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इकोनॉमी को गति मिलेगी, टैरिफ के बावजूद भारत में बढ़ेगी विकास दर: रेटिंग एजेंसी
12 Mar, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली. अमेरिकी ट्रेड टैरिफ और वैश्विक अस्थिरता जैसी चुनौतियों के बाद भी भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है. यह जानकारी गुरुवार को क्रिसिल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दी गई.
यह पूर्वानुमान दो मान्यताओं पर आधारित है. इनमें पहला सामान्य मानसून और दूसरा कमोडिटी की कीमतों में नरमी जारी रहना है. रिपोर्ट में कहा गया कि घटती महंगाई, आम बजट 2025-26 में टैक्स छूट की घोषणा और ब्याज दरों के कम होने से खपत बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बताया गया कि हाई फ्रीक्वेंसी डेटा जैसे परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) डेटा के मुताबिक, भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अपना शीर्ष स्थान बनाए हुए है.
परीक्षा की घड़ी
क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, अमीश मेहता ने कहा कि भारत की मजबूती की फिर से परीक्षा हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में तेज आर्थिक विकास, कम चालू खाता घाटा और बाहरी सार्वजनिक ऋण और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार ने बाहरी झटकों से सुरक्षित रखने में मदद की है. साथ ही इससे पर्याप्त नीतिगत स्वतंत्रता भी मिली है.
आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्र खपत का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन छोटी अवधि की वृद्धि के लिए शहरी मांग जरूरी है. मेहता ने आगे कहा कि दूसरी ओर, निरंतर निवेश और दक्षता लाभ मध्यम अवधि में सहायक होंगे. हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2031 तक मैन्युफैक्चरिंग और सेवा दोनों क्षेत्र विकास को समर्थन देंगे.
9 फीसदी की दर से बढेगी मैन्युफैक्चरिंग
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-31 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर औसतन 9.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो महामारी के पूर्व दशक में औसतन 6 प्रतिशत थी. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि सर्विसेज सेक्टर ग्रोथ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता रहेगा, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी जारी रहेगी. वित्त वर्ष 26 में 20 प्रतिशत हो सकती है, जो कि वित्त वर्ष 25 में 17 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि अगले वित्त वर्ष में रेपो रेट में 50 से 75 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है.
जियो-स्पेसएक्स करार से होगा संभव भारत के दूरदराज इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी
12 Mar, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली. देश में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए रिलायंस जियो ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ एक अहम करार किया है. रिलायंस जियो ने 12 मार्च को ऐलान किया है कि कंपनी ने भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएँ शुरू करने के लिए एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ साझेदारी के लिए एक एग्रीमेंट पर साइन किए हैं. इससे पहले भारती एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ यह करार किया था.
जियो और स्पेसएक्स के बीच यह समझौता, दोनों कंपनियों को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रदान करने की अनुमति देता है. जियो अपने रिटेल आउटलेट और ऑनलाइन स्टोरफ्रंट दोनों के माध्यम से स्टारलिंक सर्विस औऱ सॉल्युशन उपलब्ध कराएगा. कंपनी अपने फिजिकल स्टोर में स्टारलिंक उपकरण पेश करने और कस्टमर केयर स्थापित करने की योजना बना रही है.
दूरदराज तक पहुंचेगा इंटरनेट
जियो और स्पेसएक्स इस पार्टनरशिप के जरिए, भारत के सबसे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों समेत देश भर में भरोसेमंद ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. डेटा ट्रैफिक के मामले में दुनिया भर में सबसे बड़े मोबाइल ऑपरेटर के रूप में जियो अब स्टारलिंक की बेहतर सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का फायदा उठाएगी, और इसका लाभ जियो के करोड़ों यूजर्स को मिलेगा.
स्पेसएक्स के साथ इस समझौते से रिलायंस जियो देशभर में सभी बिजनेस वेंचर, छोटे और मध्यम व्यवसायों व समुदायों को विश्वसनीय इंटरनेट उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है. स्टारलिंक सबसे चुनौतीपूर्ण स्थानों पर भी तेज और किफ़ायती इंटरनेट उपलब्ध कराकर जियो एयरफाइबर और जियोफाइबर का पूरक बनेगा.
