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आज से शुरू हो रहा बजट सत्र, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री पेश करेंगी आर्थिक सर्वेक्षण 2025
31 Jan, 2025 01:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। खासकर बजट के बाद सत्र हंगामेदार रहेगा। इसके संकेत गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में साफ तौर पर देखने को मिले हैं।
महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर चर्चा की मांग
सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रयाग में आयोजित महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर विपक्षी दलों का साफ तौर पर कहना है कि इस पर सरकार को चर्चा करानी चाहिए। हालांकि सरकार ने बैठक में साफ किया है कि यह राज्य का विषय है और वह इसको देख रही है। बावजूद इसके विपक्ष ने जब बार-बार महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर चर्चा की मांग की, तो सरकार ने कहा कि इसका निर्धारण कार्यमंत्रणा समिति करेगी।
बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण से होगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश करेंगी। देश की अर्थव्यवस्था की दशा व दिशा बताने वाला यह महत्वपूर्ण प्रपत्र होता है।
सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी
राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण एक दिन बाद पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संकेतक भी देते हैं। शनिवार (एक फरवरी) को वित्त मंत्री सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी। आम बजट के बारे में माना जा रहा है कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था में मांग व रोजगार को बढ़ाने वाले उपायों पर खास जोर होगा।
किरण रिजिजू ने विपक्षी दलों के साथ की बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में हुई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बताया कि वह बजट सत्र के दौरान वक्फ, इमिग्रेशन सहित कुल 16 विधेयकों को पेश करेगी। बैठक में 36 राजनीतिक दलों के करीब 52 नेताओं ने हिस्सा लिया था। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्षी दलों के साथ हुई इस बैठक को रचनात्मक बताते हुए सभी से सदन को शांतिपूर्ण चलाने के लिए सहयोग मांगा।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। इस दौरान सबसे अहम कामकाज केंद्रीय बजट को प्रस्तुत करना होगा। सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों ने बैठक में जब महाकुंभ हादसे व उसकी अव्यवस्थाओं पर चर्चा कराने की मांग की तो राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राज्य सरकार का विषय है। वह अपने स्तर पर इसे देख रही है। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस व सपा इस पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ी रही।
प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ के राजनीतिकरण की आलोचना की
बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ के राजनीतिकरण की आलोचना की और कहा कि इस आयोजन के दौरान वीआइपी की आवाजाही से आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी हैं। वहीं सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि आम तीर्थयात्रियों को दरकिनार कर वीआइपी को इस भव्य धार्मिक आयोजन में प्रमुखता दी गई, जिससे यह हादसा हुआ है। बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने बेरोजगारी और किसानों की स्थिति का भी मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग की।
Petrol-Diesel Prices Today: पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने लगाई छलांग, जानें आपके शहर में ईंधन की कीमतें
31 Jan, 2025 08:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और फिलहाल यह 72 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रही हैं. जहां क्रूड ऑयल की कीमत 72.79 डॉलर प्रति बैरल है, वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 76.69 डॉलर प्रति बैरल है. इन स्थिर कीमतों के बावजूद, देश में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव कर दिया है. कुछ राज्यों में ईंधन के दाम बढ़े हैं, जबकि कुछ स्थानों पर इनकी कीमतों में गिरावट आई है.
चार महानगरों में क्या हैं पेट्रोल-डीजल के दाम?
देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर देखा जा रहा है. वर्तमान में इन महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:
दिल्ली: पेट्रोल 94.77 रुपये प्रति लीटर, डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर
मुंबई: पेट्रोल 103.50 रुपये प्रति लीटर, डीजल 90.03 रुपये प्रति लीटर
चेन्नई: पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर, डीजल 92.49 रुपये प्रति लीटर
कोलकाता: पेट्रोल 105.01 रुपये प्रति लीटर, डीजल 91.82 रुपये प्रति लीटर
इन चारों महानगरों में सिर्फ चेन्नई में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि अन्य शहरों में कीमतों में स्थिरता बनी हुई है.
