व्यापार
जनवरी में आरबीआई ने जारी की बैंक छुट्टियों की लिस्ट, जानें किस दिन रहेंगे बंद
30 Dec, 2024 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल के पहले महीने यानी जनवरी 2025 में बैंक कुल 15 दिन बंद रहेंगे। ऐसे में अगर बैंक जाकर कोई जरूरी काम निपटाना है, तो अच्छा होगा कि पहले बैंक हॉलिडे लिस्ट चेक कर लें, ताकि आपको बाद में कोई परेशानी न हो। जनवरी 2025 में साप्ताहिक अवकाश की छुट्टियों को मिलाकर कुल 15 दिन कामकाज नहीं होगा। बैंकों में महीने के हर रविवार छुट्टी रहती है। साथ ही, दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश रहता है। बैंक त्योहार और कुछ खास मौकों पर भी बंद रहते हैं। आइए देखते जनवरी 2025 के बैंक हॉलिडे की पूरी लिस्ट।
कौन जारी करता है बैंक हॉलिडे की लिस्ट
बैंक हॉलिडे की लिस्ट की बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई जारी करता है। इसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय, दोनों तरह के अवकाश शामिल होते हैं। राष्ट्रीय अवकाश के मौके पर देशभर बैंक बंद रहते हैं। वहीं, क्षेत्रीय अवकाश में सिर्फ संबंधित राज्य या क्षेत्र की बैंकों में छुट्टी होती है। अगर जनवरी 2025 की बात करें, तो आरबीआई की हॉलिडे लिस्ट के मुताबिक, कुल 15 दिन बैंक बंद रहेंगे। हालांकि, देशभर के सभी बैंक 15 दिन के लिए बंद नहीं रहेंगे। इनमें से कुछ क्षेत्रीय अवकाश हैं, जिन पर संबंधित राज्यों में ही बैंकों में छुट्टी रहेगी।
जनवरी, 2025 बैंक हॉलिडे लिस्ट
1 जनवरी 2025 (बुधवार) : नए साल के मौके पर देशभर के बैंकों में छुट्टी रहेगी।
6 जनवरी 2025 (सोमवार) : गुरु गोबिंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में पंजाब समेत कुछ राज्यों में बैंक में अवकाश रहेगा।
11 जनवरी 2025 (शनिवार) : महीने का दूसरा शनिवार। इस दिन देशभर के बैंक बंद रहेंगे।
12 जनवरी 2025 (रविवार) : रविवार साप्ताहिक अवकाश।
13 जनवरी 2025 (सोमवार) : लोहड़ी त्योहार। पंजाब और कुछ अन्य राज्यों में बैंकों में छुट्टी रहेगी।
14 जनवरी 2025 (मंगलवार) : संक्रांति और पोंगल के कारण तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में बैंकिंग अवकाश रहेगा।
15 जनवरी 2025 (बुधवार) : तिरुवल्लुवर दिवस पर तमिलनाडु, टुसू पूजा के कारण पश्चिम बंगाल और असम में बैंक बंद रहेंगे।
23 जनवरी 2025 (गुरुवार) : नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में कई राज्यों में बैंकों में छुट्टी रहेगी।
25 जनवरी 2025 (शनिवार) : महीने का चौथा शनिवार। इस दिन पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे।
26 जनवरी 2025 (रविवार) : रविवार का साप्ताहिक अवकाश। इस दिन गणतंत्र दिवस भी रहेगा। देशभर में बैंकों की छुट्टी रहेगी।
30 जनवरी 2025 (गुरुवार) : सोनम लोसार के कारण सिक्किम में बैंक बंद रहेंगे।
नए साल से पहले फिर गिरा सोने-चांदी का भाव, जानें आज गोल्ड के रेट
30 Dec, 2024 02:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल से ठीक पहले सोना-चांदी के भाव में फिर गिरावट देखने को मिली है. आज यानी 30 दिसंबर 2024 को भारत में 22 कैरेट 10 ग्राम सोने का दाम 71,490 रुपये है, जो कि बीते दिन 71,500 रुपये था. वहीं, 24 कैरेट सोने का भाव आज 77,980 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि बीते दिन यह 77,990 रुपये था. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में इजाफा हो सकता है.
प्रति ग्राम सोने का दाम
22 कैरेट सोना: ₹7,149 प्रति ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹7,798 प्रति ग्राम
यूपी की राजधानी लखनऊ में आज 22 कैरेट सोने का भाव 71,490 रुपये प्रति 10 ग्राम है. वहीं, 24 कैरेट सोने की कीमत 77,980 रुपये प्रति 10 ग्राम है. चांदी की बात करें तो लखनऊ में आज 1 किलो चांदी का रेट 92,300 रुपये है, जो कल 92,400 रुपये था.
