व्यापार
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने सेबी एंजेल फंड्स के नियम बनाएगी आसान
14 Nov, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एंजेल फंड्स के लिए नए नियम बनाने की संभावना जताई है। अब इनवेस्टर्स की चर्चा में है कि सेबी, एंजेल फंड्स में नए निवेशकों को भी शामिल करने की अनुमति दे सकता है। अब तक, इनवेस्टमेंट सिर्फ मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए ही उपलब्ध था, लेकिन ऐसा हो सकता है कि हिंदू उत्तरी परिवार, फैमिली ट्रस्ट और एकल मालिकाना फर्म जैसे नए सेक्टरों को भी एंजेल फंड्स में जगह मिले। एंजेल फंड्स का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स में निवेश करना है और सेबी के इस कदम से इसमें नए निवेशकों के लिए अवसरों की वृद्धि हो सकती है। आईये, हम देखते हैं कि ये कानूनी कदम क्या संदेश देते हैं। सेबी द्वारा प्रस्तावित नियमों में छूटें और शर्तें समेटी गई हैं जो एंजेल फंड्स को आकर्षित बना सकती हैं। सेबी ने एंजेल फंड्स के लिए मुख्य प्रस्ताव दिए हैं - मिनिमम इन्वेस्टमेंट, कॉर्पस के मामूलीकरण, लॉक-इन पीरियडों की प्रतिबंध कम करना और विविधता की सीमा को हटाना। इससे एंजेल फंड्स और भी प्रोफेशनल और उपयुक्त बन सकते हैं, जो निवेशकों को भी नया और अच्छा अवसर प्रदान कर सकते हैं। यदि ये नए नियमन स्थापित हो जाते हैं, तो एंजेल फंड्स के लिए एक नया दौर आ सकता है। इन्वेस्टर्स को निवेश के लिए और अधिक रुचि लेने के लिए ऐसे सुधार करने से समाज को एक नया चेहरा देखने को मिलेगा। हमारी समस्याओं का समाधान केवल सरकारी कदमों से होना चाहिए, परन्तु इनेवेस्टर्स के लिए नियमन के इस नए चेहरे ने एक सकारात्मक संकेत दिया है कि हमारी मुसीबतों का समाधान सामाजिक उत्थान में भी समाहित हो सकता है। इसे जोड़कर, सेबी की इस नई सोच ने यह साबित किया है कि भारत समृद्धि की राह में एक कदम और आगे बढ़ रहा है। ये प्रस्ताव हमारे वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और नए निवेशकों को बाजार में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को उत्थान मिलेगा, बल्कि नए उद्यमी और निवेशकों को भी समर्थन मिलेगा। सेबी की इस पहल का समाधान हमारे देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो एक अच्छे समृद्ध भविष्य की ओर हमें अग्रसर कर सकता है। सतीश मोरे/14नवंबर
2047 तक रिन्यूएबल एनर्जी से 18 लाख मेगावाट बिजली बनाने का प्लान, कैसे हासिल होगा टारगेट?
14 Nov, 2024 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2030 तक देश में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से पांच लाख मेगावाट बिजली बनाने के लक्ष्य को लेकर अभी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार वर्ष 2047 के रोडमैप पर काम करना शुरू कर चुकी है। नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने वर्ष 2047 तक रिन्यूएबल सेक्टर से कुल 18 लाख मेगावाट बिजली क्षमता देश में लगाने का लक्ष्य रखा है। इसे किस तरह से हासिल किया जाएगा, इसको लेकर अगले दो दिनों तक (14-15 नवंबर, 2024) मंत्रालय के अधिकारी विचार करने जा रहे हैं।
एमएनआरई की तरफ से जानकारी दी गई है कि उक्त उद्देश्यों के लिए आयोजित 'चिंतन शिविर' में सरकारी प्रतिनिधियों के अलावा, वित्तीय संस्थान, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, रिन्यूएबल सेक्टर की कंपनियों के सीईओ के अलावा राज्य सरकारों के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
चिंतन शिविर के पहले दिन पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, सोलर मैन्युफैक्चरिंग में भारत को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने, भारत को पवन ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग में हब बनाने, रिन्यूएबल सेक्टर में उत्पादित बिजली के लिए जरूरी ट्रांसमिशन सिस्टम लगाने, समुद्री तट के पास स्थापित रिन्यूएबल ऊर्जा संयंत्रों को ट्रांसमिशन से जोड़ने की व्यापक नीति पर विमर्श होगा।
