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क्या TikTok को खरीद सकता है Microsoft? ट्रंप के जवाब ने सबको चौंकाया!
28 Jan, 2025 03:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
TikTok Ban: शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म TikTok को अमेरिकी कंपनी Microsoft खरीद सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि Microsoft TikTok को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि TikTok की बिक्री के लिए बोली लगाई जानी चाहिए। आपको बता दें कि TikTok का स्वामित्व चीनी कंपनी ByteDance के पास है। अगर उसे अमेरिका में TikTok का संचालन जारी रखना है तो उसे किसी अमेरिकी कंपनी को बेचना होगा।
कई कंपनियों ने TikTok खरीदने की इच्छा जताई- ट्रंप
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या Microsoft TikTok के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रही है तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि कई कंपनियां इसमें रुचि रखती हैं। ByteDance ने TikTok को बेचने के लिए 2020 में भी Microsoft से संपर्क किया था। तब यह डील फाइनल नहीं हो पाई थी। इसके बाद चीनी कंपनी Oracle के पास भी ऐसा प्रस्ताव लेकर गई थी, लेकिन यहां भी बात नहीं बनी। अब अगर डील होती है तो TikTok की मालिक कंपनी ByteDance की इसमें अल्पमत हिस्सेदारी होगी, जबकि अमेरिकी कंपनी की आधी से ज्यादा हिस्सेदारी होगी।
क्यों मजबूर हुआ TikTok बेचने के लिए?
दरअसल, ByteDance पर TikTok यूजर्स का डेटा चीनी सरकार के साथ शेयर करने का आरोप था। अमेरिकी अदालतों ने भी इस आरोप को सही पाया और TikTok को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया। डेडलाइन के बाद भी बिक्री में विफल रही TikTok पर 19 जनवरी को कुछ घंटों के लिए प्रतिबंध भी लगाया गया था, लेकिन नए राष्ट्रपति ट्रंप ने कंपनी को कुछ समय दिया। इसके बाद TikTok का अमेरिका में संचालन फिर से शुरू हो गया।
खरीदारों की लिस्ट में ये बड़े नाम भी शामिल
Microsoft के अलावा कई अन्य बड़े नाम भी TikTok को खरीदने में रुचि रखते हैं। इनमें अमेरिकी अरबपति एलन मस्क, यूट्यूबर MrBeast, Oracle के प्रमुख लैरी एलिसन और अरबपति निवेशक फ्रैंक मैककोर्ट आदि शामिल हैं।
क्या सोने के आयात पर टैक्स घटाना भारतीय बाजार को प्रभावित करेगा
28 Jan, 2025 02:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जुलाई 2024 में जब सरकार ने मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया था, तो सोने पर टैक्स (इंपोर्ट ड्यूटी) को कम करके आम आदमी को बड़ी राहत दी थी. इसके बाद सोने की कीमतें नीचे आईं थी, लेकिन सोने का भाव फिर 80,000 के पार जा चुका है, तो क्या इस बार बजट में सरकार सोने को सस्ता बनाने पर फिर से काम करेगी?
क्या बजट में सस्ता होगा सोना? पिछली बार सरकार ने घटाया था टैक्स
बजट में गोल्ड पर क्या होगी बात?
सोने का भाव एक बार फिर देश में 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है. जुलाई में जब सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया था, तो गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की गई थी. इसका फायदा बाजार में देखने को मिला था और सोने का भाव 80,000 रुपए के भाव से काफी नीचे चला गया था. ऐसे में क्या 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोने की कीमतों को नीचे लाने पर जोर देंगी, ताकि आम आदमी फिर से इसे खरीद सके.
देश के ज्वैलरी चाहते हैं कि देश की वित्त मंत्री सोने की कीमतों को नीचे लाने पर फोकस करें. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसके लिए ईएमआई पर सोना खरीदने का कोई मैकेनिज्म बना सकती है. इतना ही नहीं एक्सपर्ट के बीच सोने के कारोबार को स्टैंडर्ड बनाने के लिए एक सिंगल रेग्युलेटर की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है.
देश में हो सिंगल गोल्ड रेग्युलेटर
इस समय सोने का अलग-अलग तरीके से कारोबार होता है. इसमें गोल्ड ईटीएफ से लेकर डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड शामिल है. इसलिए इनको अलग-अलग रेग्युलेटर रेग्युलेट करते हैं. इसमें भारतीय प्रतिभूति विनियामक बोर्ड (सेबी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) शामिल हैं. साथ ही वित्त मंत्रालय और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भी सोने के कारोबार की निगरानी करते हैं.
मार्जिन सुधारने के लिए कम हो टैक्स
अगर सोने के गहनों और फिजिकल गोल्ड का कारोबार करने वाले रिफाइनर्स को देखें, तो ये लोग पिछले कई सालों से महज 0.65 प्रतिशत के मार्जिन पर काम कर रहे हैं. देश में बुलियन और ज्वैलर्स के सबसे बड़े संगठन IBJA के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी का कहना है कि इस मार्जिन को बेहतर करने के लिए सरकार को कच्चे सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करना चाहिए. इससे सोने की कीमतों में ओवरऑल कमी भी आएगी.