यूपी के शहरों में सोने के भाव
गाजियाबाद:
22 कैरेट सोना: ₹71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹77,980 प्रति 10 ग्राम
नोएडा:
22 कैरेट सोना: ₹71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹77,980 प्रति 10 ग्राम
मेरठ, आगरा, अयोध्या, कानपुर और मथुरा:
22 कैरेट सोना: ₹71,490 प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना: ₹77,980 प्रति 10 ग्राम
कैसे पहचानें सोने की शुद्धता ?
ISO (Indian Standard Organization) द्वारा सोने की शुद्धता की पहचान के लिए हॉलमार्क दिए जाते हैं.
24 कैरेट: 999
22 कैरेट: 916
23 कैरेट: 958
21 कैरेट: 875
18 कैरेट: 750
24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, जबकि 22 कैरेट में 91% सोना और 9% अन्य धातुएं (तांबा, चांदी, जिंक) होती हैं. 22 कैरेट सोने से आभूषण बनाए जाते हैं, जबकि 24 कैरेट सोने से जेवर नहीं बनाए जा सकते.
मिस्ड कॉल से जानें ताजा रेट
सोने की कीमत जानने के लिए 8955664433 पर मिस्ड कॉल दें. कुछ ही समय में आपको SMS के जरिए 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड के खुदरा रेट मिल जाएंगे. अधिक जानकारी के लिए www.ibja.co या ibjarates.com पर विजिट करें.
सोना खरीदते समय हॉलमार्क निशान जरूर देखें. यह सोने की शुद्धता और सरकारी गारंटी का प्रमाण है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा यह निशान जारी किया जाता है
सेनोरेस फार्मास्युटिकल्स की आईपीओ लिस्टिंग पर जोरदार शुरुआत, कैरारो इंडिया ने किया निराश
30 Dec, 2024 02:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेनोरेस फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के आईपीओ ने निवेशकों को शानदार लिस्टिंग गेन दिया है। इसका इश्यू 391 रुपये के प्राइस पर आया था और लिस्टिंग 53 प्रतिशत से अधिक प्रीमियम के साथ हुई। इसमें लिस्टिंग के बाद भी तेजी जारी रही है औयह 55.75 प्रतिशत उछलकर 609 रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का मार्केट कैप 2,657.29 करोड़ रुपये रहा।
सेनोरेस फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए थे। वहीं प्रमोटर और अन्य शेयरहोल्डर्स ने 82.11 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों को ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए बेचा। अहमदाबाद स्थित कंपनी फ्रेश इक्विटी से जारी रकम का इस्तेमाल अटलांटा फैसिलिटी में स्टेराइल इंजेक्शन का प्रोडक्शन करने के लिए फैक्टरी लगाने के लिए करेगी। साथ ही, इससे सेनोरस फार्मा और उसकी सहायक कंपनियों की वर्किंग कैपिटल की जरूरत पूरी की जाएगी।
सेनोरेस फार्मास्युटिकल्स के जटिल फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट की व्यापक रेंज है। कंपनी के पास प्रमुख चिकित्सीय खंडों में कई उत्पाद हैं। इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और ब्लड लाइन शामिल हैं। मार्च 2024 तक, कंपनी के पास भारत और अमेरिका में तीन आरएंडडी सुविधाएं थीं।
कैरारो इंडिया की 7.52 फीसदी डिस्काउंट के साथ लिस्टिंग
कैरारो इंडिया लिमिटेड के शेयर सोमवार को 704 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 7.52 फीसदी डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुए। बाद में ये 10 फीसदी गिरकर 633.30 रुपये पर आ गया। कंपनी का मार्केट कैप 3,679.15 करोड़ रुपये है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, कैरारो इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से कैरारो इंटरनेशनल एसई द्वारा 1,250 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री के लिए पेशकश (ओएफएस) था। इसमें कोई फ्रेश इक्विटी नहीं थी।
कैरारो इंडिया कैरारो एस.पी.ए. की एक सहायक कंपनी है, जिसकी नींव 1997 में पड़ी थी। इसने 1999 में ट्रांसमिशन सिस्टम और 2000 में एक्सल के साथ अपने मैन्युफैक्चरिंग सफर को आगे बढ़ाया। कंपनी ने कैरारो समूह के भीतर अन्य संस्थाओं से लाइसेंस प्राप्त आईपी अधिकारों का उपयोग करके अपना संचालन शुरू किया। ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ग्राहकों के लिए जटिल इंजीनियरिंग उत्पादों और समाधानों में कुशलता हासिल की।
यह एक स्वतंत्र टियर-1 प्रोवाइडर के रूप में काम करती है, जो कृषि ट्रैक्टरों और निर्माण वाहनों के लिए एक्सल और ट्रांसमिशन सिस्टम बनाती है। कैरारो इंडिया पुणे में दो विनिर्माण संयंत्र संचालित करता है यह एशिया में ग्राहकों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तथा कैरारो ड्राइव टेक इटालिया के माध्यम से एशिया के बाहर निर्यात करता है।
कृषि ट्रैक्टर क्षेत्र में इसके प्रमुख ग्राहकों में सीएनएच, टैफे, महिंद्रा एंड महिंद्रा, जॉन डीरे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, एक्शन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड शामिल हैं। मैन्युफैक्चरिंग व्हीकल सेक्टर में यह सीएनएच, बुल मशीन्स, लियुगोंग, मैनिटौ इक्विपमेंट, डूसन, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एक्शन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को सेवाएं प्रदान करता है।
शेयर बाजार की धीमी शुरुआत; सेंसेक्स में गिरावट, निफ्टी भी लुढ़का
30 Dec, 2024 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साल के आखिरी कारोबारी हफ्ते के पहले दिन घरेलू शेयर बाजार की धीमी शुरुआत हुई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 142.26 अंक गिरकर 78,556.81 पर आ गया, जबकि निफ्टी 48.35 अंक गिरकर 23,765.05 पर पहुंचा। इसके अलावा शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे गिरकर 85.53 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
ऐसी रही बाजार की चाल
विदेशी पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 142.26 अंक की गिरावट के साथ 78,556.81 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 48.35 अंक फिसलकर 23,765.05 अंक पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,323.29 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
किसे फायदा-किसे नुकसान?