इसके दूसरे दिन रिन्यूएबल ऊर्जा की खरीद करने को लेकर बिजली वितरण कंपनियों की नीति, राष्ट्रीय बायोइनर्जी प्रोग्राम, देश में छोटे पनबजिली परियोजनाओं को एकीकृत तौर पर बढ़ावा देना, नई तरह की वित्तीय संसाधनों के इंतजाम जैसे विषयों पर मंथन होगा। इन दो दिनों के विमर्श में जो सहमति बनेगी उससे आगे की नीति बनाने में मदद मिलेगी।
भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अभी 4.60 लाख मेगावाट है जबकि बिजली की अधिकतम मांग 2.50 लाख मेगावाट इस साल रही है। केंद्रीय बिजली आयोग का आकलन है कि वर्ष 2047 तक भारत में बिजली की मांग 7.08 लाख मेगावाट तक रहेगी। इस हिसाब से देश की बिजली उत्पादन क्षमता 21 लाख मेगावाट रहने की बात कही गई है।
अब एमएनआरई सिर्फ सौर, पवन, पनबिजली, बायोगैस जैसे अपारंपरिक स्त्रोतों से ही 18 लाख मेगावाट बिजली क्षमता जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। अभी रिन्यूएबल सेक्टर का प्लांट लोड फैक्टर तकरीबन 31 फीसद है। इसमें आने वाले दिनों में कुछ सुधार होने की संभावना है। इस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2047 तक भारत अपनी जरूरत का बहुत बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल सेक्टर से पूरा कर लेगा।
अभी रिन्यूएबल सेक्टर से भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 2.10 लाख मेगावाट है। ऐसे में वर्ष 2030 तक के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2.90 लाख मेगावाट अतिरिक्त क्षमता और जोड़नी होगी। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि मौजूदा रफ्तार से भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा।
आधार से पैन लिंक कराना अब पड़ रहा महंगा, जुर्माने से भरा सरकार का खजाना
14 Nov, 2024 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार ने वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसके लिए 31 दिसंबर, 2024 तक की डेडलाइन दी है। अगर 31 दिसंबर तक आप पैन और आधार को लिंक नहीं कराते, तो आपका पैन कार्ड डी-एक्टिवेट कर दिया जाएगा। इससे आपको टैक्स भरने, लेनदेन करने समेत अन्य मुश्किलें भी आएंगी।
पैन-आधार लिंक कराने पर फाइन
सरकार ने 30 जून 2023 तक पैन कार्ड को आधार से लिंक कराने की सुविधा मुफ्त कर रखी थी। लेकिन, अब लेट फीस के तौर पर 1 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। पहले जुर्माने की रकम 500 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब कि पैन से आधार कार्ड लिंक कराने पर अब आपको 1 हजार रुपये फाइन के रूप में देने होंगे।
देश में 2 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने फ्री डेडलाइन खत्म होने के बाद पैन को आधार से लिंक कराया। सरकार ने उनसे पेनल्टी के रूप में 2,125 करोड़ रुपये वसूले हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 234 एच में प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को धारा 139एए की उपधारा (2) के तहत आधार की जानकारी देनी होती है। ऐसा न करने पर उसे सरकार को 1,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
देश में कितने पैन कार्ड हैं?
अगर मार्च 2024 तक का आंकड़ा देखें, तो देश में 74 करोड़ से अधिक लोगों के पास पैन कार्ड था। इनमें से 60.5 करोड़ लोग अपने पैन को आधार से लिंक करा चुके थे। पिछले साल नवंबर में एक आरटीआई के जवाब में सीबीडीटी ने बताया था कि वह आधार से लिंक नहीं होने के कारण 11.5 करोड़ पैन को डी-एक्टिवेट कर चुका है।
पैन को आधार से कैसे लिंक करें?
