व्यापार
तेज बढ़त के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा उछला
17 Mar, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार ने सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र की अच्छी शुरुआत की। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स बाजार सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर 311.99 अंकों की बढ़त के साथ 74,140.90 के लेवल पर कारोबार करता दिखा। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 90.75 अंक उछलकर 22,487.95 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। भारतीय शेयर बाजार ने लंबे सप्ताहांत और होली की छुट्टी के बाद पॉजिटिव शुरुआत की है। आज क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विप्मेंट्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, टाटा मोटर्स, वोल्टास, तेजस नेटवर्क्स, केपीआईटी टेक्नोलॉजीज, गैलेक्सी सर्फैक्टेंट्स, एनटीसी इंडस्ट्रीज, 3एम इंडिया, इंटरनेशनल कन्वेयर्स, केसोल्व्स इंडिया, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज और स्पाइसजेट जैसे स्टॉक फोकस में हैं।
टॉप गेनर और लूजर
शुरुआती कारोबारी घंटों में, निफ्टी 50 में सबसे ज़्यादा लाभ कमाने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, एसबीआई लाइफ, बजाज फिनसर्व, कोल इंडिया और टाटा मोटर्स का स्थान रहा। दूसरी ओर, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, बीपीसीएल, विप्रो और नेस्ले इंडिया मुख्य रूप से पिछड़े हुए शेयर रहे। पिछले सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स में भारी बिकवाली का दबाव रह, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों ने निवेशकों के मन में नकारात्मकता फैलाई और धारणा को प्रभावित किया।
एशियाई बाजारों में तेजी
चीन द्वारा उपभोग को पुनर्जीवित करने के लिए और कदम उठाने का वादा करने के बाद एशियाई शेयरों में उछाल आया। सोमवार के शुरुआती कारोबार में ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया में शेयरों में तेजी आई, साथ ही हांगकांग में वायदा भी उच्च खुलने का संकेत दे रहा है। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, यह बढ़त शुक्रवार को एसएंडपी 500 के 2.1% उछलने के बाद आई, क्योंकि सरकार ने शटडाउन को टाल दिया, जबकि तकनीक-भारी नैस्डैक 100 में 2.1% की बढ़त हुई। सोमवार को चीनी अधिकारियों द्वारा उपभोग को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा करने के साथ गोल्डन ड्रैगन सूचकांक में 2.7% की वृद्धि हुई। डॉलर स्थिर रहा।
फेड के नीतिगत फैसले का इंतजार
अमेरिकी फेडरल रिजर्व मंगलवार को यानी18 मार्च को अपनी दो दिनों समीक्षा बैठक शुरू करने वाला है। पिछले सितंबर से 100 आधार अंकों की कटौती के बाद केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों को स्थिर रखने की उम्मीद है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी है कि टैरिफ में वृद्धि से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। नीतिगत फैसले की घोषणा 19 मार्च को की जाएगी।
भारत में हाइपरलूप प्रोजेक्ट: एशिया की सबसे तेज़ परिवहन प्रणाली का आगाज़ 1000 किमी/घंटा की गति से होगी यात्रा
17 Mar, 2025 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में महत्वाकांक्षी हाइपरलूप प्रोजेक्ट डेवलप हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब तैयार होगी। उन्होंने कहा कि इसकी लंबाई 410 मीटर की होगी और यह जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप बन जाएगी। रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने 15 मार्च को आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट टेक्नोलॉजी चेन्नई स्थित ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री’ में डेवलप की जाएगी।
1000 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार
रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में वैष्णव ने आईआईटी मद्रास परिसर में अपने दौरे का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “एशिया में सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब (410 मीटर) जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी होगी।” हाइपरलूप को परिवहन का पांचवा तरीका माना जाता है। यह एक हाई-स्पीड ट्रेन है जो लगभग वैक्यूम ट्यूब में ट्रैवल करती है। लो एयर रेजिस्टेंस ट्यूब के अंदर कैप्सूल को 1,000 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति तक पहुंचने में मदद मिलती है। रेल मंत्रालय ने मई, 2022 में हाइपरलूप परिवहन प्रणाली और इसकी उप-प्रणालियों को स्वदेशी रूप से विकसित और मान्य करने के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी थी।
कहां चलेगी पहली हाइपरलूप
भारत की पहली हाइपरलूप ट्रेन मुंबई से पुणे के बीच चल सकती है। यह सिर्फ 25 मिनट में 150 किलोमीटर का सफर पूरा कर लेगी। हाइपरलूप की खास बात यह है कि इसमें ट्रेन दो स्टेशनों के बीच कहीं नहीं रुकती है। महाराष्ट्र सरकार ने हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
गोल्ड ईटीएफ में भी जमकर निवेश कर रहे निवेशक
16 Mar, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। फिजिकल गोल्ड के साथ अब दुनियाभर में लोग गोल्ड ईटीएफ में भी जमकर निवेश कर रहे हैं. यही वजह है कि फरवरी, 2025 के दौरान लगातार तीसरे महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी में वैश्विक स्तर पर गोल्ड ईटीएफ में 9.4 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जो मार्च 2022 के बाद सबसे बड़ी मासिक बढ़ोतरी है। फरवरी के दौरान वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की आशंका और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी ने सोने की कीमतों को मजबूती दी। इस दौरान सोने के दाम अमेरिकी डॉलर में 1 फीसदी और भारतीय रुपये में 4 फीसदी तक बढ़े। फरवरी 2025 में गोल्ड ईटीएफ की होल्डिंग में 99.9 टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सोने की कीमतों में मजबूती और लगातार तीसरे महीने आए इनफ्लो की बदौलत गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट बढ़कर रिकॉर्ड 306 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। एशियाई निवेशकों ने भी गोल्ड ईटीएफ में भरोसा दिखाया, जहां 2.3 बिलियन डॉलर का इनफ्लो दर्ज किया गया. चीन इस मामले में सबसे आगे रहा और यहां 1.93 बिलियन डॉलर गोल्ड ईटीएफ में लगाए। भारत में भी 220.5 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ, क्योंकि घरेलू इक्विटी बाजार में गिरावट और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ा।
ओयो होटल्स ने घोषित किया मुफ्त ठहरने का बड़ा ऑफर
16 Mar, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। देशभर में ओयो होटल्स के ठहरने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। ओयो कंपनी ने घोषित किया है कि लोग अब पांच दिनों तक मुफ्त ठहर सकते हैं। इस ऑफर के तहत, देशभर में 1000 होटलों में यह सुविधा उपलब्ध है। इस ऑफर की शुरुआत होली के मौके पर की गई है, जो भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीत के उत्सव के बाद है। ओयो के फाउंडर ने एक्स पर एक पोस्ट करके बताया कि इस ऑफर का मुख्य उद्देश्य यात्रा करने और प्रियजनों के साथ समय बिताने की प्रोत्साहन है। इस खास मौके पर ऑफर का नवाजा जाएगा, इसमें प्रीमियम से बजट और टाउनहाउस कमरे शामिल हैं। इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को ओयो की वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करनी होगी और चैंपियन कूपन कोड का उपयोग करना होगा। यह ऑफर केवल पहले 2000 बुकिंग्स तक ही सीमित है, इसलिए जल्दी ही बुक करें और इस होली को और भी यादगार बनाएं।
इस हफ्ते तीन अलग-अलग कंपनियों के आईपीओ आएंगे
