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1 अप्रैल से महंगी होंगी जरूरी दवाइयाँ, 3,788 करोड़ का वित्तीय असर पड़ेगा मरीजों पर
28 Mar, 2025 12:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
4 दिन बाद मरीजों को करोड़ों का झटका लगने वाला है. अगर आप नियमित रूप से दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो 1 अप्रैल से आपकी दवा की लागत बढ़ने वाली है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा.
दरअसल,सरकार ने दवाओं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण दवाओं को प्राइस कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस पहल से मरीजों को हर साल लगभग 3,788 करोड़ रुपये की बचत होती है. हालांकि, अब इन नियंत्रित दवाओं के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
कितनी बढ़ सकती है कीमत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और एंटीबायोटिक्स जैसी आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.7% तक की वृद्धि हो सकती है. यह बढ़ोतरी नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) द्वारा तय की जाती है, जो देश में दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने का काम करती है. इस कदम से दवा कंपनियों को राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें उत्पादन लागत में हो रही बढ़ोतरी से जूझना पड़ रहा था. हालांकि, मरीजों के लिए यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ बन सकता है, जिससे उनकी दवाओं पर होने वाला खर्च बढ़ जाएगा. आइए जानते हैं किन दवाईयों की कीमतें बढ़ जाएंगी.
क्यों बढ़ रही हैं दवाओं की कीमतें?
NPPA के अनुसार, दवाओं की कीमतों में यह बढ़ोतरी **मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन** के कारण की जा रही है. हर साल सरकार आवश्यक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक संशोधन करती है. इस बार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में वृद्धि के चलते दवा कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी गई है.
किन दवाओं के दाम बढ़ेंगे?
जो दवाएं राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) में शामिल हैं, उनकी कीमतें बढ़ेंगी. इसमें एंटीबायोटिक्स, पेन किलर, हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं शामिल हैं.
सरकार के इस फैसले से जिन लोगों को नियमित रूप से दवाओं की जरूरत होती है, उनके मासिक खर्च में वृद्धि होगी. बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए मुश्किलें. कई वरिष्ठ नागरिक और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे प्रीमियम दरें बढ़ने की संभावना है.
पिछले साल भी बढ़े थे दाम
यह पहली बार नहीं है जब दवाओं की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं. 2023 में भी NPPA ने 12% तक की वृद्धि की थी, जिससे पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ा था.
Chris Wood ने भारतीय कंपनियों में निवेश को बढ़ाया, DLF, RIL, Zomato और MakeMyTrip को चुना
28 Mar, 2025 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जेफरीज (Jefferies) में ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने अपने एशिया एक्स-जापान लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में फेरबदल किया है। उन्होंने गोदरेज प्रॉपर्टीज़ (Godrej Properties) से अपना निवेश हटा लिया है, जबकि मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers) में निवेश 1% बढ़ाया है। अब मैक्रोटेक डेवलपर्स में उनका निवेश 4% पर पहुंच गया है।
वुड ने निवेशकों को लिखे अपने साप्ताहिक नोट ग्रिड एंड फियर (GREED & fear) में लिखा, “एक अन्य भारतीय रियल एस्टेट कंपनी DLF लिमिटेड में 3% वेटेज के साथ निवेश जोड़ा जाएगा। भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip में 4% वेटेज के साथ निवेश किया जाएगा, जिसके लिए एक्सिस बैंक से निवेश हटाया जाएगा। वहीं जोमैटो (Zomato) में निवेश 1% बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए TSMC में वेटेज घटाया जाएगा।”
भारत के लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में वुड ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) में निवेश 2% बढ़ाया है। इसके लिए HDFC बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में निवेश 1-1% घटाया जाएगा।
ग्लोबल लॉन्ग-ओनली इक्विटी पोर्टफोलियो के तहत वुड ने MakeMyTrip में निवेश जोड़ा है, जिसके लिए एक्सिस बैंक से निवेश हटाया गया है। उन्होंने कहा कि गोदरेज प्रॉपर्टीज़ से भी निवेश पूरी तरह हटा लिया जाएगा और इसकी जगह मैक्रोटेक डेवलपर्स में निवेश किया जाएगा।
भारतीय शेयर बाजारों ने की स्मार्ट रिकवरी
भारतीय शेयर बाजारों ने हाल ही में अपने निचले स्तरों से तेज रिकवरी दिखाई है और निफ्टी 50 इंडेक्स 6.6% चढ़कर लगभग 23,600 के स्तर तक पहुंच गया है। सेक्टर्स की बात करें तो पब्लिक सेक्टर के शेयरों ने जोरदार वापसी की है, जहां NSE पर सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़ेज़ के प्रदर्शन को मापने वाला निफ्टी CPSE इंडेक्स इस दौरान 14% बढ़ा है।
ACE इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, एनर्जी, कमोडिटी, मेटल, PSU बैंक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑयल एंड गैस और रियल्टी इंडेक्स ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है और मार्च महीने में अब तक इनके बेंचमार्क इंडेक्स 8% से 12% तक चढ़ चुके हैं।
अमेरिकी शेयर बेचें, उभरते बाजारों में बढ़ाएं निवेश
एक व्यापक रणनीति के तहत वुड ने सुझाव दिया है कि निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजारों में आने वाली तेजी पर मुनाफावसूली करनी चाहिए और निवेश का फोकस यूरोप, चीन और अन्य उभरते बाजारों की इक्विटी पर बढ़ाना चाहिए। उनका मानना है कि अमेरिका से बाहर निवेश आवंटन की प्रक्रिया अभी शुरू ही हुई है।