Trade War के तहत कनाडा का कदम, अमेरिका को बिजली निर्यात पर शुल्क बढ़ाया
11 Mar, 2025 05:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर ने अपना रूप दिखना शुरू कर दिया है। ट्रंप की ओर से कनाडा पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के ऐलान के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा ने भी 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि कनाडा के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत ओंटारियो के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध के जवाब में 15 लाख अमेरिकियों से बिजली के लिए 25 प्रतिशत अधिक शुल्क लेने की घोषणा की है। ओंटारियो, मिनेसोटा, न्यूयॉर्क और मिशिगन को बिजली का निर्यात करता है। ओंटारियो के प्रधानमंत्री डग फोर्ड ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप के शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक आपदा हैं। वे अमेरिकी परिवारों और व्यवसायों के लिए जीवन को और अधिक महंगा बना रहे हैं।’’
ओंटारियो पीछे नहीं हटेगा
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि जबतक कि शुल्क का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता, ओंटारियो पीछे नहीं हटेगा। उन्होने कहा, ‘‘हम मजबूती से खड़े रहेंगे, हम उपलब्ध हर विकल्प का उपयोग करेंगे और ओंटारियो की रक्षा के लिए जो भी करना होगा, करेंगे।’’ फोर्ड ने कहा है कि ट्रंप की ओर से एक महीने की राहत के बावजूद ओंटारियो का शुल्क लागू रहेगा, एक महीने के विराम का मतलब और अधिक अनिश्चितता के अलावा कुछ नहीं है। फोर्ड के कार्यालय ने कहा कि नए बाजार नियमों के अनुसार अमेरिका को बिजली बेचने वाले किसी भी जनरेटर को अमेरिका में 25 प्रतिशत का अधिभार जोड़ना होगा ओंटारियो की सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रति दिन तीन से चार लाख कनाडाई डॉलर का राजस्व मिलेगा।
अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी: भारत
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क पर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है और इस दिशा में बातचीत अब भी जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बर्थवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों के बारे में विदेश मामलों की संसदीय समिति को अवगत कराया कि भारत अपने शुल्क को ‘काफी कम’ करने के लिए सहमत हो गया है। वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन और यूरोप से संबंधित घटनाक्रम के बारे में संसदीय समिति को जानकारी दी। भारत के सीमा शुल्क कम करने पर सहमति जताए जाने संबंधी ट्रंप के दावे पर कई संसद सदस्यों ने चिंता जताई। इस पर वाणिज्य सचिव ने कहा कि कोई व्यक्ति इन दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है।
किसी को भी लाभ नहीं होगा
उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क के मोर्चे पर किसी भी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जताई है। सूत्रों ने बताया कि कई सदस्यों ने बर्थवाल से अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता पर सवाल पूछे और उन्होंने कथित तौर पर उनकी आशंकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापार वार्ता के दौरान भारत के हितों का ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बर्थवाल ने संसदीय समिति से कहा कि भारत मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार का उदारीकरण चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वाणिज्य सचिव ने कहा कि शुल्क युद्ध छिड़ने से अमेरिका सहित किसी को भी लाभ नहीं होगा और यह मंदी की आहट दे सकता है। हालांकि, कुछ संसद सदस्यों ने उनसे पूछा कि भारत सीमा शुल्क पर अमेरिकी कदमों को लेकर मेक्सिको और कनाडा की तरह अपनी आवाज क्यों नहीं उठा रहा है। इस पर बर्थवाल ने कहा कि दोनों मामलों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि अमेरिका के उनके साथ सुरक्षा संबंधी चिंताएं और सीमा आव्रजन संबंधी मुद्दे हैं।
लाभकारी समझौते’ पर हस्ताक्षर होगा
सूत्रों के मुताबिक, बर्थवाल ने संसदीय समिति से कहा कि भारत, अमेरिका के साथ एक ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते’ पर हस्ताक्षर करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ऐसे उद्योगों की रक्षा करेगा जो उसकी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय रूप से सीमा शुल्क कम कर सकता है लेकिन बहुपक्षीय रूप से ऐसा नहीं किया जा सकता है और इसी वजह से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम किया जा रहा है। इस बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को चीन और यूरोप के साथ भारत के संबंधों के बारे में जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, मिस्री ने कहा कि दक्षिण-पूर्वी चीन में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि चीन ने अपनी योजना परिव्यय में इसके विकास के लिए धनराशि निर्धारित की है।
अगले महीने आएगा डिविडेंड रिकॉर्ड डेट, शेयरधारकों को मिलेगा ₹28
11 Mar, 2025 04:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Dividend Stock: रोलर, बॉल बेयरिंग, इंजन सिस्टम, ट्रांसमिशन कंपोनेंट, चेसिस एप्लीकेशन, क्लच सिस्टम और मशीन मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनी Schaeffler India ने गुरुवार को अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने के लिए रिकॉर्ड डेट का ऐलान किया। कंपनी ने बुधवार, 23 अप्रैल, 2025 को रिकॉर्ड डेट निर्धारित किया है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि 62वीं वार्षिक आम बैठक (‘एजीएम’) में पात्र शेयरधारकों को डिविडेंट देने के लिए रिकॉर्ड डेट बुधवार, 23 अप्रैल, 2025 तय की है। है। कंपनी ने आगे बताया कि 31 दिसंबर को समाप्त वर्ष के लिए लाभांश का भुगतान वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की तारीख से 30 दिनों के भीतर किया जाएगा।
₹28 प्रति शेयर डिविडेंड देगी कंपनी
27 फरवरी को, शेफलर इंडिया ने घोषणा की थी कि उसके बोर्ड ने प्रति शेयर ₹28 का डिविडेंड (लाभांश) देने का फैसला किया है। शेफलर इंडिया ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि 2 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 28 रुपये का लाभांश दिया जाएगा। शेफ़लर इंडिया के शेयर की कीमत मंगलवार, 3 बजे, शेफ़लर इंडिया का शेयर एनएसई पर टूटकर 3,219 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था।
शेफ़लर इंडिया लाभांश इतिहास
यह शेफलर इंडिया का तीसरा सबसे बड़ा डिविडेंट भुगतान होगा। इससे पहले, 2021 में, कंपनी ने अपने निवेशकों को ₹38 प्रति शेयर का लाभांश वितरित किया था। इससे पहले, 2020 में, इसने शेयरधारकों को ₹35 प्रति शेयर लाभांश दिया था। 2023 में, शेफलर इंडिया ने अपने निवेशकों को प्रति शेयर ₹24 का लाभांश वितरित किया था। उसी वर्ष, कंपनी ने 5:1 अनुपात में स्टॉक विभाजन किया था और उसके बाद प्रति शेयर ₹16 का लाभांश जारी किया। शेफ़लर इंडिया के Q3 FY25 में शुद्ध लाभ 13.20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो दिसंबर 2024 तिमाही में ₹237.28 करोड़ तक पहुंच गया।
10,000 करोड़ रुपये की कमी से संकट में ‘लाडकी बहीण’
11 Mar, 2025 02:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने आगामी फाइनेंशियल ईयर का बजट विधानसभा में पेश कर दिया है. सरकार ने चुनावों से पहले शुरू की लाडकी बहीण योजना के बजट में बड़ी कटौती की है. महायुति सरकार ने लाडकी बहीण योजना के बजट को 46,000 करोड़ से घटाकर 36,000 करोड़ रुपए कर दिया है. महाराष्ट्र की महायुति सरकार के इस फैसले के बाद सरकार अब बड़े स्तर पर लाडकी बहीण योजना में लाभ लेने वाली महिलाओं को छटनी करने जा रहा है, इस छटनी में सरकार उन लोगों का नाम काटेगी जो इस योजना के लिए सरकारी क्राइटेरिया पूरा नहीं करते हैं.
