व्यापार
एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी में नई ऊर्जा की संभावना
5 Jan, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। देश की लोकप्रिय ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने सोमवार को एक नई ऊर्जा की संभावना का संकेत दिया। इस सफलता की वजह है उनकी सहायक इकाई एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। इस प्रक्रिया में कंपनी ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) द्वारा आयोजित नीलामी में 1000 मेगावाट का सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट जीता है। इससे न केवल एनटीपीसी के शेयरधारकों की मुनाफा बढ़ेगा बल्कि ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में उसकी पकड़ और मजबूती भी बढ़ेगी। एनटीपीसी ने 1000 मेगावाट की क्षमता हासिल कर ली है और अब उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के एलओए का इंतजार कर रही है। सादला में स्थित सोलर पीवी प्रोजेक्ट के अगले चरण की शुरुआत हो चुकी है और गुजरात में एक और 200 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट का कमर्शियल तौर पर शुरू होने की जानकारी भी मिली है। गुजरात में जीईडीए के प्रमाणपत्र मिलने के बाद एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड 76,598.18 मेगावाट के नए मुकाम पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि के साथ कंपनी की हिस्सेदारी ने शेयर बाजार में एक और उच्च चलान मारा है। एनटीपीसी ग्रुप का इस बढ़ते कदम से डिजिटल भविष्य की ओर बढ़ावा मिलेगा और आगे उन्हें और विकास मिलेगा। इस नए सोलर ऊर्जा क्षेत्र के दायरे में एनटीपीसी ग्रुप अक्षय ऊर्जा की दुनिया में अपनी मजबूती और सकारात्मकता को सुनिश्चित करने के लिए पुनः परिवर्तन करेगा। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी की चमक ने शेयर बाजार में एक नई ऊंचाई को छुआ है और उनके नए प्रकल्प से देश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक नई उम्मीद मिलेगी।
किर्लोस्कर समूह ने सेबी के पत्र के खिलाफ सैट में अपील दायर की
5 Jan, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति परिवार किर्लोस्कर समूह ने अपने 130 साल और तेजी से चल रहे विवाद को एक नया मोड़ देते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष एक अपील दायर की है। चार मुख्य कंपनियों की तरफ से यह अपील दर्ज की गई है- किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड, और किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड। इन कंपनियों ने साझेदारी अनुबंध (डीएफएस) के खुलासे का खिलाफ खुलकर सामना किया है और सेबी के उन्हें पेश होने की मांग के खिलाफ अपील की है। इस मामले में परिवार के उभरते विवाद का भी जिक्र किया गया है जिसमें किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर और अतुल किर्लोस्कर एवं राहुल किर्लोस्कर के बीच डीएफएस को लेकर विवाद था। कंपनियों ने डीएफएस के बाध्यता और उन पर एकाधिकार का आरोप लगाया है तथा उन्हें सलाह दी है कि सेबी को पीढ़ीबद्धता के नियम और पारिवारिक समझौतों की जानकारी के लिए उनकी व्यक्तिगत क्षमता में आयी परिवर्तनों से सूचित करें। इन संघर्षों और अपीलों में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के भूमिका हो सकती है सामने आने वाले परिवर्तनों में महत्वपूर्ण। इसमें सेबी की भूमिका विशेष महत्व रखती है जिसने इन अपीलों के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए अवसर पाए। वहीं, प्रतिभूति की भूमिका भी विवादों के सुलझाव में महत्वपूर्ण हो सकती है।
माइक्रोसॉफ्ट एआई और डेटा सेंटर्स में करेगा 80 बिलियन डॉलर का निवेश
5 Jan, 2025 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । माइक्रोसॉफ्ट ने वित्तीय वर्ष 2025 में लगभग 80 बिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है। यह निवेश बड़े-बड़े डेटा सेंटर्स बनाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की तकनीक को और पावरफुल बनाने पर किया जाएगा। 2022 में ओपन एआई के चेटजीपीटी लॉन्च होने के बाद एआई की दुनिया में हलचल मच गई है। इसका असर है कि हर कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस में एआई का इस्तेमाल बढ़ा रही है। एआई को चलाने के लिए तेज़ी से काम करने वाले डेटा सेंटर्स की ज़रूरत है, जिनमें हज़ारों चिप्स जुड़े होते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही एआई के लिए ठोस निवेश किया है और वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी का पूंजीगत खर्च 84.24 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। माइक्रोसॉफ्ट के वाइस चेयरमैन ने बताया कि इस निवेश का अधिकांश हिस्सा अमेरिका में किया जाएगा, जिससे कंपनी की डेटा सेंटर्स की ताकत बढ़ेगी। माइक्रोसॉफ्ट अपने 365 कोपीलॉट को और बेहतर बनाने के लिए एआई मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहा है। कंपनी चाहती है कि लागत कम हो और स्पीड बेहतर हो, इसलिए अब यह ओपन एआई के साथ-साथ दूसरे एआई मॉडल्स का भी इस्तेमाल करेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने साफ किया है कि यह कदम केवल उनकी साझेदारी को बढ़ाने के लिए है और कंपनी के पास ओपनएआई के मॉडल्स को कस्टमाइज़ करने का अधिकार भी हेगा।
एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स से राहत देने की संभावना, वित्त मंत्री बजट में करेंगी घोषणा
4 Jan, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार की तरफ से जल्द ही बजट पेश किया जाएगा. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किये जाने वाले बजट को लेकर टैक्स पेयर्स और नॉन टैक्स पेयर्स दोनों ही काफी उम्मीदें लगाकर बैठे हैं. बजट से पहले चर्चा हो रही है कि यदि आप बैंक में एफडी करते हैं तो उस पर लगने वाला टैक्स कम या शायद नहीं लगेगा. अभी तक एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाता है. लेकिन बैंकों की तरफ से मांग की जा रही है कि एफडी पर लगने वाले टैक्स को हटा दिया जाना चाहिए. बैंकों का कहना है कि यदि सरकार टैक्स हटाने का फैसला करती है तो इससे बैंक जमा को प्रोत्साहन मिलेगा.
