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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ने सालभर में 133 करोड़ रुपये का दान लिया, खजाना हुआ भरपूर
2 Apr, 2025 05:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई का प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का एक बड़ा केंद्र है. हर साल लाखों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और दान देते हैं. अरबपतियों से लेकर हर आम इंसान मंदिर में दर्शन के बाद दान करके जाते हैं. जिससे हर साल मंदिर के खजाने में अरबों रुपए आते हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंदिर ने 133 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कमाई की है, जो अब तक की सबसे ज्यादा सालाना कमाई मानी जा रही है. \
दान और चढ़ावे से ऐतिहासिक कमाई
सिद्धिविनायक गणपति मंदिर को इस साल श्रद्धालुओं से नकद दान, सोना-चांदी, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और अन्य माध्यमों से बड़ी रकम प्राप्त हुई. मंदिर प्रशासन के अनुसार, भक्तों की बढ़ती संख्या और ऑनलाइन डोनेशन विकल्पों के कारण यह आय लगातार बढ़ रही है.
इनसे हुई रिकॉर्ड कमाई
दान पेटी से प्राप्त नकद दान- 98 करोड़
सोना और चांदी के दान 7 करोड़
ऑनलाइन डोनेशन 18 करोड़
अन्य आय स्रोत (प्रसाद, पूजा बुकिंग आदि) 10 करोड़
पिछले साल की तुलना में बड़ी बढ़ोतरी
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में मंदिर की कुल आय 80 करोड़ रुपये थी. इस साल यह आय करीब 66% अधिक रही, जो दर्शाता है कि मंदिर की लोकप्रियता और भक्तों की आस्था लगातार बढ़ रही है.
कहां होता है ये पैसा इस्तेमाल?
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट इस आय का उपयोग सामाजिक कल्याण योजनाओं, शिक्षा, चिकित्सा सुविधाओं, और गरीबों की सहायता के लिए करता है. इसके अलावा, मंदिर की सुरक्षा, रखरखाव और विस्तार कार्यों पर भी यह राशि खर्च की जाती है.
हर साल गणेश चतुर्थी और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. बॉलीवुड सितारे, बिजनेसमैन और आम जनता सभी इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.
सबसे ज्यादा होती है कमाई
सिद्धिविनायक मंदिर ही नहीं, भारत के अन्य धार्मिक स्थलों को भी हर साल सौ करोड़ से ज़्यादा का दान मिलता है. दान के मामले में आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर पूरे भारत में सबसे आगे है. इस मंदिर को सालाना 1500 करोड़ से लेकर 1650 करोड़ रुपये तक का दान मिलता है. इस सूची में अगला नाम केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर का है. इस मंदिर को हर साल भक्त 750 करोड़ से लेकर 800 करोड़ रुपये तक का दान देते हैं. वर्तमान में तीसरे स्थान पर मौजूद राम मंदिर को एक साल में 700 करोड़ रुपये का दान मिलने की खबर है.
वॉरेन बफे का नया कीर्तिमान, मस्क, बेजोस और जुकरबर्ग को पीछे छोड़कर बने सबसे बड़े कारोबारी
2 Apr, 2025 05:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ना एलन मस्क, ना ही जेफ बेजोस और ना ही मेटा के को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग. साल 2025 के शुरुआती 90 दिनों में जो कमाल 94 साल के दुनिया के सबसे उम्रदराज अरबपति ने कर दिया है, वो इनमें से कोई नहीं कर सका. जी हां, साल 2025 के 90 से ज्यादा खत्म हो चुके हैं. इस दौरान दुनिया के अरबपतियों की दौलत को एनालाइज किया जाए तो 94 साल के अरबपति के सामने सभी नतमस्तक हो गए हैं. दुनिया का ये सबसे उम्रदराज कारोबारी कोई और नहीं बल्कि वॉरेन बफे है.
जिसकी दौलत में साल 2025 में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला है. इस 90 दिनों के दौरान वॉरेन बफे की नेटवर्थ में 24.5 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर दुनिया के टॉप 17 अरबपतियों में से 15 अरबपति ऐसे हैं, जिनकी दौलत में गिरावट ही देखने को मिली है. वॉरेन बफे के बाद बिलगेट्स ही ऐसे अरबपति हैं, जिनकी दौलत में इस साल बढ़ोतरी हुई है. वर्ना मार्क जुकरबर्ग करीब 70 मिलियन डॉलर और एलन मस्क 110 अरब डॉलर नेटवर्थ गंवा चुके हैं. आइए ब्लूमबर्ग के आंकड़ों को समझने की कोशिश करते हैं और देखते हैं कि दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी की दौलत में कैसे और कितना इजाफा देखने को मिला है.
दुनिया के सबसे उम्रदराज कारोबारी वॉरेन बफे
दुनिया के सबसे बड़े इंवेस्टर वॉरेन बफे दुनिया के सबसे उम्रदराज अरबपति भी हैं. वॉरेन बफे की उम्र 94 साल है. वहीं उसके बाद अरनॉल्ट बर्नार्ड और जिम वॉल्टन की उम्र 76 वर्ष है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार वॉरेन बफे की नेटवर्थ मौजूदा समय में 167 अरब डॉलर है और वो दुनिया के 5वें सबसे अमीर कारोबारी हैं. वहीं दूसरी ओर दुनिया के चौथे सबसे अमीर कारोबारी अरनॉल्ट बर्नार्ड की नेटवर्थ 168 अरब डॉलर देखने को मिल रही है. मंगलवार को वॉरेन बफे की दौलत में दुनिया के बाकी अरबपतियों के मुकाबले काफी कम यानी 194 मिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. उसके बाद भी साल 2025 में वॉरेन बफे का नाम एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग से ऊपर देखने को मिल रहा है ये अपने आप में बड़ा सवाल है.
2025 में बनें नंबर 1
साल 2025 में वो एलन मस्क, जेफ बेजोस और मार्क जुकरबर्ग यानी दुनिया के टॉप 3 अरबपतियों से ऊपर देखने को मिल रहे हैं, लेकिन कैसे. आइए आपको भी समझाने की कोशिश करते हैं. टॉप 3 अरबपतियों की दौलत में इस साल बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों को देखें तो एलन मस्क की दौलत में 110 अरब डॉलर, जेफ बेजोस की नेटवर्थ में 25.4 अरब डॉलर और मार्क जुकरबर्ग की नेटवर्थ 69.3 मिलियन डॉलर की गिरावट देखने को मिली है. जबकि दुनिया के सबसे उम्रदराज कारोबारी की नेटवर्थ में 24.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो मौजूदा समय में दुनिया के किसी अरबपति के मुकाबले में सबसे ज्यादा है.