इनकम टैक्स की वेबसाइट websites- eportal.incometax.gov.in या incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
पैन नंबर को यूजर आईडी की जगह भरकर रजिस्ट्रेशन करें।
अब पैन को आधार से लिंक करने की एक पॉप विंडो आएगी।
अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रोफाइल सेटिंग पर जाकर आधार लिंक पर क्लिक करें।
यहां आपको पैन कार्ड की जानकारियां- जैसे जन्मतिथि, लिंग और नाम दिखेगा।
अपनी इन जानकारियां को आधार से मिलान करें। फिर लिंक नाउ बटन पर क्लिक करें।
इसके बाद आपकी स्क्रीन पर लिखा आएगा कि आपका पैन आधार से लिंक हो गया है।
Child Mutual Funds: बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कहां करें निवेश, कौन-सा प्लान रहेगा बेस्ट?
14 Nov, 2024 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर साल 14 नवंबर को चिल्ड्रन डे यानी बाल दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर आपको भी अपने बच्चों के बेहतर भविष्य पर फोकस करना है। बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम भले ही सेविंग करते हैं पर हमारे सामने सवाल खड़ा रहता है कि अच्छे रिटर्न पाने के लिए कहां निवेश करें।
आज के पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए शादी के पहले भी कई लक्ष्य को प्राथमिकता दे रहे हैं - जैसे हायर एजुकेशन, चाहे वह इंजीनियरिंग और मेडिकल हो या एमबीए और इंटरनेशनल स्टडीज हो। इन पर आने वाला खर्च भी शादी की लागत जितना ही महंगा हो गया है। अब पैरेंट्स को ऐसे ऑप्शन में समझदारी से निवेश करने की जरूरत है, जिसमें न उन्हें अच्छा रिटर्न मिले जो उनके बच्चों की जरूरतें को पूका कर सकें। इसके अलावा उन्हें इस बात पर भी ध्यान देने की आवशयकता है कि निवेश राशि का बढ़ती महंगाई के साथ तालमेल हो और वह बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करें।
पहले पेरेंट्स नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट या लंबी अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं में निवेश करना पसंद करते थे, पर अब उन्हें महंगाई और रिटर्न को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड में चाइल्ड प्लान में निवेश करना चाहिए।
अपने बच्चों के भविष्य के लिए सेविंग करने वाले पैरेंट्स निवेश के ऐसे विकल्पों की जरूरत होती है, जो महंगाई को मात दे सकें। ऐसे में इक्विटी एक दशक या उससे अधिक की अवधि में हाइएस्ट रियल रिटर्न वाला एसेट क्लास साबित हुआ है। रिसर्च से पता चलता है कि इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश से इतना रिटर्न मिल सकता है, जितना कोई अन्य एसेट क्लास नहीं देता।
उदाहरण के तौर पर अगर एक अच्छा प्रदर्शन करने वाले इक्विटी फंड में हर महीने में 9,000 रुपये का निवेश लगातार 20 साल के लिए करते हैं तो 20 साल के बाद 1 करोड़ रुपये से अधिक का फंड तैयार हो सकता है।
म्यूचुअल फंड में चाइल्ड प्लान है फायदेमंद
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए म्यूचुअल फंड द्वारा पेश की जाने वाली चिल्ड्रन स्कीम एक बेहतर ऑप्श है। इनमें से अधिकतम म्यूचुअल फंड प्लान में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इससे लॉन्ग टर्म निवेश को बढ़ावा मिलता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने पर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, जिससे निवेशकों का पैसा कई गुना बढ़ सकता है।
शेयर बाजार में 2 दिन में 13 लाख करोड़ डूबने से गहराने लगा डर
14 Nov, 2024 03:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । शेयर बाजार ने पिछले 2 दिनों में स्टॉक्स की धज्जियां उड़ते देखा है। सेंसेक्स इन 2 दिनों में 1805 अंक लुढ़क गया है। बाजार में इस भारी गिरावट का नतीजा यह हुआ कि 2 दिन के अंदर निवेशकों ने 13 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए। 2 दिन में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 13,07,898 करोड़ रुपये घटकर 4,29,46,189.52 करोड़ रुपये हो गया है। सेंसेक्स ने बुधवार को 1.25 फीसदी का गोता लगाया और 77690 अंकों पर कारोबार बंद किया. 50 शेयरों वाला निफ्टी 1.36 फीसदी टूटकर 23559 के स्तर पर बंद हुआ। हीरो मोटोकॉर्प 4 फीसदी से ज्यादा टूटकर बंद हुआ। इसके अलावा हिंडाल्को, एमएंडएम, आयशरमोटर्स व टाटा स्टील 3 फीसदी से ज्यादा टूटकर बंद हुआ। स्टॉक मार्केट के दिग्गज निवेश रमेश दमानी अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारतीय बाजार में आई तेजी को लेकर एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि शायद हमने इस साल का उच्चतम स्तर हासिल कर लिया है। ट्रंप की जीत के कारण बाजार में शुरुआती उत्साह के बाद 2-3 महीने की गिरावट या स्थिरता देखने को मिल सकती है और इसके बाद ही बाजार फिर नई ऊंचाई की ओर बढ़ सकता है। रमेश दमानी की यह बात अभी तक तो सच होती ही दिख रही है। ट्रंप की वापसी से जो तेजी बाजार में आई थी वह टिक नहीं सकी। पिछले 5 सत्रों में बाजार ने लगातार गिरावट ही देखी है। जानकारों के अनुसार गिरावट के पीछे कई फैक्टर्स काम कर रहे हैं। जैसे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में तेजी, घरेलू स्तर पर कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और कंपनियों के अतिश्योक्तिपूर्ण मूल्यांकन इनमें शामिल हैं। इसके अलावा विदेशी निवेशक लगातार घरेलू बाजार से पैसा निकाल रहे हैं जिसका सीधा संबंध अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और मजबूत होते डॉलर से है। इस महीने के शुरुआती 5 ट्रेडिंग सेशन में एफपीआई ने भारतीय बाजार से करीब 20,000 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
