व्यापार
सोना ने छुआ नया शिखर, चांदी में भी ₹1000 का इजाफा
14 Mar, 2025 12:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली से ठीक एक दिन पहले सोने ने नया रिकॉर्ड बना दिया। राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमत 600 रुपये बढ़कर 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 88,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। खबर के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 600 रुपये बढ़कर 89,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। 20 फरवरी को 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाली पीली धातु 50 रुपये बढ़कर 89,450 रुपये और 89,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
चांदी भी ₹1000 और चढ़ी
चांदी की कीमतों में भी गुरुवार को 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई और यह करीब पांच महीने के उच्चतम स्तर 1,01,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले बाजार बंद में सफेद धातु 1,00,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वायदा बाजार में भाव
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में अप्रैल डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंधों में शाम के सत्र में 210 रुपये या 0.24 प्रतिशत की तेजी आई और यह 86,896 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। वैश्विक मोर्चे पर, हाजिर सोना 11. 67 डॉलर या 0. 40 प्रतिशत बढ़कर 2,946. 44 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
एक्सपर्ट की राय
सोने को लेकर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि घरेलू बाजार में कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना सुरक्षित निवेश की मांग और उम्मीद से कम अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति के आंकड़ों के कारण रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इससे इस साल फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति में और ढील दिए जाने की संभावना है। गांधी ने कहा कि व्यापारी अब समग्र मुद्रास्फीति के बारे में अधिक संकेतों के लिए साप्ताहिक बेरोजगारी दावों और पीपीआई/कोर पीपीआई (उत्पादक मूल्य सूचकांक) सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
टैरिफ वॉर से परेशान व्यापारियों को सरकार का आश्वासन, लेकिन डर अभी भी बरकरार
14 Mar, 2025 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी टैरिफ के जोखिम के बीच विशेष रूप से चमड़ा और कपड़ा जैसे सेक्टर्स के घरेलू निर्यातकों को उनके हितों की रक्षा का आश्वासन दिया। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक के दौरान निर्यात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। स्टील जैसे सेक्टर्स ने निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव पर चिंता जताई। बैठक में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल और विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी भी शामिल हुए। बैठक में शामिल उद्योग प्रतिनिधियों में से एक ने कहा कि मंत्रालय अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि देश के निर्यातकों के हितों की रक्षा की जाएगी। इंडस्ट्री को अत्यधिक रक्षात्मक नहीं होने की सलाह दी गई है।’’
निर्यात पर असर पड़ने की चिंता
यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गोयल हाल ही में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री के साथ व्यापार वार्ता के बाद वाशिंगटन से लौटे हैं। अमेरिका ने दो अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। इसने पहले ही स्टील और एल्युमीनियम पर ये टैरिफ लगा दिए हैं। इंडस्ट्री के एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि निर्यातक समुदाय जवाबी टैरिफ लगाने की अमेरिकी चेतावनी से चिंतित है, क्योंकि इससे अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है, जो इसका सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, बैठक में अधिकांश सेक्टर्स ने इस टैरिफ वॉर से भारतीय निर्यातकों के लिए संभावित अवसरों का उल्लेख किया। हम उन आयात पर विचार कर सकते हैं जिन्हें चीन से अमेरिका में भेजा जा सकता है।’’
निर्यात में आई गिरावट
प्रतिनिधि ने कहा कि भारत किसी अन्य विकसित देश के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की घोषणा कर सकता है। भारत के निर्यात में जनवरी में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई और यह सालाना आधार पर 2.38 प्रतिशत घटकर 36.43 अरब डॉलर रहा। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया। निर्यातकों के शीर्ष निकास फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘हमें अमेरिका से भारत के लिए अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन शुल्क को लेकर अनिश्चितता के कारण जो माल भेजा जा रहा है, वह अपेक्षाकृत कम मूल्य का है। हम शुल्क मामले में चीजें स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं