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाइटन, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा मोटर्स के शेयर सबसे अधिक गिरावट में रहे। अदाणी पोर्ट्स, जोमैटो, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईटीसी के शेयर लाभ में रहे।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायदे में रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे।
रुपया शुरुआती कारोबार में 85.53 प्रति डॉलर पर
रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में पांच पैसे की गिरावट के साथ 85.53 प्रति डॉलर पर आ गया। आयातकों की ओर से डॉलर की भारी मांग, विदेशी पूंजी की निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जिसका दबाव घरेलू मुद्रा पर पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ खुला और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 85.53 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.48 पर बंद हुआ था।
साल के आखिरी दिनों में पेट्रोल के लगे पंख? चेक करें आज के ताजा रेट
30 Dec, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों को हर दिन अपडेट करती है. हालांकि 30 दिसंबर 2024 को जारी ताजा लिस्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके चलते आम जनता को राहत नहीं मिली है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन इसका असर अभी तक घरेलू बाजार में देखने को नहीं मिला है.
तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों को हर दिन अपडेट करती है. हालांकि 30 दिसंबर 2024 को जारी ताजा लिस्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके चलते आम जनता को राहत नहीं मिली है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन इसका असर अभी तक घरेलू बाजार में देखने को नहीं मिला है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें
दिल्ली:
पेट्रोल: ₹94.72 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.62 प्रति लीटर
मुंबई:
पेट्रोल: ₹103.94 प्रति लीटर
डीजल: ₹89.97 प्रति लीटर
कोलकाता:
पेट्रोल: ₹103.94 प्रति लीटर
डीजल: ₹90.76 प्रति लीटर
चेन्नई:
पेट्रोल: ₹100.85 प्रति लीटर
डीजल: ₹92.44 प्रति लीटर
सुबह 6 बजे होती है कीमतों में अपडेट
पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट की जाती हैं. अगर कीमतों में कोई बदलाव होता है, तो इसे तेल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर तुरंत अपडेट किया जाता है. अन्यथा, वेबसाइट पर ताजा रेट लिस्ट जारी होती है.
डीजल: ₹92.27 प्रति लीटर
बेंगलुरु:
पेट्रोल: ₹102.86 प्रति लीटर
डीजल: ₹88.94 प्रति लीटर
लखनऊ:
पेट्रोल: ₹94.65 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.76 प्रति लीटर
नोएडा:
पेट्रोल: ₹94.66 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.76 प्रति लीटर
गुरुग्राम:
पेट्रोल: ₹94.98 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.85 प्रति लीटर
चंडीगढ़:
पेट्रोल: ₹94.24 प्रति लीटर
डीजल: ₹82.40 प्रति लीटर
पटना:
पेट्रोल: ₹105.42 प्रति लीटर
रतन टाटा: देश के प्रेरणास्त्रोत और व्यवसाय के महानायक
29 Dec, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रतन टाटा भारत के एक प्रमुख उद्यमी और विचारक, एक शख्सियत है जिसने देश और विश्व को अपनी साफ़, सजीव और प्रेरणास्त्रोत शक्ति से प्रेरित किया है। उनका कारोबारिक जीवन और नेतृत्व और काबिलियत ने टाटा ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया है और उन्हें एक सफल उद्यमपीठ के रूप में माना गया है। रतन टाटा ने हमेशा अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्य की भावना से देखा है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। उनकी सादगी, सम्मानवादिता और व्यवहार का ताज और सच्चाई के साथ ही उन्हें सबके दिलों में एक अजेय स्थान दिलाया है। एक खास कहानी जिसने रतन टाटा की महानता को और भी उजागर किया, वह है फोर्ड मोटर्स के साथ की एक घटना। जब टाटा इंडिका कार बाजार में मना नहीं पा रही थी, तो रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार व्यावसाय को बेचने का फैसला किया। इसमें फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड के मजाक का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपने अपमान को भूला नहीं। रतन टाटा ने फोर्ड के जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदा और उसके उतार चढ़ाव में सहायक बने, जिससे टाटा मोटर्स ने अपने आदर्श और समर्पण की यात्रा को विस्तारित किया। इस्तीफा देने के बजाय, रतन टाटा ने अपनी निर्णयकता और सहनशीलता से विश्वास दिखाया और एक महान उपलब्धिस्तर को हासिल किया। रतन टाटा के लिए काम करने का मतबल पूजा था। उनका कहना था कि काम तभी बेहतर होगा, जब आप उसकी इज्जत करेंगे। उनमें एक और खासियत ये थी कि वे हमेशा शांत और सौम्य रहते थे, अपनी कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी तक से वे बड़े प्यार से मिलते थे, उनकी जरूरतों को समझते थे और उनकी हर संभव मदद करते थे। रतन टाटा के जीवन और कार्य का अद्वितीय उदाहरण है कि कभी भी असफलता के साथ जुड़ापन बेहतर कर्मचारी कर सकता है और सफलता के रास्ते पर निर्णयकता और संकल्प से निरंतर चलना अहम है। उनकी उदारता, विनम्रता और प्रेरणाप्रद प्रेरणा को हम सभी को अनुसरण करना चाहिए।