देश के अन्य प्रमुख शहरों में बदलाव
कुछ प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव हुआ है. इनमें से कुछ शहरों में कीमतें बढ़ी हैं, जबकि कुछ में गिरावट देखी गई है. इन शहरों में नवीनतम कीमतें इस प्रकार हैं:
गुरुग्राम: पेट्रोल 94.99 रुपये प्रति लीटर, डीजल 87.84 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.23 रुपये प्रति लीटर, डीजल 92.09 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.91 रुपये प्रति लीटर, डीजल 90.21 रुपये प्रति लीटर
पेट्रोल-डीजल के दाम हर सुबह अपडेट होते हैं
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव हर दिन सुबह 6 बजे होते हैं. यह बदलाव सरकार द्वारा लागू किए गए नए रेट्स के अनुसार होता है. सुबह 6 बजे से ही ये नए रेट्स लागू हो जाते हैं, और इसके बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में परिवर्तन होता है. इन दामों में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य शुल्क शामिल होते हैं, जिससे कीमत मूल भाव से लगभग दोगुना हो जाती है. इसीलिए पेट्रोल और डीजल के दाम इतने अधिक नजर आते हैं.
Gold Price Today: बजट से पहले बढ़ गए सोने-चांदी के भाव, चेक करें आज 24 कैरेट गोल्ड के ताजा रेट
31 Jan, 2025 08:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Gold Price Today: भारतीय सर्राफा बाजार में आज, 31 जनवरी 2025 की सुबह सोने और चांदी की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है. आज सोना 81,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है, जबकि चांदी की कीमत 91,600 रुपये प्रति किलो हो गई है. यह बढ़ोतरी राष्ट्रीय स्तर पर 999 शुद्धता वाले सोने और चांदी के भाव में देखी गई है.
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, बुधवार शाम 24 कैरेट सोने की कीमत 80975 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो आज (शुक्रवार) सुबह बढ़कर 81006 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है. इसी तरह, शुद्धता के आधार पर सोने की कीमत में उछाल आया है.
चांदी की कीमत में उछाल
चांदी की कीमत भी बढ़ी है. 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत आज 91600 रुपये प्रति किलो हो गई है, जो बुधवार शाम 90680 रुपये प्रति किलो थी. यानी, चांदी की कीमत में 920 रुपये का इजाफा हुआ है.
IBJA की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 30 जनवरी को विभिन्न शुद्धताओं वाले सोने के भाव निम्नलिखित हैं:
22 कैरेट सोना (995 शुद्धता): 80682 रुपये प्रति 10 ग्राम
24 कैरेट सोना (999 शुद्धता): 81006 रुपये प्रति 10 ग्राम
18 कैरेट सोना (750 शुद्धता): 60755 रुपये प्रति 10 ग्राम
14 कैरेट सोना (585 शुद्धता): 47389 रुपये प्रति 10 ग्राम
यहां देखा जा सकता है कि 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत 81006 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट (916 शुद्धता) सोने का भाव 74202 रुपये प्रति 10 ग्राम है. 18 कैरेट सोने का रेट 60755 रुपये प्रति 10 ग्राम है, और 14 कैरेट सोने की कीमत 47389 रुपये प्रति 10 ग्राम है.
सोने और चांदी के दाम चेक करने का तरीका
अगर आप सोने और चांदी के दाम मिस्ड कॉल के जरिए चेक करना चाहते हैं, तो आप 8955664433 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं. कुछ ही देर में आपको एसएमएस के जरिए रेट की जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा, IBJA की आधिकारिक वेबसाइट पर भी आप सुबह और शाम के गोल्ड रेट्स की जानकारी ले सकते हैं.
आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि उपरोक्त दी गई कीमतें सिर्फ सोने और चांदी के स्टैंडर्ड रेट्स हैं और इनमें मेकिंग चार्ज और टैक्स शामिल नहीं हैं. गहनों की खरीदारी के दौरान, सोने और चांदी की कीमत में टैक्स और मेकिंग चार्ज की वजह से अतिरिक्त खर्च होता है.