वुड ने लिखा, “अमेरिकी शेयर अब भी तुलनात्मक रूप से महंगे हैं, जबकि वहां की कॉरपोरेट कमाई की वृद्धि दर लगातार गिर रही है। इसके विपरीत यूरोप, चीन और यहां तक कि जापान में भी कॉरपोरेट अर्निंग्स को लेकर पॉजिटिव सुधार देखे जा रहे हैं। जहां तक हालिया ऑटो टैरिफ की बात है जो 2 अप्रैल से लागू होने वाले हैं, 25% टैक्स उम्मीद से कहीं ज्यादा है। इसका असर पहले से संकट से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री पर नकारात्मक रहेगा, और जापान के लिए यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।”
ग्लोबल फंड मैनेजर्स भी अमेरिकी शेयरों से बना रहे दूरी
वुड के अलावा अन्य ग्लोबल फंड मैनेजर भी अमेरिकी शेयर बाजारों में अपने निवेश को घटा रहे हैं। BofA सिक्योरिटीज की मार्च में जारी ताजा फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक, फंड मैनेजरों का अमेरिकी स्टॉक्स में आवंटन घटकर लगभग 23% अंडरवेट हो गया है, जो जून 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है।
BofA सिक्योरिटीज द्वारा मार्च में किए गए सर्वे में शामिल ग्लोबल फंड मैनेजरों में से शुद्ध रूप से 44% का मानना है कि आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक वृद्धि और कमजोर होगी। यह आंकड़ा पिछले महीने की तुलना में काफी ज्यादा है।
मार्च में अमेरिकी इक्विटी में आवंटन 40% गिरा
BofA सिक्योरिटीज के अनुसार, “मार्च में अमेरिकी इक्विटी में आवंटन 40% गिरा, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। वर्तमान आवंटन इसके लॉन्गटर्म औसत से 1 स्टैंडर्ड डिविएशन नीचे है। वहीं यूरो जोन इक्विटी में आवंटन मासिक आधार (MoM) पर 27% बढ़कर नेट 39% ओवरवेट हो गया, जो जून 2021 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। फंड मैनेजर अब उभरते बाजारों (EM) के शेयरों में 20% ओवरवेट हैं, जो मासिक आधार पर 20% की बढ़ोतरी है।”
BofA ने बताया कि मार्च में हुए सर्वे में कुल 205 पैनलिस्ट्स ने हिस्सा लिया, जिनके पास कुल 477 अरब डॉलर की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) थी। इनमें से 171 प्रतिभागियों ने ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे (Global FMS) से जुड़े सवालों के जवाब दिए, जिनकी कुल AUM 426 अरब डॉलर थी। वहीं 107 प्रतिभागियों ने रीजनल फंड मैनेजर सर्वे (Regional FMS) के सवालों का जवाब दिया, जिनकी कुल AUM 193 अरब डॉलर रही।
Amazon और Flipkart के गोदामों में BIS की कार्रवाई, गीजर और फूड मिक्सर समेत कई उत्पाद पकड़े गए
28 Mar, 2025 12:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट के गोदामों पर छापेमारी की है। बीआईएस ने इस छापेमारी में ऐसे हजारों उत्पादों को जब्त किया, जिनका उचित गुणवत्ता प्रमाणपत्र नहीं था। सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली के मोहन सहकारी औद्योगिक क्षेत्र में अमेजन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के गोदाम में 19 मार्च को 15 घंटे की कार्रवाई में बीआईएस अधिकारियों ने गीजर तथा फूड मिक्सर सहित 3,500 से अधिक इलेक्ट्रिकल उत्पाद जब्त किए। इन उत्पादों की कीमत करीब 70 लाख रुपये है।
इंस्टाकार्ट सर्विसेज के गोदाम में भी हुई छापेमारी
बयान में कहा गया कि फ्लिपकार्ट की सब्सिडियरी कंपनी इंस्टाकार्ट सर्विसेज के गोदाम में भी छापेमारी की गई। वहां से 590 जोड़ी ‘स्पोर्ट्स फुटवियर’ जब्त किए गए, जिन पर आवश्यक मैन्यूफैक्चरिंग साइन नहीं थे। इनकी कीमत करीब छह लाख रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए बीआईएस द्वारा चलाए जा रहे व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है। पिछले महीने दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, लखनऊ और श्रीपेरंबदूर सहित कई स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी की गई थी।
कंपनियों की तरफ से नहीं आया बयान
बयान में कहा गया कि ये छापे उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्पाद गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में, 769 प्रोडक्ट कैटेगरीज को भारतीय विनियामकों से अनिवार्य प्रमाणन की आवश्यकता है। उचित लाइसेंस के बिना इन वस्तुओं को बेचने या वितरित करने पर कानूनी दंड लग सकता है, जिसमें 2016 के बीआईएस अधिनियम के तहत संभावित कारावास तथा जुर्माना भी शामिल है। अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अभी तक इन छापेमारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
किराना दुकानों का भविष्य अनिश्चित: क्विक कॉमर्स कंपनियों के कारण बढ़ रही है प्रतिस्पर्धा
28 Mar, 2025 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में क्विक कॉमर्स कंपनियां देश में खरीदारी के अनुभव को तेजी से बदल रही हैं। पिछले साल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सभी किराना ऑर्डर में से दो-तिहाई से ज्यादा और ‘ई-रिटेल’ खर्च का दसवां हिस्सा क्विक कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर हुआ। फ्लिपकॉर्ट और बेन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक फटाफट सामान पहुंचाने वाली इन क्विक कॉमर्स कंपनियों में सालाना 40 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसकी बढ़ोतरी को अलग-अलग कैटेगरी और कस्टमर सेगमेंट में विस्तार से गति मिलेगी। हालांकि, इससे ये भी साफ है कि देश में किराना दुकानदारों के भविष्य पर भी तेजी से संकट बढ़ता जा रहा है।
देश में क्यों तेजी से बढ़ रहा क्विक कॉमर्स मार्केट