बीते सप्ताह तेल-तिलहनों की कीमतें मजबूती के साथ बंद
29 Dec, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । पाम और पामोलीन तेल की कीमतें सर्दियों की मांग के कारण बढ़ गई हैं। बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहनों की कीमतें मजबूती के साथ बंद हुईं। पाम और पामोलीन तेल के दाम बढ़े हैं, जिसके कारण इसकी आम उपभोक्ता की पहुंच से दूर हो गई है। सूत्रों के अनुसार सोयाबीन और सरसों जैसे तिलहनों की मांग बढ़ने के कारण बाकी तेल-तिलहन की कीमतें भी सुधार रही हैं। पिछले सप्ताह सीपीओ का दाम मजबूती के साथ 1,240-1,245 डॉलर प्रति टन हो गया है। एक साधारण उपभोक्ता के लिए पामोलीन तेल का आयात पहले की तुलना में लगभग 17 रुपये किलो महंगा हो गया है। मौजूदा महंगाई के चलते तेलों की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन तेलों का खपना मुमकिन नहीं है। केवल तेलों के दाम में ही बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन के डी-आयल्ड केक की स्थानीय मांग बढ़ रही है और इससे तेल-तिलहनों में सुधार हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में कपास की खेती का रकबा घटकर 112.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। किसानों के लिए बिनौला खल का दाम वायदा कारोबार में 2,660 रुपये क्विंटल रह गया है, जो मूंगफली किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। अब बिनौला तेल का दाम 12,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा सरसों और सोयाबीन तेलों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। मूंगफली तिलहन की कीमत 5,925-6,250 रुपये क्विंटल, और मूंगफली तेल 14,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यह महंगाई सामान्य जनता पर असर डाल रही है, जिससे उन्हें और भी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ रहा है।
हिमाचल के ऊना में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित होगा: मुख्यमंत्री सुक्खू
29 Dec, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला । मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ऊना जिले में लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इस संयंत्र की न्यूनतम प्रसंस्करण क्षमता होगी 500 किलोग्राम प्रति घंटा और यह आलू के गुच्छे के उत्पादन पर केंद्रित होगा। सुक्खू ने बताया कि राज्य में कुल सब्जी खेती में आलू का हिस्सा लगभग 20 प्रतिशत है। यह 16,960 हेक्टेयर से लगभग 2,38,317 टन उपज देता है। आलू प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना से किसानों को अधिक लाभकारी मूल्य मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आलू को फ्लेक्स जैसे मूल्य-संवर्धित उत्पादों में प्रसंस्कृत करने से यह संयंत्र आलू बाजार को स्थिर करेगा और किसानों की संवेदनशीलता में कमी आएगी। ऊना जिला में दोनों मौसमों में अच्छे उत्पादन के लिए संयंत्र की स्थापना करने के लिए अच्छी स्थिति है। सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग को इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है और उम्मीद है कि यह योजना किसानों के लिए एक क्रांति लाएगी।
क्रेडिला फाइनेंशियल ने आईपीओ के लिए दस्तावेज किए दाखिल
29 Dec, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली वित्तीय कंपनी क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग के माध्यम से अपनी प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। यह घटनाक्रम पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान कंपनी के स्वामित्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हुआ है। क्रेडिला ने एक सार्वजनिक घोषणा में सेबी और स्टॉक एक्सचेंज के साथ प्री-ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिए हैं। ईक्यूटी और क्रिसकैपिटल के एक निजी इक्विटी कंसोर्टियम ने क्रेडिला में 90.01 प्रतिशत हिस्सेदारी 9,060 करोड़ रुपये में खरीदी, जिसमें 2,003.61 करोड़ रुपये की नई इक्विटी शामिल है। कंसोर्टियम ने क्रेडिला का प्री-मनी मूल्यांकन 10,350 करोड़ रुपये किया है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक ईक्यूटी के पास 72.01 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, क्रिसकैपिटल के पास 18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और एचडीएफसी बैंक के पास 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम: नए ऐप से मिलेगा राशन सुविधा का लाभ
28 Dec, 2024 03:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नए साल में अब राशन कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी. सब काम इस ऐप से होगा. केंद्र और राज्य सरकार गरीबों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. इसी कड़ी में भारत सरकार एक ऐप लॉन्च किया है. भारत सरकार ने “Mera Ration 2.0” नामक ऐप लॉन्च किया है. इससे आप बिना राशन कार्ड के भी राशन ले सकते हैं.