क्यों घटाया लाडकी बहीण योजना का बजट
महाराष्ट्र सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जिसमें कोई नई बड़ी योजना घोषित नहीं की गई. इसका मुख्य कारण राज्य पर बढ़ता कर्ज और राजस्व घाटा है. महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में मुख्यमंत्री माझी लड़की बहीण योजना के लिए आवंटित राशि में 10,000 करोड़ रुपये की कटौती की है, जिससे इस योजना के लाभार्थियों पर असर पड़ सकता है.
महाराष्ट्र सरकार पर इतना कर्ज
महाराष्ट्र का कुल ऋण अब 9.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, और 2025-26 में राजस्व घाटा 45,891 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. पिछले वर्ष की तुलना में राजकोषीय घाटा दोगुना से भी अधिक हो गया है. राज्य का अनुमानित ऋण 2 लाख करोड़ रुपए है, जो 2024-25 में 7.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. यह एक दशक पहले की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़ चुका है. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जो वित्त विभाग भी संभालते हैं, ने इस पर जोर दिया कि ऋण और राजकोषीय घाटा राजकोषीय सीमा के भीतर हो.
बजट में अन्य घोषणाएं
स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए जिला वार्षिक योजना बजट 11% बढ़ाया गया, जो अब 20,165 करोड़ रुपये है. अनुसूचित जाति घटक में 42% वृद्धि और आदिवासी घटक में 40% वृद्धि की गई. मोटर वाहनों पर नए कर और कुछ लेन-देन पर स्टांप शुल्क बढ़ाया गया, जिससे सरकार को 1,125 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है.
BSNL का प्लान: 425 दिन तक अनलिमिटेड कॉलिंग का मौका
11 Mar, 2025 02:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली आने से पहले ही सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल ने एक बड़ा धमाका कर दिया है। BSNL ने होली आने से ऐसा बड़ा धमाका किया है जिसने एयरटेल और वीआई की निंद उड़ा दी है। जहां निजी टेलिकॉम कंपनियां अपने रिचार्ज प्लान्स में ग्राहकों को अधिकतम 365 दिन की वैलिडिटी ऑफर कर रही हैं वहीं अब BSNL 425 दिन वाला प्लान लेकर आ गया है। आपको बता दें कि BSNL के पास निजी कंपनियों के तुलना में कहीं अधिक लंबी वैलिडीट वाले प्लान्स मौजूद हैं। कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में 70 दिन, 150 दिन, 160 दिन, 180 दिन, 336 दिन और 365 दिन तक चलने वाले प्लान्स शामिल कर रखें हैं। अब कंपनी ने होली के पहले 425 दिन वाला जबरदस्त रिचार्ज प्लान पेश कर दिया है।
BSNL के प्लान ने यूजर्स की कराई मौज
अगर आप बार बार महंगे रिचार्ज प्लान लेने के झंझट से फ्री होना चाहते हैं तो आप बीएसएनएल के इस 425 दिन वाले रिचार्ज प्लान का फायदा ले सकते हैं। सरकारी कंपनी के इस नए प्लान की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें आपको लंबी वैलिडिटी का ऑफर काफी अफोर्डेबल प्राइस में दिया जा रहा है। आप ढाई हजार रुपये से भी कम कीमत में 15 महीने तक सिम कार्ड को एक्टिव रख सकते हैं। BSNL अपने करोड़ों ग्राहकों को और मोबाइल यूजर्स को सिर्फ 2399 रुपये में 425 दिनों की लंबी वैलिडिटी वाला प्लान ऑफर कर रही है। बीएसएनएल का यह प्लान 425 दिन तक ग्राहकों को लोकल और एसटीडी सभी नेटवर्क के लिए अनलिमिटेड कॉलिंग ऑफर करता है। इसके साथ ही कंपनी 100 फ्री एसएमएस भी देती है।
हर दिन मिलेगा 2GB डेटा
इस 15 महीने मिलने वाले रिचार्ज प्लान में मिलने वाले डेटा बेनिफिट्स की बात करें तो इसमें कुल 850GB डेटा मिलता है। मतलब आप 425 दिन तक डेली 2GB डेटा मिलता है। इस तरह यह रिचार्ज प्लान उन यूजर्स के लिए भी काफी किफायती हो जाता है जिन्हें अधिक डेटा की जरूरत पड़ती है। बीएसएनएल ने अपने इस एक प्लान से ही निजी कंपनियों की टेंशन कई गुना बढ़ा दी है।सरकारी कंपनी के इस रिचार्ज प्लान को खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि यह ऑफर लिमिटेड टाइम के लिए है। एक ही प्लान में 425 दिन की वैलिडिटी, 2GB डेली डेटा, डेली 100SMS और फ्री कॉलिंग की सुविधा के लिए आपको इस प्लान को 31 मार्च से पहले ही लेना होगा।
