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रतन टाटा ने नमक से लेकर हवाई जहाज तक टाटा ग्रुप को कैसे बनाया ग्लोबल ब्रांड
10 Oct, 2024 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
'भारत का पहला प्राइवेट स्टील प्लांट किसने लगाया, पहला फाइव स्टार होटल किसने बनाया, पहला पावर प्लांट, पहली सॉफ्टवेयर कंपनी, पहली कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की नींव किसने रखी... वो रोल मॉडल हैं। संपत्ति क्या है? वे समाज की भलाई के लिए पैसा कमा रहे हैं। इससे अच्छा काम भला एक इंसान और क्या कर सकता है। इसीलिए वे जिंदगी में मेरे रोल मॉडल हैं।'
रतन टाटा के बारे में ये शब्द थे भारतीय शेयर मार्केट के 'बिग बुल' कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला के। इसी से रतन टाटा की शख्सियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि रतन टाटा का कारोबारी सफर कैसे शुरू हुआ और उन्होंने टाटा ग्रुप को बुलंदियों के मुकाम पर कैसे पहुंचाया?
रतन टाटा का कारोबारी सफर
रतन टाटा पढ़ाई खत्म करने के बाद सीधे टाटा ग्रुप से नहीं जुड़े। उनकी पहली नौकरी अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी- इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉर्पोरेशन (IBM) में थी। इसकी भनक उनके परिवार को भी नहीं थी। जब टाटा ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा (JRD Tata) को रतन टाटा की नौकरी का पता चला, तो वह काफी नाराज हुए।
उन्होंने रतन टाटा को फोन किया और अपना बायोडाटा शेयर करने को कहा। उस वक्त रतन टाटा के पास अपना बायोडाटा भी नहीं था। उन्होंने आईबीएम में ही टाइपराइटर पर अपना बायोडाटा बनाया और उसे जेआरडी टाटा के पास भेजा। इसके बाद 1962 में टाटा ग्रुप से आधिकारिक तौर पर जुड़े। वह भले ही टाटा परिवार के सदस्य थे, लेकिन उन्होंने पहले निचले स्तर पर काम करके तजुर्बा लिया।
रतन टाटा साल 1991 में टाटा संस (Tata Sons) और टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। उनकी अगुआई में टाटा ग्रुप ने नई बुलंदियों को छुआ। रतन टाटा ने 21 साल तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया। उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पद छोड़ दिया, लेकिन टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, और टाटा केमिकल्स के चेयरमैन एमेरिटस बने रहे। उनके मार्गदर्शन में इन कंपनियों ने बुलंदी के नए मुकाम को छुआ।
कितनी संपत्ति छोड़ गए रतन टाटा
Tata Group का कारोबार दुनिया में फैला हुआ है। इसका दखल रसोई का नमक बनान से लेकर आसमान में हवाई जहाज उड़ाने तक है। टाटा ग्रुप के पास 100 से अधिक लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियां हैं। इनका कुल बिजनेस तकरीबन 300 अरब डॉलर का है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिवंगत रतन टाटा (Ratan Tata Net Worth) अपने पीछे अनुमानित तौर पर करीब 3800 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैं।
रतन टाटा की परोपकार कार्यों में गहरी दिलचस्पी थी। उनकी दरियादिली की अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दान में जाता था। ये दान टाटा ट्रस्ट होल्डिंग कंपनी के तहत होता था। रतन टाटा हर मुश्किल के वक्त देश के लोगों के साथ खड़े रहते थे। फिर चाहे वह 2004 की सुनामी हो, या फिर कोरोना महामारी का प्रकोप।
रतन टाटा अपने सामाजिक कार्यों के साथ आर्थिक तंगी से जूझने वाले छात्रों की भी आगे बढ़ने में मदद करते थे। उनका ट्रस्ट मेधावी छात्रों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देता है। यह स्कॉलरशिप J.N. Tata Endowment, Sir Ratan Tata Scholarship और Tata Scholarship के माध्यम से दी जाती है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
10 Oct, 2024 01:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियों ने 10 अक्टूबर (गुरुवार) के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट कर दिये हैं। हर रोज सुबह 6 बजे इनकी कीमत अपडेट होती है। ऐसे में गाड़ीचालक को सलाह दी जाती है कि वह लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाएं। आइए जानते हैं कि आपके शहर में पेट्रोल-डीजल कितने रुपये लीटर मिल रहा है।
देश की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) जैसी सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अपडेट करती हैं। यह सिलसिला साल 2017 से जारी है।
सरकारी तेल कंपनियों ने आज 10 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) के लिए भी फ्यूल प्राइस अपडेट कर दिया है। आज भी सभी शहरों में तेल के दाम जस के तस बने हुए हैं। इसका मतलब है कि आप पुरानी प्राइस से ही पेट्रोल और डीजल खरीद सकते हैं। हालांकि, शहरों के हिसाब से कीमतों में अंतर है।
सभी शहर में अलग होते हैं दाम
देश के महानगरों और बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल की प्राइस अलग-अलग होती है। इसकी वजह वैट है। दरअसल, फ्यूल प्राइस पर जीएसटी की जगह वैट लगाया जाता है। वैट की दरें राज्य सरकार तय करती है। ऐसे में हर राज्य में वैट की दर अलग होती है, जिस वजह से सभी शहरों में इसके दाम भी अलग होते हैं।
महानगरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.44 रुपये प्रति लीटर है।
बाकी शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.66 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.76 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 94.99 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.85रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.39 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.05 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.16 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.37 रुपये प्रति लीटर
हरे निशान पर खुला शेयर बाजार में; सेंसेक्स 500 अंक चढ़ा, निफ्टी 25000 के पार
10 Oct, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फेडरल रिजर्व की नवीनतम नीति बैठक के मिनटों में अमेरिका में ब्याज दरों में और कटौती के संकेत मिलने के बाद, वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के बीच सकारात्मक रुझान के कारण भारतीय प्रमुख इक्विटी सूचकांक भी गुरुवार को बढ़त के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 513 अंक या 0.63% बढ़कर 81,980.40 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी50 130 अंक या 0.52% बढ़कर 25,112.65 पर पहुंच गया।
बाजार में निवेशकों का ध्यान गुरुवार के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगा, विशेष रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर, ताकि फेड के आगे के फैसले पर रुझान मिल सके। इसके अलावे कंपनियों के परिणामों पर भी बाजार की नजर बनी रहेगी।
सेक्स के शेयरों में, एलएंडटी, पावर ग्रिड , एमएंडएम, एनटीपीसी और टाटा स्टील शीर्ष लाभार्थियों रहे और इनमें प्रत्येक में 1% से अधिक की वृद्धि हुई। इसके विपरीत, इंफोसिस , टाटा मोटर्स , टेक महिंद्रा , हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे।
महाराष्ट्र में एक नए उर्वरक संयंत्र के लिए राष्ट्रीय केमिकल्स द्वारा एलएंडटी को 1,000 करोड़ रुपये का अनुबंध दिए जाने के बाद एलएंडटी के शेयरों में शुरुआती कारोबार में लगभग 2% की तेजी आई। व्यापक, अधिक घरेलू रूप से केंद्रित निफ्टी स्मॉलकैप 100 और मिडकैप 100 में से प्रत्येक में 0.5% से अधिक की वृद्धि हुई ।
फिसला शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद
9 Oct, 2024 04:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में एक दिन की राहत के बाद गुरुवार को फिर बिकवाली के बादल छा गए। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन एमपीसी के फैसलों से उत्साहित बाजार आखिरी सत्र में फिसल गया और बेंचमार्क सूचकांक आखिरकार लाल निशान पर बंद हुए। इसे पहले मंगलवार को हरे निशान पर बंद होने से पहले सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छह कारोबारी सत्रों में गिरावट के साथ बंद हुए थे।
बुधवार को 30 शेयरों वाला बेंचमार्क सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 167.71 (0.20%) अंक टूटकर 81,467.10 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 31.21 (0.12%) अंक गिरकर 24,981.95 पर पहुंच गया। बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले एक पैसे मजबूत होकर 83.96 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
देश का सबसे बड़ा IPO 15 अक्टूबर को होगा ओपन, जानिए प्राइस बैंड और अन्य डिटेल्स
9 Oct, 2024 04:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दक्षिण कोरियाई ऑटोमेकर हुंडई की भारतीय यूनिट- हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) अपना आईपीओ लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उसने प्राइस बैंड समेत दूसरी डिटेल की भी जानकारी देगी। यह देश का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। हुंडई का कहना है कि उसका 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ 15 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के खुलेगा। आइए इस आईपीओ की पूरी डिटेल जानते हैं।
कितना होगा प्राइस बैंड
हुंडई ने अपने आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जो एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को पीछे छोड़ देगा। एंकर निवेशकों के लिए 14 अक्टूबर को खुलेगा। वहीं, रिटेल इन्वेस्टर्स 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक पैसे लगा सकेंगे। अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को होगा। हुंडई की BSE और NSE पर एंट्री 22 अक्टूबर को होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।
आईपीओ से बनेगा रिकॉर्ड
प्रस्तावित आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर हुंडई मोटर कंपनी द्वारा 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) है। इसमें कोई फ्रेश इक्विटी नहीं जारी होगी। इसका मतलब है कि शेयरों की बिक्री से होने वाली पूरी कमाई पैरेंट कंपनी को जाएगी। यह जापानी कार निर्माता मारुति सुजुकी की 2003 में लिस्टिंग के बाद दो दशकों में किसी ऑटोमेकर का पहला आईपीओ है।