16 Mar, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । आईपीओ में पैसा निवेश करने वालों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, जैसे कि इस हफ्ते तीन अलग-अलग कंपनियों के आईपीओ होने वाले हैं। इनमें से दो आईपीओ एसएमई सेगमेंट के होंगे, जो की बहुत ही रोमांचक और लाभदायक साबित हो सकते हैं। 17 मार्च को खुलने जा रहे हैं डिवाइन हीरा ज्वैलर्स आईपीओ और पारादीप परिवहन आईपीओदोनों ही आईपीओ लोगों के लिए एक बड़ा मौका पेश कर रहे हैं, जहाँ निवेशकों को अच्छी रिटर्न्स की उम्मीद है। साथ ही, 20 मार्च को खुलने जा रहे हैं एरिजइंफ्रा सॉल्युशन्स आईपीओ जो मेनबोर्ड सेगमेंट का है। यह आईपीओ भी निवेशकों के लिए बड़ा मौका पेश कर सकता है। इस हफ्ते शेयर बाजार में दो कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध भी होंगे, जो की भी एसएमई सेगमेंट में होंगे। इसलिए, निवेशकों के लिए यह एक वास्तविक चुनौतीपूर्ण और लाभदायक हफ्ता हो सकता है। इन सभी कंपनियों के आईपीओ को ध्यान से देखकर और रिसर्च करके निवेश का निर्णय लेना बेहद महत्वपूर्ण होगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश को उनके वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस के साथ मिलाकर करें।
एनसीआर में बिछेगी एक और मेट्रो लाइन, टेंडर जारी
16 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने गुरुग्राम को एक और मेट्रो लाइन की खुशखबरी दी है। इस परियोजना के तहत हुडा सिटी सेंटर से सेक्टर 9 तक 15.2 किलोमीटर लंबे वायडक्ट और 14 एलिवेटेड स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,286 करोड़ रुपए है और टेंडर की बोलियां 22 अप्रैल को खोली जाएंगी। अगर सब कुछ समय पर हुआ तो नई मेट्रो लाइन का पहला चरण 2027 तक तैयार हो जाएगा। गुरुग्राम में एक और महत्वपूर्ण व्यवसायिक संपत्ति का निर्माण शुरू हो रहा है, जो गुरुग्राम को महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ेगा और सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना के माध्यम से हुडा सिटी सेंटर से सेक्टर 45, सेक्टर 46 (साइबर पार्क), सेक्टर 47, सुभाष चौक, सेक्टर 48, सेक्टर 33, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार 6, सेक्टर 10, सेक्टर 37, बसई और सेक्टर 9 तक स्टेशनों का निर्माण होगा। चयनित ठेकेदार को वायडक्ट संरेखण का सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिससे परियोजना का सफल निर्माण सुनिश्चित होगा। इस परियोजना के अनुसार, गुरुग्राम में बनने वाली पूरी मेट्रो परियोजना 28.5 किमी लंबी होगी और इसमें बसई गांव से द्वारका एक्सप्रेसवे तक 1.85 किमी का हिस्सा भी शामिल होगा। हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 26.65 किमी लंबा मुख्य कॉरिडोर एलिवेटेड होगा, जिसमें कुल 27 स्टेशन होंगे। दिल्ली मेट्रो की यलो लाइन के साथ एक डिपो इंटरचेंज भी बनाया जाएगा, जो गुरुग्राम और दिल्ली के महत्वपूर्ण हिस्सों के बीच सीधी कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस मेट्रो लाइन के निर्माण से गुरुग्राम की जनता को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और शहर का विकास गति से आगे बढ़ेगा। यह परियोजना शहर के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और गुरुग्राम को एक मॉडर्न और उन्नत नगर बनाने में मदद करेगा।
अगले हफ्ते 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, अभी से प्लानिंग करें वरना रह जाएगे काम
15 Mar, 2025 04:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
UFBU Strike: अगर आपका भी अगले हफ्ते बैंक से जुड़ा कोई काम है तो उसके लिये अभी से प्लानिंग कर लीजिए. जी हां, अगले हफ्ते की आखिर में बैंक लगातार चार दिन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) की तरफ से बताया गया कि 24-25 मार्च को उसकी दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार होगी. UFBU की तरफ से कहा गया कर्मचारी संगठन की प्रमुख मांगों पर भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ बातचीत में किसी तरह का पॉजिटिव नतीजा नहीं निकल पाया.
5 दिन का वर्किंग वीक करने की मांग
भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ मीटिंग में UFBU के मेंबर्स ने सभी कैडर में भर्ती और पांच दिन का वर्किंग वीक समेत कई मुद्दे उठाए थे. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लाइज (NCBE) के महासचिव एल चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक के बावजूद प्रमुख मामलों को लेकर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई. UFBU नौ बैंक यूनियनों का एक संगठन है, जिसने 24 और 25 मार्च को हड़ताल बुलाई है. एक अधिकारी ने बताया कि 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे.