FD पर टैक्स इन्सेंटिव देने की मांग
अगर वित्त मंत्री की तरफ से यह ऐलान किया जाता है तो इससे उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो बैंक में पैसा जमा करके उस पर मिलने वाले ब्याज से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. न्यूज 18 अंग्रेजी पर प्रकाशित खबर में दावा किया गया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट से पहले हुई मीटिंग में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर टैक्स इन्सेंटिव देने की मांग की है. उनका तर्क है कि इससे बचत में इजाफा हो सकेगा. बैंकों की तरफ ये यह सुझाव हाल ही में सेविंग में आई कमी के चलते आया है. यही कारण है कि बैंकों को लोन देने के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
शेयर बाजार में पैसा लगाने पर कम टैक्स
खबरों के अनुसार एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने वित्त मंत्री के साथ बजट से पहले हुई मीटिंग में कैपिटल मार्केट की दक्षता और समावेशिता में सुधार के लिए सजेशन दिये थे. उन्होंने कहा कि बॉन्ड और इक्विटी शेयरों में लॉन्ग टर्म की बचत को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें की गई थीं. खबरों के अनुसार इस मीटिंग में वित्त सचिव, निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग और वित्तीय सेवा सचिव, और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल हुए थे. बैंकों ने सरकार से कहा है कि अगर आप बैंक में पैसा जमा करते हैं तो उस पर लगने वाला टैक्स कम होना चाहिए क्योंकि शेयर बाजार में पैसा लगाने पर कम टैक्स लगता है. यह सुझाव इसलिए दिया गया ताकि ताकि लोग बैंक में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करें.
कैसे होगा फायदेमंद?
यदि किसी शख्स के पास 10 लाख रुपये की एफडी (FD) है और उस पर सालाना 8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है तो उसे पांच साल में कुल चार लाख रुपये का ब्याज मिलेगा. मान लीजिए कि यदि व 30 प्रतिशत की इनकम टैक्स कैटेगरी में आता है तो 40,000 रुपये तक एफडी के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इस लिमिट से ज्यादा की राशि पर कर इस स्लैब दर के अनुसार देना होगा. मौजूदा नियम के हिसाब से देखें तो उसे 3.60 लाख रुपये पर 30% टैक्स देना होगा, जो कि 1.08 लाख रुपये हुआ. लेकिन, यदि शेयर बाजार में पैसा लगाने पर लगने वाला टैक्स (LTCG) यहां लागू होता है तो उन्हें महज 12.5% टैक्स देना पड़ता, यानी कुल 45,000 रुपये. इस तरह, उन्हें करीब 63,000 रुपये का फायदा होता है.
म्यूचुअल फंड से पैसा बनाने के लिए इन फंड्स में निवेश करें, 2025 में मिलेगा अच्छा रिटर्न
4 Jan, 2025 03:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर बार नए साल के मौके पर लोग अपनी जिंदगी में सुधार के लिए नए रेजोल्यूशन लेते हैं. कोई बुरी आदतों को छोड़ने का वादा करता है, तो कोई फिटनेस या डाइट पर ध्यान देने की बात करता है. वहीं, कई लोग वित्तीय रूप से मजबूत बनने और सेविंग करने का भी संकल्प लेते हैं. सेविंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जो समय और अनुशासन की मांग करती है. अगर आप 2025 में ये तरीका फॉल कर निवेश करते हैं तो अच्छा खासा फंड अपने पोर्टफोलियो में जोड़ सकते हैं.