इस स्कीम से पूरे देशवासियों को आसानी होगी. बस आपको ऐप में अपना आधार नंबर डालना होगा. आधार नंबर डालते ही आपकी पूरी डिटेल इस ऐप में आ जाएगी. इसके बाद आपका काम पूरा हो जाएगा. इस ऐप को आप Google Play Store से डाउनलोड कर सकते है. “Mera Ration 2.0” ऐप आपके काम और आसान बना देगा.
यह ऐप आपके राशन कार्ड से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. इससे आपको घर बैठे ही समय बचाते हुए सब कुछ करना आसान होगा. इस ऐप को कैसे डाउनलोड कर सकते है साथ ही आप इसे कैसे इस्तेमाल करेंगे की इसकी पूरी जानकारी नीचे दिए गए है. आप इन्हें फॉलो कर सकते है.
ऐप डाउनलोड और इस्तेमाल करने का तरीका इस प्रकार है-
सबसे पहले Google Play Store खोलें.
फिर “Mera Ration 2.0” ऐप को सर्च करें.
ऐप को सेलेक्ट करें और इंस्टॉल पर क्लिक करें.
इंस्टॉल होने के बाद ऐप खोलें, और “Beneficiary User” विकल्प चुनें.
फिर कैप्चा और आधार नंबर डालकर सबमिट करें.
अब आपके सामने राशन कार्ड से जुड़ी सारी सेवाओं की लिस्ट आ जाएगी. उस पर क्लिक करें.
उसके बाद जरूरी जानकारी भरें और सबमिट करें.
जापानी ऑटोमेकर को भारत में लाने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन
28 Dec, 2024 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओसामु सुजुकी एक चतुर कंजूस व्यक्ति, जिन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक जापान की सुजुकी मोटर का नेतृत्व किया और भारत को एक समृद्ध ऑटो बाजार में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कंपनी ने कहा कि क्रिसमस के दिन लिम्फोमा के कारण उनकी मृत्यु हो गई, जिसे उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुख्य कार्यकारी या अध्यक्ष के रूप में महत्वाकांक्षी रूप से मिनीव्हीकल के अपने प्राथमिक बाजार से बाहर निकाला। जापान के लिए विशेष रूप से सस्ती, बॉक्सी, 660-सीसी कारों को उदार कर छूट का लाभ मिला, लेकिन लागत पर कठोर लगाम की मांग की, जो ऑटोमेकर के डीएनए का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित हुआ।
सुजुकी की मितव्ययिता पौराणिक थी
वह एयर-कंडीशनिंग पर बचत करने के लिए कारखाने की छत को कम करने का आदेश देते थे और बुढ़ापे में भी हवाई जहाज में इकॉनमी क्लास में यात्रा करते थे।
"हमेशा के लिए" या "जब तक मैं मर न जाऊँ" ये उनके खास हास्यपूर्ण जवाब थे, जिनके साथ उन्होंने इस बारे में पूछे जाने वाले सवालों का जवाब दिया कि वे कंपनी में कितने समय तक बने रहेंगे, जिस पर उन्होंने अपने 70 और 80 के दशक तक कड़ी पकड़ बनाए रखी।
ओसामु मात्सुदा के रूप में जन्मे सुजुकी ने अपनी पत्नी के परिवार का नाम गोद लेने के माध्यम से अपनाया, जो जापानी परिवारों में आम बात है, जहाँ कोई पुरुष उत्तराधिकारी नहीं होता।
कंपनी को पतन के कगार से बचाया
पूर्व बैंकर 1958 में अपने दादा द्वारा स्थापित कंपनी में शामिल हुईं और दो दशक बाद अध्यक्ष बनने के लिए रैंकों के माध्यम से ऊपर की ओर काम किया। 1970 के दशक में, उन्होंने टोयोटा मोटर को नए उत्सर्जन नियमों को पूरा करने वाले इंजन की आपूर्ति करने के लिए राजी करके कंपनी को पतन के कगार से बचाया, लेकिन जिसे सुजुकी मोटर ने अभी तक विकसित नहीं किया था।
1979 में ऑल्टो मिनीव्हीकल के लॉन्च के साथ और अधिक सफलता मिली, जो एक बड़ी हिट बन गई, जिसने 1981 में जनरल मोटर्स के साथ गठजोड़ करने पर ऑटोमेकर की सौदेबाजी की शक्ति को बढ़ाया।
भारत में सुजुकी का निवेश
इसके बाद सुजुकी ने भारत के लिए एक राष्ट्रीय कार निर्माता बनाने के लिए कंपनी की एक साल की कमाई का निवेश करने का एक बड़ा और जोखिम भरा निर्णय लिया। उनकी व्यक्तिगत रुचि "दुनिया में कहीं नंबर एक बनने" की तीव्र इच्छा से प्रेरित थी, उन्होंने बाद में याद किया।