हुंडई का मार्केट शेयर
हुंडई मोटर इंडिया ने 1996 में भारत में कामकाज शुरू किया और फिलहाल अलग-अलग सेगमेंट में 13 मॉडल बेचती है। हुंडई फिलहाल मार्केट शेयर के मामले में मारुति सुजुकी के बाद दूसरे नंबर पर है। घरेलू मार्केट में इसकी हिस्सेदारी करीब 14.6 फीसदी है। सितंबर में हुंडई ने 64,201 गाड़ियां बेचीं, जो सालाना आधार पर 10 फीसदी कम रही। 2024 में अब तक हुंडई ने 5.77 लाख गाड़ियां बेची है। यह सालाना आधार पर लगभग फ्लैट है।
विमान कंपनी के शेयरों ने किया कमाल, 70 रुपये से कम कीमत पर भरी ऊंची उड़ान
9 Oct, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बजट एयरलाइन स्पाइसजेट के शेयरों में बुधवार को जोरदार तेजी देखी गई है। दरअसल, स्पाइसजेट ने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी बैबकॉक एंड ब्राउन एयरक्राफ्ट मैनेजमेंट (बीबीएएम) के साथ 132 मिलियन डॉलर का विवाद सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है।
स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा कि पट्टेदारों- होराइजन एविएशन 1 लिमिटेड, होराइजन II एविएशन 3 लिमिटेड और होराइजन III एविएशन 2 लिमिटेड के साथ 131.85 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1,107 करोड़ रुपये) का विवाद 22.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में सुलझा लिया गया है। ये सभी पट्टेदार बीबीएएम के प्रबंधन के अधीन हैं।
बीबीएएम के साथ यह समझौता हमें अपनी देनदारियों को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। हमने क्यूआईपी के जरिए जो रकम जुटाई है, उसकी बदौलत हम ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित करने, अपने बेड़े को उतारने और अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।
स्पाइसजेट ने बताया कि यह समझौता पिछले महीने क्यूआईपी के जरिए 3,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद हुआ है। इससे स्पाइसजेट को अपनी बैलेंस शीट मजबूत करने और कुल देनदारियों को कम करने में मदद मिलेगी। एयरलाइन ने कहा कि इस बड़े विवाद को सुलझाकर स्पाइसजेट ने एक बड़ी बाधा को दूर कर दिया है। इससे एयरलाइन को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और उसका ऑपरेशन बेहतर तरीके से चलेगा।
मंगलवार को भी आया था उछाल
स्पाइसजेट के शेयरों मंगलवार को भी तगड़ा उछाल आया था। एयरलाइन ने एलान किया था कि नवंबर के आखिर तक उसके बेड़े में 10 और विमान शामिल होंगे। इससे निवेशकों ने स्पाइसजेट के शेयरों में जमकर खरीदारी की और उसके शेयर 9 फीसदी तक उछल गए थे।
वहीं, आज भी स्पाइसजेट के शेयर 8 फीसदी के उछाल के साथ 67.98 पर पहुंच गए थे। दोपहर 1 बजे तक स्पाइसजेट के शेयर 6.34 फीसदी के उछाल के साथ 66.78 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
FADA के आंकड़े: इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 55% की उछाल, ई-कारों में 7.76% की आई गिरावट
9 Oct, 2024 04:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यात्री वाहनों में 19 फीसदी की बड़ी गिरावट के बीच इलेक्ट्रिक कारों (ई-कार) की खुदरा बिक्री भी सितंबर, 2024 में मासिक और सालाना आधार पर घटी है। हालांकि, अन्य श्रेणी के वाहनों की बिक्री में करीब 55 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के मुताबिक, सितंबर में देशभर में कुल 5,874 ई-कारें बिकीं। यह आंकड़ा सितंबर, 2023 में बिकीं 6,368 ई-कारों की तुलना में 7.76 फीसदी और अगस्त, 2024 की 6,338 इकाइयों के मुकाबले 7.32 फीसदी कम है।
हालांकि, ई-दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले माह सालाना आधार पर 40.45 फीसदी व मासिक आधार पर 1.74 फीसदी बढ़कर 90,007 इकाई पहुंच गई। ई-तिपहिया वाहनों की बिक्री क्रमशः 9.30 फीसदी व 3.55 फीसदी बढ़कर 62,889 इकाई पहुंच गई। इस दौरान देशभर में कुल 855 ई-वाणिज्यिक वाहन बिके। यह आंकड़ा सितंबर, 2023 की तुलना में 54.61 फीसदी व अगस्त, 2024 से 27.04 फीसदी अधिक है।
बाजार हिस्सेदारी में उछाल
बिक्री घटने के बावजूद ई-कारों की बाजार हिस्सेदारी सितंबर में 0.2 फीसदी बढ़कर 2.1 फीसदी पहुंच गई।
ई-दोपहिया वाहनों की बाजार हिस्सेदारी सालाना और मासिक आधार पर क्रमशः 2.6 फीसदी एवं 0.9 फीसदी बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई।
ई-तिपहिया वाहनों की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 59 फीसदी पहुंच गई। ई-वाणिज्यिक वाहनों की भी बढ़कर 1.15 फीसदी पहुंच गई है।
चार प्रमुख वजहें...जिनसे बिक्री में आई गिरावट
फाडा के उपाध्यक्ष साईं गिरिधर ने कहा, सितंबर में ई-कारों की बिक्री कई वजहों से घटी है।
ग्राहकों के पास अधिक विकल्प नहीं है।
सामान्य कारों की तुलना में ई-कारों की कीमत करीब डेढ़ गुना अधिक है।
चार्जिंग स्टेशन की कमी के कारण लोगों में ई-कारों की रेंज को लेकर डर की स्थिति रहती है।
श्राद्ध और पितृपक्ष के साथ भारी बारिश का भी बिक्री पर असर पड़ा है।
रेपो रेट पर RBI का आया फैसला, अब जानें आपकी EMI बढ़ेगी या घटेगी?