टॉप 17 में सिर्फ दो ही फायदे में
खास बात तो ये है कि ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार दुनिया के टॉप 17 अरबपतियों में सिर्फ दो ही ऐसे अरबपति हैं, जिनकी नेटवर्थ में इजाफा देखने को मिला है. बाकी अरबपतियों की दौलत में गिरावट ही देखने को मिली है. जैसा कि हम पहले ही आपको बता चुके हैं वॉरेन बफे की नेटवर्थ में इजाफा हुआ है जबकि दूसरा कारोबारी कोई और नहीं बल्कि बिल गेट्स हैं. जिनकी नेटवर्थ में 2.86 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. मंगलवार को उनकी नेटवर्थ में 830 मिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. इसका मतलब है कि दुनिया के टॉप 50 अरबपतियों में 30 कारोबारी ऐसे हैं जिनकी दौलत में गिरावट देखी गई है. वहीं 20 अरबपतियों की दौलत में इजाफा देखने को मिला है.
3 हफ्तों में 12 अरब डॉलर का इजाफा
अगर बात बीते 3 हफ्तों की बात करें तो वॉरेन बफे की दौलत में 12 अरब डॉलर का इजाफा देखने काे मिला है. ब्लूमबर्ग बिनेलियर्स इंडेक्स के अनुसार 10 मार्च को वाॅरेन बफे की नेटवर्थ 155 अरब डॉलर देखने को मिली थी. उसके बाद से उनकी नेथवर्थ में 12 अरब डॉलर की बढ्ोतरी देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल नेथ्वर्थ 167 अरब डॉलर हो गई है.
मौद्रिक नीति में बदलाव से पहले RBI का ऐतिहासिक कदम, बैंकों को ₹80,000 करोड़ की राहत
2 Apr, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से ठीक एक सप्ताह पहले बैंकिंग प्रणाली में खुले बाजार परिचालन के जरिये 80,000 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की। इसे बैंकों के लिए नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ सुनिश्चित करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। अतिरिक्त नकदी होने से नीतिगत दरों का लाभ आगे बढ़ाने में मदद मिलती है और इसका विपरीत होने पर मुश्किल होता है।
रिजर्व बैंक की बॉन्ड खरीद चार खंडों में 3 अप्रैल, 8 अप्रैल, 22 अप्रैल और 29 अप्रैल को हर बार 20,000 करोड़ रुपये की होगी। रिजर्व बैंक के अनुसार इस कदम से नकदी की समुचित स्थिति सुनिश्चित होगी। केंद्रीय बैंक ने ओएमओ की घोषणा करते हुए कहा, ‘रिजर्व बैंक नकदी की समुचित स्थितियों का आकलन करने के लिए बढ़ती नकदी और मार्केट की बदलती स्थितियों पर नजर रखेगा।’ यह कदम चार महीने बाद शनिवार और रविवार को बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति अधिशेष होने के बाद उठाया गया है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार ‘ओएमओ की खरीदारी योजना संकेत है कि रिजर्व बैंक का लक्ष्य बैंकिंग प्रणाली में समुचित अधिशेष नकदी को कायम रखने पर है। अधिशेष ब्याज दरों में कटौती के लिए अनिवार्य भी है।’
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘बीती स्थितियों ने दर्शाया है कि नकदी नियमित रूप से 1 लाख करोड़ से 2 लाख करोड़ रुपये रहने पर ही बदलाव होता है। इस उम्मीद के बावजूद रिजर्व बैंक अपने लाभांश के कारण इन गतिविधियों को सुस्त कर सकता है। केंद्रीय बैंक के कदमों से लगता है कि वह बदलाव के लिए समुचित नकदी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि रिजर्व बैंक की आगामी बैठक में रुख में बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।’
यह उम्मीद जबरदस्त ढंग से लगाई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति 7 से 9 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक में दूसरी बार नीतिगत रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती कर सकती है। घरेलू दर तय करने वाली समिति ने नीतिगत रीपो दर को लगातार 11 बैठकों में यथावत रखने के बाद इसमें फरवरी की बैठक में 25 आधार अंक की कटौती की थी। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आकंड़े के अनुसार रविवार को शुद्ध नकदी 89.398 करोड़ रुपये थी। मुख्य नकदी 21 मार्च को 1.1 लाख करोड़ रुपए अधिक थी।
स्विगी को ₹158 करोड़ का टैक्स नोटिस, कंपनी इसे चुनौती देगी
2 Apr, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) ने मंगलवार (1 अप्रैल) को बताया कि उसे अप्रैल 2021 से मार्च 2022 की अवधि के लिए 158 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त टैक्स मांग वाला एक असेसमेंट ऑर्डर मिला है। कंपनी ने बताया कि यह आदेश आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर, सेंट्रल सर्कल 1(1), बेंगलुरु द्वारा जारी किया गया है।
यह मामला कथित उल्लंघनों से जुड़ा है, जिसमें मर्चेंट्स को दिए गए कैंसलेशन चार्ज को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 37 के तहत अस्वीकार किया जाना और इनकम टैक्स रिफंड पर प्राप्त ब्याज को कर योग्य आय में शामिल न करना शामिल है।
Swiggy टैक्स डिमांड पर करेगी अपील
स्विगी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “कंपनी को अप्रैल 2021 से मार्च 2022 की अवधि के लिए एक असेसमेंट ऑर्डर प्राप्त हुआ है, जिसमें ₹1,58,25,80,987 की अतिरिक्त आय जोड़ी गई है।”
कंपनी ने कहा कि उसे इस आदेश के खिलाफ मजबूत तर्कों पर भरोसा है और वह अपनी स्थिति की रक्षा के लिए रिव्यू/अपील के जरिए जरूरी कदम उठा रही है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदेश का उसकी वित्तीय स्थिति और संचालन पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Swiggy का शेयर अब तक 39% टूटा
स्विगी 13 नवंबर, 2024 को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी। बाजार में कदम रखने के बाद से फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों पर दबाव देखा गया है। पिछले तीन महीनों में कंपनी के शेयर 38.88% तक टूट चुका है। पिछले कारोबारी सत्र (1 अप्रैल) में स्विगी का शेयर 0.50% की तेजी लेकर 331.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। शेयर का 52 सप्ताह का हाई 617 रुपये और लो 312.80 रुपये है।
ट्रंप के टैरिफ की घोषणा के बीच सेंसेक्स में 500 अंकों की उछाल, निफ्टी 23,300 के पार पहुंचा
2 Apr, 2025 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के इन्तजार के बीच भारतीय बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में बुधवार (2 अप्रैल) को जोरदार तेजी देखने को मिल रही है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 100 से ज्यादा अंक चढ़कर 76,146.28 अंक पर खुला। मंगलवार को यह 76,024.51 अंक के भाव पर बंद हुआ था। सुबह 11 बजे सेंसेक्स 490.05 अंक या 0.64% चढ़कर 76,514.56 पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 आज 23,192.60 अंक पर खुला। सुबह 11 बजे यह 140.45 अंक या 0.61% की बढ़त के साथ 23,306.15 पर था।
मंगलवार को कैसी थी बाजार की चाल?