लगातार 4 दिनों तक बंद रह सकते हैं बैंक
शनिवार-रविवार के साथ हड़ताल होने से बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रह सकते हैं. हालांकि इस मामले को लेकर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ 18 मार्च को सुलह बैठक होनी है. UFBU ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिनमें पर्याप्त भर्तियां और सप्ताह में पांच दिन काम करना शामिल है. उन्होंने कहा, 'पब्लिक सेक्टर का बैंकिंग सिस्टम देश के वित्तीय ढांचे की रीढ़ है. लेकिन, पिछले कुछ साल में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे काम का माहौल बिगड़ गया है और इनकी कार्यक्षमता और पहुंच पर असर पड़ा है.
7 दिसंबर के एमओयू पर कार्रवाई
UFBU ने कहा, IBA ने 8 मार्च, 2024 को कर्मचारियों की यूनियन और बैंक के अधिकारी संगठनों के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन किये थे. इनमें 1 नवंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2027 की अवधि के लिए वेतन संशोधन और अन्य सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं. यूनियन ने साफ तौर पर मांग की कि IBA को अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले पांच दिन का वर्किंग वीक लागू करना चाहिए. 7 दिसंबर, 2023 को भी एमओयू पर साइन किये गए थे. SBI स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उप मुख्य सचिव ने कहा था कि UFBU और IBA दोनों की तरफ से फाइन डेज वर्किंग वीक पर सहमति जताई गई थी. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.
भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी, 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की उम्मीद
15 Mar, 2025 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत साल 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। उसने रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे इकोनॉमी बनने के रास्ते पर है। ग्लोबल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। भारत में पॉलिसी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के साथ ही माइक्रो स्टैबिलिटी दिख रही है। भारत अगले तीन साल में जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
5.7 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 तक इंडियन इकोनॉमी के 4.7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाने की उम्मीद है। इससे दुनिया में यह चौथे पायदान पर आ जाएगा। सिर्फ तीन इकोनॉमी दुनिया में भारत से बड़ी रह जाएंगी। इनमें अमेरिकी, चीन और जर्मनी शामिल हैं। साल 2028 तक भारत जर्मनी से आगे निकल जाएगा। तब भारत की इकोनॉमी बढ़कर 5.7 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। 2023 में इंडियन इकोनॉमी 3.5 लाख करोड़ डॉलर की थी।
तेजी से बढ़ रही है इंडियन इकोनॉमी
दूसरी स्थिति में भारत की इकोनॉमी बढ़कर 8.8 लाख करोड़ डॉलर की हो सकती है। तीसरी स्थिति बुल की है, जिसमें इंडियन इकोनॉमी बढ़कर 10.3 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल आउटपुट में भारत की हिस्सेदारी अगले दशक में बढ़ेगी। इसकी कई वजहें हैं। भारत में आबादी बढ़ रही है। लोकतत्र मजबूत है। बेहतर पॉलिसी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस से स्टैलिबिलिटी बनी हुई है। देश में आंत्रपेन्योर्स की संख्या बढ़ रही है। सामाजिक मानकों पर भी इम्प्रूवमेंट दिख रहा है।
सोना और शेयर बाजार: निवेशकों के लिए किसने दिया है सबसे अच्छा रिटर्न?
15 Mar, 2025 04:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने ने बीते कुछ सालों में सेफ, स्थिर और बेहतर रिटर्न दिया है. कोविड के बाद से ही स्टॉक मार्केट में जितना अच्छा बुल रन (तेजी का दौर) देखा गया, उतना ही खतरनाक बीयर स्लंप (गिरावट का रुख) भी देखने को मिला है. ऐसे में क्या सोना आगे भी बढ़िया रिटर्न देता रहेगा या स्टॉक मार्केट उसे पछाड़ देगा?. देश की टॉप म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले 3 साल में स्टॉक मार्केट का रिटर्न सोने के रिटर्न को मात दे देगा. इस रिपोर्ट में शेयर बाजार के आउट परफॉर्म करने की वजह भी बताई गई है.