इसके अलावा देश में सोने के गहने बनाने वाले स्किल्ड लेबर की भी जरूरत महसूस की जा रही है. इसलिए सरकार को इनके कौशल विकास पर भी जोर देना चाहिए. ऐसा भी इंडस्ट्री के दिग्गजों का कहना है. भारत दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड इंपोर्टर में से एक है. हर साल भारत का गोल्ड इंपोर्ट बढ़ रहाा है.
एनवीडिया को डीपसीक के कारण पहला बड़ा आर्थिक झटका, अरबों डॉलर का हुआ नुकसान
28 Jan, 2025 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन के एआई डेवलपर डीपसीक के वैश्विक शेयर बाजार में एक बड़ा भूचाल आ गया है। इसके असर से, दुनिया के 500 सबसे अमीर लोगों ने सोमवार को कुल 108 अरब डॉलर का नुकसान झेला। इसमें एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसन हुआंग का नाम भी शामिल है।
कम लागत वाले चीन के एआई मॉडल ने बढ़ाई दुनिया की चिंता
कम लागत वाले चीन के एआई मॉडल डीपसीक ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इस चिंता के कारण दुनिया भर के निवेशकों ने सोमवार को टेक कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली की। इसके असर से टेक शेयरों पर आधारित इंडेक्स नेस्डैक 3.1% गिर गया। चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया को इसका सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। कंपनी के शेयर 17% तक टूट गए और कंपनी का मार्केट कैप एक ही दिन में 593 अरब डॉलर कम हो गया।
एनवीडिया के सीईओ की संपत्ति में 20.8 अरब डॉलर का नुकसान
सोमवार के कारोबारी सत्र में एनवीडिया के शेयरों का भाव 141 अमरीकी डॉलर प्रति शेयर से 17 प्रतिशत गिरकर 118.5 अमरीकी डालर प्रति शेयर पर पहुंच गया। इससे कंपनी के सीईओ और सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक जेन्सेन हुआंग की संपत्ति भी करीब 20.8 अरब डॉलर कम हो गई।
जानकार बोले- डीपसीक से प्रतिस्पर्धा की आशंका के कारण टूटे एनवीडिया के शेयर
फोर्ब्स के अनुसार, हुआंग की संपत्ति 124.4 बिलियन अमरीकी डालर से गिरकर 103.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई। इन्वेंचर ग्रोथ एंड सिक्योरिटीज ने इस मंदी के लिए डीपसीक एआई से बढ़ती प्रतिस्पर्धा की आशंका को जिम्मेदार ठहराया है। बाजार के विश्लेषकों को लगता है कि डीपसीक एआई से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के डर से निवेशकों ने बड़ी बिकवाली की है। डीपसेक लागत कुशल और कम परिष्कृत चिप्स का उपयोग कर उन्नत एआई मॉडल बनाने का दावा करता है। डीपसीक के उभरने से एआई के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर पहुंच गई है।
ट्रंप बोले- डीपसीक एआई का बढ़ना हमारे उद्योगों के लिए चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को डीपसीक एआई के कारण होने वाली गड़बड़ी पर टिप्पणी करते हुए कहा, "उम्मीद है कि एक चीनी कंपनी की ओर से डीपसीक एआई को बढ़ावा देना हमारे उद्योगों के लिए एक चेतावनी है। हमें जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।"
तेजी के साथ खुला घरेलू शेयर बाजार; सेंसेक्स 323 अंक चढ़ा, निफ्टी 22900 के पार
28 Jan, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को हरे निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 323.76 अंक चढ़कर 75,689.93 अंक पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 77.25 अंक चढ़कर 22,906.40 अंक पर पहुंच गया। इसके अलावा शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे गिरकर 86.55 डॉलर पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 5,015.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
ऐसी रही बाजार की चाल
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकिंग प्रणाली में नकदी बढ़ाने के उपायों की घोषणा के बाद बैंकिंग शेयरों में भारी खरीदारी से मंगलवार को घरेलू बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 382.53 अंक या 0.51 प्रतिशत चढ़कर 75,748.70 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 55.90 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,885.05 अंक पर रहा।
किसे फायदा-किसे नुकसान?