मंगलवार को सतर्कता के कारण भारतीय शेयर बाजारों में भारी मुनाफावसूली देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 1,390.41 अंक या 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,024.51 पर बंद हुआ। वहीं एनएसई निफ्टी 50 भी 353.65 अंक या 1.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,165.70 पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को 5,901.63 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे, जबकि डीआईआई ने 4,322.58 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सेंसेक्स और निफ्टी का आउटलुक
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील के अनुसार, 23,141 के स्तर पर पहुंचकर निफ्टी-50 ने 21,964 से 23,869 तक की सम्पूर्ण वृद्धि में 38.2 प्रतिशत की रिट्रेसमेंट पूरी कर ली है। 23,141 से नीचे का निरंतर लेवल इंडेक्स को 22,917 पर अगले समर्थन की ओर खींच सकता है, जो 50 प्रतिशत रिट्रेसमेंट स्तर दर्शाता है। 23,400 का पिछला समर्थन आगे चलकर निफ्टी इंडेक्स के लिए प्रतिरोध के रूप में काम करने की उम्मीद है।
कोटक सिक्योरिटीज में प्रमुख इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान ने कहा कि डेली चार्ट पर एक लॉन्ग बियारीश वाली केंडल बनी, जो सुधार के जारी रहने के साथ मिलकर वर्तमान स्तर से और अधिक कमजोरी का संकेत देती है। दिन के कारोबारियों के लिए निफ्टी पर 23,100 और सेंसेक्स पर 75,800 प्रमुख समर्थन क्षेत्र होंगे। यदि बाजार इस स्तर से ऊपर कारोबार करने में सफल होता है, तो हम 23,300-23,350/76,500-76,650 तक पुलबैक रैली की उम्मीद कर सकते हैं।
वैश्विक बाजारों का क्या हाल?
जापान का निक्केई 0.28 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.58 प्रतिशत नीचे है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया का ASX200 0.2 प्रतिशत ऊपर है। अमेरिका में S&P 500 में 0.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और नैस्डैक कंपोजिट में 0.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालाँकि, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.03 प्रतिशत नीचे आया।
अमेरिकी रिपोर्ट: भारत ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी और नॉन-टैरिफ बाधाएं कायम
1 Apr, 2025 04:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका ने एक नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत अमेरिकी सामानों- जैसे कृषि उत्पादों, दवा निर्माण (फॉर्मूलेशन) और मादक पेयों—पर ऊंचे टैरिफ लगाए हुए है। इसके अलावा, भारत द्वारा कई गैर-शुल्क बाधाएं (Non-Tariff Barriers) भी लागू की जा रही हैं, जिससे अमेरिकी निर्यात और निवेश प्रभावित हो रहे हैं। यह दावा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) की ओर से 31 मार्च को जारी 2025 नेशनल ट्रेड एस्टीमेट (NTE) रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से प्रस्तावित ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ पॉलिसी लागू करने की तैयारी में हैं।
यह रिपोर्ट हर साल प्रकाशित होती है और उन देशों की प्रमुख नीतियों व प्रथाओं को सूचीबद्ध करती है जो अमेरिका के निर्यात, निवेश और डिजिटल व्यापार को प्रभावित करती हैं। रिपोर्ट में अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और नियामकीय चुनौतियों को उजागर किया गया है जिनमें टैरिफ, नॉन-टैरिफ बाधाएं, बौद्धिक संपदा अधिकार, सेवाएं, डिजिटल व्यापार और पारदर्शिता से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। ट्रेड एक्सपर्ट्स के अनुसार, इन मुद्दों में से अधिकांश पहले की रिपोर्ट्स में भी उठाए जा चुके हैं और इनमें से कुछ का समाधान भी हो चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत कई वस्तुओं पर ऊंचा एप्लाइड टैरिफ लगाए हुए है—जैसे कि वेजिटेबल ऑयल्स पर 45% तक, सेब, मक्का और मोटरसाइकिल पर 50%, ऑटोमोबाइल और फूलों पर 60%, नेचुरल रबर पर 70%, कॉफी, किशमिश और अखरोट पर 100% और मादक पेयों पर 150% तक शुल्क वसूला जा रहा है।”
भारत दवाओं पर भी “बहुत ऊंचे” बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाए हुए है, जिसमें जीवनरक्षक दवाएं और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल तैयार दवाएं भी शामिल हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “उच्च टैरिफ दरें अन्य कृषि उत्पादों और प्रोसेस्ड फूड (जैसे चिकन, आलू, साइट्रस फल, बादाम, सेब, अंगूर, टिन में बंद आड़ू, चॉकलेट, कुकीज़, फ्रोजन फ्रेंच फ्राइज और फास्ट फूड रेस्टोरेंट्स में इस्तेमाल होने वाले अन्य तैयार खाद्य पदार्थों) के व्यापार में भी एक बड़ी बाधा हैं।”
भारत के कृषि उत्पादों पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के तहत तय टैरिफ दरें दुनिया में “सबसे ऊंची” मानी जाती हैं—इनकी औसत दर 113.1% है, जो अधिकतम 300% तक जाती है।
मार्च महीने में GST कलेक्शन ने सारे रिकॉर्ड तोड़े, ₹1.96 लाख करोड़ का संग्रह
1 Apr, 2025 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मार्च 2025 में GST का कुल संग्रह 9.9 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। मंगलवार को सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, घरेलू लेनदेन से GST राजस्व 8.8 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि आयातित वस्तुओं से मिला राजस्व 13.56 प्रतिशत बढ़कर 46,919 करोड़ रुपये हो गया। मार्च के दौरान कुल रिफंड 41 प्रतिशत बढ़कर 19,615 करोड़ रुपये रहा।
रिफंड को समायोजित करने के बाद, मार्च 2025 में शुद्ध GST राजस्व 1.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो पिछले साल की तुलना में 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दिखाता है।
फरवरी में 1.84 ट्रिलियन रुपये का कुल संग्रह
फरवरी 2025 में GST का कुल संग्रह 9.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.84 ट्रिलियन रुपये था। आधिकारिक डेटा के अनुसार, Central GST से 35,204 करोड़ रुपये, State GST से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत GST से 90,870 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर (compensation cess) से 13,868 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था।
फरवरी के दौरान घरेलू लेनदेन से GST राजस्व 10.2 प्रतिशत बढ़कर 1.42 ट्रिलियन रुपये रहा था, जबकि आयात से राजस्व 5.4 प्रतिशत बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये हो गया। फरवरी में जारी कुल रिफंड 20,889 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 17.3 प्रतिशत अधिक था। फरवरी 2025 में शुद्ध GST संग्रह 8.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.63 ट्रिलियन रुपये रहा था।
