व्यापार
यूएफबीयू ने 24-25 मार्च की हड़ताल वापस ली, बैंक सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी
22 Mar, 2025 09:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंक कर्मचारी संगठनों ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय और आईबीए से अपनी मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद अपनी दो-दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल टाल दी. पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, देशभर के बैंकों में सोमवार से दो-दिवसीय हड़ताल शुरू होनी थी. नौ बैंक कर्मचारी संघों के एकीकृत निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 24-25 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया था. बैंक कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगों में कामकाजी सप्ताह को पांच दिनों का करना और सभी कर्मचारी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती करना शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय से बातचीत में मिला आश्वासन
प्रस्तावित हड़ताल को टालने का फैसला मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष लिया गया, जिन्होंने सभी पक्षों को सुलह बैठक के लिए बुलाया था. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. यूएफबीयू ने कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा और उससे जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के हालिया निर्देशों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की थी. कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस निर्देश से नौकरी की सुरक्षा को खतरा पहुंचता है और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा होता है.
बातचीत में कौन-कौन से मुद्दे उठे?
IBA के साथ हुई बैठक में UFBU से जुड़े सभी कर्मचारी संघों ने कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं, जिनमें सभी कैडर में भर्ती और पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (5-day work week) शामिल हैं. इन मांगों पर हाल ही में वित्त मंत्रालय की ओर से आश्वासन मिला है, जिसके चलते UFBU ने हड़ताल को टाल दिया है.
किन मांगों को लेकर हो रही थी हड़ताल?
सरकारी बैंकों में खाली पदों को भरा जाए: कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों पर तुरंत नियुक्तियां की जाएं.
परफॉर्मेंस रिव्यू और इंसेंटिव स्कीम वापस ली जाएं: यूनियनों का कहना है कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा जारी नई गाइडलाइंस नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं.
बैंकों के कामकाज में माइक्रो-मैनेजमेंट पर रोक लगे: UFBU का आरोप है कि सरकारी बैंक बोर्डों की स्वायत्तता (autonomy) पर असर पड़ रहा है.
ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन: सीमा ₹25 लाख तक बढ़ाई जाए, जिससे यह सरकारी कर्मचारियों की स्कीम के बराबर हो और इसे इनकम टैक्स से छूट मिले.
IBA से जुड़े बाकी लंबित मुद्दों को हल किया जाए.
कोयला उत्पादन में नई उपलब्धि, भारत ने 1 अरब टन का आंकड़ा पार किया
22 Mar, 2025 09:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एक अरब टन कोयला उत्पादन का रिकॉर्ड आंकड़ा पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को देश के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह ऊर्जा सुरक्षा तथा आत्मनिर्भरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कोयले का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन के साथ-साथ कई उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है. यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत है. भारत ने 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में 99.783 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया.
कोयले का रिकॉर्ड प्रोडक्शन
भारत ने कोयला उत्पादन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए जो वित्त वर्ष 2024-25 में 20 मार्च, 2025 को एक बिलियन टन (बीटी) को पार कर गया. यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 997.83 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन से 11 दिन पहले आई है. कोयला क्षेत्र की सफलता का श्रेय कोयला के पब्लिक सेक्टर की कंपनियों, प्राइवेट प्लेयर्स और 350 से अधिक कोयला खदानों में लगभग 5 लाख खदान श्रमिकों को दिया गया. भारत अपने ऊर्जा मिश्रण के लगभग 55% के लिए कोयले पर निर्भर है, और देश की लगभग 74% बिजली कोयला आधारित पॉवर प्लांट्स द्वारा उत्पन्न की जाती है. आंकड़ों को देखें तो अप्रैल से दिसंबर 2024 तक, भारत के कोयला आयात में 8.4% की गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 5.43 बिलियन डॉलर (42,315.7 करोड़ रुपए) की विदेशी मुद्रा बचत हुई.
पीएम मोदी ने बताया गौरव का क्षण
मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, चालू वित्त वर्ष में एक अरब टन कोयला उत्पादन भारत के लिए गर्व का क्षण. उन्होंने कहा कि एक अरब टन कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मोदी ने कहा कि यह उपलब्धि इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की लगन और कड़ी मेहनत को भी दर्शाती है. प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी के सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए यह बात की.
रेड्डी ने ही इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए लिखा कि यह उपलब्धि हमारी बढ़ती हुई बिजली मांग को पूरा करेगी, आर्थिक वृद्धि को गति देगी तथा प्रत्येक भारतीय के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगी. कोयला मंत्रालय की कार्ययोजना वित्त वर्ष 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए कोयला उत्पादन/उठान लक्ष्य 108 करोड़ टन है.