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से इंफोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, जोमैटो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंडसइंड बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। वहीं सन फार्मास्यूटिकल्स, एनटीपीसी, पावरग्रिड, अडानी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी के शेयरों में गिरावट आई।
आरबीआई की घोषणा के बारे में जानिए
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकदी) बढ़ाने के लिए तीन किस्तों में 60,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां खरीदने और कई अन्य कदमों की सोमवार को घोषणा की। आरबीआई ने बैंकिंग नकदी की स्थिति के प्रबंधन उपायों के तहत 31 जनवरी 2025 को छह महीने की अवधि के लिए पांच अरब डॉलर के अमेरिकी डॉलर या रुपये की खरीद या बिक्री अदला-बदली नीलामी की भी घोषणा की है।
रुपया शुरुआती कारोबार में गिरा
तेल आयातकों की ओर से डॉलर की निरंतर मांग के बीच रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 26 पैसे कमजोर होकर 86.57 प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.53 पर खुला और फिर फिसलकर 86.57 प्रति डॉलर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 26 पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया सोमवार को नौ पैसे कमजोर होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.31 पर बंद हुआ था।
क्रॉस ने पेश की एक नई कॉन्सेप्ट साइकिल
27 Jan, 2025 05:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑटो एक्सपो समाप्त हो चुका है. इसका हैंगओवर लोगों के अंदर से अभी तक नहीं गया है. सोशल मीडिया पर लोग अभी तक इसके रील्स शेयर कर रहे है. ऐसे में आइए क्रॉस नामक एक कंपनी की एक लाजवाब साइकिल पर एक नजर डालते है. यह साइकिल शानदार गेयर्स से लैस है. इसे चलाना काफी कंफर्टेबल है. क्रॉस ने एक कांसेप्ट बाइक साइकिल लॉन्च किया है. यह साइज में बिल्कुल छोटी सी है. अगर आप इसको देखेंगे तो आप इसको कह सकते हैं कि यह बाबा आदम के जमाने की साइकिल है.
इतनी है कीमत:
जब साइकिल के सबसे शुरुआती डिजाइन बने थे तब इसी तरह की साइकिल बनती थी. इसमें बस एक फर्क था कि उसमें बड़ा टायर आगे होता था. वहीं छोटा टायर पीछे होता था. इसमें कंपनी ने उसे चेंज कर दिया है. कंपनी ने इसमें एक छोटा टायर आगे लगाया और बड़ा टायर पीछे लगाया है. इसमें पीछे 26 इंच का टायर दिया गया है. क्रॉस की यह एक कॉन्सेप्ट बाइक है. इसकी कीमत करीब 7500 है. कंपनी ने इसका डिजाइन लोगों को वापस साइकिल से जोड़ने के लिए किया है.
एक है पर काम अनेक:
इस साइकिल में कंपनी ने पीछे की साइड डिस्क ब्रेक दिए हैं. डिस्क ब्रेक पीछे की तरफ है. इसके अलावा आगे का टायर काफी छोटा रखा गया है. इसमें एक ही हैंडल में ब्रेक दिया गया है. दूसरे हैंडल में ब्रेक नहीं है. हैंडल आपको अच्छे से ग्रिप देता है. यह पकड़ने के लिए और काफी अच्छे है. इसका बैलेंस काफी शानदार है. इस साइकिल की सबसे इंपोर्टेंट चीज यह है कि इसे आप पहाड़ पर आसानी से चला सकते हैं. आप कंपनी से स्पेशली ऑर्डर करके इसे मंगा सकते हैं.
आसानी से नहीं मिलेगी यह कॉन्सेप्ट बाइक:
यह कॉन्सेप्ट बाइक है. यह आपको आसानी से उनके स्टोर पर नहीं मिलेगी. यह साइकिल शानदार गेयर्स से लैस है. इसे चलाना काफी कंफर्टेबल है. क्रॉस ने एक कांसेप्ट बाइक साइकिल लॉन्च किया है. हैंडल आपको अच्छे से ग्रिप देता है. आप कंपनी से स्पेशली ऑर्डर करके इसे मंगा सकते हैं. इसे चलाना काफी कंफर्टेबल है.