आखिर क्यों शेयर बाजार देगा गोल्ड को मात?
रिपोर्ट में अंडरलाइन किया गया है कि जहां सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश का ऑप्शन रहा है. अनिश्चितता के समय इसमें निवेश बढ़ता है और रिटर्न भी बेहतर होता है. वहीं शेयर बाजार का रिटर्न बहुत हद तक इकोनॉमिक ग्रोथ पर डिपेंड करता है. इस वजह से स्टॉक मार्केट एक बेहतर निवेश विकल्प बन जाता है. हिस्टोरिकल डेटा को देखें तो जब-जब दुनिया में इकोनॉमिक एक्सपेंशन होता है. तब-तब शेयर मार्केट का तेजी से विस्तार होता है. इसकी वजह उस दौर में कॉरपोरेट की कमाई बढ़ती है और उसकी वजह से उनके शेयर की वैल्यू. इसका फायदा निवेशकों को मिलता है और वह बेहतर रिटर्न हासिल कर पाते हैं.
चौथी औद्योगिक क्रांति का दौर
एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में कही गई बात को अगर रियल लाइफ में लागू करके देखें, तो कुछ उदाहरण से आप इसे बखूबी समझ सकते हैं…
साल 1991 के दौर में जब भारत की इकोनॉमी ग्लोबलाइजेशन के दौर में आई तब शेयर मार्केट में नए इनोवेशन होने शुरू हुए. उस दौर में मार्केट के लूप होल्स ढूंढकर लोगों ने तेजी से पैसा कमाया. हर्षद मेहता, राकेश झुनझुनवाला, राधाकिशन दमानी और केतन पारेख जैसे नाम उसी दौर में चर्चा में आए. इस इकोनॉमिक एक्सपेंशन की वजह से ही SEBI को मजबूती मिली और फिर ये इंवेस्टर्स की सबसे बड़ी प्रोटेक्टर संस्था बनकर सामने आई.
इसके बाद 2008 की मंदी का दौर याद कीजिए. ग्लोबल इकोनॉमी के धराशायी होने के बावजूद इंडियन इकोनॉमी में डिमांड बनी रही. हालांकि उस साल सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट क्रैश देखने को मिला, लेकिन 2009 में ही सेंसेक्स ने रिकवरी कर ली. एक खबर के मुताबिक साल 2000 के बाद 2009 लोगों के लिए रिटर्न के लिहाज से सबसे बढ़िया साल रहा. ये वो दौर था जब इंडियन कॉरपोरेट्स ने अपनी ग्लोबल पहचान बनानी शुरू की. Tata Group ने कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों के अधिग्रहण इसी दौर में किए. ये भारतीय इकोनॉमी का नया एक्सपेंशन था और शेयर बाजार ने वैसा ही रिटर्न दिया.
फिर 2020 के बाद कोविड के आए दौर को देखें. इस दौरान डिजिटल क्रांति आई और इस सेगमेंट में काम करने वाली कंपनियों का ना सिर्फ विकास हुआ, बल्कि उनकी कमाई भी बढ़ी. रिलायंस जियो इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है. वहीं डिजिटल टेक कंपनियों के लगातार आए IPOs ने मार्केट को बुलिश बनाए रखा. वहीं लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों के अंदर घूमने से लेकर बाहर खाने तक का क्रेज बढ़ा, जिससे रिटेल इंडस्ट्री ने ग्रोथ के नए पैरामीटर सेट किए.
अब मार्केट एक बार फिर नए एक्सपेंशन की ओर बढ़ रहा है. इसमें सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सस्टेनबिलिटी प्रोडक्ट और आर्टफिशियल इंटेलीजेंस बड़ी भूमिका अदा करने वाले हैं. ये चौथी औद्योगिक क्रांति है, जो एक दो साल में स्टेबल हो सकती है. इसलिए अगले 3 साल में स्टॉक मार्केट बेहतर परफॉर्मेंस दे, इसकी पूरी-पूरी संभावना है.
सेंसेक्स के 1 लाख पॉइंट के पार जाने का अनुमान, बाजार के भविष्य को लेकर क्या हैं विशेषज्ञों की राय?