फरवरी 2024 में सकल और शुद्ध GST राजस्व क्रमशः 1.68 ट्रिलियन रुपये और 1.50 ट्रिलियन रुपये था। हालांकि, फरवरी 2025 में 1.84 ट्रिलियन रुपये का सकल GST संग्रह जनवरी 2025 में 1.96 ट्रिलियन रुपये के संग्रह से कम रहा।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट, वित्तीय वर्ष की शुरुआत में निवेशकों को ₹4 लाख करोड़ का नुकसान
1 Apr, 2025 04:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Closing Bell: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के 2 अप्रैल से लागू हो रहे टैरिफ से पहले घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार (1 अप्रैल) को बड़े पैमाने बिकवाली देखने को मिली जिससे बाजार बड़ी गिरावट लेकर बंद हुआ। कोविड प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के बाद किसी भी वित्त वर्ष के पहले दिन यह बाजार की सबसे खराब शुरुआत है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज 500 से ज्यादा अंक गिरकर 76,882.58 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 75,912.18 अंक तक फिसल गया। अंत में सेंसेक्स 1390.41 अंक या 1.80% की बड़ी गिरावट लेकर 76,024.51 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ़्टी-50 में भी बड़ी गिरावट आई। इंडेक्स कारोबार के दौरान 23,136.40 अंक के नीचले स्तर तक फिसल गया था। अंत में यह 353.65 अंक या 1.50% फिसलकर 23,165.70 पर बंद हुआ।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयर गिरावट में चल रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरावट बजाज फिनसर्व में देखने को मिल रही है। इसके अलावा इन्फोसिस, एचडीएफ़सी बैंक, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, टीसीएस, सन फार्मा के शेयर प्रमुख रूप से गिरावट में थे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक का 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर कारोबार कर रहा था। साथ ही जोमाटो, नेस्ले इंडिया, आईटीसी, भारती एयरटेल और पावर ग्रिड के शेयर हरे निशान में थे।
निवेशकों के ₹4 लाख करोड़ डूबे
बाजार में मंगलवार को आई गिरावट से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप मंगलवार को घटकर 4,09,64,821 करोड़ रुपये पर आ गया। जबकि पिछले ट्रेडिंग सेशन (शुक्रवार) में यह 41,375,586.20 करोड़ रुपये था। इस तरह इसमें आज 4,10,765 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
2020-21 के पहले दिन 4% टूटा था बाजार
कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 की पहले दिन यानी 1 अप्रैल, 2020 में बाजार बड़ी गिरावट लेकर बंद हुआ था। बीएसई सेंसेक्स जहां 1,203 अंक या 4.1% गिरकर 28,265 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 300 अंक या 3.9% लुढ़ककर 8,263 पर आ गया था।
वहीं, 1 अप्रैल 2021 को सेंसेक्स 520.68 अंक या 1.05% बढ़कर 50,029.83 पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 176.65 अंक या 1.20% बढ़कर 14,867.35 पर बंद हुआ। इसके अलावा 1 अप्रैल, 2022 को सेंसेक्स 708.18 अंक या 1.21% बढ़कर 59,276.69 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 223.25 अंक बढ़कर 17,688.00 पर बंद हुआ। इससे अगले साल वित्त वर्ष 2022-23 के पहले ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी 50 इंडेक्स करीब 40 अंक बढ़कर 17,400 के करीब बंद हुआ। एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 115 अंक चढ़कर 59,000 के ऊपर 59,106 पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार में आज गिरावट की 4 बड़ी वजह?
1. भारतीय शेयर बाजार वैश्विक बाजारों के साथ-साथ ट्रंप के संभावित टैरिफ प्लान के असर को लेकर सतर्कता के माहौल में कारोबार कर रहे हैं।
2. मार्च की शुरुआत से बाजार में आई तेज रिकवरी के बाद अब निवेशक ट्रंप की टैरिफ लागू होने की समयसीमा पूरी होने से पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं।
3. बीते दो हफ्तों में एफआईआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) लगातार नेट खरीदार बने रहे, जिससे बाजार में सुधार देखा गया। लेकिन शुक्रवार को ग्लोबल फंड्स ने छह दिन की खरीदारी के सिलसिले को तोड़ते हुए ₹4,352 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की।
4. एशियाई बाजारों ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और मिला-जुला कारोबार किया, जबकि वॉल स्ट्रीट के फ्यूचर्स में कमजोरी दिखी। जापान का निक्केई 0.01% नीचे था जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.5% ऊपर। सोमवार को वॉल स्ट्रीट की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी लेकिन दिन के अंत में S&P 500 और डॉव जोन्स क्रमशः 0.55% और 1% चढ़कर बंद हुए। हालांकि, नैस्डैक 100 में 0.14% की गिरावट दर्ज की गई।
ट्रंप का ऐलान, किसी देश को रियायत नहीं
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल से बराबरी के शुल्क बिना किसी अपवाद के सभी देशों पर लागू होंगे। ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार करार के लिए शुल्क रियायत पर बातचीत कर रहे हैं।
ट्रंप ने रविवार को एयरफोर्स वन में संवाददाताओं से कहा, ‘आप इसकी शुरुआत सभी देशों से और अनिवार्य तौर पर उन तमाम देशों से देखेंगे जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बराबरी का शुल्क केवल उन 10-15 देशों पर लक्षित नहीं होगा जिनका अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शुल्क व्यापक मगर ‘उदार’ होंगे।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत
सोमवार की भारी गिरावट के बाद मंगलवार सुबह एशियाई बाजारों में मजबूती देखने को मिली। वॉल स्ट्रीट में रात भर हुए सुधार का असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ा। जापान का निक्केई इंडेक्स 0.6 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया का ASX200 इंडेक्स 0.34 फीसदी और साउथ कोरिया का कोस्पी 0.92 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर बढ़ी चिंता के चलते सोमवार को जापान का बेंचमार्क इंडेक्स 4 फीसदी, साउथ कोरिया का प्रमुख इंडेक्स 3 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया का मुख्य बाजार 1 फीसदी से ज्यादा टूट गया था।
वहीं, अमेरिका में सोमवार को शुरुआती गिरावट से उबरते हुए S&P 500 इंडेक्स 0.55 फीसदी ऊपर बंद हुआ। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 1 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ, हालांकि नैस्डैक कंपोजिट 0.14 फीसदी टूट गया।
नए वित्तीय साल में सोने की कीमत ₹91,400 तक पहुंची, चांदी ने भी दिखाई चमक