सेबी चेयरपर्सन का कार्यकाल खत्म, सरकार ने नए चेयरपर्सन के लिए आवेदन मांगे
27 Jan, 2025 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन का कार्यकाल पूरा होने वाला है। सरकार ने उनकी जगह नए चेयरपर्सन के लिए आवेदन मंगाया है। मौजूदा चेयरपर्सन तीन साल का कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो रहा है। 2 मार्च, 2022 को पदभार संभाला था।
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने एक सार्वजनिक विज्ञापन में 17 फरवरी तक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। मंत्रालय ने कहा, "नियुक्ति कार्यभार संभालने की तारीख से अधिकतम 5 साल की अवधि के लिए या नियुक्त व्यक्ति की उम्र 65 साल होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की जाएगी।"
कितना होगा वेतन
सेबी चेयरपर्सन को भारत सरकार के सचिव के बराबर वेतन मिलेगा। यह फिलहाल 5,62,500 रुपये महीना है। इसमें घर और गाड़ी की सुविधा शामिल नहीं है। वित्त मंत्रालय का यह भी कहना है कि रेगुलेटर के तौर पर सेबी की भूमिका काफी अहम है। ऐसे में चेयरपर्सन के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को कुछ पैमानों पर खरा उतरना होगा।
भारतीय बैंकों के नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स में गिरावट, 2025 तक 0.4 प्रतिशत कम होने की संभावना
27 Jan, 2025 01:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग असेट (जीएनपीए) मार्च, 2025 तक 0.4 प्रतिशत घटकर 2.4 प्रतिशत हो सकता है। इसके बाद अगले वित्त वर्ष में इसमें 0.2 प्रतिशत की और गिरावट आएगी। रेटिंग एजेंसी फिच की रिपोर्ट के अनुसार, 'यह बात ठीक है कि असुरक्षित खुदरा ऋणों में जोखिम बढ़ रहा है, लेकिन मजबूत विकास, तेज वसूली और कर्ज को बट्टे खाते में डालने से NPA में होने वाली वृद्धि की भरपाई होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में 50 हजार रुपये तक दिए जाने वाले पर्सनल लोन में जोखिम बढ़ रहा है। इस तरह के कर्ज गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और फिनटेक द्वारा कम आय वालों को अधिक दिया जाता है, इसलिए इस वर्ग में बड़े भारतीय बैंकों को जोखिम कम है। आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में बिगड़ा हुआ ऋण अनुपात कम हो जाएगा, जिसके बाद यह वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर लगभग तीन प्रतिशत हो जाएगा। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में यह 2.6 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2024 तक के तीन सालों में असुरक्षित पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड उधारी क्रमश: 22 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि दर से बढ़े हैं। असुरक्षित ऋण से जुड़े जोखिम भार में वृद्धि के बाद, सितंबर 2024 को समाप्त पहली छमाही में यह गति क्रमश: 11 प्रतिशत और 18 प्रतिशत साल-दर-साल तक धीमी हो गई। जून, 2024 तक भारत का घरेलू ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 42.9 प्रतिशत है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई उभरते बाजारों की तुलना में कम है।
सरकार का सब्सिडी बोझ बढ़ने का अनुमान
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में सरकार का सब्सिडी बोझ बढ़कर लगभग 4.1-4.2 लाख करोड़ रुपये तक हो जाने की उम्मीद है। यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर अधिक खर्च के कारण है। सरकार ने शुरू में वित्त वर्ष 2025 के लिए खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम सहित प्रमुख सब्सिडी के लिए 3.8 लाख करोड़ रुपये का बजट अनुमान (बीई) निर्धारित किया था।
हालांकि, रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि विपणन सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के बाद यह आवंटन लगभग 10 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, भंडारण और परिवहन की उच्च लागत सब्सिडी व्यय को और बढ़ा रही है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अकेले उर्वरक सब्सिडी के चलते ही बजट नौ से दस प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। इसका प्रमुख कारण यह है कि मजबूत डॉलर ने आयात लागत बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में सब्सिडी के बोझ से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार द्वारा इसे तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है। ऐसे में कुल सब्सिडी बोझ घटकर चार लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि खाद्य सब्सिडी में बड़ी गिरावट की उम्मीद है, जिसे 2-2.1 लाख करोड़ रुपये के बीच सीमित रखने का अनुमान है। उधर, आयात लागत के निरंतर दबाव के कारण उर्वरक सब्सिडी 1.7-1.8 लाख करोड़ रुपये पर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में वित्त वर्ष 25 के लिए सरकार के सकल उधारी लक्ष्य पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसे 14.01 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि शुद्ध उधारी 11.63 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।
आम बजट 2025 में रोजगार सृजन पर जोर, सरकार करेगी नए अवसरों की शुरुआत
27 Jan, 2025 01:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में सरकार का रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर अधिक जोर रह सकता है। उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि सरकार को रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट में बुनियादी ढांचे, हॉस्पिटैलिटी, स्टार्टअप इकोसिस्टम, एडटेक और MSME क्षेत्र में निवेश और प्रोत्साहन देना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट 2025 पेश करेंगी।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की क्या हैं उम्मीदें?