उस समय, भारत एक ऑटोमोटिव पिछड़ा क्षेत्र था, जहाँ सालाना 40,000 से कम कारों की बिक्री होती थी, जिनमें से ज्यादातर ब्रिटिश नकल थीं।
लोगों की कार
सरकार ने मारुति का राष्ट्रीयकरण किया था, जिसे 1971 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की एक पसंदीदा परियोजना के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत में बनी एक सस्ती, "लोगों की कार" का उत्पादन करना था। मारुति को एक विदेशी भागीदार की जरूरत थी, लेकिन रेनॉल्ट के साथ शुरुआती सहयोग विफल हो गया क्योंकि विचाराधीन सेडान को घरेलू जरूरतों के लिए बहुत महंगा और अपर्याप्त ईंधन-कुशल माना गया।
मारुति टीम ने कई दरवाजे खटखटाए, लेकिन फिएट और सुबारू और संयोग से सुजुकी मोटर सहित ब्रांडों द्वारा व्यापक रूप से ठुकरा दिया गया।
1983 में मारुति 800 हैचबैक का लॉन्च
पहली कार, ऑल्टो पर आधारित मारुति 800 हैचबैक, 1983 में लॉन्च की गई थी, जो तुरंत सफल हो गई। आज, सुजुकी मोटर द्वारा बहुमत वाली मारुति सुजुकी, अभी भी भारत के कार बाज़ार के लगभग 40% हिस्से पर कब्ज़ा करती है। वर्ग-चेतन भारत में, सुजुकी ने भी बदलाव की शुरुआत की, कार्यस्थल में समानता पर जोर दिया, ओपन-प्लान ऑफिस, एक कैंटीन और अधिकारियों और असेंबली-लाइन श्रमिकों के लिए समान वर्दी का आदेश दिया। हालांकि, सभी प्रयास सफल नहीं हुए।
2009 में वोक्सवैगन के साथ कई अरब डॉलर का समझौता
अपने 80वें जन्मदिन से एक महीने पहले, सुजुकी ने दिसंबर 2009 में दिग्गज वोक्सवैगन के साथ कई अरब डॉलर का समझौता किया। स्वर्ग में बनी जोड़ी के रूप में प्रचारित, यह जल्द ही लड़खड़ा गया, जब सुजुकी मोटर ने अपने नए शीर्ष शेयरधारक पर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जबकि VW ने जापानी फर्म द्वारा फिएट से डीजल इंजन खरीदने पर आपत्ति जताई।
सुजुकी मोटर ने दो साल से भी कम समय में VW को एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय में ले जाया, अंततः जर्मन ऑटोमेकर को बेची गई 19.9% हिस्सेदारी को वापस खरीदने में सफल रही। सुजुकी, जो अक्सर गोल्फ और काम को अपने स्वास्थ्य की कुंजी बताते थे, ने अंततः 2016 में सीईओ का पद अपने बेटे तोशीहिरो को सौंप दिया, और 91 वर्ष की आयु तक पांच साल तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, तथा अंत तक सलाहकार की भूमिका निभाई।
2024 का IPO बाजार: भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक पहचान का प्रतीक
28 Dec, 2024 01:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के IPO बाजार ने 2024 में नई ऊंचाइयों को छूते हुए 11.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रिकॉर्ड आय दर्ज किया. यह आंकड़ा 2023 में जुटाई गई 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि से दोगुना है. ग्लोबल डेटा की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और निवेशकों के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाती है.
2024 के प्रमुख IPO
भारत में 2024 में कई बड़े IPO लॉन्च हुए, जिनमें हुंडई मोटर (3.3 बिलियन USD), स्विगी (1.3 बिलियन USD), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (1.2 बिलियन USD), विशाल मेगा मार्ट (0.9 बिलियन USD) और बजाज हाउसिंग फाइनेंस (0.8 बिलियन USD) शामिल हैं. ये IPO न केवल निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हुए, बल्कि बाजार की गति को भी बनाए रखने में मददगार रहे.