1 Apr, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए वित्त वर्ष (FY26) में सोने की शुरुआत शानदार हुई। पहले दिन ही सोने के वायदा भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। चांदी की शुरुआत भी तेज रही।। घरेलू बाजार में खबर लिखे जाने के समय सोने के वायदा भाव 91,400 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे, जबकि चांदी के भाव 1,01,00 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के वायदा भाव में तेजी देखी जा रही है।
सोने के भाव 91 हजार पार नए रिकॉर्ड स्तर पर
सोने के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट आज 599 रुपये की तेजी के साथ 91,316 रुपये के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 90,717 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 668 रुपये की तेजी के साथ 91,385 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 91,400 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 91,284 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने आज 91,400 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
चांदी भी चमकी
चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेज रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 333 रुपये की तेजी के साथ 1,00398 रुपये पर खुला। पिछला बंद भाव 1,00065 रुपये था। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 880 रुपये की तेजी के साथ 1,0,0945 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 1,00975 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 1,00398 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव ने इस साल 1,01,999 रुपये किलो के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए रिकॉर्ड पर सोना, चांदी भी चमकी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने के भाव 3,1777 डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए, चांदी के वायदा भाव की शुरुआत तेजी के साथ हुई। Comex पर सोना 3,157.30 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 3,150.30 डॉलर प्रति औंस था। खबर लिखे जाने के समय यह 26.40 डॉलर की तेजी के साथ 3,176.70 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। Comex पर चांदी के वायदा भाव 34.77 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 34.61 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.32 डॉलर की तेजी के साथ 34.93 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
नए वित्तीय साल के पहले दिन, लागू हुए ये बड़े बदलाव: GST, UPI, और Income Tax
1 Apr, 2025 11:09 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
1 अप्रैल यानी आज से देशभर में कई नए नियम लागू हो गए हैं, जो सीधे तौर पर आपकी जेब पर असर डालने वाले हैं। इनमें टैक्स, बैंकिंग, इंश्योरेंस, जीएसटी, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, UPI, म्यूचुअल फंड, आरबीआई लोन से जुड़े निर्देश, गाड़ियों और फिक्स्ड डिपॉजिट के नियम शामिल हैं।
यह नए नियम आम बजट 2025-26 में की गई घोषणाओं का हिस्सा हैं और आज से लागू हो चुके हैं। इनका असर टैक्सपेयर्स, सीनियर सिटिजंस, इन्वेस्टर्स और आम ग्राहकों पर साफ दिखेगा। इसलिए इन बदलावों को समझना जरूरी है, ताकि आप अपने पैसे की बेहतर प्लानिंग कर सकें।
आइए जानते हैं नए बदलावों के बारे में-
UPS आज से लागू, 23 लाख कर्मचारियों पर होगा असर
सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है। यह स्कीम अगस्त 2024 में लॉन्च की गई थी और इसके तहत पुरानी पेंशन योजना को खत्म किया जा रहा है। नई व्यवस्था से करीब 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। स्कीम के तहत जिन कर्मचारियों की सेवा अवधि कम से कम 25 साल की होगी, उन्हें उनके अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
महंगी हुई कारें, मारुति-हुंडई समेत कई कंपनियों ने बढ़ाईं कीमतें
1 अप्रैल 2025 से कार खरीदना अब पहले से महंगा हो गया है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई, महिंद्रा, किआ, बीएमडब्ल्यू और रेनॉल्ट जैसी कंपनियों ने अपने वाहनों की कीमतें बढ़ा दी हैं। कीमतों में यह बढ़ोतरी अलग-अलग ब्रांड्स के लिए अलग है।
देखिए कौन सी कंपनी कितनी बढ़ा रही है कीमत:
मारुति सुजुकी – 4% तक बढ़ोतरी
महिंद्रा – 3% तक बढ़ोतरी
टाटा मोटर्स – मॉडल के आधार पर बढ़ोतरी
हुंडई – 3% तक बढ़ोतरी
किआ – 3% तक बढ़ोतरी
बीएमडब्ल्यू (BMW) – 3% तक बढ़ोतरी
रेनॉल्ट – 2% तक बढ़ोतरी
इनकम टैक्स छूट से लेकर TDS में राहत तक कई बदलाव लागू
बजट 2025 में घोषित टैक्स नियमों में बदलाव अब 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गए हैं। इन बदलावों का मकसद टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और टैक्सपेयर्स को राहत देना है। नए नियमों के तहत अब सालाना ₹12 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। सैलरीड क्लास के लिए ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जिससे कुल ₹12.75 लाख तक की सैलरी टैक्स फ्री हो जाएगी। इसके साथ ही, इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं।
इसके अलावा, टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) के नियमों में भी सुधार किया गया है। अब वरिष्ठ नागरिकों को ₹1 लाख तक की इंटरेस्ट इनकम पर टीडीएस से छूट मिलेगी, जो पहले ₹50,000 थी। वहीं, सामान्य नागरिकों के लिए यह लिमिट ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है।
UPI को लेकर नई गाइडलाइन्स
1 अप्रैल 2025 से यूपीआई (UPI) के नियमों में बड़ा बदलाव लागू हो गया है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सुरक्षा बढ़ाने और सिस्टम को ज्यादा यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए बैंकों और थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay) को नई गाइडलाइन्स जारी की हैं।
अब लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किए गए मोबाइल नंबरों से यूपीआई ट्रांजैक्शन संभव नहीं होगा। ऐसे इनऐक्टिव नंबरों को चरणबद्ध तरीके से सिस्टम से हटाया जाएगा, ताकि किसी भी सिक्योरिटी रिस्क से बचा जा सके। इसके अलावा, बैंकों और ऐप्स को अपने मोबाइल नंबर डेटा को हर हफ्ते अपडेट करना होगा, ताकि रीसायकल या बदले गए नंबरों के कारण होने वाली गलतियों को रोका जा सके। यदि आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से यूपीआई पर एक्टिव नहीं है, तो इसे अपडेट करवा लें, वरना यूपीआई सेवा बंद हो सकती है।
बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना अब जरूरी