आगामी बजट से अपेक्षाओं पर सीएमडी ने कहा, 'भारत में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर रोजगार पैदा में अहम भूमिका निभाता है और अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है। ऐसे में केंद्रीय बजट 2025 उद्योग को बढ़ाने और 2047 तक विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।'
सीएमडी ने कहा कि सबसे बड़ी मांग आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना है, क्योंकि इस मान्यता से वित्त तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष आवंटन किया जाना चाहिए, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
वहीं, टी9एल क्यूब के संस्थापक ने कहा कि फिलहाल इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चिंता स्टार्टअप है। हालांकि एंजल टैक्स हटाना निवेश प्रवाह को आसान बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदमों में से एक था, लेकिन इस साल इस तरह की और पहल की उम्मीद है।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को विदेशी निवेश से जुड़े नियमों को सरल बनाने और ऋण तक पहुंच में सुधार करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट में निरंतर नवाचार के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
स्टार्टअप सेक्टर क्या मिल सकता है
एंजल निवेशक एवं कॉम्सक्रेडिबल के फाउंडर का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में ‘स्टार्टअप इंडिया’ को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाकर टैक्स में फायदा देने की भी जरूरत है।
'उम्मीद है कि केन्द्रीय बजट 2025-26 में सेक्शन 80-एआईएसी के तहत कर में छूट के प्रावधान में सुधार लाए जाएंगे, क्योंकि इनसे केवल 1 फीसदी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ही फायदा मिल रहा है। हालांकि 1.6 लाख स्टार्टअप को मान्यता मिली हुई है। इसके बावजूद उन स्टार्टअप की संख्या बेहद कम है, जो इस छूट से लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे में ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ का लेबल सिर्फ एक लेबल बन कर ही रह गया है। जिससे उन्हें कुछ खास फायदे नहीं मिल रहे हैं।'
AI जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित करें ध्यान
शिक्षा नीति विशेषज्ञ और सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल के उपाध्यक्ष ने सुझाव दिया कि सरकार को डेटा विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा और एआई जैसे उभरते क्षेत्रों में कौशल की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश में वृद्धि सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश कुशल कर्मचारियों की कमी के कारण बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहा है।
कौशल विकास को दें प्राथमिकता
ग्लोबल सर्विसेज के संस्थापक और सीईओ तथा भारत-अफ्रीका व्यापार परिषद के व्यापार आयुक्त ने कहा कि मैंकिजे द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन से संकेत मिलता है कि भारत को अपने महत्वाकांक्षी जीडीपी विकास लक्ष्य सात से आठ प्रतिशत वार्षिक को प्राप्त करने के लिए अपने रोजगार के आंकड़ों में सुधार करना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के देश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार को रोजगार सृजन और कौशल विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी मोदी सरकार का आर्थिक रिपोर्ट कार्ड
27 Jan, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आम बजट को हर सरकार का राजनीतिक प्रपत्र कहा जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में इस बात को एक बार फिर साबित करेंगी। माना जा रहा है कि एक फरवरी, 2025 को पेश होने वाले वर्ष 2025-26 के आम बजट में वह मोदी सरकार के 10-11 वर्षों के कार्यकाल के दौरान हासिल आर्थिक उपलब्धियों का एक पूरा लेखा-जोखा पेश करेंगी।
वित्त मंत्री की यह तैयारी होगी कुछ खास
इतना ही नहीं वह इसकी तुलना यूपीए सरकार के दस वर्षों (2004-14) के दौरान हासिल आर्थिक उपलब्धियों से करेंगी। जब विपक्ष आगामी बजट सत्र में सरकार को बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे पर एक बार घेरने की तैयारी कर रही है तब वित्त मंत्री की यह तैयारी आर्थिक नीतियों को लेकर विपक्ष के साथ ही आम जनता के समक्ष भी अपनी उपलब्धियों को गिनाने की है।
डेटा के साथ यह बताने की कोशिश होगी कि कम्यूनिकेशन से लेकर रेलवे नेटवर्क तक और पीएनजी कनेक्शन से लेकर सीधे लाभार्थियों को नकदी ट्रांसफर करने के मुद्दे पर एनडीए सरकार का रिकार्ड यूपीए से बहुत बेहतर है।