14 Mar, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी को होली की शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने कामना की कि यह त्यौहार सभी के जीवन में नया उत्साह और ऊर्जा भरे और देशवासियों में एकता के रंग को और गहरा करे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्री मोदी का पोस्ट जारी किया:आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएं। हर्ष और उल्लास से भरा यह पावन-पर्व हर किसी के जीवन में नई उमंग और ऊर्जा का संचार करने के साथ ही देशवासियों की एकता के रंग को और प्रगाढ करे, यही कामना है।
शेयर बाजार में मंदी, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट, जानिए कौन से स्टॉक्स हुए प्रभावित
13 Mar, 2025 05:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बदस्तूर जारी है। गुरुवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स आज 200.85 अंक की गिरावट के साथ कारोबारी सत्र के आखिर में 73,828.91 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 73.30 अंक लुढ़ककर 22,397.20 के लेवल पर बंद हुआ। इसके अलावा, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात की जाए तो ऑटो, आईटी, मेटल, रियल्टी में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
इन शेयरों में आज देखने को मिली बड़ी हलचल
निफ्टी पर गुरुवार को कारोबार के दौरान श्रीराम फाइनेंस, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, इंडसइंड बैंक, विप्रो प्रमुख रूप से नुकसान में देखे गए, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एसबीआई, ओएनजीसी, टाटा स्टील, एनटीपीसी लाभ में रहे। भारतीय रुपया बुधवार के 87.21 के मुकाबले गुरुवार को 21 पैसे बढ़कर 87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
ग्लोबल मार्केट में आज का रुझान
एशियाई बाजारों में गुरुवार को शुरुआती बढ़त पलट गई और गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंताएं अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मिलने वाली आशावाद से अधिक थीं। वॉल स्ट्रीट पर रात भर की बढ़त के बावजूद, एशिया में निवेशकों की धारणा सतर्क रही। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 82.55 अंक गिरकर 41,350.93 पर आ गया। जबकि, एसएंडपी 500 27.23 अंक बढ़कर 5,599.30 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 212.36 अंक बढ़कर 17,648.45 पर पहुंच गया।
जापान का निक्केई 225 इंडेक्स शुरुआती बढ़त को पलटते हुए 0.08% की गिरावट के साथ 36,790.03 पर बंद हुआ, जो सत्र की शुरुआत में 1.4% तक बढ़ गया था, जो वॉल स्ट्रीट के लाभ को दर्शाता है। व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स 0.13% बढ़कर 2,698.36 पर बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में 0.5% की गिरावट आई। चीन में, शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.4% की गिरावट आई, जबकि हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 0.58% की गिरावट आई, जो व्यापक बाजार चिंताओं को दर्शाता है।
Ola Electric का होली ऑफर: S1 स्कूटर पर मिलेगी 26,750 रुपये की छूट
13 Mar, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओला इलेक्ट्रिक गुरुवार को अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की एस1 सीरीज के लिए सीमित समय की ‘होली फ्लैश सेल’ लेकर आया है। कंपनी ने बयान में कहा कि इस सेल के तहत ग्राहक एस1 एयर पर 26,750 रुपये और एस1 एक्स+ (जेन-2) पर 22,000 रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इन मॉडल की कीमत अब क्रमशः 89,999 रुपये और 82,999 रुपये से शुरू होती है। फ्लैश सेल 13 मार्च से शुरू होकर 17 मार्च को समाप्त होगी। कंपनी अपनी एस1 सीरीज के शेष स्कूटरों पर 25,000 रुपये तक की छूट भी दे रही है, जिसमें एस1 जेन-3 रेंज के सभी स्कूटर शामिल हैं।
ये ऑफर्स भी दे रही कंपनी
एस1 जेन-2 और जेन-3 में कंपनी के पास 69,999 रुपये से लेकर 1,79,999 रुपये (त्योहारी छूट के बाद) तक के सभी मूल्य पर स्कूटर्स का पोर्टफोलियो है। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि वह 10,500 रुपये तक के लाभ भी दे रही है। एस1 जेन 2 स्कूटर के नए खरीदार 2,999 रुपये मूल्य के एक साल के मुफ्त मूव ओएस+ और 7,499 रुपये में 14,999 रुपये मूल्य की विस्तारित वारंटी का लाभ उठा सकते हैं। जेन-3 पोर्टफोलियो में प्रमुख एस1 प्रो+ 5.3 किलो वाट घंटा और चार किलो वाट घंटा शामिल हैं। इनकी कीमत क्रमशः 1,85,000 रुपये और 1,59,999 रुपये है।
एस1 प्रो की क्या है कीमत?