गडकरी का बयान: अर्थव्यवस्था के लिए टैक्स घटाना नहीं है समाधान
11 Mar, 2025 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को उद्योग जगत से कहा कि वे टैक्स कटौती की बार-बार मांग न करें, क्योंकि सरकार को गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए धन की जरूरत है। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक लागत दो साल के भीतर नौ प्रतिशत तक कम हो जाएगी। अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर गडकरी ने कहा, ‘‘माल एवं सेवा कर (GST) और करों में कटौती की मांग न करें। यह एक सतत प्रक्रिया है जो चल रही है। यदि हम कर कम करते हैं, तो आप और अधिक मांगेंगे, क्योंकि यह मानव स्वभाव है।
उन्होंने कहा, हम टैक्स बोझ कम करना चाहते हैं, लेकिन टैक्स के बिना सरकार कल्याणकारी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ा सकती। मंत्री ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण अमीर लोगों से कर लेना और गरीबों को लाभ देना है। इसलिए सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं। गडकरी के अनुसार, वर्तमान में भारत की लॉजिस्टिक लागत 14 से 16 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि दो साल के भीतर हमारी लॉजिस्टिक लागत नौ प्रतिशत हो जाएगी। इससे हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।’’
उद्योगजगत रोजगार देने पर जोर दें
मंत्री ने कहा कि चीन में लॉजिस्टिक लागत आठ प्रतिशत है और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है। गडकरी ने यह भी कहा कि भारतीय उद्योग जगत को गुणवत्ता से समझौता किए बिना उत्पादन की लागत कम करने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि पूंजी निवेश बढ़ाकर भारत अधिक रोजगार सृजित करने जा रहा है। उन्होंने कहा, आप केवल धन सृजनकर्ता ही नहीं हैं, बल्कि रोजगार सृजनकर्ता भी हैं। हमें इस स्वर्णिम युग का लाभ उठाने की जरूरत है। इसके अलावा गडकरी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
IndusInd Bank के शेयरों की कीमत में बड़ी गिरावट निवेशकों के लिए चिंताजनक
11 Mar, 2025 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में बैंकिंग सेक्टर में भूचाल आया हुआ है. इंडसइंड बैंक के शेयर 20% गिरकर लोअर सर्किट पर बंद हो गए हैं. इस बड़ी गिरावट से इंडसइंड बैंक की नेटवर्थ में 1600 से 2000 करोड़ रुपए की गिरावट आई है. आपको बता दें पिछले 52 हफ्ते में इंडसइंड बैंक के शेयर अपने निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. इससे पहले मार्च 2020 में इंडसइंड बैंक के शेयर में गिरावट देखी गई थी.
क्यों गिरे इंडसइंड बैंक के शेयर?
इंडसइंड बैंक ने हाल में दिसंबर 2024 तक लोन लेने वाले कस्टमर का इंटरनल सर्वे किया है और इस सर्वे की रिपोर्ट को 10 मार्च को एक्सचेंज में फाइल किया है. जिसके बाद से इंडसइंड बैंक की नेटवर्थ करीब 2.35% गिर गई है. आपको बता दें इंडसइंड बैंक के प्रमोटर हिंदुजा ग्रुप के अंतर्गत आने वाली इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड ने अपनी चौथी तिमाही या अगले फाइनेंशियल ईयर तक हुए नुकसान को कवर करने की प्लानिंग बनाई है.
RBI के आदेश पर किया इंटरनल सर्वे
इंडसइंउ बैंक ने ये इंटरनल सर्वे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सितंबर 2023 में जारी किए गए लोन डेरिवेटिव पोर्टफोलियो पर जारी सर्कुलर के बाद किया गया है. इस इंटरनल सर्वे में “अन्य परिसंपत्ति और अन्य लायबिलिटी” अकाउंट की जांच की गई है और डिस्पीरियंस अकाउंट बैलेंस की पहचान की गई है. आपको बता दें RBI के मास्टर डायरेक्शन के अनुसार कमर्शियल बैंक को 1 अप्रैल 2024 से वैल्यूएशन और ऑपरेशन इंवेस्टमेंट की जांच करनी है.