स्पाइसजेट ने कनाडा की ईडीसी के साथ विवाद सुलझाया
14 Nov, 2024 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी) के साथ 9.08 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विवाद को सुलझा लिया है। इस समाधान के तहत कंपनी द्वारा 2.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर में 13 क्यू400 विमानों का स्वामित्व लिया जाएगा, जिससे 6.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बचत होगी। यह विकल्प कंपनी के लिए मजबूती का स्रोत होगा और क्यू400 विमानों को नियमित सेवाओं में वापस लाने में मदद मिलेगी। बताया गया है कि ईडीसी के साथ 9.08 करोड़ अमेरिकी डॉलर का विवाद 2.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर में पूरी तरह से हल हो गया है। स्पाइसजेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे एक मजबूत बही-खाते के साथ विमानन कंपनी के आगे बढ़ने में मददगार साबित किया। उन्होंने यह भी जताया कि इस समाधान से परिचालन लागत को कम करने में सहायता मिलेगी। इस समाधान के बाद कंपनी के परिचालन बेड़े के बारे में अभी कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। स्पाइसजेट अब क्यू400 विमानों को सेवाओं में वापस लाने के साथ अपनी प्रेरणा को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।
डॉ रेड्डीज पर 27 लाख का जुर्माना
14 Nov, 2024 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज पर मेक्सिको के दवा नियामक द्वारा 27 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है क्योंकि उन्होंने निर्धारित दिशानिर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं किया। हैदराबाद स्थित कंपनी ने इस मामले में शेयर बाजार को सूचित किया। इस मामले में इनवॉइस के बिल की तारीख में हुई त्रुटि और आयात लाइसेंस के विरुद्ध संदर्भ मानक के नाम में त्रुटि को लेकर जुर्माना लगाया गया है। यह मामला कंपनी के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है जिससे उन्हें पालन की दिशा में सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज की ओर से इस मामले में किए गए उल्लंघन के विषय में कोई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यह मामला दिखता है कि दवा कंपनियों को अपनी कारोबारिक प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता है।
आईसीआईसीआई बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में किया कुछ बदलाव
14 Nov, 2024 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । नवंबर महीने में विभिन्न नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है। आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इन बदलावों के तहत क्रेडिट कार्ड के उपयोग से उससे जुड़े फाइनेंस चार्ज, लेट पेमेंट चार्ज, एजुकेशन और यूनिटलिटी ट्रांजैक्शन पर नए नियम लागू होंगे। ऐसे ही आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ओवरड्राफ्ट और कैश एडवांस से जुड़े नियमों में भी परिवर्तन किए हैं। यदि आप 1 महीने से ज्यादा उधार लेते हैं, तो आपको 3।75 प्रतिशत ब्याज देना होगा। सालाना ब्याज दर 45 प्रतिशत रखी गई है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड के जरिए किसी भी स्कूल या कॉलेज में इंटरनेशनल एजुकेशन फीस भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। हालांकि, एजुकेशन पेमेंट के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग करने पर आपको 1 प्रतिशत का चार्ज देना पड़ेगा। इन बदलावों के जानकारी को ध्यान से पढ़ने और समझने के बाद, क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। आपको इन नए नियमों के अनुसार अपनी व्यवस्थाओं को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है।
शादियों के सीजन में सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट
14 Nov, 2024 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सोने-चांदी के वायदा भाव में गुरुवार को सुस्ती देखी जा रही है। गुरुवार को दोनों के वायदा भाव गिरावट के साथ खुले। सोने के वायदा भाव 73,850 रुपये के करीब, जबकि चांदी के वायदा भाव 88,000 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे। वैश्विक बाजार में भी सोने-चांदी की वायदा कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। सोने के वायदा भाव की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट 487 रुपये की गिरावट के साथ 73,995 रुपये के भाव पर खुला। इस समय यह 615 रुपये की गिरावट के साथ 73,867 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 73,996 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 73,840 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने इस साल 79,775 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था। चांदी के वायदा भाव की शुरुआत भी नरम रही। एमसीएक्स पर चांदी का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट 197 रुपये की गिरावट के साथ 89,000 रुपये पर खुला। इस समय यह 1,191 रुपये की गिरावट के साथ 88,006 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 89,000 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 88,003 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस साल चांदी के वायदा भाव ने 1,00081 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था। वैश्विक बाजार में सोने-चांदी के वायदा भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। कॉमेक्स पर सोना 2,578.10 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 2,586.50 डॉलर प्रति औंस था। इस खबर लिखे जाने के समय यह 21.30 डॉलर की गिरावट के साथ 2,565.20 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। कॉमेक्स पर चांदी के वायदा भाव 30.41 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला बंद भाव 30.66 डॉलर था। इस समय यह 0.44 डॉलर की गिरावट के साथ 30.22 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद अब फरवरी तक नहीं, दिसंबर में भी राहत नहीं मिलने के संकेत
13 Nov, 2024 06:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के साथ यूरोप की कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर रही हैं। लेकिन, भारत में रियायती ब्याज दर की उम्मीदें लंबे वक्त के लिए ठंडे बस्ते में जा सकती है। दरअसल, एसबीआई रिसर्च का कहना है कि मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है। इस वजह से दिसंबर के बाद जनवरी में होने वाली एमपीसी मीटिंग में भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।
जनवरी में नरम होगी मुद्रास्फीति?
एसबीआई की रिपोर्ट में इस बात की संभावना जरूर जताई गई है कि जनवरी से मुद्रास्फीति में थोड़ी कमी आने लगेगी। लेकिन, ऐसा नहीं है कि चीजें सस्ती हो जाएंगी। यह असल में आधार प्रभाव की वजह से हो सकती है। मतलब कि आधार वर्ष, तिमाही या माह में महंगाई ज्यादा रही होगी, तो उसके मुकाबले मौजूदा महंगाई कम दिखेगी।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति औसतन 4.8 फीसदी से 4.9 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है, जो आरबीआई के लक्ष्य से अधिक है।
जी का जंजाल बन रही है महंगाई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को खुदरा महंगाई का आंकड़ा जारी किया। इसके मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति 10.87 प्रतिशत थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर क्रमश: 6.68 प्रतिशत और 5.62 प्रतिशत रही। विश्लेषण से पता चलता है कि कई बड़े राज्य राष्ट्रीय औसत से अधिक मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं।
अक्टूबर में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत रही, जो आरबीआइ के छह प्रतिशत के ऊपरी सहनीय स्तर से ज्यादा है। यह पिछले 14 महीनों में खुदरा महंगाई का सबसे उच्चतम स्तर भी है।
हम फरवरी, 2025 से रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की अपनी बात पर कायम हैं। हालांकि हमें अनिश्चितता को स्वीकार करने और ट्रंप की नीतियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। खाद्य तेल की कीमत भी आरबीआई के लिए चिंता का विषय होगी।
ज्यादा रुला रहा सब्जियों का भाव
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सब्जियों की कीमतों को निकाल दें तो खुदरा मुद्रास्फीति 3.6 प्रतिशत है और यह आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य के अंदर बनी हुई है। एसबीआई रिसर्च के उलट यूनियन बैंक ने अपनी रिपोर्ट में फरवरी, 2025 से ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद जताई है।
बैंक ने कहा कि सितंबर के मध्य से रिफाइंड पाम ऑयल, रिफाइंड सोया ऑयल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क में हाल ही में 13.75 प्रतिशत से 35.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ाएगी।
गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार; ऊपरी स्तरों से निफ्टी 10% टूटा, सेंसेक्स अपने हाई से 8300 अंक नीचे