चार किलो वाट घंटा और तीन किलो वाट घंटा बैटरी विकल्पों में उपलब्ध एस1 प्रो की कीमत क्रमशः 1,54,999 रुपये और 1,29,999 रुपये है। एस1 X सीरीज की कीमत दो किलो वाट घंटा के लिए 89,999 रुपये, तीन किलो वाट घंटा के लिए 1,02,999 रुपये और चार किलो वाट घंटा के लिए 1,19,999 रुपये है। जबकि एस1 X+ चार किलो वाट घंटा बैटरी के साथ उपलब्ध है और इसकी कीमत 1,24,999 रुपये है।
दुनियाभर में ट्रेड वॉर का खतरा, WTO ने वैश्विक व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों का जताया डर
13 Mar, 2025 12:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने बुधवार को कहा कि व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ने और नए-नए सीमा शुल्क लगाए जाने की आशंका से मध्यम-अवधि में वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है। दुनिया भर में व्यापार से जुड़े नियम तय करने वाले डब्ल्यूटीओ की तरफ से जारी ‘उत्पाद व्यापार बैरोमीटर’ के मुताबिक, वैश्विक वस्तु व्यापार 2024 की चौथी तिमाही में स्टेबल होता हुआ नजर आया। इसके वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में और भी बढ़ने की संभावना है। WTO ने कहा कि दुनियाभर में ट्रेड वॉर जैसी स्थिति पैदा हो रही है।
दुनियाभर में ट्रेड वॉर छिड़ने के आसार
WTO ने कहा, ‘‘व्यापार नीति से जुड़ी अनिश्चितता में वृद्धि और नए सीमा शुल्क लगाए जाने की आशंका मध्यम अवधि में व्यापार पर भारी पड़ सकती है।’’ डब्ल्यूटीओ का यह आकलन जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं से प्रभावित है। ट्रंप ने पिछले हफ्तों में चीन और कनाडा सहित कई देशों के खिलाफ नए शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके जवाब में इन देशों ने भी अमेरिकी आयात पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस तरह से दुनिया भर में व्यापार युद्ध छिड़ने के आसार बनते हुए नजर आने लगे हैं।
भारत जीरो फॉर जीरो टैरिफ से निकाल सकता है सोल्यूशन
अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में जीरो फॉर जीरो रणनीति भारत के लिए बेस्ट साबित हो सकती है। इसमें भारत स्पेसिफिक टैरिफ लाइन्स या प्रोडक्ट कैटेगरीज की पहचान करके उन पर आयात शुल्क यानी टैरिफ को जीरो कर सकता है। इसके जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत अमेरिका को भी समान संख्या में प्रोडक्ट्स पर टैरिफ जीरो करना पड़ेगा। इस तरह अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारत द्वारा लिया जा रहा वह हाई टैरिफ तेजी से कम या खत्म हो जाएगा, जिसके बारे में ट्रंप बार-बार बात करते हैं। दूसरी तरफ रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत पर पड़ने वाला प्रभाव भी करीब-करीब खत्म हो जाएगा।
कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ी 4%, फिर भी घरों की कीमत में 49% की उछाल – यह कैसे हुआ?
13 Mar, 2025 09:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देशभर में प्रॉपर्टी की कीमत आसमान छू रही है। दिल्ली-एनसीआर में 2बीएचके फ्लैट की कीमत 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। आम आदमी चाह कर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। प्रॉपर्टी मार्केट में बना यह बबल कम फटेगा कहना मुश्किल है, लेकिन इसके पीछे का खेल चौंका जरूर रहा है! रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कैलेंडर साल के दौरान नई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत में सालाना आधार पर सिर्फ 2% से 4% प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान डवेलपर्स ने घर की कीमत 49% तक बढ़ा दिया। प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की औसत कीमत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 49% प्रतिशत बढ़ी। एनारॉक की भी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट में पिछले साल दरों में औसतन 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सांठगांठ का यह पूरा खेल
रियल्टी एक्सपर्ट का कहना है कि यह साफ-साफ दर्शाता है कि किस तरह का खेल प्रॉपर्टी मार्केट में चल रहा है। प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन लागत मामूली बढ़ी। वहीं, दूसरी ओर तमाम प्रोजेक्ट पुराने अलॉट किए लैंड पर ही डेवलपर हो रहे हैं। फिर कीमत में इतनी बड़ी बढ़ोतरी कैसे हो गई? यह पूरा खेल सांठगांठ का है। इसमें इन्वेस्टर्स, बिल्डर और ब्रोकर शामिल हैं। इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। वह चाहकर भी अपना घर खरीद नहीं पा रहा है। नोएडा का मार्केट एक समय अफोर्डेबल के लिए जाना जाता था लेकिन अब यहां पर अफोर्डेबल नाम का कुछ भी नहीं रह गया है। वक्त रहते इस पर नीति निर्माता को कदम उठाने की जरूरत है।