1 अप्रैल 2025 से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), केनरा बैंक और अन्य बैंकों ने सेविंग्स अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस (minimum account balance) से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं। अब अगर खाताधारक अपने खाते में तय न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते हैं, तो उन्हें पेनल्टी देनी होगी। यानी जो ग्राहक मिनिमम बैलेंस बनाए नहीं रखेंगे, उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। बैंक अलग-अलग शहरों और खातों के प्रकार के हिसाब से मिनिमम बैलेंस तय करते हैं। इसलिए अपने बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से जानकारी लेना जरूरी है।
LPG कीमतों में बदलाव
1 अप्रैल 2025 से तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है। इसके बाद प्रमुख शहरों में नई कीमतें इस प्रकार हैं:
दिल्ली: ₹1,762 (पहले ₹1,803)
कोलकाता: ₹1,868.50 (पहले ₹1,913)
मुंबई: ₹1,713.50 (पहले ₹1,755.50)
चेन्नई: ₹1,921.50 (पहले ₹1,965)
हालांकि, 14 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार एलपीजी की कीमतों की मासिक समीक्षा करती हैं। इस कटौती से होटल, रेस्टोरेंट और छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा।
1 अप्रैल से GST में बड़े बदलाव: ISD सिस्टम लागू, MFA जरूरी, E-Way Bill की समयसीमा तय
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ GST नियमों में बदलाव लागू हो गए हैं। 1 अप्रैल से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे राज्यों के बीच टैक्स बंटवारा पारदर्शी होगा।
अब GST पोर्टल पर लॉगिन के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) जरूरी कर दिया गया है। साथ ही, ई-वे बिल अब सिर्फ उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बनेगा जो 180 दिन से ज्यादा पुराने न हों।
PAN-AADHAAR लिंक नहीं किया तो डिविडेंड पर लगेगा ब्रेक
1 अप्रैल से पहले अगर आपने पैन कार्ड को आधार से नहीं जोड़ा है, तो स्टॉक निवेश पर मिलने वाला डिविडेंड रुक सकता है। साथ ही, कैपिटल गेन पर TDS की दर भी बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं, फॉर्म 26AS में इसका कोई लाभ नहीं दिखेगा, जिससे टैक्स रिटर्न फाइल करते समय मुश्किल हो सकती है।
SEBI का बड़ा कदम, KYC अपडेट नहीं किया तो डीमैट अकाउंट हो सकता है फ्रीज
SEBI ने निवेशकों के लिए नया आदेश जारी किया है। अब म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट से जुड़े सभी निवेशकों को अपनी KYC और नॉमिनी की जानकारी दोबारा अपडेट करनी जरूरी होगी। ऐसा नहीं करने पर अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है। हालांकि, फ्रीज होने पर भी खाते को दोबारा सक्रिय कराने की सुविधा मिलेगी।
क्रेडिट कार्ड के नियम में बदलाव, जानिए किसे होगा असर
1 अप्रैल 2025 से कुछ क्रेडिट कार्ड्स के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इसका सीधा असर रिवॉर्ड पॉइंट्स सिस्टम पर पड़ेगा। SBI SimplyCLICK और Air India SBI Platinum क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स के स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है। इन कार्डधारकों को अब पहले जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। Axis Bank Vistara क्रेडिट कार्ड के फायदे भी बदले जाएंगे। यह बदलाव Vistara और Air India के मर्जर के बाद किया जा रहा है।
ग्लोबल टैरिफ चिंताओं से भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव,सेंसेक्स खुलते ही 500 अंक गिरा
1 Apr, 2025 10:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बुधवार (2 अप्रैल) से लागू हो रहे टैरिफ से पहले बाजार में घबराहट का माहौल है। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 500 से ज्यादा अंक गिरकर 76,882.58 पर खुला। इसी तरह एनएसई का निफ्टी-50 भी 150 से ज्यादा अंक फिसलकर 23,341.10 पर खुला।
वैश्विक बाजारों में भी आज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। टैरिफ से जुड़ी अलग-अलग खबरों पर निवेशक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आज के कारोबार में निवेशकों का फोकस मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा, विदेशी निवेशकों की चाल , सोने की कीमतें और रुपये की विनियम दर पर भी रहेगा।
निवेशक आज ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूरोजोन, ब्रिटेन और अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग PMI रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका के फरवरी महीने के JOLTS जॉब ओपनिंग और जॉब छोड़ने के आंकड़े भी आज आने वाले हैं।
ट्रंप का ऐलान, किसी देश को रियायत नहीं
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल से बराबरी के शुल्क बिना किसी अपवाद के सभी देशों पर लागू होंगे। ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार करार के लिए शुल्क रियायत पर बातचीत कर रहे हैं।
ट्रंप ने रविवार को कहा, ‘आप इसकी शुरुआत सभी देशों से और अनिवार्य तौर पर उन तमाम देशों से देखेंगे जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बराबरी का शुल्क केवल उन 10-15 देशों पर लक्षित नहीं होगा जिनका अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शुल्क व्यापक मगर ‘उदार’ होंगे।
सतर्क रुख अपना सकते हैं निवेशक
नए वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के पहले दिन शेयर बाजार सतर्क मूड में नजर आ सकता है। खबरों के मुताबिक, ट्रंप टैरिफ को लेकर “फुल एक्शन” में हैं। उनका फोकस कई सेक्टर्स पर रहेगा और किसी भी देश को छूट नहीं दी जाएगी।
इसका जवाब देने के लिए चीन, जापान और दक्षिण कोरिया मिलकर रणनीति बना रहे हैं। चीन की सरकारी मीडिया CCTV के मुताबिक, तीनों देश अमेरिकी टैरिफ का सामूहिक जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं।
वैश्विक बाजारों से क्या संकेत
सोमवार की भारी गिरावट के बाद मंगलवार सुबह एशियाई बाजारों में मजबूती देखने को मिली। वॉल स्ट्रीट में रात भर हुए सुधार का असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ा। जापान का निक्केई इंडेक्स 0.6 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया का ASX200 इंडेक्स 0.34 फीसदी और साउथ कोरिया का कोस्पी 0.92 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर बढ़ी चिंता के चलते सोमवार को जापान का बेंचमार्क इंडेक्स 4 फीसदी, साउथ कोरिया का प्रमुख इंडेक्स 3 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया का मुख्य बाजार 1 फीसदी से ज्यादा टूट गया था।
वहीं, अमेरिका में सोमवार को शुरुआती गिरावट से उबरते हुए S&P 500 इंडेक्स 0.55 फीसदी ऊपर बंद हुआ। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 1 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ, हालांकि नैस्डैक कंपोजिट 0.14 फीसदी टूट गया।