15 Mar, 2025 04:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…
ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?
चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.
हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.
सोने की कीमत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, ऑल टाइम हाई पर पहुंची कीमतें
15 Mar, 2025 04:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold Rate: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ वॉर अब काफी व्यापक होता जा रहा है। इससे वैश्विक कारोबार को लेकर काफी अनिश्चितता पैदा हो गई है। इससे सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो रहा है। सोने की वैश्विक कीमत तो रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है। शुक्रवार को कमोडिटी मार्केट यानी कॉमेक्स पर सोने की कीमत 3001 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई। शुक्रवार को सोने का वैश्विक भाव 0.33 फीसदी या 9.80 डॉलर की बढ़त के साथ 3001.10 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। वहीं, गोल्ड स्पॉट 0.17 फीसदी या 5.02 डॉलर की गिरावट के साथ 2984.16 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। कॉमेक्स पर सोना शुक्रवार को 3005 डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था।
सेफ हेवन एसेट बना सोना
सोने में आई यह तेजी वैश्विक व्यापार में मौजूदा अत्यधिक अनिश्चितता को दर्शाती है। यह बताता है कि निवेशक अमेरिका के इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर चिंतित हैं। जब भी दुनिया में मंदी आती है, आर्थिक अनिश्चितता आती है। भू-राजनीतिक तनाव पैदा होते हैं या शेयर मार्केट क्रैश होता है। तो सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो जाता है। इन परिस्थितियों में केंद्रीय बैंक और निवेशक सोना खरीदते हैं, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आती है।
घरेलू वायदा कीमतों में गिरावट
सोने की घरेलू वायदा कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली है। एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार को सोना गिरावट के साथ बंद हुआ। 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला सोना हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को 0.03 फीसदी या 28 रुपये की गिरावट के साथ 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी, RBI ने 10 अरब डॉलर का किया एक्सचेंज
15 Mar, 2025 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान दो वर्षों में सबसे तेज उछाल के साथ 15.26 अरब डॉलर बढ़कर 653.96 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.78 अरब डॉलर घटकर 638.69 अरब डॉलर रह गया था। रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद के लिए RBI द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ पुनर्मूल्यांकन के कारण हाल ही में भंडार में गिरावट का रुख रहा है। सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
इस कारण हुई खजाने में बढ़ोतरी
विदेशी मुद्रा भंडार में आई इस तेजी की वजह 28 फरवरी को केंद्रीय बैंक द्वारा किया गया 10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा एक्सचेंज है। RBI ने सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रुपए के मुकाबले डॉलर खरीदा था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 13.99 अरब डॉलर बढ़कर 557.28 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार में आई गिरावट
समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.05 अरब डॉलर घटकर 74.32 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (SDR) 21.2 करोड डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार 6.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.14 अरब डॉलर रहा।
भारत के लक्ष्यों की ओर तीन साल में बड़ी छलांग, जर्मनी और जापान के लिए चुनौती
14 Mar, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगले तीन साल में 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत के अरमान अगले 3 साल यानी 2028 में पूरे हो सकते हैं. भारत के अरमान पूरे होते ही जर्मनी और जापान की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. जी हां, भारत साल 2028 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकती है. वहीं जर्मनी खिसककर चौथे और जापान 5वें पायदान पर आ सकते हैं. वास्तव में अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गन स्टानले के अनुमार के अनुसार भारत की इकोनॉमी अगले साल साल 2026 तक 4.6 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है. जिसके बाद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मॉर्गन स्टानले की ओर से किस तरह का अनुमान लगाया गया है.
भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी
फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अपने अनुमान में कहा कि मैक्रो इकोनॉमिक स्टेबल से प्रभावित पॉलिसीज और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. इसके साथ यह दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला कंज्यूमर मार्केट होगा और ग्लोबल प्रोडक्शन में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी. इंडियन इकोनॉमी का साइज 2023 में 3,500 अरब डॉलर था और इसके 2026 में 4,700 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है. इससे यह अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा. भारत 2028 में जर्मनी से आगे निकल जाएगा क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था 5,700 अरब डॉलर तक हो जाएगी. मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत 1990 में दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. यह 2000 में 13वें स्थान पर खिसक गया. 2020 में यह नौवें स्थान पर और 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गया.