इस तरह बढ़ी कंस्ट्रक्शन लागत
सीबीआरई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में सीमेंट, इस्पात और एल्युमीनियम की लागत में वार्षिक आधार पर क्रमशः 6-8 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पेंट की लागत स्थिर रही। हालांकि, इस दौरान लकड़ी और पत्थर की कीमतों में क्रमशः 3-6 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चुनिंदा मांग दबाव को दर्शाता है। सीबीआरई ने कहा, ‘‘जबकि कुछ प्रमुख सामग्री लागतों में नरमी देखी गई, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की लगातार कमी के कारण वर्ष 2024 के दौरान श्रम व्यय में औसतन पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। श्रम लागत में इस वृद्धि ने सामग्री लागत में कमी के लाभ को समेट दिया। इससे कुल निर्माण लागत बढ़ गई।’’
कहां कितनी बढ़ी कीमत
प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट 'रियल इनसाइट: रेजिडेंशियल एनुअल राउंड-अप 2024' के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी आठ प्रमुख शहरों में सबसे अधिक रही। इन आठ शहरों में दिल्ली-एनसीआर के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की कीमत 49% तक बढ़ी। अहमदाबाद में औसत कीमतें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़कर 4,402 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। बेंगलुरु में कीमतें 12 प्रतिशत बढ़कर 7,536 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। चेन्नई में कीमतें 16 प्रतिशत बढ़कर 7,173 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। हैदराबाद में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में औसत आवास कीमते तीन प्रतिशत बढ़कर 7,053 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। कोलकाता में औसत दरें 10 प्रतिशत बढ़कर 5,633 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।
Airtel, BSNL और Vi के कॉलिंग प्लान्स: सस्ते और किफायती विकल्प, अब कॉलिंग भी होगी आसान
13 Mar, 2025 09:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोबाइल रिचार्ज एक बार फिर से महंगे हो चुके हैं। ऐसे में बार-बार महंगे प्लान्स लेना बड़ा मुश्किल भरा हो चुका है। टेलिकॉम कंपनियां अभी तक अपने ग्राहकों को कॉलिंग वाले प्लान्स में डेटा भी ऑफर कर रही थीं। ऐसे में उन यूजर्स को भी डेटा का पैसा देना पड़ रहा था जिन्हें इंटरनेट की जरूरत नहीं थी। ग्राहकों की इसी समस्या को सॉल्व करने के लिए TRAI ने हाल ही में टेलिकॉम कंपनियों को बिना डेटा वाले वॉइस ओनली प्लान्स लाने के लिए कहा था।
TRAI के निर्देश जियो, एयरटेल, वीआई और सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने वॉइस एंड एसएमएस ओनली प्लान्स लॉन्च कर दिए हैं। अगर आप ऐसे यूजर है जिन्हें डेटा की जरूरत नहीं है तो आप इस प्लान्स को लेकर अपने काफी पैसों की बचत कर सकते हैं। इन वॉइस ओनली रिचार्ज प्लान्स की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यूजर्स को इसमें लंबी वैलिडिटी भी ऑफर की जाती है। आइए आपको एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल के Voice Only प्लान के बारे में बताते हैं।
Airtel का वॉइस ओनली प्लान
ट्राई के निर्देश पर के निर्देश पर एयरटेल ने अपने 38 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के लिए शानदार वॉइस ओनली प्लान पेश किया है। एयरटेल के वॉइस ओनली प्लान की कीमत 469 रुपये है। कंपनी इस सस्ते प्लान में 84 दिनों की लंबी वैलिडिटी ऑफर कर रही है। प्लान में आपको लोकल और एसटीडी सभी नेटवर्क के लिए अनलिमिटेड कॉलिंग दी जाती है। इसमें आपको मैसेजिंग की सुविधा भी मिलेगी।
बता दें कि इसके अलावा एयरटेल के पास 1849 रुपये का भी वॉइस ओनली प्लान लॉन्च किया है। इसमें कंपनी ग्राहकों को 365 दिन की वैलिडिटी ऑफर कर रही है।
BSNL का वॉइस ओनली प्लान
सरकारी कंपनी बीएसएनएल की तरफ से भी ग्राहकों को बड़ी राहत दी गई है। कंपनी ने पास पहले ही कई सस्ते किफायती प्लान्स मौजूद थे लेकिन निजी कंपनियों को टक्कर देने के लिए BSNL ने भी वॉइस ओनली प्लान लॉन्च किया। BSNL के वॉइस ओनली प्लान की कीमत 439 रुपये है। इसमें आपको 90 दिनों की लंबी वैलिडिटी मिलती है। इसमें सभी नेटवर्क के लिए अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग के साथ 700 SMS भी दिए जाते हैं।