SEBI ने शेयर बाजार में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर लगाया शिकंजा
22 Mar, 2025 09:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यह स्टॉक आपको अमीर बना देगा आज ही 10 हजार रुपए निवेश करें…. यह स्टॉक आपके पैसे को 1 लाख रुपए में बदल देगा. अगर आप भी इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर स्क्रॉल करते समय ऐसा सुनते हैं और उनकी बात मानते हैं तो आज ही सतर्क हो जाएं. क्योंकि सेबी का डाटा आ चुका है. वो आपको फायदें की सलाह देकर आपके हजारों लाखों पैसे मार्केट में लगवा देते हैं. आकर्षक थंबनेल और वायरल वीडियो के पीछे, यह निवेश की सलाह क्या वास्तव में कितनी विश्वसनीय है? यह आप जानते हैं चलिए आपको बताते हैं क्या कहता है सेबी का डाटा.
मार्च 2025 की रिपोर्ट
सीएफए इंस्टीट्यूट की एक नई रिपोर्ट में भारत की बढ़ती प्रभावशाली अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले जोखिमों, गलत सूचनाओं और छिपे हुए एजेंडों को उजागर किया गया है, क्योंकि लाखों लोग वित्तीय मार्गदर्शन के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. मार्च 2025 की रिपोर्ट एक चौंकाने वाली वास्तविकता को उजागर करती है. सोशल मीडिया से प्रभावित 82 प्रतिशत निवेशकों ने वित्त-प्रभावकों की सलाह पर काम किया है और उनमें से 72 प्रतिशत का प्रॉफिट कमाने की बात कही है.
8% निवेशक गुमराह
हालांकि, इनमें से केवल 2 प्रतिशत लोग ही भारतीय सिक्योरिटी और विनिमय बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड हैं, जिससे गलत सूचना और रेगुलेटरी इंस्पेक्शन के बारे में गंभीर चिंता पैदा होती हैं. इससे भी बदतर, 8% निवेशकों ने गुमराह होने या धोखाधड़ी किए जाने की सूचना दी यह आंकड़ा 40 से अधिक उम्र वालों के लिए दोगुना होकर 14% हो जाता है.
फिनफ्लुएंसर्स को इतना आकर्षक क्या बनाता है?
फिनफ्लुएंसर्स ने निवेश को आसान, आकर्षक और मनोरंजक बनाकर बहुत अधिक फॉलोइंग जुटा ली है. व्यूज और लाइक की दौड़ में, वास्तविक वित्तीय और मार्केटिंग प्रचार के बीच की रेखा तेजी से धुंधली होती जा रही है. इसी को देखते हुए
SEBI का नियम
अनियमित वित्तीय प्रभाव को पर कार्रवाई करते हुए SEBI ने एक नियम निकाल दिया है. जो लोग वित्तीय सलाह या शेयर मार्केट से जुड़ी एडवाइस देते हैं उन लोगों को SEBI के पास रजिस्टर करना होगा. इसके बाद एक कोर्स होता है जिसे पास करने के बाद सेबी रजिस्टर्ड लोगों को एक सर्टिफिकेट मिलता है.
सेबी ने दिसंबर में विनियमित संस्थाओं को प्रतिभूति सलाह देने वाले अपंजीकृत सामग्री निर्माताओं के साथ जुड़ने से रोक दिया। इसने विनियमित संस्थाओं को जनवरी तक अपंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ अनुबंध समाप्त करने के लिए भी कहा।
रुपया की मजबूती ने विदेशी मेहमानों को चौंकाया, शंघाई से न्यूयॉर्क तक फैल रही चर्चा
21 Mar, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीते कई महीनों से विदेशी मेहमान यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स लगातार शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे. जिसकी वजह से डॉलर में तेजी और रुपए में गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन गुरुवार को एफआईआई ने शेयर बाजार में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. जिसकी वजह से रुपए में शुक्रवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. रुपया भले ही 86 के लेवल के ऊपर आ गया है. अब आने वाले दिनों में ये 86 के नीचे भी आराम से जा सकता है. एफआईआई के इस एक्शन की वजह से शंघाई से लेकर न्यूयॉर्क सब हैरान हो गए हैं.
विदेशी निवेशकों का रुख अब चीन से हटकर भारत की ओर बढ़ने की संभावानाओं में इजाफा हो गया है. वहीं दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स में गिरावट से न्यूयॉर्क का फाइनेंशियल सेक्टर परेशान है. अगर आने वाले हफ्ते में विदेशी निवेशकों का रुख भारत के शेयर बाजार में पॉजिटिव रहता है तो इसमें कोई शक नहीं कि रुपया एक बार फिर से 85 और उससे नीचे भी जा सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में रुपए को लेकर सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं.
रुपए में जबरदस्त उछाल
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे बढ़कर 86.19 पर पहुंच गया, जो घरेलू शेयर बाजार में इजाफा और विदेशी निवेशकों के निवेश की वजह से है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि एफपीआई द्वारा इक्विटी के संबंध में सप्ताह के दौरान दूसरी बार शुद्ध खरीदार बनने और डेट में भारी खरीदारी करने के कारण रुपया मजबूत हो रहा है. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.26 पर खुला, फिर कुछ बढ़त के साथ 86.19 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद से 17 पैसे अधिक था. गुरुवार को रुपया मजबूत रहा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1 पैसे बढ़कर 86.36 पर बंद हुआ. यह लगातार 6वां दिन है जब करेंसी मार्केट में रुपए में तेजी देखने को मिल रही है. इस दौरान रुपए में एक रुपए से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है.