NHAI ने बढ़ाए टोल टैक्स, 1 अप्रैल से हाइवे यात्रा होगी महंगी – जानें कहां कितनी बढ़ी हैं दरें
31 Mar, 2025 11:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप एक्सप्रेसवे या नेशनल हाइवे से रोजाना सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देशभर के कई टोल प्लाज़ा पर टोल टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है। नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी, जबकि 31 मार्च की आधी रात से ही बदलाव प्रभावी हो जाएगा।
लखनऊ रूट पर सबसे ज्यादा असर
लखनऊ से गुजरने वाले प्रमुख हाईवे रूटों पर अब यात्रा महंगी हो जाएगी। लखनऊ-कानपुर, अयोध्या, रायबरेली और बाराबंकी जैसे रूटों पर टोल में बढ़ोतरी की गई है।
हल्के वाहनों (कार/जीप) के लिए टोल ₹5 से बढ़ाकर ₹10
भारी वाहनों के लिए टोल ₹20 से बढ़ाकर ₹25 कर दिया गया है।
एनएच-9 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे भी महंगा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और एनएच-9 से यात्रा करने वालों की जेब पर अब और बोझ बढ़ेगा।
सराय काले खां से मेरठ तक कार/जीप का टोल ₹165 से बढ़ाकर ₹170
लाइट कमर्शियल वाहनों के लिए टोल ₹275
ट्रकों के लिए अब ₹580 चुकाने होंगे।
छिजारसी टोल प्लाज़ा (एनएच-9) पर भी बदलाव:
कार का टोल ₹170 से बढ़कर ₹175
लाइट कमर्शियल व्हीकल्स: ₹280
बस/ट्रक: ₹590
7 या उससे अधिक एक्सल वाले भारी वाहनों के लिए अधिकतम टोल ₹590
गाजियाबाद से मेरठ जाने वालों को अब ₹70 की बजाय ₹75 टोल देना होगा।
दिल्ली-जयपुर हाईवे और एनएच-44 रूट भी प्रभावित
खेरकी दौला, घरौंडा और घग्घर टोल प्लाज़ा पर भी नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी।
घरौंडा टोल की नई दरें:
एक तरफ का टोल ₹195
आने-जाने का टोल ₹290
भारी वाहनों (बस/ट्रक) के टोल पास की कीमत ₹21,000 से बढ़ाकर ₹21,750
स्थानीय निवासियों को भी ₹5 से ₹10 तक ज्यादा देना होगा
घग्घर टोल प्लाजा:
कार/जीप/वैन के टोल में ₹5 की बढ़ोतरी
मंथली पास ₹145 महंगा
बस/ट्रक पास ₹475 का होगा
खेरकी दौला टोल प्लाज़ा (दिल्ली-जयपुर हाईवे):
बड़े वाहनों का टोल ₹5 बढ़ा
वापसी पर भी छूट नहीं, यानी दो तरफा यात्रा पर सीधे ₹10 का अतिरिक्त खर्च
मासिक पास ₹930 से बढ़कर ₹950
कमर्शियल कार/जीप का मासिक पास ₹1255
LMV/मिनीबस चालकों को ₹125 देना होगा
वाराणसी-गोरखपुर और रोहतक में भी टोल टैक्स बढ़ा
वाराणसी-गोरखपुर एनएच-29 एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में 5% की बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू होगी।
हरियाणा के रोहतक शहर में मखदौली और मदीना टोल प्लाज़ा पर भी नई दरें लागू होंगी:
कार चालकों को ₹5 अतिरिक्त
बस और ट्रक मालिकों को ₹10 ज्यादा देना होगा।
Mutual Fund निवेशकों के लिए 1 अप्रैल से लागू होने वाले नए नियम: समझें उनके निवेश पर प्रभाव
31 Mar, 2025 10:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले म्युचुअल फंड (Mutual Fund) से जुड़े कई नए नियमों की घोषणा की है। इन बदलावों में फंड निवेश की समयसीमा से जुड़ी नई व्यवस्थाएं, एक नया निवेश प्रोडक्ट कैटेगरी ‘स्पेशलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड (SIF)’ की शुरुआत, स्ट्रेस टेस्ट के नतीजों की घोषणा और निवेश स्टेटमेंट्स के लिए डिजिलॉकर इंटीग्रेशन की सुविधा शामिल है। इन नए नियमों को लागू करने का मकसद म्युचुअल फंड्स के ऑपरेशन को ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाना, जवाबदेही बढ़ाना और निवेशकों का भरोसा मजबूत करना है।
NFO फंड्स को 1 महीने के अंदर निवेश करना होगा
अप्रैल की पहली तारीख से लागू होने वाले नए नियमों के तहत, अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को न्यू फंड ऑफर (NFO) के माध्यम से जुटाई गई रकम को 1 महीने (30 दिनों) के अंदर निवेश करना होगा। पहले यह डेडलाइन 60 दिन थी, जिसे अब घटाकर 30 दिन कर दिया गया है।
अगर कोई AMC तय समय में फंड निवेश नहीं कर पाती, तो निवेशकों को बिना किसी एग्जिट लोड (exit load) के अपना पैसा निकालने की अनुमति होगी। इस नियम का मकसद AMCs को जरूरत से ज्यादा फंड जुटाने से रोकना और सही तरीके से फंड का निवेश सुनिश्चित करना है।
स्पेशलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (SIFs) की शुरुआत
सेबी ने म्युचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) के बीच एक नई कैटेगरी के रूप में स्पेशलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (SIFs) की शुरुआत की है। ऐसी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) जो कम से कम तीन साल से काम कर रही हैं और जिनका AUM ₹10,000 करोड़ या उससे ज्यादा है, वे SIFs लॉन्च कर सकती हैं। इन फंड्स में निवेश के लिए कम से कम ₹10 लाख की राशि जरूरी होगी। SIFs में निवेश स्ट्रैटेजी ज्यादा फ्लेक्सिबल होगी, जिनमें इक्विटी, डेट और हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट जैसे विकल्प शामिल होंगे।
MF स्कीम्स को बताने होंगे स्ट्रेस टेस्ट के नतीजे
अब म्युचुअल फंड स्कीम्स को अपने स्ट्रेस टेस्ट (stress test) के नतीजे सार्वजनिक करने होंगे। इससे निवेशकों को यह समझने में आसानी होगी कि स्कीम बाजार में उतार-चढ़ाव या संकट की स्थिति में कितनी मजबूत है।
निवेश ट्रैकिंग के लिए DigiLocker की सुविधा
1 अप्रैल 2025 से निवेशक अपने डिमैट और म्युचुअल फंड होल्डिंग्स के स्टेटमेंट्स को डिजिलॉकर में सुरक्षित रख सकेंगे और जब चाहें उन्हें एक्सेस कर सकेंगे। इस सुविधा से बिना दावा किए गए निवेशों की संख्या घटेगी और नामांकित व्यक्ति (Nominee) आसानी से स्टेटमेंट्स तक पहुंच सकेंगे।
AMC कर्मचारियों की सैलरी से जुड़ा निवेश अब होगा जरूरी
सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के कर्मचारियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। इसके तहत, कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा म्युचुअल फंड स्कीमों में निवेश करना अनिवार्य होगा। यह निवेश उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के आधार पर तय किया जाएगा और सेबी द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार लागू किया जाएगा।
IT सेक्टर में बदलाव: AI और ऑटोमेशन के कारण फ्रेशर्स की बजाय मिड-लेवल इंजीनियर्स की बढ़ी मांग
31 Mar, 2025 10:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चालू वित्त वर्ष में करीब 283 अरब डॉलर राजस्व अर्जित करने वाला भारतीय आईटी उद्योग अपने दशकों पुराने ढांचे में बड़े बदलाव से गुजर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वचालन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और जेनरेटिव एआई (जेनएआई) ने कौशल की तस्वीर बदल दी है और वे प्रवेश स्तर के इंजीनियरों की आवश्यकता को कम कर रहे हैं।