इंडसइंड बैंक का इंटरनल सर्वे
एक्सचेंज फाइलिंग में इंडसइंड बैंक की इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर 2.35% का प्रतिकूल असर पड़ने का अनुमान है. इसके साथ ही इंडसइंड बैंक ने रिव्यू और सर्वे के लिए समानांतर एक्सटर्नल एजेंसी भी अपॉइंट की हैं, जिनकी फाइनल रिपोर्ट के आने का फिलहाल इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद बैंक किसी नतीजे पर पहुंचेगा. हालांकि इंडसइंड बैंक ने कहा कि उसका प्रॉफिट और कैपिटल हेल्थ बेहतर है. साथ ही बैंक के बोर्ड ने 10 मार्च को मार्केट क्लोज होने के बाद एक्सचेंज फाइलिंग की.
इंडसइंड बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे
बैंक ने दिसंबर तिमाही में अपने स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में 39% की गिरावट दर्ज की है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 2,298 करोड़ रुपए की तुलना में 1,401 करोड़ रुपए रहा. हालांकि, कर पश्चात लाभ (पीएटी) स्ट्रीट के 1,282 करोड़ रुपए के अनुमान से अधिक रहा. शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 5,228 करोड़ रुपए रही, जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 5,296 करोड़ रुपए थी. शुद्ध ब्याज मार्जिन वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 4.29% और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 4.08% से घटकर 3.93% रह गया.
इंडसइंड बैंक के शेयर
सोमवार को इंडसइंड बैंक के शेयर बीएसई पर 3.9% की गिरावट के साथ 900.6 रुपये पर बंद हुए, जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स में 0.29% की गिरावट आई. पिछले 12 महीनों में शेयर में 42% और पिछले पांच सालों में 1% की गिरावट आई है. कंपनी का बाजार पूंजीकरण 70,161 करोड़ रुपये है.
कन्हैया कुमार 16 मार्च से करेंगे बिहार में ‘नौकरी दो, पलायन रोको’ यात्रा, सियासी पारा चढ़ा
10 Mar, 2025 05:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार अब बिहार में सक्रिय होंगे. विधानसभा चुनाव से पहले वो 16 मार्च को बिहार यात्रा पर निकलेंगे. उनकी इस यात्रा का नाम ‘नौकरी दो, पलायन रोको’ होगा. इसकी शुरुआत वो चंपारण में भितिहरवा गांधी आश्रम से करेंगे. बताया जा रहा है कि यात्रा के फाइनल अप्रूवल को लेकर कन्हैया 12 मार्च को राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात भी कर सकते हैं.
इसी दिन दिल्ली में बिहार कांग्रेस नेताओं की चुनावी तैयारियों के लिए राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक भी हो सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार के राज्य में सक्रिय होने से लालू परिवार से गांधी परिवार के रिश्तों में खटास आ सकती है. इसकी वजह ये मानी जा रही है कि तेजस्वी यादव नहीं चाहते हैं कि कन्हैया बिहार में सक्रिय हों.
बिहार में सक्रिय होना चाहते हैं कन्हैया
उधर, कन्हैया कुमार के करीबी मानते हैं कि वो बिहार में सक्रिय होना चाहते हैं. इसके लिए विधानसभा चुनाव से पहले का वक्त बिल्कुल सही है. बता दें कि कन्हैया कुमार बिहार के रहने वाले हैं. 1987 में बिहार के बेगूसराय जिले के तेघरा विधानसभा क्षेत्र छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ था.
कन्हैया के सियासी सफर की शुरुआत
कन्हैया की स्कूली शिक्षा बरौनी के आरकेसी हाई स्कूल से हुई है. स्कूल के दिनों में उनकी रुचि एक्टिंग में थी. वो इंडियन पीपल्स थियेटर एसोसिएशन के सदस्य भी थे.साल 2002 में पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया. यहीं से उनका राजनीतिक सफर भी शुरू हुआ. वो अखिल भारतीय छात्र फेडरेशन के सदस्य बने.
2021 में थामा था कांग्रेस का हाथ
इसके बाद दिल्ली का रुख किया और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है. यहां 2015 में छात्र संघ चुनाव जीता और अध्यक्ष बने. साल 2019 में कन्हैया कुमार ने सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह से हार गए थे. इसके बाद साल 2021 में कांग्रेस से जुड़ गए. कन्हैया अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.