IPO की सफलता के कारण
इस उछाल के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं. सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे और कोर सेक्टर के विकास पर जोर, निजी क्षेत्र में पूंजीगत व्यय में वृद्धि, और घरेलू तथा विदेशी निवेशकों की सक्रियता ने इस बाजार को मजबूती दी. खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और लिस्टिंग-डे पर बेहतर रिटर्न की संभावनाओं ने भी इस वृद्धि को बल दिया.
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जहां 200 से अधिक कंपनियां सार्वजनिक हुईं. इस क्षेत्र में कुल 604 IPO के माध्यम से 33.9 बिलियन USD जुटाए गए, जिसमें से भारत का योगदान प्रमुख था.
अन्य देशों का प्रदर्शन
जापान ने 12.6 बिलियन USD के साथ 275% की वृद्धि दर्ज की, जबकि मलेशिया ने 1.1 बिलियन USD जुटाए. इसके विपरीत, चीन में 51% की गिरावट हुई, जहां केवल 64 IPO के माध्यम से 5.2 बिलियन USD जुटाए गए.
2025 की संभावनाएं
विश्लेषकों का मानना है कि 2025 का IPO बाजार और भी मजबूत रहेगा. खुदरा निवेशकों की सक्रियता, घरेलू पूंजी प्रवाह, और मजबूत पाइपलाइन से भारत को और बड़े अवसर मिलने की उम्मीद है.
आरबीआई रिपोर्ट में खुलासा, उच्च ब्याज दरों के बावजूद पर्सनल लोन में बढ़ोतरी
28 Dec, 2024 01:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दो साल से उच्च ब्याज दरों के स्थिर होने के बावजूद पर्सनल लोन के तहत आने वाले हाउसिंग, क्रेडिट कार्ड और शिक्षा कर्ज में 23 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, हाउसिंग के एवज में कर्ज मार्च, 2024 तक सबसे अधिक 36 फीसदी बढ़कर 27,18,715 करोड़ रुपये पहुंच गया। मार्च, 2023 तक यह 19,91,164 करोड़ रुपये था। कुल पर्सनल लोन 20 फीसदी बढ़कर 53.31 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है।
इसी तरह, क्रेडिट कार्ड बकाया 25.6 फीसदी बढ़कर 2.57 लाख करोड़ और शिक्षा कर्ज 23.7 फीसदी बढ़कर 1.19 लाख करोड़ पहुंच गया। कंज्यूमर ड्यूरेबल खरीदने को लिया गया कर्ज 13.4 फीसदी, फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले कर्ज 2.2 फीसदी, ऑटो लोन 17.4 फीसदी और गोल्ड लोन 14.8 फीसदी बढ़ा है। कुल कर्ज में पर्सनल लोन का हिस्सा 2023-24 में बढ़कर 27 फीसदी पहुंच गया, जो 2022-23 में 20 फीसदी था। कृषि कर्ज 15.4 फीसदी से बढ़कर मार्च, 2024 में 20 फीसदी पहुंच गया। उद्योग कर्ज बढ़कर 8.5 फीसदी पहुंच गया।
आपसे पैसे लेकर बैंक ऐसे चलाते हैं अपना कारोबार
बैंकों का कारोबार मूलरूप से आपसे जमा लेकर उसी को किसी अन्य को कर्ज देकर चलता है। आपसे कम ब्याज पर पैसा लेकर दूसरों को ज्यादा ब्याज पर देते हैं। सरकारी बैंकों के फंड की लागत 2022-23 में 4.1 फीसदी रही थी और उनकी कमाई 7.5 फीसदी रही। 2023-24 में लागत बढ़कर 5 फीसदी तो हो गई, लेकिन कर्ज से कमाई भी बढ़कर 8.41 फीसदी पर पहुंच गई। निजी बैंकों का भी यही हाल है। उनकी लागत मार्च, 2024 में 5.4 फीसदी थी लेकिन कर्ज से कमाई 10.4 फीसदी रही थी।
सूक्ष्म-छोटे उद्योगों को भी मिला ज्यादा ऋण
रिपोर्ट के मुताबिक, सूक्ष्म एवं छोटे उद्योगों का हिस्सा 13.1 से बढ़कर 14.7 फीसदी, मध्यम इकाइयों का 12.3 फीसदी से बढ़कर 13.3 फीसदी और बड़ी कंपनियों को दिए जाने वाला कर्ज का हिस्सा 3.5 फीसदी से बढ़कर 6.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। इसी प्रकार, कुल कर्ज में सेवा क्षेत्र का हिस्सा 23.5 फीसदी रहा, जो 2023 मार्च में 19.5 फीसदी रहा था।
बड़े कर्ज लेने वालों का हिस्सा घटा
रिपोर्ट के अनुसार, कुल उधारी में शेडयूल्ड कमर्शियल बैंकों से बड़ी उधारी लेने वालों का हिस्सा घट गया है। मार्च, 2024 में इनका हिस्सा 43.9 फीसदी रहा जो मार्च, 2023 में 46.5 फीसदी रहा था।
एक साल में 1.10 करोड़ से अधिक नए क्रेडिट कार्ड जारी
देश में एक साल में 1.10 करोड़ से अधिक नए क्रेडिट कार्ड जारी हुए हैं। नवंबर, 2023 में कुल 9.60 करोड़ कार्ड थे, जो इस साल नवंबर में बढ़कर 10.72 करोड़ हो गए। निजी बैंकों की हिस्सेदारी 71 फीसदी व सरकारी बैंकों की 23.82 फीसदी है। क्रेडिट कार्ड से कुल लेनदेन का मूल्य 1.70 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