विदेशी निवेशकों ने कितना किया निवेश
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, भारतीय रुपए में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जो अमेरिकी फेड की बैठक की प्रतिक्रिया थी, जबकि मजबूत एफआईआई प्रवाह से भी इसे मजबूती मिली. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 3,239.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. पाबारी ने कहा कि कई सप्ताह तक निकासी के बाद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में 3,200 करोड़ रुपए से अधिक और डेट मार्केट में 5,500 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो भारत के 3.028 प्रतिशत के उच्च वास्तविक प्रतिफल से प्रेरित था.
डॉलर इंडेक्स और शेयर बाजार में इजाफा
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला अमेरिकी डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत बढ़कर 103.98 पर कारोबार कर रहा था. ग्लोबल मार्केट में खाड़ी देशों का ब्रेंट क्रूड कारोबार में 0.44 प्रतिशत बढ़कर 72.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. पाबरी ने कहा कि मौजूदा बाजार की गतिशीलता को देखते हुए, निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर-रुपए की जोड़ी 86.00 और 86.80 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है. हालांकि, मौजूदा ग्लोबल प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ 86.50-86.60 की सीमा की ओर थोड़ा उछाल आने की उम्मीद है. घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 500 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ अंक बढ़कर 76,923.57 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 170 अंक यानी बढ़कर 23,359.85 अंक पर था.
ऑनलाइन फ्रॉड का कहर: 10 महीने में स्कैमर्स ने लोगों से छीने 4245 करोड़
21 Mar, 2025 05:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑनलाइन स्कैम की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं, हर दिन कोई न कोई व्यक्ति स्कैमर्स के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठता है. अब हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के शुरुआती 10 महीनों में डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड की वजह से लोगों ने 4245 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं.
67% बढ़ गया नुकसान
याद दिला दें कि 2022-2023 में 2 मिलियन (लगभग 20 लाख) मामले सामने आए थे जिसमें लोगों ने 2537 करोड़ रुपए गंवा दिए थे. वहीं, 2023-2024 में फाइनेंशियल फ्रॉड के 28 लाख से ज्यादा केस सामने आए जिसमें स्कैमर्स ने लोगों के खातों से 4403 करोड़ रुपए उड़ा लिए.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान संबंधी धोखाधड़ी के लिए फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार किया है. बैंक, नॉन-बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट इशूअर्स और नॉन-बैंक क्रेडिट कार्ड इशूअर्स (issuers) इस सिस्टम के जरिए फ्रॉड की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं.
सरकार ने बचाए 4386 करोड़
सरकार ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग करने और जालसाजों को धन की हेराफेरी करने से रोकने के लिए सिजिटन फाइनेंशियल साइबरफ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम को शुरू किया गया है. अब तक 1.3 मिलियन शिकायतों के आधार पर इस सिस्टम के माध्यम से लगभग 4386 करोड़ बचा लिए गए हैं. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को बताया कि डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार, RBI और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा कई पहल की गई हैं.
Online Scam से खुद को कैसे बचाएं?
अगर आप भी ऑनलाइन स्कैम से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा जैसे कि संदिग्ध ईमेल और मैसेज पर क्लिक करने की गलती न करें. इसके अलावा जिस भी वेबसाइट को आप खोल रहे हैं वो साइट वाकई विश्वसनीय है भी या नहीं, इस बात को वेरिफाई करें. अपने अकाउंट के लिए एक मजबूत पासवर्ड बनाए जिसका आसानी से पता न लगाया जा सके.
Online Scam Complaint Number
आपके साथ भी या फिर आपके किसी जानने वाले के साथ ऑनलाइन स्कैम की घटना होती है तो आपको पहले से इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि स्कैम होने के तुरंत बाद किस नंबर पर कॉल कर आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं. 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल कर आप अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी देकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
ऑर्डर करने के बावजूद क्यों नहीं आ रहे Zomato से खाना? जानिए पूरी स्थिति
21 Mar, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. कंपनी का नाम बदलने वाला है. अब जोमैटो पर ऑर्डर करने पर आपको खाना नहीं मिलेगा. क्योंकि जोमैटो को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने नाम बदलने की मंजूरी दे दी है. अब कंपनी का नाम जोमैटो की जगह Eternal Limited हो जाएगा.
कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने बताया कि कंपनी के नाम बदलने की अनुमति मिल गई है. 20 मार्च 2025 से ही कंपनी का नाम बदल गया है. जोमैटो ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी का नाम 20 मार्च 2025 से “इटरनल लिमिटेड” हो गया है.
दूसरी बार बदला कंपनी का नाम
यह इस महीने की शुरुआत में हुए अपडेट के बाद आया है, जिसमें गुरुग्राम स्थित कंपनी के शेयरधारकों ने अपनी मूल इकाई का नाम बदलकर इटरनल लिमिटेड करने के लिए शेयरधारकों की अनुमति मांगी थी. कंपनी दूसरी बार खुद को रीब्रांड कर रही है. इसकी स्थापना 2008 में फूडीबे के रूप में हुई थी और 2010 में इसका नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया.
