदद मिलती है। कंपनी सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों में बढ़ते अवसर देख रही है, खासकर वाणिज्यिक वाहनों और छोटी कार खंड में।
वर्क फ्रॉम होम का असर? गूगल वर्कस्पेस की मांग में भारी उछाल
17 May, 2025 05:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गूगल के वर्कस्पेस ने पिछले साल दस लाख पेड यूजर जोड़े। इससे ऐसे यूजर्स की कुल संख्या 1.1 करोड़ से अधिक हो गई। भारत और दक्षिण एशिया में गूगल वर्कस्पेस की कंट्री हेड सुमेधा चक्रवर्ती ने यह जानकारी दी। चक्रवर्ती ने बातचीत में कहा, ‘एक साल से भी कम समय में पेड यूजर की संख्या 1 करोड़ से बढ़कर 1.1 करोड़ हो गई है। साथ ही ऐसी पेड कंपनियां भी बढ़ी हैं जो अब वर्कस्पेस का उपयोग कर रही हैं। यह ऐसा बदलाव है जो अब वैश्विक स्तर पर दिख रहा है। इस बदलाव का एक बड़ा कारण जेनरेटिव एआई है।’
भारत में गूगल वर्कस्पेस ग्राहक पोर्टफोलियो में बड़े उद्यम यूजर जुड़ने में तेजी आई है। चक्रवर्ती ने कहा कि यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाली 85 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप कंपनियां अब वर्कस्पेस का उपयोग कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘डिजिटल नेटिव स्पेस में हमारे पास वास्तविक बढ़त है। यह हमारा गढ़ रहा है और हम अपने गढ़ को लगातार मजबूत कर रहे हैं, खास तौर पर जेनरेटिव एआई आने के बाद से। बड़े उद्यम जो पारंपरिक रूप से अन्य उत्पादों का उपयोग करते रहे हैं, अपने पीऐंडएल (लाभ और हानि) को प्रभावित किए बिना जेनरेटिव एआई की आवश्यकता महसूस करते हैं।’
उन्होंने कहा, कि हालांकि जनरेटिव एआई के आगमन से साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं में वृद्धि हुई है। लेकिन वर्कस्पेस गूगल के आर्किटेक्चर और कंपनी के क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में किसी भी बाहरी खतरे को नियंत्रित करने की क्षमता दिखाकर इन उपयोगकर्ताओं की चिंताओं का इंतजाम करने और निपटने में सक्षम रहा है।