होली के त्योहार पर दुकानदारों की खासी कमाई, कारोबार 25,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान
10 Mar, 2025 01:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली की तैयारी गांव से लेकर शहरों तक दिखाई दे रही है। बाजार रंग, गुलाल, होली के कपड़े, मिठाइयां से लेकर तमाम तरह के समान से पटा है। बाजार में मांग भी अच्छी देखने को मिल रही है। भारत में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की जमकर बिक्री हो रही है। वहीं मिठाइयां, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी जबरदस्त मांग बाजारों में दिखाई दे रही है। रंग-अबीर खेलने के लिए लोग सफेद टी-शर्ट और कुर्ता-पाजामा, सलवार सूट की मांग कर रहे हैं। हैप्पी होली लिखे टी-शर्ट की मांग भी बाजार में लगातार बनी हुई है। इससे दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के अनुसार, इस वर्ष होली का त्योहार व्यापारियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% अधिक है। पिछले वर्ष यही कारोबार लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का था। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली के बाजारों में ही लगभग 8 हजार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की संभावना है।
रिकॉर्ड संख्या में होली मिलन समारोह का आयोजन
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस वर्ष भी दिल्ली सहित देश भर में भर में बड़े पैमाने पर होली समारोहों का आयोजन हो रहा है जिसके चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों ,रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा हुआ है| अकेले दिल्ली भर में छोटे बड़े मिलाकर 3 हजार से ज्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं और सभी कार्यक्रमों में शामिल लोगों को चेहरों पर एक नई ख़ुशी तथा उत्साह का वातावरण देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में व्यापारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संगठन होली मिलन समारोह आयोजित कर रहे हैं।
बाजार में तेजी से बढ़ रही भीड़
बाजार में खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। फल और मिठाई के साथ में मेवे की माला ले जाने की परंपरा के चलते खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ दुकानों पर लगी रही। इसके चलते बाजार में चहल पहल बनी हुई है। बाजार में अलग-अलग तरह की पिचकारी गुब्बारे और अन्य आकर्षक आइटम आए हैं। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक की उपलब्ध है। टैंक के रूप में पिचकारी 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में उपलब्ध है। इसके अलावा फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम मची है। बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि को बच्चे खूब पसंद कर रहे है। वहीं गुलाल के स्प्रे की मांग बेहद हो रही है।
पतंजलि का विदर्भ में नया कदम, किसानों को मिलेगा आर्थिक लाभ
10 Mar, 2025 01:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि नागपुर में नया पतंजलि फूड और हर्बल पार्क विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए राहत लेकर आएगा. गौरतलब है कि इस क्षेत्र में किसान आत्महत्या की कई घटनाएं हुई हैं. गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के मिहान में फूड पार्क का उद्घाटन किया. इस अवसर पर पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक रामदेव और इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण मौजूद थे.
संतरा किसानों को होगा फायदा
गडकरी ने विदर्भ में संतरा किसानों की भलाई के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी. उन्होंने क्षेत्र में फलों के उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के साथ ही उपज की अच्छी कीमत सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों के बारे में भी बताया. नागपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले गडकरी ने कहा, नया पार्क विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए राहत लेकर आएगा, जहां किसानों की आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं. फडणवीस ने कहा, मुझे लगता है कि यह केंद्र (पार्क) न केवल इस परियोजना के लिए, बल्कि संतरा उगाने वाले सभी किसानों के लिए वरदान साबित होगा. फडणवीस ने कहा कि संयंत्र में फलों की छंटाई, ग्रेडिंग और भंडारण का काम किया जाएगा. साथ ही फलों का छिलके और बीज सहित पूरी तरह प्रसंस्करण किया जाएगा.
पतंजलि ने तोड़ा कमाई का रिकॉर्ड
रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली बाबा रामदेव की FMCG कंपनी पतंजलि फूड्स ने कमाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पतंजलि फूड्स का चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही मे नेट प्रॉफिट 71.29 प्रतिशत बढ़कर 370.93 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 216.54 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. चालू वित्त वर्ष अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 9,103.13 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7,910.70 करोड़ रुपये थी. उक्त अवधि में कंपनी का खर्च बढ़कर 8,652.53 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,651.51 करोड़ रुपये था.
NPS vs UPS: पेंशन के लिए निवेश की योजना, क्या है आपका सबसे अच्छा विकल्प?
10 Mar, 2025 01:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
NPS vs UPS: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सबसे अहम होती है और इसके लिए सही निवेश की योजना जरूरी है. अगर आपकी योजना रिटायरमेंट के बाद हर महीने 1 लाख रुपए की पेंशन पाने की है, तो इसके लिए आपको सही स्कीम में निवेश करना होगा. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) दो प्रमुख ऑप्शन हैं, जिनके जरिए आप यह टारगेट हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि किस स्कीम में कितना निवेश करना होगा और कौन-सा ऑप्शन बेहतर रहेगा.
अप्रैल 2025 से लागू होगी
1 अप्रैल, 2025 से सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को दो पेंशन योजनाओं में से चुनने का ऑप्शन मिलेगा. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ( एनपीएस ) और एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस). जनवरी 2004 में शुरू की गई एनपीएस ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की जगह ली और केंद्र सरकार के तहत सभी विभागों को कवर करती है.दूसरी ओर, यूपीएस हाल ही में सरकार द्वारा घोषित एक नई पेंशन योजना है, जो अप्रैल 2025 से लागू होगी.
NPS vs UPS
NPS भारत सरकार द्वारा संचालित एक रिटायरमेंट योजना है, जिसमें व्यक्ति को नियमित निवेश करना होता है. इसमें निवेशकों को 60 साल की उम्र के बाद एकमुश्त राशि और पेंशन दोनों मिलती है. इसमें रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है. वहीं, UPS एक प्राइवेट पेंशन स्कीम होती है, जिसमें व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार इन्वेस्टमेंट प्लान चुन सकता है. इसमें अलग-अलग कंपनियों की योजनाएं होती हैं और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न अलग-अलग हो सकता है. यूपीएस के तहत सरकार मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) के योग का 18.5% योगदान देगी, जबकि कर्मचारी का योगदान 10% होगा, जो एनपीएस के समान है.