कुछ महीने पहले कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा था कि हम कंपनी के शेयर होल्डर्स से कंपनी के इस फैसले का समर्थन करने की उम्मीद करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब उन्हें मंजूरी मिल जाती है, तो हमारी कॉर्पोरेट वेबसाइट zomato.com से eternal.com में बदल जाएगी. हम अपने स्टॉक टिकर में भी बदलाव करेंगे.
क्यों बदला गया नाम
जोमैटो ने अपनी कंपनी ब्लिंकिट के फ्यूचर को देखते हुए यह फैसला लिया है. दीपिंदर गोयल ने बताया था कि जब हमने ब्लिंकिट को नए तौर पर शुरू किया था, तब इसका प्रमोशन कंपनी के जरिए किया गया. हमारे दिमाग में यह बात थी कि जब जोमैटो की तरह हमारी कोई कंपनी हो जाएगी, तो इसका नाम बदलेंगे. अब मुझे लगता है कि ब्लिंकिट वह है. ब्लिंकिट का बिजनेस आगे बढ़े इसके चलते कंपनी ने यह फैसला किया है.
रिपोर्ट में खुलासा: विश्व स्तर पर कर्ज की स्थिति, हर इंसान पर भारी कर्ज का बोझ
21 Mar, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड का बकाया मूल्य 2023 में $100 ट्रिलियन से अधिक हो गया है. ऐसे में देखा जाए तो दुनिया की 800 अरब की आबादी के हिसाब से हर इंसान कर्जदार है और हर इंसान पर करीब 100 रुपए से ज्यादा का कर्ज है. OECD की रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती ब्याज दरों के कारण कर्ज लेने वालों के लिए स्थिति मुश्किल हो रही है. ऐसे में सरकारों और कंपनियों को अब अपने निवेश को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि उनका कर्ज प्रोडक्टिव साबित हो सके.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 से 2024 के बीच ब्याज लागत का GDP में हिस्सा 20 साल के सबसे निचले स्तर से अब तक के सबसे हाई स्तर पर पहुंच गया है. OECD के सदस्य देशों में ब्याज भुगतान पर सरकारों का खर्च अब GDP का 3.3% हो चुका है, जो रक्षा बजट से भी ज्यादा है.
बढ़ती ब्याज दरों का असर
हालांकि केंद्रीय बैंकों ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन उधारी लागत अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है. बढ़ती ब्याज दरों के कारण ऋण सेवा लागत में वृद्धि हो रही है, जिससे सरकारों और कंपनियों के लिए ऋण प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया है.
OECD ने सुझाव दिया है कि सरकारों और कंपनियों को अपनी उधारी रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए. उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि उधार ली गई राशि का उपयोग दीर्घकालिक विकास को समर्थन देने वाले उत्पादक निवेशों में हो, ताकि आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके.
आर्थिक चुनौतियां और समाधान
वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, उच्च ऋण स्तर और बढ़ती ब्याज लागत के साथ, सरकारों और कंपनियों को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सुदृढ़ वित्तीय नीतियों को अपनाना आवश्यक है. यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने वित्तीय संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करें और ऋण प्रबंधन में सतर्कता बरतें.
OECD की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए जिम्मेदार ऋण प्रबंधन और उत्पादक निवेशों की दिशा में उधारी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है.
इस चीज का भी हुआ असर
केंद्रीय बैंक अपने बॉन्ड होल्डिंग्स घटा रहे हैं, जिससे विदेशी निवेशकों और घरेलू खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, OECD देशों के घरेलू सरकारी कर्ज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2021 में 29% थी, जो 2024 में 34% हो गई है. घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी भी 5% से बढ़कर 11% हो गई है.
सरकारी ऑर्डर से HAL और डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स में उछाल
21 Mar, 2025 11:47 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या आपके पोर्टफोलियो में डिफेंस स्टॉक्स है, क्योंकि आज कुछ डिफेंस स्टॉक्स फोकस में रह सकते हैं क्योंकि बीते गुरुवार को मार्केट बंद होने के बाद यह जानकारी सामने आई कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल अर्थात डीएसी ने करीब 54000 करोड़ रुपए के डिफेंस इक्विपमेंट की खरीद के लिए अपनी सहमति दे दी है.
T-90 टैंकों के लिए इंजन
इस डील में T-90 टैंकों के लिए इंजन, वरुणास्त्र टॉरपीडो, हवा में उड़ने वाले अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट सिस्टम भी शामिल है. DAC की बैठक में T-90 टैंकों के लिए 1350 हॉर्सपावर (HP) के इंजन खरीदे जाएंगे. अभी इन टैंकों में 1000 HP का इंजन है. नया इंजन लगने से टैंकों की खासकर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में ताकत काफी बढ़ जाएगी. वरुणास्त्र टॉरपीडो भी खरीदे जाएंगे. वरुणास्त्र टॉरपीडो भारत में ही बना है और इसे जहाज से पनडुब्बियों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अभी नौसेना के पास ये टॉरपीडो पहले से ही हैं और अब इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे दुश्मन की पनडुब्बियों से खतरा कम होगा.