डेटा के मुताबिक वर्ष 2011-12 में प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग (ग्रामीण) सिर्फ 1430 रुपये का था जो वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 4122 रुपये, शहरों में यह आंकड़ा 2,630 रुपये से बढ़ कर 6,996 रुपये, मोबाइल सेवाओं की टैरिफ 269 रुपये प्रति जीबी से घट कर 9.08 रुपये प्रति जीबी, औसत ब्राडबैंड स्पीड 1.30 एमबीपीएस (मार्च, 2014) से बढ़ कर 95.67 एमबीपीसी (अक्टूबर, 2024), मेडिकल कालेजों की संख्या 387 से बढ कर 780, मेडिकल एजुकेशन में सीटों की संख्या 51,348 (2014) से बढ़ कर 1,18,137 (2024), एलपीजी कनेक्शन की संख्या इस दौरान 14.5 करोड़ से बढ़ कर 32.8 करोड़, पीएनजी कनेक्शन की संख्या 22.3 लाख से बढ़ कर 32.8 करोड़ृ हो गई है।
वित्त मंत्री करेंगी विपक्ष पर हमला
इसी तरह से वर्ष 2014 में जहां पूरे देश में औसतन 12.5 घंटे बिजली उपलब्ध थी वह अब बढ़ कर 21.9 घंटे हो गई है। सबसे बड़ी वृद्धि गरीब घरों को दी जाने वाली आर्थिक मदद में हुई है। नकदी व वस्तुओं को मिला कर वित्त वर्ष 2014 में सरकार की तरफ से कुल 7,367 करोड़ रुपये की राशि बांटी गई थी जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़ कर 6,96,359.9 करोड़ रुपये हो गई है।
वित्त मंत्री बताएंगी कि यूपीए ने जब सत्ता छोड़ा तो भारतीय इकोनॉमी का आकार विश्व में 10वें स्थान पर था लेकिन भारत अब दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी है और तीसरी इकोनमी बनने की तरफ अग्रसर है। महंगाई थामने में भी वह अपनी सरकार के पक्ष में आंकड़ें पेश करेंगी। यूपीए के दस वर्ष के दौरान खुदरा महंगाई की औसत दर 8.19 फीसद रही थी जबकि विगत दस वर्षों के दौरान 5.56 फीसद रही है।
जीएसटी पर सवाल उठाने वालों को दिया जाएगा जबाव
जीएसटी से महंगाई का मुद्दा बताने वालों को यह कह कर जवाब दिया जाएगा कि तब अप्रत्यक्ष कर की औसत दर 15 फीसद थी जो अब घट कर 12.2 फीसद हो गई है। अगर भौतिक ढांचागत सुविधाओं की बात करें तो वर्ष 2014 में देश में बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 249 गीगा वाट थी जो अब 456 गीगावाट को पार कर चुकी है। रिनीवेबल ऊर्जा की स्थापित क्षमता 76.38 गीगावाट से बढ़ कर 2015 गीगावाट हो चुकी है।
आज की तारीख में 23 शहरों में मेट्रो संचालन
तब देश के सिर्फ पांच शहरों में ही मेट्रो स्टेशन थे लेकिन आज की तारीख में 23 शहरों में मेट्रो संचालन की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़ कर 157 हो चुकी है। नेशनल हाइवे की लंबाई यूपीए के कार्यकाल में 25.7 हजार किलोमीटर बढ़ाई गई थी लेकिन वर्ष 2014-24 के दौरान 54.9 हजार किलोमीटर लंबाई जोड़ी गई है।
भारत में 1 जुलाई से लागू होंगे नए प्लास्टिक प्रबंधन नियम, पैकेजिंग पर बारकोड की आवश्यकता
27 Jan, 2025 12:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में प्लास्टिक कैरी बैग और पैकेजिंग के प्रत्येक निर्माता, ब्रांड मालिक को 1 जुलाई से पैकेजिंग पर बारकोड में प्लास्टिक की मोटाई और निर्माता के नाम सहित अपने सभी डिटेल प्रदान करने होंगे। इस संबंध में इस हफ्ते पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से अधिसूचित नए नियम टॉप प्लास्टिक प्रबंधन नियम, 2016 के तहत 120 माइक्रोन से कम मोटाई के प्रतिबंधित कैरी बैग की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। टॉप नियम देश में पर्यावरण की दृष्टि से सुदृढ़ प्लास्टिक प्रबंधन के लिए वैधानिक ढांचे का प्रावधान करते हैं।
प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल पर रोक
मंत्रालय ने 2021 में संशोधित नियमों को अधिसूचित किया था, जिसमें 1 जुलाई, 2022 से कम इस्तेमाल और उच्च कूड़ा फैलाने की क्षमता वाली पहचानी गई सोलो वाली प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। संशोधित नियमों में 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, बांटना, बिक्री और इस्तेमाल पर भी बैन लगा दिया गया है।
नई किया फॉलो तो मिलेगी ये सजा
बारकोड में जानकारी प्रदान करने के नए नियमों में कार्रवाई का प्रावधान है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत उल्लंघन, कानून के तहत, किसी भी विफलता या उल्लंघन पर कारावास की सजा हो सकती है जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है। एक लाख रुपये तक या दोनों के साथ बढ़ाया जा सकता है।
Budget 2025: ICAI ने दिया ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग का सुझाव, जानिए पति-पत्नी को कैसे मिल सकता है फायदा?
27 Jan, 2025 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में अभी पति-पत्नी को अलग-अलग आयकर रिटर्न भरना पड़ता है। मगर अब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में लागू आयकर प्रणाली को देश में अपनाने की मांग उठी है।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने पति-पत्नी के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न प्रणाली अपनाने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। अब देखना होगा कि क्या इस बजट में सरकार इस प्रणाली को अपनाती है या नहीं?