पेंशन गारंटी
एनपीएस में कोई निश्चित पेंशन गारंटी नहीं है, जबकि यूपीएस औसत मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर पेंशन मिलता है. एनपीएस के तहत, इक्विटी, लोन और अन्य बाजार-लिंक्ड फंडों में निवेश करने का ऑप्शन मिलता है, जबकि यूपीएस मुख्य रूप से सरकारी बांड और सुरक्षित स्कीम में निवेश करता है. यूपीएस में सरकार का योगदान एनपीएस से अधिक है.
यूपीएस कम जोखिम वाली योजना
एनपीएस में निवेश बाजार से जुड़ा होता है, जिससे यह अधिक जोखिमपूर्ण हो जाता है, जबकि यूपीएस कम जोखिम वाली योजना है, क्योंकि इसमें निश्चित पेंशन मिलती है. अब सवाल यह है कि 1 लाख रुपए की मासिक पेंशन पाने के लिए दोनों योजनाओं में कितना निवेश करना होगा? आइए आपको इसे विस्तार से समझाते हैं.
यूपीएस: 35 साल की नौकरी के बाद 1 लाख रुपये पेंशन कैसे सुनिश्चित करें?
मान लीजिए कोई 1 अप्रैल 2025 को 25 वर्ष की आयु में सरकारी नौकरी में शामिल होता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, उसने 35 वर्ष तक नौकरी की है. अगर रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों का औसत मूल वेतन 2 लाख रुपए प्रति महीने है, तो यूपीएस के तहत 50% की दर से गारंटीड पेंशन मिलेगी, यानी 1 लाख रुपए प्रति महीने. इसके अलावा यूपीएस में हर साल महंगाई के हिसाब से पेंशन बढ़ाने का प्रावधान है. अगर सालाना 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी मान लें तो 61 साल की उम्र में पेंशन 1,04,500 रुपए होगी.
एनपीएस: 1 लाख रुपए पेंशन के लिए कितना निवेश जरूरी?
अगर कोई व्यक्ति 25 वर्ष की आयु में काम करना शुरू करता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, तो उसे हर महीने 16,800 रुपए (10% कर्मचारी योगदान और 14% सरकारी योगदान को मिलाकर) निवेश करने की आवश्यकता होगी. एनपीएस में शामिल होने की उम्र: 25 साल है. हर महीने की योगदान (कर्मचारी + सरकार) 16,800 रुपए है. अनुमानित रिटर्न इन्वेस्टमेंट पर 9 प्रतिशत है. कुल निवेश 70.6 लाख रुपए है तो कुल रिटर्न 4.27 करोड़ रुपए है. इसमें क्लोजिंग अमाउंट 4.98 करोड़ रुपए है. पेंशन के लिए 40% फंड आवंटित 1.99 करोड़ रुपए और पेंशन के लिए 40% फंड आवंटित 1.99 करोड़ रुपए है. अनुमानित रिटर्न इन्वेस्टमेंट 6 प्रतिशत है. एकमुश्त निकासी 60% 2.99 करोड़ रुपए है तो जिससे हर महीने आपकी पेंशन 1 लाख रुपए होगी.
भारत की टैरिफ नीति में बदलाव, अमेरिका से व्यापार बढ़ाने की दिशा में कदम
10 Mar, 2025 01:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत की तरफ से अमेरिका के साथ व्यापार को और आगे बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इसी कड़ी में भारत ने कुछ कृषि उत्पादों पर शून्य शुल्क सहित अधिक टैरिफ कटौती करने की इच्छा व्यक्त की है। इसके पीछे का मकसद दोनों देशों के बीच के व्यापार को साल 2030 तक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाना है।खबर के मुताबिक, यह लक्ष्य इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिखर वार्ता के दौरान तय किया गया था।
संभावित ट्रेड वॉर को रोकने की कवायद तेज
खबर के मुताबिक, नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि संभावित ट्रेड वॉर को रोकने के लिए, भारतीय पक्ष ने अमेरिका के साथ बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार के लिए कारों, रसायनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के आयात में बड़ी कटौती का संकेत दिया है। एक अधिकारी का कहना है कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में वाशिंगटन में एक टीम टैरिफ में कई बदलावों के ताजा उदाहरणों का हवाला देकर अमेरिकियों के बीच इस नकारात्मक धारणा का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है कि भारत एक हाई टैरिफ वाला देश है।
इन प्रोडक्ट्स को लेकर हो सकता है फैसला
भारत की तरफ से कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगाए जाने वाले हाई टैरिफ को लेकर भी फैसला हो सकता है। इनमें हाई-एंड मोटरसाइकिलों पर टैरिफ को 110% से घटाकर 100% करने और अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 50% से घटाकर 30% करना शामिल है। भारतीय पक्ष ने दाल और मटर की विशिष्ट मात्रा के आयात पर शून्य-शुल्क ढांचे की इच्छा का संकेत दिया है। भारतीय पक्ष ने अमेरिकी व्यापार डेटा का भी हवाला दिया है। यह दर्शाता है कि भारत अमेरिका द्वारा भारत को निर्यात की जाने वाली दो दर्जन से ज्यादा वस्तुओं पर औसतन सिर्फ 3% शुल्क लगाता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल व्यापार तनाव को कम करने के लिए एक समझौते पर बातचीत करने के लिए वाशिंगटन में हैं। बता दें, टम्प 2 अप्रैल से नए टैरिफ लागू करने जा रहे हैं।
भारत के कुल निर्यात में आ सकती है कमी!