क्या है सही तरीका?
म्यूचुअल फंड में निवेश करना शेयर बाजार में इनडायरेक्ट निवेश के समान है. इसमें कई निवेशकों का पैसा एकत्रित किया जाता है और उसे विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे शेयर, बॉन्ड और मनी मार्केट में लगाया जाता है. इसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियां संचालित करती हैं. म्यूचुअल फंड में जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है क्योंकि धनराशि विभिन्न जगहों पर निवेश की जाती है. निवेश की न्यूनतम राशि सिर्फ 500 रुपए से शुरू होती है, जिससे यह छोटे और नए निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है.
इन फंड्स में है पोटेंशियल
वित्तीय विशेषज्ञों का सुझाव है कि म्यूचुअल फंड में सात साल या उससे अधिक की अवधि के लिए निवेश किया जाए. इस दौरान लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स के संयोजन का लाभ उठाना चाहिए. लार्ज-कैप फंड्स में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड, निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप फंड और एचडीएफसी टॉप 100 फंड जैसे विकल्प हैं. मिड-कैप फंड्स में मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड, एचडीएफसी मिडकैप ऑपर्च्युनिटीज फंड, और एडलवाइस मिडकैप फंड शामिल हैं. स्मॉल-कैप फंड्स में मोतीलाल ओसवाल स्मॉल कैप और टाटा स्मॉल कैप फंड निवेश के लिए अच्छे माने जाते हैं.
एसआईपी से निवेश को बनाएं आसान
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को निवेश का सबसे सुविधाजनक और प्रभावी तरीका माना जाता है. इसमें हर महीने एक निश्चित राशि निवेश की जाती है, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश की औसत लागत स्थिर रहती है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह नियमित निवेश को प्रोत्साहित करता है और लंबे समय में गारंटीड रिटर्न पाने में मदद करता है.
एसबीआई ने लॉन्च की दो नई स्कीम, ग्राहकों को मिलेगा बड़ा लाभ
4 Jan, 2025 02:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश का सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई अब हर घर को लखपति बनाने का प्लान लेकर आया है. भारतीय स्टेट बैंक हर घर लखपति नाम की डिपॉजिट स्कीम लेकर आया है. वहीं एसबीआई सीनियर सिटीजंस के लिए नई स्कीम एसबीआई पैट्रन्स नाम की स्कीम लेकर आया है. एसबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ‘हर घर लखपति’ एक प्री कैलकुलेटिड की गई रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है. जिसे ग्राहकों को 1 लाख रुपए या उसके मल्टीपल में डिपॉजिट करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस स्कीम का फायदा माइनर भी उठा सकते हैं, जिससे उनमें शुरुआत से ही सेविंग करने की आदत पनप सकती है.
वहीं दूसरी ओर एसबीआई ने चुनिंदा सीनियर सिटीजंस के लिए ‘एसबीआई पैट्रंस’ भी लॉन्च की है. यह 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के सीनियर सिटीजंस के लिए बनाई गई एक स्पेशल एफढी स्कीम है. नई एसबीआई योजना कई सीनियर सिटीजंस के बैंक के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मान्यता देते हुए बढ़ी हुई ब्याज दरों की पेशकश करती है. ‘एसबीआई पैट्रंस’ मौजूदा और नए दोनों एफडी निवेशकों के लिए उपलब्ध है.
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि उनका मकसद गोल ओरिएंटेटिड डिपॉजिट प्रोडक्ट बनाना है जो न केवल वित्तीय रिटर्न बढ़ाते हैं बल्कि हमारे ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी होते हैं. हम पारंपरिक बैंकिंग को अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे फिर से परिभाषित कर रहे हैं. एसबीआई में, हम हर ग्राहक को सशक्त बनाने वाले समाधान प्रदान करने के लिए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने के लिए वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सीनियर सिटीजंस के लिए एसबीआई की एफडी स्कीम्स
एसबीआई ने अपने ग्राहकों को हाई एफडी रेट्स ऑफर करते हुए दूसरी डिपॉजिट स्कीम्स शुरू की हुई हैं. उदाहरण के लिए, एसबीआई वी-केयर डिपॉजिट स्कीम सीनियर सिटीजंस को 5 साल से 10 साल से कम अवधि के लिए 7.50 फीसदी की ब्याज दर प्रदान करती है. इसी तरह, एसबीआई 444 दिनों की एफडी योजना (अमृत वृष्टि) सीनियर सिटीजंस को 7.75 फीसदी की ब्याज दर प्रदान करती है. यह योजना 31 मार्च 2025 तक उपलब्ध है. एसबीआई अमृत कलश, 400 दिनों की एफडी योजना सीनियर सिटीजंस को 7.60 फीसदी की ब्याज दर प्रदान करती है. यह योजना 31 मार्च 2025 तक भी उपलब्ध है.