सेंसेक्स और निफ्टी में सकारात्मक समापन, निवेशकों को राहत
30 Jan, 2025 05:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बाजार के आज के समापन में सेंसेक्स 227 अंकों की बढ़त के साथ 52,000 के करीब बंद हुआ, जबकि निफ्टी 23,250 पर स्थिर रहा। इस दौरान बाजार में मिश्रित रुझान देखने को मिला, जहां कुछ सेक्टरों ने अच्छा प्रदर्शन किया और कुछ ने निराश किया।
रियल्टी और फार्मा सेक्टर में मजबूत बढ़त देखने को मिली, जो मुख्य रूप से बाजार की सकारात्मक दिशा में योगदान देने वाले थे। रियल्टी कंपनियों ने अच्छे तिमाही परिणामों की उम्मीदों के चलते निवेशकों का ध्यान खींचा। फार्मा कंपनियों में भी अच्छे प्रदर्शन के संकेत मिले, खासकर कोविड-19 के बाद के रिकवरी दौर में।
दूसरी ओर, आईटी और मीडिया सेक्टर में गिरावट रही, जो बाजार के समग्र प्रदर्शन को थोड़ी सी नकारात्मक दिशा में खींचने का कारण बने। आईटी कंपनियों के लिए तिमाही परिणाम कुछ उम्मीदों से कम रहे, और मीडिया सेक्टर में भी दबाव था।
इस तरह, आज का समापन एक संतुलित प्रदर्शन का संकेत था, जहां कुछ सेक्टरों ने मजबूती दिखाई और कुछ ने बाजार में दबाव डाला।
वित्त मंत्री से उम्मीद: Budget 2025 में टैक्स स्लैब्स में हो सकता है बड़ा बदलाव।
30 Jan, 2025 04:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय बजट 2025 के बारे में कई अहम उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विषयों पर चर्चा करते हैं:
सोने पर आयात शुल्क: सोने को लेकर काफी चर्चा हो रही है, खासकर सर्राफा बाजार और ज्वेलरी उद्योग में। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जो निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों पर प्रभाव डाल सकता है। आयात शुल्क बढ़ाने से सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है, लेकिन यह सरकार की तरफ से सोने के आयात को नियंत्रित करने का एक तरीका भी हो सकता है।
2025 के केंद्रीय बजट के बारे में कई अहम उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विषयों पर चर्चा करते हैं:
सोने पर आयात शुल्क: सोने को लेकर काफी चर्चा हो रही है, खासकर सर्राफा बाजार और ज्वेलरी उद्योग में। सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जो निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों पर प्रभाव डाल सकता है। आयात शुल्क बढ़ाने से सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है, लेकिन यह सरकार की तरफ से सोने के आयात को नियंत्रित करने का एक तरीका भी हो सकता है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय: सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर है और 3 लाख करोड़ रुपये का बजट एनएच-एक्सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। इससे न केवल सड़क परिवहन की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी सुधार हो सकती है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के तहत वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि किसानों की मदद के लिए राशि बढ़ाई जा सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। 12000 रुपये तक की राशि की उम्मीद है, जिससे किसानों को और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकती है।
आयकर रियायतें: सैलरीड पर्सन और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स में रियायत की संभावना है। यह कदम खास तौर पर मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए हो सकता है, जिससे उनकी खरीदारी क्षमता और निवेश के विकल्प बढ़ सकें।
न्यू टैक्स रिजीम: विशेषज्ञों का सुझाव है कि न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार घर के मालिकाना हक को प्रोत्साहित कर सकती है। इससे न केवल नागरिकों को घर खरीदने में मदद मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी सुधार हो सकता है।
प्राइवेट सेक्टर और निवेश: प्राइवेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं होने की उम्मीद है। इससे रोजगार सृजन और उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
समग्र रूप से, बजट 2025 से आम जनता, किसानों, प्राइवेट सेक्टर, और निवेशकों को कई उम्मीदें हैं, और यह देखा जाएगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन प्रमुख मुद्दों पर क्या फैसले लेती हैं।
सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर है और 3 लाख करोड़ रुपये का बजट एनएच-एक्सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च किया जाएगा। इससे न केवल सड़क परिवहन की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी सुधार हो सकती है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के तहत वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि किसानों की मदद के लिए राशि बढ़ाई जा सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। 12000 रुपये तक की राशि की उम्मीद है, जिससे किसानों को और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकती है।
आयकर रियायतें: सैलरीड पर्सन और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स में रियायत की संभावना है। यह कदम खास तौर पर मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए हो सकता है, जिससे उनकी खरीदारी क्षमता और निवेश के विकल्प बढ़ सकें।
न्यू टैक्स रिजीम: विशेषज्ञों का सुझाव है कि न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार घर के मालिकाना हक को प्रोत्साहित कर सकती है। इससे न केवल नागरिकों को घर खरीदने में मदद मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भी सुधार हो सकता है।
प्राइवेट सेक्टर और निवेश: प्राइवेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं होने की उम्मीद है। इससे रोजगार सृजन और उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
समग्र रूप से, बजट 2025 से आम जनता, किसानों, प्राइवेट सेक्टर, और निवेशकों को कई उम्मीदें हैं, और यह देखा जाएगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन प्रमुख मुद्दों पर क्या फैसले लेती हैं।
बजट 2025 क्या मिडिल क्लास को राहत देने वाला होगा
MSME को मिले 4 फीसद का ब्याज अनुदान
टियर-2 शहरों के विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सुधार
गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर असर
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2025 में वैश्विक आर्थिक बदलावों के कारण अरबपतियों की संपत्ति में नुकसान
30 Jan, 2025 04:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीन के Deep Seek के बाद दुनिया के अरबपतियों को लगा दूसरा झटका, इतनी घट गई दौलत" यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक घटना को दर्शाता है, जिसमें चीन की नई तकनीकी प्रगति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के फैसले ने दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट का कारण बना। इस रिपोर्ट में दो मुख्य घटक हैं जिनसे अरबपतियों को तगड़ा झटका लगा:
1. चीन का Deep Seek एआई प्रौद्योगिकी का प्रभाव
Deep Seek एक एआई तकनीक है जिसे चीन में विकसित किया गया है। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में चीन ने बहुत तेजी से प्रगति की है, और इस प्रौद्योगिकी के विकास से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता आ सकती है। इस बदलाव के कारण चीन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिससे दुनिया भर के अरबपतियों के निवेश मूल्य में कमी आई। एआई और नई तकनीकी प्रगति के चलते निवेशकों ने जोखिम उठाने से परहेज किया और कम रिस्क वाले निवेशों को तरजीह दी, जिसके कारण टेक कंपनियों की शेयर वैल्यू में गिरावट आई।
2.अमेरिकी फेड रिजर्व का फैसला
अमेरिका का फेडरल रिजर्व एक बड़ी वित्तीय संस्था है, जो ब्याज दरों को तय करता है। हाल ही में, फेड ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता आई। दरों का स्थिर रहना निवेशकों के लिए संकेत था कि महंगे कर्ज की स्थिति बनी रहेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में मंदी आ सकती है। यह अस्थिरता विशेष रूप से उच्च-लाभ वाले क्षेत्रों जैसे लक्ज़री गुड्स और टेक कंपनियों पर भारी पड़ी। इसके कारण निवेशकों ने इन क्षेत्रों में कम निवेश किया, जिससे अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट आई।
3. अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट
इन दोनों घटनाओं, Deep Seek एआई के प्रभाव और फेड के ब्याज दरों के फैसले, ने दुनिया के प्रमुख अरबपतियों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। Bernard Arnault, एलन मस्क, और Bill Gates जैसे प्रमुख व्यापारिक नेता इस प्रभाव से प्रभावित हुए। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन अरबपतियों की संपत्ति में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।
-Bernard Arnault (LVMH के मालिक) की संपत्ति में गिरावट आई, क्योंकि उनके लक्ज़री ब्रांड्स की मांग में कमी आई।
- एलन मस्क (टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO) की संपत्ति भी प्रभावित हुई, क्योंकि टेक स्टॉक्स में गिरावट आई।
4. वैश्विक आर्थिक बदलाव