2025 तक कितनी होगी पर कैपिटा इनकम
ग्लोबल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में भारत की हिस्सेदारी 2029 में 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है. रिपोर्ट में भारत के विकास के लिए तीन परिदृश्यों का अनुमान लगाया गया है. पहली स्थिति नरमी है, जहां अर्थव्यवस्था 2025 में 3,650 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 6,600 अरब डॉलर हो जाएगी. दूसरा आधार है, जहां यह बढ़कर 8,800 अरब डॉलर हो जाएगी और तीसरा परिदृश्य तेजी का है, जहां आकार बढ़कर 10,300 अरब डॉलर हो जाएगा. इसमें कहा गया है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 2025 में 2,514 डॉलर से बढ़कर 2035 में नरमी के परिदृश्य में 4,247 डॉलर, आधार परिदृश्य के तहत 5,683 डॉलर और तेजी के परिदृश्य के तहत 6,706 डॉलर हो जाएगी.
दुनिया में बढ़ेगी भारत की हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दशकों में ग्लोबल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. इसका कारण मजबूत जनसंख्या वृद्धि, लोकतंत्र, वृहद आर्थिक स्थिरता से प्रभावित नीति, बेहतर बुनियादी ढांचा, बढ़ता हुआ उद्यमी वर्ग और सामाजिक परिणामों में सुधार है. मॉर्गन स्टेनले ने कहा कि इसका मतलब है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार होगा, यह एक प्रमुख ऊर्जा बदलाव से गुजरेगा, कर्ज-जीडीपी अनुपात बढ़ेगा और जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. वर्तमान समय की बात करें तो मॉर्गन स्टेनली के अनुसार वृद्धि में सुधार होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार हाल के सप्ताह में महत्वपूर्ण आंकड़ों का रुख मिला-जुला रहा है. लेकिन कुछ महीने पहले की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर हैं. हमें उम्मीद है कि 2024 की दूसरी छमाही में नरमी के बाद राजकोषीय और मौद्रिक नीति समर्थन, सेवा निर्यात में सुधार के साथ आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा.
कितनी हो सकती है देश की जीडीपी
मॉर्गन स्टेनले ने कहा कि 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 6.3 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया कि वृहद आर्थिक स्थिरता संतोषजनक स्तर पर रहेगी. जिससे नीति निर्माताओं के लिए चीजें बेहतर होंगी. आगे चलकर, खपत में सुधार व्यापक आधार पर होने की उम्मीद है क्योंकि आयकर में कटौती शहरी मांग को बढ़ावा देगी. इससे ग्रामीण खपत स्तरों में तेजी की प्रवृत्ति को समर्थन मिलेगा. मॉर्गन स्टेनले के अनुसार, निवेश को देखा जाए तो सार्वजनिक और घरेलू पूंजीगत व्यय से वृद्धि को गति मिली है. जबकि निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. सेवा निर्यात में मजबूती श्रम बाजार के दृष्टिकोण के लिए अच्छा संकेत है. साथ ही मुद्रास्फीति में नरमी से क्रय शक्ति में सुधार होने की संभावना है.
ट्रंप का कड़ा रुख, यूरोपीय शराब और शैंपेन पर 200% टैरिफ बढ़ाने की योजना
14 Mar, 2025 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन को धमकी दी है कि अगर वह अमेरिकी व्हिस्की पर प्रस्तावित टैरिफ पर अडिग रहता है तो अमेरिका यूरोप से आयात होने वाली शराब, वाइन और शैंपेन पर 200 फीसदी शुल्क लगाएगा। यूरोपीय यूनियन ने स्टील और एल्युमिनियम आयात पर शुल्क लगाने के ट्रंप के ऐलान के बाद अमेरिकी व्हिस्की पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यूरोपीय यूनियन इस टैरिफ को एक अप्रैल से लागू करने जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति को यूरोपीय यूनियन का यह कदम नागवार गुजरा है।
तो छिड़ जाएगा नया ट्रेड वॉर..