एसबीआई आरडी अकाउंट की क्या है विशेषता?
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, कोई व्यक्ति न्यूनतम 12 महीने और अधिकतम 120 महीने की अवधि के लिए एसबीआई आरडी अकाउंट खोल सकता है. एसबीआई में आरडी अकाउंट न्यूनतम 100 रुपये प्रति माह जमा राशि पर खोला जा सकता है. आरडी अकाउंट्स में देरी से भुगतान पर जुर्माना लगाया जाता है. यदि लगातार छह किस्तें चूक जाती हैं, तो आरडी खाता समय से पहले बंद कर दिया जाएगा और खाताधारक को शेष राशि का भुगतान किया जाएगा.
गोल्ड की कीमतों में आई बड़ी गिरावट
4 Jan, 2025 02:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करीब तीन महीने में गोल्ड की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. बीते 65 दिनों में सोना भारत में 2,900 रुपए से ज्यादा सस्ता हो चुका है. जिसकी वजह से गोल्ड निवेशकों की हालत काफी खस्ता हो चुकी है. इसका मतलब है कि इस दौरान 10 ग्राम गोल्ड पर 2,900 रुपए का नुकसान एक बड़ा लॉस माना जाता है. अगर बात शुक्रवार की करें तो गोल्ड की कीमत में 400 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि बीते एक हफ्ते में 770 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो डॉलर इंडेक्स में लगातार तेजी आने की वजह से गोल्ड की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में गोल्ड की कीमत कितनी हो गई है.
एक दिन में कितना सस्ता हुआ गोल्ड
अगर बात शुक्रवार की करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज की बात करें तो बाजार बंद होने के बाद गोल्ड की कीमत में 400 रुपए की गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को गोल्ड के दाम 400 रुपए की गिरावट के साथ 77,317 रुपए प्रति दस ग्राम हो गए हैं. जबकि एक दिन पहले यानी गुरुवार को गोल्ड के दाम 77,717 रुपए प्रति दस ग्राम थे. वैसे शुक्रवार को गोल्ड के दाम 77,260 रुपए प्रति दस ग्राम के दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गए थे.
एक हफ्ते में महंगा हुआ गोल्ड
वहीं दूसरी ओर बीते एक हफ्ते में गोल्ड महंगा हुआ है. ये तेजी 700 रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. 27 दिसंबर को गोल्ड के दाम 76,544 रुपए प्रति दस ग्राम पर देखने को मिले थे. तब से अब तक गोल्ड के दाम 773 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिली है. जिसके बाद गोल्ड के दाम 77,317 रुपए प्रति दस ग्राम हो चुके हैं. इसका मतलब है कि निवेशकों को गोल्ड एक फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है.
65 दिन में कितना सस्ता हुआ गोल्ड
वहीं बीते 65 दिनों में गोल्ड के दाम में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. जिसका प्रमुख कारण डॉलर इंडेक्स में इजाफा है. बीते 3 महीने में डॉलर इंडेक्स में 6.24 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. जिसकी वजह से गोल्ड के दाम में गिरावट देखने को मिली. 65 दिनों में गोल्ड की कीमतों में 2,910 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. 30 अक्टूबर को सोना 80,227 रुपए प्रति दस ग्राम थे. उसके बाद सोना 3.63 फीसदी तक सस्ता हो चुका है.
दिल्ली में गोल्ड के दाम
शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड की कीमत सपाट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार गोल्ड में मात्र 20 रुपए की गिरावट देखने को मिली और दाम 79,700 रुपए पर आ गए. उससे पहले गुरुवार को गोल्ड के दाम 79,720 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थे. हालांकि, शुक्रवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 130 रुपए बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. शुक्रवार को चांदी की कीमत 230 रुपये की गिरावट के साथ 90,400 रुपये प्रति किलोग्राम रही. पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 90,630 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
क्या कहते हैं जानकार
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट, रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी), जतिन त्रिवेदी ने कहा कि घरेलू बाजार में सोने में मामूली बढ़त दर्ज की गई, जबकि कॉमेक्स सोना 2,655 डॉलर प्रति औंस के आसपास स्थिर रहा. त्रिवेदी ने कहा कि बाजार सीमित उतार-चढ़ाव के साथ स्थिर बना हुआ है, क्योंकि प्रतिभागी आगे की दिशा निर्धारित करने के लिए वैश्विक संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि शुक्रवार को सोने में बढ़त दर्ज की गई, क्योंकि ऐसी खबरें आई थीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ईरान द्वारा परमाणु बम विकसित करने की दिशा में प्रगति करने पर ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की आकस्मिक योजनाओं पर चर्चा की थी.