इन परिवारों को मिल सकता लाभ
अलग-अलग आयकर रिटर्न भरने का लाभ उन परिवार को मिलता है, जहां पति-पत्नी दोनों कमाते हैं और किसी एक की सैलरी दूसरे से अधिक होती है। ऐसे मामले में दंपत्ती टैक्स में अलग-अलग कटौती का दावा कर सकते हैं। मगर एकल आय वाले परिवारों को इस लाभ से वंचित रहना पड़ता है।
टैक्स का बोझ कम होगा
अमेरिका जैसे देशों में संयुक्त आयकर फाइलिंग आय को मिलाकर और अतिरिक्त कटौती व क्रेडिट देकर टैक्स के बोझ को कम किया जाता है। दावे के मुताबिक संयुक्त फाइलिंग के माध्यम से परिवार अतिरिक्त कटौती और अधिक अनुकूल टैक्स रेट को अपना कर अपनी कर देयता को काफी कम कर सकते हैं।
आईसीएआई ने दिया सुझाव
आईसीएआई के मुताबिक संयुक्त आयकर रिटर्न व्यवस्था में विवाहित जोड़े को एक टैक्स योग्य यूनिट माना जाएगा। वहीं आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उन्हें अपनी आय को समयोजित करने का विकल्प मिलेगा। इससे वह अपने टैक्स के बोझ को कम कर सकेंगे।
कितनी होगी छूट की सीमा
चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने एक्स पर लिखा कि आईसीएआई ने विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देने का सुझाव दिया है। 7 लाख रुपये की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। अगर विवाहित हैं तो परिवार के लिए छूट की सीमा 14 लाख रुपये होगी।
कर चोरी रोकने में मिलेगी मदद
आईसीएआई का कहना है कि विवाहित जोड़ों को व्यक्तिगत या नई संयुक्त टैक्स रिटर्न व्यवस्था में से किसी एक को चुनने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। दावा है कि एकल आय अर्जित करने वाले परिवारों को इस व्यवस्था से फायदा होगा। इससे कर चोरी करने में भी मदद मिलेगी। प्रस्ताव के मुताबिक संयुक्त रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था में मूल छूट सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से दोगुना करके 6 लाख रुपये किया जाएगा।
संयुक्त रूप से आयकर दाखिल करने पर विवाहित जोड़ें के लिए प्रस्तावित टैक्स स्लैब
6 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
6-14 लाख रुपये 5 प्रतिशत टैक्स
14-20 लाख रुपये 10 प्रतिशत टैक्स
20-24 लाख रुपये 15 प्रतिशत टैक्स
24-30 लाख रुपये 20 प्रतिशत टैक्स
30 लाख रुपये से अधिक 30 प्रतिशत टैक्स
हफ्ते भर में करीब ₹430 सस्ता हुआ क्रूड आयल, अब कितने रुपए लीटर चल रहा पेट्रोल-डीजल?
26 Jan, 2025 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले काफी समय से कच्चे तेल की कीमतों में मामूली बदलाव देखने को मिल रहा है. अगर पिछले एक हफ्ते की बात करें तो कच्चे तेल की कीमत में करीब 5 डॉलर यानी करीब 430 रुपये की बड़ी गिरावट देखने को मिली है. जो कच्चा तेल एक हफ्ते पहले 79-81 डॉलर प्रति बैरल के आसपास घूम रहा था, अब उसकी कीमत करीब 5 डॉलर गिरकर 74-78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है. इस बीच तेल कंपनियों की ओर से आज यानी 26 जनवरी 2025 के लिए पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें जारी कर दी गई हैं. आइए जानते हैं कि देश के महानगरों और कुछ चुनिंदा शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कितनी हो गई हैं. वायदा बाजार में क्या है कच्चे तेल की कीमत?: विदेशी बाजार में कमजोर मांग को देखते हुए कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को कम कर दिया, जिससे शुक्रवार को वायदा कारोबार में कच्चा तेल 36 रुपये की गिरावट के साथ 6,448 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीई) पर फरवरी में डिलीवरी होने वाले कच्चे तेल का अनुबंध 36 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 6,448 रुपये प्रति बैरल पर आ गया। इसमें 8,234 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का भाव 0.07 फीसदी गिरकर 74.57 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.09 फीसदी फिसलकर 78.22 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
जानिए महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
शहर पेट्रोल डीजल
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 103.44 89.97
कोलकाता 103.94 90.76
चेन्नई 100.85 92.44
बेंगलुरु 102.86 88.94
लखनऊ 94.65 87.76
नोएडा 94.87 88.01
गुरुग्राम 95.19 88.05
चंडीगढ़ 94.24 82.40
पटना 105.18 92.04
पिछले साल मार्च में आखिरी बार कम हुई थीं कीमतें
भारत सरकार ने 5 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती की थी। इसके तहत दोनों की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी। केंद्र सरकार ने यह कटौती लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की थी। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कब तक कम रहती हैं।
ओएमसी जारी करती हैं कीमतें
आपको बता दें कि देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी करती हैं। हालांकि, 22 मई 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियां अपनी वेबसाइट पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी करती हैं। आप घर बैठे भी तेल की कीमतें चेक कर सकते हैं।
आप घर बैठे कीमतें चेक कर सकते हैं
आप अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसानी से पता कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की वेबसाइट पर जाना होगा या फिर एसएमएस भेजना होगा। अगर आप इंडियन ऑयल के ग्राहक हैं तो आप RSP के साथ शहर का कोड लिखकर 9224992249 पर एसएमएस भेज सकते हैं और अगर आप BPCL के ग्राहक हैं तो आप RSP लिखकर 9223112222 पर एसएमएस भेज सकते हैं।
