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रेलवे का नया नियम: सीटों के हिसाब से जारी होंगे टिकट, यात्रियों के लिए राहत
19 Mar, 2025 02:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Indian Railways: यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय रेल हरसंभव कोशिशों में जुटा हुआ है। ट्रेनों में वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को कंट्रोल करने के लिए रेलवे एक बड़ा प्लान बना रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों के जवाब में कई अहम जानकारियां साझा कीं। रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे की कोशिश है कि ट्रेनों में जितनी सीट उपलब्ध हों, उतने ही टिकट जारी किए जाएं। ताकि, ट्रेन में कन्फर्म सीट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की वजह से असुविधा न हो।
मोदी सरकार के कार्यकाल में बनीं 460 किमी नई सुरंगें
रेल मंत्री ने इसके साथ ही रेलवे की कई बड़ी और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आजादी के बाद साल 2014 तक भारत के रेल नेटवर्क में कुल 125 किमी टनल थे, जबकि 2014 के बाद से लेकर आज तक 460 किमी नई टनल्स बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के फ्लीट में आज 56 हजार जनरल और स्लीपर कोच हैं जबकि एसी कोच की संख्या 23 हजार हैं। रेल मंत्री ने बताया कि कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में ऐतिहासिक काम हुआ है। साल 1972 में शुरू हुआ और 2014 तक यानि 42 सालों में कुल 28 किमी का काम हुआ। जबकि साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से कोलकाता मेट्रो में 10 सालों में 38 किमी का काम हुआ है।
सेफ्टी पर रेलवे का खास फोकस
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे सेफ्टी पर बहुत फोकस है। कई टेक्निकल बदलाव किए गए हैं। लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम उठाकर भारतीय रेल में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच निर्यात करने के अलावा, हमारा देश यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच और मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशनल इक्विपमेंट एक्सपोक्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार का लोकोमोटिव और तमिलनाडु में बने पहिए दुनियाभर में दौड़ेंगे।
भारत का टैरिफ वॉर के लिए मास्टर प्लान, सरकार की 200 दिनों की रणनीति
19 Mar, 2025 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महज 200 दिन. भारत दुनिया के प्रमुख देशों को हिलाने की तैयारी कर रहा है. पूरी दुनिया की नजरें अमेरिका, चीन, कनाडा, मैक्सिको, और यूरोप के देशों के टैरिफ वार पर टिकी हुई है. वहीं दूसरी ओर भारत भी इस जंग में कूदकर सभी को हैरान करने वाला है. भारत एक ही हमले से दुनिया के कई देशों को परेशान करने के साथ हैरान भी करेगा. वास्तव में भारत स्टील प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने का विचार कर रहा है. ये बढ़ोतरी टेंप्रेरी होगी. सरकार 200 दिनों तक इस टैरिफ को लगाने का विचार कर रही है. इस फैसले से चीन, दक्षिण कोरिया और जापान को बड़ा झटका लग सकता है. इन देशों से भारत 70 फीसदी से ज्यादा स्टील इंपोर्ट कर रहा है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत इंपोर्ट ड्यूटी क्यों और कितनी बढ़ा रहा है? आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं.
क्यों लेना पड़ रहा है फैसला
कॉमर्स मिनिस्ट्री की जांच शाखा डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) ने घरेलू स्टील को इंपोर्ट में वृद्धि से बचाने के उद्देश्य से कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 200 दिन के लिए 12 फीसदी का अस्थायी सेफ्टी चार्ज लगाने की सिफारिश की है. डीजीटीआर ने पिछले साल दिसंबर में फैब्रिकेशन, पाइप मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले गैर-मिश्र धातु व मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों के इंपोर्ट में अचानक वृद्धि की जांच शुरू की थी.
हुई जांच की मांग
इंडियन स्टील एसोसिएशन द्वारा उसके सदस्यों की ओर से की गई शिकायत के बाद यह जांच की गई. आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया, एएमएनएस खोपोली, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स, भूषण पावर एंड स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड इस संघ के सदस्य हैं. महानिदेशालय ने अपनी जांच में प्रारंभिक रूप से पाया कि भारत में इन उत्पादों के इंपोर्ट में हाल ही में अचानक, तीव्र व महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू उद्योग/उत्पादकों को गंभीर क्षति पहुंचने का खतरा है.
12 फीसदी टैरिफ की सिफारिश
डीजीटीआर ने 18 मार्च की अपने नोटिफिकेशन में कहा कि ऐसी गंभीर परिस्थितियां मौजूद हैं, जहां अस्थायी सुरक्षा उपायों के आवेदन में किसी भी तरह की देरी से ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा. अस्थायी सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू करने की आवश्यकता है. नोटिफिकेशन के अनुसार, प्राधिकरण ने विचाराधीन उत्पाद के इंपोर्ट पर अंतिम फैसला होने तक 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत यथामूल्य की दर से अस्थायी सुरक्षा शुल्क लगाने की सिफारिश की है. वित्त मंत्रालय यह शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय लेगा.