रुपया दो साल में सबसे बड़ी गिरावट की ओर, डॉलर सूचकांक 24 महीने के उच्चतम स्तर पर
4 Jan, 2025 01:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से डॉलर सूचकांक दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में लगातार मजबूत हो रहा है और यह 24 महीने से अधिक समय के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर सूचकांक में मजबूती से रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिसके थमने के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। अनुमान है कि रुपया मार्च तिमाही, 2025 तक और टूटकर 86 से नीचे पहुंच सकता है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) का दावा है कि डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा का मूल्य मार्च तिमाही, 2025 में घटकर औसतन 86.1 रुपये रह जाएगा। यह दिसंबर तिमाही, 2024 के 84.5 रुपये के औसत मूल्य के मुकाबले 1.9 फीसदी गिरावट को दर्शाता है, जो दो साल में सबसे ज्यादा है। पिछले दो साल में रुपये में किसी भी तिमाही में एक फीसदी से अधिक गिरावट नहीं देखी गई है। चालू वित्त वर्ष में भी हर तिमाही में भारतीय मुद्रा कमजोर हुई है और 2024 में इसमें 2.7 फीसदी गिरावट आ चुकी है।
दिसंबर में ही 0.7 फीसदी की कमजोरी
सीएमआईई के मुताबिक, रुपया अकेले दिसंबर में ही 0.7 फीसदी टूट गया। बीते महीने के आखिरी 10 दिनों में यह तेजी से कमजोर हुआ है। भारतीय मुद्रा में एक रुपये की गिरावट आने में दो महीने से अधिक का समय लगा। 11 अक्तूबर को डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 84.06 था, जो 19 दिसंबर को घटकर 85.07 पर आ गया। पर, 10 दिनों में यह डॉलर की तुलना में 55 पैसे गिरकर 31 दिसंबर तक 85.26 पर आ गया।
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे टूटकर 85.79 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। n चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 1.4% कमजोर हुई है।
रुपया महज 14 दिन में ही 85 से 86 के करीब पहुंचा
भारतीय मुद्रा को 83 से 84 तक आने में 457 दिन लगे थे, जबकि 84 से 85 तक आने में महज 60 दिन लगे। रुपया 19 दिसंबर, 2024 को पहली बार 85 के नीचे आया था और सिर्फ 14 दिन में ही यह 86 के करीब पहुंच गया। ऐसे में हाल के समय में यह पहली बार होगा, जब भारतीय मुद्रा में एक रुपये की गिरावट सबसे कम दिन में होगी।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद 2022 में डॉलर की तुलना में रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई थी। यह संयोग है कि संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले 1.3 फीसदी गिर गया।
दिसंबर में प्रमुख एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपया का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
यूरो और ब्रिटिश पाउंड में भी गिरावट
डॉलर के मजबूत होने से यूरो और ब्रिटिश पाउंड में भी कमजोरी आई है। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले यूरो एक फीसदी टूट चुका है, जो नवंबर, 2022 के बाद इसका दो साल से अधिक का निचला स्तर है। ब्रिटिश पाउंड भी 1.17 फीसदी गिरकर आठ महीने से अधिक के निचले स्तर पर आ गया है।
एनवीडिया बनी बीते साल सबसे ज्यादा मार्केट कैप हासिल करने वाली कंपनी
3 Jan, 2025 06:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । एआई चिप विनिर्माता अमेरिकी कंपनी एनवीडिया पिछले साल सबसे ज्यादा मार्केट कैप पाने वाली कंपनी बनी। इस दौरान कंपनी के शेयरों में 170 फीसदी तेजी रही और उसके मार्केट कैप में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ। यह दुनिया के सबसे बड़े अमीर एलन मस्क की नेटवर्थ (415 अरब डॉलर) से करीब पांच गुना है। एप्पल के बाद एनवीडिया दुनिया की दूसरी बड़ी वैल्यूएबल कंपनी है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में दुनिया की बढ़ रही दिलचस्पी और विभिन्न इंडस्ट्रीज में एआई सेंट्रिक चिप्स की बढ़ती मांग से एनवीडिया के शेयरों में भारी तेजी दिखाई दे रही है। 2023 के अंत में कंपनी की मार्केट वैल्यू 1.2 ट्रिलियन डॉलर थी जो 2024 के अंत में 3.28 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई। 2023 में कंपनी का शेयर 240 प्रतिशत का उछला था।
इस बीच एप्पल दुनिया का सबसे वैल्यूएबल कंपनी बनी रही। इसका मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच चुका है। कंपनी ने एआई पर फोकस किया है, इससे उसकी बिक्री में आगे तेजी आने की उम्मीद है। इसकारण कंपनी में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। 2024 के अंत में माइक्रोसॉफ्ट 3.1 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी वैल्यूबल कंपनी रही जबकि गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक और अमेजॉन की वैल्यू करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर रही। सऊदी अरामको, फेसबुक, टेस्ला, ब्रॉडकॉम और टीएसएमसी टॉप 10 में शामिल रहीं।