Vi का वॉइस ओनली प्लान
एयरटेल की ही तरह वीआई ने भी अपने ग्राहकों को लिए दो वॉइस ओनली प्लान्स पेश किए हैं। एक प्लान में 84 दिनों की लंबी वैलिडिटी मिलती है जबकि दूसरे में 365 दिन की वैलिडिटी। 84 दिन वाले प्लान की कीमत 470 रुपये है जबकि 365 दिन वाले प्लान की कीमत 1849 रुपये है। 84 दिन वाले प्लान में आपको 900 फ्री एसएमएस भी दिए जाते हैं।
नारायण मूर्ति का आर्थिक दृष्टिकोण: मुफ्त चीजें गरीबी नहीं हटाती
13 Mar, 2025 09:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इन्फोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने कहा है कि मुफ्त की चीजों से गरीबी दूर नहीं होगी, बल्कि यह इनोवेटिव एंटरप्रेन्योर्स के जॉब क्रिएशन से खत्म होगी। टाइकॉन मुंबई-2025 कार्यक्रम में मूर्ति ने एंटरप्रेन्योर्स से अधिक कंपनियां और कारोबार बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर हम इनोवेटिव एंटरप्राइज बनाने में सक्षम हैं, तो गरीबी धूप वाली सुबह की ओस की तरह ‘गायब’ हो जाएगी।
मुफ्त की चीजों से नहीं हटेगी गरीबी
मूर्ति ने उद्यमियों के समूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप में से प्रत्येक व्यक्ति सैकड़ों-हजारों नौकरियां पैदा करेगा और इसी तरह आप गरीबी की समस्या का समाधान करेंगे। आप मुफ्त उपहार देकर गरीबी की समस्या का समाधान नहीं कर सकते, कोई भी देश इसमें सफल नहीं हुआ है।’’ इन्फोसिस के सह-संस्थापक का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मुफ्त में चीजें दिये जाने और उनकी लागत पर बहस छिड़ी हुई है। बाद में मूर्ति ने स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीति या शासन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने नीतिगत ढांचे के नजरिये से कुछ सिफारिशें की हैं।
स्थिति में सुधार का हो आकलन
उन्होंने कहा कि लाभ के बदले में स्थिति में सुधार का आकलन भी किया जाना चाहिए। प्रतिमाह 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का उदाहरण देते हुए मूर्ति ने कहा कि राज्य ऐसे घरों में छह महीने के बाद सर्वे करके यह पता लगा सकते हैं कि बच्चे अधिक पढ़ रहे हैं या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों बेचे जाने वाले अधिकांश एआई सोल्यूशंस ‘मूर्खतापूर्ण, पुराने प्रोग्राम’ हैं, जिन्हें भविष्य के काम के रूप में प्रचारित किया जाता है। एआई में ‘मशीन लर्निंग’ और ‘डीप लर्निंग’ क्षमताएं शामिल हैं।
शेयर बाजार लाल निशान में, सेंसेक्स 74,030 पर स्थिर, निफ्टी में भी गिरावट
12 Mar, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार लगातार संघर्ष करता हुआ बुधवार को आखिर में लाल निशान में बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स कारोबार के आखिर में 72.56 अंक लुढ़ककर 74,029.76 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी भी 27.4 अंक टूटकर 22,470.50 के लेवल पर बंद हुआ। खबर के मुताबिक, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के बीच आईटी, दूरसंचार और रियल्टी शेयरों में भारी बिकवाली के दबाव के कारण शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। आज के कारोबार में निफ्टी पर इन्फोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, नेस्ले, टीसीएस सबसे ज्यादा नुकसान वाले शेयरों में शामिल रहे, जबकि इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा मोटर्स, आईटीसी, बजाज फाइनेंस के शेयरों में बढ़त देखने को मिली।
किस सेक्टर में कैसी रही हलचल
बीएसई स्मॉलकैप गेज में 0.48 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 0.57 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई सेक्टोरल इंडेक्स में फोकस्ड आईटी, आईटी, टेक, रियल्टी, टेलीकम्युनिकेशन, मेटल, कैपिटल गुड्स, सर्विसेज और इंडस्ट्रियल प्रमुख पिछड़ गए। सेंसेक्स में शामिल इंफोसिस, टेक महिंद्रा, नेस्ले इंडिया, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, जोमैटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारती एयरटेल पिछड़ गए। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व और अल्ट्राटेक सीमेंट लाभ में रहे।
दुनिया के बाजार और क्रूड ऑयल