DAC की मीटिंग
DAC की मीटिंग में यह तय हुआ है कि हवा में उड़ने वाले अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम खरीदे जाएंगे.AEW&C सिस्टम काफी ताकतवर होते हैं. ये दुश्मन के विमानों और मिसाइलों का पता लगाकर उनसे बचने में मदद करते हैं. इससे युद्ध में वायुसेना की ताकत काफी अधिक बढ़ जाएगी. इस समय रक्षा मंत्रालय 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ मना रहा है. वहीं, DAC ने इस रक्षा खरीद प्रक्रिया को तेज और बेहतर बनाने के लिए सभी दिशानिर्देशों को मंजूरी भी दे दी है.
डिफेंस स्टॉक्स दिखी रैली
पिछले कुछ कारोबारी सत्र के दौरान डिफेंस स्टॉक्स में दमदार रैली देखने को मिली है. कल गुरुवार के कारोबारी सत्र के दौरान Bharat Forge का शेयर इंट्राडे के ट्रेड में 6 फीसदी तक उछला है. सेफ्टी को लेकर कैबिनेट कमेटी ने इंडियन आर्मी के लिए 307 एडवांस्ड टावर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीद की मंजूरी भी दे दी है. इससे पहले बुधवार के दिन भी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स लिमिटेड के शेयर में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ अपर सर्किट भी लगा था. इसके अलावा गुरुवार को HAL के शेयर में 2.09 फीसदी और BEL में 2.43% और BDL 4.09% चढ़कर बंद हुए थे.
एलन मस्क के खिलाफ बढ़ी इस्तीफे की मांग, टेस्ला की छवि को हो रहा नुकसान
20 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के सबसे अमीर शख्स और इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को कंपनी के CEO पद से हटाने की मांग उठी है. यह मांग टेस्ला में शेयर के जरिए निवेश करने वाले एक अमेरिकी निवेशक ने की है. निवेशक ने अमेरिकी टीवी शो में बातचीत के दौरान एलन मस्क पर कई आरोप लगाए. जिसकी वजह से उन्होंने मस्क से इस्तीफा मांगा और टेस्ला के लिए नई सीईओ की जरूरत बताई.
बता दें कि अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. इस बीच कुछ दिन पहले तक टेस्ला के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई. इससे निवेशकों का भारी नुकसान हुआ. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फिलहाल टेस्ला के शेयर हरे निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं, लेकिन कई निवेशक टेस्ला के शेयरों में आई गिरावट से नहीं उबर पा रहे हैं.
इस वजह से हो रहा विरोध
अमेरिका में पिछले कुछ दिनों से मस्क की कंपनी टेस्ला का भारी विरोध हो रहा है. इस विरोध का असर कंपनी की बिक्री से लेकर शेयरों तक पर देखने को मिल रहा है. टेस्ला के शेयरों में निवेश करने वाले अमेरिकी निवेशक रॉस गेरवर ने टीवी शो के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बीते कई दिनों से गिर रहे टेस्ला के शेयरों से हुए नुकसान के चलते एलन मस्क से इस्तीफे तक की मांग कर डाली. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद एलन मस्क को व्हाइट हाउस में जब से नई जिम्मेदारी मिली है, तब से वह कंपनी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
34 प्रतिशत तक गिरे टेस्ला के शेयर
टेस्ला निवेशक ने कहा कि मस्क ने अपनी कंपनी टेस्ला की प्रतिष्ठा को नष्ट करने का काम किया है. उन्होंने कहा,’मुझे लगता है कि अब टेस्ला को नए सीईओ की जरूरत है. मैंने आज इस बात को उठाने का फैसला किया है.’ राष्ट्रपति के रेसिप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा) ऐलान के बाद दुनियाभर में ट्रेड वॉर की आशंका तेज हो गई है. अमेरिकी शेयर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. Nasdaq, S&P 500 और Dow Jones सभी सूचकांक भारी गिरावट फेस कर रहे हैं. टेस्ला के शेयर भी बहुत गिर गए थे. एक महीने के भीतर 34 प्रतिशत की गिरावट आई. यह ऑल टाइम हाई 488.54 डॉलर से घटकर 235.86 डॉलर पर आ गया.
एलन मस्क ने दी थी सफाई
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एलन मस्क को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. ट्रंप ने पद संभालने के बाद सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का गठन किया और इसकी जिम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी गई. जब टेस्ला के शेयरों में गिरावट आई तो एलन मस्क ने भी अपनी सफाई में बड़ा बयान दिया. उन्होंने फॉक्स बिजनेस से बातचीत के दौरान अपनी समस्या के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस और टेस्ला के जिम्मेदारियों को बड़ी मुश्किल से मैनेज कर पा रहे हैं.