कोरिया, चीन और जापान पर पड़ेगा असर
उद्योग जगत के अनुसार, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में मांग में कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इन उत्पादों का इंपोर्ट 2021-22 के दौरान 22.93 लाख टन से बढ़कर जांच अवधि (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 और तीन पूर्ववर्ती वित्त वर्ष 2021-24) के दौरान 66.12 लाख टन हो गया. चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम सहित देशों से इंपोर्ट में वृद्धि हुई है. नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस शुल्क का उद्देश्य इंपोर्ट में वृद्धि के विरुद्ध भारतीय घरेलू उद्योग की रक्षा करना है.
आलियांज और अंबानी के बीच नई साझेदारी का खाका, क्या है जर्मन कंपनी का प्लान?
19 Mar, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बजाज ग्रुप से 24 साल के पुराना साथ को खत्म करने के बाद अब जर्मन कंपनी Allianz SE भारत के बीमा मार्केट में एंट्री करने के लिए मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल के साथ साझेदारी की योजना बना रही है. भारत के सामान्य बीमा मार्केट और घरेलू जीवन बीमा में दूसरी बार कदम रखने के लिए आलियांज एसई द्वारा ये प्रयास किया जा रहे हैं.
क्या है कंपनी की प्लानिंग
भारत के बीमा सेक्टर में काम करने के लिए आलियांज ने पहले बजाज के साथ ज्वाइंट वेंचर किया था. बजाज ग्रुप के साथ 24 साल ज्वाइंट वेंचर को खत्म करने के लिए आलियांज ने ऐलान किया है. इसके बाद कंपनी अब पुरी नजर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ साझेदारी की शुरुआत पर है.
फाइनेंशियल सर्विस
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी और बजाज अलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में जर्मन फाइनेंशियल सर्विस आलियांज अपनी हिस्सेदारी को बेचने की तैयारी में है. इन कंपनियों में जर्मन फाइनेंशियल सर्विस आलियांज की 26% की हिस्सेदारी है, जिसे वो अब 2.8 अरब डॉलर में भारतीय साझेदारी को बेचने के प्लानिंग कर रहे हैं.
बातचीत कई महीनों से चल रही है
पिछले कई महीने से जिओ फाइनेंशियल और आलियांज के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. पिछले साल अक्टूबर महीने में जब यह सामने आया कि आलियांज बजाज के साथ अपनी हिस्सेदारी को बेचने की प्लानिंग तेजी से बना रहा है. उसके बाद से ही नई पार्टनरशिप की प्लानिंग में और भी तेजी आ गई.
पार्टनरशिप की प्लानिंग
पिछले साल अक्टूबर महीने में जब यह सामने आया कि आलियांज बजाज के साथ अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है तो उसके बाद इस नई पार्टनरशिप की प्लानिंग की बातचीत में और तेजी आ गई.
रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड
मुकेश अंबानी जो रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के अध्यक्ष है उन्होंने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के बारे में कहा था कि वह बीमा क्षेत्र में भी एंट्री करेंगे. लोगों के लिए स्मार्ट जीवन और सामान्य स्वास्थ्य बीमा जैसी कई आकर्षक प्रोडक्ट की पेशकश भी करेंगे.
अल्फाबेट और Wiz के बीच 32 अरब डॉलर की डील, क्लाउड सुरक्षा में नया मोड़
19 Mar, 2025 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट तेजी से बढ़ते स्टार्टअप Wiz को करीब 32 अरब डॉलर में खरीदेगा। यह अब तक का सबसे बड़ी डील है। गूगल की पैरेंट कंपनी अमेजन डॉट कॉम और माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ क्लाउड-कंप्यूटिंग की दौड़ में अपनी बढ़त को तेज करने के लिए साइबर सुरक्षा पर दोगुना जोर दे रही है। अधिग्रहण के बाद विज़ को गूगल की क्लाउड यूनिट का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन में कंपनी की कोशिशों को मजबूती मिलेगी। विज़ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी असफ़ रप्पापोर्ट ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में इस डील की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमने गूगल द्वारा अधिग्रहित किए जाने के लिए एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा विनियामक समीक्षा के अधीन है, और सौदा पूरा होने के बाद Wiz Google Cloud में शामिल हो जाएगा।
पहले से ज्यादा देने पड़े पैसे
खबर के मुताबिक, हालांकि यह 32 अरब डॉलर की कीमत, पिछले साल जब अल्फाबेट ने विज को खरीदने के लिए 23 अरब डॉलर का ऑफर दिया था, से कहीं अधिक है। हालांकि, इस डील को अभी आखिरी दौर में पहुंचने से पहले कुछ नियामकीय और दूसरे अप्रूवल की जरूरत है। बता दें, इससे पहले अल्फाबेट ने साल 2011 में मोटोरोला मोबिलिटी को खरीदा था, जिसके लिए 12.5 अरब डॉलर चुकाए थे। बता दें, कि अल्फाबेट और विज के बीच यह डील बिल्कुल कैश में होनी है।
विज अमेजन वेब सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट के एज़्योर और गूगल क्लाउड जैसे क्लाउड प्रदाताओं के साथ काम करता है। मॉर्गन स्टेनली, ओपन न्यू टैब, बीएमडब्ल्यू, ओपन न्यू टैब और LVMH, ओपन न्यू टैब इसके ग्राहक हैं। विज के उत्पाद दूसरे प्रमुख क्लाउड सेवाओं पर उपलब्ध रहेंगे। अल्फाबेट को उम्मीद है कि यह सौदा 2026 में पूरा हो जाएगा।