एशियाई बाजारों में टोक्यो, सियोल, शंघाई और हांगकांग में मिलाजुला रुख रहा। बुधवार को मध्य सत्र के सौदों में यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को वॉल स्ट्रीट नकारात्मक दायरे में बंद हुआ। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.34 प्रतिशत बढ़कर 69.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 2,823.76 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,001.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बुधवार को वैश्विक शेयर बाजार में मिलाजुला रुख रहा, क्योंकि निवेशक वॉल स्ट्रीट पर एक और दिन की गिरावट के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव का आकलन कर रहे थे। अमेरिकी वायदा और तेल की कीमतें बढ़ीं। फ्रांस का सीएसी 40 शुरुआती कारोबार में 0.9% बढ़कर 8,014 पर पहुंच गया। ट्रंप द्वारा अपने व्यापार युद्ध को आगे बढ़ाने से वैश्विक बाजार में हलचल मची हुई है। ट्रम्प ने कनाडाई स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ा दिया है, जिसके कारण कनाडा के ओंटारियो प्रांत ने उस अधिभार को हटा दिया है, जिससे ट्रम्प नाराज थे। जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 थोड़ा बदला, 0. 1% से भी कम की बढ़त के साथ 36,819 पर बंद हुआ। हांगकांग का हैंग सेंग 0. 9% की गिरावट के साथ 23,566.42 पर बंद हुआ।
अंतरिम डिविडेंड का ऐलान; नवरत्न रेलवे पीएसयू द्वारा डिविडेंड का एलान, टूटते बाजार में दिया निवेशकों को ऐसा गिफ्ट
12 Mar, 2025 07:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रेलटेल कॉरपोरेशन: नवरत्न रेलवे पीएसयू रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025 के लिए दूसरे अंतरिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनी के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में 10 प्रतिशत लाभांश को मंजूरी दे दी है। साथ ही इसके लिए रिकॉर्ड तिथि की भी घोषणा की गई है। 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुनाफे में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही राजस्व में 14.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 1 प्रतिशत से अधिक के सुधार के साथ बंद हुआ।
1 रुपये प्रति शेयर लाभांश की घोषणा
रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की नियामक फाइलिंग के अनुसार, कंपनी के निदेशक मंडल ने पेड अप कैपिटल शेयर पूंजी के 10% की दर से दूसरा अंतरिम लाभांश (1 रुपये प्रति शेयर) घोषित किया है। कंपनी ने इस लाभांश के लिए 02 अप्रैल 2025 को "रिकॉर्ड तिथि" तय की है। यानी इस दिन जिनके पास कंपनी के शेयर होंगे, उन्हें ही लाभांश मिलेगा। लाभांश वारंट का भुगतान 9 अप्रैल 2025 को या उसके बाद किया जाएगा।
मुनाफा 62 करोड़ रुपये से बढ़कर 65 करोड़ रुपये हुआ
वित्त वर्ष 2025 की सितंबर-दिसंबर तिमाही में रेलटेल का मुनाफा बढ़कर 65 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 62.1 करोड़ रुपये था। तीसरी तिमाही में आय 668.4 करोड़ रुपये से बढ़कर 768 करोड़ रुपये हो गई है। कंपनी का परिचालन लाभ पिछले साल की समान अवधि के 129.7 करोड़ रुपये की तुलना में 6.6% घटकर 121 करोड़ रुपये रह गया। साथ ही मार्जिन 19.4 प्रतिशत से गिरकर 15.8% हो गया है।
शेयर लाल निशान में बंद
रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का शेयर बीएसई पर 1.31% और 3.85 अंकों की गिरावट के साथ 289.20 रुपये पर बंद हुआ। एनएसई पर यह 1.09% यानी 3.20 अंकों के सुधार के साथ 289.45 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 617.80 रुपए और 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर 265.50 रुपए रहा है। पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 38.66% की गिरावट आई है। वहीं, पिछले एक साल में इसमें 25.25% की गिरावट आई है। कंपनी का मार्केट कैप 9.28 हजार करोड़ रुपए है।
महंगाई में गिरावट, CPI के अनुसार 7 महीने के निचले स्तर पर आई खुदरा महंगाई
12 Mar, 2025 07:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली से पहले महंगाई के मोर्चे पर आम जनता को बड़ी राहत मिली है. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा महंगाई फरवरी 2025 में घटकर 3.61 प्रतिशत हो गई, जो जनवरी में 4.31 प्रतिशत थी. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी धीमी हो गई थी. इसी के साथ खुदरा महंगाई फरवरी में घटकर 7 महीने के निचले स्तर पर आ गई जो रिजर्व बैंक के लक्ष्य 4 फीसदी से भी कम है.
आरबीआई 2-6 फीसदी का टॉलरेंस बैंड बनाए रखता है. इसी पहले 45 अर्थशास्त्रियों के रॉयटर्स पोल ने पहले फरवरी में मुद्रास्फीति 3.98 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. इस बीच, भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि जनवरी 2025 में साल-दर-साल 5 प्रतिशत हो गई, जबकि दिसंबर 2024 में यह 3.2 प्रतिशत थी.