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘फटाफट सामान पहुंचाने (30 मिनट से कम समय में डिलिवरी) की सुविधा शुरू होना पिछले दो सालों में देश के ई-रिटेल मार्केट की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक रहा है।’’ देश की क्विक कॉमर्स कंपनियां ग्लोबल ट्रेंड को पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन कंपनियों में तेज ग्रोथ का मुख्य कारण उच्च जनसंख्या घनत्व और कम किराये वाले ‘डार्क स्टोर’ यानी पूरी तरह से ऑनलाइन ऑर्डर को पूरा करने वाले खुदरा दुकानों के नेटवर्क तक करीबी पहुंच शामिल हैं। इस क्षेत्र ने कई कंपनियों को आकर्षित किया है, जिसने उपभोक्ता मूल्य प्रस्ताव को समृद्ध किया है। वैसे फटाफट सामान पहुंचाने की सुविधा की शुरुआत किराने के सामान से हुई थी। लेकिन अब इसके सकल वस्तु मूल्य या जीएमवी का 15 से 20 प्रतिशत सामान्य वस्तुएं, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान जैसी कैटेगरी से आता है।
छोटे शहरों में भी पकड़ मजबूत कर रही हैं कंपनियां
दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों में हो रहे विस्तार ने भी क्विक कॉमर्स कंपनियों की ग्रोथ को रफ्तार दी है। हालांकि, अब भी जीएमवी का बड़ा हिस्सा टॉप 6 शहरों से आता है। भारत में 2025 में ऑनलाइन खरीदारी पर रिपोर्ट में कहा गया है कि देश पिछले एक दशक में रिटेल सेक्टर में बड़ा केंद्र बन गया है और 2024 में वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा खुदरा बाजार बन गया है। भारतीय ई-रिटेल बाजार का सकल वस्तु मूल्य लगभग 60 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ऑनलाइन खरीदारी के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। हालांकि, निजी खपत में कमी से 2024 में ई-रिटेल क्षेत्र में वृद्धि 20 प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्चस्तर से 10 से 12 प्रतिशत पर आ गयी। एक अनुमान के अनुसार, ई-रिटेल खंड अगले छह साल में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 170 से 190 अरब डॉलर जीएमवी पर पहुंच सकता है।
₹8 लाख करोड़ का कर्ज: सरकार के विकास और सामाजिक सुरक्षा खर्चों के लिए अहम कदम
28 Mar, 2025 12:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान शॉर्ट टर्म सिक्यॉरिटीज के जरिए 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। ये राशि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए जुटाई जाएगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, 2025-26 के लिए बाजार से कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाए जाने का अनुमान है। इसमें से लॉन्ग और फिक्स मैच्यॉरिटी पीरियड वाली सिक्यॉरिटीज के जरिए पहली छमाही में 8 लाख करोड़ रुपये यानी 54 प्रतिशत कर्ज लेने की योजना है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी हरित बॉन्ड शामिल हैं।
निर्मला सीतारमण ने बजट में ही कर दी थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए लॉन्ग टर्म सिक्यॉरिटीज जारी कर 14.82 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव किया है। वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा (सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच अंतर) जीडीपी के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए लॉन्ग टर्म सिक्यॉरिटीज से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। जबकि बाकी राशि स्मॉल सेविंग्स और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है।
नेट टैक्स रिसीट 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियां (Receipts) और व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। नेट टैक्स रिसीट 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’ आधिकारिक बयान के अनुसार, सकल उधारी साप्ताहिक आधार पर 25,000 करोड़ रुपये से 36,000 करोड़ रुपये के बीच सिक्यॉरिटी की 26 नीलामी के माध्यम से जुटाई जाएगी। बाजार उधारी 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की अवधि की सिक्यॉरिटी के जरिए जुटाई जाएगी।
अतिरिक्त बोली आने पर क्या होगा
अलग-अलग मैच्यॉरिटी पीरियड्स के तहत उधारी (हरित बॉन्ड सहित) का हिस्सा 3 साल (5.3 प्रतिशत), 5 साल (11.3 प्रतिशत), 7 साल (8.2 प्रतिशत), 10 साल (26.2 प्रतिशत), 15 साल (14 प्रतिशत), 30 साल (10.5 प्रतिशत), 40 साल (14 प्रतिशत) और 50 साल (10.5 प्रतिशत) होगा। सरकार ने कहा कि ऑक्शन नोटिफिकेशन में उल्लेख की गई प्रत्येक सिक्यॉरिटी के मामले में ‘ग्रीन शू ऑप्शन’ यानी अतिरिक्त बोली आने पर 2000 करोड़ रुपये तक की बोली को स्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखा जाएगा।
200% का तगड़ा डिविडेंड देगी लिकर कंपनी, निवेशकों के अकाउंट में कब आएंगे पैसे, जानें
27 Mar, 2025 03:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Dividend Stock: मैकडॉवेल्स ब्रांड नाम से व्हिस्की बेचने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (United Spirits) ने अपने निवेशकों को डिविडेंड को तोहफा दिया है। कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2024 -25 के लिए 4 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है।
यूनाइटेड स्पिरिट्स ने 2024 में 5 रुपये प्रति शेयर और 2023 में भी 4 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड को मंजूरी दी थी। कंपनी ने नवंबर 2023 में दस साल के बाद डिविडेंड का भुगतान फिर से शुरू किया था।
यूनाइटेड स्पिरिट्स डिविडेंड रिकॉर्ड डेट
कंपनी ने बताया कि निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹2 के फेस वैल्यू वाले प्रति इक्विटी शेयर ₹4 के अंतरिम डिविडेंड के भुगतान को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने शेयरहोल्डर्स की एलिजिबिलिटी तय करने को लेकर रिकॉर्ड डेट को 2 अप्रैल से बदल कर गुरुवार, 3 अप्रैल, 2025 कर दिया है।