अल्फाबेट के शेयरों में गिरावट
अल्फाबेट के शेयरों में करीब 3% की गिरावट दर्ज की गई। चीन के कम लागत वाले डीपसीक के उभरने और पिछले दो सालों से बाजार का नेतृत्व करने वाली तकनीकी दिग्गजों में गिरावट के खिलाफ अपने भारी एआई खर्च को लेकर चिंताओं के कारण मंगलवार से पहले इस साल स्टॉक में 13% की गिरावट आई थी।
बाजार के रुझान पर असर डाल रहे हैं कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डेटा
19 Mar, 2025 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार बुधवार को बढ़त के साथ खुला। सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 132.97 अंकों की तेजी के साथ 75,434.23 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 49.4 अंक की उछाल के साथ 22,883.70 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था। लेकिन बाद में फिर सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर बाजार लाल निशान में चला गया।
आज के शुरुआती कारोबार में निफ्टी पर टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, भारती एयरटेल प्रमुख लाभ में रहे, जबकि टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, सिप्ला, ट्रेंट नुकसान में रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-1 प्रतिशत की तेजी आई। आईटी, फार्मा को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जिसमें टेलीकॉम, मीडिया मेटल, पीएसयू बैंक में 1-1 प्रतिशत की तेजी आई है।
अमेरिकी बाजार का हाल
अमेरिकी बाजारों में दो दिनों की बढ़त के बाद मंगलवार को गिरावट देखी गई क्योंकि प्रमुख सूचकांकों में तेज गिरावट देखी गई। डॉव जोन्स 0.62% गिरकर 41,581 पर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी 500 1.07% गिरकर 5,614 पर आ गया। यह फरवरी के उच्चतम स्तर से 8.6% नीचे था और सुधार क्षेत्र के करीब था। नैस्डैक में सबसे अधिक गिरावट आई, जो 1.71% गिरकर 17,504 पर बंद हुआ।
खबर के मुताबिक, एशिया में शेयरों में लगातार चौथे दिन तेजी रही। बैंक ऑफ जापान द्वारा अपनी नीतिगत ब्याज दर को उम्मीद के मुताबिक स्थिर रखने के बाद येन में उतार-चढ़ाव आया। जापान और दक्षिण कोरिया के शेयरों में तेजी आई, जबकि चीन के शेयरों में गिरावट आई और हांगकांग के शेयरों में मिलाजुला रुख रहा।
पिछले सत्र में जोरदार उछला था बाजार
भारतीय शेयर बाजारों में 18 मार्च को सभी सेक्टरों और व्यापक सूचकांकों में जोरदार खरीदारी हुई। निफ्टी इंट्राडे कारोबार के दौरान 22,850 अंक के पार चला गया था और 325.55 अंक की बढ़त के साथ 22,834.30 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 1,131.31 अंक की बढ़त के साथ 75,301.26 पर बंद हुआ।
LIC को मिल सकती है हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी, डील के लिए बातचीत जारी
18 Mar, 2025 06:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC जल्द ही हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री करने जा रही है। इंश्योरेंस सेक्टर की दिग्गज सरकारी कंपनी एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। एलआईसी के मुख्य कार्यकारी सिद्धार्थ मोहंती ने मंगलवार को कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के साथ चल रही बातचीत अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले डील की अंतिम रूप से घोषणा हो जाएगी। सिद्धार्थ मोहंती ने हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का नाम नहीं बताया, जिसमें एलआईसी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है।
हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में आना एलआईसी के लिए स्वाभाविक विकल्प
बताते चलें कि देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में भी कदम रखने की संभावनाएं तलाश रही है। एलआईसी के मुखिया ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘‘स्वास्थ्य बीमा कारोबार में शामिल होना एलआईसी के लिए स्वाभाविक विकल्प है और चर्चा अंतिम चरण में है।’’
4000 करोड़ रुपये में इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकता है LIC
सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में 51 प्रतिशत या उससे ज्यादा की नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं खरीदेगी। खरीदी जाने वाली हिस्सेदारी की सटीक मात्रा एलआईसी के निदेशक मंडल के फैसले और मूल्यांकन जैसे कारकों पर निर्भर करेगी। मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी 4000 करोड़ रुपये के डील में मणिपाल सिग्ना कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है।
मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए कंपनी के शेयर