इस साल कितनी रहेगी महंगाई
अपनी सबसे हालिया मौद्रिक नीति बैठक में, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 4.8 प्रतिशत पर बनाए रखा, अंतिम तिमाही (Q4FY25) में 4.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट की आशंका जताई. FY26 के लिए, मुद्रास्फीति तिमाही अनुमान के साथ 4.2 प्रतिशत होने का अनुमान है.
कैसे आई गिरावट?
फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और इसके उत्पादों और दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है.
आरबीआई ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताएं कम करने के लिए फरवरी में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया था. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल की शुरुआत में होने वाली है.
सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के भीतर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है. आरबीआई अपनी मौद्रिक दरों का फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान देता है.
रॉयटर्स ने दिया था ये अनुमान
रॉयटर्स ने 4 से 10 मार्च के बीच 45 इकोनॉमिस्ट के साथ सर्वे किया था. सर्वे के मुताबिक, फरवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में सालाना बदलाव के आधार पर महंगाई दर घटकर 3.98% रहने का अनुमान लगाया गया था. जनवरी में यह 4.31% थी. आज आंकड़े आने के बाद ताजा सीपीआई 3.61 रह गई है. ताजा सर्दियों की उपज बाजारों में आने से खाने-पीने की चीजों की कीमतों में लगातार कमी आई है, जिस कारण खाद्य वस्तुएं महंगाई की टोकरी का लगभग आधा हिस्सा बनाती हैं.
बैंकिंग स्कैम पर सवाल, 3 में से 2 ग्राहकों को चाहिए उनका पैसा वापस
12 Mar, 2025 10:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज की तारीख में डिजिटल पेमेंट की मदद से शॉपिंग से लेकर बिल पेमेंट तक सब आसान हो गया है. लेकिन इसी के सहारे स्कैमर्स और चोर-उच्चकों ने फ्रॉड करने के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं. एक सर्वे के मुताबिक आज देश में बैंक के ज्यादातर ग्राहक फ्रॉड का शिकार हैं. लोगों को हजारों से लाखों और करोड़ों रुपये का नुकसान इन डिजिटल स्कैम और फ्रॉड में हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या लोगों को ये पैसा कभी वापस भी मिलेगा?
अमेरिका की एक ग्लोबल एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर कंपनी FICO ने इसे लेकर एक डिटेल्ड सर्वे किया है. इसमें लोगों ने बैंकिंग फ्रॉड से जुड़ी अपनी समस्याओं और सरकार एवं बैंकों से क्या उम्मीद है. उसके बारे में डिटेल्ड जानकारी दी है.
मिलना चाहिए पैसा वापस
सर्वे में खुलासा हुआ है कि देश में हर तीन में दो बैंक ग्राहकों का मानना है कि बैंक धोखाधड़ी के शिकार लोगों का पैसा वापस मिलना चाहिए. आधे से अधिक ग्राहक चाहते हैं कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बेहतर सिस्टम लगाएं. सॉफ्टवेयर से लेकर जागरुकता तक के लेवल पर ग्राहकों की हाई सिक्योरिटी उनकी प्रायोरिटी हो.
एफआईसीओ का ये सर्वे 2024 में किया गया था. इसमें भारत समेत 14 देशों के 11,000 से ज्यादा बैंक कस्टमर्स से पेमेंट सिस्टम के यूज, स्कैम और बैंकों की स्कैम से बचने की हैसियत के बारे में सवाल किया गया था. इसके जवाब में उन्होंने बताया कि बैंकों को फ्रॉड का शिकार हुए लोगों का पैसा वापस करना चाहिए.
बैंक ही है स्कैम के जिम्मेदार
एफआईसीओ के सर्वे के मुताबिक एक-तिहाई से अधिक (करीब 37 प्रतिशत) ग्राहक उनके साथ होने वोल स्कैम और फ्रॉड के लिए बैंकों को ही जिम्मेदार ठहराते हैं. 2024 फ्रॉड इम्पैक्ट सर्वे: इंडिया से पता चलता है कि तीन में से दो भारतीय ग्राहक (66 प्रतिशत) सोचते हैं कि बैंकों को हमेशा फ्रॉड के पीड़ितों को उनका पैसा वापस करना चाहिए या मुआवजा देना चाहिए. सर्वे में आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा कि बैंकों को धोखाधड़ी का पता लगाने और इस संबंध में अधिक चेतावनी जारी करने के इंतजाम करने चाहिए.