यूनाइटेड स्पिरिट्स ने बीएसई फाईलिंग में कहा, ”निदेशक मंडल ने आज यानी गुरुवार, 27 मार्च 2025 को आयोजित अपनी बैठक में अन्य मामलों के साथ-साथ 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए 4 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (फेस वैल्यू 2 रुपये प्रत्येक) के अंतरिम डिविडेंड के भुगतान को मंजूरी दे दी है। शेयरधारकों की एलिजिबिलिटी तय करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड डेट गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 तय की गई है। अंतरिम डिविडेंड का भुगतान 21 अप्रैल 2025 को या उसके बाद किया जाएगा।”
लिकर बनाने वाली कंपनी ने स्पष्ट किया कि 3 अप्रैल तक कंपनी के रजिस्टर में लिस्टेड या डिपॉजिटरी रिकॉर्ड में बेनिफिशियल के रूप में दर्ज शेयरहोल्डर्स भुगतान के लिए एलिजिबल होंगे।
यूनाइटेड स्पिरिट्स शेयर हिस्ट्री
डिविडेंड की घोषणा के बाद यूनाइटेड स्पिरिट्स के शेयरों में 2.6 प्रतिशत का उछाल आया और यह बीएसई पर ₹1,395.85 के इंट्राडे हाई पर पहुंच गए। इस उछाल के बावजूद कंपनी शेयर जनवरी 2025 में दर्ज किए गए ₹1,700 के अपने 52 वीक हाई से 20 प्रतिशत नीचे है। हालांकि, यह अप्रैल 2024 में अपने 52 वीक के लो लेवल 1,112 रुपये से 25 प्रतिशत चढ़ गए है।
24% तक रिटर्न का अनुमान, 3 ब्रोकरेज ने Defence PSU Stock पर दी BUY की सलाह
27 Mar, 2025 02:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार (27 मार्च) को तेजी देखने को मिल रही है। इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, एसबीआई और इन्फोसिस जैसे शेयरों में खरीदारी से बाजार निशान में खुलने के बाद हरे निशान में लौट गया। इससे पहले बुधवार को मुनाफावसूली के चलते दोनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी50 और सेंसेक्स गिरावट में बंद हुए। इस बीच, मार्केट ने हालिया गिरावट के बाद रिकवरी के संकेत दिए हैं। अपने हाई से 16% तक करेक्ट होने के बाद निफ्टी और सेंसेक्स 5% से ज्यादा चढ़ गए हैं। बाजार में यह रिकवरी विदेशी निवेशकों की निचले स्तर पर खरीदारी की वजह से देखने को मिली है।
बाजार में इस मूड-माहौल को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म एंटिक ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और मिराए एसेट शेयरखान ने डिफेन्स सेक्टर के दिग्गज स्टॉक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर लॉन्ग टर्म लिहाज से खरीदने की सलाह दी है।
Hindustan Aeronautics: मैक्सिमम टारगेट प्राइस ₹5100| रेटिंग BUY| अपसाइड 24%|
ब्रोकरेज फर्म एन्टिक ब्रोकिंग ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर अपनी BUY रेटिंग को बरकरार रखा है। इसी के साथ ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 4887 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह से स्टॉक आगे चलकर 18% का अपसाइड दिखा सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर बुधवार को 4128 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर अपनी रेटिंग को ‘ADD‘ से अपग्रेड कर ‘BUY‘ कर दिया है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को 4,065 रुपये से बढाकर 5000 रुपये कर दिया है। साथ ही स्टॉक को डिफेन्स पीएसयू में टॉप पिक बनाया है। इस तरह से स्टॉक आगे चलकर 21% का रिटर्न दे सकता है।
इसके अलावा मिराए एसेट शेयरखान ने भी अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर पॉजिटिव आउटलुक दिया है। स्टॉक पर 5100 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह से शेयर 24% तक चढ़ सकता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स पर ब्रोकरेज फर्मों की राय?
जीई एयरोस्पेस (GE Aerospace) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas Light Combat Aircraft Mk 1A) के लिए 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन सौंप दिया है।
एंटिक ब्रोकिंग के अनुसार, मीडियम से लॉन्ग टर्म आउटलुक में एचएएल की मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन कंपनी को लॉन्ग टर्म बिजनेस क्षमता का आश्वासन देती है। हमारा मानना है कि स्टॉक का वैल्यूएशन आकर्षक है। इसलिए हम इसे 4,887 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ खरीदने की रेटिंग देते हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा कि जीई एयरोस्पेस ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए के लिए एचएएल को 99 (संख्या) एफ404-आईएन20 इंजनों में से पहला इंजन सौप दिया है। हमारे नजरिए में यह घटनाक्रम एग्जीक्यूशन के मोर्चे पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को लेकर चिंताओं को दूर करता है।
वहीं, शेयरखान का मानना है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के पास दिसंबर तिमाही के अंत तक 1.33 लाख करोड़ रुपये की मजबूत आर्डर बुक है। साथ ही कंपनी की ऑर्डर पाइपलाइन 1.6 लाख करोड़ रुपये है। इससे अगले कुछ वर्षों में कम डबल अंकों की रेवेन्यू ग्रोथ की अच्छी संभावना बनती है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) शेयर हिस्ट्री
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का शेयर अपने हाई से अभी भी 27% नीचे कारोबार कर रहा है। पिछले एक महीने में शेयर में हलचल देखने को मिली है। इस दौरान यह 4.11% बढ़ा है। वहीं, बीते तीन और छह महीने में शेयर में क्रमश: 1.29% और 9.22% की गिरावट आई है। शेयर एक साल में 6% से ज्यादा चढ़ा है। स्टॉक का 52 वीक हाई 5,675 रुपये और लो 3,045.95 रुपये है। बीएसई पर कंपनी का मार्केट कैप (Mcap) 2,79,016 करोड़ रुपये है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज फर्म ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ी उम्मीदें, TikTok के बदले टैरिफ में छूट देने की योजना पर विचार
27 Mar, 2025 02:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने दुनियाभर में कई देशों की नींद उड़ा रखी है. अमेरिका की कमान संभालने के बाद उन्होंने साफ़ कर दिया था कि वो कई देशों पर टैरिफ लगाएंगे. अपने टैरिफ वॉर के जरिए ट्रंप ने सबसे पहले चीन को निशाना बनाया था. लेकिन अब उन्होंने इस मामले में यू-टर्न ले लिया है.