भारत की मोस्ट वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए पिछला साल अच्छा नहीं रहा। 10 साल में पहली बार कंपनी के शेयरों ने निगेटिव रिटर्न दिया और दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनियों की लिस्ट में 68वें नंबर पर पहुंच गई थी। गुरुवार को इसमें पांच स्थान का सुधार हुआ और यह 63वें नंबर पर आ गई। इसका मार्केट कैप 196.13 अरब डॉलर है। टीसीएस 173.19 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ 79वें नंबर पर है जबकि एचडीएफसी बैंक 163.31 अरब डालर के साथ 87वें नंबर पर है।
शादी के सीजन से पहले सोना-चांदी खरीदना चाहते हैं तो बाजार में जानें क्या है भाव
3 Jan, 2025 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंतरराष्ट्रीय बाजार की तर्ज पर सोने और चांदी के भाव में उछाल आने लगा है। डॉलर इंडेक्स में मजबूती के बीच वैश्विक और स्थानीय बाजारों में धातुओं में तेजी देखने को मिल रही है। सर्राफा बाजार में कारोबारियों की लिवाली से भी तेजी को समर्थन मिला है। गुरुवार को कॉमेक्स पर सोना 30 डॉलर उछलकर 2675 डॉलर के करीब पहुंच गया, जबकि चांदी 2 फीसदी की तेजी के साथ 30 डॉलर के करीब रही। घरेलू बाजार में सोना 800 रुपये उछलकर 77,700 के ऊपर बंद हुआ, जबकि चांदी 1400 रुपये उछलकर 89,000 के ऊपर बंद हुई। आज वायदा कारोबार पर नजर डालें तो एमसीएक्स पर सोना 108 रुपये की तेजी के साथ 77825 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। कल यह 77,717 रुपये पर बंद हुआ था। चांदी इस दौरान 102 रुपये की तेजी के साथ 89,275 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। कल यह 89,173 रुपये पर बंद हुई थी।
सर्राफा बाजार में सोना और चांदी में भी तेजी
आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की सतत लिवाली से राष्ट्रीय राजधानी में सोने का भाव गुरुवार को 330 रुपये बढ़कर 79,720 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। बुधवार को सोना 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। गुरुवार को चांदी भी 130 रुपये बढ़कर 90,630 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 90,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव बुधवार को 330 रुपये बढ़कर 79,170 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जो इससे पहले 78,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से सर्राफा कीमतों को समर्थन मिला।
चीन की गाड़ियों ने मचा रखा हड़कंप, कभी विदेशी अधिकारियों ने उड़ाया था मजाक, अब कर रहे राज
3 Jan, 2025 06:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
BYD चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी बीवाईडी ने वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूती से स्थापित किया है। पिछले वर्ष, कंपनी की बिक्री में 41% की वृद्धि हुई, जिससे उसने 42 लाख से अधिक वाहन बेचे। बीवाईडी मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों का निर्माण करती है, और पिछले साल उसने 17.6 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचे, जिससे वह एलन मस्क की टेस्ला के निकट पहुंच गई। टेस्ला की बिक्री में पिछले 10 वर्षों में पहली बार गिरावट आई है, जिसमें उसने 17.9 लाख गाड़ियां बेचीं, जबकि 2023 में उसकी बिक्री 18 लाख रही। बीवाईडी के तेजी से बढ़ते कारोबार ने अन्य कंपनियों को चिंतित कर दिया है, जिसके चलते हाल ही में जापान की तीन प्रमुख कंपनियों ने मर्जर की घोषणा की है।
बीवाईडी की 90% बिक्री चीन में होती है, जो टेस्ला, फॉक्सवैगन और टोयोटा के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। चीन में प्रतिस्पर्धा और सरकारी सब्सिडी के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि हुई है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर भी बीवाईडी की स्थिति मजबूत होती जा रही है।
उद्योग में मजबूती का सफर
अक्टूबर में यूरोपीय संघ ने चीन से इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर 45.3% का टैरिफ लागू किया था। अमेरिका ने भी चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% ड्यूटी लगा रखी है, और डोनाल्ड ट्रंप ने इसे और बढ़ाने की चेतावनी दी है। इसके बावजूद, बीवाईडी कई देशों में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रही है। यह सवाल उठता है कि इस कंपनी में ऐसा क्या विशेषता है जिसने वैश्विक ऑटो उद्योग को चिंतित कर रखा है। कंपनी ब्राजील, हंगरी, थाईलैंड और उजबेकिस्तान में असेंबली लाइन स्थापित कर रही है, और इसके साथ ही इंडोनेशिया और मेक्सिको में भी असेंबली लाइन खोलने की योजना है। पिछले वर्ष, मस्क ने कहा था कि चीनी कंपनियां दुनिया की अधिकांश कंपनियों को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।