नीति आयोग का सकारात्मक आंकलन: भारत में 1% से भी कम लोग अब पूर्ण गरीब
12 Mar, 2025 10:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में 'पूर्ण' गरीबी अब लगभग समाप्त हो गई है। नीति आयोग की तरफ से यह बात कही गई है। आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा कि वर्ल्ड बैंक के नियमों के अनुसार, मापी गई पूर्ण गरीबी भारत में लगभग समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 1.9 डॉलर से कम कमाने वाले कुछ लोगों के लिए सामान्य नीतिगत कार्यवाही नहीं की जा सकती है। विरमानी ने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कमजोर’ के रूप में चिह्नित आबादी का प्रतिशत भी काफी कम हो गया है तथा अगले सात वर्षों में समाप्त हो जाएगा।
50 वर्षों की समस्या हुई दूर
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्ण गरीबी कम तो हुई है, लेकिन आय वितरण के दृष्टिकोण से स्थिति‘बदतर’हुई है। वर्ष 2007-09 के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके विरमानी ने कहा,‘‘11 वर्षों में पूर्ण गरीबी 12.2 प्रतिशत से घटकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई तथा यह और घटकर एक प्रतिशत हो गई है। सही मायने में यह गरीबी, जिसके बारे में हम 50 वर्षों से बात कर रहे थे, अब समाप्त हो गई है।’’
यहां रहते हैं बचे 1 फीसदी लोग
उन्होंने कहा कि एक फीसदी आबादी जो अभी भी पूर्ण गरीबी से बाहर नहीं आई है, दूरदराज के इलाकों और पहाड़ी इलाकों में रहती है और हमें ऐसे लोगों की तलाश करनी होगी। विरमानी ने कहा,‘‘आपको वहां जाकर वास्तविक व्यक्ति को खोजना होगा। आपके पास ऐसे मामलों से निपटने के लिए कोई सामान्य नीति नहीं हो सकती।’’उन्होंने बताया कि 1960 के दशक में, विश्व बैंक ने पूर्ण गरीबी की परिभाषा के अंतर्गत प्रति दिन एक डॉलर से कम कमाने वाले लोगों को रखा था, जो आज महंगाई के साथ समायोजित होकर 1.9 डॉलर प्रति दिन होगा।
इकोनॉमी को गति मिलेगी, टैरिफ के बावजूद भारत में बढ़ेगी विकास दर: रेटिंग एजेंसी
12 Mar, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली. अमेरिकी ट्रेड टैरिफ और वैश्विक अस्थिरता जैसी चुनौतियों के बाद भी भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है. यह जानकारी गुरुवार को क्रिसिल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दी गई.
यह पूर्वानुमान दो मान्यताओं पर आधारित है. इनमें पहला सामान्य मानसून और दूसरा कमोडिटी की कीमतों में नरमी जारी रहना है. रिपोर्ट में कहा गया कि घटती महंगाई, आम बजट 2025-26 में टैक्स छूट की घोषणा और ब्याज दरों के कम होने से खपत बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बताया गया कि हाई फ्रीक्वेंसी डेटा जैसे परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) डेटा के मुताबिक, भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अपना शीर्ष स्थान बनाए हुए है.
परीक्षा की घड़ी
क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, अमीश मेहता ने कहा कि भारत की मजबूती की फिर से परीक्षा हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में तेज आर्थिक विकास, कम चालू खाता घाटा और बाहरी सार्वजनिक ऋण और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार ने बाहरी झटकों से सुरक्षित रखने में मदद की है. साथ ही इससे पर्याप्त नीतिगत स्वतंत्रता भी मिली है.
आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्र खपत का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन छोटी अवधि की वृद्धि के लिए शहरी मांग जरूरी है. मेहता ने आगे कहा कि दूसरी ओर, निरंतर निवेश और दक्षता लाभ मध्यम अवधि में सहायक होंगे. हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2031 तक मैन्युफैक्चरिंग और सेवा दोनों क्षेत्र विकास को समर्थन देंगे.
9 फीसदी की दर से बढेगी मैन्युफैक्चरिंग
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-31 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर औसतन 9.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो महामारी के पूर्व दशक में औसतन 6 प्रतिशत थी. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि सर्विसेज सेक्टर ग्रोथ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता रहेगा, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी जारी रहेगी. वित्त वर्ष 26 में 20 प्रतिशत हो सकती है, जो कि वित्त वर्ष 25 में 17 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि अगले वित्त वर्ष में रेपो रेट में 50 से 75 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है.