ट्रंप ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर यूरोपीय यूनियन अमेरिकी व्हिस्की पर प्रस्तावित 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा पर टिका रहता है, तो एक नया ट्रेड वॉर छिड़ जाएगा। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘अगर यह टैरिफ तुरंत नहीं हटाया गया, तो अमेरिका जल्द ही फ्रांस और यूरोपीय यूनियन के अन्य देशों से आने वाले सभी वाइन, शैंपेन और अल्कोहल उत्पादों पर 200 फीसदी शुल्क लगाएगा।’’ उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में वाइन और शैंपेन के कारोबार के लिए बहुत अच्छा होगा।
पीछे नहीं हट रहे ट्रंप
रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप ने बुधवार को ही संकेत दे दिया था कि वह इस मामले में भी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं। ट्रंप ने अपने कार्यालय ओवल ऑफिस में संवाददाताओं के साथ चर्चा में यूरोपीय यूनियन के कदम पर कहा था, ‘‘बेशक मैं इसका जवाब दूंगा।’’ इस साल जनवरी में दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप कनाडा, मेक्सिको, चीन एवं भारत जैसे देशों पर अधिक टैरिफ लगाने की घोषणाएं करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका अब किसी भी दूसरे देश द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क के बराबर ही शुल्क लगाएगा। हालांकि, इससे दुनिया भर में व्यापार युद्ध गहराने के आसार बनते हुए दिखने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि प्रभावित देशों ने भी जवाबी कदमों का ऐलान करना शुरू कर दिया है।
कॉमर्शियल फ्लाइट ऑपरेशन के लिए एयरपोर्ट को मिली मंजूरी, मुंबई के लिए उड़ानें शुरू
14 Mar, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमरावती हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हवाई अड्डा लाइसेंस मिल गया है और एलायंस एयर इस महीने के अंत तक इस सुविधा से मुंबई के लिए उड़ानें संचालित करेगा। खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बेलोरा में स्थित अमरावती एयरपोर्ट को शुरू में 1992 में लोक निर्माण विभाग द्वारा विकसित किया गया था, लेकिन यह सार्वजनिक उपयोग के लिए गैर-संचालन योग्य रहा
एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार किया
खबर के मुताबिक, राज्य द्वारा संचालित महाराष्ट्र एयरपोर्ट विकास कंपनी (एमएडीसी) ने लाइसेंसिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए विस्तारित रनवे और दूसरे अपग्रेडेशन के साथ एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार किया। यह पहल महाराष्ट्र सरकार के अपने विमानन बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी, जिसमें चंद्रपुर, धुले, शिरडी और नवी मुंबई के एयरपोर्ट शामिल हैं।
अमरावती-मुंबई-अमरावती रूट पर फ्लाइट्स इसी महीने
एक्स पर एक पोस्ट में, फडणवीस ने कहा कि एयरपोर्ट लाइसेंस प्रदान करना एक मील का पत्थर है जो अमरावती से कॉमर्शियल उड़ानों के लिए रास्ता साफ करता है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि एलायंस एयर इस महीने के आखिर तक अमरावती-मुंबई-अमरावती रूट पर फ्लाइट्स शुरू करने के लिए तैयार है, जो एयरपोर्ट का पहला निर्धारित परिचालन होगा। एमएडीसी की प्रबंध निदेशक स्वाति पांडे ने दिन में मुख्यमंत्री को प्रतीकात्मक रूप से डीजीसीए सर्टिफिकेशन सौंपा।
उड़ान योजना के तहत 323 मार्ग फिलहाल चालू
सरकार ने कुछ दिनों पहले जानकारी देते हुआ बताया था कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के तहत चालू किए गए 619 रूट्स में से 323 रूट्स फिलहाल चालू हैं। वर्ष 2016 में शुरू की गई उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना का उद्देश्य विभिन्न शहरों को जोड़ना और साथ ही हवाई यात्रा को किफायती बनाना है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को वैश्विक विमानन केंद्र बनाना है। केंद्रीय बजट 2025-26 में सिविल एविएशन (नागरिक उड्डयन) पर विशेष जोर दिया गया है।