नए वित्तीय वर्ष से बदलेंगे ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
20 Mar, 2025 04:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए यूनियन बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने मीडिल क्लास को इनकम टैक्स में भारी राहत के साथ -साथ कई नियम में बदलाव करने का ऐलान किया था. अब ये नियम अपने वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही यानी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो रहे हैं. इस बदलाव में टैक्स कटौती (TDS) और स्रोत पर टैक्स कलेक्शन (TCS) के नए नियम भी शामिल है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
सीनियर सिटीजन और मकान मालिकों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि सीनियर सिटीजन के लिए TDS कटौती से बढ़ाकर डबल कर दिया गया है. इससे पहले यह 50 हजार रुपए थी, जो अब 1 लाख रुपए हो गई है. इससे उन्हें अब बड़ी राहत मिलेगी. वहीं, मकान मालिकों को भी बड़ी राहत मिली है. दरअसल, रेंट से हुई कमाई पर टीडीएस कटौती की लिमिट 2.4 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रति फाइनेंशियल ईयर कर दिया गया है.
विदेशी ट्रांजैक्शन पर टीसीएस सीमा बढ़ी
इसके अलावा, विदेशों से ट्रांजैक्शन वाले लोगों के लिए आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के लिए TCS कटौती के लिमिट को भी बढ़ा दिया गया है. पहले विदेश से 7 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन पर टीसीएस कटौती होती है, जिसे बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है.
एजुकेशन लोन पर हटाया गया टीडीएस
बता दें, कि स्पेसिफिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से एजुकेशन लोन पर TCS कटौती को हटा दिया गया है. इससे पहले 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन लोन पर 0.5% TCS कटौती की जाती थी, जबकि 7 लाख रुपए से अधिक के एजुकेशन ट्रांजैक्शन पर 5 प्रतिशत टीसीएस काटा जाता था.
डिविडेंड और म्यूचुअल फंड से कमाई पर इतनी लिमिट
डिविडेंड से हुई कमाई पर टीडीएस की लिमिट पर 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी गई है, जबकि म्यूचुअल फंड्स की यूनिट पर हुई कमाई पर भी टीडीएस लिमिट 5 हजार से 10 हजार रुपए हर फाइनेंशियल ईयर कर दी गई है. इसके अलावा टीडीएस को प्रति इनाम 10 हजार रुपए भी कर दिया गया है.
एलपीजी की कीमत
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं ऐसे में 1 अप्रैल की सुबह-सुबह आपको सिलेंडर की कीमतों में बदलाव देखने को मिल सकता है.
ATF और CNG-PNG रेट
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां हवाई ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) और CNG-PNG की कीमतों में भी कुछ बदलाव करती है.
गोल्ड की कीमत ₹92,000 तक पहुंची, निवेशकों के लिए नया युग
20 Mar, 2025 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शादी-विवाह के सीजन से पहले ज्वैलरी दुकानदारों की जबरदस्त खरीदारी के बीच बुधवार को एक बार फिर सोने की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिला। राजधानी दिल्ली में आज 99.99 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये के उछाल के साथ 91,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए लाइफटाइम हाई पर पहुंच गई। बताते चलें कि मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 91,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके साथ ही, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी आज 700 रुपये बढ़कर 91,500 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
1,03,500 रुपये हुआ एक किलो चांदी का भाव
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी तेज बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बुधवार को दिल्ली में चांदी भी 1000 रुपये की तेजी के साथ 1,03,500 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि मंगलवार को चांदी का भाव 1,02,500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था।
इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और अमेरिकी आर्थिक मंदी की चिंताओं ने सुरक्षित-संपत्तियों की मांग को बरकरार रखा है, जिससे सोने की कीमतों में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में ग्राहकों की डिमांड को पूरा करने के लिए लोकल दुकानदार जमकर सोना खरीद रहे हैं। इसके अलावा, विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के कारण सोने की कीमतें इस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा हाजिर सोने का भाव
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च एनालिस्ट कमोडिटी और करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में कुल मिलाकर तेजी का रुख रहा, लेकिन आज रात फेडरल रिजर्व की बहुप्रतीक्षित नीतिगत समीक्षा और टिप्पणी से पहले ये सीमित दायरे में रही।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 0.15 प्रतिशत बढ़कर 3039.22 डॉलर प्रति औंस हो गया। सत्र के दौरान, ये 3045.39 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया।
गोल्ड ईटीएफ में 9.4 अरब डॉलर का रिकॉर्ड फ्लो
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि इसके साथ ही, ईटीएफ में निवेश बढ़ गया है। इसमें फरवरी में 9.4 अरब डॉलर का रिकॉर्ड फ्लो देखने को मिला। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटी) सौमिल गांधी के अनुसार, व्यापारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि साल के अंत में आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो गोल्ड मार्केट में धारणा बदल सकती है।