इन घटनाओं से यह स्पष्ट हुआ कि वैश्विक आर्थिक बदलाव और नीति निर्णय सीधे तौर पर अरबपतियों की संपत्ति और निवेशों पर असर डालते हैं। इन प्रमुख घटनाओं ने निवेशकों के बीच चिंता और अनिश्चितता को बढ़ाया, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव हुआ और अरबपतियों के नेट वर्थ में गिर निष्कर्ष:
Deep Seek एआई और फेड रिजर्व के फैसले के प्रभाव ने दिखाया कि नई प्रौद्योगिकियों और वैश्विक आर्थिक नीतियों का अरबपतियों के निवेश और संपत्ति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इन घटनाओं ने साबित किया कि तकनीकी प्रगति और केंद्रीय बैंकों के फैसले वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं, और इसका सीधा असर दुनिया भर के उद्योगपतियों की संपत्ति पर पड़ सकता है।
सर्वे के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 में तेज़ी से आगे बढ़ेगी
30 Jan, 2025 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उद्योग जगत का मानना है कि सरकार ने अब तक जो सुधार किए हैं, उनका सकारात्मक असर अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर को आगे बढ़ाने में दिखेगा। राजकोषीय नीतियों को इन प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर आगामी बजट आर्थिकी में समानता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए वृद्धि के लिए उत्प्रेरक का कार्य कर सकता है। यह सर्वे विभिन्न उद्योगों के 155 से अधिक लोगों से बातचीत पर आधारित है। संयुक्त राष्ट्र ने कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए वृद्धि अनुमान को 6.6 फीसदी पर बरकरार रखा है।
रुपये की गिरावट और घटते विदेशी निवेश को देखते हुए नीति में संशोधन की आवश्यकता
सुझाव मूडीज एनालिटिक्स ने 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान के संदर्भ में दिया है। इसका मतलब है कि अगर भारत को 2025 में 6.4% की आर्थिक वृद्धि हासिल करनी है, तो सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपनी नीतियों में कुछ अहम बदलाव करने होंगे।
रुपये की गिरावट: रुपये की मूल्य में गिरावट से भारतीय व्यापार पर नकारात्मक असर हो सकता है, खासकर अगर विदेशी निवेश में कमी आ रही हो। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को अपनी मौद्रिक नीति को समायोजित करने की जरूरत होगी, ताकि रुपये की स्थिति बेहतर हो सके।
घटता विदेशी निवेश: भारत में विदेशी निवेश कम हो रहा है, जो आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकता है। इसके लिए सरकार को ऐसे उपाय करने होंगे, जिससे निवेशकों का विश्वास मजबूत हो और विदेशी निवेश बढ़े।
महंगाई का दबाव: महंगाई और अस्थिरता से घरेलू बाजार में मांग कम हो सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है। इस पर काबू पाने के लिए, सरकार को अपनी राजकोषीय नीति में सुधार करते हुए महंगाई को नियंत्रित करने के उपायों पर ध्यान देना होगा।
ऊंची ब्याज दरें: लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरों का असर घरेलू मांग पर पड़ सकता है, क्योंकि लोगों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है। सरकार और RBI को नीति में बदलाव कर ब्याज दरों को संतुलित रखने की आवश्यकता हो सकती है।
निर्यात पर असर: अमेरिका जैसे देशों द्वारा भारतीय आयातों पर शुल्क बढ़ाने से निर्यात क्षेत्र को चुनौती मिल सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ सकता है। इसके लिए निर्यात नीति में बदलाव की जरूरत हो सकती है।
इन समस्याओं को हल करने के लिए राजकोषीय (सरकारी खर्च और कर नीतियां) और मौद्रिक नीति (ब्याज दरें और मुद्रा आपूर्ति नियंत्रण) में बदलाव आवश्यक हैं। इससे भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 6.4% तक पहुंचाने के लिए एक स्थिर और संतुलित वातावरण बनेगा।
प्रयागराज की एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार का अहम कदम
30 Jan, 2025 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। इनमें से बहुत-से श्रद्धालु हवाई रास्ते से जा रहे हैं। इस बढ़ी डिमांड का फायदा उठाने के लिए विमानन कंपनियों ने हवाई किराये में इजाफा कर दिया है। इस पर सरकार ने चिंता जताई है। प्रयागराज में 26 फरवरी तक महाकुंभ मेला रहेगा ,दिल्ली-प्रयागराज उड़ानों में हवाई किराए में 21% तक बढ़ोतरी।
नागरिक विमानन मंत्रालय ने किराए में वृद्धि पर प्रतिक्रिया दी
मंत्रालय ने हवाई किराए को तर्कसंगत बनाने के लिए कदम उठाने की बात की
अधिकारियों ने एयरलाइंस से कीमतें कम करने की अपील की
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के लिए उड़ानों की बढ़ती मांग पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया
मंत्रालय ने एयरलाइंस से अधिक उड़ानें जोड़ने की सिफारिश की
सरकार ने कहा- हवाई किराए की वृद्धि पर निगरानी रखी जाएगी
घटाता-बढ़ाता है हवाई किराया?