9 Oct, 2024 03:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दसवीं पर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। यह 6.5 फीसदी पर बरकरार रही। इसका मतलब है कि आपकी EMI पहले की ही तरह रहेगी। उसमें कोई कमी-बेसी नहीं होगी। फरवरी, 2023 से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर जस का तस रखा है। हालांकि, आरबीआई ने अपने रुख में बदलाव करते हुए उसे न्यूट्रल कर दिया।
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की तीन दिवसीय मीटिंग का आगाज (7 अक्टूबर) को शुरू हुआ था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क दर में 50 आधार अंकों की कटौती के बाद आरबीआई ने रेपो रेट पर पहली नीति घोषणा है।
GDP ग्रोथ का क्या रहेगा हाल
दास ने GDP ग्रोथ के अनुमान से जुड़े डेटा भी शेयर किए। वित्त वर्ष 2024-25 में हमारी इकोनॉमी 7.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। आरबीआई के मुताबिक, दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.0 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.4 फीसदी, चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 7.3 फीसदी रह सकती है।
वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बढ़ी हैं। फिर भी देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। हमने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को बरकरार रखा है।शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर
कितनी रहेगी खुदरा मुद्रास्फीति?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि केंद्रीय बैंक का फोकस महंगाई घटाने पर बना रहेगा। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 फीसदी रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है। पहली तिमाही में 8 प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 1.8 फीसदी घटा है। उम्मीद से अधिक बारिश ने बिजली, कोयला और सीमेंट जैसे कुछ इंडस्ट्री को प्रभावित किया है। हालांकि, सरकारी खपत में सुधार हो रहा है।
क्या होता है रेपो रेट
रिजर्व बैंक जिस दर पर अन्य बैंकों को कर्ज देता है, वो रेपो रेट होती है। इसका सीधा असर लोन की ब्याज दर पर पड़ता है। अगर रेपो रेट में कमी होती है, तो इसका मतलब कि बैंकों को कर्ज सस्ता मिलेगा, तो वे ग्राहकों को भी लोन भी कम ब्याज दर देंगे। लेकिन, रेपो रेट में इजाफे की सूरत में वे ब्याज दरों को बढ़ा देते हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी धीमी और असमान बनी रहेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने सचिन तेंदुलकर को बनाया ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर
8 Oct, 2024 02:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर बनाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। उसका मानना है कि सचिन की ब्रांड वैल्यू इमेज से उसे अपने मकसद को पूरा करने में मदद मिलेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा सचिन के साथ मिलकर अपने पहले अभियान "प्ले द मास्टरस्ट्रोक" की शुरूआत कर रहा है। इसके जरिए वह अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगा, ताकि वे 'मास्टरस्ट्रोक' खेलकर आर्थिक लक्ष्यों की पारी में एक बड़ा स्कोर बनाएं।
बैंक के लिए क्या करेंगे सचिन?
बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सचिन बैंक के सभी ब्रांडिंग कैंपेन का मुख्य चेहरा बनेंगे। वे ग्राहक शिक्षा एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों और धोखाधड़ी की रोकथाम पर जागरूकता अभियानों के साथ ग्राहक एवं कर्मचारी जुड़ाव कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण बनेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा का 17 देशों में व्यापक उपस्थिति है। बैंक का मानना है कि एक वैश्विक स्पोर्ट्स ब्रांड के रूप में सचिन वैश्विक मंच पर बैंक के ब्रांड को और ऊंचाई पर लेकर जाएंगे।
बैंक ने सचिन से साझेदारी पर क्या कहा?
इस साझेदारी के बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी और सीईओ देबदत्त चांद ने कहा, "भारत के खेल दिग्गजों में से एक सचिन तेंदुलकर को अपना वैश्विक ब्रांड एंबेसडर घोषित करना बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए बहुत गौरव का क्षण है। सचिन ग्लोबल आइकन हैं, जिन्होंने हमेशा उदाहरण पेश करते नेतृत्व किया है और अपने खेल से हमें प्रेरित किया है।"
बैंक ने इस अवसर पर 'बॉब मास्टरस्ट्रोक बचत खाता' की शुरुआत की भी घोषणा की, जो विशेष रूप से प्रीमियम सेवाओं के इच्छुक ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया एक विशिष्ट बचत बैंक खाता है। 'बॉब मास्टरस्ट्रोक बचत खाता' की उत्पाद संरचना में इस श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं, विश्वसनीयता और दीर्घकालिक वित्तीय आयोजना शामिल हैं।
पार्टनरशिप पर क्या बोले सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ जुड़ने की काफी खुशी है। यह एक ऐसी संस्था है जो निरन्तर समय के साथ उन्नति के पथ पर अग्रसर है और आज के समय मे अपना स्थान कायम किए हुए है। एक सदी पहले एक छोटी सी शुरुआत से आगे बढ़ते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा उत्कृष्टता, सत्यनिष्ठा, नवोन्मेषिता के सिद्धांतों पर चलते हुए एक अग्रणी बैंकिंग संस्थान बन गया है। ये मूल्य मेरे दिल के करीब हैं और मेरा मानना है कि ये किसी भी कार्य की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।"