चीन पर मेहरबान हुए ट्रंप
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संकेत दिया कि वे चीनी कंपनी बाइटडांस को शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक की बिक्री के लिए चीन पर लगाए गए टैरिफ में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं. बाइटडांस को 5 अप्रैल तक एक गैर-चीनी खरीदार खोजने की समयसीमा दी गई है; अन्यथा, राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लग सकता है. ट्रंप पहले भी कई मौकों पर टैरिफ को अमेरिका के लिए अहम बता चुके हैं उनका मानना है कि ये टैरिफ न सिर्फ अमेरिका की इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर डालेगा बल्कि देश का कर्ज भी कम करेगा. उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद ही साफ़ कर दिया था कि उनकी रणनीति मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की है.
TikTok के बदले टैरिफ में छूट
ट्रंप ने कहा कि यदि इस समयसीमा तक कोई समझौता नहीं होता है, तो वे समयसीमा बढ़ाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “टिकटॉक के संबंध में, चीन को इसमें भूमिका निभानी होगी, संभवतः अनुमोदन के रूप में, और मुझे लगता है कि वे ऐसा करेंगे. शायद मैं इसे पूरा करने के लिए टैरिफ में थोड़ी कटौती दूं.”
ट्रंप प्रशासन पहले भी टिकटॉक के स्वामित्व को लेकर वार्ता में टैरिफ का उपयोग एक वार्ताकर्ता उपकरण के रूप में कर चुका है. जनवरी में, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि बीजिंग टिकटॉक के साथ अमेरिकी समझौते को मंजूरी नहीं देता है, तो वे चीन पर टैरिफ लगा सकते हैं.
उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने उम्मीद जताई है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के स्वामित्व को लेकर एक समझौते की सामान्य शर्तें 5 अप्रैल तक तय हो जाएंगी. टिकटॉक, जिसे लगभग 17 करोड़ अमेरिकी उपयोग करते हैं, का भविष्य इस बिक्री पर निर्भर करता है.
भारतीय शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 400 अंक बढ़ा, निफ्टी 23,550 के ऊपर
27 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के ऑटो आयात पर नए टैरिफ की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में कमजोरी के चलते घरेलू शेयर बाजार गुरुवार (27 मार्च) को गिरावट में खुले। हालांकि, खुलने के कुछ ही देर बाद बाजार हरे निशान में लौट गया। आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और और एलएंडटी जैसे शेयरों में तेजी से बाजार ने वापसी की है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 200 से ज्यादा अंक गिरकर 77,087.39 पर खुला। हालांकि, बाद में यह बढ़त में चला गया। सुबह 9:33 बजे सेंसेक्स 218.48 अंक या 0.28% चढ़कर 77,506.98 पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ़्टी50 भी 40 अंक या 0.17 फीसदी टूटकर 23,446.35 पर ओपन हुआ। सुबह 9:33 बजे यह 64.90 अंक या 0.28% की बढ़त लेकर 23,551.75 पर कारोबार कर रहा था।
निफ़्टी ऑटो फिसला
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी का ऑटो इंडेक्स (Nifty Auto Index) आज शुरुआती कारोबार में 1 फीसदी से ज्यादा फिसल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में गाड़ियों के आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसकी वजह से ऑटो शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।
निफ्टी का सपोर्ट लेवल
निफ्टी के आउटलुक पर बजाज ब्रोकिंग ने कहा, “आगे बढ़ते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि इंडेक्स 23,850-23,200 की सीमा में समेकित होगा, जिससे हाल ही में मात्र 15 सत्रों में 1,900 अंकों की तीव्र तेजी के बाद दैनिक स्टोकेस्टिक में विकसित ओवरबॉट स्थिति से निपटा जा सकेगा। निचले स्तर पर समर्थन 23,200 के स्तर पर है, जो हाल ही में ब्रेकआउट क्षेत्र रहा है।”
बुधवार को कैसी थी बाजार की चाल?
बेंचमार्क इंडेक्स ने बुधवार को अपने सात सत्रों की बढ़त का सिलसिला समाप्त कर दिया और मासिक समाप्ति सत्र से पहले बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर स्पष्टता की कमी के बीच दूसरे हाफ में मुनाफावसूली के कारण निफ्टी 181 अंक या 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,486.85 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 728.69 अंक या 0.93% गिरकर 77,288.50 पर बंद हुआ था।
वैश्विक बाजारों का क्या हाल?