परंपरागत रूप से आईटी सेवा फर्म पिरामिड संरचना का पालन करती थीं जिसमें इंजीनियरिंग के नए स्नातकों की बड़ी संख्या होती थी और तैनाती के लिए तैयार एक बड़ी बेंच स्ट्रेंथ होती थी। मगर अब प्रवेश स्तर पर कम नियुक्तियां और 5 से 13 साल के अनुभव वाले मध्य-स्तरीय कार्यबल की हिस्सेदारी बढ़ रही है।
विशेषज्ञ स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि 7 शीर्ष भारतीय आईटी कंपनियों और 10 मझोले आकार की फर्मों में मध्य-कनिष्ठ से मध्य-वरिष्ठ स्तर पर 5 से 13 साल के अनुभव वाले लगभग 6,95,500 कर्मचारी हैं। इसकी तुलना में फ्रेशर्स, एंट्री-लेवल और जूनियर इंजीनियरों की संख्या लगभग 5,30,150 है, जो आईटी ढांचे में बदलाव का संकेत देता है।
एक्सफेनो के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी कमल कारंत ने कहा, ‘मध्य स्तर पर कर्मचारियों की बड़ी संख्या है। 2021-2022 में जब बड़े स्तर पर नियुक्तियां हुई थीं तो उसमें 3 से 5 साल के अनुभव वाले जूनियर प्रतिभा का बड़ा योगदान है। मध्य स्तर पर 5 से 9 और 9 से 13 साल के अनुभव वाले कर्मचारियों की भी बड़ी तादाद है। पिछले तीन साल के दौरान निचले स्तर के कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम हुई है।
पिछले तीन साल से धीमी वृद्धि के माहौल ने भी इसमें योगदान दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार कंपनियों को अब लाइव प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम करने के लिए ज्यादा अनुभवी लोगों की जरूरत है।
एचसीएलटेक के सीईओ और प्रबंध निदेशक सी विजयकुमार ने बताया, ‘हम कितनी नियुक्तियां करते हैं और प्रशिक्षण देते हैं, उसके आधार पर संरचना में बदलाव होगा और यह सामान्य पिरामिड के बजाय डायमंड की संरचना जैसी होगी।’
इस परिवर्तन का अर्थ है कि आधार स्तर पर कर्मचारियों की संख्या कम हो जाएगी तथा मध्य स्तर पर 5 से 13 वर्ष के अनुभव वाले इंजीनियरों की संख्या बढ़ जाएगी क्योंकि कोडिंग का ज्यादातर काम स्वचालित हो जाएगा।
पिरामिड संरचना में निचले स्तर पर ज्यादा कर्मचारी होते हैं और ऊपर की ओर संख्या क्रमश: घटती है। मगर डायमंड संरचना में मध्य स्तर के कर्मचारियों की तादाद ज्यादा होती है और निचले स्तर के कर्मचारियों की संख्या कम होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव आगे चलकर और अधिक पुख्ता होगा क्योंकि उद्योग में पहले की तरह बड़े पैमाने पर नियुक्तियां होने की संभावना नहीं है।
हालांकि विजयकुमार ने कहा कि एचसीएल प्रवेश स्तर के इंजीनियरों को नियुक्त करना जारी रखेगी मगर उनसे अपेक्षाएं अधिक होंगी ताकि वे केवल कोडिंग करने के बजाय कोडिंग असिस्टेंट द्वारा लिखे गए कोड को सत्यापित कर सकें।’
दूसरी ओर फ्रेशर्स को प्रशिक्षित करने में ज्यादा समय और पैसा लगता है मगर कई कंपनियां अस्थिर वैश्विक हालात में सतर्कता बरत सकती हैं। अगर अगले वित्त वर्ष में भर्ती धीमी हो जाती है तो आकार में बदलाव और भी व्यापक हो जाएगा।
Voda Idea के शेयरों पर नजर रखें: सरकार ने ₹37 हजार करोड़ का बकाया इक्विटी में बदला
31 Mar, 2025 10:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आर्थिक संकट से जूझ रही टेलकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) ने रविवार को बताया कि सरकार उसकी बकाया स्पेक्ट्रम नीलामी देनदारी को इक्विटी शेयरों में बदल देगी, जिसकी कुल कीमत ₹36,950 करोड़ है। इसके बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर लगभग 49% हो जाएगी। इस कदम के बाद सरकार अब इस मुश्किलों से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है।
Vi ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया, “दूरसंचार मंत्रालय ने सितंबर 2021 में घोषित टेलीकॉम सेक्टर के रिफॉर्म्स और सहायता पैकेज के तहत यह फैसला लिया है कि बकाया स्पेक्ट्रम नीलामी देनदारियों—जिसमें स्थगन अवधि खत्म होने के बाद चुकाई जाने वाली स्थगित देनदारियां भी शामिल हैं—को इक्विटी शेयरों में बदला जाएगा, जो भारत सरकार को जारी किए जाएंगे। इक्विटी में बदले जाने वाली कुल राशि ₹36,950 करोड़ है।”
30 दिनों के अंदर सरकार को जारी किए जाएंगे शेयर
Vi ने बताया कि उसे ₹10 फेस वैल्यू वाले 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर ₹10 की कीमत पर जारी करने का निर्देश मिला है। ये शेयर जरूरी मंजूरी मिलने के 30 दिनों के अंदर सरकार को दिए जाएंगे। इसमें सेबी और दूसरी रेगुलेटरी अथॉरिटी की मंजूरी शामिल है। इस कदम के बाद प्रमोटर समूह—आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन पीएलसी—कंपनी पर अपना परिचालन नियंत्रण बनाए रख सकेंगे।
इस महीने की शुरुआत में Vi के सीईओ अक्षय मूंधड़ा ने दूरसंचार विभाग (DoT) को पत्र लिखकर कंपनी की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) देनदारियों और 2012, 2014, 2015 और 2016 की नीलामियों में हासिल स्पेक्ट्रम पर स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज की किस्तों को इक्विटी में बदलने की अनुमति मांगी थी।
सितंबर 2021 में कैबिनेट द्वारा मंजूर टेलीकॉम रिफॉर्म्स पैकेज के तहत सरकार ने आर्थिक रूप से संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनियों को सरकारी बकाया कर्ज के एक हिस्से को इक्विटी में बदलने की अनुमति दी थी। फरवरी 2023 में, करीब 16 महीने की चर्चा के बाद सरकार ने Vi की ₹16,000 करोड़ की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने को मंजूरी दी थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने कंपनी में 33.1% हिस्सेदारी ले ली थी।
रिफॉर्म्स पैकेज के तहत उस ब्याज को इक्विटी में बदलने की अनुमति दी गई थी जो मोरेटोरियम अवधि के दौरान लगा था, और Vi ने इसी विकल्प को चुना। साथ ही सरकार को यह विकल्प भी खुला रखा गया था कि वह सितंबर 2025 में चार साल की मोरेटोरियम अवधि खत्म होने के समय मूलधन को भी इक्विटी में बदल सकती है।
Vi पर बड़ी भुगतान जिम्मेदारियां
अक्टूबर के बाद Vi पर बड़ी भुगतान जिम्मेदारियां हैं। अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच कंपनी को सरकार को मूलधन और ब्याज मिलाकर करीब ₹12,000 करोड़ चुकाने हैं। इसके बाद वित्त वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक हर साल लगभग ₹43,000 करोड़ का भुगतान करना होगा।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के अंत तक Vi का बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रति बकाया घटकर ₹2,330 करोड़ रह गया जो एक साल पहले इसी अवधि में ₹7,620 करोड़ था। हालांकि, कंपनी पर अभी भी सरकार को ₹1.38 लाख करोड़ की स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान देनदारी और ₹69,020 करोड़ की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) देनदारी चुकानी बाकी है।