13 Nov, 2024 05:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में बेंचमार्क शेयर सूचकांक लगातार पांचवें दिन गिरकर कई महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गए। यह गिरावट कई कारकों के कारण हुई, जिसमें अपेक्षाकृत कमजोर दूसरी तिमाही की आय, विदेशी निवेशकों की ओर से निरंतर और बढ़ती घरेलू मुद्रास्फीति शामिल है। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 430.45 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स में सवा फीसदी की गिरावट
सेंसेक्स 984 अंक या 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,691 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 324 अंक या 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,559 अंक पर बंद हुआ। सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। दलाल स्ट्रीट पर हर गुजरते दिन के साथ मंदी का शोर बढ़ता जा रहा है क्योंकि निफ्टी अब अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 26,277 से 10% नीचे आ गया है। वहीं, सेंसेक्स अपने शिखर से लगभग 8,300 अंक गंवा चुका है। जबकि मुख्य सूचकांक यदि शिखर से 20% नीचे गिरते हैं तो उन्हें मंदी की गिरफ्त में माना जाता है।
खुदरा निवेशकों के पोर्टफोलियो में पहले से ही मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाले 900 से अधिक शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से कम से कम 20% नीचे हैं।
खुदरा महंगाई दर अक्तूबर में बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच जाने और विदेशी कोषों की निरंतर निकासी के बीच बुधवार को प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी एक प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। कारोबारियों ने कहा कि कमजोर तिमाही आय, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख शेयरों में बिकवाली के साथ-साथ अमेरिका और एशियाई प्रतिस्पर्धियों में कमजोर रुख से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई।
बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,690.95 पर बंद हुआ, जो पिछले दिन की गिरावट को जारी रखता है। दिन के कारोबार के दौरान यह 1,141.88 अंक या 1.45 प्रतिशत गिरकर 77,533.30 पर आ गया। एनएसई निफ्टी में लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई और यह 324.40 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 23,559.05 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स के 30 शेयरों वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स और इंफोसिस में लाभ रहा।
नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति ने रिजर्व बैंक के ऊपरी सहनीय स्तर को पार कर लिया है, जो अक्टूबर में बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें हैं।
अक्तूबर में एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,024.31 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। नवंबर में अब तक एफपीआई ने 23,911 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अक्तूबर में भारतीय शेयर बाजार में एक महीने के दौरान अब तक विदेशी निवेशकों की ओर से ज्यादा बिकवाली की गई। एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग में गिरावट रही, जबकि शंघाई सकारात्मक दायरे में बंद हुआ। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार लाल निशान पर बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.93 प्रतिशत बढ़कर 72.56 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। मंगलवार को बीएसई का सेंसेक्स 820.97 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 78,675.18 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 257.85 अंक या 1.07 प्रतिशत गिरकर 23,883.45 अंक पर बंद हुआ था।
स्विगी की शेयर बाजार में एंट्री पर जोमैटो का रिएक्शन, लाल दिल के साथ शेयर किया खास मैसेज
13 Nov, 2024 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में स्विगी की लिस्टिंग के बाद जोमैटौ ने उसका स्वागत किया है। जोमैटो ने लाल दिल वाले इमोजी के साथ एक्स पर लिखा, "आप और मैं... इस खूबसूरत दुनिया में ("You and I... In this beautiful world)।" कंपनी ने इसके साथ एक मीम भी शेयर किया। इसमें दो डिलीवरी एजेंट दिखाए गए हैं, जिनमें से एक जोमैटो की वर्दी पहने हुए है और दूसरा स्विगी की वर्दी में है, दो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को देख रहे हैं, बिल्डिंग के एलईडी डिस्प्ले पर "नाऊ लिस्टेड: स्विगी " लिखा हुआ है। जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने भी स्विगी को इसकी सफल लिस्टिंग पर बधाई दी।
पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए, स्विगी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से जवाब दिया और लिखा, “यह जय और वीरू की वाइब्स दे रहा है।”
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी दिलचस्प प्रतिक्रिया?