मंगलवार को एलआईसी के शेयर बीएसई पर 12.65 रुपये (1.70%) की तेजी के साथ 757.65 रुपये के भाव पर बंद हुए। हालांकि, कंपनी के शेयर अभी भी अपने 52 वीक हाई से काफी नीचे और 52 वीक लो के करीब कारोबार कर रहे हैं। एलआईसी के शेयरों का 52 वीक हाई 1221.50 रुपये और 52 वीक लो 715.35 रुपये है। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 4,79,213.45 करोड़ रुपये है।
श्रीलंका संकट में चीन को बड़ा झटका, 7 अरब डॉलर का हुआ नुकसान
18 Mar, 2025 05:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पड़ोसी देश चीन को श्रीलंका के बाहरी कर्ज पुनर्गठन से 7 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। कोलंबो में चीन के राजदूत क्यूई झेनहोंग के हवाले से यह खबर दी है। इसमें झेनहोंग ने कहा है कि चीन अक्टूबर 2023 में पुनर्गठन समझौता करने वाला श्रीलंका का पहला द्विपक्षीय ऋणदाता था। खबर के मुताबिक, झेनहोंग ने कहा कि हालांकि, जनता को इन विवरणों के बारे में पता नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम श्रीलंका को दी जाने वाली सहायता के बारे में (सार्वजनिक रूप से) जानकारी नहीं देते हैं।
भारत को लेकर भी कही ये बात
खबर के मुताबिक, श्रीलंका ने 2022 के आर्थिक संकट में अपनी पहली चूक की घोषणा करने के बाद 46 अरब अमेरिकी डॉलर के बाहरी कर्ज का पुनर्गठन किया था। राजदूत ने साथ ही चीन और भारत के भविष्य में श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के विकास के लिए संयुक्त रूप से काम करने की उम्मीद भी जाहिर की। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन का भारत के साथ कोई विवाद नहीं है, क्योंकि दोनों देश तेजी से आगे बढ़े हैं और उन्हें साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। राजदूत ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत और श्रीलंका एक दिन यहां एक व्यवहार्य परियोजना को लागू करने के लिए मिलकर काम कर सकेंगे।
नरेन्द्र मोदी के कमेंट की सराहना की
इससे पहले चीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारत-चीन संबंधों पर पॉजिटिव कंमेंट की बीते सोमवार को सराहना की, जिसमें उन्होंने विवाद के बजाय संवाद पर जोर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन ने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया सकारात्मक टिप्पणी पर ध्यान दिया है और इसकी सराहना करता है।
टैरिफ के मुद्दे पर बढ़ते विवाद के बीच PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ क्यों की?
18 Mar, 2025 05:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया में एक नए तरह का टैरिफ वॉर छेड़ा हुआ है. मेक्सिको, कनाडा और चीन इसका शिकार बन रहे हैं और भारत पर ये गाज 2 अप्रैल को गिर सकती है. डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत पर ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ लगाने का ऐलान किया हुआ है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए देखा गया है. आखिर क्या है उनका प्लान?
ट्रंप की टैरिफ नीति से बचने और उससे निपटने के लिए जहां चीन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. उसने एक्सपोर्ट को गिरने से बचाने के लिए ज्यादा पेंशन और बेहतर मेडिकल सुविधाएं देने का ऐलान किया है. वहीं भारत की अप्रोच इसे लेकर ‘देखो और इंतजार करो’ वाली है.
पीएम मोदी ने की ट्रंप की तारीफ
इधर भारत पर ट्र्रंप टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं. इसकी डेडलाइन भी करीब आ रही है. उस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने खुले दिल से डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की है. हाल में लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए बहुत अच्छे से तैयारी करके आए हैं. उनके पास अपने गोल अचीव करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप है. उन्हें पता है कि इसके लिए कौन-से रणनीतिक कदम उठाने हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर भारत को दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलने वाले देशों में से एक बता चुके हैं. हालांकि इसके बावजूद उन्हें अक्सर पीएम मोदी की तारीफ करते हुए देखा गया है. असल में डोनाल्ड ट्रंप इतना चाहते हैं कि भारत कुछ ऐसे कदम उठाए जिससे व्यापार में अमेरिका को फायदा हो. वहीं भारत अमेरिका से ज्यादा तेल खरीदना शुरू करे. दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर भी बातचीत जारी है.
क्या है पीएम मोदी का प्लान?
इस बीच भारत का प्लान क्लियर है. भारत चाहता है कि एलन मस्क यहां अपनी टेस्ला की फैक्टरी लगाएं, निवेश लाएं जिससे रोजगार पैदा हो. इसके लिए भारत ने कम टैरिफ वाली नई ईवी पॉलिसी तक तैयार कर ली है. हालांकि भारत से ज्यादा एलन मस्क को भी यहां के बाजार की जरूरत है, क्योंकि चीन और यूरोप जैसे बड़े बाजारों में उसकी सेल लगातार गिर रही है.
वहीं भारत के टेलीकॉम सेक्टर में भी एलन मस्क की स्टारलिंक ने रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ सैटेलाइट इंटरनेट की डील साइन की है. तो इस तरह देखा जाए तो इस पूरी कवायद का फलसफा सिर्फ और सिर्फ बिजनेस है.