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025: फिनलैंड सबसे खुशहाल, भारत की खुशहाली रैंकिंग में 8 स्थानों का सुधार
20 Mar, 2025 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा 10 खुशहाल देशों की लिस्ट जारी हुई है। ऐसे देशों के फेहरिस्त में फिनलैंड लगातार आठवें साल लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। इन 10 देशों में डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन भी शामिल है, लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि दुनिया का सबसे अमीर और ताकतवर देश अमेरिका इस लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सका है। सीएनबीसी की खबर के मुताबिक, गैलप की प्रबंध निदेशक इलाना रॉन लेवे का कहना है कि नॉर्डिक देशों का इस सूची में शीर्ष पर होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। अपने निवासियों के लिए सुविधाएं देने वाले देशों में स्थिरता है।
फिनलैंड के नंबर होने के पीछे की वजह
खबर के मुताबिक, लेवे का कहना है कि फिनलैंड एक असाधारण अपवाद है और मुझे लगता है कि दुनिया वास्तव में यह समझने पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि फिनलैंड के बारे में क्या अनोखा है। उनका मानना है कि इसके पीछे दूसरों में विश्वास, भविष्य के लिए आशावाद, संस्थानों में भरोसा और दोस्तों और परिवार से मिलने वाले समर्थन सबसे बड़ी वजह हैं। फिनलैंड में, अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करने के बारे में आम सहमति अधिक है। विश्व खुशहाली रिपोर्ट ने 2022-2024 के दौरान औसत स्व-मूल्यांकन जीवन मूल्यांकन और गैलप वर्ल्ड पोल में कैंट्रिल लैडर प्रश्न के उत्तरों के मुताबिक देशों को रैंक किया।
दुनिया के सबसे ज्यादा 10 खुशहाल देशों की लिस्ट
फिनलैंड
डेनमार्क
आइसलैंड
स्वीडन
नीदरलैंड
कोस्टा रिका
नॉर्वे
इजराइल
लक्जमबर्ग
मेक्सिको
डेनमार्क है बेहद खास
खुशहाल देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आनेवाला डेनमार्क एक दशक से भी ज्यादा समय से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में शीर्ष 10 में रहा है। लिस्ट में फिनलैंड और दूसरे नॉर्डिक देशों की तरह, डेनमार्क के लोग इसलिए खुश हैं क्योंकि यह देश सामाजिक सुरक्षा जाल, सामाजिक संबंध प्रदान करता है। साथ ही, युवा लोग इन जगहों पर अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करते हैं।
बता दें, डेनमार्क के लोग दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते हैं यहां तक कि अपनी आय का आधा हिस्सा तक भी दे देते हैं। लेकिन साथ ही यह इस फैक्ट से संतुलित है कि देश में ज्यादातर स्वास्थ्य सेवाएं फ्री हैं, बच्चों की देखभाल पर सब्सिडी दी जाती है, विश्वविद्यालय के छात्र कोई ट्यूशन नहीं देते हैं और पढ़ाई के दौरान खर्चों को पूरा करने के लिए अनुदान पाते हैं। बुज़ुर्गों को पेंशन मिलती है और उन्हें देखभाल करने वाले सहायक भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
कैबिनेट ने यूपीआई पर इंसेंटिव योजना को मंजूरी, व्यापारियों को मिलेगा राहत
20 Mar, 2025 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने आज कई अहम और बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने आज कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी। छोटे व्यापारियों की कैटेगरी से संबंधित 2000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन के लिए प्रति ट्रांजैक्शन वैल्यू पर 0.15% की दर से Incentive प्रदान किया जाएगा। कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3400 करोड़ रुपये मंजूर
कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए बढ़ाए गए 3400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। सरकार का ये मिशन कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के माध्यम से दूध उत्पादन की उत्पादकता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार के इस फैसले से देश के तमाम पशुपालकों को फायदा होगा और उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी होगी।
4500 करोड़ रुपये के निवेश से बनेगा नेशनल हाईवे
इससे अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए छह-लेन वाले 29.21 किलोमीटर लंबे द्रुतगामी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस राजमार्ग परियोजना को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से ‘बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो’ (बीओटी) पद्धति पर विकसित किया जाएगा।
यूरिया की उपलब्धता के लिए भी बड़ा फैसला
इसके अलावा, कैबिनेट ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप, असम के मौजूदा परिसर में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स नामरूप IV फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी। इस परियोजना से उत्तर पूर्व क्षेत्र में यूरिया की उपलब्धता में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। इस प्लांट से असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्व के राज्यों को भी लाभ होगा।
यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी
20 Mar, 2025 10:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के केंद्रीय बैंक यानी यूएस फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर से ब्याज दरों को स्थिर रखा है। साथ ही बुधवार को इस घोषणा के मौके पर फेडरल रिजर्व ने कहा कि उसे पहले की अपेक्षा कमज़ोर विकास और उच्च मुद्रास्फीति की उम्मीद है। इस फैसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने की घोषणाओं का असर देखा गया। फेड ने अर्थव्यवस्था पर व्हाइट हाउस की कार्रवाइयों के प्रभावों के बारे में उच्च अनिश्चितता का भी उल्लेख किया। सीएनएन की खबर के मुताबिक, यूएस फेड रिजर्व इस साल दो चौथाई अंकों की कटौती करने की संभावना पर लगातार विचार कर रहा है।