जानकारों का कहना है कि अगर ट्रम्प टैरिफ को लेकर आगे बढ़ते हैं तो भारत की हाई टैरिफ दर और अमेरिका के साथ 41 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष इसे सबसे कमजोर देशों में से एक बनाता है। एसबीआई के एक नोट के मुताबिक, अमेरिका के टैरिफ में औसतन 15%-20% की बढ़ोतरी से भारत के कुल निर्यात में 3-3.5% की कमी आ सकती है। सरकार के सलाहकार प्रस्तावित कम भारतीय टैरिफ के परिणामस्वरूप चीनी सामानों के सस्ते फ्लो को रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में सकारात्मक शुरुआत, निवेशकों का आत्मविश्वास बरकरार
10 Mar, 2025 01:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार ने सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र में सोमवार को सपाट शुरुआत की। सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क सेंसेक्स 40.67 अंक की बढ़त के साथ 74,373.25 के लेवल पर कारोबार करता दिखा। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 5.85 अंक की मामूली तेजी के साथ 22,558.35 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। सोमवार को इंडिया पेस्टिसाइड्स, एचएफसीएल, एनडीआर ऑटो कंपोनेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स, बायोकॉन, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, थंगमायिल ज्वेलरी, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स और एस्ट्राजेनेका फार्मा जैसे स्टॉक्स फोकस में हैं।
टॉप गेनर और लूजर
निफ्टी पर आज कारोबार की शुरुआत में प्रमुख लाभ पाने वाले शेयरों में सन फार्मा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, अडानी एंटरप्राइजेज, जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल रहे। इसके विपरीत नुकसान उठाने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, एलएंडटी, बजाज ऑटो, आईटीसी शामिल थे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे गिरकर 87.29 पर आया।
चर्चा में हैं ये स्टॉक्स
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने सीईओ सुमंत कठपालिया को बोर्ड द्वारा अनुशंसित तीन वर्ष के कार्यकाल के बजाय एक वर्ष का विस्तार प्रदान किया। कारोबार की शुरुआत में इंडसइंड बैंक के शेयरों में 5% की गिरावट देखने को मिली। अमेरिका में रिवेरोक्साबैन टैबलेट यूएसपी के लॉन्च पर ल्यूपिन के शेयरों में उछाल देखा गया। कंपनी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी रिवेरोक्साबैन टैबलेट यूएसपी, 2.5 मिलीग्राम, लॉन्च की है। टाटा पावर के शेयरों में 3% की तेजी देखने को मिली, सब्सिडियरी कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ 5.6 अरब डॉलर के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
दुनिया के बाजारों में आज का रुझान
एशियाई शेयरों में सोमवार को गिरावट आई क्योंकि एसएंडपी 500 के लिए इक्विटी वायदा अनुबंधों में 0.4% की गिरावट आई और नैस्डैक 100 के लिए भी गिरावट आई। टोक्यो समयानुसार दोपहर 12:12 बजे तक S&P 500 वायदा 0.4% गिर गया। जापान के टॉपिक्स में 0.2% की वृद्धि हुई। ऑस्ट्रेलिया के S&P/ASX 200 में 0.2% की वृद्धि हुई। हांगकांग के हैंग सेंग में 1.6% की गिरावट आई। शंघाई कम्पोजिट में 0.5% की गिरावट आई। यूरो स्टॉक्स 50 वायदा में 0.7% की वृद्धि हुई।
स्टार्टअप दिगंतरा ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में झोंकी नई ऊर्जा
10 Mar, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के पहले वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह ने शनिवार को काम शुरू कर दिया। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप दिगंतरा का यह उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करने वाली पांच सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं की निगरानी कर सकता है। दिगंतरा ने बताया कि इस निगरानी उपग्रह ने शनिवार को दक्षिण अमेरिका की तस्वीरें लीं। स्टार्टअप ने 14 जनवरी को स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट पर अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह एससीओटी प्रक्षेपित किया था। उपग्रह ने शनिवार को परिचालन शुरू किया। दिगंतरा की इस उपलब्धि के साथ ही अमेरिका, चीन जैसे सरीखे देश पीछे छूट गए हैं।
छिपने के लिए जगह खत्म हो गई
दिगंतरा ने पोस्ट किया, ''अंतरिक्ष में छिपने के लिए जगह खत्म हो गई है।'' कंपनी ने एक बयान में कहा कि एससीओटी उपग्रह ने शनिवार को दक्षिण अमेरिका के ऊपर से गुजरते हुए अपनी पहली तस्वीर भेजी। दिगंतरा के सीईओ अनिरुद्ध शर्मा ने कहा कि एससीओटी की पहली तस्वीर तकनीकी रूप से एक बड़ी उपलब्धि है और यह कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
स्पेसएक्स को भी टक्कर
बेंगलुरु स्थित दिगंतरा अपने स्पेस मिशन एश्योरेंस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतरिक्ष संचालन और अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए एंड-टू-एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है। जानकारों का कहना है कि दिगंतारा जिस तेजी से बढ़ा रहा है वह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में यह एलन मस्क के स्पेसएक्स को भी टक्कर दे सकता है।