500 बिलियन डॉलर का ट्रेड
भारत और अमेरिका की लीडरशिप ने ‘इंडिया फर्स्ट’ और ‘अमेरिका फर्स्ट’ जैसे विजन को सामने रखा है. इसी को ध्यान में रखकर दोनों देश आपस में ट्रेड डील करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. वहीं टैरिफ वॉर को लेकर भारत जहां काफी सोच-समझकर कदम बढ़ा रहा है, वहीं चीन ने आर्थिक उथल-पुथल से बचने के लिए सक्रियता से काम करना शुरू कर दिया है.
फरवरी में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने चरणबद्ध तरीके से ट्रेड डील करने पर सहमति बनाई है. दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक आपसी ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर पर ले जाने का है. वहीं इंडिया की एक योजना अपने एक्सपोर्ट को डायवर्सिफाई बनाने की भी है.
एसबीआई रिसर्च के मुताबिक टैरिफ के बाद भारत के एक्सपोर्ट में 3 से 3.5 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. इसलिए भारत अल्टरनेटिव मार्केट में भी एक्सपोर्ट करने पर जोर दे रहा है. भारत ने संयुक्त अरब अमीरात से लेकर ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ टोटल 13 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन किए हैं. साथ ही ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय यूनियन के साथ बातचीत चल रही है. वहीं भारत अपने क्रूड इंपोर्ट को भी डायवर्सिफाई करना चाहता है. इसलिए वह इसे अलग-अलग देशों से सोर्स कर रहा है
सोने में भारी उछाल, चार दिन बाद रिकॉर्ड टूटने से निवेशक चौंके
18 Mar, 2025 01:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोल्ड की कीमतों में करीब 4 दिनों के बाद फिर से रिकॉर्ड टूटता हुआ दिखाई. होली के दिन वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज सेकंड हाफ में ओपन हुआ था और कीमतें पहली बार बार 88 हजार रुपए के लेवल को क्रॉस कर गई थी. अब 4 दिनों के बाद 18 जनवरी को सोने की कीमतें 88,500 रुपए के करीब पहुंच गई हैं और एक नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है. वास्तव में विदेशी बाजारों में गोल्ड की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. न्यूयॉर्क के बाजारों में गोल्ड के दाम नए लेवल पर पहुंच गए हैं.
जानकारों की मानें तो 18 मार्च से फेड की पॉलिसी मीटिंग शुरू होने जा रही हैं. 19 मार्च को फेड पॉलिसी रेट का ऐलान करेगा. निवेशक महंगाई के आंकड़े देखकर काफी उत्साहित हैं. उन्हें उम्मीद है कि फेड इस बार पॉलिसी रेट में कम से भी कम 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में तेजी का माहौल बना हुआ है.
वहीं दूसरी ओर जियो पॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ वॉर दोनों कायम है. जिसकी वजह से निवेशकों का रुख सेफ हैवन की ओर ज्यादा है. इसके अलावा ग्लोबली सेंट्रल बैंकों की ओर से गोल्ड की खरीदारी लगातार जारी है. डिमांड होने के कारण गोल्ड की कीमतों में रॉकेट जैसी बढ़ोतरी देखी जा रही है.
एमसीएक्स पर रिकॉर्ड लेवल पर गोल्ड
देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है और कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर दिखाई दे रही हैं. वैसै गोल्ड की कीमत दोपहर 12 बजे 344 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी के साथ 88,367 रुपए प्रति दस ग्राम हो गए हैं. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड की कीमत 88,499 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी. वैसे एक दिन पहले सोने की कीमत 88,023 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था. आज यानी 18 मार्च को सुबह जब मार्केट ओपन हुआ तो करीब 250 रुपए की तेजी देखने को मिली ओर दाम 88,274 रुपए प्रति दस ग्राम दिखाई दिए.
मौजूदा साल कितना हुआ इजाफा
अगर बात मौजूदा साल की बात करें तो गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल चुकी है. पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन गोल्ड के दाम 77,456 रुपए प्रति दस ग्राम थे. जो 18 मार्च को बढ़कर 88,499 रुपए पर पहुंच गए. इसका मतलब है कि मौजूदा साल में गोल्ड की कीमत 11,043 रुपए प्रति दस ग्राम का इजाफा यानी 14.25 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. शायद ही किसी साल 90 दिनों से भी कम समय में गोल्ड की कीमतों में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला. मार्च के महीने में अब तक गोल्ड की कीमतों में 6,280 रुपए यानी 7.64 फीसदी की तेजी देखनेे को मिल चुकी है.
एक लाख से कितना दूर
देश के वायदा बाजार में गोल्ड के दाम को एक लाख रुपए तक पहुंचने के 11,500 रुपए प्रति दस ग्राम की और जरुरत है. इसका मतलब है कि करीब 13 फीसदी की और बढ़ोतरी के बाद एमसीएक्स पर गोल्ड के दाम 1 लाख रुपए और उससे ज्यादा के लेवल पर पहुंच जाएंगे. खास बात तो ये है कि ऐसा अगले और 75 दिनों में देखने को मिल सकता है. अगर गोल्ड की कीमतों में इसी तरह की तेजी देखने को मिलती रही हो. ऐसा इसलिए कि मौजूदा साल में अभी 80 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं और सोने के दाम में 14 फीसदी काा इजाफा देखने को मिल चुका है. ऐसे में अगले 75 दिनों में गोल्ड की कीमतों में 13 फीसदी की तेजी देखने को मिल ही सकती है.