एसएंडपी 500 1.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,712.20 पर बंद हुआ, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,454.79 पर बंद हुआ और नैस्डैक कंपोजिट 2.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,899.01 पर बंद हुआ। एनवीडिया के शेयरों में लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मेटा प्लेटफॉर्म और अमेज़ॅन जैसे प्रमुख तकनीकी नामों में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और अल्फाबेट में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। टेस्ला में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
एशियाई बाजारों में गुरुवार को मिलाजुला रुख रहा। चीनी बाजारों में बढ़त दर्ज की गई। निवेशकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने का आकलन किया। जापान के बेंचमार्क निक्केई 225 में 0.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि व्यापक टॉपिक्स में 0.48 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि स्मॉल-कैप कोसडैक में 0.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
IndusInd Bank Share: SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच शुरू की, निवेशकों को स्टॉक मूवमेंट पर नजर रखने की सलाह
27 Mar, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) की मुश्किलें बढ़ सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider trading) की जांच कर रहा है। बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बड़े डेरिवेटिव घाटे की भी जानकारी दी थी।
सेबी ने प्राइवेट सेक्टर बैंक से उसके पांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए सौदों के बारे में जानकारी मांगी है। रेगुलेटर यह जांच कर रहा है कि क्या अधिकारियों के पास ऐसी गोपनीय जानकारियां थी, जो सार्वजानिक नहीं हुई।एक रिपोर्ट ने बताया सेबी बैंक की तरफ से डिस्क्लोजर नियमों के उल्लंघन को लेकर भी जांच कर रहा है।
इंडसइंड पर अकाउंटिंग संबंधी चूकों पर भी जांच जारी
प्राइवेट सेक्टर बैंक पर धोखाधड़ी या आंतरिक चूक को लेकर भी जांच चल रही है। मुंबई स्थित बैंक ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि उसने करेंसी डेरिवेटिव्स को बुक करने के तरीके में अकॉउंटिंग चूक पाई हैं। यह कम से कम छह साल पहले की हैं और इसका अनुमानित प्रभाव लगभग 17.5 करोड़ डॉलर है।
बैंक ने ग्रांट थॉर्नटन को पड़ताल करने के लिए नियुक्त किया है, ताकि इस महीने पकड़े गए लेखा संबंधी चूकों की जांच हो सके और यह पता लगाया जा सके कि इसमें कोई धोखाधड़ी या आंतरिक चूक का सबूत है या नहीं।
इंडसइंड बैंक मैनेजमेंट में हो सकता है बदलाव
इंडसइंड बैंक ने 7 मार्च को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उनके प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है, जो 23 मार्च, 2026 तक रहेगा। हालांकि, इसके फौरन बात हैरान करने वाले वाकये होने लगे।
बैंक ने 10 मार्च को बाजार में कारोबार बंद होने के बाद एक्सचेंजों को बताया कि डेरिवेटिव्स की अकाउंटिंग में उसे कुछ गड़बड़ी मिली हैं। बैंक ने ‘विस्तृत आंतरिक समीक्षा’ की, जिसमें दिसंबर 2024 की उसकी नेट वर्थ में करीब 2.35 फीसदी चोट पड़ने का अनुमान लगाया गया। इसका मतलब है कि बैंक को 1,600 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग करनी पड़ी।
इंडसइंड बैंक ने स्वतंत्र समीक्षा करने और आंतरिक जांच को परखने के लिए एक प्रतिष्ठित बाहरी एजेंसी नियुक्त की है। उसकी रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि बैलेंस शीट पर कितनी चोट पड़ी है।
इंडसइंड बैंक के शेयर में गिरावट
इस बीच, इंडसइंड बैंक के शेयर सुबह 10 बजे एनएसई (NSE) पर 6.35 रुपये या 0.97% की गिरावट लेकर 648.95 रुपये प्रति शेयर पर चल रहे थे। पिछले एक महीने में बैंक के शेयरों 38% से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं, बीते छह महीने में शेयर 55% से ज्यादा टूट चुका है। स्टॉक का 52 वीक हाई 1,576 रुपये है।
इंडसइंड बैंक भारत का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, जिसका बैलेंस शीट 63 बिलियन डॉलर का है। 10 मार्च को पहली बार इसकी जानकारी दिए जाने के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयरों में 27% से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग उसे कहा जाता है जब किसी कंपनी के बारे में गैर-सार्वजनिक या महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर शेयरों में ट्रेडिंग की जाती है। इस जानकारी तक पहुंच रखने वालों को अनुचित लाभ मिलता है। यह बाजार में अनुचित माहौल पैदा करता है, जहां कुछ निवेशकों को ऐसी जानकारी तक पहुंच मिल जाती है जो अन्य को नहीं मिल पाती।
टैरिफ विवाद: भारतीय उद्योग ने अमेरिकी सरकार से व्यापार समझौता करने की अपील की
27 Mar, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू किए जाने से पहले भारतीय उद्योग जगत (Indian industry) ने सरकार से अपील की है कि उसे ऐसे शुल्कों के प्रभाव से बचाया जाए। सूत्रों के अनुसार, उद्योग इस बात को लेकर चिंतित है कि इन टैरिफ का असर नौकरियों पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा। इसी वजह से उद्योग जगत चाहता है कि इन टैरिफ के असर को कम करने के लिए भारत जल्द से जल्द अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करे।
भारत को कुछ छूट मिलने की संभावना
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा ताकि अमेरिका से आयात पर लगाए गए टैरिफ और गैर-टैरिफ शुल्कों के बराबर शुल्क लगाया जा सके। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि भारत को उसके ऊंचे टैरिफ स्ट्रक्चर की वजह से कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उन्होंने अपना रुख कुछ नरम किया है। किसी देश का नाम लिए बिना ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल को कई देशों को कुछ छूट दी जाएगी।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा जारी