हवाई किराया तय करने का अधिकार विमानन कंपनियों के पास होता है। मौजूदा नियमों के तहत, एयरलाइंस अपनी इच्छा से हवाई किराया तय करती हैं। सरकार एयरलाइंस को किराए में बढ़ोतरी या कमी के लिए सलाह दे सकती है। एयरलाइंस से किराया बढ़ाने पर चर्चा करता है। सरकार सिर्फ सुझाव दे सकती है, एयरलाइंस को नियमों का पालन करना जरूरी नहीं।
एयरलाइंस के किराए में वृद्धि के दौरान सरकार हस्तक्षेप करती है। एयरलाइंस आमतौर पर डिमांड और आपूर्ति के आधार पर किराए में बदलाव करती हैं। प्रतियोगिता भी किराए को प्रभावित करती है। सरकार, विशेष परिस्थितियों में, यात्रियों की सुविधा के लिए एयरलाइंस से किराया घटाने की अपील करती है।
प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या में और वृद्धि की संभावना है
प्रयागराज के लिए फिलहाल लगभग 80,000 मासिक सीटों के साथ 132 उड़ानें संचालित हो रही हैं। यह पिछले महीने आठ की तुलना में अब 17 शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। हालांकि, प्रयागराज के लिए हवाई टिकटों की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि अधिक से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, अभी एयरलाइंस के पास डिमांड के मुकाबले काफी कम फ्लाइट और सीटें उपलब्ध हैं।
EMI पर असर: क्या घटेगा लोन का ब्याज दर
30 Jan, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को रोकने के बाद, भारत के केंद्रीय बैंक (RBI) की नीतिगत फैसलों पर इसका क्या असर पड़ेगा, खासकर जब बजट के बाद 7 फरवरी को RBI अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
यदि हम इस सवाल को विस्तार से समझें, तो:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का निर्णय: अमेरिका में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का निर्णय विश्वभर के आर्थिक हालात पर असर डाल सकता है, क्योंकि फेड की नीतियों का प्रभाव भारतीय बाजारों और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है।
RBI का रुख: भारतीय रिजर्व बैंक का प्राथमिक लक्ष्य महंगाई को नियंत्रण में रखना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। अगर अमेरिकी फेड के फैसले के बाद वैश्विक परिस्थितियां स्थिर रहती हैं, तो यह संभावना बनती है कि RBI अपनी मौद्रिक नीति में स्थिरता बनाए रखेगा और ब्याज दरों में कोई खास बदलाव नहीं करेगा।
EMI पर असर: अगर RBI अपनी ब्याज दरें घटाता है, तो इसका सीधा असर आपके लोन और ईएमआई पर पड़ेगा। लेकिन, फिलहाल ऐसे कोई संकेत नहीं दिखते कि RBI ब्याज दरों में कटौती करेगा, खासकर अगर अमेरिका की आर्थिक नीति में कोई बड़े बदलाव न हों।
बजट का प्रभाव: 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट भी आरबीआई की मौद्रिक नीति पर असर डाल सकता है। अगर बजट में आर्थिक सुधार के कदम उठाए जाते हैं, तो RBI अधिक लचीला रुख अपना सकता है।
इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि RBI निश्चित रूप से अपनी नीतियों में बदलाव करेगा, लेकिन दुनिया भर की मौद्रिक नीतियों का भारतीय ईएमआई पर असर जरूर होगा।
गन्ना उत्पादन में गिरावट से चीनी उद्योग संकट में, उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर
29 Jan, 2025 05:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रतिकूल मौसम एवं बीमारी के चलते गन्ने के उत्पादन में गिरावट के साथ-साथ चीनी की रिकवरी दर में भी कमी देखी जा रही है। इससे चीनी उद्योग की चिंता बढ़ गई है। किसानों का नुकसान तय है। उपभोक्ताओं की जेब पर भी असर पड़ सकता है। रिकवरी का आशय गन्ने से चीनी निकलने की दर से है, जो फसल की गुणवत्ता, मौसम की स्थितियों एवं चीनी मिलों के शुरू होने के समय पर निर्भर करता है।
भारत में रिकवरी दर को दस प्रतिशत से ऊपर रहने पर बेहतर माना जाता है, किंतु इस बार कोई राज्य इसके आसपास भी नहीं पहुंचा है। राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी दर 8.81 प्रतिशत है। पिछले वर्ष इसी दौरान यह आंकड़ा 9.37 प्रतिशत था। साफ है इस बार अभी तक गन्ने से 0.56 प्रतिशत कम चीनी की प्राप्ति हो रही है।
इसे सामान्य भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले साल चीनी मिलों तक पहुंचने वाले गन्ने से प्रति क्विंटल 9.37 किलोग्राम चीनी निकलती थी। इस बार उतने ही गन्ने से मात्र 8.81 किलो चीनी निकल रही है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की कीमतें बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश में प्रति क्विंटल 20 रुपये की वृद्धि हो चुकी है।