न्यूयॉर्क में भी गोल्ड ने बनाया रिकॉर्ड
सिर्फ लोकल मार्केट में ही नहीं बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी गोल्ड की कीमतों का डंका बजता हुआ दिखाई दे रहा है. न्यूयॉर्क के कॉमेक्स बाजार में गोल्ड के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं. आंकड़ों के अनुसार कॉमेक्स पर गोल्ड फ्यूचर की कीमत करीब 17 डॉलर प्रति ओंस की तेजी के साथ 3,023 डॉलर प्रति ओंस पर पहुंच गई हैं. वहीं दूसरी ओर गोल्ड स्पॉट में भी करीब 17 डॉलर प्रति ओंस का इजाफा देखने को मिल रहा है और कीमतें 3,017.21 डॉलर प्रति ओंस के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई हैं. यूरोपीय और ब्रिटिश मार्केट में भी गोल्ड की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. यूरोपीय बाजार में गोल्ड करीब 17 यूरो की तेजी के साथ 2,764.44 यूरो प्रति ओंस हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश मार्केट में सोने की कीमत में करीब 14 पाउंड का इजाफा देखने को मिल रहा है और दाम 2,323.68 पाउंड प्रति ओंस हो गए हैं.
फरवरी 2025 में भारत के निर्यात में गिरावट, 36.91 अरब डॉलर पर पहुंचा निर्यात
18 Mar, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेट्रोलियम की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण फरवरी में भारत का वस्तुओं का निर्यात लगातार चौथे महीने घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में ये जानकारी दी गई। बताते चलें कि पिछले साल फरवरी में भारत ने 41.41 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में व्यापार घाटे में कमी देखने को मिली है और ये घटकर 14.05 अरब डॉलर रह गया। दरअसल, इस साल फरवरी में देश का आयात घटकर 50.96 अरब डॉलर पर आ गया था और इसी वजह से भारत के व्यापार घाटे में कमी दर्ज की गई है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में बढ़ा देश का निर्यात
निर्यात के आंकड़ों के मुकाबले आयात का आंकड़ा ज्यादा होने पर व्यापार घाटे की स्थिति बनती है। कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में वस्तु और सेवा निर्यात 6.24 प्रतिशत बढ़कर 750.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये 706.43 अरब डॉलर था। पिछले चार महीनों (नवंबर, 2024-फरवरी-2025) के दौरान भारत के उत्पाद निर्यात में मूल्य के लिहाज से गिरावट देखी गई। जनवरी में उत्पाद निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले ये 37.32 अरब डॉलर था। दिसंबर में ये 38.01 अरब डॉलर रहा, जबकि दिसंबर 2023 में ये 38.39 अरब डॉलर था। वहीं नवंबर, 2024 में उत्पाद निर्यात 32.11 अरब डॉलर रह गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 33.75 अरब डॉलर था।
थोक महंगाई में मामूली बढ़ोतरी
सरकार ने आज आयात-निर्यात के साथ-साथ मु्द्रास्फीति के भी आंकड़े जारी किए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल फरवरी में थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मामूली रूप से बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई। जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.31 प्रतिशत के स्तर पर थी। लगातार तीन महीने की गिरावट के बाद फरवरी में डब्ल्यूपीआई में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि फरवरी, 2025 में मुद्रास्फीति की दर में हुई बढ़ोतरी मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और कपड़ा आदि के मूल्यों में वृद्धि के कारण है।
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल: सरकार से नौकरी सुरक्षा की मांग
18 Mar, 2025 12:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने और बैंकिंग उद्योग में 5 दिवसीय कार्य सप्ताह सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 24-25 मार्च को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। सोमवार को यह खबर दी है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस 9 बैंक यूनियनों - एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ का एक छत्र निकाय है।
यूनियंस की ये हैं मांगें
सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती
सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करें
बैंकिंग उद्योग में 5 दिवसीय कार्य सप्ताह का कार्यान्वयन
नौकरी की सुरक्षा की रक्षा करें
प्रदर्शन समीक्षा पर DFS निर्देश वापस लें
PLI पर DFS निर्देश वापस लें
बैंकर्स की रक्षा करें, सुरक्षा सुनिश्चित करें
कोई और हमला और दुर्व्यवहार नहीं! बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल अब
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारी/अधिकारी निदेशकों के पद भरे जाएं
भारतीय बैंक संघ के पास लंबित शेष मुद्दों का समाधान
ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 25 लाख करें और इसे कर-मुक्त बनाएं-सरकारी कर्मचारियों के साथ समानता अब
कर्मचारियों के कल्याण पर अनुचित कर लगाना बंद करें। रियायती लाभों पर आयकर वसूली नहीं-प्रबंधन को लागत वहन करने दें
राष्ट्रीय हितों की रक्षा करें, आईडीबीआई बैंक में 51% सरकारी इक्विटी बनाए रखें
इनका करते हैं विरोध