एयरटेल बिजनेस ने फोर्टिनेट के साथ की साझेदारी, 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट'- उद्यमों के लिए अत्याधुनिक और सुरक्षित कनेक्टिविटी समाधान किया लॉन्च
8 Oct, 2024 02:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एयरटेल सिक्योर इंटरनेट, फोर्टिनेट के नए युग के साइबर सुरक्षा समाधानों के साध मिलकर उद्यमों को मौजूदा और उभरते खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला से बचाएगा
यह समाधान विशेष रूप से एयरटेल के सुपर-फास्ट, अखिल भारतीय इंटरनेट लीज लाइन (आईएलएल) नेटवर्क पर संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
गुरुग्राम – भारत के अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक, भारती एयरटेल ("एयरटेल") की बी2बी शाखा, एयरटेल बिजनेस ने नेटवर्किंग और सुरक्षा के अभिसरण को आगे बढ़ाने वाले वैश्विक साइबर सुरक्षा लीडर फोर्टीनेट से नए युग के साइबर सुरक्षा उपायों का लाभ उठाते हुए 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' लॉन्च किया है - जो साइबर खतरों के खिलाफ एक मजबूत और पूरी तरह से प्रबंधित सुरक्षा प्रदान करने वाला एक नए युग का इंटरनेट सुरक्षा समाधान है।
यह अनूठा समाधान विशेष रूप से इंटरनेट लीज लाइन (आईएलएल) सर्किट पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो एयरटेल की विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी को फोर्टिनेट के अगली पीढ़ी के फ़ायरवॉल के साथ जोड़ता है। यह एयरटेल के अत्याधुनिक सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) और फोर्टिनेट के सुरक्षा ऑर्केस्ट्रेशन, ऑटोमेशन और रिस्पॉन्स (एसओएआर) प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से व्यापक, एंड-टू-एंड सुरक्षा प्रदान करता है, जो साइबर खतरों के खिलाफ मजबूत प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
एयरटेल बिज़नेस के सीईओ शरत सिन्हा ने कहा, "साइबर सुरक्षा लगातार जटिल होती जा रही है और कई संगठनों के पास इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए संसाधनों की कमी है। हम भारतीय बाजार में समावेशी साइबर सुरक्षित आईएलएल की पेशकश करने में अग्रणी रहे हैं। हमारे एक और अभिनव सुरक्षा समाधान - 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' के लॉन्च के साथ - हम एक व्यापक, भविष्य-प्रूफ समाधान प्रदान करते हैं जो उच्च पूंजीगत व्यय के बोझ के बिना उद्यमों की सुरक्षा को मजबूत करता है"।
फोर्टिनेट के भारत और सार्क के कंट्री मैनेजर विवेक श्रीवास्तव ने कहा, "चूंकि साइबर सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए कई संगठन इन खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करने और कम करने के लिए विशेषज्ञ सहायता की मांग कर रहे हैं। 'सिक्योर इंटरनेट' की पेशकश करने के लिए एयरटेल बिजनेस के साथ हमारी साझेदारी एक लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती है, जो वास्तविक समय में संभावित खतरों की पहचान करने और उनका जवाब देने के लिए 24x7 सुरक्षा घटना की निगरानी और पता लगाती है। एसओसी का एक सर्विस मॉडल की तरह का उपयोग करके, संगठन अपनी स्वामित्व की कुल लागत को कम कर सकते हैं, साइबर सुरक्षा कौशल अंतर को पाट सकते हैं और आज के डिजिटल परिदृश्य में व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपने जटिल वातावरण में अधिक दृश्यता प्राप्त कर सकते हैं।"
'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) द्वारा सामना की जाने वाली लगातार बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करेगा, जिसमें सीमित विशेषज्ञता, खंडित समर्थन और सुरक्षा उपकरणों के लिए उच्च पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) शामिल हैं। कई उद्यमों में बुनियादी सुरक्षा और प्रौद्योगिकी निवेश को बनाए रखते हुए कई स्थानों पर सुरक्षा का प्रबंधन करने की विशेषज्ञता का भी अभाव है, जिससे वे इंटरनेट-आधारित हमलों से प्रभावित हो जाते हैं। उद्यम, एयरटेल के अगली पीढ़ी के आईएसओसी का भी विकल्प चुन सकते हैं, जो एक अत्याधुनिक साइबर रक्षा केंद्र है, जो सुरक्षा सेवाओं का एक बड़ा पोर्टफोलियो प्रदान करता है।
'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' सेवा मॉडल को प्रौद्योगिकी अप्रचलन से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यवसाय भविष्य के लिए तैयार रहें और पूंजीगत व्यय कम हो। यह सेवा आवश्यकतानुसार सहज अपग्रेड या डाउनग्रेड की अनुमति देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यवसाय हमेशा उभरती सुरक्षा चुनौतियों से आगे रहें। एयरटेल का एसओसी खतरे को कम करने के लिए एआई और एमएल एल्गोरिदम के साथ उन्नत ऑर्केस्ट्रेशन टूल का उपयोग करता है, जिससे मजबूत और सक्रिय सुरक्षा मिलती है।