परिवहन लागत और मजदूरी के साथ अन्य खर्चे भी बढ़े हैं, किंतु गन्ने से चीनी निकलने की मात्रा घट गई है। यह बड़ा संकट है। इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। चीनी मिल संचालक किसानों के गन्ने को कमतर श्रेणी का बताकर मूल्य घटा रहे हैं। किसान लाचार हैं, क्योंकि 11 प्रतिशत तक रिकवरी वाली गन्ने की उन्नत प्रजाति 0238 तेजी से बीमारी की चपेट में आ रही है। इसका कोई विकल्प भी नहीं है।
12 राज्य गन्ने के प्रमुख उत्पादक
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-आपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे के अनुसार देश में 12 राज्य प्रमुखता से गन्ने का उत्पादन करते हैं। रिकवरी के मामले में इनमें से आठ राज्यों का हाल बुरा है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार और तेलंगाना को छोड़कर किसी राज्य में रिकवरी दर नौ प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाई है।
सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की रिकवरी में 0.85 प्रतिशत की गिरावट है। दूसरा महाराष्ट्र है, जहां 0.15 प्रतिशत की गिरावट है। मध्य प्रदेश और हरियाणा की स्थिति भी अधिक खराब है। यहां रिकवरी दर में लगभग एक प्रतिशत की कमी है।
चीनी का MSP पांच साल से स्थिर
चीनी मिल संगठनों का कहना है कि उत्पादन लागत में करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल तक वृद्धि हो गई है, जबकि चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) पिछले पांच वर्ष के आंकड़े पर स्थिर है। किसानों के घाटे को देखते हुए अगर गन्ने के परामर्श मूल्य में वृद्धि की गई तो चीनी मिलों का घाटा बढ़ जाएगा।
इसलिए उनकी मांग चीनी की एमएसपी बढ़ाने की है, लेकिन ऐसा होने पर मिलों और किसानों के नुकसान की भरपाई तो की जा सकती है, मगर उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो सकती है।
सरकार का बड़ा फैसला, क्रिटिकल मिनरल्स की खोज और प्रोसेसिंग को मिलेगा नया आयाम
29 Jan, 2025 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार ने 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नेशनल क्रिटिकल मिशन' को मंजूरी दी है, जिसका मसकद देश में महत्वपूर्ण मिनरलों की खोज, खनन और प्रसंस्करण की कीमतों की रेंज तैयार करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो आत्मनिर्भर भारत पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इस मिशन का खास मकसद क्लीन एनर्जी, हाई एडवांस इंडस्ट्रिज और डिफेंस में इस्तेमाल आने वाली जरूरी मिनरलों की मौजूदगी को सुनिश्चित करना है. इसमें देश के भीतर और अपतटीय क्षेत्रों में मिनरलों की खोज, खनन, लाभकारी, और प्रोसेसिंग शामिल है.
किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विवी वैष्णव ने कहा, "विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आने वाली पीढ़ी, अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए कई फैसले लिए गए हैं, इसी श्रृंखला में आज प्रधानमंत्री ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे कहा कि गन्ने के खेत में से तीन चीजें निकलती हैं- सी हैवी मोलेसेस, बी हैवी मोलेसेस और गन्ने का रस। इन तीनों की खरीद कीमतों को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई. इसका जितना उपयोग इथेनॉल बनाने में होगा, उतना ही ये देश के लिए, किसानों के लिए, पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, इसलिए इसे प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाता है. मंत्रिमंडल ने ‘सी’ श्रेणी के शीरा से बने एथनॉल की कीमत को 56.28 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दी.
निवेश और फाइनेंशियल मदद
इस मिशन के लिए 16,300 करोड़ रुपये के सरकारी खर्च और 18,000 करोड़ रुपये के पब्लिक अंडरटेकिंग व निजी क्षेत्र से आने वाले निवेश को लाने की योजना है. यह मिनरल परियोजनाओं के लिए फास्ट ट्रैक रेगुलेरिटी अप्रूवल की प्रक्रिया भी बनाएगा और जांच के लिए फाइनेंशियल मदद पहुंचाएगा.
विदेशी मिनरल प्रॉपर्टी का अधिग्रहण
मिशन भारतीय पब्लिक अंडरटेकिंग और निजी कंपनियों को विदेशों में मिनरल संपत्ति हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि भारत के लिए महत्वपूर्ण मिनरल्स की सप्लाई बनाए रखना सुनिश्चित की जा सके. साथ ही, मिनरल प्रोसेसिंग पार्कों की स्थापना और रीसाइक्लिंग को भी बढ़ावा देगा.