एफपीआई की बिकवाली तेजी पर, जनवरी में ही भारतीय शेयर बाजार से निकाले 64,000 करोड़ रुपये
26 Jan, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एफपीआई: एफपीआई की भारतीय इक्विटी बाजारों से अनिच्छा जारी है और उन्होंने इस महीने अब तक 64,156 करोड़ रुपये निकाले हैं। रुपये के अवमूल्यन, बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कमजोर तिमाही नतीजों के कारण ऐसा हो रहा है। डिपॉजिटरी डेटा से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 428.87 अंक या 0.55 प्रतिशत और निफ्टी 111 अंक या 0.47 प्रतिशत गिर गया। एफपीआई आउटफ्लो: रुपये में गिरावट के कारण निवेशकों पर दबाव: मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इंडिया के संयुक्त निदेशक - अनुसंधान प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "भारतीय रुपये में लगातार गिरावट के कारण विदेशी निवेशकों पर काफी दबाव है, जिसके कारण वे भारतीय इक्विटी बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हालिया गिरावट, अपेक्षाकृत कम तिमाही नतीजों और मैक्रोइकोनॉमिक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों का उच्च मूल्यांकन निवेशकों को सतर्क कर रहा है। एफपीआई आउटफ्लो:
भारतीय इक्विटी से 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए
हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियों ने भी निवेशकों को सतर्क कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। ऐसे में निवेशक जोखिम भरे निवेश के रास्ते से दूर रहने को मजबूर हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने (24 जनवरी तक) अब तक भारतीय इक्विटी से 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इस महीने 2 जनवरी को छोड़कर सभी दिन एफपीआई ने बिकवाली की।
एफपीआई आउटफ्लो: आईटी सेक्टर में खरीदारी देखी गई
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, "डॉलर की निरंतर मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी एफआईआई की बिकवाली को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारक रहे हैं। जब तक डॉलर इंडेक्स 108 से ऊपर बना रहेगा और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.5 फीसदी से ऊपर बना रहेगा, तब तक बिकवाली जारी रहने की उम्मीद है।" वित्तीय क्षेत्र को एफपीआई की बिकवाली से खास तौर पर नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर आईटी सेक्टर में कुछ खरीदारी देखी गई।
कैरी बैग के ग्राहक से लिए पैसे, ठोका 35 हजार रुपए का जुर्माना
25 Jan, 2025 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । लखनऊ में एक निजी रिटेल स्टोर में किए गए कैरी बैग शुल्क के अपराध पर जिला उपभोक्ता फोरम ने कठोर कार्रवाई की। ग्राहक से 18 रुपए कैरी बैग के नाम पर वसूलते समय रिटेल स्टोर को 35 हजार 18 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम में यह मामला दर्ज किया गया था जब एक ग्राहक ने शॉपिंग सेंटर में एक कैरी बैग को खरीदने पर 18 रुपए की मांग पर विरोध किया था। ग्राहक के अधिवक्ता ने बताया कि उनके क्लाइंट को वसूला गया धन वापस करने के लिए उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के पक्ष में अदालती फैसले किया और कहा कि कैरी बैग का शुल्क जबरदस्ती वसूला नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त, रिटेल स्टोर पर 18 रुपए के वसूले के साथ साथ 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस फैसले से ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
जीएसटी टैक्स: छोटे आय वाले मिस्त्री को 1.96 करोड़ का टैक्स नोटिस
25 Jan, 2025 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद । गुजरात के पाटन जिले से जीएसटी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद में मिस्त्री का काम करने वाले सुनील सथवारा को बेंगलुरु जीएसटी विभाग से 1.96 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला। महज 16-17 हजार रुपये की मासिक आय से परिवार चलाने वाले सुनील के लिए यह नोटिस किसी बड़े सदमे से कम नहीं था। जांच में यह खुलासा हुआ कि सुनील के नाम पर 11 कंपनियां संचालित हो रही हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में पंजीकृत हैं। यह भी पाया गया कि इन कंपनियों के पंजीकरण के लिए सुनील के नकली आधार और पैन कार्ड का उपयोग किया गया था। टैक्स नोटिस मिलने के बाद सुनील ने वकील से संपर्क किया और दस्तावेजों की जांच कराई। फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का पता चलने पर उन्होंने गृह विभाग और क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। सुनील का कहना है कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर यह रैकेट संचालित किया गया है। मामले की जांच गांधीनगर सीआईडी क्राइम के हवाले की गई है। जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह रैकेट किसने चलाया, असली आरोपी कौन है और उसका मकसद क्या था। यह घटना आधार और पैन कार्ड से जुड़ी सुरक्षा खामियों और फर्जीवाड़े को उजागर करती है। संबंधित विभागों से अपील की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।