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस का कहना है कि हम डीएफएस द्वारा पीएसबी के नीतिगत मामलों पर सूक्ष्म प्रबंधन का विरोध करते हैं, जो कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा शर्तों को प्रभावित करता है और द्विपक्षीयता को कमजोर करता है। साथ ही हम बैंकों में स्थायी नौकरियों को आउटसोर्स करने, बैंकिंग उद्योग में अनुचित श्रम प्रथाओं का विरोध करते हैं। देशभर में लाखों बैंक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। इससे बैंकों के काम-काज पर असर देखने को मिल सकता है। अगर आपको जरूरी काम है तो इसे पहले ही निपटा लें।
होली के बाद रुपए की सबसे बड़ी छलांग, डॉलर पर पड़ा जोरदार असर
17 Mar, 2025 04:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली के त्योहार की वजह से शुक्रवार को करेंसी मार्केट बंद थी. उसके बाद शनिवार और रविवार को बाजार बंद रहा. करेंसी मार्केट तीन दिनों के बाद खुला और रुपए ने आते ही धमाका कर दिया. रुपए में डॉलर के मुकाबले में 25 पैसे की जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. उसका फेड पॉलिसी की नरमी और आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती की वजह से रुपए में तेजी का माहौल बना हुआ. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में रुपए में और भी तेजी देखने को मिल सकती है.
गुरुवार को 17 पैसे की तेजी अब 25 पैसे की बढ़त यानी गुरुवार से अब तक रुपया 42 पैसे की बढ़त ले चुका है. इस तेजी की वजह से डॉलर के मुकाबले में रुपया एक बार फिर से 87 के लेवल से नीचे आ गया है. जोकि डॉलर के लिए काफी बुरे संकेत है.
रुपए में जबरदस्त तेजी
सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे बढ़कर 86.80 पर पहुंच गया, क्योंकि घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ शुरुआत हुई और एशियाई मुद्राओं में मजबूती का रुख जारी रहा. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रुपया निकट भविष्य में अपनी बढ़त जारी रख सकता है, क्योंकि फेड की नरम नीति की उम्मीद ने डॉलर पर दबाव डाला है, जिससे रुपये की रिकवरी में और मदद मिली है.
हालांकि, ग्लोबल रिस्क सेंटीमेंट और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव रुपए की अगली चाल को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.90 पर खुला, फिर कुछ बढ़त के साथ 86.80 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 25 पैसे अधिक है. गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे बढ़कर 87.05 पर बंद हुआ. होली के त्यौहार के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा और शेयर बाजार बंद रहे.
क्या कह रहे हैं जानकार
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स ने कहा कि यूएसडी/आईएनआर जोड़ी के निकट से मध्यम अवधि में 86.80-87.40 की सीमा के भीतर कारोबार करने की उम्मीद है. इस बैंड से आगे निकलने पर उसी दिशा में 30-50 पैसे की अतिरिक्त चाल चल सकती है, जिससे बाजार सहभागियों को संभावित अस्थिरता के लिए हाई अलर्ट पर रहना होगा. बाजार सहभागियों की आरबीआई के रुख पर भी कड़ी नजर रहेगी, क्योंकि संभावित हस्तक्षेप से रुपये की चाल प्रभावित हो सकती है.
शेयर बाजार में तेजी
इस बीच, यूएस डॉलर इंडेक्स 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.70 पर कारोबार कर रहा था. वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 71.08 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 405.89 अंक यानी 0.55 प्रतिशत बढ़कर 74,234.80 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 153.65 अंक यानी 0.69 प्रतिशत बढ़कर 22,550.85 अंक पर था.
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 792.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इस बीच, आरबीआई के अनुसार, 7 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15.267 अरब डॉलर बढ़कर 653.966 अरब डॉलर हो गया. पिछले सप्ताह कुल भंडार 1.781 अरब डॉलर घटकर 638.698 अरब डॉलर रह गया था. रुपए में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ रीवैल्यूएशन के कारण हाल ही में भंडार में गिरावट का रुख रहा था.
गौतम अडानी को मार्केट रेगुलेशन उल्लंघन मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से क्लीन चिट
17 Mar, 2025 02:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अडानी को बॉम्बे हाई कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने करीब 388 करोड़ रुपए के मार्केट रेगुलेशन के कथित उल्लंघन के मामले से बरी कर दिया है. सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने 2012 में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) और उसके प्रमोटर गौतम अडानी, राजेश अडानी के खिलाफ मामला शुरू किया था और उन पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही साथ चार्जशीट दाखिल की थी.
साल 2019 में दोनों उद्योगपतियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने एक याचिका दायर कर उसी साल के सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने मामले से मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था. जस्टिस आर एन लड्ढा की हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सोमवार को सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और दोनों को मामले से मुक्त कर दिया.