इस समय भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (bilateral trade agreement) को अंतिम रूप देने के लिए गहन चर्चा चल रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच (Brendan Lynch) अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम के साथ 25 मार्च से पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जहां वे भारतीय पक्ष के साथ बैठकें कर रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता मंगलवार को शुरू हुई।
JSW Steel ने आर्सेलर मित्तल और न्यूकॉर को पीछे छोड़कर दुनियाभर में सबसे बड़ी स्टील कंपनी बनने का किया दावा
26 Mar, 2025 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) बढ़कर करीब 30.31 अरब डॉलर पहुंच गया है। इस उपलब्धि के साथ भारत की जेएसडब्ल्यू स्टील उद्योग जगत की दिग्गज कंपनियों आर्सेलर मित्तल (27.14 अरब डॉलर) और अमेरिका की न्यूकॉर कॉर्प (29.4 अरब डॉलर) से आगे निकल गई है।
एमकैप में जेएसडब्ल्यू स्टील ने भले ही बढ़त बनाई हो मगर आय के लिहाज से आर्सेलरमित्तल उससे काफी आगे है। पिछले 12 महीनों में आर्सेलरमित्तल की आय 62.4 अरब डॉलर रही जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील ने 21.1 अरब डॉलर की आय दर्ज की। मूल्यांकन मापदंड में असमानता चौंकाने वाली है, जेएसडब्ल्यू स्टील 28.5 गुना प्राइस-टु-अर्निंग (पीई) पर कारोबार कर रहा है, जो आर्सेलरमित्तल के 20.3 गुना पीई से काफी अधिक है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार 1907 में स्थापित टाटा संस की इकाई टाटा स्टील 23 अरब डॉलर के साथ बाजार पूंजीकरण में पांचवें स्थान पर है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि रैंकिंग में यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग की उभरती गतिशीलता को दर्शाता है, जहां भारतीय उत्पादक तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
जेएसडब्ल्यू सीमेंट और जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने एक्स पर लिखा, ‘यह साझा करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि जेएसडब्ल्यू स्टील बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बन गई है, पापा @sajjanjindal, मां @SangitaSJindal और @TheJSWGroup परिवार द्वारा की गई कड़ी मेहनत पर हमें गर्व है, हम बहुत आभारी हैं और यहीं नहीं रुकेंगे।’
पिछले तीन दशक में जेएसडब्ल्यू स्टील कर्नाटक में एक विनिर्माण इकाई से भारत की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी की भारत और अमेरिका में कुल उत्पादन क्षमता 3.57 करोड़ टन सालाना है। कंपनी ने इस्पात इंडस्ट्रीज और भूषण पावर ऐंड स्टील सहित रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से अपना विस्तार किया है जिससे स्टील उद्योग में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। आर्सेलरमित्तल की कुल उत्पादन क्षमता सालाना 8.1 करोड़ टन और न्यूकॉर कॉर्प की क्षमता 2.7 करोड़ टन सालाना है। जेएसडब्ल्यू स्टील ने मार्च 2031 तक अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 5.15 करोड़ टन सालाना करने की योजना बनाई है, जिसमें से 5 करोड़ टन क्षमता भारत में होगी।
जेएसडब्ल्यू का शेयर इस साल अभी तक 17 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। सरकार द्वारा स्टील आयात पर अंकुश लगाने के प्रस्ताव से कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। व्यापार उपचार महानिदेशालय ने कुछ गैर-मिश्र धातु और मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों पर 200 दिनों के लिए 12 फीसदी सेफगार्ड शुल्क लगाने की सिफारिश की है। यदि वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग इसे मंजूरी देता है तो इससे जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे घरेलू उत्पादकों को लाभ मिल सकता है।
एक अलग घटनाक्रम में जेएसडब्ल्यू स्टील ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि वह इटली की अपनी सहायक इकाई पियोम्बिनो स्टील (पीएसएल) में 1,676.45 करोड़ रुपये के प्रस्तावित पुनर्खरीद के तहत 22 करोड़ से अधिक शेयर खरीदेगी। पीएसएल में जेएसडब्ल्यू की 83.28 फीसदी हिस्सेदारी है।
Samsung पर भारत में 60.1 करोड़ डॉलर की टैक्स चोरी, आरोपों का किया विरोध
26 Mar, 2025 01:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने सैमसंग और उसके अधिकारियों को प्रमुख दूरसंचार उपकरणों के आयात पर शुल्क से बचने के मामले में 60.1 करोड़ डॉलर का पुराना कर और जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह हाल के वर्षों में इस तरह की सबसे बड़ी मांगों में से एक है। एक सरकारी आदेश से यह जानकारी मिली है। यह मांग भारत में सैमसंग के पिछले साल के 95.5 करोड़ डॉलर के शुद्ध लाभ का बड़ा हिस्सा है। भारत में वह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिकी और स्मार्टफोन बाजार की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इसे कर न्यायाधिकरण या अदालतों में चुनौती दी जा सकती है।
गलत तरीके से वर्गीकरण
कंपनी अपने नेटवर्क अनुभाग के जरिये दूरसंचार उपकरणों का भी आयात करती है। उसे मोबाइल टावरों में इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रांसमिशन के एक महत्त्वपूर्ण पुर्जे पर 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत के शुल्क से बचने के मामले में साल 2023 में चेतावनी मिली थी क्योंकि उसने आयात को गलत तरीके से वर्गीकृत किया था। उसने इन वस्तुओं का आयात किया और उन्हें अरबपति मुकेश अंबानी की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो को बेचा।
सैमसंग ने जांच हटाने के लिए भारत के कर अधिकारियों पर दबाव डाला और कहा कि इस पुर्जे पर शुल्क नहीं लगता और अधिकारियों को वर्षों से इसके वर्गीकरण की कवायद के बारे में पता था। लेकिन सीमा शुल्क अधिकारियों ने 8 जनवरी के गोपनीय आदेश में इससे असहमति जताई। यह आदेश सार्वजनिक नहीं है।