एयरटेल सिक्योर इंटरनेट के साथ, व्यवसायों को एयरटेल की अखिल भारतीय कनेक्टिविटी से लाभ मिलता है, जिससे वे अपने सभी स्थानों - मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, डेटा सेंटर और दूरस्थ साइटों को जोड़ सकते हैं। फोर्टिनेट के नेक्स्ट जेनरेशन फ़ायरवॉल को बंडल करने से समग्र सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जबकि एयरटेल का इंटेलिजेंट सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर आईएसओसी अपने प्रमाणित और प्रशिक्षित संसाधनों के साथ पूरे सेटअप का प्रबंधन करता है, जिससे निरंतर सुरक्षा और मन की शांति सुनिश्चित हो जाती है।
छोटे शहरों में ई-कॉमर्स की उछाल, 72% ग्राहकों ने बढ़ाई खरीदी की रफ्तार
8 Oct, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोबाइल फोन और इंटरनेट के बढ़ने के कारण देश के छोटे इलाकों में भी अब ई-कॉमर्स से खरीदने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 72 फीसदी ग्राहकों का मानना है कि उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से अपनी खरीदी बढ़ा दी है। 21 फीसदी ने कहा, वे पहले की ही जितना खरीदी कर रहे हैं। सात फीसदी ने हालांकि कम शॉपिंग की है।
फिक्की और डेलॉय की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र दूसरे व तीसरे स्तर के शहरों में तेजी से बाजार बढ़ा रहा है। मध्यम वर्ग के लोगों की आय में इजाफा हो रहा है। ऐसे में ई-कॉमर्स को इससे मदद मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स बाजार के 2023 के अंत तक 85 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद थी।
59% ने कहा, कम दाम में मिलता है सामान
रिपोर्ट के अनुसार, 59 फीसदी का मानना है कि ई-कॉमर्स पर कम दाम में अच्छा सामान मिलता है। इसलिए वे खरीदी करते हैँ। 59 फीसदी लोग सुविधाओं की वजह से जाते हैंं। 56 फीसदी ने कहा, पसंद का सामान न होने पर उन्हें रिटर्न करने में सुविधा मिलती है। 51 फीसदी इसलिए खरीदी करते हैं क्योंकि उनको विशेष ऑफर्स मिलते हैं। सात फीसदी ने कहा, उनकी खरीदी का अनुभव अच्छा है।
45% लोग क्विक कॉमर्स से मंगाते हैं ग्रॉसरी
सर्वे में 45 फीसदी लोगों ने कहा कि वे क्विक कॉमर्स से ग्रॉसरी मंगाते हैं, क्योंकि इसकी डिलीवरी जल्दी होती है। महानगरों में 49 फीसदी तो प्रथम स्तर के शहरों में 47 फीसदी लोग क्विल कॉमर्स से सामान मंगाते हैं। 50 फीसदी महिलाएं भी इसी प्लेटफॉर्म का उपयोग करती हैं। 43 फीसदी पुरुष उपयोग करते हैं।
वृद्धि की वजह छोटे शहर
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे स्तर के शहर वृद्धि के लिहाज से उभरते हुए चालक हैं।
47% ने कहा, वे साल में एक या दो बार इलेक्ट्रॉनिक्स सामान ऑनलाइन खरीदते हैं।
39% का मानना है कि हर तिमाही में एक बार खरीदी करते हैँ। 43 फीसदी ने कहा, वे मासिक या तिमाही गैजेट खरीदते हैं।
8% महिलाएं भी ऑनलाइन गैजेट खरीदने में विश्वास करती हैं।
दो लाख करोड़ डॉलर का होगा उपभोक्ता बाजार :
रिपोर्ट में कहा कि नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता के लिए एक समर्पित उपभोक्ता क्षेत्र परिषद बनाना चाहिए। इस कदम से हमें दो लाख करोड़ डॉलर के उपभोक्ता बाजार की उपलब्धि हासिल करने की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। उपरोक्त कदमों से हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि 2030 तक हम तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएं।
पर्सनल केयर, ब्यूटी में 25 फीसदी खरीद ऑनलाइन
रिपोर्ट के अनुसार, होम, ब्यूटी और पर्सनल केयर में 46% लोग आधुनिक चैनलों से खरीदी कर रहे हैं। 18% सामान्य चैनलों से और 25% ई-कॉमर्स के जरिये खरीदी कर रहे हैं। उपभोक्ता और स्वास्थ्य वस्तुओं में 24% लोग ई-कॉमर्स का सहारा लेते हैं। 33 फीसदी आधुनिक चैनल का उपयोग करते हैं। जिन लोगों की सालाना आय 24,000 डॉलर से कम है वे महंगाई के कारण कम खर्च कर रहे हैं। जिनकी आय 60,000 डॉलर से ज्यादा है, वे प्रमोशन और छूट पर खरीदारी करने पर जोर देते हैं।
स्वास्थ्य के लिए ज्यादा भाव देने को तैयार
78% ग्राहकों का मानना है कि स्वास्थ्य उत्पादों पर वे ज्यादा कीमत देने को तैयार हैं। 63% लोग प्राकृतिक तो 55% लोग आर्गेनिक उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं।
ज्यादातर लोग कमाई का 20% तक करते हैं खर्च
सर्वे में 65 फीसदी ने कहा, वे अपनी आय का 20 फीसदी से कम खर्च ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदी पर खर्च करते हैं। 37 फीसदी लोग 20 फीसदी से ज्यादा खर्च करते हैं। 45 फीसदी भारतीयों का विश्वास स्थानीय ब्रांड पर है।
एफएमसीजी चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र
भारतीय अर्थव्यवस्था में एफएमसीजी चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है। 2023 में यह 144 अरब डॉलर का था। इससे 30 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। शहरी ग्राहकों में से 22% लोग ई-कॉमर्स से एफएमसीजी उत्पाद खरीदते हैं। क्विस कॉमर्स से 12% लोग खरीदारी करते हैं। सामान्य चैनलों से 25% लोग खरीदी करते हैं।
शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव के साथ दिखा शेयर बाजार; सेंसेक्स 400 अंक चढ़ा, निफ्टी 24900 के पार