SFIO ने 2012 में दायर की थी चार्जशीट
दिसंबर 2019 में हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया गया. साल 2012 में SFIO ने अडानी सहित 12 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर की थी, लेकिन मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मई 2014 में उन्हें मामले से बरी कर दिया. SFIO ने बरी करने के आदेश को चुनौती दी.
सेशन कोर्ट ने पलट दिया था मजिस्ट्रेट का आदेश
नवंबर 2019 में सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि एसएफआईओ ने अडानी समूह द्वारा अवैध लाभ का मामला बनाया था. उद्योगपतियों ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में सेशन कोर्ट के आदेश को “मनमाना और अवैध” बताया. इस मामले में लगभग 388 करोड़ रुपए के मार्केट रेगुलेशन उल्लंघन के आरोप शामिल थे. यह मामला एसएफआईओ की ओर से जांच के दौरान रेगुलेटरी अनुपालन और वित्तीय लेनदेन पर चिंताओं से उपजा था.
IndusInd Bank पर RBI की नजर, मार्च तक गड़बड़ियां सुधारने की दी समय सीमा, वित्तीय स्थिति स्थिर
17 Mar, 2025 02:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक ने शनिवार को इंडसइंड बैंक के बोर्ड से कहा कि वह चालू तिमाही के दौरान बैंक द्वारा घोषित अकाउंटिंग में 2,100 करोड़ रुपये की भारी गड़बड़ी के खुलासे के बीच सुधारात्मक कार्रवाई पूरी करे। इंडसइंड बैंक ने इसी सप्ताह अकाउंटिंग में गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसका बैंक की नेटवर्थ पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। इस खुलासे के तुरंत बाद बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखी गई। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि सिस्टम की व्यापक समीक्षा करने और वास्तविक प्रभाव का आकलन करने के लिए एक बाहरी ऑडिट टीम को नियुक्त कर दिया गया है।
RBI ने कहा- स्टेबल है बैंक की वित्तीय स्थिति
केंद्रीय बैंक ने कहा, “बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद, जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें।” बयान में कहा गया है कि इस समय जमाकर्ताओं को अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निवेशकों को आश्वासन दिया कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रख रहा है। इंडसइंड बैंक ने बताया कि पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास अकाउंटिंग में चूक की बात सामने आई थी और बैंक ने पिछले हफ़्ते आरबीआई को इस बारे में प्रारंभिक जानकारी दी थी। बैंक के अनुसार, अंतिम संख्या तब पता चलेगी जब बैंक द्वारा नियुक्त बाहरी एजेंसी अप्रैल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगी।
शेयर में आ चुकी है काफी गिरावट
बीते कुछ दिनों में इंडसइंड बैंक के शेयर में काफी गिरावट आ चुकी है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को बीएसई पर इंडसइंड बैंक का शेयर गिरावट के साथ बंद हुआ था। यह शेयर 1.84 फीसदी या 12.60 रुपये की गिरावट के साथ 672.10 रुपये पर बंद हुआ। इस शेयर का 52 वीक हाई 1576 रुपये है। वहीं, 52 वीक लो 605 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप बीएसई पर 52,360.25 करोड़ रुपये है।
ब्लैकस्टोन ने भारतीय कंपनी में 40% हिस्सेदारी खरीदी, शेयर में आया उछाल
17 Mar, 2025 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनी Kolte patil Developers में दुनिया की दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकस्टोन ने 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। ब्लैकस्टोन ने 1167.03 करोड़ रुपये में यह हिस्सेदारी खरीदी है। अब ब्लैकस्टोन ओपन ऑफर के जरिए भी शेयरधारकों से शेयर खरीद सकती है। रियल्टी फर्म 14.29 फीसदी प्रीफरेंशियल शेयर्स को ब्लैकस्टोन को देगी। इसकी लागत 417.03 करोड़ रुपये है। इस डील में 1.26 करोड़ शेयर ट्रांसफर होंगे। स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी से यह पता लगा है।
Kolte patil Developers का कंट्रोल ब्लैकस्टोन के पास चला जाएगा
इस डील में Kolte patil Developers का कंट्रोल ब्लैकस्टोन के पास चला जाएगा। कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स 750 करोड़ रुपये में 25.71 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। प्रीफरेंशियल शेयर्स और मौजूदा शेयरहोल्डर्स के बेचान से यह सौदा कुल 1167.03 करोड़ रुपये का बैठता है। कंपनी के प्रमोटर राजेश अनिरूद्ध पाटिल, नरेश अनिरुद्ध पाटिल और मिलिंद दिगांबर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। इस डील से ब्लैकस्टोन के पास Kolte patil Developers में 66 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी।
2 हफ्ते में दिया 40% रिटर्न
Kolte patil Developers के शेयर ने पिछले 2 हफ्ते में 40 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को कंपनी का शेयर 2.53 फीसदी की बढ़त लेकर 347.15 रुपये पर बंद हुआ था। इस शेयर का 52 वीक हाई 574 रुपये है। वहीं, 52 वीक लो 235.10 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 2,638.49 करोड़ रुपये है।