डेबिट कार्ड में सरकारी बैंकों का दबदबा
नवंबर, 2024 तक 99.36 करोड़ डेबिट कार्ड थे। इसमें सरकारी बैंकों का हिस्सा 64.67 फीसदी व निजी बैंकों का 24.94 फीसदी है।
नए वर्ष से बदल जाएंगे कई नियम, सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा असर
27 Dec, 2024 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । साल 2024 का अलविदा कहने वाला है और नया साल 2025 शुरू होने वाला है। 1 जनवरी से नया साल शुरू होते ही कई महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक नियमों में बदलाव आने वाला है। नए नियम मध्यमवर्गीय लोगों के जीवन और बजट पर सीधा प्रभाव डालेंगे। इन नियमों में राशन कार्ड, एलपीजी सिलेंडर, क्रेडिट कार्ड, और ईपीएफओ पेंशन सहित कई ऐसे आइटम शामिल हैं, जो हर नागरिक के लिए आवश्यक हैं। व्यापार क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। विशेषकर अमेजन इंडिया ने नए साल के साथ ही अपनी प्राइम मेम्बरशिप के नियमों में बदलाव करने की सूचना दी है। अब प्राइम वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए सिर्फ 2 टीवी पर ही सेवाएं उपलब्ध होंगी और अतिरिक्त मेम्बरशिप की आवश्यकता होगी। टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी नए नियम तैयार हो रहे हैं। अब इन कंपनियों को ऑप्टिकल फाइबर और नए मोबाइल टावर लगाने के लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। यह नए नियम सर्विस प्रोवाइड करने और परेशानी कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा वाहन उद्योग में भी बड़े बदलाव हुए हैं। कुछ प्रमुख कार कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, हुंडई और महिंद्रा ने अपनी कारों की कीमतों में 3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। ओयल कंपनियों भी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव का संकेत दे रही हैं। हालांकि, 14.2 किलो वाले घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, पिछले कुछ महीनों से 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी 1 जनवरी 2025 से एनबीएफसी और एचएफसी के फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़ी नीतियों में बदलाव किया है, जो डिपॉजिट तक लेने, लिक्विड असेट्स रखने और डिपॉजिट का इंश्योरेंस में संबंधित है। इन सभी बदलावों के साथ, स्वागत करें साल 2025 का, जो एक नया अध्याय आरंभ करने का वक्त है। यह नियमों में बदलाव लेकर आता है और हमें एक नया स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान कर सकता है।
सोने के बाद अब चांदी पर भी हॉलमार्किंग की तैयारी
27 Dec, 2024 09:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । चांदी और ज्वेलरी खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि सरकार नए नियम ला रही है जो उनकी हितों की सुनिश्चित करने के लिए होगा। अब चांदी के सिक्कों और ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग का नियम शुरू हो सकता है। इस नियम के लागू होने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। इस समय सोने के लिए हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम का उपयोग हो रहा है और अब चांदी से बनी वस्तुओं पर भी हॉलमार्किंग का प्लान बन रहा है। हालांकि, चांदी पर हॉलमार्किंग करने में एक बड़ी चुनौती है क्योंकि चांदी अधिक प्रदूषणकारी हो सकती है जिसके कारण आइडेंटिफिकेशन सिस्टम मार्क समय के साथ खराब हो सकता है। लेकिन इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए अब शोध जारी है ताकि चांदी को वायुमंडलीय प्रतिक्रियाओं से बचाया जा सके। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) तकनीकी समाधान की तलाश में है ताकि हॉलमार्किंग को चांदी की वस्तुओं पर लागू किया जा सके। एक बार तकनीकी समस्याएं हल हो जाएं तो चांदी पर हॉलमार्किंग को लागू करना संभव होगा। हॉलमार्किंग कोड हर ज्वेलरी के लिए अद्वितीय होता है और उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करता है कि उनकी ज्वेलरी की गुणवत्ता और शुद्धता मानकों के अनुरूप है। इससे उपभोक्ताओं को सही कीमत मिलने की गारंटी होती है।