बेंचमार्क ब्याज दर है इतना
खबर के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आज (अमेरिकी समय के मुताबिक बुधवार को) दो दिवसीय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी यानी FOMC की बैठक के बाद 2025 के अपने दूसरे नीतिगत फैसले की घोषणा की और बेंचमार्क ब्याज दर को 4.25 से 4.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के लिए मतदान किया। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के नेतृत्व में अमेरिकी फेड नीति निर्माताओं ने पिछली बार दिसंबर की बैठक में दरों में एक चौथाई अंकों की कटौती की थी। जेरोम पॉवेल के नेतृत्व वाली एफओएमसी की अगली बैठक 6-7 मई को होगी जिसमें मौद्रिक नीति पर अगले चरण पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि के लिए तैयार
नीति निर्माताओं ने संकेत दिया कि वे राष्ट्रपति ट्रम्प की नीतियों के परिणामस्वरूप उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि के लिए तैयार हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में अनिश्चितता बढ़ गई है। केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों को 4.25 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत पर रखने का निर्णय जनवरी से लागू विराम को आगे बढ़ाता है, जो 2024 के अंत में कई कटौतियों के बाद हुआ था, जिससे उधार लेने की लागत में एक प्रतिशत की कमी आई थी।
फिर से दरों में कटौती इस पर करता है निर्भर
जानकारों का कहना है कि कब और कुछ हद तक फेडरल रिजर्व आखिरकार इस साल फिर से दरों में कटौती करेगा, यह डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक योजनाओं पर निर्भर करता है। इसमें उनके द्वारा लगाए गए या लगाए गए व्यापक टैरिफ शामिल हैं। बुधवार की बैठक में केंद्रीय बैंक ने अब तक की सबसे प्रत्यक्ष स्वीकृति को चिह्नित किया कि राष्ट्रपति की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर वास्तविक प्रभाव पड़ने वाला है।
मुकेश अंबानी का कारोबारी दांव, रूसी तेल से अमेरिका को बेचा और कमाए करोड़ों रुपये
19 Mar, 2025 03:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के टॉप 20 और एशिया के सबसे अमीर करोबारी मुकेश अंबानी ने रूसी तेल को बड़ा हथियार बनाते हुए अमेरिका से कई हजार करोड़ रुपए कमाए. खास बात तो ये है कि उसी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध भी लगाया हुआ है. साल 2022 में रूसी तेल पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत रूस के साथ खड़ा हुआ और सस्ते दामों में रूसी कच्चे तेल का इंपोर्ट किया. जिसे रिफाइन कर दुनिया के तमाम देशों में भेजा और अपने एक्सपोर्ट इनकम में इजाफा किया. रिलायंस इंडस्ट्रीज भी उन्हीं ऑयल कंपनियों की लिस्ट में शुमार है, जिसने के रूसी कच्चे तेल को रिफाइन कर अमेरिका और यूरोप के बाजारों में बेचकर हजारों करोड़ रुपए की कमाई की है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.
मुकेश अंबानी ने कितने रुपए कमाए कमाए
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले एक साल में रूसी कच्चे तेल से बने फ्यूल का अमेरिका को निर्यात कर 72.4 करोड़ यूरो (लगभग 6,850 करोड़ रुपये) कमाए हैं. यूरोपीय शोध संस्थान सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनवरी, 2024 से जनवरी, 2025 के अंत तक अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल को प्रोसेस्ड करने वाली भारत और तुर्की स्थित छह रिफाइनरियों से 2.8 अरब यूरो का रिफाइन ऑयल इंपोर्ट किया. रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से 1.3 अरब यूरो की आय होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस की दो रिफाइनरियों से पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन का अमेरिकी इंपोर्ट दो अरब यूरो का था. इसमें से 72.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए रिलायंस को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
रूसी ऑयल पर लगे प्रतिबंध
फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों और अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि, रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से तैयार डीजल जैसे ईंधन के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे. गुजरात के वाडिनार में रूस की रोसनेफ्ट-समर्थित नायरा एनर्जी की दो करोड़ टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी है. इस रिफाइनरी ने जनवरी, 2024 और जनवरी, 2025 के बीच अमेरिका को 18.4 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. सीआरईए ने कहा कि इसमें से 12.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है.
रूस को कितनी हुई कमाई
इसी तरह मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की यूनिट न्यू मेंगलोर ने इसी दौरान अमेरिका को 4.2 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. इसमें से 2.2 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए ने कहा कि रूस ने अमेरिका को भारत और तुर्की स्थित रिफाइनरियों से निर्यात कर अनुमानित तौर पर 75 करोड़ डॉलर कमाए हैं. तुर्की की तीन रिफाइनरियों ने अमेरिका को कुल 61.6 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया, जिसमें से 54.5 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से आने का अनुमान है.