एक्स यूजर्स इस मीम से खुश हुए और अपनी प्रतिक्रियाएं दिखाने के लिए अलग-अलग टिप्पणियां पोस्ट कीं। एक व्यक्ति ने पोस्ट किया, "हाहाहा... भाईचारा। आप दोनों कंपनियों का विलय क्यों नहीं कर देते? यह मूल्य निर्धारण शक्ति के साथ एक महान विलय होगा होगा। तब कोई भी इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा।"
एक और ने लिखा, "ये भाईचारा मुझे पसंद आया।" तीसरे ने भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "वाह, आज के लिए शांति!" चौथे ने लिखा, "यह एक शानदार इशारा है, जो दिखाता है कि प्रतिस्पर्धा को कैसे देखा जाना चाहिए। धन्यवाद ज़ोमैटो और स्विगी को अपने आईपीओ लिस्टिंग पर 7% रिटर्न के लिए बधाई।"
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, स्विगी के शेयर की कीमत एनएसई पर ₹ 420प्रति शेयर पर खुली, जो ₹390 के इश्यू प्राइस से 7.69% अधिक है। बीएसई पर शेयर की कीमत ₹412 प्रति शेयर पर खुली। कंपनी का आईपीओ आवंटन 11 नवंबर को पूरा हुआ। जिन लोगों को शेयर आवंटित किए गए, उन्हें 12 नवंबर को उनके डीमैट खातों में शेयर मिल गए।
प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
13 Nov, 2024 03:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्याज की कीमतों में बेतहाशा तेजी के बीच सरकार ने कहा है कि वह दरों को स्थिर करने के लिए खुदरा बाजारों में बफर स्टॉक से और ज्यादा प्याज बेचेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 67 रुपये प्रति किलो है। देश में औसत खुदरा कीमत 58 रुपये प्रति किलो है।
सरकारी अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों के अनुसार त्योहारों के मौसम और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले दो-तीन दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में अस्थायी बाधा आई है। इसे दूर करने के लिए सरकार ने आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है। नैफेड ने इस सप्ताह दिल्ली-एनसीआर के लिए दो और गुवाहाटी के लिए एक और रैक रवाना किया है।
सोनीपत कोल्ड स्टोरेज से भेजा जाएगा प्याज
अधिकारी के मुताबिक, रेल और सड़क परिवहन दोनों के जरिये एनसीसीएफ से प्याज की ज्यादा आपूर्ति की जाएगी। सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली व अन्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत में कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को उतारने का भी फैसला किया है। ब्यूरो
4.7 लाख टन प्याज की खरीद
सरकार ने इस साल मूल्य को स्थिर रखने के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीद की। इसकी बिक्री पांच सितंबर को 35 रुपये प्रति किलो पर खुदरा बिक्री के साथ-साथ देश भर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के माध्यम से शुरू हुई। अब तक, बफर में 1.50 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य केंद्रों से सड़क परिवहन के जरिये ट्रकों के माध्यम से उपभोक्ता केंद्रों तक भेजा गया है।
घटने लगे हैं टमाटर के दाम
सरकार ने कहा, मंडियों में कीमतों में गिरावट के साथ टमाटर की खुदरा कीमतों में गिरावट आ रही है। आजादपुर मंडी में साप्ताहिक औसत कीमत 27 फीसदी कम होकर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल और पिंपलगांव (महाराष्ट्र) में औसत कीमत 35 फीसदी कम होकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
13 Nov, 2024 12:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2017 से रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम जारी होते हैं। इनकी कीमतों को अपडेट करने की जिम्मेदारी देश की मुख्य तेल कंपनियों को होती है। हर दिन की तरह 13 नवंबर 2024 (बुधवार) के लिए आज भी पेट्रोल-डीजल के दाम जारी हो गए हैं।
आज के ंअपडेट के मुताबिक सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं। इसका मतलब कि गाड़ीचालक पुरानी कीमत पर तेल भरवा सकते हैं। वैसे तो सभी शहरों में तेल के दाम अलग होते हैं। लेकिन, मार्च 2024 के बाद से इनकी कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इस साल मार्च में लोकसभा से पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बाद महाराष्ट्र में इनकी कीमत में कुछ पैसे की कटौकी हुई थी। आइए, जानते हैं कि आज महानगरों समेत बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत क्या है।
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