बीवाईडी की स्थापना
बीवाईडी की स्थापना 1995 में वांग चुआनफू द्वारा की गई थी। प्रारंभ में, यह कंपनी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बैटरी का निर्माण करती थी। 2003 में, बीवाईडी ने एक कार निर्माण फैक्ट्री का अधिग्रहण किया, लेकिन शुरुआत में उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2007 में, जब बीवाईडी ने ग्वांगझू ऑटो शो में अपने नवीनतम मॉडल को प्रदर्शित किया, तब अमेरिकी अधिकारियों ने इसका मजाक उड़ाया, क्योंकि कार का पेंट ठीक से नहीं हुआ था और दरवाजा भी सही से फिट नहीं हो रहा था।
हालांकि, 2008 में कंपनी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 2012 तक, बढ़ती मांग के कारण उत्पादन में भी वृद्धि होने लगी। बीवाईडी के पास सीमित मॉडल थे, जबकि विदेशी कंपनियों के पास कई आकर्षक विकल्प उपलब्ध थे, जिससे कंपनी की बिक्री और शेयरों की कीमत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। 2016 में, कंपनी ने ऑडी के बाजार से बाहर जाने का लाभ उठाया।
नए साल में मुकेश अंबानी 40,000 करोड़ का ला रहे हैं आईपीओ
3 Jan, 2025 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । भारत और एशिया के सबसे अधिक रईसों में से एक मुकेश अंबानी अब तक के सबसे बड़े आईपीओ लाने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार रिलायंस जियो का आईपीओ जल्द लॉन्च हो सकता है, जिसकी अनुमानित राशि 35,000 से 40,000 करोड़ रुपए होगी। सूत्रों के मुताबिक इस आईपीओ में ऑफर फॉर सेल के साथ-साथ ताजा शेयर भी जारी किए जाएंगे। यह आईपीओ 2025 की दूसरी छमाही में लॉन्च हो सकता है। हुंडई मोटर इंडिया पिछले साल 27,870.16 करोड़ रुपए का आईपीओ लाई थी जो देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जियो के आईपीओ के लिए प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर शुरुआती बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। इनवेस्टमेंट बैंकर्स का कहना है कि यह इश्यू बड़ा हो सकता है और इसमें सब्सक्रिप्शन की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। प्री-प्लेसमेंट की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि इसमें फ्रेश इश्यू का साइज क्या होगा। ओएफएस और फ्रेश इश्यू का हिस्सा कितना होगा, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस बारे में रिलायंस की ओर से कोई जबाव नहीं आया। सूत्रों का कहना है कि रिलायंस जियो के आईपीओ में ओएफएस कंपोनेंट अहम होगा क्योंकि इससे कई मौजूदा निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौका मिलेगा। कंपनी में विदेशी निवेशकों की 33 फीसदी हिस्सेदारी है। रिलायंस ने साल 2020 में अबू धाबी इनवेस्टमेंट फंड, केकेआर, मुबादला और सिल्वर लेक जैसे विदेशी फंड्स से 18 अरब डॉलर जुटाए थे। ब्रोकरेज कहते हैं कि रिलायंस जियो की वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर हो सकती है लेकिन सूत्रों का कहना है कि कंपनी की नजर 120 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है। अंबानी एआई सेक्टर में भी बड़ा दांव खेल रहे हैं।
वारी एनर्जीज को 150 मेगावाट सोलर मॉड्यूल का ठेका मिला
3 Jan, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । वारी एनर्जीज को भारत में एक प्रमुख नवीकरणीय परियोजना के लिए 150 मेगावाट क्षमता के सौर मॉड्यूल की आपूर्ति का ठेका हासिल हुआ है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि इस ठेके में वारी के प्रमुख उच्च दक्षता वाले ग्लास एन-टाइप टॉपकॉन बाइफेसियल मॉड्यूल की आपूर्ति शामिल है, जिसकी रेटिंग 585/590डब्ल्यूपी है। इन मॉड्यूल को उनके स्थायित्व, असाधारण ऊर्जा उत्पादन और उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए जाना जाता है। मॉड्यूल की आपूर्ति अगले वित्त वर्ष 2025-26 में की जानी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन से भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, जिससे ‘ग्रीनहाउस गैस’ उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
अपने कर्मचारियों को संबोधित कर गौतम अदाणी ने टेक्नोलॉजी और टैलेंट पर दिया जोर
3 Jan, 2025 09:24 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि हमारी असली चुनौती अपनी पूंजी को प्रभावी ढंग से तैनात करने की है और हमें उन दो टी को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आज की दुनिया में सबसे बड़े डिफ्रेंशिएटर को तौर पर काम रहे हैं, वे हैं टेक्नोलॉजी और टैलेंट। अपने नववर्ष संदेश में अदाणी ने कहा कि हमारा ध्यान अपने लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने पर है। अदाणी ने कहा, सबसे पहले मैं टेक्नोलॉजी के बारे में बात करूंगा। आज के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में हर कंपनी को एक तकनीकी कंपनी के रूप में सोचना और कार्य करना चाहिए या महत्वहीन होने का जोखिम उठाना चाहिए। प्रभावी ढंग से स्केलिंग के लिए केवल सॉफ्टवेयर टूल लागू करने से कहीं अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमारे संगठन के मूल ढांचे में टेक्नोलॉजी फर्स्ट की मानसिकता को शामिल करना आवश्यक है।