सीमा शुल्क आयुक्त सोनल बजाज ने आदेश में कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का ‘उल्लंघन’ किया तथा ‘जानबूझकर और इरादतन सीमा शुल्क अधिकारियों के समक्ष मंजूरी के लिए झूठे दस्तावेज पेश किए।’ बजाज ने कहा कि जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने ‘सरकारी खजाने को धोखा देकर अपना लाभ अधिकतम करने का अपना एकमात्र उद्देश्य हासिल करने के लिए कारोबार की सभी नैतिकता और उद्योग की कार्यप्रणाली या मानकों का उल्लंघन किया।’
भारत के सात अधिकारियों पर जुर्माना
सैमसंग को 44.6 अरब रुपये (52 करोड़ डॉलर) चुकाने का आदेश दिया गया, जिसमें बकाया कर और 100 प्रतिशत जुर्माना शामिल है। आदेश से पता चलता है कि भारत के सात अधिकारियों पर 8.1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। इनमें नेटवर्क अनुभाग के उपाध्यक्ष सुंग बीम होंग, मुख्य वित्तीय अधिकारी डोंग वोन चु और महाप्रबंधक (वित्त) शीतल जैन के साथ-साथ सैमसंग के अप्रत्यक्ष करों के महाप्रबंधक निखिल अग्रवाल शामिल हैं।
एयर इंडिया का अगला बड़ा सौदा: Tata Group बोइंग और एयरबस से करेगी अरबों डॉलर का समझौता
26 Mar, 2025 01:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया बोइंग और एयरबस से दर्जनों वाइडबॉडी विमान खरीदने के लिए कई अरब डॉलर के नए ऑर्डर की संभावनाएं तलाश रही है। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे टाटा समूह के तहत एयर इंडिया में बदलाव को रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स
सूत्रों ने बताया कि नए ऑर्डर में एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स जैसे मॉडलों के 30 से 40 विमान शामिल हो सकते हैं। एक सूत्र ने तो यह भी कहा कि सौदा 50 से अधिक विमानों का हो सकता है। ऑर्डर के विवरण को फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया गया है। नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा, ‘पेरिस एयर शो (जून में) के आसपास चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।’ इस बाबत जानकारी के लिए एयर इंडिया को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। बोइंग और एयरबस ने इस मुद्दे पर टिप्पणी से इनकार किया।’
एयर इंडिया ने 2023 में दोनों विमान आपूर्तिकर्ताओं से 470 विमान खरीदने के लिए भारी-भरकम ऑर्डर दिया था। पिछले साल 100 अन्य एयरबस विमानों का ऑर्डर दिया गया था। मगर उनमें अधिकतर विमान नैरोबॉडी वाले थे।
वैश्विक बाजार में अपनी खोई हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी
वाइडबॉडी विमानों के इस ऑर्डर से एयर इंडिया को वैश्विक बाजार में अपनी खोई हिस्सेदारी वापस हासिल करने के लिए आधुनिकीकरण योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दोनों विमान आपूर्तिकर्ताओं के लिए एयर इंडिया के इस ऑर्डर में 50 एयरबस ए350, 10 बोइंग 777एक्स और 787 ड्रीमलाइनर के 20 विमान शामिल हैं। एयर इंडिया ऐसे समय यह ऑर्डर देने जा रही है जब भारत से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर यात्रियों की आवाजाही बढ़ रही है। मूडीज की स्थानीय रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसमें 15-20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। यह घरेलू हवाई यात्रा में दर्ज 7-10 फीसदी की वृद्धि से अधिक है।
पोस्ट ऑफिस की नई योजना: ₹2,00,000 पर ₹29,776 का सालाना ब्याज
26 Mar, 2025 11:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Post Office Schemes: पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर अपने ग्राहकों को डाक सेवाओं के साथ-साथ तमाम बैंकिंग सेवाएं भी मुहैया कराता है। डाकघर में निवेश योजनाओं के साथ-साथ बचत खाते, आरडी और एफडी जैसी बचत योजनाओं में भी खाता खुलवाया जा सकता है। पोस्ट ऑफिस में बचत योजनाओं के तहत खाता खुलवाने पर आपको न सिर्फ बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है बल्कि यहां आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित भी रहता है। पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम ऐसी भी है, जिसमें आप 2 लाख रुपये जमा कर 29,776 रुपये का फिक्स ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी पर मिल रहा है 7% का ब्याज
जिस तरह देश के तमाम बैंक अपने ग्राहकों के लिए एफडी (फिक्स्ड डिपोजिट) खाते खोलते हैं, उसी तरह, पोस्ट ऑफिस भी अपने ग्राहकों के लिए टीडी (टाइम डिपोजिट) खाते खोलता है। पोस्ट ऑफिस का टीडी , बिल्कुल बैंकों के एफडी खाते की तरह ही होता है। पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की अवधि के लिए टीडी खाते खोलने की सुविधा प्रदान करता है। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाला पोस्ट ऑफिस टीडी खातों पर 6.9 प्रतिशत से लेकर 7.5 प्रतिशत तक का ब्याज दे रहा है। पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी पर 7.0 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।
2 लाख रुपये जमा करें तो मैच्यॉरिटी पर मिलेंगे कुल 2,29,776 रुपये
पोस्ट ऑफिस की टीडी स्कीम में देश का कोई भी नागरिक खाता खुलवा सकता है। टीडी खाते में आप कम से कम 1000 रुपये जमा कर सकते हैं, जबकि इसमें अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। ग्राहक अपनी मर्जी के हिसाब से इसमें जितना मर्जी, उतना पैसा जमा करा सकता है। पोस्ट ऑफिस में 2 साल की टीडी में अगर 2 लाख रुपये जमा किए जाएं तो मैच्यॉरिटी पर आपको कुल 2,29,776 रुपये मिलेंगे, जिसमें 29,776 रुपये का शुद्ध और फिक्स शामिल है। टीडी खाता खुलवाने के साथ ही आपको ये मालूम चल जाता है कि मैच्यॉरिटी पर आपको कुल कितने रुपये मिलेंगे। डाकघर में टीडी खाता खुलवाने के लिए आपके पास डाकघर का ही बचत खाता होना जरूरी है।