एक्सपर्ट गाड़ीचालक को सलाह देते हैं कि वह लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाएं। इसके अलावा अगर वह किसी दूसरे शहर जा रहे हैं तब भी उस शहर में तेल की कीमत क्या है जरूर जान लें। ऐसे में वह सस्ता फ्यूल खरीद सकते हैं।
लेटेस्ट रेट चेक करने के कई तरीके हैं। गाड़ीचालक तेल कंपनियों की वेबसाइट और ऐप्स से ताजा कीमत जान सकते हैं। इसके अलावा वह RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 92249 92249 पर मैसेज के माध्यम से भी ताजा कीमत जान सकते हैं।
लाल निशान पर खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 300 अंक टूटा, निफ्टी 23750 से नीचे पहुंचा
13 Nov, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी 50 बुधवार को तिमाही परिणामों में कंपनियों की आय में मंदी और कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच एक बार फिर लाल निशान पर खुले। निफ्टी 23,822.45 पर खुला, और बीएसई सेंसेक्स 78,495.53 पर खुला।
कमजोर आय और विदेशी फंड के बहिर्वाह की चिंताओं से प्रेरित बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कारोबार के शुरुआती घंटे में एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स के शेयरों में प्रमुख लाभ हुआ, जबकि हारने वालों में महिंद्रा एंड महिंद्रा 2.42 प्रतिशत से अधिक गिर गया, इसके बाद मारुति, बीपीएसएल, अपोलो हॉस्पिटल्स और नेस्ले इंडिया का स्थान रहा।
बाजार की धारणा पर बढ़ती महंगाई का पड़ा असर
घरेलू स्तर पर, निवेशकों की धारणा भारत की अक्तूबर महीने की खुदरा मुद्रास्फीति से प्रभावित हुई, जो सितंबर में 5.49 प्रतिशत से बढ़कर 6.21 प्रतिशत के 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, इसके साथ ही मुद्रास्फीति आरबीआई की लक्ष्य सीमा से ऊपर चली गई।
इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 4-6 दिसंबर से अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) ने सितंबर में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई, जो अगस्त में 0.1 प्रतिशत की गिरावट से बेहतर है।
निवेशकों की नजर अमेरिका की महंगाई के आंकड़ों पर
प्रॉफिट आइडिया के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा, "निवेशक अब प्रमुख अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा का इंतजार कर रहे हैं, जो ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के अगले कदम के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो वैश्विक स्तर पर बाजार में अस्थिरता को बढ़ाने में योगदान देता है।" बाजार की गतिविधियों को देखते हुए, एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने कहा कि निफ्टी में कल की गिरावट के बाद अब ध्यान 23,700 से 23,779 तक फैले महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र पर केंद्रित है।
वैश्विक शेयर बाजारों में भी दिखी सुस्ती
उधर, वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी दिखी, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से वॉल स्ट्रीट में आई गति फीकी पड़ गई। एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स दोनों मंगलवार को पांच दिन की बढ़त के बाद कमजोर पड़ गए। एशियाई बाजारों में भी बुधवार को गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा, बाजार सहभागियों की निगाहें अपोलो टायर्स, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, पीआई इंडस्ट्रीज, एस्ट्राजेनेका फार्मा जैसी दिग्गज कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर भी टिकी रहेंगी। वेस्टर्न कैरियर्स इंडिया, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, दीपक नाइट्राइट, बेयर क्रॉपसाइंस, थर्मैक्स, थॉमस कुक (इंडिया) और सेनको गोल्ड जैसी कंपनियां भी दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे घोषित करेंगी।
रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 84.40 प्रति डॉलर पर
विदेशी पूंजी की सतत निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में एक पैसे की गिरावट के साथ 84.40 प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.40 प्रति डॉलर पर खुला जो पिछले बंद भाव के मुकाबले एक पैसे की गिरावट दर्शाता है।
रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.39 पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.98 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,024.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।