8 Oct, 2024 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में छह दिनों की लगातार गिरावट के बाद मंगलवार को उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार होता दिखा। सुस्त शुरुआत के बाद सुबह 9 बजकर 51 मिनट पर सेंसेक्स 304.83 (0.37%) अंकों की बढ़त के साथ 81,352.40 के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 91.25 (0.37%) अंकों की बढ़त के साथ 24,887.00 पर कारोबार करता दिखा।एशियाई बाजारों में नकारात्मक के रुझान के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव जारी रहा। इसी कारण, शुरुआती कारोबार में बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा।
इससे पहले, निफ्टी और सेंसेक्स ने मिश्रित शुरुआत की। इसमें निफ्टी 50 इंडेक्स 36 अंक या 0.15 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 24,832.20 अंक पर खुला। वहीं, सेंसेक्स इंडेक्स 223.44 अंक या 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,826.56 अंक पर खुला।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, बड़े पैमाने पर एफपीआई की बिक्री और आज होने वाले चुनाव परिणामों को लेकर चिंताओं से नकारात्मक संकेतों के कारण बाजार में कमजोरी दिखी। सबसे महत्वपूर्ण ट्रिगर जिसने निफ्टी को शिखर से 5.6 प्रतिशत नीचे खींच लिया, वह पिछले छह कारोबारी दिनों के दौरान लगातार बड़ी एफपीआई की बिक्री रही।"
सेक्टोरल इंडेक्स में, निफ्टी प्राइवेट बैंक ने शुरुआती सत्र में 0.55 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़त का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक में भी 0.5 फीसदी की तेजी आई, जबकि निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी मीडिया और निफ्टी मेटल में बिकवाली का दबाव रहा। निफ्टी 50 शेयरों में से 20 बढ़त के साथ खुले, 26 गिरावट के साथ और 4 अपरिवर्तित रहे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले छह कारोबारी सत्रों के दौरान 50,011 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे हैं, जिसकी भरपाई घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 53,203 करोड़ रुपये की खरीदारी से हुई है। इसके बावजूद कमजोर सेंटिमेंट के कारण बाजार में 5.6 फीसदी की गिरावट आई।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यह सुझाव देने के लिए पर्याप्त संकेतक हैं कि एफपीआई 'भारत बेचो, चीन खरीदो' की रणनीति का पालन कर रहे हैं। भारत में ऊंचे मूल्यांकन और चीनी शेयरों के लिए सस्ते मूल्यांकन ने एफपीआई रणनीति में इस बदलाव को गति दी है।
प्रॉफिट आइडिया के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा, "सोमवार को निफ्टी इंडेक्स 24,800 के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल पर बंद हुआ, जिसमें मोमेंटम इंडिकेटर्स ओवरसोल्ड क्षेत्र में थे, जिससे अस्थायी उछाल आ सकता है। हालांकि, 24,800 से नीचे साप्ताहिक बंद होने से आगे और गिरावट आ सकती है, संभवतः 24,000 तक।"
मंगलवार को अन्य एशियाई बाजारों में भी भारी बिकवाली का दबाव रहा, इस रिपोर्ट के समय हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 7.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। जापान के निक्केई इंडेक्स में 1.21 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि ताइवान के भारित सूचकांक में 0.76 प्रतिशत की गिरावट आई।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
8 Oct, 2024 10:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। इनकी दरों को रोजाना सुबह 6 बजे अपडेट किया जाता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण देश की प्रमुख ऑयल मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) द्वारा किया जाता है।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 8 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) के लिए फ्यूल की कीमतों को अपडेट कर दिया है। आज भी सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल की दरें स्थिर बनी हुई हैं। चूंकि हर शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग होती हैं, इसलिए वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे फ्यूल भरवाने से पहले अपने शहर की ताजा दरें जरूर जांच लें। आइए जानते हैं आज आपके शहर में 1 लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमत क्या है।
प्रमुख महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें:
दिल्ली: पेट्रोल 94.76 रुपये/लीटर, डीजल 87.66 रुपये/लीटर
मुंबई: पेट्रोल 103.43 रुपये/लीटर, डीजल 89.95 रुपये/लीटर
कोलकाता: पेट्रोल 104.93 रुपये/लीटर, डीजल 91.75 रुपये/लीटर
चेन्नई: पेट्रोल 100.73 रुपये/लीटर, डीजल 92.32 रुपये/लीटर
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें:
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये/लीटर, डीजल 87.96 रुपये/लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये/लीटर, डीजल 88.05 रुपये/लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.84 रुपये/लीटर, डीजल 88.92 रुपये/लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.22 रुपये/लीटर, डीजल 82.38 रुपये/लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.39 रुपये/लीटर, डीजल 95.63 रुपये/लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.86 रुपये/लीटर, डीजल 90.34 रुपये/लीटर
पटना: पेट्रोल 105.16 रुपये/लीटर, डीजल 92.03 रुपये/लीटर
बड़े मेडिकल खर्चों से बचाव: को-इंश्योरेंस कैसे है मददगार?