अदाणी समूह के प्रमुख ने कहा, यह वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आवश्यक है और इसकी शुरुआत हमारे शीर्ष 100 लीडर्स द्वारा माहौल तय करने से होती है। हमसे हर एक को टेक्नोलॉजी रूप से कुशल होने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यह किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सोचने के तरीके के रूप में भी है। आवश्यक होने की दौड़ में तकनीक ही रेसट्रैक है और नेतृत्व वह कदम है, जो सुनिश्चित करता है कि हम पहले स्थान पर रहें।
कर्मचारियों को अपने संदेश में अदाणी ने कहा, एआई-संचालित दुनिया में भविष्य इस बारे में है कि हम कैसे काम करते हैं और अपने लक्ष्यों को कैसे पाते हैं। मैं आप सभी को चुनौती देता हूं कि आप इनोवेशन करने और उत्कृष्टता के नए स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए तकनीक को एक लीवर के रूप में अपनाएं। आपका करियर विकास और हमारी सामूहिक सफलता इस पर निर्भर करती है। टैलेंट के बारे में गौतम अदाणी ने कहा कि यह हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है और यह हमारी दीर्घकालिक सफलताओं निर्धारित करेगी। “टैलेंट केवल रिज्यूमे या क्रेडेंशियल्स नहीं है, बल्कि यह एडेप्ट, इनोवेशन और लीडरशीप है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, “हमारा लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करना है। हम जो सबसे बड़ा निवेश कर सकते हैं, वह केवल सिस्टम या रणनीतियों में नहीं है, बल्कि हमारे लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने में है, जो नेतृत्व करने और इनोवेशन करने का साहस करते हैं।”
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने नवी मुंबई में कौड़ियों के भाव में खरीदी जमीन
3 Jan, 2025 08:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित 5,286 एकड़ भूमि के एक बड़े औद्योगिक पैमाने को 2,200 करोड़ रुपये में खरीदा है। यह जमीन नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक प्रोजेक्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) जैसी प्रमुख परियोजनाओं के पास मौजूद है। इस भूमि की बिक्री जय कॉर्प लिमिटेड द्वारा की गई, इसमें अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी द्रोणागिरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड (पहले नवी मुंबई एसईजेड) में अपनी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेची है।
रिलायंस ने 13 दिसंबर 2024 को बताया था कि उसने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के 57.12 करोड़ इक्विटी शेयरों को 28.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खरीदा है, इससे इस परियोजना की कुल मूल्यांकन 2,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह जमीन नवी मुंबई के द्रोणागिरी और कलंबोल क्षेत्रों के स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी के तहत आती है। इस परियोजना के माध्यम से रिलायंस ने न केवल अपनी औद्योगिक निवेश योजनाओं को और मजबूती दी है, बल्कि इस रणनीतिक स्थान पर भूमि अधिग्रहण करके खुद को भविष्य में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं से जोड़ लिया है।
नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के पास करीब 2,140 हेक्टेयर (करीब 5,286 एकड़) भूमि है, और यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित की जा रही है। इसके विकास के बाद इस क्षेत्र में अत्यधिक आर्थिक गतिविधियों की संभावना है, खासकर जब नवी मुंबई एयरपोर्ट और ट्रांस हार्बर लिंक जैसी परियोजनाएं पूरी होंगी। इन प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पास स्थित इस भूमि का उपयोग औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए होगा, जिससे इस क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी।
इस निवेश से रिलायंस ने अपनी औद्योगिक गतिविधियों में और मजबूती लाई है और यह परियोजना न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास का कदम साबित होगी। अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके साझेदारों के लिए यह सौदा एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है, जिससे रिलायंस ने एक मजबूत और रणनीतिक निवेश किया है। इस निवेश के द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज भविष्य में इस क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक विकास की दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।