भारत-इंडोनेशिया के बीच व्यापार में 30 अरब डॉलर की हो सकती है वृद्धि: बाकरी
29 Jan, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । इंडोनेशिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएडीआईएन) के प्रमुख अनिंद्य बाकरी ने दूसरे देशों के साथ भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं के बारे में व्यापक चर्चा की। बाकरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का हो सकता है बड़ा बढ़ता हुआ संबंध जिससे भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का हो सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश एक साथ मिलकर वृद्धि करेंगे और प्रभावी तरीके से विश्व की सेवा करेंगे। इस व्यापार के बड़े मौके को देखते हुए भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध, व्यापार व निवेश संबंधों को गहरा करने में केंद्रित कंपनी बाकरी एंड ब्रदर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले भारत और इंडोनेशिया के इस वर्ष व्यापार व निवेश पर कार्य समूह की दूसरी बैठक होगी, जिसमें दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के समाधान के लिए उम्मीद है। इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वक्ताओं ने ब्रिक्स देशों के साथ बातचीत की महत्वता को भी उजागर किया।
फेडरल बैंक का मुनाफा तीसरी तिमाही में पांच प्रतिशत घटा
29 Jan, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 955 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक ने 1,007 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 7,725 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,593 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज आय भी बढ़कर 6,809 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,730 करोड़ रुपये थी। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) सालाना आधार पर 2.29 प्रतिशत से सुधरकर 1.95 प्रतिशत हो गया। इसी तरह शुद्ध एनपीए 0.64 प्रतिशत से घटकर 0.49 प्रतिशत हो गया।
भारत में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में जोरदार बढ़ोतरी
29 Jan, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक की नवीन रिपोर्ट के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में भारत में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले पांच सालों में क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई है। डिजिटल भुगतान में भी भारत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कैलेंडर वर्ष 2013 में 222 करोड़ डिजिटल लेन-देन होते थे, जो कैलेंडर वर्ष 2024 में 20,787 करोड़ से अधिक हो गए। भारत में डिजिटल भुगतान की मात्रा में 45.9 प्रतिशत व मूल्य में 10.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़े हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पेमेंट सिस्टम और छूटी कार्ड में रूपये की वृद्धि बना रहता है। आरबीआई ने यूपीआई को दूसरे देशों की फास्ट पेमेंट सिस्टम से जोड़ने की कई कोशिशें की हैं, जिससे सीमा पार रेमिटेंस पेमेंट को बढ़ाया जा सके। भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई में क्यूआर कोड के माध्यम से भारतीय यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करके व्यापारियों को भुगतान सक्षम किया गया है। इनोवेशन और रेगुलेटरी सपोर्ट के साथ भारत का पेमेंट सिस्टम दुनिया भर में सबसे आधुनिक में से एक बन गया है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने कहा कि भुगतान क्षेत्र में इनोवेशन को प्रोत्साहित करना बैंक की नीति है। भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान वित्तीय वर्ष 2012-13 से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 16,416 करोड़ से अधिक हो गया है, यानी 12 वर्षों में लगभग 100 गुना बढ़ोतरी हुई है।
डीपसीक के हमले से विश्व के अमीरों की संपत्ति में भारी गिरावट
29 Jan, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । चीनी एआई डेवलपर डीपसीक ने दुनिया भर के टॉप अमीरों की संपत्ति में भारी नुकसान कर दिया है। डीपसीक के हमले के कारण अमेरिका समेत अन्य देशों की शेयर मार्केट में गिरावट आई है। डीपसीक के हमले के परिणाम स्वरुप दुनिया के टॉप 500 अमीरों की संपत्ति में गिरावट आ गई है। उनकी नेटवर्थ कुल मिलाकर 108 अरब डॉलर कम हो गई है। इस हमले से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिकी शेयर मार्केट को हुआ है। अमेरिकी शेयर मार्केट में 3.1 फीसदी की गिरावट आई है और उसके परिणामस्वरूप अमेरिकी अरबपतियों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस गिरावट का सबसे ज्यादा प्रभाव ओरेकल कॉर्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन और एनवीडिया कॉर्प के को-फाउंडर जेन्सन हुआंग पर दिखा है। इन दोनों धनकुबेरों की संपत्ति में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इस गिरावट के बाद भी कुछ टेक कंपनियों के अरबपति अपनी संपत्ति में इजाफा देख रहे हैं। इसके बावजूद यह हमला टेक सेक्टर के दिग्गजों को 94 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा चुका है। सोमवार को हुई गिरावट के बाद मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में बढ़ोतरी है जबकि जेफ बेजोस और बिल गेट्स भी इजाफा देख रहे हैं।