7 Oct, 2024 04:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लगातार बढ़ रही महंगाई और इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा लोगों के लिए अत्यंत जरूरी हो गया है। कोरोना काल के बाद इसकी महत्ता और बढ़ गई है। यह न सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में मददगार होता है बल्कि अस्पताल खर्चों से वित्तीय सुरक्षा भी देता है।
अगर आप भी इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च के लिए व्यापक कवरेज और वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं, तो को-इंश्योरेंस (सह-बीमा) मददगार साबित हो सकता है। यह स्वास्थ्य बीमा में एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें इलाज खर्च की लागत कई बीमा कंपनियों के बीच साझा की जाती है।
सह-भुगतान से है अलग
को-इंश्योरेंस सह-भुगतान (को-पे) से अलग है। सह-भुगतान में पॉलिसीधारक को मेडिकल बिल का एक निश्चित हिस्सा (फीसदी) चुकाना पड़ता है, जबकि को-इंश्योरेंस में पॉलिसीधारक के इलाज खर्चों का भार दो या अधिक बीमा कंपनियों के बीच बांटा जाता है।
यह व्यवस्था वित्तीय जोखिम को बांटती है और उच्च मूल्य वाले बीमा या बड़े मेडिकल क्लेम के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है।
कंपनियों के बीच पहले से होता है जोखिम निर्धारण
को-इंश्योरेंस अवधारणा के तहत हर बीमा कंपनी जोखिम का एक हिस्सा उठाती है। इसका अर्थ है कि वे पॉलिसी के तहत किए गए किसी भी दावे का एक तय हिस्सा चुकाने के लिए उत्तरदायी होंगे। हर बीमा कंपनी से जोखिम की कितनी फीसदी राशि ली जाएगी, यह पहले से निर्धारित होता है।
पूर्व निर्धारण व्यवस्था के तहत ही बीमा कंपनियां अपनी-अपनी हिस्सेदारी के अनुसार इलाज खर्चों का भुगतान करती हैं।
उदाहरण से ऐसे समझें
मान लीजिए, एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में दो बीमा कंपनियां शामिल हैं। पहली कंपनी 60 फीसदी और दूसरी कंपनी शेष 40 फीसदी जोखिम को कवर करती है। अगर इलाज पर एक लाख रुपये का खर्च आता है, तो पहली कंपनी 60,000 रुपये और दूसरी कंपनी 40,000 रुपये का भुगतान करेगी।
इनके लिए लाभदायक
बड़ी संस्थाएं : जो संस्थाएं अपने सदस्यों के लिए व्यापक कवरेज चाहती हैं, उनके लिए को-इंश्योरेंस अच्छा विकल्प है। इसमें बेहतर शर्तों पर उच्च कवरेज मिलता है।
हाई नेटवर्थ वाले व्यक्ति : व्यापक सुरक्षा के साथ व्यक्तिगत बीमाकर्ताओं का जोखिम कम करने वाले इन लोगों के लिए यह सुविधा फायदेमंद है।
स्थिर रहती हैं प्रीमियम की दरें
को-इंश्योरेंस रणनीतिक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें वित्तीय जोखिम कई बीमा कंपनियों के बीच विभाजित होता है। यह पॉलिसीधारक के लिए सहज रूप से काम करता है। इस सुविधा में पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम दरें स्थिर रहती हैं और बीमा कंपनियों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार; छह दिनों में 5000 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी 24800 के नीचे
7 Oct, 2024 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का दौर लगातार छठे दिन भी जारी रहा। सोमवार को शुरुआती कारोबार में बढ़त हासिल करने के बावजूद बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 638.45 (0.78%) अंकों की गिरावट के साथ 81,050.00 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 218.85 (0.87%) अंक फिसलकर 24,795.75 पर पहुंच गया।
छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4,786 अंक फिसला
चीन की ओर से पिछले हफ्ते वैश्विक निवेशकों को लुभाने के लिए किए गए एलानों के बाद भारतीय बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 37,000 करोड़ रुपये बाहर निकाले हैं। इसके बाद पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4,786 अंक फिसल गया।
शुरुआती बढ़त के बावजूद टूटा बाजार
सोमवार को एनएसई निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स 0.3% की बढ़त के साथ खुले, पर धीरे-धीरे बाजार पर बिकवाली हावी हो गई। इस दौरान निफ्टी 24,694 अंकों और सेंसेक्स 80,726 अंकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप सोमवार को 8.8 लाख करोड़ घटकर 452.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, बाजार में रुझान खरीदारी का बना रहा। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में 3,422 शेयर बढ़त के साथ जबकि 635 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। 121 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
अदाणी पोर्ट्स और एनटीपीसी के शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, एसबीआई और पावर ग्रिड के शेयरों में 3 से चार प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई और ये सूचकांक के टॉप लूजर्स रहे। दूसरी ओर, एमएंडएम, आईटीसी, भारती एयरटेल, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया वीआईएक्स 6.74% की बढ़त के साथ सोमवार को 15.08 पर पहुंच गया।